Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

शिक्षा विभाग में हाल ही लागू समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य के सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों को अब एकमुश्त कंपोजिट स्कूल ग्रांट मिलेगी। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक शिवांगी स्वर्णकार ने एक पत्र जारी कर दिया है।

कम्पोजिट स्कूल ग्रांट सरकार द्वारा समर्थित शैक्षिक निधि है। जिसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। साथ ही विभिन्न प्रकार के स्कूलों के बीच असमानताओं को कम करना है। अनुदान का उद्देश्य छात्रों को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। पाठ्य सहगामी क्रियाओं का विकास करना शामिल है । इसी के साथ विद्यालयों की दैनिक भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी इसमे शामिल किया गया है ।

Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सामान्य शैक्षिक, सह- शैक्षिक, भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति एवं पुराने उपकरणों के प्रतिस्थापन तथा विद्यालय स्वच्छता एक्शन प्लान हेतु कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिये जाने का प्रावधान है। विद्यार्थी हित में विद्यालय की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इस राशि का उपयोग किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य को बढ़ावा देने के लिये पाठ्य सहगामी क्रियाओं का विकास करना एवं विद्यालयों की दैनिक/भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना है।

यह अनुदान डाइस डाटा 2022-23 के अनुसार राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों को देय है, जो कि शिक्षा विभाग / पंचायती राज विभाग / केजीबीवी / संस्कृत शिक्षा के विद्य लयों / शिक्षाकर्मी बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालयों / समाज कल्याण विभाग के अधीन आते हैं, को जारी की जानी है।

Latest Composite School Grant Guideline / कंपोजिट स्कूल ग्रांट 2024-25 दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

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वित्तीय प्रावधान

क्र. सं.विद्यालय में विद्यार्थी संख्या आधारविद्यालय को स्वीकृत राशिविद्यालय स्वच्छता पर खर्च की आजने वाली सालाना राशि
11-15125001250
216-100250002500
3101-250500005000
4250-1000750007500
5Above 100010000010000
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

नोट :- 1) उपरोक्त तालिका के क्रं. सं. 1 से 5 तक की विस्तृत सूची परिशिष्ट-2 पर संलग्न है।
2) मर्ज हुए विद्यालय एवं शून्य नामांकन वाले विद्यालयों को यह अनुदान देय नहीं होगा।


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  1. सर्वप्रथम एसएमसी / एसडीएमसी अपने विद्यालय की वार्षिक आवश्यकताओं का चिह्नीकरण करें एवं लिखित प्रस्ताव प्राप्त करें ।
  2. वर्षभर की आवश्यकताओं का वित्तीय अनुमान निर्धारित करें।
  3. एसएमसी / एसडीएमसी के 4 सदस्यों की एक क्रय समिति बनेगी, जिसमें अध्यक्ष एवं सचिव के अतिरिक्त दो अभिभावक सदस्य होंगे।
  4. क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिए ।
  5. सामग्री क्रय कर रोकड़ बही, स्टॉक रजिस्टर, बिल वाउचर्स को सुव्यवस्थित सन्धारित करें |
  6. सीएसजी राशि का उपयोग किया जाकर विद्यालयों द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र ब्लॉक कार्यालय को प्रेषित किया जायेगा। ब्लॉक कार्यालय द्वारा समेकित उपयोगिता प्रमाण-पत्र जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित किया जायेगा। जिला परियोजना समन्वयक जिले का उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यू.सी.) परिषद् कार्यालय को ई-मेल आईडी [email protected] पर निर्धारित प्रपत्र (परिशिष्ट – 1 ) के अनुसार प्रेषित करेंगे।
Latest Composite School Grant Guideline / कंपोजिट स्कूल ग्रांट 2024-25 दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट (Composite School Grant) राशि में 10 प्रतिशत राशि स्वच्छता एक्शन प्लान के लिये निर्धारित की गयी है जिसका निम्न कार्याें में उपयोग किया जा सकेगा-

  1. विद्यालय के शौचालय/मुत्रालयों की साफ सफाई व सफाई हेतु वांछित सामग्री यथा एसिड, टाॅयलेट क्लीनर आदि क्रय करने के लिये।
  2. विद्यालय के शौचालय मूत्रालयों का नियमित रख रखाव।
  3. एमडीएम से पूर्व व शौचालय उपयोग उपरान्त छात्र छात्राओं को हाथ धोने के लिये साबुन की व्यवस्था करने के लिये।
  4. शौचालय/मुत्रालय की माइनर रिपेयर करवाने के लिये।
  5. शौचालय मुत्रालय में रनिंग वाटर सुविधा या पानी की टंकी रखाने के लिये।
  6. बेकार पानी तथा सूखे कचरे के निस्तारण की व्यवस्था हेतु।
  7. कक्षा-कक्षों एवं विद्यालय परिसर में रखने के लिये कचरा पात्र क्रय/तैयार करने हेतु।
  8. बालिका शौचालय के साथ इन्सीनेटर लगाने/निर्माण करने के लिये।
  9. पेयजल स्रोत को ठीक करवाने के लिये।
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Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की राशि का उपयोग निम्न सामग्री क्रय करने / कार्य में आवश्यकतानुसार किया जा सकता है –

  • विद्यालय के अक्रियाशील उपकरणों के प्रतिस्थापन हेतु।
  • दरी पट्टी / दरी।
  • श्यामपट्ट मरम्मत एवं रंग-रोगन / ग्रीन बोर्ड / आदमकद दर्पण / कार्मिकों का फोटो युक्त विवरण ।
  • चॉक, डस्टर।
  • परीक्षा संबंधी स्टेशनरी
  • पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यय पंखा।
  • एक दैनिक समाचार पत्र (अनिवार्य) ।
  • प्रतियोगिताओं का आयोजन / खेल सामग्री / उपलब्धि प्रमाण पत्र मुद्रण।
  • अग्निशमन यन्त्र के सिलेण्डर में गैस भरवाने हेतु।
  • शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम में रैफर किये गये विद्यार्थियों को अस्पताल ले जाने का किराया
  • प्रयोगशाला संबंधी उपकरणों के रखरखाव एवं मरम्मत हेतु ।
  • इन्टरनेट संबंधी कार्य ।
  • वार्षिक टूट-फूट, मरम्मत व सौंदर्यन (विद्यालय भवन, शौचालय / मूत्रालय व अन्य व्यवस्थाएं ) ।
  • शिक्षण अधिगम सामग्री में उपयोग
  • अन्य उपयोज्य सामग्री यथाः झाडू मटका, बाल्टी, मग आदि।
  • छात्र हित में अन्य आवर्ती खर्च
  • नोट:- उक्त कार्यों के अलावा अन्य कार्यों में उक्त राशि का उपयोग नहीं किया जाये। अति आवश्यक होने पर परिषद् की पूर्वानुमति से उक्त राशि में बचत होने पर अन्य कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा।

कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट (Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र) में कम से कम 10 प्रतिशत राशि स्वच्छता एक्शन प्लान के लिए निर्धारित गई है, जिसका उपयोग निम्न कार्यों हेतु ही किया जा सकेगा:

  • विद्यालय के शौचालय / मूत्रालयों का नियमित उपयोग एंव रख-रखाव ।
  • शौचालय / मूत्रालयों की साफ-सफाई व सफाई हेतु वांछित सामग्री यथा ब्रश ऐसिड, टॉयलेट क्लीनर आदि क्रय करने के लिए।
  • विद्यार्थियों को हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था करने के लिए।
  • शौचालय / मूत्रालय की माईनर रिपेयर करवाने के लिए। शौचालय / मूत्रालय में रनिंग वाटर सुविधा या पानी की टंकी रखवाने के लिए।
  • बेकार पानी तथा सूखे कचरे के निस्तारण की व्यवस्था हेतु ।
  • कक्षा-कक्षों एवं विद्यालय परिसर में रखने के लिए कचरा पात्र क्रय / तैयार करने हेतु।
  • बालिका शौचालय के साथ डिसपेंसर एवं इन्सीनरेटर रिपेयर के लिए।
  • पेयजल स्त्रोत को रिपेयर कराने के लिए।
  • कोविड-19 को ध्यान में रखते हुये सैनेटाईजर, साबुन क्रय ।
  • परिषद कार्यालय आदेश क्रमांक रास्कूशिप / जय / वैशि / 2020-21 / 12925 दिनांक 13.07.2020 के अनुसार कोविड-19 के बचाव हेतु सुरक्षा एवं स्वच्छता पर राशि व्यय करना सुनिश्चित करें।

Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

  • सर्वप्रथम एसएमसी / एसडीएमसी अपने विद्यालय की वार्षिक आवश्यकताओं का चिह्नीकरण करें एवं लिखित प्रस्ताव प्राप्त करें।
  • वर्षभर की आवश्यकताओं का वित्तीय अनुमान निर्धारित करें।
  • एसएमसी / एसडीएमसी के 4 सदस्यों की एक क्रय समिति बनेगी जिसमें अध्यक्ष एवं सचिव के अतिरिक्त दो अभिभावक सदस्य होंगे।
  • क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिए।
  • सामग्री क्रय कर रोकड़ बही, स्टॉक रजिस्टर, बिल वाउचर्स को सुव्यवस्थित संधारित करें। 6. सीएसजी राशि का उपयोग किया जाकर विद्यालयों द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र ब्लॉक कार्यालय को प्रेषित किया जायेगा। ब्लॉक कार्यालय द्वारा समेकित उपयोगिता प्रमाण-पत्र जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित किया जायेगा। जिला परियोजना समन्वयक जिले का उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यू. सी.) परिषद् कार्यालय को ई-मेल आईडी [email protected] पर निर्धारित प्रपत्र (परिशिष्ट-1 ) के अनुसार प्रेषित करेंगे।
  • फर्नीचर क्रय हेतु (छात्र / प्राधानाध्यापक कक्ष / स्टाफ रूम फर्नीचर क्रय नहीं किया जाये ।
  • जलपान आदि पर।
  • उत्सव मनाना अथवा उत्सव आयोजन के फोटो खिंचवाना।

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Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

  • कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट से क्रय की जाने वाली सामग्री क्रय में राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013″ की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जावें।
  • सामग्री क्रय करते समय राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद्, जयपुर के दिशा निर्देशों की पालना करते हुये विद्यार्थी हित एवं विद्यार्थी आवश्यकता को प्राथमिकता दी जावे।
  • क्रय की गई सामग्री का उचित रखरखाव करते हुये, वर्ष पर्यन्त उपयोग सुनिश्चित किया जाये।
  • विद्यालय अवलोकनकर्ता अधिकारी अवलोकन के दौरान कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट के सार्थक भी अवलोकन करें एवं प्रतिवेदन में इसका उल्लेख करें।
  • आईसीटी लैब को प्राथमिकता से क्रियाशील बनाना।
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राज० स्कूल शिक्षा परिषद से राशि प्राप्त होने के 10 (दस) दिवस में राशि का हस्तान्तरण करवाना सुनिश्चित करें एवं विद्यालय स्तर तक की पहुंच सुनिश्चित करने हेतु व्यक्तिश: मॉनीटरिंग करें। विलम्ब की स्थिति में परिषद कार्यालय अथवा निदेशालय स्तर से की जाने वाली कार्यवाही के लिये सम्बन्धित अधिकारी जिम्मेदार रहेंगे।

  • राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की प्राप्त राशि को नामांकन अनुसार विद्यालयों को हस्तान्तरित करना।
  • विद्यालयों को जारी की गयी राशि एवं दिनांक से विद्यालयों को अवगत करवाना ताकि संस्था प्रधान द्वारा का उपयोग यथा समय किया जा सके ।
  • कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की राशि का विद्यालय स्तर पर छात्र हित में उपयोग करवाया जाना सुनिश्चित करना।
  • पीईईओ / यूसीईईओ से वित्तीय वर्ष 2021-22 का उपयोगिता प्रमाण पत्र सीबीईओ के माध्यम से प्राप्त करना।
  • जिले का वित्तीय वर्ष 2021-22 का कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट का उपयोगिता प्रमाण पत्र राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को प्रेषित करना ।
  • जिला कार्यालय से प्राप्त राशि को दस दिवस में ब्लॉक के समस्त विद्यालय की एसएमसी / एसडीएमसी को हस्तान्तरित करना। विलम्ब की स्थिति में परिषद कार्यालय अथवा निदेशालय स्तर से की जाने वाली कार्यवाही के लिये सम्बन्धित अधिकारी जिम्मेदार रहेंगे।
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 में कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की राशि का विद्यालय स्तर पर छात्र हित में समस्त राशि का उपयोग करवाया जाना सुनिश्चित करना।
  • विद्यालय स्तर पर राशि के उपयोग की मॉनीटरिंग करना।
  • ब्लॉक के समस्त पीईईओ / यूसीईईओ से वित्तीय वर्ष 2021-22 की सम्पूर्ण राशि के उपयोग का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित करना।
  • अधीनस्थ विद्यालयों द्वारा कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट राशि का दिशा-निर्देशों अनुसार विद्यार्थी हित में उपयोग किया जाना सुनिश्चित करना।
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 पीईईओ विद्यालय एवं यूसीईईओ के अधीनस्थ विद्यालयों से कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की सम्पूर्ण राशि के उपयोग का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सीबीईओ कार्यालय को प्रेषित करना।
  • सीबीईओ कार्यालय द्वारा विद्यालयों को जारी राशि के उपयोग की सतत् मॉनीटरिंग करना।
  • विद्यालय की एसडीएमसी / एसएमसी से विद्यालय की सुविधाओं के लिए आवश्यकताओं का चिन्हिकरण कर लिखित में प्रस्ताव प्राप्त करना एवं वर्षभर की आवश्यकताओं का वित्तीय अनुमान निर्धारित करना ।
  • एसडीएमसी / एसएमसी के 4 सदस्यों की क्रय समिति बनाना। इसमें अध्यक्ष एवं सचिव के अतिरिक्त 2 अभिभावक सदस्य हो तथा क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता उच्च स्तर की होना सुनिश्चित करना।
  • सामग्री क्रय कर रोकड बही स्टॉक रजिस्टर, बिल वाउचर को सुव्यवस्थित संधारित करना। 4. वित्तीय वर्ष के अंत में कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की समस्त राशि के उपयोग का उपयोगिता प्रमाण-पत्र पीईईओ / यूसीईईओ कार्यालय को प्रेषित करना।

Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

  1. इस मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक व्यय नहीं किया जाये । निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर वसूली की जाएगी। क्रय हेतु वित्तीय नियमों का ध्यान रखा जाये ।
  2. किये गये व्यय का निर्धारित समयावधि में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाकर समायोजन सुनिश्चित करवाया जाये ।
  3. राशि का उपयोग गतिविधि व शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें ।
  4. क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पादरर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये ।
Latest Composite School Grant Guideline / कंपोजिट स्कूल ग्रांट 2024-25 दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
Latest Composite School Grant Guideline / कंपोजिट स्कूल ग्रांट 2024-25 दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
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Latest Composite School Grant Guideline / कंपोजिट स्कूल ग्रांट 2024-25 दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
Latest Composite School Grant Guideline / कंपोजिट स्कूल ग्रांट 2024-25 दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

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जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार

जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार

जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan : राजस्थान विभिन्न जातियों और समुदायों को पहचान और अवसर प्रदान करने में जाति प्रमाण पत्र के महत्व को पहचानता है। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र एक आधिकारिक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है जो किसी व्यक्ति की जाति या समुदाय को प्रमाणित करता है और आरक्षण, कल्याणकारी योजनाओं और अन्य लाभों तक पहुँच को सक्षम बनाता है। 

राजस्थान जाति प्रमाण पत्र के लिए वर्ग (एससी, एसटी या ओबीसी) ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक राज्य लाभार्थी जो राजस्थान जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बहुत आसानी से ऐसा कर सकते हैं और जाति प्रमाण पत्र द्वारा प्रदान किए गए सभी लाभों का लाभ उठा सकते हैं। कर सकते हैं | जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan

राज्य के केवल एससी, एसटी और ओबीसी लोग ही इस ऑनलाइन सेवा का उपयोग करने के पात्र हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है क्योंकि यह राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक आधिकारिक दस्तावेज है। 

जाति प्रमाण-पत्र - दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,

इस प्रमाण पत्र से पता चलता है कि राजस्थान में रहने वाला व्यक्ति किस जाति का है। राजस्थान जाति प्रमाण पत्र वाले लोगों को कई सरकारी कार्यों से छूट मिलती है। राज्य में रहने वाली विभिन्न जातियों की संख्या भी इसके इस्तेमाल से गिनी जा सकती है। इसलिए जो भी व्यक्ति एससी, एसटी या ओबीसी श्रेणी में आता है, उसके पास जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए।

जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,

राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग एवं विशेष पिछडा वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में निम्नलिखित दिशा निर्देश जारी किये जाते है। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan

जाति प्रमाण पत्र से तात्पर्य भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विशेष पिछड़ा वर्ग के लिये समय-समय पर जारी किये गये गजट नोटिफिकेशन / अधिसूचनाओं में शामिल जातियों को राज्य सरकार द्वारा अधिकृत प्राधिकारी द्वारा भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी किये गये प्रमाण पत्र से है। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan

जाति प्रमाण पत्र उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किये जायेगें ।

(1) राजस्थान राज्य का मूल निवासी: ऐसा व्यक्ति जो अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछडा वर्ग का राजस्थान राज्य का मूल निवासी हो।

(II) अन्य राज्यों से भाईग्रेट होकर आये व्यक्तियो के संबंध मे :- यदि आवेदक मूल रूप से राजस्थान राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य का निवासी है तथा माईग्रेट होकर शिक्षा / रोजगार आदि प्राप्त करने के लिए राजस्थान राज्य मे स्थायी रूप से निवास कर रहा है तथा यही से मूल निवास प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, तो उस व्यक्ति की संतान को राजस्थान राज्य मे जन्म के आधार पर जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिये आवेदन हेतु पात्र होगी।

(1) SC / ST हेतु आवेदन परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार

(II) OBC / SBC हेतु आवेदन परिशिष्ट ‘क’ अनुसार

  1. राशनकार्ड / मतदाता सूची / अचल सम्पति के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज / किरायानामा / गैस कनेक्शन / बिजली, पानी, टेलिफोन का बिल / शिक्षा प्रमाण-पत्र ।
  2. पिता की जाति का साक्ष्य हेतु प्रमाण-पत्र (जाति प्रमाण पत्र यदि उपलब्ध हो तो) भूमि की जमा बन्दी आय प्रमाण-पत्र हेतु (जिनके पास आई.टी. आर एवं राज्य / केन्द्रीय अधिकारी / कर्मचारी की वेतन पत्र / पे स्लीप नही है तो निर्धारित प्रमाण-पत्र मे दो अलग-अलग राज्य केन्द्रीय अधिकारी / कर्मचारी के द्वारा जारी प्रमाण-पत्र सलंग्न करे ) आयकर रिटर्न संबंधी दस्तावेज / मूल निवास प्रमाण पत्र / जन्म प्रमाण पत्र जिसमे जाति का उल्लेख हो यदि उपलब्ध हो तो आवेदन पत्र के साथ सलंग्न किया जावेगा
  3. OBC / SBC के लिये उत्तरदायी व्यक्तियो द्वारा देय साक्ष्य (परिशिष्ट-च) अनुसार, उत्तर दायी व्यक्ति से आशय संसद सदस्य / विधानसभा सदस्य / जिला प्रमुख / प्रधान / जिला परिषद सदस्य / सरंपच / राजकीय अधिकारी / कर्मचारी से है ।
  4. आवेदन पत्र में आवेदक के पास आधार नम्बर / जनाधार कार्ड होने की स्थिति मे उक्त नम्बर का अंकन किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि आवेदक परिवार का मुखिया नही हैं एवं उसके परिवार के मुखिया को जारी किये गये जनाधार कार्ड मे उसका नाम अंकित है तो मुखिया को जारी जनाधार कार्ड की प्रति लगानी आवश्यक होगी।

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  1. सक्षम अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ कार्मिक यथा पटवारी / गिरदावर आदि से गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी किये गये पत्रांक संख्या BC. 12025/2/76- SCT.J 22 मार्च 1977 ( प्रति संलग्न परिशिष्ट – k ) आवेदक के पैतृक / स्वयं के राजस्व रिकार्ड आदि मे उसके जाति का परीक्षण करवाया जायेगा इसके अतिरिक्त यदि आवश्यक हो तो शैक्षणिक रिकार्ड / नगरपालिका / ग्राम पंचायत के रिकार्ड का भी जांच / परीक्षण किया जा सकेगा जिसमे उसके स्वयं / पैतृक जाति की पुष्टि होती हो। परीक्षण उपरान्त जाति प्रमाण पत्र हिन्दी एवं अग्रेजी द्विभाषा में एक साथ ही जारी किया जायेगा|
  2. SC/ST एवं OBC / SSC हेतु प्रमाण पत्र का प्रारूप क्रमशः परिशिष्ट ‘ब’ ‘ख’ ‘ग’ अनुसार ही मान्य होगा।
  3. OBC / SBC के लिये जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र का प्रारूप उपरोक्त परिशिष्ठ ख व ग के अनुसार क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी पैरा 3 को काटकर (Delete) कर जारी किया जायेगा।
  4. भारत सरकार मे नियुक्तियों के लिये परिशिष्ट- घ अनुसार ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)

