by Sheetal Panwar | Jul 22, 2021 | GOVT SCHEME |




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COMPARISION AMONG RGHS VS MEDICLAIM VS MCSBY
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About me
DR. KAILASH MORYA
JUNIOR SPECIALIST (DENTAL)
CHC KHAJUWALA, BIKANER
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RGHS vs MEDICLAIM vs MCSBY


S.No. | FAQs | RGHS
(Rajasthan Govt. Health Scheme) | Raj Mediclaim Policy | चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
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1 | योजना का परिचय
| 01.01.2004 से पूर्व व पश्चात नियुक्त कार्मिकों व पेंशनरों को CGHS की तर्ज पर कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करने हेतु राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना। | 01.01.2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मियों हेतु पुनर्भरण वाली चिकित्सा सुविधा।
| राज्य के आम नागरिकों हेतु स्वास्थ्य बीमा।
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2 | लाभार्थी कौन होंगे? | Ø राज्य सरकार के माननीय मंत्री, विधायक/पूर्व विधायक,
Ø न्यायिक सेवा के सेवारत और सेवानिवृत्त न्यायाधीश,
Ø अखिल भारतीय सेवा के सेवारत अधिकारी व पेंशनर्स एवं
Ø राज्य के सरकारी, अर्द्ध सरकारी, निकाय, बोर्ड, निगम आदि के अधिकारी व कर्मचारी तथा पेंशनर्स व उनके आश्रित परिजन।
| Ø राज्य के सरकारी, अर्द्ध सरकारी, निकाय, बोर्ड, निगम आदि के अधिकारी व कर्मचारी व उनके आश्रित परिजन। | Ø सामाजिक और आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र लाभार्थी,
Ø राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के पात्र परिवार,
Ø लघु एवं सीमांत कृषक,
Ø राज के संविदा कर्मी,
Ø कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त परिवार व
Ø राज्य के अन्य परिवार।
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3 | मैं इसका लाभ कैसे ले सकता/सकती हूँ?
| स्वयं की SSO ID से लॉगिन कर पंजीकरण करवा सकते हैं। तत्पश्चात मासिक अंशदान करने पर इसका लाभ मिलता रहेगा।
| संबंधित DDO व राज्य बीमा एवं सामान्य प्रावधायी निधि विभाग राजस्थान सरकार द्वारा जारी मेडिक्लेम कार्ड द्वारा।
| स्वयं द्वारा ऑनलाइन अथवा ई-मित्र से पंजीयन करवा सकते हैं।
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4 | लाभार्थी बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज।
| जन आधार कार्ड के माध्यम से पंजीकरण अनिवार्य है।
Employee ID / PPO Number आवश्यक है।
| पूर्व में जनाधार आवश्यक नहीं था परंतु 14.07.2021 उपरांत मेडिक्लेम के दावे भी RGHS कार्ड के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे अतः अब मेडिक्लेम हेतु भी जनाधार के माध्यम से RGHS पोर्टल पर पंजीकरण आवश्यक है।
| जनाधार आवश्यक है।
पूर्व में संचालित महात्मा गांधी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के पात्र परिवारों, राष्ट्रीय खाध सुरक्षा अधिनियम और सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के लाभार्थियों को रजिस्ट्रेशन करवाने की आवश्यकता नहीं। |



RGHS vs MEDICLAIM vs MCSBY


5 | परिवार का अर्थ क्या है? व एक कार्ड से कितने लोग लाभान्वित हो सकते हैं ? | लाभार्थी की पति/पत्नी तथा उस पर आश्रित 25 वर्ष तक की दो संतान व माता-पिता जो सामान्यता कर्मचारी के पदस्थापन स्थान पर साथ रहते हों व जिनकी मासिक आय ₹6000 या उससे कम हो। | लाभार्थी की पति/पत्नी तथा उस पर आश्रित 21 वर्ष तक की दो संतान व माता-पिता जो सामान्यता कर्मचारी के पदस्थापन स्थान पर साथ रहते हों व जिनकी मासिक आय ₹2,000 या उससे कम हो। महिला कर्मचारी के पास यह विकल्प है कि वह अपने माता-पिता अथवा सास-ससुर में से किसी एक को परिवार में शामिल कर सकती है। | एक जन आधार से जुड़े सभी सदस्य पात्र होंगे । इस योजना में परिवार के सदस्यों की संख्या की पाबंदी नहीं है। |
6 | कैशलेस इलाज की सुविधा है या नहीं ? | हाँ, पूर्णतया कैशलेस | मेडिक्लेम पॉलिसी में कैशलेस उपचार सुविधा उपलब्ध नहीं है। परंतु निम्न 7 गंभीर बीमारीयों के उपचार हेतु कैशलेस सुविधा देय है। 1. Coronary Artery Surgery 2. Cancer 3. Renal failure that is failure of both kidneys 4. Stroke 5. Multiple Sclerosis 6. Meningitis 7. Major organ transplant like Heart, Kidney, Liver, Pancreas or Bone marrow transplantation. कैशलेस उपचार प्राप्त करने के लिए राज्य कार्मिक या उनके परिवारजन के अस्पताल में भर्ती से पूर्व या भर्ती होने के 24 घंटों के अंदर परिचय पत्र के साथ संबंधित निजी अस्पताल के माध्यम से Pre Authorisation TPA को प्रेषित करना अनिवार्य है। | हाँ |
