Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया : नमस्कार। शिक्षक बंधुओं, इस आर्टिकल में हम आपके लिए विद्यालय या अपने किसी भी कार्यालय में नकारा सामग्री जो आपके विद्यालय या कार्यालय की आवश्यक जगह को रूद्ध रही हैं या रोक रही है उसका निस्तारण करके आप अपने विद्यालय या कार्यालय में जगह खाली करा सकते हैं और उसका एक सदुपयोग आप कर सकते हैं।
यहाँ हमारे अनुभवी जानकार श्री के एल सेन के द्वारा नकारा सामग्री का निस्तारण किस प्रकार किया जाना चाहिए और कौन कौन से प्रपत्र या फॉर्मेट आपको संधारण करने होते है, इन सब के बारे में जानकारी हम आप तक साझा कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं नकारा सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया को…..
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया :-
एस. आर. 05 तैयार करना (GF&AR Vol.I PART – II Rule 17 (1))
एस.आर. 5 में नकारा/ अनुपयोगी सामान की सूची तैयार की जाएगी।
एस. आर. 5 पर कार्यालयाध्यक्ष, पुस्तकालय प्रभारी / भण्डार प्रभारी के हस्ताक्षर होंगे।
यदि कोई प्रयोगशाला का सामान हो, ऐसी स्थिति में प्रयोगशाला प्रभारी के हस्ताक्षर होंगे। (Click here to download SR 5 )
सामान को अनुपयोगी घोषित करने से पूर्व संबंधित अधिकारी उस वस्तु के उपयोग की न्यूनतम अवधि को ध्यान में रखेंगे। (जी.एफ.एण्ड ए.आर. के भाग।।) (भण्डार की वस्तुओं की न्यूनतम उपयोग की अवधि देखने के लिये यहां क्लिक करें)
अनुपयोगी/अप्रचलित वस्तुओं का निरीक्षण एक समिति द्वारा किया जाएगा जिसमें वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी तथा सहायक लेखाधिकारी/लेखाकार/कनिष्ठ लेखाकार यथास्थिति होंगे। Process of disposal of unusable materials
निरीक्षण / सर्वेक्षण समिति का गठन (GF&AR Vol.I PART-II Rule 18)
A. रू 10लाख से कम पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति–
वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी
AO/AAO-I/AAO-II/Jr.Accountant
विशेषज्ञ ( सामान की प्रकृति अनुसार )
B. रू 10 लाख एवं अधिक पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति-
वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी
F.A./C.A.O./Sr.AO/AO/AAO-I
विशेषज्ञ (सामान की प्रकृति अनुसार )
नोटः-
1 मूल्यवान मशीनरी / उपकरण के निस्तारण हेतु विशेषज्ञ अथवा अधिकृत विक्रेता से रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है।
कम्प्यूटर से संबंधित सामग्री की स्थिति में IT Policy 2015 के प्रावधानों की पालना करना आवश्यक होगा। एस. आर. 5 में अंकित सामान के निरीक्षण उपरान्त उक्त समिति अपनी रिपोर्ट एस. आर. 6 में प्रस्तुत करेगी ।
अनुपयोगी सामान की सर्वे रिपोर्ट प्रारूप एस.आर. 6 में तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट पर समिति के सदस्य तथा सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर होंगे।(Download SR-6)
आरक्षित मूल्य का निर्धारण GF&AR Vol.I PART-II Rule 21 (iv) : आईटम की किस्म यथा अखबार, पुस्तकें, लोहे का सामान, पीतल का सामान इत्यादि के अनुसार आरक्षित मूल्य का निर्धारण किया जाएगा।
5 लाख या इससे अधिक मूल्य की वस्तुओं के मामलों में निरीक्षण के लिए बनी समिति में वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी, वित्तीय सलाहकार/लेखाधिकारी एवं तकनीकी अधिकारी, जिसे वस्तुओं का ज्ञान हो, होंगे।
पुराने टाइपराईटर का निस्तारण राजकीय मुद्राणालय जयपुर द्वारा किया जायेगा। Process of disposal of unusable materials
नीलामी कमेटियों का गठन जी.एफ. एण्ड ए. आर. के भाग ।। के आर.एन.(1) में दिया गया है। आरक्षित मूल्य वस्तुओं का निरीक्षण करने वाली समिति द्वारा निश्चित किया जाएगा।
नीलामी में भाग लेने वाली फर्मों से बयाना राशि 2 प्रतिशत न्यूनतम 500/अधिकतम 50000/- ली जाए जिसका निर्धारण नीलामी कमेटी द्वारा किया जाएगा।
अनुपयोगी घोषित करने का आदेश जारी करना (GF&AR Vol.I PART-II Rule 17) : सामान को अनुपयोगी घोषित करने हेतु अनुलग्नक ‘ख’ में उल्लेखित सामान की न्यूनतम उपयोगिता अवधि एवं सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम (खण्ड-1) भाग- II में उल्लेखित वित्तीय शक्तियों के प्रत्यायोजन के आईटम संख्या – 11 में प्रदत्त शक्तियों को ध्यान में रखना है।
व्ययन समिति का गठन (GF&AR Vol.I PART-II Rule 22)
(A) रू 2 लाख तक के पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति-
कार्यालयाध्यक्ष
AAOI/AAO-II/Jr. Accountant
कोषाधिकारी का प्रतिनिधि – AAO-I/AAO-II/Jr. Accountant
(B) रू 2 लाख से अधिक एवं 10 लाख से कम तक के पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति—
कार्यालयाध्यक्ष
AO/AAO-I/AAO-II/Jr. Accountant
कोषाधिकारी का प्रतिनिधि – AO / AAOI/AAO-II/Jr. Accountant
(C) रू 10 लाख एवं अधिक पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति-
विभागाध्यक्ष अथवा विभागाध्यक्ष द्वारा नामित वरिष्ठतम अधिकारी
कार्यालयाध्यक्ष
विभाग के वरिष्ठतम लेखाधिकारी का प्रतिनिधि जो किAAO – II से कम पदधिकारी ना हो। पुस्तक मूल्य रू 15 लाख से अधिक होने पर – AAO-II
(D) रद्दी कागज हेतु –
कार्यालयाध्यक्ष
AAO-I/AAO-II/Jr.Accountant
मोटर यान एवं भारी मशीनें और उपकरणों के लिए-
नियंत्रक, राज्य मोटर गैराज विभाग, राजस्थान, जयपुर – चेयरमैन
वित्तीय सलाहकार / मुख्य लेखाधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थापित (सम्बन्धित प्रशासनिक विभाग द्वारा नामित ) – सदस्य
मोटर गैराज विभाग का लेखा संवर्ग का वरिष्ठतम अधिकारी- सदस्य
स्टोर इंचार्ज (तकनीकी अधिकारी) राज्य मोटर गैराज विभाग – सदस्य सचिव
जब एक मोटर वाहन अनुपयोगी घोषित कर दिए जाए और इन्हें मोटर गैराज, जयपुर में लाना साध्य / मितव्ययी नहीं है, इन्हें निम्नलिखित गठित समिति द्वारा सम्बन्धित जिले में नीलाम किया जाएगा-
जिला कलेक्टर या इसका नाम निर्देशिती जो जिला स्तरीय अधिकारी की रैंक से नीचे का न हो – अध्यक्ष
सम्बन्धित कार्यालय का वरिष्ठतम अधिकारी जो जिला स्तरीय अधिकारी की रैंक से नीचे का न हो – सदस्य सचिव सदस्य
जिला कोषाधिकारी – सदस्य
तकनीकी अधिकारी – सदस्य
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
रुपये 50,000 तक का अनुपयोगी सामान होने पर स्थानीय अनुपयोगी सामान के व्यवसायियों (कबाड़ी) को पत्रों द्वारा सूचित कर दिया जाए तथा 7 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। प्रतिलिपि नोटिस बोर्ड पर लगाए।
प्रचार कहा करना हैं –
समस्त क्षेत्रीय और खण्डीय मुख्यालय
जीएसटी रजिस्टर्ड बोलीदाता (न्यूनतम तीन )
रुपये 50,000 से 2.50 लाख तक का अनुपयोगी सामान होने पर स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जावे तथा 10 दिन की नोटिस अवधि दी जाए।
प्रचार कहा करना हैं –
समस्त क्षेत्रीय और खण्डीय मुख्यालय केनोटिस बोर्ड
एक क्षेत्रीय / राज्य स्तरीय समाचार पत्र स्थानीय संस्करण
रुपये 2.50 लाख से 10 लाख तक के अनुपयोगी सामान के लिए अखिल भारतीय स्तर के समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जाए तथा 15 दिन की नोटिस अवधि दी जाए।
प्रचार कहा करना हैं –
समस्त क्षेत्रीय और खण्डीय मुख्यालय के नोटिस बोर्ड
एक राज्य स्तरीय समाचार पत्र
10 लाख से अधिक पर 20 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। Process of disposal of unusable materials
प्रचार कहा करना हैं –
समस्त क्षेत्रीय और खण्डीय मुख्यालय के नोटिस बोर्ड
एक राज्य स्तरीय समाचार पत्र
एक राष्ट्रीय स्तरीय समाचार पत्र
NITS प्रकाशित करने वाला कोई एक Trade Journal
ऐसे यानों का व्ययन, जिनके सुसंगत दस्तावेज नहीं है या जिनका रजिस्ट्रीकरण नहीं हो सका था, यानों के चेसिस / इंजन इत्यादि का सुसंगत दस्तावेज रखने के पश्चात् पुराने लोहे (स्क्रेप) के रूप में नीलाम की अनुमति दी जा सकेगी।
अधिकतम बोलीदाता जिसके नाम बोली छोडी जाती है, से 25 प्रतिशत राशि उसी समय तथा शेष माल सुपुर्दगी के समय ली जाएगी।
माल उठाने के लिए 3 से 7 दिन का समय दिया जाएगा। Process of disposal of unusable materials
अन्य बोलीदाता की धरोहर राशि उसी दिन लौटा दी जाएगी। Process of disposal of unusable materials
नीलामी की राशि पर प्रचलित दरों पर वेट की राशि भी ली जाएगी।
निर्धारित अवधि में माल नहीं उठाने पर 25 प्रतिशत जमा राशि जब्त कर ली जाए।
नीलामी से प्राप्त राशि अगले दिन राजकोष में आमद मद में वेट की राशि सेल टेक्स के हेड में जमा करवाई जाए।
वाहनों को अनुपयोगी करने की शक्तियाँ (जी.एफ. एण्ड ए. आर. के भाग ।। परिशिष्ठ ’बी’) में दी गई है।
नीलामी के पश्चात् विक्रय लेखा प्रारूप एस. आर.-7 में तैयार किया जाता है। (Download SR-7)
बयाना / अमानत राशि (GF&AR Vol.I PART-II Rule 24) : पुस्तक मूल्य का 2 प्रतिशत, न्यूनतम 500 /- अधिकतम 50,000/-
विक्रय लेखा एस. आर. 7 (GF&AR Vol.I PART-II Rule 23) एस. आर. 07 नीलामी के दिन तैयार किया जाएगा। इस पर व्ययन समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर होगें । कोषाधिकारी / उपकोषाधिकारी के प्रतिनिधि के अभाव में नीलामी का कार्य सम्पन्न नहीं किया जाएगा।
जी.एस.टी. सफल बोलीदाता द्वारा जमा करवाया जाएगा।
निरीक्षण/सर्वेक्षण समिति एवं व्ययन समिति में सदस्य संख्या में वृद्धि भी की जा सकती है।
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(ख) 1 लाख रुपये एवं इससे अधिक किन्तु 5 लाख से कम मूल्य के सामानों के लिए–
(1) उप विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी जो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा-सदस्य सचिव
(2) कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य
(3) विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय का लेखा अधिकारी/सहायक लेखा अधिकारी सदस्य
(4) कोषागार अधिकारी या सहायक उपकोषागार अधिकारी सदस्य
(ग) 30,000 रुपये से अधिक किन्तु 1 लाख से कम मूल्य के सामानों के लिए–
(1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव
(2) क्षेत्रीय अधिकारी (रीजनल आॅफिसर) द्वारा या यदि क्षेत्रीय अधिकारी न हो तो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित सहायक लेखा अधिकारी / लेखाकार सदस्य।
(3) कोषागार अधिकारी द्वारा नामित सहायक/उप/कोषागार अधिकारी जहाँ पृथक उप कोषागार हो वहाँ संबंधित सहायक / उप कोषागार अधिकारी सदस्य। Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
(1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव
(2) विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय में पदस्थापित सहायक लेखा अधिकारी/लेखाकार यदि ये दोनों उसी स्थान पर हांे जहाँ कार्यालयाध्यक्ष का स्थान है तथा वह अन्यथा प्रकार से कार्यालयाध्यक्ष के कार्यालय में पदस्थापित है – सदस्य।
Process of disposal of unusable materials रद्दी कागज के लिए
(क) 30,000 रुपये से अधिक मूल्य के रद्दी कागजों के लिए-
(1) उप विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी जो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा, सदस्य सचिव।
(2) संबंधित कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य।
(3) विभाग का वरिष्ठ लेखाधिकारी/लेखा अधिकारी/ सहायक लेखा अधिकारी सदस्य।
(ख) 10,000 रुपये से अधिक किन्तु 30,000 रुपये तक मूल्य के रद्दी कागजों के लिए-
(1) क्षेत्रीय अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष सदस्य सचिव।
(2) उनके विभाग का लेखाधिकारी/सहायक लेखा अधिकारी/लेखाकार सदस्य।
(3) कोई भी राजपत्रित अधिकारी जो क्षेत्रीय अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष द्वारा नामित किया गया हो, सदस्य।
(ग) 10,000 रुपये मूल्य तक के रद्दी कागजों के लिए-
(1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव।
(2) कार्यालय का लेखाकार/कनिष्ठ लेखाकार सदस्य।
(3) कार्यालय अधीक्षक/कार्यालय सहायक सदस्य।
नोट :– प्रतिवर्ष वित्त विभाग द्वारा उक्त सीमा में शिथिलीकरण किया जाता है। उस सीमा के अध्यधीन नीलामी की कार्यवाही की जाएगी। Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
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Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
नमस्कार मित्रो, इस आर्टिकल में आप जानेगे की चाइल्ड केयर लीव क्या है? और किन परिस्थितियों में हम चाइल्ड केयर लीव अवकाश ले सकते हैं? इसमें बच्चों से क्या आशय है? चाइल्ड लीव केयर की स्वीकृति किन शर्तों के अधीन होगी? साथ ही साथ हमारा चाइल्ड केयर लीव लेने का प्रोसेज क्या रहेगा और हमारी सर्विस बुक में चाइल्ड केयर लीव का अकाउंट किस प्रकार मेंटेन रहेगा? इस प्रकार संपूर्ण नियमावली के बारे में इस आर्टिकल में हमारे विद्वान साथियों ने पूर्ण अथक प्रयास करके जानकारी देने का प्रयास किया गया है।
आपसे आग्रह है अगर ये जानकारी सही लगे तो आप इस जानकारी को अपने मित्रों, साथियों तक जरूर लिंक के माध्यम से शेयर करें। Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
Child Care Leave Rule in Rajasthan : वित्त विभाग (नियम अनुभाग), राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियम-2018, नियम- 103सी (चाइल्ड केअर लीव विषयक) अधिसूचना क्रमांक.प.1(6)/वित्त/नियम/2011 जयपुर, दिनांक: 22 मई 2018 का सारांश-
(1). महिला/एकल पुरूष कर्मचारी को उसके प्रथम दो जीवित बच्चों की देखभाल (पालन पोषण या परीक्षा, अस्वस्थता आदि आवश्यकताओं की स्थिति में) के लिए सम्पूर्ण सेवाकाल के दौरान अधिकतम 2 वर्ष अर्थात 730 दिन का चाइल्ड केअर लीव सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जा सकेगा। Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम बच्चे से आशय है- (ए) 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा (बी) न्यूनतम 40 फीसदी निःशक्त संतान जिसकी आयु 22 वर्ष तक हो।
Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
(2). चाइल्ड केअर लीव की स्वीकृति निम्नलिखित शर्तों के अध्यधीन होगी-
महिला/एकल पुरूष कर्मचारी को सम्पूर्ण चाइल्ड केअर लीव 730 दिन में से प्रथम 365 दिन के लिये अवकाश पर प्रस्थान करने से ठीक पूर्व के वेतन का 100 प्रतिशत के बराबर वेतन देय होगा जबकि अगले 365 दिन के लिये अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व के वेतन के 80 प्रतिशत के बराबर वेतन देय होगा।
चाइल्ड केअर लीव को किसी भी अन्य देय अवकाश के साथ संयुक्त किया जा सकेगा।
राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में अवकाश स्वीकृति हेतु आवेदन सक्षम अधिकारी को पर्याप्त समय पूर्व देना होगा।
चाइल्ड केअर लीव का दावा अधिकारपूर्वक नहीं किया जा सकेगा। किसी भी परिस्थिति में अवकाश स्वीकृति अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई कार्मिक (महिला/एकल पुरूष कर्मचारी) अवकाश का उपभोग नहीं करेगा।
चाइल्ड केअर लीव कर्त्तव्य से अनधिकृत अनुपस्थिति के पश्चात आवेदन करने पर किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।
कार्मिक (महिला/एकल पुरूष कर्मचारी) द्वारा पहले से ही उपभोग किए जा चुके अथवा उपभोग किए जा रहे अवकाशों को किसी भी परिस्थिति में चाइल्ड केअर लीव में परिवर्तित नहीं किया जा सकेगा।
चाइल्ड केअर लीव को किसी अन्य अवकाश लेखे में नामे नहीं लिखा जाएगा। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में इसका पृथक्क अवकाश लेखा संधारित किया जाएगा और इसे सेवा पुस्तिका में चस्पा किया जाएगा।
