राजस्थान सरकार कर्मचारी ट्रांसफर पॉलिसी 2024

राजस्थान सरकार कर्मचारी ट्रांसफर पॉलिसी 2024

Rajasthan Transfer Policy 2024 (राजस्थान ट्रांसफर पॉलिसी 2024, / राजस्थान स्थानान्तरण पॉलिसी 2024 : राजस्थान में 3 साल से पहले नहीं होगा तबादला:कर्मचारी को 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में करनी होगी नौकरी; बनेगी ट्रांसफर पॉलिसी Rajasthan Transfer Policy 2024 सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, नई पॉलिसी हुई जारी यहाँ से करे आवेदन राज्य चलाने वाले लोग इस बारे में नए नियम बना रहे हैं कि वे श्रमिकों को विभिन्न स्थानों पर कैसे ले जाएं। इन नियमों का उपयोग हर बार तब किया जाएगा जब किसी को नई नौकरी के स्थान पर जाने की आवश्यकता होगी ।

केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए अलग-अलग जगहों पर जाने का नियम बनाने जा रही है। वे इस नियम पर काम करना शुरू कर रहे हैं इस नियम के लिए सरकार ने कुछ निर्देश दिये हैं निर्देशों के मुताबिक राज्य कर्मचारियों को 3 साल से पहले दूसरी जगह नहीं भेजा जा सकता इस पॉलिसी में कुछ अन्य नियम भी हैं ।

Rajasthan Transfer Policy 2024 (राजस्थान ट्रांसफर पॉलिसी 2024, / राजस्थान स्थानान्तरण पॉलिसी 2024
Rajasthan Transfer Policy 2024 (राजस्थान ट्रांसफर पॉलिसी 2024, / राजस्थान स्थानान्तरण पॉलिसी 2024

Rajasthan Transfer Policy 2024

Rajasthan Transfer Policy 2024 राजस्थान सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग ने राजकीय अधिकारियों / कर्मचारियों के स्थानान्तरण संबंधी प्रस्तावित Rajasthan Transfer Policy 2024 के संबंध में दिशा-निर्देश दिनांक 04.04.2024 को आयोजित बैठक में मुख्य सचिव महोदय द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार राज्य के समस्त राजकीय विभागों /उपक्रमों/ बोर्ड / निगमा व अन्य समस्त स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों के स्थानान्तरण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी पूर्वानुमय एवं यथासंभव एकरूप बनाये रखने की दृष्टि से इस विभाग द्वारा तैयार किये गये स्थानान्तरण संबंधी प्रस्तावित Rajasthan Transfer Policy 2024 / सामान्य दिशा-निर्देश जारी किये है |

समस्त विभाग इन दिशा-निर्देशों को यथासंभव समाहित करते हुए अपनी विशिष्ट विभागीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं के स्तर पर स्टेकहोल्डर्स / लाभार्थियों / कर्मचारियों के मुख्य प्रतिनिधियों से चर्चा कर एक माह में विभाग की Rajasthan Transfer Policy 2024 / दिशा-निर्देश तैयार कर सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरांत प्रशासनिक सुधार विभाग को भिजवाने की बात कही।
साथ ही स्थानान्तरण संबंधी एक वृहद् Online पोर्टल सृजित किये जाने हेतु समस्त विभाग अपनी विभागीय आवश्यकताओं एवं वांछित तकनीकी प्रावधानों से अविलम्ब सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग निर्देश जारी किये।

स्थानान्तरण संबंधी प्रस्तावित दिशा-निर्देश

Rajasthan Transfer Policy 2024 राज्य के समस्त राजकीय विभागों / उपक्रमों/ बोर्ड / निगमों व अन्य समस्त स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों के सेवा काल के दौरान किये जाने वाले स्थानान्तरण को सरल, पारदर्शी, एक निश्चित समय अवधि एवं एकरूपता बनाये रखने की दृष्टि से निम्नानुसार दिशा-निर्देश जारी किये जाते है:-

(I) उक्त दिशा-निर्देश निम्नांकितों पर लागू होंगे :-

  1. स्थानान्तरण दिशा-निर्देश / Rajasthan Transfer Policy 2024 समस्त राजकीय विभागों / उपक्रमों/ बोर्ड / निगमों व अन्य समस्त स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत राजपत्रित / अराजपत्रित समस्त लेवल एवं संवर्गों के कर्मचारियों पर लागू होंगे।
  2. यह दिशा-निर्देश केवल प्रशिक्षण काल ( Probationary period) को सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले राजकीय कार्मिकों पर ही लागू होंगे, अर्थात् प्रशिक्षण काल के दौरान कार्मिकों का स्थानान्तरण नहीं किया जा सकेगा।

(II) उक्त दिशा-निर्देश निम्नांकितों पर लागू नहीं होंगे :-

  1. राज्यपाल सचिवालय 2. विधानसभा सचिवालय 3. राज्य निर्वाचन आयोग

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(III) Rajasthan Transfer Policy 2024 के अनुसार स्थानान्तरण प्रक्रिया