7 | शुल्क ? | राज्य कर्मी के वेतन अनुरूप बीमा विभाग द्वारा अंशदान की कटौती Table no. 1 के अनुसार निर्धारित की गई है। | निःशुल्क | 1. सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र लाभार्थी, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के पात्र परिवार, लघु एवं सीमांत कृषक, संविदा कर्मीयों का प्रीमियम राज्य सरकार वहन करेगी व 2. शेष सभी परिवारों को ₹850 प्रतिवर्ष पर उक्त लाभ देय होगा। |
8 | कवरेज का दायरा। | 3. ₹5 लाख तक के कैशलेस इलाज की सुविधा । 4. गंभीर बीमारी (Critical Illness) की स्थिति में ₹5 लाख तक की अतिरिक्त चिकित्सा सुविधा। 5. ₹20 हजार तक की वार्षिक सीमा की आउटडोर(OPD) चिकित्सा सुविधा। 6. जांच सुविधा । 7. डे केयर चिकित्सा सुविधा 8. शिशु एवं मातृत्व चिकित्सा सुविधा (डिलीवरी) 9. TA नियमानुसार उपचार हेतु यात्रा भत्ता। 10. एम्बुलेंस शुल्क। | 11. केवल ₹3 लाख तक का आईपीडी उपचार की सुविधा अर्थात केवल भर्ती होने पर ही लाभ देय है। 12. शिशु एवं मातृत्व चिकित्सा सुविधा (डिलीवरी) 13. डे केयर चिकित्सा सुविधा | 1. सामान्य बीमारी पर ₹50 हजार, व गंभीर बीमारी पर ₹4.5 लाख, कुल ₹5 लाख तक के उपचार की सुविधा। |
9 | कौन से अस्पतालों में व क्या क्या चिकित्सा सुविधा मिलेगी? | सभी राजकीय चिकित्सालयों और अनुमोदित निजी चिकित्सालयों व निजी जांच केंद्रों में, आउटडोर तथा इंडोर व जांच की कैशलेस सुविधा । | राज्य सरकार के द्वारा अनुमोदित निजी चिकित्सालय में केवल इंडोर यानी भर्ती होने पर उपचार की सुविधा देय है। | सभी सरकारी व राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित निजी अस्पतालों में 1576 पैकेजेस के अधीन ईलाज सुविधा। |
10 | बोर्डिंग/अस्पताल वास की सुविधा देय है अथवा नहीं ? | Table no. 2 के अनुसार देय है। | Table no. 2 के अनुसार देय है। | बोर्डिंग सुविधा देय नहीं है |


RGHS vs MEDICLAIM vs MCSBY
11 | Covid-19 व ब्लैक फंगस के उपचार की सुविधा है या नहीं ? | कोविड-19 व ब्लैक फंगस का उपचार शामिल है तथा गैर अनुमोदित अस्पताल से उपचार कराने पर पुनर्भरण की सुविधा उपलब्ध है। | Covid-19 का उपचार शामिल है। गैर अनुमोदित अस्पतालों से Covid-19 का उपचार लेने पर भी पुनर्भरण देय है। | सभी सरकारी व राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित निजी अस्पतालों में Covid-19 और ब्लैक फंगस का उपचार शामिल है। |
12 | गैर अनुमोदित अस्पतालों में इलाज कराने पर? | गैर अनुमोदित चिकित्सालयों से आपातकालीन परिस्थिति में उपचार करवाने पर कुछ चिन्हित बीमारियों के लिए CGHS दरों पर दावों का पुनर्भरण देय है।जिसमें की निम्न बीमारियों को सम्मिलित किया गया है। Coronary Artery Surgery, Vascular Surgery, Hodgkin’s Disease, Acute Retention of urine more than 24 hrs., Acute Myocardial infarction, Acute Pneumonitis, Acute Respiratory Distress, Cancer, renal failure i.e. failure of both the kidney, Stroke, Multiple Sclerosis, Meningitis, Major organ Transplants like Kidney ,Lungs, Pancreas, Heart, Liver or Bone Marrow, Accidents, Delivery, Tubal Pregnancy and related complication, swine flu, dengue fever, burst Appendicitis, Pancreatitis etc. can be covered under as cases of grave emergency. | समान | गैर अनुमोदित अस्पताल में उपचार सुविधा नहीं है। |
13 | पुनर्भरण की क्या प्रक्रिया है ? | RGHS पूर्णतया कैशलेस है। | कर्मचारी या उसके परिवारजन के अस्पताल छोड़ने के 90 दिवस में इलाज से संबंधित सभी मूल दस्तावेजों के साथ दावा प्रपत्र अपने SSO ID से ऑनलाइन सबमिट करना होगा तथा हार्ड कॉपी संबंधित जिले के SIPF/GPF कार्यालय में जमा करवानी होगी। | चिरंजीवी योजना कैशलेस है। |
14 | लाभार्थी कितनी बार इस योजना के तहत ईलाज का लाभ ले सकता है| | लाभार्थी के ई वॉलेट में उपलब्ध राशि शेष रहने तक एक वर्ष में कितनी भी बार लाभार्थी के परिवारजनों द्वारा उपचार लिया जा सकता है। | समान | समान |
15 | ईलाज उपरान्त ई-वॉलेट में राशि शेष बच जाती है तो क्या अगले वर्ष काम में ली जा सकती है ? | नहीं, ई-वॉलेट की राशि केवल वर्ष के लिए ही मान्य है, जो कि 1 वर्ष की समाप्ति पर स्वतः ही कालातीत हो जाती है। अगले वर्ष समस्त परिलाभ नए सिरे से देय होंगे| | समान | समान |
16 | अनिवार्यता? | RGHS 01.01.2004 से पूर्व नियुक्त कार्मिकों के लिए अनिवार्य है। जबकि 01.01.2004 के पश्चात नियुक्त कार्मिकों के लिए वैकल्पिक है। कार्मिक RGHS अथवा मेडिक्लेम में से कोई भी एक चुन सकते हैं। | मेडिक्लेम योजना 01.01.2004 के बाद नियुक्त कार्मिकों के लिए वैकल्पिक है। | अनिवार्य नहीं है |
17 | परिविक्षाधीन अथवा प्रोबेशनर्स पर लागू होगी या नहीं? | परिवीक्षाधीन अधिकारी व कर्मचारियों पर अनिवार्य रूप से लागू है। | परिवीक्षाधीन अधिकारी व कर्मचारियों पर पर लागू है। | राजकीय सेवा में चयन से पूर्व चिरंजीवी योजना में पंजीकृत व्यक्ति राजकीय सेवा में आने के उपरांत RGHS या मेडिक्लेम में से कोई एक चुनने पर चिरंजीवी योजना का लाभ देय नहीं होगा। |