अवकाश स्वीकृति अधिकारी राजकार्य के सुचारू संचालन अथवा विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवेदित अवकाश को अस्वीकृत कर सकता है।
चाइल्ड केअर लीव एक कैलेण्डर वर्ष में तीन बार (spell) से अधिक स्वीकृत नहीं की जाएगी। एक कैलेण्डर वर्ष में शुरू होकर यदि अवकाश दूसरे कैलेण्डर वर्ष में पूर्ण होता है तो उस स्पेल को अवकाश शुरू होने वाले वर्ष में काउंट किया जाएगा।
सामान्यतः यह अवकाश परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण अवधि में स्वीकार्य नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में स्वीकृत होने की स्थिति में परिवीक्षाकाल उतनी ही अवधि के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।
इस अवकाश को उपार्जित अवकाश की तरह ही स्वीकृत और व्यवहृत किया जाएगा।
रविवार और अन्य अवकाशों को इस अवकाश के पहले अथवा बाद में जोड़ा जा सकेगा। चाइल्ड केअर लीव के मध्य में आने वाले रविवार, राजपत्रित और अन्य अवकाश उपार्जित अवकाश की तरह ही चाइल्ड केअर लीव में काउंट होंगे।
निःशक्त बच्चे के संबंध में अवकाश स्वीकृति से पूर्व सक्षम प्राधिकारी/मेडिकल बोर्ड से जारी निःशक्तता प्रमाण पत्र के अलावा कार्मिक पर बच्चे के आश्रित होने का प्रमाण पत्र कर्मचारी से लिया जाएगा।
विदेश में रह रहे बच्चे की अस्वस्थता अथवा परीक्षा आदि की स्थिति में अवकाश अधिकृत चिकित्सक/शिक्षण संस्थान से प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत किया जा सकेगा। विदेश में रह रहे अवयस्क बच्चे के सम्बंध में अवकाश लेने पर विदेश यात्रा संबंधी अवकाश के नियम/निर्देशों का पालन करना होगा और 80 प्रतिशत अवकाश अवधि उसी देश में बितानी होगी जहां बच्चा रह रहा है।
देश या विदेश में किसी छात्रावास में रह रहे बच्चे की परीक्षा आदि के दौरान अवकाश चाहे जाने पर महिला कार्मिक को यह स्पष्ट करना होगा कि वो बच्चे की देखभाल किस प्रकार से करेगी/ करेगा।
एक बार में 5 से कम चाइल्ड केअर लीव स्वीकृत नहीं की जायेगी। यानी एक बार में कम से कम 5 दिन का चाइल्ड केअर लीव लेना आवश्यक है।
Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियमकुछ तथ्य-
राजस्थान सेवा नियम 1951 में नया नियम 103 C चाइल्ड केअर लीव जोड़ा गया।
महिला/एकल पुरूष कर्मचारी को पूरे सेवाकाल में कुल अवधि 730 दिन अर्थात 2 वर्ष के लिए देय होगा।
चाइल्ड का तात्पर्य उसकी आयु 18 वर्ष से कम हो। 40% या उससे अधिक विकलांगता की स्थिति में 22 वर्ष तक चाइल्ड माना जायेगा।
महिला/एकल पुरूष कर्मचारी को सम्पूर्ण चाइल्ड केअर लीव 730 दिन में से प्रथम 365 दिन के लिये अवकाश पर प्रस्थान करने से ठीक पूर्व के वेतन का 100 प्रतिशत के बराबर वेतन देय होगा जबकि अगले 365 दिन के लिये अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व के वेतन के 80 प्रतिशत के बराबर वेतन देय होगा।
अन्य किसी भी अवकाश के साथ लिया/ जोड़ा जा सकता है।
इस अवकाश के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अनुमोदित प्रारूप में आवेदन करना होगा।
चाइल्ड केअर लीव अधिकार नही है। बिना पूर्व स्वीकृति के नहीं लिया जा सकेगा।
अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले कर्मिकों को यह अवकाश देय नही होगा।
विशेष परिस्थिति में अन्य अवकाश उपलब्धता की स्थिति में उन अवकाशों को चाइल्ड केअर लीव में परिवर्तित किया जा सकेगा।
इस अवकाश को अन्य अवकाश लेखो में से नहीं घटाया जा सकेगा। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित फॉर्म में इन अवकाशों को संधारित किया जाएगा। तथा ये फॉर्म सेवा पुस्तिका में रखा जाएगा।
राज्य सरकार/ विभाग के कार्य प्रभावित न हो ऐसी स्थिति में ये अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा।
एक कलेंडर वर्ष में अधिकतम तीन बार ये अवकाश लिया जा सकेगा। किन्तु अवकाश के दौरान दो कलेंडर वर्ष मिलने पर इसे नही लिया जा सकेगा। यदि ऐसी स्थिति बनती है तो जिस कलेंडर वर्ष में अवकाश शुरू हुआ है। उसमें इसे गिना जाएगा।
एक बार में 5 से कम चाइल्ड केअर लीव स्वीकृत नहीं की जायेगी। यानी एक बार में कम से कम 5 दिन का चाइल्ड केअर लीव लेना आवश्यक है।
प्रोबेशनर्स को यह अवकाश देय नही होगा। फिर भी कोई लेता है तो उसका प्रोबेशन अवकाश अवधि के बराबर आगे बढ़ाया जाएगा।
यह अवकाश उपार्जित अवकाश की भांति ही निस्तारण होगा एवम उसी प्रकार स्वीकृत किया जा सकेगा।
इस अवकाश के क्रम में रविवार, सर्वनानिक अवकाश आने पर वो गिने जाएंगे।
दिव्यांग बच्चें के लिए ये अवकाश लेने पर सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही स्वीकृत किया जा सकेगा।
बच्चें के बीमार होने पर व बाहर रहने की स्थिति में डॉक्टर के प्रमाण के आधार पर ये अवकाश लिया जा सकेगा।
बच्चें की परीक्षा होने पर लिया जा सकेगा। यदि चाइल्ड होस्टल में रहता है तो कार्मिक को यह तथ्य प्रस्तुत करना होगा कि होस्टल में आपकी केअर की जरूरत कैसे है। इसका प्रमाण प्रस्तुत करने पर ही हॉस्टलर्स चाइल्ड के लिए ये अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा।
Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
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Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम : विशेष-
कार्मिका की सेवा पुस्तिका में निर्धारित प्रपत्र चस्पा कर CHILD CARE LEAVE का इन्द्राज होगा एवम सेवा पुस्तिका में भी CHILD CARE IEAVE अवधि का अंकन सुनिश्चित होगा।
वित्त विभाग राजस्थान के Notification No. F.1(6)FD/ Rules/20U Jaipur, dated : 31. 07- 2020 के द्वारा Child Care Leave Rule in Rajasthan के नियमों में कुछ परिवर्तन किया गया है। उक्त नोटिफिकेशन द्वारा अब यह एकल पुरूष कर्मचारियों को भी देय है। नोटिफिकेशन की जानकारी प्राप्त करने के लिये यहां क्लिक करें।
उक्त नोटिफिकेशन के मुख्य बिन्दू
महिला/एकल पुरूष को संपूर्ण सेवाकाल में 730 दिन का चाइल्ड केअर अवकाश देय है।
सम्पूर्ण सेवाकाल में देय 730 दिन के Child Care Leave Rule in Rajasthan में से प्रथम 365 दिन के लिये अवकाश पर अवकाश से प्रस्थान करने के पूर्व वेतन के 100 प्रतिशत के बराबर वेतन देय है तथा अन्य 365 दिन के लिये अवकाश से प्रस्थान करने के पूर्व के 80 प्रतिशत के बराबर वेतन देय है।
एक बार में न्यूनतम 5 दिन का चाइल्ड केअर लीव लिया जा सकता है।
चाईल्ड केयर अवकाश (CCL) स्वीकृति के सम्बन्ध में राज्य सरकार के वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांकः एफ. 1 (6) FD / Rules/2011 दिनांक 22.05.2018 द्वारा राजस्थान सेवा नियमों के नियम 103 (C) द्वारा “चाईल्ड केयर लीव” (CCL) का प्रावधान किया गया है। चाईल्ड केयर अवकाश स्वीकृति के सम्बन्ध में अधीनस्थ कार्यालयों से मार्गदर्शन हेतु प्रकरण/पत्र इस कार्यालय में प्राप्त हो रहे है, साथ ही यह भी ध्यान में लाया गया है कि पात्र कार्मिकों के चाईल्ड केयर अवकाश (CCL) प्रकरण, जो नियमानुसार इनके द्वारा स्वीकृत किये जाने चाहिए, स्वीकृत नहीं किये जा रहे है।
Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम के संबंध में निम्नांकित निर्देशों का पालन आवश्यक रूप से करते हुए वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 22.05.2018 का भली-भांन्ति अध्ययन / अवलोकन कर कार्यवाही सुनिश्चित करें:-
यह अवकाश उपार्जित अवकाश (Privilege Leave) की तरह माना जावेगा एवं स्वीकृत किया जावेगा। अतः राजस्थान सेवा नियम भाग द्वितीय Appendix (ix) आईटम संख्या-22 के अन्तर्गत उपार्जित अवकाश स्वीकृत करने हेतु सक्षम अधिकारी, उन्हें प्रदत्त अवधि (120 दिन की अवधि आहरण वितरण अधिकारी एवं 120 दिन से अधिक विभागाध्यक्ष द्वारा स्वीकृत) तक का चाईल्ड केयर अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे। चाईल्ड केयर अवकाश प्रकरण में अवकाश की देयता का पूर्व में भली-भाँन्ति परीक्षण किया जाकर ही स्वीकृत किया जाये। आहरण वितरण अधिकारी की सक्षमता अवधि से अधिक अवधि के अवकाश प्रकरण ही सक्षम उच्चाधिकरियों को स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किये जावे। उच्च स्तर पर स्वीकृति योग्य प्रकरणों का भली-भाँन्ति परीक्षण कर मय आवश्यक दस्तावेज, स्वीकृति हेतु जिला शिक्षा अधिकारी अपनी स्पष्ट अभिशंषा कर ही प्रेषित करें।
“चाईल्ड केयर लीव (CCL) अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से तत्काल पूर्व प्रभावी दर से अवकाश वेतन देय होगा।
उक्त अवकाश किसी भी अन्य अवकाश खाते में नामे (Debit) नहीं किया जावे। चाईल्ड केयर अवकाश का खाता पृथक से संलग्न प्रपत्र में संधारित किया जावे एवं इसे सेवा पुस्तिका में चस्पा (Paste) किया जावे । Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारी राज्य सरकार के दैनन्दिन कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने, प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रखने, कोई विपरित प्रभाव न पड़ने या राज्य सरकार के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु आवश्यक समझे तो चाईल्ड केयर अवकाश (CCL) स्वीकृत करने से मना कर सकेगा।
यह अवकाश एक कलेण्डर वर्ष में तीन बार (Spells) से अधिक नहीं लिया जा सकेगा। एक Spell जो एक कलेण्डर वर्ष में आरम्भ होगा और समाप्त अगले कलेण्डर वर्ष में होगा। वह अवकाश प्रारम्भ वाले कलेण्डर वर्ष का Spell माना जावेगा।
सामान्यतः प्रोबेशन ट्रेनी कार्मिक को चाईल्ड केयर अवकाश (CCL) स्वीकृत नहीं किया जावेगा, परन्तु विशेष परिस्थितियों में स्वीकृत किया जाता है तो प्रोबेशन अवधि उतने दिन आगे (Extend) होगी, जितनी अवधि का चाईल्ड केयर अवकाश स्वीकृत होगा।
यह अवकाश उपार्जित अवकाश की तरह माना जावेगा तथा तदनुसार ही स्वीकृत होगा।
दिव्यांग सन्तान के प्रकरण में सम्बन्धित महिला कार्मिक से निर्भरता (Dependency) प्रमाण पत्र Child Care Leave Rule in Rajasthan स्वीकृति से पूर्व किया जाना आवश्यक होगा।
स्वयं भी अवकाश स्वीकृत करते समय एवं उच्चाधिकारियों को प्रेषित करते समय यह जांच कर लेवें कि 18 वर्ष तक के दो बच्चों तक की देखरेख के लिए ही आवेदन किया है एवं पूर्व में Child Care Leave Rule in Rajasthan (CCL) का उपभोग की भी जांच करें। बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की प्रति भी प्राप्त करें।
स्वयं की सक्षमता के अवकाश प्रकरण अनावश्यक रूप से उच्चाधिकारियों को अग्रेषित नहीं किये जावे।
राज्य सरकार के वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांकः एफ. 1 (6)FD/Rules/2011 दिनांक 22. 05.2018 द्वारा राजस्थान सेवा नियमों के नियम 103 (C) द्वारा महिला कार्मिकों के लिए “चाईल्ड केयर लीव’ का नया प्रावधान जोड़ा गया है। संदर्भित अधिसूचना में नियम 103 (C) के बिन्दु सं. 10 में यह स्पष्ट किया गया है कि “चाईल्ड केयर लीव” महिला कार्मिकों को उसकी प्रथम दो जीवित 18 वर्ष से कम आयु की सन्तानों के पालन या देखभाल की आवश्यकता, यथा परीक्षा, बीमारी आदि के कारणों से अधिकतम कुल 730 दिन तक के लिए स्वीकृत किया जा सकता है।
अधिसूचना में नियम 103 (C) के-
(a) बिन्दु सं. 2 (iv) के अनुसार उक्त अवकाश अधिकार के रूप में नहीं मांगा जा सकता। (b) बिन्दु सं. 2 (viii) अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारी राज्य सरकार के दैनन्दिन कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने या राज्य सरकार के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यक समझे तो चाईल्ड केयर अवकाश स्वीकृत करने से मना कर सकता है।
उपर्युक्त प्रावधानों के अनुसार अवकाश स्वीकृत किये जाने अथवा स्वीकृति हेतु उच्चाधिकारियों को अग्रेषित करने से पूर्व कार्यालयाध्यक्ष इस हेतु आश्वस्त हो जायें कि उक्त Child Care Leave Rule in Rajasthan स्वीकृति नियमानुसार स्वीकृति योग्य व आवश्यक है तथा इससे राजकीय कार्य सुचारू रूप से संचालित करने व राज्य सरकार के लक्ष्यों की प्राप्त करने में व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा।
Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
विभाग के अधीन विद्यालयों/कार्यालयों में महिला कार्मिकों की संख्या अधिक होने की स्थिति में अधिक आवेदन प्राप्त होने के पर कार्यालय संचालन सुचारू रखते हुए आवेदनों पर निम्न प्राथमिकता क्रम रखा जाये-
आकस्मिक गंभीर कारण यथा बच्चे की गम्भीर बीमारी, जिसमें बच्चा अस्पताल में इनडोर भर्ती हो अथवा दुर्घटना के कारण विशेष देखभाल की आवश्यकता हो।
दिव्यांग सन्तान की माताओं को गम्भीर रोग से पीड़ित बच्चे की देखभाल हेतु।
सन्तान के परीक्षा में बैठने के कारण आवेदन प्राप्त हो तो बोर्ड परीक्षा अथवा उच्च व्यावसायिक संस्थान में प्रवेश हेतु परीक्षा के कारण प्राप्त आवेदन ।
उपरोक्त प्राथमिकता क्रम में आवेदन स्वीकृति के समय विधवा और परित्यक्ता श्रेणी की महिला कार्मिक को प्राथमिकता दी जावे।
कार्यालय/विद्यालय में कार्यरत कुल कार्मिकों की संख्या के 20% से अधिक कार्मिकों की एक समय में “Child Care Leave Rule in Rajasthan स्वीकृत नहीं की जाये।
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Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
चाईल्ड केयर लीव” स्वीकृत करने अथवा स्वीकृति हेतु उच्चाधिकारियों को प्रकरण प्रेषित करने से पूर्व निम्न बातों का ध्यान रखा जायेः-
“प्राप्त आवेदनों का तिथिवार संधारण करें तथा प्राप्ति के दिन ही रजिस्टर में उसकी प्रविष्टि करें। ऐसे रजिस्टर को संस्था में सभी के अवलोकन की व्यवस्था की जावे।
सन्तान की परीक्षा तैयारी हेतु प्राप्त आवेदन पत्र के साथ परीक्षा की तिथि, प्रवेश सम्बन्धी दस्तावेज पुष्टि हेतु प्राप्त करें।
अवकाश हेतु आवेदित अवधि में से आवश्यक अवधि की सीमा तक ही अवकाश स्वीकृत किया जावे।
एक कार्मिक की “चाईल्ड केयर लीव स्वीकृत करने के पश्चात, आगामी अवकाश स्वीकृति, अन्य महिला कार्मिकों के पूर्व में प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार के उपरान्त ही प्राथमिकता अनुसार किया जायें।
अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व संबंधित महिला कार्मिक द्वारा आवश्यक निर्धारित दायित्व पूर्ण कर लिये हो, यथा उत्तरपुस्तिकाओं की जांच / आवंटित पाठ्यक्रम को पूर्ण करना आदि की पुष्टि अवश्यमेव कर ली जाये।
सेवा से निरन्तर अनुपस्थित कार्मिकों के नियमानुसार कार्यग्रहण पश्चात अनुपस्थिति अवधि के निस्तारण उपरान्त ही “चाईल्ड केयर लीव आवेदन पर विचार किया जाये।
Child Care Leave Rule in Rajasthanआवेदन स्वीकृति उपरान्त कार्यालय की आवश्यकता व कार्य में राज्य के लक्ष्यों में पूर्ति में बाधा उत्पन्न होने की परिस्थितियों में स्वीकृत आवेदन को स्वीकृत्तिकर्ता प्राधिकारी निरस्त अथवा अवधि को घटा सकेगा।
उच्चाधिकारियों को स्वीकृति हेतु भेजे जाने वाले आवेदन पत्रों के साथ नियन्त्रण अधिकारी द्वारा इस आशय की घोषणा करते हुए कि उक्त Child Care Leave Rule in Rajasthan स्वीकृति से कार्यालयी/विद्यालयी कार्यों के सुचारू संपादन एवं विभागीय / राज्य के लक्ष्यों की पूर्ति में इससे किसी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं होगा, अग्रेषण अधिकारी को स्पष्ट अभिशंषा के साथ अग्रेषित किया जाये।
आवेदन पत्र के साथ निम्नांकित दस्तावेज भी आवश्यक रूप से प्राप्त किये जायें:-
(a) राशन कार्ड की प्रति (b) जीवित सन्तानों के जन्म प्रमाण पत्रों की प्रति (c) सन्तान के दिव्यांग प्रमाण पत्र की प्रति (d) सन्तान की बीमारी से सम्बन्धित दस्तावेज (e) सन्तान की परीक्षा / परीक्षा तिथि / प्रवेश सम्बन्धी आवश्यक प्रमाण पत्रों की प्रति
