यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate : – समग्र शिक्षा द्वारा सत्र 2023-24 की वार्षिक कार्य योजना एवं बजट के अतंर्गत राज्य के प्राथमिक शालाओं हेतु राशि रू. 5000 व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 10000 सीनियर सेकेण्डरीशालाओं हेतु राशि रू. 10,000 की राशि जारी कर व्यय के लिये प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान गयी है।
शिक्षा का सर्वोपरि उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास है। समाज में शहरीकरण, तकनीकी प्रगति और जनसंचार माध्यमों के प्रभाव जैसे बदलावों के कारण यह आवश्यकता पैदा हुई है कि स्कूलों को न केवल अपने छात्रों के संज्ञानात्मक विकास का पोषण करना चाहिए, बल्कि उनकी भावात्मक और मनो-मोटर क्षमताओं को भी बढ़ावा देना चाहिए जो उन्हें सक्षम बनाएगा। ज़िंदगी।
समग्र शिक्षा की परिकल्पना है कि स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा ऐसी होनी चाहिए कि शिक्षार्थी अपनी प्रतिभा को पूरी क्षमता से विकसित कर सकें। शैक्षिक और सह-शैक्षिक दोनों क्षमताओं को समान महत्व देने से, बच्चे और युवा जीवन कौशल हासिल करेंगे जो उन्हें अपने अधिकारों को जानने, अपनी चिंताओं को स्पष्ट करने, आत्मसम्मान का निर्माण करने, आत्मविश्वास और लचीलापन विकसित करने और नकारात्मक भावनाओं का मुकाबला करने में मदद करेगा। तनाव शर्म और डर. इससे उनकी स्वयं की जिम्मेदारी लेने, समाज में दूसरों के साथ संबंध बनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की क्षमता भी बढ़ेगी। इन कौशलों को सैद्धांतिक दृष्टिकोण के बजाय अनुभवात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है।
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate
यूथ क्लब के तहत बच्चों में जीवन जीने का कौशल, आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास विकसित करने तथा तनाव, भय एवं संकोच जैसे मनोविकारों को दूर कर सोच में लचीलापन विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में यूथ क्लब की स्थापना की गयी है।
ईको क्लब के तहत बच्चों को अपने आस-पास के पर्यावरण, जैव-विविधता, जलवायु, स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील बनाने तथा पर्यावरण गतिविधियों एवं प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने के लिए क्षमता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में ईको क्लब की स्थापना की गयी है। विशेष रूप से विद्यार्थियों में स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की समझ विकसित की जानी है।
विद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण हेतु हरित पाठशाला एवं विद्यालय वाटिका / किचन गार्डन को लागू करने के लिये ईको क्लब पुर्नगठित करना। साथ ही बच्चों में पर्यावरण की समझ, संरक्षण के महत्व, वातावरण को स्वच्छ बनाना, वृक्षारोपण व संरक्षण आदि कार्य को यूथ एवं ईको क्लब अन्तर्गत विद्यार्थियों को भी सहभागी बनाया जाये ।
ईको क्लब के गठन का उद्देश्य विद्यालय स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम कर जलवायु के प्रति विद्यार्थियों को संवेदनशील बनाना ।
विश्व पर्यावरण की थीम “ईको सिस्टम रिस्टोरेशन: रीइमेजिन ( फिर से बनाना) एवं पुर्नस्थापना” करने के उद्देश्य की क्रियान्विति हेतु राजस्थान के भौगोलिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुये उष्ण व अर्द्ध शुष्क जलवायु में हरियाली को बनाये रखना, जल संरक्षण एवं वनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है।
प्रत्येक विद्यालय में यूथ एवं ईको क्लब के तहत प्रारम्भिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8) के विद्यार्थियों के लिये यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) बनाये जायेंगे इनके नाम पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि होंगे।
माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 9 से 12 ) के लिये यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) बनाये जायेंगे इनके नाम. पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि होंगे।
विद्यालय संस्था प्रधान यूथ एवं ईको क्लब के प्रभारी अधिकारी होंगे।
संस्था प्रधान (प्रभारी अधिकारी) की भूमिका सहायक मार्गदर्शक एवं कार्यक्रम के लिये सुविधा उपलब्ध कराने की होगी। विद्यालय में हाऊस व्यवस्था के तहत यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों को संचालित करने की समस्त जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी ।
संस्था प्रधान द्वारा विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक / शिक्षिका को सदन (हाऊस) का प्रभार दिया जायेगा। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या सदन (हाऊस) की संख्या से अधिक होने की स्थिति में कुछ सदनों के लिये एक से अधिक प्रभारी शिक्षक / शिक्षिका बनाये जायेंगे। विद्यालय में सदन (हाऊस) से कम शिक्षक उपलब्ध होने की स्थिति में कुछ शिक्षकों को एक से अधिक सदन (हाऊस) का प्रभारी शिक्षक नियुक्त किया जायेगा। वरिष्ठता के आधार पर वरिष्ठ शैक्षिक कार्मिक को अपेक्षाकृत अधिक सदन (हाऊस) का प्रभार दिया जायेगा ।
प्रारम्भिक शिक्षा की प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को पांच भागों में विभाजित कर प्रत्येक भाग के विद्यार्थी को एक सदन (हाऊस) के नाम से सम्बोधित किया जायेगा। इस प्रकार प्रारम्भिक शिक्षा की कक्षाओं के पांचों सदनों में सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों का समान संख्या में प्रतिनिधित्व हो सकेगा। इसी प्रक्रिया के तहत माध्यमिक शिक्षा की कक्षाओं के लिये पांच सदन बनाये जायेंगे।
इस प्रकार प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) कार्य करेंगे एवं माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब के तहत उन्हीं नाम से पांच सदन (हाऊस) कार्य करेंगे।
विद्यालय में नव प्रवेशित विद्यार्थी जिस सदन (हाऊस) का सदस्य बनेगा विद्यालय की अन्तिम कक्षा तक उसी सदन (हाऊस) का सदस्य रहेगा।
प्रत्येक सदन (हाऊस) की गतिविधियों को प्रभारी शिक्षक / शिक्षकों द्वारा संचालित करवाया जायेगा। प्रत्येक सदन (हाऊस) में सभी विद्यार्थियों का स्तर समान होगा। विद्यार्थियों में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ जैसी व्यवस्था को विकसित नहीं करनी है। सदन (हाऊस) की गतिविधियों को संचालित करने में विद्यार्थियों का सक्रिय सहयोग लिया जायेगा। अच्छा प्रदर्शन करने के लिये बच्चों को प्रोत्साहित किया जायेगा एवं प्रत्येक बच्चे को समान रूप से अवसर प्रदान किया जायेगा।
विद्यालय समय पश्चात रोटेशन के आधार पर एक अध्यापक / शारीरिक शिक्षक प्रभारी के रूप में विद्यालय समय पश्चात बच्चों के साथ खेल मैदान में उपस्थित रहकर विद्यालय के खेल मैदान, खेल संसाधन इत्यादि का उपयोग करेंगे।
पांच मूल तत्व आधारित नामों में से जिस नाम तत्व से सम्बन्धित सदन (हाऊस) में विद्यार्थियों को प्रवेश मिला है, उस सदन (हाऊस) के नाम के अनुरूप विषय पर विद्यार्थियों के लिये भाषण, निबन्ध लेखन, पत्र लेखन, पोस्टर बनवाना, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करवायी जायें। साथ ही भाषा, सामाजिक विज्ञान के विषय यथा भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान तथा विज्ञान संकाय के विषयों यथा जीव विज्ञान, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित तथा खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनोमी) आदि को सदन (हाऊस) के नाम से साथ जोड़ते हुए विषय एवं प्राकृतिक मूल तत्व की महत्वता एवं सम्बद्धता को समझाने का उपक्रम विद्यार्थियों से करवायें।
सदस्य विद्यार्थीगणों को उनके स्वयं के नाम के अर्थ को समझाते हुए उसे अपने सदन (हाऊस) के नाम के परिप्रेक्ष्य में सम्बद्ध करने के प्रयास के लिये प्रेरित किया जायेगा। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी को सदन (हाऊस) के नाम की महत्वता बतलाते हुए इस नाम की अन्य विषयों से सम्बद्धता को इन्टरनेट, पत्र-पत्रिकाओं इत्यादि स्त्रोतों से विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। इससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होगी तथा वे अपने सदन के नाम को समग्र रूप से समझ सकेंगे एवं अन्य विषयों से सम्बद्ध कर सकेंगे।
प्रत्येक सदन (हाऊस) में यूथ एवं ईको क्लब की समस्त गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। ये गतिविधियां प्रभारी शिक्षक / शिक्षकों के निर्देशन में संचालित की जायेंगी।
समस्त विद्यार्थियों को यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
समय – समय पर प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यार्थियों के पांचों सदन (हाऊस) के मध्य यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों की प्रतियोगिता आयोजित की जायेंगी एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये पुरस्कृत किया जायेगा। इसी प्रकार की प्रतियोगिताएं माध्यमिक शिक्षा के विद्यार्थियों के पांचों सदनों के मध्य आयोजित की जायेंगी।
यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों का आयोजन शिविरा कलैण्डर अनुसार निर्धारित दिवसों एवं विद्यालय समय पश्चात् तथा अवकाशों के दौरान किया जायेगा।
यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों से बाल सभा के दौरान गतिविधि का प्रदर्शन कराया जायेगा।
विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर में विद्यार्थी के नाम के सम्मुख उसके सदन (हाऊस) का नाम भी अंकित किया जाये ताकि विद्यार्थी को सदन (हाऊस) के नाम से भी पहचाना जाये।
विद्यालय की प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के प्रत्येक सदन (हाऊस) का रजिस्टर संधारित किया जायेगा। रजिस्टर के मुख्य पृष्ठ पर यूथ एवं ईको क्लब तथा सदन (हाऊस) का नाम अंकित होगा रजिस्टर में सदन * (हाऊस) के विद्यार्थियों के नाम व कक्षा अंकित होगी। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी की रूचि की गतिविधि अंकित की जायेंगी आयोजित की गई प्रत्येक गतिविधि का संक्षिप्त विवरण एवं दिनांक तथा आयोजन की समयावधि अंकित कर नोडल अधिकारी व संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित किया जायेगा । SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
विद्यालय अवलोकन के समय संस्थाप्रधान द्वारा अवलोकन अधिकारी को “यूथ एवं ईको क्लब रजिस्टर” का अवलोकन करवाया जाकर हस्ताक्षर प्राप्त किये जायेंगे।
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यूथ क्लब गतिविधियों में समस्त खेल व शारीरिक गतिविधियाँ, योग, ड्रामा, वाद-विवाद, संगीत, कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ एवं रीडिंग गतिविधियाँ इत्यादि शामिल हैं।
विद्यालयों में अनुपयोगी सामग्रियों को उपयोगी बनाने हेतु विद्यार्थियों के रचनात्मक कार्य कौशल बोद्धिक क्षमताओं का विकास करने के अवसर प्रदान किये जायें। इस हेतु विद्यार्थियों को गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों का मार्गदर्शन / सहयोग लिया जाये।
ईको क्लब गतिविधियाँ:-
ईको क्लब गतिविधियों में पर्यावरण, जैवविविधता, जलवायु स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
प्रदर्शनी, पेंटिंग, लेखन, वृक्षारोपण, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर आधारित चलचित्रों का प्रदर्शन, अभिभावकों व सेवानिवृत्त एवं सेवारत राजकीय अधिकारी, शिक्षक, डॉक्टर, कोच, पर्यावरण के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों की वार्ता का आयोजन किया जायेगा।
सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच में सहयोग प्रदान किया जायेगा। इसके अन्तर्गत सभी बच्चों की लम्बाई, वजन एवं शारीरिक बीमारी का रिकॉर्ड विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर में संधारित किया जायेगा। विद्यालय में आयोजित सभी प्रकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान किया जायेगा ।
प्रत्येक माह के अंतिम दिवस को विद्यालय में “स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें विद्यालय परिसर एवं कक्षा कक्षों की साफ-सफाई, ठोस कचरा निस्तारण, जल निकास एवं पानी की टंकियों की साफ-सफाई, सामूहिक रूप से शिक्षकों के निर्देशन में की जायेगी।
सप्ताह में एक बार प्रार्थना स्थल पर सभी बच्चों की शारीरिक स्वच्छता जैसे कि नाखून, स्नान, सिर के बालों, दाँतों, यूनिफॉर्म, जूते-मोजों इत्यादि की साफ-सफाई की जाँच की जायेगी एवं बच्चों को शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जायेगा।
जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियों आयोजित की जाकर अपने आस-पास के लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जायेगा जल संरक्षण के प्रति आयोजित होने वाले “जल शक्ति अभियान अन्तर्गत सभी विद्यालयों के ईको क्लब द्वारा जल संरक्षण के प्रचार-प्रसार के आयोजन किये जायेंगे।
विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमताओं को पहचानने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विद्यालय के अनुपयोगी, निष्क्रिय व अन्य संसाधनों का अधिकाधिक उपयोग किया जाकर उनकी सृजनात्मक क्षमताओं को विकसित किया जाये।
विद्यार्थियों में सहशैक्षिक व मनोरंजक गतिविधियों का बढ़ावा देने के लिये विद्यालय के अनुपयोगी, निष्क्रिय सामानों का विद्यालय समय पश्चात व अवकाश दिवसों में भी विद्यालय के खेल मैदान, खेल उपकरण व अन्य गतिविधियों में उपयोग में लिया जा सकता है, जिससे बच्चों में सृजनात्मक एवं संज्ञानात्मक समझ का विकास हो सके।जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड
विद्यालयों में पर्यावरण को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न गतिविधियां, पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धी वार्तायें, निबन्ध प्रतियोगिता, रैली इत्यादि का आयोजन किया जाये।
विद्यालय में चारदीवारी, पर्याप्त भूमि एवं जलस्त्रोत उपलब्ध होने की स्थिति में पोषण वाटिका एवं फलदार पौधों एवं किचन गार्डन को लगाया जाये।
विद्यालय परिसर में 200 पौधे लगाये जाने की स्थिति में सम्बन्धित सीआरसी / संस्था प्रधान द्वारा सम्बन्धित ग्राम पंचायत सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी से अग्रिम सम्पर्क समन्वय स्थापित कर विद्यालय में लगाये जाने वाले पोषण वाटिका / नर्सरी की समुचित सुरक्षा हेतु राज्य सरकार के आदेश क्रमांक PS/PSSE / 2021 जयपुर दिनांक 23.06.2021 के अनुसार महात्मा गांधी मनरेगा योजना से एक श्रमिक की सेवायें प्राप्त करने के सम्बन्ध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज द्वारा सहमति प्रदान की गयी है। समस्त सीआरसी/ संस्था प्रधान संलग्न आदेशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।
पर्यावरण को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना हमारा कर्त्तव्य है। पर्यावरण संतुलन बनाने व विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों में पर्यावरण की समझ विकसित करने के लिये निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राज, बीकानेर के आदेश क्रमांक शिविरा-माध्य / मा-स / पर्यावरण / 2017 / 136 दिनांक 11 जून, 2021 द्वारा लागू “विद्यालय वाटिका”, “हरित विद्यालय योजना” की कार्ययोजना बनाकर ईको क्लब में बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित की जाये।
विद्यार्थियों को सड़क पर पैदल चलने एवं वाहन चलाने के नियमों की जानकारी दी जायेगी।
विद्यालय प्रबन्धन समिति का यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में सहयोग एवं सहभागिता ।
जिलेवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य –
डाइस 2021-22 में प्रविष्ट राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा के 53005 एवं माध्यमिक शिक्षा मद के 15360 विद्यालयों के लिये बजट का प्रावधान स्वीकृत है (शून्य नामांकन वाले विद्यालयों को छोड़ते हुये ) ।
इस मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक व्यय नहीं किया जाये। निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर वसूली की जाएगी। क्रय हेतु वित्तीय नियमों का ध्यान रखा जाये ।
किये गये व्यय का निर्धारित समयावधि में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाये ।
राशि का उपयोग गतिविधि व शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।
क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पादरर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये ।
प्रत्येक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार के पास 4ft x 2.5ft का स्थायी बोर्ड लगवा कर हरे रंग की पूर्ण पृष्ठभूमि में पीले रंग से *यूथ एवं ईको क्लब, समग्र शिक्षा राजस्थान* अंकित करवाना है|
अन्य निर्देश
संलग्न परिशिष्टानुसार विद्यालय / ब्लॉक से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकल रूप से जिला उपयोगिता प्रमाण पत्र कर परिषद का प्रेषित करें।
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जयपुर : Rajasthan Winter Vacation Extended राजस्थान में सर्दी का सितम पिछले चार दिन से जारी है। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे को देखते हुए सरकारी स्कूलों में बच्चों की छुट्टियां बढा दी गई है। शीतकालीन अवकाश 5 जनवरी तक थी। अब ठंड के मद्देनजर 20 से ज्यादा जिलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। राजस्थान के 20 से ज्यादा जिला कलेक्टर ने अवकाश के आदेश जारी करके अवकाश Rajasthan Winter Vacation Extended घोषित किए गए हैं।
जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों की छुट्टियां 13 जनवरी तक बढ़ा दी है। 14 जनवरी को रविवार और 15 जनवरी को मकर सक्रांति का अवकाश है। ऐसे में जयपुर में 8वीं तक के बच्चों के लिए 16 जनवरी से स्कूल खुलेंगी।
School Holidays in Jaipur: जिला कलेक्टर ने कक्षा आठवीं तक के स्कूलों में 13 जनवरी तक छुट्टी का एलान कर दिया है. ये आदेश सरकारी और गैर सरकार स्कूलों के लिए जारी किया गया है.