संक्षम प्राधिकारी द्वारा निम्नाकित परिस्थितियो मे दुबारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जावेगा।

  1. प्रमाण-पत्र गुम हो जाने, कट-फट जाने या खराब हो जाने पर दोहरी प्रति (Duplicate Copy) जारी की सकेगी।
  2. नाम बदलने पर संशोधित प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकेगा। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
  3. कालान्तर मे आयु वृद्धि के अनुसार पहचान के लिए मांग करने पर नये फोटो युक्त नवीन प्रमाण-पत्र (Revised Certificate) जारी किया जावेगा।
  4. यदि जाति प्रमाण-पत्र जारी करने वाला सक्षम अधिकारी आवेदक के आवेदन को किसी कारण से खारिज / निरस्त करता है तथा आवेदक यह महसूस करता है कि उसका आवेदन 5 पत्र एवं उसके साथ समस्त सलंग्न दस्तावेज सत्य है तथा वह उक्त जाति प्रमाण-पत्र मे जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति के अध्यक्ष को लिखित मे समस्त साक्ष्यों सहित आवेदन कर सकेगा। जिला स्तरीय समिति उक्त आवेदन पत्र का गहनता से जांच / परीक्षण कर यदि समिति का यह निष्कर्ष रहता है कि आवेदक का आवेदन पत्र सही है तो यह संबन्धित सक्षम अधिकारी को नियमानुसार जाति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु निर्देश दे सकेगी। एवं यदि आवेदन पत्र खारिज योग्य पाया जाता है तो उसे समिति द्वारा निरस्त कर दिया जावेगा परन्तु निरस्त का आदेश कारणो सहित जारी किया जायेगा।
  1. अनुसूचित जाति / जनजाति के लिये जारी किये गये जाति प्रमाण पत्रो की अवधि जीवन पर्यन्त होगी जबकि OBC के लिये संबधी प्रमाण-पत्र एक बार ही जारी किया जावेगा परन्तु क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी तथ्य को तीन वर्ष के विधि सम्मत शपथ-पत्र के आधार पर मान्यता दी जायेगी।
  2. क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी प्रमाण-पत्र एक वर्ष के लिए मान्य होगा एक बार क्रिमीलेयर मे नही होने का प्रमाण-पत्र जारी होने के उपरान्त अगर प्रार्थी आगामी वर्ष मे भी क्रिमीलेयर मे नही हे तो ऐसी स्थिति मे उससे सत्यापित शपथ-पत्र (परिशिष्ट–३) लेकर पूर्व मे जारी प्रमाण-पत्र को ही मान लिया जाये ऐसा अधिकतम तीन वर्ष तक किया जा सकता है। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)

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अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछड़ा वर्ग के आवेदक को जाति प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात यदि आवेदक द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेने, किसी नियोक्ता के अधीन सेवा मे नियोजित होने या अन्य किसी प्रयोजन के लिए यदि उक्त जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर कोई आरक्षण / रियायत प्राप्त की गयी हो तो शैक्षणिक संस्थान, नियोक्ता या अन्य किसी प्राधिकारी द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र के सत्यापन करवाये जाने की स्थिति मे जिला कलक्टर द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र का सत्यापन करवाया जाकर सत्यापन रिर्पोट संबन्धित प्राधिकारी को उनके वांछितानुसार भिजवायी जा सकेगी। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)

उक्त सत्यापन रिर्पोट 6 माह में आवश्यक रूप से भिजवाई जानी आवश्यक होगी। यदि कोई प्रकरण सर्तकता समिति एवं छानबीन समिति मे विचाराधीन है तथा उसमे अन्तिम निर्णय मे विलम्ब हो रहा हो तथा शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता के यहां पर निर्धारित अंतिम तिथि निकल गयी हो तो शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता द्वारा अस्थायी (PROVISIONAL) प्रवेश / नियुक्ति दी जाएगी तथा वह प्रवेश / नियुक्ति छानबीन समिति के निर्णय के आधीन रहेगी।

अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछड़ा वर्ग के शंकाप्रस्द, फर्जी / झूठा जाति प्रमाण-पत्र जारी हो जाने की स्थिति मे एवं जाति प्रमाण-पत्र की शिकायत प्राप्त होने पर उक्त जाति प्रमाण-पत्र के परीक्षण / जांच हेतु प्रत्येक जिले मे एक जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र सतर्कता समिति का प्रशासनिक सुधार विभाग राजस्थान सरकार द्वारा आदेश क्रमांक प. 6 ( 10 ) प्र०सु०. / अनु. 3/2011 दिनांक 23.07.15 को गठन किया गया है। (परिशिष्ठ-बी) जो कि निम्न प्रकार से है :-

जिला कलक्टरअध्यक्ष
अतिरिक्त जिला कलक्टर (राजस्व)समन्वयक
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पदेन प्रभारी अधिकारी (माडा), जिला परिषदसदस्य
संबन्धित उप जिला मजिस्ट्रेट / उपखण्ड अधिकारीसदस्य
जिला अधिकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागसदस्य
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan

उपरोक्त समिति मे झूठे फर्जी एवं शंकास्पद जाति प्रमाण-पत्रो के मामले दर्ज किये जा सकेगे तथा समिति जारी किये गये जाति प्रमाण-पत्रो की अपने स्तर पर परीक्षण करेगी तथा परीक्षण उपरान्त सत्यता का निष्कर्ष सहित अपना निर्णय लिया जाकर जाति प्रमाण-पत्र की वैद्यता / अवैद्यता के संबंध मे समुचित आदेश दो माह मे जारी करेगी।

तथा संबन्धित पक्षो को उक्त निर्णय से पंजीकृत डाक द्वारा अविलम्ब सूचना दी जावेगी। परन्तु उक्त सूचना अधिकतम एक माह में दी जावेगी तथा नाबालिग की स्थिति में उसके माता-पिता / संरक्षक को तत्काल सूचना प्रेषित की जावेगी। यदि उक्त अवधि मे निर्णय नही किया जा सकता है तो उसके कारणो का अकंन किया जाना आवश्यक होगा तथा निर्णय की सूचना शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता को भी तत्काल दी जावेगी ।

जाति प्रमाण-पत्र की सत्यता का परीक्षण करने के समय सम्बन्धित पक्षो यथा शिकायतकर्ता एवं जिसका जाति प्रमाण-पत्र है उसको अपना पक्ष रखने हेतु समुचित अवसर प्रदान करने हेतु नोटिस जारी किया जावेगा एवं नाबालिग की स्थिति मे उसके माता-पिता / संरक्षक को ऐसे नोटिस जारी किये जा सकेगे।

जाति प्रमाण-पत्र के संबध मे शिकायतकर्ता एवं यह पक्ष जिसके विरूद्ध शिकायत की गयी हैं जिला स्तरीय समिति के निर्णय से अंसुतष्ट होने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति मे जिला समिति के निर्णय दिनांक से 30 दिवस मे अपील की जा सकेगी।

झूठे एवं शंकास्पद / फर्जी जाति प्रमाण-पत्रो को जारी होने तथा दुरूपयोग करने के प्रकरणो को रोकने के लिए राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प 6 (10) प्र.सु.वि / अनु- 3 / 2011 जयपुर दिनांक 18.03. 2011 (परिशिष्ट-ए) द्वारा निम्न प्रकार से राज्य स्तरीय छानबीन समिति का गठन किया गया है :-

प्रमुख शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागअध्यक्ष
आयुक्त / निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागसदस्य
शासन सचिव, जनजातिय विकास विभागसदस्य
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan

उक्त राज्य स्तरीय छानबीन समिति जिला स्तरीय जाति प्रमाणपत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति से प्राप्त निर्णय के विरूद्ध अपील दायर होने पर युक्तियुक्त समय मे उक्त जाति प्रमाण पत्र के संबंध मे जिला स्तरीय समिति के निर्णय का परीक्षण करेगी तथा आवश्यकता होने पर अपने स्तर पर पुनः संबन्धित प्रकरण यथा जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये साक्ष्य / दस्तावेज एवं जिला स्तर पर की गयी जांच रिपॉट का परीक्षण कर अपने स्तर पर निर्णय करेगी। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan

एवं राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा यदि यह पाया जाता है कि जिला स्तरीय समिति द्वारा लिया गया निर्णय उचित है तो अपील को राज्य स्तरीय समिति द्वारा निरस्त किया जा सकेगा एवं जिला स्तरीय समिति का निर्णय अनुचित पाये जाने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा उक्त प्रमाण पत्र के संबध में उचित आदेश जारी किया जा सकेगा जिसकी पालनाके लिये जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाला सक्षम प्राधिकारी बाध्य होगा एवं इस निर्णय को केवल माननीय उच्च न्यायालय मे ही चुनौती दी जा सकेगी। छानबीन समिति द्वारा पारित किए गये निर्णय को शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता को तत्काल निर्णय से अवगत कराया जायेगा।


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जाति प्रमाण पत्रो के संबंध में आवश्यक जाँच पड़ताल करने बाबत राज्य सरकार के आदेश क्रमांक एफ 11 (1) / छा०स० / आरएण्डपी / सान्याअवि / 12 / 40560 दिनांक 04.0814 द्वारा निम्न प्रकार से एक राज्य प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। (परिशिष्ठ सी)

  1. उपनिदेशक (पिजा०) मुख्यावास सान्याअवि जयपुर ।
  2. विधिअधिकारी / विधि सहायक मुख्यावास सान्याअवि जयपुर ।
  3. संबधित समाज कल्याण अधिकारी
  4. संबधित सयुक्त शासन सचिव / उपशासन सचिव जनजातिय क्षेत्रीय विभाग जयपुर।

