8th Pay Commission 2026 Rules: 8वाँ वेतन आयोग के लागू होते ही DA और DR हो जाएगा 0? जानिए क्या है नियम
छठे और 7वें केंद्रीय वेतन आयोग में डीए को बेसिक सैलरी में नहीं मर्ज किया गया. बल्कि नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के समय सैलरी, फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होती है. ऐसे में इस समय महंगाई भत्ता इसमें शामिल नहीं होता है. यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब कुछ महीने पहले ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) उनके मूल वेतन का 50% पार कर गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी, 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी। दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले उठाया गया यह कदम सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की कमाई बढ़ाने का वादा करता है।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कर्मचारियों के लिए सरकार के समर्थन को साझा करते हुए लिखा, “हम सभी सरकारी कर्मचारियों के प्रयासों पर गर्व करते हैं, जो एक विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करते हैं। 8वें वेतन आयोग पर कैबिनेट के फैसले से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और खपत को बढ़ावा मिलेगा।”

केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दे दी है. ऐसे में कई सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं. खासकर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को लेकर. कहा जा रहा 8वां वेतन आयोग लागू होते ही DA और डीआर 0 कर दिया जाएगा. क्योंकि 5वें वेतन आयोग में एक खास प्रवाधान था, जिसके तहत महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) 50% से ज्यादा होने पर ऑटोमेटिक रूप से बेसिक सैलरी या बेसिक पेंशन में शामिल हो जाता था. ये सैलरी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के लिए किया गया था, लेकिन 6वें वेतन आयोग और 7वें वेतन आयोग के तहत ऐसा नहीं था.
7वें वेतन आयोग के तहत क्या था प्रावधान
छठे और 7वें केंद्रीय वेतन आयोग में डीए को बेसिक सैलरी में नहीं मर्ज किया गया. बल्कि नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के समय सैलरी, फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय होती है. ऐसे में इस समय महंगाई भत्ता इसमें शामिल नहीं होता है. महंगाई भत्ता आने वाले समय में या वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर जुड़ता है.
समय के साथ बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार हर छह महीने पर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भता को संशोधित करती है. इसे जनवरी और जुलाई से कर्मचारियों की सैलरी में कैलकुलेट किया जाता है. महंगाई भत्ते में अगली बढ़ोतरी को मार्च 2025 में ऐलान किए जाने की संभावना है.
फिर क्या DA 50% से हो जाएगा ‘0’
ये महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी या पेंशन के आधार पर तय किया जाता है. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी या वेतन का बड़ा हिस्सा महंगाई भत्ता ही होता है. मौजूदा वेतन आयोग में ऐसी कोई प्रावधान नहीं है कि DA 50% से ज्यादा होने पर ऑटोमेटिक रूप से इसे बेसिक सैलरी में शामिल कर दिया जाए और इसे ‘0’ कर दिया जाएगा. इसी तरह, महंगाई राहत को लेकर भी है.
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क्या है फिटमेंट फैक्टर? उदाहरण से समझें
बता दें फिटमेंट फैक्टर ऐसी चीज है, जिसके आधार पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स की पेंशन की गणना की जाती है. आयोग की सिफारिश के आधार पर इसे लागू किया जाता है. उदाहरण- अगर किसी की बेसिक सैलरी 20 हजार है और 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.5 की सिफारिश की जाती है तो उसकी बेसिक सैलरी बढ़कर 50 हजार हो जाएगी. इसी तरह पेंशन भी कैलकुलेट होगा.
कब होगा 8वां वेतन आयोग लागू?
केंद्र सरकार कर्मचारियों की सैलरी को रिवाइज्ड करने के लिए नया वेतन आयोग अक्सर 10 वर्ष के अंतराल पर ही लागू करती है. 7th Pay Commission को साल 2016 में लागू किया गया था. वहीं 6वें वेतन आयोग को साल 2006 में लागू किया गया था. इसी तरह, हर 10 साल के अंतर पर 4th और 5th वेतन आयोग को भी 10-10 साल के अंतर पर लागू किया गया था. वहीं 8वें वेतन आयोग को भी सरकार ने 2026 तक अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है. ऐसे में उम्मीद है कि इसे भी साल 2026 तक लागू कर दिया जाएगा.
We are all proud of the efforts of all Government employees, who work to build a Viksit Bharat. The Cabinet's decision on the 8th Pay Commission will improve quality of life and give a boost to consumption. https://t.co/4DCa5skxNG
— Narendra Modi (@narendramodi) January 16, 2025
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन करने की मंजूरी दे दी गई है. 8वें वेतन आयोग के गठन से करीब 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा. अभी तक देश में सातवां वेतन आयोग लागू है, जिसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है.
8वें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों को क्या उम्मीदें हैं?