उपर्युक्त निर्देश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी के लिए सहायक है किन्तु कार्यालय / विद्यालय की व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व कार्यालयाध्यक्ष का ही होगा तथा आवेदित अवकाश स्वीकृति योग्य होने का आंकलन भी कार्यालयाध्यक्ष को ही करना होगा। अतः अधीनस्थ समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वित विभाग की अधिसूचना में प्रदत्त निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करें।
Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
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चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave Rule in Rajasthan) की सामान्य जानकारी FAQ के रूप में
(1)चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave Rule in Rajasthan) सेवाकाल में कितनी बार एवं कुल कितने दिन की मिलती है। उत्तर:-किसी भी महिला राज्य कार्मिक को प्रथम दो जीवित संतानों की देखभाल के लिए पूरे सेवाकाल में 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव अवकाश मिलती है। (नियम 103 C) (आदेश Fd Date 22/05/2018)
(2) चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave Rule in Rajasthan) किन किन कारणों से ले सकते है ? उत्तर:-दो बच्चों के 18 वर्ष तक की आयु होने तक उनकी बीमारी,परीक्षा,पालन पोषण, आदि कारण से बच्चों की देखभाल के लिए यह अवकाश मिलता है। नोट:-Fd आदेश date 31/07/20 के अनुसार 40% या इससे अधिक दिव्यांग बच्चे के लिए आयु सीमा का कोई बंधन नही रहेगा।
(3) क्या एकल पुरुष (विधुर, तलाकशुदा) को भी चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है? उत्तर:- FD के 31/07/2020 के अनुसार चाइल्ड केयर लीव उपरोक्त कारणों से एकल पुरुष राजकीय कार्मिक(विधुर, तलाकशुदा) को भी मिलेगी।
(4) चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) एक कैलेन्डर वर्ष में कितनी बार ले सकते है? उत्तर:- तीन बार(Three Spells) नोट-जो Spell (अवकाश का भाग) एक कैलेंडर वर्ष में शुरू होकर अगले कैलेंडर वर्ष में समाप्त होगा,तो वह पहले वाले कैलेंडर वर्ष का भाग माना जायेगा जिसमें चाइल्ड केयर लीव आरंम्भ हुआ है। Child Care Leave Rule in Rajasthan पीएल प्रकृति का होने के कारण कैलेंडर वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर माना जाएगा।
(5) चाइल्ड केयर लीव कम से कम कितने दिन की ले सकते है? उत्तर:- कम से कम 5 दिन की चाइल्ड केयर लीव ले सकते है। (No.F.1(6)FD/Rules/2011 दिनाँक 31.07.2020)
(6) Child Care Leave Rule in Rajasthan में वेतन का भुगतान कैसे होता है? उत्तर:- अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त वेतन की दर से अवकाश वेतन का भुगतान होता है। आदेश दिनांक 31/07/2020 के अनुसार प्रथम 365 दिन तक 100% एवं उसके बाद अगले 365 दिन तक 80% वेतन की दर से भुगतान किया जायेगा।
(7) एक महिला एक जुलाई से चाइल्ड केयर लीव पर गई है तो उसके नियमित वार्षिक वेतन वृद्धि देय होगी या नही? उत्तर:-वार्षिक वेतनवृद्धि स्वीकृत तो एक जुलाई से ही होगी,जो काल्पनिक(Notional) रहेगी एवं उसका आर्थिक लाभ कार्मिक को अवकाश से लौटकर पुनः कार्यग्रहण करने की तिथि से ही देय होगा।
नोट:-चाइल्ड केयर लीव की अवधि के दौरान एसीपी एवम एवम स्थाईकरण से वेतन नियमितीकरण होता है तो उसमें भी यही नियम लागू होता है इसका आर्थिक लाभ भी अवकाश से पुनः कार्यग्रहण करने के उपरांत ही मिलता है।
(8) चाइल्ड केयर लीव के दौरान यदि DA की दर बढ़ जाती है तो उसे DA का भुगतान किस दर से होगा? उत्तर:- चाइल्ड केयर लीव में DA की बढ़ी हुई दर से भुगतान होगा।
(9) क्या प्रोबेशनकाल में चाइल्ड केयर लीव मिलती है? उत्तर:-सामान्यतया प्रोबेशनर ट्रेनीज को चाइल्ड केयर लीव नही मिलती है परन्तु यदि विशेष परिस्थिति में स्वीकृत की जाती है तो प्रोबेशन अवधि में जितने दिन चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत की गई है, प्रोबेशनकाल भी उतनी अवधि के लिए आगे बढ़ जायेगा।
(10) किसी महिला में चाइल्ड केयर लीव का आवेदन किया है परन्तु DDO वह अवकाश स्वीकृत नही कर रहे है क्या वे ऐसा कर सकते है? उत्तर:-हां बिल्कुल कर सकते हैं क्योंकि चाइल्ड केयर लीव की अधिकार के रूप में मांग नहीं कर सकते । राजकार्य के सूचारू रूप से संचालन एवं विभागीय लक्ष्य बाधित होने की स्थिति में आवेदित चाइल्ड केयर लीव को DDO अस्वीकृत भी कर सकते है।एवं आवश्यक राजकीय कार्य से कार्मिक की कार्यालय में जरूरत हो तो DDO पूर्व में स्वीकृत किये गए चाइल्ड केयर लीव को निरस्त अथवा उसकी अवधि को कम कर कार्मिक को पुनः ड्यूटी पर भी वापस बुला सकते है।
(11) चाइल्ड केयर लीव के मध्य में रविवार या अन्य कोई राजकीय अवकाश आते है तो क्या उनको भी चाइल्ड केयर लीव में काउंट किया जाता है? उत्तर:- Child Care Leave Rule in Rajasthan को उपार्जित अवकाश की तरह स्वीकृत किया जाता है अतः इसके मध्य में आने वाले रविवार या अन्य राजकीय अवकाश इस अवकाश में शामिल किये जाएंगे।
नोट- चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) में राजस्थान सेवा नियम 1951 खण्ड -1 अध्याय 10 के नियम 61 एवं 63 के तहत पूर्ववर्ती (prefix) एवं पश्चावर्ती (suffix) सार्वजनिक अवकाश का लाभ कार्मिक को मिलता है।
(12) क्या चाइल्ड केयर लीव के साथ अन्य कोई अवकाश लिया जा सकता है ? उत्तर:- हां बिल्कुल लिया जा सकता है। चाइल्ड केयर लीव के साथ आकस्मिक अवकाश(CL) के अलावा अन्य कोई भी अवकाश ले सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखें कि DDO केवल 120 दिन का Child Care Leave Rule in Rajasthan ही स्वीकृत कर सकते हैं, इससे अधिक अवधि होने पर यह अवकाश विभागाध्यक्ष द्वारा ही स्वीकृत किया जायेगा।
(13) क्या सरोगेसी संतान की देख भाल के लिए Child Care Leave Rule in Rajasthan मिल सकती है? उत्तर:-नहीं,विधि मान्य संतान की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव मिलती है ।अतः सरोगेसी संतान की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव नहीं मिलती है।
(14) किसी महिला कार्मिक ने पहले 20 दिन का चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर परिवर्तित अवकाश लिया था क्या वह उस अवकाश की प्रकृति बदल कर उसे चाइल्ड केयर लीव में परिवर्तित करवा सकती है? उत्तर:- पूर्व में लिए गए किसी भी प्रकार के अवकाश को Child Care Leave Rule in Rajasthan में परिवर्तित नही करवाया जा सकता है।
नोट:-चाइल्ड केयर लीव को भी अन्य किसी भी अवकाश में परिवर्तित नही करवाया जा सकता है इसके साथ ही चाइल्ड केयर लीव को पहले स्वीकृत करवा कर ही इसका उपभोग किया जा सकता है।
(15) एक ऑफिस या स्कूल में एक साथ 3-4 महिला कार्मिकों ने चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन कर दिया है । अतः उनके अवकाश स्वीकृत हेतु प्राथमिकता के क्या मापदंड रहेंगे? उत्तर:-FD आदेश Date 10/09/18 के अनुसार राजकार्य एवं सेवा में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हो एवं राजकार्य सुचारू रूप से चल सके एवं विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति में कोई बाधा नहीं हो,इसलिए कुल स्टाफ के 20% से अधिक कार्मिकों की चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं की जायेगी।
Child Care Leave Rule in Rajasthan की स्वीकृति के लिए 1 से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर निम्न प्राथमिकता के आधार पर अवकाश स्वीकृत करने के निर्देश हैं।
बच्चे की गंभीर बीमारी में देखभाल/दिव्यांग बच्चे की देखभाल
बच्चे की माध्यमिक या उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा में देखभाल
बोर्ड़ परीक्षा के अतिरिक्त शिक्षण कार्य के समय देखभाल
तीन वर्ष की आयु से कम बच्चे की देखभाल।
नोट:-शिक्षा विभाग में निदेशक बीकानेर के आदेश दिनांक 03/08/2018 के अनुसार चाइल्ड केयर लीव में विधवा एवं परित्यक्ता श्रेणी की महिलाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश प्रदान किए गए हैं।
(16) Child Care Leave Rule in Rajasthan के लिए आवेदन के साथ कौन -कौन से दस्तावेज सलंग्न किये जाते हैं? उत्तर:- FD द्वारा निर्धारित चाइल्ड केयर लीव के फॉर्मेट में आवेदन पत्र एवं उसके साथ निम्न दस्तावेजों की प्रतियां अवश्य सलंग्न करें।
राशन कार्ड
दो जीवित सन्तानों के जन्म प्रमाण पत्र
बच्चा दिव्यांग है तो मान्य दिव्यांग प्रमाण पत्र
संतान की बीमारी से सम्बन्धित दस्तावेज
संतान की परीक्षा/परीक्षा तिथि/प्रवेश सम्बन्धित आवश्यक प्रमाण पत्र
अन्य कोई जो अवकाश से सम्बन्धित हो।
(17) किसी कार्मिक का बच्चा विदेश में रह रहा है तो क्या उसको भी चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है एवं उसके लिए क्या शर्ते रहेंगी? उत्तर:-विदेश में रह रहे बच्चे की बीमारी अथवा परीक्षा आदि की स्थिति में चिकित्सक/शिक्षण संस्था से प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार पर चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत किया जा सकेगा। विदेश में रह रहे अवयस्क बच्चे हेतु अवकाश लेने के लिए विदेश यात्रा अवकाश के नियम/निर्देशों की पालना करना अनिवार्य होगा साथ ही 21 दिन पहले विदेश यात्रा हेतु आवेदन करना पड़ेगा और चाइल्ड केयर लीव की 80% अवकाश अवधि उसी देश में बितानी होगी जहाँ बच्चा रह रहा है।
(18) चाइल्ड केयर लीव का सर्विस बुक में लेखा संधारण किस प्रकार किया जाएगा? उत्तर:-चाइल्ड केयर लीव किसी अन्य अवकाश लेखे में Debit(घटाया) नहीं जाएगा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में इसका अलग से लेखा संधारित किया जाएगा एवं वह प्रपत्र सर्विस बुक में चस्पा किया जाएगा।
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Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली
Age limit for admission in first class changed : राजस्थान सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति NEP 2020 लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। यह नई शिक्षा नीति शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से ही लागू किया जा रहा है। इसके लिए बच्चों की उम्र सीमा तय कर दी गई है। स्कूल और जन शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार पहली कक्षा में एडमिशन के लिए बच्चे की आयु 6 साल होना जरूरी है। यह उम्र 1 सितंबर 2025 तक पूरी हो जानी चाहिए।
सभी प्राइमरी स्कूलों में 2025-26 से एक नई प्री-स्कूल क्लास भी होगी। इसका नाम ‘शिशु वाटिका’ रखा गया है। इसमें 5 से 6 साल के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा राजस्थान सरकार की ओर से NEP 2020 को कई चरणों में लागू किए जाने की योजना है। पहला चरण 2025-26 से शुरू होगा।
NEP 2020 के अनुसार बच्चे की 3 से 18 साल की शिक्षा में बदलाव होंगे। इसे 5+3+3+4 के ढांचे में बांटा जाएगा। इसमें पांच साल की बुनियादी शिक्षा (3 से 8 साल), तीन साल की प्रारंभिक शिक्षा (8 से 11 साल), तीन साल की माध्यमिक शिक्षा (11 से 14 साल) और चार साल की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (14 से 18 साल) शामिल है। Age limit for admission in first class changed
Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली
1 अक्टूबर को पूरी होनी चाहिए 6 वर्ष की आयु
राजस्थान निदेशक माध्यमिक शिक्षा आशीष मोदी तथा निदेशक प्रारंम्भिक शिक्षा सीताराम जाट ने गुरूवार (11 जुलाई) को एक संयुक्त आदेश जारी किया है. इस आदेश में बताया गया है कि राजकीय तथा गैर राजकीय स्कूलों में प्रवेश (Admission) के लिए आयु गणना की तिथि (Age Calculation Date) 1 अक्टूबर 2024 निर्धारित कर दी गई है.
शैक्षिक सत्र 2025-26 में एन्ट्री कक्षा / प्रथम कक्षा में प्रवेश हेतु आयु निर्धारण तिथि के संबंध में शैक्षिक सत्र 2025–26 से विद्यालयों में नवप्रवेश हेतु बालकों की आयु की गणना 31 जुलाई को आधार तिथि मानते हुए की जानी है। इस तिथि तक 06 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बालक समस्त राजकीय एवं गैर सरकारी विद्यालयों में नव प्रवेश हेतु पात्र होगें ।
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उन्होंने यह भी बताया कि 1 अक्टूबर तक 6 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बच्चे विद्यालयों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे.
इन बच्चों पर लागू नहीं होगी आयु गणना की तारीख
इस आदेश के अनुसार राजकीय विद्यालय, गैर राजकीय विद्यालय, बालवाटिका, बालवाड़ी,प्री-प्राईमरी या अन्य संस्थान जहां पर कक्षा एक से पूर्व का अध्ययन करवाया जाता हैं. ऐसी शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत बालक, बालिकाओं पर आयु गणना के लिए एक अक्टूबर 2024 की निर्धारित तिथि लागू नहीं होगी. इसी प्रकार टीसी के आधार पर प्रवेश लेने वाले बालक, बालिकाओं पर भी एक अक्टूबर 2024 की निर्धारित तिथि पर न्यूनतम आयु 6 वर्ष होने का नियम लागू नहीं होगा.
प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली Age limit for admission in first class changed
इसी प्रकार टीसी के आधार पर प्रवेश लेने वालों पर भी एक अक्टूबर, 2024 की निर्धारित तिथि पर न्यूनतम आयु 6 वर्ष होने का नियम लागू नहीं होगा.
इस आदेश में यह भी बताया गया है कि जन्म तिथि द्वारा आयु की गणना कर आरटीई या गैर आरटीई के अन्तर्गत आयु के आधार पर प्रथम बार कक्षा 1 में नवीन प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर ही 1 अक्टूबर, 2024 तक न्यूनतम आयु 6 वर्ष होने का नियम लागू होगा.
कक्षा 1 में प्रवेश लेने की उपयुक्त आयु का मुद्दा भारत में लंबे समय से बहस का विषय रहा है। Age limit for admission in first class changed
मार्च 2022 तक 14 राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश ऐसे थे, जो छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को कक्षा 1 में प्रवेश की अनुमति देते थे।
हालाँकि केंद्र सरकार ने हाल ही में नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में कक्षा 1 के लिये प्रवेश की न्यूनतम आयु छह वर्ष करने का आदेश दिया है।
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Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली
NEP 2020 में कक्षा 1 में प्रवेश हेतु न्यूनतम आयु क्या है?
नई नई शिक्षा नीति 3-8 वर्ष (मूलभूत चरण), 8-11 वर्ष (प्रारंभिक चरण), 11-14 वर्ष (मध्यम चरण) और 14-18 वर्ष (माध्यमिक चरण) के आयु समूहों के अनुरूप औपचारिक स्कूली शिक्षा के लिये “5+3+3+4” की रूपरेखा पर ज़ोर देती है।
यह प्रारंभिक बचपन की शिक्षा (जिसे 3 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों के लिये प्रीस्कूल शिक्षा के रूप में भी जाना जाता है) को औपचारिक स्कूली शिक्षा के दायरे में लाती है।
इसका अर्थ यह है कि तीन वर्ष की प्रारंभिक बचपन की शिक्षा पूरी करने के बाद कक्षा 1 में प्रवेश के लिये बच्चे की उम्र 6 वर्ष होनी चाहिये।
नोट:
शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009, 6-14 वर्ष की आयु तक शिक्षा की गारंटी देता है।
इसका अर्थ यह है कि एक बच्चे से 6 वर्ष की उम्र में प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा 1) शुरू करने की उम्मीद की जाती है।
औपचारिक शिक्षा के लिये प्रवेश आयु के विषय में शोध क्या कहता है?