उपरोक्त प्रकोष्ठ छानबीन समिति के निर्देशानुसार कार्य करेगा

किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त किये गये जाति प्रमाण पत्र के संबंध में जॉब के पश्चात यह पाया जाता है कि आवेदक द्वारा गलत तथ्यों / साक्ष्यों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तो उसके विरूद्ध आवश्यक रूप से कानूनी कार्यावाही की जा सकेगी। इसके अलावा जाति प्रमाण जारी करने वाले सक्षम अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा यदि निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लघन करके अवैध प्रमाण पत्र जारी किया है तो उन दोषी कार्मिकों / प्राधिकारियों के विरूद्ध भी आवश्यक रूप से कानूनी कार्यावाही की जायेंगी।

  1. जाति प्रमाण-पत्र एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो कि व्यक्ति के पूर्वजो एवं भावी पीढी की पहचान का आधार होता है जाति प्रमाण-पत्र के संबंध मे प्रत्येक तहसील कार्यालय मे एक संकलित स्थायी रजिस्ट्रर का संधारण करते हुए उक्त समस्त रिकार्ड साफ-सुथरे एवं अच्छी सुरक्षा मे रखे जायेंगे तथा उक्त जाति प्रमाण पत्रो का आजीवन स्थाई रिकार्ड संधारित किया जावेगा । उक्त रिकार्ड निरीक्षण के लिये सदैव उपलब्ध करवाये जायेगे ।
  2. रिकार्ड रखरखाव अवधि :-
    1. जारी किये गये जाति प्रमाण पत्रों का एक संकलित रजिस्ट्रर / रिकार्ड संधारित किया जायेगा जो कि स्थायी रूप से आजीवन रहेगा।
    1. व्यक्तिगत जाति प्रमाण पत्रों की एक प्रति कार्यालय रिकार्ड में रखी जायेगी तथा उसकी रखरखाव की अवधि न्यूनतम 30 वर्ष होगी।

अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछडा वर्ग के आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप मे समस्त दस्तावेजों सहित सम्पूर्ण राज्य मे कार्यरत ई-मित्र केन्द्रो (एकीकृत नागरिक सेवा केन्द्र) एवं जिले में नेशनल ई-गर्वनेंस प्लान के तहत स्थापित किये जाने वाले सीएससी केन्द्रो (एकीकृत नागरिक सेवा केन्द्र) के माध्यम से जाति प्रमाण- पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन किया जायेगा। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,

सभी जाति प्रमाण पत्र राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित बेबसाइट से ऑन-लाईन जारी किये जायेगें। आवेदन पत्र मे आवेदक के पास आधार नम्बर / भामाशाह कार्ड होने की स्थिति मे उक्त नम्बर का अंकन किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि आवेदक परिवार का मुखिया नही है एवं उसके परिवार के मुखिया को जारी किये गये भामाशाह कार्ड मे उसका नाम अंकित है तो मुखिया को जारी मामाशाह कार्ड की प्रति लगानी आवश्यक होगी।

उक्त जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan दिशा-निर्देश तुरन्त प्रभाव से लागू होगे।

GEN, OBC, ST, SC, Minority Cast Certificate Application Form Download

Cast Certificate Application FormDownload Link
OBC, SBC Application FormClick Here
SC, ST Application FormClick Here
General Application FormClick Here
Minority Application FormClick Here

जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan

राजस्थान जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड करने के लिए पात्रता

राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, व्यक्तियों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड ‘इमित्र’ पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है। ये मानदंड सुनिश्चित करते हैं कि प्रमाण पत्र वास्तव में निर्दिष्ट जाति या समुदाय से संबंधित लोगों को प्रदान किया जाता है। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:

  • निवास: आवेदक राजस्थान का निवासी होना चाहिए। निवास का प्रमाण, जैसे कि वैध पता प्रमाण दस्तावेज़, आवश्यक है।
  • जाति/समुदाय: जाति प्रमाण पत्र आमतौर पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य पात्र श्रेणियों से संबंधित व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं। आवेदक को इन पात्र श्रेणियों में से किसी एक से संबंधित होना चाहिए।
  • सहायक दस्तावेज: राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र आवेदन के लिए आमतौर पर निम्नलिखित सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
  • पहचान का प्रमाण: आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट या कोई अन्य सरकारी पहचान दस्तावेज।
  • निवास का प्रमाण: राजस्थान में आवेदक के निवास को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज, जैसे राशन कार्ड, बिजली बिल या कोई अन्य वैध पता प्रमाण।
  • जाति/समुदाय से संबंधित दस्तावेज़: आवेदक की जाति या समुदाय से संबद्धता स्थापित करने वाले दस्तावेज़। इनमें जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड, माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों का जाति प्रमाण पत्र या जाति साबित करने वाला कोई अन्य प्रासंगिक दस्तावेज़ शामिल हो सकता है।

निष्कर्ष

आज इस लेख में सरल शब्दों में हमने आपको जाति प्रमाण पत्र राजस्थान (Caste Certificate Rajasthan) से जुड़ी जाति प्रमाण-पत्र राजस्थान सरकार के आवश्यक दिशा निर्देश की महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा किया। इस लेख को पढ़ने के बाद अब समझ पाए होंगे कि जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता क्या है और किस प्रकार की से दस्तावेज से सरकार के द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं और राजस्थान के नागरिक किस प्रकार जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।

अगर इस लेख में बताई गई जानकारियों से आपको लाभ महसूस होता है और जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी आपको मिली है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव बेचारे किसी भी प्रकार के प्रश्नों को कमेंट में पूछना ना भूलें।

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संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट ( Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25

संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट ( Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25

संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25 : वार्षिक कार्य योजना एवं बजट 2024-25 में संकुल संदर्भ केन्द्र (CRC) के कार्यालय कार्यों के संचालन हेतु संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (Latest CRC Grant) का प्रावधान किया गया है। सीआरसी अपने अधीनस्थ विद्यालयों में शैक्षिक व सह-शैक्षिक, भौतिक गतिविधियों के संचालन एवं विद्यालय में नामांकन वृद्धि के प्रयास एवं ठहराव सुनिश्चित करने जैसे कार्यों की योजना बनाकर उसे क्रियान्वित कर नियमित रूप से मॉनीटरिंग करेंगे। साथ ही संकुल मे विज्ञान गणित क्लब के बेहतर संचालन हेतु भी राशि जारी कर व्यय के लिये प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान गयी है।

समग्र शिक्षा में गतिविधि हेतु प्रावधित बजट का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है-

कन्टेजेन्सीमीटिंग एवं टीएटी० एल०एम०फर्नीचर व कम्प्यूटरयोग
30,000/-10,000/-10,000/-30,000/-80,000/-

समग्र शिक्षा अन्तर्गत सत्र 2024-25 में 10259 सीआरसी के लिये प्रावधित बजट राशि का जिलेवार विवरण परिशिष्ट-1 पर संलग्न है।

संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट ( Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25
संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट ( Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25

1. कन्टेन्जेन्सी ग्रान्ट से समग्र शिक्षा अभियान से सम्बन्धित कार्यों को सम्पादित करने हेतु स्टेशनरी, फोटो कॉपी, दूरभाष, शाला दर्पण फीडिंग, शाला सिद्धि तथा छात्र हित में अन्य आवर्ती खर्च इत्यादि का व्यय शामिल है। इन व्ययों का भुगतान समग्र शिक्षा अभियान की रोकड़ बही में इन्द्राज किया जायेगा तथा सामग्री क्रय करने पर स्टॉक रजिस्टर में प्रविष्टि की जावेगी ।

  • पीईईओ / यूसीईईओ को उपलब्ध करवाई जा रही राशि में से 15,000/- रूपये पीईईओ / यूसीईईओ सहित अधीनस्थ विद्यालयों में सघन वृक्षारोपण कार्य म पर आवश्यकतानुसार उपयोग लिए जाने है। वृक्षों की देखरेख इनसे जुड़ाव के लिए आवश्यक है कि सभी शिक्षकों को कम से कम एक वृक्ष गोद लेने हेतु पाबन्द करें। वृक्षारोपण व इससे जुड़े कार्यों की सूचना शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्ट की जानी है। वृक्षारोपण सम्बन्धी कार्यों के लिए यूथ व ईको क्लब में भी पृथक से निर्देशित किया गया है।

2. मीटिंग, टी.ए ग्रान्टस द्वारा विभिन्न शैक्षिक नवाचारों पर चर्चा करने, टीएलएम निर्माण कार्यशाला आयोजित करने, परिषद द्वारा संचालित गतिविधियों की क्रियान्विति हेतु योजना बनाने, समीक्षा करने एवं सूचना प्राप्त करने के लिये सीआरसी विद्यालय पर प्रतिमाह एक बैठक आवश्यक रूप से आयोजित की जाए। बैठक में उपस्थित होने वाले अधीनस्थ विद्यालयों के शैक्षिक कार्मिकों को अल्पाहार प्रदान किया जायेगा व अधीनस्थ विद्यालयों के शैक्षिक कार्मिकों को राजकीय नियमानुसार टी. ए. दिया जायेगा ।

3. टीएलएम ग्रान्ट से सीआरसी विद्यालय एवं अधीनस्थ विद्यालयों के विज्ञान, गणित व सामाजिक ज्ञान विषय के शिक्षकों को विद्यार्थियों के लिये विषय को समझने में उपयोगी टीएलएम का निर्माण किये जाने के लिये प्रेरित किया जाकर सीआरसी स्तर पर आवश्यक रूप से न्यूनतम दो कार्यशाला आयोजित कर इन विषयों के लिये शिक्षण सहायक सामग्री (टीएलएम) का निर्माण शिक्षकों द्वारा किया जायेगा। इस टीएलएम का उपयोग कक्षागत शैक्षिक गतिविधियों में किया जायेगा।

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4. फर्नीचर व कम्प्यूटर सीआरसी विद्यालय के संस्था-प्रधान द्वारा अपने कार्यालय में फर्नीचर व कम्प्यूटर के उपयोग हेतु राशि का व्यय किया जाना है। फर्नीचर व कम्प्यूटर की राशि का उपयोग बाजार के वास्तविक मूल्य में ही किया जाए। सामग्री क्रय में प्रतिष्ठित कम्पनियों को वरीयता दी जाए। राशि उपयोग में पारदर्शिता लाने हेतु निम्नलिखित सदस्यों की समिति बनाई जाए-

(1) संस्थाप्रधान : अध्यक्ष

(2) एसएमसी / एसडीएमसी : 2 सदस्य

(3) लेखाकार्मिक : 1 सदस्य

5. अधीनस्थ विद्यालयों का अवलोकन करने हेतु की जाने वाली यात्रा के व्यय का समायोजन वित्त विभाग के यात्रा नियमानुसार करेंगे। विभाग द्वारा निर्धारित संख्यानुसार अधीनस्थ विद्यालयों का अवलोकन किया जायेगा। अधीनस्थ विद्यालयों की मॉनीटरिंग / समीक्षा के दौरान किये जाने वाले कार्य कक्षाओं के अवलोकन के समय विद्यार्थी आकलन रिपोर्ट तैयार करना मीड-डे मील की मासिक समीक्षा व गुणवत्ता सुनिश्चित करना । प्रतिमाह अधीनस्थ राजकीय विद्यालयों के संस्था प्रधानों की बैठक आयोजित कर शैक्षिक गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा करना एसएमएसी की बैठक आयोजन की स्थिति की समीक्षा / मानीटरिंग करना सत्र समाप्ति पश्चात आगामी सत्र हेतु कार्य-योजना बनवाकर क्रियान्वयन करना ।


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1. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी संकुल संदर्भ केन्द्र अनुदान राशि (Latest CRC Grant ) एवं दिशा निर्देश 2024-25 समस्त सीआरसी कार्यालयों को जारी किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही इनके प्रभावी एवं समुचित उपयोग की मॉनिटरिंग योजनाबद्ध रूप से करें ।

2. जिला एवं ब्लॉक अधिकारियों द्वारा राशि हस्तान्तरण एवं राशि उपयोग की नियमित रूप से मॉनीटरिंग की जायेगी।

3. राशि उपयोग की सुनिश्चितता निम्नलिखित चरणबद्ध समय सीमा में किया जाना है.