18 | यदि पति-पत्नी दोनों राजकीय सेवा में है तो क्या दोनों को अंशदान देना होगा ? | नहीं, चूँकि RGHS/मेडिक्लेम वैकल्पिक है अतः DDO के समक्ष ऑप्शन फॉर्म भर के प्रस्तुत कर वांछित पॉलिसी चुनी जा सकती है। | मेडिक्लेम वैकल्पिक है व निःशुल्क है। | लागू नहीं |
19 | एक परिवार के दो या अधिक सदस्य राजकीय सेवा में होने पर क्या सबको अंशदान देना होगा ? | नहीं, एक जनाधार से जुड़े सदस्यों में से किसी एक के अंशदान से सभी सदस्य स्वास्थ्य बीमा से कवर होंगे। शेष सदस्य मेडिक्लेम चुन सकते हैं/चुननी चाहिए। | मेडिक्लेम वैकल्पिक है व निःशुल्क है। | लागू नहीं |
20 | जनाधार में बच्चे का नाम ना होने पर बच्चों को निःशुल्क व कैशलेस ईलाज मिलेगा या नहीं ? | RGHS के अंतर्गत पात्र परिवार के जन आधार कार्ड में सम्मिलित सदस्यों को ही RGHS के अंतर्गत इलाज मिल सकेगा अन्यथा नहीं। परंतु 1 वर्ष की आयु तक के बच्चों का नाम ना जुड़ा होने पर भी कैशलेस ईलाज देने का प्रावधान इस योजना में किया गया है। | – | – |
21 | क्या भर्ती से पूर्व का खर्च देय होगा ? | भर्ती से 7 दिन पूर्व व उपचार के 30 दिन पश्चात का व्यय CGHS दरों पर पुनर्भरण होगा। | भर्ती अवधि से 30 दिन पूर्व व 45 दिन पश्चात तक के इलाज का पुनर्भरण देय है। | योजना के तहत मरीज के अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पहले तक के चिकित्सकीय परामर्श, जांच, दवाइयां और मरीज के डिस्चार्ज के बाद के 15 दिन तक का खर्चा भी कवर है। |
22 | क्या आयुष पद्धति से उपचार की सुविधा देय है ? | आयुष प्रणाली से चिकित्सा परामर्श व दवाइयों का वितरण किया जाएगा। परंतु ये सुविधा 2 अक्टूबर 2021 से देय होगी। | नहीं | नहीं |
23 | क्या विशेष परिस्थिति में राज्य के बाहर स्थित अस्पतालों में उपचार लिया जा सकता है? | राज्य के बाहर स्थित राज्य सरकार से अनुमोदित अस्पतालों में भी आरजीएचएस लाभार्थियों को संबंधित स्थान की CGHS दरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। | राज्य के बाहर स्थित राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा मेडिक्लेम पॉलिसी के अंतर्गत देय हैं। | नहीं |
24 | वर्तमान में SIPF विभाग द्वारा अधिकृत TPA (Third Party Administrator) कौन है ? | लागू नहीं | वर्तमान TPA का नाम व पता:- एमडी इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस 932, किसान मार्ग बरकत नगर जयपुर राजस्थान । Pin code: 302015 Mobile no. 7219631003 8956325949 | लागू नहीं |
25 | योजना से सम्बंधित जानकारी के लिए कहाँ संपर्क करें ? | www.rghs.rajasthan.gov.in/ Toll free 1800 180 6268 | www.sipf.rajasthan.gov.in Toll free 1800 123 171 | https://health.rajasthan.gov.in/ Toll free 18001806127 |




RGHS MEDICLAIM
Table no. 1
राज्य सरकार द्वारा राज कार्मिकों के RGHS में अंशदान की कटौती निम्न तालिकानुसार निर्धारित की गई है।
क्रम संख्या | राज्य कार्मिक की श्रैणी | 01. 01. 2004 से पूर्व नियुक्त राज कर्मियों के लिये मासिक अंशदान (₹) | 01. 01. 2004 के बाद नियुक्त राज कर्मियों के लिये मासिक अंशदान (₹) |
1 | कार्मिक जो पे-मैट्रिक्स में ₹18,000/- तक वेतन आहरित कर रहे हैं। | 265.00 | 135.00 |
2 | कार्मिक जो पे-मैट्रिक्स में ₹18,000/- से ₹33,500/- तक वेतन आहरित कर रहे हैं। | 440.00 | 220.00 |
3 | कार्मिक जो पे-मैट्रिक्स में ₹33,500/- से ₹54,500/- तक वेतन आहरित कर रहे हैं। | 658.00 | 330.00 |
4 | कार्मिक जो पे-मैट्रिक्स में ₹54,500/- से अधिक वेतन आहरित कर रहे हैं। | 875.00 | 440.00 |




RGHS MEDICLAIM
Table no. 2
IPD entitlement category for Boarding/Accommodation in the Hospitals
Category | Pay Scale | Entitlement in Govt. Hospital | Entitlement in Approved Private Hospital | Maximum Ceiling of Boarding/Accommodation Charges as per CGHS Package Rates |
A | Rs. 64,000/- & above | Deluxe Ward | Private Ward | Rs.3000/- per day |
B | Rs.36000/- & above but less than 64,000/- | Cottage Ward | Semi Private Ward | Rs.2000/- per day |
C | Below Rs.36000/- | General Ward | General Ward | Rs.1000/- per day |





KEEP IT IN YOUR MIND
यहाँ कुछेक नोट्स और निष्कर्ष आपकी सहायता के लिए दिए गये इन्हें आप जरुर अपडेट करें अपने लिए
Note:- डे केयर उपचार पर उपरोक्त सभी श्रेणीयों के अधिकारियों व कर्मचारियों को केवल ₹500/- देय है।
कार्मिक द्वारा अपनी वेतन श्रंखला से ऊपर की श्रेणी का बोर्डिंग या अस्पताल वास उपयोग करने पर अंतर राशि स्वयं को वहन करनी होगी।
Note:- 1. पूर्व में मेडिक्लेम में कैशलेस ईलाज की सुविधा नहीं थी, परंतु अब मेडिक्लेम में भी कैशलेस उपचार की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
