मातृ पितृ पूजा दिवस (Matri Pitri Pujan Diwas) भारत देश त्योहारों का देश है भारत में गणेश उत्सव, होली, दिवाली, दशहरा, जन्माष्टमी, नवदुर्गा त्योहार मनाये जाते हैं। कुछ वर्षों पूर्व मातृ पितृ पूजा दिवस प्रकाश में आया। आज यह 14 फरवरी को देश विदेश में मनाया जाता है। राजस्थान में भजन लाल सरकार द्वारा प्रदेश भर में आधिकारिक रूप से मनाया जाता है।
मित्रों, इस आर्टिकल में हम आपके लिए आपके विद्यालय में मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas का आयोजन किस प्रकार करना है, इसकी क्या रूपरेखा बनेगी और संपूर्ण कार्यविधि क्या रहेगी? किस प्रकार आपके तिलक वगैरह लगाना है, माता पिताओं का स्वागत करना है और बच्चे किस प्रकार अपने माता पिता की आवभगत करेंगे, उनका स्वागत करेंगे, उनका पूजन कैसे करेंगे? यह संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में लिखने का हमने प्रयास किया है। उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा। तो चलिए शुरू करते हैं…….
विद्यालयों में ‘मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम’ (Matri Pitri Pujan Diwas) आयोजन से संबंधित निर्देश
शहर के सुप्रसिद्ध, बड़े-बड़े विद्यालयों में मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम अवश्य हो, इसका पूरा प्रयास करें।
जिन विद्यालयों में ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश प्रतियोगिता’ हुई, उन सभीमें यह कार्यक्रम अवश्य मनायें ।
विद्यालयों की संख्या आयोजकों की संख्या से अधिक होने पर यह आयोजन 14 फरवरी से कुछ दिन पूर्व भी शुरू किया जा सकता है। बड़े एवं सुप्रसिद्ध विद्यालयों में कार्यक्रम १४ फरवरी को न हो पाये तो उसके पूर्व या दूसरे दिन भी कार्यक्रम कर सकते हैं।
जो साधक संलग्न विधि अनुसार भली प्रकार कार्यक्रम कराने में सक्षम हो, उसे पूजन विधि कराने का दायित्व दें। ऐसी क्षमतावाले एक से अधिक साधक हों तो उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों हेतु नियुक्त करें। विस्तृत पूजन विधि नीचे संलग्न है ।
मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas के कार्यक्रम-स्थल पर समय से पूर्व पहुँचकर भलीप्रकार तैयारी करें।
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद कार्यक्रम के फोटो एवं प्रेसनोट समाचार पत्रों को भेजें। प्रेसनोट का प्रारूप संलग्न है।
मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas हेतु समाचार पत्रों व चैनलों के पत्रकारों, सम्पादकों को कार्यक्रम के पूर्व आमंत्रण दें। क्षेत्र के सज्जन, सुप्रतिष्ठित व्यक्तियों, नगरसेवकों, महापौर, जिलाधीश आदि को प्रधानाचार्य की अनुमति लेकर आमंत्रित कर सकते हैं।
कार्यक्रम के फोटो सहभागियों से जरा दूर खड़े होकर व टेबल आदि पर चढ़कर (ऊँचाई से ) इस प्रकार खींचें कि फोटो में सभी सहभागी दिखें। हॉल में फोटो खींचते समय सभी लाइट्स चालू करें। चुने हुए अच्छे से अच्छे २-३ फोटो प्रेसनोट के साथ दैनिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं को भेजें। समाचार पत्र-पत्रिकाओं की कटिंग्ज भी मुख्यालय जरूर भेजें। सम्भव हो तो फोटो व पेपर कटिंग्ज स्केन करके शीघ्र ही ई-मेल द्वारा भेज दें।
सभी जगह मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas कार्यक्रम आयोजन पूर्ण होने के बाद प्रत्येक समिति द्वारा कुल कितने विद्यालयों एवं कुल कितने विद्यार्थियों को कार्यक्रम में सहभागी बनाया गया तथा कितने पेम्फलेट बाँटे गये, इसकी रिपोर्ट के आधार पर आयोजक समितियों की श्रेणी- सूची मुख्यालय में बनायी जायेगी।
विद्यालय से जुड़े निर्देश :
प्रधानाचार्य हेतु संलग्न किया हुआ पत्र आप अपने लेटर हेड पर उन्हें दें। प्रधानाचार्यों से मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas कार्यक्रम की अनुमति प्राप्त करने में कोई भी समस्या आये तो अपने उच्च अधिकारियो या मित्रो से सम्पर्क करके मार्गदर्शन प्राप्त करें।
कार्यक्रम से पूर्व ही विद्यालय / महाविद्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाने हेतु ‘विद्यार्थियों के लिए सूचना’ संलग्न है। विद्यालयीन प्रार्थना के समय वहाँ के आचार्य विद्यार्थियों को कार्यक्रम एवं सामग्री की जानकारी दे सकते हैं। माता-पिता कुर्सियों अथवा क्लास के बेंचों पर बैठें, बच्चे नीचे चटाई आदि पर बैठें ऐसी व्यवस्था बनायें। विद्यार्थी घर से अपने साथ चद्दर आदि आसन ले आयें।
अभिभावकों को कार्यक्रम में बुलाने हेतु प्रधानाचार्य को आमंत्रण पत्र छपवाकर दें। प्रारूप नीचे संलग्न है।
यदि आमंत्रण- पत्र छपवाना आपके लिए सम्भव नहीं हो तो प्रधानाचार्य / शिक्षक विद्यार्थियों की नोटबुक में यह आमंत्रण पत्र लिखवायें। ध्यान दें, इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक माता-पिता की उपस्थिति हो, तभी कार्यक्रम सार्थक होगा। इसलिए माता-पिता की अधिकाधिक उपस्थिति को महत्त्व दें।
विद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी अपने बच्चों को कार्यक्रम में लाने हेतु प्रेरित करें।
जिन बच्चों के माता-पिता नहीं आ पायेंगे, वे विद्यार्थी भी पूजन सामग्री अवश्य ले आयें। उनके द्वारा माँ सरस्वती का पूजन करवाया जायगा ।
नोट : ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ अपने बाल संस्कार केन्द्रों में भी अवश्य मनायें ।
‘मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम’ की विस्तृत रूपरेखा
शुभारम्भ के साथ बेकग्राउंड में यह नीचे दी गयी धून चलाए
शुभारम्भ :-
संख ध्वनी के साथ कार्यक्रम की शुरुआत करवाये
दीप प्रज्वलन (दीपो ज्योतिः परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः । दीपो हरतु मे पापं दीपो ज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥ )
श्री गणेश वंदना (ॐ गं गणपतये नमः, वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥ ) ३. हरिॐ गुंजन ( सात बार )
गुरुवंदना (गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः… )
माँ सरस्वती की वंदना ( या कुन्देन्दुतुषारहारधवला….)
महिमा माता पिता की महिमा का गीत चलाए
अतिथि स्वागत :-
प्राचार्य द्वारा उद्बोधन ( स्वागत एवं कार्यक्रम का उद्देश्य )
अतिथियों का फूलों द्वारा स्वागत ( चयनित विद्यार्थियों द्वारा )
मातृ-पितृ पूजन विधि :-
१. सर्वप्रथम सद्गुरुदेव के श्रीचित्र का पुष्प आदि से पूजन करें, जिनके पावन मार्गदर्शन से हमें यह कार्यक्रम करने की प्रेरणा मिली ।
२. नीचे दिये क्रमानुसार विधि माइक से बताते जायें।
माता-पिता को स्वच्छ तथा ऊँचे आसन पर बैठायें।
आसन्न विधि
आसन्न श्लोक
विद्यार्थी माता-पिता के माथे पर कुंकुम का तिलक करें।
तत्पश्चात् माता-पिता के सिर पर पुष्प अर्पण करें तथा फूलमाला पहनायें ।
माता-पिता भी विद्यार्थियों के माथे पर तिलक करें एवं सिर पर पुष्प रखें। फिर अपने गले की फूलमाला बच्चों को पहनायें ।
तिलक विधि ध्वनी चलाए
तिलक शलोक की ध्वनी चलाये
विद्यार्थी थाली में दीपक जलाकर माता-पिता की आरती करें। इस समय ‘मात पिता गुरु प्रभु चरणों में…’ भजन (‘भजन दीपांजली’ कैसेट से ) चला सकते हैं। विद्यार्थी अपने माता-पिता एवं गुरु में ईश्वरीय भाव जगाते हुए उनकी सेवा करने का दृढ संकल्प करें।
विद्यार्थी अपने माता-पिता के एवं माता-पिता विद्यार्थी के सिर पर अक्षत एवं पुष्पों की वर्षा करें। * तत्पश्चात् विद्यार्थी अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा करें।
पुष्पमाला फूलमाला विधि
पुष्पमाला फूलमाला गीत
( यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च । तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिण पदे पदे II )
विद्यार्थी अपने माता-पिता को ‘मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas’ बैनर में दिखाये अनुसार झुककर विधिवत् प्रणाम करें।
इस समय माता-पिता अपने बच्चे पर स्नेहाशीष बरसायें और गले से लगायें प्रभु के नाते एक-दूसरे को प्रेम करके अपने दिल के परमेश्वर को छलकने दें।
इस दिन बच्चे-बच्चियों से यह पवित्र संकल्प करवायें “मैं अपने माता-पिता व गुरुजनों का आदर करूँगा / करूंगी। मेरे जीवन को महानता के रास्ते ले जानेवाली उनकी आज्ञाओं का पालन करना मेरा कर्तव्य है और मैं उसे अवश्य पूरा करूँगा /करूँगी।”
आरती विधि
आरती
माता- पिता से यह शुभ संकल्प बुलवायें “तुम्हारे जीवन में उद्यम, साहस, धैर्य, बुद्धि, शक्ति व पराक्रम की वृद्धि हो। तुम्हारा जीवन माता-पिता एवं गुरु की भक्ति से महक उठे। तुम्हारे कार्यों में कुशलता आये। तुम त्रिलोचन बनो तुम्हारी बाहर की आँख के साथ भीतरी विवेक की कल्याणकारी आँख जागृत हो। तुम पुरुषार्थी बनो और हर क्षेत्र में सफलता तुम्हारे चरण चूमे।” विद्यार्थी माता-पिता को ‘मधुर प्रसाद’ खिलायें एवं माता-पिता अपने बच्चे को प्रसाद खिलायें ।
