सरकारी कार्मिको की सहायता सम्बन्धी महत्वपूर्ण FAQ
✍️ कोई कार्मिक प्रधानाचार्य के विधि सम्मत आदेशों की पालना यथा चार्ज / प्रभार लेने से मना करना या अपने विभागीय दायित्वों की पालना नहीं करें तो ऐसी स्थिति में संस्था प्रधान को क्या करना चाहिए?
उत्तर : किसी भी संस्था में अनुशासन बनाए रखने के लिए कुछ कर्मचारियों को तो समझाना मात्र ही आवश्यक होता है जबकि कुछ परिस्थितियों में अनुशासनिक प्रक्रिया को अपनाया जाना आवश्यक है।
ऐसे कई कार्य एवं कारण हैं जिन पर किसी राज्य कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
🌟 अपने कार्य के प्रति उदासीनता व लापरवाही बरतना, अपनी पूर्ण क्षमता के अनुसार कार्य नहीं करना, अपने से उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवज्ञा करना , सेवा नियमों या कानून कायदों की अवहेलना करना।
🌟 कर्मचारी द्वारा संस्था प्रधान के विधि सम्मत आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियम ,1971 के बिंदु संख्या 3 में यह स्पष्ट प्रावधान है कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी हर समय पूर्ण निष्ठा से कार्य करेगा तथा कर्तव्य निष्ठा व कार्यालय की गरिमा बनाए रखेगा। साथ ही अपने कार्यालय के कर्तव्यों के पालन में उच्च अधिकारी के विधि सम्मत निर्णय के विरुद्ध कोई कार्य नहीं करेगा।
🌟 उक्त कृत्य राजस्थान सिविल सेवा (आचरण नियम ) 1971 के नियम 4 अनुचित एवं अशोभनीय आचरण के उप बिंदु संख्या 5 का भी उल्लंघन है।
आचरण संहिता में यह प्रावधान है कि यदि कोई कार्मिक संस्था प्रमुख के विधि सम्मत आदेशों या वरिष्ठ अधिकारी की अवज्ञा करता है तो उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जा सकती है।
🌟 सर्वप्रथम कार्मिक को आदेशों की अवहेलना करने पर कारण बताओ नोटिस देना चाहिए। चार्ज या प्रभार नहीं लेना राजकार्य में बाधा का प्रतीक है। कुछ कार्मिक नादानी में या जानबूझ कर ऐसा आचरण या व्यवहार करते हैं। चार्ज /प्रभार से कार्मिक किसी भी स्थिति में नहीं बच सकता। क्योंकि ऐसा करने पर अन्य कार्मिक भी उच्चाधिकारी के आदेशों का पालन करना उचित नहीं समझेंगे।
🌟 अतः ऐसे मामले पर राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील), 1958 तथा राजस्थान सिविल सेवाएं (आचरण नियम), 1971 के तहत कार्मिक को नोटिस दिया जाए। यदि नोटिस नहीं लेता है तो गवाहों के हस्ताक्षर कराएं। पुन: नोटिस दें। जवाब नहीं देने या असंतोषजनक जवाब देने पर कार्मिक के विरुद्ध सक्षम अधिकारी को विभागीय कार्यवाही हेतु अनुशंसा करें।
🌟सक्षम अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों के सम्बन्ध में जांच कराई जा सकती है। यदि कार्मिक दोषी पाया जाता है तो राजस्थान सिविल सेवा (सीसीए रूल्स) 1958 के तहत संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
🌟 कार्मिक को अपने आचरण/व्यवहार में सुधार के लिए चेतावनी भी दी जानी चाहिए कि या तो आप चार्ज /प्रभार ले अन्यथा आप के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा कर दी जाएगी
🌟 यदि फिर भी कार्मिक के आचरण/व्यवहार में वांछित सुधार नहीं होता है तो शिविरा दिनांक 9 अगस्त ,1999 में दिए गए निर्देश अनुसार कार्मिक को नियोक्ता कार्यालय हेतु कार्यमुक्त कर देना चाहिए। ताकि उस कार्मिक की वजह से संस्थान हित पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़े।
🌟इसके अलावा वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट में भी कार्मिक के आचरण और व्यवहार के बारे में टिप्पणी दर्ज़ करें। APAR में नकारात्मक टिप्पणी दर्ज होने पर भविष्य में देय एसीपी या पदोन्नति भी प्रभावित हो सकती है।
✍️ हमारे प्रिंसिपल जी का ट्रांसफर हो गया है अब पे मैनेजर पर क्या कार्यवाही की जानी है वह बतावे।
उत्तर:-किसी स्कूल में प्रिंसिपल जी (Ddo) का ट्रांसफर हो गया है तो निम्न प्रकार की स्थितियां हो सकती हैं।
अतः स्थिति के अनुसार आप पे मैनेजर पर निम्न कार्य पूर्ण करें।
【1】Ddo का ट्रांसफर हो गया है एवम नए Ddo साहब ने जॉइन नही किया है?
1:- सबसे पहले PM पर मास्टर में Ddo इन्फॉर्मेशन को डिलीट कर देवे।
2:-उनका DSC डोंगल ट्रेजरी से डी एक्टिव करवा देवे।
3:- Ddo का वेतन स्टॉप किया हुआ है तो उनका वेतन रिलीज कर उनकी PM ID नई जगह ट्रान्सफर कर देवे।
4:-नई जगह PM Id स्वीकार होने पर उनकी एलपीसी डाउन लोड कर उनको नई जगह भेज देवे।
5:- किसी को उनके स्थान पर नही लगाया है तो शाला दर्पण से 03 पॉवर के लिए ऑन लाइन आवेदन करें।
【2】Ddo साहब का ट्रांसफर हो गया है एवम नए प्रिंसिपल जी ने जॉइन कर लिया है।
1:-PM पर नए ddo की pm id स्वीकार करे फिर पुराने ddoकी इन्फॉर्मेशन को डिलीट कर देवे एवम pm के मास्टर में नए ddo की इन्फॉर्मेशन को अपडेट कर देवे।
2:-उनका पिछली जगह का डोंगल सम्बन्धित ट्रेजरी से डी एक्टिव करवा देवे।
3 :- नई जगह Pm पर मास्टर में इनका डोंगल पुनः रजिस्टर्ड करे।
4:- ट्रांसफर आदेश सहित नमूने के हस्ताक्षर सम्बन्धित ट्रेजरी में भेजें साथ ही इनका DSC डोंगल एक्टिव करवाए।
【3】Ddo का ट्रांसफर हो गया है एवम उनकी जगह किसी को नही लगाया है एवं स्कूल में कार्यरत व्याख्याता को 03 के पॉवर मिल गए है।
1:-पुराने Ddo की इन्फॉर्मेशन डिलीट कर pm पर मास्टर में 03 वाले व्याख्याता की ddo इन्फॉर्मेशन अपडेट कर देवे।
2:- पुराने Ddo का डीएससी डोंगल ट्रेजरी से डी एक्टिव करवाएं।
3 :- व्याख्याता के नाम से Class 3 का नया डीएससी डोंगल बनवाएं एवम pm के मास्टर टैब से नए डोंगल को रजिस्टर्ड करें।
4:- 03 पॉवर के आदेश की प्रति, नमूने के हस्ताक्षर सहित आवेदन सम्बन्धित ट्रेजरी को भेजें एवं इनका डोंगल एक्टिव करवावे।
【4】Ddo का ट्रांसफर हो गया है एवम 03 के पॉवर नजदीक के स्कूल के प्रिंसिपल जी को मिले है।
1:-पुराने ddo की Ddo इन्फॉर्मेशन डिलीट कर नए 03 पॉवर वालो की pm के मास्टर में ddo इन्फॉर्मेशन अपडेट करें।
2 :- पुराने ddo का डीएससी डोंगल सम्बन्धित ट्रेजरी से डी एक्टिव करवा देवे।
3:-03 पॉवर का आदेश ,नमूने के हस्ताक्षर सहित आवेदन सम्बंधित ट्रेजरी में भेजे एवं 03 पॉवर वाले डीएससी डोंगल को आपकी स्कूल के साथ ट्रेजरी से मैपिंग करवाएं।
✍️ वित्त विभाग राजस्थान सरकार के परिपत्र दिनांक 06.09.2022 के अनुसार एनपीएस खाते से आहरित 25% राशि कैसे जमा करानी है। इसकी प्रोसेस से अवगत करवाए?
1. एनपीएस खाते से आहरित 25% राशि जमा कराने हेतु EGRAS लॉगिन के माध्यम से चालान बनाने की प्रक्रिया –
सबसे पहले आपको ईग्रास की अधिकृत साइट https://egras.rajasthan.gov.in/Default.aspx पर जाकर लॉगिन आईडी और पासवर्ड की सहायता से लॉगिन/साइन इन करना है।
यदि आपके पास ईग्रास लॉगिन आईडी नही है तो आप New User Sign Up ऑप्शन का प्रयोग कर लॉगिन आईडी/पासवर्ड प्राप्त कर सकते है।
Egras पर लॉगिन होने के पश्चात आपको profile में Create profile पर क्लिक करना है। यहां select department में 101 SIPF एवं Major Head में 8009 राज्य भविष्य निधि को सेलेक्ट कर नीचे प्रोफ़ाइल नाम मे NPS RECOVERY CHALLAN लिखने के बाद budget head में 8009-01-101-03-00 (जी.पी.एफ.2004) का चयन करने के बाद >> पर क्लिक कर फिर दाईं ओर भी उक्त बजट हेड को सेलेक्ट कर Submit करना है। इससे चालान हेतु प्रोफाइल बन जाएगी।
अब आपको चालान हेतु प्रोफाइल का चयन कर continue पर क्लिक करना है। इसके बाद जिला, ऑफिस, ट्रेजरी, पैन नम्बर, वर्ष, अवधि और राशि दर्ज करनी है। यहाँ अवधि में one time का चयन कर दिंनाक 01.04.2022 से 31.03.2023 दर्ज करें।
इसके बाद PAYMENT DETAILS में BANK/MODE OF PAYMENT/ ONLINE/OFFLINE आदि का चयन करे। यदि आप ऑनलाइन भुगतान करना चाहते है तो आप ऑनलाइन ही भुगतान प्रक्रिया पूर्ण करें।
यदि आप ऑफलाइन चालान से राशि जमा कराना चाहते है तो आप REMARK में कार्मिक का नाम,पद, पदस्थापन स्थान, एम्प्लोयी आईडी,पैन नम्बर आदि लिखकर SUBMIT पर क्लिक करें। इसके बाद DOWNLOAD CHALLAN के ऑप्शन पर क्लिक करें। चालान की प्रिंट निकाल कर संबंधित बैंक में जमा करवाकर एक प्रति संबंधित डीडीओ/SIPF विभाग में जमा करवा दे। एक प्रति अपने पास संभाल कर रखें।
2. SSO लॉगिन के माध्यम से NPS RECOVERY चालान बनाने की प्रक्रिया –
सबसे पहले SSO पोर्टल के माध्य्म से SIPF New पोर्टल पर लॉगिन करें।
इसके बाद नीचे MENU में GPF 2004 – SCHEME PAYMENT पर क्लिक करें।
अब Deduction Details में Basic Pay के बाद जितनी राशि एक किश्त में जमा करवानी है, उतनी राशि भरे।
अब TRANSACTION TYPE में अपनी सुविधानुसार ONLINE/OFFLINE PAYMENT के ऑप्शन पर क्लिक करें।
अब city, Pincode की प्रविष्टी के बाद नीचे रिमार्क में अपना नाम पता, पदस्थापन स्थान, प्राण नम्बर आदि दर्ज करें और SAVE पर क्लिक करे।
SAVE पर क्लिक करते ही आप EGRAS पर आ जाएंगे। CONTINUE पर क्लिक करें।
यदि आपने OFFLINE मोड का चयन किया है तो बैंक का चयन करें और PROCEED पर क्लिक करें।
PROCEED पर क्लिक करते ही CHALAN का प्रीव्यू आ जाएगा। नीचे DOWNLOAD पर क्लिक करने पर चालान डाउन लोड हो जाएगा।
इस प्रकार जनरेट चालान को संबंधित बैंक में जमा करवाया जा सकता है।
✍️ कृषि संकाय के अंतर्गत अध्ययनरत स्कूली छात्राओं के बालिका प्रोत्साहन राशि के आवेदन कैसे करे?
उत्तर:- कृषि विषय लेकर सीनियर सेकेंडरी(10+2) में अध्ययनरत बालिकाओं को कक्षा 11 व 12 में प्रतिवर्ष ₹5000 प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान है।
👉प्रोत्साहन राशि का भुगतान केवल राजस्थान की मूल निवासी छात्राओं को ही देय है।
👉 गत वर्ष में अनुत्तीर्ण / श्रेणी सुधार हेतु पुनः उसी कक्षा में प्रवेश लेने वाली छात्राओ को प्रोत्साहन राशि देय नहीं है।
👉 सत्र के मध्य में विद्यालय छोड़कर जाने वाली छात्राओं को भी प्रोत्साहन राशि देय नहीं है।
👉 प्रोत्साहन राशि का आवेदन करने के लिए छात्रा की SSO-ID होना आवश्यक है।
👉 राज किसान साथी पोर्टल (https://rajkisan.rajasthan.gov.in) पर छात्रा की SSO ID के माध्यम से लॉगइन कर Enter your janaadar no. मे जनाधार नम्बर टाइप करे तथा Select one member from list से पात्र बालिका का नाम चुने।
जनाधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त 6 digit otp को वेरीफाई करें।
👉 select user type मे citizen का चुनाव कर proceed करे।
👉 अब स्क्रीन पर छात्रा की Personal details व Bank detail प्रदर्शित होगी, नीचे verify your mobile no. which is linked with your aadar id पर click कर अपना आधार मे पंजीकृत मोबाइल नम्बर दर्ज कर Verify करे।
👉ऊपर बाये कोने मे three dots पर click कर “click here for applying” को चुने।
फिर Agriculture subsidy Service का चुनाव करे।
फिर Subsidy on incentive to girls को चुने।
फिर incentive to girls instructions को पढकर ✅ मार्क कर NEXT को दबाए।
👉अब स्क्रीन पर छात्रा का आवेदन प्रदर्शित होगा। जिसमें
(A) Current educational details को भरे।
(B) Upload required documents मे गत वर्ष की अंकतालिका व मूल निवास प्रमाण पत्र की SCAN COPY (Size 1-2MB & jpg/jpeg/pdf/png format) अपलोड करे।
👉रेडियो बटन को ✅ मार्क कर फार्म को SUBMIT कर VERIFY करे।
👉अंत मे Transaction receipt print करे।
👉आवेदन फार्म की हार्ड कापी मय दस्तावेज विधालय मे जमा करवाये।
✍️ मेरा प्रोबेशन 30 अगस्त 2022 में पूरा हो रहा है। मुझे स्थायीकरण से सम्बन्धित जानकारी विस्तार से उपलब्ध करवाइए।
उत्तर – शिक्षा विभाग बीकानेर राजस्थान के आदेशानुसार वर्तमान में सभी पदों के लिए स्थायीकरण का आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किया जाता है। दो वर्ष पूर्ण होने के बाद कार्मिक को स्वयं के स्टाफ विंडो से आवेदन ऑनलाइन करना होता है।
स्थायीकरण अनुमोदन सक्षम अधिकारी👇
✅ LDC, तृतीय श्रेणी अध्यापक – DEO जिला स्तर
✅वरिष्ठ अध्यापक – Joint Director संभाग स्तर
✅व्याख्याता , हेडमास्टर – Director राज्य स्तर ( बीकानेर)
स्थायीकरण संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट:-👇
✅कार्मिक के 2 वर्ष में 30 आकस्मिक अवकाश से अधिक अवकाशो का उपभोग नहीं होना चाहिए।
✅ 30 दिन तक के असाधारण अवकाश के उपभोग पर probation आगे नहीं बढ़ेगा, परंतु 30 दिन से एक दिन भी अधिक होने पर संपूर्ण अवैतनिक अवकाश के बराबर प्रोबेशन /स्थायीकरण आगे बढ़ जाएगा।
✅ कार्मिक की जॉइनिंग अगर मध्याह्न पश्चात है तो जोइनिंग की डेट से Next Date में स्थायीकरण होगा।
स्थायीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज👇:-
✅ PEEO/ प्रिंसिपल द्वारा सत्यापित forwording Latter
✅ प्रोबेशनरी ऑनलाइन आवेदन पत्र
✅ सेवा संतुष्टि प्रमाण पत्र।
✅ नियोक्ता अधिकारी द्वारा जारी अप्वाइंटमेंट लेटर
✅ शाला दर्पण द्वारा जारी जॉइनिंग लेटर
✅ आकस्मिक अवकाश का दिनांक वार विवरण पत्र
✅ अन्य अवकाश अगर उपभोग किए हैं तो PEEO द्वारा प्रमाणित पत्र।
✅ 2 वर्ष का बोर्ड परीक्षा परिणाम पत्रक।
Note- अगर आप का प्रोबेशन काल में विद्यालय चेंज हुआ है या रिशफल हुआ है तो पूर्व स्कूल के संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित सेवा संतुष्टि प्रमाण पत्र आवश्यक है।
स्थायीकरण आवेदन ऑनलाइन की प्रोसेस👇
✅ सबसे पहले नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करते हुए साइट ओपन करें।
https://rajshaladarpan.nic.in/SD2/Home/Staff/Stafflogin.aspx
✅ साइट ओपन होते ही अपनी स्टाफ विंडो की 7 अंको वाली ID भरे।
✅ नीचे पासवर्ड भरे।
✅ कैप्चा भर के सबमिट करें।
✅ सबमिट करते ही स्टाफ विंडो की मेन साइड ओपन होगी।
✅ लेफ्ट साइड 3dot दिखाई देंगे उस पर क्लिक करें।
✅क्लिक करते HOME , SMIlE, प्रोफ़ाइल Apply आदि के ऑप्शन दिखाई देंगे।
✅इनके नीचे FORM का ऑप्शन है वहां स्टेप बाय स्टेप क्लिक करे।
Form ➡️ Application for Department Service ➡️ FORMS ➡️ Confirmation form।
✅फॉर्म ओपन होते ही एक एक डिटेल को चेक कर भरे।
✅ अवकाश विवरण ओर दो वर्ष के रिजल्ट को फील करे।
नोट- 1- आकस्मिक अवकाश के अलावा और कोई अवकाश आपने लिया है तो उसकी pdf अपलोड करें।
2- अगर फॉर्म आदेश क्रमांक ,कार्य ग्रहण समय , स्कूल विवरण आदि में कोई कमी या डाटा गलत हो तो शाला दर्पण पर प्रपत्र 10 अपडेट करे।
✅फॉर्म को भरने के बाद नीचे SAVE के बटन पर क्लिक करे।
✅ SAVE करने के बाद प्रिंट लेवे ओर पूरा डाटा सही तरह से चेक करें।
✅ डाटा सही होने पर फॉर्म को लॉक / फाइनल सबमिट करें।
✅ लॉक करने के बाद फॉर्म का प्रिंट निकाले।
✅ प्रिंट फॉर्म पर अपने हस्ताक्षर कर फाइल में फोरवर्डिंग लेटर के नीचे लगाये।
✅ उक्त भी डोकोमेंट्स की पीडीएफ बनाकर DDO को भेजे।
✅ फॉर्म सबमिट करते फॉर्म DDO लेवल शाला दर्पण पर फॉरवर्ड हो जायेगा।
DDO स्तर का कार्य👇
✅निम्न लिंक पर👇क्लिक करें , ID पासवर्ड ओर कैप्चा भर के शाला दर्पण ओपन करे।
https://rajshaladarpan.nic.in/SD4/Home/Public2/OfficeLoginNew.aspx
✅ कार्मिक के द्वारा सबमिट करने के बाद फॉर्म staff ऑप्शन ➡️फॉर्म अप्रूवल में ओपन होगा
✅ फॉर्म को ओपन करें। डाटा चेक करें।
✅ डाटा सही होने पर कार्मिक के द्वारा भेजी गई समस्त डोकोमेंट्स की पीडीएफ अपलोड करें।
✅ फॉर्म को OTP से सबमिट करते हुए कन्फर्म करें।
✅ कन्फर्म फॉर्म अनुमोदन अधिकारी के पास फॉरवर्ड हो जाएगा।
ध्यान रहे – DDO से स्तर से फॉर्म सबमिट होते ही एक प्रिंट आएगा।
फॉर्म प्रिंट करें। उसमे सेवा सन्तुष्टि का प्रमाण पत्र संग्लन हैं उस पर सील साइन करें।
✅ साइन करने के बाद फॉर्म को कार्मिक की फाइल में FORWARDING LETTER के नीचे लगाए।
✅ उक्त सभी डोकोमेंट्स की दो फाइल बनाये।
✅ एक फाइल को अनुमोदन अधिकारी के पास प्रेषित करे दूसरी फाइल को DDO कार्यालय में रखे।
उक्त सभी प्रकिया करने के बाद आपका फॉर्म सक्षम अनुमोदन अधिकारी से अप्रूवल होते ही आपके स्थायीकरण आदेश जारी हो जाएंगे।
नोट- आप अपने फॉर्म को अपने स्टाफ विंडो / शाला दर्पण पर treck करके की उसकी स्थिति को देख सकते है।
फॉर्म अप्रूवल होते ही Treck में स्थायीकरण आदेश की अपलोड फाइल दिखाई देगी।
✅ स्थायीकरण आदेश को प्रिंट करें।DDO महोदय से अपनी सेवा पुस्तिका में इसकी एंट्री करवाए।
✅ कार्मिक खुद अपने लेवल से / DDO लेवल से पेमेनेजर / SSO लॉगिन/ शाला दर्पण पर अपना प्रोबेशनरी डाटा चेंज करवावें।
ध्यान रहे
स्थायीकरण आदेश ओर वेतन नियमितीकरण आदेश दोनों अलग अलग होते है।
वेतन नियमितीकरण आदेश जारी होने के बाद ही कार्मिक को स्थायी सेलेरी , महंगाई भत्ता , मकान किराया आदि का भुगतान किया जाता है।
Note- (1) वर्तमान में स्थाईकरण आदेश नियुक्ति अधिकारी द्वारा एवं वेतन नियमितीकरण आदेश सम्बंधित पीईईओ/कार्यालय अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।
(2) कार्मिक को अपनी सेवा के 2 वर्ष पूर्ण होने की तिथि के एक माह के भीतर स्थायीकरण आदेशों का इंतज़ार किये बिना नियंत्रण अधिकारी को मकान किराया भत्ते हेतु निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत कर देवे,अन्यथा आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि से मकान किराया भत्ता देय होगा
✍️ मैने दसवीं कक्षा दूसरे बोर्ड से की है अब मै 12वी कक्षा राजस्थान बोर्ड से करने के लिए पात्रता प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त करु।
उत्तर:-दसवीं परीक्षा दूसरे बोर्ड ( राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर को छोड़कर) से पास की है तो उसे राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से उच्च माध्यमिक/वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा मे बैठने के लिए माशिबो राजस्थान,अजमेर से पात्रता प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
👉सत्र 2022-23 से नियमित व स्वंयपाठी दोनों प्रकार के परीक्षार्थियो का पात्रता प्रमाण पत्र केवल स्कूल लोगिन से ओनलाईन प्राप्त किया जा सकता है।
👉पात्रता प्रमाण पत्र कक्षा-11 मे अध्ययनरत रहते समय लिया जाना आवश्यक है। जिसका निर्धारित शुल्क(सामान्य शुल्क से बोर्ड परीक्षा आवेदन की अंतिम तिथि तक) 100₹ है।
👉कक्षा-12 मे अध्ययनरत परीक्षार्थी (जिसने कक्षा-11 माशिबो अजमेर से मान्यता प्राप्त विधालय से उतीर्ण की हो) द्वारा पात्रता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 1100₹(100₹ शुल्क+1000₹ शास्ति) शुल्क लिया जाता है।
👉पात्रता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन बोर्ड की साईट (https://www.bser-exam.in/) पर Online form for board main exam 2023(New Portal) लिंक पर स्कूल लोगिन मे “ELIGIBILITY” टैब मे ELIGIBILITY FORM भरकर SUBMIT करना है।
उसके उपरांत नीचे “ELIGIBILITY LIST DATA” टैब मे ONLINE PAYMENT किसी भी बैंक से NET BANKING/DEBIT CARD/CREDIT CARD से किया जा सकता है।
👉PAYMENT के तुरंत बाद पात्रता प्रमाण पत्र PRINT किया जा सकता है।
👉पात्रता प्रमाण पत्र के क्रमांक बोर्ड परीक्षा आवेदन मे भरे जायेंगे तथा उसकी प्रति आवेदन पत्र के साथ सलंग्न करना आवश्यक है।
👉इस वर्ष कक्षा-11 मे नव प्रवेशित विधार्थी जिन्होंने 10वी अन्य बोर्ड से कि है के पात्रता के आवेदन वर्तमान समय मे आवश्यक रूप से करे,वर्तमान मे(सामान्य शुल्क से बोर्ड आवेदन की अंतिम तिथि तक) शुल्क केवल 100₹ लगेगा ,अगले वर्ष पात्रता लेने पर शुल्क 1100₹ लगेगा।
पात्रता प्रमाण पत्र की हार्डकापी अभी डाउनलोड कर बोर्ड परीक्षा-2024 के लिए सुरक्षित रखे।
नोट:- पात्रता प्रमाण पत्र जिस परीक्षा एवं जिस वर्ष हेतु जारी किया गया है वह उसी के लिए मान्य है, अन्यथा स्तिथि में पात्रता प्रमाण पत्र पुनः प्राप्त करना होगा। कक्षा 11 हेतु जारी पात्रता – पत्र आगामी वर्ष की कक्षा 12 हेतु स्वतः ही मान्य होगा |
✍️ शाला दर्पण के माध्यम से 03 पावर फॉर्म ऑनलाइन करने की नवीनतम प्रक्रिया के बारे में जानकारी देवे ?
उत्तर- आहरण वितरण के अधिकार के लिए 03 पावर अति आवश्यक है। किसी संस्था प्रधान की सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण,मृत्यु,पदोन्नति, नवीन कार्यालय या अन्य कारण से चले जाने के कारण स्वयं की संस्था के अन्य पात्र राजपत्रित अधिकारी या स्वयं की संस्था में नहीं होने पर अन्य संस्था के राजपत्रित अधिकारी को 03 पावर दिया जा सकता है इसके लिए प्रस्ताव शाला दर्पण के माध्यम से भेजा जाएगा। जिसकी प्रक्रिया निम्न प्रकार हैं-
▪️शाला दर्पण पर 03 पावर चाहने वाले विद्यालय का लॉगिन करेंगे।
▪️ लॉगइन के पश्चात विद्यालय टैब पर क्लिक करेंगे।
▪️वहां ऊपर की ओर से तीसरे नंबर पर 03 पावर फॉर्म का ऑप्शन नजर आएगा वहां क्लिक करेंगे।
▪️अब एक पॉप अप दिखेगा- इनमें से एक विकल्प का चयन करें ⤵️
▪️प्रस्तावित नवीन आहरण वितरण अधिकारी का चयन –
A.इसी विद्यालय से चयन।
B.ब्लॉक की अन्य विद्यालय से चयन
✅दोनों में से एक पर टिक कर ओके दबाएं।
A. यदि आप इसी विद्यालय से चयन करते हैं तो प्रक्रिया इस प्रकार हैं
विद्यालय की बेसिक इनफार्मेशन नजर आएगी। जांच लेवे।
▪️आहरण वितरण अधिकारी के परिवर्तन का कारण चयन करें- सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण, मृत्यु, पदोन्नति, नवीन कार्यालय या अन्य कारण में से जो भी लागू हो संबंधित चयन करें।
▪️पात्र राजपत्रित अधिकारियों की सूची नजर आएगी उनमें से संबंधित पात्र के आगे चयन करें।
▪️उस अधिकारी के पास कितने संस्थानों का 03 पावर है 0,1,या 2 मेसे जो लागू हो चयन करें।
▪️प्रस्तावित अधिकारी की संस्था की आईडी ऑटोमेटिक प्रदर्शित होगी।
▪️उक्त जानकारी तसल्ली से चेक करने के बाद सेव पर क्लिक करें।
▪️संस्था प्रधान की OTP से कन्फर्म करे।
▪️आप द्वारा भेजी गई रिक्वेस्ट CBEO में प्रदर्शित होगी।वहाँ से approved होने के बाद निदेशालय से approve होगी। फिर आदेश जारी होगा जो शाला दर्पण के इसी टैब से डाउनलोड हो जाएगा।
B.यदि आप ब्लॉक के अन्य विद्यालय से चयन करते हैं तो प्रक्रिया इस प्रकार हैं–
▪️03 power विकल्प पर क्लिक के बाद पॉप अप दिखेगा जिसमे आप बलॉक के अन्य विद्यालय से चयन का चयन करे।
▪️अब आप निम्न पूर्तिया करे ⤵️
1.आहरण वितरण अधिकारी (DDO) डीडीओ का परिवर्तन का कारण चयन करें-सेवानिवृत्त,स्थानान्तरण,मृत्यु,पदोन्नति,नवीन कार्यालय या अन्य मेसे जो लागू हो।
▪️अन्य विद्यालय से आहरण वितरण अधिकारी का चयन का कारण चयन करें-
➡️विद्यालय में व्याख्याता एवं समकक्ष अधिकारी कार्यरत नहीं है।
➡️विद्यालय में कार्यरत व्याख्याता एवं समकक्ष अधिकारी लम्बी अवधि से अवकाश पर है।
(दोनो कारणों मेसे एक चयन करें)
▪️प्रस्तावित आहरण वितरण अधिकारी की एम्प्लोई आईडी
या
▪️.प्रस्तावित आहरण वितरण अधिकारी का मोबाइल नंबर
(ये दोनों या दोनों मेसे एक भर कर)
▪️Search करे।
▪️आधिकारी का विवरण दिखेगा जांच लेवे।
▪️प्रस्तावित अधिकारी को कितने 03/ आहरण वितरण अधिकार है-
-Select- 0,1,2 मेसे चुने।
▪️जिस अधिकारी को आहरण वितरण अधिकार दिए जाना प्रस्तावित है उसके पदस्थापन स्थान की पे मैनेजर की office Id-
ऑटोफिल होगी या कॉलम भरा होगा।
▪️Save कर देवे।
▪️Otp से कन्फर्म करने के पश्चात CBEO व फिर निदेशालय से APPROVE होने के बाद आदेश डाउनलोड कर लेवे।
▪️यही से स्टेटस भी चेक कर सकते है।
✍️ आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव के तहत 12 अगस्त 2022 को होने वाले वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होने वाले सामूहिक गान कार्यक्रम की जानकारी देवें?