  1. विभाग स्थानान्तरण नीति / Rajasthan Transfer Policy 2024 का अपने विभागीय अधिकारियों / कर्मचारियों की स्टेकहोल्डर्स/लाभार्थियों के मुख्य प्रतिनिधिगण से चर्चा उपरांत स्वयं के स्तर पर उक्त दिशा-निर्देशों को सम्मिलित करते हुये सृजन करेगा। विभाग द्वारा सृजित स्थानान्तरण नीति सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरांत प्रशासनिक सुधार विभाग को सहमति हेतु भिजवायी जावेगी । प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय से अनुमोदन प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा।
  2. सभी विभागों द्वारा काउंसलिंग के माध्यम से स्थानान्तरण किये जाने योग्य पद एवं स्थान / जिले में संभाव्य रिक्त पदों का विवरण प्रति वर्ष 15 जनवरी तक अपनी वेबसाइट / नोटिस बोर्ड पर प्रकटन / प्रकाशन किया जावेगा। विभागीय स्तर पर प्रशासनिक आधार पर भरे जाने वाले पदों को नोटिफाई करने की आवश्यकता नहीं है।
  3. विभागों के स्तर पर तैयार नीति / दिशा-निर्देशों / Rajasthan Transfer Policy 2024 में राजपत्रित / अराजपत्रित कार्मिकों के भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं व महत्व को ध्यान में रखते हुए सुसंगत प्रावधान करते हुए नीति एवं पोर्टल में पृथक-पृथक व्यवस्था रखी जावे ।
  4. विभागानुसार कार्यरत कर्मचारियों की संख्या को देखते हुए A एवं B केटेगरी/श्रेणी बनाकर जिन विभागों में दो हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उन विभागों को A श्रेणी में रखा जावे तथा दो हजार से कम कार्मिकों वाले विभागों को B श्रेणी में रखा जावे। प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा विभिन्न विभागों के सुझावों एवं विचार विमर्श उपरांत स्थानान्तरण हेतु ये गाइडलाइन्स तैयार की गई है। A श्रेणी के विभागों को प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन्स को समाहित करते हुए अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं के स्तर पर स्टेकहोल्डर्स / लाभार्थियों / कर्मचारियों के मुख्य प्रतिनिधियों से चर्चा कर एक माह में स्थानान्तरण नीति तैयार कर सक्षम स्तर से अनुमोदन उपरांत प्रशासनिक सुधार विभाग को भिजवाई जावे तथा B श्रेणी के विभागों को प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्थानान्तरण नीति बनाई जावे। हालांकि B श्रेणी के विभाग भी अपने विभाग की विशिष्टता / परिस्थितियों के अनुसार प्रस्तावित सुझावात्मक स्थानान्तरण नीति में आवश्यक बदलाव कर सकेंगे।
  5. कार्मिकों का स्थानान्तरण समकक्ष पदों पर ही किया जावे। उच्च / निम्न पदों पर नहीं किया जावे । Rajasthan Transfer Policy 2024
  6. विभाग में कार्यरत अधिकारी / कर्मचारी को सेवाकाल में कम से कम दो वर्ष के लिए ग्रामीण क्षेत्र में स्थित कार्यालयों में विभागीय समकक्ष पदों पर आवश्यक रूप से पदस्थापित रखा जावे। जिन विभागों में ग्रामीण क्षेत्र में कार्यालय / पद नहीं है, उन पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा।
  7. विभाग द्वारा DOIT से संपर्क कर अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप Online पोर्टल का सृजन करवाया जावेगा।
  8. DOIT द्वारा विभागों के प्रस्तावों के अनुरूप तकनीकी प्रावधान करते हुए एक वृहद Online पोर्टल सृजित किया जावेगा। 1 जनवरी से 30 जनवरी तक पोर्टल / वेबसाइट पर स्थानान्तरण हेतु उपलब्ध रिक्त पदों / संभाव्य रिक्त पदों को दर्शित किया जायेगा। स्थानान्तरण के इच्छुक कार्मिकों को उक्त निर्धारित प्रारूप में ऑनलाईन पोर्टल के द्वारा प्रतिवर्ष 1 फरवरी से 28 फरवरी तक अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन-पत्र के अभाव में स्थानान्तरण पर विचार नहीं किया जावेगा।
  9. स्थानान्तरण आवेदन-पत्र प्राप्त होने पर विभाग द्वारा इच्छित जिला / स्थान जैसी भी स्थिति हो, स्थानान्तरण हेतु उपरोक्त दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए 1 मार्च से 31 मार्च तक In Person Counseling के माध्यम से कार्यवाही की जावेगी। अधिकतम 30 अप्रेल तक स्थानान्तरण आदेश जारी कर दिये जायेंगे। आवेदन करने वाले कार्मिकों को ही Counseling में सम्मिलित किया जा सकेगा।
  10. विभाग द्वारा Counseling की कार्यवाही में स्थानान्तरण करने हेतु सर्वप्रथम प्राथमिकता से दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, पति-पत्नी प्रकरण व असाध्य रोग से पीड़ित आवेदकों एवं शहीद के आश्रित सदस्य, दूरस्थ जिलों/ डार्क जोन / हार्ड एरिया में नियत अवधि तक कार्यरत कार्मिकों को बुलाया जावेगा। तदउपरांत शेष रहे आवेदकों को Counseling में बुलाकर उनकी पारिवारिक परिस्थितियों एवं अन्य महत्वपूर्ण आधारों को ध्यान में रखते हुए गुणावगुण पर विभाग के समक्ष स्तर से निर्णय लिया जाकर स्थानान्तरण किये जाएंगे।
  11. निम्नांकित असाध्य रोग से स्वयं, पति/पत्नी पीड़ित होने पर प्राथमिकता दी जावेगी ।
    • दुर्बल बीमारियां (Debilitating Disorders) जैसे कैंसर, गुर्दा प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) ह्रदय शल्य चिकित्सा-ओपन हार्ट सर्जरी / बाईपास सर्जरी (Heart Surgery-Open Heart/Bypass) तथा डायलिसिस (Dialysis)
    • किसी को गुर्दा (Kidney) या यकृत (Liver) का दान किया गया हो-ऑपरेशन से प्रथम तीन वर्षों के लिए।
    • मनोचिकित्सा रोग (Psychiatric Mental Health Issue)
    • लकवा (Paralysis)
    • स्थायी निशक्तता (Permanent Disability)
    • अंधापन (Blindness)
    • मूक एवं बधिर (Deaf and Dumb )
    • मानसिक निशक्तता (Mentally Challenged Children) स्वलीन (Autism) अथवा बहुआयामी निशक्तता
  12. स्थानान्तरण करने वाले प्राधिकारी को इस तथ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक होगा कि किसी स्थानान्तरण से कोई कार्यालय कार्मिक रहित ना हो जाए, अर्थात् एकल कार्मिक वाले कार्यालयों को उचित रिप्लेसमेंट मिलने पर ही स्थानान्तरण किया जावे।
  13. विभाग द्वारा Counseling से संबंधित दस्तावेजों / रिकार्ड को सुरक्षित रखा जावेगा। 14. दूरस्थ जिलों / डार्क जोन / हार्ड एरिया में कार्यरत कार्मिकों को गुणावगुण पर समीक्षा के आधार पर एक निश्चित सेवा अवधि उपरांत इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण हेतु प्राथमिकता दी जावे। दूरस्थ जिलों / डार्क जोन / हार्ड एरिया का चिन्हिकरण / निर्धारण अधिक संख्या में रिक्त रहने वाले पदों की स्थिति, विषम परिस्थितियों एवं विभाग द्वारा निर्धारित अन्य मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए विभाग के द्वारा सक्षम स्तर पर किया जावे।

(IV) Rajasthan Transfer Policy 2024 के अनुसार स्वयं के आवेदन पर स्थानान्तरण

कार्मिक स्थानान्तरण हेतु आवेदन वर्तमान पदस्थापन की दिनांक से 2 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर ही कर सकेगा। 2 वर्ष पूर्ण की गणना प्रति वर्ष की 1 अप्रेल को माना जायेगा, अर्थात् किसी वर्ष विशेष में 1 अप्रेल को 2 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले कार्मिक उक्त वर्ष में आवेदन कर सकेगा। परन्तु निम्नांकित विशेष श्रेणियों के कार्मिक 2 वर्ष की अवधि से पूर्व भी स्थानान्तरण हेतु आवेदन कर सकेंगे:-

  1. दिव्यांगजन
  2. विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला
  3. निम्नांकित मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित असाध्य रोग से पीड़ित होने पर (स्वयं, पति-पत्नी, आश्रित संतान एवं माता-पिता)
    • दुर्बल बीमारियां (Debilitating Disorders) जैसे कैंसर, गुर्दा प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) हृदय शल्य चिकित्सा-ओपन हार्ट सर्जरी / बाईपास सर्जरी (Heart Surgery Open Heart / Bypass) तथा डायलिसिस (Dialysis )
    • किसी को गुर्दा (Kidney) या यकृत (Liver) का दान किया गया हो- ऑपरेशन से प्रथम तीन वर्षों के लिए।
    • मनोचिकित्सा रोग (Psychiatric Mental Health issue)
    • लकवा (Paralysis)
    • स्थायी निशक्तता (Permanent Disability)
    • अंधापन (Blindness).
    • मूक एवं बधिर (Deaf and Dumb )
    • मानसिक निशक्तता (Mentally Challenged Children), स्वलीन (Autism) अथवा बहुआयामी निशक्तता
  4. भूतपूर्व सैनिक
  5. उत्कृष्ट खिलाड़ी
  6. पति – पत्नी, जो अलग-अलग जगह पदस्थापित हों तो जहाँ तक संभव हो उन्हें एक जिले में जैसी भी स्थिति हो, स्थानान्तरित किया जाये।
  7. शहीद के आश्रित परिवार का सदस्य होने की स्थिति में
  8. दूरस्थ जिलों / डार्क जोन / हार्ड एरिया में कार्यरत कार्मिकों जिन्होंने नियत अवधि तक कार्यकाल पूर्ण कर लिया है। Rajasthan Transfer Policy 2024

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(v) प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण

कार्मिकों को एक ही स्थान पर कार्यरत रहते हुए 3 वर्ष या अधिक का समय हो गया हो तो प्रशासनिक आधार पर उसका स्थानान्तरण किया जा सकेगा, परन्तु 3 वर्ष की अवधि से पूर्व स्थानान्तरण निम्नांकित परिस्थितियों में ही किया जा सकेगा:-

  1. कार्मिक के खिलाफ ऐसी गंभीर शिकायत हो, जो प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्टयाः सही पाई गई हो।
  2. कार्मिके के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही विचाराधीन होने पर अन्यत्र स्थानान्तरण किया जा सकेगा, ताकि कार्मिक द्वारा जांच को प्रभावित नहीं किया जा सके।
  3. कर्मचारी की पदोन्नति होने पर जहां तक सम्भव हो, पदोन्नत कर्मचारी को रिक्त स्थान पर पदस्थापित किया जावेगा।

(vi) स्थानान्तरण हेतु विशेष प्रकरण

प्रस्तावित स्थानान्तरण नीति / Rajasthan Transfer Policy 2024 / विभागों द्वारा तैयार स्थानान्तरण नीति में जिन श्रेणियों के स्थानान्तरण का विवरण समाहित है, उनसे पृथक भी यदि कोई प्रशासनिक रूप से अथवा अन्य प्रकार से विशिष्ट प्रकृति के प्रकरण प्रस्तुत हों तो ऐसे विशिष्ट प्रकृति वाले स्थानान्तरण प्रकरणों को नीति में निर्धारित समयावधि की बाध्यता से मुक्त रखा जावेगा। ऐसे प्रकरणों का स्थानान्तरण सक्षम अनुमोदन उपरांत वर्ष में कभी भी किया जा सकेगा । Rajasthan Transfer Policy 2024

