गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया

गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया

Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया

Process of recognition to private schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया : इस आर्टिकल में हमने गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिए जाने की संपूर्ण प्रक्रिया और उससे दिशानिर्देश के बारे में विस्तार से लिखा है। इस आर्टिकल में आप जानेगे कि एक गैर सरकारी विद्यालय को मान्यता लेने के लिए किन किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। किस प्रकार कमेटी का गठन करना होता है? साथ ही कौन कौन से मापदंड हैं जिन्हें हमें पूर्ण करना आवश्यक होता है?

साथ ही आप ये भी जानेगे कि ऑनलाइन आवेदन करते समय किस प्रक्रिया को हमें फॉलो करना है और कौन कौन से डॉक्यूमेंट हमें अपने पास अप टू डेट रखने है और कौन से डॉक्यूमेंट है जो पोर्टल के ऊपर अपलोड होंगे। Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया

राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था (मान्यता, सहायता अनुदान और सेवा शर्ते आदि) नियम, 1993 में विभिन्न स्तर की गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं को मान्यता देने का प्रावधान है। राज्य में इन अधिनियम एवं नियमों के अन्तर्गत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर की 37 हजार से अधिक संस्थाऐं संचालित है। इन संस्थाओं का राज्य में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन संस्थाओं की अनुभूत कठिनाइयों तथा विभाग की आवश्यकताओं को देख हुए समय-समय पर अधिनियम एवं नियमों के दायरे में अनेक अधिसूचनाओं में संशोधन, नई आज्ञा एवं नए आदेश जारी किए गए हैं।

Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया

गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं की सुविधा तथा विभागीय कार्यालयों के कार्य को सुगम एवं पारदर्शी बनाने की दृष्टि से शैक्षिक सत्र 2016-17 से समस्त प्रकार की मान्यताओं को ऑनलाइन किया गया है। शैक्षिक सत्र 2020-21 में ऑनलाइन मान्यता हेतु शैक्षिक संस्थाओं एवं विभागीय कार्यालयों के करणीय कार्यों के सम्बन्ध में राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं नियम, 1993 तथा समय-समय पर जारी अधिसूचनाओं / आदेश / परिपत्रों के आधार पर तैयार कर विस्तृत दिशा निर्देश प्रसारित किए जा रहे हैं।

यदि इन दिशा निर्देशों में और मूल अधिनियम / नियम / अधिसूचना / आदेश / परिपत्रों में कोई विसंगति पायी जाए तो मूल अधिनियम / नियम / अधिसूचना / आदेश / परिपत्र ही मान्य होंगे।

1.. आवेदन करना राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1999 एवं नियम, 1993 के प्रावधानानुसार गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं को किसी भी प्रकार की मान्यता (नवीन मान्यता, क्रमोन्नति माध्यम परिवर्तन, नाम परिवर्तन, स्थान परिवर्तन, वर्ग परिवर्तन सोसायटी परिवर्तन, अतिरिक्त माध्यम, अतिरिक्त विषय दो पारी विद्यालय संचालन इत्यादि) के लिए ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा। यह आवेदन राजस्थान सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के प्राइवेट स्कूल पोर्टल (www.rajpsp.nic.in) पर करना होगा।

2. नवीन मान्यता, कमोन्नति एवं अन्य मान्यताओं हेतु पात्रता कोई भी गैर-सरकारी शैक्षिक संस्था प्राथमिक ( कक्षा 1-5 तक) अथवा उच्च प्राथमिक (कक्षा 1-8 तक) स्तर की नवीन मान्यता हेतु आवेदन कर सकती है, प्राथमिक से उच्च प्राथमिक, उच्च प्राथमिक से माध्यमिक एवं माध्यमिक से उच्च माध्यमिक स्तर की कमोन्नति हेतु आवेदन कर सकती है तथा माध्यम परिवर्तन, स्थान परिवर्तन, नाम परिवर्तन, अतिरिक्त माध्यम, अतिरिक्त विषय माध्यम परिवर्तन सोसायटी परिवर्तन, दो पारी विद्यालय संचालन इत्यादि के लिए आवेदन कर सकती   है, Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया

इन समस्त प्रकार की मान्यताओं के लिए पात्रता की न्यूनतम शर्ते निम्नानुसार हैं

 2.1. आधारभूत संरचना एवं आवश्यक सुविधाऐं: विभिन्न प्रकार की मान्यताओं हेतु आधारभूत संरचना एवं आवश्यक सुविधायें संलग्न परिशिष्ट 3 के अनुसार होगी।

2.2  शिक्षक एवं अन्य कर्मचारीवृन्द : विभिन्न प्रकार की मान्यताओं हेतु शिक्षक एवं अन्य कर्मचारीवृन्द संलग्न परिशिष्ट-4 के अनुसार होंगे।

2.3  सोसाइटी / ट्रस्ट का पंजीकरण : संस्था की मान्यता के लिए आवेदन करने वाली सोसाइटी / ट्रस्ट का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण के प्रमाण पत्र को स्कैन करके अपलोड करना होगा।

2.4 सोसाइटी / ट्रस्ट के उद्देश्यों में शैक्षिक संस्था खोलने का उद्देश्य :- संस्था की मान्यता के लिए आवेदन करने वाली सोसाइटी / ट्रस्ट के उद्देश्यों में शैक्षिक संस्था खोलने का उद्देश्य होना आवश्यक है। सोसाइटी / ट्रस्ट के उद्देश्यों को स्केन करके अपलोड करना होगा।

2.5 शुल्क :- समस्त प्रकार के आवेदन शुल्क ऑनलाइन ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से जमा कराने होंगे तथा आरक्षित कोष की राशि का डीडी सचिव बालिका शिक्षा फाउण्डेशन, जयपुर के नाम से बनेगा। मान्यता आवेदन शुल्क की राशि आवेदन पत्र के साथ ही देनी होगी तथा आरक्षित कोष की राशि का डी.डी. तथा फिक्सड डिपोजिट की गयी राशि का विवरण आवेदन पत्र की जाँच एवं भौतिक सत्यापन के पश्चात् संस्था के मान्यता के योग्य पाए जाने की स्थिति में ही देना होगा। इसके लिए सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदनकर्ता को समय पर सूचित किया जाएगा। समस्त प्रकार के शुल्क प्राप्त होने पर ही मान्यता जारी की जायेगी। समस्त प्रकार का आवेदन शुल्क अदेय (Non Refundable) रहेगा ।

2.6 शपथ पत्र– सोसाइटी द्वारा विद्यालय से सम्बंधित दी जा रही प्रमुख सूचनाओं को 100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर नोटरी द्वारा प्रमाणित करवाकर शपथ पत्र के रूप में प्रस्तुत करना होगा।

2.7 विद्यालयों को दी जाने वाली छूट:- गैर सरकारी विद्यालयों को भूमि रूपान्तरण एवं अन्य छूट दिये जाने के लिये राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश क्रमांक प9 (2) शिक्षा-5 / 2010 पार्ट0 3.07.2012, 2007 2012, 14.08.2012 06.05.2013, 31.05.13 एवं आदेश क्रमांक प.9 (1) शिक्षा – 5 / भूमि रूपान्तरण / 2016 जयपुर दिनांक 04.01.2017 द्वारा प्रदत्त छूट / शिथिलन नव कमोन्नत विद्यालयों हेतु लागू नहीं रहेगी।

2.8 विद्यालयों के लिए ग्रामीण क्षेत्र में लागू भूमि सम्बन्धित नवीन / संशोधित अनिवार्यता:- गैर सरकारी विद्यालयों को ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की अनिवार्यता में शिथिलन प्रदान किये जाने हेतु राज्य सरकार स्तर से सक्षम स्वीकृति उपरान्त जारी आदेश क्रमांक प.9 (6) शिक्षा-5 / आनलाइन मान्यता / 2020-21 जयपुर दिनांक 23.07.2020 के तहत् ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के माप की अनिवार्यता को पूर्व में प्रभावी 5000 वर्गमीटर से संशोधित कर 4000 वर्गमीटर वर्तमान सत्र से प्रभावी कर दिया गया हैं।

2.9 किसी भी प्रकार के आवेदन / परिवर्तन के लिए औचित्य सहित प्रबंध कार्यकारिणी का प्रस्ताव आवश्यक होगा।

2.10 किराये के भवन को रजिस्टर्ड किरायानामा प्रस्तुत करने पर भवन परिवर्तन की स्वीकृति दी जाएगी।

2.11 विद्यालय के स्थान परिवर्तन किये जाने पर आरटीई के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए विद्यालय को स्वयं के स्तर पर विद्यार्थियों के लिये नये विद्यालय भवन तक आवागमन की निःशुल्क व्यवस्था करनी होगी।

2.12 दो पारी में वर्तमान में संचालित शिक्षण संस्थाओं को 03 माह की अवधि (विज्ञप्ति जारी होने की दिनाक से)में निर्धारित शुल्क (प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक के लिए 1,00,000 रूपये एवं माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक के लिए 3,00,000 रुपये) जमा करवाये जाकर स्वीकृति प्राप्त करनी है। विलम्ब करने की स्थिति में 10,000 रूपये प्रति 30 दिवस पर शास्ति वसूल की जाएगी।

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3.1. विद्यालय का पंजीयन एवं पासवर्ड प्राप्त करना – सभी प्रकार की मान्यताओं हेतु आवेदन राजस्थान सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के प्राइवेट स्कूल पोर्टल (www.rajpsp.nic.in) पर करना होगा। सर्वप्रथम गैर सरकारी विद्यालय को पोर्टल पर पंजीयन करना होगा जिसके लिए आवश्यक सूचनाएँ प्रविष्ट करने के बाद मोबाइल पर पीएसपी. कोड एवं पासवर्ड प्राप्त होगा। पंजीयन के बाद विद्यालय स्वयं का पासवर्ड बदल सकेंगे जो भविष्य में लॉगिन करने हेतु आवश्यक होगा। जिन गैर सरकारी विद्यालयों के पास इस पोर्टल पर लॉगिन करने हेतु पहले से ही पीएसपी कोड एवं पासवर्ड उपलब्ध है, वे विद्यालय मान्यता हेतु भी उसी पासवर्ड से लॉगिन करें इन विद्यालयों को नवीन पंजीयन नहीं करना है।

3.2 विद्यालय सम्बन्धी सूचनाओं की ऑनलाइन प्रविष्टि – लॉगिन करने के बाद विद्यालय अपनी आधारभूत संरचना, आवश्यक सुविधाऐं एवं कर्मचारियों सम्बन्धी सभी आवश्यक सूचनाओं की ऑनलाइन प्रविष्टि करेंगे। इस कार्य में सुविधा के लिए विद्यालय, पोर्टल पर उपलब्ध आवेदन के प्रारूप पहले से ही भर कर तैयार रखे। समस्त सूचनाओं की पूर्ण एवं सही प्रविष्टि की स्थिति में ही इन्हें लॉक करें।

3.3 विद्यालय सम्बन्धी दस्तावेजों को अपलोड करना – मान्यता के सम्बन्ध में आवश्यक समस्त दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करना है। (अपलोड किये जाने वाले दस्तावेजों की सूची परिशिष्ट-7)। जिन दस्तावेजों को अपलोड किया जाना है, उनको पहले से ही स्केन कर के पैन ड्राइव में तैयार रखें। अपलोड किए जाने वाले समस्त दस्तावेजों का पूर्ण पठनीय होना आवश्यक है। दस्तावेज पीडीएफ / जेपीजी फॉर्मेट में होना तथा प्रत्येक दस्तावेज एक एमबी से कम साइज का होना आवश्यक है।

3.4 आवेदन हेतु आवश्यक शुल्क को जमा करवाना – विभिन्न प्रकार की मान्यता के लिए शुल्क की राशि भी अलग-अलग है, अतः इस राशि की ठीक से गणना कर लें तथा उसके अनुसार ही समस्त प्रकार के आवेदन शुल्क ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से जमा कराने होंगे। मान्यता आवेदन शुल्क की राशि ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमा होगी एवं आरक्षित कोष की राशि के डिमाण्ड अलग से जमा होगी। ड्राफ्ट

3.5 आवेदन की हार्ड कॉपी तैयार करना – समस्त सूचनाओं की पूर्ण एवं सही प्रविष्टि के बाद ई-ग्रास के माध्यम शुल्क जमा करवाने एवं चालान की प्रति प्राप्त हो जाने के उपरान्त ही आवेदन को लॉक करें तथा इसका प्रिंटआउट ले लें। आवेदन के प्रिंटआउट पर विद्यालय संचालन समिति के सचिव के हस्ताक्षर एवं मोहर लगावें। आवेदन के साथ आवश्यक समस्त दस्तावेज (संलग्न किये जाने वाले दस्तावेजों की सूची परिशिष्ट-8) संलग्न करें तथा विद्यालय के 5 फोटो जो अपलोड किये गये है, भी लगावें। पूर्ण आवेदन पत्र तैयार कर विद्यालय में सुरक्षित रखें। उक्त हार्ड कॉपी मय संलग्न पत्रावली निरीक्षण हेतु उपस्थित होने वाले जाँच दल के प्रभारी को विद्यालय निरीक्षण के समय संस्था

3.6 द्वारा उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें। प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर की नवीन मान्यता / कमोन्नति / नाम / स्थान / वर्ग / माध्यम परिवर्तन / अतिरिक्त माध्यम आदि के आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा मुख्यालय को प्रेषित किये जाएंगे।

3.7 जो विद्यालय पहले से ही मान्यता प्राप्त हैं वे विद्यालय किसी भी स्तर के नाम / स्थान / माध्यम / वर्ग परिवर्तन / माध्यम / संकाय / विषय / उच्च प्राथमिक माध्यमिक / माध्यमिक उच्च माध्यमिक स्तर की कमोन्नति हेतु अपने आवेदन संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय को ऑनलाईन प्रेषित करेंगे।

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आवेदन पत्रों को कार्यालय में प्राप्त करना एवं ऑन लाइन जॉच करना

4.1 संस्था द्वारा किये गये ऑनलाइन आवेदन की पत्रावली को कार्यालय में प्राप्त करते समय पत्रावली में उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन पत्र की प्रविष्टियों एवं आवेदन में वर्णित एवं संलग्न किये गये दस्तावेजों का ठीक से मिलान कर लें।

4.2 आवेदन पत्रों की जाँच का कार्य ऑनलाइन तरीके से किया जाना है। यह जॉच संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के लॉगइन में उपलब्ध विद्यालय के ऑनलाइन आवेदन पत्रावली के माध्यम से की जायेगी।

4.3 सर्वप्रथम विद्यालय द्वारा दी गई मान्यता आवेदन शुल्क की राशि का मिलान करना है। ये जाँच लें आवेदन शुल्क की जितनी राशि आवेदन पत्र में अंकित है, उतनी राशि ई-ग्रास के माध्यम से विद्यालय द्वारा जमा करवा दी गई है। एक से अधिक आवेदन होने की स्थिति में यह सुनिश्चित कर लें कि आवेदन पत्र में सभी प्रकार के निर्धारित शुल्क ई-ग्रास के माध्यम से जमा करवा दिये गए हैं।

