Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
शिक्षा विभाग में हाल ही लागू समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य के सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों को अब एकमुश्त कंपोजिट स्कूल ग्रांट मिलेगी। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक शिवांगी स्वर्णकार ने एक पत्र जारी कर दिया है।
कम्पोजिट स्कूल ग्रांट सरकार द्वारा समर्थित शैक्षिक निधि है। जिसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। साथ ही विभिन्न प्रकार के स्कूलों के बीच असमानताओं को कम करना है। अनुदान का उद्देश्य छात्रों को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। पाठ्य सहगामी क्रियाओं का विकास करना शामिल है । इसी के साथ विद्यालयों की दैनिक भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति भी इसमे शामिल किया गया है ।
समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सामान्य शैक्षिक, सह- शैक्षिक, भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति एवं पुराने उपकरणों के प्रतिस्थापन तथा विद्यालय स्वच्छता एक्शन प्लान हेतु कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिये जाने का प्रावधान है। विद्यार्थी हित में विद्यालय की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इस राशि का उपयोग किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य को बढ़ावा देने के लिये पाठ्य सहगामी क्रियाओं का विकास करना एवं विद्यालयों की दैनिक/भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना है।
यह अनुदान डाइस डाटा 2022-23 के अनुसार राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों को देय है, जो कि शिक्षा विभाग / पंचायती राज विभाग / केजीबीवी / संस्कृत शिक्षा के विद्य लयों / शिक्षाकर्मी बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालयों / समाज कल्याण विभाग के अधीन आते हैं, को जारी की जानी है।
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
विद्यालय स्वच्छता पर खर्च की आजने वाली सालाना राशि
1
1-15
12500
1250
2
16-100
25000
2500
3
101-250
50000
5000
4
250-1000
75000
7500
5
Above 1000
100000
10000
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
नोट :- 1) उपरोक्त तालिका के क्रं. सं. 1 से 5 तक की विस्तृत सूची परिशिष्ट-2 पर संलग्न है। 2) मर्ज हुए विद्यालय एवं शून्य नामांकन वाले विद्यालयों को यह अनुदान देय नहीं होगा।
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
सर्वप्रथम एसएमसी / एसडीएमसी अपने विद्यालय की वार्षिक आवश्यकताओं का चिह्नीकरण करें एवं लिखित प्रस्ताव प्राप्त करें ।
वर्षभर की आवश्यकताओं का वित्तीय अनुमान निर्धारित करें।
एसएमसी / एसडीएमसी के 4 सदस्यों की एक क्रय समिति बनेगी, जिसमें अध्यक्ष एवं सचिव के अतिरिक्त दो अभिभावक सदस्य होंगे।
क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिए ।
सामग्री क्रय कर रोकड़ बही, स्टॉक रजिस्टर, बिल वाउचर्स को सुव्यवस्थित सन्धारित करें |
सीएसजी राशि का उपयोग किया जाकर विद्यालयों द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र ब्लॉक कार्यालय को प्रेषित किया जायेगा। ब्लॉक कार्यालय द्वारा समेकित उपयोगिता प्रमाण-पत्र जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित किया जायेगा। जिला परियोजना समन्वयक जिले का उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यू.सी.) परिषद् कार्यालय को ई-मेल आईडी [email protected] पर निर्धारित प्रपत्र (परिशिष्ट – 1 ) के अनुसार प्रेषित करेंगे।
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट (Composite School Grant) राशि में 10 प्रतिशत राशि स्वच्छता एक्शन प्लान के लिये निर्धारित की गयी है जिसका निम्न कार्याें में उपयोग किया जा सकेगा-
विद्यालय के शौचालय/मुत्रालयों की साफ सफाई व सफाई हेतु वांछित सामग्री यथा एसिड, टाॅयलेट क्लीनर आदि क्रय करने के लिये।
विद्यालय के शौचालय मूत्रालयों का नियमित रख रखाव।
एमडीएम से पूर्व व शौचालय उपयोग उपरान्त छात्र छात्राओं को हाथ धोने के लिये साबुन की व्यवस्था करने के लिये।
शौचालय/मुत्रालय की माइनर रिपेयर करवाने के लिये।
शौचालय मुत्रालय में रनिंग वाटर सुविधा या पानी की टंकी रखाने के लिये।
बेकार पानी तथा सूखे कचरे के निस्तारण की व्यवस्था हेतु।
कक्षा-कक्षों एवं विद्यालय परिसर में रखने के लिये कचरा पात्र क्रय/तैयार करने हेतु।
बालिका शौचालय के साथ इन्सीनेटर लगाने/निर्माण करने के लिये।
पेयजल स्रोत को ठीक करवाने के लिये।
SHEKHAWATI MISSION 100 QUESTION BANK CLASS 10 2025 DOWNLAOD ALL SUBJECT FREE PDF
2) विद्यालय स्तर :
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र की राशि का उपयोग निम्न सामग्री क्रय करने / कार्य में आवश्यकतानुसार किया जा सकता है –
विद्यालय के अक्रियाशील उपकरणों के प्रतिस्थापन हेतु।
दरी पट्टी / दरी।
श्यामपट्ट मरम्मत एवं रंग-रोगन / ग्रीन बोर्ड / आदमकद दर्पण / कार्मिकों का फोटो युक्त विवरण ।
चॉक, डस्टर।
परीक्षा संबंधी स्टेशनरी
पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यय पंखा।
एक दैनिक समाचार पत्र (अनिवार्य) ।
प्रतियोगिताओं का आयोजन / खेल सामग्री / उपलब्धि प्रमाण पत्र मुद्रण।
अग्निशमन यन्त्र के सिलेण्डर में गैस भरवाने हेतु।
शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम में रैफर किये गये विद्यार्थियों को अस्पताल ले जाने का किराया
प्रयोगशाला संबंधी उपकरणों के रखरखाव एवं मरम्मत हेतु ।
इन्टरनेट संबंधी कार्य ।
वार्षिक टूट-फूट, मरम्मत व सौंदर्यन (विद्यालय भवन, शौचालय / मूत्रालय व अन्य व्यवस्थाएं ) ।
शिक्षण अधिगम सामग्री में उपयोग
अन्य उपयोज्य सामग्री यथाः झाडू मटका, बाल्टी, मग आदि।
छात्र हित में अन्य आवर्ती खर्च
नोट:- उक्त कार्यों के अलावा अन्य कार्यों में उक्त राशि का उपयोग नहीं किया जाये। अति आवश्यक होने पर परिषद् की पूर्वानुमति से उक्त राशि में बचत होने पर अन्य कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा।
SSC RAILWAY One Liner Rapid Fighter Target Notes SSC व रेलवे की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए शानदार नोट्स अभी चेक 👇करें
कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट (Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र) में कम से कम 10 प्रतिशत राशि स्वच्छता एक्शन प्लान के लिए निर्धारित गई है, जिसका उपयोग निम्न कार्यों हेतु ही किया जा सकेगा:
विद्यालय के शौचालय / मूत्रालयों का नियमित उपयोग एंव रख-रखाव ।
शौचालय / मूत्रालयों की साफ-सफाई व सफाई हेतु वांछित सामग्री यथा ब्रश ऐसिड, टॉयलेट क्लीनर आदि क्रय करने के लिए।
विद्यार्थियों को हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था करने के लिए।
शौचालय / मूत्रालय की माईनर रिपेयर करवाने के लिए। शौचालय / मूत्रालय में रनिंग वाटर सुविधा या पानी की टंकी रखवाने के लिए।
बेकार पानी तथा सूखे कचरे के निस्तारण की व्यवस्था हेतु ।
कक्षा-कक्षों एवं विद्यालय परिसर में रखने के लिए कचरा पात्र क्रय / तैयार करने हेतु।
बालिका शौचालय के साथ डिसपेंसर एवं इन्सीनरेटर रिपेयर के लिए।
पेयजल स्त्रोत को रिपेयर कराने के लिए।
कोविड-19 को ध्यान में रखते हुये सैनेटाईजर, साबुन क्रय ।
परिषद कार्यालय आदेश क्रमांक रास्कूशिप / जय / वैशि / 2020-21 / 12925 दिनांक 13.07.2020 के अनुसार कोविड-19 के बचाव हेतु सुरक्षा एवं स्वच्छता पर राशि व्यय करना सुनिश्चित करें।
4) कार्य प्रक्रिया :
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
सर्वप्रथम एसएमसी / एसडीएमसी अपने विद्यालय की वार्षिक आवश्यकताओं का चिह्नीकरण करें एवं लिखित प्रस्ताव प्राप्त करें।
वर्षभर की आवश्यकताओं का वित्तीय अनुमान निर्धारित करें।
एसएमसी / एसडीएमसी के 4 सदस्यों की एक क्रय समिति बनेगी जिसमें अध्यक्ष एवं सचिव के अतिरिक्त दो अभिभावक सदस्य होंगे।
क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता उच्च स्तर की होनी चाहिए।
