A TEACHER IS A CORONA WARRIORS

सशक्त एवं बहुरूपी कोरोना यौद्धा – शिक्षक 

                                            <img width="224" height="300" src="https://shalasugam.com/wp-content/uploads/2021/05/7-224x300.jpeg" alt="" loading="lazy" srcset="https://i2.wp.com/shalasugam.com/wp-content/uploads/2021/05/7.jpeg?resize=224%2C300&ssl=1 224w, https://i2.wp.com/shalasugam.com/wp-content/uploads/2021/05/7.jpeg?resize=765%2C1024&ssl=1 765w, https://i2.wp.com/shalasugam.com/wp-content/uploads/2021/05/7.jpeg?resize=768%2C1029&ssl=1 768w, https://i2.wp.com/shalasugam.com/wp-content/uploads/2021/05/7.jpeg?w=849&ssl=1 849w" sizes="(max-width: 224px) 100vw, 224px" />                                                     
    <p style="text-align: center;"><strong>डाॅ अशोक कुमार जांगिड़</strong><br /><strong>अति. मुख्य ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी </strong><br /><strong>तारानगर चूरू </strong></p>       
    <p style="text-align: justify;"><strong><em>पिछले डेढ वर्ष से पूरी दुनिया कारोना नामक वैश्विक महामारी से जंग लड़ रही है। जब इस जंग में यौद्धाओं की बात आती है तो प्रथम दृष्ट्या इसके योद्धा चिकित्सा क्षेत्र से जूडे वैज्ञानिक, शोधकर्मी एवं चिकित्साकर्मी है, जो इस जंग को मजबूती से लड़ रहे है। इनकी जितनी तारिफ की जाए उतनी कम है। लेकिन जंग इतनी विशाल व विस्तृत है कि इसमें केवल चिकित्साकर्मियों के प्रयास नाकाफी है इसलिए इस जंग में सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी, मीडियाकर्मी, शासन-प्रशासन, शिक्षक, भामाशाह स्वयंसेवी संस्थाएं के साथ साथ जनप्रतिनिधि एवं जिम्मेदार नागरिक अपनी भूमिका का निर्वहन पूर्ण निष्ठा एवं लगन के साथ कर रहे है। जिनकी समय समय पर प्रशंसा भी की जाती रही है।</em></strong></p><p style="text-align: justify;">"<em>आज मैं आपसे इस महामारी के दौर में उस योद्धा की भूमिका पर चर्चा करना चाहता हूं जो लगातार इस महामारी की रोकथाम एवं जागरूकता हेतु साइलेन्ट रहकर कार्य कर रहा है वह है- शिक्षक वर्ग</em>"</p><p style="text-align: justify;"><strong><em>शिक्षक वर्ग द्वारा जो कार्य किए जा रहे है उनकी चर्चा कहीं नहीं हो रही है जबकि सबसे अधिक चर्चा इनके कार्यो की होनी चाहिए क्योंकि अन्य समस्त वर्ग चाहे चिकित्साकर्मी हो या सुरक्षाकर्मी, प्रशासन हो या मीडिया सभी इस महामारी के समय भी वहीं कार्य कर रहें है जो हमेशा करते आ रहे है उसका उन्हें अनुभव एवं प्रशिक्षण प्राप्त होता है। लेकिन आज शिक्षक वो समस्त भूमिका निभा रहा है जिसका उन्हें न तो प्रशिक्षण प्राप्त है न अनुभव। बावजूद इसके शिक्षक सभी कार्यो को पूर्ण इमानदारी एवं समर्पित भाव से कर रहा है। आज मैं आपको इस महामारी के दौर में बचाव हेतु शिक्षक की भूमिका के बारे में चर्चा करूगां </em></strong></p>     
            <figure><img src="https://shalasugam.com/wp-content/uploads/elementor/thumbs/1-p6wixvhlvs6mpwq36npestxguzzf9bulrqfsbdua04.jpeg" alt="1" /></figure><figure><img src="https://shalasugam.com/wp-content/uploads/elementor/thumbs/2-p6wiyh3w8z084xuoof1tw6h2iv0v6d8fipfygqfotg.jpeg" alt="2" /></figure><figure><img src="https://shalasugam.com/wp-content/uploads/elementor/thumbs/3-p6wiz1scfbsj8d0nbnzmf197lc6xvpiixjsn0tl10k.jpeg" alt="3" /></figure><figure><img src="https://shalasugam.com/wp-content/uploads/elementor/thumbs/4-p6wizjna16gzcyapfdpj8eqyvnqwxyhfc06v52ujqc.jpeg" alt="4" /></figure><figure><img src="" alt="" /></figure><figure><img src="" alt="" /></figure>            
    <p style="text-align: justify;"><strong><em>1. शिक्षक की भूमिका में- इस महामारी के दौर में शिक्षक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में कोई कोर-कसर नहीं छोडी और न छोड़ रहा है। इन विषम हालात में शिक्षण कार्य हेतु ई-माध्यम से शिक्षण कार्य करवाया गया और निरन्तर जारी है। जबकि विद्यालयों में ई-शिक्षण हेतु कोई संसाधन नहीं थे। लेकिन अपनी लगन और निष्ठा से न केवल ई-कन्टेन्ट तैयार किया, ई-प्लेटफोर्म भी तैयार किया गया जिसमें स्माईल कार्यक्रम, ई-कक्षा, वाट्सऐप क्वीज,  ऑनलाइन कक्षाएं आदि प्रमुख है। इसके अलावा ऑनलाइन से वंचित विद्यार्थियों को भी डोर टू डोर जाकर शिक्षण कार्य दिया एवं संग्रहण किया। विभागीय कार्यो को भी वर्क फ्राॅम होम से निरन्तर पूर्ण कर रहे है।</em></strong></p>        
            <figure><img src="https://shalasugam.com/wp-content/uploads/elementor/thumbs/12-p6wjh0hb1cdt42xaffiy2i2cafngzgtuqgmp76y5je.jpeg" alt="12" /></figure><figure><img src="https://shalasugam.com/wp-content/uploads/elementor/thumbs/10-p6wjga5tpzds2zzip45e4opfnn96zxxdaud3rg16xw.jpeg" alt="10" /></figure><figure><img src="https://shalasugam.com/wp-content/uploads/elementor/thumbs/8-p6wjfu6khsrwlmmqaf8qgaqlk3fyd35xkn9ulqovvo.jpeg" alt="8" /></figure>           
    <p style="text-align: justify;"><strong>2. प्रबन्धक की भूमिका में- ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कोर कमेठी में पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी अध्यक्षीय भूमिका का निर्वहन कर ग्राम पंचायत में कारोना की रोकथाम एवं नियन्त्रण हेतु जनप्रतिनिधियों, प्रशासन, ग्राम पंचायत स्तरीय समस्त कार्मिकों एवं जनसामान्य के साथ उचित समन्वय स्थापित कर राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी गाइडलाइन का पालन करवा रहे है। शिक्षक इस कार्य में वार्ड वार प्रबन्धक की भूमिका निभा रहें।</strong></p>      
    <p style="text-align: justify;"><strong>3. चिकित्साकर्मी की भूमिका में- शिक्षको द्वारा वार्डवार या आवंटित क्षेत्रानुसार गहन सर्वे का कार्य किया जा रहा है जिसमें वो एक चिकित्साकर्मी की भूमिका का निर्वहन कर रहें है। सर्वे के माध्यम से प्रारम्भिक लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान करना, उन्हे सैम्पलिंग हेतु सैम्पलिंग सेन्टर भेजना, कोरोना पाॅजिटिव की स्थिति में आईसोलेट करना या संस्थागत क्वारंटीन करना, मेडिकल किट वितरण करना, टीकाकरण करवाना, कोविड केयर सेन्टर में ड्यूटी देना आदि कार्य शिक्षक कर रहें है।</strong></p>       