तुलनात्मक अध्ययन में देखा गया कि न्यूज़ीलैंड में बच्चों के समूह 5 और 7 वर्ष की उम्र में औपचारिक साक्षरता पाठ शुरू करते हैं।
जिन बच्चों ने 5 वर्ष की उम्र में शुरुआत की, उन्होंने पढ़ने के प्रति कम सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाया और बाद में शुरू करने वालों की तुलना में पाठ की कमज़ोर समझ प्रदर्शित की।
प्रवेश आयु को लेकर वैश्विक परिप्रेक्ष्य Age limit for admission in first class changed:
पूर्वी एशिया और अधिकांश यूरोपीय देशों में प्राथमिक विद्यालय के लिये छह वर्ष मानक आयु है।
स्कैंडिनेवियाई देशों में औपचारिक शिक्षा सात वर्ष की आयु में शुरू होती है।
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Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया
Process of recognition to private schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया : इस आर्टिकल में हमने गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिए जाने की संपूर्ण प्रक्रिया और उससे दिशानिर्देश के बारे में विस्तार से लिखा है। इस आर्टिकल में आप जानेगे कि एक गैर सरकारी विद्यालय को मान्यता लेने के लिए किन किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। किस प्रकार कमेटी का गठन करना होता है? साथ ही कौन कौन से मापदंड हैं जिन्हें हमें पूर्ण करना आवश्यक होता है?
साथ ही आप ये भी जानेगे कि ऑनलाइन आवेदन करते समय किस प्रक्रिया को हमें फॉलो करना है और कौन कौन से डॉक्यूमेंट हमें अपने पास अप टू डेट रखने है और कौन से डॉक्यूमेंट है जो पोर्टल के ऊपर अपलोड होंगे। Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया
अध्याय-1 : परिचय
राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था (मान्यता, सहायता अनुदान और सेवा शर्ते आदि) नियम, 1993 में विभिन्न स्तर की गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं को मान्यता देने का प्रावधान है। राज्य में इन अधिनियम एवं नियमों के अन्तर्गत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर की 37 हजार से अधिक संस्थाऐं संचालित है। इन संस्थाओं का राज्य में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन संस्थाओं की अनुभूत कठिनाइयों तथा विभाग की आवश्यकताओं को देख हुए समय-समय पर अधिनियम एवं नियमों के दायरे में अनेक अधिसूचनाओं में संशोधन, नई आज्ञा एवं नए आदेश जारी किए गए हैं।
गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं की सुविधा तथा विभागीय कार्यालयों के कार्य को सुगम एवं पारदर्शी बनाने की दृष्टि से शैक्षिक सत्र 2016-17 से समस्त प्रकार की मान्यताओं को ऑनलाइन किया गया है। शैक्षिक सत्र 2020-21 में ऑनलाइन मान्यता हेतु शैक्षिक संस्थाओं एवं विभागीय कार्यालयों के करणीय कार्यों के सम्बन्ध में राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं नियम, 1993 तथा समय-समय पर जारी अधिसूचनाओं / आदेश / परिपत्रों के आधार पर तैयार कर विस्तृत दिशा निर्देश प्रसारित किए जा रहे हैं।
यदि इन दिशा निर्देशों में और मूल अधिनियम / नियम / अधिसूचना / आदेश / परिपत्रों में कोई विसंगति पायी जाए तो मूल अधिनियम / नियम / अधिसूचना / आदेश / परिपत्र ही मान्य होंगे।
अध्याय 2: आवेदन एवं पात्रता
1.. आवेदन करना राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1999 एवं नियम, 1993 के प्रावधानानुसार गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं को किसी भी प्रकार की मान्यता (नवीन मान्यता, क्रमोन्नति माध्यम परिवर्तन, नाम परिवर्तन, स्थान परिवर्तन, वर्ग परिवर्तन सोसायटी परिवर्तन, अतिरिक्त माध्यम, अतिरिक्त विषय दो पारी विद्यालय संचालन इत्यादि) के लिए ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा। यह आवेदन राजस्थान सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के प्राइवेट स्कूल पोर्टल (www.rajpsp.nic.in) पर करना होगा।
2. नवीन मान्यता, कमोन्नति एवं अन्य मान्यताओं हेतु पात्रता कोई भी गैर-सरकारी शैक्षिक संस्था प्राथमिक ( कक्षा 1-5 तक) अथवा उच्च प्राथमिक (कक्षा 1-8 तक) स्तर की नवीन मान्यता हेतु आवेदन कर सकती है, प्राथमिक से उच्च प्राथमिक, उच्च प्राथमिक से माध्यमिक एवं माध्यमिक से उच्च माध्यमिक स्तर की कमोन्नति हेतु आवेदन कर सकती है तथा माध्यम परिवर्तन, स्थान परिवर्तन, नाम परिवर्तन, अतिरिक्त माध्यम, अतिरिक्त विषय माध्यम परिवर्तन सोसायटी परिवर्तन, दो पारी विद्यालय संचालन इत्यादि के लिए आवेदन कर सकती है, Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया
इन समस्त प्रकार की मान्यताओं के लिए पात्रता की न्यूनतम शर्ते निम्नानुसार हैं
2.1. आधारभूत संरचना एवं आवश्यक सुविधाऐं: विभिन्न प्रकार की मान्यताओं हेतु आधारभूत संरचना एवं आवश्यक सुविधायें संलग्न परिशिष्ट 3 के अनुसार होगी।
2.2 शिक्षक एवं अन्य कर्मचारीवृन्द : विभिन्न प्रकार की मान्यताओं हेतु शिक्षक एवं अन्य कर्मचारीवृन्द संलग्न परिशिष्ट-4 के अनुसार होंगे।
2.3 सोसाइटी / ट्रस्ट का पंजीकरण : संस्था की मान्यता के लिए आवेदन करने वाली सोसाइटी / ट्रस्ट का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण के प्रमाण पत्र को स्कैन करके अपलोड करना होगा।
2.4 सोसाइटी / ट्रस्ट के उद्देश्यों में शैक्षिक संस्था खोलने का उद्देश्य :- संस्था की मान्यता के लिए आवेदन करने वाली सोसाइटी / ट्रस्ट के उद्देश्यों में शैक्षिक संस्था खोलने का उद्देश्य होना आवश्यक है। सोसाइटी / ट्रस्ट के उद्देश्यों को स्केन करके अपलोड करना होगा।
2.5 शुल्क :- समस्त प्रकार के आवेदन शुल्क ऑनलाइन ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से जमा कराने होंगे तथा आरक्षित कोष की राशि का डीडी सचिव बालिका शिक्षा फाउण्डेशन, जयपुर के नाम से बनेगा। मान्यता आवेदन शुल्क की राशि आवेदन पत्र के साथ ही देनी होगी तथा आरक्षित कोष की राशि का डी.डी. तथा फिक्सड डिपोजिट की गयी राशि का विवरण आवेदन पत्र की जाँच एवं भौतिक सत्यापन के पश्चात् संस्था के मान्यता के योग्य पाए जाने की स्थिति में ही देना होगा। इसके लिए सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदनकर्ता को समय पर सूचित किया जाएगा। समस्त प्रकार के शुल्क प्राप्त होने पर ही मान्यता जारी की जायेगी। समस्त प्रकार का आवेदन शुल्क अदेय (Non Refundable) रहेगा ।
2.6 शपथ पत्र– सोसाइटी द्वारा विद्यालय से सम्बंधित दी जा रही प्रमुख सूचनाओं को 100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर नोटरी द्वारा प्रमाणित करवाकर शपथ पत्र के रूप में प्रस्तुत करना होगा।
2.7 विद्यालयों को दी जाने वाली छूट:- गैर सरकारी विद्यालयों को भूमि रूपान्तरण एवं अन्य छूट दिये जाने के लिये राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश क्रमांक प9 (2) शिक्षा-5 / 2010 पार्ट0 3.07.2012, 2007 2012, 14.08.2012 06.05.2013, 31.05.13 एवं आदेश क्रमांक प.9 (1) शिक्षा – 5 / भूमि रूपान्तरण / 2016 जयपुर दिनांक 04.01.2017 द्वारा प्रदत्त छूट / शिथिलन नव कमोन्नत विद्यालयों हेतु लागू नहीं रहेगी।
2.8 विद्यालयों के लिए ग्रामीण क्षेत्र में लागू भूमि सम्बन्धित नवीन / संशोधित अनिवार्यता:- गैर सरकारी विद्यालयों को ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की अनिवार्यता में शिथिलन प्रदान किये जाने हेतु राज्य सरकार स्तर से सक्षम स्वीकृति उपरान्त जारी आदेश क्रमांक प.9 (6) शिक्षा-5 / आनलाइन मान्यता / 2020-21 जयपुर दिनांक 23.07.2020 के तहत् ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के माप की अनिवार्यता को पूर्व में प्रभावी 5000 वर्गमीटर से संशोधित कर 4000 वर्गमीटर वर्तमान सत्र से प्रभावी कर दिया गया हैं।
2.9 किसी भी प्रकार के आवेदन / परिवर्तन के लिए औचित्य सहित प्रबंध कार्यकारिणी का प्रस्ताव आवश्यक होगा।
2.10 किराये के भवन को रजिस्टर्ड किरायानामा प्रस्तुत करने पर भवन परिवर्तन की स्वीकृति दी जाएगी।
2.11 विद्यालय के स्थान परिवर्तन किये जाने पर आरटीई के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए विद्यालय को स्वयं के स्तर पर विद्यार्थियों के लिये नये विद्यालय भवन तक आवागमन की निःशुल्क व्यवस्था करनी होगी।
2.12 दो पारी में वर्तमान में संचालित शिक्षण संस्थाओं को 03 माह की अवधि (विज्ञप्ति जारी होने की दिनाक से)में निर्धारित शुल्क (प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक के लिए 1,00,000 रूपये एवं माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक के लिए 3,00,000 रुपये) जमा करवाये जाकर स्वीकृति प्राप्त करनी है। विलम्ब करने की स्थिति में 10,000 रूपये प्रति 30 दिवस पर शास्ति वसूल की जाएगी।
Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया
अध्याय-3. आवेदन की प्रक्रिया –
3.1. विद्यालय का पंजीयन एवं पासवर्ड प्राप्त करना – सभी प्रकार की मान्यताओं हेतु आवेदन राजस्थान सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के प्राइवेट स्कूल पोर्टल (www.rajpsp.nic.in) पर करना होगा। सर्वप्रथम गैर सरकारी विद्यालय को पोर्टल पर पंजीयन करना होगा जिसके लिए आवश्यक सूचनाएँ प्रविष्ट करने के बाद मोबाइल पर पीएसपी. कोड एवं पासवर्ड प्राप्त होगा। पंजीयन के बाद विद्यालय स्वयं का पासवर्ड बदल सकेंगे जो भविष्य में लॉगिन करने हेतु आवश्यक होगा। जिन गैर सरकारी विद्यालयों के पास इस पोर्टल पर लॉगिन करने हेतु पहले से ही पीएसपी कोड एवं पासवर्ड उपलब्ध है, वे विद्यालय मान्यता हेतु भी उसी पासवर्ड से लॉगिन करें इन विद्यालयों को नवीन पंजीयन नहीं करना है।
3.2 विद्यालय सम्बन्धी सूचनाओं की ऑनलाइन प्रविष्टि – लॉगिन करने के बाद विद्यालय अपनी आधारभूत संरचना, आवश्यक सुविधाऐं एवं कर्मचारियों सम्बन्धी सभी आवश्यक सूचनाओं की ऑनलाइन प्रविष्टि करेंगे। इस कार्य में सुविधा के लिए विद्यालय, पोर्टल पर उपलब्ध आवेदन के प्रारूप पहले से ही भर कर तैयार रखे। समस्त सूचनाओं की पूर्ण एवं सही प्रविष्टि की स्थिति में ही इन्हें लॉक करें।
3.3 विद्यालय सम्बन्धी दस्तावेजों को अपलोड करना – मान्यता के सम्बन्ध में आवश्यक समस्त दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करना है। (अपलोड किये जाने वाले दस्तावेजों की सूची परिशिष्ट-7)। जिन दस्तावेजों को अपलोड किया जाना है, उनको पहले से ही स्केन कर के पैन ड्राइव में तैयार रखें। अपलोड किए जाने वाले समस्त दस्तावेजों का पूर्ण पठनीय होना आवश्यक है। दस्तावेज पीडीएफ / जेपीजी फॉर्मेट में होना तथा प्रत्येक दस्तावेज एक एमबी से कम साइज का होना आवश्यक है।
3.4 आवेदन हेतु आवश्यक शुल्क को जमा करवाना – विभिन्न प्रकार की मान्यता के लिए शुल्क की राशि भी अलग-अलग है, अतः इस राशि की ठीक से गणना कर लें तथा उसके अनुसार ही समस्त प्रकार के आवेदन शुल्क ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से जमा कराने होंगे। मान्यता आवेदन शुल्क की राशि ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमा होगी एवं आरक्षित कोष की राशि के डिमाण्ड अलग से जमा होगी। ड्राफ्ट
3.5 आवेदन की हार्ड कॉपी तैयार करना – समस्त सूचनाओं की पूर्ण एवं सही प्रविष्टि के बाद ई-ग्रास के माध्यम शुल्क जमा करवाने एवं चालान की प्रति प्राप्त हो जाने के उपरान्त ही आवेदन को लॉक करें तथा इसका प्रिंटआउट ले लें। आवेदन के प्रिंटआउट पर विद्यालय संचालन समिति के सचिव के हस्ताक्षर एवं मोहर लगावें। आवेदन के साथ आवश्यक समस्त दस्तावेज (संलग्न किये जाने वाले दस्तावेजों की सूची परिशिष्ट-8) संलग्न करें तथा विद्यालय के 5 फोटो जो अपलोड किये गये है, भी लगावें। पूर्ण आवेदन पत्र तैयार कर विद्यालय में सुरक्षित रखें। उक्त हार्ड कॉपी मय संलग्न पत्रावली निरीक्षण हेतु उपस्थित होने वाले जाँच दल के प्रभारी को विद्यालय निरीक्षण के समय संस्था
3.6 द्वारा उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करें। प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर की नवीन मान्यता / कमोन्नति / नाम / स्थान / वर्ग / माध्यम परिवर्तन / अतिरिक्त माध्यम आदि के आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा मुख्यालय को प्रेषित किये जाएंगे।
3.7 जो विद्यालय पहले से ही मान्यता प्राप्त हैं वे विद्यालय किसी भी स्तर के नाम / स्थान / माध्यम / वर्ग परिवर्तन / माध्यम / संकाय / विषय / उच्च प्राथमिक माध्यमिक / माध्यमिक उच्च माध्यमिक स्तर की कमोन्नति हेतु अपने आवेदन संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय को ऑनलाईन प्रेषित करेंगे।
Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया
अध्याय-4 : आवेदन पत्रों की जॉच
आवेदन पत्रों को कार्यालय में प्राप्त करना एवं ऑन लाइन जॉच करना
4.1 संस्था द्वारा किये गये ऑनलाइन आवेदन की पत्रावली को कार्यालय में प्राप्त करते समय पत्रावली में उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन पत्र की प्रविष्टियों एवं आवेदन में वर्णित एवं संलग्न किये गये दस्तावेजों का ठीक से मिलान कर लें।
4.2 आवेदन पत्रों की जाँच का कार्य ऑनलाइन तरीके से किया जाना है। यह जॉच संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के लॉगइन में उपलब्ध विद्यालय के ऑनलाइन आवेदन पत्रावली के माध्यम से की जायेगी।
4.3 सर्वप्रथम विद्यालय द्वारा दी गई मान्यता आवेदन शुल्क की राशि का मिलान करना है। ये जाँच लें आवेदन शुल्क की जितनी राशि आवेदन पत्र में अंकित है, उतनी राशि ई-ग्रास के माध्यम से विद्यालय द्वारा जमा करवा दी गई है। एक से अधिक आवेदन होने की स्थिति में यह सुनिश्चित कर लें कि आवेदन पत्र में सभी प्रकार के निर्धारित शुल्क ई-ग्रास के माध्यम से जमा करवा दिये गए हैं।
4.4 विद्यालय टीएसपी अथवा नॉन टीएसपी एरिया में है, इसकी भी जाँच कर लें तथा यह सुनिश्चित कर लें कि मान्यता शुल्क की राशि इस विवरण के अनुसार सही है।
4.5 मान्यता आवेदन शुल्क की जाँच करने के पश्चात् ऑन लाइन आवेदन के समय संस्था द्वारा अपलोड किये गये दस्तावेजों का मिलान किया जाना है। ऑनलाइन अपलोड किये गये दस्तावेजों को खोलकर देख लें तथा यह सुनिश्चित कर लें कि सही दस्तावेज ही अपलोड किये गये हैं।
4.6. मान्यता आवेदन शुल्क की राशि के ई-ग्रास सबंधी अपूर्ण प्रविष्टियों अथवा सही राशि का ई-ग्रास में जमा शुल्क राशि से मिलान नहीं होने अथवा किसी दस्तावेज के अपलोड न होने अथवा अपूर्ण होने की स्थिति में उसके सामने सही नहीं पाया गया का विकल्प चयन करें। इस विकल्प का चयन करते ही इस विद्यालय के ऑनलाइन आवेदन में मान्यता आवेदन शुल्क विवरण एवं दस्तावेजों के अपलोड करने संबंधी क्षेत्र अनलॉक हो जाएंगे तथा इसकी सूचना विद्यालय के लॉगइन में प्रदर्शित हो जाएगी।