4.4 विद्यालय टीएसपी अथवा नॉन टीएसपी एरिया में है, इसकी भी जाँच कर लें तथा यह सुनिश्चित कर लें कि मान्यता शुल्क की राशि इस विवरण के अनुसार सही है।

4.5 मान्यता आवेदन शुल्क की जाँच करने के पश्चात् ऑन लाइन आवेदन के समय संस्था द्वारा अपलोड किये गये दस्तावेजों का मिलान किया जाना है। ऑनलाइन अपलोड किये गये दस्तावेजों को खोलकर देख लें तथा यह सुनिश्चित कर लें कि सही दस्तावेज ही अपलोड किये गये हैं।

4.6. मान्यता आवेदन शुल्क की राशि के ई-ग्रास सबंधी अपूर्ण प्रविष्टियों अथवा सही राशि का ई-ग्रास में जमा शुल्क राशि से मिलान नहीं होने अथवा किसी दस्तावेज के अपलोड न होने अथवा अपूर्ण होने की स्थिति में उसके सामने सही नहीं पाया गया का विकल्प चयन करें। इस विकल्प का चयन करते ही इस विद्यालय के ऑनलाइन आवेदन में मान्यता आवेदन शुल्क विवरण एवं दस्तावेजों के अपलोड करने संबंधी क्षेत्र अनलॉक हो जाएंगे तथा इसकी सूचना विद्यालय के लॉगइन में प्रदर्शित हो जाएगी।

4.7 विद्यालय की सूचना अनलॉक होने के बाद आगामी पाँच कार्य दिवसों में विद्यालय को अपनी ऑनलाइन आक्षेप पूर्ति पूर्ण कर आवेदन को ऑनलाईन पुन लॉक करना है जिसकी सूचना सम्बंधित जिशिअ के लॉगइन में प्रदर्शित हो जाएगी। संस्था द्वारा प्रिंट आउट एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में निर्धारित अवधि में जमा कराने होंगे जिससे विद्यालय की पत्रावली पूर्ण हो सके। निर्धारित अवधि में संस्था द्वारा आवेदन लॉक एवं पत्रावली सम्बंधित जिशिअ कार्यालय में जमा नहीं करवाये जाने की स्थिति में विद्यालय का आवेदन स्वतः ही निरस्त माना जाएगा, जिसके लिए आवेदक विद्यालय स्वयं उत्तरदायी रहेगा।

4.8 आक्षेप पूर्ति के लिये अनलॉक किये गये आवेदन एवं अपलोड किये जाने वाले दस्तावेजों की हॉर्डकॉपी को ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि के बाद की तिथियों के उपरान्त भी स्वीकार किये जाएंगे। एक बार आक्षेप लगने के बाद निर्धारित अवधि में आक्षेप पूर्ति नहीं होने की स्थिति में आवेदन को अपूर्ण मानकर निरस्त कर दिया जाएगा तथा इसकी सूचना संस्था को पोर्टल पर दे दी जाएगी।

4.9 जिन विद्यालयों की मान्यता शुल्क एवं अपलोड किये गए दस्तावेजों की प्रविष्टियों सही पायी जाती हैं, उन विद्यालयों के लिये आवेदन पत्र के साथ संलग्न किये गये दस्तावेजों एवं आवेदन पत्र की अन्य प्रविष्टियों की ऑनलाइन जाँच की जा सकेगी।

4.10 आवेदन पत्र के साथ संलग्न किये गये दस्तावेजों में किसी दस्तावेज के संलग्न नहीं होने या अपूर्ण पाये जाने पर आक्षेप की सूचना विद्यालय को पोर्टल पर विद्यालय लॉगइन में प्रदर्शित होगी। विद्यालय भौतिक निरीक्षण के समय ऑनलाईन आवेदन की हार्ड कॉपी एवं समस्त वाछित दस्तावेजों की 02 प्रतियों में पत्रावली तैयार कर एक पत्रावली निरीक्षण दल को उपलब्ध करवानी होगी तथा एक पत्रावली विद्यालय द्वारा स्वयं के रिकॉर्ड सधारण हेतु सुरक्षित रखी जाएगी, विद्यालय द्वारा निरीक्षण दल को उपलब्ध करवायी जाने वाली पत्रावली को मय निरीक्षण रिपोर्ट (हॉर्डकॉपी) दल प्रभारी द्वारा 02 दिवस की अवधि में सम्बंधित जिशिअ कार्यालय में जमा करवानी होगी।

4.11 गैर सरकारी विद्यालयों के आवेदन प्रक्रिया में सम्पर्ण पारदर्शिता एवं आवेदक विद्यालय को सूचना हेतु निम्नानुसार कार्यवाही की जाएगी : निरीक्षण दल गठन की सूचना आक्षेपित प्रकरणों की सूचना निदेशालय द्वारा मान्यता / क्रमोन्नति हेतु अनुमोदन / निरस्त जारी करना, जिशिअ के द्वारा मान्यता प्रमाण पत्र 07 दिवस में जारी करने की सूचना विद्यालय के लॉगईन में प्रदर्शित होगी तथा मान्यता के लिये अपात्र पायी गयी संस्थाओं को जिशिअ द्वारा 07 दिवस की अवधि के भीतर जरिये रजिस्टर्ड पत्र प्रेषित कर सूचित किया जाएगा।

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5 विद्यालयों के निरीक्षण हेतु दलों का ऑनलाइन गठन :–

5.1 संस्था द्वारा आवेदन पत्र में दी गई समस्त सूचनाओं का भौतिक सत्यापन एक दल द्वारा किया जाएगा जिसका गठन ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा, जिसकी सूचना भौतिक सत्यापन से पूर्व विद्यालय के लॉगईन में प्रदर्शित होगी।

5.2. विद्यालय द्वारा ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण कर लेने के पश्चात् ई-ग्रास के मार्फत निर्धारित शुल्क जमा करवा देने की स्थिति में स्वतः ही ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से भौतिक निरीक्षण हेतु दल गठन का कार्य सम्पन्न हो जाएगा। जिसकी सूचना विद्यालय के लॉगइन में प्रदर्शित होगी। निरीक्षण दल के प्रभारी को एस.एम.एस के द्वारा विद्यालय निरीक्षण की सूचना स्वतः ही उपलब्ध होगी।

5.3 निरीक्षण दल के प्रभारी को शालादर्पण के स्टॉफ लॉगइन में जाकर गठित दल के 02 अन्य सदस्यों से समन्वय स्थापित कर मॉड्यूल में उपलब्ध निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति को डाउनलोड कर विद्यालय में उपस्थित होकर भौतिक सत्यापन करने के उपरान्त निरीक्षण प्रतिवेदन के बिन्दुओं की पूर्ति कर लेने के पश्चात् दल प्रभारी के शाला दर्पण में उपलब्ध स्टॉफ लॉगइन में जाकर निरीक्षण प्रतिवेदन को अनुशंसा सहित अपलोड (07 दिवस) करना है। सम्बंधित विद्यालय से आवेदन प्रपत्र शुल्क की चालान की प्रति एवं समस्त वांछित दस्तावेजों की भौतिक प्रति प्राप्त कर आगामी 02 दिवस में सम्बंधित जिशिअ कार्यालय में जमा करवाया जाना सुनिश्चित करना

5.4 निरीक्षण दल के प्रभारी को उपलब्ध करवाये गये 02 कार्मिकों को उचित कारण (जिशिअ को कारण की प्रति निरीक्षण रिपोर्ट के साथ जमा करवानी है ) होने पर स्वयं प्रभारी द्वारा परिवर्तित करने की सुविधा स्टॉफ लॉगईन में उपलब्ध है। दल प्रभारी / समस्त दल के कार्मिकों को बदलने हेतु जिशिअ के माध्यम से निदेशालय को प्रार्थना पत्र अग्रेषित किया जाना है।

5.5 प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों के सत्यापन हेतु गठित दल में कुल दो सदस्य होंगे जिनमें से दल के अध्यक्ष के रूप में / अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्राशि / माशि कार्यालय जिशिअ मुख्यालय / अतिरिक्त ब्लॉक शिक्ष अधिकारी प्रथम / द्वितीय / प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय / व्याख्याता को लगाया जाएगा तथा दल के सदस्य के रूप में प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय को लगाया जाएगा।

5.6 गैर सरकारी विद्यालयों के सत्यापन हेतु गठित दल में कुल 03 सदस्य होंगे जिनमें से दल के अध्यक्ष के रूप में प्रधानाचार्य उमावि / अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्राशि / माशि कार्यालय जिशिअ मुख्यालय / समकक्ष अधिकारी एवं दल के प्रथम सदस्य के रूप में व्याख्याता / प्रधानाध्यापक मावि / समकक्ष अधिकारी एवं दल के द्वितीय सदस्य के रूप में एक लेखा संबंधित कार्मिक / मंत्रालयिक कर्मचारी लगाया जाएगा।

5.7 एक दल द्वारा अधिकतम दो गैर सरकारी विद्यालयों का सत्यापन किया जाएगा।


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6.1 सत्यापन दलों को ऑनलाइन निरीक्षण आदेश के 7 दिवस या निरीक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अतिम तिथि, जो भी पहले हो तक अनिवार्य रूप से निरीक्षण करना है। सत्यापन के बाद अगले 102 दिवस में सत्यापन रिपोर्ट संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय कार्यालय में जमा करानी होगी। निर्धारित तिथि तक निरीक्षण प्रपत्र जमा नहीं कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

6.2 निरीक्षण दलों को सामान्यतः बदला नहीं जायेगा। केवल निरीक्षण दल के सदस्यों की मृत्यु, स्थानान्तरण, पदोन्नति पर अन्यत्र कार्यग्रहण अथवा गंभीर बीमारी के कारण कार्य करने में असमर्थता की स्थिति में ही निरीक्षण दल बदला जा सकेगा। इसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निदेशालय को दी जाएगी तथा निदेशालय द्वारा तथ्यों से संतुष्ट होने की स्थिति में नये निरीक्षण दल का गठन ऑन लाइन तरीके से करना होगा।

6.3 निरीक्षण कर्ताओं द्वारा निर्धारित अवधि में आवंटित विद्यालयों का निरीक्षण कर निरीक्षण रिपोर्ट संबंधित कार्यालय में जमा करानी होगी।

6.4 विद्यालय द्वारा दी गई समस्त सूचनाओं तथा संलग्न दस्तावेजों के आधार तथ्यों का सत्यापन करना है। सत्यापन दल को सत्यापित तथ्यों एवं निर्धारित मापदण्डों के आधार पर मान्यता के संबंध में स्पष्ट अनिशेषा करनी होगी।

6.5 सत्यापन दलों से प्राप्त रिपोर्ट को निरीक्षण दल प्रभारी द्वारा तत्काल पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा एवं हॉर्डकॉपी मय पत्रावली सम्बंधित जिशिअ कार्यालय में 02 दिवस की अवधि की में जमा करवाना है।

6.6 सत्यापन दल द्वारा सत्यापित / दी गई सूचनाओं के संबंध में कोई विसंगति या भिन्न स्थिति पायी जाती है तो सत्यापन दल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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  1. मान्यता का निदेशालय / राज्य सरकार से अनुमोदन प्राप्त करना:

7.1 निरीक्षण के उपरान्त प्राप्त प्रतिवेदनों का जिला शिक्षा अधिकारी भली-भांति अध्ययन कर लें। प्रतिवेदन में दिए गए तथ्यों से पूर्ण रूप से सन्तुष्ट होने पर ऑनलाईन प्रविष्टि कर दें तथा अपना अभिमत भी दर्ज कर दें।

7.2. मान्यता के जो आवेदन पत्र अनुमोदन हेतु निदेशालय भिजवाए जाने हैं उन विद्यालयों की सूचना ऑनलाइन दर्ज कर दें तथा पत्रावलियों को तत्काल निदेशालय प्रेषित कर दें।

7.3. निदेशालय द्वारा अनुमोदन हेतु प्राप्त पत्रावलियों की सूचना ऑनलाइन दर्ज की जाएगी तथा जिन पत्रावलियों पर अनुमोदन दिया जाएगा उनकी सूचना भी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।

7.4\ यदि किसी विद्यालय के मान्यता आवेदन में एक से अधिक विकल्पों का चयन किया गया है तो राज्य सरकार से अनुमोदनोपरान्त शेष विकल्पों का अनुमोदन निदेशालय द्वारा किया जाएगा तथा प्रकरण संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को भिजवा दिया जाएगा।

अध्याय 6 ( A ) मान्यता प्रमाण-पत्र / निरस्ति प्रमाण पत्र जारी करना

8.1 जिन प्रतिवेदनों में निरीक्षण दल द्वारा मान्यता दिये जाने हेतु स्पष्ट अभिषेशा की है। तथा उनके तथ्यों से संतुष्ट होने की स्थिति में तथा जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भी मान्यता दिये जाने की अभिशषा की गयी है उन संस्थाओं / विद्यालयों को गुणावगुण एंव समीक्षा के पश्चात् निदेशालय द्वारा मान्यता दिए जाने का अनुमोदन अथवा मान्यता हेतु अपात्र किया जायेगा। मान्यता अथवा अपात्र होने की सूचना एनआईसी द्वारा पोर्टल पर एवं मैसेज द्वारा संबंधित संस्था को 4 कार्य दिवस में दिया जाना सुनिश्चित किया जायें।

8.2 ऐसे पात्र विद्यालयों के लिए आरक्षित कोष (फिक्सड डिपोजिट) का दस्तावेज तथा बालिका शिक्षा फाउण्डेशन की देय राशि का ड्राफ्ट मान्यता अनुमोदन के 7 दिवस से पूर्व अथवा मान्यता दिए जाने की अंतिम तिथि जो भी पहले है तक जमा कराने हेतु संबंधित संस्था को पत्र भेजा जाएगा।

8.3 निर्धारित तिथि तक आरक्षित कोष (फिक्सड डिपोजिट) का दस्तावेज तथा बालिका शिक्षा फाउण्डेशन की देय राशि का ड्राफ्ट प्राप्त होने पर इसकी ऑनलाइन प्रविष्टि की जाएगी। जिन संस्थाओं से निर्धारित तिथि तक यह दस्तावेज प्राप्त नहीं होते है वह विद्यालय मान्यता के लिए अपात्र हो जाएंगे। इसकी सूचना एन.आई.सी द्वारा पोर्टल पर एवं मैसेज द्वारा संबंधित संस्था को दिया जाना सुनिश्चित किया जावें।

8:4 उपरोक्त दस्तावेज के विवरण की ऑनलाईन प्रविष्टि के बाद इन विद्यालयों को मान्यता का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। यह प्रमाण पत्र ऑनलाइन प्रिंट होगा तथा जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षरों से जारी किया जाएगा।