जुलाई से सितम्बरअक्टूबर से दिसम्बरजनवरी से 15 फरवरी तक
40%30%30%

4. बजट प्राप्त होने पर उक्त सारणी के अनुसार समय सीमा में राशि का उपयोग किया जाए। चरणबद्ध रूप से समय सीमा में राशि का उपयोग नहीं किए जाने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

  1. सीआरसी ग्रान्ट्रा की राशि अति० जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय द्वारा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय एस.एन. ए. से राशि आहरण की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। तत्पश्चात सीबीईओ द्वारा प्रत्येक पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) एवं शहरी यूसीईईओ को प्रावधानानुसार राशि एस. एन.ए. से राशि आहरण की स्वीकृति दी जायेगी।
  2. परिषद कार्यालय से राशि प्राप्त होने के पश्चात जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा राशि आहरण प्रदान करने की कार्यवाही को प्राथमिकता से पूरा किया जायेगा ।
  3. राशि का उपयोग वित्तीय नियमों के अनुसार किया जाना है। अतः क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जावे ।
  4. मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक राशि का उपयोग नहीं किया जाये। निर्धारित सीमा से अधिक राशि उपयोग करने पर सम्बन्धित अधिकारी / कार्मिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर राशि वसूली की जाएगी।
  5. सीबीईओ कार्यालय प्रपत्र-1 में राशि उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रपत्र-2 में जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित करेंगे एवं जिला कार्यालय द्वारा प्रपत्र- 3 में परिषद् मुख्यालय को व्यय की सूचना भिजवायेंगे ।
  6. जिला / ब्लॉक / संकुल कार्यालय द्वारा संलग्न प्रपत्र में राशि उपयोग की सूचना निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करेंगे।

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विशेष : परिषद कार्यालय से एस. एन.ए. से राशि आहरण की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त तीन दिवस में जिला कार्यालय चरणबद्ध रूप से ब्लॉक / पीईईओ, यूसीईईओ को राशि आहरण की स्वीकृति जारी करवाना निश्चित करें।
प्रबन्ध पोर्टल एवम् एस. एन.ए. की व्यय सम्बन्धित की जिम्मेदारी तय कर उसके राशियों में किसी प्रकार का अन्तर स्वीकार्य नहीं होगा। अन्यथा विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।

संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25
संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25
संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25
संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25
संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (Latest  CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25
संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25
संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25
संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25

इस प्रोग्राम से आप उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं खर्च विवरण माहवार तैयार कर सकते है | जैसे ही आप Voucher Entry करोगे आप का माहवार खर्च विवरण तैयार होता जायेगा |

  1. सर्वप्रथम आप “School Intro” वाली शीट में अपने विद्यालय का नाम, ब्लॉक, जिला, सीआरसी का नाम एवं आपके अधीनस्थ विद्यालयों के नाम भरे |
  2. इसके बाद “Received Amount” वाली शीट में पूर्व की शेष राशि एवं वर्तमान सत्र में प्रावधान एवं हस्तानांतरित राशि भरनी है |
  3. फिर “Voucher Entry” वाली शीट में भुगतान दिनाक, बिल संख्या व दिनाक, मद का नाम (ड्राप डाउन लिस्ट में से चुने), नाम सामग्री, मात्रा/संख्या, दर, उपयोग का विवरण, पृ.स. आदि की एंट्री करनी है |

बस आपके CRC Grant का उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं माहवार खर्च विवरण तैयार हो गये है आप इनका प्रिंट ले सकते है |

(D) उपयोगिता प्रमाण पत्र – 1. सीबीईओ कार्यालय प्रपत्र-1 में राशि उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रपत्र-2 में जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित करेंगे एवं जिला कार्यालय द्वारा प्रपत्र-3 में परिषद् मुख्यालय को व्यय की सूचना भिजवायेंगे।

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रंगोत्सव कार्यक्रम दिशानिर्देश

रंगोत्सव कार्यक्रम दिशानिर्देश

RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश :- प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों में कलात्मक प्रतिभा को पहचानने पोषित करने, प्रस्तुत करने तथा कला को बढ़ावा देने की पहल है। समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना 2024-25 में अनुमोदित गतिविधि रंगोत्सव का आयोजन नवाचारी गतिविधि के रूप में किया जाना है। रंगोत्सव की परिकल्पना एक समन्वित मंच उपलब्ध कराने का प्रयास है, जहाँ शिक्षक / शिक्षिका एक साथ अपनी क्षमताओं का उत्सव मना सकें। यह शिक्षकों की प्रतिमा को पोषित करने एवं व्यक्त करने हेतु उचित अवसर एवं अनुकूल वातावरण प्रदान करेगा और सीखने एवं सिखाने की प्रक्रिया को और अधिक मूर्त, रचनात्मक एवं आनन्ददायी बनाएगा।

RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश

रंगोत्सव गतिविधि को आयोजित करने के लिये निम्न निर्देशों की पालना की जाए :-

  • रंगोत्सव राज्य के समस्त राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक / शिक्षिका हेतु जिला एवं राज्य स्तर पर आयोजित किया जायेगा ।
  • रंगोत्सव 2024-25 का आयोजन ऑफलाइन मोड में किया जायेगा ।
  • एक शिक्षक / शिक्षिका एक ही गतिविधि (कला) में भाग ले सकेगा / सकेगी।
  • रंगोत्सव के प्रत्येक स्तर पर 06 विधाओं को प्रतियोगिता में शामिल किया जायेगा ।
    प्रत्येक कला क्षेत्र की प्रस्तुति / प्रतियोगिता एकल रहेगी, प्रतियोगिता में निम्नलिखित श्रेणियां सम्मलित की गई हैं-
रंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
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  • जिला स्तर पर रंगोत्सव का आयोजन दिनांक 1-15 अगस्त 2024 के मध्य (एक दिवसीय) किया जाना हैं।
  • रंगोत्सव गतिविधि में राजकीय विद्यालयों के शिक्षक / शिक्षिकाओं को सम्मिलित किया जाए।
  • जिला स्तर पर प्रत्येक क्षेत्र में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता प्रतिभागियों का विवरण दिनांक 25 अगस्त 2024 तक परिशिष्ट -02 में राज्य स्तर पर भिजवाया जायेगा ।
  • राज्य स्तर पर रंगोत्सव कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 05-10 सितम्बर 2024 के मध्य किया जायेगा। आयोजन स्थान की सूचना पृथक से प्रेषित कर दी जायेगी । RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
  • राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की सूचना परिशिष्ट – 01 में भिजवाई जाये । जिसके साथ वीडियो क्लिप की समय सीमा निम्नानुसार रहेगी-
रंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
रंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश

वित्तीय प्रावधान:-
जिला स्तर

  • जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं के आयोजन का व्यय वार्षिक कार्ययोजना सत्र 2024-25
    में अनुमोदित रंगोत्सव गतिविधि से किया जायेगा। इस हेतु प्रत्येक जिले को 10,000 /- रूपये कार्यक्रम आयोजन हेतु आवंटित किए गये है। इसके अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होने पर स्थानीय स्तर पर भामाशाहों से सहयोग प्राप्त किया जा सकता है।
  • जिला स्तर पर प्रत्येक विधानुसार (शिक्षक / शिक्षिका) प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता को प्रमाण-पत्र एवं ट्रॉफी प्रदान की जायेगी।

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निर्णायक मण्डल

1. जिला स्तर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा की जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा), अध्यक्षता में निर्णायक मण्डल का गठन होगा प्रधानाचार्य डाइट एवं कला / गतिविधि से सम्बन्धित विशेषज्ञों को शामिल किया जाये।

रंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
रंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश

संगीत (गायन) :— एकल प्रस्तुति संगीत गायन की प्रतियोगिता निम्न दो श्रेणियों में आयोजित की जाएगी |

1. संगीत गायन : शास्त्रीय संगीत

2. संगीत गायन : पारंपरिक लोक संगीत

  • प्रस्तुति की अवधि 4-6 मिनट की होगी ।
  • वेशभूषा, मंच सज्जा और मंच का साज सामान, प्रस्तुति से संबंधित होना चाहिए ।
  • संगीत वाद्यों पर संगतकार विद्यालय के शिक्षक / छात्र हो सकते है।
  • व्यावसायिक संगीत जगत के गीतों का प्रयोग वर्जित है। RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
रंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
  1. संगीत (वादन) – एकल प्रस्तुतिवादन की प्रतियोगिता निम्न दो श्रेणियों में आयोजित की जाएगी –

1. संगीत (वादन) – शास्त्रीय संगीत

2. संगीत (वादन) – पारंपरिक लोक वाद्य

सामान्य सूचनाएँ

  • प्रस्तुति की अवधि 4-6 मिनट की होगी ।
  • वेशभूषा, मंच सज्जा और मंच का साज सामान, प्रस्तुति से संबंधित होना चाहिए ।
  • संगत के लिए अन्य वाद्यों पर विद्यालय के शिक्षक / छात्र हो सकते है।
  • पारंपरिक लोक संगीत हेतु केवल स्थानीय वाद्य यंत्रों का प्रयोग कर सकते है।
  • इलेक्ट्रोनिक वाध्य यंत्रो का उपयोग वर्जितहैं |