आगामी एक सप्ताह तक मौसम में उतार चढाव जारी रहेगा
जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कहा कि पिछले तीन दिन से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। छोटे बच्चों को सर्दी से बचाना जरूरी था। लिहाजा शीतकालीन अवकाश की अवधि 8 दिन बढाई गई है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक सप्ताह तक मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में मौसम में बदलाव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 13 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की अवधि को बढ़ाया गया है। हालांकि इस दौरान पूर्व निर्धारित परीक्षाएं यथावत रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी स्कूल सरकार के इन नियमों की अवहेलना करेगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Rajasthan Winter Vacation Extended
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जयपुर मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है . साथ ही साथ ठंड के असर का भी आकलन किया जा रहा है. कुछ क्षेत्रों में बारिश भी हो सकती है. Rajasthan Winter Vacation Extended
अमूमन हर साल बढती है छुट्टियां
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की अवधि 24 दिसंबर से 5 जनवरी तक पूर्व निर्धारित है। अगर जनवरी में शीतलहर का प्रकोप ज्यादा रहता है तो अवकाश बढाने के लिए जिला कलेक्टर अधीकृत हैं। अमूमन हर साल राजस्थान के कई जिलों में सर्दी का प्रकोप बना रहता है। ऐसे में उन जिलों के कलेक्टर शीतकालीन अवकाश में बढोतरी करते रहे हैं।
दरअसल, जयपुर में ठंड का सितम जारी है. ऐसे में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल को बंद कर दिया गया है. शीतकालीन अवकाश के तहत पहले 6 जनवरी तक के लिए छुट्टी की गई थी लेकिन अब इसे बढाते हुए 13 जनवरी तक कर दिया गया है. जिला कलेक्टर जयपुर के आदेश के अनुसार शिक्षकों और संचालित अन्य परीक्षाओं का समय यथावत रहेगा. Rajasthan Winter Vacation Extended इन निर्देशों के अवलेना करने वाले राजकीय गैर राजकीय विद्यालयों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
किन-किन जिलों में स्कूल बंद रहेंगे जानकारी देखने के लिए यहां क्लिक करें
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School Management Committee Work Duty Organisation : विद्यालय प्रबंधन समिति गठन की सम्पूर्ण रुपरेखा नियमावली और प्रस्ताव लेखन कार्यवाही, अपने विद्यालय में त्रुटी रहित और प्रभावी SMC का गठन करने की सम्पूर्ण जानकारी इस आलेख में हमारे एक्सपर्ट ने आपको उपलब्ध करवाया हैं | निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा-21 एवं राज्य नियम, 2011 के नियम 3 एवं 4 के अनुसार विद्यालय में समुदाय की सहभागिता व स्वामित्व बढ़ाने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति (एस.एम.सी.) का गठन किया गया है । School Management Committee Work Duty Organisation विद्यालय प्रबंधन समिति के दो भाग होते हैं, साधारण सभा और कार्यकारिणी समिति।
साधारण सभा में विद्यालय में अध्ययनरत प्रत्येक विद्यार्थी के माता-पिता /संरक्षक, समस्त अध्यापक, सम्बन्धित कार्यक्षेत्र में निवास करने वाले सभी जनप्रतिनिधि एवं समिति की कार्यकारिणी समिति में निर्वाचित/ मनोनीत शेष सदस्य होते हैं। साधारण सभा के सभी सदस्य अर्थात प्रत्येक बालक के माता-पिता एवं उस परिक्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि एसएमसी के सदस्य हैं। उन्हें एसएमसी के समस्त दायित्व एवं अधिकार प्राप्त है। School Management Committee Work Duty Organisation
School Management Committee Work Duty Organisation
इस समिति का विस्तारित ब्योरा इस प्रकार हैः स्कूल प्रबंधन समिति के दो अंग होते हैंः
स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा (नागरिक सभा)
स्कूल प्रबंधन समिति की कार्यकारिणी
स्कूल प्रबंधन समिति की आम सभा (नागरिक सभा) सदस्यः-
इस समिति के सदस्य स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों के माता-पिता व अभिभावक तथा ग्राम-पंचायत के सभी निर्वाचित प्रतिनिधि School Management Committee Work Duty Organisation
सचिवः स्कूल के मुख्य अध्यापक
अध्यक्षः स्कूल प्रबंधन समिति की कार्यकारिणी का अध्यक्ष ही आम सभा का अध्यक्ष होता है
सम्बन्धित विद्यालय में अध्ययनरत प्रत्येक विद्यार्थी / बालक के माता-पिता या संरक्षक (माता एवं पिता दोनों के जीवित न होने की स्थिति में संरक्षक)
सम्बन्धित विद्यालय का प्रत्येक अध्यापक / प्रबोधक।
सम्बन्धित कार्य क्षेत्र में निवास करने वाले जिला प्रमुख / प्रधान / सरपंच /नगर पालिका अध्यक्ष ।
सम्बन्धित कार्य क्षेत्र में निवास करने वाले समस्त जिला परिषद सदस्य, नगर पालिका पार्षद / पंचायत समिति सदस्य/वार्ड पंच।
समिति की कार्यकारिणी समिति में निर्वाचित/ मनोनीत शेष सदस्य जो उपरोक्त में शामिल नहीं हो।
उपरोक्त वर्णित समस्त प्रकार के सदस्य मिलकर साधारण सभा का निर्माण करेंगे। समिति की कार्यकारिणी समिति का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य सचिव साधारण सभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य सचिव होंगे। School Management Committee Work Duty Organisation
सदस्यता की समाप्ति :-
साधारण सभा के सदस्यों की सदस्यता निम्न स्थितियों में स्वतः समाप्त हो जायेगी।
मृत्यु होने पर।
त्याग पत्र देने पर।
निर्वाचित सदस्यों के निर्वाचित नहीं रहने पर ।
विद्यार्थी के विद्यालय छोड़ देने पर उसके माता-पिता या संरक्षक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जायेगी।
पदेन सदस्य के पद पर नहीं रहने पर।
साधारण सभा की बैठकें :-
साधारण सभा की वर्ष में प्रत्येक वर्ष जुलाई से मार्च तक तीन बैठकें अर्थात तीन माह में एक बैठक अनिवार्य होगी, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर बैठक अध्यक्ष / सदस्य सचिव द्वारा कभी भी बुलाई जा सकती है।
साधारण सभा की बैठक का कोरम कम से कम साधारण सभा के सदस्यों की कुल संख्या का 25 प्रतिशत होगा।
बैठक की सूचना 4 दिन पूर्व व अत्यावश्यक बैठक की सूचना 2 दिवस पूर्व दिया जाना आवश्यक है ।
कोरम के अभाव में स्थगित बैठक पुनः 7 दिन पश्चात उसी निर्धारित स्थान व समय पर आयोजित की जायेगी।
स्थगित बैठक में कोरम की कोई आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन विचारणीय विषय वहीं होंगे, जो पूर्व एजेण्डा में थे। School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय प्रबंधन समिति की कार्यकारिणी समिति :-
समिति के कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए समिति की एक 16 सदस्यीय कार्यकारिणी सगिति होगी। इसमें से न्यूनतम तीन चौथाई सदस्य माता-पिता या संरक्षकों में से होंगे तथा अधिकतम 5 सदस्य पदेन / मनोनीत अन्य व्यक्ति होंगे। कार्यकारिणी के सदस्यों में 50 प्रतिशत महिलाएं अर्थात कम से कम 8 महिलाएं आवश्यक रूप से होंगी जिसके पदाधिकारी एवं सदस्यों का निर्वाचन /मनोनयन नियम 12 के अनुसार किया जायेगा। School Management Committee Work Duty Organisation
कार्यकारिणी की समिति में माता-पिता या संरक्षक सदस्यों का निर्वाचन प्रत्येक वर्ष के प्रारम्भ में नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने पर 14 अगस्त से पूर्व साधारण सभा द्वारा किया जायेगा। School Management Committee Work Duty Organisation
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विद्यालय प्रबंधन समिति के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए समिति की एक 16 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति होती है। जिसके निम्न पदाधिकारी होते हैं-
विद्यालय प्रबंध समिति सदस्यों का विवरण
विद्यालय प्रबंध समिति के चयनित अभिभावक संरक्षक सदस्य
Sr. No.
Name of Member
Fathers Name
Sex
Category
Post in SMC
Address
Mobile No.