8.5 जिन विद्यालयों कि मान्यता के लिए निदेशालय / राज्य सरकार से अनुमोदन प्राप्त करना है उन विद्यालयों को मान्यता दिए जाने की प्रक्रिया अनुमोदन प्राप्त होने के बाद प्रारम्भ की जाएगी जो उपरोक्तानुसार ही रहेगी। संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय कार्यालय द्वारा भी इनको सूचित किया जाएगा।

8.6 समस्त विद्यालयों की मान्यताऐं निर्धारित तिथि तक तथा संभव एक साथ जारी की जाएंगी। निर्धारित तिथि तक मान्यता का कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-

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जिन विद्यालयों के आवेदन को निरीक्षण के दौरान अथवा जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अथवा निदेशालय / राज्य सरकार द्वारा मान्यता दिए जाने योग्य नहीं पाया गया है उनकी सूचना पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्ट की जाए तथा इस सूचना का पत्र ऑनलाइन प्रिंट कर आवेदनकर्ता सोसाइटी को भी प्रेषित किया जाएगा।

  1. सोसायटी के पंजीयन प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति।
  2. सोसायटी के विधान की सत्यापित प्रति जिसमें सोसायटी के शैक्षिक उद्देश्यों का उल्लेख है।
  3. सोसायटी की नवीनतम रजिस्टर्ड कार्यकारिणी के सदस्यों की प्रमाणित सूची मय विभागीय प्रतिनिधि।
  4. विद्यालय नवीन मान्यता / क्रमोन्नति / नाम स्थान माध्यम परिवर्तन / अतिरिक्त माध्यम, विषय, संकाय इत्यादि के संबंध में कार्यकारिणी द्वारा लिये गये निर्णय की सत्यापित प्रति |
  5. विद्यालय को पूर्व में जारी समस्त प्रकार की मान्यताओं की सत्यापित प्रतियों (नवीन मान्यता के आवेदन में आवश्यक नहीं) ।
  6. विद्यालय भवन व खेल मैदान की भूमि विद्यालय संचालित करने वाली सोसायटी की है तो भूमि के मालिकाना हक के रजिस्टर्ड दस्तावेज की सत्यापित प्रति।
  7. विद्यालय भवन व खेल मैदान की भूमि सोसायटी की नहीं है तो रजिस्टर्ड किरायेनामे की सत्यापित प्रति ( भूमि के मालिकाना हक के दस्तावेजों सहित ) ।
  8. विद्यालय भवन व खेल मैदान की भूमि का सक्षम स्तर से संस्थानिक प्रयोजनार्थ रूपान्तरण के आदेश की सत्यापित प्रति ।
  9. विद्यालय भवन का सक्षम अधिकारी द्वारा जारी सुरक्षा प्रमाण पत्र की प्रति।
  10. विद्यालय भवन व खेल मैदान का सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित ब्लू प्रिंट नक्शे की प्रति।
  11. विद्यालय की आय-व्यय की सी.ए. द्वारा प्रमाणित गत तीन वर्षों की रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति (नवीन मान्यता के आवेदन हेतु लागू नहीं) ।
  12. विद्यालय के पाँच रंगीन फोटो जो आवेदन के साथ अपलोड किये गये है।
  13. मान्यता शुल्क का ई-ग्रास चालान।

Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया

  1. सोसाइटी के पंजीयन प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति |
  2. सोसाइटी के विधान की सत्यापित प्रति जिसमें सोसाइटी के भौतिक उद्देश्यों का उल्लेख है।
  3. विद्यालय भवन एवं खेल मैदान का सक्षम अधिकारी द्वारा जारी नवीनतम प्रमाणित ब्लू प्रिन्ट एवं नक्शे की प्रति
  4. शपथ पत्र।
  5. विद्यालय के पांच रंगीन फोटो जो आवेदन के साथ अपलोड किये गये हैं।
  6. विद्यालय का नवीनतम मान्यता प्रमाण-पत्र।

(नोट:- प्रारम्भिक एवं माध्यमिक स्तर की समस्त प्रकार की मान्यताओं के लिए)

  1. संस्था भवन में बालक-बालिकाओं के लिए पृथक-2 शौचालय व मूत्रालय एवं शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है।
  2. संस्था के प्रबन्ध मण्डल / सदस्य साम्प्रदायिक एवं राजनैतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेते हैं तथा ना ही भविष्य में भाग लेंगे।
  3. संस्था भवन में अग्नि शमन यंत्र स्थापित कर दिया गया है (रसीद संलग्न है।
  4. संस्था परिसर में किसी प्रकार का मोबाईल टॉवर लगा हुआ नहीं है।
  5. संस्था भवन व परिसर के ऊपर एवं आस-पास से विद्युत की हाई टेन्शन लाईन नहीं गुजर रही है।
  6. संस्था में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था है एवं समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाता है।
  7. संस्था द्वारा राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था (मान्यता सहायता अनुदान और सेवा शर्ते आदि) नियम, 1993 तथा बोर्ड की मान्यता संबंधी सभी भौतिक एवं वित्तीय शर्तों की पालना की जायेगी।
  8. संस्था द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 एवं राजस्थान निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 की पालना की जायेगी।
  9. संस्था में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा तथा खेलकूद, मनोरंजन की व्यवस्था की जायेगी।
  10. संस्था द्वारा राज्य सरकार / स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पाठयक्रम एवं पाठ्य पुस्तको द्वारा ही अध्ययन करवाया जायेगा।
  11. संस्था द्वारा राज्य सरकार / स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक कलैन्डर का पालन किया जायेगा।
  12. संस्था द्वारा राजस्थान विद्यालय (फीस का विनिमयन) अधिनियम, 2016 एवं राजस्थान विद्यालय (फीस का विनिमयन) नियम, 2017 की पालना की जायेगी तथा विद्यार्थियों से निर्धारित फीस ही ली जायेगी।
  13. संस्था के विरुद्ध न्यायालय में किसी प्रकार का प्रकरण विचाराधीन नहीं है तथा कोई भी विभागीय जांच लम्बित नहीं है।
  14. संस्था के आस-पास का वातावरण प्रदूषण रहित है।
  15. संस्था में सभी शिक्षक पूर्ण रूप से योग्यताधारी एवं विषयानुसार नियुक्त है।
  16. संस्था द्वारा किसी प्रकार के राज्य / विभाग के आदेशों की पालना नहीं किये जाने पर संस्था की मान्यता निरस्त कर नियमों के अन्तर्गत संस्था के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने का विभाग को पूर्ण अधिकार होगा।
  17. विद्यालय में अध्ययन करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी का प्रतिवर्ष विद्यार्थी दुर्घटना बीमा करवाया जायेगा।
  18. विद्यालय संचालन समिति द्वारा विद्यार्थियों के आवागमन हेतु वाहन सुविधा उपलब्ध करवाने की स्थिति में वाहन का पंजीकरण बाल वाहिनी के रूप में करवाया जायेगा तथा विद्यार्थियों की सुरक्षा संबंधी नियमों का पूर्ण पालन किया जायेगा।
  19. संस्था द्वारा राजस्थान विद्यालय (फीस का विनिमयन) अधिनियम, 2016 एवं राजस्थान विद्यालय (फीस का विनिमयन) नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार विद्यालय की फीस निर्धारित कर प्राईवेट स्कूल पोर्टल पर प्रविष्टि कर दी गई है / नवीन मान्यता की स्थिति में प्रविष्टि कर दी जायेगी।

(नोट:- उपरोक्त की अतिरिक्त माध्यमिक / उच्च माध्यमिक स्तर की समस्त प्रकार की मान्यताओं के लिए)

  1. संस्था में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए सिंगल सीटेड फर्नीचर उपलब्ध है।
  2. संस्था में लिपिक, पुस्तकालयाध्यक्ष एवं विषयवार प्रयोगशाला सहायकों की नियमानुसार नियुक्ति कर दी गई है।
  3. संस्था में कम्प्यूटर व इंटरनेट (ब्राडबेड) की व्यवस्था कर दी गई है।
  4. संस्था द्वारा बिना विभाग की अनुमति के उच्च कक्षायें संचालित नहीं की जायेगी।
  5. संस्था में नियुक्त अध्यापकों के वेतन से नियमानुसार पी. एफ. की कटौती की जायेगी।

यह है कि शपथ पत्र के बिन्दु संख्या…………… ………… से ………… ……… में वर्णित कथन मेरी जानकारी के अनुसार पूर्ण सत्य है।

सचिव
समिति का नाम……
समिति का रजिस्टेशन नम्बर व वर्ष

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रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव : श्री शाह आलम द्वारा कक्षा अनुभव पर लिखित एक शानदार आलेख हैं जिसमे उन्होंने कक्षा कक्ष में रीडिंग कॉर्नर को विकसित करने और इसके महत्व और रोचकता पर कक्षानुभव आधार पर शानदार विचार विमर्श दिए हैं। हमे विश्वास है कि आपको यह आलेख रोचक लगेगा और आप इस आलेख से जरूर प्रेरित होंगे और अपने विद्यालय में रोचकता बढाने के लिए रीडिंग कोर्नर अवश्य विकसित करेंगे और अपने अनुभव और इस आलेख की महता से सोशल मिडिया और अपने मित्रो को अवश्य अवगत करवाएंगे।

मुझे यह Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव लेख लिखने का विचार इसलिए आया कि, मैं अपने एसोसिएट जर्नी के दौरान मैंने इसे अपने चयनित स्कूलों में रीडिंग कॉर्नर के महत्व को समझने का प्रयास किया था। जब मै नये रोल में आया तो मुझे लगभग 50 से अधिक स्कूलों में जाने का मौका मिला और इस दौरान यह बार-बार समझाने का प्रयास कर रहा था कि पुस्तकालय है तो, परंतु प्रयोग में नहीं है ।

और कुछ स्कूलों ने तो पुस्तकालय के साथ-साथ रीडिंग कॉर्नर भी बनाई थी, किंतु उसका प्रयोग पांच स्कूलों को छोड़ सभी में शून्य था| एसोसिएट जर्नी के दौरान किये गये प्रयोगों को मैंने 6 स्कलों के शिक्षक साथियों के साथ मिलकर रीडिंग कॉर्नर बनाने का प्रयास किया और इसका प्रभाव समझने का प्रयास किया जो रोमांचित करने वाला अनुभव रहा।

रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

कुछ सवाल जो अकसर स्कूल के शिक्षक साथियों के द्वारा पूछे जाते है- “क्या स्कूल के हर कक्षा के लिए रीडिंग कॉर्नर होना आवश्यक है? जब स्कूल में पुस्तकालय होती है, तो रीडिंग कॉर्नर की जरूरत क्यों?इस पर आप क्या सोचते है! कई बार मैंने पाया कि शिक्षक साथी रीडिंग कॉर्नर बनाने को लेकर दुबिधा की स्थिति में भी रहते हैं, जैसे पुस्तकालय है तो रीडिंग कॉर्नर की क्या जरूरत है? बच्चे वहीं से पुस्तक लेकर पढ़ लेंगे, इस प्रकार के जवाब शिक्षकों के द्वारा आता है, तो ऐसी दुविधा हमारे बीच उत्पन्न ना हो इससे पहले हम समझ लें कि, रीडिंग कॉर्नर क्या है? क्या पुस्तकालय और रीडिंग कॉर्नर में कोई अंतर है भी या नहीं।

Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

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Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

रीडिंग कॉर्नर या पढ़ने का कोना, कक्षा में बच्चों के लिए एक ऐसी आनंद दायक जगह होती है, जहां बच्चे स्वयं या समूह में बैठकर स्वतंत्र रूप से पढ़ते हैं।  रीडिंग कॉर्नर कक्षा के किसी कोने में रस्सी पर कुछ किताबें टाँगते हैं, या कक्षा में उपस्थित मेज या अलमिरा पर भी किताबों रखते है जो बच्चों के स्तर के अनुकूल होती है, वही पुस्तकालय एक ऐसी जगह होती है जहां सभी कक्षाओं के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तक रखी होती हैं जहां सभी एक साथ बैठकर पढ़ रहे होते हैं| पुस्तकालय एक बड़े ऑडियंस के लिए होता है इसलिए वहां बच्चों के स्तर अनुरूप चीजों को रख पाना और ये सुनिश्चित करना कि बच्चे अपनी

अवश्यकता अनुसार कुछ पठन कर सके, ये तुलनात्मक रूप से कम हो पाता है| रीडिंग कॉर्नर पर व्यवस्थित और योजना के तहत काम करने पर शिक्षक को बच्चों के पठन कौशल को निखारने में मदद मिलती है। उनके स्तर अनुसार सामग्री उपलब्ध कराने में सहूलियत होती है, क्योंकि रीडिंग कॉर्नर बच्चों की कक्षा में ही होता है, तो उन्हें कभी भी देखने, पढ़ने की छूट होती है, बच्चे की पहुँच ज्यादा होती है। तो अब हम एक स्तर की समझ बना चुके हैं की रीडिंग कॉर्नर और पुस्तकालय में एक बारीक सा अंतर होता है, जो हमारे लिये ये जरूरी हो जाता है की हमलोग रीडिंग कॉर्नर के महत्व और इसकी जरूरत पर एक समझ बना ले।  

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रीडिंग कॉर्नर का महत्व या जरूरत जब हम प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की स्थिति को देखते हैं, तो विद्यालयों में मुस्कान पुस्तकालय स्थापित तो है किंतु बच्चों की पहुँच से दूर है| मैंने कई स्कूलों में यह भी पाया कि उनके पास पुस्तकालय स्थापित करने के लिए भवन नहीं है, तो इस स्थिति में कक्षावार रीडिंग कॉर्नर का महत्व बढ़ जाता है। मैं अपने अनुभवों के आधार पर कह सकता हूं कि जितना महत्व पुस्तकालय का है उतना ही महत्व कक्षा में रीडिंग कॉर्नर का है और बच्चों के पढ़ने लिखने में मददगार होता है जैसे-

  • विद्यार्थियों में पढ़ने लिखने की आदत का विकसित करने में सहायक।  
  • विद्यार्थियों को रचनात्मक को बाहर लाने में मदद करता है।
  • बच्चों में बाल साहित्य के प्रति रुचि बढ़ती है, जिससे वह आसानी से भाषा सीखते हैं।  
  • रोचकता से भरा रीडिंग कॉर्नर बच्चों को पढ़ने लिखने में रुचि पैदा करता है बच्चों को आकर्षित कर सकता है।

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कक्षा में रीडिंग-कॉर्नर वर्तमान में अधिकतर कक्षाओं में व्याप्त एकरसता और बोरियत को दूर करने का भी एक महत्वपूर्ण तरीका है| यह प्रक्रिया इस स्थापना को भी बल प्रदान करती है कि पढ़ना पढ़ने से ही आता है लिखना लिखने से ही आता है| इस कारण रीडिंग कॉर्नर का हमारी कक्षाओं में होना जरूरी बन जाता है|        

Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

अब तक हम सब रीडिंग कॉर्नर क्या है? इसका महत्त्व क्या है? इस पर एक स्तर की समझ बना चुकें है। अब समझने की कोशिश करते है इसके कक्षावार बनाने की प्रक्रिया क्या होगी, जिससे कक्षा में एक बेहतर रीडिंग कॉर्नर का निर्माण हो सके, जो रोचकता से भरा हो-

अपनी नई जिम्मेदारियों में मैने  सबसे पहले अकलतरा विकासखंड के कापन संकुल के प्राथमिक स्कूल महुआडीह में शकुंतला मैम के साथ मिलकर कक्षावार रीडिंग कॉर्नर बनाने की योजना बनाई| जिसमें हम दोनो लोग मिलकर ये तय किये की किताबों की संख्या कितनी होगी, बच्चो के स्तर अनुरूप किताबो का चयन कैसे

  • सबसे पहले हमलोग एक मजबूत रस्सी और काजू क्लिप को बाजार से लाये और उसे स्कूल के प्रत्येक कक्षा में लगाया गया।
  • स्कूल में आई हुई 100 दिन 100 कहानियों वाली किताबो को प्रत्येक कक्षा के स्तर अनुरूप 20- 20 किताबो का चयन किया गया साथ कुछ पुस्तक प्रथम फाउंडेशन और NCBT की कुछ पुस्तकों को रखा गया।
  • अब इन किताबो में से बच्चो ने अपने अपने पसंद की किताबो को चयन करेंगे और खुद ही रस्सी पर टाँगेगे ताकि उनमें अपनत्व की भावना विकसित हो।
  • एक रंग-बिरंगी चार्ट पेपर पर “पढ़ने का कोना” लिखकर लगाया जायेगा।
  • फिर एक रजिस्टर को रखा जायेगा जिसमें जो बच्चे एक महीने में जितने किताब पढ़ेंगे या ले जाएंगे उसको दर्ज की जायेगी ताकि ये देखा जा सके की कितने बच्चे, महीने में कितने किताब पढ़ रहे है? ठीक सत्र के अंत में देखा जायेगा की प्रत्येक बच्चों ने कितनी किताबे को पढ़ पाये।

Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

  • किताबो को कोई नहीं फाड़ेंगे।  
    • किताबो को जिसको घर ले जाना होगा तो सबसे  पहले रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करेगा और सुरक्षित उसे वापस करेगा।
    • किताबों को पढ़ने के बाद उसे स्वयं ही रीडिंग कॉर्नर में लटकाएंगे।  
    • हर दिन 30 मिनट प्रत्येक बच्चो को रीडिंग कॉर्नर से किसी भी किताब को पढ़ेंगे।
  • हर एक महीने में टांगी हुई किताबो को हटाकर फिर से कुछ नई किताबो को टांगा जायेगा।
  • किताबे किटने और फटने पर सभी बच्चों के साथ मिलकर उसकी मरम्मत की जायेगी।
  • बच्चे जब किताबे पढ़ रहे होंगे तो जो बच्चे नहीं पढ़ पा रहे होंगे तो उनकी मदद करना।
  • बच्चे किताब पढ़ने के बाद कुछ बच्चे अक्सर पुस्तक पढ़ने के बाद उल्टा-पुलट लटका देते है, उसे सीधा और सही तरीके से लटकना और बच्चों को निर्देशित करना की हर दिन पुस्तक पढ़ने के बाद सही तरीके से ही लटकाएंगे।
  • शिक्षक स्वयं भी पठन करेंगे और बच्चों के साथ बैठकर कुछ पढ़ कर सुनायेगे|

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इन्ही प्रक्रियाओ और नियमों के साथ मैने कुछ और माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों में रीडिंग कॉर्नर को बनाया जैसे प्राथमिक स्कूल खपरीडीह, प्राथमिक स्कूल घनवा, प्राथमिक स्कूल महुवाडीह, माध्यमिक स्कूल महुवाडीह  इत्यादि, में रीडिंग कॉर्नर को बनाया, जैसे-जैसे एक दो हफ्ते के बाद भी अलग अलग प्रकार की  समस्या शिक्षक साथी गिनाने लगे जो कुछ इस प्रकार था-

  • बच्चे किताबो को फाड़ रहे है।
    • वो अपने द्वारा बनाये नियम को भूल चुके है।
    • कई बच्चे किताबो को लेकर घर चले जा रहे है रजिस्टर में नाम दर्ज नहीं कराते।   
    • दो से तीन दिन बच्चे रोज-रोज किताबो को पढ़ रहे थे, लेकिन अब उतनी रुचि के साथ नहीं पढ़ते है।

इस प्रकार की समस्याये आने लगी, ये समस्या आना लाज़िम था क्योंकि बच्चो को कभी इस प्रकार से किताबे पढ़ने की आदत ही नहीं है और खासकर प्राथमिक स्कूल के बच्चो में तो ये न के बराबर दिखता है और बड़ी कक्षाओं में भी यही स्थिति है क्योंकि टेक्स्टबुक के आलावा बहुत कम बच्चे अन्य पुस्तक पढ़ते है। तो इन चुनौतियों के समाधान के लिये सभी शिक्षकों से मिलना हुआ और हम इस समस्या के समाधान के लिये क्या-क्या कर सकते है ।

इस पर चर्चा की गयी, तो सभी की एक राय बनी की शुरुवाती दिनों में तय की गयी जिम्मेदारियों को अच्छे से लागू करने की कोसिस करेंगे जो बच्चो को किताब पढ़ने के लिये रोज एक 30 मिनट की एक पीरियड होगी जिसमें बच्चे सिर्फ किताब ही पढ़ेंगे और शिक्षक जो बच्चे नही पढ़ पा रहे होंगे उनकी मदद करेंगे और बच्चो के सामने शिक्षक भी बैठकर पढ़ेंगे और उन्हे सुनायेगे।

दूसरी चीज हम लोग कोशिश करेंगे कि बच्चो को नैतिकता से संबंधित कुछ उदाहरण देकर बच्चो को किताब न फाड़ने को लेकर भावना को विकस कर सके जैसे कुछ शिक्षक साथियों ने बेहतरीन तरीका अपनाया जैसे रश्मि मैम, जब भी कोई बच्चा किताब को फाड़ता तो एक उदाहरण देती “बच्चो अगर हमारी शर्ट को कोई फाड़े तो कैसा लगेगा तो बच्चे बोले मैम बुरा लगेगा, तो जरा सोचो अपलोग किताब को फाड़ोगे तो किताब को कैसा लगेगा, तो कुछ बच्चे बोलते किताब को बुरा लगेगा तो कुछ बोले किताब रोने लगता होगा तो बताओ क्या हमें किताब फाड़ना चाहिए? तो सभी बच्चे एक स्वर में बोले नहीं “

इसका काफी सकारात्मक असर दिखा और प्राथमिक शाला खपरीडीह में अभी एक भी पुस्तक बच्चे नहीं फाड़ते है ठीक कुछ शिक्षक साथी थोडे कठोर कदम उठाये जैसे की जो किताब को फाड़ेगा उसे ही उसकी मरमत करना होगा।

पठन में रोचकता लाने के लिए भी शिक्षको ने कुछ रचनात्मक कदम उठाये जैसे कि जो पढ़ेगा उसको चॉकलेट मिलेगा कुछ शिक्षको ने बच्चो को स्माइली देने की प्रक्रिया अपनाई, धीरे-धीरे  बच्चो में जब किताब पढ़ने की आदत बनने लगी तो ये समस्याऐ थोड़ी कम हो गई और जब शिक्षक साथी विकासखंड के व्हाट्सएप समूह में साझा करने लगे तो अन्य शिक्षक साथी भी इससे प्रेरित हुए और अपने स्कूलों में भी बनाने का प्रयास किये और कुछ स्कूलों में मुझे स्वयं ही बनाना पड़ा।

जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड

ऐसे ही मुझे प्राथमिक शाला घनवा में नेहा मैम के साथ मिलकर रीडिंग कॉर्नर बनाने हेतु गया तो शिक्षक साथियों ने कहा सर हमलोग कक्षा 3,4 और 5 में बनाएंगे फिर मैने कहा मैम 1 और 2 में क्यों नहीं?, तो शिक्षक साथियों का मानना था की पहली और दूसरी कक्षा में बच्चे तो सिर्फ किताब देखते है वो कहा पढ़ पाते है|

ऐसा ही कुछ सवाल आप सभी के मन में आता होगा की पहली और दूसरी कक्षा में रीडिंग कॉर्नर की क्या जरूरत है? तो इस पर मेरा अनुभव कहता है कि जितना जरूरी अन्य कक्षाओं में है उतना ही जरूरी कक्षा पहली और दूसरी में है बशर्ते उसमें किताबो का चयन बच्चो के अनुकूल हो, तो चलिए कुछ स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा में बनाये गये रीडिंग कॉर्नर के महत्व और उसके उपयोग और महत्व को समझते है।

कक्षा पहली और दूसरी में रीडिंग कॉर्नर:-

मैं यहां प्राथमिक शाला खपरीडीह की शिक्षिका रश्मि मैम और प्राथमिक शाला महुआडीह की शिक्षिका शकुंतला कुर्रे के कक्षा 1 और 2 में किये जा रहे प्रयोगों का जिक्र जरूर करना चाहूंगा।

Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

इन दोनो शिक्षिका के साथ भी उपर बताई की नियम के साथ रीडिंग कॉर्नर बनाई गई थी और इन्हे भी वही समस्याऐ/ चुनौतियों का सामना करना पड़ा था और ये तो पहली और दूसरी के बच्चे के थे तो आप समझ सकते है इन बच्चो को संभालना कितना मुश्किल होता होगा। दोनो शिक्षिकाओ ने रीडिंग कॉर्नर के माध्यम से बच्चो को इंगेज करने में खूब इस्तेमाल किया| जिसका नतीजा ये रहा की जब मैम कक्षा में नही होती है,  तो भी बच्चो स्वत: से पुस्तको को लेकर देखते रहते है।

अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा सिर्फ देखते ही तो होंगे वो पढ़ कहाँ रहे है तो बात बिलकुल भी सही है की कक्षा 1 और 2 के बच्चो से अपेक्षा करना की वो धाराप्रवाह पढ़ लेंगे तो ये कपोल कल्पना होगी, फिर भी बच्चो का किताब के साथ जुड़ाव और पुस्तक की चित्रों को देखकर उस बातचीत करना उनके मौखिक भाषा विकास में काफी सहायक होता है तो समझते है की इन दोनों शिक्षिका ने कैसा किताबो का चयन किया।

  • कक्षा पहली के लिए सिर्फ और सिर्फ चित्रात्मक पुस्तको को रखा गया।
  • वही कक्षा दो के लिए 5 पुस्तक चित्रात्मक और 5 पुस्तक चित्रात्मक और उन चित्रों के साथ छोटे छोटे एक लाइन का वाक्य लिखा हो।
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

बस, इन्ही दो प्रकार के किताबो का चयन कर शिक्षिका ने अपनी कक्षा में लागतार प्रयोग करना शुरू की, शुरुवात के दिनो में एक-एक बच्चो के साथ बैठकर चित्र पठन करती और बच्चो से बातचीत करती, जो बच्चे पहले बिलकुल भी नहीं बोलते थे, वो धीरे धीरे बोलना शुरू किये चित्रों को पहचाना शुरू किये, ये छोटी से सफलता दिखाता है कक्षा पहली और दूसरी में रीडिंग कॉर्नर का होना कितना जरूरी है|

अगर शिक्षक साथी कक्षा पहली से बच्चो को किताबो के प्रति रुचि जागृत करेंगे तो मेरा ऐसा मानना है की कक्षा 5 तक जाते जाते बच्चे की पठन और लेखन दोनो बेहद शानदार हो सकती है। अब आपके मन में आयेगा रीडिंग कॉर्नर को लेखन से कैसे जोड़ सकते है, जी हां आप उसका इस्तेमाल रचनात्मक लेखन के रूप में कर सकते।

हम सभी जानते है कि अगर बच्चो के हाथ में पुस्तक होती है, तो वे न सिर्फ पढ़ते है, बल्कि किताब में शामिल कहानियों, कविताओ की नकल भी लिखते रहते है, जिससे सिर्फ उनके हैंडराइटिंग बेहतर होते है जबकि रचनात्मकता पीछे छूटती चली जाती है तो मैंने सोचा क्यों ना बच्चो को रचनात्मकता की ओर ले जाया जाय, तो इसका प्रयोग प्राथमिक स्कूल घनावा में कक्षा 5 के बच्चो के साथ किया जिनका लेखन भी उतना अच्छा नहीं था लेकिन सोचा अगर ये बच्चे अपनी पढ़ी किसी एक किताबों  के बारे में 4- 5 लाइन अपने अनुभवों को लिख दे तो ये सबसे बड़ी सफलता होगी|


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रीडिंग कॉर्नर का बच्चों और स्कूल पर पड़ा प्रभाव:-

  •  बच्चों में किताबों के प्रति जिमेदारी की भावना विकसित हुई।
  • बच्चों में पढ़ने लिखने की आदत का विकास विकास हुआ, जो बच्चे किताबों से दूर भागते थे, उनमें किताबों के प्रति रुचि जागृत हुई।
  • बच्चों में किताबो के प्रति स्वामित्व की भावना का विकास हुआ, जिसकी वजह से किताबों को बिना पूछे ले जाना की आदत दूर हुई, वही किताबों को फाड़ने भी बंद हुआ।  
  • जब बच्चे किताबों को अपने घर ले जाना शुरू किये तो उनमें पाया की अभिभावक भी उनके पढ़ने में  मदद करते है।
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव

अगर हम सभी शिक्षक साथी अपनी-अपनी कक्षाओं में रीडिंग कॉर्नर को बनाये और उसका इस्तेमाल करना शुरू करे तो बच्चो में किताबो के प्रति रुचि और रोचकता दोनो विकसित करने में सहायक होगी| साथ ही बच्चो की पढ़ने लिखने के स्तर में भी वृद्धि होगी। “एक कोना बच्चो के नाम” मुहिम के तहत आप सभी अपने स्कूल की कक्षाओं में एक रीडिंग कार्नर बनाने का प्रयास करेंगे। मुझे उम्मीद है आप सब इस मुहिम का हिस्सा बनना पसंद करेंगे।

पुस्तकालय हमारे स्कूल का अभिन्न हिस्सा है जिसके बिना स्कूल की संकल्पना करना मुश्किल है| पुस्तकालय बच्चों में स्वतंत्र पठन की आदतों को विकसित करने में मदद करता है, पुस्तकालय का ही एक छोटा प्रारूप कक्षाओं में पढ़ने के कोना के रूप में हमारे स्कूलों में स्थापित की जाती है जो बच्चों को पढ़ने लिखने और सीखने-सीखाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख के माध्यम से रीडिंग कॉर्नर क्या है? कैसे रोचक बना सकते हैं? इसका महत्व क्या है? यह भाषा शिक्षण सीखने और स्कूल में पढ़ने लिखने की समृद्ध वातावरण को विकसित करने में कैसे मदद करता है? इस विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास करता है।

Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव आलेख पाठशाला पुस्तक के कक्षनुभाव के पृष्ट 49 से 54 तक साभार प्राप्त हुआ हैं |

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Rise Diksha Online Training 2024 Direct Link : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षकों को प्रतिवर्ष 50 घंटे का कंटीन्यूअस प्रोफेशनल डेवलपमेंट करना अनिवार्य है| इसी के तहत CIET, एनसीईआरटी नई दिल्ली के द्वारा दीक्षा एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में जारी किए गए हैं NISHTHA ECCE के 6 कोर्स व NISHTHA FLN के 12 कोर्स प्रत्येक शिक्षक द्वारा किए जाने अनिवार्य है, इन्हें ज्वाइन करने का डाइरेक्ट लिंक नीचे👇👇 उपलब्ध है| DIKSHA Training 2024 के अंतर्गत Rise Diksha Online Course 2024 के समस्त प्रशिक्षणों के डायरेक्ट लिंक यहाँ आपकी सहायता के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं |

Rise Diksha Online Training 2024 Direct Link Nishtha Online Teacher Training Course : निष्ठा ईसीसीई और निष्ठा राजस्थान पाठ्यक्रम 2024-25 शिक्षक प्रशिक्षण

राजस्थान के राज्य शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद SCERT उदयपुर के द्वारा शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मोड्यूल 1-5 जारी किए गए हैं । इन मोड्यूल्स का प्रशिक्षण दीक्षा एप अथवा दीक्षा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण करना है ।

  • शत-प्रतिशत पूर्ण होने पर पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा
  • आपको 10 दिनों के भीतर अपना प्रमाण पत्र मिल जाएगा।
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कोर्स कैसे शुरू करें ?