4.7 विद्यालय की सूचना अनलॉक होने के बाद आगामी पाँच कार्य दिवसों में विद्यालय को अपनी ऑनलाइन आक्षेप पूर्ति पूर्ण कर आवेदन को ऑनलाईन पुन लॉक करना है जिसकी सूचना सम्बंधित जिशिअ के लॉगइन में प्रदर्शित हो जाएगी। संस्था द्वारा प्रिंट आउट एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में निर्धारित अवधि में जमा कराने होंगे जिससे विद्यालय की पत्रावली पूर्ण हो सके। निर्धारित अवधि में संस्था द्वारा आवेदन लॉक एवं पत्रावली सम्बंधित जिशिअ कार्यालय में जमा नहीं करवाये जाने की स्थिति में विद्यालय का आवेदन स्वतः ही निरस्त माना जाएगा, जिसके लिए आवेदक विद्यालय स्वयं उत्तरदायी रहेगा।
4.8 आक्षेप पूर्ति के लिये अनलॉक किये गये आवेदन एवं अपलोड किये जाने वाले दस्तावेजों की हॉर्डकॉपी को ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि के बाद की तिथियों के उपरान्त भी स्वीकार किये जाएंगे। एक बार आक्षेप लगने के बाद निर्धारित अवधि में आक्षेप पूर्ति नहीं होने की स्थिति में आवेदन को अपूर्ण मानकर निरस्त कर दिया जाएगा तथा इसकी सूचना संस्था को पोर्टल पर दे दी जाएगी।
4.9 जिन विद्यालयों की मान्यता शुल्क एवं अपलोड किये गए दस्तावेजों की प्रविष्टियों सही पायी जाती हैं, उन विद्यालयों के लिये आवेदन पत्र के साथ संलग्न किये गये दस्तावेजों एवं आवेदन पत्र की अन्य प्रविष्टियों की ऑनलाइन जाँच की जा सकेगी।
4.10 आवेदन पत्र के साथ संलग्न किये गये दस्तावेजों में किसी दस्तावेज के संलग्न नहीं होने या अपूर्ण पाये जाने पर आक्षेप की सूचना विद्यालय को पोर्टल पर विद्यालय लॉगइन में प्रदर्शित होगी। विद्यालय भौतिक निरीक्षण के समय ऑनलाईन आवेदन की हार्ड कॉपी एवं समस्त वाछित दस्तावेजों की 02 प्रतियों में पत्रावली तैयार कर एक पत्रावली निरीक्षण दल को उपलब्ध करवानी होगी तथा एक पत्रावली विद्यालय द्वारा स्वयं के रिकॉर्ड सधारण हेतु सुरक्षित रखी जाएगी, विद्यालय द्वारा निरीक्षण दल को उपलब्ध करवायी जाने वाली पत्रावली को मय निरीक्षण रिपोर्ट (हॉर्डकॉपी) दल प्रभारी द्वारा 02 दिवस की अवधि में सम्बंधित जिशिअ कार्यालय में जमा करवानी होगी।
4.11 गैर सरकारी विद्यालयों के आवेदन प्रक्रिया में सम्पर्ण पारदर्शिता एवं आवेदक विद्यालय को सूचना हेतु निम्नानुसार कार्यवाही की जाएगी : निरीक्षण दल गठन की सूचना आक्षेपित प्रकरणों की सूचना निदेशालय द्वारा मान्यता / क्रमोन्नति हेतु अनुमोदन / निरस्त जारी करना, जिशिअ के द्वारा मान्यता प्रमाण पत्र 07 दिवस में जारी करने की सूचना विद्यालय के लॉगईन में प्रदर्शित होगी तथा मान्यता के लिये अपात्र पायी गयी संस्थाओं को जिशिअ द्वारा 07 दिवस की अवधि के भीतर जरिये रजिस्टर्ड पत्र प्रेषित कर सूचित किया जाएगा।
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5 विद्यालयों के निरीक्षण हेतु दलों का ऑनलाइन गठन :–
5.1 संस्था द्वारा आवेदन पत्र में दी गई समस्त सूचनाओं का भौतिक सत्यापन एक दल द्वारा किया जाएगा जिसका गठन ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा, जिसकी सूचना भौतिक सत्यापन से पूर्व विद्यालय के लॉगईन में प्रदर्शित होगी।
5.2. विद्यालय द्वारा ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण कर लेने के पश्चात् ई-ग्रास के मार्फत निर्धारित शुल्क जमा करवा देने की स्थिति में स्वतः ही ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से भौतिक निरीक्षण हेतु दल गठन का कार्य सम्पन्न हो जाएगा। जिसकी सूचना विद्यालय के लॉगइन में प्रदर्शित होगी। निरीक्षण दल के प्रभारी को एस.एम.एस के द्वारा विद्यालय निरीक्षण की सूचना स्वतः ही उपलब्ध होगी।
5.3 निरीक्षण दल के प्रभारी को शालादर्पण के स्टॉफ लॉगइन में जाकर गठित दल के 02 अन्य सदस्यों से समन्वय स्थापित कर मॉड्यूल में उपलब्ध निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति को डाउनलोड कर विद्यालय में उपस्थित होकर भौतिक सत्यापन करने के उपरान्त निरीक्षण प्रतिवेदन के बिन्दुओं की पूर्ति कर लेने के पश्चात् दल प्रभारी के शाला दर्पण में उपलब्ध स्टॉफ लॉगइन में जाकर निरीक्षण प्रतिवेदन को अनुशंसा सहित अपलोड (07 दिवस) करना है। सम्बंधित विद्यालय से आवेदन प्रपत्र शुल्क की चालान की प्रति एवं समस्त वांछित दस्तावेजों की भौतिक प्रति प्राप्त कर आगामी 02 दिवस में सम्बंधित जिशिअ कार्यालय में जमा करवाया जाना सुनिश्चित करना
5.4 निरीक्षण दल के प्रभारी को उपलब्ध करवाये गये 02 कार्मिकों को उचित कारण (जिशिअ को कारण की प्रति निरीक्षण रिपोर्ट के साथ जमा करवानी है ) होने पर स्वयं प्रभारी द्वारा परिवर्तित करने की सुविधा स्टॉफ लॉगईन में उपलब्ध है। दल प्रभारी / समस्त दल के कार्मिकों को बदलने हेतु जिशिअ के माध्यम से निदेशालय को प्रार्थना पत्र अग्रेषित किया जाना है।
5.5 प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों के सत्यापन हेतु गठित दल में कुल दो सदस्य होंगे जिनमें से दल के अध्यक्ष के रूप में / अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्राशि / माशि कार्यालय जिशिअ मुख्यालय / अतिरिक्त ब्लॉक शिक्ष अधिकारी प्रथम / द्वितीय / प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय / व्याख्याता को लगाया जाएगा तथा दल के सदस्य के रूप में प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय को लगाया जाएगा।
5.6 गैर सरकारी विद्यालयों के सत्यापन हेतु गठित दल में कुल 03 सदस्य होंगे जिनमें से दल के अध्यक्ष के रूप में प्रधानाचार्य उमावि / अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्राशि / माशि कार्यालय जिशिअ मुख्यालय / समकक्ष अधिकारी एवं दल के प्रथम सदस्य के रूप में व्याख्याता / प्रधानाध्यापक मावि / समकक्ष अधिकारी एवं दल के द्वितीय सदस्य के रूप में एक लेखा संबंधित कार्मिक / मंत्रालयिक कर्मचारी लगाया जाएगा।
5.7 एक दल द्वारा अधिकतम दो गैर सरकारी विद्यालयों का सत्यापन किया जाएगा।
Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया
अध्याय-6. विद्यालय का निरीक्षण / भौतिक सत्यापन:
6.1 सत्यापन दलों को ऑनलाइन निरीक्षण आदेश के 7 दिवस या निरीक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अतिम तिथि, जो भी पहले हो तक अनिवार्य रूप से निरीक्षण करना है। सत्यापन के बाद अगले 102 दिवस में सत्यापन रिपोर्ट संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय कार्यालय में जमा करानी होगी। निर्धारित तिथि तक निरीक्षण प्रपत्र जमा नहीं कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
6.2 निरीक्षण दलों को सामान्यतः बदला नहीं जायेगा। केवल निरीक्षण दल के सदस्यों की मृत्यु, स्थानान्तरण, पदोन्नति पर अन्यत्र कार्यग्रहण अथवा गंभीर बीमारी के कारण कार्य करने में असमर्थता की स्थिति में ही निरीक्षण दल बदला जा सकेगा। इसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निदेशालय को दी जाएगी तथा निदेशालय द्वारा तथ्यों से संतुष्ट होने की स्थिति में नये निरीक्षण दल का गठन ऑन लाइन तरीके से करना होगा।
6.3 निरीक्षण कर्ताओं द्वारा निर्धारित अवधि में आवंटित विद्यालयों का निरीक्षण कर निरीक्षण रिपोर्ट संबंधित कार्यालय में जमा करानी होगी।
6.4 विद्यालय द्वारा दी गई समस्त सूचनाओं तथा संलग्न दस्तावेजों के आधार तथ्यों का सत्यापन करना है। सत्यापन दल को सत्यापित तथ्यों एवं निर्धारित मापदण्डों के आधार पर मान्यता के संबंध में स्पष्ट अनिशेषा करनी होगी।
6.5 सत्यापन दलों से प्राप्त रिपोर्ट को निरीक्षण दल प्रभारी द्वारा तत्काल पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा एवं हॉर्डकॉपी मय पत्रावली सम्बंधित जिशिअ कार्यालय में 02 दिवस की अवधि की में जमा करवाना है।
6.6 सत्यापन दल द्वारा सत्यापित / दी गई सूचनाओं के संबंध में कोई विसंगति या भिन्न स्थिति पायी जाती है तो सत्यापन दल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया
अध्याय-7 मान्यता अनुमोदन
मान्यता का निदेशालय / राज्य सरकार से अनुमोदन प्राप्त करना:
7.1 निरीक्षण के उपरान्त प्राप्त प्रतिवेदनों का जिला शिक्षा अधिकारी भली-भांति अध्ययन कर लें। प्रतिवेदन में दिए गए तथ्यों से पूर्ण रूप से सन्तुष्ट होने पर ऑनलाईन प्रविष्टि कर दें तथा अपना अभिमत भी दर्ज कर दें।
7.2. मान्यता के जो आवेदन पत्र अनुमोदन हेतु निदेशालय भिजवाए जाने हैं उन विद्यालयों की सूचना ऑनलाइन दर्ज कर दें तथा पत्रावलियों को तत्काल निदेशालय प्रेषित कर दें।
7.3. निदेशालय द्वारा अनुमोदन हेतु प्राप्त पत्रावलियों की सूचना ऑनलाइन दर्ज की जाएगी तथा जिन पत्रावलियों पर अनुमोदन दिया जाएगा उनकी सूचना भी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।
7.4\ यदि किसी विद्यालय के मान्यता आवेदन में एक से अधिक विकल्पों का चयन किया गया है तो राज्य सरकार से अनुमोदनोपरान्त शेष विकल्पों का अनुमोदन निदेशालय द्वारा किया जाएगा तथा प्रकरण संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को भिजवा दिया जाएगा।
अध्याय 6 ( A ) मान्यता प्रमाण-पत्र / निरस्ति प्रमाण पत्र जारी करना
विद्यालयों को मान्यता प्रमाण-पत्र जारी करना:
8.1 जिन प्रतिवेदनों में निरीक्षण दल द्वारा मान्यता दिये जाने हेतु स्पष्ट अभिषेशा की है। तथा उनके तथ्यों से संतुष्ट होने की स्थिति में तथा जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भी मान्यता दिये जाने की अभिशषा की गयी है उन संस्थाओं / विद्यालयों को गुणावगुण एंव समीक्षा के पश्चात् निदेशालय द्वारा मान्यता दिए जाने का अनुमोदन अथवा मान्यता हेतु अपात्र किया जायेगा। मान्यता अथवा अपात्र होने की सूचना एनआईसी द्वारा पोर्टल पर एवं मैसेज द्वारा संबंधित संस्था को 4 कार्य दिवस में दिया जाना सुनिश्चित किया जायें।
8.2 ऐसे पात्र विद्यालयों के लिए आरक्षित कोष (फिक्सड डिपोजिट) का दस्तावेज तथा बालिका शिक्षा फाउण्डेशन की देय राशि का ड्राफ्ट मान्यता अनुमोदन के 7 दिवस से पूर्व अथवा मान्यता दिए जाने की अंतिम तिथि जो भी पहले है तक जमा कराने हेतु संबंधित संस्था को पत्र भेजा जाएगा।
8.3 निर्धारित तिथि तक आरक्षित कोष (फिक्सड डिपोजिट) का दस्तावेज तथा बालिका शिक्षा फाउण्डेशन की देय राशि का ड्राफ्ट प्राप्त होने पर इसकी ऑनलाइन प्रविष्टि की जाएगी। जिन संस्थाओं से निर्धारित तिथि तक यह दस्तावेज प्राप्त नहीं होते है वह विद्यालय मान्यता के लिए अपात्र हो जाएंगे। इसकी सूचना एन.आई.सी द्वारा पोर्टल पर एवं मैसेज द्वारा संबंधित संस्था को दिया जाना सुनिश्चित किया जावें।
8:4 उपरोक्त दस्तावेज के विवरण की ऑनलाईन प्रविष्टि के बाद इन विद्यालयों को मान्यता का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। यह प्रमाण पत्र ऑनलाइन प्रिंट होगा तथा जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षरों से जारी किया जाएगा।
8.5 जिन विद्यालयों कि मान्यता के लिए निदेशालय / राज्य सरकार से अनुमोदन प्राप्त करना है उन विद्यालयों को मान्यता दिए जाने की प्रक्रिया अनुमोदन प्राप्त होने के बाद प्रारम्भ की जाएगी जो उपरोक्तानुसार ही रहेगी। संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय कार्यालय द्वारा भी इनको सूचित किया जाएगा।
8.6 समस्त विद्यालयों की मान्यताऐं निर्धारित तिथि तक तथा संभव एक साथ जारी की जाएंगी। निर्धारित तिथि तक मान्यता का कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
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कक्षा 10 के लिए शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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अध्याय 9 मान्यता हेतु अपात्र संस्थाओं को सूचित करना-
जिन विद्यालयों के आवेदन को निरीक्षण के दौरान अथवा जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अथवा निदेशालय / राज्य सरकार द्वारा मान्यता दिए जाने योग्य नहीं पाया गया है उनकी सूचना पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्ट की जाए तथा इस सूचना का पत्र ऑनलाइन प्रिंट कर आवेदनकर्ता सोसाइटी को भी प्रेषित किया जाएगा।
आवेदन पत्र के साथ संलग्न किये गये दस्तावेजों का विवरण
सोसायटी के पंजीयन प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति।
सोसायटी के विधान की सत्यापित प्रति जिसमें सोसायटी के शैक्षिक उद्देश्यों का उल्लेख है।
सोसायटी की नवीनतम रजिस्टर्ड कार्यकारिणी के सदस्यों की प्रमाणित सूची मय विभागीय प्रतिनिधि।
विद्यालय नवीन मान्यता / क्रमोन्नति / नाम स्थान माध्यम परिवर्तन / अतिरिक्त माध्यम, विषय, संकाय इत्यादि के संबंध में कार्यकारिणी द्वारा लिये गये निर्णय की सत्यापित प्रति |
विद्यालय को पूर्व में जारी समस्त प्रकार की मान्यताओं की सत्यापित प्रतियों (नवीन मान्यता के आवेदन में आवश्यक नहीं) ।
विद्यालय भवन व खेल मैदान की भूमि विद्यालय संचालित करने वाली सोसायटी की है तो भूमि के मालिकाना हक के रजिस्टर्ड दस्तावेज की सत्यापित प्रति।
विद्यालय भवन व खेल मैदान की भूमि सोसायटी की नहीं है तो रजिस्टर्ड किरायेनामे की सत्यापित प्रति ( भूमि के मालिकाना हक के दस्तावेजों सहित ) ।
विद्यालय भवन व खेल मैदान की भूमि का सक्षम स्तर से संस्थानिक प्रयोजनार्थ रूपान्तरण के आदेश की सत्यापित प्रति ।
विद्यालय भवन का सक्षम अधिकारी द्वारा जारी सुरक्षा प्रमाण पत्र की प्रति।
विद्यालय भवन व खेल मैदान का सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित ब्लू प्रिंट नक्शे की प्रति।
विद्यालय की आय-व्यय की सी.ए. द्वारा प्रमाणित गत तीन वर्षों की रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति (नवीन मान्यता के आवेदन हेतु लागू नहीं) ।
विद्यालय के पाँच रंगीन फोटो जो आवेदन के साथ अपलोड किये गये है।
मान्यता शुल्क का ई-ग्रास चालान।
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आवेदन के समय अपलोड किये गये दस्तावेजों का विवरण
सोसाइटी के पंजीयन प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति |
सोसाइटी के विधान की सत्यापित प्रति जिसमें सोसाइटी के भौतिक उद्देश्यों का उल्लेख है।
विद्यालय भवन एवं खेल मैदान का सक्षम अधिकारी द्वारा जारी नवीनतम प्रमाणित ब्लू प्रिन्ट एवं नक्शे की प्रति
शपथ पत्र।
विद्यालय के पांच रंगीन फोटो जो आवेदन के साथ अपलोड किये गये हैं।