➡️उत्तर-आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव के तहत सभी स्कूलों में 12 अगस्त 2022 को सुबह 10:15 बजे से बच्चे देश भक्ति गीत गाएंगे। शिक्षा विभाग द्वारा सामूहिक देशभक्ति गीत गायन के लिए अलग-अलग 6 गीत भेजे गए हैं,जिनका सामूहिक रूप से गायन का पूर्वाभ्यास 12 अगस्त से पहले कराया जाना है ,12 अगस्त का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा⤵️
➡️सुबह 9:30 कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना
➡️सुबह 10.13 से 10.15 बजे तक मुख्य अतिथि का आगमन व स्वागत होगा।
➡️सुबह 10.15 से 10.31 बजे तक सामूहिक देशभक्ति गीत गायन
➡️सुबह 10.42 से 10.47 बजे तक मुख्य अतिथि का संबोधन
➡️ सुबह 10.50 बजे कार्यक्रम समाप्त होगा।
निर्धारित क्रम में ही देशभक्ति गीत सामूहिक रूप से सुबह 10.15 बजे से 10.31 बजे तक ही गाए जाएंगे ताकि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो सके।
1⃣राष्ट्र गीत वंदेमातरम से शुरुआत करेंगे,
2️⃣देशभक्ति गीत सारे जहां से अच्छा,
3️⃣आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की,
4️⃣ झंडा ऊंचा रहे हमारा,
5️⃣ हम होंगे कामयाब एक दिन से गाए जाएंगे।
6️⃣ आखिर में राष्ट्रगान की प्रस्तुति होगी।
कार्यक्रम स्तर व कार्यक्रम स्थल⤵️
1.राज्य स्तर- सवाईमानसिंह स्टेडियम जयपुर
2.जिला स्तर- जिला मुख्यालय
3.ब्लॉक स्तर- ब्लॉक के सबसे बड़े मुख्य स्टेडियम अथवा सबसे बड़े विद्यालय का खेल मैदान
4.विद्यालय स्तर- विद्यालय के प्रार्थना स्थल या ऐसा स्थान जहां पर विद्यालय स्तरीय बालसभा आयोजित की जाती है।
🇮🇳 कार्यक्रम के पश्चात ऑनलाइन प्रविष्टि ⤵️
उक्त कार्यक्रम को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज करवाने हेतु इसमें भाग लेने वाले सभागियों का डाटा संकलन शाला दर्पण पोर्टल एवं प्राईवेट स्कूल पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। इसके लिये दिनांक 12.08.2022 को प्रातः से दोनो पोर्टल पर पॉप-अप विण्डो प्रारम्भ की जायेगी जिसमें कार्यक्रम में भाग लेने वाले समस्त संभागियों (विद्यार्थियों, स्टॉफ, अभिभावक / आगन्तुक अतिथि) की डाटा प्रविष्टि की जानी है। अत निर्देशित किया गया है कि दिनांक 12.08,2022 को प्रभावी मॉनिटरिंग करते हुये निम्नानुसार पॉप-अप विण्डों में प्रातः 11.30 बजे तक अनिवार्यतः शत प्रतिशत प्रविष्ठियां सुनिश्चित करनी है।
✍️ राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम (RKSMBK) से संबंधित बेसलाइन एसेसमेंट सम्बंधित स्टूडेंट्स के संख्यात्मक विवरण में अंतर आने पर डेटा सही कैसे करे ?
उत्तर:-विभागीय निर्देशानुसार बेसलाइन एसेसमेंट का कार्य मैन्युअली 10 अगस्त,2022 तक करना है जिसकी ऑनलाइन शालादर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि 18 अगस्त,2022 तक करनी है।
शाला दर्पण के School login के होम पेज पर राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम RKSMBK नाम से टैब है। इस टैब में 2 विकल्प हैं
- Assessment data reset 2022-23_
2. Assessment 2022 -23_
यदि किसी कक्षा में भौतिक रूप से प्रविष्ट बच्चे और ऑनलाइन प्रदर्शित बच्चों की संख्या में अंतर आता है तो हम होम पेज पर उपलब्ध टैब राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम (RKSMBK) पर दिए गए विकल्प Reset students base line data ,2022-23 में जाएंगे।
यहां Class Section Session को select
Show बटन पर क्लिक करेगें।
यहां पर दो विकल्प दिखाई देंगे👇
Current students सूची
और students in base line सूची
यदि दोनों में कोई अंतर है तो
नीचे दिए गए
Sync students base line data पर क्लिक करें।
Ok विकल्प पर क्लिक करने पर Baseline data reset succesfully का मैसेज प्रर्दशित होगा।
और दोनों जगह अर्थात current students सूची और Students in base line सूची में बच्चों की संख्या समान हो जाएगी।
✍️ शाला दर्पण पर बेसलाइन एसेसमेंट 2022 -23 की फीडिंग कैसे करें ?
उत्तर – सर्वप्रथम विद्यालय की शाला दर्पण को लॉगिन करें।
1 यहां होम पेज पर आपको RKSMBK टैब मिलेगी इस पर क्लिक करें।
2 यहां दो ऑप्शन प्रदर्शित होंगे पहले ऑप्शन के द्वारा यदि स्टाफ विंडो पर विद्यार्थियों की संख्या कम या ज्यादा प्रदर्शित हो रही है तो उसे डाटा रिसेट से सही किया जा सकता है।
3 दूसरे ऑप्शन से संस्था प्रधान स्टाफ विंडो पर की गई बेसलाइन एसेसमेंट की फीडिंग को चेक कर सकते हैं तथा एंट्री भी कर सकते हैं।
नोट – बेसलाइन एसेसमेंट की फीडिंग करने से पहले विद्यालय की शाला दर्पण से कक्षा अध्यापक एवं विषय अध्यापक की फीडिंग अवश्य करें।
4 अब आप स्टाफ विंडो को लॉगिन करें यहां आपको RKSMBK टैब मिलेगी।
5 इस पर क्लिक करने पर बेसलाइन एसेसमेंट ऑप्शन प्रदर्शित होगा उस पर क्लिक करें।
NOTE- बेसलाइन असेसमेंट की प्रविष्टि को ध्यान से सेव करें एक बार डेटा सेव होने के बाद बदलाव संभव नहीं होगा।
6 बेसलाइन असेसमेंट के ऑप्शन पर आपको सेशन 2022 – 23 के साथ कक्षा ,सेक्शन और विषय का चयन कर शो बटन पर क्लिक करना है।
7 अब आपके सामने आपकी कक्षा के सभी विद्यार्थी प्रदर्शित होंगे जहां बेसलाइन एसेसमेंट के अंकों की फीडिंग कर सेव करना है विद्यार्थियों के समूह अपने आप बन जाएंगे।
8 हिंदी, गणित, अंग्रेजी विषयों के बेसलाइन एसेसमेंट कक्षा 3 से 8 तक के कक्षाओं के आयोजित कर आपको स्टॉफ विंडो से अंको की फीडिंग करनी है।
✍️ SNA बैंक खाते से प्राप्त ब्याज को जमा कराने सम्बन्धित हेड की जानकारी दीजिये।
उत्तर:- SNA बैंक खाते से प्राप्त ब्याज को जमा कराने के लिए प्रतिवर्ष के अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की संचित निधि में उल्लिखित बजट मद में ब्याज जमा कराने के निर्देश है।
SNA बैंक खातों में जमा केंद्रीय राशि पर अर्जित ब्याज भारत सरकार की समेकित निधि में निम्न बजट मद में जमा कराए👇
0049-ब्याज प्राप्तियां
01- राज्य सरकार से ब्याज
800- विविध ब्याज प्राप्तियां
SNA बैंक खातों में जमा राज्यांश राशि पर अर्जित ब्याज को समेकित निधि में निम्न बजट मद में जमा कराए👇
0049-ब्याज प्राप्तियां
04- राज्य संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों की ब्याज प्राप्तियां
801- अनुदान ग्राही से अव्ययीत शेष पर ब्याज अथवा अन्य प्राप्तियां
(1) ब्याज तथा अन्य प्राप्तियां अनुदान
✍️ राजकीय कार्यालयों के बिजली बिल के भुगतान सम्बन्धित जानकारी दीजिये।
उत्तर:- राजकीय विभागों के लिए विद्युत वितरण निगम द्वारा जारी किए गए विद्युत बिलो के बिल ऑटो सिस्टम द्वारा IFMS पर प्राप्त होने व तदनुसार IFMS द्वारा FVC बिल ऑटो तैयार करने की व्यवस्था दिनांक 15 जून 2022 से लागू की गई हैं।
इस प्रक्रिया में निम्नलिखित कार्यवाही अपेक्षित है।👇
(1) विद्युत वितरण निगम द्वारा राजकीय कार्यालयों के विद्युत बिल उनके सिस्टम से जनरेट होते ही पेमेनेजर सिस्टम द्वारा ऑटो FVC बिल बनाया जाएगा।
(2) DDO द्वारा K नम्बर से बजट मद (जिससे बिजली बिल का भुगतान किया जाना है) की मैपिंग की जाएगी। यह प्रक्रिया केवल एक बार ही होगी।
(3) पेमेनेजर सिस्टम से बना FVC बिल सम्बन्धित DDO को बिल भुगतान की अंतिम तिथि से 5 दिन पहले तक दिखाई देता रहेगा फिर वह ट्रेजरी को ऑटो फॉरवर्ड हो जाएगा। ट्रेजरी के पास बिल पास करने के लिए एक दिन का समय होगा।
(4) सिस्टम से बने बिल की जांच निम्नानुसार DDO द्वारा होगी👇
Authorisation>Electricity bill>
(a) budget head mapping
(b) Electricity bill verification
(5) DDO के लॉगिन से FVC बिल की रिपोर्ट जनरेट करके इसका मिलान विद्युत निगम द्वारा जारी बिजली के बिल से करने की जिम्मेदारी DDO की होगी। विद्युत निगम के बिल पर कोई आपत्ति होने पर DDO द्वारा रिमार्क नोट किया जाएगा जो विद्युत निगम के पोर्टल पर show होगा।
(6) विद्युत निगम द्वारा पुनः बिल जनरेट करके तदानुसार पेमेनेजर सिस्टम से बिल बनेगा।
(7) विद्युत निगम के बिल भुगतान की अंतिम तिथि से तीन दिन पूर्व बिल ऑटो पास हो जाएगा।
✍️ किसी कार्मिक के 01/06/2002 के बाद दो से अधिक संतान होने पर एसीपी एवम पदोन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:- यदि किसी कार्मिक के 01/06/2002 के बाद दो से अधिक संतान होने पर वित्त विभाग के आदेश- F14(88) FD Rules/2008pt jaipur Date 18/12/2020 के अनुसार उस कार्मिक को तीसरी संतान पैदा होने की तिथि के बाद स्वीकृत होने वाली एसीपी देय तिथि से 3 वर्ष बाद स्वीकृत होगी लेकिन उसके बाद भविष्य में देय एसीपी पर आगामी प्रभाव को समाप्त कर दिया है अर्थात वह देय एसीपी निर्धारित दिन से ही स्वीकृत होगी।
(2) किसी कार्मिक के 1/06/2002 के बाद दो से अधिक संतान होने पर नियमानुसार पदोन्नति होने पर उसे कार्यमुक्त नही किया जाता है एवं दो डीपीसी के बाद उसका पुनः नाम पदोन्नति की पात्रता सूची में आता है एवम उसकी पदोन्नति होती है उस समय उसे पदोन्नति पर कार्यमुक्त किया जा सकेगा।
(3) इसलिए ही एसीपी एवम पदोन्नति से पूर्व सभी कर्मचारियों से संतान सम्बन्धित घोषणा पत्र का शपथ पत्र मांगा जाता है।गलत शपथ पत्र दे कर नियम विरुद्ध एसीपी /पदोन्नति प्राप्त करना एक दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
✍️ रोस्टर रजिस्टर क्या है? इसके बारे में सामान्य जानकारी प्रदान करें।
उत्तर- सीधी भर्ती एव पदोन्नति में आरक्षण के अनुसार कार्मिको के उचित प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए रोस्टर रजिस्टर का निर्माण किया जाता है।
रोस्टर का उद्देश्य एवं आवश्यकता- रोस्टर का निर्माण सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में आरक्षित वर्ग के आरक्षण/प्रतिनिधित्व की कमी (shortfall of reservation) एवं बैकलॉग (पुरानी भर्ती के आरक्षित लेकिन रिक्त) पदों की सटीक गणना के लिए किया जाता है। रोस्टर से यह निर्धारित किया जाता है कि किसी विभाग में निकलने वाली वेकंसी/पदोन्नति में किस वर्ग को कितनी सीटें मिलेगी।
रोस्टर का निर्माण किस आधार पर किया जाता है – रोस्टर रजिस्टर का निर्माण कार्मिक की चयनित केगेटरी एवं मेरिट के अनुसार किया जाता है। रोस्टर का कार्मिक की वरिष्ठता से कोई संबंध नही है।
सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के लिए रोस्टर रजिस्टर अलग अलग बनाया जाता है।
टीएसपी एवं नॉन टीएसपी क्षेत्र का भी रोस्टर रजिस्टर अलग अलग बनेगा। यदि भर्ती विषयवार हो तो विषय वार अलग अलग रोस्टर संधारित किया जाएगा।
रोस्टर के प्रकार – 👇
A. रिक्ति आधारित (vacancy based roster) – इस प्रकार के रोस्टर में आरक्षण का निर्धारण किसी कैडर में कुल रिक्त पदों की संख्या के आधार पर किया जाता है।
B. पद आधारित रोस्टर (post based roster) – इस प्रकार के रोस्टर में किसी संवर्ग/कैडर में किसी भी श्रेणी के लिए आरक्षण उस पद के लिए रिक्त पदों के आधार पर किया जाता है।
C. L Shape Roster – इसके अनुसार प्रारम्भिक भर्तियाँ (initial recruitment) वर्टिकल पैटर्न में की जाती है और उसके बाद की हॉरिजॉन्टल पैटर्न पर की जाती है, इससे एक L आकार बन जाता है इसीलिए इसे L-shaped रोस्टर भी कहते हैं।
जिस कैडर में पदों की संख्या 2 से 20 तक होती है, वहाँ पर L-Shape रोस्टर तैयार किया जाता है। 21 से अधिक पद होने पर 100 पॉइंट रोस्टर तैयार किया जाता है।
✍️ कार्यालय में पद प्रत्याहरित किए जाने के बाद अधिशेष कार्मिक को शाला दर्पण पर कार्यग्रहण करवाने की चरणबद्ध प्रक्रिया बताएं।
उत्तर- श्रीमान निदेशक महोदय, माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर द्वारा हाल ही में जारी आदेशानुसार मंत्रालयिक कार्मिकों के पदों का पुनर्गठन किया गया है जिसके कारण कई कार्यालयों में पदों को प्रत्याहरित किया गया है परन्तु ऐसे कार्यरत कार्मिकों का वेतन सेवानिवृति/स्थानांतरण/पदोन्नति तक उसी कार्यालय में स्वीकृत नवीन उच्च/समान रिक्त पदों के विरुद्ध आहरित करने के भी आदेश जारी किए गए हैं। अतः इस प्रकार के अधिशेष कार्मिकों को शाला दर्पण पर कार्यग्रहण करवाने की चरणबद्ध प्रक्रिया निम्नानुसार है।
➡️ IFMS एवं शाला दर्पण पर पदों का मिलान-👇
▪️सर्वप्रथम IFMS से पदों के आवंटन की अद्यतन सूची Download करें।
▪️उसके बाद शाला दर्पण School Login कर कार्मिक टैब में जाकर स्वीकृत पदों का विवरण देखकर IFMS पर स्वीकृत पदों से अच्छी तरह से मिलान कर लें।
▪️Check करने पर आप पाएंगे कि जो पद प्रत्याहरित किया गया है उस पदनाम के आगे स्वीकृत पद के सामने 0-0 Show होगा,एवं इसका मतलब कि वह पद विभाग द्वारा प्रत्याहरित कर लिया गया है।
▪️इसके साथ ही कार्मिक टैब में ही कार्मिक कार्यग्रहण (3A) में भी आपके कार्यलय में स्वीकृत एवं कार्यरत पदों का विवरण Show होगा। अतः वहाँ पर प्रत्याहरित पदनाम Show नहीं होकर नव सृजित पदनाम का विवरण Show होगा।
➡️ प्रत्याहरित पदनाम पर कार्यरत कार्मिक को कार्यग्रहण करवाने की प्रक्रिया-👇
▪️कार्मिक टैब में कार्मिक कार्यग्रहण(3A) पर Click करें।
▪️उसके बाद Active Window पर प्रदर्शित Options में से Surplus (On Portal) Employee Entry पर Click करें। उसके बाद आपको अधिशेष Employee की Details स्वतः ही Show होंगी। उसे Check कर Name पर Click करें।
▪️कार्यग्रहण पद (जिस नए पद पर अधिशेष कार्मिक को कार्यग्रहण करवाया जाना है।) को Drop Down में से Select करें।
▪️उसके बाद कार्यग्रहण विवरण Show होगा जिसकी आप भलीभांति जांच कर लें।
▪️सही होने पर Next पर Click करें।
▪️उसके बाद Present Post Auto Show होगी।
▪️अब आप प्रदर्शित विवरण को जांचकर Budget Head व Budget Type को Select करें।
▪️आदेश जारीकर्ता सक्षम अधिकारी में उपनिदेशक का चयन करें।
Note: यदि श्रीमान निदेशक महोदय के Standing Order की अनुपालनार्थ जिला व संभागवार कोई आदेश हुए हैं तो वो आदेश क्रमांक डालें।) क्रमांक दिनांक 09.09.22 को जारी आदेशानुसार चयन करें।
▪️आदेश तिथि में 09.09.22 Select करें।
Joining Date जो By Default आ रही है वही रहने दें। उसके बाद Before Noon का चयन करें।
▪️Type of Current Employee में Permanent Select करें।
▪️उसके बाद Appointed Post की जांच करें एवं सही होने पर Next पर Click करें।
▪️उसके बाद एक Pop Up Show होगा जिसमें Currently Employed Post का Option Show व Appointed Post Show होंगी।
▪️यदि प्रदर्शित सूचनाएं सही है तो Confirm पर Click करें। यदि कोई संशोधन अपेक्षित हो तो Back पर Click कर संशोधन के बाद Confirm पर Click करें।
▪️यदि कोई त्रुटि रह गई है तो कार्मिक कार्यग्रहण (3A) में प्रदर्शित Window में Edit भी कर सकते हैं।
Special Note- उक्त प्रक्रिया से Employee के प्रपत्र नम्बर-10 पर पूर्व में प्रविष्ट Data पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
✍️ सूचना का अधिकार- 2005 ( आरटीआई ) के संबंध में लोक सूचना अधिकारी के कार्यों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर :- लोक सूचना अधिकारी को आरटीआई के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन के संबंध में निम्न बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए –
🔸सूचना प्रकट नहीं करने पर धारा का उल्लेख करना – आवेदक द्वारा चाही गई सूचना को प्रकटन से मना किया जाता है तो सूचना का अधिकार – 2005 की उस धारा का उल्लेख अवश्य करना होगा जिसके अनुसार प्रकट नहीं की जा रही है।
🔸निर्णय स्वयं लोक सूचना अधिकारी का – आरटीआई के अंतर्गत किसी भी आवेदन पर निर्णय स्वयं लोक सूचना अधिकारी को लेना होता है अतः आवेदन के संबंध में प्रथम अपीलीय अधिकारी या विभाग के उच्च अधिकारियों से लिखित मार्गदर्शन लेना अपेक्षित नहीं है।
🔸 कोई भी सूचना जो दी जा रही है या नहीं दी जा रही है तो भी उसमे प्रथम अपीलीय अधिकारी का पद नाम एवं कार्यालय का पता अंकित करना होगा जैसे :- मेरे द्वारा दी गई सूचना से आप संतुष्ट नहीं हो तो प्रथम अपीलीय अधिकारी ….. कार्यालय का नाम….. पता….. में प्रथम अपील कर सकते हो।
🔸 सूचना का अधिकार का लोगो अंकित करना – सूचना का अधिकार -2005 के समस्त पत्रों पर आरटीआई का लोगो अंकित करना होगा।
🔸सूचना डाक से भिजवाएं :- आवेदक ने डाक माध्यम से आवेदन किया है तो सूचना रजिस्टर्ड डाक से ही भिजवाएं।
🔸 सूचना अंतरित करना :- आवेदक ने जो सूचना मांगी है और वो अन्य कार्यालय से संबंधित/धारित है तो पांच दिवस में संबंधित विभाग/ कार्यालय को अंतरित की जानी चाहिए एवं उसकी सूचना आवेदक को भी देनी चाहिए।
🔸फ़ाइल ढूंढ़ना कार्यालय का कार्य – आवेदक द्वारा चाही गई सूचना को ढूंढ़ कर देना कार्यालय का कार्य है अतः आवेदक को यह नहीं कहा जा सकता है कि आप कार्यालय में आकर फाइल/पत्र खोजने में सहायता करें।
🔸लागत शुल्क से अधिक शुल्क जमा करवाने पर वापिस नहीं लौटना – आवेदक द्वारा चाही गई सूचना के प्रति पृष्ठ अनुसार अधिक राशि जमा करवाई जाती है तो उसे लौटाया नहीं जाएगा। अधिक राशि पर यह माना जाएगा कि आवेदक ने स्वेच्छा से यह राशि राजकोष में जमा करवाई है। उदाहरण – जैसे किसी सूचना के 30 पृष्ठ ए 4 साइज अनुसार 60 रुपए होते है और आवेदक ने 100 रुपए जमा करवा दिए तो 40 रुपए वापिस नहीं लौटने है।
🔸 काल्पनिक प्रश्नों के उत्तर देना या नियमों कि व्याख्या करना आरटीआई के अंतर्गत नहीं – आवेदक लोक सूचना अधिकारी से काल्पनिक प्रश्नों के उत्तर के रूप में सूचना प्राप्त नहीं कर सकता क्योंकि यह आरटीआई के अंतर्गत नहीं आता है। उदाहरण – आप वो/वह/यह कार्य कब तक करोगे? इस नियम का क्या तात्पर्य है आदि या आवेदक यह नहीं पूछ सकता है कि आपने किस नियम के अंतर्गत कार्यवाही की ? किस नियम का उपयोग किया या किस नियम के अन्तर्गत कार्यवाही करोगे आदि आदि। लोक सूचना अधिकारी को विशेषाधिकारी है कि वे किस नियम के अन्तर्गत कार्यवाही करें , आरटीआई का कार्य केवल सूचना जो किसी दस्तावेज के रूप में उपलब्ध है को प्राप्त करवाना है।
🔸सहायक लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति करना – लोक सूचना अधिकारी अपने कार्यालय में यथा आवश्यकता अनुसार सहायक लोक सूचना अधिकारी को नियुक्त कर सकते हैं। सहायक लोक सूचना अधिकारी का कार्य आवेदन प्राप्त करना, सूचना संकलित करना एवं उनका निस्तारण करना है। सहायक लोक सूचना अधिकारी जिस कार्यालय में नियुक्त है तो जो सूचना 30 दिन में देनी होती है उसके लिए 30+5 =35 दिन में दे सकते हैं। विदित रहें कोई भी निर्णय हो वह लोक सूचना अधिकारी का ही माना जाएगा।
🔸पद नाम से या संस्था द्वारा मांगी गई सूचना देय नहीं – कोई भी संस्था यथा निजी/अर्द्ध शासकीय/ अनुदानित/ राजकीय या पद नाम से सूचना नहीं मांग सकते है। जैसे आवेदक में लिखा हो सचिव…..समिति/संस्था , तो देय नहीं है। आवेदन में व्यक्ति जो भारतीय मूल का हो नाम से हो तो ही देय है।
🔸कार्यालय के बोर्ड पर लोक सूचना अधिकारी/सहायक लोक सूचना अधिकारी तथा प्रथम अपील अधिकारी का नाम एवं पद अंकित करना।
🔸बीपीएल कार्ड धारक को सूचना निःशुल्क प्रदान करना।
🔸अतिरिक्त व्यय की मांग नहीं करना – आवेदक से अतिरिक्त शुल्क या परिश्रम की मांग नहीं की जाएगी। जैसे – फोटो कॉपी करवाने दूर स्थान पर फाइल लेकर गए और वहां तक आने – जाने में किराया लगा आदि आदि।
🔸तृतीय पक्ष की सूचना बिना अनुमति नहीं देना
जो सूचना तृतीय पक्ष से सबंधित हो तो तृतीय पक्ष को लिखित या मौखिक में सूचित करना होगा तथा तृतीय पक्ष को सूचना प्राप्ति के 10 दिवस के भीतर अभ्यावेदन करने का अवसर दिया जाएगा। तृतीय पक्ष के अभ्यावेदन पर सूचना प्रकट या उसकी आपत्ति पर प्रकट नहीं की जाएगा या सूचना का ऐसा भाग प्रकट किया जा सकता है जो तृतीय पक्ष से संबंधित नहीं है।
🔸प्रथम अपीलीय अधिकारी को अपील करने पर – अगर किसी आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी को अपील की है तो प्रथम अपीलीय अधिकारी को प्राकृतिक न्याय की अवधारणा को अपनाते हुए दोनों पक्षों को सुनवाई का अवसर देकर ही निर्णय करना चाहिए।
🔸प्रथम अपीलीय अधिकारी को शास्ती लगाने का अधिकार नहीं।
🔸प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदक के विरुद्ध दिए गए निर्णय में द्वितीय अपीलीय अधिकारी राज्य सूचना आयोग एवं कार्यालय का पता लिखना चाहिए।
✍️ मुझे SI से सम्बंधित बकाया राशि का Challan बनाना है तो sso.rajasthan.gov.in के माध्यम से उसकी Process बताएं।
उत्तर-SI से सम्बंधित Due Amount को SSO Employee Login से Offline/Online माध्यम से Challan बनाकर जमा करवाने की Process निम्नानुसार है-
➡️ सर्वप्रथम sso.rajasthan.gov.in पर Employee Login करेंगे।
➡️ STATE INSURANCE & PROVIDENT FUND ICON पर Click करेंगे।
➡️ Right Side में निम्न Options Show होंगे-
☂️NPS
☂️ SI
☂️Raj Credit
☂️GPF2004
☂️SI Debit
☂️GPA
इनमें से ☂️SI पर Click करेंगे।
➡️ उसके बाद Click For Transactions पर Click करेंगे तो Right Side में निम्न Options Show होंगे-
SI Loan
SI Claim
Declaration
Deposit
Extend Policy
Back to Dashboard
➡️ SI से सम्बंधित बकाया राशि का Challan Generate करने के लिए आप Deposit पर Click करें।
➡️Deposit पर Click करने के बाद Scheme Payment पर Click करने पर Employee की Basic Details यथा-Unit, Office, DDO, Scheme, SI, Head(By Default आएगा)
Deductions Details, Employee ID, Employee Name व Current Basic Pay आदि Options Show होंगे।
➡️ उसके बाद
SI Premium
SI Loan
SI Loan Interest
SI Policy Fee
उपरोक्तानुसार आपको जो भी बकाया राशि का Challan Generate करना है उसकी राशि लागू Option के Column में लिख दें।
➡️ आगे Transaction Type में Offline/Online में कोई एक Mode Select करें।
➡️ City Name व PIN Code Fill करें। एवं Remark में जिस बकाया राशि का Challan आप बनाना चाहते हैं उसकी Details भरकर Save पर Click करें।
➡️ Offline Mode को Select करने पर System आपको E-Grass पर Redirect करेगा वहाँ Continue पर Click करें,Drop Down Menu से Bank Select करें,Proceed पर Click कर OK पर Click कर Challan की PDF Download कर Check कर लें यदि सही हो तो Challan की pdf File का Print Out लेकर आवश्यक राशि के साथ सम्बंधित Bank में व्यक्तिगत रूप से जमा करवाकर Challan पर Bank की Seal व बैंक कार्मिक के हस्ताक्षर करवाकर जमा Challan प्राप्त करें।
➡️ यदि Online Mode को Select किया है तो System आपसे Bank से सम्बंधित Details पूछेगा जिन्हें भरें एवं Payment Options में से Internet Banking/Debit Card आदि में से उचित Option को Select कर Payment Process को पूरा कर Online Challan Generate करें एवं उसकी PDF File Download कर Check कर Print Out लेकर विद्यालय एवं स्वयं के Record के लिए सुरक्षित रख लें।
Special Note–
Challan के माध्यम से बकाया SI Loan, SI Loan Interest,SI Policy Fee एवं अगर कोई Running SI Premium Due हो गया है तो ही उसके Premium की राशि Challan के माध्यम से जमा करवाई जा सकती है,परन्तु SI First Declaration व Further Declaration कटौती की राशि बकाया रह गई है तो उसकी कटौती सम्बंधित वर्ष के March माह से ही जमा होनी अनिवार्य है अर्थात इन दोनों परिस्थितियों में उक्त बकाया राशि को Challan के माध्यम से जमा करवाने का प्रावधान अभी SIPF Department में नहीं है। अगर First Declaration व Further Declaration हेतु Employee द्वारा Form Submit कर दिया गया है और उसकी कटौती Due रह गई तो ऐसी स्थिति में Submitted Form को सम्बंधित SIPF Office से Delete करवाकर अगले वर्ष में मार्च माह से पुनः Form Submit कर मार्च माह से ही कटौती करें।
वर्तमान में SIPF Department बैंकों से Integrated है अतः आपको Challan SIPF Office में जमा करने की आवश्यकता नहीं है Online/Offline Challan से Payment करने के बाद 2-3 कार्य दिवसों में आपकी Due Amount आपके SI/GPF Ledger में Update हो जाएगी।
GPF से सम्बंधित बकाया राशि जमा करवाने की भी लगभग यही Process है।
✍️ एक अध्यापक जिसकी 4 वर्ष की सेवा पूर्ण हो चुकी है एवं उनका स्थाईकरण भी 3rd ग्रेड में हो चुका है उनका 2nd ग्रेड में सीधी भर्ती में चयन हो गया है उनको नए प्रोबेशन में क्या पूर्व पद का वेतन एवं भत्तों का भुगतान होगा एवं अन्य क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी कृपया जानकारी देवें ?