  1. कार्मिक का एक विभाग से दूसरे विभाग में अन्तर्विभागीय समायोजन होने की स्थिति में अथवा किसी विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आने पर उक्त कार्मिक को विभाग में उपलब्ध रिक्त पद पर पदस्थापित किया जा सकेगा।
  2. न्यायिक प्रकरणों के मामले में।
  3. पद की समाप्ति अथवा कर्मचारी की पदावनति होने की स्थिति में ।
  4. नव नियुक्त कार्मिकों को यथा सम्भव विभाग में उपलब्ध रिक्त पदों पर पदस्थापित किया जा सकेगा।
  5. APO प्रकरणों में स्थानान्तरण / पदस्थापन प्रशासनिक सुधार विभाग की पूर्व सहमति से ही किया जावे। कार्मिक को पदस्थापन आदेश की प्रतीक्षा (APO) में रखे जाने के बाद उसका पदस्थापन पूर्व पदस्थापित स्थान पर नहीं किया जाकर उसे यथा सम्भव किसी अन्य रिक्त पद पर पदस्थापित किया जावेगा।

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(VII) सामान्य दिशा-निर्देश

कार्मिकों के स्थानान्तरण (काउंसलिंग एवं स्वयं के आवेदन / प्रशासनिक कारण से) प्रतिवर्ष 1 फरवरी से 30 अप्रेल की अवधि में दिशा-निर्देशों / Rajasthan Transfer Policy 2024 के बिन्दु संख्या (II) स्थानान्तरण प्रक्रिया के बिन्दु संख्या 8 व 9 में वर्णित तिथियों / समय सीमा के अनुरूप किये जा सकेंगे। स्थानान्तरण करते समय निम्नानुसार सामान्य निर्देशों की पालना की जावेगी । Rajasthan Transfer Policy 2024

  1. किसी कार्मिक की सेवानिवृत्ति में 1 वर्ष या इससे कम अवधि रह गई हो तो उसका स्थानान्तरण किसी भी परिस्थिति में नही किया जायेगा, परन्तु यदि कार्मिक स्वयं स्थानान्तरण का इच्छुक हो तो स्थानान्तरण किया जा सकेगा।
  2. कार्मिक का किसी स्थान से स्थानान्तरण होने के बाद उसी स्थान पर 2 वर्ष पूर्व पुनः स्थानान्तरित / पदस्थापित नहीं किया जा सकेगा।
  3. यह सुनिश्चित किया जावे कि किसी विभाग में एक कार्मिक एक ही कार्यालय / अनुभाग में लगातार पांच वर्ष से अधिक पदस्थापित नहीं रहे। पांच वर्ष पश्चात् स्थान बदलने की अनिवार्यता का प्रावधान नहीं है, परन्तु कार्यालय अथवा अनुभाग से पांच वर्ष के निरन्तर ठहराव के पश्चात् आवश्यक रूप से कार्मिक का स्थानान्तरण कर दिया जावे। कार्मिक के स्वयं के आवेदन पर स्थान परिवर्तन किया जा सकता है।
  4. कार्मिक का स्थानान्तरण समान पद पर ही किया जाये। किसी अन्य पद के विरुद्ध स्थानान्तरण नहीं किया जा सकेगा।
  5. कार्यव्यवस्थार्थ को आधार बनाकर कार्मिक का स्थानान्तरण नहीं किया जा सकेगा। यदि स्थानान्तरण करना आवश्यक हो तो प्रशासनिक सुधार विभाग की पूर्व अनुमति से ही स्थानान्तरण किया जा सकेगा।
  6. अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थापित कार्मिकों के स्थानान्तरण के मामलों में प्रचलित नियम / आदेश / निर्देश यथावत् लागू रहेंगे।
  7. अनुसूचित क्षेत्र से गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानान्तरण के मामलों में विद्यमान नियम / आदेश / निर्देश यथावत् लागू रहेंगे।

(VIII) Rajasthan Transfer Policy 2024 के अनुसार पर्यवेक्षण

  1. स्थानान्तरण उपरोक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किए जायेंगे। दिशा-निर्देशों के विपरीत यद कोई विभाग, उपक्रम, बोर्ड, निगम एवं अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं द्वारा कार्मिकों के स्थानान्तरण किए जाने पर उक्त स्थानान्तरण को निरस्त करने के साथ-साथ स्थानान्तरण करने वाले अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जावेगी ।
  2. इस संबंध में प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों द्वारा संबंधित विभाग का निरीक्षण करते समय परीक्षण करेंगे कि विभाग द्वारा स्थानान्तरण राज्य सरकार द्वारा जारी उक्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही किए गये हैं। जिन मामलों में निर्देशों की अवहेलना दृष्टिगत हो, उसकी सूचना संबंधित अधिकारी के पूर्ण विवरण सहित प्रशासनिक सुधार विभाग एवं संबंधित प्रशासनिक विभाग को प्रेषित करेंगे। स्थानान्तरण दिशा-निर्देशों की अवहेलना को गंभीरता से लिया जावेगा।

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हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड में की जाने वाली महत्वपूर्ण टिप्पणियां

हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड में की जाने वाली महत्वपूर्ण टिप्पणियां

हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड में की जाने वाली महत्वपूर्ण टिप्पणियां, Comments in CCE Holistic Report Card / Important Notes to be Made in Holistic Report Card :- SIQE / एसआईक्यूई के अंतर्गत राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में सीसीई / CCEसतत एवं व्यापक मूल्यांकन की क्रियान्वित हो रही है जिसमें विद्यार्थियों के समग्र प्रगति प्रतिवेदन में विभिन्न प्रकार की टिप्पणियां दर्ज की जानी होती है|

इस आर्टिकल के तहत हमने विद्वान शिक्षक साथियों के द्वारा सुझाई गई कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियों का उल्लेख किया है जो आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकती है यह टिप्पणियां यहाँ केवल उदाहरण मात्र के लिए है, केवल आप को समझाने के लिए है कि आप इस प्रकार अपने स्वविवेक और परिस्थिति अनुसार समग्र प्रगति रिपोर्ट में ऐसी हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड में की जाने वाली महत्वपूर्ण टिप्पणियां, Comments in CCE Holistic Report Card टिप्पणियां दर्ज कर सकते हैं |

हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड में की जाने वाली महत्वपूर्ण टिप्पणियां, Comments in CCE Holistic Report Card / Important Notes to be Made in Holistic Report Card
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हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड में की जाने वाली महत्वपूर्ण टिप्पणियां, Comments in CCE Holistic Report Card

  • 1. भूलकर भी नकारात्मक टिप्पणी ना करे, यथा – छात्र अंग्रेजी विषय में कमजोर हैं , पुस्तक पढ़ने में अब भी असमर्थ हैं । इसको कुछ इस तरह लिखे – छात्र का अंग्रेजी विषय के प्रति रुझान कम हैं , पुस्तक पढ़ने में शिक्षक की सहायता की आवश्यकता पड़ती हैं।
  • 2. जोड़-बाकी गुना-भाग की जगह संक्रियाये लिखे ।
  • 3. अंग्रेजी भाषा का उपयोग, या किसी तरह का मिक्सअप ना करे, क्योंकि विद्यार्थी वार्षिक प्रतिवेदन हिंदी भाषा में हैं ।
  • 4. एक ही विषय पर ज्यादा नुक्ता चीनी ना करे ,जैसे हिंदी विषय में विलोम शब्द, पर्यायवाची, लिंग, संज्ञा,सर्वनाम आदि पर ना लिखकर सिर्फ इसे व्याकरण कहे और लिखे की व्याकरण का अच्छा ज्ञान हैं / रुझान हैं / संतोषजनक हैं / सराहनीय हैं ।
  • 5. प्रतिवेदन की टिप्पणी में छात्र के नाम का उल्लेख ना करे गोया की प्रतिवेदन उसी छात्र का हैं ।
  • 6. छात्र के व्यवहार पर उनुचित टिप्पणी ना करे, भले ही छात्र थोडा नटखट या उदण्डी हो ।
  • 7. छात्र की ग्रेड के उलट टिप्पणी ना करे । जैसे छात्र के अगर हिंदी में B ग्रेड हैं तो टिप्पणी में ये ना लिखे की, -छात्र का हिंदी के प्रति रुचिपूर्ण द्रष्टीकोण हैं व शब्द भण्डार प्रशंसनीय हैं । हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड में की जाने वाली महत्वपूर्ण टिप्पणियां, Comments in CCE Holistic Report Card

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अभिलेख पंजिका में समेकित टिप्पणी

यहाँ उपलब्ध करवाई गयी टिप्पणियां विद्यार्थी के अभिलेख पंजिका में दर्ज की जाने वाली समेकित टिप्पणियों के कुछ उदाहरण हैं जो आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकती हैं अगर आपने कुछ विशेष टिप्पणियां लिखी है तो आप हमें उदाहरणस्वरूप भेज सकते हैं- हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड में की जाने वाली महत्वपूर्ण टिप्पणियां, Comments in CCE Holistic Report Card