- मेडिक्लेम पॉलिसी के लाभ लेने के लिए भी RGHS रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, क्योंकिSIPF के circular क्रमांक 470 दिनाँक 13.07.2021 के अनुसार भविष्य
में मेडिक्लेम दावे भी RGHS के e-card माध्यम स्वीकार किये जायेंगे।
निष्कर्ष:- मेरी व्यक्तिगत राय है कि राजस्थान सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए लाई गई इस RGHS में मौजूद तमाम तरह के फायदे जैसे कि
कैशलेस उपचार, ₹10 लाख तक का कवरेज, गैर अनुमोदित अस्पतालों में भी ईलाज की सुविधा तथा ओपीडी व डे केयर सरीखे फायदों को
ध्यान में रखते हुए इसे लिया जाना चाहिए।
इतनी कम और मामूली दरों पे प्राइवेट बीमा कम्पनियां एक व्यक्ति के लिए भी स्वास्थ्य बीमा नहीं देती जबकि RGHS 6 लोगों तक समान
प्रीमियम पर कवर करती है।
Disclaimer :- यद्दपि इस संकलन को तैयार करने में मेरे द्वारा पूर्ण सावधानी रखी गयी है, फिर भी विभागीय आदेशों व सर्कुलर्स को
सर्वोपरि माना जाये।






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by Sheetal Panwar | Apr 13, 2021 | GOVT SCHEME, TEACHER CORNER |
- Family means children were adopted by government employees partner, completely dependent children, legal (legally divorced / widowed daughter ‘s leaving) and parents (where they are not).
- If the total annual income from all sources to the parents does not exceed 6000 / – per month , then the parents will be considered fully dependent . However, income from Contributory Provident Fund, Gratuity, Government of India Award Bonds, Insurance Benefit etc. will not be treated as income.
- Dependent children shall mean and include:
- Until the son marries or starts earning an income of more than 6000 / – per month or attains the age of 25, whichever is earlier.
- The daughter gets married or starts earning more than 6000 / – per month, whichever is earlier.
- A son / daughter suffering from any permanent disability of any kind (physical or mental) will be considered dependent irrespective of his age or marriage status .
- Legally adopted parents, who are dependent on the Government servant, wherever they reside , shall be members of the family as ‘parents’ , provided that in any circumstances the de facto parents shall, under the above rules There will not be family members . It has also been clarified that if the adoptive parents are legally more wives than one, so only the senior adoptive parents will be and others who “step mother”, the definition of family under this plan ‘parents’ Will not be included in the form.”
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- परिवार का अर्थ है सरकारी कर्मचारियों का जीवनसाथी, पूर्ण रूप से आश्रित बच्चे, कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चे (कानूनी रूप से तलाकशुदा / विधवा बेटी सहित ) और माता-पिता (जहां वे नहीं रहते हैं) को छोड़कर।
- यदि माता-पिता की सभी स्रोतों से कुल वार्षिक आय 6000 / – प्रति माह से अधिक नहीं है, तो माता-पिता को पूरी तरह से निर्भर / आश्रित माना जाएगा । हालांकि, अंशदायी भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, भारत सरकार के पुरस्कार बांड, बीमा लाभ आदि से आय को आय नहीं माना जाएगा।
- आश्रित बच्चों का मतलब और शामिल होगा:
- बेटा जब तक शादी नहीं करता है या प्रति माह 6000 / – से अधिक की आय अर्जित करना शुरू नहीं करता है या 25 वर्ष की आयु प्राप्त नही करता है, जो भी पहले होतब तक वो आश्रित माना जाएगा।
- बेटी की शादी हो जाती है या 6000 / – प्रति माह से अधिक आय अर्जित करना शुरू कर देती है जो भी पहले हो। तब बेटी आश्रित नही मानी जायेगी
- किसी भी प्रकार (शारीरिक या मानसिक) के किसी भी स्थायी विकलांगता से पीड़ित बेटे / बेटी को उसकी उम्र या विवाह की स्थिति के बावजूद निर्भर / आश्रित माना जाएगा ।
- कानूनी रूप से दत्तक माता-पिता, जो सरकारी सेवक पर निर्भर हैं, चाहे वे जहां भी रहते हों, वे ‘माता-पिता’ के रूप में परिवार के सदस्य होंगे, बशर्ते कि किसी भी परिस्थिति में वास्तविक माता-पिता उपरोक्त नियमों के तहत परिवार के सदस्य नहीं होंगे । यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि दत्तक पिता की कानूनी रूप से एक से अधिक पत्नियां हैं, तो केवल वरिष्ठतम दत्तक माता ही होगी और अन्य जो ‘सौतेली माता’ हैं, इस योजना के तहत परिवार की परिभाषा में ‘माता-पिता’ के रूप में शामिल नहीं होंगे। “
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1) आरजीएचएस क्या है ?