सामग्री क्रय कर रोकड़ बही, स्टॉक रजिस्टर, बिल वाउचर्स को सुव्यवस्थित संधारित करें। 6. सीएसजी राशि का उपयोग किया जाकर विद्यालयों द्वारा उपयोगिता प्रमाण-पत्र ब्लॉक कार्यालय को प्रेषित किया जायेगा। ब्लॉक कार्यालय द्वारा समेकित उपयोगिता प्रमाण-पत्र जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित किया जायेगा। जिला परियोजना समन्वयक जिले का उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यू. सी.) परिषद् कार्यालय को ई-मेल आईडी [email protected] पर निर्धारित प्रपत्र (परिशिष्ट-1 ) के अनुसार प्रेषित करेंगे।
4.1) कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट राशि का निम्न मदों में व्यय नहीं किया जाये
फर्नीचर क्रय हेतु (छात्र / प्राधानाध्यापक कक्ष / स्टाफ रूम फर्नीचर क्रय नहीं किया जाये ।
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट से क्रय की जाने वाली सामग्री क्रय में राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013″ की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जावें।
सामग्री क्रय करते समय राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद्, जयपुर के दिशा निर्देशों की पालना करते हुये विद्यार्थी हित एवं विद्यार्थी आवश्यकता को प्राथमिकता दी जावे।
क्रय की गई सामग्री का उचित रखरखाव करते हुये, वर्ष पर्यन्त उपयोग सुनिश्चित किया जाये।
विद्यालय अवलोकनकर्ता अधिकारी अवलोकन के दौरान कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट के सार्थक भी अवलोकन करें एवं प्रतिवेदन में इसका उल्लेख करें।
आईसीटी लैब को प्राथमिकता से क्रियाशील बनाना।
SHEKHAWATI MISSION 100 QUESTION BANK CLASS 12 2025 DOWNLAOD ALL SUBJECT FREE PDF
6) दायित्व अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय :
राज० स्कूल शिक्षा परिषद से राशि प्राप्त होने के 10 (दस) दिवस में राशि का हस्तान्तरण करवाना सुनिश्चित करें एवं विद्यालय स्तर तक की पहुंच सुनिश्चित करने हेतु व्यक्तिश: मॉनीटरिंग करें। विलम्ब की स्थिति में परिषद कार्यालय अथवा निदेशालय स्तर से की जाने वाली कार्यवाही के लिये सम्बन्धित अधिकारी जिम्मेदार रहेंगे।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की प्राप्त राशि को नामांकन अनुसार विद्यालयों को हस्तान्तरित करना।
विद्यालयों को जारी की गयी राशि एवं दिनांक से विद्यालयों को अवगत करवाना ताकि संस्था प्रधान द्वारा का उपयोग यथा समय किया जा सके ।
कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की राशि का विद्यालय स्तर पर छात्र हित में उपयोग करवाया जाना सुनिश्चित करना।
पीईईओ / यूसीईईओ से वित्तीय वर्ष 2021-22 का उपयोगिता प्रमाण पत्र सीबीईओ के माध्यम से प्राप्त करना।
जिले का वित्तीय वर्ष 2021-22 का कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट का उपयोगिता प्रमाण पत्र राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को प्रेषित करना ।
7) दायित्व सीबीईओ कार्यालय :
जिला कार्यालय से प्राप्त राशि को दस दिवस में ब्लॉक के समस्त विद्यालय की एसएमसी / एसडीएमसी को हस्तान्तरित करना। विलम्ब की स्थिति में परिषद कार्यालय अथवा निदेशालय स्तर से की जाने वाली कार्यवाही के लिये सम्बन्धित अधिकारी जिम्मेदार रहेंगे।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की राशि का विद्यालय स्तर पर छात्र हित में समस्त राशि का उपयोग करवाया जाना सुनिश्चित करना।
विद्यालय स्तर पर राशि के उपयोग की मॉनीटरिंग करना।
ब्लॉक के समस्त पीईईओ / यूसीईईओ से वित्तीय वर्ष 2021-22 की सम्पूर्ण राशि के उपयोग का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित करना।
8) दायित्व पीईईओ / यूसीपीईईओ (सीआरसी) कार्यालय :
अधीनस्थ विद्यालयों द्वारा कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट राशि का दिशा-निर्देशों अनुसार विद्यार्थी हित में उपयोग किया जाना सुनिश्चित करना।
वित्तीय वर्ष 2021-22 पीईईओ विद्यालय एवं यूसीईईओ के अधीनस्थ विद्यालयों से कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की सम्पूर्ण राशि के उपयोग का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सीबीईओ कार्यालय को प्रेषित करना।
सीबीईओ कार्यालय द्वारा विद्यालयों को जारी राशि के उपयोग की सतत् मॉनीटरिंग करना।
9) दायित्व विद्यालय संस्थाप्रधान :
विद्यालय की एसडीएमसी / एसएमसी से विद्यालय की सुविधाओं के लिए आवश्यकताओं का चिन्हिकरण कर लिखित में प्रस्ताव प्राप्त करना एवं वर्षभर की आवश्यकताओं का वित्तीय अनुमान निर्धारित करना ।
एसडीएमसी / एसएमसी के 4 सदस्यों की क्रय समिति बनाना। इसमें अध्यक्ष एवं सचिव के अतिरिक्त 2 अभिभावक सदस्य हो तथा क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता उच्च स्तर की होना सुनिश्चित करना।
सामग्री क्रय कर रोकड बही स्टॉक रजिस्टर, बिल वाउचर को सुव्यवस्थित संधारित करना। 4. वित्तीय वर्ष के अंत में कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की समस्त राशि के उपयोग का उपयोगिता प्रमाण-पत्र पीईईओ / यूसीईईओ कार्यालय को प्रेषित करना।
10) विशेष : लेखा सम्बन्धी बिन्दु
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
इस मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक व्यय नहीं किया जाये । निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर वसूली की जाएगी। क्रय हेतु वित्तीय नियमों का ध्यान रखा जाये ।
किये गये व्यय का निर्धारित समयावधि में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाकर समायोजन सुनिश्चित करवाया जाये ।
राशि का उपयोग गतिविधि व शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें ।
क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पादरर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये ।
कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट उपयोगिता प्रमाण पत्र परिशिष्ट : 1 (विद्यालय स्तर हेतु)
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट उपयोगिता प्रमाण पत्र परिशिष्ट : 1 (PEEO / UCEEO स्तर हेतु)
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट उपयोगिता प्रमाण पत्र परिशिष्ट : 1 (ब्लॉक स्तर हेतु)
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट उपयोगिता प्रमाण पत्र परिशिष्ट : 1 (जिला स्तर हेतु)
Latest Composite School Grant Guideline कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
Latest Composite School Grant Guideline / कंपोजिट स्कूल ग्रांट 2024-25 दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र यहाँ से करें डाउनलोड
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें
NIPUN MELA GUIDELINE / शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार द्वारा जारी निपुण मेला दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 / निपुण मेला दिशा निर्देश 2024 : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंषा के अनुसार प्रारम्भिक कक्षाओं में वर्ष 2026-27 तक बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (FLN) को प्राप्त करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु निपुण भारत मिशन की शुरूआत की गई है। निपुण भारत मिशन के माध्यम से विद्यार्थियों में सीखने की दक्षताओं का विकास किया जाना है, जिससे 2026-27 तक प्रत्येक विद्यार्थी वांछित दक्षताओं को प्राप्त कर सकें। NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
इस हेतु विद्यार्थियों को गतिविधि आधारित शिक्षण के माध्यम से कक्षा कक्षीय गतिविधियां कराई जानी है साथ ही विद्यार्थियों की रूचि और संलग्नता की वृद्धि हेतु प्रोजेक्ट कार्यों को सम्मिलित किया जाए। वार्षिक कार्ययोजना सत्र 2024-25 में नवाचारी गतिविधि के रूप में प्रत्येक PEEO / UCEEO के विद्यालय में निपुण मेले का आयोजन किया जाना है।
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार द्वारा जारी निपुण मेला दिशा-निर्देश सत्र 2024-25
निपुण मेला बच्चों के सम्पूर्ण विकास (शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, भाषायी एवं सामाजिक विकास) में एक महत्वपूर्ण पहल होगा। निपुण मेले में टॉय मेकिंग, आर्ट, खिलौने बनाना, मॉड्ल बनाना, स्टोरी मेकिंग, स्टोरी टेलिंग, ग्रुप वर्क एवं रोल प्ले आदि विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियां सम्मिलित की जानी है। उक्त गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को बहुमुखी विकास के अवसर प्राप्त होंगे।
