प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली

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Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली

Age limit for admission in first class changed : राजस्थान सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति NEP 2020 लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। यह नई शिक्षा नीति शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से ही लागू किया जा रहा है। इसके लिए बच्चों की उम्र सीमा तय कर दी गई है। स्कूल और जन शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार पहली कक्षा में एडमिशन के लिए बच्चे की आयु 6 साल होना जरूरी है। यह उम्र 1 सितंबर 2025 तक पूरी हो जानी चाहिए।

सभी प्राइमरी स्कूलों में 2025-26 से एक नई प्री-स्कूल क्लास भी होगी। इसका नाम ‘शिशु वाटिका’ रखा गया है। इसमें 5 से 6 साल के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा राजस्थान सरकार की ओर से NEP 2020 को कई चरणों में लागू किए जाने की योजना है। पहला चरण 2025-26 से शुरू होगा।

Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली

NEP 2020 के अनुसार बच्चे की 3 से 18 साल की शिक्षा में बदलाव होंगे। इसे 5+3+3+4 के ढांचे में बांटा जाएगा। इसमें पांच साल की बुनियादी शिक्षा (3 से 8 साल), तीन साल की प्रारंभिक शिक्षा (8 से 11 साल), तीन साल की माध्यमिक शिक्षा (11 से 14 साल) और चार साल की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (14 से 18 साल) शामिल है। Age limit for admission in first class changed

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1 अक्टूबर को पूरी होनी चाहिए 6 वर्ष की आयु

राजस्थान निदेशक माध्यमिक शिक्षा आशीष मोदी तथा निदेशक प्रारंम्भिक शिक्षा सीताराम जाट ने गुरूवार (11 जुलाई) को एक संयुक्त आदेश जारी किया है. इस आदेश में बताया गया है कि राजकीय तथा गैर राजकीय स्कूलों में प्रवेश (Admission) के लिए आयु गणना की तिथि (Age Calculation Date) 1 अक्टूबर 2024 निर्धारित कर दी गई है.

शैक्षिक सत्र 2025-26 में एन्ट्री कक्षा / प्रथम कक्षा में प्रवेश हेतु आयु निर्धारण तिथि के संबंध में शैक्षिक सत्र 2025–26 से विद्यालयों में नवप्रवेश हेतु बालकों की आयु की गणना 31 जुलाई को आधार तिथि मानते हुए की जानी है। इस तिथि तक 06 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बालक समस्त राजकीय एवं गैर सरकारी विद्यालयों में नव प्रवेश हेतु पात्र होगें ।

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इन बच्चों पर लागू नहीं होगी आयु गणना की तारीख

इस आदेश के अनुसार राजकीय विद्यालय, गैर राजकीय विद्यालय, बालवाटिका, बालवाड़ी,प्री-प्राईमरी या अन्य संस्थान जहां पर कक्षा एक से पूर्व का अध्ययन करवाया जाता हैं. ऐसी शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत बालक, बालिकाओं पर आयु गणना के लिए एक अक्टूबर 2024 की निर्धारित तिथि लागू नहीं होगी. इसी प्रकार टीसी के आधार पर प्रवेश ​लेने वाले बालक, बा​लिकाओं पर भी एक अक्टूबर 2024 की निर्धारित तिथि पर न्यूनतम आयु 6 वर्ष होने का नियम लागू नहीं होगा.

प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली Age limit for admission in first class changed
प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली Age limit for admission in first class changed

इस आदेश में यह भी बताया गया है कि जन्म तिथि द्वारा आयु की गणना कर आरटीई या गैर आरटीई के अन्तर्गत आयु के आधार पर प्रथम बार कक्षा 1 में नवीन प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर ही 1 अक्टूबर, 2024 तक न्यूनतम आयु 6 वर्ष होने का नियम लागू होगा.

कक्षा 1 में प्रवेश लेने की उपयुक्त आयु का मुद्दा भारत में लंबे समय से बहस का विषय रहा है। Age limit for admission in first class changed

  • मार्च 2022 तक 14 राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश ऐसे थे, जो छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को कक्षा 1 में प्रवेश की अनुमति देते थे।
  • हालाँकि केंद्र सरकार ने हाल ही में नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में कक्षा 1 के लिये प्रवेश की न्यूनतम आयु छह वर्ष करने का आदेश दिया है।

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Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली
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NEP 2020 में कक्षा 1 में प्रवेश हेतु न्यूनतम आयु क्या है? 

  • नई नई शिक्षा नीति 3-8 वर्ष (मूलभूत चरण), 8-11 वर्ष (प्रारंभिक चरण), 11-14 वर्ष (मध्यम चरण) और 14-18 वर्ष (माध्यमिक चरण) के आयु समूहों के अनुरूप औपचारिक स्कूली शिक्षा के लिये “5+3+3+4” की रूपरेखा पर ज़ोर देती है।
    • यह प्रारंभिक बचपन की शिक्षा (जिसे 3 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों के लिये प्रीस्कूल शिक्षा के रूप में भी जाना जाता है) को औपचारिक स्कूली शिक्षा के दायरे में लाती है।
  • इसका अर्थ यह है कि तीन वर्ष की प्रारंभिक बचपन की शिक्षा पूरी करने के बाद कक्षा 1 में प्रवेश के लिये बच्चे की उम्र 6 वर्ष होनी चाहिये।

    औपचारिक शिक्षा के लिये प्रवेश आयु के विषय में शोध क्या कहता है?

    • तुलनात्मक अध्ययन में देखा गया कि न्यूज़ीलैंड में बच्चों के समूह 5 और 7 वर्ष की उम्र में औपचारिक साक्षरता पाठ शुरू करते हैं।
      • जिन बच्चों ने 5 वर्ष की उम्र में शुरुआत की, उन्होंने पढ़ने के प्रति कम सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाया और बाद में शुरू करने वालों की तुलना में पाठ की कमज़ोर समझ प्रदर्शित की।
    • प्रवेश आयु को लेकर वैश्विक परिप्रेक्ष्य Age limit for admission in first class changed:
      • पूर्वी एशिया और अधिकांश यूरोपीय देशों में प्राथमिक विद्यालय के लिये छह वर्ष मानक आयु है।
        • स्कैंडिनेवियाई देशों में औपचारिक शिक्षा सात वर्ष की आयु में शुरू होती है।

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