  • ✍बालक रमेश ने सभी विषयों मे अच्छी प्रगति की है ।
  • ✍हिन्दी विषय मे पठन व लेखन मे उत्कृष्ट कार्य कर लेता है
  • ✍सीखने की गति ठीक है ।
  • ✍कक्षा मे शिक्षण के दॊरान सहभागिता अच्छी है ।
  • ✍ साथियों के साथ अच्छा तालमेल रखता है।
  • ✍सहशैक्षिक गतिविधियों मे रूचि रखता है।
  • ✍गृहकार्य एवं कक्षाकार्य समय पर पूरा करता है ।
  • ✍गणित विषय मे विशेष रूचि होने के साथ ही अंग्रेजी विषय मे कम रूचि लेता है ।
  • ✍सृजनात्मक कार्यों मे खास रूचि है।
  • ✍खेलों और सांस्कृतिक कार्यों में रूचि से भाग लेता है।
  • ✍कक्षा में व्यवहार उत्तम है।
  • ✍परिवेशीय सजगता बढी है।
  • ✍बालक में आत्मविश्वास की भावना बढ़ी है।
  • ✍बालिका में साहित्यिक रूचि बनी है
  • ✍व्यक्तिगत,घरेलू और विद्यालय में चीजों के व्यर्थ इस्तेमाल को रोकने की समझ है।
  • ✍प्रजातांत्रिक मूल्यों (समानता,भाईचारा,बन्धुता) का विकास हुआ है।
  • ✍राष्ट्रीयता व सांस्कृतिक धरोहरों की जानकारी
  • ✍विद्यालय कार्यक्रमों में अच्छी भागीदारी है। इसके साथ साथ बच्चें की शैक्षिक स्तिथि, कक्षा कार्य उपस्तिथि, व्यवहार, खेल, विद्यालय प्रोग्राम, स्वच्छता व स्वास्थय, सामान्य ज्ञान , परिवेशिय सजगता तथा विशेष रूचि आदि को ध्यान में रखकर समेकित टिप्पणी की जाए।

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 अभिभावक टिप्पणी

अभिभावक टिप्पणी के अंतर्गत ऐसी टिप्पणियों के उदाहरण यहाँ पर लिखे गए हैं जिन्हें आप अपने विवेक और समझ के अनुसार अभिभावकों से समग्र प्रगति रिपोर्ट और समग्र प्रगति पंजिका में दर्ज करवा सकते हैं-

  • ✍बच्चे ने पढाई के स्तर मे अच्छी प्रगति की है
  • ✍पाठ्य पुस्तक पढने लगा है ।
  • ✍अपने शब्दों मे वाक्य निर्माण करलेता है ।
  • ✍जोड़ बाकि गुणा भाग ,पहाड़े , एवं गणितीय सवाल लिखित एवं मॊखिक हल करने लगा है ‌।
  • ✍अंग्रेजी मे आसान sentences पढ लेता है
  • ✍अंग्रेजी की पाठ्यपुस्तक पढने मे ओर अभ्यास की आवश्यकता है ।
  • ✍लेख भी सुन्दर लिखने लगा है ।
  • ✍पढने लिखनें में रूचि बढी है।
  • ✍अनुशासन,नियमितता,स्वच्छता व परिवेशिय सजगता का विकास हुआ है ।
  • ✍बच्चे का कार्य संन्तोषजनक /उत्कृष्ट रहा है
  • ✍घर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • ✍विद्यालय में शैक्षिक वातावरण अच्छा है ।
  • ✍बच्चे ने वर्षभर कठीन मेहनत कर शैक्षिक प्रगति हासिल की है।
  • ✍बच्चे की प्रगति से मैं संतुष्ट हूं। अभिभावक टिप्पणी यदि गार्जन स्वयं लिखे तो बहुत अच्छा, नही तो जो अभिभावक मौखिक रूप से बालक की वार्षिक शैक्षिक और सहशैक्षिक प्रगति के बारे में बताए उस आधार पर टिप्पणी लिख देवे।

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अध्यापक योजना डायरी में संस्था प्रधान का अभिमत

SIQE के अंतर्गत CCE में अध्यापक योजनाएं डायरी में संस्था प्रधान का भी अभिमत दर्ज किया जाता है यहाँ कुछ उदाहरण संस्थाप्रधान के लिए हैं जिनकी सहायता से संस्था प्रधान अपने विवेकानुसार अपना अभिमत या टिप्पणी दे सकते हैं-

  • 👉बच्चे की सीखने की प्रक्रिया के मजबूत पक्ष को ध्यान में रखकर पाठ योजना का निर्माण किया गया है ।
  • 👉रचनात्मक और सकारात्मक तरीके से पाठ योजना का निर्माण कर संप्रेषित किया गया है ।
  • 👉 बच्चे के व्यक्तित्व के भिन्न-भिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर पाठ योजना बनाई है। तदनुरूप क्रियान्वयन भी किया गया है ।
  • 👉प्रत्येक स्तर केबच्चे को ध्यान में रखकर सीखने की प्रक्रिया को संमुन्नत करने के उद्द्येश्य से उन्हें अधिक अर्थपूर्ण अवसर तथा अनुभव प्रदान कर पाठ योजना का निर्माण किया गया है ।
  • 👉सीखने के क्षेत्र के विशेष संकेतकों ;सूचकों के आधार पर अच्छी पाठ योजना का निर्माण कर अधिगम करवाया गया है ।
  • 👉 बच्चों का आकलन ज़्यादातर क्षेत्रों में कर सीखने के अधिक अवसर देकर एक अच्छी योजना का निर्माण किया गया है। बच्चों ने अच्छा सीखा है ।
  • 👉 विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त भी सीखने को प्रोत्साहित कर विषय वस्तु को का दायरा बढाया गया है।

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राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा (STSE ) की विस्तृत जानकारी

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा (STSE ) की विस्तृत जानकारी

RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM : Rajasthan STSE 2024: राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा (STSE ) का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। State Level Talent Search Examination 2024 के लिए अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन वर्तमान सत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन की सम्पूर्ण जानकारी नीचे उपलब्ध करवा दी हैं। आवेदन करने का डायरेक्ट लिंक नीचे दिया गया है।

RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM 2024

स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन 2023-24 में राजस्थान के सभी मान्यता प्राप्त (केंद्रीय, पब्लिक, नवोदय, कॉन्वेंट, निजी, सरकारी, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मॉडल स्कूल सहित) विद्यालयों के सत्र 2023-24 में नियमित रूप से अध्यनरत विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। जिन विद्यार्थियों ने कक्षा 9वी में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हैं वह कक्षा 10वीं लेवल की परीक्षा के लिए योग्य होंगे। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने कक्षा 11वीं में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हो, वह कक्षा 12वीं की उक्त परीक्षा में प्रवेश के योग्य होंगे। यह परीक्षा कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग आयोजित की जाएगी।

RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM : Rajasthan STSE 202
RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM : Rajasthan STSE 202
Exam NameState Talent Search Examination (STSE) Rajasthan
Conducting AuthorityBoard of Secondary Education Rajasthan (RBSE)
Exam LevelState-level
Session2023-24
Mode of ApplicationOnline
Purpose of ExamTo award scholarships to meritorious students from classes 10 and 12 to encourage and motivate them for higher education.
Official websiterajeboard.rajasthan.gov.in
RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM

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State Level Talent Search Exam 2024 Notification

स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन 2023-24 का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। विस्तृत जानकारी ऑफीशियल नोटिफिकेशन में दी हुई है जो अभ्यर्थी नीचे दिए हुए लिंक के माध्यम से इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना की विस्तृत जानकारी

tate Level Talent Search Examination 2024 Dates

राजस्थान राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 के लिए आवेदन 03 अप्रैल से 10 अप्रैल 2024 तक भर सकते हैं। और इसकी परीक्षा का आयोजन 12 मई 2024 को सुबह 9 बजे से 1 बजे तक किया जाएगा।

EventsDates
ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि3 अप्रैल से 10 अप्रैल 2024
चालान द्वारा बैंक में शुल्क जमा करवाने की लास्ट डेट12 अप्रैल 2024
विलंब शुल्क के साथ ऑनलाइन आवेदन करने एवं बैंक चालान मुद्रण करने की लास्ट डेट11 अप्रैल से 14 अप्रैल 2024
मुदित चालान द्वारा बैंक में शुल्क जमा करवाने की लास्ट डेट16 अप्रैल 2024
ऑनलाइन संशोधन की डेट15 अप्रैल से 17 अप्रैल 2024
ऑनलाइन आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी मय प्रमाण पत्र तथा परीक्षा शुल्क का बैंक चालान एवं परीक्षार्थियों की सूची भिजवाने की अंतिम तिथि22 अप्रैल 2024
राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज एग्जाम डेट12 मई 2024
(9 से 1 बजे तक)
RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM

Rajasthan STSE 2024 : Eligibility Criteria

राज्य में संचालित सभी मान्यता प्राप्त राजकीय, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित मॉडल स्कूल, निजी, कान्वेंट, केन्द्रीय, नवोदय विद्यालयों के कक्षा 10वीं एवं 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थी अर्थात् जिन्होनें कक्षा 9 तथा 11 उत्तीर्ण की हो तथा जिन्होनें न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों, परीक्षा में सम्मिलित होने के पात्र होंगे।

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर राजस्थान QUESTION BANK CLASS 12 2024


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RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM 2024 : Qualification

राजस्थान में संचालित सभी मान्यता प्राप्त राजकीय, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मॉडल स्कूल, निजी, कान्वेंट, केंद्रीय, नवोदय विद्यालयों के कक्षा 10वीं एवं 10वीं में अध्यनरत विद्यार्थी जिन्होंने कक्षा 9th एवं 11th उत्तीर्ण की हो तथा जिन्होंने न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हो, इस Rajasthan STSE 2024 के लिए आवेदन कर सकते हैं।

Rajasthan Board STSE 2024: Required Documents

Rajasthan STSE 2024 के लिए आवश्यक दस्तावेज की सूची नीचे विस्तार से दी गई है:-

  • आवेदन विद्यार्थी का आधार कार्ड,
  • शैक्षणिक योग्यता को दर्शाने वाले सभी प्रमाण पत्र व अंक पत्र,
  • विद्यार्थी का बैंक खाता पासबुक,
  • आय प्रमाण पत्र,
  • निवास प्रमाण पत्र,
  • जाति प्रमाण पत्र,
  • चालू मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ आदि।

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर राजस्थान QUESTION BANK CLASS 10 2024

Rajasthan STSE 2024 : Application Form Fees

Rajasthan STSE 2024 में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा अभ्यर्थी इस आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं । आवेदन शुल्क विभिन्न वर्गों के लिए अलग–अलग रखा गया है जिसकी जानकारी नीचे दी हुई है:

  • बिना विलंब शुल्क:
    • सामान्य विद्यार्थी के लिए परीक्षा शुल्क ₹300
    • अन्य आरक्षित वर्गों के लिए ₹175
  • बिलंब शुल्क सहित:
    • सामान्य विद्यार्थी के लिए विलंब शुल्क सहित परीक्षा शुल्क 350 रुपए
    • अन्य आरक्षित वर्गों के लिए 225 रुपए
  • परीक्षा शुल्क के अतिरिक्त विद्यालय द्वारा अग्रेषण शुल्क 20 रुपए (प्रति परीक्षार्थी अलग से)

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RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM 2024: Registration

RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM 2024 के लिए आवेदन करने की जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय की होगी।

  • RBSE से संबंधित सभी विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी Login ID और Password के आधार से आवेदन फॉर्म भर सकेंगे।
  • आवेदन फार्म में विद्यार्थी की पूछी गई सभी जानकारी सही-सही भरनी है।
  • आवश्यक सभी दस्तावेज अपलोड करने हैं और आवेदन शुल्क का भुगतान करना है।

परीक्षा शुल्क जमा करने के बाद ऑनलाइन आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी मय संबंधित प्रमाण पत्र, जमा शुल्क चालान की प्रतियों एवं सूची सहित निर्धारित तिथि तक स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड डाक से बोर्ड को भेजना अनिवार्य है। 

SHEKHAWATI MISSION 100 QUESTION BANK CLASS 12 2024

State Level Talent Search Examination 2024: छात्रवृत्ति की राशि

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा में न्यूनतम 80% या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को 1250 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। जबकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को ₹2000 प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी।

प्रोत्साहन:-

  1. राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के राज्य स्तर पर योग्यता सूची में अलग-अलग प्रथम 20-20 चयनित विद्यार्थियों में से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को एकमुश्त राशि 4000/- तथा शेष 19 विद्यार्थियों को एकमुश्त राशि 2000/- प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी।
  2. जिन विद्यार्थियों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं उनको स्कॉलर सर्टिफिकेट तथा जिन विद्यार्थियों ने 80% से अधिक एवं 90% तक अंक प्राप्त किए हैं, उन विद्यार्थियों को विशेष योग्यता प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
  3. केवल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से संबंधता प्राप्त राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों के परीक्षार्थियों को दोनों परीक्षा की योग्यता सूची में अलग-अलग प्रथम 20-20 चयनित विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 4000/- एवं शेष 19 विद्यार्थियों को 2000/- की राशि एकमुश्त माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा दी जाएगी।

STSE 2024 : Imp Link

RBSE STSE 2024: Imp Links
Apply
Application Form
(Class 10th)
Application Form
(Class 12th)
Official Notification
RBSE

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 FAQ’s

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन 3 से 10 अप्रैल 2024 तक कर सकते हैं जबकि लेट फीस के साथ आवेदन 14 अप्रैल 2024 तक कर सकते हैं।

स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया और डायरेक्ट लिंक ऊपर उपलब्ध करवा दिया है।

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 के लिए एग्जाम कब आयोजित किया जाएगा?

परीक्षा का आयोजन 12 मई 2024 को सुबह 9:00 से दोपहर 1:00 बजे तक होगा।

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सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) की विस्तृत जानकारी

सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) की विस्तृत जानकारी

LEARNING OUTCOMES / सीखने के प्रतिफल :- विद्यालयों में अध्यनरत छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर कई नए प्रयास किये जाते है । इन सबका उद्देश्य विद्यालयी छात्रों में शैक्षिक गुणवत्ता का विकास और अच्छी उपलब्धि स्तर को हासिल करना  होता है ।   जिससे छात्रों के समग्र मूल्यांकन के माध्यम से विकास की एक निश्चित योजना बनाकर उनका उन्नयन किया जा सके .वास्तव में, सीखना एक सतत व व्यापक जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है । अब हम समझने का प्रयास करते हैं कि सीखने के प्रतिफल (LEARNING OUTCOMES) क्या है ?

किसी विद्यार्थी के लिए पाठ्यक्रम में सीखने के जो लक्ष्य या दक्षतायें निर्धारित की जाती हैं तथा जिन्हें ध्यान में रखकर शिक्षक अपने दैनिक कक्षा शिक्षण को संपादित करते हैं और कक्षा के इतर अनेक सह शैक्षिक गतिविधियों को आयोजित करते हैं, उन्हें Learning outcomes कहते हैं।

सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक अभी तक पाठ्यक्रम पूरा कराने और परीक्षा के आयोजन पर ही ध्यान देते थे। पढ़ाई से बच्चे के मानसिक स्तर, सामान्य ज्ञान और शैक्षिक ज्ञान में क्या सुधार हुआ, इस पर ध्यान नहीं दिया जाता था। सरकार ने इस वर्ष पहल कर लर्निंग आउटकम के मापदंड तैयार किए हैं। किस कक्षा में शिक्षक बच्चे को किस तरह क्या-क्या पढ़ाएंगे और किस कक्षा में बच्चों को कितना ज्ञान होना चाहिए, यह निर्धारित किया गया है।

सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) की विस्तृत जानकारी
सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) की विस्तृत जानकारी

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सीखने के प्रतिफल (LEARNING OUTCOMES) क्या है ?

अक्सर शिक्षकों में इस बात की स्‍पष्‍टता नहीं होती कि,

  • किस प्रकार का सीखना आवश्यक है?
  • वे कौन से मापदड हैं  जिनसे इसे मापा जा सकता है?