उत्तर :आरजीएचएस राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 बजट घोषणा के बिन्दु संख्या-244 के तहत सी.जी.एच.एस की तर्ज पर कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु प्रदेश में लागू की गई है|
2) आरजीएचएस का लाभार्थी कौन बन सकता है ?
उत्तर : राज्य सरकार के माननीय मंत्री, विधायकगण/पूर्व विधायकगण, न्यायिक सेवा के सेवारत और सेवानिवृत न्यायाधीश, अखिल भारतीय सेवा के सेवारत् अधिकारी व पेंशनर्स एवं राज्य के सरकारी, अर्द्ध सरकारी निकाय, बोर्ड, निगम आदि के अधिकारी, कर्मचारी तथा पेंशनर एवं उनके आश्रित परिजन योजना का लाभार्थी बन सकते है।
3) मैं आरजीएचएस का लाभार्थी कैसे बन सकता/सकती हूं ?
उत्तर : आरजीएचएस का लाभार्थी बनने के लिए सर्वप्रथम पंजीयन कराना आवश्यक है। इसके लिए आरजीएचएस के वेब पॉर्टल पर स्वयं के एस.एस.ओ. आई-डी लॉग-ईन कर निम्न प्रक्रिया के आधार पर लाभार्थी बन सकते है:-
स्थिति -1 (जब जन-आधार संख्या/जन-आधार पंजीयन संख्या उपलब्ध है)
- एस.एस.ओ. पर लॉग-इन करें।
- आरजीएचएस एप्लीकेशन पर क्लिक करें।
- जन-आधार कार्ड संख्या/जन-आधार पंजीयन संख्या दर्ज करें।
- एम्पलॉय आई.डी. दर्ज करें।
- परिवार के सदस्यों की पुष्टि करें।
- स्व घोषणा प्रस्तुत कर सबमिट करें।
स्थिति – 2 (जब जन-आधार संख्या/जन-आधार पंजीयन संख्या उपलब्ध नहीं है)
- एस.एस.ओ. पर लॉग-इन करें।
- आरजीएचएस एप्लीकेशन पर क्लिक करें।
- पंजीयन नहीं होने पर जन-आधार के पेज लिंक पर क्लिक करें।
- जन-आधार का फॉर्म भरकर सबमिट कर जन-आधार पंजीयन संख्या प्राप्त करें
- जन-आधार पंजीयन के बाद आरजीएचएस में पंजीयन की प्रक्रिया हेतु स्थिति -1 में वर्णित प्रक्रिया को अपनायें।
4) क्या आरजीएचएस का लाभार्थी बनने के लिए मैं पंजीयन स्मार्ट (एंड्राइड) फोन से भी कर सकता/सकती?
उत्तर : जी हां, आरजीएचएस पर पंजीयन स्मार्ट (एंड्राइड) फोन से सरलता पूर्वक किया जा सकता है।
5) आरजीएचएस लाभार्थी बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज कौनसे है ?
उत्तर : जनाधार, एम्पलॉई आई-डी/पी.पी.ओ. संख्या
6) आरजीएचएस फैमिली का अर्थ क्या है?
उत्तर :आरजीएचएस “फैमिली” का अर्थ है लाभार्थी के पति/पत्नी तथा कर्मचारी पर आश्रित 25 वर्ष तक की दो संतान व माता, पिता जो सामान्यतः कर्मचारी के पदस्थापन के स्थान पर रहते हों जिनकी मासिक आय 6 हजार से कम हो।
7) आरजीएचएस कार्ड में नाम, जन्म दिनांक एवं कर्मचारी से संबंध आदि से संबंधित सूचना गलत होने पर किस प्रकार सही किया जावें।?
उत्तर : आरजीएचएस कार्ड में नाम, जन्म दिनांक एवं कर्मचारी से संबंध आदि से संबंधित सूचना गलत होने पर जनाधार कार्ड में शुद्धिकरण करवा कर सही करवाया जा सकता है।
8) क्या यह योजना परिवीक्षाधीन अधिकारियों/कर्मचारियों पर भी लागू है ?
उत्तर : जी हां, यह योजना परिवीक्षाधीन अधिकारियों/ कर्मचारियों पर अनिवार्य रूप से लागू
9) यदि पति-पत्नी दोनों की नियुक्ति 01.01.2004 के बाद होने पर क्या आरजीएचएस में लाम दोनों को मिलेगा?
उत्तर : जी हां, 01.01.2004 ओर उसके पश्चात् नियुक्त पति-पत्नी को एक ही आरजीएचएस कार्ड पर दोनों को पृथक-पृथक प्राप्त होने वाले लाभ के बराबर परिलाभ प्राप्त होगें।
10) क्या जुडवा बच्चों के होने की स्थिति में 2 से अधिक संतानों पर आरजीएचएस योजना का लाम देय है ?
उत्तर : प्रथम प्रसव से यदि एक से अधिक जीवित संतानें है तो उनको पृथक इकाई माना जावेगा। प्रथम प्रसव से यदि एक जीवित संतान है एवं द्वितीय प्रसव से जुडवा बच्चों के होने की स्थिति में दोनों को एक ही इकाई माना जायेगा।
11) आरजीएचएस योजना किस चिकित्सा सुविधा के लिए कैशलेस है ?
उत्तर : आरजीएचएस योजना अन्तः रोगी चिकित्सा (IPD), डे-केयर, मातृत्व-चिकित्सा आदि सुविधा के लिए कैशलेस है।
12) लाभार्थी किन अस्पतालों में इलाज करवा सकता है?