निपुण मेले के माध्यम से विद्यालय, समुदाय, शिक्षक, अभिभावक एवं बच्चों को एक साथ जोड़ने, एक दूसरे को समझने एवं आपसी सहयोग के अवसर प्राप्त हो सकेंगे जो निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहयोगी होंगे।
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
उद्देश्य –
निपुण भारत मिशन के प्रति समुदाय की समझ विकसित करना ।
निपुण भारत मिशन के प्रचार-प्रसार हेतु गतिविधियों का आयोजन करना । समुदाय में जागरूकता एवं सकारात्मक सोच के विकास हेतु साझा पहल ।
समुदाय की भागीदारी के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराना।
विद्यार्थियों में भय मुक्त वातावरण निर्माण करना एवं सीखने को प्रोत्साहित करना ।
विद्यार्थी एवं शिक्षकों के मध्य गतिविधियों के माध्यम से समन्वय को बढ़ाना ।
मेले के रूप में विद्यार्थियों को सीखने के प्रतिफल आधारित आनन्दायी वातावरण प्रदान करना ।
बच्चों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास करना ।
छात्रों को अपने आप को प्रस्तुत करने व करके सीखने जैसे गुणों का विकास करना ।
अभिभावकों को ऐसे कार्यों या गतिविधियों से अवगत करना जिन्हें वे विद्यार्थियों को दैनिक दिनचर्या के दौरान प्रेरित कर सकते है।
बच्चों व अभिभावको की सहभागिता से आयोजित होने वाली गतिविधियों की समझ विकसित करना । बच्चों में सृजनात्मकता, कला, बौद्धिक विकास, भाषायी विकास, संख्याज्ञान विकास आदि में रूचि पैदा कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना ।
आयोजन की संभावित दिनांक : —
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र, निपुण मेला नवाचारी गतिविधि के रूप में आयोजित किया जाना है। निपुण मेले का आयोजन प्रत्येक पीईईओ, यूसीईईओ विद्यालय स्तर पर माह नवम्बर 2024 में आयोजित किया जाना है। आयोजन की सूचना पृथक से उपलब्ध कराई जायेगी ।
प्रस्तावित गतिविधियां :-
निपुण मेला FLN आधारित थीम के अनुसार आयोजित किया जाना है। निपुण मेले में विद्यार्थियों, मेंटोर, शिक्षकों के समन्वय से न्यूनतम 5 प्रकार की गतिविधियों की स्टॉल लगाई जायेगी। जहां बच्चों स्तरानुसार कुछ खेल, गतिविधियां आयोजित की जानी है। प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिए जायेंगे। मेले में विद्यार्थियों के विकास के आयाम पर आधारित गतिविधियों की स्टॉल लगाई जानी है। जिनमें ऐसी शिक्षण अधिगम सामग्री (TLM) से गतिविधियां आयोजित की जायेगी जो कम लागत से बनी हो, और विद्यालय में शिक्षक आसानी से करवा सकें । आयोज्य गतिविधियों के साथ क्षेत्रीय परिवेश में लोकप्रिय खेलों को भी शामिल किया जाए। प्रस्तावित गतिविधियां निम्नानुसार
शारीरिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- निशाना लगाना, ब्लाइन्ड फोल्ड, म्यूजीकल चेयर, नीबू दौड, लटकन जलेबी, बॉल डालो सिक्का निकालो आदि।
मानसिक/बौद्धिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- देखो और बताओ, ABL KIT आधारित पहेली खेल, हल करो और आगे बढ़ो, वर्ग पहेली, सुनकर जानो, डिजिटल गेम आदि ।
सृजनात्मक विकास आधारित गतिविधियाँ :- मिट्टटी / क्ले से खिलौने बनाना, पेन्टिंग करवाना, कॉलाज बनाना, स्वतन्त्र पेन्टिंग |
भाषायी विकास आधारित गतिविधियाँ :- कहानी सुनाना, कहानी बनाना, कविता सुनाना, संस्मरण सुनाना आदि ।
सामाजिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- Family tree, रिश्ते नाते पट्टिका मिलान कराना, अपने अभिभावक, भाई-बहिन के साथ प्रतियोगिता में भाग लेना ।
NOTE : 1. निपुण मेले में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को भाग लेने हेतु प्रेरित किया जाए । गतिविधि विवरण परिशिष्ट-1 नीचे DOWNLOAD में उपलब्ध करवाया गया है । (NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,)
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र
निपुण मेला अकादमिक मेला है जो विद्यार्थियों के समग्र विकास को ध्यान में रख कर आयोजित किया जाना है। इस हेतु प्रत्येक पीईईओ / यूसीईईओ विद्यालय कों जिला एवं ब्लॉक स्तर से आवश्यक तैयारियों हेतु निर्देशित किया जाए।
निपुण मेले का आयोजन FLN की गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास हेतु प्रत्येक पीईईओ, यूसीईईओ के स्तर पर किया जाना है।
निपुण मेले में उपयोग की जाने वाली सामग्री बजट प्रावधान में दिए गए विवरणानुसार क्रय की जाए। अतिरिक्त राशि / सामग्री की आवश्यकता होने पर भामाशाहों का सहयोग लिया जा सकता है ।
मेले में स्टॉल पर गतिविधि एवं खेल कराने हेतु आवश्यक टीएलएम, चार्ट, पोस्टर, कॉलाज आदि का निर्माण पूर्व में ही पूर्ण कर लिया जाए।
आवश्यकतानुसार पीईईओ / यूसीईईओ द्वारा अपने परिक्षेत्र के विद्यालयों से एफएलएन मेंटोर को मेले में लगाई जाने वाली स्टॉल के लिए विद्यार्थियों के सहयोग हेतु नामित किया जाए ।
मेले में पीईईओ, यूसीईईओ परिक्षेत्र के कक्षा 1 से 3 तक के समस्त विद्यार्थी तथा समन्वित आंगनबाडी केन्द्र के बालक, बालिका भी भाग लेगें ।
गतिविधियों में सभी विद्यार्थियों को भाग लेने का अवसर दिया जाए।
स्टॉल की थीम के आधार पर प्रत्येक स्टॉल से विजेताओं को पुरस्कार दिए जाए
पीईईओ / यूसीईईओ पूरी प्रक्रिया का प्रतिवेदन मय फोटो व उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, कार्यालय को प्रेषित करें।
ब्लॉक स्तर से समेकित प्रतिवेदन एवं रिपोर्ट मय फोटोग्राफ मेला आयोजन के 10 दिवस में जिला कार्यालय को प्रेषित की जाए ।
प्रत्येक स्तर पर आयोजित निपुण मेले के कार्यों से सम्बन्धित प्रतिवेदन राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् जयपुर को कार्य समाप्ति के 10 दिवस के अन्दर प्रेषित की जानी है।
गणित – पहाड़े सुनाना, ईबारती प्रश्नों को मौखिक रूप से हल करना, गणितीय पहेली सुलझाना, आकृतियों के नाम बताना आदि गतिविधियों की जा सकती है।
उक्त गतिविधियों के अतिरिक्त शिक्षक अन्य साथी शिक्षकों, बच्चों से चर्चा कर गतिविधियों को सूचीबद्ध करें और मेले में शामिल करें।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
NIPUN MELA GUIDELINE 2024 निपुण मेला दिशानिर्देश निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र | निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र
क्र.सं.
विवरण
राशि
1
शिक्षण अधिगम सामग्री निर्माण हेतु आवश्यक सामग्री क्रय करना । जैसे – रंगीन कागज, चार्ट, कलर, क्ले, पिक्चर चार्ट इत्यादि
3000/-
2
थीम आधारित स्टॉल निर्माण में सहयोगी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन सामग्री जैसे- पानी की बोतल, पेन / पेन्सिल, लंच बॉक्स इत्यादि ( पुरस्कार की संख्या अधिक होने पर भामाशाहों का सहयोग लिया जाए)
3000/-
3
अल्पाहार मेले में भाग लेने वाले विद्यार्थियों अध्यापक व अभिभावक
2000/-
4
स्टॉल हेतु आवश्यकतानुसार टेंट सामग्री
2000/-
कुल राशि
10000/-
जिला स्तर के दायित्व :-
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् से गतिविधि आयोजन हेतु स्वीकृति प्राप्त होने पर 3 दिवस में ब्लॉक, पीईईओ / यूसीईईओ हेतु स्वीकृति जारी करना ।
ब्लॉक एवं विद्यालय तक दिशा-निर्देशों की पहुँच सुनिश्चित करना ।
मॉनिटरिंग हेतु जिला एवं समस्त ब्लॉक कार्यालयों पर प्रभारी नियुक्त करना ।
निपुण मेले के प्रभावी आयोजन हेतु समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं प्रभारी गुणवत्ता के साथ मिलकर कार्ययोजना निर्माण करना ।
निपुण मेले के आयोजन दिवस को प्रभावी मॉनिटरिंग कराना ।
प्रत्येक ब्लॉक से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर परिषद को प्रेषित करना ।
प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट परिषद को कार्य समाप्ति के 10 दिवस में प्रेषित करना ।
ब्लॉक स्तर के दायित्व :-
गतिविधि आयोजन हेतु स्वीकृति प्राप्त होने पर 03 दिवस में पीईईओ / यूसीईईओ हेतु स्वीकृति जारी करना ।
पीईईओ / यूसीईईओ विद्यालय तक दिशा-निर्देशों की पहुँच सुनिश्चित करना ।
प्रत्येक विद्यालय से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर जिला स्तर को प्रेषित करना ।
निपुण मेले के आयोजन दिवस को प्रभावी मॉनिटरिंग कराना ।