वे पाठ्यपुस्तक को संपूर्ण पाठ्यक्रम मानकर पाठों के अत में दिए गए प्रश्‍नों के आधार पर मूल्यांकन करते हैं। पाठ्यसामग्री के संदर्भ की भिन्नताओ तथा पढ़ाने के विभिन्न सिद्धांतों को वे ध्यान में नहीं रखते। पठन सामग्री में संदर्भानुसार भिन्‍नताएँ और अपनाई गई शिक्षण तकनीक में विविधता पर सामान्‍यतया ध्‍यान नहीं जाता है, क्‍योंकि इनके आकलन की कोई कसौटी नहीं है।

प्रत्येक कक्षा के सीखने के प्रतिफल शिक्षकों को केवल शिक्षा के वांछित तरीके अपनाने में ही सहायक नहीं है.  बल्‍कि अन्य साझेदारों, जैसे– संरक्षक, माता-पिता, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों, समुदाय तथा राज्य स्तर के शिक्षा अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका के प्रति सर्तक और ज़िम्‍मेदार भी बनाता है। स्पष्ट रूप से परिभाषित सीखने के प्रतिफल विभिन्न साझेदारों की ज़िम्मेदारी तथा उत्तरदायित्वों को सुनिश्चित करते हुए और दिशा-निर्देश दे सकता है ताकि विभिन्न पाठ्यचर्या क्षेत्र से अपेक्षाओं की पूर्ति हो सके। इसमें शिक्षक की प्राथमिक भूमिका सीखने की प्रक्रिया में सुगमकर्ता के रूप में होती है।

एक शिक्षक की भूमिका –

बच्‍चे विद्यालय में अपने सीखने के अनुभवों  के साथ प्रवेश करते हैं। विद्यालय बच्‍चे के मौजूदा अनूभवों के आधार पर सीखने की आगामी प्रक्रिया के गठन का दायित्‍व उठाता है। इस प्रकार हम किसी भी स्‍तर की शरुआत बच्‍चे की ‘अधिगम शून्यता’ से नहीं करते। एक शिक्षक, जो कि विद्यार्थियाें के सीखने का परामर्शदाता और सगुमकर्ता है, को भिन्‍न शिक्षणशास्‍त्रीय तकनीकों और बच्‍चेकी सीखने में उन्‍नति के प्रति भी जागरूक बनाना आवश्‍यक है।

सीखने के प्रतिफल को बेहतर कैसे बनायें –

सीखने सिखाने की प्रक्रिया के दौरान सतत एवं मूल्यांकन का उपयोग करें।

वर्तमान परिप्रेक्ष्‍य में विद्यार्थी और शिक्षक के अलावा माता-पिता, समुदाय के सदस्‍य और शैक्षिक प्रशासकों को भी विद्यार्थियों के सीखने के बारे में जानने और उसके अनुसार बच्‍चों  की सीखने संबंधी उन्‍नति पर नज़र बनाए रखने की ज़रूरत है।

सीखने की निरन्तरता को ध्‍यान में रखते हुए व्‍यवस्‍था को यह जानकारी देना कि बच्‍चेने सटीक रूप से क्‍या सीखा, एक चनुौती भरा कार्य होता है।

राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनसुंधान और प्रशिक्षण परिषद (ए्नसीईआरटी) के द्वारा विद्यालय से संबंधित सभी हितग्राहियों को शामिल करते हुए सीखने की संप्राप्तियों (Learning outcomes)को निर्धारित किया गया है ये बेंच मार्क के रूप में चिन्हित किये गए है क्योंकि इनकी प्राप्ति के बगैर छात्रों के सर्वागींण विकास की बात उचित नही है.


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LEARNING OUTCOMES (सीखने के प्रतिफल) क्यों ?

  1. प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थी के सीखने के बारे में जानने और उसके अनुसार बच्चों के सीखने सम्बन्धी प्रगति पर नज़र बनाये रखने की जरुरत है । इसके लिए आवश्यकता है की शिक्षको को कुछ मानदंड उपलब्ध करवाए जाये जिनकी सहायता से आपेक्षित सीखने के स्तर का आकलन किया जा सके।
  2. सीखने की निरन्तरता को ध्यान में रखते हुए शिक्षक एवं शिक्षा व्यवस्थासे जुड़े सभी अधिकारियो एवं अभिभावकों यह जानना आवश्यक है कि बच्चे ने सटीक रुप से कक्षा में क्या सीखा? इन्ही मापदंडो को “सीखने का प्रतिफल ” के रुप में परिभाषित किया गया है अर्थात जो कुछ भी बच्चे ने सीखाहै उसको जाचने अथवा उस परिणाम को देखने के मापदंड को अधिगम प्रतिफल के रुप में देखा जा सकता है ।

LEARNING OUTCOMES (सीखने के प्रतिफल) की आवश्यकता –

  1. निः शुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की क्रियान्वित अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थी की गुणवत्तायुक्त शिक्षा को सुनिश्चित करने हेतु ।
  2. आयु अनुररोप अपेक्षित स्तर , कौशल विकास एवं गुणवक्तायुक्त शिक्षा को परिभाषित करने हेतु ।
  3. शैक्षिक उदेश्यो की पूर्ति की सटीक जॉच हेतु ।
  4. राष्ट्रीय स्तर की शैक्षिक आकांक्षाओं की क्रियान्वयन हेतु समन्वित प्रयास अन्तर्गत ।
  5. राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर उच्च पायदान पर अवस्थित करने के प्रयास के क्रम में ।

LEARNING OUTCOMES पर अपनी अधिक समझ बनाने के लिए आप नीचे दिये गए link पर जा सकते हैं-

LEARNING OUTCOMES
कक्षा 1वीं से 8वीं
Open
LEARNING OUTCOMES
सेकेन्डरी स्तर
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कक्षावारसीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) के स्तर पर अपनी अधिक समझ बनाने के लिए आप नीचे सारणी में दिये गए link पर जा सकते हैं

कक्षावार सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) के स्तर

प्राथमिक स्तरउच्च प्राथमिक स्तर
कक्षा 1कक्षा 6
कक्षा 2कक्षा 7
कक्षा 3कक्षा 8
कक्षा 4
कक्षा 5

प्रारंभिक स्तर पर कक्षावार सीखने के प्रतिफल

आईये हम जानें प्राथमिक स्तर पर कक्षावार 1 से 8 तक लर्निंग आउटकम (LEARNING OUTCOME) पर आधारित माहवार प्रश्न क्या -क्या हो सकते है ? जिससे हम अपने शिक्षण को गुणवत्ता आधारित बना सकें …

प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफल
अधिगम परिणाम – 1-5 LOs (हिन्दी)
अधिगम परिणाम – 6 -8 LOs (हिन्दी)

सेकेन्डरी स्तर पर सीखने के प्रतिफल

सेकेन्डरी स्तर पर सीखने के प्रतिफल-हिन्दी 
सेकेन्डरी स्तर पर सीखने के प्रतिफल-अंग्रेजी 
सेकेन्डरी स्तर पर सीखने के प्रतिफल

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विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी यहाँ से जाने

विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी यहाँ से जाने

Transfer of charge in schools / विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी :- नमस्कार इस आलेख के अंदर हम जानेगे कि विद्यालयों में कार्यभार स्थानांतरण की विस्तृत कार्यवाही क्या होती है अगर कोई नया संस्थाप्रधान ज्वॉइन करें तो वह उस संस्थाप्रधान से किस प्रकार विभिन्न प्रकार के रिकॉर्ड अपने हस्तान्तरण में लेंगे अथवा किसी विद्यालय में संस्था प्रधान का पद रिक्त होने की स्थिति में किस व्यक्ति को चार्ज मिलेगा इसके बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से जानकारी हमने शेयर की है| Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

1 जब तक कि किन्हीं विशिष्ट लिखित कारणों से जो लोक हित के होने चाहिये, जिसके आदेश के अधीन स्थानान्तरण हुआ है, वह अनुमति प्रदान नहीं कर दे, अथवा कोई विशिष्ट अन्य स्थान अपेक्षित न कर दे या कोई अन्य आज्ञा नहीं दे दे, तब तक किसी पद का भार उनके मुख्यालय पर ही हस्तान्तरित करना चाहिये, जहां पद भार से मुक्त करने वाला तथा पद सम्भालने वाला दोनों राज्य कर्मचारी उपस्थित हों ।

Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी यहाँ से जाने
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  • राजस्थान सरकार का निर्णय – राजस्थान सरकार के ध्यान में आया है कि स्थानान्तरण आज्ञा जारी होने पर, भारमुक्त कर्मचारी जिस पद पर स्थानान्तरित हुआ उस पद का चार्ज लेने हेतु कर्त्तव्य पर उपस्थित होता है लेकिन किसी – कारणवश, कार्यालयाध्यक्ष / विभागाध्यक्ष या राज्य कर्मचारी जिसे भारमुक्त किया जाना है, जानबूझकर चार्ज हस्तान्तरण करने में विलम्ब करता है।

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इस मामले पर विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि स्थानान्तरण आज्ञा प्राप्त होने पर जैसे ही भार ग्रहण करने वाला कर्मचारी उपस्थित होवे शीघ्र ही भार हस्तांतरित कर दिया जाना चाहिये। यदि किसी प्रकार का भार हस्तांतरित करने में जानबूझकर विलम्ब किया जाता है तो भार ग्रहण करने वाला कर्मचारी उस पद का भार ग्रहण करेगा और ऐसा होने के फलस्वरूप भारमुक्त हुआ कर्मचारी उस समय तक असाधारण अवकाश पर माना जावेगा जब तक कि उसे संवेतन अवकाश, जो उसे देय हो, उस दिन से जब से भारमुक्त करने वाले अधिकारी द्वारा भारग्रहण किया जाकर भारमुक्त किया गया हो, से सक्षम अधिकारी, द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया हो।