इन कोर्सेज को शुरू करने के लिए आप सबसे पहले नीचे दिए गए “इंस्टॉल करें” बटन पर क्लिक करके एप को इनस्टॉल करें 👇

दीक्षा एप इनस्टॉल करने के बाद आपको login with state system का उपयोग करते हुए एप में लॉग इन करना है । कृपया ध्यान दें की लॉग इन करते समय आपको शालादर्पण की 7 अंकों वाली स्टाफ ID एवं उसका पासवर्ड काम में लेना है । अन्यथा मोबाइल / ई-मेल से लॉग इन करके कोर्स पूरा करने पर आपकी प्रगति रिकॉर्ड नहीं की जायेगी । यदि आपको लॉग इन करने में कोई समस्या आ रही हो तो आप निम्नांकित “Login with state system” बटन पर क्लिक करके अपना राज्य चुनते हुए लॉग इन करें 👇

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1️⃣प्रारंभिक 1. माध्यमिक कक्षाओं हेतु कक्षा प्रबंधन RISE Module – 1 :👇

कोर्स के प्रमुख भाग या मॉड्यूल

  • कोर्स टाइटल
  • मॉड्यूल परिचय
  • उपलब्ध संसाधन और उनका बेहतर उपयोग
  • कक्षा प्रबंधन के सहयोगी घटक
  • कक्षा-कक्ष की गतिविधियां और उनका प्रबंधन
  • कक्षा प्रबंधन की चुनौतियाँ और उनका समाधान
  • अपनी समझ को समझें
  • मॉड्यूल पश्चात परीक्षण
  • कोर्स समापन
  • योगदानकर्ता


  • प्रारम्भिक परिचय
  • मॉड्यूल का परिचय और पूर्व परख
  • विषय एकीकरण की आवश्यकता और उद्देश्य
  • समेकित शिक्षण की कारगर विधियाँ और तरीके
  • समेकित शिक्षण विधियों के लिए आवश्यक संसाधन और सामग्री
  • समेकित शिक्षण विधियों के व्यावहारिक उदाहरण-शिक्षण योजना
  • अपनी समझ को समझें
  • मॉड्यूल पश्च परख
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शाला दर्पण छात्रवृत्ति प्रभारी के कार्य और छात्रवृत्ति की प्रक्रिया

शाला दर्पण छात्रवृत्ति प्रभारी के कार्य और छात्रवृत्ति की प्रक्रिया

Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship : नमस्कार अध्यापक साथियों, आपका शाला सुगम पोर्टल पर स्वागत हैं | छात्रवृत्ति के बारे में हमारी टीम ने अध्यापक श्री पारस मल सुरग से चर्चा की और उनके द्वारा किये गये कार्यों के आधार पर उन्होंने यह आर्टिकल लिखा हैं और इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि विद्यालय में छात्रवृत्ति प्रभारी के कौन कौन से कार्य होते हैं जिन्हें पूर्ण करने अथवा करवाने से छात्रवृत्ति की प्रक्रिया आसान और प्रभावी हो सकती हैं जिससे सभी पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिल सकें और साथ ही हम यह भी जानेंगे कि हमें स्टेप वार कौन कौन से कार्य करने जिससे छात्रवृत्ति के आवेदन की प्रकिया आसन हो जाती है|

Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

इस आलेख में हर रोज नये अपडेट प्रत्येक बिंदु में जुड़ रहे हैं |

Work of Shala Darpan Scholarship Incharge शाला दर्पण छात्रवृत्ति प्रभारी के कार्य और छात्रवृत्ति की प्रक्रिया

Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

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सत्रारम्भ के कार्य : इस दौरान छात्रवृत्ति प्रभारी अपने संस्था प्रधान के साथ बैठक करके अपने विद्यालय के सभी कक्षा अध्यापक साथियों को कुछ कार्य स्वयं व कुछ कार्य विद्यार्थियों द्वारा करवाना सुनिश्चित करना होगा –

  1. सभी विद्यार्थियों का विद्यालय अभिलेख के अनुसार विवरण यथा नाम, जन्म दिनांक, लिंग, पिता का नाम आदि उनके आधार व जनाधार में होना नितांत आवश्यक हैं|
  2. सत्रारम्भ के दौरान ही प्रत्येक विद्यार्थी का किसी सरकारी बैंक में खाता खुला होना चाहिए इसके लिए सत्रारम्भ में ही विद्यार्थियों के पाबन्द कर देना चाहिए |
  3. प्रत्येक विद्यार्थी का स्वयं का खाता नम्बर उसके आधार व जनाधार से जुड़ा हुआ होना चाहिए जनाधार में सीडिंग के समय ध्यान रखा जावें कि खाता नम्बर, IFSC कोड व नाम सही हो |
    • NOTE :- अगर विद्यार्थी का बैंक में खाता खुला हुआ नहीं हैं तो उस विद्यार्थी के अभिभावक को नोटिस मैमो देकर अवगत करवाए और एक सप्ताह में विद्यार्थी का बैंक में खाता खुलवाकर व आधार जनाधार में जुड़वाकर (सीडिंग करवाकर) विद्यालय में प्रतिलिपि जमा करवाने को पाबन्द करना सुनिश्चित करवाए|
  4. यह कार्य पूर्ण होने पर शाला दर्पण के स्टाफ कॉर्नर से कक्षा अध्यापक लॉग इन से कक्षा अध्यापक विद्यार्थी का आधार व जनाधार ओथेंटिकेशन करेंगे |
    • NOTE :- अगर विद्यार्थी का आधार व जनाधार ओथेंटिकेशन में डाटा मैच नहीं करता हैं तो उस विद्यार्थी के अभिभावक को नोटिस मैमो देकर अवगत करवाए और एक सप्ताह में विद्यार्थी का आधार व जनाधार करेक्शन करवाकर विद्यालय में प्रतिलिपि जमा करवाने को पाबन्द करना सुनिश्चित करवाए|
  5. सत्रारम्भ के दौरान ही प्रत्येक विद्यार्थी को अवगत करवा देवे कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने जाति प्रमाण पत्र अगर नहीं बने हुए हैं तो बनवा लेवें और जिनके बने हुए (OBC वाले इसका नवीनीकरण करवा लेवें चूँकि ओबीसी का प्रमाण मूल एक साल के लिए मान्य हैं जबकि क्रिमिलियर में नहीं होने के शपथ पत्र के साथ इसकी दो साल के वैधता बढ़ जाती है| SC व ST के लिए नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं हैं उनके लिए जीवन भर मान्य हैं क्योंकि उनके क्रिमिलियर की बाध्यता नहीं हैं |
  6. सत्रारम्भ के दौरान ही प्रत्येक विद्यार्थी को अवगत करवा देवे कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने पिता के नाम से आय प्रमाण पत्र बनवा लेवें अगर पिता की मृत्यु हो चुकी हैं तो माता के नाम से आय प्रमाण पत्र बनवा लेवें और आय प्रमाण पत्र की मूल कोपी जमा करवानी हैं | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

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  • कक्षा 06 या उससे ऊपर की कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी के अन्य कागज़ के साथ छात्रवृत्ति के वास्ते निम्न कागज़ आप अवश्य लेंगे –
    • विद्यार्थी का जाति प्रमाण पत्र प्रतिलिपि
    • विद्यार्थी के अभिभावक का आय प्रमाण पत्र की मूल प्रति (पब्लिक नोटेरी से नोटेराइजड हो)
    • विद्यार्थी का आधार व जनाधार की प्रतिलिपि
    • विद्यार्थी का विवरण यथा नाम, जन्म दिनांक, लिंग, पिता का नाम उसकी टी. सी. के अनुसार होना चाहिए |
    • विद्यार्थी का बैंक खाता पंजिका की प्रतिलिपि (ध्यान रहे विद्यार्थी का खाता संख्या आधार व जनाधार से अवश्य जुड़ा हो| )
  • संस्था प्रधान का दायित्व रहेगा कि सत्र जुलाई के अंतिम सप्ताह तक कक्षा अध्यापक के माध्यम से निम्न कार्य अवश्य करवा लेवें –
    • छात्र प्रपत्र 9 की जानकारी
    • छात्र लाभकारी योजना जानकारी,
    • छात्र परिणाम जानकारी

कक्षा अध्यापकों को चाहिए कि उक्त जानकारी वो विभिन्न अभिलेखों से मिलान करके ही पूर्ण करें अपनी इच्छा अनुसार या मनगढ़ंत जानकारी अपडेट नहीं करें | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship shalasugam.com

  1. कक्षा – छात्र विवरण प्रविष्टि – फॉर्म 9
  2. जाति – छात्र विवरण प्रविष्टि – फॉर्म 9
  3. लिंग – छात्र विवरण प्रविष्टि – फॉर्म 9
  4. विद्वान प्रकार की स्थिति – छात्र विवरण की प्रविष्टि – फॉर्म 9
  5. आधार प्रमाणीकरण स्थिति – स्कूल/कक्षा शिक्षक प्रमाणीकरण मॉड्यूल
  6. जनआधार प्रमाणीकरण स्थिति – स्कूल/कक्षा शिक्षक प्रमाणीकरण मॉड्यूल
  7. पारिवारिक आय/करदाता स्थिति (यदि लागू हो) – लाभ योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र अधिसूचना
  8. परिणाम स्थिति – छात्रवृत्ति के लिए अंतिम कक्षा का परिणाम/कक्षा का परिणाम
  9. परिणाम प्रतिशत स्थिति – छात्रवृत्ति के लिए अंतिम कक्षा का परिणाम/कक्षा परिणाम
  10. ओबीसी श्रेणी स्थिति (यदि लागू हो) – लाभकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र अधिसूचना
  11. अस्वच्छ श्रेणी (व्यवसाय) (यदि लागू हो) – लाभ योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र अधिसूचना
  12. सैनिक प्रमाणपत्र (यदि लागू हो) – लाभकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र अधिसूचना

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  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 6,7,8 जाति अनुसूचित जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में कोई आय सीमा नहीं लेकिन आयकर दाता नहीं हो सकता अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 6,7,8 जाति अनुसूचित जन जाति (एसटी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में कोई आय सीमा नहीं लेकिन आयकर दाता नहीं हो सकता अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 6,7,8 जाति अन्य पिछड़ा वर्ग के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship shalasugam.com

अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति 👈CLICK HERE


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  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 6, 7, 8 और 9, 10 एम. बी. सी / एम. बी. सी (विशेष समूह) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,00,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए|

अक्सर यह देखा गया है कि जो पांच जातियां अति पिछड़ा वर्ग MBC या जिसे विशेष पिछड़ा वर्ग SBC के नाम से जाना जाता है उनको कई विद्यालय ओबीसी अंकित कर देते हैं या उन्हें ओबीसी की छात्रवृत्ति देते हैं, जो कि नितांत ही गलत है उसका कारण वे अक्सर यह बताते हैं कि उनका जाति प्रमाण पत्र ओबीसी का बना हुआ है।
जबकि वास्तविकता यह है कि एमबीसी या एसबीसी का जाति प्रमाण पत्र वर्तमान में बनता ही नहीं है। ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र यदि उन पांच जातियों में से किसी एक का है तो वह प्रमाण पत्र ही एमबीसी MBC का ही कार्य करती है। Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

शाला दर्पण छात्रवृत्ति प्रभारी के कार्य और छात्रवृत्ति की प्रक्रिया | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
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  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 9,10 जाति अनुसूचित जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए| Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

SHALA DARPAN SCHOLARSHIP PROBLEM SOLVING FAQ 👈CLICK HERE

  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 9,10 जाति अनुसूचित जन जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए|
  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 9,10 जाति अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए| Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 11, 12 जाति अनुसूचित जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी| केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए|

NOTE : उक्त नियम ही अनुसूचित जन जाति (एसटी) वर्ग व SBC / MBC वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लागू हैं | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार 👈CLICK HERE

  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 11, 12 जाति अनुसूचित जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • इस छात्रवृति के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों के पिछले कक्षा में अंक 60 प्रतिशत या उससे उपर होना आवश्यक हैं |
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी| केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए|
  • यह छात्रवृति केवल कक्षा 11, 12 सामान्य वर्ग के ई. बी. सी. (आर्थिक पिछड़े) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
  • इस छात्रवृति के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों के पिछले कक्षा में अंक 60 प्रतिशत या उससे उपर होना आवश्यक हैं |
  • अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी| केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
  • यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
  • विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
  • इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
  • यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
  • विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए| Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-