उत्तर:-(1)▪️राज्य सरकार द्वारा जारी हर नियुक्ति आदेश में यह लिखा हुआ होता है कि पूर्व से सेवारत स्थाई कार्मिक को नए प्रोबेशन में विद्यमान वेतन आहरित किए जाने का विकल्प देने की अनुमति होती है।
(2)▪️नए प्रोबेशन में यदि कार्मिक को 2 वर्ष का पूर्व पद का वेतन आहरित करना है तो अपने DDO को Joining के समय एक साधारण एप्लीकेशन में इस आशय का विकल्प पत्र भर कर देना पड़ता है कि मैं नए प्रोबेशनकाल में पूर्व पद का वेतन आहरित करने का विकल्प देता हूँ।
(3) ▪️सम्बन्धित DDO द्वारा उस विकल्प पत्र के आधार पर कार्मिक की सेवापुस्तिका में नए पद के प्रोबेशनकाल में विद्यमान वेतन लेने का इंद्राज किया जाता है।
(4) ▪️कार्मिक द्वारा विद्यमान वेतन का विकल्प देने के बाद उसे 2 वर्ष के प्रोबेशनकाल मे पूर्व पद के अनुसार वेतन का भुगतान एलपीसी के आधार पर किया जाता है।
(5)▪️कार्मिक द्वारा विद्यमान वेतन का विकल्प देने पर पूर्व पद पर आहरित वेतन,मंहगाई भत्ता, मकान किराया आदि उसी दर से प्राप्त होंगे एवं एलपीसी के अनुसार सभी कटौतियां भी वेतन से की जाती है।
(6)▪️विद्यमान वेतन का विकल्प देने पर एक जुलाई को नियमित वेतनवृद्धि भी पूर्व आहरित वेतन में स्वीकृत की जाती है।
(7)▪️विद्यमान वेतन का विकल्प देने के बाद 2 वर्ष के नए प्रोबेशनकाल में कोई PL/HPL अर्जित नहीं होती है परंतु पिछली सेवा से अर्जित PL/HPL जो खाते में जमा हैं उसका उपभोग कार्मिक द्वारा किया जा सकता है।
(8)▪️विद्यमान वेतन का विकल्प देने के बाद नए प्रोबेशनकाल में बोनस का भुगतान नहीं किया जाता है मतलब प्रोबेशनकाल में किसी भी परिस्थिति में किसी कार्मिक को बोनस का भुगतान नहीं होगा।
(9)▪️विद्यमान वेतन का विकल्प देने के बाद राजकीय यात्रा करने पर TA & DA का भुगतान भी पूर्व वेतन की दर के अनुसार किया जाता है।
(10)▪️नए प्रोबेशनकाल में कार्मिक को मातृत्व अवकाश/पितृत्व अवकाश एवं पूर्व पदानुसार अन्य सुविधाएँ भी मिलती हैं।
(11) ▪️यदि विद्यमान वेतन आहरण का विकल्प नहीं दिया जाता है तो प्रोबेशनकाल में नए पद के अनुसार Fix वेतन का भुगतान किया जाएगा।
(12)▪️ सीधी भर्ती में दो वर्ष एवं कुछ विभागों में डीपीसी में एक वर्ष की समय अवधि में कार्मिक चाहे तो नियुक्ति अधिकारी से लियन नियम के तहत स्वीकृति जारी करवा कर पूर्व पद पर वापिस कार्यग्रहण कर सकता है।
✍️ पेंशन की साइट पर पेंशनर की details को कैसे अपडेट करे पूरा प्रोसेस बतावे।
उत्तर:-
1. pension.raj.nic.in को खोलें
2. राष्ट्रीय गान के विज्ञापन को top right corner पर बने × के चिन्ह को क्लिक कर के हटायें और मेन पेज पर आयें।
3. नीचे pension services है, उसमें दूसरे नंबर के ऑप्शन Pensioner login को क्लिक करें।
4. Ppo नम्बर ,बैंक खाते के अंतिम चार अंक तथा कैप्चा आदि आवश्यक जानकारी भर कर अपने पेंशन के पेज पर आयें।
5. उसमें दो ऑप्शन हैं – pension slip और update basic details।
6. update basic details को क्लिक करें।
7. आपको अपने मोबाइल नम्बर, आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर और ई मेल एड्रेस आदि के जो कालम खाली है। उनकोआप अपडेट कर देवे।
8. जरूरी सभी डिटेल भरें और update का बटन दवायें। पोर्टल जब पूछे कि क्या वाकई में अपडेट कर रहे हैं तो yes करें और सबमिट कर दें।
9. आप का काम पूरा हो गया है एवम पेंशनर्स details पेंशन साइट पर अपडेट हो गई है।
नोट- (1) पेंशन की साइट पर पेंशनर की Details अपडेट होते ही पेंशन जमा होने का संदेश पेंशन विभाग द्वारा आपके मोबाइल नंबर पर आने लग जायेगे।
(2) पेंशन की साइट से आप पेंशनर की हर महीने या पूर्व महीने की पेंशन स्लिप भी डाउनलोड कर सकते है।
( पेंशन स्लिप में आपको पूरी जानकारी उपलब्ध हो जायेगी , जैसे- Basic, Da,Arrear,commuted pension ,Tds, अन्य आवश्यक जानकारियां)
(3) वर्तमान वर्ष या गत वर्ष की पूरी पेंशन भुगतान की जानकारी भी आप यहाँ से डाउन लोड कर सकते है इसका भी ऑप्शन नीचे दिया गया है।
✍️ विद्या संबल योजना के तहत पुनः नियुक्त सेवानिवृत्त कार्मिकों का वेतन किस प्रकार बनेगा ? इसकी Process क्या रहेगी ? पूरी प्रक्रिया बताएं।
उत्तर:-माध्यमिक शिक्षा निदेशक महोदय के आदेश के तहत राजकीय विद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध 65 वर्ष तक के सेवानिवृत्त कार्मिकों को विद्या सम्बल योजना के तहत पुनः अस्थायी नियुक्ति दी गई है। इस प्रकार के कार्मिकों का वेतन बनाने लिए निम्नानुसार प्रक्रिया अपनाई जानी है।
➡️ पुनः नियुक्त कार्मिक अगर किसी अन्य विद्यालय से सेवानिवृत्त है एवं उसे नए विद्यालय में पुनः नियुक्ति दी गई है तो सर्वप्रथम उस कार्मिक की ID नए विद्यालय की Office ID पर Transfer करनी/करवानी होगी। जिसके लिए निम्न प्रक्रिया अपनाएं।👇
1▪️सर्व प्रथम Authorization में Employee detail updation में जाकर status update request में उनकी Service Category Re-Employed, Service Sub Category में Regular या NA एवं Status में Retired से NA तथा Temporary/Permanent में से Temporary को Select करें। यदि System Temporary Option को Save नहीं कर रहा है तो Permanent ही रहने दें।
अब Status Updation के प्रमाण हेतु नियुक्ति का आदेश Choose file Option से Upload कर Update कर दें।
2▪️इसके बाद Employee pay details में जाकर उस कार्मिक का Pay Stop किया हुआ है उसे उचित कारण लिखकर रिलीज करें,एवं उनकी आई डी Authorization Menu में Transfer Employee Option से नए विद्यालय की Office ID पर Transfer कर दें।
यदि पुनः नियुक्त कार्मिक उसी विद्यालय से सेवानिवृत्त हुआ है तो केवल Status Update, Pay Release, pay commission, HRA, CCA आदि को ही Update किया जाना है।
3▪️ID को उस Group Head एवं रिक्त पद के अनुसार Accept करें जिस Head से वेतन बनना है। सुविधा के लिए ऐसे कार्मिकों का अलग Group बनाकर उस Group में पुनः नियुक्त कार्मिक को Transfer/Accept करें।
4▪️अब Authorization Menu में Employee Detail Updation Tab में Employee Data Update Option में जाकर Employee को Search करें एवं Pay Commission में Fixed तथा HRA एवं NPA को Non Eligible कर पुनः नियुक्ति के आदेश की pdf Upload कर Update करें।
5▪️अब Authorization Menu में Employee Detail Updation Tab में Employee Pay Detail Update Option में जाकर Employee को Search करें एवं Fixation Type में Fixed तथा HRA एवं Other Reason, Sanction/Promotion और Effective Date दोनों में वो Date Select करें जिस Date से पुनः नियुक्त कार्मिक को भुगतान किया जाना है। New Pay Commission में Fixed Select कर New Basic Pay Column में Fix Pay भरकर पुनः नियुक्त आदेश/कार्यालय आदेश की pdf File Upload कर Update कर दें।
➡️ Salary Preparation Steps–
अगर गत माह का वेतन बनाना है तो निम्न Steps Follow करें-👇
▪️Bill Preparation
▪️Salary Preparation
▪️Other Salary Request
▪️उसके बाद Month, Year, Bill Group Name, Employee Name को Select करें।
▪️ Reason एवं Pay Days भरें एवं Document Type में से उचित Option Select कर पुनः नियुक्ति आदेश Upload कर Deduct Flag में No कर Submit करे दें। कुछ समय पश्चात Salary Bill Auto Process होकर Bill Processing के Tab Salary Preparation Tab में Salary Bill Confirmation Option में Show होगा। यदि Bill सही Process हुआ है तो आगामी Auto Processing के आगामी Steps का इंतज़ार करें। यदि Processed Bill में कोई त्रुटि रह गई है तो Salary Bill Confirmation में आने के बाद Bill को उचित कारण देकर Reject करें एवं त्रुटि को सुधार कर छोड़ दें। कुछ समय बाद वह Bill पुनः Process हो जाएगा।
▪️ यदि बिल Current Month का है तो Bill Preparation Menu के Salary Preparation में Employee Pay Details पर Click कर Partial Pay की Entry करके छोड़नी है। Note:- Current Month की Salary की 23 तारीख़ तक Other में Request नहीं डालनी है।
▪️Bill की Status Authorization Menu में View Bill Status/Reports Menu में DDO Reports में Salary Bill Status से Check कर सकते हैं।
▪️सुविधा के लिए ऐसे कार्मिकों की एक अलग ही Documents File तैयार करें एवं समय समय पर आवश्यक Documents Record के लिए उस File में सलंग्न करते रहें।
▪️Note:-(1) ऐसे कार्मिकों का वेतन बिल Regular कार्मिकों के साथ नहीं बनाकर अलग से बनाएं एवं हर माह उपस्थिति DDO द्वारा प्रमाणित कर Upload की जाएं।
(2) प्रति घण्टे की दर से या अधिकतम वेतन भुगतान के निर्देश है अतः हर महीने उस हिसाब से पहले बेसिक फिक्स वेतन को अवश्य अपडेट कर देवे।
✍️ IFMS पर किसी भी हेड के पूल मद में आवंटित राशि, व्यय राशि और शेष राशि (सैलरी,TA, वर्दी राशि, कार्यालय व्यय राशि) कैसे चेक करें ?
उत्तर:- सर्वप्रथम
1⃣ https://ifms.raj.nic.in/webpages/default.aspx पर लॉगिन करें।
2⃣ बजट पर क्लिक करें।
3⃣ लॉगइन आईडी में guest पासवर्ड में Guest@321 और कैप्चा कोड भरकर लॉगिन करें।
4⃣ Welcome to IFMS के पॉपअप पर ओके करें।
5️⃣ Finance पर क्लिक करें।
6️⃣ Budget Distribution ➡️ Report ➡️ Amount In Head ,(Pool Budget)
7️⃣ Total Amount In Budget Head की नई स्क्रीन खुलेगी।
🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻🔻
जिसमें निम्न डाटा भरें।
(1) Financial Year में 2022- 23 सिलेक्ट करें।
(2) BFC Unit में Secondary Education Department Bikaner (13) को सेलेक्ट करें।
(3) BFC Type में Central Assistance या State Fund में से एक पर टिक करें।
(4) Head Type में Voted पर टिक करें।
(5)Report Type में Withdrawable Amount In Office पर टिक करें।
(6)Short Criteria में ऑफिस आईडी पर टिक करें।
(7) Budget Head:- जिस हेड में आपको राशि देखनी है वह भरें।
(8) Object Head में निम्नानुसार अपनी आवश्यतानुसार ऑब्जेक्ट हैड भरें।
जैसे सैलरी हेतु-01,TA हेतु-03,वर्दी हेतु 37 और अन्य ऑब्जेक्ट हेड भी अपनी आवश्यतानुसार भी भर सकते है।
(9) Show Report in में pdf (पीडीएफ) रिपोर्ट पर क्लिक करें।
क्लिक करने पर पीडीएफ में डाउनलोड होगी।
जिसमें सबसे ऊपर सभी ऑफिस को आवंटित पूल मद की कुल राशि प्रदर्शित होगी।
उसके बाद उस बजट हेड में से खर्च करने वाले सभी ऑफिस के नाम प्रदर्शित होंगे जिन्होंने अभी तक उस पूल मद में राशि खर्च की है तथा अंत में कुल आवंटित की राशि , व्यय राशि एवं उसमें शेष राशि प्रदर्शित होगी।
उस राशि को देखकर आप अपने हेड में शेष राशि का अनुमान भी लगा सकते है।
✍️ मेरे पे मैनेजर पर family details में माताजी का नाम दर्ज है जबकि मेरी माताजी का 20/01/22 को देहांत हो गया है। अब उनका नाम फैमिली डिटेल्स से कैसे डिलीट होगा ? कृपया प्रोसेस बतावे।
उत्तर:- पे मैनेजर पर family details मे से नाम हटाने या कोई संशोधन करना हो तो कार्मिक को अपने पे मैनेजर पर्सनल लॉगिन से रिक्वेस्ट जनरेट करनी पड़ती है इसके लिए निम्न प्रोसेस फॉलो करें।👇
1▪️सबसे पहले पर्सनल pm लॉगिन करे।
2▪️master data request पर क्लिक करे।
3▪️Personal details update पर क्लिक करे फिर तीन ऑप्शन दिखाई देंगे उस मे से family details कर क्लिक करे।
4▪️select relation में mother को select करे फिर उनका फीड किया हुआ विवरण दिखाई देगा।
5▪️choose file में माताजी का मृत्यु प्रमाण पत्र पीडीएफ में अपलोड कर देवे।
6▪️नीचे दो ऑप्शन दिए गए है update एवं delete उन मे से Delete पर क्लिक कर देवे इससे आपकी रिक्वेस्ट जनरेट हो जायेगी जो DDO के पास पहुँच जायेगी।
7▪️फिर DDO से वह रिक्वेस्ट HOD को फॉरवर्ड करवाये।
8▪️HOD से रिक्वेस्ट approved होने के पश्चात माताजी का नाम पे मैनेजर के मास्टर डेटा से हट जाएगा।
नोट-(1) फैमिली detaitls में कोई दोहरा नाम हटाना है तो यही प्रोसेस फॉलो करें।
(2) किसी भी मेंबर के फॅमिली डिटेल्स में कोई सुधार करना हो तो आवश्यक कारण का पत्र लिख कर पीडीएफ अपलोड करें एवं नीचे Update बटन पर क्लिक कर रिक्वेस्ट जनरेट करे।
✍️ मेरी सेवानिवृत्ति हो चुकी है। पी.पी.ओ./जी.पी.ओ./सी.पी.ओ. प्राप्त हो गए हैं। मुझको कोषालय से इनका भुगतान लेना है। इसके लिए कौन-2 से डॉक्यूमेंट जमा कराने है तथा क्या करना है जिससे समय पर मुझे भुगतान मिल सके ?
उत्तर – पेंशन विभाग से प्राप्त मूल PPO/GPO/CPO के साथ निम्न दस्तावेज कोषालय में जमा करावे : –
PPO/GPO/CPO मूल कॉपी ( फोटो कॉपी करवा कर अपने पास रख लेवे )
दो फोटो ( जो पेंशन कुलक में लगाए थे )
आधार कार्ड की फोटो कॉपी
बैंक खाता पासबुक की फोटो कॉपी
वोटर आईडी की फोटो कॉपी
पेनकार्ड की फोटो कॉपी
नाॅमिनी के आधार कार्ड की फोटो कॉपी ( स्वप्रमाणित )
सेवानिवृत्ति आदेश की प्रति
50 रूपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र ( कोषालय द्वारा प्रदत्त निर्धारित प्रारूप में )
मूल कार्यमुक्ति आदेश ( शाला दर्पण से )
मूल अंतिम वेतन प्रमाण पत्र ( एल.पी.सी. )
जीवित प्रमाण पत्र ( कोषालय से ओनलाईन निकाल कर दिया जायेगा जिसकी पूर्ति करने के उपरान्त उसे पुनः कोषालय में जमा कराना है )
13.अन्य दस्तावेज कोषालय द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देशानुसार
जब GPO ,CPO व PPO की राशि स्वयं के बैंक खाते में जमा हो जाए तो कोषालय से अपना मूल PPO प्राप्त कर लेंवे और इसका लेमिनेशन करवाकर अपने पास सुरक्षित रखें।
✍️ वित्त विभाग द्वारा सुगम समेकित (CONSOLIDATED) पुल बजट की व्यवस्था की गई है। इसके अंतर्गत सत्र 2022-2023 में बजट ख़र्च करने के लिए कौन कौन अधिकृत होंगे ?
➡️वित्त विभाग के परिपत्र-1 (1)/2021 दिनांक 29/03/2022 समेकित (Consolidated) Pool बजट की व्यवस्था की गई है, जिसमे वेतन , मजदूरी, पेंशन ,यात्रा, चिकित्सा जल एवं विद्युत टेलीफोन एवं किराया दर अतिरिक्त अन्य सभी विस्तृत पद (Object Head) बी.एफसी की शर्तों के अनुरूप तथा विभाग द्वारा जारी प्रशासनिक एवं स्वीकृति से सम्बद्ध व्यय किया जाना,अंकित किया गया है।
➡️विभाग के अधिनस्थ समस्त आहरण-वितरण अधिकारी वर्ष 2022-23 के लिए सवेतन,यात्रा RRT(भवनकिराया) के उपमदों में वास्तविक व्यय के आधार पर व्यय करने के लिए अधिकृत होंगे।
➡️ उपर्युक्त के अतिरिक्त 04-चिकित्सा व्यय उमद में वित्त विभाग के परिपत्र/2021 पार्ट जयपुर दिनांक 01.02.2022 के अनुसार दिनांक 30.09.2021 तक के चिकित्सा दावे विभाग को 31.03.2022 तक ही स्वीकार किए जाने थे उसी क्रम में विभाग द्वारा प्राप्त समस्त दावों के लिए राज्य सरकार से अतिरिक्त बजट की मांग की गई है। अतः चिकित्सा व्यय में निदेशालय की स्वीकृति / अधिकृति अनुसार व्यय किया जाये।
➡️अधिनस्थ उप निदेशक (प्रशासन), रोकड अनुभाग, उप निदेशक समाज शिक्षा सयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय), उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान सार्दुल स्पोर्ट्स स्कूल, शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय, नेत्रहीन, मूक बधिर विद्यालय, गुरुनानक भवन संस्थान जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी (विधि) उपमद कार्यालय व्यय के अन्तर्गत जल एवं विद्युत, टेलीफोन के अलावा अन्य दावों का चुकारा निदेशालय की स्वीकृति / अधिकृति के पश्चात ही करेगे।
➡️अधिनस्थ माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों द्वारा कार्यालय व्यय में निदेशालय की स्वीकृति अधिकृति अनुसार व्यय किया जाये।
➡️उपर्युक्त के अतिरिक्त अन्य विस्तृत मद यथा अनुरक्षण एवं मरम्मते, छात्रवृत्ति, खेलकूद, मैस व्यवस्था संविदा व्यय एवं विशिष्ट सेवाऐ वाहन किराया, संचार व्यय, पत्र-पत्रिकाओं पर व्यय आदि में निदेशालय द्वारा जारी स्वीकृति / अधिकृति के आधार पर व्यय किया जाना है।
उपर्युक्त बिन्दुओं की पालना सुनिश्चित की जाये।
✍️ मैंने मार्च 2022 में प्रथम राज्य बीमा घोषणा पत्र ( SI ) का आवेदन ऑनलाइन किया था वह अभी भी SIPF office में पेंडिंग बोल रहा है। इसको एप्रूव्ड करवाने के लिए मुझे क्या करना होगा ?
उत्तर – जिन साथियों का हाल ही में स्थायीकरण हुआ है और उनका मार्च 2022 से प्रथम राज्य बीमा घोषणा पत्र आवेदन ऑनलाइन किया हुआ है।
लगभग उन सब की मार्च के वेतन से प्रथम एसआई कटौती हो गई होगी।
गवर्नमेंट के निर्देशानुसार सब काम ऑनलाइन हो रहे हैं लेकिन कुछ एसआईपीएफ ऑफिस ऑफलाइन डाक्यूमेंट्स भी मांग रहे हैं।
इसलिए आप निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स एसआईपीएफ ऑफिस में भेज कर जल्दी से अपने एसआई नंबर प्राप्त कर सकते हैं।
1- कार्मिक के द्वारा किया गया ऑनलाइन प्रथम राज्य बीमा घोषणा आवेदन पत्र।
2- कार्मिक का GA-55
3- एसआई कटौती जो पेमैनेजर पर हुई है उसका SI शेड्यूल।
उक्त डॉक्युमेंट जिला SIPF कार्यालय में प्रेषित कर जल्द से अपने SI आवेदन अप्रूव करवा सकते है।
✍️ मेरा एसआईपीएफ जिला कार्यालय से राज्य बीमा प्रथम घोषणा पत्र एप्रूव्ड हो गया है अब मैं मेरे SI Policy नंबर केसे प्राप्त करूं ?
उत्तर आप अपने SI policy नम्बर के लिए निम्न प्रोसेस फॉलो करें।👇
सबसे पहले निम्न साइट पर क्लिक करे।
https://sso.rajasthan.gov.in
✅ अपनी पर्सनल SSO लॉगिन में ID , पासवर्ड ओर कैप्चा भरे।
✅ID पासवर्ड भर कर सबमिट करें।
✅ सबमिट करते ही SIPF New पर क्लिक करे।
✅ मुख्य साइट पर ही आपको प्रोफ़ाइल , NPS/GPF , GPA ,SI Summary☂️( छत्तरी का निशान ) दिखाई देगा।
✅ SI Summary ☂️( छत्तरी के निशान ) पर क्लिक करें।
✅क्लिक करते ही एक पेज ओपन होगा।
✅ पेज पर सबसे ऊपर आपको SI policy के नम्बर दिखाई देंगे।जहाँ पहले 042022 दिखाई दे रहे थें।
✅ SI policy नम्बर के नीचे आपको SI कटौती स्लैब , बीमा क्लेम ,बोनस आदि के ऑप्शन दिखाई देंगे।
✅इस प्रकार आप अपने स्थायी SI policy नम्बर देख सकते है।
ध्यान रहे- यही SI policy नम्बर आपके स्थायी policy नम्बर है जो आपके पूरी सर्विस में यही रहेंगे।
✍️ मेरे स्थायी SI policy नम्बर मुझे प्राप्त हो गए अब मुझे इनको पेमेनेजर पर अपडेट करने की पूरी प्रोसेस बताइए?
उत्तर- पेमैनेजर पर स्थायी एसआई पॉलिसी नंबर अपडेट करने की वही प्रक्रिया रहेगी जो हमने अस्थाई नंबर अपडेट करने के दौरान अपनाई थी।
स्थायी SI policy नम्बर अपडेट करने के लिए निम्न प्रोसेस फॉलो करे⏬
✅निम्न लिंक से DDO sso NEW लॉगिन कर ओपन करे।
https://sso.rajasthan.gov.in
✅DDO ID पासवर्ड ओर कैप्चा भरे।
✅मेन साइट ओपन होगी।
✅मेन साइट से SIPF New पर क्लिक करे।
✅ऊपर से DDO रोल सलेक्ट करे।
✅ट्रांजेक्शन पर क्लिक करे।
✅एम्प्लॉय पर क्लिक करे।
✅ एम्प्लॉय id या नाम से कार्मिक को सर्च करे।
✅ कार्मिक का डेटा ओपन होगा।
✅ऊपर फोटो के पास एक पेन 🖊️ का निशान दिखाई देगा उस पर क्लिक करे।
✅ क्लिक करते ही आपका पूरा डेटा ओपन होगा। डेटा सही चेक करे।
✅ नीचे Scheme का ऑप्शन दिखाई देगा।
✅NPS/GPF में अपने प्राण नम्बर भरे।
✅SI policy में अपने स्थायी नम्बर भरे।
✅ कटौति की Date सही भरे।
✅ सबमिट करें।
✅ अगर किसी स्किम को डिलेट करना चाहते ही तो एडिट के ऑप्शन के पास ही डिलीट का ऑप्शन है।
✅ अब अपने पर्सनल पेमेनेजर को ओपन करे।
✅अपने पर्सनल ID पासवर्ड ओर कैप्चा भरे।
✅मेन साइट ओपन होगी।
✅ एम्प्लॉय कॉर्नर पर क्लिक करे।
✅ Master data Request पर क्लिक करे।
✅Updet Number details request क्लिक करे।
✅ यहां आपके SI नम्बर शॉ हो रहे होंगे।
✅ नीचे Edit पर क्लिक करे।
✅OTP भरे।
✅SI आवेदन की पीडीएफ अपलोड करें।
✅ रिक्वेस्ट जनरेट कर DDO को फॉरवर्ड करे।
✅DDO से HOD को फॉरवर्ड करे।
✅HOD से एप्रूव्ड होते ही आपके स्थायी नम्बर अपडेट होंगे।
ध्यान रहें:- अगर आपके पॉलिसी नंबर जारी होते ही पर्सनल पे मैनेजर पर शॉ हो रहे हैं तो आपको ddo एसएसओ लॉगइन से प्रोफाइल अपडेट करने की जरूरत नहीं है।
सीधे ही पर्सनल पे मैनेजर से अपडेट करके ddo को रिक्वेस्ट फॉरवर्ड करे और ddo से hod फॉरवर्ड करवावें।
✍️एक संस्था प्रधान के दायित्व व कर्तव्य के बारे में जानकारी दीजिये।
🖋️🖋️एक संस्था प्रधान के दायित्व व कर्तव्य✒️✒️✒️
1👉विद्यालय में समय से पहले आगमन।
2👉विद्यालय का निरीक्षण करना कि सारी वस्तुएं व्यवस्थित है।
3👉प्रभावी प्रार्थना सभा का आयोजन करवाना। हमेशा बालको को स्वास्थ्य व नैतिक शिक्षा की जानकारी देना।
4👉प्रतिदिन बालको व अध्यापकों की उपस्थिति को समय पर ऑनलाइन करना या करवाना।
5👉अनुपस्थित अध्यापकों के कालांशो पर दूसरे अध्यापक को जिम्मेदारी सौंपना।
6👉MDM का प्रभावी निरीक्षण।खाने की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान।
7👉हर दिन एक विषय की अभ्यास पुस्तिका की जांच।
8👉अपने विद्यालय को साफ व स्वच्छ रखना।
9👉 आय व्यय के ब्यौरे को नियमित अपडेट रखना।
10👉सभी प्रभार वाले अध्यापकों से उनके कार्य की जानकारी लेते रहना।
11👉 विद्यालय में अनुशासन पर विशेष ध्यान।
12👉सभी गतिविधियों का सफल संचालन।
13👉अध्यापक अभिभावक की नियमित बैठक।
14👉कमजोर बालको की अतिरिक्त कक्षा।
15👉 SMC व SDMC की नियमित बैठक।विद्यालय के विकास पर चर्चा।
16👉महीने के अंतिम दिन अध्यापकों के साथ नियमित बैठक। बीते महीने के कार्यों की समीक्षा व आगामी महीने के कार्य की योजना बनाना।अध्यापकों से पाठ्यक्रम बालको की पढ़ाई व कार्य पुस्तिका के बारे में चर्चा।
17👉अध्यापकों व अभिभावकों से नियमित मधुर संवाद।
18👉विद्यालय के रिकॉर्ड को अपडेट रखना।
19👉विद्यालय में अध्यापकों की कमी हो तो ऐसे प्रतिभाशाली बालको की टीम तैयार करना जो विद्यालय संभाल सके।
20👉 बालको से हिंदी भाषा में ही संवाद करना।
अंग्रेजी भाषा पर भी विशेष ध्यान देना।
21 👉बालको के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि हर शनिवार को खेल खिलाना।
22👉वर्ष में एक बार विद्यालय का भौतिक सत्यापन करवाना।
✒️✒️✒️✒️✒️✒️✒️✒️
✍️ RGHS कटौती के बारे में जानकारी दीजिये। ( FAQ नए आदेश दिनांक 19/04/2022 के संदर्भ में)
(1) क्या RGHS की कटौती सभी के लिए अनिवार्य रूप से होगी ?
उत्तर:-वित्त विभाग के आदेश दिनांक 19/04/2022 के अनुसार माह अप्रैल 22 के वेतन से RGHS की कटौती अनिवार्य रूप से होगी।
(2) प्रोबेशन वाले कार्मिको के कटौती किस बेसिक के आधार पर होगी ?
उत्तर:- प्रोबेशनर कार्मिको के RGHS की कटौती उनके Entry pay level की बेसिक के अनुसार होगी।
(3) पति-पत्नी दोनों राजकीय सेवा में तो क्या दोनो के RGHS की कटौती होगी जबकि RGHS कार्ड एक ही बना हुआ है ?
उत्तर:- अब सभी के लिये RGHS कटौती को अनिवार्य कर दिया गया है अतः पति-पत्नी दोनों के RGHS की कटौती होगी।
(4) मेरे पहले से RGHS कटौती नही हो रही है तो क्या मुझे अप्रैल 22 के वेतन से कटौती करवाने हेतु कोई विकल्प पत्र भर कर देना होगा ?
उत्तर:-माह अप्रैल 22 के वेतन से सभी के RGHS की कटौती अनिवार्य कर दी गई है अतः अब कोई विकल्प भर कर देने की आवश्यकता नही है।
(5) मेरी नियुक्ति 2004 के बाद कि हे तथा मेरी बेसिक 65200 है एवम RGHS की कटौती 440 रु हो रही है नए आदेश अनुसार मेरे RGHS की अब कटौती कितनी होगी ?