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  • द्वि आयामी – पेंटिंग, इत्यादि ।
  • त्रिआयामी – मॉडल
  • प्रस्तुति की अवधि 04-06 मिनिट रहेगी ।
  • प्रतिभागी स्वयं की रूचि अनुसार सामग्री या माध्यम का प्रयोग कर सकते है।
  • निर्णायक मंडल के सदस्य प्रतिभागी द्वारा निर्मित शिक्षण अधिगम सामग्री की मौलिकता, सृजनात्मकता एवं विषय वस्तु का अवलोकन कर निर्णय करेंगे।
    प्रतिभागियों से अपेक्षा है कि निर्माण की जा रही टीएलएम सामग्री की कार्यात्मक सटीकता एवं मूल डिजाईन के साथ विषय वस्तु की प्रमाणिकता का विशेष ध्यान रखें।
  • शिक्षण अधिगम सामग्री निम्न से सम्बन्धित हो सकती है –
    • कृषि औजार एवं उपकरण, पर्यावरण, ऊर्जा संरक्षण ।
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संसाधन से सम्बन्धित उपकरण ।
    • जलवायु परिवर्तन ( क्लाईमेट चेंज )
    • जीवन कौशल शिक्षा
    • कैरियर मार्गदर्शन
    • स्वच्छता व्यवहार का प्रदर्शन
    • राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम
    • पंचतंत्र की कहानियाँ, जातक कथाएँ, लोक कथाओं के चरित्र जो प्रतिभागियों के नैतिक मूल्यों को बढ़ाने में सहायक हो सकें
    • बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की बेस्ट प्रेक्टिस
    • खिलौने बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री, मूल खिलौने में प्रयोग की गई सामग्री से मेल खाती हो ।
    • प्रतिभागी स्थानीय एवं पर्यावरण अनुकूल सामग्री का प्रयोग करें |

मूल्यांकन प्रपत्र – शिक्षण अधिगम प्रपत्र

मौलिकता प्रविधिउपयोगिताप्रतुतिकरणकुल अंक
25252030100
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  1. शिक्षण प्रतियोगिता (अध्यापन प्रतियोगिता )
  • प्रस्तुति की अवधि 4 से 6 मिनिट होगी।
  • चयन की गई विषय वस्तु में नवाचारी विचारों का समावेश हो ।
  • वेशभूषा और मेकअप साधारण, प्रामाणिक, विषयगत और प्रस्तुति के अनुरूप ही होने चाहिए। प्रतिभागी स्वयं की रूचि अनुसार विषय वस्तु एवं माध्यम का प्रयोग कर सकते है।
  • निर्णायक मंडल के सदस्य प्रतिभागी से प्रस्तुतीकरण के समय मौलिकता, विषय वस्तु पर अवलोकन कर निर्णय करेंगे।
विषय वास्तु की प्रमाणिकता विवेचना विवरणसहायक सामग्री का उपयोगरचनात्मकता श्यामपट्ट कार्य सम्पूर्ण प्रस्तुतिकरणकुल अंक
102010201030100
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अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होने पर स्थानीय स्तर पर भामाशाहों का सहयोग लिया जावे। मदवार उपलब्ध कराई जा रही राशि में आवश्यकतानुसार स्वीकृति उपरान्त आंशिक परिवर्तन किया जा सकता है।

  • जिस मद के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही हैं व्यय उसी मद में ही किया जाए।
  • व्यय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
  • कार्यक्रम अन्तर्गत व्यय राशि को PRABANDH PORTAL (https://samagrashiksha.in) पर तत्काल बुक कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।
  • राशि का उपयोग योजना के दिशा निर्देश, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की गाइड लाइन एवं लोक उपापन पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013 एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुए विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करे ।
  • संगीत (गायन), संगीत (वाद्य वादन) एवं टीएलएम निर्माण, शिक्षण प्रतियोगिता की प्रस्तुति के लिए 4-6 मिनट का समय निर्धारित रहेगा।
  • प्रत्येक स्तर पर भाग लेने वाले शिक्षकों को सहभागिता का प्रमाण-पत्र दिया जाए। विजेता प्रतिभागी को मेडल / ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे ।
  • स्थानीय स्तर पर कार्यरत ऐसे गैर सरकारी संगठन से सहयोग लिया जा सकता है जो सामाजिक विकास में कला पक्ष पर कार्य कर रहे हैं।
  • जिला स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए स्थानीय गैर सरकारी संगठन या कला संगठन जो विभिन्न कला के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, का सहयोग लिया जा सकता है।
  • राज्य स्तर की प्रतियोगिता आयोजन हेतु राजस्थान संगीत कला अकादमी जैसे संस्थाओं का सहयोग लिया जावे तथा कला के क्षेत्र में कार्यरत अन्य संगठनों का सहयोग लिया जाए।
  • उक्त गतिविधि वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट सत्र 2024-25 में निम्न मद में अनुमोदित की गई है-
    • Quality Interventions
    • 5.4 – Funds for Quality (LEP, Innovation, Guidance etc)
    • 5.4.2 – Experiential Learning (Elementary)
    • 1-Rangotsav

यह सक्षम स्तर से अनुमोदित है।

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क्र सं.प्रपत्र विवरण डाउनलोड लिंक
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2रंगोत्सव की जिलेवार प्रविष्टि समेकित सूचना प्रपत्र 2 CLICK HERE
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शिक्षा विभाग द्वारा जारी निपुण मेला दिशा-निर्देश सत्र 2024-25


NIPUN MELA GUIDELINE / शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार द्वारा जारी निपुण मेला दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 / निपुण मेला दिशा निर्देश 2024 : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंषा के अनुसार प्रारम्भिक कक्षाओं में वर्ष 2026-27 तक बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (FLN) को प्राप्त करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु निपुण भारत मिशन की शुरूआत की गई है। निपुण भारत मिशन के माध्यम से विद्यार्थियों में सीखने की दक्षताओं का विकास किया जाना है, जिससे 2026-27 तक प्रत्येक विद्यार्थी वांछित दक्षताओं को प्राप्त कर सकें। NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,

इस हेतु विद्यार्थियों को गतिविधि आधारित शिक्षण के माध्यम से कक्षा कक्षीय गतिविधियां कराई जानी है साथ ही विद्यार्थियों की रूचि और संलग्नता की वृद्धि हेतु प्रोजेक्ट कार्यों को सम्मिलित किया जाए। वार्षिक कार्ययोजना सत्र 2024-25 में नवाचारी गतिविधि के रूप में प्रत्येक PEEO / UCEEO के विद्यालय में निपुण मेले का आयोजन किया जाना है।

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निपुण मेला बच्चों के सम्पूर्ण विकास (शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, भाषायी एवं सामाजिक विकास) में एक महत्वपूर्ण पहल होगा। निपुण मेले में टॉय मेकिंग, आर्ट, खिलौने बनाना, मॉड्ल बनाना, स्टोरी मेकिंग, स्टोरी टेलिंग, ग्रुप वर्क एवं रोल प्ले आदि विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियां सम्मिलित की जानी है। उक्त गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को बहुमुखी विकास के अवसर प्राप्त होंगे।

निपुण मेले के माध्यम से विद्यालय, समुदाय, शिक्षक, अभिभावक एवं बच्चों को एक साथ जोड़ने, एक दूसरे को समझने एवं आपसी सहयोग के अवसर प्राप्त हो सकेंगे जो निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहयोगी होंगे।

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  • निपुण भारत मिशन के प्रति समुदाय की समझ विकसित करना ।
  • निपुण भारत मिशन के प्रचार-प्रसार हेतु गतिविधियों का आयोजन करना । समुदाय में जागरूकता एवं सकारात्मक सोच के विकास हेतु साझा पहल ।
  • समुदाय की भागीदारी के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराना।
  • विद्यार्थियों में भय मुक्त वातावरण निर्माण करना एवं सीखने को प्रोत्साहित करना ।
  • विद्यार्थी एवं शिक्षकों के मध्य गतिविधियों के माध्यम से समन्वय को बढ़ाना ।
  • मेले के रूप में विद्यार्थियों को सीखने के प्रतिफल आधारित आनन्दायी वातावरण प्रदान करना
  • बच्चों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास करना ।
  • छात्रों को अपने आप को प्रस्तुत करने व करके सीखने जैसे गुणों का विकास करना ।
  • अभिभावकों को ऐसे कार्यों या गतिविधियों से अवगत करना जिन्हें वे विद्यार्थियों को दैनिक दिनचर्या के दौरान प्रेरित कर सकते है।
  • बच्चों व अभिभावको की सहभागिता से आयोजित होने वाली गतिविधियों की समझ विकसित करना । बच्चों में सृजनात्मकता, कला, बौद्धिक विकास, भाषायी विकास, संख्याज्ञान विकास आदि में रूचि पैदा कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना ।

NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र, निपुण मेला नवाचारी गतिविधि के रूप में आयोजित किया जाना है। निपुण मेले का आयोजन प्रत्येक पीईईओ, यूसीईईओ विद्यालय स्तर पर माह नवम्बर 2024 में आयोजित किया जाना है। आयोजन की सूचना पृथक से उपलब्ध कराई जायेगी ।

निपुण मेला FLN आधारित थीम के अनुसार आयोजित किया जाना है। निपुण मेले में विद्यार्थियों, मेंटोर, शिक्षकों के समन्वय से न्यूनतम 5 प्रकार की गतिविधियों की स्टॉल लगाई जायेगी। जहां बच्चों स्तरानुसार कुछ खेल, गतिविधियां आयोजित की जानी है। प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिए जायेंगे। मेले में विद्यार्थियों के विकास के आयाम पर आधारित गतिविधियों की स्टॉल लगाई जानी है। जिनमें ऐसी शिक्षण अधिगम सामग्री (TLM) से गतिविधियां आयोजित की जायेगी जो कम लागत से बनी हो, और विद्यालय में शिक्षक आसानी से करवा सकें । आयोज्य गतिविधियों के साथ क्षेत्रीय परिवेश में लोकप्रिय खेलों को भी शामिल किया जाए। प्रस्तावित गतिविधियां निम्नानुसार