  • यदि परिणाम स्थिति या परिणाम प्रतिशत स्थिति चिह्न दिखा रही है तो कृपया Class Result For Scholarship मेनू पर जाएं और छात्र की परिणाम स्थिति और प्रतिशत अपडेट करें|
  • प्री/पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में सिस्टम से ऑटो अप्लाई शुरू हो जाती जब हम मेन्यूअल आवेदन नहीं करते हैं तो।
  • प्रतिदिन रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पोर्टल पर ऑटो अप्लाई सिस्टम चलेगा। इस दौरान स्कूल प्री/पोस्ट मैट्रिक प्रभारी शाला दर्पण बीएसपी लॉगिन के माध्यम से मैन्युअल रूप से आवेदन नहीं कर सकेंगे,लेकिन आवेदनों की निगरानी या सत्यापन कर सकेंगे।
  • सभी पात्र छात्र जो किसी कारणवश प्रभारी द्वारा आवेदन नहीं कर पाते हैं या आवेदन पेंडिंग है उनका आवेदन ऑटो सिस्टम द्वारा किया जाता है।
  • ऑटो अप्लाई प्रतिदिन तभी काम करेगा जब किसी विशेष योजना के लिए शेड्यूल अभी भी चल रहा हो।
  • यदि किसी स्कूल प्रभारी को लगता है कि कोई आवेदन ऑटो सिस्टम द्वारा गलत तरीके से लागू किया गया है या गलत छात्र जानकारी के साथ स्वतः लागू किया गया है तो प्रभारी आवेदन को हटा सकता है और STEP-1 : APPLY/REJECT का उपयोग करके शाला दर्पण बीएसपी प्रभारी लॉगिन के माध्यम से मैन्युअल रूप से दोबारा आवेदन कर सकता है।
  • यदि आवेदन ऑटो सिस्टम द्वारा सही ढंग से लागू किया गया है तो प्रभारी आवेदन को सत्यापित और लॉक कर सकता है।
  • कृपया किसी भी छात्र को अनावश्यक रूप से अस्वीकार न करें जब तक कि अस्वीकृति का कारण वैध न हो।
  • ऑटो सिस्टम द्वारा लागू आवेदन पूरी तरह से शाला दर्पण पोर्टल पर उपलब्ध छात्र जानकारी (छात्र प्रपत्र 9 जानकारी, छात्र लाभकारी योजना जानकारी, छात्र परिणाम जानकारी) के आधार पर होते हैं।
  • सभी लागू आवेदनों को सिस्टम द्वारा ऑटो लॉक कर दिया जाएगा यदि आवेदन करने के बाद 10 दिनों के भीतर प्रभारी द्वारा लॉक नहीं किया जाता है (मैन्युअल या ऑटो लागू) और संबंधित कार्यालय को भेज दिया जाएगा। Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

शारीरिक शिक्षकों के दायित्व अथवा जॉब चार्ट 👈CLICK HERE

  1. प्रत्येक विद्यार्थी का नियमानुसार और पूर्ण वैधता के साथ ही आवेदन करें किसी को अनावश्यक या अवांछित तरीके से लाभान्वित करने का प्रयास न करें |
  2. अगर किन्हीं छात्रों का आवेदन किसी कारण वश नहीं हो तो ऐसे छात्रों की सूची बनाकर उनके आवेदन नहीं होने का कारण दर्ज करवाकर विद्यार्थी का प्रति हस्ताक्षर अवश्य लेना चाहिए |
  3. आवेदन करते समय सभी कागज जांच ले और विद्यार्थी की जानकारी वही होनी चाहिए जो आपके विद्यालय अभिलेख में हैं |
  4. आवेदन करते समय विद्यार्थी से यह अवश्य लिखवा लेवें कि इस छात्रवृति के अलावा विद्यार्थी किसी भी प्रकार की छात्रवृति नहीं ले रहा हैं | अन्य छात्रवृति नहीं लेने का शपथ पत्र यहाँ क्लिक करें 
  5. आवेदन  को वेरीफाई करते समय अपने संस्था प्रधान को अवश्य चेक करवाए और अन्य शिक्षक साथी द्वारा क्रोस वेरिफिकेशन जरूर करवाए |
  6. विद्यार्थी के अभिभावक के आय प्रमाण पत्र में दर्ज आय व छात्र लाभकारी योजना जानकारी में दर्ज आय समान होनी चाहिए| अंत: छात्र लाभकारी योजना जानकारी में आय प्रमाण पत्र के अनुसार ही दर्ज करें और यह कार्य 20 अगस्त से पहले पूर्ण कर देवे अन्यथा बाद में छात्रवृति आवेदन शुरू होने के बाद ऑटो अप्लाई के बाद फॉर्म में अपडेट नहीं हो पाएगी | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
  7. अगर कोई विद्यार्थी किसी भी कक्षा को वापस पढ़ने के लिए कक्षा रिपिट करता हैं तो वो छात्रवृति के लिए योग्य नहीं माना जायेगा | क्योंकि छात्रवृति उसी विद्यार्थी को मिलती है जो एक कक्षा को उत्तीर्ण करके अगली कक्षा में प्रवेश लेता हो
  8. अगर किसी कारण वश किसी विद्यार्थी का फॉर्म ऑटो अप्लाई हो जाता हैं और उसके डॉक्यूमेंट कम्प्लीट नहीं हैं या वो विद्यार्थी शर्तों के अधीन नहीं है तो उसका आवेदन रिजेक्ट करके डिलीट देना चाहिए |और अगर किसी का आवेदन डिलीट होने के बाद वापस आवेदन करना हो तो कर सकते हैं |
  9. पालन हार योजना एक प्रकार की छात्रवृति नहीं हैं अंत: पालन हार योजना वाले विद्यार्थियों के भी छात्रवृति के लिए आवेदन करना होगा |
  10. अगर कोई विद्यार्थी SBC / MBC का है और उसका जाति प्रमाण पत्र एक वर्ष पुराना हो गया हैं तो उसके जाति प्रमाण पत्र के साथ नॉन क्रिमिलियर होने का स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र देना होगा | यहाँ आप अवगत हो कि  SBC / MBC के लिए अलग से प्रमाण पत्र नहीं होता हैं बल्कि उनके लिए भी OBC का प्रमाण पत्र ही बनता हैं | लेकिन उल्लेखित 5 जातियों के लिए उस प्रमाण पत्र को SBC / MBC माना जाता हैं |
  11. आय कैसे अपडेट करें ? : आप को सर्वप्रथम विद्यार्थी से आय प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा और उस आय प्रमाण पत्र में दर्ज आय को विद्यार्थी लाभकारी योजना टेब में अपडेट करनी होगी | अगर मान लीजिए आपने विद्यार्थी लाभकारी योजना टेब आय अपडेट कर दी और आवेदन में अपडेट नहीं हुई हैं तो समझ लीजिए कि यह फॉर्म आपके द्वारा आय अपडेट करने से पूर्व अप्लाई हो गया हैं अंत: वापस डाटा फेच नहीं कर पायेगा ऐसी स्थिति में अपडेट की हुई आय आवेदन में प्राप्त करने के लिए आपको अपना आवेदन डिलीट करना और होगा वापस आवेदन करना होगा |
  12. हमेशा ध्यान रखें विद्यार्थी एक वर्ष में केवल एक ही प्रकार की छात्रवृति प्राप्त कर सकता हैं | एक साथ दो या  तीन प्रकार की छात्रवृति नहीं ले सकता हैं | अंत: सदैव अपनी और छात्रवृति के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आप विद्यार्थी एक ही प्रकार की छात्रवृति लेने का शपथ पत्र या घोषणा पत्र जरूर लेवें |
  13. अगर किसी विद्यार्थी के सप्लीमेंट्री आती और वो विद्यार्थी उत्तीर्ण होकर अगली कक्षा में प्रवेश लेता हैं तो वो भी छात्रवृति के लिए पात्र होगा |
  14. एक अल्प संख्यक विद्यार्थी को OBC या अल्प संख्यक में से कोई एक छात्रवृति के लिए आवेदन करना चाहिए |
  1. उक्त सत्र में  छात्रवृति से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों की सूची अपनी पंजिका में सुरक्षित रखें |
  2. छात्रवृति से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों के सम्पर्क नम्बर और विकल्प सम्पर्क नम्बर अवश्य संधारित रखें |
  3. छात्रवृति से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म का प्रिंट निकालकर अपने पास फ़ाइल रखें |
  4. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म के साथ निम्न डोकुमेंट सुरक्षित रखें –
    • विद्यार्थी का श्रेणी अनुसार जाति प्रमाण पत्र प्रतिलिपि
    • विद्यार्थी का आय प्रमाण पत्र  की मूल कोपी (केवल मात्र 4 पृष्ठीय)
    • विद्यार्थी का आधार कार्ड प्रतिलिपिजनाधार कार्ड प्रतिलिपि
    • पिछले वर्ष की अंक तालिका प्रतिलिपि (विशेष श्रेणी हेतु उतीर्ण होने व 60% अंक का साक्ष्य )
    • विद्यार्थी की बैंक डायरी की प्रति (ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में आधार या जनाधार से ऑटो खाता संख्या प्राप्त हुई उसे जांचने के लिए)
  5. ध्यान रखें आवेदन के समय आपको सभी बच्चों ने अपने अपने कागज दिए होंगे लेकिन आपको उन्हीं बच्चों के कागज रखने हैं जिनका ऑनलाइन आवेदन आपने वेरीफाई किया हैं | अन्य के कागज  रिजेक्शन का कारण बताकर व रिजेक्ट सूची में हस्ताक्षर करवाकर लौटा देवे | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship

Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship : आर्टिकल को लिखने का उद्देश्य था कि हमारे विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक छात्रवृति प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं उनको छात्रवृति की सम्पूर्ण प्रक्रियाओं से अपडेट करवाया जा सकें | उनके छात्रवृति की सम्पूर्ण प्रक्रिया को लेकर बनने वाले सभी प्रश्नों का समाधान किया जा सकें |

विशेष : यह आलेख लिखने में हमने पूर्ण सावधानी रखी हैं फिर लेखन में त्रुटि संभव हो सकती हैं अंत: इस आलेख को सुधारने में आप हमारा सहयोग सकते हैं |

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अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति

अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति

अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship

अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship नमस्कार, अध्यापक साथियों। आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति। अर्थार्थ टीचर्स वेलफेयर फंड ट्रस्ट स्कॉलरशिप। ये स्कॉलरशिप आपके बच्चों के लिए है अगर आपके बच्चे इस छात्रवृत्ति में पात्र होते हैं तो आपके बच्चे भी उत्कृष्ट प्रकार की छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हमने संपूर्ण जानकारी का समावेश किया है। आपके लिए उपयोगी प्रपत्र फोर और कैसे आवेदन करना है आदि समस्त जानकारियां अपडेट की है। हमें उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा और आप ज्यादा से ज्यादा शिक्षक साथियों के व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पेज और अन्य जगह पर साझा करेंगे।

अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship

अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship :- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर की ओर से शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों के बेटे-बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष 7 हजार 500 रुपए तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसके लिए अजमेर बोर्ड ने पात्र शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसमें विगत 5 वर्षों से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में अध्यापन कार्य करवा रहे शिक्षक-शिक्षिका पात्र होंगे।

इसके अलावा संबंधित शिक्षक/शिक्षिका अजमेर बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के लिए कम से कम तीन बार परीक्षक के रुप में कार्य कर चुके हों। यह छात्रवृत्ति उच्च माध्यमिक अथवा समकक्ष परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए प्रदान की जाती है। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर में शिक्षकों / शिक्षिकाओं के आश्रितों को छात्रवृत्ति / आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 1965 1966 में अध्यापक कल्याण कोष न्यास की स्थापना की गई कार्यालय की निर्देश पुस्तिका अनुसार कोष का उपयोग शिक्षकों / शिक्षिकाओं तथा उनके आश्रितों की वास्तविक कठिनाईयों तथा आपत्तियों में सहायता करने के लिए किया जायेगा। इस कोष का उपयोग शिक्षकों / शिक्षिकाओं के सामूहिक कल्याण के कार्यों के लिए भी किया जा सकेगा। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship इसके उपरान्त समय-समय पर आयोजित न्यास की बैठकों में निर्णयों में संशोधन / परिवर्तन / परिवर्द्धन उपरांत वर्तमान में निम्नानुसार नियम प्रचलन में हैं :-

सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-

शिक्षक / शिक्षिका का अर्थ उस शिक्षक / शिक्षिका से है जो मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में 5 वर्ष से अध्यापन कार्य में संलग्न है तथा कम से कम 2 वर्ष तक सैकण्डरी, प्रवेशिका उच्च माध्यमिक या वरिष्ठ उपाध्याय कक्षाओं से संबंधित हों अथवा रहें हों एवं साथ ही बोर्ड की उत्तरपुस्तिका जांचने हेतु कम से कम तीन बार परीक्षक का कार्य किया हो। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship

  1. छात्रवृत्ति सेवारत शिक्षक / शिक्षिका के पुत्र / पुत्री / पत्नि / पति को ही दी जायेगी।
  2. शिक्षक / शिक्षिका की स्वयं एवं पत्नि (यदि पत्नि सेवारत हो) अथवा दिवंगत / सेवारत शिक्षक / शिक्षिका के परिवार की समस्त साधनों से वार्षिक आय 14,00,000/- (अक्षरे रू. चौदह लाख मात्र) अथवा इससे कम हो ।
  3. छात्रवृत्ति सीनियर सैकण्डरी अथवा उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर उच्च अध्ययन करने वालों को ही दी जायेगी। सैकण्डरी अथवा उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए भी छात्रवृत्ति दी जा सकती है।
  4. परिवार के कई पुत्रों / पुत्रियों में से केवल एक ही पुत्र / पुत्री को छात्रवृत्ति देय होगी। एक से अधिक आवेदन करने पर समस्त आवेदन पत्र निरस्त कर दिये जायेंगे ।
  5. छात्रवृत्ति केवल एक सत्र के लिए ही दी जावेगी तथा अगले सत्र में छात्रवृत्ति चाहने हेतु उन्हें पुनः निर्धारित प्रक्रिया में समयानुसार एवं नियमान्तर्गत आवेदन भेजना होगा तथा अनुत्तीर्ण विद्यार्थी एवं परिवार की आय रू. 14,00,000/- (अक्षरे रू. चौदह लाख मात्र) वार्षिक से अधिक होने पर छात्रवृत्ति का नवीनीकरण नहीं किया जायेगा।
  6. छात्रवृत्ति अध्यापक के परिवार की आय एवं विद्यार्थी के परीक्षाफल के आधार पर ही दी जावेगी ।
  7. छात्रवृत्ति केवल नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थी को ही 10 माह के लिए देय होगी।
  8. आवेदन पत्र ऑनलाईन भरने के पश्चात् निम्न पूर्तियां / संलग्न कर अंतिम तिथि तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय में प्रेषित किया जाना आवश्यक है।
    • विद्यार्थी की शिक्षण संस्थान द्वारा प्रमाणीकरण
    • शिक्षक / शिक्षिका की वर्तमान / अंतिम संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणीकरण ।
    • गत परीक्षा उत्तीर्ण अंकतालिका।
    • शिक्षक / शिक्षिका स्वयं की वार्षिक आय का प्रमाण पत्र ( फार्म 16 ) तथा यदि पति / पत्नि भी सेवारत है तो उनके भी आय प्रमाण पत्र / (फार्म 16 ) |
    • राशन कार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि ।
    • आवेदन पत्र में अंकित बैंक सूचना यथा नाम पूर्ण खाता सं., आई.एफ.एस.सी. कोड आदि के सत्यापन हेतु छात्र के बैंक खाते की पासबुक की प्रमाणित प्रतिलिपि अथवा एक निरस्त चैक जिसमें उक्त समस्त सूचनाऐं मुद्रित हो, संलग्न करें।
  9. उपरोक्तानुसार संलग्न के मूल आवेदन पत्र अंतिम तिथि तक निम्न पते पर पहुंच जाना चाहिए। अंतिम तिथि के उपरांत प्राप्त आवेदन पत्र निरस्त किये जा सकते है।
    सचिव
    अध्यापक कल्याण कोष न्यास
    माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर ।