वर्तमान में लागू वेतन संरचना 7वें वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के अनुरूप है, जो 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ था। 8वें वेतन आयोग के गठन के साथ, संरचना में संशोधन होना तय है।
हालांकि वेतन वृद्धि का सटीक प्रतिशत नहीं बताया गया है, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि फिटमेंट फैक्टर – वेतन और पेंशन निर्धारित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रमुख गुणक – 2.57 से 2.86 तक बढ़ सकता है। अगर ऐसा होता है, तो सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मूल वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है, जो 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है।
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सवाल: 8वें वेतन आयोग के आने से सैलरी पर क्या फर्क पड़ेगा?
जवाब: केंद्र सरकार हर 10 साल में नया वेतन आयोग लाती है। अभी 7वां वेतन आयोग चल रहा है, इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को खत्म होगा। साल 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू हो जाएगा।
8वें वेतन आयोग का वेतन मैट्रिक्स 1.92 के फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल करके तैयार किया जाएगा। इसे ऐसे समझिए- केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी के 18 लेवल हैं। लेवल-1 कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 1800 रुपए ग्रेड पे के साथ 18,000 रुपए है। इसे 8वें वेतन आयोग के तहत बढ़ाकर 34,560 रुपए किया जा सकता है। इसी तरह केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव स्तर के अधिकारियों को लेवल-18 के तहत अधिकतम 2.5 लाख रुपए की बेसिक सैलरी मिलती है। यह बढ़कर तकरीबन 4.8 लाख रुपए हो सकती है।
सवाल: 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी बढ़ने से पेंशन कितनी बढ़ेगी?
जवाब: अगर जनवरी 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू हुआ तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 34,560 रुपए होने का अनुमान है। साल 2004 से जोड़ें तो नौकरी में 25 साल पूरे करने वाले कर्मचारियों का पहला बैच 2029 में रिटायर होगा।
अब मान लीजिए 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद लेवल-1 के एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी 34,560 रुपए हो गई है तो इसकी 50% रकम 17,280 रुपए होती है। इस हिसाब से कर्मचारी को 17,280 रुपए+DR की धनराशि पेंशन के तौर पर मिलेगी। हालांकि, यह रेयर केस में ही होगा कि कोई कर्मचारी लेवल-1 पर नौकरी जॉइन करने के बाद रिटायरमेंट तक उसी लेवल पर रहे। प्रमोशन और अन्य नियमानुसार समय-समय पर इस लेवल में बढ़ोतरी होती रहती है। इसलिए कर्मचारी को इससे कहीं ज्यादा धनराशि पेंशन के रूप में मिलेगी। वहीं, लेवल-18 के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 4.80 लाख रुपए होगी। इसका 50% कुल 2.40 लाख रुपए+DR की धनराशि पेंशन के तौर पर मिलेगी।
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कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
माना जा रहा है कि 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, क्योंकि जनवरी में ही 7वें वेतन आयोग की समय-सीमा समाप्त हो जाएगी. इससे पहले सभी हितधारकों और सरकारों से सलाह-मशविरा कर लिया जाएगा. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि सरकार जल्द ही आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों के नाम का भी ऐलान भी करने वाली है, ताकि सभी से राय-मशविरा करने के लिए पर्याप्त समय मिले.
क्या है फिटमेंट फैक्टर, जिसके जरिए वेतन आयोग तय करता है कर्मचारियों की सैलरी, समझें पूरा खेल – 8TH PAY COMMISSION
Fitment Factor: 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी सात हजार से यह 18 हजार पहुंच गई.
केंद्र सरकार की ओर से आठवें वेतन आयोग के घटन को मंजूरी मिल गई है, जिस के बाद सरकारी कर्मचारी जश्न मना रहे हैं.दरअसल, आठवां वेतन लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा. सरकारी कर्मियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, अभी तक इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है.
हालांकि, कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा, यह फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करता है.अगर फिटमेंट कम होगा तो कम सैलरी बढ़ेगी और अगर ज्यादा होगा तो तनख्वाह ज्यादा बढ़ेगी. फिटमेंट फैक्टर तय हो जाने के बाद ही यह पता है चलता कि वेतन में कितनी वृद्धि होने जा रही है?

इससे पहले मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया था, तब केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में जबरदस्त इजाफा हुआ था. उस समय 7 हजार रुपये की न्यूनतम बेसिक बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई थी. इसी के हिसाब से कुल वेतन भी बढ़ा था. गौरतलब है कि उस समय भी सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट के आधार पर ही की गई थी.