  • राजस्थान सरकार के निर्देश—उपरोक्त वित्त विभाग निर्णय दिनांक 7-11-1969 में ये निर्देश दिए गए थे कि यह निश्चय किया जावे कि जैसे ही भारमुक्त कर्ता अधिकारी भार ग्रहण करने हेतु उपस्थित हो उसके शीघ्र ही हस्तान्तरण आज्ञा की पालना आवश्यक हो । महालेखाकार द्वारा यह तथ्य राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया है कि इन निर्देशों की पालना उचित प्रकार से नहीं की जाती । राज्य सरकार इस अवज्ञा को गम्भीरता से लेती है और निम्न अग्रिम निर्देश प्रसारित करती है जेनकी पालना कठोरता से की जावे-
    1. भारमुक्त होने वाला राज्य कर्मचारी जैसे ही भार ग्रहण करे, शीघ्र ही अपने भार ग्रहण की सूचना भार मुक्त होने वाले कर्मचारी के नाम दर्शित करते हुए कोषागार अधिकारी और नियंत्रित अधिकारी को करेगा।
    2. उक्त सूचना प्राप्त न होने पर, नियन्त्रण अधिकारी द्वारा सम्बन्धित कोषागार अधिकारी को यह लिखा जाना चाहिये कि उस अधिकारी का जिसने भार संभालने में परिहार्य (avoid) किया और जिसे इन परिस्थितियों के कारण भारमुक्त समझा जावे, भुगतान रोका जावे और इस प्रकार लिखे गए पत्र की प्रतिलिपि महालेखाकार राजस्थान को भी प्रेषित की जावे ।
    3. इस प्रश्न का कि भार सम्भालने में आशयित (intentional) विलम्ब हुआ है या कि राज्य कर्मचारी ने भार सम्भालने में परिहार्य किया है कि उसे इन परिस्थितियों में भारमुक्त समझा जावे, यह निश्चय वह अधिकारी करेगा जो कि स्थानान्तरण आज्ञा देने में सक्षम हो, और वह सक्षम अधिकारी उस विलम्ब अवधि का जिस दिन से कर्मचारी ने पद भार ग्रहण किया था, अवकाश स्वीकृत कर जहां आवश्यक हो, नियमन करेगा।

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2 नियम की यह शर्त कि पद भार ग्रहण कर्ता तथा पद भार से मुक्त होने वाले दोनों राज्य कर्मचारी उपस्थित होने चाहिये, उन राज्य कर्मचारियों के सम्बन्ध में प्रभावी करना आवश्यक नहीं है जिनको दीर्घावकाश . ( वेकेशन) के साथ अवकाश जोड़ने की अनुमति दे दी गई हो। ऐसे मामलों में निम्नलिखित प्रणाली का अनुसरण होना चाहिए :

  • जब कि दीर्घावकाश अवकाश से पूर्व जोड़ा गया हो तो बाह्यगमन करने वाला राज्य कर्मचारी मुख्यालय छोड़ने से पहले रिपोर्ट करेगा अथवा यदि अत्यावश्यक कारणों से अवकाश दीर्घावकाश (वेकेशन) में स्वीकृत हुआ हो तो अवकाश स्वीकृत होते ही अपना पद भार दीर्घावकाश ( वेकेशन) के अन्त से प्रभावशील, हस्तान्तरित करेगा। तत्पश्चात् पद मुक्त करने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश का अन्त होने पर पद सामान्य रूप से सम्भाल लेगा।
  • जब कि दीर्घावकाश अवकाश के साथ जोड़ी गई हो, पद भार से मुक्त होने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश से पूर्व सामान्य रूप से पद भार हस्तांतरित करेगा, आने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश समाप्ति पर वापस लौटने पर, दीर्घावकाश (वेकेशन) के आरम्भ से पदभार ग्रहण कर लेगा।

सरकारी निर्णय—एक प्रश्न यह उठाया गया है कि क्या राजपत्रित अधिकारी के पद ग्रहण करने / हस्तान्तरित करने की चार्ज रिपोर्ट पर उच्चतर प्राधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षर करना अनिवार्य है। इस प्रश्न पर विचार किया गया और निर्णय किया गया है कि निकटतम उच्च अधिकारी का प्रतिहस्ताक्षर केवल तभी आवश्यक होता है जबकि कोई अधिकारी पद हस्तांतरित करता हो या ग्रहण करता हो और ऐसा कोई अधिकारी नहीं हो जिसको वह पद हस्तांतरित करे या जिससे वह पद ग्रहण करे ।

3 सामान्यतया किसी विशेष मामलों में किसी विशेष प्रतिकूल आज्ञा के, अधीनस्थ राज्य कर्मचारी वर्ग से सरकारी कर्मचारियों, उदाहरणार्थ शासन सचिव या राजकीय सचिवालय के लिपिक का मुख्यालय, जिरा सरकार से वह संलग्न है उसका तत्समय मुख्यालय जहां स्थित हो उसी स्थान पर होगा। किसी अन्य राजकीय कर्मचारी का मुख्यालय वह स्थान होगा जो उनको नियुक्त करने वाला प्राधिकारी मुख्यालय नहीं घोषित करे, अथवा ऐसी घोषणा के अभाव में वह स्थान जहां उसके कार्यालय के अभिलेख रखे जाते हों । Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण


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Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

उक्त आदेश आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं :- यहाँ क्लिक कीजिए

Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

राज्य में संचालित राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सुचारू संचालन व दैनिक कार्यों के निष्पादन हेतु विद्यालयों के कार्य प्रभार के संबंध में श्रीमान निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, बीकानेर के आदेश दिनांक- 20.01.2017 में संशोधन किए जाकर आदेश क्रमांक-शिविरा/प्रारं/शैक्षिक/एबी/विद्यालय व्यवस्था/2017/26 दिनांक-06.05.2017 द्वारा निम्नानुसार संशोधित दिशा निर्देश जारी किए गए हैं-

(1) किसी भी उच्च प्राथमिक प्राथमिक विद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत होने की स्थिति में संस्था प्रधान का दायित्व/प्रभार उसके पास रहेगा।

(2) वरिष्ठ अध्यापक का पद रिक्त होने अथवा स्वीकृत नहीं होने पर वरिष्ठतम अध्यापक / प्रबोधक पद पर कार्यरत कर्मी द्वारा संस्था प्रधान के दायित्व का निर्वहन किया जाएगा।

(3) वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/प्रबोधक का पद रिक्त होने की स्थिति में शारीरिक शिक्षक द्वारा संस्था प्रधान का दायित्व का निर्वहन किया जाएगा।

(4)उपयुक्त अनुसार बिंदु संख्या 1 से 3 तक के अलावा अन्य स्थिति के वरिष्ठ शिक्षाकर्मी/पैराटीचर/ट्रेनी अध्यापक के पद पर कार्यरत कार्मिक द्वारा संस्था प्रधान के दायित्व का निर्वहन किया जाएगा। कार्मिक की वरिष्ठता का निर्धारण संपूर्ण सेवा अवधि के आधार पर होगा। Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

प्रबोधक को भी संस्थाप्रधान का चार्ज

किसी विद्यालय में तृतीय श्रेणी अध्यापक और प्रबोधक में से संस्थाप्रधान का चार्ज किसे सौपा जाये❓

निदेशक प्रारभ्भिक शिक्षा बीकानेर के  पूर्व निर्देशो के अनुसार प्रबोधक को संस्था प्रधान का चार्ज वरिष्ठ अध्यापक , अध्यापक, शारीरिक शिक्षक के पद रिक्त होने पर देय था।
6/3/17 के नवीन संशोधित आदेशो के अनुसार संस्था प्रधान का पद रिक्त होने पर वरिष्ठ अध्यापक को ,उनकी अनुपस्थिति या पद रिक्त होने पर प्रबोधक / अध्यापक जो भी वरिष्ठ होगा उन्हे संस्था प्रधान का दायित्व दिया जाएगा।
*वीन संशोधन से प्रबोधक के पद को अध्यापक के पद के समकक्ष रखा गया है।सम्पूर्ण सेवा अवधि से  वरिष्ठता की गणना की जाएगी। Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

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State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 / राज्य बीमा नियम 1998 : राज्य बीमा नियम 1998(SI Rules)-राजस्थान राज्य बनने के बाद 1953 में कर्मचारी बीमा नियम के तहत 1-1-1954 से सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सभी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य राज्य बीमा योजना लागू की गई। इस योजना को आगे बढ़ाया गया और 1-4-1989 से जिला परिषदों और पंचायत समितियों के कर्मचारियों के लिए लागू किया गया। बाद में 1-4-1995 से इस योजना को राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों के सभी वर्क चार्ज कर्मचारियों के लिए लागू किया गया।

पुराने नियमों को फिर से लिखा गया और 01-04-1998 से नए बीमा नियम State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 लागू हुए।

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

राज्य बीमा विभाग के State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 नियमों के अनुसार, राज्य बीमा की कटौती को बढ़ाने के लिए, 1 अप्रैल यानी 1/4/22 को 55 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए, यदि कार्मिक की आयु 55 वर्ष या उससे अधिक है, तो कटौती समान रहेगी और कटौती योग्य में कोई वृद्धि नहीं होगी क्योंकि बीमा विभाग 55 वर्ष की आयु के बाद किसी भी जोखिम को कवर नहीं करता है। State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

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State Insurance Rules, 1998

उस राज्य बीमा कटौती योग्य का क्या होगा जिसकी परिवीक्षा अवधि 28 मार्च, 2022 को समाप्त हो रही है?