शुभाशीष देने की विधि
तत्पश्चात् ‘भारतीय संस्कृति में माता-पिता एवं गुरुजनों की महत्ता पर विद्यालय / महाविद्यालय के प्रधानाचार्य / आचार्य एवं जो विद्यार्थी/ अभिभावक उत्सुक हों वे सम्बोधन दें कार्यक्रम कैसा लगा इस पर भी अपना मत अभिव्यक्त करें । पूर्णाहुति :- पूर्णाहुति मंत्र ( ॐ सह नाववतु… ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं…) ।
विद्यार्थी द्वारा लिया जाने वाला संकल्प
नोट: इस पूजन विधि में दिये गये मंत्र कार्यक्रम के सूत्रधार बोलते जायें। जिन विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित न हों उनमें से कुछ विद्यार्थी विद्यालय के प्राचार्य व शिक्षकों का भी पूजन कर सकते हैं।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwasसमाचार पत्रों को भेजने हेतु ‘प्रेसनोट’ का प्रारूप
माता-पिता और विद्यार्थियों ने मनाया अनोखा प्रेम – दिवस / जले ज्ञान के दीपक, हुआ हर दिल में उजाला / प्राचीन संस्कृति की पुनर्स्थापना / वैदिक संस्कारों का पुनर्जागरण / संस्कार बने जीवन का आधार
मानव जीवन के उत्थान में माता-पिता एवं गुरुजनों के आदर का महत्त्व जाननेवाला यदि कोई देश है तो वह है अपना भारत देश । इस देश की महान संस्कृति ने इस सिद्धांत को अत्यंत महत्त्व देते हुए विद्यार्थी को आदेश दिया है : ‘मातृदेवो भव । पितृदेवो भव । आचार्यदेवो भव’ अर्थात् माता, पिता और आचार्य को देव (ईश्वर) माननेवाला हो ।
अपनी संस्कृति के इन प्राचीन संस्कारों को पुनर्स्थापित करने के लिए तथा १४ फरवरी को ‘वेलेन्टाईन डे’ मनाने की जो पाश्चात्य प्रथा हमारे देश में पैर जमा रही है, उसे उखाड़ फेंकने की पावन प्रेरणा से देशभर में मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के हजारों विद्यालय एवं महाविद्यालय जुड़ गये हैं।
संत श्री आसारामजी बापू के शिष्यों द्वारा यह कार्यक्रम फरवरी महीने में देश के विभिन्न विद्यालयों, लाखों परिवारों तथा १८ हजार बाल संस्कार केन्द्रों में सामूहिक रूप से मनाया जाता है। इसी श्रृंखला में विद्यालय में दिनांक —– . को मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आयोजकों का कहना है ‘मातृदेवो भव । पितृदेवो भव । आचार्यदेवो भव’ इस महान वैदिक संदेश को नजरअंदाज करने के घातक परिणाम आज हम प्रत्यक्ष देख रहे हैं। आज छोटी-छोटी बात में माता-पिता व गुरुजनों का अनादर तथा उनके प्रति उद्दण्डता बढ़ती जा रही है। स्थिति यहाँ तक पहुँच गयी है कि अधिकांश विद्यार्थी बड़े होकर अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में रखने में संकोच महसूस नहीं कर रहे हैं। इस प्रकार निरंकुश होने से बाल एवं युवा पीढ़ी का घोर चारित्रिक पतन हो रहा है। इस परिप्रेक्ष्य में यह कार्यक्रम बच्चों के कोमल हृदय को सुसंस्कारीत करने के लिए वरदान साबित होगा ।’
उल्लेखनीय है कि विद्यार्थी- – उत्थान के कार्यक्रमों की केन्द्रीय मंत्रालय एवं विभिन्न राज्य मंत्रालयों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है। दिनांक …….. .को स्थानीय विद्यालय में ……. बजे से ………. ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ कार्यक्रम बड़े उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। ( यहाँ पर कार्यक्रम का विवरण अपने शब्दों में अधिकतम १०-१२ पंक्तियों में व्यक्त करें ।)
इस अवसर पर श्री …………………………………… आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रधानाचार्य श्री…………….. ने सभी उपस्थित अतिथियों एवं अभिभावकों को हार्दिक धन्यवाद दिया । ‘वेलेन्टाईन डे’ के स्थान पर ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ का यह कार्यक्रम अन्य विद्यालयों के लिए भी अनुकरणीय है।
(नोट: उपरोक्त में से कोई एक टाईटल डालकर प्रेसनोट भेज सकते हैं।)
आप अपने विद्यालय के द्वारा लेटर पेड पर एक प्रेस नोट निम्न प्रकार से सहेज सकते हैं।
अभिभावकों और माता पिता व मेहमानों को आमंत्रित करने के आमंत्रण पत्र का प्रारूप
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NMMS Scholarship 2025 / NMMS EXAM FULL INFORMATION : नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम 2025 विज्ञापन जारी NMMS स्कॉलरशिप 2025 के विज्ञापन का इंतजार कर रहे हमारे प्यारे विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम 2025 के लिए विज्ञापन जारी हो गया है। NMMS स्कॉलरशिप स्कीम की शुरुआत में 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा की गई थी। NMMS अर्थात नेशनल मिंस कम मेरिट स्कॉलरशिप योजना केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है।
राजस्थान में निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर को इस राजस्थान राज्य का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिला स्तर पर इसकी संचालन में मॉनिटरिंग का कार्य जिला शिक्षा अधिकारी की देखरेख में किया जाता है। NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025
Latest –
– Rajasthan NMMS 2024-25 syllabus is out. Scroll down for link. – Rajasthan NMMS 2024-25 exam date has been revised. Scroll down for more details.
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025
केन्द्र प्रायोजित योजना “NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 ” 2008 मई में शुरू की गयी थी। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को कक्षा 8 में उनके ड्राॅप आउट को रोकते हुए माध्यमिक स्तर पर अध्ययन जारी रखने को प्रोत्साहित करनें के लिये छात्रवृति प्रदान करना है।
राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये प्रति वर्ष 12000 रूपये (1000 रु प्रति माह) की छात्रवृति प्रदान की जाती है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिये छात्रवृति का एक कोटा है। ऐसे छात्र जिनकी सभी स्रोतों से पैतृक आय राशि 150,000 से अधिक नहीं है, छात्रवृति प्राप्त करने के लिये पात्र है। इसमे राज्य सरकार के मानदण्डों के अनुसार आरक्षण है। छात्रवृति के लिये छात्रों का चयन राज्य सरकारों द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
केन्द्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्ययन करनें वाले छात्र इस योजना के तहत छात्रवृति पाने के हकदार नहीं है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले वे छात्र जहां बोर्डिंग, लोजिंग और शिक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है और निजी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र भी इस योजना के तहत छात्रवृति के लिये पात्र नहीं है।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 संस्थाप्रधान हेतु दिशा – निर्देश –
1. कक्षा 8 में अध्ययनरत विद्यार्थियों के एनएमएमएस परीक्षा हेतु आवेदन करने के लिए संस्थाप्रधान अपनी शाला दर्पण आई-डी से पोर्टल ओपन कर विद्यार्थी को सलेक्ट करें ।
2. संस्थाप्रधान सम्बन्धित विद्यार्थी की चाही गर्इ अर्हताओं को उसके दस्तावेजों से प्रमाणिकरण (Verify करें । यदि दस्तावेजों की जॉंच में कोई जानकारी असत्य पाई जाती है तो संस्था प्रधान इसके लिए जिम्मेदार होंगे ।
3. संस्थाप्रधान विद्यार्थी के दस्तावेजों से यह सुनिश्चित कर लें कि शाला दर्पण पर भरी गई सूचना सही है।
4. विद्यार्थी के निम्नांकित सभी दस्तावेज प्राप्त होने पर यह सुनिश्चित कर ले कि वह पात्र है, तदुपरान्त ही आवेदन पत्र ऑनलाईन करें । चह आवेदन फाइनल सबमिट के लिए PEEO/CRC को फॉरवर्ड करना है ।
जाति प्रमाण पत्र (लागू हाने पर आवश्यक )
7th की अेकतालिका /प्रमाण पत्र (राजकीय विद्यालय से उत्तीर्ण )
आय प्रमाण में अभिभावक /माता – पिता की समस्त स्त्रोतों से प्राप्त आय (1,50,000 रू से अधिक नहीं )आधार कार्ड प्रति (स्वंय द्वारा प्रमाणित )
5. आवेदन पत्र भरतें समय दी गई प्रविष्ठियों में किसी प्रकार का परिवर्तन होने पर शाला दर्पण पर विद्यार्थियों की प्रोफाईल अपडेट अवश्य करें । आवेदन पत्र पूर्ण करने के बाद संस्थाप्रधान सुनिश्चित कर ले इसमें किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं रह गयी है ।
6. संस्थाप्रधान को ऑनलाइन आवेदन शालादर्पण के माध्यम से करना होगा । ऑनलाइन आवेदन कर PEEO/CRC विद्यालय को फारवर्ड करा है ।
7. संथा प्रधान को विद्यार्थियों से परीक्षा शुल्क लेकर पीईईओ को नकद राशि में देना है ।