उत्तर:- नए आदेश के अनुसार 2004 के बाद वालो एवम पुराने GPF कार्मिको के लिए RGHS की कटौती की अब एक ही स्लैब निर्धारित कर दी गई है।
अब आपके इस स्लैब अनुसार 875 रु की कटौती होगी।
(6) मेरी नियुक्ति 1/01/2004 के बाद की है एवं मेरे RGHS की कटौती पहले नही हो रही थी एवम मैं अब भी RGHS की कटौती नही करवाना चाहता हूँ तो क्या मैं ऐसा कर सकता हूँ।
उत्तर:-आदेश के अनुसार अब सभी कार्मिको के लिए RGHS की कटौती करना अनिवार्य है आपके नही चाहने पर भी नियमानुसार RGHS की कटौती होगी।
(7) मेरे पहले RGHS की कटौती नही हो रही है नए आदेश के अब सभी के RGHS की कटौती अनिवार्य हो गई है तो क्या जुलाई 21 से मार्च 22 तक का बकाया RGHS कटौती का एरियर भी काटा जाएगा?
उत्तर:- नए आदेश के अनुसार माह अप्रैल 22 के बिल से सभी के RGHS की मासिक कटौती करने के निर्देश है एरियर काटने के बारे में कोई निर्देश नही है।
(8) 7 वे वेतनमान के अनुसार अब RGHS कटौती की दर क्या रहेगी ?
उत्तर:-वित्त विभाग के आदेश 19/04/2022 के अनुसार सातवे वेतनमान में वेतन आहरित करने वाले कार्मिको के निम्न दर से RGHS की कटौती होगी।
1▪️pay matrix up to 18000 265/-Rs
2▪️pay matrix 18001 to 33500 440/-Rs
3▪️pay matrix 33501 to 54000 658/-Rs
4▪️pay matrix above 54000 875/-Rs
नोट:-(1) Nic जयपुर के वीडियो के अनुसार यदि कर्मिको के डेटा PM में प्रॉपर भरे हुए है तो RGHS की कटौती सिस्टम द्वारा पे मैनेजर पर ऑटो अपडेट होगी Ddo को कटौती मैनुअली अपडेट नही करनी है केवल कटौती की जांच करनी है।
(2) सिस्टम द्वारा किसी की RGHS कटौती सही अपडेट नही हुई है तो Ddo अपने स्तर से कार्मिक की RGHS कटौती को स्लैब के अनुसार सही अपडेट कर देवे।
✍️ आपातकालीन परिस्थिति में गैर अनुमोदित चिकित्सालय में करवाए गए इंडोर/डे केयर उपचार के पुनर्भरण हेतु Reimbursement Module के बारे में जानकारी दीजिये।
उत्तर:- ➡️ सबसे पहले आप SSO ID को लोगिन आईडी पासवर्ड और कैप्चा डालते हुए लॉगिन करेंगे।
➡️ आपके सामने SSO पर RGHS का आइकॉन दिखाई देगा उस पर क्लिक करेंगे।
➡️ मुख्य TAB से नीचे की और जाने पर आपके सामने REIMBURSEMENT का ऑप्शन दिखाई देगा उसे क्लिक करना है।
➡️क्लिक करने के बाद दो ऑप्शन दिखाई देंगे NEW CLAIM ओर TRACK YOUR CLAIM हमे NEW CLAIM को सलेक्ट करना है।
➡️सेलेक्ट करने के बाद हमे बेसिक DETAIL भरनी है जैसे-मरीज का नाम ,बैंक detail, मोबाइल नम्बर।
➡️बेसिक DETAIL के बाद DETAILS OF CLAIM का ऑप्शन दिखाई देगा इसमें हॉस्पिटल की डिटेल, डॉक्टर का नाम, date ऑफ एडमिट, डेट ऑफ डिस्चार्ज,IPD/OPD इत्यादि सूचनाएं भरनी है।
➡️इसके बाद हमे ITEM WISE DETAIL भरनी है।जैसे ICU चार्ज, रूम चार्ज, डॉक्टर विजिट, ब्लड चार्ज, मेडिसिन चार्ज, other चार्ज इत्यादि सूचनाएं भर कर इन सब चार्ज का टोटल लगाना है।
➡️इसके बाद अपलोड document करने है इसमें मेडिकल बिल सभी रिपोर्ट के बिल एक कैंसल चेक, डिस्चार्ज समरी, डिटेल्ड बिल इत्यादि document अपलोड करने है।
➡️इसके बाद TOTAL AMOUNT TO BE CLAIMED के सामने टोटल अमाउंट डालना है फिर एक declration पर क्लिक कर submit कर देना है।
✍️ New Sipf portal (SSO)पर कार्मिक अपनी फैमिली डिटेल कैसे अपडेट करे इस संबंध में जानकारी प्रदान करें।
🌟सबसे पहले कर्मचारी एसएसओ पोर्टल पर लॉगइन करें।
लॉगिन करने पर स्क्रीन पर कई टैब दिखाई देंगे। हमें एसआईपीएफ न्यू टैब को सेलेक्ट करना होगा।
Sipf New Tab सलेक्ट करने पर प्रोफाइल पर अलग-अलग सूचनाएं प्रदर्शित होती हैं:-
जैसे प्रोफाइल ,सर्विस, सैलेरी ट्रांजैक्शंस, रिलेशनशिप , नोटिफिकेशन ,एनपीएस, एसआई, राज क्रेडिट जीपीएफ, जीपीएफ 2004, डेबिट जीपीए आदि।
🌟स्क्रीन पर नीचे की तरफ भी अलग-अलग जानकारियां/एप्लीकेशन आदि और इससे नीचे स्क्रीन पर प्रथम बार एसआईपीएफ आईडी बनाते समय (डीडीओ Sipf लॉगिन द्वारा) जो नॉमिनी डिटेल भरी गई है वह भी स्क्रीन पर दिखाई देगी।साथ ही दाएं तरफ एड फैमिली डिटेल्स का विकल्प है।
🌟 इस विकल्प को क्लिक करना होगा। क्लिक करने पर add/edit family details नाम से नई विंडो खुलेगी जिसमें जिस सदस्य को हम अपने फैमिली डिटेल में एड करना चाहते हैं उसका रिलेशनशिप सेलेक्ट करेंगे:- यथा ब्रदर , ब्रदर इन लॉ ,फादर, हसबैंड आदि
फिर नेम ,जन्म तिथि ,जेंडर संबंधित की बैंक डिटेल्स नाम ,आईएफएससी ,ब्रांच अकाउंट नंबर आदि फीड करेंगे।
इसके बाद उक्त रिलेशनशिप से संबंधित की कोई भी आईडी (jpeg image)सलेक्ट करनी होगी।
आई डी सलेक्ट करने के बाद
🌟 सेंड ओटीपी विकल्प पर क्लिक करना होगा। ओटीपी संबंधित कार्मिक के आधार से लिंक मोबाईल पर आएगा।ओटीपी सबमिट करने के बाद सक्सेसफुली वेरीफाई का मैसेज प्रर्दशित होगा और सक्सेसफुली ऐड फैमिली मेंबर का मैसेज भी दिखाई देगा।
इस प्रकार हम अपनी स्वयं की आईडी से एसआईपीएफ न्यू पोर्टल पर सदस्यों को ऐड कर सकते हैं या पूर्व से जुड़े हुए सदस्यों के नाम/ रिलेशन/ बैंक डिटेल आदि में कोई एडिट करना हो तो भी यह उक्त विधि से ही किया जा सकता है।
🌟साथ ही स्वयं की एसएसओ लॉगइन आईडी पर हम किसी भी आवश्यक स्कीम में शेयर परसेंटेज भी अपडेट कर सकते हैं जितना शेयर जिस नॉमिनी को हमें देना है यह संबंधित स्कीम के लिए अपडेट कर सकते हैं। बशर्ते यह स्कीम sipf new portal पर ddo login द्वारा एड हुई होनी चाहिए।
डीडीओ द्वारा यदि कोई स्कीम यथा जीपीए, एसआई , जीपीएफ, जीपीएफ 2004 आदि एड नहीं की गई है तो शेयर प्रतिशत हम नहीं भर सकते।इसलिए डीडीओ द्वारा एसआईपीएफ न्यू पोर्टल लोगिन से स्कीम अपडेट जरूर करा ले ताकि घोषणापत्र /अधिक घोषणा पत्र /समूह दुर्घटना बीमा ( GPA ) भरते समय स्कीम एड संबंधी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
🌟🌟 Ddo एसएसओ लॉगिन (SIPF NEW PORTAL) पर स्कीम निम्नानुसार अपडेट कर सकते है।
DDO SSO LOGIN
इसके बाद EMPLOYEE विकल्प पर क्लिक करें..
EMP पर Click करने के बाद Profile विकल्प को चुने यहां emp को सर्च कर लें।
(कार्मिक आई डी/नाम/father या husband नाम से)
अब सम्बंधित कार्मिक की डिटेल्स खुल जाएगी।
कार्मिक के नाम के पास एडिट बटन पर क्लिक करना होगा।
स्कीम विकल्प में जाए यहां पर अलग अलग स्कीम एड की जा सकती हैं।
जीपीएफ
Si
GPA आदि।
एकाउंट नम्बर या
पॉलिसी नम्बर डालें।
Date of activation दर्ज करें और सब्मिट कर दे।
फिर वे समस्त स्कीम सम्बंधित कार्मिक को शेयर प्रतिशत विकल्प में दिखाई देंगी।
✍️ PFMS क्या है इसके बारे में समान्य जानकारी दीजिए ?
उत्तर – PFMS का फुल फॉर्म Public Financial Management System होता है।
– इसकी शुरुआत भारत सरकार के द्वारा 2016 में की गई थी l
-यह वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के आपसी सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
-2016 से पहले PFMS की जगह यह कार्य DBT ( Direct Benefit Transfer) के द्वारा किया जाता था l DBT सिस्टम की शुरुआत 1 जनवरी 2013 हुई थी जिसमें सरकारी लाभांश को लाभार्थी के खाते में पहुंचाने की योजना थी।
-PFMS एक ऐसा सिस्टम है जिसके माध्यम से विभिन्न सरकारी लाभांश को सीधे लाभार्थी के खाते में जमा कराया जाता है l
PFMS के माध्यम से प्राप्त सुविधाएं 👇
-सरकार द्वारा देय विभिन्न प्रकार की सब्सिडी
-विद्यार्थियों को मिलने वाली विभिन्न छात्रवृत्तियों का भुगतान
-वृद्धावस्था पेंशन का भुगतान
-विधवा पेंशन
-नरेगा मजदूरों के पैसों का भुगतान
-सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी l
-प्रधान मंत्री आवास योजना का लाभांश
-सरकारी कार्यालयों द्वारा कराए जाने वाले विभिन्न कार्यों का वेंडर को भुगतान l
PFMS के लाभ क्या है 👇
-इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न सरकारी लाभांश सीधे लाभार्थी के खाते में जमा होते हैं अतः लाभार्थी को किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ता है l
-यह इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम है अतः लाभांश से छेड़खानी नहीं की जा सकती है l
-त्वरित गति से लाभ लाभार्थी तक पहुंचता है, समय की बचत होती है l
-इसकी मदद से लाभांश सीधे लाभार्थी के खाते में जमा कराया जाता है अतः पारदर्शिता बनी रहती है l
-इससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हुई है l
-इसके कारण अब लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते है l
PFMS कैसे काम करता है👇
-यह एक यूजर जेनरेटेड सॉफ्टवेयर है जो केन्द्र सरकार के नियन्त्रण में होता है l
-इसमें प्रत्येक व्यक्ति की डिटेल्स
होती है तथा समय समय पर इसे अपडेट किया जाता है l
-सरकार यूजर save detail की मदद से लाभार्थी को सब्सिडी या राशि उपलब्ध कराती है l
-नीति आयोग के द्वारा लाभार्थियों की सूची तैयार की जाती है,तथा उनकी डिटेल्स जैसे नाम, बैंक अकाउंट आदि को अपडेट किया जाता है फिर जिनको लाभ दिया जाना है उनके खातों में एक साथ लाभांश या धनराशि का ट्रांसफर कर दिया जाता है और बिना विलंब और दिक्कत के पैसा लाभार्थी को प्राप्त हो जाता है।
इस प्रकार PFMS केन्द्र सरकार की एक बहुआयामी और महत्वकांक्षी योजना है l
✍️ बजट वर्ष 2022-23 के नए निर्देशानुसार कार्मिक की सेवानिवृति पर जमा 300 दिन की PL(उपार्जित अवकाशों) के भुगतान हेतु बिल बनाने की पूरी Process बताएं ?
उत्तर:-
(1) बजट वर्ष 2022-23 के नए निर्देश के अनुसार अब सेवानिवृति पर जमा PL(उपार्जित अवकाश) के भुगतान हेतु पेंशन विभाग से बजट की मांग करने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है।अब इस प्रकार के बिलों का भुगतान विभागाध्यक्ष के पास सुगम समेकित पूल बजट के माध्यम से होगा।
(2) इस प्रकार के बिल बनाने के लिये पहले 2071-01-115-01-01 S/F डिमांड संख्या-15 ऑब्जेक्ट हेड-84 Voted Select कर एक नया ग्रुप pay manager पर बनाएं। इसका Group Name आप अपनी सुविधा के अनुसार रखें।
नोट:-(1) यदि ऐसा ग्रुप पहले से बना हुआ है तो नया ग्रुप बनाने की आवश्यकता नहीं है।
(2) कार्मिक का ग्रुप नहीं बदलना है उसका वही ग्रुप रहेगा जिससे उसका वेतन आहरित हो रहा था।
(3) Pay manager पर मास्टर में Enter PPO No टैब से कार्मिक की Employee Id लिख कर उसे वेरीफाई करें इससे PPO Verify हो जाएगा।
नोट:- (1) इस टैब में जब तक PPO Verify नहीं होगा तब तक बिल नहीं बनेगा। अगर PPO Verify हो जाए तो बिल बनाने का अगला प्रोसेस पूरा करें।
(2) Bill बनाने की प्रक्रिया से पूर्व कार्मिक का Status Retired/VRS/Death Update अवश्य करें। एवं Status Death होने पर पहले pay manager पर Nominee add करे एवम नॉमिनी की बैंक Details को ट्रेजरी से ऐड करवावे।
(4) उसके बाद बिल नम्बर Allocate करें इस हेतु Bill Type में Leave Encashment Retirement सलेक्ट करें एवं Object head 84 लिखें तथा Group Name में 2071 Head वाला ग्रुप सलेक्ट कर बिल नम्बर Allocate करने का काम पूरा करें।
(5) उसके बाद Bill Processing Tab में Leave Encashment Preparation में Leave Encashment Retirement पर Click करें।
(6) Year, Month, Group Name, Bill No, DA Order,Number of days,Sanction Date आदि भरकर कार्मिक को नाम से सर्च कर सलेक्ट करें एवं Submit कर देवें।
(7) बिल बनने का बाद रिपोर्ट से बिल की डिटेल्स को चेक कर लें एवं यदि बिल सही प्रोसेस हुआ है तो अब Document Upload टैब में निम्न Documents Upload करें-
▪️Sanction Order
▪️सेवानिवृति आदेश की प्रति
▪️PPO की प्रति।
(8) अब बिल को DDO Forward करें एवं Inner एवं Outer की रिपोर्ट जनरेट कर लें। यदि Death Case है तो Inner Sheet में Nominee के Bank Account की जाँच अवश्य ही करें। उसके बाद DSC से E-Sign कर बिल को ट्रेजरी फॉरवर्ड कर दें।
✍️ राजकीय कर्मचारी द्वारा अपने नाम अथवा उपनाम में परिवर्तन करने की प्रक्रिया से अवगत कराएं।
उत्तर:- जो राज्य कर्मचारी अपना नाम बदलवाना चाहे अथवा अपने वर्तमान में नाम में संशोधन कराना चाहे वह उसके लिए एक बंध पत्र भरकर देगा ताकि औपचारिक रूप से अपने नाम अथवा उपनाम में परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
नियम 8 के अंतर्गत राजकीय निर्णय संख्या 5 के अनुसार नाम अथवा उपनाम में परिवर्तन के लिए बंध पत्र का प्रपत्र निर्धारित है इस प्रपत्र में बंध पत्र भरना पड़ता है तथा उस पर ऐसे व्यक्तियों की साक्षी करानी चाहिए जिन्हें कार्यालय अध्यक्ष जानता हो। साक्षियों द्वारा बंध पत्र प्रमाणीकरण किया जाना चाहिए तथा इसका प्रकाशन स्थानीय समाचार पत्रों (स्वयं के व्यय पर) में होना चाहिए।
साथ ही राजपत्र (गजट नोटिफिकेशन) में कर्मचारी के स्वयं के व्यय पर प्रकाशन किया जाना चाहिए।
राजपत्र में प्रकाशन के लिए उसे स्वयं को केंद्रीय राजकीय मुद्रणालय से संपर्क करना चाहिए।
उपरोक्त औपचारिकताओं की अनु पालना के पश्चात प्रस्तुत व्यक्तियों की संतोषजनक साक्षी एवं बंध पत्र के निष्पादन के बाद नया नाम अथवा उपनाम रखने की
राजकीय स्वीकृति दी जाएगी तथा उसके अनुरूप कर्मचारी से संबंधित अभिलेखों में तदनुसार प्रविष्ठियां अथवा संशोधन किया जाएगा।
ऐसे बंध पत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि कर्मचारी की व्यक्तिगत पत्रावली में लगाई जानी चाहिए तथा महालेखाकार / निदेशक पेंशनविभाग, राजस्थान , जयपुर को भी भेजी जानी चाहिए।
(नियम संख्या 5 निर्णय 8)
यह सम्पूर्ण प्रक्रिया नियंत्रण अधिकारी के मार्फत शुरू होगी व विभागाध्यक्ष द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे।
💥💥 3 (अ)
वित्त विभाग के आदेश F.1(3)FD(RULES)/2017 दिनांक 15.2.2018 के अनुसार शादी के पश्चात महिला कर्मचारी का उपनाम (सरनेम) परिवर्तन करने हेतु नियुक्ति अधिकारी सक्षम है। समाचार पत्र में प्रकाशन या गजट नोटिफिकेशन की आवश्यकता नहीं है।
नियुक्ति अधिकारी द्वारा जारी आदेश उपरांत संबंधित कार्यालय अध्यक्ष महिला कार्मिक के सेवा अभिलेख सहित अन्य जगह सरनेम परिवर्तन की कार्यवाही करेंगे।
✍️ एसएसओ (Single sign on) लॉगइन आईडी (DDO ROLE) के माध्यम से किसी भी कर्मचारी के पदस्थापन स्थान, पद, स्टेटस आदि कैसे पता किया जाए ? इसकी जानकारी दें।
🌟 सबसे पहले किसी भी ब्राउज़र में एसएसओ लॉगइन करना होगा। लॉगइन करने के बाद एसआईपीएफ न्यू टैब पर क्लिक करना होगा यहां पर स्विच रोल डीडीओ पर क्लिक करें DDO पर क्लिक करने के बाद में निम्न अनुसार विकल्प दिखाई देंगे
Employee
Gpf
Payment
Si
🌟 हमें Employee पर क्लिक करना होगा।
यहां पर हमें
Create
Employee details
Employee transfer
Profile
Update nominee
आदि विकल्प दिखाई देंगे।
🌟हमें प्रोफाइल पर क्लिक करना है प्रोफाइल पर क्लिक करने के बाद एम्पलाई सर्च में तीन विकल्पों के माध्यम से किसी भी कर्मचारी के संबंध में हम उसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं एम्पलाई आईडी, एंप्लॉय नेम ,फादर या हसबैंड नेम आदि से।
🌟 ध्यान रहे यदि हम एम्पलाई नेम या फादर हस्बैंड नेम से कर्मचारी को सर्च कर रहे हैं तो कार्मिक के नाम, पिता के नाम आदि की सही स्पैलिंग पता होनी चाहिए।
एंप्लोई आईडी से तो हमें एग्जैक्ट जानकारी कर्मचारी के संबंध में हो ही जाएगी। यदि हमें किसी कार्मिक के स्वयं का नाम, उसके पिता का नाम आदि की सही स्पेलिंग पता है तो हम एम्पलाई नेम विकल्प से उसको सर्च कर सकते हैं सर्च करने पर एंप्लोई नाम, उसके पिता या पति का नाम और जन्म तिथि से संबंधित समान नामों वाले कार्मिकों की पूरी सूची खुल जाएगी।
🌟 अब हमें संबंधित कर्मचारी के नाम के सामने एक्शन बटन पर क्लिक करना है। जैसे ही हम एक्शन बटन को क्लिक करेंगे कर्मचारी से संबंधित
Basic details
Contact details
Service details
Scheme details
Service history details आदि के सम्बन्ध उस व्यक्ति विशेष कार्मिक के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।
इस प्रकार हम एसएसओ पर डीडीओ लॉगइन आईडी से किसी भी कर्मचारी के संबंध में उसके नाम , पिता या पति के नाम या उसकी एंप्लोई आईडी से वर्तमान में कार्मिक कहां कार्यरत है, किस पद पर कार्यरत है , किस जिले में सेवारत है आदि से संबंधित समस्त सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं। उसके कांटेक्ट नंबर भी उक्त विधि से कांटेक्ट डिटेल्स में प्राप्त किए जा सकते हैं।
✍️ कार्मिक द्वारा की गई ऑफिसियल यात्रा का पेमैनेजर पर एम्प्लोयी लॉगिन फिर DDO लॉगिन से TA बिल बनाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया बताइये ?
उत्तर:- कार्मिक द्वारा की गई यात्रा का पेमैनजर पर एम्प्लोयी लॉगिन कर TA बिल निम्न प्रक्रिया द्वारा बनाते हैं :-
Employee corner —> TA Medical bills —> Employee TA bill
Employee TA bill में Click on (For new bill) New bill पर क्लिक करने पर एक नई विंडो ओपन होगी जिसमें :-
TA Bill sub type :- TA Bill. Sanction/ Order no. :-
Sanction/Order date :-
Add journey पर क्लिक करते हैं।
Allowance by traveling medium में सभी जानकारी सही-सही भरकर Submit करते हैं।
Documet अपलोड :- यात्रा सबंधी आदेश, OD आदि।
अब TA बिल की कॉपी जेनरेट होगी उसकी प्रिंट निकालकर Sign कर Ddo को देनी होगी।
अब Ddo Paymaner लॉगिन कर कार्मिक का TA बिल निम्न प्रकार बनाते हैं :-
Other bill —> TA/Medical/Loan process में जाकर TA बिल बनाना है।
इसमें उस व्यक्ति को सेलेक्ट कर लेवे जिसका TA बिल बनाना है।
सेलेक्ट करते ही उस कार्मिक का TA बिल शो होगा जिसने ऑनलाइन बनाया है।
अब यात्रा वेरीफाई कर सबमिट करें।
Upload document में जाकर उस यात्रा से सम्बंधित वो दस्तावेज upload कर देवे जो कार्मिक द्वारा ऑनलाइन TA बिल के साथ दिए हैं।
साथ मे वो कॉपी भी लगानी है जो कार्मिक ने sign कर दी है। Ddo के भी उसमें sign होंगे फिर ddo फारवर्ड फिर आउटर इनर शीट चेक करनी है।
अब Bill number allocation से लेकर Digital sign फिर tresury फारवर्ड तक की सामान्य प्रक्रिया अपनाते हैं।
नोट:-यात्रा के दिन से दो वर्ष से अधिक अवधि के यात्रा बिल टाइम बार हो जाते है अतः बिल बना कर निर्धारित 50 रु के स्टाम्प पर Indemnity Bond लगा कर Cbeo/Deo आफिस में लगे हुए AAO से उसे प्री चेक करवावे एवम उस की कॉपी बिल के साथअपलोड करना जरूरी है।
✍️ SIPF New पोर्टल पर DDO Login की जानकारी से अवगत करावें?
उत्तत:-SIPF New पोर्टल पर DDO लॉगिन पर उपलब्ध सुविधाओं एवं Options की सामान्य जानकारी निम्नानुसार है।
(1) सबसे पहले DDO की व्यक्तिगत sso id से SIPF New पोर्टल पर लॉगिन करें।
(2) फिर लेफ्ट साइड में Switch Role का ऑप्शन है उस पर क्लिक करें जहाँ DDO जिले सहित Show होगा उस पर Click करें अब यह DDO लिखा हुआ शब्द Green Colour में हो जाएगा एवं अब DDO लॉगिन लाइव है।
(3) DDO लॉगिन लाइव होते ही निम्न चार टैब प्रदर्शित होंगे।
1-Employee
2-GPF
3-Payment
4-SI
【1】 Employee टैब पर क्लिक करने पर Employee से सम्बन्धित निम्न कार्य करने के लिए
Options उपलब्ध हैं।
▪️ Create इस टैब से कार्यालय में जॉइन करने वाले नए कार्मिक की Employee Id जनरेट करने की रिक्वेस्ट की जा सकती है।
▪️ Employee Details इसमें Unit ,Office Name, DDO आदि Options Show होंगे अतः Employee Id फीड कर सर्च करने से सम्बन्धित कार्मिक की SIPF पोर्टल पर Details देखी जा सकती हैं। पर इनमें कोई भी संशोधन नहीं किया जा सकता।
▪️ Employee Transfer इस टैब से कार्मिक को सर्च कर वांछित सूचनाएं फीड कर उसकी SIPF Id को अन्य जगह Transfer अथवा वर्तमान DDO के पास Id को Pull किया जा सकता है।
▪️ Profile इसमें कार्मिक को Id/Name/Father’s Name द्वारा सर्च कर सबसे ऊपर कार्मिक के नाम के पास पेंसिल का Icon है जो Edit के लिए है उस पर Click करने पर कार्मिक का प्रोफाइल ओपन हो जाएगा एवं प्रोफाइल में कार्मिक से सम्बंधित Details Show होंगी। अतः आप कार्मिक की यहाँ प्रदर्शित निम्न सूचनाओं को अपडेट कर सकते है।
1-Basic Details
2-Contact Details
3-Service Details
4-Scheme Details
Note- Scheme Details में अगर किसी Scheme का नाम Show नहीं हो रहा है तो आप ➕ के निशान पर Click कर वांछित Scheme का नाम Add कर Submit कर सकते हैं।
▪️ Update Nominee इस टैब के कार्मिक को Id से सर्च करने पर नॉमिनी से सम्बन्धित निम्न सूचनाओं को आवश्यक File Upload कर अपडेट किया जा सकता है।
1-Add family details
2-Delete family
3-Edit family details
4-Edit Share %
【2】GPF Tab इस टैब से मृत कार्मिक के Death Claim को DDO द्वारा ऑनलाइन Submit किया जायेगा।
Note-Death Claim को फाइनल सबमिट करने से पहले उसकी नॉमिनी Details को अवश्य चेक कर लें क्योंकि Death Case में Employee का बकाया भुगतान उसके नॉमिनी को होगा अतः नॉमिनी ऐड नहीं है तो पहले नॉमिनी को ऐड करें या नॉमिनी Details में कोई गलती है तो पहले उसमें सुधार कर लें।
【3】Payments टैब के माध्यम से आप कार्मिक की Scheme से सम्बंधित GPF/GPF SAB/GPF-2004/SI कटौती से सम्बंधित कोई चालान बनाना हो तो यहाँ से ऑनलाइन/ऑफलाइन मोड से चालान जनरेट कर जमा करवा सकते हैं।
【4】 SI टैब से आप कार्मिक का SI Death/Maturity Claim ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं।
Note -Death Claim सबमिट करने से पहले कार्मिक के नॉमिनी की Details को अच्छी तरह से चेक कर कोई संशोधन आवश्यक हो तो पहले वह संशोधन अवश्य कर लें।
✍️मुझे अपने विद्यालय में “मुख्यमंत्री जन- सहभागिता विद्यालय विकास योजना” के अंतर्गत विकास कार्य करवाने हैं तो उसकी प्रक्रिया बताएं।
उत्तर- मुख्यमंत्री जन-सहभागिता विद्यालय विकास योजना” के अंतर्गत विकास कार्य करवाने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाएँ-👇
➡️ योजना का परिचय- इस योजना की शुरुआत बजट वर्ष-2016-17 की घोषणा संख्या-160 के क्रम में राज्य सरकार के पत्रांक-प.4(14)शिक्षा-1/2015 दिनाँक:11.05.2016 से माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी राजकीय विद्यालयों में आधारभूत सरंचनाओं के विकास के लिए जन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
➡️ योजना का उद्देश्य-
✡️ माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय विद्यालयों में जन सहयोग के माध्यम से निर्धारित मानदंडों के अनुरूप आधार भूत सुविधाओं का विकास करना।
✡️ विद्यालयों के विकास एवं प्रबंधन में जन भागीदारी को बढ़ावा देना।
➡️ योजना की विशेषताएं-
✡️ यह योजना पूर्णतः राज्य वित्त पोषित है।
✡️ इस योजना में विद्यालय द्वारा जन सहयोग से प्राप्त हुई 40% राशि प्राप्त होने पर 60% राशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। परन्तु उक्त जन सहयोग राशि में विद्यार्थी कोष की राशि शामिल नहीं की जाएगी।
✡️ इस योजना का लाभ लेने के लिए विद्यालय को प्राप्त जन सहयोग राशि ज्ञान संकल्प पोर्टल के माद्यम से ही स्वीकार्य होगी।
➡️ योजना में अनुमत कार्य-
(1) राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा-कक्षों का निर्माण कार्य मय बरामदा, विद्युत फिटिंग(पंखे, ट्यूबलाइट सहित) एवं फर्नीचर निर्माण/खरीद कार्य।
(2) प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य मय बरामदा, विद्युत फिटिंग(पंखे, ट्यूबलाइट सहित)।
(3) प्राचार्य/प्रधानाध्यापक कक्ष का निर्माण मय बरामदा, विद्युत फिटिंग(पंखे, ट्यूबलाइट सहित)
(4) विद्यालय के लिए कार्यालय कक्ष का निर्माण मय बरामदा, विद्युत फिटिंग(पंखे, ट्यूबलाइट सहित)।
(5) बालिका गतिविधि कक्ष मय बरामदा, विद्युत फिटिंग(पंखे, ट्यूबलाइट सहित)एवं फर्नीचर कार्य।
(6) कम्प्यूटर कक्ष मय बरामदा, विद्युत फिटिंग(पंखे, ट्यूबलाइट सहित),फर्नीचर, कम्प्यूटर एवं अन्य उपकरण खरीद कार्य।
(7) कला,शिल्प एवं संस्कृति कक्ष का निर्माण मय बरामदा, विद्युत फिटिंग(पंखे, ट्यूबलाइट सहित) ,फर्नीचर व उपकरण खरीद कार्य।
(8) पुस्तकालय कक्ष का निर्माण मय बरामदा, विद्युत फिटिंग(पंखे, ट्यूबलाइट सहित),फर्नीचर एवं पिक्चर्स।
(9) विद्यालयों में कक्षा- कक्षों, बालिका गतिविधि कक्ष,पुस्तकालय कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, विज्ञान/कृषि प्रयोगशालाओं आदि हेतु फर्नीचर, पिक्चर्स, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर एवं अन्य उपकरण आदि की खरीद।
(10) शौचालय, पेयजल तथा पानी की निकासी व्यवस्थार्थ कार्य।
(11) खेलकूद सुविधाओं का विकास मय खेल उपकरणों की खरीद।
(12) विद्यालय भवन एवं खेल मैदान की चारदीवारी का निर्माण कार्य।
(13) विद्यालय भवनों की मरम्मत का कार्य।
➡️ कार्य स्वीकृति में वरीयता-
✡️ कार्य स्वीकृति का आधार प्रथम वरीयता पंजीकरण प्रपत्र-अ के अनुसार “पहले आओ पहले पाओ” रहेगा।
✡️ समन्वित विद्यालयों को कार्य स्वीकृति में प्राथमिकता दी जाएगी।
✡️ जिन विद्यालयों में राष्ट्रीय माद्यमिक शिक्षा अभियान(SMSA) के अंतर्गत पूर्व में स्वीकृति दी जा चुकी है, परन्तु अन्य किसी विद्यालय के समन्वित होने तथा नामांकन में बढ़ोतरी होने पर अतिरिक्त वर्ग(Section) संचालित होने हैं तो ऐसे विद्यालयों को कार्य स्वीकृति में प्राथमिकता दी जाएगी।
✡️ क्षतिग्रस्त भवन/ कक्षा-कक्ष के स्थान पर नव निर्माण के प्रस्ताव को वरीयता दी जाएगी।
✡️ विद्युत फिटिंग, चारदीवारी, खेल मैदान, वर्षा जल संग्रहण, टैंक निर्माण एवं शौचालय निर्माण कार्य को वरीयता दी जाएगी।
➡️ योजना का क्रियान्वयन –
✡️ ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से विद्यालय को जन सहयोग की राशि हस्तांतरित होने के बाद सम्बंधित विद्यालय की विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति (SDMC) द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्य का प्रस्ताव लिया जाएगा। एवं उसे पंजीकरण वरीयता प्रपत्र-अ में दर्ज किया जाएगा।(सलंग्न-प्रपत्र-अ)
✡️ उसके बाद निम्न दस्तावेज सम्बंधित जिले के SMSA कार्यालय को कार्य की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति हेतु भेजें-
(1) ज्ञान संकल्प पोर्टल पर जन सहयोग से प्राप्त राशि के प्रमाण की प्रति। (2) SDMC Bank खाते में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा स्थानांतरित जनसहयोग राशि के प्रमाण हेतु बैंक पासबुक की प्रति
(3) करवाए जाने वाले विकास कार्य से सम्बंधित SDMC के प्रस्ताव की प्रति
(4) पंजीकरण वरीयता प्रपत्र-अ,
(5) 40% राशि का ADPC SMSA के नाम Cheque
(6) ADPC SMSA के नाम अग्रेषण पत्र।
✡️ ADPC SMSA कार्यलय से पहले तकनीकी व प्रशासनिक एवं फिर वित्तीय स्वीकृति जारी होगी।
➡️ ADPC SMSA कार्यलय से तकनीकी /प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी होने के बाद 1 लाख रुपये तक के कार्य हेतु करणीय कार्य-
✡️ इस योजनान्तर्गत करवाए जाने वाले समस्त विकास कार्य सम्बंधित विद्यालय की विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति(SDMC) की निगरानी में ही सम्पन्न किए जाएंगे।
✡️करवाए जाने वाले विकास कार्य के लिए SDMC के निर्देशन में क्रय समिति बनाना।
✡️ सम्बंधित ADPC SMSA कार्यालय के कनिष्ठ अभियंता से कार्य का Estimate तैयार करवाना।
✡️ आवश्यक सामग्री के विवरण सहित निर्धारित अवधि में निविदा(आवश्यक शर्तों सहित) आमंत्रित करना व कम से कम तीन GST रजिस्टर्ड फ़र्मों से कोटेशन प्राप्त करना।
✡️ रजिस्टर्ड फ़र्मों से प्राप्त कोटेशन का तुलनात्मक विवरण तैयार करना।
✡️ न्यूनतम दरें प्रस्तुत करने वाली फर्म को निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण सामग्री आपूर्ति के लिए क्रय आदेश(आवश्यक शर्तों सहित) जारी करना। व क्रय आदेश में दी गई समय सीमा में कार्य आरंभ करवाना।
✡️ यदि निर्माण कार्य करवाया जाना है तो प्रतिदिन उससे सम्बंधित Site Book भरना। व सामग्री का Stock संधारण करना।
✡️ निर्माण कार्य की स्थिति में मजदूरों व मिस्त्रियों का प्रतिदिन Muster Roll भरना।
✡️ कार्य के आरम्भ,मध्य व कार्य पूर्णता के समय के रंगीन फ़ोटो लेना।
✡️ कार्य पूर्णता पर
SMSA कार्यालय के कनिष्ठ अभियंता द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करना।
✡️कार्य पूर्णता पर सम्बंधित फर्म से GST Bill लेना जिस पर फर्म के बैंक खाता संख्या मय IFS कोड अंकित हों। प्रमाण के लिए फ़र्म के बैंक खाते की पासबुक प्रति प्राप्त करना।
✡️ बिल/वाउचर, तुलनात्मक विवरण, प्राप्त कोटेशन,Muster Roll आदि आवश्यक दस्तावेजों पर SDMC क्रय समिति के हस्ताक्षर करवाना व SDMC द्वारा उन्हें प्रमाणित करना।
✡️ आवश्यक सामग्री का Stock संधारण करना व प्रमाणित करना।
✡️ सम्बंधित ADPC SMSA कार्यालय से सम्बंधित विद्यालय के Paymanager Sub DDO Login के लिए Sub DDO Code व Password प्राप्त करना।
✡️ कार्य करने वाली फ़र्म,मजदूरों,कारीगरों आदि को राशि का भुगतान करने के लिए paymanager पर Sub DDO Login कर PD Payment का Bill तैयार(आवश्यक हो तो Income Tax की कटौती करना) करना।
Note-यदि फ़र्म के PAN No का चौथा अक्षर P है तो कुल भुगतान योग्य राशि पर 1% व अन्य अक्षर होने पर 2% Income Tax काटा जाता है।)
✡️ Paymanager पर Sub DDO Login द्वारा बनाए गए PD Payment के बिल की प्रति सहित आवश्यक सभी दस्तावेजों की एक File तैयार कर SMSA कार्यालय भिजवाना व उसकी एक प्रति अभिलेखार्थ कार्यालय में सुरक्षित रखना।
✡️यदि फर्म,मजदूरों, मिस्त्रीयों,कारीगरों आदि को भुगतान SDMC खाते से कर दिया गया है तो SMSA कार्यालय से राशि SDMC खाते में स्थानांतरित करवाने के लिए बैंक पासबुक की प्रति/Cancel Cheque भी फ़ाइल के साथ SMSA कार्यालय भेजना।
✡️ SMSA कार्यालय द्वारा आपके द्वारा तैयार कर भेजी गई File की जांच करने व सही पाए जाने पर आपके द्वारा भेजे गए PD Bill में अंकित खातेदारों के बैंक खातों में निर्धारित समय सीमा में राशि Online स्थानांतरित कर दी जाएगी।
➡️ ADPC SMSA कार्यलय से तकनीकी /प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी होने के बाद 1 लाख रुपये से अधिक के कार्यों हेतु करणीय कार्य-
✡️ करवाए जाने वाले विकास कार्य के लिए विद्यालय द्वारा कार्य के विवरण सहित नियमानुसार NIT( Notice Inviting Tender) SPPP पोर्टल पर Upload करने के लिए सम्बंधित SMSA कार्यालय को भेजना।
शेष प्रक्रिया उपरोक्तानुसार ही है। बस इसमें कोटेशन के स्थान पर GST रजिस्टर्ड फ़र्मों से Bid Start Rate (BSR) ली जाती हैं। एवं उचित Bid Start Rate (BSR) प्रस्तुत करने वाली पंजीकृत फ़र्म को कार्य आदेश(Work Order) जारी किया जाता है।
✍️ पेंशन की गणना विधि की जानकारी दीजिये।
उत्तर:- नियमानुसार सेवानिवृति पर न्यूनतम 10 वर्ष की पेंशन योग्य सेवा पूर्ण करने पर मासिक पेंशन मिलती है। 10 वर्ष से कम की पेंशन योग्य सेवा होने पर केवल एकमुश्त ग्रेच्युटी ही मिलती है।
पेंशन की गणना विधि को हम इन चार बिंदुओं से भलीभांति समझ सकते हैं।👇
(क) 30-6-2013 तक सेवानिवृत्त कार्मिक को 33 वर्ष की अर्हक सेवा करने पर वेतन की 50 प्रतिशत पेंशन देय होगी।
(ख) 1-7-2013 व इसके पश्चात 28 वर्ष या अधिक अवधि की सेवा पूर्ण करने पर देय मासिक पेंशन:- उपरोक्त मामले में सेवानिवृति के ठीक पूर्व कार्मिक की परिलाभों (दिनांक 1-9-2006) से राज्य में अधिकतम वेतन सीमा 77000/- रुपये थी जो दिनांक 1-1-2016 से 218600/- रुपये हो गई है) के 50% के बराबर मासिक पेंशन देय होगी। उदाहरणार्थ यदि कुल परिलब्धियां 80200/- रुपये प्रतिमाह हो तो पेंशन 50% यानि 40100/- प्रतिमाह होगी।
(ग) 1-7-2013 व इसके पश्चात सेवानिवृत्त होने वाले राज्यकर्मी की 28 वर्ष से कम किंतु 10 वर्ष या अधिक अवधि की पेंशन योग्य सेवा पूर्ण करने पर:-
इसमे पेंशन का फार्मूला निम्न प्रकार है।
परिलब्धियां/2 पूरे किए गए छ माही के खण्ड/56
उदाहरण:- कुल परिलब्धियां 80200 है कुल सेवाकाल 22 वर्ष है तो अनुपातिक पेंशन 80200/2 44/56=31508 रुपये प्रतिमाह पेंशन होगी।
नोट 1:- 1-1-2016 या इसके पश्चात सेवानिवृत्त कार्मिक के लिए गणना करने पर पेंशन/ पारिवारिक पेंशन यदि 8850/- रुपये से कम आती है तो न्यूनतम पेंशन 8850/- प्रतिमाह देय होगी।
नोट 2:- दिनांक 1-9-1996 से न्यूनतम/पारिवारिक पेंशन 1275 रुपये थी। दिनांक 1-7-2004 से मूल वेतन में 50% महंगाई भत्ता वेतन में महंगाई वेतन के रूप में समाहित करने पर न्यूनतम पेंशन/ पारिवारिक पेंशन 1913/- रुपये हो गई तथा दिनांक 1-1-2006 से पुनरीक्षित वेतनमान 2008 लागू होने पर न्यूनतम पेंशन/ पारिवारिक पेंशन 3025/- प्रतिमाह कर दी गई जिसका नकद लाभ दिनांक 1-1-2007 से देय रहा है। 1-7-2013 से न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन 3450/- प्रतिमाह थी जो 1-1-2016 से 8850/- रुपये हो गई। (नकद लाभ 1-1-2017 से देय)
नोट 3:- राज्य सरकार ने संशोधित वेतनमान नियम क. F.12(6)FD/rules/2017 दिनांक 30-10-2017 से जारी किए जिन्हें 1-10-2017 से लागू किया गया था। पुनः समसंख्यक आदेश दिनांक 9-12-2017 से इन्हें 1-1-2016 से लागू किया गया। दिनांक 1-1-2016 से 31-12-2016 तक कि अवधि का कोई एरियर भुगतान देय नही है अर्थात नकद लाभ दिनांक 1-1- 2017 से ही देय होगा।
नोट 4:- वेतन की अधिकतम सीमा 218600/- दिनांक 1-1-2016 से लागू मानी गई है।
(घ) 10 वर्ष से कम अवधि की सेवा होने पर देय एकमुश्त सेवा उपादान
यदि कोई कार्मिक 10 वर्ष की पेंशन योग्य सेवा पूर्ण करने से पूर्व ही सेवानिवृत हो जाता है तो उसे मासिक पेंशन नही मिलेगी बल्कि केवल एकमुश्त राशि सेवा उपादान (ग्रेच्यूटी) के रूप में प्राप्त होगी जो प्रत्येक छः माही सेवा अवधि के लिए आधे माह की परिलब्धि की दर से संगणित की जाएगी। (नियम 54(1))
चाइल्ड केयर लीव(CCL) की सामान्य जानकारी FAQ के रूप में
(1)चाइल्ड केयर लीव सेवाकाल में कितनी बार एवं कुल कितने दिन की मिलती है।
उत्तर:-किसी भी महिला राज्य कार्मिक को प्रथम दो जीवित संतानों की देखभाल के लिए पूरे सेवाकाल में 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव अवकाश मिलती है।
नियम 103 C
(आदेश Fd Date 22/05/2018)
(2) चाइल्ड केयर लीव किन किन कारणों से ले सकते है ?
उत्तर:-दो बच्चों के 18 वर्ष तक की आयु होने तक उनकी बीमारी,परीक्षा,पालन पोषण, आदि कारण से बच्चों की देखभाल के लिए यह अवकाश मिलता है।
नोट:-Fd आदेश date 31/07/20 के अनुसार 40% या इससे अधिक दिव्यांग बच्चे के लिए आयु सीमा का कोई बंधन नही रहेगा।
(3) क्या एकल पुरुष(विधुर,तलाकशुदा) को भी चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है?
उत्तर:- FD के 31/07/2020 के अनुसार चाइल्ड केयर लीव उपरोक्त कारणों से एकल पुरुष राजकीय कार्मिक(विधुर,तलाकशुदा) को भी मिलेगी।
(4) चाइल्ड केयर लीव एक कैलेन्डर वर्ष में कितनी बार ले सकते है?
उत्तर:- तीन बार(Three Spells)
नोट-जो Spell (अवकाश का भाग) एक कैलेंडर वर्ष में शुरू होकर अगले कैलेंडर वर्ष में समाप्त होगा,तो वह पहले वाले कैलेंडर वर्ष का भाग माना जायेगा जिसमें चाइल्ड केयर लीव आरंम्भ हुआ है। चाइल्ड केयर लीव पीएल प्रकृति का होने के कारण कैलेंडर वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर माना जाएगा।।
(5) चाइल्ड केयर लीव कम से कम कितने दिन की ले सकते है?
उत्तर:- कम से कम 5 दिन की चाइल्ड केयर लीव ले सकते है।
(No.F.1(6)FD/Rules/2011 दिनाँक 31.07.2020)
(6) चाइल्ड केयर लीव में वेतन का भुगतान कैसे होता है?
उत्तत:- अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त वेतन की दर से अवकाश वेतन का भुगतान होता है।
आदेश दिनांक 31/07/2020 के अनुसार प्रथम 365 दिन तक 100% एवं उसके बाद अगले 365 दिन तक 80% वेतन की दर से भुगतान किया जायेगा।
(7) एक महिला एक जुलाई से चाइल्ड केयर लीव पर गई है तो उसके नियमित वार्षिक वेतन वृद्धि देय होगी या नही?
उत्तर:-वार्षिक वेतनवृद्धि स्वीकृत तो एक जुलाई से ही होगी,जो काल्पनिक(Notional) रहेगी एवं उसका आर्थिक लाभ कार्मिक को अवकाश से लौटकर पुनः कार्यग्रहण करने की तिथि से ही देय होगा।
नोट:-चाइल्ड केयर लीव की अवधि के दौरान एसीपी एवम एवम स्थाईकरण से वेतन नियमितीकरण होता है तो उसमें भी यही नियम लागू होता है इसका आर्थिक लाभ भी अवकाश से पुनः कार्यग्रहण करने के उपरांत ही मिलता है।
(8) चाइल्ड केयर लीव के दौरान यदि DA की दर बढ़ जाती है तो उसे DA का भुगतान किस दर से होगा?
उत्तर:- चाइल्ड केयर लीव में DA की बढ़ी हुई दर से भुगतान होगा।
(9) क्या प्रोबेशनकाल में चाइल्ड केयर लीव मिलती है?
उत्तर:-सामान्यतया प्रोबेशनर ट्रेनीज को चाइल्ड केयर लीव नही मिलती है परन्तु यदि विशेष परिस्थिति में स्वीकृत की जाती है तो प्रोबेशन अवधि में जितने दिन चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत की गई है, प्रोबेशनकाल भी उतनी अवधि के लिए आगे बढ़ जायेगा।
(10) किसी महिला में चाइल्ड केयर लीव का आवेदन किया है परन्तु DDO वह अवकाश स्वीकृत नही कर रहे है क्या वे ऐसा कर सकते है?
उत्तर:-हां बिल्कुल कर सकते हैं क्योंकि चाइल्ड केयर लीव की अधिकार के रूप में मांग नहीं कर सकते। राजकार्य के सूचारू रूप से संचालन एवं विभागीय लक्ष्य बाधित होने की स्थिति में आवेदित चाइल्ड केयर लीव को DDO अस्वीकृत भी कर सकते है।एवं आवश्यक राजकीय कार्य से कार्मिक की कार्यालय में जरूरत हो तो DDO पूर्व में स्वीकृत किये गए चाइल्ड केयर लीव को निरस्त अथवा उसकी अवधि को कम कर कार्मिक को पुनः ड्यूटी पर भी वापस बुला सकते है।
(11) चाइल्ड केयर लीव के मध्य में रविवार या अन्य कोई राजकीय अवकाश आते है तो क्या उनको भी चाइल्ड केयर लीव में काउंट किया जाता है?
उत्तर:-चाइल्ड केयर लीव को उपार्जित अवकाश की तरह स्वीकृत किया जाता है अतः इसके मध्य में आने वाले रविवार या अन्य राजकीय अवकाश इस अवकाश में शामिल किये जाएंगे।
नोट- चाइल्ड केयर लीव में राजस्थान सेवा नियम 1951 खण्ड -1 अध्याय 10 के नियम 61 एवं 63 के तहत पूर्ववर्ती (prefix) एवं पश्चावर्ती (suffix) सार्वजनिक अवकाश का लाभ कार्मिक को मिलता है।
(12) क्या चाइल्ड केयर लीव के साथ अन्य कोई अवकाश लिया जा सकता है ?
उत्तर:- हां बिल्कुल लिया जा सकता है। चाइल्ड केयर लीव के साथ आकस्मिक अवकाश(CL) के अलावा अन्य कोई भी अवकाश ले सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखें कि DDO केवल 120 दिन का चाइल्ड केयर लीव ही स्वीकृत कर सकते हैं, इससे अधिक अवधि होने पर यह अवकाश विभागाध्यक्ष द्वारा ही स्वीकृत किया जायेगा।
(13) क्या सरोगेसी संतान की देख भाल के लिए चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है?
उत्तर:-नहीं,विधि मान्य संतान की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव मिलती है।अतः सरोगेसी संतान की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव नहीं मिलती है।
(14) किसी महिला कार्मिक ने पहले 20 दिन का चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर परिवर्तित अवकाश लिया था क्या वह उस अवकाश की प्रकृति बदल कर उसे चाइल्ड केयर लीव में परिवर्तित करवा सकती है?
उत्तर:- पूर्व में लिए गए किसी भी प्रकार के अवकाश को चाइल्ड केयर लीव में परिवर्तित नही करवाया जा सकता है।
नोट:-चाइल्ड केयर लीव को भी अन्य किसी भी अवकाश में परिवर्तित नही करवाया जा सकता है इसके साथ ही चाइल्ड केयर लीव को पहले स्वीकृत करवा कर ही इसका उपभोग किया जा सकता है।
(15) एक ऑफिस या स्कूल में एक साथ 3-4 महिला कार्मिकों ने चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन कर दिया है। अतः उनके अवकाश स्वीकृत हेतु प्राथमिकता के क्या मापदंड रहेंगे?
उत्तर:-FD आदेश Date 10/09/18 के अनुसार राजकार्य एवं सेवा में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हो एवं राजकार्य सुचारू रूप से चल सके एवं विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति में कोई बाधा नहीं हो,इसलिए कुल स्टाफ के 20% से अधिक कार्मिकों की चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं की जायेगी।
चाइल्ड केयर लीव की स्वीकृति के लिए 1 से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर निम्न प्राथमिकता के आधार पर अवकाश स्वीकृत करने के निर्देश हैं।
1-बच्चे की गंभीर बीमारी में देखभाल/दिव्यांग बच्चे की देखभाल
2-बच्चे की माध्यमिक या उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा में देखभाल
3 -बोर्ड़ परीक्षा के अतिरिक्त शिक्षण कार्य के समय देखभाल
4-तीन वर्ष की आयु से कम बच्चे की देखभाल।
नोट:-शिक्षा विभाग में निदेशक बीकानेर के आदेश दिनांक 03/08/2018 के अनुसार चाइल्ड केयर लीव में विधवा एवं परित्यक्ता श्रेणी की महिलाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश प्रदान किए गए हैं।
(16) चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन के साथ कौन -कौन से दस्तावेज सलंग्न किये जाते हैं?
उत्तर:- FD द्वारा निर्धारित चाइल्ड केयर लीव के फॉर्मेट में आवेदन पत्र एवं उसके साथ निम्न दस्तावेजों की प्रतियां अवश्य सलंग्न करें।
1-राशन कार्ड
2-दो जीवित सन्तानों के जन्म प्रमाण पत्र
3-बच्चा दिव्यांग है तो मान्य दिव्यांग प्रमाण पत्र
4-संतान की बीमारी से सम्बन्धित दस्तावेज
5-संतान की परीक्षा/परीक्षा तिथि/प्रवेश सम्बन्धित आवश्यक प्रमाण पत्र
6 अन्य कोई जो अवकाश से सम्बन्धित हो।
(17) किसी कार्मिक का बच्चा विदेश में रह रहा है तो क्या उसको भी चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है एवं उसके लिए क्या शर्ते रहेंगी?
उत्तर:-विदेश में रह रहे बच्चे की बीमारी अथवा परीक्षा आदि की स्थिति में चिकित्सक/शिक्षण संस्था से प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार पर चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत किया जा सकेगा। विदेश में रह रहे अवयस्क बच्चे हेतु अवकाश लेने के लिए विदेश यात्रा अवकाश के नियम/निर्देशों की पालना करना अनिवार्य होगा साथ ही 21 दिन पहले विदेश यात्रा हेतु आवेदन करना पड़ेगा और चाइल्ड केयर लीव की 80% अवकाश अवधि उसी देश में बितानी होगी जहाँ बच्चा रह रहा है।
(18) चाइल्ड केयर लीव का सर्विस बुक में लेखा संधारण किस प्रकार किया जाएगा?
उत्तर:-चाइल्ड केयर लीव किसी अन्य अवकाश लेखे में Debit(घटाया) नहीं जाएगा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में इसका अलग से लेखा संधारित किया जाएगा एवं वह प्रपत्र सर्विस बुक में चस्पा किया जाएगा।
कार्यालय क्रियाविधि (लेखा ) /आडिट से संबंधित ध्यान रखने योग्य बिंदुओ की जानकारी दीजिये।
उत्तर:- कार्यालय क्रियाविधि (लेखा ) /आडिट से संबंधित ध्यान रखने योग्य बिंदु 👇
सामान्य बिन्दु
कार्यालय निरीक्षण में निम्न बिंदुओं को शामिल किया जाता है।
जैसे
1.कार्यालय का नाम …
प्रभारी अधिकारी का नाम जिसने इस अवधि में कार्यभार धारित किया…..
3.लेखाकार/ प्रभारी का नाम (दिनांक सहित )……
4.खजांची का नाम( दिनांक सहित)…..
5.पूर्व निरीक्षण प्रतिवेदन में वर्णित आक्षेप एवं अनियमितताओं का उल्लेख कि उनका निराकरण किया गया या नहीं ……
रोकड़ एवं लेखा से संबंधित ध्यान रखने योग्य बिंदु 👇
👉 कैश बुक/ रोकड़ पंजिका यह निर्धारित छपे हुए प्रारूप में होनी चाहिए।
पृष्ठ संख्या का प्रमाण पत्र संबंधित अधिकारी द्वारा इस पर दिया जाना चाहिए।
👉सरकारी तथा गैर सरकारी धन राशियों की अलग-अलग रोकड़ पंजिका संधारित की जानी चाहिए।
👉कार्यालय के सरकारी लेनदेन के लिए एक ही रोकड़ पंजिका का संधारण किया जाना चाहिए।
यह देखना चाहिए कि प्रविष्ठियां वास्तव में रोकड़ प्राप्त होने पर या देने पर की गई है या उसकी आशा मात्र में।
प्रविष्ठियां तुरंत और नियमित रूप से धन का लेनदेन होते ही कर दी जानी चाहिए।
रोकड़ पंजिका को उसी दिन बंद कर अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाने चाहिए जिस दिन रोकड़ का लेनदेन हुआ है।
रोकड पंजिका में किए गए शुद्धीकरण या करेक्शन पर अधिकारी द्वारा लघु हस्ताक्षर किए जाने चाहिए।
प्रत्येक माह के अंतिम दिन gf&ar के नियम 74(4) के अनुसार नियमित रूप से प्रमाण पत्र अभिलिखित किया जाना चाहिए।
योग (Total) को प्रतिदिन किसी दूसरे कर्मचारी द्वारा जो रोकड़ पंजिका लिखने वाले के अलावा हो जांचा जाना चाहिए।
अनावश्यक रूप से रोकड़ बाकी नहीं रहना चाहिए।
रोकड़ बाकी कैश बुक के अनुसार होनी चाहिए।
⭐सरकारी राशि और गैर सरकारी राशि अलग-अलग रखी जानी चाहिए।
किसी भी तरह की राशि अवितरित या बिना जमा कराए लंबी अवधि से बची हुई नहीं होनी चाहिए।
⭐नकद राशि 500/- से अधिक नहीं होनी चाहिए।
⭐चेक बुक संबंधित अधिकारी की निजी सुरक्षा में रखी जानी चाहिए।
रोकड़ की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम होने चाहिए।डबल ताले की एक चाबी अधिकारी की सुरक्षा में होनी चाहिए।
⭐आवश्यक रसीद सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम 81 के अनुसार विहित प्रपत्र में अधिकारी द्वारा या उसके द्वारा अधिकृत कर्मचारी द्वारा पक्षों या व्यक्तियों को दी जानी चाहिए जिनसे राशि प्राप्त हुई और सरकारी लेखे में जमा की गई है।
⭐नियम 45: रसीद बुको का प्रारूप:
➡️प्रारूप G.A 55 तथा शिक्षा विभाग के लिए G.A 56 में मशीन से संख्यांकित रसीद बुक राजकीय मुद्रणालय से छपी हुई उपयोग में ली जाएंगी।
➡️रसीद बुक के प्रपत्रों की संख्या गिनकर आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे
➡️निर्धारित प्रपत्र में रसीद बुकों की प्राप्ति निर्गम एवं शेष का उचित लेखा रखा जाएगा
➡️नियम 46: भुगतानकर्ता को रसीद देना:
सरकार की ओर से राशि प्राप्त करने वाला सरकारी कर्मचारी भुगतानकर्ता को एक रसीद देगा। रसीद पर कार्यालय अध्यक्ष या उसके द्वारा विधिवत प्राधिकृत राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। वह अधिकारी रसीद पर हस्ताक्षर करते समय तथा प्रतिपर्ण पर लघु हस्ताक्षर करते समय यह सुनिश्चित करेगा की राशि का रोकड़ पुस्तिका में उचित रुप से इंद्राज कर लिया गया है।
➡️नियम 47: रसीदों की डुप्लीकेट जारी करना:
कोई भी सरकारी कर्मचारी प्राप्त की गई धनराशि के लिए दी गई रसीदों की डुप्लीकेट इस अभीकथन के आधार पर जारी नहीं करेगा की मूल प्रति खो गई है। परंतु आवश्यकता होने पर सरकार द्वारा निर्धारित फीस जमा कराने पर उक्त राशि को प्राप्त करने का प्रमाणपत्र जारी किया जा सकता है।
⭐चेक, मनिऑर्डर आदि से प्राप्त होने वाली राशि पर उचित नियंत्रण रखना चाहिए।
राजकोष में चालान से राशि जमा कराने, चेक, मनिआर्डर, ड्राफ्ट से भुगतान करने पर इसे निर्धारित रजिस्टर में इन्द्राज करना चाहिए।
चेक, मनीआर्डर, ड्राफ्ट आदि से भुगतान प्राप्त होने पर इसे प्राप्ति रजिस्टर में इंद्राज करना चाहिए।
⭐खजांची से समुचित प्रतिभूति सिक्योरिटी प्राप्त कर लेनी चाहिए
बिल बिल पंजिका संधारित की जानी चाहिए।
⭐ आदिनांक तक की प्रविष्टियां पूर्ण होनी चाहिए।
बिलो पर बजट शीर्षक अंकित होने चाहिए।
>> वाउचर्स
⭐gf&ar नियम 141 तथा 220 के अनुसार वांछित भुगतान Paid तथा रद्द किया Cancelled की मोहरे वाउचर्स पर अंकित की जानी चाहिए।
वाउचर्स को क्रम से फाईल में लगाया जाना चाहिए।
बिल/वाउचर्स पर नियमानुसार क्रय समिति के हस्ताक्षर कराने चाहिए।
>> यात्रा भत्ता बिल रजिस्टर
यात्रा रजिस्टर संधारित किया जाना चाहिए।
यात्रा भत्ता और दैनिक भत्ते के चार्जेज नियम अनुसार होने चाहिए।
यात्रा कार्यक्रम संबंधित उच्चतर अधिकारी द्वारा स्वीकृत होना चाहिए।
>> स्टांप रजिस्टर
यह ठीक ढंग से संधारित होना चाहिए।
रजिस्टर निर्धारित एवं मुद्रित फॉर्म पर होना चाहिए।
>> स्टेशनरी एवं भंडार (स्टोर)
इनका लेखा निर्धारित एवं छपे हुए प्रपत्र में संधारित किया जाना चाहिए।
प्राप्ति तथा प्रदान की गई प्रविष्ठियां अधिकारी द्वारा सत्यापित की जानी चाहिए।
स्टेशनरी का सामान देने से पहले मांग पत्र लिए जानी चाहिए।
स्टेशनरी की वस्तुओं के भौतिक सत्यापन पर सही लेखांकन किया जाना चाहिए।
भौतिक सत्यापन कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के क्रॉस चार्ज सत्यापन द्वारा करवाना चाहिए जिसे प्रधानाचार्य प्रमाणित करे।
gf&ar नियम 269 तथा 270 के अधीन अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन कर उसका प्रमाण पत्र अभिलिखित किया जाना चाहिए।
>> सेवा पुस्तिका एवं सेवा पत्रक
सेवा पुस्तिका में प्रविष्ठियां
पूर्णतया आदिनांक तक की जानी चाहिए।
सेवाओं का सत्यापन एवं अन्य प्रविष्टियां नियमित रूप से की जानी चाहिए।
>> उपस्थिति रजिस्टर
उपस्थिति सही और नियमित रूप से अंकित की जानी चाहिए।आकस्मिक अवकाश का लेखा नियमित रूप से संधारित किया जाना चाहिए।
प्रतिदिन कार्यालय अध्यक्ष द्वारा उपस्थिति चेक की जानी चाहिए और उसके द्वारा लघु हस्ताक्षर किए जाने चाहिए।
>> पुस्तक रजिस्टर
रजिस्टर पूर्ण तथा अपडेटेड होना चाहिए।
पुस्तकालय रजिस्टर की प्रविष्ठियां संबंधित अधिकारी द्वारा सत्यापित की जानी चाहिए।
निर्धारित समय पर और सही तरीके से भौतिक सत्यापन का लेखांकन होना चाहिए।
SIPF(NEW) पोर्टल पर किसी कर्मचारी की बेसिक पुरानी ही प्रदर्शित हो रही है तो उसे परिवर्तित करने की प्रक्रिया बताइए।
उत्तर:-1 sso.rajasthan.gov.in ओपन कर DDO की एम्प्लोयी आईडी, पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर लॉगिन करने पर बहुत सारे एप दिखाई देंगे जिनमें SIPF (New) एप ओपन या सर्च करते हैं।
2 DDO लॉगिन करने पर —> Select DDO Role
3 DDO रोल के अंतर्गत —> Employee
4 Employee —> Profile —> Search Employee —> कर्मचारी का चयन निम्न में से किसी भी एक तरीके से करते हैं :-
Employee id Employee Name Father/Husband name :- किसी एक माध्यम से चयन करते हैं
5 अब Employee की लिस्ट प्रदर्शित होगी जिसमें Employee के आगे Action बटन पर क्लिक करते हैं।
6 अब Employee की image के आगे एडिट बटन पर क्लिक करने पर कर्मचारी की Basic details, Service details, Contact details, Scheme details of Employee आदि प्रदर्शित होंगीं।
7 Basic details पर क्लिक कर Basic में आवश्यक संशोधन कर Submit करने पर कर्मचारी की बेसिक परिवर्तित हो जाएगी।
सर मेरा हाल ही में स्थायीकरण हुआ है और मुझे अपना राज्य बीमा कटौती का प्रथम फॉर्म मार्च 22 से ऑनलाइन सबमिट करना है तो मुझे इसकी संपूर्ण प्रोसेस बताने का कष्ट करें।
✅ सबसे पहले अपने मोबाइल या कंप्यूटर में गूगल या क्रोम ओपन करें।
✅उसमें sso लिखकर साइट सर्च करें या निम्न लिंक पर क्लिक करें।
https://sso.rajasthan.gov.in/signin
✅यहां एंप्लॉय आईडी और पासवर्ड भरे।
✅कैप्चा भरकर सबमिट करें।
✅ सबमिट करते ही आपको SSO पोर्टल का होम पेज ओपन दिखाई देगा।
✅ यहाँ SIPF NEW पोर्टल पर क्लिक करें।
✅ Sipf New portal पर एसआई (SI) छतरी (☂️) का निशान दिखाई देगा।
✅ SI (☂️छतरी) पर क्लिक करें।
✅नीचे आपको Click For SI Transaction का ऑप्शन दिखाई देगा उस पर क्लिक करें।
✅ क्लिक करते ही आपके 5, 6 ऑप्शन दिखाई देंगे।
✅दूसरे नंबर पर (एसआई फर्स्ट डिडक्शन) क्लिक करें।
✅ SI Form ओपन होगा।
✅फॉर्म के ऊपर आपको Employee details दिखाई देगी।
✅ नीचे nominee details दिखाई देगी।
✅नीचे Disease details.
( अगर आपमे कुछ बीमारी है तो बॉक्स में【】टिक √ करे और रिमार्क में बीमारी का नाम आदि डिटेल भरे।)
✅ अगर कोई बीमारी नही है तो बॉक्स में【】टिक √ नही लगावे।
✅ नीचे प्रथम राज्य बीमा घोषणा पत्र ओपन होगा।
✅ फॉर्म में date of confirmation.
✅proposed premium
( choose the one slab according to basic pay).
✅ year of risk (2022) फील करें।
✅ फॉर्म की जांच करे अगर डेटा गलत दिखाई दे तो पुनः एडिट कर उसको सही करे।
✅ डेटा सही होने पर FAINAL SUBMIT करे।
✅ आधार नम्बर फील करे या ऑटोमेटिक आधार नम्बर पर OTP सेंड हो रहे है।
✅ आधार OTP से अपने ई सिग्नेचर वेरीफाई करें।
✅ Otp आधार रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर ओर ईमेल दोनो पर आएंगे।
Note- आप फर्स्ट डिटेक्शन एमाउंट ऑप्शन में अपनी बेसिक से 2 स्टैब आगे की कटौती भी प्रथम राज्य बीमा घोषणा बीमा में करवा सकते है।
SI new स्लैब Chart
~Pay Slab and Premium Rates~
No.Pay drawn in Levels in the Pay Matrix Rate of monthly premium
【1】Upto Rs.
22000/-Rs.800/-
【2】Rs. 22001/- to Rs 28500/-Rs.1200/-
【3】Rs.28501/- to Rs. 46500/-Rs.2200/-
【4】Rs. 46501/- to 72000/-Rs.3000/-
【5】Above Rs. 72000/-Rs.5000/-
【6】MaximumRs.7000/-
✅ e साइन होते ही फॉर्म प्रिंट ऑटोमेटिक डाउन लोड होगा।
✅ फॉर्म को डेक्सटॉप पर सेव करें।
✅डिजिटल आधार सिग्नेचर वैरिफाई करें।
✅फॉर्म का प्रिंट लेवे , चेक करें, कुछ डिटेल ब्लेंक होगी उसको भरें।
✅ फॉर्म को DDO कार्यालय में जमा करवावे।
ध्यान रहे:- अगर आपके प्रोफाइल में basic, Nominee , date of confirmation, nominee bank detail etc. में डाटा गलत है तो…
✅आप DDO LOGIN SIPF PORTAL NEW ➡️ EMPLOYEE ➡️ PROFILE
में जाकर संपूर्ण डाटा सही अपडेट करवावें।
✅ डेटा सही होने के बाद में ही राज्य बीमा घोषणा पर पत्र ऑनलाइन करें।
पेंशनर सम्बन्धित निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर की जानकारी दीजिये।
(1) पेंशनर ने अपनी पेंशन से कम्युटेशन राशि स्वीकृत कराई है यह राशि कितने समय तक कटेगी ?
उत्तर:- कम्युटेशन की राशि भुगतान प्राप्ति के बाद 14 वर्षो तक कटेगी इस अवधि में सेवानिवृत्त कार्मिक की मृत्यु हो जाने पर शेष कम्युटेशन राशि माफ हो जाएगी।
(2) क्या पेंशन रूपांतरण राशि लेने के लिए किसी स्वास्थ्य जांच की अनिवार्यता है ?
उत्तर:- पेंशन रूपांतरण राशि लेने के लिए सेवानिवृति के एक वर्ष के भीतर किसी स्वास्थ्य जांच की अनिवार्यता नही है।
(3) क्या प्रोविजनल पेंशनर जांच में बरी होने वाला पेंशन रूपांतरण की राशि ले सकता है ?
उत्तर:- विभागीय जांच बकाया न होने का प्रमाण पत्र जारी होने के एक वर्ष के भीतर बिना स्वास्थ्य जांच व एक वर्ष बाद स्वास्थ्य जांच में फिट होने पर रूपांतरण राशि ले सकता है।
(4) एक पेंशनर का पी पी ओ कट फट गया है/ खो गया है। पुनः प्राप्त करने के लिए क्या करना पड़ेगा ?
उत्तर:- एक पेंशनर का पी पी ओ कट फट गया है/ खो गया है। पुनः डुप्लीकेट पी पी ओ प्राप्त करने के लिए जहाँ से पेंशन प्राप्त कर रहा है उस कोषालय/उपकोष कार्यालय में आवेदन करें। पेंशन विभाग में आवेदन नही करना है।
(5) एक पेंशनर के विभागीय जांच या कोर्ट केस बाकी है तो क्या उसे पेंशन स्वीकृत हो सकेगी ?
उत्तर:- प्रोविजनल पेंशन नियम 90 के अनुसार नियुक्ति अधिकारी द्वारा स्वीकृत करने के बाद प्रपत्र 3, 5ए, 33 मय सेवापुस्तिका के पेंशन विभाग को प्रकरण भेजा जाएगा। प्रोविजनल पेंशन के वक्त कम्युटेशन नही मिलता है एवं ग्रेच्यूटी का भी आंशिक भुगतान किया जाता है।पारिवारिक पेंशन के मामलों में भी प्रोविजनल पेंशन स्वीकृत करने का प्रावधान है।
(6) एक पुत्री पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रही है। वह पेंशन कब तक ले सकेगी ?
उत्तर:- वह पुत्री विवाह की तारीख तक या मासिक आय 9500/- से अधिक मासिक आय तक , जो दोनों में पहले हो, तब तक ही पेंशन प्राप्त कर सकेगी।
(7) एक पेंशनर अपनी पेंशन अन्य जगह स्थानान्तरित कराना चाहे तो उसे क्या करना होगा ?
उत्तर:- पेंशनर को सम्बन्धित कोषालय में ही आवेदन करना होगा। राज्य के भीतर कोषाधिकारी पेंशन स्थानान्तरण हेतु सक्षम है।
(8) स्वेच्छिक़ सेवानिवृति पर कितने वर्षों की नोशनल सेवा का लाभ मिलता है ?
उत्तर:- 1-7-2013 से स्वेच्छिक़ सेवानिवृति पर नोशनल सेवा का लाभ देय नही है। वास्तविक पेंशन योग्य सेवा के आधार पर पेंशन मिलेगी।
(9) कार्मिक व कार्यालय को पेंशन प्रकरण तैयार करने से पूर्व किन महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर:- कार्मिक का नाम सेवापुस्तिका के अनुसार हो, पेमेनेजर व आधारकार्ड में समान नाम व स्पेलिंग होनी चाहिए। जन्मतिथि का सही मिलान करे। कार्यालय एवं कार्मिक के लिए विस्तृत निर्देश पेंशन नियमों के परिशिष्ट 8 व 11 में उल्लिखित है।
(10) पेंशन स्वीकृति अधिकृतियाँ जारी होने के बाद पेंशनर को क्या करना है ?
उत्तर:- पेंशन विभाग से अधिकृतियाँ मिलने के उपरांत तथा सेवानिवृत्त होने के बाद कोषालय में जहाँ पेंशन भुगतान चाहा गया है/जो अधिकृति में भी लिखा हुआ है, वहां उपस्थित होना है। साथ मे कार्यालय से जारी किया गया नो ड्यूज, फाइनल एलपीसी, जी ए 55ए, आधारकार्ड, बैंक पास बुक फोटोप्रति, संयुक्त फोटो 3 या 4, गवाह के साथ सम्बन्धित कोषालय में उपस्थित होवे।
(11) किसी कार्मिक की 23/01/2022 को डेथ हो गई है तो उनको किस तारीख से पारवारिक पेंशन का भुगतान होगा?
उत्तर:-कार्मिक की मृत्यु के दिन को कार्य दिवस माना जाता है अतः मृत्यु प्रमाण पत्र में अंकित डेथ के दिन तक उसको वेतन का भुगतान किया जाता है एवं डेथ के अगले दिन से पारिवारिक पेंशन स्वीकृत की जाती है।
नोट:- स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में सेवानिवृति के दिन को अकार्य (Non working day) माना जाता है एवं उस दिन के वेतन का भुगतान नही होता है।
(12)अतरिक्त पेंशन का भुगतान कब से किया जाता है?
उत्तर:-पेंशनर/ पारिवारिक पेंशनर की आयु 80 वर्ष से अधिक होने पर अतिरिक्त पेंशन मिलती है जो निम्न अनुसार मिलती है।
80 से 84 वर्ष 20%
85 से 89 वर्ष 30%
90 से 94 वर्ष 40%
95 से 99 वर्ष 50%
100 वर्ष या अधिक 100%
अतिरिक्त पेंशन पर नियमानुसार DR( महगाई राहत) भी मिलती है।
(13) एक कार्मिक को पारिवारिक पेंशन एवं अनुकम्पा नियुक्ति से वेतन भी मिलता है उसको पेंशन एवम वेतन में DA का भुगतान किस आधार पर किया जाता है?
उत्तर:-दिनांक 01/06/2018 से कार्मिक को मिलने वाली पारिवारिक पेंशन एवम वेतन दोनो पर DA का भुगतान किया जाता है।
(14) स्वेच्छिक सेवानिवृति कितने वर्ष की सेवा के बाद ली जा सकती है?
उत्तर:-कर्मचारी 15 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण करने पर स्वेच्छिक सेवानिवृति ले सकता है इस हेतु नियुक्ति अधिकारी को तीन महीने पहले नोटिस देना अनिवार्य है स्वेच्छिक सेवानिवृति की स्वीकृति जारी होने के बाद उसे वापस नही लिया जा सकता है।
प्रसूति अवकाश के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी FAQ के रूपः में दीजिये।
(1) प्रसूति अवकाश सेवा में कितनी बार मिलता है?
उत्तर:- सम्पूर्ण सेवाकाल मे प्रसूति अवकाश दो बार मिलता है यदि पूर्व में कोई संतान जीवित नही होने पर तीसरी बार भी प्रसूति अवकाश देय होता है।
(सेवा नियम 103)
(2) प्रसूति अवकाश किस आधार पर एवम कितने दिन का मिलता है?
उत्तर:-राजस्थान सेवा नियम 103 के अनुसार Dr के प्रमाण पत्र के आधार पर एक महिला कार्मिक को प्रसूति अवकाश 180 दिन के लिए सवैतनिक अवकाश मिलता है।
(आदेश:- FD/Date-11.10.2008)
(3) प्रसूति अवकाश कब से लिया जा सकता है?
उत्तर:-राजस्थान सेवा नियम 103 के अनुसार प्रसूति के दिन से यह अवकाश ले सकते है परंतु
Doctor के प्रमाण पत्र के आधार पर प्रसूति के पहले से भी प्रसूति अवकाश लिया जा सकता है।
(4) क्या प्रसूति अवकाश में नियमित वेतन का भुगतान होता है ?
उत्तर:- हाँ प्रसूति अवकाश में कार्मिक को नियमितअवकाश वेतन का भुगतान किया जाता है।
【सेवा नियम:-97(1)】
(5) प्रसूति अवकाश में वेतन का भुगतान किस दर से किया जाता है ?
उत्तर:- प्रसूति अवकाश में कार्मिक को वेतन का भुगतान अवकाश पर जाने से पहले वह जिस दर से वेतन आहरित कर रहा था उसी दर के अनुसार 180 दिन तक अवकाश वेतन का भुगतान किया जाता है।
(6) प्रसूति अवकाश के दौरान यदि DA बढ़ता है तो क्या कार्मिक को DA का भुगतान किस दर से किया जायेगा?
उत्तर:- DA की दर में वृद्धि होती है तो प्रसूति अवकाश में भी DA का भुगतान बढ़ी हुई दर के अनुसार किया जाता है।
(7) प्रसूति अवकाश के दौरान यदि HRA बढ़ता है तो कार्मिक को HRA का भुगतान किस दर से किया जायेगा?
उत्तर:- यदि प्रसूति अवकाश के दौरान HRA की दर में वृद्धि होती है तो प्रसूति अवकाश में भी HRA का भुगतान अवकाश पूर्व लागू दरों के अनुसार किया जाएगा।
(8) क्या प्रसूति अवकाश में कार्मिक के नियमित वेतनवृद्धि देय होती है ?
उत्तर:-कार्मिक के वेतनवृद्धि नियमित एक जुलाई से ही स्वीकृत की जायेगी जो काल्पनिक होगी। वेतनवृद्धि का आर्थिक लाभ कार्मिक को प्रसूति अवकाश से पुनः कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से देय होगा।
(9) क्या कार्मिक को प्रोबेशनकाल में प्रसूति अवकाश मिलता है ?
उत्तर:-हाँ कार्मिक के प्रोबेशनकाल में भी नियमानुसार 180 दिन का प्रसूति अवकाश देय होता है तथा इससे प्रोबेशनकाल में वृद्धि नही होती है
(आदेश:- FD Date-15/02/2012)
(10) प्रसूति अवकाश की स्वीकृत किस के द्वारा की जाती है?
उत्तर:- प्रसूति अवकाश की स्वीकृत आहरण वितरण अधिकारी (Ddo) द्वारा की जाती है एवम प्रोबेशनकाल में भी प्रसूति अवकाश की स्वीकृति Ddo द्वारा की जाती है।
(11) प्रसूति अवकाश के दौरान किसी के 2 वर्ष का प्रोबेशनकाल पूरा हो रहा है तो उस स्थिति में उसके स्थाईकरण की क्या प्रक्रिया रहेगी एवम स्थाईकरण के बाद वेतन निर्धारण के बाद एरियर का भुगतान कब से होगा?
उत्तर:- प्रसूति अवकाश के दौरान किसी कार्मिक का प्रोबेशनकाल पूर्ण हो रहा है तो उसका स्थाईकरण 2 वर्ष का प्रोबेशन पूर्ण करने की तिथि से ही होगा एवम नियमित वेतन निर्धारण उसी दिन से किया जाएगा जो काल्पनिक रहेगा वेतन निर्धारण का आर्थिक लाभ प्रसूति अवकाश से पुनः कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से ही देय होगा क्योंकि प्रसूति अवकाश में पूर्व वेतन की दर से ही अवकाश वेतन का भुगतान किया जाता है।
(12) प्रसूति अवकाश के क्रम में साथ -साथ अन्य कोई अवकाश लिया जा सकता है?
उत्तर:-हाँ प्रसूति अवकाश के क्रम में साथ-साथ CL के अलावा अन्य किसी भी प्रकार का अवकाश लिया जा सकता है परन्तु यह ध्यान रखे लगातार अवकाश के दिनों की संख्या 180 दिन से अधिक होने पर अवकाश की स्वीकृति विभागाध्यक्ष द्वारा ही की जायेगी।
( आदेश:-FD Date-26.02.02)
(13) संविदा कार्मिको को भी क्या प्रसूति अवकाश मिलता है ?
उत्तर:- यदि सविंदा महिला कार्मिक की नियुक्ति वित्त विभाग के अनुमोदन के उपरान्त हुई है तो ऐसे संविदा कार्मिको को भी प्रसूति अवकाश मिलता है।
(आदेश:-FD दिनांक-19.06.2009)
(14) किसी महिला कार्मिक के गर्भपात हो गया है तो क्या उसे प्रसूति अवकाश देय होता है ?
उत्तर:-गर्भपात होने पर प्रसूति अवकाश देय नही होता है।
Dr के प्रमाण पत्र के आधार पर जिसमे गर्भपात का स्पस्ट उल्लेख हो कार्मिक को सेवाकाल में ( एक बार अथवा दो बार) कुल मिला कर 42 दिन का गर्भपात अवकाश मिलता है।
(आदेश:-FD Date-14.07.2006)
(15) महिला कार्मिक द्वारा कोई संतान गोद लेने पर प्रसूति अवकाश मिलता है?
उत्तर:-किसी महिला कार्मिक के दो से कम जीवित संतान होने पर कार्मिक द्वारा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को वैधानिक रूप से दत्तक ग्रहण करने पर उसको 180 दिन का दत्तक ग्रहण अवकाश मिलता है।
(RSR 1951 का नियम 103(B)
(16) एक महिला कार्मिक ने प्रसूति अवकाश लिया है तथा प्रसूति के बाद बच्चे की मृत्यु हो गई है तो क्या उसका प्रसूति अवकाश जारी रहेगा ?
उत्तर:-बच्चे की मृत्यु होने के बाद भी पूर्व से स्वीकृत प्रसूति अवकाश का उपयोग किया जा सकता है।
लेकिन महिला कार्मिक प्रसूति अवकाश का उपयोग अगली डिलेवरी के अवसर पर लेना चाहती है तो पूर्व में स्वीकृत प्रसूति अवकाश को निरस्त करवा कर जितने दिन के अवकाश का उपयोग किया है उसे अर्जित अन्य किसी भी प्रकार के अवकाश में बदल कर पुनःड्यूटी जॉइन कर सकती है।
एक वित्तीय वर्ष में कर्मचारी के वेतन से काटे गए टैक्स को देखने की चरणबद्ध प्रक्रिया बताइए।
उत्तर :- 1★➡️ incometax.gov.in साइट ओपन कर Income tax department: Home पर क्लिक करते हैं जिसमें People symbol पर क्लिक करते हैं।
2★➡️ यदि नए यूजर हैं तो Register पर क्लिक करते हैं औऱ अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं तथा पहले से रजिस्टर्ड यूजर हैं तो Login पर क्लिक कर आईडी में अपना PAN CARD नम्बर डालकर Continue पर क्लिक पासवर्ड लिखकर Continue करने पर OTP आएगा अब OTP डालकर लॉगिन करते हैं।
3★➡️ अब आपकी प्रोफ़ाइल खुल जाएगी जिसे चेक कर सकते हैं।
4★➡️ Menu (या थ्री लाइन पर क्लिक कर) में efile सेलेक्ट करते हैं।
5★➡️ अब efile में Incometax returns पर क्लिक करते हैं तो एक पॉपअप मैसेज आएग जिसमे Continue पर क्लिक करते हैं।
6★➡️ Income tax returns में View form 26AS पर क्लिक करते हैं।
7★➡️ जिसमें View form 26AS (Tax credit) ओपन करने पर एक नई विंडो खुलती है जिसमें Confirm पर क्लिक करते हैं।
8★➡️ अब एक नई विंडो ओपन होगी जिसमें बॉक्स पर √ कर प्रोसीड पर क्लिक करते हैं।
9★➡️ फिर एक नई विंडो ओपन होगी जिसमें Click view Tax credit (Form 26AS) पर क्लिक करते हैं।
10★➡️फिर एक नई विंडो ओपन होगी जिसमें :-
Assessment year ने सम्बन्धित Year का चयन करते हैं और View as में HTML का चयन करते हैं।
11★➡️View/Download पर क्लिक करने पर कर्मचारी के वेतन तथा अन्य स्रोत से
वित्तीय वर्ष में काटे गए संपूर्ण टैक्स की जानकारी प्रदर्शित हो जाएगी।
जिसका हम मिलान कर अपनी डिटेल चेक कर सकते हैं।
हमारे स्कूल में एक कार्मिक की मृत्यु दिनांक 22/01/2022 को गई है अब स्कूल स्तर पर Ddo को कौन- कौन से कार्य करने है ?
उत्तर:- किसी कार्मिक की सेवा में रहते हुए मृत्यु हो गई है तो Ddo को अनपे स्तर पर निम्न कार्य प्रथमिकता से पूर्ण करने चाहिये
(1) सर्व प्रथम कार्मिक के परिवार से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करे।
(2) मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर नियुक्ति अधिकारी से उनकी सेवा समाप्ति के आदेश जारी करवावे।
(3) सेवा समाप्ति के आदेश प्राप्त होने पर शाला दर्पण से उनको डेथ का कारण चयन कर कार्य मुक्त करे।
(4) कार्मिक के घर पर रिजिस्टर्ड पत्र द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति चाहते है तो इस बाबत आवेदन पत्र 90 दिन की सीमा में प्रस्तुत करने का निवेदन करे यदि इसके साथ ही अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन पत्र की कॉपी संलग्न कर देते है तो उनको सुविधा रहेगी।
(5) Ddo लॉगिन से sipf पोर्टल से कार्मिक के राज्य बीमा एवं GPF के डेथ क्लेम ऑन लाइन सबमिट कर सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर प्रकरण Sipf office में भेजे। क्लेम का भुगतान नॉमिनी को होगा अतः कार्मिक के नॉमिनी की sipf पर बैंक डिटेल्स अपडेट नही है तो Ddo लॉगिन से पहले नॉमिनी की बैंक डिटेल्स को अपडेट कर लेवे।
(6) Nps कार्मिक है तो nps राशि के क्लेम का निर्धारित आवेदन पत्र भर कर sipf आफिस में जमा करवावे।
(7) वेतन से LIC की कटौती है तो मृतक के LIC क्लेम के आवेदन पत्र को भरवा कर LIC का क्लेम अजमेर कार्यालय( सेलेरी शाखा) में भेजे।
(8) यदि कार्मिक की किसी दुर्घटना में मृत्यु हुई है तो दुर्घटना बीमा राशि के क्लेम का निर्धारित आवेदन पर मय समस्त दस्तावेज संलग्न कर प्रकरण sipf आफिस में जमा करावे।
(9) पारिवारिक पेंशन एवम ग्रेच्यूटी के भुगतान हेतु निर्धारित पेंशन कुलक मय सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर प्रकरण अपने Cbeo के माध्यम से पेंशन विभाग को भेजे। पेंशन प्रकरण के साथ ही जमा उपार्जित अवकाश के नगद भुगतान के लिए निर्धारित प्रपत्र में बजट की मांग भी करे।
(10) शिक्षा विभाग के कार्मिक है तो मृत्यु पर हितकारी निधि एवम शिक्षक कल्याण कोष से भी आर्थिक सहायता मिलती है इस बाबत निर्धारित आवेदन पत्र भर कर उचित माध्यम से निदेशालय बीकानेर को प्रकरण अग्रेषित करे।
(11) PPO जारी होने के बाद 2071 हेड में बकाया जमा PL का बजट प्राप्त होने के बाद पे मैनेजर से उपार्जित अवकाश का बिल बना कर भुगतान करे।
(12) कार्मिक की मृत्यु के बाद उसके कोई भी भुगतान बकाया है तो वह उसके नॉमिनी को किया जाता है इस हेतु पहले PM पर नॉमिनी ऐड करे उसके बाद सम्बन्धित ट्रेजरी से नॉमिनी की बैंक डिटेल्स को PM पर अपडेट करवावे उसके बाद उनके बकाया कोई भी बिल हो वह बनावे।
मृतक कार्मिको के आश्रितो को यथाशीघ्र राहत प्रदान कर हमें सहयोग प्रदान करना चाहिए यह अपनी ड्यूटी के साथ साथ एक पूण्य का कार्य है।
नोट:- कार्मिक की मृत्यु के दिन को कार्य दिवस माना जाता है अतः मृत्यु प्रमाण पत्र में अंकित मृत्यु की दिनांक तक वेतन का भुगतान होगा एवं मृत्यु के अगले दिन से पारिवारिक पेंशन स्वीकृत होगी।
राजस्थान सेवा नियमों में विभिन्न अवकाश किस किस नियम के तहत स्वीकार्य हैं इस सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करें ?
1 .अवकाश अधिकार नहीं है ?
(नियम 59 )
2.एक राज्य कर्मचारी को अवकाश के दिन कार्यालय में बुलाया जा सकता है।
( नियम 66) 1994
3.एक अधिकारी/ कर्मचारी को जो मुख्यालय से बाहर स्थान पर अवकाश बिता रहा है।अनिवार्य रूप से छुट्टी से वापस बुलाया जा सकता है।
(नियम 66) 1986
4 . एक राज्य कर्मचारी को सेवा से पृथक करने के लिए आदेश दे दिया गया था परंतु उसने छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र दे दिया क्या उसकी छुट्टी स्वीकार की जा सकती है ?
(नियम 55) अ (1986)
5 .क्या अवकाश की प्रकृति जिसके लिए कर्मचारी ने आवेदन किया है एवं जो अवकाश उसके खाते में है अवकाश स्वीकृत करने वाला अधिकारी अपनी इच्छा से उसमें परिवर्तन कर सकता है ?
नियम 59 (1993)
6 .क्या चिकित्सा प्रमाण पत्र संबंधित कर्मचारी को अवकाश का अधिकार प्रदान करता है ?
(नियम 76)( 4) 1993
7 .राज्य कर्मचारी से अधिक संख्या में एक ही समय पर प्राप्त अवकाश के आवेदनों पर निर्णय लेने के लिए क्या सिद्धांत ध्यान में रखना चाहिए ?
(नियम 80 )1983
8 .क्या अवकाश को सार्वजनिक अवकाश के साथ जोड़ा जा सकता है ?
नियम(61)1992
9 . ड्यूटी से स्वैच्छिक अनुपस्थिति संबंधित नियम
( नियम 86 )(1)
डायस ऑन( dies -non) 1994 नियम 86 निर्णय एक 1
11.कर्तव्य से जानबूझकर अनुपस्थिति के मामले में की जाने वाले कार्यवाही नियम 86(1)
12 .उपार्जित अवकाश के नगद भुगतान के संबंध में नियम 91अ
13 .क्या एक कर्मचारी को छुट्टी समर्पित करने की एवज में पूरा वेतन व संपूर्ण भत्ते दिए जाते हैं (नियम 91 अ )
14 .छुट्टियों के नगदीकरण में क्या वेतन व भत्ते मिलते हैं
नियम 91 अ(4)
15 .राज्य कर्मचारी की सेवानिवृति के समय और मृत्यु के समय अवकाश के नगद भुगतान के क्या प्रावधान हैं ?