10. स्वीकृत की जाने वाली छात्रवृत्ति निम्नानुसार होगी

  • महाविद्यालय, बीएसटीसी, आई.टी.आई पंचवर्षीय एलएलबी, कम्प्यूटर सांईस, सैकण्डरी अथवा समकक्ष उत्तीर्ण छात्रों को तकनीकी एवं
  • व्यावसायिक शिक्षा हेतु : 300/- प्रतिमाह
  • पॉलोटेक्नीक अथवा समकक्ष डिप्लोमा, नर्सिंग, फार्मेसी पाठ्यक्रम में अध्ययन हेतु : 450/- प्रतिमाह
  • बीएड एवं एम.एड. हेतु : 600/- प्रतिमाह
  • 4 तकनीकी एवं व्यावसायिक यथा मेडीकल, आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, एमबीए, वेटनरी, आई.आई.टी. एवं पी. एच. डी. हेतु : 750/- प्रतिमाह

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अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship

11. छात्रवृत्ति उन्हीं को दी जायेगी जिनकों किसी अन्य स्त्रोत्र से सहायता प्राप्त नहीं हो रही हो ।

  1. दिवंगत शिक्षक / शिक्षिका के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में राशि रू. 15000/- देय है।
  2. बोर्ड परीक्षा कार्य दौरान ( On Duty) असामयिक मृत्यु होनेपर राशि रू. 2,00,000/- आर्थिक सहायता देय है।
  3. गंभीर बीमारी कैंसर या स्थायी रूप से अपंग होने पर शिक्षक / शिक्षिका को एक मुश्त राशि रू. 15,000 / – की आर्थिक सहायता देय है।
  1. आवेदन पत्र मय आवश्यक दस्तावेज, शिक्षक / शिक्षिका के वर्तमान / अंतिम संस्था के प्रधान द्वारा प्रमाण पत्र तथा छात्र की शिक्षण संस्था के प्रधान द्वारा प्रमाणीकरण का प्रमाण पत्र सहित सचिव अध्यापक कल्याण कोष न्यास, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर को अग्रेषित करें।
  2. आवेदन पत्र भरने से पहले प्रत्येक बिन्दु को सावधानी पूर्वक पढना चाहिए। छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय होने के पश्चात् भी गलत सूचना पर अनुज्ञा तुरन्त निरस्त की जा सकेगी।
  3. अपूर्ण, अधूरा विवरण या निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा । अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
  4. छात्रवृत्ति की राशि सीधे ही विद्यार्थी के व्यक्तिगत बैंक खाते में जमा कराई जायेगी। अतः विद्यार्थी स्वयं के नाम से अपना खाता “Electronic Clearing System” की किसी बैंक में खुलवायें।

अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship हेतु बोर्ड की वेबसाईट www.rajeduboard.rajasthan.gov.in

  • अध्यापक कल्याण कोष न्यास के अन्तर्गत बोर्ड में परीक्षक के रूप में कार्यरत / परीक्षक क्रमांकधारी शिक्षकों / शिक्षिकाओं के आश्रितों को छात्रवृत्ति के लिए मा.शि.बो. राजस्थान, अजमेर द्वारा जारी ऑनलाईन आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। आवेदन पत्र के पीछे मुद्रित निर्देशों की पूर्णतः पालना की जाए। नमूना आवेदन पत्र बोर्ड की उक्त वेबसाईट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
  • आवेदन पत्र भरने से पूर्व संबंधित समस्त सूचनाएँ एकत्रित कर अपने साथ रखें।
  • ऑनलाईन आवेदन भरते समय जो सूचनाएँ स्क्तः भरी हुई प्रिन्ट होती हैं, उनमें कोई संशोधन नहीं हो पाएगा आवेदन पत्र केवल अंग्रेजी (CAPITAL LETTERS) में ही भरा जाए।

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  1. लॉग इन :- सर्वप्रथम आवेदन लॉग इन पेज पर दिये गये निर्देशों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें। आवेदक सुविधा के लिए लॉग इन पेज पर दिये गये प्रपत्र आवश्यकतानुसार प्रिन्ट कर सकते हैं। आवेदन परीक्षक अपनी Employee ID व मोबाईल नम्बर भरकर लॉग इन करें। किन्तु यदि परीक्षक का मोबाईल नं. बोर्ड में पंजीकृत नहीं हैं तो निर्देशानुसार वांछित सूचनाएं ऑनलाईन उपलब्ध कराकर मोबाइल नं. पंजीकृत करवायें।
  2. अगर आप पहली बार लॉग इन कर रहे हैं तो लॉग इन के तुरन्त बाद आपको Fill Registration Form का लिंक मिलेगा जिस पर क्लिक करने से Registration Form खुलेगा जिसे भरने के लिए नीचे दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन करें| (पूरी जानकारी भरने के पश्चात आवेदक सेव (Save) बटन पर क्लिक करें।)
  3. Check Registration Form :- इस लिंक पर क्लिक करने पर आवेदक द्वारा भरी गई जानकारियां प्रदर्शित होंगी। आवेदक इस फार्म को प्रिन्ट लेकर सुनिश्चित कर लें कि फार्म में भरी गई सम्पूर्ण जानकारियां सही हैं।
  4. अगर भरी गई जानकारी में सुधार आवश्यक हो तो Update Registration Form (If required) के लिंक पर क्लिक करें | पुनः Registration Form खुलेगा, आवेदक आवश्यकतानुसार सुधार कर अपडेट का बटन पर क्लिक करें। जानकारी अपडेट हो जायेगी ।
  5. अगर आप आश्वस्त हैं कि आपके द्वारा भरी गई सभी जानकारियां सही हैं तो Lock Registration Form पर क्लिक करें (ध्यान रहे कि इस लिंक पर क्लिक करने के पश्चात् कोई सुधार नहीं कर पायेंगें, गलत जानकारी पर आवेदन पत्र निरस्त होने की जिम्मेदारी आवेदक की स्वयं की होगी)
  6. Final Registration Form इस लिंक पर क्लिक करने पर जो प्रपत्र खुलेंगें उन्हें प्रिन्ट करें। आवेदन पत्र रिक्त प्रमाण पत्र यथा शिक्षक / शिक्षिका का वर्तमान नियन्त्रण से प्रमाण पत्र एवं विद्यार्थी का वर्तमान शिक्षण संस्थान के प्रमाण पत्र पर संबंधित के हस्ताक्षर मय सील के प्रमाणित करवाकर बोर्ड में भेजे जाने हैं।
  7. प्रिन्ट किये गये सभी प्रपत्र तथा आवश्यक प्रपत्र निर्देशानुसार संलग्न कर तय दिनांक तक बोर्ड में व्यक्तिगत / डाक द्वारा प्रेषित करें तथा इसकी एक फोटोप्रति अपने पास सुरक्षित रखें।
    नोट : प्रथम बार फार्म भरने के पश्चात अगर आप पुनः लॉग इन हो रहे है तो बिन्दु संख्या 3 से निर्देशों का पालन करें।

Instructions and Downloads ↓

Before fill online Registration form please read Instructions Carefully

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राजस्थान सरकार कर्मचारी ट्रांसफर पॉलिसी 2024

राजस्थान सरकार कर्मचारी ट्रांसफर पॉलिसी 2024

Rajasthan Transfer Policy 2024 (राजस्थान ट्रांसफर पॉलिसी 2024, / राजस्थान स्थानान्तरण पॉलिसी 2024 : राजस्थान में 3 साल से पहले नहीं होगा तबादला:कर्मचारी को 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में करनी होगी नौकरी; बनेगी ट्रांसफर पॉलिसी Rajasthan Transfer Policy 2024 सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, नई पॉलिसी हुई जारी यहाँ से करे आवेदन राज्य चलाने वाले लोग इस बारे में नए नियम बना रहे हैं कि वे श्रमिकों को विभिन्न स्थानों पर कैसे ले जाएं। इन नियमों का उपयोग हर बार तब किया जाएगा जब किसी को नई नौकरी के स्थान पर जाने की आवश्यकता होगी ।

केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए अलग-अलग जगहों पर जाने का नियम बनाने जा रही है। वे इस नियम पर काम करना शुरू कर रहे हैं इस नियम के लिए सरकार ने कुछ निर्देश दिये हैं निर्देशों के मुताबिक राज्य कर्मचारियों को 3 साल से पहले दूसरी जगह नहीं भेजा जा सकता इस पॉलिसी में कुछ अन्य नियम भी हैं ।

Rajasthan Transfer Policy 2024 (राजस्थान ट्रांसफर पॉलिसी 2024, / राजस्थान स्थानान्तरण पॉलिसी 2024
Rajasthan Transfer Policy 2024 (राजस्थान ट्रांसफर पॉलिसी 2024, / राजस्थान स्थानान्तरण पॉलिसी 2024

Rajasthan Transfer Policy 2024

Rajasthan Transfer Policy 2024 राजस्थान सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग ने राजकीय अधिकारियों / कर्मचारियों के स्थानान्तरण संबंधी प्रस्तावित Rajasthan Transfer Policy 2024 के संबंध में दिशा-निर्देश दिनांक 04.04.2024 को आयोजित बैठक में मुख्य सचिव महोदय द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार राज्य के समस्त राजकीय विभागों /उपक्रमों/ बोर्ड / निगमा व अन्य समस्त स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों के स्थानान्तरण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी पूर्वानुमय एवं यथासंभव एकरूप बनाये रखने की दृष्टि से इस विभाग द्वारा तैयार किये गये स्थानान्तरण संबंधी प्रस्तावित Rajasthan Transfer Policy 2024 / सामान्य दिशा-निर्देश जारी किये है |

समस्त विभाग इन दिशा-निर्देशों को यथासंभव समाहित करते हुए अपनी विशिष्ट विभागीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं के स्तर पर स्टेकहोल्डर्स / लाभार्थियों / कर्मचारियों के मुख्य प्रतिनिधियों से चर्चा कर एक माह में विभाग की Rajasthan Transfer Policy 2024 / दिशा-निर्देश तैयार कर सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरांत प्रशासनिक सुधार विभाग को भिजवाने की बात कही।
साथ ही स्थानान्तरण संबंधी एक वृहद् Online पोर्टल सृजित किये जाने हेतु समस्त विभाग अपनी विभागीय आवश्यकताओं एवं वांछित तकनीकी प्रावधानों से अविलम्ब सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग निर्देश जारी किये।

स्थानान्तरण संबंधी प्रस्तावित दिशा-निर्देश

Rajasthan Transfer Policy 2024 राज्य के समस्त राजकीय विभागों / उपक्रमों/ बोर्ड / निगमों व अन्य समस्त स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों के सेवा काल के दौरान किये जाने वाले स्थानान्तरण को सरल, पारदर्शी, एक निश्चित समय अवधि एवं एकरूपता बनाये रखने की दृष्टि से निम्नानुसार दिशा-निर्देश जारी किये जाते है:-

(I) उक्त दिशा-निर्देश निम्नांकितों पर लागू होंगे :-

  1. स्थानान्तरण दिशा-निर्देश / Rajasthan Transfer Policy 2024 समस्त राजकीय विभागों / उपक्रमों/ बोर्ड / निगमों व अन्य समस्त स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत राजपत्रित / अराजपत्रित समस्त लेवल एवं संवर्गों के कर्मचारियों पर लागू होंगे।
  2. यह दिशा-निर्देश केवल प्रशिक्षण काल ( Probationary period) को सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले राजकीय कार्मिकों पर ही लागू होंगे, अर्थात् प्रशिक्षण काल के दौरान कार्मिकों का स्थानान्तरण नहीं किया जा सकेगा।

(II) उक्त दिशा-निर्देश निम्नांकितों पर लागू नहीं होंगे :-

  1. राज्यपाल सचिवालय 2. विधानसभा सचिवालय 3. राज्य निर्वाचन आयोग

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(III) Rajasthan Transfer Policy 2024 के अनुसार स्थानान्तरण प्रक्रिया

  1. विभाग स्थानान्तरण नीति / Rajasthan Transfer Policy 2024 का अपने विभागीय अधिकारियों / कर्मचारियों की स्टेकहोल्डर्स/लाभार्थियों के मुख्य प्रतिनिधिगण से चर्चा उपरांत स्वयं के स्तर पर उक्त दिशा-निर्देशों को सम्मिलित करते हुये सृजन करेगा। विभाग द्वारा सृजित स्थानान्तरण नीति सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरांत प्रशासनिक सुधार विभाग को सहमति हेतु भिजवायी जावेगी । प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय से अनुमोदन प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा।
  2. सभी विभागों द्वारा काउंसलिंग के माध्यम से स्थानान्तरण किये जाने योग्य पद एवं स्थान / जिले में संभाव्य रिक्त पदों का विवरण प्रति वर्ष 15 जनवरी तक अपनी वेबसाइट / नोटिस बोर्ड पर प्रकटन / प्रकाशन किया जावेगा। विभागीय स्तर पर प्रशासनिक आधार पर भरे जाने वाले पदों को नोटिफाई करने की आवश्यकता नहीं है।
  3. विभागों के स्तर पर तैयार नीति / दिशा-निर्देशों / Rajasthan Transfer Policy 2024 में राजपत्रित / अराजपत्रित कार्मिकों के भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं व महत्व को ध्यान में रखते हुए सुसंगत प्रावधान करते हुए नीति एवं पोर्टल में पृथक-पृथक व्यवस्था रखी जावे ।
  4. विभागानुसार कार्यरत कर्मचारियों की संख्या को देखते हुए A एवं B केटेगरी/श्रेणी बनाकर जिन विभागों में दो हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उन विभागों को A श्रेणी में रखा जावे तथा दो हजार से कम कार्मिकों वाले विभागों को B श्रेणी में रखा जावे। प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा विभिन्न विभागों के सुझावों एवं विचार विमर्श उपरांत स्थानान्तरण हेतु ये गाइडलाइन्स तैयार की गई है। A श्रेणी के विभागों को प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन्स को समाहित करते हुए अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं के स्तर पर स्टेकहोल्डर्स / लाभार्थियों / कर्मचारियों के मुख्य प्रतिनिधियों से चर्चा कर एक माह में स्थानान्तरण नीति तैयार कर सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरांत प्रशासनिक सुधार विभाग को भिजवाई जावे तथा B श्रेणी के विभागों को प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्थानान्तरण नीति बनाई जावे। हालांकि B श्रेणी के विभाग भी अपने विभाग की विशिष्टता / परिस्थितियों के अनुसार प्रस्तावित सुझावात्मक स्थानान्तरण नीति में आवश्यक बदलाव कर सकेंगे।
  5. कार्मिकों का स्थानान्तरण समकक्ष पदों पर ही किया जावे। उच्च / निम्न पदों पर नहीं किया जावे । Rajasthan Transfer Policy 2024
  6. विभाग में कार्यरत अधिकारी / कर्मचारी को सेवाकाल में कम से कम दो वर्ष के लिए ग्रामीण क्षेत्र में स्थित कार्यालयों में विभागीय समकक्ष पदों पर आवश्यक रूप से पदस्थापित रखा जावे। जिन विभागों में ग्रामीण क्षेत्र में कार्यालय / पद नहीं है, उन पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा।
  7. विभाग द्वारा DOIT से संपर्क कर अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप Online पोर्टल का सृजन करवाया जावेगा।
  8. DOIT द्वारा विभागों के प्रस्तावों के अनुरूप तकनीकी प्रावधान करते हुए एक वृहद Online पोर्टल सृजित किया जावेगा। 1 जनवरी से 30 जनवरी तक पोर्टल / वेबसाइट पर स्थानान्तरण हेतु उपलब्ध रिक्त पदों / संभाव्य रिक्त पदों को दर्शित किया जायेगा। स्थानान्तरण के इच्छुक कार्मिकों को उक्त निर्धारित प्रारूप में ऑनलाईन पोर्टल के द्वारा प्रतिवर्ष 1 फरवरी से 28 फरवरी तक अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन-पत्र के अभाव में स्थानान्तरण पर विचार नहीं किया जावेगा।
  9. स्थानान्तरण आवेदन-पत्र प्राप्त होने पर विभाग द्वारा इच्छित जिला / स्थान जैसी भी स्थिति हो, स्थानान्तरण हेतु उपरोक्त दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए 1 मार्च से 31 मार्च तक In Person Counseling के माध्यम से कार्यवाही की जावेगी। अधिकतम 30 अप्रेल तक स्थानान्तरण आदेश जारी कर दिये जायेंगे। आवेदन करने वाले कार्मिकों को ही Counseling में सम्मिलित किया जा सकेगा।
  10. विभाग द्वारा Counseling की कार्यवाही में स्थानान्तरण करने हेतु सर्वप्रथम प्राथमिकता से दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, पति-पत्नी प्रकरण व असाध्य रोग से पीड़ित आवेदकों एवं शहीद के आश्रित सदस्य, दूरस्थ जिलों/ डार्क जोन / हार्ड एरिया में नियत अवधि तक कार्यरत कार्मिकों को बुलाया जावेगा। तदउपरांत शेष रहे आवेदकों को Counseling में बुलाकर उनकी पारिवारिक परिस्थितियों एवं अन्य महत्वपूर्ण आधारों को ध्यान में रखते हुए गुणावगुण पर विभाग के समक्ष स्तर से निर्णय लिया जाकर स्थानान्तरण किये जाएंगे।
  11. निम्नांकित असाध्य रोग से स्वयं, पति/पत्नी पीड़ित होने पर प्राथमिकता दी जावेगी ।
    • दुर्बल बीमारियां (Debilitating Disorders) जैसे कैंसर, गुर्दा प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) ह्रदय शल्य चिकित्सा-ओपन हार्ट सर्जरी / बाईपास सर्जरी (Heart Surgery-Open Heart/Bypass) तथा डायलिसिस (Dialysis)
    • किसी को गुर्दा (Kidney) या यकृत (Liver) का दान किया गया हो-ऑपरेशन से प्रथम तीन वर्षों के लिए।
    • मनोचिकित्सा रोग (Psychiatric Mental Health Issue)
    • लकवा (Paralysis)
    • स्थायी निशक्तता (Permanent Disability)
    • अंधापन (Blindness)
    • मूक एवं बधिर (Deaf and Dumb )
    • मानसिक निशक्तता (Mentally Challenged Children) स्वलीन (Autism) अथवा बहुआयामी निशक्तता
  12. स्थानान्तरण करने वाले प्राधिकारी को इस तथ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक होगा कि किसी स्थानान्तरण से कोई कार्यालय कार्मिक रहित ना हो जाए, अर्थात् एकल कार्मिक वाले कार्यालयों को उचित रिप्लेसमेंट मिलने पर ही स्थानान्तरण किया जावे।
  13. विभाग द्वारा Counseling से संबंधित दस्तावेजों / रिकार्ड को सुरक्षित रखा जावेगा। 14. दूरस्थ जिलों / डार्क जोन / हार्ड एरिया में कार्यरत कार्मिकों को गुणावगुण पर समीक्षा के आधार पर एक निश्चित सेवा अवधि उपरांत इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण हेतु प्राथमिकता दी जावे। दूरस्थ जिलों / डार्क जोन / हार्ड एरिया का चिन्हिकरण / निर्धारण अधिक संख्या में रिक्त रहने वाले पदों की स्थिति, विषम परिस्थितियों एवं विभाग द्वारा निर्धारित अन्य मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए विभाग के द्वारा सक्षम स्तर पर किया जावे।

(IV) Rajasthan Transfer Policy 2024 के अनुसार स्वयं के आवेदन पर स्थानान्तरण

कार्मिक स्थानान्तरण हेतु आवेदन वर्तमान पदस्थापन की दिनांक से 2 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर ही कर सकेगा। 2 वर्ष पूर्ण की गणना प्रति वर्ष की 1 अप्रेल को माना जायेगा, अर्थात् किसी वर्ष विशेष में 1 अप्रेल को 2 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले कार्मिक उक्त वर्ष में आवेदन कर सकेगा। परन्तु निम्नांकित विशेष श्रेणियों के कार्मिक 2 वर्ष की अवधि से पूर्व भी स्थानान्तरण हेतु आवेदन कर सकेंगे:-

  1. दिव्यांगजन
  2. विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला
  3. निम्नांकित मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित असाध्य रोग से पीड़ित होने पर (स्वयं, पति-पत्नी, आश्रित संतान एवं माता-पिता)
    • दुर्बल बीमारियां (Debilitating Disorders) जैसे कैंसर, गुर्दा प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) हृदय शल्य चिकित्सा-ओपन हार्ट सर्जरी / बाईपास सर्जरी (Heart Surgery Open Heart / Bypass) तथा डायलिसिस (Dialysis )
    • किसी को गुर्दा (Kidney) या यकृत (Liver) का दान किया गया हो- ऑपरेशन से प्रथम तीन वर्षों के लिए।
    • मनोचिकित्सा रोग (Psychiatric Mental Health issue)
    • लकवा (Paralysis)
    • स्थायी निशक्तता (Permanent Disability)
    • अंधापन (Blindness).
    • मूक एवं बधिर (Deaf and Dumb )
    • मानसिक निशक्तता (Mentally Challenged Children), स्वलीन (Autism) अथवा बहुआयामी निशक्तता
  4. भूतपूर्व सैनिक
  5. उत्कृष्ट खिलाड़ी
  6. पति – पत्नी, जो अलग-अलग जगह पदस्थापित हों तो जहाँ तक संभव हो उन्हें एक जिले में जैसी भी स्थिति हो, स्थानान्तरित किया जाये।
  7. शहीद के आश्रित परिवार का सदस्य होने की स्थिति में
  8. दूरस्थ जिलों / डार्क जोन / हार्ड एरिया में कार्यरत कार्मिकों जिन्होंने नियत अवधि तक कार्यकाल पूर्ण कर लिया है। Rajasthan Transfer Policy 2024

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(v) प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण

कार्मिकों को एक ही स्थान पर कार्यरत रहते हुए 3 वर्ष या अधिक का समय हो गया हो तो प्रशासनिक आधार पर उसका स्थानान्तरण किया जा सकेगा, परन्तु 3 वर्ष की अवधि से पूर्व स्थानान्तरण निम्नांकित परिस्थितियों में ही किया जा सकेगा:-

  1. कार्मिक के खिलाफ ऐसी गंभीर शिकायत हो, जो प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्टयाः सही पाई गई हो।
  2. कार्मिके के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही विचाराधीन होने पर अन्यत्र स्थानान्तरण किया जा सकेगा, ताकि कार्मिक द्वारा जांच को प्रभावित नहीं किया जा सके।
  3. कर्मचारी की पदोन्नति होने पर जहां तक सम्भव हो, पदोन्नत कर्मचारी को रिक्त स्थान पर पदस्थापित किया जावेगा।

(vi) स्थानान्तरण हेतु विशेष प्रकरण

प्रस्तावित स्थानान्तरण नीति / Rajasthan Transfer Policy 2024 / विभागों द्वारा तैयार स्थानान्तरण नीति में जिन श्रेणियों के स्थानान्तरण का विवरण समाहित है, उनसे पृथक भी यदि कोई प्रशासनिक रूप से अथवा अन्य प्रकार से विशिष्ट प्रकृति के प्रकरण प्रस्तुत हों तो ऐसे विशिष्ट प्रकृति वाले स्थानान्तरण प्रकरणों को नीति में निर्धारित समयावधि की बाध्यता से मुक्त रखा जावेगा। ऐसे प्रकरणों का स्थानान्तरण सक्षम अनुमोदन उपरांत वर्ष में कभी भी किया जा सकेगा । Rajasthan Transfer Policy 2024

  1. कार्मिक का एक विभाग से दूसरे विभाग में अन्तर्विभागीय समायोजन होने की स्थिति में अथवा किसी विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आने पर उक्त कार्मिक को विभाग में उपलब्ध रिक्त पद पर पदस्थापित किया जा सकेगा।
  2. न्यायिक प्रकरणों के मामले में।
  3. पद की समाप्ति अथवा कर्मचारी की पदावनति होने की स्थिति में ।
  4. नव नियुक्त कार्मिकों को यथा सम्भव विभाग में उपलब्ध रिक्त पदों पर पदस्थापित किया जा सकेगा।
  5. APO प्रकरणों में स्थानान्तरण / पदस्थापन प्रशासनिक सुधार विभाग की पूर्व सहमति से ही किया जावे। कार्मिक को पदस्थापन आदेश की प्रतीक्षा (APO) में रखे जाने के बाद उसका पदस्थापन पूर्व पदस्थापित स्थान पर नहीं किया जाकर उसे यथा सम्भव किसी अन्य रिक्त पद पर पदस्थापित किया जावेगा।

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(VII) सामान्य दिशा-निर्देश

कार्मिकों के स्थानान्तरण (काउंसलिंग एवं स्वयं के आवेदन / प्रशासनिक कारण से) प्रतिवर्ष 1 फरवरी से 30 अप्रेल की अवधि में दिशा-निर्देशों / Rajasthan Transfer Policy 2024 के बिन्दु संख्या (II) स्थानान्तरण प्रक्रिया के बिन्दु संख्या 8 व 9 में वर्णित तिथियों / समय सीमा के अनुरूप किये जा सकेंगे। स्थानान्तरण करते समय निम्नानुसार सामान्य निर्देशों की पालना की जावेगी । Rajasthan Transfer Policy 2024

  1. किसी कार्मिक की सेवानिवृत्ति में 1 वर्ष या इससे कम अवधि रह गई हो तो उसका स्थानान्तरण किसी भी परिस्थिति में नही किया जायेगा, परन्तु यदि कार्मिक स्वयं स्थानान्तरण का इच्छुक हो तो स्थानान्तरण किया जा सकेगा।
  2. कार्मिक का किसी स्थान से स्थानान्तरण होने के बाद उसी स्थान पर 2 वर्ष पूर्व पुनः स्थानान्तरित / पदस्थापित नहीं किया जा सकेगा।
  3. यह सुनिश्चित किया जावे कि किसी विभाग में एक कार्मिक एक ही कार्यालय / अनुभाग में लगातार पांच वर्ष से अधिक पदस्थापित नहीं रहे। पांच वर्ष पश्चात् स्थान बदलने की अनिवार्यता का प्रावधान नहीं है, परन्तु कार्यालय अथवा अनुभाग से पांच वर्ष के निरन्तर ठहराव के पश्चात् आवश्यक रूप से कार्मिक का स्थानान्तरण कर दिया जावे। कार्मिक के स्वयं के आवेदन पर स्थान परिवर्तन किया जा सकता है।
  4. कार्मिक का स्थानान्तरण समान पद पर ही किया जाये। किसी अन्य पद के विरुद्ध स्थानान्तरण नहीं किया जा सकेगा।
  5. कार्यव्यवस्थार्थ को आधार बनाकर कार्मिक का स्थानान्तरण नहीं किया जा सकेगा। यदि स्थानान्तरण करना आवश्यक हो तो प्रशासनिक सुधार विभाग की पूर्व अनुमति से ही स्थानान्तरण किया जा सकेगा।
  6. अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थापित कार्मिकों के स्थानान्तरण के मामलों में प्रचलित नियम / आदेश / निर्देश यथावत् लागू रहेंगे।
  7. अनुसूचित क्षेत्र से गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानान्तरण के मामलों में विद्यमान नियम / आदेश / निर्देश यथावत् लागू रहेंगे।

(VIII) Rajasthan Transfer Policy 2024 के अनुसार पर्यवेक्षण

  1. स्थानान्तरण उपरोक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किए जायेंगे। दिशा-निर्देशों के विपरीत यद कोई विभाग, उपक्रम, बोर्ड, निगम एवं अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं द्वारा कार्मिकों के स्थानान्तरण किए जाने पर उक्त स्थानान्तरण को निरस्त करने के साथ-साथ स्थानान्तरण करने वाले अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जावेगी ।
  2. इस संबंध में प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों द्वारा संबंधित विभाग का निरीक्षण करते समय परीक्षण करेंगे कि विभाग द्वारा स्थानान्तरण राज्य सरकार द्वारा जारी उक्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही किए गये हैं। जिन मामलों में निर्देशों की अवहेलना दृष्टिगत हो, उसकी सूचना संबंधित अधिकारी के पूर्ण विवरण सहित प्रशासनिक सुधार विभाग एवं संबंधित प्रशासनिक विभाग को प्रेषित करेंगे। स्थानान्तरण दिशा-निर्देशों की अवहेलना को गंभीरता से लिया जावेगा।

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