विद्यालय का नवीनतम मान्यता प्रमाण-पत्र।
शपथ पत्र का प्रारूप
(यह शपथ पत्र 100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर नोटरी से प्रमाणित करवाकर आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना है)
मैं .................. ................. पिता/पति ................. .............. सोसायटी का पूरा नाम व पता..................................... ............ ........ के सचिव के पद पर कार्यरत हूँ। इस सोसाइटी द्वारा संचालित विद्यालय (संस्था) का नाम व पता.......... ...... ........ के सम्बन्ध में मैं शपथ पूर्वक बयान करता / करती हैं कि-
(नोट:- प्रारम्भिक एवं माध्यमिक स्तर की समस्त प्रकार की मान्यताओं के लिए)
संस्था भवन में बालक-बालिकाओं के लिए पृथक-2 शौचालय व मूत्रालय एवं शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है।
संस्था के प्रबन्ध मण्डल / सदस्य साम्प्रदायिक एवं राजनैतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेते हैं तथा ना ही भविष्य में भाग लेंगे।
संस्था भवन में अग्नि शमन यंत्र स्थापित कर दिया गया है (रसीद संलग्न है।
संस्था परिसर में किसी प्रकार का मोबाईल टॉवर लगा हुआ नहीं है।
संस्था भवन व परिसर के ऊपर एवं आस-पास से विद्युत की हाई टेन्शन लाईन नहीं गुजर रही है।
संस्था में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था है एवं समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाता है।
संस्था द्वारा राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था (मान्यता सहायता अनुदान और सेवा शर्ते आदि) नियम, 1993 तथा बोर्ड की मान्यता संबंधी सभी भौतिक एवं वित्तीय शर्तों की पालना की जायेगी।
संस्था द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 एवं राजस्थान निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 की पालना की जायेगी।
संस्था में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा तथा खेलकूद, मनोरंजन की व्यवस्था की जायेगी।
संस्था द्वारा राज्य सरकार / स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पाठयक्रम एवं पाठ्य पुस्तको द्वारा ही अध्ययन करवाया जायेगा।
संस्था द्वारा राज्य सरकार / स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक कलैन्डर का पालन किया जायेगा।
संस्था द्वारा राजस्थान विद्यालय (फीस का विनिमयन) अधिनियम, 2016 एवं राजस्थान विद्यालय (फीस का विनिमयन) नियम, 2017 की पालना की जायेगी तथा विद्यार्थियों से निर्धारित फीस ही ली जायेगी।
संस्था के विरुद्ध न्यायालय में किसी प्रकार का प्रकरण विचाराधीन नहीं है तथा कोई भी विभागीय जांच लम्बित नहीं है।
संस्था के आस-पास का वातावरण प्रदूषण रहित है।
संस्था में सभी शिक्षक पूर्ण रूप से योग्यताधारी एवं विषयानुसार नियुक्त है।
संस्था द्वारा किसी प्रकार के राज्य / विभाग के आदेशों की पालना नहीं किये जाने पर संस्था की मान्यता निरस्त कर नियमों के अन्तर्गत संस्था के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने का विभाग को पूर्ण अधिकार होगा।
विद्यालय में अध्ययन करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी का प्रतिवर्ष विद्यार्थी दुर्घटना बीमा करवाया जायेगा।
विद्यालय संचालन समिति द्वारा विद्यार्थियों के आवागमन हेतु वाहन सुविधा उपलब्ध करवाने की स्थिति में वाहन का पंजीकरण बाल वाहिनी के रूप में करवाया जायेगा तथा विद्यार्थियों की सुरक्षा संबंधी नियमों का पूर्ण पालन किया जायेगा।
संस्था द्वारा राजस्थान विद्यालय (फीस का विनिमयन) अधिनियम, 2016 एवं राजस्थान विद्यालय (फीस का विनिमयन) नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार विद्यालय की फीस निर्धारित कर प्राईवेट स्कूल पोर्टल पर प्रविष्टि कर दी गई है / नवीन मान्यता की स्थिति में प्रविष्टि कर दी जायेगी।
(नोट:- उपरोक्त की अतिरिक्त माध्यमिक / उच्च माध्यमिक स्तर की समस्त प्रकार की मान्यताओं के लिए)
संस्था में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए सिंगल सीटेड फर्नीचर उपलब्ध है।
संस्था में लिपिक, पुस्तकालयाध्यक्ष एवं विषयवार प्रयोगशाला सहायकों की नियमानुसार नियुक्ति कर दी गई है।
संस्था में कम्प्यूटर व इंटरनेट (ब्राडबेड) की व्यवस्था कर दी गई है।
संस्था द्वारा बिना विभाग की अनुमति के उच्च कक्षायें संचालित नहीं की जायेगी।
संस्था में नियुक्त अध्यापकों के वेतन से नियमानुसार पी. एफ. की कटौती की जायेगी।
यह है कि शपथ पत्र के बिन्दु संख्या…………… ………… से ………… ……… में वर्णित कथन मेरी जानकारी के अनुसार पूर्ण सत्य है।
सचिव समिति का नाम…… समिति का रजिस्टेशन नम्बर व वर्ष
गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की गाइडलाइन 2019-20 यहाँ क्लिक करें
गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की गाइडलाइन 2018-19 यहाँ क्लिक करें
राजस्थान गैर सरकारी संस्था नियम 1993 गाइडलाइन यहाँ क्लिक करें
Process of Recognition to Private Schools in Rajasthan / गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने की प्रक्रिया
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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Physical verification process in private schools under RTE : वर्तमान सत्र आरटीई, इन्दिरा महिला शक्ति निधि तथा मुख्यमंत्री पुनर्भरण योजना के तहत अध्ययनरत बालक-बालिकाओं के भौतिक सत्यापन हेतु दिशा-निर्देशों के संबंध में शैक्षिक वर्तमान सत्र में आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) के तहत निःशुल्क सीट्स, इन्दिरा महिला शक्ति निधि तथा मुख्यमंत्री पुनर्भरण योजना के तहत अध्ययनरत बालक-बालिकाओं की फीस का पुनर्भरण किये जाने से पूर्व गैर सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन करवाया जाता है उक्त के क्रम में शिक्षा विभाग व राजस्थान सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किये है।
विभाग द्वारा जारी दिशा-निदेर्शो के अनुरूप निर्धारित टाईम फ्रेम की तिथियों तक दल गठन, दल प्रशिक्षण तथा भौतिक सत्यापनप कार्य पूर्ण करवाया जायेगा। Physical verification process in private schools under RTE
गैर सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन प्रक्रिया / Physical verification process in private schools under RTE
गैर सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन प्रक्रिया / Physical verification process in private schools under RTE
गैर सरकारी विद्यालयों में वर्तमान सत्र में निःशुल्क शिक्षा हेतु नव प्रवेशित एवं पूर्व सत्रों के क्रमोन्नत बालक-बालिकाओं/ इन्द्रा महिला शक्ति फीस पुनर्भरण योजना अथवा मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के अन्तर्गत अध्ययनरत बालक-बालिकाओं के भौतिक सत्यापन संबंधी दिशा-निर्देश (निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) के प्रावधानान्तर्गत) भाग-1
(1) भौतिक सत्यापन हेतु किये जाने वाले कार्य
सत्यापन दलों का गठन:-
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.शि.) एवं जिला शिक्षा अधिकारी (मा.शि.) अपने-अपने परिक्षेत्र के गैर-सरकारी विद्यालयों की संख्या के आधार पर सत्यापन दलों का गठन एन.आई.सी द्वारा किया जायेगा |
दलों का गठन केवल उन्ही विद्यालयों के लिए किया जायेगा, जिनमे आरटीई की धारा 12 (1) (ग) के तहत् निःशुल्क सीट्स / इन्दिरा महिला शक्ति फीस पुनर्भरण योजना अथवा मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। ये सूचियां डीईओ प्रा. शि. / डीईओ मा.शि. के लॉगिन में उपलब्ध है ।
सत्यापन दलों का गठन ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा। प्रत्येक दल में शामिल दोनों सदस्यों का चुनाव एक ही विद्यालय से किया जाएगा। एक सत्यापन दल को अधिकतम 3 विद्यालय आवंटित किए जाऐंगे। पूर्व में गठित दल यदि किसी कारण से भौतिक सत्यापन करने में असमर्थ है तो परिवेदना के आधार पर दल को निरस्त करने एवं नवीन दल के ऑनलाइन गठन का अधिकार सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी का रहेगा ।
सत्यापन दल का अध्यक्ष राजपत्रित अधिकारी होगा तथा एक अन्य सदस्य उपलब्धता के आधार पर व्याख्याता / वरिष्ठ अध्यापक / अध्यापक / लिपिक वर्ग होगा।
प्रारम्भिक शिक्षा में पर्याप्त संख्या में राजपत्रित अधिकारी उपलब्ध न होने की स्थिति में दलों के अध्यक्ष के रूप में माध्यमिक शिक्षा से प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक / व्याख्याता लिए जा सकेगें तथा शेष एक सदस्य प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय / अध्यापक में से लिया जा सकेगा ।
दल गठन के समय यथा सम्भव दल सदस्यों के पदस्थापन के ब्लॉक में ही गैर-सरकारी विद्यालय सत्यापन हेतु दिये जायें। Physical verification process in private schools under RTE
निरीक्षण दल के सदस्यों के नाम, पद एवं पदस्थापन स्थान सत्र 2024-25यहाँ क्लिक करें
विशेष सत्यापन दलों का गठन:-
जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा / माध्यमिक शिक्षा ( प्रथम / द्वितीय) अपने अधीन विद्यालयों के सेम्पल सत्यापन के लिए आवश्यकतानुसार अपने कार्यालय से विशेष सत्यापन दलों का गठन करेंगे।
यह विशेष सत्यापन दल जिले में विद्यालयों की संख्या का एक प्रतिशत अथवा 20 विद्यालय, जो भी अधिक हों का अनिवार्य रूप से सत्यापन करेंगे ।
ये विशेष दल उन विद्यालयों का पुनः सत्यापन करेंगे जो सत्यापन दलों द्वारा सत्यापित किए जा चुके हैं। निरीक्षण से पूर्व उन विद्यालयों की मूल सत्यापित रिपोर्ट साथ लेकर जाएंगे तथा मूल सत्यापन से भिन्नता पाये जाने पर विशेष सत्यापन दल के अध्यक्ष द्वारा मूल सत्यापन रिपोर्ट में लाल स्याही के पैन से आवश्यक संशोधन किये जाऐंगे। उक्त संशोधन विद्यालय प्रति एवं कार्यालय प्रति दोनों में किये जाएगे ।
विद्यालय द्वारा विशेष सत्यापन दल द्वारा संशोधित सत्यापन रिपोर्ट को ही आरटीई वेबपोर्टल पर अपलोड किया जाऐगा तथा सम्बन्धित कार्यालय द्वारा उसी के अनुरूप इसका मिलान कर सत्यापन किया जाऐगा। विशेष सत्यापन दलों द्वारा उन विद्यालयों की भी पुनः जॉच की जायेगी जिन विद्यालयों के भौतिक सत्यापन के सम्बन्ध में परिवेदनायें प्राप्त हुई हैं।
विशेष जाँच दल द्वारा निरीक्षण किये गये विद्यालयों की सूचना की प्रविष्टि जिला शिक्षा अधिकारी के लॉगिन से करनी है। Physical verification process in private schools under RTE
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा अपने – अपने परिक्षेत्र के विद्यालयों के लिए गठित सत्यापन दलों का प्रशिक्षण कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। बिना प्रशिक्षण के किसी भी सत्यापन दल को सत्यापन हेतु विद्यालय में नहीं भेजा जायेगा । सत्यापन दलों को यह स्पष्ट किया जाए कि सत्र 2024-25 का भौतिक सत्यापन प्रपत्र भरा जाए।
प्रशिक्षण के दौरान सत्यापन दलों को “दुर्बल वर्ग” व ” असुविधाग्रस्त समूह” की परिभाषा, प्रवेश हेतु कैचमेंट एरिया, आयु पॉलिसी व एन्ट्री कक्षा एवं आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जॉच के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश की ऑनलाइन व विगत सत्रों की ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया की जानकारी सत्यापन दलों को दी जायेगी।
इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा 9 से 11 में अध्ययनरत बालिकाओं तथा मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा-9 व कक्षा – 10 में अध्ययनरत बालकों के विद्यालय में वास्तविक रूप से अध्ययनरत होने तथा पोर्टल पर बालक – बालिका के जनआधार की अनिवार्य प्रविष्टि के संबंध में जानकारी दी जायेगी।
यह जानकारी इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना एवं मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के दिशा-निर्देशों के आधार पर दी जायेगी। यह दिशा निर्देश प्राइवेट स्कूल वेब पोर्टल http://www.rajpsp.nic.inपर उपलब्ध हैं ।
सत्यापन दलों को सम्बन्धित विद्यालयों के नाम की सूची मय पता मोबाइल नम्बर, लैण्डलाइन नम्बर उपलब्ध करवायी जाएगी तथा सत्यापन दलों को भौतिक सत्यापन के दिशा-निर्देशों की एक-एक प्रति भी दी जाएगी।
जिले के आरटीई प्रभारी अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी के फोन नम्बर भी सत्यापन दलों को उपलब्ध करवायें जायें जिससे सत्यापन दल आवश्यकता पड़ने पर जानकारी प्राप्त कर सकें।
शाला दर्पण छात्रवृत्ति प्रभारी के कार्य और छात्रवृत्ति की प्रक्रियायहाँ क्लिक करें
भौतिक सत्यापन प्रतिवेदनों को कार्यालय स्तर से सत्यापित करना :-
भौतिक सत्यापन के दौरान सत्त मॉनिटरिंग कर विद्यालयों से सत्यापन प्रतिवेदनों की प्रविष्टि करवायी जाए । जिन विद्यालयों के सत्यापन प्रतिवेदन ऑनलाइन प्रविष्ट कर लॉक कर दिए जाऐं उन प्रतिवेदनों की कार्यालय प्रति से मिलान करते हुए उन्हें तत्काल सत्यापित या आक्षेपित कर दिया जाए ।
सत्यापन करते समय यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि निःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत समस्त बालकों के आधार नम्बर ऑनलाइन प्रविष्ट कर दिए गए हैं।
कार्यालय स्तर से निर्धारित तिथि तक सत्यापन प्रतिवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं होने तथा विद्यालय के फीस पुनर्भरण से वंचित होने पर सम्बन्धित अधिकारी / कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। Physical verification process in private schools under RTE
भौतिक सत्यापन का टाइम फ्रेम :-
Physical verification process in private schools under RTE
नोट: – कार्यालय द्वारा सत्यापन रिपोर्ट के मिलान के दौरान रिजेक्ट की गयी रिपोर्ट को विद्यालय द्वारा सही प्रविष्ट कर अधिकतम 7 दिवस के अन्दर पुनः लॉक करना है। यदि विद्यालय तय अवधि में रिपोर्ट को लॉक नहीं करता है तो विभाग द्वारा इन बालकों की फीस का पुनर्भरण नहीं किया जायेगा तथा विद्यालय निःशुल्क सीट्स पर प्रवेशित बालकों को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बाध्य होगा।
आरटीई के भौतिक सत्यापन दल में बदलाव हेतु पूरे दल में ही बदलाव नहीं करते हुए केवल संबंधित अधिकारी / कार्मिक को ही बदलने की सुविधा पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी तथा आरटीई के अन्तर्गत यह कार्य जिशिअ कार्यालय के स्तर पर ही सम्पादित की जाए।