8. एक PEEO के सभी विद्यार्थियों की फीस एक साथ ऑनलाइन यूपीआई ऐप /नेट बैंकिग /डेबिट कार्ड़ / क्रेडिट कार्ड के माध्यम से जमा करानी है । यह शुल्क PEEO द्वारा जमा होगा तथा शुल्क जमा होने के बाद आवेदन का फाइनल सबमिट होगा । आवेदन करने के बाद हार्डकॉपी निकाल कर आवश्यक दस्तावेज लगाएं ।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025
9. आवेदन पत्र पर निर्धारित स्थान पर संस्थाप्रधान व विद्यार्थी के हस्ताक्षर करवाये जायें ।
10. मूल आवेदन- पत्र की कार्ड कॉपी मय दस्तावेज के साथ संस्थाप्रधान PEEO को जमा कराएँ । PEEO विद्यालय में चयनित अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र 5 वर्ष तक व अचयनित अभ्यर्थियों के आवेदन के पत्र 1 वर्ष तक सुरक्षित रखें जाये ।
11. सभी संस्थाप्रधान यह सुनिश्चित कर ले कि विद्यार्थी कक्षा 7 मं राजकीय विद्यालय से उत्तीर्ण है । तथा वर्तमान में कक्षा 8 में राजकीय विद्यालय में नियमित अध्ययनरत है ।
12. विद्यार्थी के एनएमएमएस से सम्बन्धित किसी भी प्रकार सूचना, सूचना के अघिकार के तहत मांगे जानें पर विद्यालय को उपलब्ध करानी होगी । अतः समस्त आवेदन पत्र मय दस्तावेज विद्यालय स्तर पर संधारित करें ।
13. समस्त अद्यतन सूचना के लिए शाला दर्पण पोर्टल का नियमित रूप से अवलोकन करते रहे ।
14. विद्यार्थी का फॉटों लेकर आवेदन पत्र की हार्ड़ कॉपी लगाकर संस्थाप्रधान प्रमाणित करें तथा प्रवेश पत्र जारी होने पर उस पर भी समान फोटों लगाना सुनिश्चित करावें ।
15. प्रवेश – पत्र पर विद्यार्थी के हस्ताक्षर एवं फोटों संस्थाप्रधान द्वारा प्रमाणित किया जाना सुनिश्चित करें ।
16. विद्यार्थी के नाम, जन्म तिथि और पिता के नाम में आधार कार्ड़ विद्यालय रिकॉर्ड़ और शाला दर्पण में वर्तनी आदि की दृष्टि से अन्तर नहीं होना चाहिए ।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 उद्देश्य
मई 2008 में पहल की गयी एनएमएमएस छात्रवृति का उद्देश्य उज्ज्वल और वंचित छात्रों को अपनी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा को पूरा करनें के लिये प्रेरित करना है। ताकि कक्षा 8 के बाद स्कूलों की ड्राॅप आउट दर में सुधार हो सके। प्रत्येक वर्ष, कक्षा 8 में अध्ययनरत विध्यार्थी राज्य स्तर पर चयन परीक्षा के 2 स्तरों के लिये उपस्थित होते हैं, कक्षा 9-12 के नियमित राजकीय विध्यालय मे अध्ययनरत विध्यार्थी NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 के लाभों को प्राप्त करते है|
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
एनएमएमएस मे चयनित विध्यार्थियों को 12000 रु प्रति वर्ष यानि 1000 प्रतिमाह, की दर से छात्रवृत्ति मिलती है। एनएमएमएस छात्रवृत्ति के तहत, छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान भारतीय स्टेट बैंक द्वारा एकमुश्त किया जाता है। राशि को सीधे ही विध्यार्थियों के खातों में PFMS द्वारा स्थानांतरित किया जाता है। प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को आवंटित छात्रवृत्ति की संख्या संबंधित राज्यों में कक्षा 7 एवं 8 में अध्ययनरत विद्यार्थी व उन राज्यों की जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। एनएमएमएस राशि का विवरण निम्नानुसार जारी किया जाता है।
NSP पोर्टल पर पंजीकरण उपरांत कक्षा 9 के विध्यार्थियों को नियमानुसार एक शैक्षणिक वर्ष के लिये, एक बार में 12000 रु प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति राशि मिलती है।
विध्यार्थी की उसकी उच्च माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 12) के पूरा होने तक हर साल छात्रवृत्ति का नवीनीकरण NSP पोर्टल पर किया जाता है, बशर्तें उम्मीदवार हर साल उच्च कक्षा में तय प्रतिशत से प्रोन्नति प्राप्त करे।
NMMS Scholarship 2025 New Revised Eligibility Criteria पात्रता मापदंड :-
केवल भारत के मेधावी और जरूरतमंद छात्रों के लिए लागू, यह NMMS छात्रवृत्ति योजना सभी आवेदकों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए आयोजित चयन परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए नीचे उल्लिखित पात्रता शर्तों को पूरा करने की अपेक्षा करती है। एनएमएस छात्रवृत्ति योजना 2025 के लिए कार्यालय निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के द्वारा नवीनतम संशोधित पात्रता मापदंड जारी किए गए हैं। जो निम्न प्रकार हैं
जो उम्मीदवार इस एमसीएम स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें कक्षा 7 से कम से कम 55% या समकक्ष ग्रेड के साथ स्पष्ट पदोन्नति प्राप्त करने के बाद कक्षा 8 में पढ़ने वाला नियमित छात्र होना चाहिए।
उम्मीदवारों को सरकारी / स्थानीय निकाय / सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए।
उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्रवृत्ति जारी रखने के लिए, उम्मीदवार को कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में कम से कम 60% अंक प्राप्त करने होंगे।
कक्षा 12 में छात्रवृत्ति जारी रखने के लिए, छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले को 55% अंकों या समकक्ष के साथ पहले प्रयास में ही कक्षा 11 से स्पष्ट पदोन्नति मिलनी चाहिए।
विद्यार्थी का कक्षा 9 व 11 में प्रथम प्रयास में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए अंकों में 5% की छूट दी गई है।
अभिभावक या माता-पिता की सभी स्रोत से वार्षिक आय साढे तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
साथ ही, वे छात्र जो एनवीएस, केवीएस, सैनिक स्कूलों और निजी स्कूलों में नामांकित हैं, वे इस एनएमएमएस छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं हैं।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 not eligible
जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय व सैनिक विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी एनएमएमएस छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्र नहीं है।
निजी / प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थी पात्र नहीं है।
राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र जहां बोर्डिंग, व शिक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है। इनमें अध्यनरत विद्यार्थी इस योजना के पात्र नहीं है।
राजकीय छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी इस योजना के पात्र नहीं है।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025
Minimum Qualifying Marks Continuation of Scholarship
कक्षा
न्यूनतम प्राप्तांक
7
55
8
55
9
PASS
10
60
11
PASS
SC,ST श्रेणी के विद्यार्थियों को 5% अंक में छूट प्रदान की जाएगी विद्यार्थी कक्षा 7 / 8 व 10 में न्यूनतम प्राप्तांक से कम प्राप्त होने पर अपात्र होगा। यदि यह विद्यार्थी चयन परीक्षा में पास होकर पात्रता हासिल कर लेता है, तो भी यह छात्रवृत्ति हेतु अपात्र माना जाएगा।
• उम्मीदवारों को प्रत्येक अंतिम परीक्षा में 55% (आरक्षित श्रेणियों के लिए 50%) प्राप्त करना चाहिए • दसवीं कक्षा में 60% (आरक्षित श्रेणियों के लिए 55%) प्राप्त करना आवश्यक है
आवेदन करने के लिए कौन पात्र नहीं हैं?
1. जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूलों के छात्र 2. बोर्डिंग, लॉजिंग और शिक्षा जैसी सुविधाओं के साथ राज्य सरकार के संस्थानों द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र 3. निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे छात्र
अन्य प्रकार की छात्रवृत्ति के लिए यहाँ से चेक करें –
Important Dates of NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025
The important dates of NMMS Rajasthan 2024-25 are as follows. However, students should also keep checking the official website rajshaladarpan.nic.in and local newspapers for changes in schedule.
Events
Dates
Release of notification
Out
Release of NMMS Rajasthan 2022 Application Form
20 NOV 2024
Last date to apply
10 DECEMBER 2024
Release of Rajasthan NMMS admit card 2022-23
10 JANUARY 2025
Rajasthan NMMS 2022 exam date
19 Jan 2025
Issuance of answer key
As per SCERT Rajasthan
NMMS Rajasthan 2022 result announcement
As per SCERT Rajasthan
शाला दर्पण के माध्यम से NMMS के आवेदन NMMS EXAM FULL INFORMATION 2024-25
कैसे करें NMMS के लिए आवेदन How to Apply
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 के लिए आवेदन कैसे करें?