नियम 91बी
16.अर्ध वेतन अवकाश नियम 93(1)
रूपांतरित अवकाश नियम 93(2)
18.अर्ध वेतन अवकाश को पाठ्यक्रम हेतु किस सीमा तक रूपांतरित अवकाश में बदला जा सकता है ?
नियम 93
बिना बकाया अवकाश (लीव नोट ड्यू )की स्वीकृति की सीमा ?
93( 3)
ऐसे राज्य कर्मचारी जो ड्यूटी पर रहते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गया हो उन्हें विशेष असमर्थता अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है ?
( नियम 99)1
21.एक महिला कर्मचारी को प्रसूति अवकाश की देयता संपूर्ण सेवाकाल में ?नियम (103 )(104 )
22.अध्ययन अवकाश से संबंधित नियम
( नियम 110 -112)
23.किसी भी प्रकार के अवकाश को स्वीकृत किए जाने की अधिकतम सीमा क्या है ?
( नियम 93 ) क
राज्य कर्मचारी को देय विभिन्न अवकाश कौन-कौन से हैं उनकी अधिकतम सीमा क्या है यह किस नियम में मिलेंगे ?
(RSR 91 से 126)
मैं जनवरी 2022 में सेवानिवृत्त हो गया हूँ। मैं मेरा GPF का खाता पुनः खुलवाना चाहता हूं। कृपया विस्तार से इस सम्बन्धित जानकारी दीजिये।
उत्तर:- राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम ,1997 के नियम 4 के अंतर्गत सेवानिवृति के पश्चात GPF खाता खुला सकते हैं। सेवानिवृत्त होने के एक वर्ष के भीतर प्राप्त सेवानिवृति परिलाभों जैसे GPF अंतिम भुगतान राशि, राज्य बीमा राशि, सेवानिवृति PL परिलाभ, कम्युटेशन राशि व ग्रेच्युटी राशि जमा की जाती है। इस खाते में प्रचलित दर पर ब्याज मिलता है। अभी ब्याज की वर्तमान दर 7.9% है। इसमे एक विशेष बात यह है कि इसमे जमा राशि के भुगतान पर कोई लोकिन-इन-पीरियड नही है।(परिपत्र2/2010-11 दिनांक 21-4-2010 एवं नोटिफिकेशन दिनांक 11-10-2017)
सेवानिवृति बाद GPF खाता खुलवाने के लिए कौन कौन पात्र हैं ?👇
प्रत्येक अंशदाता जो प्रावधायी निधि योजना का सदस्य रहा हो, वह खाता खुलवा सकता है।
(1) राज्य कर्मचारी
(2) जिला परिषद कर्मचारी
(3) पंचायत समिति कर्मचारी
(4) अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी
(5) राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
(नोटिफिकेशन दिनांक 28-6-2012)
खाता कब तक जारी रख सकते हैं ?
अंशदाता, जो सेवानिवृत्त हो चुका है, अपने खाते में सेवानिवृति परिलाभ जमा कराते हुए भी प्रचलित ब्याज दर से आधा प्रतिशत अधिक ब्याज दर पर खाते को किसी भी अवधि तक चालू रख सकता है। (नोटिफिकेशन दिनांक 30-3-1999)
सेवानिवृत्त होने के पश्चात GPF खाता पुनः कैसे खुलवाए ?
(A) सेवानिवृत्त होने वाला कार्मिक सामान्य प्रावधायी निधि में सम्मिलित होने के लिए उप/सहायक निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग जिला स्तर को लिखित में एक प्रार्थना पत्र देगा। इस पत्र में कार्मिक अपनी सेवानिवृत्त तिथि व सेवानिवृति पश्चात प्राप्त परिलाभों का ब्यौरा देगा। साथ ही इस पत्र में नॉमिनेशन की जानकारी देगा। अंत मे हस्ताक्षर, पूरा पता व मोबाईल नम्बर अंकित करेगा। इस पत्र पर एक राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर आवश्यक है।
(B) सेवानिवृति पश्चात GPF खाते में सेवानिवृति परिलाभ जमा कराते वक्त एक शपथ पत्र देना पड़ता है जिसकी भाषा निम्नांकित है।
मैं——पुत्र/पुत्री——-पद——-कार्यालय /विभाग——-सेवानिवृति दिनांक——-शपथपूर्वक घोषणा करता/करती हूं कि:-
(1) यह कि मेरा GPF खाता संख्या ———-है।
(2) यह कि मैं सेवानिवृति उपरांत अपने प्रावधायी निधि खाते को सेवानिवृति परिलाभों सहित चालू रखने का विकल्प स्वीकार करता हूँ/करती हूं।
(3) मैं यह भी घोषणा करता हूँ/करती हूं कि मेरे जीपीएफ़ खाते में जमा कराई गई सेवानिवृति परिलाभों की कुल राशि ———–है। जिनकी आदेशो की प्रतियां संलग्न कर दी गई है। निम्नांकित कॉलम बनाकर सूचना भरे।
क्रम संख्या भुगतान का प्रकार आदेश संख्या दिनांक
जीपीएफ स्वत्व राशि
ग्रेच्युटी राशि
रूपांतरण राशि
बीमा स्वत्व राशि
अवकाश नकदीकरण राशि
(4) मेरे द्वारा पूर्व में उपरोक्त राशि का कहीं अन्यत्र निवेश नही किया गया है एवं वास्तव में यह राशि सेवानिवृति परिलाभों की ही है, जिसके प्रमाण स्वरूप सम्बन्धित विभाग द्वारा जारी स्वीकृति/ भुगतान आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपियाँ उपरोक्तानुसार संलग्न कर दी गई है।
(5) यह कि सेवानिवृति पश्चात इस राशि के आहरण के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा लागू नियम/भविष्य में किये जाने वाले संशोधन मुझे मान्य होंगे।
(6) यह कि इस योजना में जमा राशि /देय ब्याज पर यदि आयकर का (TDS सहित) कोई उत्तरदायित्व बनता है या भविष्य में बनेगा तो मैं इसको वहन करने के लिए स्वयं उत्तरदायी रहूँगा/रहूंगी एवं उपरोक्त जमा राशि अथवा ब्याज राशि पर TDS देय होने के कारण राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग को कोई TDS अथवा TDS पर ब्याज अथवा पेनल्टी आयकर विभाग को देनी पड़ती है तो राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग ऐसी राशि जो मुझसे सम्बन्धित है, मुझसे वसूल कर सकता है।
अंत मे हस्ताक्षर अंशदाता, स्थायी पता, फोन नम्बर व दिनांक अंकित की जानी है।
पेमेनेजर पर कर्मचारी के मोबाईल नं में बदलाव कैसे करें ?
उत्तर- पेमेनेजर पर कर्मचारी के मोबाईल नं में बदलाव करने की दो परिस्थिति हो सकती है।👇
(1) जब कर्मचारी के मौजूदा मोबाईल नम्बर किसी कारण से बंद हो गए हों या गुम हो गए हों।
(2) जब कर्मचारी के मौजूदा मोबाईल नम्बर चालू स्थिति में हो फिर भी कर्मचारी अपने मोबाईल नं बदलना चाहता है।
दोनों परिस्थिति में मोबाइल नम्बर बदलने की प्रक्रिया एक समान है।
पेमेनेजर की नई व्यवस्था के अनुसार पेमेनेजर पर एम्प्लोयी लॉगिन करने के लिए पेमेनेजर पर सेव मोबाईल नं पर OTP प्राप्त होता है और OTP लगाने के बाद ही लॉगिन किया जा सकता है।
अगर कर्मचारी का मौजूदा मोबाईल नम्बर किसी कारण से बंद हो गया है या गुम हो गया है तो इस स्थिति में कर्मचारी OTP प्राप्ति नहीं कर पाएगा और लॉगिन नहीं हो पाएगा।
कर्मचारी को मोबाईल नं बदलने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनानी होगी।👇
» सर्च paymanager.raj.nic.in
» Forgot Password (Employee Login) पर क्लिक कीजिए।
एक नया पेज खुलेगा जहाँ आपको दो विकल्प मिलेंगे-
(i) Password Reset
(ii) Mobile Change Request
आपको Mobile Change Request को चुनना है |
उसके बाद आपको कुछ जानकारी भरनी है –
(i) Employee Id
(ii) Bank Account Number
(iii) Date of Birth
यह जानकारी भरकर Submit Detail पर क्लिक करना है।
इस तरह से आपकी मोबाईल नं बदलने की रिक्वेस्ट DDO के पास चली जाएगी।
DDO लॉगिन से रिक्वेस्ट अप्रूव करने की प्रक्रिया👇
» DDO लॉगिन » Master » Password Change Request
यहाँ आपको दो विकल्प मिलेंगे –
(i) Password Request
(ii) Delete Mobile
आपको Delete Mobile पर क्लिक करना है |
यहाँ कर्मचारी से प्राप्त रिक्वेस्ट दिखाई देगी |
मौजूदा मोबाईल नं Delete करने के लिए Delete Mobile पर क्लिक करना है और मोबाइल नं सफलतापूर्वक Delete हो जाएगा।
अब फिर से आपको पेमेनेजर पर Employee ID, Password एवं कोड लगाते हुए एम्प्लोयी लॉगिन करना है।
आपके सामने एक Mobile Number Update ka बॉक्स खुलेगा जिसमें आपको वह मोबाईल नं भरना है जो आप लगाना चाहते हो और OTP भेजना है।
OTP लगाने के बाद सब्मिट करने पर मोबाईल नं सफलतापूर्वक बदल जाएंगे।
सरकारी कर्मचारी को मकान किराया भत्ता से संबंधित नियमों की जानकारी प्रदान करें।
उत्तर:- सरकारी कर्मचारी को मकान किराया भत्ता संबंधित नियमों की जानकारी👇
🌟 1.किसी भी राजकीय कार्मिक को निम्नांकित मामलों में मकान किराया भत्ता देय नहीं होगा।
💨A.जो सरकारी मकान या सरकार द्वारा अधिग्रहित आवास में रहता है।
💨B. देवस्थान विभाग या अन्य विभाग के आवास में रहता है।
💨C. जिसको सरकारी आवास आवंटित किया जाता है उसमें रहने की तिथि या आवंटन के 8 दिन बाद में जो भी स्थिति पहले हो।
💨D. जिसका पति /पत्नी ,माता पिता, पुत्र पुत्री को राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार द्वारा या किसी स्वायत्तशासी संस्था द्वारा आवास आवंटित किया हुआ हो ( नियम 3 )
🌟2. जो सरकारी कर्मचारी किराए के मकानों में रहता है उसको नियम 5 की दरों के अनुसार मकान किराया भत्ता देय होगा यह भत्ता कर्मचारी द्वारा किराया के रूप में खर्च करने का प्रमाण पत्र देने पर अनुज्ञेय होगा। यदि सरकारी कर्मचारी के मकान को एक या अधिक व्यक्तियों को सब लेट करता है और किरायेदारों बोर्ड का मकान स्वयं का ही माना जाएगा (नियम 4 ( 1) एवं (2)
🌟3. पति एवं पत्नी दोनों सरकारी कर्मचारी हो एवं एक ही स्टेशन पर कार्यरत हो तो दोनों को मकान किराया भत्ता मिलेगा। नियम 4( 3 )
🌟4.यदि कर्तव्य स्थान पर स्वयं का मकान हो एवं कर्मचारी किराए के मकान में रहता है तो भता किराए के मकान का मिलेगा नियम 4 (5 )
🌟5.एक सरकारी कर्मचारी जो कि स्वयं पत्नी बच्चों या माता-पिता या हिंदू अविभाजित परिवार के स्वामित्व वाले मकान में रहता है उसके द्वारा यह प्रमाण पत्र देने पर कि वह गृह कर या मकान के अनुरक्षण व्यय का भुगतान करता है स्लैब के अनुसार मकान किराया भत्ता देय होगा नियम 4 (2)
🌟6.सेवानिवृत्ति पूर्व अवकाश सहित किंतु इसमें असाधारण अवकाश, अध्ययन अवकाश तथा सेवांत अवकाश शामिल नहीं है अवकाश तथा अस्थाई स्थानांतरण में 120 दिन तक मकान किराए भते का संदाय किया जा सकेगा।
नियम 6 (क)टिप्पणी 1
🌟7. मातृत्व अवकाश अवधि में 180 दिन तक मकान किराया भत्ता देय होगा
F6(4)FD/RULES/07(RSR-23/10)दिनांक 22 .7.2010
🌟8.कैंसर , कोढ़, मानसिक तथा टी बी रोग से पीड़ित को 240 दिन के अवकाश में भी मकान किराया भत्ता स्वीकार्य होगा नियम 6(क)टिप्पणी 2
🌟9.कार्य ग्रहण काल तथा प्रशिक्षण में मकान किराया भत्ता पूर्व की दरों पर मिलेगा
निलंबन काल में भत्ता निलंबन के पूर्व की दरों पर ही मिलेगा किंतु यदि लोकहित में मुख्यालय बदल जाता है तो नए स्थान की दरों में मकान किराया भत्ता देय है स्वयं की प्रार्थना पर मुख्यालय बदलने पर नए स्थान का मकान किराया भत्ता देय नहीं होगा
नियम 6
🌟10.ऐसे कर्मचारी जो अपने पुराने स्थान पर मकान किराया भत्ता प्राप्त कर रहा था और नए स्थान पर मकान न होने के कारण अपने पुराने स्थान पर ही अपने परिवार को छोड़ रखा है वह नए स्थान पर कार्य संभालने की तारीख से 6 माह तक या मकान किराया लेने तक या नए स्थान पर उसे सरकारी आवास आवंटित किए जाने तक उसमें से जो भी पहले हो उसी दर पर मकान किराया भत्ता प्राप्त करने का पात्र होगा इस नियम के अधीन मकान किराया नए स्थान पर देय नहीं होने पर भी स्वीकार्य होगा। नियम 6(ख)2
🌟11. मकान किराया मकान में रहना प्रारंभ करने के दिनों से स्वीकार्य होगा बशर्ते आवेदन पत्र मकान किराए पर लेने की तिथि से 1 माह में प्रस्तुत कर दिया हो अन्यथा आवेदन पत्र की तिथि से स्वीकार्य होगा।
नियम 4(4 )
🌟12.एक राज्य कर्मचारी का राज्य से बाहर पदस्थापन होने पर यदि सरकारी आवास उपलब्ध नहीं कराया जाए तो उसे उस राज्य या केंद्र सरकार जो भी नियम लाभदायक हो के अनुसार मकान किराया भत्ता देय होगा।
नियम 7(2)
🌟13. प्रत्येक सरकारी कार्मिक मकान किराए भत्ते के प्रथम दावे के साथ प्रमाण पत्र “ख़”प्रस्तुत करेगा
यदि बाद में कोई परिवर्तन हो तो नया प्रमाण पत्र देगा।
नियम 8 (1)
💥💥नोट:- कार्यालय अध्यक्ष जनवरी तथा जुलाई में वेतन बिल में निम्नांकित प्रमाण पत्र देगा।👇
“प्रमाणित किया जाता है कि जिन के लिए मकान किराया आहरित किया गया है उन्हें सरकारी आवास नहीं दिया गया है।”
नियम 8(2)
कार्यालय व्यवस्था के अंतर्गत लिपिकीय कार्यों का बंटवारा, संस्था प्रधान के लिए ध्यान देने योग्य बिंदुओ के संबंध में जानकारी दें।
उत्तर:- सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम नियम 3( 1) के अंतर्गत शिक्षा विभागीय व्यवस्था के अनुसार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों ,अन्य कार्यालयों के अधिसूचित कार्यालय अध्यक्षों, संस्था प्रधानों को कार्यालय अध्यक्ष के अधिकार प्रदान किए गए हैं।
संस्था प्रधानों/कार्यालय अध्यक्षों को वित्तीय कार्य निष्पादन हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है।👇
लिपिकों के लिए कार्य का बंटवारा …………….
समय-समय पर विद्यालयों, कार्यालयों में कार्य व्यवस्था के संचालन हेतु लिपिक के पदों की स्वीकृति के मानदंड बदलते रहे हैं और स्वीकृत एवं भरे हुए पदों के अनुसार जहां तक हो सके कार्य का विभाजन निम्न अनुसार किया जाना चाहिए।
जहां कार्यालय सहायक के पद स्वीकृत हैं …..
संस्था के अधिकारियों, कर्मचारियों के सेवा अभिलेख संधारण कार्यालय कार्यों का पर्यवेक्षण ,नियंत्रण, अवकाश दौरान कार्यों की एवज व्यवस्था करना एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्य जो संस्था प्रधान उचित समझे उन्हें सौंपे जाने चाहिए।
2.वरिष्ठ लिपिक को रोकड़ पाल, एवं भंडार पाल जैसे महत्वपूर्ण व उत्तरदायित्व के कार्य आवंटित किए जाने चाहिए जिससे लेखा संबंधित समस्त कार्य सम्मिलित हो।
जोखिम युक्त कार्यों यथा रोकड़ भंडार का कार्य आवंटन के साथ फ़िडेलिटी गारंटी बोन्ड संबंधित से मांगे जाने चाहिए जो राज्य बीमा विभाग से जारी किए जाते हैं।
3.अन्य कम उत्तरदायित्व वाले कार्य जैसे एसआर रजिस्टर, आवक जावक अनुभाग कार्य ,आकस्मिक अवकाश लेखा संधारण, कंप्यूटर कार्य एवं अन्य विशेष कार्य कनिष्ठ लिपिक को आवंटित किए जाने चाहिए।
कार्य विभाजन के लिए संस्था प्रधान को स्वविवेक से कर्मचारियों की संख्या ,कार्य क्षमता कार्यकुशलता ,कार्य के प्रति लगन एवं विश्वसनीयता के आधार पर कार्य आवंटन, परिवर्तन, परिवर्धन के पूर्ण अधिकार हैं अतः श्रेष्ठ कार्य हेतु उसी के अनुसार व्यवस्था की जानी चाहिए तथा एक निश्चित अंतराल के बाद कार्य विभाजन में परिवर्तन भी किया जाना चाहिए राजकीय माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं अन्य संस्थाओं ,कार्यालयों में कैशियर एवं स्टोर कीपर का कार्य करने वाले कर्मचारियों से राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग से प्रतिभूति एवं स्वयं बंधपत्र फिडेलिटी गारंटी बोन्ड प्राप्त कर राज्य सरकार द्वारा इस कार्य हेतु अधिसूचित विशेष वेतन की स्वीकृति नियंत्रण अधिकारी से प्राप्त की जानी चाहिए
प्रतिभूति बांड एवं बंधपत्र को संस्था प्रधान द्वारा अपने पास सुरक्षा में रखे जाने चाहिए क्योंकि विद्यालयों एवं छोटेबकार्यालयों में पदों की कमी होती है अतः केशियर एवं स्टोर कीपर का कार्य एक ही कर्मचारी से कराया जाना चाहिए।
संस्था प्रधान या कार्यालय अध्यक्ष के लिए ध्यान देने योग्य बिंदु 👇
सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम 81 के अनुसार राज्य के राशि के आहरण हेतु केशियर को कार्यालय से परिचय पत्र प्राप्त करना चाहिए।
केस का कार्य स्थाई, कुशल एवं विश्वसनीय को ही दिया जाना चाहिए।
3.आहरण वितरण अधिकारी को माह में एक बार रोकड़ की आकस्मिक जांच कर लेनी चाहिए तथा प्रत्येक माह के अंत में रोकड़ पुस्तिका में अंकित राशि का भौतिक सत्यापन कर प्रमाणित करना चाहिए।
( सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम भाग प्रथम नियम 51)
4 .आहरण वितरण अधिकारी को वर्ष में दो बार कार्यालय निरीक्षण कर कमियों को दूर करना चाहिए तथा लंबित कार्यों का समय-समय पर निस्तारण हेतु सीटों में बदलाव करना चाहिए।
5 .प्राप्त पत्रों को स्वयं देखें, पालना हेतु निर्देश अंकित कराएं एवं पत्रों का प्रतिउत्तर भिजवाए।
6 आवश्यक एवं महत्वपूर्ण पत्रों ,कार्यों की गोपनीयता भंग नहीं होनी चाहिए।
7 .राज्य के कार्य, व्यक्तिगत कार्य हेतु विद्यालय, कार्यालय छोड़ने से पूर्व मूवमेन्ट पंजिका में विवरण अंकित करना चाहिए।
8 .स्वीकृत बजट का नियमों के अंतर्गत समुचित उपयोग करना एवं मासिक आय विवरण निर्धारित तिथि तक नियंत्रण अधिकारी को प्रेषित करना चाहिए।
9 .समस्त कर्मचारियों को आवंटित कार्यों, प्रकरणों का यथा समय संपादन सुनिश्चित करना यह भी देखना चाहिए।
10 .राजकीय व छात्र कोष की राशि के लेनदेन का जमा खर्च नियमित व समय पर पूर्ण करना।
11 .केशियर के पास डबल लोक में कम से कम रोकड़ शेष रखना चाहिए तथा डबल लोक की एक चाबी कार्यालय अध्यक्ष स्वयं अपने पास रखें।
12 .निर्धारित तिथि को भेजे जाने वाले रिटर्न्स समय पर भिजवाते हुए पूर्ण जानकारी अपने पास तैयार रखना।
चेक बुक ,रसीद बुक मनीआर्डर, बैंक ड्राफ्ट चालान आदि के निर्धारित रजिस्टर संधारित कराना,पे पोस्टिंग रजिस्टर ,एनकैशमेंट रजिस्टर, बजट कंट्रोल, चिकित्सा ,यात्रा व्यय बिलो की वरीयता रजिस्टर का संधारण सही समय पर कराना। वित्तीय अधिकारों की सीमा में कार्य करना।
14 .प्रत्येक कैलेंडर वर्ष के आरंभ में कार्मिकों से अपने अपने आश्रित सदस्यों की घोषणा प्राप्त कर पत्रावली में रखना चाहिए।
अधिवार्षिकी पूर्ण होने पर एसएसओ आईडी से SI Claim कैैसे करें ?
उत्तर – सर्वप्रथम एम्प्लाॅयी आईडी व पासवर्ड डालकर एसएसओ आईडी ओपन करें।
एसएसओ खुलने पर एसआईपीएफ के न्यू पोर्टल एप पर क्लिक करें।
ओपन होने पर नीचे प्रदर्शित हो रहे SI के मेन्यू को क्लिक करें।
क्लिक करने पर नीचे अन्य विकल्प खुलेंगे, यहां एसआई क्लेम को चुनें
ड्राप डाउन में Superannuation विकल्प को चुनें।
इसके बाद पहले बाक्स में SI BOND की पीडीएफ अपलोड करें, तत्पश्चात दूसरे बाक्स में SI पासबुक के प्रत्येक पेज की (समस्त पेजों की एक पीडीएफ) पीडीएफ बनाकर अपलोड करें (अधिकतम 10 MB)
बतायें गये विकल्पों का अनुसरण करें।
जनाधार या आधार के माध्यम से वैरिफाई करें।
ओटीपी डालें, और सब्मिट करें।
सक्सेजफुली का मैसेज आने के बाद पेंडिंग टास्क में जाकर प्रिंट निकाल लेंवें।
डीडीओ से हस्ताक्षर करवाकर मूल बीमा पाॅलिशी, एसआई पासबुक, समस्त नियुक्ति स्थानों का विवरण, व डीडीओ कवरिंग लैटर के साथ बीमा कार्यालय भेजें।
Expenditure Report क्या है? paymanager DDO Login से Expenditure Report प्राप्त करने की प्रक्रिया बताइये।
उत्तर :- ⏺▪️ Expenditure Report से अभिप्राय एक वित्तीय वर्ष में एक बजट हेड ग्रुप से उठे समस्त एक ऑब्जेक्ट हेड के बिलो का लेखा जोखा होता है।
▪️इसमे बजट हेड, BFC Type, Head Type, Allotted Amount , Expenditure Amount एवम Block Amount आदि की सूचना होती है।
▪️साथ ही इसमें चालू वित्तीय वर्ष में बने बिलो का निम्न वर्णन होता है ⬇️
1.Serial Number
2.Expenditure Amount
3.Bill number
4.Bill Date
5.Bill type
6.Tv number
7.Tv Date
⏺ उपयोग▪️
1.बजट आवंटन व व्यय जानने में
2.अतिरिक्त बजट डिमांड करने में पूछी गई सूचना भरने में सहायक
3.बिल नंबर, बिल दिनांक, TV नंबर TV दिनांक व खर्च राशि जानने में।
⏺ प्रक्रिया▪️ ⬇️
1▪️➡️किसी अच्छे ब्राउज़र में https://paymanager.raj.nic.in/ या https://paymanager2.raj.nic.in/
इसे ओपन करे।
2▪️➡️ Ddo लॉगिन के आईडी व पासवर्ड व कैप्चा डाल कर Ddo लॉगिन करे।
3▪️➡️ Reports टैब पर क्लिक करे।
4▪️➡️ अब Ddo Reports पर क्लिक करे।
5▪️➡️ अब इसमे Expenditure Report पर क्लिक करे।
6▪️➡️ अब इसमें सूचना भरे ⬇️
🚹Office Name लिखा हुआ आएगा।
🚹Select Bill Name – इसमें ग्रुप का नाम चयन करें।
🚹 ऑब्जेक्ट हेड दर्ज करे।
🚹सबमिट करें।
7▪️➡️ एक्सपेंडिचर रिपोर्ट की पीडीएफ डाउनलोड हो जाएगी।
8▪️➡️ इस प्रकार आप पूनः इसका इस्तेमाल कर अलग – अलग ग्रुप/बजट हेड की एक्सपेंडिचर रिपोर्ट प्राप्त कर सकते है।
मेरे विद्यालय में कार्यालय व्यय में 2000/- आवंटित हो रखे है कार्यालय व्यय का बिल पे-मेनेजर पर कैसे बनेगा तथा बिल बनाने से पूर्व क्या आर्डर तैयार करने होंगे ?