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार जिनका पहली बार एसआई काटा जा रहा है, वह 22 मार्च से ही होगा, लेकिन जिनका प्रोबेशन मार्च 2022 या उससे पहले पूरा हो रहा है, पहले ऐसे कर्मियों के लिए एक पुष्टिकरण आदेश जारी किया जाएगा, फिर डीडीओ वेतन तय करेगा, उसके बाद नए वेतन के अनुसार राज्य बीमा की पहली कटौती 22 मार्च से की जा सकती है, जिसमें से बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। 

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अगर सरकार द्वारा बढ़ाए गए डिडक्शन को स्लैब के हिसाब से बढ़ाना है तो कोई डिक्लेरेशन नहीं देना होता है| यदि कर्मी अपनी इच्छा से एक या दो कदम आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्हें एसएसओ-आईडी से आगे का परिशिष्ट (अधिक घोषणा पत्र) ऑनलाइन जमा करना होगा।

जिन लोगों का एसआई पहली बार 22 मार्च को काटा जा रहा है, वे अपनी एसएसओ-आईडी से प्रथम घोषणा ऑनलाइन जमा करें, यदि कर्मी चाहें तो एक या दो चरण आगे की कटौती भी करवा सकते हैं। 

टिप्पणी:  जो 1 अप्रैल, 22 को 55 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उनकी SI कटौती समान रहेगी, उनकी कटौती किसी भी तरह से नहीं बढ़ेगी। SIPF पोर्टल पर नए आदेश के अनुसार, कटौती की नई दरें अपडेट होते ही ऑनलाइन डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करें। यदि आपने पूर्व में पुरानी दर पर एसआईपीएफ पोर्टल में घोषणा पत्र जमा किया है, तो इसे डीडीओ या राज्य बीमा और भविष्य निधि कार्यालय से खारिज कर दें जहां यह लंबित है और नई दर के अनुसार घोषणा पत्र फिर से जमा करें। 

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बीमित व्यक्ति ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने पर सरेंडर मूल्य के 90% और अर्जित बोनस की सीमा तक ऋण प्राप्त करने का हकदार होगा।

बीमित व्यक्ति के अनुरोध पर ऋण 60 समान मासिक किस्तों में या कम किस्तों में वितरित किया जाएगा। किश्तें ऋण निकासी के पहले महीने के वेतन से शुरू होंगी। मूल ऋण चुकाने के बाद ऋण पर 8.5% का साधारण ब्याज 10 समान किश्तों में वसूल किया जाएगा। पॉलिसी के विरुद्ध अगला ऋण तब तक स्वीकृत नहीं किया जाएगा जब तक कि पिछले ऋण की स्वीकृति और पिछले ऋण की वसूली के दो वर्ष बीत चुके हों।


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राज्य बीमा ऋण की वसूली राज्य बीमा एवं भविष्य निधि विभाग द्वारा 36 समान किश्तों में की जाती है। अत: 01 किश्त पर 666 माह के लिए ब्याज की गणना की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी ने रुपये 36000/- का राज्य बीमा ऋण लिया है तो यह रुपये 1000/- प्रति माह की दर से वेतन कटौती से वसूल किया जाएगा। मूल ऋण में कटौती के बाद ब्याज घटाया जाता है ।  यदि रुपये 1000/- की किश्त पर 666 महीने के लिए ब्याज की गणना की जाए तो सही ब्याज की गणना हो जाती है जो निम्न प्रकार है –

(1000 किश्त x 666 महीने x 9.5 वार्षिक ब्याज दर)/ 1200 = 5273 रुपये ब्याज होगा। इसी प्रकार बैंक ऋण पर भी ब्याज की गणना की जा सकती है।

गणना अवधि = (अवधि x (अवधि+1))/ 2 उदाहरण के लिए यदि ऋण 36 किस्तों में काटा जाता है तो (36 x 37)/ 2 = 666

यदि वसूली 60 किश्तों में की जा रही है तो (60 x 61) = 1830 माह की पहली किस्त का ब्याज पूरे ऋण ब्याज के बराबर होगा।

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राज्य बीमा कटौती नियम

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार राज्य बीमा प्रीमियम स्लैब – वेतनमान 2017

क्रम संख्यावेतन पे मैट्रिक्स लेवल मेंप्रीमियम स्लैब (01-04-18 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-20 से प्रभावी)
122000/- तक500/-800/-
222001/- से 28500/- तक700/-1200/-
328501/- से 46500/-तक1300/-2200/-
446501/- से 72000/-तक1800/-3000/-
572001/- या अधिक3000/-5000/-
6अधिकतम कटौती4000/-7000/-
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क्रम संख्यावेतन (मूल वेतन + ग्रेड पे )प्रीमियम स्लैब (01-04-09 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-10 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-15 से प्रभावी)
16050/- से 8500/- तक180/-330/-400/-
28501/- से 11000/- तक240/-450/-550/-
311001/- से 18000/- तक480/-900/-1100/-
418001/- से 28000/- तक720/-1300/-1550/-
528000/- या अधिक1200/-2200/-2650/-
6अधिकतम कटौती1500/-2500/-3000/-
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क्रमांकविषयआदेश संख्याआदेश की दिनांक
1ब्याज दर के लिए राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधन (8.5% से 7.5% प्रति वर्ष)एफ.4(99)एफडी/राजस्व/9217-अप्रैल-20
2राज्य बीमा प्रीमियम दरों में संशोधनF.13(21)FD/राजस्व/76 भाग13-मार्च-20
3आदेश – राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम, 1998 में प्रीमियम दरों का पुनरीक्षणएफ.13(21)एफडी/राजस्व/76 भाग25-फरवरी-15
4राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96 भाग-II16-दिसंबर-10
5कुछ मामलों में राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम, 1998 के तहत बीमा राशि का भुगतानF4(36)FD/RECV/96Pt112-अगस्त-10
6राजस्थान सरकार सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF13(21)FD/राजस्व/76 PT31-मार्च-10
7राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ13(21)/एफडी/राजस्व/7602-मार्च-09
8राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96-भाग12-सितंबर-08
9राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96 भाग-I22-नवंबर-07
10राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF4(99)FD/राजस्व/9210-मई-04
1 1राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ.4(99)एफडी/आरएआई/9214-मार्च-02
12राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ.4(36)एफडी/राजस्व/9614-मई-99
13राजस्थान सरकार के कर्मचारी बीमा नियम, 199817-मार्च-98
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SNA वित्तीय वर्ष 2023-24 में जारी “SNA” लिमिट का उपयोग कैसे करें

संपर्क सूत्र 

SIPF विभाग की संपर्क सूची (हिंदी) 01-12-2022 तक

SIPF विभाग की संपर्क सूची (अंग्रेजी) 01-12-2022 तक

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  • एसआईपीएफ मुख्यालय

पता 2-2 ए, बीमा भवन, सवाई जयसिंह हाईवे, बनीपार्क, जयपुर – 302006

संपर्क नंबर 0141-2202395, 2202347, 2202348, 2200349, 2201349, 2201336

ई-मेल [email protected]

  • नोडल अधिकारी (आईटी)

नोडल अधिकारी (आईटी) अपर निदेशक (सिस्टम)

संपर्क नंबर 0141-2206333

ई-मेल [email protected]

नोडल अधिकारी (वेबसाइट) विश्लेषक सह प्रोग्रामर (उप निदेशक)

संपर्क नंबर 0141-2206333

ई-मेल [email protected]

नोडल अधिकारी (सतर्कता) वरिष्ठ अतिरिक्त निदेशक (सतर्कता), मुख्यालय, जयपुर

संपर्क नंबर 0141-2201858

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