यदि आप NMMS के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप इस NMMS छात्रवृत्ति के लिए सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। छात्र राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन फॉर्म एनएमएमएस आवेदन कर सकते हैं। छात्रों को उनके स्कूलों के अधिकारियों द्वारा एनएमएमएस आवेदन पत्र की उपलब्धता के बारे में भी सूचित किया जाता है। भरे हुए ऑनलाइन एनएमएमएस आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि हर साल राज्य नोडल अधिकारी द्वारा तय की जाती है। छात्र भरे हुए फॉर्म को आधिकारिक वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं या अपने स्कूलों से इसे प्राप्त कर सकते हैं।
ऑफलाइन मोड के मामले में, छात्रों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ भरा हुआ एनएमएमएस आवेदन पत्र उस स्कूल में जमा करना होगा जिसमें छात्र पढ़ रहा है। जिन उम्मीदवारों के फॉर्म स्वीकार किए जाते हैं, वे परीक्षा से कुछ दिन पहले अपने संबंधित स्कूलों से प्रवेश पत्र प्राप्त कर सकेंगे। एनएमएमएस आवेदन पत्र को सफलतापूर्वक जमा करने के लिए नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करें:
उम्मीदवार ऑनलाइन मोड के माध्यम से एनएमएमएस आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं, और आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र की दो सत्यापित हार्ड कॉपी संबंधित स्कूल में जमा की जानी चाहिए।
स्कूल के प्रमुख को आवेदनों को नोडल स्कूलों को अग्रेषित करना चाहिए और स्कूल रिकॉर्ड के लिए एक प्रति अपने पास रखनी चाहिए।
उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपने संबंधित राज्य का एनएमएमएस आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
NMMS Scholarship 2025 Required Document आवेदन पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज
NMMS आवेदन पत्र के साथ, छात्रों को कुछ दस्तावेज संलग्न करने होते हैं। सभी दस्तावेजों को स्कूल के प्रिंसिपल और माता-पिता द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। आवश्यक दस्तावेजों की जांच करें जिन्हें एनएमएमएस आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना चाहिए –
कक्षा 7 की अंक तालिका / प्रमाण पत्र (विद्यार्थी का सातवीं कक्षा राजकीय विद्यालय में 55% प्लस प्राप्तांक होना अनिवार्य है)।
जाति प्रमाण पत्र।
माता-पिता व अभिभावक का आय प्रमाण पत्र।
दिव्यांग प्रमाण पत्र यदि लागू हो।
आधार कार्ड।
बैंक पासबुक फोटो कॉपी।
परिणाम :-
एक बार जब छात्र चयन परीक्षा के लिए उपस्थित हो जाते हैं, तो प्रत्येक राज्य उन छात्रों की सूची घोषित करता है जिन्होंने प्रत्येक परीक्षा में कम से कम 40% अंकों के साथ MAT और SAT उत्तीर्ण किया है। एनएमएमएस के लिए छात्रों की अंतिम सूची का चयन करते समय जिन शर्तों पर विचार किया जाता है, उन्हें नीचे देखें।
नियमों के अनुसार, आवेदकों को प्रत्येक परीक्षण, यानी, MAT और SAT में कम से कम 40% अंक प्राप्त करने चाहिए। हालांकि, आरक्षित श्रेणियों के लिए अंकों में छूट है। इस एमसीएम छात्रवृत्ति का छात्रवृत्ति लाभ प्राप्त करने के लिए उनके लिए कटऑफ अंक 32% है।
साथ ही, आवेदकों को कक्षा 8 की अंतिम परीक्षा में कम से कम 55% अंक प्राप्त करने चाहिए। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए 5% अंकों की छूट है।
एनएमएमएस का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवारों को सभी पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा
NMMS Scholarship 2025 Exam Application Fee
नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम 2024 चयन परीक्षा की परीक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा किसी प्रकार का आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 : Exam Pattern
S.No
Particulars
Particulars
1
Mental Ability Test (MAT) मानसिक क्षमता परीक्षण
• यह परीक्षा 90 बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से छात्रों की तर्क क्षमता और आलोचनात्मक सोच की जांच करती है। अधिकांश प्रश्न सादृश्य, वर्गीकरण, संख्यात्मक श्रृंखला, पैटर्न धारणा, छिपे हुए आंकड़े जैसे विषयों पर आधारित हो सकते हैं। • इस परीक्षा में हिंदी और अंग्रेजी दक्षता परीक्षा भी शामिल है।
2
Scholastic Aptitude Test (SAT) शैक्षिक योग्यता टेस्ट
• SAT में 90 बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं। • SAT के पाठ्यक्रम में कक्षा 7 और 8 के पाठ्यक्रम के अनुसार विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और गणित के विषय शामिल हैं।
NMMS के पुराने प्रश्न पत्र और मोडल पेपर
NMMS के लिए उपस्थित होने की तैयारी करने वाले छात्रों को बेहतर अभ्यास के लिए NMMS के प्रश्न पत्रों को हल करना और उनका विश्लेषण करना चाहिए। छात्र न केवल परीक्षा पैटर्न से परिचित होते हैं, बल्कि NMMS पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र का अभ्यास करने पर भी अच्छा स्कोर करते हैं। ये प्रश्न पत्र NMMS परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार को समझने में भी सहायक होते हैं। इसके अलावा, NMMS प्रश्न पत्र को तैयारी के स्तर का विश्लेषण करने और एक छात्र के कमजोर और मजबूत क्षेत्रों की पहचान करने के लिए नमूना पत्र के रूप में भी माना जा सकता है।
उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक से पिछले वर्ष के एनएमएमएस प्रश्न पत्र आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इसे डाउनलोड करने की प्रक्रिया जानने के लिए एनएमएमएस प्रश्न पत्रों पर पूरा लेख पढ़ें।
Subjects
Links
Download NMMS 2023 Question Papers Mental Ability Test and Scholastic Aptitude Test
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 : प्रश्न पत्र 2019 को हल करने के लाभ
पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को हल करने से महत्वपूर्ण विषयों सहित पैटर्न और पाठ्यक्रम को जानने में मदद मिलती है।
NMMS पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों का उपयोग तैयारी स्तर की जांच के लिए भी किया जा सकता है। छात्रों को आपके मजबूत और कमजोर क्षेत्रों को जानने के लिए इन पेपरों को हल करना चाहिए।
छात्रों को अपनी गणना की गति की जांच करने के लिए इन NMMS प्रश्न पत्रों को निर्धारित समय में हल करना चाहिए। इसलिए, परीक्षा के दिन अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए अधिक से अधिक प्रश्न पत्रों को हल करें।
परीक्षा से पहले पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को हल करने से आपको उच्च स्कोरिंग अनुभागों के बारे में पता चलता है।
NMNM Scholarship FULL INFORMATION 2025 : कक्षा 8 प्रश्न पत्र के लाभ
यहां, हम छात्रों के लिए प्रश्न पत्रों के लाभों पर चर्चा करते हैं और बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रत्येक छात्र को सैंपल पेपर की मदद क्यों लेनी चाहिए:
परीक्षा का तनाव और भय – NMMS सैंपल पेपर्स का अभ्यास करने से आपको इस बात का अंदाजा हो जाता है कि परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे और इसलिए छात्र अच्छी तरह से तैयारी कर सकते हैं।
तैयारी विश्लेषण – नमूना पत्र पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों और NMMS परीक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित होते हैं।
रिवीजन में मदद करता है – आपने परीक्षा के लिए अपना पूरा सिलेबस कवर कर लिया है, लेकिन आप प्रत्येक विषय के लिए अपनी तैयारी का विश्लेषण कैसे कर पाएंगे? आप नमूना पत्रों के साथ अपनी तैयारी की जांच कर सकते हैं जिसमें विभिन्न वर्गों में प्रत्येक विषय से प्रश्न शामिल हैं।
अंकन योजना – कक्षा 8 के छात्रों के लिए एनएमएमएस द्वारा तय की गई अंकन योजना के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
आत्मविश्वास – सैंपल पेपर छात्रों को उनकी ताकत और कमजोरियों का विश्लेषण करने में मदद करते हैं ताकि वे कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
गति और सटीकता – जैसे-जैसे छात्र अभ्यास करते हैं और अच्छी संख्या में सैंपल पेपर हल करते हैं, वे प्रश्नों को हल करने की अपनी गति में सुधार करते हैं और साथ ही, नियमित अभ्यास से उनकी गलतियाँ कम हो जाती हैं और वे सही उत्तर प्राप्त करने के लिए प्रश्नों को हल करते हैं।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 तैयारी युक्तियाँ
NMMS पाठ्यक्रम में NCERT और राज्य बोर्डों के कक्षा 7वीं और 8वीं के पाठ्यक्रम शामिल हैं। पाठ्यक्रम को रणनीतिक रूप से विभाजित करें ताकि आप परीक्षा की तैयारी के लिए परीक्षा की तारीख से एक महीने पहले सभी विषयों और अध्याय को कवर कर सकें।
छात्रों को मजबूत क्षेत्रों में जाने से पहले कमजोर विषयों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। अपने कमजोर क्षेत्रों पर अधिक काम करें।
परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने के लिए पूरे पाठ्यक्रम को कवर करें क्योंकि परीक्षा उत्तीर्ण करना ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने का एकमात्र मानदंड नहीं है। मेरिट उम्मीदवारों में सूचीबद्ध होने के लिए छात्रों को अच्छे अंक प्राप्त करने चाहिए।
अपनी तैयारी को मजबूत बनाने के लिए अधिक NMMS प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें। ये पिछले वर्षों के पेपर अधिकांश महत्वपूर्ण विषयों को कवर करते हैं।
तैयारी पाठ्यक्रम को संशोधित करना न भूलें। जितना अधिक आप संशोधित करेंगे, एनएमएमएस में आपके उच्च स्कोर करने की संभावना उतनी ही बेहतर होगी।
NMMS Scholarship FULL INFORMATION 2025 SAMPLE OMR SHEET
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यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate : – समग्र शिक्षा द्वारा सत्र 2023-24 की वार्षिक कार्य योजना एवं बजट के अतंर्गत राज्य के प्राथमिक शालाओं हेतु राशि रू. 5000 व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 10000 सीनियर सेकेण्डरीशालाओं हेतु राशि रू. 10,000 की राशि जारी कर व्यय के लिये प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान गयी है।
शिक्षा का सर्वोपरि उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास है। समाज में शहरीकरण, तकनीकी प्रगति और जनसंचार माध्यमों के प्रभाव जैसे बदलावों के कारण यह आवश्यकता पैदा हुई है कि स्कूलों को न केवल अपने छात्रों के संज्ञानात्मक विकास का पोषण करना चाहिए, बल्कि उनकी भावात्मक और मनो-मोटर क्षमताओं को भी बढ़ावा देना चाहिए जो उन्हें सक्षम बनाएगा। ज़िंदगी।
समग्र शिक्षा की परिकल्पना है कि स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा ऐसी होनी चाहिए कि शिक्षार्थी अपनी प्रतिभा को पूरी क्षमता से विकसित कर सकें। शैक्षिक और सह-शैक्षिक दोनों क्षमताओं को समान महत्व देने से, बच्चे और युवा जीवन कौशल हासिल करेंगे जो उन्हें अपने अधिकारों को जानने, अपनी चिंताओं को स्पष्ट करने, आत्मसम्मान का निर्माण करने, आत्मविश्वास और लचीलापन विकसित करने और नकारात्मक भावनाओं का मुकाबला करने में मदद करेगा। तनाव शर्म और डर. इससे उनकी स्वयं की जिम्मेदारी लेने, समाज में दूसरों के साथ संबंध बनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की क्षमता भी बढ़ेगी। इन कौशलों को सैद्धांतिक दृष्टिकोण के बजाय अनुभवात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है।
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate
यूथ क्लब के तहत बच्चों में जीवन जीने का कौशल, आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास विकसित करने तथा तनाव, भय एवं संकोच जैसे मनोविकारों को दूर कर सोच में लचीलापन विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में यूथ क्लब की स्थापना की गयी है।
ईको क्लब के तहत बच्चों को अपने आस-पास के पर्यावरण, जैव-विविधता, जलवायु, स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील बनाने तथा पर्यावरण गतिविधियों एवं प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने के लिए क्षमता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में ईको क्लब की स्थापना की गयी है। विशेष रूप से विद्यार्थियों में स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की समझ विकसित की जानी है।
विद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण हेतु हरित पाठशाला एवं विद्यालय वाटिका / किचन गार्डन को लागू करने के लिये ईको क्लब पुर्नगठित करना। साथ ही बच्चों में पर्यावरण की समझ, संरक्षण के महत्व, वातावरण को स्वच्छ बनाना, वृक्षारोपण व संरक्षण आदि कार्य को यूथ एवं ईको क्लब अन्तर्गत विद्यार्थियों को भी सहभागी बनाया जाये ।
ईको क्लब के गठन का उद्देश्य विद्यालय स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम कर जलवायु के प्रति विद्यार्थियों को संवेदनशील बनाना ।
विश्व पर्यावरण की थीम “ईको सिस्टम रिस्टोरेशन: रीइमेजिन ( फिर से बनाना) एवं पुर्नस्थापना” करने के उद्देश्य की क्रियान्विति हेतु राजस्थान के भौगोलिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुये उष्ण व अर्द्ध शुष्क जलवायु में हरियाली को बनाये रखना, जल संरक्षण एवं वनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है।
प्रत्येक विद्यालय में यूथ एवं ईको क्लब के तहत प्रारम्भिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8) के विद्यार्थियों के लिये यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) बनाये जायेंगे इनके नाम पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि होंगे।
माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 9 से 12 ) के लिये यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) बनाये जायेंगे इनके नाम. पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि होंगे।
विद्यालय संस्था प्रधान यूथ एवं ईको क्लब के प्रभारी अधिकारी होंगे।
संस्था प्रधान (प्रभारी अधिकारी) की भूमिका सहायक मार्गदर्शक एवं कार्यक्रम के लिये सुविधा उपलब्ध कराने की होगी। विद्यालय में हाऊस व्यवस्था के तहत यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों को संचालित करने की समस्त जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी ।
संस्था प्रधान द्वारा विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक / शिक्षिका को सदन (हाऊस) का प्रभार दिया जायेगा। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या सदन (हाऊस) की संख्या से अधिक होने की स्थिति में कुछ सदनों के लिये एक से अधिक प्रभारी शिक्षक / शिक्षिका बनाये जायेंगे। विद्यालय में सदन (हाऊस) से कम शिक्षक उपलब्ध होने की स्थिति में कुछ शिक्षकों को एक से अधिक सदन (हाऊस) का प्रभारी शिक्षक नियुक्त किया जायेगा। वरिष्ठता के आधार पर वरिष्ठ शैक्षिक कार्मिक को अपेक्षाकृत अधिक सदन (हाऊस) का प्रभार दिया जायेगा ।
प्रारम्भिक शिक्षा की प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को पांच भागों में विभाजित कर प्रत्येक भाग के विद्यार्थी को एक सदन (हाऊस) के नाम से सम्बोधित किया जायेगा। इस प्रकार प्रारम्भिक शिक्षा की कक्षाओं के पांचों सदनों में सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों का समान संख्या में प्रतिनिधित्व हो सकेगा। इसी प्रक्रिया के तहत माध्यमिक शिक्षा की कक्षाओं के लिये पांच सदन बनाये जायेंगे।
इस प्रकार प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) कार्य करेंगे एवं माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब के तहत उन्हीं नाम से पांच सदन (हाऊस) कार्य करेंगे।
विद्यालय में नव प्रवेशित विद्यार्थी जिस सदन (हाऊस) का सदस्य बनेगा विद्यालय की अन्तिम कक्षा तक उसी सदन (हाऊस) का सदस्य रहेगा।
प्रत्येक सदन (हाऊस) की गतिविधियों को प्रभारी शिक्षक / शिक्षकों द्वारा संचालित करवाया जायेगा। प्रत्येक सदन (हाऊस) में सभी विद्यार्थियों का स्तर समान होगा। विद्यार्थियों में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ जैसी व्यवस्था को विकसित नहीं करनी है। सदन (हाऊस) की गतिविधियों को संचालित करने में विद्यार्थियों का सक्रिय सहयोग लिया जायेगा। अच्छा प्रदर्शन करने के लिये बच्चों को प्रोत्साहित किया जायेगा एवं प्रत्येक बच्चे को समान रूप से अवसर प्रदान किया जायेगा।
विद्यालय समय पश्चात रोटेशन के आधार पर एक अध्यापक / शारीरिक शिक्षक प्रभारी के रूप में विद्यालय समय पश्चात बच्चों के साथ खेल मैदान में उपस्थित रहकर विद्यालय के खेल मैदान, खेल संसाधन इत्यादि का उपयोग करेंगे।
पांच मूल तत्व आधारित नामों में से जिस नाम तत्व से सम्बन्धित सदन (हाऊस) में विद्यार्थियों को प्रवेश मिला है, उस सदन (हाऊस) के नाम के अनुरूप विषय पर विद्यार्थियों के लिये भाषण, निबन्ध लेखन, पत्र लेखन, पोस्टर बनवाना, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करवायी जायें। साथ ही भाषा, सामाजिक विज्ञान के विषय यथा भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान तथा विज्ञान संकाय के विषयों यथा जीव विज्ञान, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित तथा खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनोमी) आदि को सदन (हाऊस) के नाम से साथ जोड़ते हुए विषय एवं प्राकृतिक मूल तत्व की महत्वता एवं सम्बद्धता को समझाने का उपक्रम विद्यार्थियों से करवायें।
सदस्य विद्यार्थीगणों को उनके स्वयं के नाम के अर्थ को समझाते हुए उसे अपने सदन (हाऊस) के नाम के परिप्रेक्ष्य में सम्बद्ध करने के प्रयास के लिये प्रेरित किया जायेगा। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी को सदन (हाऊस) के नाम की महत्वता बतलाते हुए इस नाम की अन्य विषयों से सम्बद्धता को इन्टरनेट, पत्र-पत्रिकाओं इत्यादि स्त्रोतों से विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। इससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होगी तथा वे अपने सदन के नाम को समग्र रूप से समझ सकेंगे एवं अन्य विषयों से सम्बद्ध कर सकेंगे।
प्रत्येक सदन (हाऊस) में यूथ एवं ईको क्लब की समस्त गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। ये गतिविधियां प्रभारी शिक्षक / शिक्षकों के निर्देशन में संचालित की जायेंगी।
समस्त विद्यार्थियों को यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