1
Gayatri Devi
Sanjay Prasad
Female
SC
Head
Merta
2
Ravishekhar Rai
Ramjit Rai
Male
OBC
Deputy Head
Merta
3
Champa Devi
Doodhnath
Female
OBC
Member
Merta
4
Rekha Devi
Shankar
Female
OBC
Member
Merta
5
Chanda Devi
Shiv Prasad
Female
SC
Member
Merta
6
Paramsheela Devi
Tuntun Rai
Female
OBC
Member
Merta
7
Shamshir
Lt. Md. Gazi
Male
OBC
Member
Merta
8
Badri
Lt. Paravan
Male
SC
Member
Merta
9
Meeta Paswan
Shiv Paswan
Male
SC
Member
Merta
10
Mamata Rai
Santosh
Female
OBC
Member
Merta
11
Alok Jaiswal
Pramod Jaiswal
Male
OBC
Member
Merta
12
Jatin Inaniyan
Arvind Inaniyan
Male
OBC
Teacher Member
Merta
9929xxxxxx
School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय प्रबंध समिति के पदेन/नामित सदस्य
Sr. No.
Name of Member
Original Post
Sex
Category
Post in SMC
Address
Mobile No.
1
Reena Devi
वार्ड पंच / पार्षद
Female
OBC
Member
Merta
2
Abha Chaudhari
MLA मनोनीत सदस्य
Female
SC
Member
Merta
3
Sanjay Maurya
MLA मनोनीत सदस्य
Male
OBC
Member
Merta
4
Himanshu Kumar Pandey
संस्था प्रधान
Male
General
Member Secretary
Merta
School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय प्रबंधनसमिति कीकार्यकारिणी समिति की बैठकें :-
कार्यकारिणी समिति की बैठक प्रत्येक माह अमावस्था के दिन आयोजित की जावेगी और अमावस्या के दिन अवकाश होने पर बैठक अगले कार्य दिवस को की जायेगी। यह बैठक विद्यालय परिसर, चौपाल अथवा किसी सुविधाजनक स्थान पर बुलाई जावें।
सदस्य सचिव अध्यक्ष से विचार विमर्श कर समिति बैठक का समय व स्थान निर्धारित करेगा ।
सदस्य सचिव कम से कम 4 दिन पूर्व बैठक की लिखित सूचना मय बैठक में विचारार्थ रखे जाने वाले बिन्दुओं की सूची के साथ सभी सदस्यों को भेजेगा। अत्यावश्यक बैठक कम से कम दो दिन की सूचना पर भी बुलाई जा सकती है।
विद्यालय प्रबंधन समिति के गठन/संचालन सम्बन्धी विवादों को निपटाने के लिए ब्लाक शिक्षा अधिकारी द्वारा रैफर किये जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी का निर्णय अन्तिम होगा। School Management Committee Work Duty Organisation
1. विद्यालय के क्रियाकलापों कार्यकरण को मॉनीटर करना –
विद्यालय के आस-पड़ोस में रहने वाली आबादी/जनता की बाल अधिकारों की सामान्य एवं रचनात्मक तरीकों से जानकारी देना तथा साथ ही राज्य सरकार स्थानीय प्राधिकारी, विद्यालय, माता-पिता, अभिभावक एवं संरक्षक के कर्तव्यों की जानकारी देना।
समिति विद्यालय में नियुक्त अध्यापकों के विद्यालय में उपस्थित होने में नियमितता एवं समय पालन, माता-पिता और संरक्षको के साथ नियमित बैठकें करना और बालक के बारे में उपस्थिति में नियमितता, शिक्षा ग्रहण करने का साम्य, शिक्षण में की गई प्रगति और किसी अन्य सुसंगत जानकारी .” के बारे में अवगत कराना तथा शिक्षक/शिक्षिकाओं द्वारा प्राइवेट ट्यूशन या प्राइवेट क्रिया कलाप नहीं करना, सुनिश्चित करेगी। School Management Committee Work Duty Organisation
दस वर्षीय जनसंख्या जनगणना, आपदा (विभीषिका) राहत कर्तव्यों या यथा स्थिति, स्थानीय संस्थाओं/निकायों या राज्य विधान मण्डलों या संसद के निर्वाचनों से सम्बन्धित कर्तव्यों से भिन्न किसी गैर शैक्षणिक प्रयोजनों के लिये शिक्षिको को अभिनियोजित नहीं किये जाने को सुनिश्चित करेगी/मॉनीटरिंग करेंगी।
विद्यालय के आस पडौस के 6-14 आयु वर्ग के सभी बालको के विद्यालय में नामांकन तथा उनकी सतत उपस्थिति को सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय के लिये राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मान एव मानको की पालना पर निगरानी रखेगी।
बाल अधिकारों के हनन विशेषकर बालको को भौतिक एवं मानसिक प्रताडना सम्बन्धी प्रकरणों, प्रवेश नहीं दिये जाने, निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रावधानों के उल्लंघन सम्बन्धी प्रकरणों को स्थानीय प्राधिकारी के ध्यान में लायेगी।
आवश्यकताओं का चिन्हीकरण करते हुए योजना का निर्माण करेगी तथा 6-14 आयु वर्ग के विद्यालय में कभी भी प्रवेश न लेने वाले (नेवर एनरोल्ड) तथा ड्रॉप आउट बालकों के लिए किये गये शिक्षा व्यवस्था संबंधी प्रावधानों की क्रियान्विति पर निगरानी रखेगी।
विशेष आवश्यकता वाले एवं अधिगम अक्षम बालको के चिन्हीकरण, उसके विद्यालय में नामांकन, सीखने हेतु सुविधाये उपलब्ध कराने पर निगरानी रखेगी तथा गतिविधियों में उनकी भागीदारी तया प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करना सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना के क्रियान्वयन पर निगरानी रखेगी।
विद्यालय की आय एवं व्यय का वार्षिक लेखा तैयार करेगी। School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों की नियमित समीक्षा कर शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना।
राज्य सरकार/सर्व शिक्षा अभियान अथवा अन्य प्राधिकृत संस्था द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए विद्यालय में भौतिक व्यवस्थायें जैसे – खेल मैदान, बाउण्डरी वॉल, कक्षा क्ष, सुविधायें, फर्नीचर एवं पीने के पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करना। School Management Committee Work Duty Organisation
समय-समय पर विद्यालय के बालकों के स्वास्थ्य की जांच करवाना तथा बच्चो के लिए नियमित स्वास्थ्य कैम्पों का आयोजन करवाना।
समय-समय पर ड्रॉप आउट दर पर नजर रखना तथा सभी बालको का विदयालय में नामांकन एवं ठहराव सुनिश्चित करना, इसके लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तको के वितरण, शिक्षण सामग्री, शालागणवेशं आदि समय पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करना।
अभिभावकों एवं अध्यापको की समय-समय पर संयुक्त बैठक आयोजित करना एवं उन बैठकों में रिपोर्ट काई उपलब्धि स्तर, कक्षा कार्य एवं गृहकार्य आदि के सम्बन्ध में विचार विमर्श करते हुए सुधार हेतु आवश्यक कार्यवाही करना। School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न राष्ट्रीय, क्षेत्रीय पर्वो, नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, छात्रवृत्ति वितरण, विद्यालय का सत्र प्रारंभ होने, दीपावली एवं शीतकालीन अवकाश के प्रारंभ एवं पश्चात विद्यालय में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेना एवं समाज के सभी वर्गो को इन कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करना ।
2. विद्यालय के विकास हेतु विकास योजना तैयार करना और उसकी सिफारिश करना –
विद्यालय प्रबन्धन समिति, उस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से तीन माह पूर्व जिसमें उसका प्रथम बार गठन हुआ है एक विद्यालय विकास योजना का निर्माण करेगी।
उपरोक्त विद्यालय विकास योजना एक तीन वर्षीय योजना होगी, जो अगले तीन वर्ष की तीन वार्षिक योजनाओं को मिलाकर बनायी जायेगी। School Management Committee Work Duty Organisation
विद्यालय विकास योजना में निम्नानुसार विस्तृत जानकारियां शामिल की आयेगी-
(अ) प्रत्येक वर्ष का कक्षावार अनुमानित नामांकन ।
(ब) राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मान एवं मानको के आधार पर तीन वर्ष की अवधि के लिये कक्षा 1 से 5 एवं कक्षा 6 से 8 के लिए पृथक-पृथक अतिरिक्त अध्यापकों, विषय अध्यापकों एवं अंशकालीन अध्यापकों की आवश्यकता।
(स) राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मान एवं मानकों के अनुसार तीन वर्ष की अवधि के लिए अतिरिक्त भौतिक संसाधनों एवं उपकरणों की आवश्यकता।