प्रत्येक पीईईओ / यूसीईईओ से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर जिला कार्यालय को प्रेषित करना ।
प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट जिला कार्यालय को कार्य समाप्ति के 10 दिवस में प्रेषित करना ।
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
परिक्षेत्र के विद्यालयों के साथ समन्वय कर प्रभावी निपुण मेले का आयोजन कराना ।
परिक्षेत्र के समस्त विद्यालयों की सहभागिता सुनिश्चित करना ।
निपुण मेले के आयोजन हेतु आवश्यक सामग्री, पुरस्कार, अल्पाहार की व्यवस्था सुनिश्चित करना ।
पीईईओ, यूसीईईओ पूरी प्रक्रिया का प्रतिवेदन मय फोटो व उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करना । (परिशिष्ट -1 उपयोगिता प्रमाण नीचे DOWNLOAD सेक्शन में दिया हैं। )
प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट ब्लॉक कार्यालय को कार्य समाप्ति के 3 दिवस के अन्दर प्रेषित की जानी है ।
विशेष :-
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा ब्लॉक में निपुण मेला अन्तर्गत आयोजित होने वाली गतिविधियों में से श्रेष्ठ गतिविधियों का 5 से 10 मिनट का वीडियों बनाये जिसे भविष्य में आयोजित होने वाली गतिविधियों में संदर्भ के रूप में उपयोग किया जा सकें। साथ ही उक्त वीडियों की सॉफ्ट कॉपी अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा सम्बन्धित जिले को प्रेषित करें।
जिस मद के लिए राशि उपलब्ध कराई जाये, व्यय उसी मद में ही किया जावे ।
व्यय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रपत्र में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें ।
कार्यक्रम अन्तर्गत व्यय राशि को PRABANDH PORTAL (https://samagrashiksha.in) पर तत्काल बुक कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।
राशि का उपयोग योजना के दिशानिर्देश, शिक्षा मंत्रालय की गाईड लाईन एवं लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013 एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित किया जावे।
उक्त गतिविधि वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट सत्र 2024-25 में निम्न मद में अनुमोदित की गई है-
5- Quality Intervention .5.1- NIPUN Bharat Mission 5.1.1 – Nipun Bharat Mission (FLN) 1-Teaching Learning Materials for implementation of Innovative pedagogies यह सक्षम स्तर से अनुमोदित है। NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
सृजनात्मक :- मिटटी / क्ले से खिलौने बनवाना, पेन्टिंग करवाना / कॉट्न, लीफ, थ्रेड, veg, Finger, Thumb – आदि ।
कॉलाज बनवाना :- स्वतन्त्र रूप से पिक्चर कटिंग देकर उनका कॉलाज बनवाना जैसे-फल, सब्जी, अनाज के पिक्चर एक डिब्बे में डाल कर रखना और फिर उन्हें एक निश्चित समय देकर सब्जीयों का कॉलाज बनवाना दूसरे से फल और तीसरे से अनाज का जो निश्चित समय में सबसे ज्यादा पिक्चर लगाएगा वह विजेता होगा ।
भाषायी विकास :- जंगली, पालतु जानवरों के समान ध्वनि निकालना, समान आकृतिया को बताना,
कॉलाज के चित्रों के आधार पर कम समय में कहानी बुलवाना ।
अलग-अलग पिक्चर लगाकर कॉलाज तैयार करके रखना ।
पिक्चर व चार्ट देना स्वंय लगाकर कहानी बनवाना ।
उक्त कार्य समूह के रूप में या व्यक्तिगत रूप से कराये जा सकते है।
(मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी / पीईईओ / यूसीईईओ हेतु)
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
निपुण मेला दिशा निर्देश,निपुण मेला, निपुण भारत अभियान में विकासात्मक लक्ष्यों में कौनसा नहीं है, निपुण मिशन, निपुण भारत मिशन गीत,निपुण भारत अभियान गीत, निपुण लोगों, निपुण भारत मिशन इन हिंदी, निपुण भारत मिशन, निपुण का उद्देश्य, निपुण भारत मिशन के उद्देश्य, निपुण हिमाचल मिशन, nipun mela kya hota hai, निपुण का लोगो, कुशल निपुण, निपुण कार्यक्रम, कला किट दिशा निर्देश, निपुण भारत गीत, nipun mela kya hai,
निपुण भारत चित्र, निपुण लक्ष्य तालिका, निपुण तालिका, निपुण भारत मिशन मराठी माहिती, निपुण भारत मिशन मराठी pdf, निपुण भारत पोस्टर, एफएलएन मिशन के दिशा निर्देश, निपुण योजना, निपुण भारत रंगोली, निपुण प्रतिज्ञा, संशोधित निपुण लक्ष्य, निपुण भारत मिशन में कितने लक्ष्य है, निपुण भारत मिशन में लक्ष्य कितने हैं, निपुण मेला दिशा निर्देश 2024, निपुण मेला दिशा निर्देश 2025, निपुण मेला दिशा निर्देश 2023, निपूर्ण भारत मेला, NIPUN MELA, NIPUN MAILA, NIPUN BHARAT MELA,
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें
Mission Start 2023 24 / मिशन स्टार्ट 2023 :- शिक्षा विभाग द्वारा “ब्लेन्डेड मोड ऑफ लर्निंग” के प्रयोग से शिक्षा को प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। डिजिटल शिक्षा सभी शिक्षार्थियों के लिए एक आनन्ददायक साधन है । विशेष रूप से स्कूली विद्यार्थियों के सीखने के लिए यह एक अत्यन्त प्रभावी माध्यम सिद्ध हो रहा है, क्योंकि डिजिटल शिक्षा से मिलने वाली ऑडियो वीडियो सुविधा विद्यार्थियों के मस्तिष्क में ना केवल संज्ञानात्मक तत्वों की वृद्धि करती है बल्कि विद्यार्थियो में विषय के प्रति रोचकता एवं उत्साह को भी बढ़ाती है।
इसी के दृष्टिगत माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वाधान में 05 सितम्बर, 2023 को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में विभागीय नवाचार फ्लैगशिप कार्यक्रम Mission Start 2023 24 का शुभारम्भ किया गया है। मिशन स्टार्ट 2023
यह कार्यक्रम राज्य के दूरदराज के इलाकों मे अध्ययनरत् उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया है, जहां शिक्षा की पहुंच पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है अर्थात् या तो इन विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त है अथवा अन्य किसी कारणवश विषयाध्यापकों की उपलब्धता में कमी है।
Mission Start 2023 24 के माध्यम से ऐसे समस्त विद्यालयों में विषयाध्यापकों के पदरिक्ति अथवा शिक्षक अनुपस्थिति की स्थिति में कक्षा 9 से 12 के विद्य ार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कन्टेन्ट के माध्यम से अध्ययन करवाया जाकर यह सुनिश्चित किया जाना है कि शिक्षकों की कमी अनुपस्थिति का प्रतिकूल प्रभाव विद्यार्थी की अध्ययन निरन्तरता पर न हो।
मिशन स्टार्ट 2023 Mission START 2023 24 के उद्देश्यः-
जिन विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के विषयाध्यापकों के पद रिक्त है, अथवा किसी भी कारणवश (यथा दुर्घटना, मातृत्व अवकाश, अन्य मेडिकल आपात स्थितियों में) शिक्षक की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में विद्यार्थियों को उक्त विषय का Mission Start 2023 24के तहत डिजिटल माध्यम से शिक्षण करवाया जाना है ।
विद्यालयों में उपलब्ध क्रियाशील आईसीटी लैब, कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधन यथा स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी.डी/प्रोजेक्टर / इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि की उपलब्धता का आंकलन किया जाकर इन समस्त डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग विद्यार्थी शिक्षण में किया जाना है।
शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में सभी विषयों का ई-कन्टेन्ट उपलब्ध करवाना । ई–कन्टेन्ट की उपलब्धता परिस्थितिनुसार हार्ड डिस्क, पैनड्राईव आदि के माध्यम से सुनिश्चित करवाना तथा ई-कन्टेन्ट की मैपिंग करना ।
विद्यालयों में उपलब्ध इंटरनेट का समुचित उपयोग कर विभागीय यूटयूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों का शिक्षण सुनिश्चित करना है ।
विद्यालय की आवश्यकता के अनुसार ब्लेंडेड मॉड ऑफ टीचिंग (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से) के लिए समुचित समय सारणी तैयार करवाना तथा करवाना ।
मिशन स्टार्ट 2023 Mission Start 2023 24 कार्यक्रम का क्रियान्वयन :-
विद्यालयों में आईसीटी लैब्स तथा कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधन यथा स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी. डी/प्रोजेक्टर/इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि उपलब्ध है। अतः इन संसाधनों के उचित उपयोग से विभाग के दक्ष शिक्षकों के द्वारा निर्मित इस ई-कंटेट को विद्यालयों तक पहुंचाया जाना और इसका समुचित उपयोग करवाना विभाग की प्राथमिकता है।