    <p style="text-align: justify;"><strong>4. सुरक्षाकर्मी की भूमिका में- आवागमन को रोकने हेतु लगाई गई चैकपोस्टों पर शिक्षक एक सुरक्षा पहरी के रूप में ड्यूटी का निर्वहन कर रहे है। बाहर से आने वाले व्यक्तियों की जांच करना व उन्हें क्वारंटीन करने में शिक्षक कार्य कर रहें है। गांवों की चैपालों में जहां लेाग बैठ कर ताशपती खेलते है वहां जाकर भी लोगों को समझाकर भीड नहीं करने हेतु प्रेरित कर रहे है। शादी विवाह समारोह या अन्य समारोह में कोविड गाइडलाइन की पालना हो इसकी भी चोकसी शिक्षक दिनरात कर रहे है। स्काउट हो, एनसीसी हो या एनएसएस के माध्यम से बैंकों में भीड नियन्त्रण कार्य हो या अन्य जगह अनुशासन का कार्य हो शिक्षक करवा रहा है।</strong></p>      
    <p style="text-align: justify;"><strong>5. कोर टीम की भूमिका में- शिक्षक एवं शिक्षाधिकारी ब्लाॅक जिला एवं राज्य स्तर पर गठित कोरोना निगरानी कोर टीम में सदस्य की भूमिका का तो निर्वहन कर रहे है साथ साथ में ब्लाॅक जिला स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूप, कार्यालयी कार्य हेतु टीम, समन्वय टीम आदि में अधिकतर शिक्षक ही अहम भूमिका निभा रहे है।</strong></p>        
    <p style="text-align: justify;">6. मीडियाकर्मी की भूमिका में- शिक्षक वर्ग लगातार कारोना महामारी को लेकर अपने कैचमेन्ट एरिया में जन जागरूकता का कार्य कर रहा है। चाहे स्काउट हो, एनसीसी हो या एनएसएस के माध्यम से अनेक जन जागररूकता रैली और मास्क वितरण आदि कार्य शिक्षक करवा रहा है। दूरदराज के क्षेत्रों की अच्छी बुरी सभी खबरों को प्रशासन तक प्रेषित कर रहा है। इस विकट परिस्थिति में शादी समारोहों को स्थगित करने की अपील कर रहा है।</p>        
    <p style="text-align: justify;"><strong>इसके अलावा ब्लाॅक इन्सीडेन्ट कमाण्डर या जिला कलेक्टर को विविध कार्यो हेतु मानव संसाधन की आवश्यकता हो तो उस समय शिक्षक ही (जिनको इन कार्यो को करने हेतु कोई सुरक्षात्मक साधन भी उपलब्ध नहीं करवाये गए) सेवाकार्य हेतु तैयार मिलते है। जनहित में किए जा रहे इन कार्यो की मुक्तकण्ठ से तारीफ होनी चाहिए। राज्य सरकार को इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। राज्यसरकार को शिक्षकों एवं शिक्षाधिकारियों को कोरोना फ्रन्टलाइन वोरियर्स घोषित करना चाहिए और प्राथमिकता से वैक्सीन लगवाई जानी चाहिए। अभी तक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को वैक्सीन नहीं लगी है। </strong></p><p style="text-align: left;"><strong>मैं इस कोरोना आपदा के समय सभी शिक्षक साथियों द्वारा समर्पित भावना से आपदा निवारण के लिए किये जा रहे कार्यों के लिए कोटिशः आभार व्यक्त करता हूं और उनके स्वस्थ रहने की मंगल कामना करता हूँ ।</strong></p>      
    <p style="text-align: center;"><strong>डाॅ अशोक कुमार जांगिड़</strong><br /><strong>अति. मुख्य ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी </strong><br /><strong>तारानगर चूरू </strong></p>       
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