जिले के समस्त CBEO को पीएसपी पोर्टल का लॉगिन दिया गया हैं जिसमें उनके क्षेत्र की समस्त गैर-सरकारी विद्यालयों का स्कूल प्रोफाईल तथा अन्य आवश्यक डेटा उपलब्ध है। CBEO भी उनके क्षेत्राधिकार के समस्त गैर-सरकारी विद्यालयों की मॉनिटरिंग करेंगें तथा अनियमितताओं की सूचना जिला मुख्यालय पर उच्चाधिकारियों को करेंगें।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
(2) भौतिक सत्यापन हेतु दलों द्वारा किये जाने वाले कार्य
सत्यापन हेतु सामान्य निर्देश
विद्यालय प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर अपने लॉगिन से भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन सत्र 2024-25 की दो प्रतियों का प्रिंट आउट लेकर तैयार रखें। प्रिंट आउट लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि विद्यालय में अध्ययनरत सभी कक्षाओं के सशुल्क बालक-बालिकाओं की पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्टि की जा चुकी हैं तथा निःशुल्क छात्र भी प्रदर्शित हो रहे है। साथ ही इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना एवं मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के अन्तर्गत अध्ययनरत बालक-बालिकाएं भी प्रतिवेदन में प्रदर्शित हो रहे हैं। Physical verification process in private schools under RTE
शैक्षिक सत्र 2024-25 में वे बालिकाएं जो इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा 9 से 11 में अध्ययनरत हैं एवं ऐसे बालक जो मुख्यमंत्री फीस पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा 9 से 10 में अध्ययनरत है की जांच भी सत्यापन दलों द्वारा की जायेगी।
सत्यापन दल इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना एवं मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत अध्ययनरत पात्र बालक-बालिकाओं के जनाधार की प्रविष्टि पोर्टल पर करवाया जाना सुनिश्चित करेंगें साथ ही सत्यापन प्रतिवेदन में भी रिक्त रहे बालक-बालिकाओं के जनआधार की प्रविष्टि करेगें। इन्ही जनाधार से लिंक एकाउंट में डी. बी. टी. के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा फीस का पुनर्भरण किया जाएगा।
भौतिक सत्यापन दल के अवलोकन हेतु बालकों के आवेदन पत्र मय संलग्नक व रिपोर्टिंग प्रपत्र, कैश बुक, रसीद बुक, बैंक पास बुक, एस. आर. रजिस्टर, कक्षा उपस्थिति रजिस्टर व पूर्व के सत्रों में आय के आधार पर प्रवेशित बालकों (केवल सामान्य ओबीसी व एसबीसी वर्ग के लिए) के आय प्रमाण-पत्र तैयार रखें। आरटीई अधिनियम की धारा 12 ( 3 ) के तहत उक्त समस्त सूचनायें विद्यालय द्वारा उपलब्ध करवाया जाना बाध्यकारी है।
सत्यापन दल, विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन के प्रिंट आउट के आधार पर ही विद्यालय में उपस्थित होकर प्रतिवेदन में पूर्व से भरी सूचनाओं व बालकों का भौतिक सत्यापन करेंगे। Physical verification process in private schools under RTE
भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन में प्रविष्ट विद्यालय की स्थिति (Location) कक्षा स्तर (किस कक्षा तक ) मान्यता, एण्ट्री कक्षा व आयु पॉलिसी की ध्यानपूर्वक जॉच करने के बाद ही इनको सत्यापित करें।
विद्यालय की स्थिति के संबंध में ब्लॉक, शहरी स्थानीय निकाय (नगर पालिका / नगर परिषद / नगर निगम ), ग्राम पंचायत, ग्राम, वार्ड तथा शहरी या ग्रामीण क्षेत्र की गहन जाँच के बाद ही इन्हें सत्यापित करें। यदि विद्यालय के ग्राम / वार्ड अथवा ग्राम पंचायत / शहरी स्थानीय निकाय में परिवर्तन है तो यह परिवर्तन विद्यालय लॉगिन से ही सत्यापन रिपोर्ट ऑनलाइन करते समय किया जा सकता है लेकिन यदि विद्यालय के ब्लॉक के नाम में परिवर्तन हैं तो रिपोर्ट ऑनलाइन प्रविष्ट होने के बाद डीईओ प्रा. शि. / डीईओ मा.शि. के लॉगिन से रिपोर्ट सत्यापित करने से पूर्व यह परिवर्तन किया जाये तथा सत्यापन रिपोर्ट की एक प्रति सम्बन्धित डीईओ कार्यालय को भिजवाई जाये ।
प्रतिवेदन में भरी सूचनाओं में यदि कोई सूचना गलत है तो उस पर पैन से गोला करना है तथा उसके पास ही सही सूचना को अंकित करना है। सूचनाओं में परिवर्तन निरीक्षण प्रतिवेदन की दोनों प्रतियों में करने हैं।
इस प्रपत्र में पूर्व में भरे हुए डाटा में बदलाव से विद्यालय सहमत है। इसमें किसी भी प्रकार के परिवर्तन की स्थिति में इस सत्र में प्रवेशित बालकों का पोर्टल पर यथानुसार परिवर्तन हो जायेगा, जिसके लिए विद्यालय स्वयं जिम्मेदार होगा एवं उसे ज्ञात है कि इसमें दुबारा से बदलाव सम्भव नहीं है।
भौतिक सत्यापन दल द्वारा विद्यालय से किसी भी दस्तावेज की छाया प्रति देने की मांग नहीं की जायेगी ओर न ही निरीक्षण प्रतिवेदन के साथ सलंग्न की जायेगी। भौतिक सत्यापन दल द्वारा जो भी रिकार्ड अवलोकित किया जाए प्रमाण के रूप में दल के अध्यक्ष द्वारा अवलोकित दस्तावेजों के प्रत्येक पृष्ठ पर अपने हस्ताक्षर एवं दिनांक अंकित की जाए।
सत्यापन प्रक्रिया के पूर्ण होने पर सत्यापन दल के अध्यक्ष द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट की एक प्रति निरीक्षण के दिन ही सम्बन्धित संस्थाप्रधान / प्रभारी को प्राप्ति के हस्ताक्षर प्राप्त कर उपलब्ध करवायी जायेगी तथा दूसरी प्रति सम्बन्धित डीईओ (प्रारम्भिक शिक्षा) / डीईओ (माध्यमिक शिक्षा) कार्यालय में जमा करवायी जायेगी ।
सत्यापन दल द्वारा उपलब्ध करवाये गये निरीक्षण प्रतिवेदन को गैर-सरकारी विद्यालय द्वारा 7 दिवस में आरटीई वेबपोर्टल पर अपलोड करना है।
निःशुल्क एवं सःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालक-बालिकाओं की जॉच सम्बन्धी निर्देश :-
निःशुल्क प्रवेश संबंधी समस्त रिकॉर्ड का अवलोकन कर निःशुल्क शिक्षा हेतु प्रवेशित बालक की पात्रता की जाँच की जाए तथा पात्रता के आधार पर पुनर्भरण योग्य पाये गये बालकों को सत्यापित किया जाऐ। जो बालक प्रवेश हेतु अपात्र पाए जावें अर्थात पुनर्भरण योग्य नहीं पाये जावें उनके अयोग्य होने के कारणों के कोड अंकित करने है। Physical verification process in private schools under RTE
सत्यापन दल 25 प्रतिशत निःशुल्क एवं शेष 75 प्रतिशत सःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालकों की नियमित उपस्थिति की भी जांच करेंगे। यदि निःशुल्क प्रवेशित बालक ड्रॉप आउट पाया जाए तो उसका उल्लेख प्रतिवेदन में करेंगे। सःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालकों के आवेदन पत्रों व अन्य दस्तावेजों की गहन जांच कर यह सुनिश्चित कर लें कि ये बालक वास्तविक रूप से विद्यालय में अध्ययनरत हैं।
शैक्षिक सत्र 2024-25 में एन्ट्री कक्षा में निःशुल्क व सःशुल्क सीट्स पर नवप्रवेशित बालक-बालिकाओं की गहनता से जाँच करें। यदि सत्यापन के समय निःशुल्क 25 प्रतिशत सीट्स पर दिये गये प्रवेश की तुलना में सःशुल्क 75 प्रतिशत सीट्स पर कम संख्या में बालक-बालिकाएं अध्ययनरत पाये जाते है तो सःशुल्क 75 प्रतिशत सीट्स पर अध्ययनरत बालक-बालिकाओं की संख्या के आधार पर ही 25 प्रतिशत निःशुल्क सीट्स पर बालक-बालिकाओं को सत्यापित किया जाये। निःशुल्क सीट्स पर 25 प्रतिशत से अधिक संख्या में प्रवेशित बालक-बालिकाओं में से वरीयता सूची में नीचे से बालक-बालिकाओं के प्रवेश को निरस्त किया जायेगा। यह व्यवस्था केवल वर्तमान सत्र में नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ही लागू होगी।
यह भी सुनिश्चित कर लें कि आरटीई प्रवेशित बालक-बालिका तथा इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना एवं मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत अध्ययनरत बालक-बालिका प्रवेश के बाद लगातार विद्यालय में आ रहे हैं तथा इनका अन्यत्र किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं हुआ है।
आय के आधार पर आरटीई के तहत प्रवेशित बालक-बालिकाओं से प्रतिवर्ष नये आय प्रमाण पत्र लिये जाते है। अतः पूर्व सत्रों में प्रवेशित आरटीई विद्यार्थियों के आय प्रमाण पत्रों की जांच सत्र 2024 – 25 सत्र हेतु की जानी है। Physical verification process in private schools under RTE
विद्यालय की फीस की जॉच सम्बन्धी निर्देश :-
सत्यापन दल विद्यालय के अभिलेखों की सावधानी पूर्वक जॉच कर विद्यालय द्वारा अन्य बालकों से ली जा रही फीस का सत्यापन करेंगे।
फीस के सत्यापन के लिए विद्यालय के अभिलेखों यथा रसीद बुक, कैशबुक, बैंक पासबुक, फीस संधारण रजिस्टर एवं वाउचर पंजिका का निरीक्षण करेंगे। यदि आवश्यक हो तो बालकों एवं अभिभावकों से बात कर फीस की पुष्टि कर ली जावे तथा प्रतिवेदन में विद्यालय द्वारा ली जाने वाली वास्तविक फीस की प्रविष्टि की जावे । सत्यापन दल फीस निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित फीस का भी अवलोकन करें तथा यह सुनिश्चित करें की विद्यालय द्वारा पोर्टल पर प्रविष्ट फीस एवं समिति द्वारा निर्धारित फीस में भिन्नता नहीं है।
फीस के समस्त रिक्त कॉलमों में फीस की प्रविष्टि करनी है। विद्यालय को यह ज्ञात होना चाहिए कि वर्तमान शैक्षिक सत्र की वार्षिक फीस की राशि अंकित नहीं करने पर इस सत्र की प्रथम एवं द्वितीय किस्त की पुनर्भरण राशि का भुगतान किया जाना संभव नहीं होगा परन्तु निःशुल्क शिक्षा हेतु प्रवेशित एवं सत्यापित बालकों को अपने स्तर पर निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने हेतु बाध्य होगा । Physical verification process in private schools under RTE
सत्यापन दल द्वारा निर्देशों के विपरीत गलत तरीके से अथवा अभिलेखों का अवलोकन किये बिना ही फीस का आकलन कर राशि अंकित करने एवं पुनर्भरण की अनुशंषा करने पर गलत / अनियमित भुगतान होने की स्थिति में सत्यापन दल का उत्तरदायित्व निर्धारित होगा तथा उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। Physical verification process in private schools under RTE
सत्यापन दल द्वारा नवप्रवेशित बालकों के आवेदन पत्रों की जाँच :-
यह जॉच बालक के “दुर्बल वर्ग” या ” असुविधाग्रस्त समूह” से सम्बन्धित होने, प्रवेश हेतु निर्धारित कैचमेन्ट एरिया के निवासी होने तथा प्रवेश के लिए कक्षा अनुरूप आयु संबंधी पात्रता पूरी करने के आधार पर की जायेगी तथा इनसे सम्बन्धित प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी कि प्रमाण पत्र निर्धारित तिथि तक तथा सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किए गए हैं अथवा नहीं। यह जांच कार्य सत्र 2024 – 25 सत्र के लिए तत्कालीन समय अनुरूप की जाएगी।
दल द्वारा जिन अभिलेखों का अवलोकन किया जाए उन पर लघु हस्ताक्षर भी किए जाऐं ।
विद्यालय द्वारा बालक के दस्तावेजों की जांच के समय यदि किसी दस्तावेज पर आक्षेप लगाया गया तथा उस दस्तावेज को सीबीईओं द्वारा सत्यापित किया गया है। तो इस दस्तावेज के आधार पर बालक को अयोग्य नहीं किया जायेगा।
सत्यापन प्रतिवेदन दो प्रतियों में तैयार कर सत्यापन दिवस को ही एक प्रति विद्यालय को तथा दूसरी प्रति सम्बन्धित कार्यालय को उपलब्ध करवा दी जाए। सत्यापन रिपोर्ट के प्रत्येक पृष्ठ पर सत्यापन दल सदस्यों के हस्ताक्षर अनिवार्य है।६
आधार सत्यापन सम्बन्धी निर्देश :-
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आरटीई की धारा 12 (1) (ग) के तहत् विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त बालक-बालिकाओं (वर्तमान सत्र में नव प्रवेशित तथा पूर्व सत्रों के क्रमोन्नत के आधार लिया जाना अनिवार्य है। Physical verification process in private schools under RTE
जिन बालक-बालिकाओं के आधार ऑनलाईन ऑथेटिकेशन (प्रमाणीकरण) नहीं हुआ है, उन बालक-बालिकाओं को सत्यापित करने से पूर्व आधार की हार्ड कॉपी से मिलान कर जांच अनिवार्य रूप से की जाये ।
यदि किसी विद्यालय में अध्ययनरत सभी बालक-बालिकाओं में से कुछ के आधार प्राप्त नहीं हुए है तो विद्यालय अपनी सत्यापन रिपोर्ट को ऑनलाइन प्रविष्ट करने से पूर्व आधार ऑथेटिकेशन (प्रमाणीकरण) के बाद ही प्रतिवेदन को लॉक करें।
सत्यापन रिपोर्ट में आधार के सम्बन्ध में सभी बालक-बालिकाओं की स्थिति स्पष्ट होने के पश्चात् ही विद्यालय द्वारा रिपोर्ट को ऑनलाइन कर लॉक किया जायेगा लेकिन यह कार्य सत्यापन रिपोर्ट की प्रविष्टि हेतु निर्धारित अंतिम तिथि से पूर्व किया जाना अनिवार्य है।
सम्बन्धित कार्यालय प्रत्येक विद्यालय की सत्यापन रिपोर्ट को कार्यालय प्रति के आधार पर प्रमाणित ( Verify ) करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि रिपोर्ट में पात्र पाये गये बालक-बालिकाओं का आधार ऑथेटिकेशन (प्रमाणीकरण) किया जा चुका है। Physical verification process in private schools under RTE
बालक-बालिकाओं के विवरण की आंशिक अशुद्धियों को आधार कार्ड के आधार पर सही कर ऑथेटिकेशन (प्रमाणीकरण) किया जा सकता है। यदि इन अशुद्धियों को सही करने से बालक / बालिका की पात्रता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। Physical verification process in private schools under RTE
RTE निःशुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों के भौतिक सत्यापन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची :-
RTE प्रवेश पंजिका
विद्यालय में अध्ययनरत सभी RTE निःशुल्क विद्यार्थियों के आधार कार्ड की संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित फोटो प्रति।
CASH BOOK, LEDGER BOOK, VOUCHER FILE, BANK PASSBOOK/ BANK STATEMENT, FEES RECIPT, FEES REGISTER.
विद्यार्थी उपस्थिति पंजिका।
अध्यापक उपस्थिती पंजिका ।
एस. आर. पंजिका RTE व Non RTE विद्यार्थी ।
विद्यालय में अध्ययनरत सभी RTE के विद्यार्थियों के निर्धारित आय प्रमाण पत्र ।
SC/ST/OBC का प्रमाण-पत्र।
RTE प्रवेश हेतु बनाया गया रोस्टर रजिस्टर |
RTE विद्यार्थियों को वितरण की गई पुस्तको का विवरण रजिस्टर ।
Online/offline अध्ययन का रिकॉर्ड, अभिभावकों की सहमति ।
RTE पुनर्भरण राशि को कैश बुक ने दर्ज किया हुआ होना चाहिए व गत सत्रों के क्लेम बिल फ़ाइल करके रखे ।
फीस निर्धारण प्रस्ताव रजिस्टर |
यदि कोई RTE का विद्यार्थी टी.सी.ले गया हो या उसका किसी कारण से नाम पृथक किया हो उसका लिखित सहमति / प्रार्थना पत्र लिया हआ होना चाहिए ।
विद्यालय का उक्त समस्त रिकॉर्ड पूर्णतया अपडेट हो, किसी प्रकार का कार्य पेंडिंग नही होना चाहिए ।
RTE से जुड़े महत्वपूर्ण निर्देश और आदेश के साथ सर्कुलर :-
RTE Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009 Amendment to Schedule to “The right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009 with respect to pupil Teacher Ratio for special teachers in general schools -Reg.