डिजिटल लर्निंग विद्यार्थियों को अपनी सीखने की गति के अनुसार अध्ययन करने की सुविधा प्रदान करता है साथ हीं शिक्षक भी नवाचारों एवं नये विचारों के समावेशन से अपने अध्यापन को अधिक प्रभावी बना सकते है। डिजिटल शिक्षा द्वारा विद्यार्थियों का समग्र विकास भी किया जा सकता है। क्योंकि इन्हीं सभी बिन्दुओं के मद्देनजर विभाग द्वारा मिशन स्टार्ट कार्यक्रम को प्रारम्भ किया गया है।
लक्षित समूह – कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी ।
विद्यालय में हार्डवेयर उपलब्धता एवं क्रियाशीलता की स्थिति :-
Mission Start 2023 24 कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समस्त अधिकारीगण अपने परिक्षेत्र के समस्त विद्यालयों में उपलब्ध आईसीटी योजनान्तर्गत अथवा भामाशाह या अन्य किसी भी माध्यम से उपलब्ध सभी डिजिटल उपकरणों जैसे स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी.डी / प्रोजेक्टर / इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि की उपलब्धता एवं क्रियाशील उपकरणों की संख्या स्वयं के स्तर पर संधारित की जानी है।
साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक उपकरण व आईसीटी लैब्स क्रियाशील स्थिति में रहें ताकि ई-कंटेट द्वारा कक्षाओं का संचालन निर्बाध रूप से हो सके।
सभी अधिकारीगण अपने परिक्षेत्र में कक्षा 9-12 तक शैक्षिक रिक्त पदों का आंकलन करेगें साथ ही विविध परिस्थितियों यथा मातृत्व अवकाश, चाइल्ड केयर लीव, मेडिकल अवकाश इत्यादि किसी भी कारण से शिक्षक लंबे अवकाश पर है तो यह जानकारी भी संधारित करेंगें तथा मांगे जाने पर निदेशालय के अधिकारियों को प्रेषित करेंगें ।
सामान्य आकस्मिक अवकाश की स्थिति में भी शिक्षक के साप्ताहिक पाठ योजना के अनुरूप निर्धारित पाठ्यसामग्री का ई-कंटेट विद्यार्थियों को दिखाया जाना है।
हार्ड डिस्क के माध्यम से : प्रत्येक विद्यालय तक हार्डडिस्क के माध्यम से ई-कंटेट की पहुंच करने के लिए समसा आईसीटी सेल द्वारा इस हेतु 15070 हार्डडिस्क (4TB) की ई-कंटेट सहित विद्यालयों तक पहुंचायी जायेगी। समस्त अधिनस्थों को समसा द्वारा आवश्यकतानुसार तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा ।
विभागीय यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से : विद्यालय में इंटरनेट की उपलब्धता होने की स्थिति में विभागीय यूट्यूब चैनल के माध्यम से कंटेट दिखाया जाना सुनिश्चित करेंगें ।
ई-कंटेट द्वारा निरन्तर कक्षा शिक्षणः विद्यालय में ई-कंटेट की पहुंच सुनिश्चत करने के पश्चात् प्रतिदिन विद्यालयवार निर्धारित समय सारणी के अनुसार कक्षाएं लिया जाना सुनिश्चित किया जाये।
ई-कंटेट की मैपिंगः समस्त पाठ्यक्रम के लिए निर्मित ई-कंटेट में से कौनसा कंटेट किस विषय वस्तु के लिए निर्धारित है इसे स्कूल लैसन गाईडेंस मॉडयूल में वर्णित किया गया है। इस मैपिंग किये गये ई-कंटेट के अनुरूप ही कक्षा-कक्ष में रिक्त कालांश में उसी विषय के शिक्षण के लिए दिये गये ई-कन्टेन्ट के लिंक अथवा सामग्री का हीं उपयोग किया जाये |
Mission Start 2023 24 के तहत विद्यालयवार समय सारणी तैयार करना:-
विद्यालय में रिक्त पदों एवं अनुपस्थित शिक्षकों की संख्या क्रम के लिए बनाये गये स्कूल लैसन गाईडेंस मॉड्यूल के अनुसार विषय के रिक्त कालांश की पूर्ति हेतु उसी विषय के शिक्षण के लिए उपयोग किये जाने के लिए समय-सारणी का निर्माण किया जाना है । उक्त निर्मित समय सारणी का प्रिंट विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाना अनिवार्य रहेगा।
ई-कन्टेन्ट का उपयोगः– कक्षा 9 से 12 तक के शैक्षिक रिक्त पदों के अनुरूप ई-कन्टेन्ट का उपयोग निर्धारित समय सारणी के अनुसार किया जाना है । शालादर्पण मॉड्यूल पर प्रविष्टिः- स्कूल लैसन गाईडेंस मॉड्यूल के अनुसार निर्मित की गई समय सारणी को प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को शालादर्पण मॉडयूल पर प्रविष्ट किया जाना है ।
Mission Start 2023 24 के तहत दायित्व और कर्तव्य
संस्था प्रधान स्तर पर :-
कार्यक्रम की मॉनिटरिंग हेतु विद्यालय स्तर पर एक शिक्षक को Mission Start 2023 24 प्रभारी बनाएगें ।
अपने विद्यालय में कक्षा 9 से 12 के रिक्त पदों एवं अनुपस्थित शिक्षकों के कालांश निर्धारित करते हुए ई-कन्टेन्ट के माध्यम से शिक्षण हेतु समय सारणी का निर्माण करेंगे एवं इस समय सारणी के अनुसार शिक्षण का सुचारू संचालन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे ।
विद्यालयवार समय-सारणी का निर्धारण मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के लिए निर्धारित स्कूल लैसन गाईडेंस मॉडयूल फॉर Mission Start 2023 24 के अनुरूप हीं किया जाना है । रिक्त कालांश की पूर्ति हेतु उसी विषय के शिक्षण के लिए दिये गये ई-कन्टेन्ट के लिंक अथवा सामग्री का हीं उपयोग किया जाना है ।
प्रत्येक शुक्रवार को आगामी सप्ताह की समय सारणी शालादर्पण मॉड्यूल में प्रविष्ट करने का दायित्व मिशन स्टार्ट प्रभारी शिक्षक का रहेगा। उक्त डाटा की कक्षाध्यापक द्वारा शाला दर्पण पर यथासमय प्रविष्टि करवाए । उक्त समय सारणी को प्रिंट करके विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाना सुनिश्चित करेंगे ।
पीटीएम में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करें ।
शिक्षकों का संबलन करने हेतु उनकी बेस्ट प्रेक्टिसेज को सराहेगें व विद्यालय स्तर पर सम्मानित करें ।
Mission Start 2023 24 प्रभारी शिक्षक :-
अपने विद्यालय में कक्षा 9 से 12 के लिए निर्धारित की गई समय सारणी के अनुसार शिक्षण का सुचारू संचालन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे।
प्रत्येक शुक्रवार को आगामी सप्ताह की समय सारणी शालादर्पण मॉड्यूल में प्रविष्ट करना सुनिश्चित करेंगे। उक्त समय सारणी को प्रिंट करके विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेंगे ।
विद्यार्थियों से मिशन स्टार्ट के संबध में निरन्तर फीडबैक लेंगे तथा उन्हें डिजिटल माध्यम से करवाये जाने
वाले शिक्षण के साथ सहजता का अनुभव करने हेतु प्रेरित करेंगे तथा ब्लेंडेड लर्निंग के लाभों से अवगत करवायेंगे ।
विद्यार्थियों के ई-कन्टेन्ट उपयोग की निरन्तर समीक्षा करें ताकि विद्यार्थियों को आने वाली कठिनताओं के बारे में पता लगाया जा सके ।
Mission Start 2023 24 कार्यक्रम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
मिशन स्टार्ट कार्यक्रम का परिचय
5 सितम्बर 2023 को शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री महोदय एवं शिक्षा विभाग द्वारा दूरस्थ इलाकों के ऐसे विद्यालयों के लिए यह कार्यक्रम शुरु किया गया जिसमें शिक्षकों के पद रिक्त या विषयाध्यापकों की कमी होने के कारण विद्यार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कंटेंट के द्वारा पढ़ाई करवाई जाएगी ताकि विद्यार्थियों की अध्ययन की निरंतरता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े ।
मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के विस्तृत दिशा निर्देश इस लिंक से डाऊनलोड करें
आईसीटी लैब, कम्प्यूटर, स्मार्ट बोर्ड, स्मार्ट टीवी, इंटरेक्टिव पैनल का उपयोग करवाना
लक्षित समूह कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाओं जिसमें विषयाध्यापक उपलब्ध नहीं है या दीर्घकालीन अवकाश पर हैं उनके विषयों के अध्यापन के लिए आईसीटी लैब, कम्प्यूटर, स्मार्ट बोर्ड, स्मार्ट टीवी, इंटरेक्टिव पैनल जो भी डिजिटल संसाधन उपलब्ध है का उपयोग कर विद्यार्थियों को निरंतर अध्ययन करवाना है ।
‘मिशन स्टार्ट कार्यक्रम की क्रियान्विति की समस्याओं का समाधान कैसे करें को विडियो से समझें
आजादी का अमृत महोत्सव AJADI KA AMRIT MAHOTSAV 12 TO 15 AUGUST अगस्त को हर घर तिरंगा कार्यक्रम
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राजस्थान के समस्त राजकीय व गैर–राजकीय विद्यालयों में 12 अगस्त को एक ही समय में एक साथ देशभक्ति गीतों का सामूहिक गायन कराया जाना है राजस्थान सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम राज्य के सभी विद्यालय में विधार्थी सहित पुरे राज्य में देश भक्ति गीतों के साथ मनाया जाना है
आजादी का अमृत महोत्सव