समय – समय पर प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यार्थियों के पांचों सदन (हाऊस) के मध्य यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों की प्रतियोगिता आयोजित की जायेंगी एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये पुरस्कृत किया जायेगा। इसी प्रकार की प्रतियोगिताएं माध्यमिक शिक्षा के विद्यार्थियों के पांचों सदनों के मध्य आयोजित की जायेंगी।
यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों का आयोजन शिविरा कलैण्डर अनुसार निर्धारित दिवसों एवं विद्यालय समय पश्चात् तथा अवकाशों के दौरान किया जायेगा।
यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों से बाल सभा के दौरान गतिविधि का प्रदर्शन कराया जायेगा।
विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर में विद्यार्थी के नाम के सम्मुख उसके सदन (हाऊस) का नाम भी अंकित किया जाये ताकि विद्यार्थी को सदन (हाऊस) के नाम से भी पहचाना जाये।
विद्यालय की प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के प्रत्येक सदन (हाऊस) का रजिस्टर संधारित किया जायेगा। रजिस्टर के मुख्य पृष्ठ पर यूथ एवं ईको क्लब तथा सदन (हाऊस) का नाम अंकित होगा रजिस्टर में सदन * (हाऊस) के विद्यार्थियों के नाम व कक्षा अंकित होगी। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी की रूचि की गतिविधि अंकित की जायेंगी आयोजित की गई प्रत्येक गतिविधि का संक्षिप्त विवरण एवं दिनांक तथा आयोजन की समयावधि अंकित कर नोडल अधिकारी व संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित किया जायेगा । SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
विद्यालय अवलोकन के समय संस्थाप्रधान द्वारा अवलोकन अधिकारी को “यूथ एवं ईको क्लब रजिस्टर” का अवलोकन करवाया जाकर हस्ताक्षर प्राप्त किये जायेंगे।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
यूथ क्लब गतिविधियों में समस्त खेल व शारीरिक गतिविधियाँ, योग, ड्रामा, वाद-विवाद, संगीत, कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ एवं रीडिंग गतिविधियाँ इत्यादि शामिल हैं।
विद्यालयों में अनुपयोगी सामग्रियों को उपयोगी बनाने हेतु विद्यार्थियों के रचनात्मक कार्य कौशल बोद्धिक क्षमताओं का विकास करने के अवसर प्रदान किये जायें। इस हेतु विद्यार्थियों को गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों का मार्गदर्शन / सहयोग लिया जाये।
ईको क्लब गतिविधियाँ:-
ईको क्लब गतिविधियों में पर्यावरण, जैवविविधता, जलवायु स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
प्रदर्शनी, पेंटिंग, लेखन, वृक्षारोपण, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर आधारित चलचित्रों का प्रदर्शन, अभिभावकों व सेवानिवृत्त एवं सेवारत राजकीय अधिकारी, शिक्षक, डॉक्टर, कोच, पर्यावरण के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों की वार्ता का आयोजन किया जायेगा।
सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच में सहयोग प्रदान किया जायेगा। इसके अन्तर्गत सभी बच्चों की लम्बाई, वजन एवं शारीरिक बीमारी का रिकॉर्ड विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर में संधारित किया जायेगा। विद्यालय में आयोजित सभी प्रकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान किया जायेगा ।
प्रत्येक माह के अंतिम दिवस को विद्यालय में “स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें विद्यालय परिसर एवं कक्षा कक्षों की साफ-सफाई, ठोस कचरा निस्तारण, जल निकास एवं पानी की टंकियों की साफ-सफाई, सामूहिक रूप से शिक्षकों के निर्देशन में की जायेगी।
सप्ताह में एक बार प्रार्थना स्थल पर सभी बच्चों की शारीरिक स्वच्छता जैसे कि नाखून, स्नान, सिर के बालों, दाँतों, यूनिफॉर्म, जूते-मोजों इत्यादि की साफ-सफाई की जाँच की जायेगी एवं बच्चों को शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जायेगा।
जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियों आयोजित की जाकर अपने आस-पास के लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जायेगा जल संरक्षण के प्रति आयोजित होने वाले “जल शक्ति अभियान अन्तर्गत सभी विद्यालयों के ईको क्लब द्वारा जल संरक्षण के प्रचार-प्रसार के आयोजन किये जायेंगे।
विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमताओं को पहचानने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विद्यालय के अनुपयोगी, निष्क्रिय व अन्य संसाधनों का अधिकाधिक उपयोग किया जाकर उनकी सृजनात्मक क्षमताओं को विकसित किया जाये।
विद्यार्थियों में सहशैक्षिक व मनोरंजक गतिविधियों का बढ़ावा देने के लिये विद्यालय के अनुपयोगी, निष्क्रिय सामानों का विद्यालय समय पश्चात व अवकाश दिवसों में भी विद्यालय के खेल मैदान, खेल उपकरण व अन्य गतिविधियों में उपयोग में लिया जा सकता है, जिससे बच्चों में सृजनात्मक एवं संज्ञानात्मक समझ का विकास हो सके।जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड
विद्यालयों में पर्यावरण को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न गतिविधियां, पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धी वार्तायें, निबन्ध प्रतियोगिता, रैली इत्यादि का आयोजन किया जाये।
विद्यालय में चारदीवारी, पर्याप्त भूमि एवं जलस्त्रोत उपलब्ध होने की स्थिति में पोषण वाटिका एवं फलदार पौधों एवं किचन गार्डन को लगाया जाये।
विद्यालय परिसर में 200 पौधे लगाये जाने की स्थिति में सम्बन्धित सीआरसी / संस्था प्रधान द्वारा सम्बन्धित ग्राम पंचायत सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी से अग्रिम सम्पर्क समन्वय स्थापित कर विद्यालय में लगाये जाने वाले पोषण वाटिका / नर्सरी की समुचित सुरक्षा हेतु राज्य सरकार के आदेश क्रमांक PS/PSSE / 2021 जयपुर दिनांक 23.06.2021 के अनुसार महात्मा गांधी मनरेगा योजना से एक श्रमिक की सेवायें प्राप्त करने के सम्बन्ध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज द्वारा सहमति प्रदान की गयी है। समस्त सीआरसी/ संस्था प्रधान संलग्न आदेशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।
पर्यावरण को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना हमारा कर्त्तव्य है। पर्यावरण संतुलन बनाने व विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों में पर्यावरण की समझ विकसित करने के लिये निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राज, बीकानेर के आदेश क्रमांक शिविरा-माध्य / मा-स / पर्यावरण / 2017 / 136 दिनांक 11 जून, 2021 द्वारा लागू “विद्यालय वाटिका”, “हरित विद्यालय योजना” की कार्ययोजना बनाकर ईको क्लब में बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित की जाये।
विद्यार्थियों को सड़क पर पैदल चलने एवं वाहन चलाने के नियमों की जानकारी दी जायेगी।
विद्यालय प्रबन्धन समिति का यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में सहयोग एवं सहभागिता ।
जिलेवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य –
डाइस 2021-22 में प्रविष्ट राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा के 53005 एवं माध्यमिक शिक्षा मद के 15360 विद्यालयों के लिये बजट का प्रावधान स्वीकृत है (शून्य नामांकन वाले विद्यालयों को छोड़ते हुये ) ।
इस मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक व्यय नहीं किया जाये। निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर वसूली की जाएगी। क्रय हेतु वित्तीय नियमों का ध्यान रखा जाये ।
किये गये व्यय का निर्धारित समयावधि में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाये ।
राशि का उपयोग गतिविधि व शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।
क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पादरर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये ।
प्रत्येक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार के पास 4ft x 2.5ft का स्थायी बोर्ड लगवा कर हरे रंग की पूर्ण पृष्ठभूमि में पीले रंग से *यूथ एवं ईको क्लब, समग्र शिक्षा राजस्थान* अंकित करवाना है|
अन्य निर्देश
संलग्न परिशिष्टानुसार विद्यालय / ब्लॉक से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकल रूप से जिला उपयोगिता प्रमाण पत्र कर परिषद का प्रेषित करें।
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
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जयपुर : Rajasthan Winter Vacation Extended राजस्थान में सर्दी का सितम पिछले चार दिन से जारी है। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे को देखते हुए सरकारी स्कूलों में बच्चों की छुट्टियां बढा दी गई है। शीतकालीन अवकाश 5 जनवरी तक थी। अब ठंड के मद्देनजर 20 से ज्यादा जिलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। राजस्थान के 20 से ज्यादा जिला कलेक्टर ने अवकाश के आदेश जारी करके अवकाश Rajasthan Winter Vacation Extended घोषित किए गए हैं।
जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों की छुट्टियां 13 जनवरी तक बढ़ा दी है। 14 जनवरी को रविवार और 15 जनवरी को मकर सक्रांति का अवकाश है। ऐसे में जयपुर में 8वीं तक के बच्चों के लिए 16 जनवरी से स्कूल खुलेंगी।
School Holidays in Jaipur: जिला कलेक्टर ने कक्षा आठवीं तक के स्कूलों में 13 जनवरी तक छुट्टी का एलान कर दिया है. ये आदेश सरकारी और गैर सरकार स्कूलों के लिए जारी किया गया है.
आगामी एक सप्ताह तक मौसम में उतार चढाव जारी रहेगा
जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि पिछले तीन दिन से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। छोटे बच्चों को सर्दी से बचाना जरूरी था। लिहाजा शीतकालीन अवकाश की अवधि 8 दिन बढाई गई है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक सप्ताह तक मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में मौसम में बदलाव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 13 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की अवधि को बढ़ाया गया है। हालांकि इस दौरान पूर्व निर्धारित परीक्षाएं यथावत रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी स्कूल सरकार के इन नियमों की अवहेलना करेगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Rajasthan Winter Vacation Extended
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
Rajasthan Winter Vacation Extended : जयपुर में इस तारीख तक बढ़ीं स्कूलों की छुट्टियां, ठंड के चलते प्रशासन का फैसला
मौसम विभाग ने किया अलर्ट
जयपुर मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है . साथ ही साथ ठंड के असर का भी आकलन किया जा रहा है. कुछ क्षेत्रों में बारिश भी हो सकती है. Rajasthan Winter Vacation Extended
Rajasthan Winter Vacation Extended
अमूमन हर साल बढती है छुट्टियां
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की अवधि 24 दिसंबर से 5 जनवरी तक पूर्व निर्धारित है। अगर जनवरी में शीतलहर का प्रकोप ज्यादा रहता है तो अवकाश बढाने के लिए जिला कलेक्टर अधीकृत हैं। अमूमन हर साल राजस्थान के कई जिलों में सर्दी का प्रकोप बना रहता है। ऐसे में उन जिलों के कलेक्टर शीतकालीन अवकाश में बढोतरी करते रहे हैं।
दरअसल, जयपुर में ठंड का सितम जारी है. ऐसे में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल को बंद कर दिया गया है. शीतकालीन अवकाश के तहत पहले 6 जनवरी तक के लिए छुट्टी की गई थी लेकिन अब इसे बढाते हुए 13 जनवरी तक कर दिया गया है. जिला कलेक्टर जयपुर के आदेश के अनुसार शिक्षकों और संचालित अन्य परीक्षाओं का समय यथावत रहेगा. Rajasthan Winter Vacation Extended इन निर्देशों के अवलेना करने वाले राजकीय गैर राजकीय विद्यालयों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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School Management Committee Work Duty Organisation : विद्यालय प्रबंधन समिति गठन की सम्पूर्ण रुपरेखा नियमावली और प्रस्ताव लेखन कार्यवाही, अपने विद्यालय में त्रुटी रहित और प्रभावी SMC का गठन करने की सम्पूर्ण जानकारी इस आलेख में हमारे एक्सपर्ट ने आपको उपलब्ध करवाया हैं | निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा-21 एवं राज्य नियम, 2011 के नियम 3 एवं 4 के अनुसार विद्यालय में समुदाय की सहभागिता व स्वामित्व बढ़ाने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति (एस.एम.सी.) का गठन किया गया है । School Management Committee Work Duty Organisation विद्यालय प्रबंधन समिति के दो भाग होते हैं, साधारण सभा और कार्यकारिणी समिति।
साधारण सभा में विद्यालय में अध्ययनरत प्रत्येक विद्यार्थी के माता-पिता /संरक्षक, समस्त अध्यापक, सम्बन्धित कार्यक्षेत्र में निवास करने वाले सभी जनप्रतिनिधि एवं समिति की कार्यकारिणी समिति में निर्वाचित/ मनोनीत शेष सदस्य होते हैं। साधारण सभा के सभी सदस्य अर्थात प्रत्येक बालक के माता-पिता एवं उस परिक्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि एसएमसी के सदस्य हैं। उन्हें एसएमसी के समस्त दायित्व एवं अधिकार प्राप्त है। School Management Committee Work Duty Organisation
School Management Committee Work Duty Organisation
इस समिति का विस्तारित ब्योरा इस प्रकार हैः स्कूल प्रबंधन समिति के दो अंग होते हैंः
स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा (नागरिक सभा)
स्कूल प्रबंधन समिति की कार्यकारिणी
स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा (नागरिक सभा) सदस्यः-
इस समिति के सदस्य स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों के माता-पिता व अभिभावक तथा ग्राम-पंचायत के सभी निर्वाचित प्रतिनिधि School Management Committee Work Duty Organisation
सचिवः स्कूल के मुख्य अध्यापक
अध्यक्षः स्कूल प्रबंधन समिति की कार्यकारिणी का अध्यक्ष ही आम सभा का अध्यक्ष होता है
सम्बन्धित विद्यालय में अध्ययनरत प्रत्येक विद्यार्थी / बालक के माता-पिता या संरक्षक (माता एवं पिता दोनों के जीवित न होने की स्थिति में संरक्षक)
सम्बन्धित विद्यालय का प्रत्येक अध्यापक / प्रबोधक।
सम्बन्धित कार्य क्षेत्र में निवास करने वाले जिला प्रमुख / प्रधान / सरपंच /नगर पालिका अध्यक्ष ।
सम्बन्धित कार्य क्षेत्र में निवास करने वाले समस्त जिला परिषद सदस्य, नगर पालिका पार्षद / पंचायत समिति सदस्य/वार्ड पंच।
समिति की कार्यकारिणी समिति में निर्वाचित/ मनोनीत शेष सदस्य जो उपरोक्त में शामिल नहीं हो।
उपरोक्त वर्णित समस्त प्रकार के सदस्य मिलकर साधारण सभा का निर्माण करेंगे। समिति की कार्यकारिणी समिति का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य सचिव साधारण सभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य सचिव होंगे। School Management Committee Work Duty Organisation
सदस्यता की समाप्ति :-
साधारण सभा के सदस्यों की सदस्यता निम्न स्थितियों में स्वतः समाप्त हो जायेगी।
मृत्यु होने पर।
त्याग पत्र देने पर।
निर्वाचित सदस्यों के निर्वाचित नहीं रहने पर ।
विद्यार्थी के विद्यालय छोड़ देने पर उसके माता-पिता या संरक्षक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जायेगी।
पदेन सदस्य के पद पर नहीं रहने पर।
साधारण सभा की बैठकें :-
साधारण सभा की वर्ष में प्रत्येक वर्ष जुलाई से मार्च तक तीन बैठकें अर्थात तीन माह में एक बैठक अनिवार्य होगी, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर बैठक अध्यक्ष / सदस्य सचिव द्वारा कभी भी बुलाई जा सकती है।
साधारण सभा की बैठक का कोरम कम से कम साधारण सभा के सदस्यों की कुल संख्या का 25 प्रतिशत होगा।
बैठक की सूचना 4 दिन पूर्व व अत्यावश्यक बैठक की सूचना 2 दिवस पूर्व दिया जाना आवश्यक है ।
कोरम के अभाव में स्थगित बैठक पुनः 7 दिन पश्चात उसी निर्धारित स्थान व समय पर आयोजित की जायेगी।
स्थगित बैठक में कोरम की कोई आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन विचारणीय विषय वहीं होंगे, जो पूर्व एजेण्डा में थे। School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय प्रबंधन समिति की कार्यकारिणी समिति :-
समिति के कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए समिति की एक 16 सदस्यीय कार्यकारिणी सगिति होगी। इसमें से न्यूनतम तीन चौथाई सदस्य माता-पिता या संरक्षकों में से होंगे तथा अधिकतम 5 सदस्य पदेन / मनोनीत अन्य व्यक्ति होंगे। कार्यकारिणी के सदस्यों में 50 प्रतिशत महिलाएं अर्थात कम से कम 8 महिलाएं आवश्यक रूप से होंगी जिसके पदाधिकारी एवं सदस्यों का निर्वाचन /मनोनयन नियम 12 के अनुसार किया जायेगा। School Management Committee Work Duty Organisation
कार्यकारिणी की समिति में माता-पिता या संरक्षक सदस्यों का निर्वाचन प्रत्येक वर्ष के प्रारम्भ में नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने पर 14 अगस्त से पूर्व साधारण सभा द्वारा किया जायेगा। School Management Committee Work Duty Organisation
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
विद्यालय प्रबंधन समिति के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए समिति की एक 16 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति होती है। जिसके निम्न पदाधिकारी होते हैं-
School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय प्रबंध समिति सदस्यों का विवरण
विद्यालय प्रबंध समिति के चयनित अभिभावक संरक्षक सदस्य
Sr. No.
Name of Member
Fathers Name
Sex
Category
Post in SMC
Address
Mobile No.
1
Gayatri Devi
Sanjay Prasad
Female
SC
Head
Merta
2
Ravishekhar Rai
Ramjit Rai
Male
OBC
Deputy Head
Merta
3
Champa Devi
Doodhnath
Female
OBC
Member
Merta
4
Rekha Devi
Shankar
Female
OBC
Member
Merta
5
Chanda Devi
Shiv Prasad
Female
SC
Member
Merta
6
Paramsheela Devi
Tuntun Rai
Female
OBC
Member
Merta
7
Shamshir
Lt. Md. Gazi
Male
OBC
Member
Merta
8
Badri
Lt. Paravan
Male
SC
Member
Merta
9
Meeta Paswan
Shiv Paswan
Male
SC
Member
Merta
10
Mamata Rai
Santosh
Female
OBC
Member
Merta
11
Alok Jaiswal
Pramod Jaiswal
Male
OBC
Member
Merta
12
Jatin Inaniyan
Arvind Inaniyan
Male
OBC
Teacher Member
Merta
9929xxxxxx
School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय प्रबंध समिति के पदेन/नामित सदस्य
Sr. No.
Name of Member
Original Post
Sex
Category
Post in SMC
Address
Mobile No.
1
Reena Devi
वार्ड पंच / पार्षद
Female
OBC
Member
Merta
2
Abha Chaudhari
MLA मनोनीत सदस्य
Female
SC
Member
Merta
3
Sanjay Maurya
MLA मनोनीत सदस्य
Male
OBC
Member
Merta
4
Himanshu Kumar Pandey
संस्था प्रधान
Male
General
Member Secretary
Merta
School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय प्रबंधनसमिति कीकार्यकारिणी समिति की बैठकें :-
कार्यकारिणी समिति की बैठक प्रत्येक माह अमावस्था के दिन आयोजित की जावेगी और अमावस्या के दिन अवकाश होने पर बैठक अगले कार्य दिवस को की जायेगी। यह बैठक विद्यालय परिसर, चौपाल अथवा किसी सुविधाजनक स्थान पर बुलाई जावें।
सदस्य सचिव अध्यक्ष से विचार विमर्श कर समिति बैठक का समय व स्थान निर्धारित करेगा ।
सदस्य सचिव कम से कम 4 दिन पूर्व बैठक की लिखित सूचना मय बैठक में विचारार्थ रखे जाने वाले बिन्दुओं की सूची के साथ सभी सदस्यों को भेजेगा। अत्यावश्यक बैठक कम से कम दो दिन की सूचना पर भी बुलाई जा सकती है।
विद्यालय प्रबंधन समिति के गठन/संचालन सम्बन्धी विवादों को निपटाने के लिए ब्लाक शिक्षा अधिकारी द्वारा रैफर किये जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी का निर्णय अन्तिम होगा। School Management Committee Work Duty Organisation
1. विद्यालय के क्रियाकलापों कार्यकरण को मॉनीटर करना –
विद्यालय के आस-पड़ोस में रहने वाली आबादी/जनता की बाल अधिकारों की सामान्य एवं रचनात्मक तरीकों से जानकारी देना तथा साथ ही राज्य सरकार स्थानीय प्राधिकारी, विद्यालय, माता-पिता, अभिभावक एवं संरक्षक के कर्तव्यों की जानकारी देना।
समिति विद्यालय में नियुक्त अध्यापकों के विद्यालय में उपस्थित होने में नियमितता एवं समय पालन, माता-पिता और संरक्षको के साथ नियमित बैठकें करना और बालक के बारे में उपस्थिति में नियमितता, शिक्षा ग्रहण करने का साम्य, शिक्षण में की गई प्रगति और किसी अन्य सुसंगत जानकारी .” के बारे में अवगत कराना तथा शिक्षक/शिक्षिकाओं द्वारा प्राइवेट ट्यूशन या प्राइवेट क्रिया कलाप नहीं करना, सुनिश्चित करेगी। School Management Committee Work Duty Organisation