  1. शारीरिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- निशाना लगाना, ब्लाइन्ड फोल्ड, म्यूजीकल चेयर, नीबू दौड, लटकन जलेबी, बॉल डालो सिक्का निकालो आदि।
  2. मानसिक/बौद्धिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- देखो और बताओ, ABL KIT आधारित पहेली खेल, हल करो और आगे बढ़ो, वर्ग पहेली, सुनकर जानो, डिजिटल गेम आदि ।
  3. सृजनात्मक विकास आधारित गतिविधियाँ :- मिट्टटी / क्ले से खिलौने बनाना, पेन्टिंग करवाना, कॉलाज बनाना, स्वतन्त्र पेन्टिंग |
  4. भाषायी विकास आधारित गतिविधियाँ :- कहानी सुनाना, कहानी बनाना, कविता सुनाना, संस्मरण सुनाना आदि ।
  5. सामाजिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- Family tree, रिश्ते नाते पट्टिका मिलान कराना, अपने अभिभावक, भाई-बहिन के साथ प्रतियोगिता में भाग लेना ।

NOTE : 1. निपुण मेले में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को भाग लेने हेतु प्रेरित किया जाए । गतिविधि विवरण परिशिष्ट-1 नीचे DOWNLOAD में उपलब्ध करवाया गया है । (NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,)

NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र

  • निपुण मेला अकादमिक मेला है जो विद्यार्थियों के समग्र विकास को ध्यान में रख कर आयोजित किया जाना है। इस हेतु प्रत्येक पीईईओ / यूसीईईओ विद्यालय कों जिला एवं ब्लॉक स्तर से आवश्यक तैयारियों हेतु निर्देशित किया जाए।
  • निपुण मेले का आयोजन FLN की गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास हेतु प्रत्येक पीईईओ, यूसीईईओ के स्तर पर किया जाना है।
  • निपुण मेले में उपयोग की जाने वाली सामग्री बजट प्रावधान में दिए गए विवरणानुसार क्रय की जाए। अतिरिक्त राशि / सामग्री की आवश्यकता होने पर भामाशाहों का सहयोग लिया जा सकता है ।
  • मेले में स्टॉल पर गतिविधि एवं खेल कराने हेतु आवश्यक टीएलएम, चार्ट, पोस्टर, कॉलाज आदि का निर्माण पूर्व में ही पूर्ण कर लिया जाए।
  • आवश्यकतानुसार पीईईओ / यूसीईईओ द्वारा अपने परिक्षेत्र के विद्यालयों से एफएलएन मेंटोर को मेले में लगाई जाने वाली स्टॉल के लिए विद्यार्थियों के सहयोग हेतु नामित किया जाए ।
  • मेले में पीईईओ, यूसीईईओ परिक्षेत्र के कक्षा 1 से 3 तक के समस्त विद्यार्थी तथा समन्वित आंगनबाडी केन्द्र के बालक, बालिका भी भाग लेगें ।
  • गतिविधियों में सभी विद्यार्थियों को भाग लेने का अवसर दिया जाए।
  • स्टॉल की थीम के आधार पर प्रत्येक स्टॉल से विजेताओं को पुरस्कार दिए जाए
  • पीईईओ / यूसीईईओ पूरी प्रक्रिया का प्रतिवेदन मय फोटो व उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, कार्यालय को प्रेषित करें।
  • ब्लॉक स्तर से समेकित प्रतिवेदन एवं रिपोर्ट मय फोटोग्राफ मेला आयोजन के 10 दिवस में जिला कार्यालय को प्रेषित की जाए ।
  • प्रत्येक स्तर पर आयोजित निपुण मेले के कार्यों से सम्बन्धित प्रतिवेदन राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् जयपुर को कार्य समाप्ति के 10 दिवस के अन्दर प्रेषित की जानी है।
  • गणित – पहाड़े सुनाना, ईबारती प्रश्नों को मौखिक रूप से हल करना, गणितीय पहेली सुलझाना, आकृतियों के नाम बताना आदि गतिविधियों की जा सकती है।

उक्त गतिविधियों के अतिरिक्त शिक्षक अन्य साथी शिक्षकों, बच्चों से चर्चा कर गतिविधियों को सूचीबद्ध करें और मेले में शामिल करें।

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NIPUN MELA GUIDELINE 2024 निपुण मेला दिशानिर्देश निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र | निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र
NIPUN MELA GUIDELINE 2024 निपुण मेला दिशानिर्देश निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र | निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र
क्र.सं.विवरण राशि
1शिक्षण अधिगम सामग्री निर्माण हेतु आवश्यक सामग्री क्रय करना । जैसे – रंगीन कागज, चार्ट, कलर, क्ले, पिक्चर चार्ट इत्यादि3000/-
2थीम आधारित स्टॉल निर्माण में सहयोगी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन सामग्री जैसे- पानी की बोतल, पेन / पेन्सिल, लंच बॉक्स इत्यादि ( पुरस्कार की संख्या अधिक होने पर भामाशाहों का सहयोग लिया जाए)3000/-
3अल्पाहार मेले में भाग लेने वाले विद्यार्थियों अध्यापक व अभिभावक2000/-
4स्टॉल हेतु आवश्यकतानुसार टेंट सामग्री2000/-
कुल राशि10000/-

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  • राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् से गतिविधि आयोजन हेतु स्वीकृति प्राप्त होने पर 3 दिवस में ब्लॉक, पीईईओ / यूसीईईओ हेतु स्वीकृति जारी करना ।
  • ब्लॉक एवं विद्यालय तक दिशा-निर्देशों की पहुँच सुनिश्चित करना ।
  • मॉनिटरिंग हेतु जिला एवं समस्त ब्लॉक कार्यालयों पर प्रभारी नियुक्त करना ।
  • निपुण मेले के प्रभावी आयोजन हेतु समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं प्रभारी गुणवत्ता के साथ मिलकर कार्ययोजना निर्माण करना ।
  • निपुण मेले के आयोजन दिवस को प्रभावी मॉनिटरिंग कराना ।
  • प्रत्येक ब्लॉक से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर परिषद को प्रेषित करना ।
  • प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट परिषद को कार्य समाप्ति के 10 दिवस में प्रेषित करना ।
  • गतिविधि आयोजन हेतु स्वीकृति प्राप्त होने पर 03 दिवस में पीईईओ / यूसीईईओ हेतु स्वीकृति जारी करना ।
  • पीईईओ / यूसीईईओ विद्यालय तक दिशा-निर्देशों की पहुँच सुनिश्चित करना ।
  • प्रत्येक विद्यालय से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर जिला स्तर को प्रेषित करना ।
  • निपुण मेले के आयोजन दिवस को प्रभावी मॉनिटरिंग कराना ।
  • प्रत्येक पीईईओ / यूसीईईओ से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर जिला कार्यालय को प्रेषित करना ।
  • प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट जिला कार्यालय को कार्य समाप्ति के 10 दिवस में प्रेषित करना ।

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  • परिक्षेत्र के विद्यालयों के साथ समन्वय कर प्रभावी निपुण मेले का आयोजन कराना ।
  • परिक्षेत्र के समस्त विद्यालयों की सहभागिता सुनिश्चित करना ।
  • निपुण मेले के आयोजन हेतु आवश्यक सामग्री, पुरस्कार, अल्पाहार की व्यवस्था सुनिश्चित करना ।
  • पीईईओ, यूसीईईओ पूरी प्रक्रिया का प्रतिवेदन मय फोटो व उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करना । (परिशिष्ट -1 उपयोगिता प्रमाण नीचे DOWNLOAD सेक्शन में दिया हैं। )
  • प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट ब्लॉक कार्यालय को कार्य समाप्ति के 3 दिवस के अन्दर प्रेषित की जानी है ।
  • मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा ब्लॉक में निपुण मेला अन्तर्गत आयोजित होने वाली गतिविधियों में से श्रेष्ठ गतिविधियों का 5 से 10 मिनट का वीडियों बनाये जिसे भविष्य में आयोजित होने वाली गतिविधियों में संदर्भ के रूप में उपयोग किया जा सकें। साथ ही उक्त वीडियों की सॉफ्ट कॉपी अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा सम्बन्धित जिले को प्रेषित करें।
  • जिस मद के लिए राशि उपलब्ध कराई जाये, व्यय उसी मद में ही किया जावे ।
  • व्यय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रपत्र में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें ।
  • कार्यक्रम अन्तर्गत व्यय राशि को PRABANDH PORTAL (https://samagrashiksha.in) पर तत्काल बुक कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।
  • राशि का उपयोग योजना के दिशानिर्देश, शिक्षा मंत्रालय की गाईड लाईन एवं लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013 एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित किया जावे।
  • उक्त गतिविधि वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट सत्र 2024-25 में निम्न मद में अनुमोदित की गई है-

5- Quality Intervention
.5.1- NIPUN Bharat Mission
5.1.1 – Nipun Bharat Mission (FLN)
1-Teaching Learning Materials for implementation of Innovative pedagogies
यह सक्षम स्तर से अनुमोदित है। NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,


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सृजनात्मक :- मिटटी / क्ले से खिलौने बनवाना, पेन्टिंग करवाना / कॉट्न, लीफ, थ्रेड, veg, Finger, Thumb – आदि ।

कॉलाज बनवाना :- स्वतन्त्र रूप से पिक्चर कटिंग देकर उनका कॉलाज बनवाना जैसे-फल, सब्जी, अनाज के पिक्चर एक डिब्बे में डाल कर रखना और फिर उन्हें एक निश्चित समय देकर सब्जीयों का कॉलाज बनवाना दूसरे से फल और तीसरे से अनाज का जो निश्चित समय में सबसे ज्यादा पिक्चर लगाएगा वह विजेता होगा ।

भाषायी विकास :- जंगली, पालतु जानवरों के समान ध्वनि निकालना, समान आकृतिया को बताना,

  • कॉलाज के चित्रों के आधार पर कम समय में कहानी बुलवाना ।
  • अलग-अलग पिक्चर लगाकर कॉलाज तैयार करके रखना ।
  • पिक्चर व चार्ट देना स्वंय लगाकर कहानी बनवाना ।
  • उक्त कार्य समूह के रूप में या व्यक्तिगत रूप से कराये जा सकते है।

(मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी / पीईईओ / यूसीईईओ हेतु)

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2निपूर्ण मेला दिशा निर्देशCLICK HERE
3परिशिष्ट गतिविधि प्रपत्र CLICK HERE
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विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी यहाँ से जाने

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Transfer of charge in schools / विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी :- नमस्कार इस आलेख के अंदर हम जानेगे कि विद्यालयों में कार्यभार स्थानांतरण की विस्तृत कार्यवाही क्या होती है अगर कोई नया संस्थाप्रधान ज्वॉइन करें तो वह उस संस्थाप्रधान से किस प्रकार विभिन्न प्रकार के रिकॉर्ड अपने हस्तान्तरण में लेंगे अथवा किसी विद्यालय में संस्था प्रधान का पद रिक्त होने की स्थिति में किस व्यक्ति को चार्ज मिलेगा इसके बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से जानकारी हमने शेयर की है| Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

1 जब तक कि किन्हीं विशिष्ट लिखित कारणों से जो लोक हित के होने चाहिये, जिसके आदेश के अधीन स्थानान्तरण हुआ है, वह अनुमति प्रदान नहीं कर दे, अथवा कोई विशिष्ट अन्य स्थान अपेक्षित न कर दे या कोई अन्य आज्ञा नहीं दे दे, तब तक किसी पद का भार उनके मुख्यालय पर ही हस्तान्तरित करना चाहिये, जहां पद भार से मुक्त करने वाला तथा पद सम्भालने वाला दोनों राज्य कर्मचारी उपस्थित हों ।

Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी यहाँ से जाने
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  • राजस्थान सरकार का निर्णय – राजस्थान सरकार के ध्यान में आया है कि स्थानान्तरण आज्ञा जारी होने पर, भारमुक्त कर्मचारी जिस पद पर स्थानान्तरित हुआ उस पद का चार्ज लेने हेतु कर्त्तव्य पर उपस्थित होता है लेकिन किसी – कारणवश, कार्यालयाध्यक्ष / विभागाध्यक्ष या राज्य कर्मचारी जिसे भारमुक्त किया जाना है, जानबूझकर चार्ज हस्तान्तरण करने में विलम्ब करता है।

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इस मामले पर विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि स्थानान्तरण आज्ञा प्राप्त होने पर जैसे ही भार ग्रहण करने वाला कर्मचारी उपस्थित होवे शीघ्र ही भार हस्तांतरित कर दिया जाना चाहिये। यदि किसी प्रकार का भार हस्तांतरित करने में जानबूझकर विलम्ब किया जाता है तो भार ग्रहण करने वाला कर्मचारी उस पद का भार ग्रहण करेगा और ऐसा होने के फलस्वरूप भारमुक्त हुआ कर्मचारी उस समय तक असाधारण अवकाश पर माना जावेगा जब तक कि उसे संवेतन अवकाश, जो उसे देय हो, उस दिन से जब से भारमुक्त करने वाले अधिकारी द्वारा भारग्रहण किया जाकर भारमुक्त किया गया हो, से सक्षम अधिकारी, द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया हो।

  • राजस्थान सरकार के निर्देश—उपरोक्त वित्त विभाग निर्णय दिनांक 7-11-1969 में ये निर्देश दिए गए थे कि यह निश्चय किया जावे कि जैसे ही भारमुक्त कर्ता अधिकारी भार ग्रहण करने हेतु उपस्थित हो उसके शीघ्र ही हस्तान्तरण आज्ञा की पालना आवश्यक हो । महालेखाकार द्वारा यह तथ्य राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया है कि इन निर्देशों की पालना उचित प्रकार से नहीं की जाती । राज्य सरकार इस अवज्ञा को गम्भीरता से लेती है और निम्न अग्रिम निर्देश प्रसारित करती है जेनकी पालना कठोरता से की जावे-
    1. भारमुक्त होने वाला राज्य कर्मचारी जैसे ही भार ग्रहण करे, शीघ्र ही अपने भार ग्रहण की सूचना भार मुक्त होने वाले कर्मचारी के नाम दर्शित करते हुए कोषागार अधिकारी और नियंत्रित अधिकारी को करेगा।
    2. उक्त सूचना प्राप्त न होने पर, नियन्त्रण अधिकारी द्वारा सम्बन्धित कोषागार अधिकारी को यह लिखा जाना चाहिये कि उस अधिकारी का जिसने भार संभालने में परिहार्य (avoid) किया और जिसे इन परिस्थितियों के कारण भारमुक्त समझा जावे, भुगतान रोका जावे और इस प्रकार लिखे गए पत्र की प्रतिलिपि महालेखाकार राजस्थान को भी प्रेषित की जावे ।
    3. इस प्रश्न का कि भार सम्भालने में आशयित (intentional) विलम्ब हुआ है या कि राज्य कर्मचारी ने भार सम्भालने में परिहार्य किया है कि उसे इन परिस्थितियों में भारमुक्त समझा जावे, यह निश्चय वह अधिकारी करेगा जो कि स्थानान्तरण आज्ञा देने में सक्षम हो, और वह सक्षम अधिकारी उस विलम्ब अवधि का जिस दिन से कर्मचारी ने पद भार ग्रहण किया था, अवकाश स्वीकृत कर जहां आवश्यक हो, नियमन करेगा।

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2 नियम की यह शर्त कि पद भार ग्रहण कर्ता तथा पद भार से मुक्त होने वाले दोनों राज्य कर्मचारी उपस्थित होने चाहिये, उन राज्य कर्मचारियों के सम्बन्ध में प्रभावी करना आवश्यक नहीं है जिनको दीर्घावकाश . ( वेकेशन) के साथ अवकाश जोड़ने की अनुमति दे दी गई हो। ऐसे मामलों में निम्नलिखित प्रणाली का अनुसरण होना चाहिए :

  • जब कि दीर्घावकाश अवकाश से पूर्व जोड़ा गया हो तो बाह्यगमन करने वाला राज्य कर्मचारी मुख्यालय छोड़ने से पहले रिपोर्ट करेगा अथवा यदि अत्यावश्यक कारणों से अवकाश दीर्घावकाश (वेकेशन) में स्वीकृत हुआ हो तो अवकाश स्वीकृत होते ही अपना पद भार दीर्घावकाश ( वेकेशन) के अन्त से प्रभावशील, हस्तान्तरित करेगा। तत्पश्चात् पद मुक्त करने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश का अन्त होने पर पद सामान्य रूप से सम्भाल लेगा।
  • जब कि दीर्घावकाश अवकाश के साथ जोड़ी गई हो, पद भार से मुक्त होने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश से पूर्व सामान्य रूप से पद भार हस्तांतरित करेगा, आने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश समाप्ति पर वापस लौटने पर, दीर्घावकाश (वेकेशन) के आरम्भ से पदभार ग्रहण कर लेगा।

सरकारी निर्णय—एक प्रश्न यह उठाया गया है कि क्या राजपत्रित अधिकारी के पद ग्रहण करने / हस्तान्तरित करने की चार्ज रिपोर्ट पर उच्चतर प्राधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षर करना अनिवार्य है। इस प्रश्न पर विचार किया गया और निर्णय किया गया है कि निकटतम उच्च अधिकारी का प्रतिहस्ताक्षर केवल तभी आवश्यक होता है जबकि कोई अधिकारी पद हस्तांतरित करता हो या ग्रहण करता हो और ऐसा कोई अधिकारी नहीं हो जिसको वह पद हस्तांतरित करे या जिससे वह पद ग्रहण करे ।

3 सामान्यतया किसी विशेष मामलों में किसी विशेष प्रतिकूल आज्ञा के, अधीनस्थ राज्य कर्मचारी वर्ग से सरकारी कर्मचारियों, उदाहरणार्थ शासन सचिव या राजकीय सचिवालय के लिपिक का मुख्यालय, जिरा सरकार से वह संलग्न है उसका तत्समय मुख्यालय जहां स्थित हो उसी स्थान पर होगा। किसी अन्य राजकीय कर्मचारी का मुख्यालय वह स्थान होगा जो उनको नियुक्त करने वाला प्राधिकारी मुख्यालय नहीं घोषित करे, अथवा ऐसी घोषणा के अभाव में वह स्थान जहां उसके कार्यालय के अभिलेख रखे जाते हों । Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण


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उक्त आदेश आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं :- यहाँ क्लिक कीजिए

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राज्य में संचालित राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सुचारू संचालन व दैनिक कार्यों के निष्पादन हेतु विद्यालयों के कार्य प्रभार के संबंध में श्रीमान निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, बीकानेर के आदेश दिनांक- 20.01.2017 में संशोधन किए जाकर आदेश क्रमांक-शिविरा/प्रारं/शैक्षिक/एबी/विद्यालय व्यवस्था/2017/26 दिनांक-06.05.2017 द्वारा निम्नानुसार संशोधित दिशा निर्देश जारी किए गए हैं-

(1) किसी भी उच्च प्राथमिक प्राथमिक विद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत होने की स्थिति में संस्था प्रधान का दायित्व/प्रभार उसके पास रहेगा।

(2) वरिष्ठ अध्यापक का पद रिक्त होने अथवा स्वीकृत नहीं होने पर वरिष्ठतम अध्यापक / प्रबोधक पद पर कार्यरत कर्मी द्वारा संस्था प्रधान के दायित्व का निर्वहन किया जाएगा।

(3) वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/प्रबोधक का पद रिक्त होने की स्थिति में शारीरिक शिक्षक द्वारा संस्था प्रधान का दायित्व का निर्वहन किया जाएगा।

(4)उपयुक्त अनुसार बिंदु संख्या 1 से 3 तक के अलावा अन्य स्थिति के वरिष्ठ शिक्षाकर्मी/पैराटीचर/ट्रेनी अध्यापक के पद पर कार्यरत कार्मिक द्वारा संस्था प्रधान के दायित्व का निर्वहन किया जाएगा। कार्मिक की वरिष्ठता का निर्धारण संपूर्ण सेवा अवधि के आधार पर होगा। Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

प्रबोधक को भी संस्थाप्रधान का चार्ज

किसी विद्यालय में तृतीय श्रेणी अध्यापक और प्रबोधक में से संस्थाप्रधान का चार्ज किसे सौपा जाये❓

निदेशक प्रारभ्भिक शिक्षा बीकानेर के  पूर्व निर्देशो के अनुसार प्रबोधक को संस्था प्रधान का चार्ज वरिष्ठ अध्यापक , अध्यापक, शारीरिक शिक्षक के पद रिक्त होने पर देय था।
6/3/17 के नवीन संशोधित आदेशो के अनुसार संस्था प्रधान का पद रिक्त होने पर वरिष्ठ अध्यापक को ,उनकी अनुपस्थिति या पद रिक्त होने पर प्रबोधक / अध्यापक जो भी वरिष्ठ होगा उन्हे संस्था प्रधान का दायित्व दिया जाएगा।
*वीन संशोधन से प्रबोधक के पद को अध्यापक के पद के समकक्ष रखा गया है।सम्पूर्ण सेवा अवधि से  वरिष्ठता की गणना की जाएगी। Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

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