(द) उपरोक्त बिन्दु (ब) व (स) की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु तीन वर्ष की अवधि में वर्षवार अतिरिक्त वितीय आवश्यकताये। इन आवश्यकताओं के अन्तर्गत विधेयक की धारा के अन्तर्गत ऐसे बालको, जिन्हें 6 वर्ष से अधिक की आयु होने पर भी विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया हो अथवा यदि प्रवेश दिया गया हो तो उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं की हो तो उसको उसकी आयु के अनुसार कक्षा में प्रवेश देने पर अन्य बालको के समकक्ष रहने के लिए आवश्यक विशेष प्रशिक्षण सम्बन्धी व्यय, बालको बो निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, गणवेश उपलब्ध कराने पर होने वाला व्यय तथा विधैयक के प्रावधानों के अन्तर्गत विद्यालय की जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु आवश्यक हो। School Management Committee Work Duty Organisation
उपरोक्त आधारों पर तैयार की गई विद्यालय विकास योजना पर विद्यालय प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं सदस्य सचिव के हस्ताक्षर होने चाहिए तथा इसे वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व स्थानीय प्राधिकारी को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। School Management Committee Work Duty Organisation
3. समुचित सरकार या स्थानीय प्राधिकारी संस्था निकाय अथवा किसी अन्य स्त्रोत से प्राप्त अनुदानों सहायता राशियों के उपयोग को मॉनिटर करना –
परिचालन मद में आय व व्यय का जायजा लेना। किसी विशेष मद में आय वांछनीय व्यय से कम होने पर माता-पिता या संरक्षकों से वित्तीय सहयोग लेने पर विचार कर वित्तीय सहयोग की राशि के प्रस्ताव साधारण सभा को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करना ।
विद्यालय एवं विद्यालय प्रबन्धन समिति के समस्त कोषों एवं सम्पतियाँ का परिवौक्षण करना।
विद्यालय एवं समिति के वार्षिक आय व्यय का लेखा जोखा रखना। School Management Committee Work Duty Organisation
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित विभिन्न बाहमय सहायता प्राप्त परियोजनाओं, केन्द्र प्रवर्तित कार्यक्रमों एवं केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के वित्तीय सहयोग से संचालित योजनाओं/कार्यक्रमों यथा सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विद्यालयों के विकास, भवन निर्माण, मरम्मत एवं रखरखाव, शिक्षण अधिगम सामग्री, शिक्षण अधिगम उपकरण विद्यालय फैसिलिटी ग्राण्ट, टीएलएम ग्राण्ट एवं अन्य ग्राण्टस आदि अन्य मदों के अन्तर्गत उपलब्ध कराई गई राशियोंप्रावधानों से निर्माण/विकास कार्य करवाना एवं ग्राण्टस का राज्य सरकार/सर्व शिक्षा अभियान, अन्य प्राधिकृत संस्था द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार उपयोग सुनिश्चित करना।
4. ऐसे अन्य कृत्यों का पालन करना जो विहित किये जाये –
विद्यालय प्रबन्धन समिति ऐसे अन्य कार्या/कृत्यों की पालना करेगी जो सक्षम सरकार द्वारा विहित किये जाये।
विद्यालय प्रबन्धन समिति स्वयं के आर्थिक स्रोत से अपने स्तर पर आवश्यकतानुसार स्थानीय व्यक्तियों। अध्यापकों/सहायकों की सेवाओं हेतु पूर्णतया अस्थायी व्यवस्था कर सकती है लेकिन इसका भार किसी भी स्थिति में राज्य सरकार पर नहीं पड़ना चाहिए। School Management Committee Work Duty Organisation
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SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 : 5 सितम्बर 2023 शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री महोदय एवं शिक्षा विभाग द्वारा ‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’के अंतर्गत SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 का शुभारंभ किया गया जिसमें बोर्ड कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय समय पश्चात ई-कक्षा यू ट्यूब चैनल द्वारा गुणात्मक शिक्षण करवाया जाएगा। हमने प्रयास किया हैं कि आके लिए हम पुरे सप्ताह के SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 के लिंक यहाँ इसी पेज पर अपडेट करते हुए शेयर कर रहे हैं |
हमारा उद्देश्य हैं कि राजस्थान सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ बेहतरीन सफल हो और SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 के लिए दैनिक लाइव कक्षा के लिंक आपको यहाँ मिल सकें |
5 सितम्बर 2023 शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री महोदय एवं शिक्षा विभाग द्वारा ‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया गया जिसमें बोर्ड कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय समय पश्चात ई-कक्षा यू ट्यूब चैनल द्वारा गुणात्मक शिक्षण करवाया जाएगा।
स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ में लक्षित कक्षा समूह :
बोर्ड कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिए ‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ के अंतर्गत SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 का संचालन किया जाएगा जिसमें ऑनलाइन लाइव कक्षा द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन करवाया जाएगा।
‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ लाइव कक्षा का समय
SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 कार्यक्रम की कक्षाएं सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन सायं 4 बजे से 9 बजे तक ई-कक्षा यू ट्यूब चैनल पर लाइव होंगी।
‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ का उद्देश्य
बोर्ड कक्षा विद्यार्थियों को विद्यालय समय पश्चात शिक्षण का अवसर देते हुए बोर्ड परीक्षा परिणाम में गुणात्मक सुधार करना तथा विषयागत समस्याओं और शंकाओं का समाधान करना है ।
‘स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम’ की समय सारणी
यहाँ पर हर सप्ताह SCHOOL AFTER DAILY LIVE CLASS 2023 के LIVE CLASS वीडियो लिंक शेयर किये जायेंगे | आपको LIVE CLASS वीडियो लिंक इसी पेज हर सप्ताह अपडेट होकर मिलेंगे |
Mission Start 2023 24 / मिशन स्टार्ट 2023 :- शिक्षा विभाग द्वारा “ब्लेन्डेड मोड ऑफ लर्निंग” के प्रयोग से शिक्षा को प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। डिजिटल शिक्षा सभी शिक्षार्थियों के लिए एक आनन्ददायक साधन है । विशेष रूप से स्कूली विद्यार्थियों के सीखने के लिए यह एक अत्यन्त प्रभावी माध्यम सिद्ध हो रहा है, क्योंकि डिजिटल शिक्षा से मिलने वाली ऑडियो वीडियो सुविधा विद्यार्थियों के मस्तिष्क में ना केवल संज्ञानात्मक तत्वों की वृद्धि करती है बल्कि विद्यार्थियो में विषय के प्रति रोचकता एवं उत्साह को भी बढ़ाती है।
इसी के दृष्टिगत माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वाधान में 05 सितम्बर, 2023 को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में विभागीय नवाचार फ्लैगशिप कार्यक्रम Mission Start 2023 24 का शुभारम्भ किया गया है। मिशन स्टार्ट 2023
यह कार्यक्रम राज्य के दूरदराज के इलाकों मे अध्ययनरत् उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया है, जहां शिक्षा की पहुंच पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है अर्थात् या तो इन विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त है अथवा अन्य किसी कारणवश विषयाध्यापकों की उपलब्धता में कमी है।
Mission Start 2023 24 के माध्यम से ऐसे समस्त विद्यालयों में विषयाध्यापकों के पदरिक्ति अथवा शिक्षक अनुपस्थिति की स्थिति में कक्षा 9 से 12 के विद्य ार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कन्टेन्ट के माध्यम से अध्ययन करवाया जाकर यह सुनिश्चित किया जाना है कि शिक्षकों की कमी अनुपस्थिति का प्रतिकूल प्रभाव विद्यार्थी की अध्ययन निरन्तरता पर न हो।
मिशन स्टार्ट 2023 Mission START 2023 24 के उद्देश्यः-
जिन विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के विषयाध्यापकों के पद रिक्त है, अथवा किसी भी कारणवश (यथा दुर्घटना, मातृत्व अवकाश, अन्य मेडिकल आपात स्थितियों में) शिक्षक की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में विद्यार्थियों को उक्त विषय का Mission Start 2023 24के तहत डिजिटल माध्यम से शिक्षण करवाया जाना है ।