विद्यार्थियों में देशप्रेम की भावना जागृत करने के उद्देश्य से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राजस्थान के समस्त राजकीय व गैर–राजकीय विद्यालयों में दिनांक : 12 अगस्त, 2022 को प्रात: 10.15पर एक ही समय में एक साथ देशभक्ति गीतों का सामूहिक गायन करवाया जाएगा। यह कार्यक्रम राज्य, जिला, ब्लॉक और विद्यालय स्तर पर आयोजित किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम बाबत् निर्देश जारी किए गये हैं
आजादी का अमृत महोत्सव
दोस्तों हम यंहा केवल विद्यालय स्तर के कार्यक्रम की रुपरेखा की बात कर रहे है अतः सभी शिक्षक साथी व विधार्थी अपने-2 साथियों तक इस पोस्ट को अवश्य शेयर करे जिससे आजादी के अमृत महोत्सव की रुपरेखा से सभी तक पहुंच जाए
प्रत्येक राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में उक्त कार्यक्रम में गाए जाने वाले गीतों को समस्त विद्यार्थियों द्वारा एक लय एवं ताल में गाए जाने हेतु प्रतिदिन आखिरी कालांश में नियमित अभ्यास करवाया जाएगा। कार्यक्रम में गाए जाने वाले गीत निर्धारित क्रम में निर्धारित स्क्रिप्ट के अनुसार ही गाए जाने है जिसका यू ट्यूब वीडियो निचे उपलब्ध करवाया जा रहा है
समस्त नोडल अधिकारी विद्यार्थियों द्वारा गीतों को गाए जाने का अभ्यास निर्धारित ऑडियों, जिसका यू-ट्यूब लिंक
इस कार्यक्रम को विश्व रिकार्ड में सम्मिलित किए जाना अपेक्षित किया गया है
कार्यक्रम की फोटो अपलोड यंहा करे
जिला एवं ब्लॉक स्तरीय कार्यकम के 5–5 फोटों व वीडियों (जो 02 मिनट से ज्यादा न हो) जी मेल अकाउंट पर अपलोड करने है जिसकी लिंक आपको निचे उपलब्ध करवाई जा रही है
उप निदेशक (शाला दर्पण), जयपुर नोडल अधिकारी नियुक्त
एक साथ सभी विद्यालयों में देशभक्ति गीत सामूहिक रूप से एक साथ गायन होने के कारण यह अनूठा कार्यक्रम रहेगा। उक्त कार्यक्रम को संबंधित रिकार्ड बुक में रिकार्ड बनने के लिए की जाने वाली कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु उप निदेशक (शाला दर्पण), जयपुर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गयाहै।
समस्त CBEO & CDEO अपने जिले के समस्त विद्यालयों के दो–दो फोटोग्राफ अपने ई-मेल पर सुरक्षित रखेंगे।
कार्यक्रम का स्वरूपः
देशभक्ति गीत गायन कार्यक्रम सज्य, जिला, ब्लाक व विद्यालय स्तर पर निम्नांकित निर्धारित कम में ही देशभक्ति गीत सामूहिक रूप से गाये जाएंगे। उक्तानुसार कार्यकम में देशभक्ति गीतो का कम निम्नांकितानुसार रखा जाएगा।
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम, वंदे मातरम
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है बाट-बाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती हैं बलिदान की वंदे मातरम, वंदे मातरम
ये हैं अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे बोल रही है कण कण से क़ुर्बानी राजस्थान की इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम, वंदे मातरम
देखो मुल्क मराठों का यह यहां शिवाजी डोला था मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था हर पर्वत पे आग जली थी हर पत्थर एक शोला था बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था शेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम, वंदे मातरम
गीत-झण्डा ऊंचा रहे हमारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झण्डा ऊँचा रहे हमारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
सदा शक्ती बरसाने वाला प्रेम सुधा बरसाने वाला वीरों को हर्षाने वाला मातृ भूमी का तन मन सारा मातृ भूमी का तन मन सारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
स्वतंत्रता के भीशण रण में रख कर जोश बढ़े क्षण-क्षण में काँपे शत्रु देखके मन में मिट जाये भय संकट सारा मिट जाये भय संकट सारा……….
गीत- हम होंगे कामयाब एक दिन
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब हम होंगे कामयाब एक दिन हो हो मन मे है विश्वास, पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिनहोंगी शांति चारो ओर एक दिन हो हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास होगी शांति चारो ओर एक दिन(होंगी शांति चारो ओर)-3 होंगी शांति चारो ओर एक दिन हो हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास होगी शांति चारो ओर एक दिनआ.. आ..
(हम चलेंगे साथ-साथ लेके हाथों में हाथ हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन हो हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन)-2
(नहीं डर किसी का आज नहीं डर किसी का आज नहीं डर किसी का आज एक दिन हो हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास नहीं डर किसी का आज एक दिन)-2
(हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब हम होंगे कामयाब एक दिन हो हो मन मे है विश्वास, पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन)-2
(हम होंगे कामयाब एक दिन)-3
राष्ट्र गान
जन-गण-मन अधिनायक जय हे भारत-भाग्य-विधाता पंजाब-सिन्ध-गुजरात-मराठा द्राविड़-उत्कल-बंग विन्ध्य-हिमाचल, यमुना-गंगा उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे तव शुभ आशिष मांगे गाहे तव जय गाथा जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत-भाग्य-विधाताजय हे, जय हे, जय हे जय-जय-जय, जय ह
बैग फ्री सैटरडे कालांश वार नो बैग डे – शिक्षा में नई चेतना की ओर एक कदम
राजस्थान बजट 2020 में शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न जनउपयोगी- शिक्षा उपयोगी घोषणाओं के लिए राजस्थान सरकार का हार्दिक अभिनंदन। विशेष रुप से शनिवार को बस्ते की छुट्टी करने के लिए अर्थात बैग फ्री सैटरडे घोषित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी और शिक्षा मंत्री महोदय का हृदय की गहराइयों से बहुत-बहुत अभिनंदन साधुवाद। जितने व्यापक स्तर पर इस घोषणा स्वागत हुआ है उससे स्पष्ट है कि यह जन आकांक्षाओं के अनुरूप लिया गया निर्णय हैं और बहुतायत में सभी ने इसकी प्रशंसा की है।
राजस्थान सरकार ने शनिवार को बैग फ्री सैटरडे की घोषणा की है । ठीक प्रकार से क्रियान्वित होने पर यह संकल्पना ,यह योजना शिक्षा के वास्तविक उद्देश्यों और लक्ष्यों के अनुरूप हैं ।स्वामी विवेकानंद से लेकर महात्मा गांधी तक तमाम विद्वानों ने शिक्षा को व्यक्ति की अंतर्निहित शक्तियों का प्रकटीकरण करने वाला बताया है , मन बुद्धि और आत्मा का विकास करने वाला बताया है। शनिवार के दिन बिना बस्ते के भी बहूत कुछ सीखा जा सकता है और यह होने वाली पढ़ाई एवं गतिविधियां बालक के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करने में सहायक सिद्ध होगी। यह योजना भारतीय शिक्षण पद्धति के अनुरूप है।
यह वर्ष पूज्य महात्मा गांधी जी के जन्म का 150 वां वर्ष है और सौभाग्य से यह योजना महात्मा गांधी की बुनियादी शिक्षा के सिद्धांतों के अनुरूप हैं । इससे बहुत सारे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष लाभ होंगे। शिक्षा में पाठ्य सहगामी क्रियाओं का भी महत्व रेखांकित होगा एवं शिक्षक पर गंभीरता से लेंगे क्योंकि पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाओं की बालक के व्यक्तित्व के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है।
बच्चे भारी भरकम बस्ते के बोझ से मुक्त तनाव रहित होकर शिक्षा को आनंद मय वातावरण में उत्सव के रूप में ग्रहण करें, इस दृष्टि से पिछले 12 वर्षों से बस्ते का बोझ कम करने की दिशा में प्रयत्नशील हूँ। समाधान स्वरूप मासिक पाठ्य पुस्तक एवं शनिवार को बस्ते की छुट्टी की संकल्पना की थी। सौभाग्य से दोनों ही सुझावों को धीरे धीरे मान्यता मिल रही है।
शनिवार के दिन बिना बस्ते के पढ़े जा सकने वाले शिक्षण बिंदुओं को एक आलेख के रुप में लिखा था । जो शिविरा पत्रिका में भी प्रकाशित हुआ। यदि इस प्रकार से कालांश विभाजन की योजना बन जाएगी तो यह बैग फ्री सैटरडे योजना सरलता से सफलतापूर्वक क्रियान्वित हो सकेगी।
बस्ता मुक्त शनिवार क्यो-
कंधे पर भारी भरकम बस्ते का बोझ, एक हाथ में पानी की बोतल दूसरे हाथ में लंच बॉक्स के साथ( निजी विद्यालय) लिए धीमी गति से …थके थके से चलते पांव एवं मासूम चेहरों को देखते ही मन में पीड़ा होती हैं ।हम उसे सभ्य ,सुसंस्कृत ,सुयोग्य नागरिक बनने की शिक्षा दे रहे हैं अथवा केवल कुशल भारवाहक बनने का प्रशिक्षण ??