दस वर्षीय जनसंख्या जनगणना, आपदा (विभीषिका) राहत कर्तव्यों या यथा स्थिति, स्थानीय संस्थाओं/निकायों या राज्य विधान मण्डलों या संसद के निर्वाचनों से सम्बन्धित कर्तव्यों से भिन्न किसी गैर शैक्षणिक प्रयोजनों के लिये शिक्षिको को अभिनियोजित नहीं किये जाने को सुनिश्चित करेगी/मॉनीटरिंग करेंगी।
विद्यालय के आस पडौस के 6-14 आयु वर्ग के सभी बालको के विद्यालय में नामांकन तथा उनकी सतत उपस्थिति को सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय के लिये राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मान एव मानको की पालना पर निगरानी रखेगी।
बाल अधिकारों के हनन विशेषकर बालको को भौतिक एवं मानसिक प्रताडना सम्बन्धी प्रकरणों, प्रवेश नहीं दिये जाने, निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रावधानों के उल्लंघन सम्बन्धी प्रकरणों को स्थानीय प्राधिकारी के ध्यान में लायेगी।
आवश्यकताओं का चिन्हीकरण करते हुए योजना का निर्माण करेगी तथा 6-14 आयु वर्ग के विद्यालय में कभी भी प्रवेश न लेने वाले (नेवर एनरोल्ड) तथा ड्रॉप आउट बालकों के लिए किये गये शिक्षा व्यवस्था संबंधी प्रावधानों की क्रियान्विति पर निगरानी रखेगी।
विशेष आवश्यकता वाले एवं अधिगम अक्षम बालको के चिन्हीकरण, उसके विद्यालय में नामांकन, सीखने हेतु सुविधाये उपलब्ध कराने पर निगरानी रखेगी तथा गतिविधियों में उनकी भागीदारी तया प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करना सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना के क्रियान्वयन पर निगरानी रखेगी।
विद्यालय की आय एवं व्यय का वार्षिक लेखा तैयार करेगी। School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों की नियमित समीक्षा कर शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना।
राज्य सरकार/सर्व शिक्षा अभियान अथवा अन्य प्राधिकृत संस्था द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए विद्यालय में भौतिक व्यवस्थायें जैसे – खेल मैदान, बाउण्डरी वॉल, कक्षा क्ष, सुविधायें, फर्नीचर एवं पीने के पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करना। School Management Committee Work Duty Organisation
समय-समय पर विद्यालय के बालकों के स्वास्थ्य की जांच करवाना तथा बच्चो के लिए नियमित स्वास्थ्य कैम्पों का आयोजन करवाना।
समय-समय पर ड्रॉप आउट दर पर नजर रखना तथा सभी बालको का विदयालय में नामांकन एवं ठहराव सुनिश्चित करना, इसके लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तको के वितरण, शिक्षण सामग्री, शालागणवेशं आदि समय पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करना।
अभिभावकों एवं अध्यापको की समय-समय पर संयुक्त बैठक आयोजित करना एवं उन बैठकों में रिपोर्ट काई उपलब्धि स्तर, कक्षा कार्य एवं गृहकार्य आदि के सम्बन्ध में विचार विमर्श करते हुए सुधार हेतु आवश्यक कार्यवाही करना। School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न राष्ट्रीय, क्षेत्रीय पर्वो, नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, छात्रवृत्ति वितरण, विद्यालय का सत्र प्रारंभ होने, दीपावली एवं शीतकालीन अवकाश के प्रारंभ एवं पश्चात विद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेना एवं समाज के सभी वर्गो को इन कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करना ।
2. विद्यालय के विकास हेतु विकास योजना तैयार करना और उसकी सिफारिश करना –
विद्यालय प्रबन्धन समिति, उस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से तीन माह पूर्व जिसमें उसका प्रथम बार गठन हुआ है एक विद्यालय विकास योजना का निर्माण करेगी।
उपरोक्त विद्यालय विकास योजना एक तीन वर्षीय योजना होगी, जो अगले तीन वर्ष की तीन वार्षिक योजनाओं को मिलाकर बनायी जायेगी। School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय विकास योजना में निम्नानुसार विस्तृत जानकारियां शामिल की आयेगी-
(अ) प्रत्येक वर्ष का कक्षावार अनुमानित नामांकन ।
(ब) राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मान एवं मानको के आधार पर तीन वर्ष की अवधि के लिये कक्षा 1 से 5 एवं कक्षा 6 से 8 के लिए पृथक-पृथक अतिरिक्त अध्यापकों, विषय अध्यापकों एवं अंशकालीन अध्यापकों की आवश्यकता।
(स) राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मान एवं मानकों के अनुसार तीन वर्ष की अवधि के लिए अतिरिक्त भौतिक संसाधनों एवं उपकरणों की आवश्यकता।
(द) उपरोक्त बिन्दु (ब) व (स) की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु तीन वर्ष की अवधि में वर्षवार अतिरिक्त वितीय आवश्यकताये। इन आवश्यकताओं के अन्तर्गत विधेयक की धारा के अन्तर्गत ऐसे बालको, जिन्हें 6 वर्ष से अधिक की आयु होने पर भी विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया हो अथवा यदि प्रवेश दिया गया हो तो उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं की हो तो उसको उसकी आयु के अनुसार कक्षा में प्रवेश देने पर अन्य बालको के समकक्ष रहने के लिए आवश्यक विशेष प्रशिक्षण सम्बन्धी व्यय, बालको बो निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, गणवेश उपलब्ध कराने पर होने वाला व्यय तथा विधैयक के प्रावधानों के अन्तर्गत विद्यालय की जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु आवश्यक हो। School Management Committee Work Duty Organisation
उपरोक्त आधारों पर तैयार की गई विद्यालय विकास योजना पर विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं सदस्य सचिव के हस्ताक्षर होने चाहिए तथा इसे वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व स्थानीय प्राधिकारी को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। School Management Committee Work Duty Organisation
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
3. समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकारी संस्था निकाय अथवा किसी अन्य स्त्रोत से प्राप्त अनुदानों सहायता राशियों के उपयोग को मॉनिटर करना –
परिचालन मद में आय व व्यय का जायजा लेना। किसी विशेष मद में आय वांछनीय व्यय से कम होने पर माता-पिता या संरक्षकों से वित्तीय सहयोग लेने पर विचार कर वित्तीय सहयोग की राशि के प्रस्ताव साधारण सभा को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करना ।
विद्यालय एवं विद्यालय प्रबन्धन समिति के समस्त कोषों एवं सम्पतियाँ का परिवौक्षण करना।
विद्यालय एवं समिति के वार्षिक आय व्यय का लेखा जोखा रखना। School Management Committee Work Duty Organisation
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित विभिन्न बाहमय सहायता प्राप्त परियोजनाओं, केन्द्र प्रवर्तित कार्यक्रमों एवं केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के वित्तीय सहयोग से संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों यथा सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विद्यालयों के विकास, भवन निर्माण, मरम्मत एवं रखरखाव, शिक्षण अधिगम सामग्री, शिक्षण अधिगम उपकरण विद्यालय फैसिलिटी ग्राण्ट, टीएलएम ग्राण्ट एवं अन्य ग्राण्टस आदि अन्य मदों के अन्तर्गत उपलब्ध कराई गई राशियोंप्रावधानों से निर्माण/विकास कार्य करवाना एवं ग्राण्टस का राज्य सरकार/सर्व शिक्षा अभियान, अन्य प्राधिकृत संस्था द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार उपयोग सुनिश्चित करना।
4. ऐसे अन्य कृत्यों का पालन करना जो विहित किये जाये –
विद्यालय प्रबन्धन समिति ऐसे अन्य कार्या/कृत्यों की पालना करेगी जो सक्षम सरकार द्वारा विहित किये जाये।
विद्यालय प्रबन्धन समिति स्वयं के आर्थिक स्रोत से अपने स्तर पर आवश्यकतानुसार स्थानीय व्यक्तियों। अध्यापकों/सहायकों की सेवाओं हेतु पूर्णतया अस्थायी व्यवस्था कर सकती है लेकिन इसका भार किसी भी स्थिति में राज्य सरकार पर नहीं पड़ना चाहिए। School Management Committee Work Duty Organisation
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
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SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 : 5 सितम्बर 2023 शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री महोदय एवं शिक्षा विभाग द्वारा ‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’के अंतर्गत SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 का शुभारंभ किया गया जिसमें बोर्ड कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय समय पश्चात ई-कक्षा यू ट्यूब चैनल द्वारा गुणात्मक शिक्षण करवाया जाएगा। हमने प्रयास किया हैं कि आके लिए हम पुरे सप्ताह के SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 के लिंक यहाँ इसी पेज पर अपडेट करते हुए शेयर कर रहे हैं |
हमारा उद्देश्य हैं कि राजस्थान सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ बेहतरीन सफल हो और SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 के लिए दैनिक लाइव कक्षा के लिंक आपको यहाँ मिल सकें |
5 सितम्बर 2023 शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री महोदय एवं शिक्षा विभाग द्वारा ‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया गया जिसमें बोर्ड कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय समय पश्चात ई-कक्षा यू ट्यूब चैनल द्वारा गुणात्मक शिक्षण करवाया जाएगा।
स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ में लक्षित कक्षा समूह :
बोर्ड कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिए ‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ के अंतर्गत SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 का संचालन किया जाएगा जिसमें ऑनलाइन लाइव कक्षा द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन करवाया जाएगा।
‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ लाइव कक्षा का समय
SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 कार्यक्रम की कक्षाएं सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन सायं 4 बजे से 9 बजे तक ई-कक्षा यू ट्यूब चैनल पर लाइव होंगी।
‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ का उद्देश्य
बोर्ड कक्षा विद्यार्थियों को विद्यालय समय पश्चात शिक्षण का अवसर देते हुए बोर्ड परीक्षा परिणाम में गुणात्मक सुधार करना तथा विषयागत समस्याओं और शंकाओं का समाधान करना है ।
‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ की समय सारणी
SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023
यहाँ पर हर सप्ताह SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 के LIVE CLASS वीडियो लिंक शेयर किये जायेंगे | आपको LIVE CLASS वीडियो लिंक इसी पेज हर सप्ताह अपडेट होकर मिलेंगे |