विद्यालयों में उपलब्ध क्रियाशील आईसीटी लैब, कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधन यथा स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी.डी/प्रोजेक्टर / इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि की उपलब्धता का आंकलन किया जाकर इन समस्त डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग विद्यार्थी शिक्षण में किया जाना है।
शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में सभी विषयों का ई-कन्टेन्ट उपलब्ध करवाना । ई–कन्टेन्ट की उपलब्धता परिस्थितिनुसार हार्ड डिस्क, पैनड्राईव आदि के माध्यम से सुनिश्चित करवाना तथा ई-कन्टेन्ट की मैपिंग करना ।
विद्यालयों में उपलब्ध इंटरनेट का समुचित उपयोग कर विभागीय यूटयूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों का शिक्षण सुनिश्चित करना है ।
विद्यालय की आवश्यकता के अनुसार ब्लेंडेड मॉड ऑफ टीचिंग (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से) के लिए समुचित समय सारणी तैयार करवाना तथा करवाना ।
मिशन स्टार्ट 2023 Mission Start 2023 24 कार्यक्रम का क्रियान्वयन :-
विद्यालयों में आईसीटी लैब्स तथा कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधन यथा स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी. डी/प्रोजेक्टर/इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि उपलब्ध है। अतः इन संसाधनों के उचित उपयोग से विभाग के दक्ष शिक्षकों के द्वारा निर्मित इस ई-कंटेट को विद्यालयों तक पहुंचाया जाना और इसका समुचित उपयोग करवाना विभाग की प्राथमिकता है।
डिजिटल लर्निंग विद्यार्थियों को अपनी सीखने की गति के अनुसार अध्ययन करने की सुविधा प्रदान करता है साथ हीं शिक्षक भी नवाचारों एवं नये विचारों के समावेशन से अपने अध्यापन को अधिक प्रभावी बना सकते है। डिजिटल शिक्षा द्वारा विद्यार्थियों का समग्र विकास भी किया जा सकता है। क्योंकि इन्हीं सभी बिन्दुओं के मद्देनजर विभाग द्वारा मिशन स्टार्ट कार्यक्रम को प्रारम्भ किया गया है।
लक्षित समूह – कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी ।
विद्यालय में हार्डवेयर उपलब्धता एवं क्रियाशीलता की स्थिति :-
Mission Start 2023 24 कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समस्त अधिकारीगण अपने परिक्षेत्र के समस्त विद्यालयों में उपलब्ध आईसीटी योजनान्तर्गत अथवा भामाशाह या अन्य किसी भी माध्यम से उपलब्ध सभी डिजिटल उपकरणों जैसे स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी.डी / प्रोजेक्टर / इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि की उपलब्धता एवं क्रियाशील उपकरणों की संख्या स्वयं के स्तर पर संधारित की जानी है।
साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक उपकरण व आईसीटी लैब्स क्रियाशील स्थिति में रहें ताकि ई-कंटेट द्वारा कक्षाओं का संचालन निर्बाध रूप से हो सके।
सभी अधिकारीगण अपने परिक्षेत्र में कक्षा 9-12 तक शैक्षिक रिक्त पदों का आंकलन करेगें साथ ही विविध परिस्थितियों यथा मातृत्व अवकाश, चाइल्ड केयर लीव, मेडिकल अवकाश इत्यादि किसी भी कारण से शिक्षक लंबे अवकाश पर है तो यह जानकारी भी संधारित करेंगें तथा मांगे जाने पर निदेशालय के अधिकारियों को प्रेषित करेंगें ।
सामान्य आकस्मिक अवकाश की स्थिति में भी शिक्षक के साप्ताहिक पाठ योजना के अनुरूप निर्धारित पाठ्यसामग्री का ई-कंटेट विद्यार्थियों को दिखाया जाना है।
हार्ड डिस्क के माध्यम से : प्रत्येक विद्यालय तक हार्डडिस्क के माध्यम से ई-कंटेट की पहुंच करने के लिए समसा आईसीटी सेल द्वारा इस हेतु 15070 हार्डडिस्क (4TB) की ई-कंटेट सहित विद्यालयों तक पहुंचायी जायेगी। समस्त अधिनस्थों को समसा द्वारा आवश्यकतानुसार तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा ।
विभागीय यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से : विद्यालय में इंटरनेट की उपलब्धता होने की स्थिति में विभागीय यूट्यूब चैनल के माध्यम से कंटेट दिखाया जाना सुनिश्चित करेंगें ।
ई-कंटेट द्वारा निरन्तर कक्षा शिक्षणः विद्यालय में ई-कंटेट की पहुंच सुनिश्चत करने के पश्चात् प्रतिदिन विद्यालयवार निर्धारित समय सारणी के अनुसार कक्षाएं लिया जाना सुनिश्चित किया जाये।
ई-कंटेट की मैपिंगः समस्त पाठ्यक्रम के लिए निर्मित ई-कंटेट में से कौनसा कंटेट किस विषय वस्तु के लिए निर्धारित है इसे स्कूल लैसन गाईडेंस मॉडयूल में वर्णित किया गया है। इस मैपिंग किये गये ई-कंटेट के अनुरूप ही कक्षा-कक्ष में रिक्त कालांश में उसी विषय के शिक्षण के लिए दिये गये ई-कन्टेन्ट के लिंक अथवा सामग्री का हीं उपयोग किया जाये |
Mission Start 2023 24 के तहत विद्यालयवार समय सारणी तैयार करना:-
विद्यालय में रिक्त पदों एवं अनुपस्थित शिक्षकों की संख्या क्रम के लिए बनाये गये स्कूल लैसन गाईडेंस मॉड्यूल के अनुसार विषय के रिक्त कालांश की पूर्ति हेतु उसी विषय के शिक्षण के लिए उपयोग किये जाने के लिए समय-सारणी का निर्माण किया जाना है । उक्त निर्मित समय सारणी का प्रिंट विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाना अनिवार्य रहेगा।
ई-कन्टेन्ट का उपयोगः– कक्षा 9 से 12 तक के शैक्षिक रिक्त पदों के अनुरूप ई-कन्टेन्ट का उपयोग निर्धारित समय सारणी के अनुसार किया जाना है । शालादर्पण मॉड्यूल पर प्रविष्टिः- स्कूल लैसन गाईडेंस मॉड्यूल के अनुसार निर्मित की गई समय सारणी को प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को शालादर्पण मॉडयूल पर प्रविष्ट किया जाना है ।
Mission Start 2023 24 के तहत दायित्व और कर्तव्य
संस्था प्रधान स्तर पर :-
कार्यक्रम की मॉनिटरिंग हेतु विद्यालय स्तर पर एक शिक्षक को Mission Start 2023 24 प्रभारी बनाएगें ।
अपने विद्यालय में कक्षा 9 से 12 के रिक्त पदों एवं अनुपस्थित शिक्षकों के कालांश निर्धारित करते हुए ई-कन्टेन्ट के माध्यम से शिक्षण हेतु समय सारणी का निर्माण करेंगे एवं इस समय सारणी के अनुसार शिक्षण का सुचारू संचालन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे ।
विद्यालयवार समय-सारणी का निर्धारण मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के लिए निर्धारित स्कूल लैसन गाईडेंस मॉडयूल फॉर Mission Start 2023 24 के अनुरूप हीं किया जाना है । रिक्त कालांश की पूर्ति हेतु उसी विषय के शिक्षण के लिए दिये गये ई-कन्टेन्ट के लिंक अथवा सामग्री का हीं उपयोग किया जाना है ।
प्रत्येक शुक्रवार को आगामी सप्ताह की समय सारणी शालादर्पण मॉड्यूल में प्रविष्ट करने का दायित्व मिशन स्टार्ट प्रभारी शिक्षक का रहेगा। उक्त डाटा की कक्षाध्यापक द्वारा शाला दर्पण पर यथासमय प्रविष्टि करवाए । उक्त समय सारणी को प्रिंट करके विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाना सुनिश्चित करेंगे ।
पीटीएम में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करें ।
शिक्षकों का संबलन करने हेतु उनकी बेस्ट प्रेक्टिसेज को सराहेगें व विद्यालय स्तर पर सम्मानित करें ।
Mission Start 2023 24 प्रभारी शिक्षक :-
अपने विद्यालय में कक्षा 9 से 12 के लिए निर्धारित की गई समय सारणी के अनुसार शिक्षण का सुचारू संचालन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे।
प्रत्येक शुक्रवार को आगामी सप्ताह की समय सारणी शालादर्पण मॉड्यूल में प्रविष्ट करना सुनिश्चित करेंगे। उक्त समय सारणी को प्रिंट करके विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेंगे ।
विद्यार्थियों से मिशन स्टार्ट के संबध में निरन्तर फीडबैक लेंगे तथा उन्हें डिजिटल माध्यम से करवाये जाने
वाले शिक्षण के साथ सहजता का अनुभव करने हेतु प्रेरित करेंगे तथा ब्लेंडेड लर्निंग के लाभों से अवगत करवायेंगे ।
विद्यार्थियों के ई-कन्टेन्ट उपयोग की निरन्तर समीक्षा करें ताकि विद्यार्थियों को आने वाली कठिनताओं के बारे में पता लगाया जा सके ।
Mission Start 2023 24 कार्यक्रम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
मिशन स्टार्ट कार्यक्रम का परिचय