बचपन की मस्तियां ,शैतानियां, नादानियां ,किलकारियां, निश्छल हँसी ,उन्मुक्तता , जिज्ञासा आदि अनेक बालसुलभ क्रियाओं को बस्ते के बोझ ने अपने वजन तले दबा दिया है । बचपन का सावन, , कागज की कश्ती और बारिश के पानी के बालक केवल बातें ही सुनता है । स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के बस्ते का लगातार बढ़ता हुआ बोझ एक समस्या के रूप में समाज के सामने है । आजादी के बाद से ही इस पर लगातार चिंतन मनन होता रहा है और लगभग सभी शिक्षा आयोगों ,समितियों ने इसकी चर्चा की है, इस बोझ को कम करने की सिफारिश भी की है।बैग फ्री सैटरडे कालांश वार नो बैग डे – शिक्षा में नई चेतना की ओर एक कदम
शिक्षा क्या है-
शिक्षा बालक के सर्वांगीण विकास का आधार है । सा विद्या या विमुक्तये हो या विद्या ददाति विनयम ….मन बुद्धि और आत्मा के विकास की बात हो अथवा बालक की अंतर्निहित शक्तियों के प्रकटीकरण की बात ….शिक्षा मूल रूप से जीवन का आधार है, शिक्षा के बारे में मूल भारतीय चिंतन यही है । विभिन्न विद्वानों और विचारकों ने शिक्षा की परिभाषा में अलग-अलग शब्दों में इन्हीं भावों और उद्देश्यों को रेखांकित किया है। किंतु वर्तमान शिक्षा प्रणाली और परीक्षा प्रणाली बालक को केवल रटना सीखा रही हैं। उसे अधिकाधिक अंकों की दौड़ में प्रतिस्पर्धी मात्र बना रही है । ऐसे में सर्वांगीण विकास की बात अधूरी रह जाती हैं । बालकों की जन्मजात प्रतिभाएं, रुचियाँ एवं नैसर्गिक बचपन इस होड़ाहोडी में उलझ कर रह गये है । भारी भरकम बस्ते के बोझ तले पीसता बचपन अभिभावकों एवं स्कूल की ऊँची अपेक्षाओं की बलि चढ़ रहा है । बाल सुलभ जीवन चर्या के विपरीत उसका जीवन तनावपूर्ण हो रहा है । यह समस्या मनोवैज्ञानिकों ,समाजशास्त्रियों, शिक्षाविदों एवं अभिभावकों के लिए भी चिंता का कारण बनी है।
बस्ता शिक्षा का आधार नहीं है, न ज्ञानार्जन की प्रक्रिया भारी भरकम बस्ते पर अवलम्बित है। अक्सर विद्यालय से छुट्टी के बाद बालक घर जाकर जिस तरह से बस्ते को रखता हैं, पटकता है उससे उसके बालमन पर बस्ते और स्कूल के तनाव को सहजता से समझा जा सकता है।
एक शिक्षक के रूप में मैंने इस समस्या को निकट से अनुभव किया हैं । मैं पिछले 12 वर्षों से बस्ते के बोझ की समस्या को हल करने के लिए प्रयासरत हूं और इस अवधि में समाधान के रूप में दो विकल्प देश भर के शिक्षा प्रेमियों शिक्षाविदों , शिक्षकों और अभिभावकों के सामने रखे हैं। इन प्रयासों को एक बड़ा मुकाम मिला जब कुछ वर्ष पूर्व दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं NCERT के तत्वावधान में बस्ते की बोझ की समस्या के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ ।मैं भी इस कार्यशाला में आमंत्रित था। इस कार्यशाला में मुझे देश के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षाविदों और अधिकारियों के सामने अपने सुझाव रखने का अवसर मिला।समस्या ही नहीं समाधान की भी चर्चा होनी चाहिए, इस बात का अनुसरण करते हुए मैंने अपने दो सुझाव प्रस्तुत किये ।ये सुझाव देश भर में चर्चा का विषय बने। एक सुझाव को देश के विभिन्न राज्यो द्वारा लागू किया है । साथ ही केंद्रीय विद्यालय संगठन ने देश भर में प्राथमिक कक्षाओं के लिए भी इस सुझाव को लागू किया है।
मेरा सुझाव था कि सप्ताह में एक दिन बस्ते की छुट्टी कर दी जाए। देश के विभिन्न भागों में कर्मचारियों के लिए “फाइव डे वीक” की योजना चलती है जिसमें सरकारी कार्यालय सप्ताह में 5 दिन ही खुलते हैं ।
शनिवार को विद्यालयों की छुट्टी भले न करें पर शनिवार को बस्ते की छुट्टी अवश्य कर देनी चाहिए अर्थात बच्चे एवं स्टाफ विद्यालय तो आएँ किंतु बस्ते के बोझ से मुक्त होकर व होमवर्क के दबाव के बिना। यहां सहज कुछ प्रश्न खड़े होते है। पहला तो यह कि यदि बच्चे बस्ता नहीं लाएँगे तो विद्यालय में करेंगे क्या ?
समाधान है सप्ताह में एक दिन बच्चे शरीर, मन, आत्मा का विकास करने वाली शिक्षा ग्रहण करेंगे। अपनी प्रतिभा का विकास करेंगे। शिक्षा शब्द को सार्थकता देंगे। और इस शनिवार को नाम दिया “आनंदवार ” अर्थात शनिवार की शिक्षा बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ आनंद उल्लास और उमंग देने वाली भी हो।
यह एक प्रयास हैं बालक को तनाव मुक्त, आनंददायी, सृजनात्मक/प्रयोगात्मक शिक्षा देने का । वर्तमान में चल रही शिक्षा प्रणाली में बिना ज्यादा बदलाव किए, वर्तमान दायरे में रह कर भी शिक्षा को सहज, बोधगम्य, तनाव रहित, व्यक्तित्व के विभिन्न आयामों का विकास करने वाला बनाया जा सकता है। ऐसी अनेक बातें है,विभिन्न प्रकार के विषय है जो क्रिया आधारित है। जिनके लिए किताब या बस्ता ज़रूरी नहीं है। आनंदवार अर्थात शनिवार को भी नियमानुसार कालांश तो लगे पर उनका प्रकार कुछ बदला सा हो। “सादर विचारार्थ” सुझाव स्वरूप यह कालांश योजना प्रस्तुत है जिनके आधार पर दिनभर की गतिविधिया सम्पन्न हो सकती है।बैग फ्री सैटरडे कालांश वार नो बैग डे – शिक्षा में नई चेतना की ओर एक कदम
प्रथम कालांश – “योग, आसन, प्राणायाम व्यायाम”
प्रार्थना सत्र के पश्चात पहला कालांश योग-आसन, प्राणायाम, व्यायाम का रहे। बालक का शरीर स्वस्थ रहेगा, मज़बूत बनेगा तो निश्चित रूप से अधिगम भी प्रभावी होगा। कहा भी गया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है । प्राणायाम-व्यायाम के संस्कार विद्यार्थी के लिए जीवन पर्यंत काम आएँगे। इस कालांश में कौन से योग व्यायाम करवाना इसके लिए हमारे विभाग मे बहुत से एक्सपर्ट शारीरिक शिक्षक उपलब्ध है उनसे सलाह करके एक कॉमन योग कार्यक्रम तय किया जा सकता है । इसका एक सरल तरीका और है । विश्व योग दिवस का जो प्रोटोकॉल है, वह भी लगभग 40 मिनिट का है, उसका अभ्यास हो सकता है। उसमें सब प्रकार के योग व्यायाम एवं प्राणायाम सम्मिलित हैं । उसे हुबहू भी अपना सकते हैं अथवा कुछ संशोधन करके भी अपना सकते हैं । इस पहले कालांश को शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए काम में लिया जाना चाहिए
दूसरा कालांश – श्रमदान / स्वच्छता / पर्यावरण संरक्षण
इस कालांश में विद्यालय परिसर की स्वच्छता का कार्य, श्रमदान एवं पर्यावरण संबंधित कार्यों का निष्पादन होगा। विद्यालय में वृक्षारोपण, उनकी सार संभाल, सुरक्षा, पानी पिलाना, आवश्यकता होने पर कटाई-छंटाई, कचरा निष्पादन आदि कार्य।
तीसरा कालांश – संगीत अभ्यास
इस कालांश में गीत अभ्यास, राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान, प्रतिज्ञा, प्रार्थना का अभ्यास हो। कई बार यह देखा जाता है कि वर्षों तक विद्यालय में पढ़ने के बावजूद कुछ छात्रों को प्रार्थना और प्रतिज्ञा भी याद नहीं हो पाते हैं ,यह कालांश उनके लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा ।उपलब्ध हो तो वाद्ययंत्र का अभ्यास और कभी-कभी डांस क्लास (नृत्य अभ्यास) भी इस कालांश में करवाया जा सकता है।
चतुर्थ कालांश – खेलकूद
कुछ खेल इनडोर हो सकते है कुछ आउटडोर हो सकते है। अत्यधिक धूप की स्थिति में कक्षा कक्ष में ही दिमागी खेल, छोटे समूह के खेल इत्यादि हो सकते है। कुल मिलाकर इस खेल कालांश के लिए दो प्रकार की योजनाएं की जानी चाहिए – इंडोर गेम्स और आउटडोर गेम। शारीरिक शिक्षकों की सलाह लेकर ऐसे अलग-अलग खेलों की विस्तृत सूची बनाकर सभी विद्यालयों को देनी चाहिए। बहुत सारे खेल ऐसे होते हैं जिन्हें बिना किसी साधन के भी अथवा न्यूनतम खर्च के संसाधनों के द्वारा खेला जा सकता है जैसे कबड्डी, विभिन्न प्रकार के दौड़े ,रुमाल झपट्टा ,ऊंची कूद लंबी कूद इत्यादि
पंचम कालांश -अभिव्यक्ति कालांश