उत्तर:- मेरा विद्यालय रा०उ०मा०वि. होने से मेरे विद्यालय में कार्यालय व्यय में 2000/- रुपये आवंटित हुए है जिसमे (पेन, पेंसिल, वाईटनेर, स्टाम्प,कार्यालय सील,रिम,अन्य) आवश्यक सामग्री खरीदी जा सकती है एवम कार्यालय व्यय का ऑब्जेक्ट हेड (05) होता है जिसे हमे कार्यालय व्यय के नाम से जानते है।
💠 कार्यालय व्यय का बिल बनाने से पूर्व की तैयारी- 👇
सबसे पहले आप द्वारा IFMS पर जाकर बजट आवंटित हुआ है उसकी कॉपी निकाल कर अपने पास रखे, उसके उपरांत आहरण एवम वितरण अधिकारी को इसकी जानकारी देवे की कार्यालय व्यय में 2000/- आवंटित हुए है अब इसका बिल बना देवे। आहरण एवम वितरण अधिकारी की मौखिक बोलने के बाद आप द्वारा कार्यालय व्यय का बिल बनाने के लिए सामान्य वित्तिय एवम लेखा नियम भाग-1 के नियम (219) के तहत आहरण एवम वितरण अधिकारी शक्तियों का उपयोग करते हुए कार्यालय स्तर पर कार्यालय व्यय की स्वीकृति का आदेश तैयार करना। यह आदेश जारी होने के उपरांत आपको FVC “Fully Vouchered Contingent Bill” (परिपूर्ण अन्य व्यय बिल) तैयार करना है जिसमे जिस दुकानदार से कार्यालय का सामान खरीदा है उसके बिल नंबर व उसके भुगतान की अनुशंसा/ इस दुकानदार की फर्म को ही भुगतान किया जाना है ऐसे लिखा जाएगा। “Fully Vouchered Contingent Bill” के नीचे प्रमाण पत्र लिखा जाएगा जिसमे पॉइंट वॉर है।
प्रमाणित किया जाता है कि इस बिल की राशि पूर्व में आहरित नही की गई है।
3000/- से अधिक राशि का बिल होने के कारण मूल बिल सलग्न है।
कार्यालय के अस्थाई रजिस्टर के पेज नंबर ……पर दर्ज कर दी गई है।
“Fully Vouchered Contingent Bill” सामने की एंट्री पूर्ण होने के बाद पीछे की तरफ आपको आवंटित राशि का year(वर्ष)लिखना है और कितनी राशि प्राप्त हुए है शेष कितनी है लिख के ddo code वाली सील लगा देनी है।
यह बिल ऑफलाइन तैयार हो चुका है अब आपको आहरण एवम वितरण अधिकारी के हस्ताक्षर करा देवे।
नोट – निदेशालय कोष एवम लेखा राजस्थान जयपुर के पत्रांक द्वारा Fully vouchered Contingent के साथ सलग्न बिल के ऊपर paid & Cancel की सील मय रेफरेंस नंबर व बिल दिनाक अंकित किया जावे।
❇️ पे-मेनेजर पर कार्यालय व्यय बिल की प्रोसेस-
पहले आप पे-मेनेजर पर ddo log in करें।
ddo log in होने के उपरांत Bill processing पर क्लिक करने के बाद Bill No Allocation पर क्लिक करे। उसमे आपको निम्न प्रकार के ऑप्शन दिखाई देंगे आपको BILL ALLOCATION पर क्लिक करना है।
◆ बिल जनरेट – Manual सेलेक्ट करना है।
◆ बिल टाइप- FVC सलेक्ट करना है।
◆ बिल sub टाइप- Third Party सेलेक्ट करना है।
◆ Object Head- 05 लिखना है।
◆ pay Month- जिस माह में आप उठा रहे है वो लिखा जाना है।
◆ year – 2022
◆ Bill डेट – स्वीकृति आदेशानुसार
◆ Bill No- बिल रजिस्टर के अनुसार।
◆ Bill Name- group add करना है जिसमे आपने कार्यालय व्यय का हेड है।
सभी एंट्री पूर्ण होने के उपरांत सबमिट कर देना है आपको बिल नंबर सेव होने का सदेश प्राप्त हो जाएगा।
Other Bill – FVC BILL सेलेक्ट करना है।
FVC BILL – निम्न बहुत सारे ऑप्शन दिखाई देंगे।
FVC MASTER
FVC PROCESS
यदि जिस फर्म को आप भुगतान कर रहे हो और आपने उसको FVC MASTER में ऐड करना है जिसमे उसके फर्म का नाम , उसके खाता संख्या, PAN नंबर, IFSC कोड, मोबाइल न., अन्य डेटा लेकर फीड कर सकते है। यदि पूर्व में ऐड है तो आपको FVC PROCESS पर क्लिक करना है।
FVC PROCESS- इसमे आपको निम्न ऑप्शन सेलेक्ट करने है
◆ Select Month
◆ select Year
◆ Select Bill No
◆ select Bill Type
◆ reimburse Type- Non- reimbursement सेलेक्ट करना है।
◆ select Party Name – जिस फर्म को भुगतान किया है उसको सेलेक्ट करो।
जैसे ही आप उसको सेलेक्ट करेगे उस फर्म का डेटा प्रदशित होगा उसमे आपको उसके नाम, खाता संख्या, अन्य चेक कर लेवे। अब आपको sanstion order, Date स्वीकृति आदेश के अनुसार लिख देवे ओर राशि भर के सबमिट कर देवे।
Authentication – Document Upload (fvc फॉरमेट, ऑफिस आर्डर) अपलोड कर देवे।
BILL FORWARD TO DDO
FVC REPORT DOWNLOAD – OUTER ,INNER करना है।
docoment digital signature करना है।
bill forward Treasury इस प्रकार आप कार्यालय व्यय का बिल बनाया जा सकता है।
सँलग्न – fvc फॉरमेट एवम स्वीकृति आदेश।
एक पेंशनर द्वारा अपनी पेंशन स्लीप प्राप्त करने की प्रक्रिया बताइये।
उत्तर :- 1★➡️ IFPMS या Pension.raj.nic.in साइट ओपन करते हैं।
नोट :- यदि मोबाइल पर देखना चाहते हैं तो मोबाइल को Desktop site मोड़ पर रखें।
2★➡️ एक पॉपअप मैसेज आएगा जिसे × करके हटाते हैं।
3★➡️ अब राइट साइड में Pensioner services में Apply for में अनेक टैब दिखाई देंगे जिनमे से ePension पर क्लिक करते हैं।
4★➡️ अब Login for e-Pention के लिए Paymanager employee id, password तथा कैलकुलेशन अंक डालकर लॉगिन करते हैं।
★● या Pensioner login में PPO नम्बर,लास्ट 4 डिजिट ऑफ एकाउंट नम्बर तथा कैलकुलेशन अंक डालकर लॉगिन कर सकते हैं ।
5 ★➡️ लॉगिन करने पर पेंशन स्लिप पर क्लिक करके पेंशन स्लिप देख सकते हैं। जिसका स्क्रीनशॉट ले सकते हैं।
6★➡️ फिर नीचे वर्ष भर का विवरण देखने के विकल्प को क्लिक करें क्लिक करने पर उसका स्क्रीनशॉट ले सकते हैं।
असाधारण अवकाश का वार्षिक वेतन वृद्धि पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:- असाधारण अवकाश (extra ordinary leave)
से संबंधित नियम जिनका प्रभाव वार्षिक वेतन वृद्धि (increament) पर पड़ता है।👇
👉👉वित्त विभाग, राजस्थान सरकार के दिनांक 9 जून, 2009 के द्वारा ज़ारी स्पष्टीकरण में यह स्पष्ट किया गया है सभी कर्मचारियों के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि की निर्धारित तिथि प्रतिवर्ष 1 जुलाई होगी।
👉साथ ही 7th पे कमीशन की अधिसूचना 30.10.2017 के बिंदु संख्या 13(1) के अनुसार नियमित कामिक को 1जुलाई से 30 जून तक 6 माह से अधिक की सेवा पूर्णं करना अनिवार्य है तभी वा वे वृद्धि देय है अन्यथा नहीं।
साथ ही बिंदु संख्या 13(2) के अनुसार प्रोबेशनर्स कार्मिकों के दो वर्ष पूर्ण होने के बाद आने वाली 1जुलाई को वा वे वृद्धि देय होगी।
👉कोई भी कर्मचारी जो 1 जुलाई से 30 जून की अवधि में असाधारण अवकाश(Eol) पर रहा है तो वह 1 जुलाई को मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए पात्र होगा
यदि कोई सरकारी कर्मचारी 1 जुलाई से 30 जून के बीच में 6 माह से अधिक असाधारण अवकाश पर रहा है तो वह वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए पात्र नहीं होगा।
1 जुलाई के पूर्व और 1 जुलाई के बाद यदि असाधारण अवकाश की अवधि 6 माह से कम है तो कार्मिक को इंक्रीमेंट नियत तिथि को मिलेगा।
👉 उदाहरण के लिए यदि किसी कर्मचारी की इंक्रीमेंट डेट 1 जुलाई ,2008 है और वह एक जनवरी,2008 से 31दिसंबर, 2008 तक असाधारण अवकाश (Eol)पर रहा है तो उसकी वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई 2008 को देय होगी क्योंकि इस केस में कार्मिक 6 माह तक 1 जुलाई ,2008 से पहले तथा छह माह तक 1 जुलाई 2008 के बाद असाधारण अवकाश पर रहा है इस प्रकार कार्मिक 1 जुलाई से 30 जून तक की अवधि में 6 माह से अधिक असाधारण अवकाश पर नहीं रहा है इस कारण उसका इंक्रीमेंट नियत तिथि 1 जुलाई ,2008 को देय होगा।
👉एक अन्य उदाहरण
कोई सरकारी कार्मिक जिसकी नियत वार्षिक वेतन वृद्धि की थी 1.7.2008 थी और वह कार्मिक 1 .12. 2007 से 31.12.2008 तक असाधारण अवकाश (Eol) पर रहा तो उस कार्मिक को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ 1.7.2009 को देय होगा क्योंकि इस मामले में कार्मिक की असाधारण अवकाश की अवधि 1 जुलाई, 2008 से पहले तक 6 माह से अधिक हो जाती है इसलिए इस कार्मिक को 1 जुलाई, 2008 की बजाय 1 जुलाई , 2009 को वार्षिक वेतन वृद्धि देय होगी।
👉 एक अन्य उदाहरण यदि किसी कार्मिक की वार्षिक वेतन वृद्धि तिथि 1.7 .2008 थी तथा वह कार्मिक 1.12 .2007 से 31.1 .2009 तक असाधारण अवकाश (Eol) पर रहा है।
इस मामले में कार्मिक सत्र 2007-2008 में 6 माह से अधिक तथा 6 माह से अधिक ही सत्र 2008_09 में 1 जुलाई ,2008 से पूर्व तक तथा 1जुलाई ,2009 से पहले तक असाधारण अवकाश पर रहा इस कारण उस कार्मिक को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ 1 जुलाई 2010 में मिलेगा ना कि 1 जुलाई, 2008 व 1 जुलाई, 2009 को असाधारण अवकाश मेडिकल ग्राउंड पर लेने पर वार्षिक वेतन वृद्धि तिथि अप्रभावित रहेगी अर्थात चिकित्सा आधार पर लिए गए असाधारण अवकाश के कारण नेक्स्ट एनुअल इंक्रीमेंट प्रभावित नहीं होगा और नियत तिथि को ही वार्षिक वेतन वृद्धि देय होगी।
यदि कोई कर्मचारी किसी कैलेंडर वर्ष की एक छमाही में असाधारण अवकाश पर रहता है तो उसके उपार्जित अवकाश के खाते में प्रत्येक 10 दिन के असाधारण अवकाश पर 1 दिन का उपार्जित अवकाश कम कर दिया जाएगा।
असाधारण अवकाश के दौरान उपार्जित अवकाश कम करने की सीमा कैलेण्डर वर्ष में विश्राम कालीन कर्मचारियों के मामले में अधिकतम 15 दिन तथा गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम सीमा 30 से अधिक नहीं होगी तथा सशस्त्र पुलिसकर्मियों के मामले में 21 दिन से अधिक नहीं होगी | अन्य किसी भी प्रकार के अवकाश के उपभोग पर उपार्जित अवकाश कम नहीं किए जाएंगे।
इस संबंध में 15 जुलाई ,2020 को वित्त विभाग द्वारा जारी स्पष्टीकरण के अनुसार असाधारण अवकाश की अवधि 10 दिन से कम होने अथवा 10 के गुणांक में नहीं होने पर 5 से 10 दिन तक के असाधारणअवकाश के लिए 1उपार्जित अवकाश कम होगा तथा 5 से कम या 4 दिन के असाधारण अवकाश की स्थिति में उपार्जित अवकाश कम नहीं होंगे तथा असाधारण अवकाश पर रहने पर अर्ध वेतन अवकाश (HPL)पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ध्यान रहे बिना चिकित्सा आधार (Medical ground) के 6 माह से अधिक ( 1जुलाई से 30 जून तक की अवधि में) असाधारण अवकाश पर रहने पर उस वर्ष नियत 1 जुलाई को इंक्रीमेंट देय नहीं होगा।
आयकर धारा 80GGA (Section 80GGA) क्या है?
आयकर की धारा 80GGA : ग्रामीण विकास और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए दिया गया दान और टैक्स राहत
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आयकर की धारा 80GGA ग्रामीण विकास और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किए गए दान के लिए कर कटौती प्रदान करता है। किसी पेशे और व्यवसाय से आय वाले कर दाताओं को छोड़कर कोई भी कर निर्धारिती इस कटौती का दावा कर सकता है। दान नकद, बैंक ड्राफ्ट या चेक के रूप में होना चाहिए।
इस कर कटौती योजना के तहत 10,000/- रुपये के मूल्य से अधिक के दान पर विचार करने की अनुमति नहीं है। हालांकि, दान का भुगतान 100% कर कटौती योग्य है और संपूर्ण योगदान पर लागू होता है।
धारा 80GGA के तहत कर कटौती के लिए पात्र दान :
किसी विश्वविद्यालय, कॉलेज, अनुसंधान संघ, या अन्य संस्थान को दान के रूप में भुगतान की गई कोई भी राशि जो वैज्ञानिक अनुसंधान करती है और धारा 35(1)(ii) के तहत निर्धारित प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित और मान्यता प्राप्त है।
किसी विश्वविद्यालय, कॉलेज, शोध संघ, या सांख्यिकीय अनुसंधान या सामाजिक विज्ञान अनुसंधान करने वाले किसी अन्य संस्थान को दान के रूप में भुगतान की गई कोई भी राशि और धारा 35(1)(iii) के तहत निर्धारित प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित और मान्यता प्राप्त है।
किसी स्वीकृत संस्थान या एसोसिएशन को दान के रूप में भुगतान की गई कोई भी राशि जो ग्रामीण विकास कार्यक्रम चलाती है या लोगों को ग्रामीण विकास कार्यक्रमों को लागू करने के लिए प्रशिक्षित करती है और धारा 35CCA के तहत मान्यता प्राप्त या स्वीकृत है।
धारा 35AC के तहत स्वीकृत योजनाओं या परियोजनाओं को अंजाम देने वाले किसी स्थानीय प्राधिकरण, एक अनुमोदित संस्थान या संघ या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को दान के रूप में भुगतान की गई कोई भी राशि।
ग्रामीण विकास के लिए एक अधिसूचित कोष में दान के रूप में भुगतान की गई कोई भी राशि।
वनीकरण योजनाओं के लिए उपयोग की जाने वाली अधिसूचित निधि को दान के रूप में भुगतान की गई कोई भी राशि।
राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन के लिए एक अधिसूचित कोष को दान के रूप में भुगतान की गई कोई भी राशि।
यदि धारा 80GGA के तहत आयकर कटौती पहले ही प्रदान की जा चुकी है, तो आयकर अधिनियम 1961 में उपलब्ध किसी भी अन्य प्रावधान के तहत दान या व्यय आगे कर कटौती के लिए पात्र नहीं हैं।
शाला में अध्ययनरत छात्र के नाम, उपनाम व जन्म तिथि में परिवर्तन की प्रक्रिया से अवगत कराएं।
उत्तर:- निम्नांकित प्रक्रिया अपनावे।
नाम/ उपनाम में परिवर्तन की प्रक्रिया👇
केवल अध्ययनरत छात्र, छात्रा के प्रकरण निर्धारित प्रक्रिया से उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत किए जा सकेंगे।
छात्र, छात्रा अथवा अभिभावक के आवेदन के साथ निम्न दस्तावेज संलग्न होने चाहिए।
(A)अधिकृत न्यायालय का मूल प्रमाण पत्र / शपथ पत्र जिसमें छात्र, पिता का नाम, वर्तमान शाला में अध्यनरत कक्षा का विवरण प्रमाणित हो।
(B) स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन।
(C) अभिभावक से लिखित घोषणा की छात्र के नाम परिवर्तन से उत्पन्न किसी भी विवाद के लिए वह स्वयं उत्तरदायी होगा।
(D) मूल प्रवेश आवेदन पत्र की प्रति।
(E ) पूर्व विद्यालय का स्थानांतरण प्रमाण पत्र।
(F) छात्र से संबंधित स्कॉलर रजिस्टर की प्रतिलिपि।
संस्था प्रधान की टिप्पणी इसके बाद संपूर्ण दस्तावेज संबंधित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में भिजवाने होंगे
संबंधित कार्यालय द्वारा जांच उपरांत आदेश जारी किए जाएंगे संस्था प्रधान आदेश संख्या ,दिनांक अंकित कर नाम /उपनाम में संशोधन कर प्रमाणित कर सकेंगे
अध्ययनरत छात्र के जन्म तिथि परिवर्तन के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए👇
छात्र अध्ययनरत हो।
माता-पिता /अभिभावक के आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न होने चाहिए।
(A) मूल प्रवेश आवेदन पत्र की प्रति
( B) ग्राम पंचायत / नगर पालिका से प्राप्त जन्म प्रमाण पत्र की प्रति
(C) माता-पिता का शपथ पत्र जिसमें जीवित, मृत संतानों की जन्मतिथि का भी उल्लेख हो।
(D) दो पड़ोसियों /रिश्तेदारों के शपथ पत्र।
( E) जन्म कुंडली
( F )अध्ययनरत विद्यालय के स्कॉलर रजिस्टर पृष्ठ की प्रति
(G) पूर्व विद्यालय के स्थानांतरण प्रमाण पत्र की प्रति/ प्रवेश आवेदन की प्रति
अग्रेषित करने वाले संस्था प्रधान की टिप्पणी के साथ संबंधित _मुख्य_ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को प्रकरण भेजा जाएगा।
सम्बन्धित कार्यालय द्वारा प्रकरण की जांच कर वस्तु स्थिति से संतुष्ट होने पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जन्म तिथि परिवर्तन के आदेश जारी करेंगे।
आदेेश की प्रति स्कॉलर रजिस्टर के संबंधित पृष्ठ पर चस्पा की जाएगी।
आदेश संख्या, दिनांक, स्कॉलर पृष्ठ पर लिखकर संशोधन अंकित किया जाएगा एवं संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
शालादर्पण पर ऑनलाइन उपस्थिति में किसी कार्मिक की उपस्थिति गलत भर दी गई। क्या उपस्थिति में सुधार संभव है? यदि हां तो सुधार की प्रक्रिया से अवगत करवाने का कष्ट करें।
उत्तर – शालादर्पण पोर्टल पर ऑनलाइन उपस्थिति में गलती होने पर स्टॉफ दैनिक उपस्थिति में संशोधन हेतु मॉड्यूल CBEO लॉगइन पर प्रारंभ कर दिया गया है। अतः दैनिक उपस्थिति में अपडेशन की चरणवार प्रक्रिया इस प्रकार है –
सबसे पहले आप उपस्तिथि गलत भर जाने की सूचना एवं उपस्थिति में संशोधन बाबत एक आवेदन पत्र सीबीईओ कार्यालय को भेजें।
इसके बाद सीबीईओ लॉगिन पर HELPDESK > STAFF ATTANDANCE UPDATION पर क्लिक करना होगा।
अब जिस दिनांक की उपस्थिति सही करनी है वह दिनांक दर्ज करें एवं Get Details पर क्लिक करें।
अब आपके सामने सभी स्कूलों की लिस्ट आ जाएगी जिसमें से वांछित विद्यालय का चयन करें और स्कूल के नाम पर क्लिक करें।
अब आपके सामने उस विद्यालय के सभी कार्मिकों की सूची एवं उपस्थिति का विवरण आ जाएगा। आपके Action में वांछित कार्मिक के नाम पर चेकबॉक्स में ✔️ करना है और To be Modified में सही उपस्थिति दर्ज करनी है।
अब आपको Select Staff whose Attandance is to be modified टैब पर क्लिक करना है। क्लिक करते ही आपके सामने, जिस कार्मिक की उपस्थिति में परिवर्तन किया गया है, उसकी डिटेल्स आ जाएगी।
अब आपको Modified Attandance पर क्लिक करना है और पॉपअप में yes करना है। यह कार्य करते ही आपके सामने पॉपअप में All Staff Attandance saved succesfully का मैसेज आ जाएगा।
अब आपको सीबीईओ लॉगिन एवं स्कूल लॉगिन में Monthally Attandance Report में सही उपस्थिति दिखाई देने लगेगी।
नोट – कार्यालय माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर द्वारा जारी आदेश दिनांक 05.08.2021 के बिंदु संख्या 3(b) के अनुसार प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों की उपस्थिति उपर्युक्त प्रक्रिया द्वारा नियत अवधि से गत सात दिवस तक की अवधि एवं माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों की नियत दिवस से 8 दिवस तक की अवधि की उपस्थिति संबंधित ब्लॉक कार्यालय द्वारा संबंधित विद्यालय से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं किये जाने / ऑनलाइन दर्ज उपस्थिति में संशोधन के यथोचित कारण सहित उपस्थिति मंगवाकर सीबीईओ लॉगिन से प्रविष्ट की जा सकती है, परन्तु उक्त सुविधा एक माह में प्रारम्भिक शिक्षा के एक विद्यालय के लिए अधिकतम पांच बार एवं माध्यमिक शिक्षा के एक विद्यालय के लिए 8 बार ही उपलब्ध होगी।
उपरोक्त प्रक्रिया द्वारा नियत अवधि से गत 15 दिवस तक की विद्यालयों की उपस्थिति एवं ब्लॉक तथा जिला स्तरीय कार्यालयों की उपस्थिति की नियत दिवस से 23 दिवस तक की उपस्थिति संबंधित मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा संबंधित विद्यालय / कार्यालय से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं किये जाने / ऑनलाइन दर्ज उपस्थिति में संशोधन के कारण सहित उपस्थिति मंगवाकर सीडीईओ लॉगिन से प्रविष्ट की जा सकती है, परन्तु उक्त सुविधा एक माह में एक विद्यालय / कार्यालय के लिए अधिकतम सात बार के लिए ही उपलब्ध होगी।
एक महिला कार्मिक ने राजकीय सेवा में नियुक्ति से पूर्व एक संतान को जन्म दिया है। क्या कार्मिक को मातृत्व अवकाश लाभ मिल सकता है?
उत्तर – वित्त विभाग राजस्थान जयपुर द्वारा जारी ज्ञापन क्रमांक – F.1(6)FD(Rules)/2021 दिनांक 23.12.2021 के अनुसार RSR भाग-1 के नियम 103 में संशोधन करते हुए यह प्रावधान किया गया है कि – अब महिला कार्मिको को राजकीय सेवा में नियुक्ति से पूर्व जन्म लेने वाली संतान हेतु भी अधिकतम 180 दिनों के मातृत्व अवकाश का प्रावधान किया गया है। जो कि निम्न शर्तो के अधीन रहेगा –
1. महिला कार्मिक को राजकीय सेवा में कार्यग्रहण करने के 15 दिन के भीतर ही मातृत्व अवकाश के लिए निर्धारित प्रक्रियानुसार आवेदन करना होगा। राजकीय सेवा में नियुक्ति के 15 दिन बाद आवेदन करने पर मातृत्व अवकाश का लाभ नही मिलेगा।
2. राजकीय सेवा में नियुक्ति होने से 3 माह पूर्व जन्मी संतान हेतु मातृत्व अवकाश देय नही होगा।
माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान ने प्रकरण संख्या 4384/2020 में दिए निर्णय में बच्चे के जन्म के 15 दिन पूर्व से जन्म के तीन माह बाद तक की अवधि को ही प्रसूति अवधि (period of confinement) माना है। अतः बच्चे के जन्म से तीन माह बाद राजकीय सेवा में कार्यग्रहण करने पर मातृत्व अवकाश देय नहीं होगा।
3. राजकीय सेवा में नियुक्ति होने से पूर्व जन्मी संतान के लिए मातृत्व अवकाश की कुल अवधि 180 दिन में से निम्न अवधि कम कर दी जाएगी –
बच्चे के जन्म से पूर्व के 15 दिन
राजकीय सेवा में नियुक्ति के समय बच्चे की उम्र (दिनों में)
नियुक्ति तिथि से मातृत्व अवकाश पर प्रस्थान करने की अवधि (दिनों में) जो कि अधिकतम 15 दिनों तक सीमित होगी।
मातृत्व अवकाश अवधि = 180 – (संतान के जन्म से 15 दिवस पूर्व से अवकाश पर प्रस्थान की अवधि दिनों में)
इसे निम्नलिखित उदाहरणों से समझने का प्रयास करते है –
Q.1 – किसी महिला कार्मिक की राजकीय सेवा में नियुक्ति दिनांक 15.12.2021 है जिसने 30.11.2021 को एक संतान को जन्म दिया है और 23.12.2021 से मातृत्व अवकाश हेतु आवेदन करती है तो उसे कितने दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा?
उत्तर – इस स्थिति में प्रसूति दिनांक 30.11.2021 के 15 दिन पूर्व दिनांक 15.11.2021 से 14.05.2022 को 180 दिन की अवधि पूरी होती है। अतः कार्मिक को दिनांक 23.12.2021 से 14.05.2022 तक 142 दिन का मातृत्व अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
Q.2 – किसी महिला कार्मिक की राजकीय सेवा में नियुक्ति दिनांक 15.12.2021 है जिसने 13.09.2021 को एक संतान को जन्म दिया है और 23.12.2021 से मातृत्व अवकाश हेतु आवेदन करती है तो उसे कितने दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा?
उत्तर – वित्त विभाग के ज्ञापन दिनांक 23.12.2021 एवं माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण संख्या 4384/2020 में दिए निर्णय में बच्चे के जन्म के 15 दिन पूर्व से जन्म के तीन माह बाद तक की अवधि को ही प्रसूति अवधि (period of confinement) माना है। इस मामले में संतान का जन्म राजकीय सेवा में नियुक्ति से 3 माह पूर्व हुआ है। अतः मातृत्व अवकाश लाभ नही मिलेगा।
अवकाश नियमों की सामान्य जानकारी दीजिए।
🔸 अवकाश अधिकार नहीं है – RSR खंड प्रथम के नियम 59 के अनुसार अवकाश को अधिकार के रूप में नहीं मांगा जा सकता है। अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी को यह विवेक होगा कि वह जन सेवाओं के हित में अवकाश स्वीकृत करने से मना कर दे अथवा स्वीकृत अवकाश को किसी भी समय खंडित कर दें।
अवकाश स्वीकृति प्राधिकारी के विवेक पर कर्मचारी द्वारा आवेदित एवं देय अवकाश की प्रकृति नहीं बदली जा सकती है।
यदि किन्हीं कारणों से प्राधिकारी को लगे या विश्वास हो जाए कि कर्मचारी अवकाश संबंधी नियमों अथवा उनके आशयों का गलत तरीके से लाभ उठाने की चेष्टा की जा रही है तो इस नियम के अन्तर्गत अपने विवेकाधिकार का उपयोग कर उसके अवकाश को अस्वीकृत कर सकता है।
नियम -59 के निर्णय संख्या 3 के अनुसार कोई भी कार्मिक स्वीकृत अवकाश की प्रकृति को परिवर्तित करवा सकता है शर्त यह है कि आवेदित अवकाश शेष एवं देय होना चाहिए तथा अवकाश प्रकृति को परिवर्तन करवाने का प्रार्थना पत्र तीन माह से पहले दिया जाना चाहे । जैसे किसी कार्मिक ने 10 दिन का अर्द्ध वेतन अवकाश लिया और तीन माह की अवधि में उसने अवकाश कि प्रकृति उपार्जित अवकाश में परिवर्तित करवाने का आवेदन किया जो आवेदित अवधि में शेष था तो उसकी प्रकृति को बदला जा सकेगा।
🔸प्रत्येक कर्मचारी को अवकाश आवेदन पत्र में अपना पता लिखना चाहिए , अवकाश अवधि में पते में परिवर्तन हो तो उसकी तुरंत सूचना दी जानी चाहिए। (नियम 60 ए)
🔸 अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व आने वाले सार्वजनिक अवकाश या एक से अधिक सार्वजनिक अवकाश हो तो कर्मचारी उस पूर्व के दिन वाले कार्य दिवस की समाप्ति पर अपना कार्यालय छोड़ सकता है अथवा बाद में पड़ने वाले सार्वजनिक अवकाश की समाप्ति पर लौट सकता है किन्तु शर्त यह है कि उसके स्थानांतरण या कार्यभार संभालने में स्थायी अग्रिम राशि अतिरिक्त प्रतिभूतियों या धन राशि का संभालना सम्मिलित नहीं है। नियम 61 एवं 63
🔸 अवकाश से वापिस बुलाना- किसी राज्य कर्मचारी को उसके अवकाश की अवधि समाप्त होने के पूर्व ही सेवा पर वापिस बुलाने के आदेशों में यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि क्या अवकाश पर से सेवा में वापिस आना स्वेच्छिक है अथवा आवश्यक है। यदि वापिस आना स्वेच्छिक हो तो राज्य कर्मचारी किसी सुविधा का अधिकारी नहीं है। यदि यह वापिस आना आवश्यक हो तो वह उस दिनांक से सेवा पर उपस्थित माने जाने का अधिकारी है जिसको वह उस स्थान के लिए प्रस्थान करता है जिस पर पहुँचने के लिए आदेश दिया गया है तथा यात्रा भत्ता नियमों के अन्तर्गत वह यात्रा भत्ता प्राप्त करने का अधिकारी है , किन्तु जब तक वह अपना पदभार ग्रहण नहीं करता है , तब तक वह अवकाश वेतन पर ही रहेगा। नियम 66
🔸 अवकाश या अवकाश वृद्धि के लिए आवेदन – पत्र उसी प्राधिकारी को प्रस्तुत किया जाना चाहिए जो अवकाश या उसमें वृद्धि को स्वीकृत कर सकता हो। नियम -67
🔸 किसी भी प्रकार के अवकाश को किसी भी अन्य अवकाश जो सेवा नियम 7(15) में वर्णित है के साथ या उसकी निरंतरता में स्वीकृत किया जा सकता है। नियम – 88
🔷आकस्मिक अवकाश को अवकाशों की श्रेणी में नहीं रखा गया है अतः आकस्मिक अवकाश अन्य अवकाश के साथ या उसकी निरंतरता में स्वीकृत नहीं किया जा सकेगा। RSR खंड द्वितीय परिशिष्ट 1.3
( चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत अवकाश के सम्बन्ध में )
🔸 चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत अवकाश हेतु राजपत्रित अधिकरियों एवं अराजपत्रित कर्मचारियों हेतु वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 07/09/10 द्वारा अलग – अलग चिकित्सा प्रमाण पत्र का प्रारूप जारी किया गया है।
🔸 चिकत्सक के प्रमाण पत्रों में दी गई सिफारिशों से किसी ऐसे अवकाश की मांग नहीं की जा सकेगी जो कि सेवा शर्तों के अनुसार या उस पर प्रभावी नियमों के अनुसार स्वीकार्य नहीं हो।
🔸इस प्रपत्र को यथासम्भव ज्यों – का – त्यों उपयोग में लिया जाना चाहिए। तथा इसे प्रार्थी के हस्ताक्षर करा लेने के बाद भरा जाना चाहिए। प्रमाणित करने वाले चिकित्सा प्राधिकारी को यह प्रमाणित करने को स्वतन्त्रता नहीं होगी कि प्रार्थी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण को आवश्यकता है या यह कि वह अमुक स्थान पर जाने के योग्य नहीं ऐसे प्रमाण पत्र केवल उसी समय दिये जाने चाहिए जब सम्बन्धित प्रशासनिक अधिकारी द्वारा ऐसा स्पष्ट रूप चाहा गया हो जब प्रार्थी प्रशासनिक अधिकारी के पास इस आधार पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेगा तब उसके लिए यह निर्णय करने की स्वतन्त्रता होगी कि क्या प्रार्थी को उसकी शारीरिक क्षमता की जाँच के लिए चिकित्सक मण्डल के सम्मुख जाना चाहिए या नहीं।
🔸 अवकाश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी , प्राधिकृत चिकित्सक द्वारा निर्गमित अपूर्ण सूचनायुक्त चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर प्राप्त आवेदन पर विचार कर अवकाश स्वीकृत कर देते हैं जो नियमानुकूल नहीं है। अपूर्ण सूचनायुक्त चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत करने की कार्यवाही को अनुशासनहीनता मानते हुए अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जा सकेगी। नियम 70
🔸सदिग्ध मामलों में चिकित्सकीय परीक्षण में रखना -प्रमाण पत्र को स्वीकृत अस्वीकृत करने के निर्णय से पूर्व समिति संदिग्ध मामले में 14 दिवस तक एक आवेदक को चिकित्सालय परीक्षण में रख सकती है। उस स्थिति में समिति द्वारा निम्न प्रकार से एक प्रमाण – पत्र दिया जाना चाहिए –
श्री…….. ने अवकाश स्वीकृत करने के लिए चिकित्सा प्रमाण – पत्र के लिए हमें आवेदन पत्र प्रस्तुत किया, इस प्रकार का प्रमाण – पत्र देने या अस्वीकृत करने से पूर्व हम …… दिनों के लिए श्री को चिकित्सकीय परीक्षण में रखना आवश्यक समझते हैं। नियम -73
🔸एक राज्य कर्मचारी जिसने चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत करवाया है अपने कर्तव्य पर उस समय तक उपस्थित नहीं हो सकेगा , जब तक वह चिकित्सक द्वारा जारी स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर देता। नियम 83
🔸 अवकाश स्वीकृत करवाने हेतु आवेदन GA- 45 में प्रस्तुत करना होगा।
🔸 सवस्थ होकर पुनः कर्तव्य पर उपस्थित होते समय कार्यग्रहण करने हेतु प्रार्थना पत्र लिखना होगा।