7वें आयोग में कितना था फिटमेंट
उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इस हिसाब से नए वेतन आयोग के तहत सैलरी 2.57 गुना बढ़ी और सात हजार से यह 18 हजार पहुंच गई. इससे पहले छठे वेतन आयोग के वक्त फिटमेंट फैक्टर 1.86 था. यानी 7वें वेतन आयोग में बेसिक सैलरी को बढ़कर 1.86 गुना (दोगुने से थोड़ा कम) हुई थी.
अब बात करते हैं 8वें वेतन आयोग की. पिछली बार फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. तो इस बार कम से कम इतना तो रहेगा ही. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8वें वेतन आयोग के लगने पर यह फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 हो सकता है.
ऐसे में मान लिया जाए कि सरकार इसी फिटमेंट के आधार पर सैलरी में इजाफा करेगी तो सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 51 हजार रुपये से ज्यादा हो जाएगी. इतना ही नहीं जो लोग पेंशन पा रहे हैं यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा. इसके साथ ही उनकी 9,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन बढ़कर 25 हजार रुपये तक पहुंच जाएगी.
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
माना जा रहा है कि 8वां पे कमीशन जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, क्योंकि इसी दिन 7वें वेतन आयोग की समय-सीमा समाप्त होगी.
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में सुधार करने के लिए इस्तेमास किया जाने वाला एक फॉर्मूला है. यह कर्मचारी की मूल सैलरी को एक निश्चित मल्टीप्लायर से बढ़ाकर नए वेतनमान में एडजस्ट करता है. इसे हर वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय किया जाता है. साथ ही समय-समय पर इसमें बदलाव भी किए जाते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है.फिटमेंट फैक्टर को तय करते समय सरकार की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और कर्मचारियों की जरूरतों को ध्यान में रखा जाता है. 8th Pay Commission 2026 Rules: 8वाँ वेतन आयोग के लागू होते ही DA और DR हो जाएगा 0? जानिए क्या है नियम
फिटमेंट फैक्टर तय करते समय पे कमीशन सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों की समीक्षा करता है और एक मल्टीप्लायर निर्धारित करता है. उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 तय किया था. इसका मतलब है कि कर्मचारी का नया वेतन उसकी मूल सैलरी को 2.57 से गुणा करके तय किया गया. अगर किसी कर्मचारी की मूल सैलरी 15 हजार रुपये है तो 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से उसे नया वेतन 38,550 रुपये मिलेगा.गौरतलब है किनया वेतन महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों को भी ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है.
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सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-
उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 तय किया था. इसका मतलब है कि कर्मचारी का नया वेतन उसकी मूल सैलरी को 2.57 से गुणा करके तय किया गया. यदि किसी कर्मचारी की मूल सैलरी 15,000 रुपये है, तो 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से उसे नया वेतन 38,550 रुपये मिलेगा. ध्यान रहे यह वेतन का बेसिक है. यह नया वेतन महंगाई भत्ते (DA) और अन्य भत्तों को भी ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है. 8th Pay Commission 2026 Rules: 8वाँ वेतन आयोग के लागू होते ही DA और DR हो जाएगा 0? जानिए क्या है नियम
फिटमेंट फैक्टर का सीधा प्रभाव कर्मचारियों की ग्रॉस सैलरी और पेंशन पर पड़ता है. जब फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है, तो न केवल वेतन में वृद्धि होती है, बल्कि पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलता है. इसके अलावा, यह महंगाई के बढ़ते स्तर का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है. यही वजह है कि कर्मचारी संघ (Employee Unions) समय-समय पर फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग करते हैं.
7वें वेतन आयोग से कितना अलग है 8वां वेतन आयोग ? जानें – 8TH PAY COMMISSION
8वां वेतन आयोग आधिकारिक रूप से गठित नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि यह सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन की समीक्षा करेगा.
भारत सरकार ने 7वें वेतन आयोग की स्थापना केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन करने के लिए की गई थी. यह 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी है. चूंकि 7वें वेतन आयोग ने अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, इसलिए 8वें वेतन आयोग के बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी.
हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से इसका गठन नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि यह सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन सुधारों की समीक्षा करेगा और उन्हें सुझाएगा. ऐसे में यह सवाल उठता है कि 8वां वेतन आयोग पिछले पे कमीशन से कितना अलग होगा और दोनों में क्या फर्क होगा?
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7वें वेतन आयोग की स्थापना और उद्देश्य
7वें वेतन आयोग की स्थापना 28 फरवरी 2014 को न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में की गई थी. इसका प्राथमिक उद्देश्य अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्र शासित प्रदेशों और रक्षा बलों जैसी विभिन्न सेवाओं में कार्यरत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा करना और उसमें बदलाव की सिफारिश करना था. आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि वेतन वर्तमान आर्थिक स्थितियों, मुद्रास्फीति दरों और कॉस्ट ऑफ लिविंग की लागत के अनुरूप हो.