मध्यावकाश बाद के इस कालांश में कविता,नाटक, वाद-विवाद समूह चर्चा (ग्रुप डिस्कशन) अंत्याक्षरी (हिन्दी- अग्रेंजी) चित्रकला इत्यादि। बस्ता नहीं लाना है तो चित्रकला की कॉपी भी नहीं लानी है।अतः श्यामपट्ट पर, कक्षा कक्ष अथवा बरामदे में फर्श पर चॉक से, मैदान में पेड़ों की छांव तले मिट्टी पर पानी छिड़क कर छोटी लकड़ी से भी चित्र बनाए जा सकते है। मैदान के कंकरों की सहायता से रंगोली भी बनायी जा सकती है।यह प्रयोग हमने किया हुआ है। कंकर को रंग करने के बाद उनसे विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां और रंगोलियां बनाई जा सकती है। इसमें लाभ यह है कि एक बार काम में लेने के बाद इन्हें पुनः काम में लिया जा सकता है जबकि सामान्य रंगोली के कलर दोबारा काम नहीं आ सकते । साथ ही बड़ी कक्षाओं में समूह चर्चा के लिए बहुत सारे विषय छाँट कर उनकी एक विस्तृत सूची बनाकर समस्त विद्यालयों को उपलब्ध करवाई जा सकती है । वर्ष भर में लगभग 40 शनिवार कार्य दिवस के रूप में आएंगे । ऐसे में लगभग 80 विषयों की सूची बनाकर विद्यालय को देनी चाहिए जिनमें से शिक्षक अपनी सुविधानुसार कक्षाओं में समूह चर्चा ले सकें जैसे पर्यावरण संरक्षण, साक्षरता में हमारी भूमिका, सड़क सुरक्षा, हमारे महापुरुष ,आदर्श विद्यार्थी के गुण, मेरा गांव मेरा गौरव, स्वास्थ्य के आधार बिंदु ,भोजन क्या करें कैसे करें …इत्यादि बहुत सारे विषय हो सकतेहैं
षष्ठम कालांश – पुस्तकालय एवं वाचनालय
इस कालांश में सभी कक्षाओं में छात्र संख्या के अनुरूप पुस्तकें वितरित की जाएं। पुस्तकालय प्रभारी संबंधित कक्षाओं के शिक्षकों को पुस्तकें देंगे। इस कालांश में पढ़कर पुनः शिक्षक के माध्यम से पुस्तकालय प्रभारी को जमा करना है। लगभग सभी विद्यालयों में जितने विद्यार्थी हैं इतनी पुस्तकें तो उपलब्ध है ही। उससे ज्यादा भी हो सकती हैअपवाद स्वरूप यदि किन्हीं विद्यालयों में पुस्तकालय में पुस्तक नहीं है तो बैग फ्री सैटरडे के बहाने वहां भी पुस्तकालय विकसित हो जाएगा।किसी न किसी योजना से सभी विद्यालयों में पुस्तकालय तो होना ही चाहिए
सप्तम कालांश -मौखिक गणित एवं भूगोल
यह भी अनेक बार का अनुभूत प्रयोग हैं ,कई बार करवाया है और बच्चों को इसमें बड़ा आनंद आता है । पहाड़ा अभ्यास, हाथ की अंगुलियों पर -टिप्स पर सामान्य गणितीय क्रियाओं का मौखिक अभ्यास, जोड बाकी गुणा भाग, प्रतिशत बट्टा आदि। साथ ही इस कालांश में सामान्य ज्ञान एवं भूगोल को भी पढ़ाया जा सकता है। मानचित्र परिचय, विश्व, भारत, राजस्थान के राजनैतिक, प्राकृतिक मानचित्र का अवलोकन, उसमें अलग अलग स्थानों को , नदी, पर्वत खोजना इत्यादि। (उपलब्ध हो तो इस कालांश में कम्प्यूटर शिक्षण भी हो सकता है।)
अष्टम कालांश – अभिप्रेरणा
बालसभा, बोधकक्षा, नैतिक शिक्षा, कैरीयर गाईडेंस इत्यादि। सप्ताह भर में आने वाले सभी उत्सव एवं महापुरुषों की जयंतियों का आयोजन भी इस कालांश में हो सकता है।
पहला एवं अन्तिम कालांश सामूहिक भी रह सकता है और सुविधानुसार कक्षानुसार भी हो सकता है।
कालांशो के विषय सुझाव स्वरूप उल्लेखित किए है। विभागीय आदेश ही मान्य होंगे। इनका क्रम विद्यालय स्तर पर सुविधानुसार निर्धारित किया जा सकता है, कक्षानुसार बदला जा सकता है।
बैग फ्री सैटरडे का अर्थ यह कतई नहीं है की अध्ययन अध्यापन में कोई कंजूसी हो । पांच दिन जमकर पढाई और छठे दिन शनिवार को व्यक्तित्व विकास, सजृनात्मकता अभिव्यक्ति। बैग फ्री सैटरडे की आर्थात आनंदवार की योजना से हमारी कालांश व्यवस्था में भी बहुत विशेष फर्क नहीं पड़ेगा कारण की सभी कक्षाओं में प्रतिदिन एक न एक पीरियड कला शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा या समाजोपयोगी कार्य के के नाम पर होता है । सप्ताह भर के उन सारे कलांशो को मिलाकर शनिवार के 1 दिन में मर्ज करना, इतनी सी बात है ।विभिन्न विषयों को मिलने वाले अध्ययन अध्यापन के कालांश उतने ही रहेंगे । जितने भी सह शैक्षणिक आयोजन करने हैं रैली इत्यादि निकालनी है वह सभी आयोजन इस बैग फ्री सैटरडे को हो सकते हैं शेष 5 दिन केवल शुद्ध रूप से अध्यापन अध्ययन कार्य ही चले ।
इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा बेग फ्री सेटरडे की घोषणा मौजूदा शिक्षा प्रणाली में बिना बदलाव के, बिना किसी वित्तीय भार के इस उपाय से शिक्षा को आनंददायी और विद्यालय परिसर को जीवन निर्माण केन्द्र बना सकने में सक्षम होगी। विद्यार्थियों के सामने भविष्य में आने वाली सामाजिक, स्वास्थ्य एवं नैतिक मूल्यों से जुडी चुनौतियों का सामना करने वाली पीढ़ी के निर्माण में इस विचार की क्रियान्विति महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकती है।
पुनः एक बार शनिवार को बस्ते की छुट्टी करने के लिए अर्थात बैग फ्री सैटरडे लिए राज्य सरकार का , शिक्षा मंत्री जी का बहुत-बहुत आभार, धन्यवाद, अभिनंदन - संदीप जोशी, जालोर
राजस्थान में शिक्षा के बढ़ते कदम : क्रमवार जानकारी RKSMBK STEP WISE WORK PLAN
यहाँ पर राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कार्यक्रम की सामग्री और आवश्यक गतिविधियों की विस्तृत जानकारी का मेन्यूअल जो कि राजस्थान शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा विकसित किया गया हैं, को आपकी सुविधा और कार्य कुशलता को बढाने के उद्देश्य से अपलोड की गयी हैं |
पंचायत स्तरीय प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों के लिए फीडबैक form
RKSMBK – Panchayat Trainings – PEEO/UCEEO Feedback Form
यह फॉर्म केवल PEEO-UCEEO/KRP द्वारा भरा जाना है।
यह फीडबैक फॉर्म केवल भविष्य में प्रशिक्षण को बेहतर बनाने के लिए एकत्र किया जाता है। कृपया प्रशिक्षण के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट प्रतिक्रिया साझा करें।
RKSMBK – Panchayat Trainings – Teacher Feedback Form
यह फॉर्म केवल शिक्षकों द्वारा भरा जाना है। फॉर्म पूरी तरह से गुमनाम है। शिक्षक के नाम, व्यक्तिगत संपर्क विवरण एकत्र नहीं किए जाते हैं।
यह फीडबैक फॉर्म केवल भविष्य में प्रशिक्षण को बेहतर बनाने के लिए एकत्र किया जाता है। कृपया प्रशिक्षण के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट प्रतिक्रिया साझा करें।
नमस्कार आदरणीय शिक्षक बंधुओ ! यहाँ आपको राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम की विस्तृत PPT सलग्न की हैं | हमने इस PPT के लिंक सार्वजनिक प्लेटफोर्म और सोशल मिडिया से लेकर आप तक सुविधा के लिए उपलब्ध करवाया हैं| और इन्हें बहुत सावधानी पूर्वक अटेच किया हैं फिर भी आपसे आग्रह हैं कि आप इन्हें डाउनलोड करके जांच ले परख ले पुष्टि होने पर ही इनका उपयोग करें, विस्तृत और प्रतिपुष्ट जानकारी के लिए विभागीय वेबसाईट का अवलोकन करें| शाला सुगम किसी भी त्रुटी और कमी के लिए जिम्मेदार नही हैं
यहाँ पर हमारे कुछ मित्रो और साथियों द्वारा सोशल मिडिया का उपयोग करके समूह निर्माण किया हैं जिसमे शिक्षक, शिक्षार्थी और प्रतियोगी के लिए आवश्यक सामग्री यथा आदेश, सर्कुलर, नियमावली, अध्ययन सामग्री के साथ शिक्षा विभाग से जुड़े कई प्रकार की सामग्री निशुल्क और निस्वार्थ शेयर की जाती हैं, आपसे आग्रह हैं कि आप अपनी सहमती से इन सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़ सकते हैं |
नोट : हालांकि हमारी टीम ने इस पेज को तैयार करने में पूर्ण सावधानी रखी हैं फिर त्रुटी संभावित हैं | यहाँ पर यह जानकारी केवल सूचनार्थ हैं | समस्त सूचनाओं के लिए ओफिशियल वेबसाईट और लिंक को विजिट कीजिए |