उत्तर : कर्मचारी एवं उसके आश्रित परिवारजन राजकीय अस्पतालों/राज्य सरकार एवं विभाग द्वारा सूचीबद्ध (empanelled) निजी अस्पतालों में ईलाज करवा सकता है।
13) क्या गैर अनुमोदित चिकित्सालयों में ईलाज खर्च के दावे का पुरमरण देय है
उत्तर : गैर अनुमोदित चिकित्सालय में आपातकालीन परिस्थितियों में कुछ बीमारियों के लिए सी.जी.एच.एस. पैकेज दरों पर दावों का पुनर्भरण देय है। जिसमें निम्न बीमारियों को सम्मिलित किया गया है।
Coronary Artery Surgery, Vascular Surgery, Hodgkin’s Disease, Acute Retention of urine more than 24 hrs., Acute Myocardial infarction, Acute Pneumonitis, Acute Respiratory Distress, Cancer, renal failure i.e. failure of both the kidney, Stroke,, Multiple Sclerosis, Meningitis, Major organ Transplants like Kidney,Lungs, Pancreas, Heart, Liver or Bone Marrow, Accidents, Delivery, Tubal Pregnancy and related complication, swine flu, dengue fever, burst Appendicitis, Pancreatitis etc. can be covered under as cases of grave emergency.
14) क्या कोविड -19 के उपचार को योजना के इमरजेंसी क्लॉज में शामिल किया गया है?
उत्तर : हां, योजना के अन्तर्गत कोविड 19 के उपचार को शामिल किया गया है। गैर अनुमोदित अस्पताल में भी कोविड 19 का उपचार कराने पर पुनर्भरण देय है।
15) अस्पताल में भर्ती होने के उपरान्त किस आधार बोर्डिंग/अस्पताल वास की सुविधा किस प्रकार है ?
उत्तर :
श्रेणी | वेतन श्रृंखला | राजकीय अस्पतालों में पात्रता | अधिकृत निजी अस्पतालों में पात्रता |
1 | 36,000/- रु तक | सामान्य वार्ड | जनरल वार्ड |
2 | 36,001 रु से 63,000 /- रु तक | कॉटेज | अर्ध निजी वार्ड |
3 | 63,001/-रु और उससे अधिक | डीलक्स | निजी वार्ड |
16) मेरे पास जनाधार कार्ड उपलब्ध नहीं है परन्तु आधार कार्ड बना हुआ है क्या मुझे योजना का लाम मिल सकता है?
उत्तर : जिस लाभार्थी का जन-आधार कार्ड बना हुआ नहीं है, उन्हें जन-आधार कार्ड बनवाया जाकर ही योजना का लाभ ले सकता है। उक्त जन-आधार संख्या/जन-आधार पंजीयन संख्या के आधार पर आरजीएचएस लाभार्थी बन सकते है।
17) क्या जिनके पास भामाशाह कार्ड है उन्हें भी जन-आधार कार्ड बनवाना होगा?
उत्तर : नहीं। पूर्व में जारी भामाशाह कार्ड के स्थान पर राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क जन आधार कार्ड वितरित किये गये है। जो लाभार्थी नवीन कार्ड के लिए आवेदन करते है, उन्हें जन-आधार कार्ड जारी किया जाता है।
18) ई-वॉलेट से प्रति वर्ष कितने रूपये तक का आहरण किया जा सकता है?
उत्तर : 01.01.2004 के बाद के कर्मचारियों के ई-वॉलेट में राशि प्रति परिवार रू 5 लाख रखी गयी है एवं गंभीर बीमारियों के लिए अतिरिक्त 5 लाख प्रति परिवार की सुविधा रखी गयी है।
19) यदि ईलाज के उपरान्त ई-वॉलेट में राशि शेष बच जाती है, तो क्या अगले वर्ष उपयोग में ली जा सकती है?
उत्तर : नहीं, यह राशि एक वर्ष के लिए ही है। यदि राशि शेष रह जाती है तो वह योजना प्रारम्भ होने से एक वर्ष की समाप्ति पर स्वतः ही कालातीत हो जाती है। अगले वर्ष नये सिरे से स्वास्थ्य परिलाभ होगा।
20) लाभार्थी कितनी बार इस योजना के अन्तर्गत इलाज करा सकता है ?
उत्तर : परिवार के वॉलेट में उपलब्ध राशि के शेष रहने तक लाभार्थी परिवार द्वारा इस योजना में आवश्यकता अनुसार कितनी भी बार इलाज करवा जा सकता है।
21) क्या इस योजना के अन्तर्गत योजना के प्रारम्भ होने के बाद की बीमारियां ही शामिल है?
उत्तर : नहीं, इस योजना के अन्तर्गत योजना चालू होने से पूर्व की बीमारियों हेतु भी चिकित्सा कवर समिलित है।
22) मेरा बच्चा 06 माह आयु का है और उसका जन-आधार कार्ड में नहीं है क्या उसे योजना का लाभ मिलेगा?
उत्तर : हां, योजना के अन्तर्गत पात्र परिवार के जनआधार कार्ड के विवरण में नाम सम्मलित नहीं होते हुए भी उस परिवार के एक वर्ष तक की आयु के बच्चे को योजना के अन्तर्गत इलाज देने का प्रावधान रखा गया है।
23) क्या उक्त लाभार्थी परिवार में शामिल नवविवाहिता को भी इस योजना का लाभ मिलेगा?
उत्तर : हां, परन्तु इसके लिये नवीन वधु का नाम परिवार के जन-आधार कार्ड में तत्काल जुडवाया जाये। इसके लिए वो अपने नजदीकी ई-मित्र केन्द्र अथवा राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर जाकर अपना नाम जुडवा सकते हैं। जन-आधार कार्ड में नाम होने पर ही योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा अन्यथा लाभ नही मिलेगा।
24) मेरे परिवार का जन-आधार कार्ड बना हुआ है पर किसी सदस्य का नाम नहीं जुड़े होने पर उसे लाम मिल पायेगा?
उत्तर : नहीं, जन-आधार कार्ड में नाम होने पर ही योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा। यदि परिवार के किसी भी सदस्य का नाम जन-आधार कार्ड में से रह गया है तो उसका नाम तत्काल जुडवाया जाये।
25) आरजीएचएस लाभार्थियों की श्रेणी क्या-क्या है?
उत्तर : आरजीएचएस लाभार्थियों का श्रेणीवार विवरण वेबसाइट www.rghs.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है।
26) आरजीएचएस से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कहा सम्पर्क किया जाये ?
उत्तर : आरजीएचएस से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी Toll free Number 1800 180 6268 से प्राप्त कर सकते है।
RGHS के बारे महत्वपूर्ण बातें FAQ का विडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करेंइस योजना से सम्बंधित आप विस्तृत जानकारी निम्न TOLL FREE नम्बर TAB पर क्लिक करके कॉल कर सकते हैं |
इस योजना से सम्बंधित आप विस्तृत जानकारी निम्न MAIL ID TAB पर क्लिक करके E-MAIL कर सकते हैं |
इस पूरी प्रोसेज का LIVE वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
Getting Jan-Aadhaar Number through sending SMS-
Residents may get their Jan Aadhaar Number, using SMS functionality also. Jan Aadhaar Number can be accessed by using ‘Jan-Aadhaar enrolment ID’ or ‘Aadhaar number’ or ‘Mobile number’ already registered into the family profile.
Residents have to send an SMS on mobile number: 7065051222 in any of the formats mentioned below –
• JAN<space>JID<space><15 Character Jan Aadhaar enrolment id>
• JAN<space>JID<space><12 digit UID Number>
• JAN<space>JID<space><10 digit Mobile Number>
Getting Jan-Aadhaar Number by Using Mobile Application-
Residents may get their family Jan-Aadhaar Number and e-Card through Mobile Application available on Play store by name “Jan Aadhaar”.
Link – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.risl.janaadhaarapp
Getting Jan-Aadhar Number by Using SSO-
Residents can also get Jan Aadhaar Number using SSO Login in Profile section. If Jan Aadhaar number is not available in SSO Profile then residents may get it by updating existing Enrolment ID in their SSO Profile.
Link- CLICK HERE TO LOGIN ON SSO
उप-श्रेणी | लाभार्थी श्रेणी | वर्तमान में लागू नियम / योजना | आरजीएचएस कवरेज |
---|
आरजीएचएस -1 | मंत्रियों | राजस्थान मंत्री (चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 1961 के अनुसार चिकित्सा सुविधाएं | लागू नियमों के अनुसार कवरेज |
आरजीएचएस -2 | राजस्थान विधानसभा के सदस्य | राजस्थान विधान सभा सदस्यों (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 1964 के अनुसार चिकित्सा सुविधाएं | लागू नियमों के अनुसार कवरेज |
आरजीएचएस -3 | राजस्थान विधानसभा के पूर्व सदस्य | राजस्थान विधान सभा पूर्व सदस्यों और परिवार पेंशनरों (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 2010 के अनुसार चिकित्सा सुविधाएं | लागू नियमों के अनुसार कवरेज |
आरजीएचएस -4 | सेवा और सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी | राजस्थान न्यायिक अधिकारी (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 2008 के अनुसार चिकित्सा सुविधाएं | लागू नियमों के अनुसार कवरेज |
आरजीएचएस -5 | एआईएस अधिकारियों की सेवा करना | अखिल भारतीय सेवाओं (चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 1954 के अनुसार चिकित्सा सुविधाएं और इस संबंध में डीओपी द्वारा जारी किए गए विभिन्न आदेश। | लागू नियमों के अनुसार कवरेज |
आरजीएचएस -6 | सेवानिवृत्त ए.आई.एस. | | लागू नियमों के अनुसार कवरेज |
आरजीएचएस -7 | 01-01-2004 से पहले नियुक्त राज्य सरकार के कर्मचारी | आरसीएस (एमए) नियम, 2013 के अनुसार चिकित्सा सुविधाएं | लागू नियमों के अनुसार कवरेज |
आरजीएचएस -8 | आरसीएस (पेंशन) नियम, 1996 के तहत पेंशनभोगी और पारिवारिक पेंशनर | राजस्थान राज्य पेंशनर्स चिकित्सा रियायत योजना, 2014 के अनुसार चिकित्सा सुविधा | लागू नियमों के अनुसार कवरेज |
आरजीएचएस -9 | 01-01-2004 को या उसके बाद नियुक्त राज्य सरकार के कर्मचारियों की सेवा | राज मेडिक्लेम पॉलिसी की सीमा तक चिकित्सा सुविधाएं (यानी केवल इनडोर रोगियों के लिए 3.00 लाख रुपये की सीमा तक।) | - कैशलेस IPD / DAY केयर, OPD (Rs.20,000 तक), सीजीएचएस दरों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा तय की गई दरों के अनुसार चिकित्सा देखभाल सुविधाएं।
- फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 5 लाख तक का उपचार।
- प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की विपत्तिपूर्ण बीमारी से संबंधित अतिरिक्त व्यय।
- लागू टीए नियमों के रूप में चिकित्सा उपचार के लिए शुरू की गई यात्रा के लिए यात्रा भत्ता।
- एम्बुलेंस शुल्क।
|
आरजीएचएस -10 | राज्य सरकार के पेंशनर्स एनपीएस के तहत आते हैं | वर्तमान में कोई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है | - कैशलेस IPD / DAY केयर, OPD (Rs.20,000 तक), सीजीएचएस दरों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा तय की गई दरों के अनुसार चिकित्सा देखभाल सुविधाएं।
- फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 5 लाख तक का उपचार।
- प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की विपत्तिपूर्ण बीमारी से संबंधित अतिरिक्त व्यय।
- लागू टीए नियमों के रूप में चिकित्सा उपचार के लिए शुरू की गई यात्रा के लिए यात्रा भत्ता
- एम्बुलेंस शुल्क
|
आरजीएचएस -11 | बोर्ड, निगम आदि सहित राज्य स्वायत्त निकायों (SAB) के कर्मचारियों की सेवा, जिन्हें 01.01.2004 से पहले नियुक्त किया गया था | संबंधित बोर्ड / निगम आदि की लागू योजना के अनुसार। | - कैशलेस IPD / DAY केयर, OPD (Rs.20,000 तक), सीजीएचएस दरों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा तय की गई दरों के अनुसार चिकित्सा देखभाल सुविधाएं।
- फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 5 लाख तक का उपचार।
- प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की विपत्तिपूर्ण बीमारी से संबंधित अतिरिक्त व्यय।
- लागू टीए नियमों के रूप में चिकित्सा उपचार के लिए शुरू की गई यात्रा के लिए यात्रा भत्ता।
- एम्बुलेंस शुल्क।
|
आरजीएचएस -12 | बोर्ड, निगम आदि सहित राज्य स्वायत्त निकायों (SAB) के कर्मचारियों की सेवा, जिनकी नियुक्ति 01.01.2004 को या उसके बाद की गई थी | वर्तमान में राज मेडिक्लेम योजना के तहत। | - कैशलेस IPD / DAY केयर, OPD (Rs.20,000 तक), सीजीएचएस दरों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा तय की गई दरों के अनुसार चिकित्सा देखभाल सुविधाएं।
- फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 5 लाख तक का उपचार।
- प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की विपत्तिपूर्ण बीमारी से संबंधित अतिरिक्त व्यय।
- लागू टीए नियमों के रूप में चिकित्सा उपचार के लिए शुरू की गई यात्रा के लिए यात्रा भत्ता।
- एम्बुलेंस शुल्क।
|
आरजीएचएस -13 | बोर्ड, निगम आदि सहित राज्य स्वायत्त निकायों (SAB) के पेंशनर्स जिन्हें 01.01.2004 से पहले नियुक्त किया गया था | संबंधित बोर्ड / निगम आदि की लागू योजना के अनुसार। | - कैशलेस IPD / DAY केयर, OPD (Rs.20,000 तक), सीजीएचएस दरों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा तय की गई दरों के अनुसार चिकित्सा देखभाल सुविधाएं।
- फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 5 लाख तक का उपचार।
- प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की विपत्तिपूर्ण बीमारी से संबंधित अतिरिक्त व्यय।
- लागू टीए नियमों के रूप में चिकित्सा उपचार के लिए शुरू की गई यात्रा के लिए यात्रा भत्ता।
- एम्बुलेंस शुल्क।
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आरजीएचएस -14 | बोर्ड, निगम आदि सहित राज्य स्वायत्त निकायों (SAB) के पेंशनर्स जिनकी नियुक्ति 01.01.2004 को या उसके बाद की गई थी | कोई चिकित्सा सुविधा नहीं। | - कैशलेस IPD / DAY केयर, OPD (Rs.20,000 तक), सीजीएचएस दरों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा तय की गई दरों के अनुसार चिकित्सा देखभाल सुविधाएं।
- फ्लोटर आधार पर प्रति परिवार 5 लाख तक का उपचार।
- प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की विपत्तिपूर्ण बीमारी से संबंधित अतिरिक्त व्यय।
- लागू टीए नियमों के रूप में चिकित्सा उपचार के लिए शुरू की गई यात्रा के लिए यात्रा भत्ता।
- एम्बुलेंस शुल्क।
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ग्रेव इलनेस के मामले में आरजीएचएस कवरेज |
कोरोनरी धमनी सर्जरी के मामले, संवहनी सर्जरी, हॉजकिन डिजीज, 24 घंटे से अधिक पेशाब का तीव्र प्रतिधारण।, एक्यूट मायोकार्डियल रोधगलन, एक्यूट न्यूमोनिटिस, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस, कैंसर, गुर्दे की विफलता यानी दोनों किडनी, स्ट्रोक की विफलता, स्ट्रोक, मल्टीपल स्केलेरोसिस। मेनिनजाइटिस, प्रमुख अंग प्रत्यारोपण जैसे किडनी, फेफड़े, अग्न्याशय, हृदय, जिगर या अस्थि मज्जा, दुर्घटनाएं, प्रसव, ट्यूबल गर्भावस्था और संबंधित जटिलता, स्वाइन फ्लू, डेंगू बुखार, फट एपेंडिसाइटिस, अग्नाशयशोथ आदि को गंभीर आपातकालीन मामलों के तहत कवर किया जा सकता है। । |
RGHS: पूरी तरह से ऑनलाइन और स्वचालित प्रणाली | आरजीएचएस के तहत दावा निपटान |
- परिवार की लाभार्थी स्थिति के लिए डेटाबेस की पहचान (जन आधार)
- आरजीएचएस वेब-पोर्टल पर एचबीईसी (लागू करें और प्रणाली को स्वीकार करें) द्वारा अस्पताल का अनुकरण: ऑनलाइन और पारदर्शी प्रक्रिया
- केवल अस्पताल स्तर पर पूर्व प्राधिकरण
- अस्पतालों को ऑनलाइन भुगतान प्रणाली
| दावा निपटान प्रक्रिया आरजीएचएस पोर्टल के माध्यम से आरजीएचएस के आईटी प्लेटफॉर्म पर होगी और प्रत्येक लाभार्थी के इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (ईएमआर) को आरजीएचएस कार्ड धारक के ई-वॉलेट में रखा जाएगा । |
यहाँ RAJASTHAN GOVERNMENT HEALTH SCHEME से सम्बंधित समस्त आदेश आप देख सकते हैं
आप हमसे अपनी क्वेरी और राजस्थान गोवेर्नेमेंट हेल्थ स्कीम योजना से संबंधित समस्याएं भी पूछ सकते हैं और हमारी टीम समाधान खोजने में आपकी मदद करेगी।
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