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जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan : राजस्थान विभिन्न जातियों और समुदायों को पहचान और अवसर प्रदान करने में जाति प्रमाण पत्र के महत्व को पहचानता है। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र एक आधिकारिक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है जो किसी व्यक्ति की जाति या समुदाय को प्रमाणित करता है और आरक्षण, कल्याणकारी योजनाओं और अन्य लाभों तक पहुँच को सक्षम बनाता है।
राजस्थान जाति प्रमाण पत्र के लिए वर्ग (एससी, एसटी या ओबीसी) ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक राज्य लाभार्थी जो राजस्थान जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बहुत आसानी से ऐसा कर सकते हैं और जाति प्रमाण पत्र द्वारा प्रदान किए गए सभी लाभों का लाभ उठा सकते हैं। कर सकते हैं | जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
राज्य के केवल एससी, एसटी और ओबीसी लोग ही इस ऑनलाइन सेवा का उपयोग करने के पात्र हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है क्योंकि यह राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक आधिकारिक दस्तावेज है।
इस प्रमाण पत्र से पता चलता है कि राजस्थान में रहने वाला व्यक्ति किस जाति का है। राजस्थान जाति प्रमाण पत्र वाले लोगों को कई सरकारी कार्यों से छूट मिलती है। राज्य में रहने वाली विभिन्न जातियों की संख्या भी इसके इस्तेमाल से गिनी जा सकती है। इसलिए जो भी व्यक्ति एससी, एसटी या ओबीसी श्रेणी में आता है, उसके पास जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए।
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,
राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग एवं विशेष पिछडा वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में निम्नलिखित दिशा निर्देश जारी किये जाते है। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
1. जाति प्रमाण पत्र :-
जाति प्रमाण पत्र से तात्पर्य भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विशेष पिछड़ा वर्ग के लिये समय-समय पर जारी किये गये गजट नोटिफिकेशन / अधिसूचनाओं में शामिल जातियों को राज्य सरकार द्वारा अधिकृत प्राधिकारी द्वारा भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी किये गये प्रमाण पत्र से है। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
2. जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाला सक्षम प्राधिकारी : –
जाति प्रमाण पत्र उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किये जायेगें ।
3. जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया:-
(A) आवेदक-
(1) राजस्थान राज्य का मूल निवासी: ऐसा व्यक्ति जो अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछडा वर्ग का राजस्थान राज्य का मूल निवासी हो।
(II) अन्य राज्यों से भाईग्रेट होकर आये व्यक्तियो के संबंध मे :- यदि आवेदक मूल रूप से राजस्थान राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य का निवासी है तथा माईग्रेट होकर शिक्षा / रोजगार आदि प्राप्त करने के लिए राजस्थान राज्य मे स्थायी रूप से निवास कर रहा है तथा यही से मूल निवास प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, तो उस व्यक्ति की संतान को राजस्थान राज्य मे जन्म के आधार पर जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिये आवेदन हेतु पात्र होगी।
(B) आवेदन पत्र का प्रारूप एवं सलंग्न किये जाने वाले दस्तावेज :-
(1) SC / ST हेतु आवेदन परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार
(II) OBC / SBC हेतु आवेदन परिशिष्ट ‘क’ अनुसार
सलंग्न दस्तावेज सूची
राशनकार्ड / मतदाता सूची / अचल सम्पति के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज / किरायानामा / गैस कनेक्शन / बिजली, पानी, टेलिफोन का बिल / शिक्षा प्रमाण-पत्र ।
पिता की जाति का साक्ष्य हेतु प्रमाण-पत्र (जाति प्रमाण पत्र यदि उपलब्ध हो तो) भूमि की जमा बन्दी आय प्रमाण-पत्र हेतु (जिनके पास आई.टी. आर एवं राज्य / केन्द्रीय अधिकारी / कर्मचारी की वेतन पत्र / पे स्लीप नही है तो निर्धारित प्रमाण-पत्र मे दो अलग-अलग राज्य केन्द्रीय अधिकारी / कर्मचारी के द्वारा जारी प्रमाण-पत्र सलंग्न करे ) आयकर रिटर्न संबंधी दस्तावेज / मूल निवास प्रमाण पत्र / जन्म प्रमाण पत्र जिसमे जाति का उल्लेख हो यदि उपलब्ध हो तो आवेदन पत्र के साथ सलंग्न किया जावेगा
OBC / SBC के लिये उत्तरदायी व्यक्तियो द्वारा देय साक्ष्य (परिशिष्ट-च) अनुसार, उत्तर दायी व्यक्ति से आशय संसद सदस्य / विधानसभा सदस्य / जिला प्रमुख / प्रधान / जिला परिषद सदस्य / सरंपच / राजकीय अधिकारी / कर्मचारी से है ।
आवेदन पत्र में आवेदक के पास आधार नम्बर / जनाधार कार्ड होने की स्थिति मे उक्त नम्बर का अंकन किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि आवेदक परिवार का मुखिया नही हैं एवं उसके परिवार के मुखिया को जारी किये गये जनाधार कार्ड मे उसका नाम अंकित है तो मुखिया को जारी जनाधार कार्ड की प्रति लगानी आवश्यक होगी।
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(C) आवेदन जांच एवं आवेदन पत्र तथा जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र का प्रारूप:-
सक्षम अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ कार्मिक यथा पटवारी / गिरदावर आदि से गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी किये गये पत्रांक संख्या BC. 12025/2/76- SCT.J 22 मार्च 1977 ( प्रति संलग्न परिशिष्ट – k ) आवेदक के पैतृक / स्वयं के राजस्व रिकार्ड आदि मे उसके जाति का परीक्षण करवाया जायेगा इसके अतिरिक्त यदि आवश्यक हो तो शैक्षणिक रिकार्ड / नगरपालिका / ग्राम पंचायत के रिकार्ड का भी जांच / परीक्षण किया जा सकेगा जिसमे उसके स्वयं / पैतृक जाति की पुष्टि होती हो। परीक्षण उपरान्त जाति प्रमाण पत्र हिन्दी एवं अग्रेजी द्विभाषा में एक साथ ही जारी किया जायेगा|
SC/ST एवं OBC / SSC हेतु प्रमाण पत्र का प्रारूप क्रमशः परिशिष्ट ‘ब’ ‘ख’ ‘ग’ अनुसार ही मान्य होगा।
OBC / SBC के लिये जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र का प्रारूप उपरोक्त परिशिष्ठ ख व ग के अनुसार क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी पैरा 3 को काटकर (Delete) कर जारी किया जायेगा।
भारत सरकार मे नियुक्तियों के लिये परिशिष्ट- घ अनुसार ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
(D) जाति प्रमाण-पत्र की संशोधित एवं दोहरी प्रति :-
संक्षम प्राधिकारी द्वारा निम्नाकित परिस्थितियो मे दुबारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जावेगा।
प्रमाण-पत्र गुम हो जाने, कट-फट जाने या खराब हो जाने पर दोहरी प्रति (Duplicate Copy) जारी की सकेगी।
नाम बदलने पर संशोधित प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकेगा। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
कालान्तर मे आयु वृद्धि के अनुसार पहचान के लिए मांग करने पर नये फोटो युक्त नवीन प्रमाण-पत्र (Revised Certificate) जारी किया जावेगा।
यदि जाति प्रमाण-पत्र जारी करने वाला सक्षम अधिकारी आवेदक के आवेदन को किसी कारण से खारिज / निरस्त करता है तथा आवेदक यह महसूस करता है कि उसका आवेदन 5 पत्र एवं उसके साथ समस्त सलंग्न दस्तावेज सत्य है तथा वह उक्त जाति प्रमाण-पत्र मे जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति के अध्यक्ष को लिखित मे समस्त साक्ष्यों सहित आवेदन कर सकेगा। जिला स्तरीय समिति उक्त आवेदन पत्र का गहनता से जांच / परीक्षण कर यदि समिति का यह निष्कर्ष रहता है कि आवेदक का आवेदन पत्र सही है तो यह संबन्धित सक्षम अधिकारी को नियमानुसार जाति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु निर्देश दे सकेगी। एवं यदि आवेदन पत्र खारिज योग्य पाया जाता है तो उसे समिति द्वारा निरस्त कर दिया जावेगा परन्तु निरस्त का आदेश कारणो सहित जारी किया जायेगा।
4. जाति प्रमाण पत्र की वैधता अवधि :-
अनुसूचित जाति / जनजाति के लिये जारी किये गये जाति प्रमाण पत्रो की अवधि जीवन पर्यन्त होगी जबकि OBC के लिये संबधी प्रमाण-पत्र एक बार ही जारी किया जावेगा परन्तु क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी तथ्य को तीन वर्ष के विधि सम्मत शपथ-पत्र के आधार पर मान्यता दी जायेगी।
क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी प्रमाण-पत्र एक वर्ष के लिए मान्य होगा एक बार क्रिमीलेयर मे नही होने का प्रमाण-पत्र जारी होने के उपरान्त अगर प्रार्थी आगामी वर्ष मे भी क्रिमीलेयर मे नही हे तो ऐसी स्थिति मे उससे सत्यापित शपथ-पत्र (परिशिष्ट–३) लेकर पूर्व मे जारी प्रमाण-पत्र को ही मान लिया जाये ऐसा अधिकतम तीन वर्ष तक किया जा सकता है। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
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अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछड़ा वर्ग के आवेदक को जाति प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात यदि आवेदक द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेने, किसी नियोक्ता के अधीन सेवा मे नियोजित होने या अन्य किसी प्रयोजन के लिए यदि उक्त जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर कोई आरक्षण / रियायत प्राप्त की गयी हो तो शैक्षणिक संस्थान, नियोक्ता या अन्य किसी प्राधिकारी द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र के सत्यापन करवाये जाने की स्थिति मे जिला कलक्टर द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र का सत्यापन करवाया जाकर सत्यापन रिर्पोट संबन्धित प्राधिकारी को उनके वांछितानुसार भिजवायी जा सकेगी। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
उक्त सत्यापन रिर्पोट 6 माह में आवश्यक रूप से भिजवाई जानी आवश्यक होगी। यदि कोई प्रकरण सर्तकता समिति एवं छानबीन समिति मे विचाराधीन है तथा उसमे अन्तिम निर्णय मे विलम्ब हो रहा हो तथा शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता के यहां पर निर्धारित अंतिम तिथि निकल गयी हो तो शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता द्वारा अस्थायी (PROVISIONAL) प्रवेश / नियुक्ति दी जाएगी तथा वह प्रवेश / नियुक्ति छानबीन समिति के निर्णय के आधीन रहेगी।
6. जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति :-
अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछड़ा वर्ग के शंकाप्रस्द, फर्जी / झूठा जाति प्रमाण-पत्र जारी हो जाने की स्थिति मे एवं जाति प्रमाण-पत्र की शिकायत प्राप्त होने पर उक्त जाति प्रमाण-पत्र के परीक्षण / जांच हेतु प्रत्येक जिले मे एक जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र सतर्कता समिति का प्रशासनिक सुधार विभाग राजस्थान सरकार द्वारा आदेश क्रमांक प. 6 ( 10 ) प्र०सु०. / अनु. 3/2011 दिनांक 23.07.15 को गठन किया गया है। (परिशिष्ठ-बी) जो कि निम्न प्रकार से है :-
जिला कलक्टर
अध्यक्ष
अतिरिक्त जिला कलक्टर (राजस्व)
समन्वयक
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पदेन प्रभारी अधिकारी (माडा), जिला परिषद
सदस्य
संबन्धित उप जिला मजिस्ट्रेट / उपखण्ड अधिकारी
सदस्य
जिला अधिकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
सदस्य
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
उपरोक्त समिति मे झूठे फर्जी एवं शंकास्पद जाति प्रमाण-पत्रो के मामले दर्ज किये जा सकेगे तथा समिति जारी किये गये जाति प्रमाण-पत्रो की अपने स्तर पर परीक्षण करेगी तथा परीक्षण उपरान्त सत्यता का निष्कर्ष सहित अपना निर्णय लिया जाकर जाति प्रमाण-पत्र की वैद्यता / अवैद्यता के संबंध मे समुचित आदेश दो माह मे जारी करेगी।
तथा संबन्धित पक्षो को उक्त निर्णय से पंजीकृत डाक द्वारा अविलम्ब सूचना दी जावेगी। परन्तु उक्त सूचना अधिकतम एक माह में दी जावेगी तथा नाबालिग की स्थिति में उसके माता-पिता / संरक्षक को तत्काल सूचना प्रेषित की जावेगी। यदि उक्त अवधि मे निर्णय नही किया जा सकता है तो उसके कारणो का अकंन किया जाना आवश्यक होगा तथा निर्णय की सूचना शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता को भी तत्काल दी जावेगी ।
जाति प्रमाण-पत्र की सत्यता का परीक्षण करने के समय सम्बन्धित पक्षो यथा शिकायतकर्ता एवं जिसका जाति प्रमाण-पत्र है उसको अपना पक्ष रखने हेतु समुचित अवसर प्रदान करने हेतु नोटिस जारी किया जावेगा एवं नाबालिग की स्थिति मे उसके माता-पिता / संरक्षक को ऐसे नोटिस जारी किये जा सकेगे।
7. जिला स्तरीय समिति के निर्णय के विरूद्ध राज्य स्तरीय छानबीन एवं सर्तकता समिति में अपील :-
जाति प्रमाण-पत्र के संबध मे शिकायतकर्ता एवं यह पक्ष जिसके विरूद्ध शिकायत की गयी हैं जिला स्तरीय समिति के निर्णय से अंसुतष्ट होने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति मे जिला समिति के निर्णय दिनांक से 30 दिवस मे अपील की जा सकेगी।
झूठे एवं शंकास्पद / फर्जी जाति प्रमाण-पत्रो को जारी होने तथा दुरूपयोग करने के प्रकरणो को रोकने के लिए राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प 6 (10) प्र.सु.वि / अनु- 3 / 2011 जयपुर दिनांक 18.03. 2011 (परिशिष्ट-ए) द्वारा निम्न प्रकार से राज्य स्तरीय छानबीन समिति का गठन किया गया है :-
प्रमुख शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
अध्यक्ष
आयुक्त / निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
सदस्य
शासन सचिव, जनजातिय विकास विभाग
सदस्य
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
उक्त राज्य स्तरीय छानबीन समिति जिला स्तरीय जाति प्रमाणपत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति से प्राप्त निर्णय के विरूद्ध अपील दायर होने पर युक्तियुक्त समय मे उक्त जाति प्रमाण पत्र के संबंध मे जिला स्तरीय समिति के निर्णय का परीक्षण करेगी तथा आवश्यकता होने पर अपने स्तर पर पुनः संबन्धित प्रकरण यथा जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये साक्ष्य / दस्तावेज एवं जिला स्तर पर की गयी जांच रिपॉट का परीक्षण कर अपने स्तर पर निर्णय करेगी। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
एवं राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा यदि यह पाया जाता है कि जिला स्तरीय समिति द्वारा लिया गया निर्णय उचित है तो अपील को राज्य स्तरीय समिति द्वारा निरस्त किया जा सकेगा एवं जिला स्तरीय समिति का निर्णय अनुचित पाये जाने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा उक्त प्रमाण पत्र के संबध में उचित आदेश जारी किया जा सकेगा जिसकी पालनाके लिये जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाला सक्षम प्राधिकारी बाध्य होगा एवं इस निर्णय को केवल माननीय उच्च न्यायालय मे ही चुनौती दी जा सकेगी। छानबीन समिति द्वारा पारित किए गये निर्णय को शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता को तत्काल निर्णय से अवगत कराया जायेगा।
जाति प्रमाण पत्रो के संबंध में आवश्यक जाँच पड़ताल करने बाबत राज्य सरकार के आदेश क्रमांक एफ 11 (1) / छा०स० / आरएण्डपी / सान्याअवि / 12 / 40560 दिनांक 04.0814 द्वारा निम्न प्रकार से एक राज्य प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। (परिशिष्ठ सी)
उपनिदेशक (पिजा०) मुख्यावास सान्याअवि जयपुर ।
विधिअधिकारी / विधि सहायक मुख्यावास सान्याअवि जयपुर ।
संबधित समाज कल्याण अधिकारी
संबधित सयुक्त शासन सचिव / उपशासन सचिव जनजातिय क्षेत्रीय विभाग जयपुर।
उपरोक्त प्रकोष्ठ छानबीन समिति के निर्देशानुसार कार्य करेगा
9. झूठे जाति प्रमाण पत्रो के संबंध में दण्डात्मक कार्यावाही:-
किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त किये गये जाति प्रमाण पत्र के संबंध में जॉब के पश्चात यह पाया जाता है कि आवेदक द्वारा गलत तथ्यों / साक्ष्यों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तो उसके विरूद्ध आवश्यक रूप से कानूनी कार्यावाही की जा सकेगी। इसके अलावा जाति प्रमाण जारी करने वाले सक्षम अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा यदि निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लघन करके अवैध प्रमाण पत्र जारी किया है तो उन दोषी कार्मिकों / प्राधिकारियों के विरूद्ध भी आवश्यक रूप से कानूनी कार्यावाही की जायेंगी।
10. रिकार्ड संधारण :-
जाति प्रमाण-पत्र एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो कि व्यक्ति के पूर्वजो एवं भावी पीढी की पहचान का आधार होता है जाति प्रमाण-पत्र के संबंध मे प्रत्येक तहसील कार्यालय मे एक संकलित स्थायी रजिस्ट्रर का संधारण करते हुए उक्त समस्त रिकार्ड साफ-सुथरे एवं अच्छी सुरक्षा मे रखे जायेंगे तथा उक्त जाति प्रमाण पत्रो का आजीवन स्थाई रिकार्ड संधारित किया जावेगा । उक्त रिकार्ड निरीक्षण के लिये सदैव उपलब्ध करवाये जायेगे ।
रिकार्ड रखरखाव अवधि :-
जारी किये गये जाति प्रमाण पत्रों का एक संकलित रजिस्ट्रर / रिकार्ड संधारित किया जायेगा जो कि स्थायी रूप से आजीवन रहेगा।
व्यक्तिगत जाति प्रमाण पत्रों की एक प्रति कार्यालय रिकार्ड में रखी जायेगी तथा उसकी रखरखाव की अवधि न्यूनतम 30 वर्ष होगी।
11. ऑन लाईन आवेदन :-
अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछडा वर्ग के आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप मे समस्त दस्तावेजों सहित सम्पूर्ण राज्य मे कार्यरत ई-मित्र केन्द्रो (एकीकृत नागरिक सेवा केन्द्र) एवं जिले में नेशनल ई-गर्वनेंस प्लान के तहत स्थापित किये जाने वाले सीएससी केन्द्रो (एकीकृत नागरिक सेवा केन्द्र) के माध्यम से जाति प्रमाण- पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन किया जायेगा। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,
सभी जाति प्रमाण पत्र राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित बेबसाइट से ऑन-लाईन जारी किये जायेगें। आवेदन पत्र मे आवेदक के पास आधार नम्बर / भामाशाह कार्ड होने की स्थिति मे उक्त नम्बर का अंकन किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि आवेदक परिवार का मुखिया नही है एवं उसके परिवार के मुखिया को जारी किये गये भामाशाह कार्ड मे उसका नाम अंकित है तो मुखिया को जारी मामाशाह कार्ड की प्रति लगानी आवश्यक होगी।
उक्त जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan दिशा-निर्देश तुरन्त प्रभाव से लागू होगे।
जाति प्रमाण पत्र को समझने और जानने के लिए आपके लिए महत्वपूर्ण आदेश – निर्देश शेयर किये जा रहे हैं-
GEN, OBC, ST, SC, Minority Cast Certificate Application Form Download
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
राजस्थान जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड करने के लिए पात्रता
राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, व्यक्तियों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड ‘इमित्र’ पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है। ये मानदंड सुनिश्चित करते हैं कि प्रमाण पत्र वास्तव में निर्दिष्ट जाति या समुदाय से संबंधित लोगों को प्रदान किया जाता है। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:
निवास: आवेदक राजस्थान का निवासी होना चाहिए। निवास का प्रमाण, जैसे कि वैध पता प्रमाण दस्तावेज़, आवश्यक है।
जाति/समुदाय: जाति प्रमाण पत्र आमतौर पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य पात्र श्रेणियों से संबंधित व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं। आवेदक को इन पात्र श्रेणियों में से किसी एक से संबंधित होना चाहिए।
सहायक दस्तावेज: राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र आवेदन के लिए आमतौर पर निम्नलिखित सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
पहचान का प्रमाण: आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट या कोई अन्य सरकारी पहचान दस्तावेज।
निवास का प्रमाण: राजस्थान में आवेदक के निवास को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज, जैसे राशन कार्ड, बिजली बिल या कोई अन्य वैध पता प्रमाण।
जाति/समुदाय से संबंधित दस्तावेज़: आवेदक की जाति या समुदाय से संबद्धता स्थापित करने वाले दस्तावेज़। इनमें जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड, माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों का जाति प्रमाण पत्र या जाति साबित करने वाला कोई अन्य प्रासंगिक दस्तावेज़ शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में सरल शब्दों में हमने आपको जाति प्रमाण पत्र राजस्थान (Caste Certificate Rajasthan) से जुड़ी जाति प्रमाण-पत्र राजस्थान सरकार के आवश्यक दिशा निर्देश की महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा किया। इस लेख को पढ़ने के बाद अब समझ पाए होंगे कि जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता क्या है और किस प्रकार की से दस्तावेज से सरकार के द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं और राजस्थान के नागरिक किस प्रकार जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अगर इस लेख में बताई गई जानकारियों से आपको लाभ महसूस होता है और जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी आपको मिली है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव बेचारे किसी भी प्रकार के प्रश्नों को कमेंट में पूछना ना भूलें।
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
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