5 सितम्बर 2023 को शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री महोदय एवं शिक्षा विभाग द्वारा दूरस्थ इलाकों के ऐसे विद्यालयों के लिए यह कार्यक्रम शुरु किया गया जिसमें शिक्षकों के पद रिक्त या विषयाध्यापकों की कमी होने के कारण विद्यार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कंटेंट के द्वारा पढ़ाई करवाई जाएगी ताकि विद्यार्थियों की अध्ययन की निरंतरता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े ।
मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के विस्तृत दिशा निर्देश इस लिंक से डाऊनलोड करें
आईसीटी लैब, कम्प्यूटर, स्मार्ट बोर्ड, स्मार्ट टीवी, इंटरेक्टिव पैनल का उपयोग करवाना
लक्षित समूह कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाओं जिसमें विषयाध्यापक उपलब्ध नहीं है या दीर्घकालीन अवकाश पर हैं उनके विषयों के अध्यापन के लिए आईसीटी लैब, कम्प्यूटर, स्मार्ट बोर्ड, स्मार्ट टीवी, इंटरेक्टिव पैनल जो भी डिजिटल संसाधन उपलब्ध है का उपयोग कर विद्यार्थियों को निरंतर अध्ययन करवाना है ।
‘मिशन स्टार्ट कार्यक्रम की क्रियान्विति की समस्याओं का समाधान कैसे करें को विडियो से समझें
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN : “विजन 2023” के सम्बन्ध में निबन्ध प्रतियोगिता के आयोजन बाबत नवीन दिशा-निर्देश निदेशालय ने जारी किये हैं | जिनका संदर्भ निदेशालय के समसंख्यक पत्र दिनांक 23.08.2023 हैं |
“विजन 2023” विषयान्तर्गत निदेशालय के पूर्व पत्र दिनांक 23.08.2023 द्वारा “मिशन 2030 विकसित राजस्थान” के तहत दिनांक 08.09.2023 को सभी राजकीय व गैर-राजकीय विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के लिए प्रातः 9.00 बजे से 10:00 बजे तक निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। इसी निर्देश पत्र की निरंतरता में यह स्पष्ट किया गया है कि-
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN कार्यक्रम की जानकारी, उद्देश्य एवं हितधारकों की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए एक परिचयात्मक दस्तावेज परिशिष्ट-ए पर संलग्न कर भेजा जा रहा है, जिसे शिक्षक एवं संस्था प्रधान स्वयं अध्ययन करेंगे तथा शनिवार दिनांक 02.09.2023 को ‘नो बैग डे के दिवस को विद्यार्थियों के साथ प्रार्थना सभा में पृथक से 1 घंटे तक विमर्श कर स्पष्ट करेंगे, जिससे विद्यार्थी दिनांक 08.09.2023 को अपने निबंध लेखन में अपेक्षानुरूप अभिव्यक्ति दे सकें।
भागीदार विद्यार्थियों की संख्या अविलम्ब शाला दर्पण व पीएसपी पोर्टल पर आवश्यक रूप से अंकित की जानी है। प्रासंगिक पत्रानुसार भाग लेने वाले संभागियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो विद्यालय स्तर पर तैयार कराया जाना है, जिसका प्रारूप परिशिष्ट-बी पर संलग्न कर प्रेषित है।
इसी कार्यक्रम “MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN” के तहत सर्वेक्षण हेतु राजकीय व गैर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों से दिनांक 06.09.2023 को सर्वे फॉर्म भरवाया जाना है। सर्वे फॉर्म नीचे लिंक में संलग्न किया गया है। उक्त सर्वे फॉर्म की प्रिंटिंग सम्बन्धित विद्यालय स्तर पर की जानी है। इस हेतु आवश्यक बजट का आंवटन जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) द्वारा पृथक से किया जा रहा है।
उक्त क्रम में पुनः स्पष्ट किया जाता है कि दिनांक 08 सितम्बर 2023 को सरकारी एवं गैर सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में निम्न दो गतिविधियाँ सम्पादित होनी हैं :- I. निबन्ध लेखन । निबंध लेखन के लिए PDF यहाँ से डाउनलोड कीजिए CLICK HERE II. सर्वेक्षण । सर्वे फॉर्म यहाँ से डाउनलोड कीजिए CLICK HERE
निबन्ध लेखन में कक्षा 9-12 के विद्यार्थी जो रुचि रखते है वो भाग लेंगे तथा सर्वेक्षण में कक्षा 9-12 के उस दिवस को विद्यालय में उपस्थित इन कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों द्वारा किया जाना है।
संलग्न सर्वे फॉर्म की प्रतियां विद्यालय अपने स्तर पर भाग लेने वाले संभागियों की संख्या अनुरूप करवाएंगे। भरे हुए सर्वे फॉर्म विद्यालय अपने पास सुरक्षित रखेंगे, इसके संबंध में आगामी कार्रवाई हेतु पृथक से निर्देश मिलने पर तदनुसार कार्यवाही करेंगे।
राजस्थान मिशन-2030 (MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN) के लिए आवश्यक सहायक सामग्री सबसे नीचे लिंक में दी गयी हैं |
अब हम यह जानने के प्रयास करते हैं कि क्या हैं “विकसित राजस्थान 2030: एक स्वप्निल परिदृश्य“
विकसित राजस्थान 2030: एक स्वप्निल परिदृश्य (MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN)
राजस्थान अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत, अदम्य शौर्य परंपरा, रंग-बिरंगी लोक संस्कृति और व्यापारिक संपन्नता के लिए विश्व भर में विख्यात रहा है। स्वातंत्र्योत्तर कालखंड में प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों एवं विस्तृत भू-भाग की चुनौतियों पर लगातर संघर्ष द्वारा सकारात्मक परिवर्तन के प्रयास हुए है। जिसका सुपरिणाम थार के मरूस्थल में लहलहाती फसल को देखकर स्वतः ही हो जाता है। राजस्थान ने आजादी के इन 75 वर्षों में आमजन के हितार्थ सुशासन के प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर राज्य को राष्ट्रीय परिदृश्य में सदैव अग्रणी रखा है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और आधारभूत संरचना जैसे प्रत्येक क्षेत्र में राजस्थान प्रभावी योजनाओं के साथ सतत् संपोषणीय विकास को बढ़ावा दे रहा है। गत दशकों में राज्य में काफी प्रगति हुई है इंदिरा गांधी नहर परियोजना से मरुस्थलीय क्षेत्र तक जल की पहुँच होने से सिंचाई सुविधा सुनिश्चित हो सकी जिससे राज्य के इन क्षेत्रों में कृषि पैदावार में बढ़ोतरी हुई तथा किसानों का जीवन स्तर सुधरा ।
राज्य में खनिजों के व्यापक भंडार हैं जिससे राज्य में खनन एवं प्रक्रिया आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिला है। बाड़मेर में पेट्रोलियम रिफाइनरी का कार्य प्रगति पर है इसमें तेल उत्पादन प्रारंभ होते ही राज्य की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी साथ ही पेट्रोकेमिकल आधारित कई उद्योग स्थापित हो सकेंगे तथा रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। जनकल्याणकारी योजनाओं की क्रियान्विति में राजस्थान एक मॉडल राज्य है। इस क्रम में शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार ‘नो बैग डे’ ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम, निःशुल्क यूनीफार्म, बाल गोपाल दुध योजना, फ्यूचल डायल कार्यक्रम, स्वास्थ्य क्षेत्र में चिरंजीवी योजना, निःशुल्क दवाई एवं जाँच योजना, आदि कार्यक्रम उल्लेखनीय है। MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN
देश में पहली बार स्वास्थ्य का अधिकार (राइट टू हेल्थ), न्यूनतम आमदनी की गारंटी, महँगाई राहत शिविर, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की स्थापना, स्मार्टफोन योजना, गिग वर्कर्स वेलफेयर फंड की स्थापना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित अन्य योजनाओं से आमजन को राहत मिली है।
राजीव गांधी ग्रामीण खेल ओलंपिक एवं शहरी खेल ओलंपिक का सफल आयोजन कर खेल प्रतिभाओं को पहचान कर तराशने के अवसर प्राप्त हुए हैं। युवा महोत्सव के आयोजन के माध्यम से संगीत, नृत्य, वादन, नाटक, लोक कलाएं आदि की प्रतिभाओं को पहचान कर सम्मानित किया गया है ।
राजस्थान मिशन-2030 (MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN) के लिए आवश्यक सहायक सामग्री सबसे नीचे लिंक में दी गयी हैं |
इन सब प्रयासों के बावजूद विस्तृत भू-भाग एवं दुर्गम क्षेत्र, ग्रामीण साक्षरता की आशानुकूल प्रगति न होना, रोजगार की कमी, व्यवसाय के लिए अन्य राज्यों में पलायन आदि वे प्रमुख चुनौतियाँ है जिनकी वजह से राजस्थान विकसित राज्यों की श्रेणी में अब तक सम्मिलित नहीं हो पाया है। सरकार स्तर पर प्रभावी योजना निर्माण क्रियान्विति एवं प्रबंधन के फलस्वरूप हमने उल्लेखनीय उन्नति तो की है लेकिन अभी भी बहुत सारे ऐसे अछूते क्षेत्र हैं जिन पर बहुत कार्य किया जाना शेष है।
राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख विकसित राज्यों में अग्रणीय बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय की दूरदर्शी सोच के आधार पर MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN लागू किया जा रहा है। यह कार्यक्रम राज्य के 2030 के परिदृश्य की आशाओं और अपेक्षाओं पर निर्मित किया जा रहा है। हम 2030 तक के बदले हुए राजस्थान में क्या देखते हैं ? क्या देखना चाहते है ? तथा 2030 में हमारे सपनों का राजस्थान कैसा होगा ? यह इस कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त करने का मुख्य लक्ष्य है।
राजस्थान मिशन 2030 के लिए सरकार द्वारा प्रमुख प्रस्तावित गतिविधियाँ निम्नलिखित हैं –
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN के लिए वेबसाइट तैयार (mission2030.rajasthan.gov.in) कर नागरिको से ऑनलाइन अपेक्षाएँ, विचार, सुझाव प्राप्त किये जा रहे है।
विभिन्न विभागो द्वारा संबंधित हितधारकों के साथ दिनांक 23 अगस्त से 15 सितम्बर तक गहन परामर्श कर सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं।
दिनांक 1 से 15 सितम्बर तक निम्नलिखित दो माध्यमों से मिशन 2030 फेस टू फेस सर्वे किया जा रहा है।
जनकल्याण ऐप के सर्वे ऑप्शन के माध्यम से ।
फीडबैक का physical format भरवाकर ।
प्रमुख चयनित सार्वजनिक स्थानों पर QR Code भी लगाए जा रहे हैं, जिन्हें स्कैन करके नागरिकों से सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं।
राज्य के समस्त सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों (9th Class and above) एवं कॉलेजों (सभी विश्वविद्यालयों के संघटक कॉलेजों सहित ) में “2030 में कैसा होगा मेरा राजस्थान विषय पर लेख व भाषण प्रतियोगिताएँ आयोजित कर MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN के संबंध में वातावरण निर्माण किया जा रहा है।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN के संदर्भ में विभिन्न हितधारकों / प्रभावशाली समूहों के साथ संवाद कर सुझाव, विचार प्राप्त किये जा रहे हैं।
मिशन 2030 हेतु वे ग्रामीण क्षेत्र जिनमें फेस टू फेस सर्वे किया जाना कठिन है के लिए आईवीआर सर्वे के द्वारा सुझाव प्राप्त करने हेतु दिनांक 01.09.2023 से 15.09.2023 तक लगभग 50 लाख कॉल्स किया जाना प्रस्तावित है।
प्रत्येक विभाग द्वारा अपना विभागीय मिशन 2030 तैयार किया जा रहा है।
उपर्युक्त सभी हितधारकों से प्राप्त सुझावों और विचारों के आधार पर CMRETAC विजन-2030 को अन्तिम रूप देगा समीक्षा पश्चात 30 सितम्बर 2023 को विजन 2030 दस्तावेज जारी किया जाना प्रस्तावित है।
राजस्थान सरकार द्वारा राज्य की जनता को उत्कृष्ट जीवन एवं सतत् विकास उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को लेकर राजस्थान मिशन-2030 के लिए समावेशी एवं प्रभावी विजन डॉक्यूमेंट का निर्माण किया जा रहा है। इस डॉक्यूमेंट का मूल उद्देश्य प्रदेशवासियों के चहुँमुखी विकास, खुशहाली, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ 2030 तक राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाना है। इस संदर्भ में राज्य के समस्त नागरिकों से यह अपेक्षा है कि उपर वर्णित विकल्पों में से किसी का भी चयन कर अपने सुझाव प्रदान करें कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को कैसे नंबर 1 राज्य बनाया जा सकता है।
यह विजन डाक्यूमेंट 2030 तक राजस्थान को सुरक्षित, समृद्ध और विकसित बनाने का स्वर्णिम दस्तावेज होगा। यह डाक्यूमेंट 2030 के राजस्थान के परिदृश्य के संदर्भ में हमे सजीव चिंतन का अवसर प्रदान करने के साथ इसमें निर्धारित प्रतिमानों को प्राप्त करने की समझ विकसित करेगा।
राजस्थान मिशन-2030 (MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN) के लिए आवश्यक सहायक सामग्री सबसे नीचे लिंक में दी गयी हैं |
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN में हमारे राज्य का परिदृश्य ऐसा होगा
राज्य में शिक्षा रोजगारोन्मुखी एवं गुणवत्तापूर्ण होगी।
राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी का प्रसार एवं व्यापक उपयोग राज्य के नागरिकों के द्वारा होता देख सकेंगे।
औद्योगिक विकास हेतु आधारभूत अवसंरचना का निर्माण पूर्ण रूप से हो चुका होगा।
शुद्ध पेयजल एवं बिजली की संपूर्ण राज्य में निश्चित उपलब्धता हो सकेगी।
महिला एवं बालिका सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे व्यापक उपाय का असर राज्य के सामाजिक ढाँचे में देख सकेंगे।
राइट टू हेल्थ (RTH) का प्रभावी क्रियान्वयन राज्य में होता देख सकेंगे राज्य के समस्त जिलों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज एवं मल्टीस्पेशलिटी सरकारी अस्पताल समस्त आवश्यक संसाधनों से युक्त बन सकेंगे। निशुल्क चिकित्सा राज्य के समस्त नागरिकों को मिलती देख सकेंगे।
राज्य में उच्च स्तरीय शैक्षिक संस्थानो की स्थापना हो सकेगी जिसमें राज्य के युवा विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर अपने कौशल का प्रदर्शन कर राज्य को विकसित श्रेणी में लाने का प्रयास करते हुए दिखाई देंगे।
राज्य में खेलों को प्रोत्साहन दिया जाएगा तथा हर ब्लॉक स्तर पर पर्याप्त खेल मैदान व सुविधा विकसित हो सकेगी परिणामतः विश्व स्तरीय खिलाड़ियों का राज्य में निर्माण हो सकेगा।
विज्ञान एवं तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान जैसे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस आदि की स्थापना करते हुए राज्य इन क्षेत्रों में भी अग्रणी होगा।
राज्य के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात के पर्याप्त साधन की उपलब्धता होते देख सकेंगे ।
सभी पंचायत पर कम से कम एक स्कूल मल्टी फैकेल्टी होगा तथा सभी स्कूल पर्याप्त भौतिक तथा मानवीय संसाधनों से युक्त होंगे हो सकेंगे। जिला स्तर पर न्यूनतम एक स्कूल सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित हो सकेगा।
इजरायल की तर्ज पर कृषि क्षेत्र में विकास के लिए राज्य में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायक बनाने का प्रयास होता देख सकेंगे।
Ease To Business State के रूप में राजस्थान राज्य को विकसित होता देख सकेंगे जिसमें नागरिकों द्वारा व्यापार संचालन एवं प्रारंभ करने की प्रक्रिया सुगमता से हो सके ऐसा वातावरण बन सकेगा।
औद्योगिक विकास के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देते हुए देख सकेंगे ।
राज्य की समृद्धि ऐतिहासिक धार्मिक एवं भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा नए पर्यटन सर्किटों का विकास होते देख सकेंगे।
वन क्षेत्र का विकास कर राज्य में पर्यावरण संरक्षण कार्य को गति मिल सकेगी तथा हमारे नागरिक जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर संवेदनशील होंगे और प्रतिबद्ध होंगे।
परिपक्व लोकतंत्र के विकास में राज्य के नागरिक सभ्य एवं संवेदनशील रूप में प्रतिबद्ध होंगे।
यह डाक्यूमेंट मात्र एक डाक्यूमेंट न होकर जनाकांक्षाओं का जीवंत प्रतिबिंब होगा। यह डाक्यूमेंट निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में हमें प्रेरित करने के साथ दिशाबोध भी करेगा । विज़न डाक्यूमेंट 2030 राजस्थान के गौरवशाली अतीत, सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों की सुदृढ़ श्रृंखला एवं भविष्य के तकनीकी रूप से उत्कृष्ट नवाचारी राजस्थान में समन्वय, संतुलन एवं सामंजस्य करने वाला होगा।
हमारी यह परिकल्पना है कि –
” 2030 का हमारा सपना – सुरक्षित, समृद्ध राजस्थान अपना “
“सन् 2030 राजस्थान बनेगा सबमें इक्कीस “
“2030 में बढ़ेगा स्वाभिमान- विकसित होगा हमारा राजस्थान”
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN के लिए आवश्यक सहायक सामग्री
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