7वें वेतन आयोग की प्रमुख सिफारिशें
7वें वेतन आयोग की प्रमुख सिफारिशें में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी सबसे अहम थी. आयोग ने एक्रोयड फॉर्मूले के आधार पर नए कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये निर्धारित किया, जो पिछले आयोग के तहत 7,000 रुपये के मुकाबले उल्लेखनीय वृद्धि है.
वहीं, अधिकतम पे स्केल के लिए 225,000 रुपये प्रति माह और कैबिनेट सचिव और समान वेतन स्तर पर अन्य के लिए 250,000 रुपये प्रति माह किया. आयोग ने नए रिटायर अधिकारियों के लिए पेंशन में लगभग 23.66 फीसदी की वृद्धि की गई, जिससे सेवानिवृत्त लोगों के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हुई.
7वें वेतन आयोग ने ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये लाख करने का प्रस्ताव रखा. इसके अतिरिक्त, वे रेकामेंड करते हैं कि जब भी महंगाई भत्ता (डीए) 50 प्रतिशत से अधिक हो, तो इस सीमा में 25प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए.
8th Pay Commission 2026 Rules: 8वाँ वेतन आयोग के लागू होते ही DA और DR हो जाएगा 0? जानिए क्या है नियम
आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि के साथ तालमेल बिठाने के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में 24 प्रतिशत की वृद्धि करने का सुझाव दिया. इसने 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की वार्षिक वेतन वृद्धि दर को बरकरार रखा गया .
आयोग ने कर्मचारियों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए संशोधित दरों का प्रस्ताव करते हुए, केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना को अपडेट करने की सिफारिश की. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी, 2016 को लागू किया गया था, और तब से इसने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वित्तीय परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है.
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8वां वेतन आयोग
आगामी 8वें वेतन आयोग का उद्देश्य मौजूदा आर्थिक मुद्दों से निपटकर और सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों दोनों के लिए वित्तीय स्थिरता को मजबूत करके इन प्रगति को बढ़ाना है.8वें वेतन आयोग की स्थापना का निर्णय 16 जनवरी, 2025 को घोषित किया गया था. इसका उद्देश्य बदलती आर्थिक स्थितियों और मुद्रास्फीति के दबावों के मद्देनजर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित करना है.
कर्मचारियों के लिए वेतन बढ़ने की उम्मीद
आयोग के 1 जनवरी, 2026 से काम करना शुरू करने की उम्मीद है. हालांकि, यह अभी तक आधिकारिक रूप से गठित नहीं हुआ है. इससे सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन सुधारों की समीक्षा और सिफारिश करने की उम्मीद है.
8वें आयोग में यह प्रस्तावित है कि फिटमेंट फैक्टर को 2.28 पर सेट किया जाए, जिससे न्यूनतम वेतन में पर्याप्त वृद्धि होगी.यह 18,000 रुपये से 41,000 रुपये तक पहुंच सकती है, जो लगभग 34.1 फीसदी की संभावित वृद्धि को दर्शाता है.
8वें वेतन आयोग के तह तजनवरी 2026 तक महंगाई भत्ता लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे कर्मचारियों के वेतन में और वृद्धि होगी. इन परिवर्तनों से लगभग 67.85 लाख पेंशनभोगियों और लगभग 48.62 लाख कर्मियों को लाभ हो सकता है.
8वें वेतन आयोग के मुख्य लक्ष्य
आयोग से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन में संशोधन करने की उम्मीद है, जिसमें 20 फीसदी से 35 प्रतिशत तक की अनुमानित वृद्धि होगी. इस एडजस्टमेंट का उद्देश्य वर्तमान आर्थिक स्थितियों और मुद्रास्फीति दरों को प्रतिबिंबित करना है. इसके अलावा 8वें वेतन आयोग के तहत सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है, जिससे रिटायरमेंट में उनकी वित्तीय स्थिरता में सुधार होगा.
8वें वेतन आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों के विभिन्न समूहों के बीच वेतन में असमानताओं को समाप्त करना है. इसमें फिटमेंट फैक्टर का स्टैंडर्डाइजेशन शामिल है, जो विभिन्न स्तरों पर वेतन वृद्धि निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण है. साथ ही इसमें घर के किराए और यात्रा भत्ते जैसे डीए को वर्तमान कॉस्ट ऑफ लिविंग के साथ संरेखित करने के लिए संशोधित किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी बढ़ते खर्चों के बीच उचित जीवन स्तर बनाए रख सकें.
8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होने का अनुमान है, जो संभावित रूप से 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 41,000 रुपये हो जाएगा, जिससे वेतनमान के निचले सिरे पर कर्मचारियों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी.