by Sheetal Panwar | Mar 1, 2022 | DAILY ONE QES AND ANS, DAILY QUESTION |
प्रश्न : प्रसूति अवकाश के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी क्या हैं ? What are the necessary information regarding maternity leave?

प्रसूति अवकाश नियम (Maternity Leave Rule)
मातृत्व अवकाश – मातृत्व अवकाश एक महिला सरकारी सेवक को दिया जा सकता है, जिसके शुरू होने की तारीख से 180 दिनों की अवधि तक दो जीवित बच्चे हैं। हालांकि, अगर जीवित रहने के बाद भी कोई जीवित बच्चा नहीं है, तो दो बार मातृत्व अवकाश एक और अवसर पर दिया जा सकता है।
ऐसी अवधि के दौरान वह छुट्टी पर जाने से ठीक पहले आहरित वेतन के बराबर छुट्टी वेतन की हकदार होगी। इस तरह की छुट्टी को छुट्टी खाते में डेबिट नहीं किया जाएगा, लेकिन इस तरह की प्रविष्टि को सेवा पुस्तिका में अलग से बनाया जाना चाहिए।
ध्यान दें- गर्भपात सहित गर्भपात के मामले में दो से कम जीवित बच्चों वाली महिला सरकारी कर्मचारी को भी मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है ।
The existing rule except Note and clarification substituted vide FD Notification No. F.1(43)FD/Rules/83 dated 6.12.2004.
मातृत्व अवकाश – एक सक्षम प्राधिकारी किसी महिला सरकारी कर्मचारी को उसकी सेवा की पूरी अवधि के दौरान दो बार मातृत्व अवकाश प्रदान कर सकता है। हालांकि, अगर दो बार इसका लाभ उठाने के बाद भी कोई जीवित बच्चा नहीं है, तो मातृत्व अवकाश एक और अवसर पर दिया जा सकता है। मातृत्व अवकाश की अनुमति एक अवधि के लिए पूर्ण वेतन पर दी जा सकती है जो इसके प्रारंभ होने की तारीख से 120 दिनों की अवधि तक बढ़ाई जा सकती है।
नोट और जीआरडी को छोड़कर मौजूदा नियम और एफडी अधिसूचना संख्या F.1 (5) FD / नियम / 96 दिनांक 2.4.1998 को हटाकर स्पष्टीकरण को रद्द कर दिया गया।
एक महिला सरकारी कर्मचारी को मातृत्व अवकाश का अनुदान जो बच्चे के जन्म के समय सरकारी सेवा में नहीं थीDOWNLOAD FINANCE DEPARTMENT ORDER —————————————————————————————————————– |
Maternity Leave Rules – प्रसूति अवकाश नियम
- प्रसूति अवकाश (Maternity Leave Rule) नियम 103 दो से कम उत्तरजीवी संतानोें वाली किसी महिला कर्मचारी को प्रारम्भ की तारीख से 180 दिन का अवकाश देय है ।
- दो बार उपभोग करने पर भी उत्तरजीवी सन्तान नही हो तो प्रसूति अवकाष एक बार और स्वीकृत किया जा सकता है ।
- पहली बार में जुडवां सन्तान होने पर दो इकाई मानी जायेगी।
- पहली बार मे एक दुसरी बार में जुडवां सन्तान होने पर एक इकाई मानी जायेगी। सेवा पुस्तिका में ऐसे अवकाश की अलग से लाल स्याही से प्रविष्टी की जायेगी ।
- समय पूर्व प्रसव के कारण निःशक्त बच्चा होने पर बच्चों की संख्या की गणना में शामिल नही किया जायेगा।
- एसीपी (ACP) स्वीकृति हेतु बच्चो की संख्या की गणना में समय पूर्व प्रसव के कारण दिव्यांग सन्तान को शामिल नही किया जायेगा । एफ.14(88)वित्त(नियम)2008 प्रथम एवं द्वितीय दिनांक 16.112011
- शिशु गृह से ली गयी दत्तक गृहीत सन्तान के कारण सन्तानों की संख्या दो से अधिक हो जाती है, तो दत्तक गृहीत सन्तान को सन्तानों की संख्या में नही माना जायेगा।
- ऐसे किसी व्यक्ति की पदोन्नति पर 3 वर्ष तक विचार नही होगा- व्यक्ति की पदोन्नति पर उस तारीख से जिसको उसकी पदोन्नति देय हो जाती है 3 भर्ति वर्षो तक विचार नही किया जायेगा यदि उसके 1 जून 2002 को या उसके बाद दो से अधिक बच्चे हो।
मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम-2017, मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम 1961 का संशोधित रूप है। इस बील को राज्यसभा में 11 अगस्त 2016 और लोकसभा में 09 मार्च 2017 में पारित किया गया था। गर्भवती महिला कर्मचारियों को इस बिल का लाभ पहुंचाने के लिए इसे अप्रैल 2017 में लागू कर दिया गया था।
(1) प्रसूति अवकाश सेवा में कितनी बार मिलता है?
उत्तर:- सम्पूर्ण सेवाकाल मे प्रसूति अवकाश दो बार मिलता है यदि पूर्व में कोई संतान जीवित नही होने पर तीसरी बार भी प्रसूति अवकाश देय होता है।
(सेवा नियम 103)
(2) प्रसूति अवकाश किस आधार पर एवम कितने दिन का मिलता है?
उत्तर:-राजस्थान सेवा नियम 103 के अनुसार Dr के प्रमाण पत्र के आधार पर एक महिला कार्मिक को प्रसूति अवकाश 180 दिन के लिए सवैतनिक अवकाश मिलता है ।
(आदेश:- FD/Date-11.10.2008)
यह भी जरूर पढ़े 👉 राजश्री पोर्टल पर राजश्री स्कीम इंचार्ज द्वारा आवेदन करने तथा PEEO द्वारा अप्रूव करने की संपूर्ण प्रक्रिया क्या हैं ?
(3) प्रसूति अवकाश कब से लिया जा सकता है?
उत्तर:-राजस्थान सेवा नियम 103 के अनुसार प्रसूति के दिन से यह अवकाश ले सकते है परंतु Dr के प्रमाण पत्र के आधार पर प्रसूति के पहले से भी प्रसूति अवकाश लिया जा सकता है।
(4) क्या प्रसूति अवकाश में नियमित वेतन का भुगतान होता है ?
उत्तर:- हाँ प्रसूति अवकाश में कार्मिक को नियमितअवकाश वेतन का भुगतान किया जाता है।
【सेवा नियम:-97(1)】
(5) प्रसूति अवकाश में वेतन का भुगतान किस दर से किया जाता है ?
उत्तर:- प्रसूति अवकाश में कार्मिक को वेतन का भुगतान अवकाश पर जाने से पहले वह जिस दर से वेतन आहरित कर रहा था उसी दर के अनुसार 180 दिन तक अवकाश वेतन का भुगतान किया जाता है।
यह भी जरूर पढ़े 👉 RGHS | Rajasthan Government Health Scheme Fund | RGHSF
(6) प्रसूति अवकाश के दौरान यदि DA बढ़ता है तो क्या कार्मिक को DA का भुगतान किस दर से किया जायेगा?
उत्तर:- DA की दर में वृद्धि होती है तो प्रसूति अवकाश में भी DA का भुगतान बढ़ी हुई दर के अनुसार किया जाता है।
(7) प्रसूति अवकाश के दौरान यदि HRA बढ़ता है तो कार्मिक को HRA का भुगतान किस दर से किया जायेगा?
उत्तर:- यदि प्रसूति अवकाश के दौरान HRA की दर में वृद्धि होती है तो प्रसूति अवकाश में भी HRA का भुगतान अवकाश पूर्व लागू दरों के अनुसार किया जाएगा।
मकान किराया भत्ता नियम 6(क)
(8) क्या प्रसूति अवकाश में कार्मिक के नियमित वेतनवृद्धि देय होती है ?
उत्तर:-कार्मिक के वेतनवृद्धि नियमित एक जुलाई से ही स्वीकृत की जायेगी जो काल्पनिक होगी । वेतनवृद्धि का आर्थिक लाभ कार्मिक को प्रसूति अवकाश से पुनः कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से देय होगा।
यह भी जरूर पढ़े 👉 हमारे स्कूल में एक कार्मिक की मृत्यु गई है अब स्कूल स्तर पर Ddo को कौन- कौन से कार्य करने है ?
(9) क्या कार्मिक को प्रोबेशनकाल में प्रसूति अवकाश मिलता है ?
उत्तर:-हाँ कार्मिक के प्रोबेशनकाल में भी नियमानुसार 180 दिन का प्रसूति अवकाश देय होता है तथा इससे प्रोबेशनकाल में वृद्धि नही होती है
(आदेश:- FD Date-15/02/2012)
(10) प्रसूति अवकाश की स्वीकृत किस के द्वारा की जाती है?
उत्तर:- प्रसूति अवकाश की स्वीकृत आहरण वितरण अधिकारी (Ddo) द्वारा की जाती है एवम प्रोबेशनकाल में भी प्रसूति अवकाश की स्वीकृति Ddo द्वारा की जाती है।
(11) प्रसूति अवकाश के दौरान किसी के 2 वर्ष का प्रोबेशनकाल पूरा हो रहा है तो उस स्थिति में उसके स्थाईकरण की क्या प्रक्रिया रहेगी एवम स्थाईकरण के बाद वेतन निर्धारण के बाद एरियर का भुगतान कब से होगा?
उत्तर:- प्रसूति अवकाश के दौरान किसी कार्मिक का प्रोबेशनकाल पूर्ण हो रहा है तो उसका स्थाईकरण 2 वर्ष का प्रोबेशन पूर्ण करने की तिथि से ही होगा एवम नियमित वेतन निर्धारण उसी दिन से किया जाएगा जो काल्पनिक रहेगा वेतन निर्धारण का आर्थिक लाभ प्रसूति अवकाश से पुनः कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से ही देय होगा क्योंकि प्रसूति अवकाश में पूर्व वेतन की दर से ही अवकाश वेतन का भुगतान किया जाता है।
(12) प्रसूति अवकाश के क्रम में साथ -साथ अन्य कोई अवकाश लिया जा सकता है?
उत्तर:-हाँ प्रसूति अवकाश के क्रम में साथ-साथ CL के अलावा अन्य किसी भी प्रकार का अवकाश लिया जा सकता है परन्तु यह ध्यान रखे लगातार अवकाश के दिनों की संख्या 180 दिन से अधिक होने पर अवकाश की स्वीकृति विभागाध्यक्ष द्वारा ही की जायेगी।
( आदेश:-FD Date-26.02.02)
यह भी जरूर पढ़े 👉गैर-सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन प्रक्रिया की क्या प्रक्रिया हैं ? What is the process of physical verification process in private schools?
(13) संविदा कार्मिको को भी क्या प्रसूति अवकाश मिलता है ?
उत्तर:- यदि सविंदा महिला कार्मिक की नियुक्ति वित्त विभाग के अनुमोदन के उपरान्त हुई है तो ऐसे संविदा कार्मिको को भी प्रसूति अवकाश मिलता है।
(आदेश:-FD दिनांक-19.06.2009)
(14) किसी महिला कार्मिक के गर्भपात हो गया है तो क्या उसे प्रसूति अवकाश देय होता है ?
उत्तर:-गर्भपात होने पर प्रसूति अवकाश देय नही होता है।
Dr के प्रमाण पत्र के आधार पर जिसमे गर्भपात का स्पस्ट उल्लेख हो कार्मिक को सेवाकाल में ( एक बार अथवा दो बार) कुल मिला कर 42 दिन का गर्भपात अवकाश मिलता है ।
(आदेश:-FD Date-14.07.2006)
यह भी जरूर पढ़े 👉 RPSC One Time Registration कैसे करे? इसकी ऑनलाइन प्रक्रिया समझाने की कृपा करें ?
(15) महिला कार्मिक द्वारा कोई संतान गोद लेने पर प्रसूति अवकाश मिलता है?
उत्तर:-किसी महिला कार्मिक के दो से कम जीवित संतान होने पर कार्मिक द्वारा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को वैधानिक रूप से दत्तक ग्रहण करने पर उसको 180 दिन का दत्तक ग्रहण अवकाश मिलता है।
(RSR 1951 का नियम 103(B)
(16) एक महिला कार्मिक ने प्रसूति अवकाश लिया है तथा प्रसूति के बाद बच्चे की मृत्यु हो गई है तो क्या उसका प्रसूति अवकाश जारी रहेगा ?
उत्तर:-बच्चे की मृत्यु होने के बाद भी पूर्व से स्वीकृत प्रसूति अवकाश का उपयोग किया जा सकता है ।
लेकिन महिला कार्मिक प्रसूति अवकाश का उपयोग अगली डिलेवरी के अवसर पर लेना चाहती है तो पूर्व में स्वीकृत प्रसूति अवकाश को निरस्त करवा कर जितने दिन के अवकाश का उपयोग किया है उसे अर्जित अन्य किसी भी प्रकार के अवकाश में बदल कर पुनःड्यूटी जॉइन कर सकती है।
सधन्यवाद 👉 पेमेनेजर इन्फो
यह भी जरूर पढ़े 👉
प्रश्न -1.मातृत्व अवकाश के लिए आवश्यक एवम अनिवार्य दस्तावेज क्या क्या है ?
उत्तर – मातृत्व अवकाश हेतु लिखित में मातृत्व अवकाश का आवेदन पत्र एवं गर्भधारण/प्रसूति संबंधित दस्तावेज के आधार पर उक्त अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। चिकित्सालय में भर्ती एवं डिस्चार्ज पत्र एवं संतान का जन्म प्रमाणपत्र आदि की अनिवार्यतः आवश्यकता नही है। डीडीओ के द्वारा चाहे जाने पर अन्य संबंधित दस्तावेज अवकाश समाप्ति पश्चात कार्यग्रहण पर भी प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न-2.क्या सिकनेस एव फिटनेस मातृत्व अवकाश हेतु अनिवार्य दस्तावेज है ?
उत्तर – प्रसूति (मातृत्व) अवकाश हेतु सिकनेस एवम फिटनेस प्रमाणपत्र अनिवार्य दस्तावेज नही है। प्रसूति अवकाश कोई बीमारी नही है।
किसी बीमारी के आधार पर PL/HPL/CPL/WPL अवकाश लेने पर ही फिटनेस व सिकनेस प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है।
प्रश्न-3.जिस अस्पताल/डॉक्टर द्वारा सिकनेस जारी किया गया है क्या उसी का फिटनेस आवश्यक है अथवा किसी अन्य डॉक्टर का फिटनेस भी मान्य है ?
उत्तर – जब सिकनेस जरूरी ही नही है तो फिटनेस की भी आवश्यकता नही है। यदि कार्मिक उपलब्ध करवाता है तो भी एक ही डॉक्टर का सिकनेस व फिटनेस प्रमाणपत्र होना अनिवार्य नही है।
प्रश्न-4. एक कार्मिक ने पूर्व में दो बार मातृत्व अवकाश ले लिया है। उसका एक बच्चा ही वर्तमान में जीवित है। क्या उसे अगले बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश लाभ मिलेगा ?
उत्तर – नही। वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 1(6)एफडी(रूल्स)/2011 दिनांक 15.02.2012 द्वारा राजस्थान सेवा नियम 122A (ii) में यह जोडा गया है कि यदि महिला कार्मिक द्वारा दो बार प्रसूति अवकाशों का उपभोग करने के उपरांत भी उसके कोई जीवित संतान वर्तमान में नहीं हों तो ऐसे प्रकरण में एक बार और (अर्थात तीसरी बार ) प्रसूति अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है ।
प्रश्न-5. अगर किसी महिला कार्मिक के दो संतान पहले से हैं और उसने केवल एक ही संतान पर मातृत्व अवकाश लिया है तो क्या तीसरी संतान पर उसे अवकाश मिलेगा ?
उत्तर – नहीं। यदि दो प्रसव के बाद भी कोई संतान जीवित नहीं है तो ही मातृत्व अवकाश लाभ मिलेगा।
प्रश्न-6. मातृत्व अवकाश के बाद जॉइन करने के तुरंत बाद CCL ले सकते है क्या ?
उत्तर- मातृत्व अवकाश की निरंतरता/जॉइन करने के तुरंत बाद संतान देखभाल अवकाश ले सकते है। PEEO/DDO एक बार मे न्यूनतम 5 दिन एवं अधिकतम 120 दिन तक का संतान देखभाल (CCL) अवकाश उचित कारण के आधार पर स्वीकृत कर सकते है।
प्रश्न-7. मातृत्व अवकाश की समाप्ति पर यदि राजपत्रित अवकाश हो तो वह मातृत्व अवकाश की अवधि में शामिल होगा या नहीं ?
उत्तर – रा.से.नि. भाग-1 के नियम 61 व 63 के तहत पूर्ववर्ती एवं पश्चावर्ती राजपत्रित अवकाश का लाभ कार्मिक को मिलता है अतः मातृत्व अवकाश के पूर्व या पश्चातवर्ती राजपत्रित अवकाश अवधि को मातृत्व अवकाश में नहीं गिना जाएगा।
प्रश्न-8. सर्विस बुक में मातृत्व अवकाश स्वीकृति का इंद्राज अवकाश पर प्रस्थान के समय होगा या पुनः कार्यग्रहण करने पर होगा ?
उत्तर – किसी भी अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व अवकाश की पूर्व स्वीकृति आवश्यक होती है अतः अवकाश स्वीकृति आदेश जारी होते ही तत्काल सेवा पुस्तिका में अवकाश का इंद्राज किया जाएगा।
प्रश्न-9. मातृत्व अवकाश वेतन लगातार प्रतिमाह मिलेगा या कार्यग्रहण करने पर एक साथ देय होगा ?
उत्तर – राजस्थान सेवा नियम भाग 1 के नियम 97(1) एवं 103 के अनुसार मातृत्व अवकाश के दौरान अवकाश पर प्रस्थान से ठीक पूर्व आहरित वेतन लगातार मिलेगा। उक्त अवकाश के दौरान बिना किसी वजह के वेतन रोकने पर डीडीओ पर कार्यवाही की जा सकती है।
प्रश्न-10. क्या एक महिला कर्मचारी प्रोबेशन काल में मातृत्व अवकाश का उपभोग कर सकती है एवं अगर मातृत्व अवकाश का उपभोग कर सकती है तो क्या मातृत्व अवकाश का उपभोग करने पर प्रोबेशन काल आगे बढ़ेगा ?
उत्तर – राजस्थान सेवा नियम 103 एवं 122A के अनुसार महिला कार्मिक प्रोबेशन में भी मातृत्व अवकाश का उपभोग कर सकती है। प्रोबेशन में मातृत्व अवकाश पर रहने से परिवीक्षाकाल आगे नही बढेगा।
प्रश्न-11. एक कार्मिक का मातृत्व अवकाश के दौरान स्थानांतरण दूसरे स्कूल में हो जाता है तो इस स्थिति में वह महिला कर्मचारी दूसरे स्कूल में जॉइन करने के पश्चात निरन्तर मातृत्व अवकाश पर चलेगी या उसका मातृत्व अवकाश खत्म हो जाएगा ?
उत्तर- स्थानांतरण दूसरे स्कूल में होने पर कार्यमुक्त होने से पहले विद्यालय में कार्यग्रहण करना होगा। कार्यग्रहण किए बिना कार्यमुक्ति संभव नही है अतः कार्यग्रहण करते ही मातृत्व अवकाश समाप्त माना जाएगा। कार्मिक चाहे तो कार्यग्रहण अवधि विस्तार हेतु आवेदन कर सकती है।
प्रश्न -12. एक महिला कार्मिक न्यायिक प्रक्रिया का पालन कर अनाथालय से बच्चा गोद लेती है तो उसे मातृत्व अवकाश मिलेगा या नही ?
उत्तर – उक्त मामलों में राजस्थान सेवा नियम 1951 खण्ड प्रथम के नियम 103 (ख) के अनुसार 180 दिन का बच्चा दत्तक ग्रहण अवकाश स्वीकृत किया जाएगा बशर्ते गोद लिए बच्चे की आयु 1 वर्ष से कम हो और कुल जीवित बच्चो की संख्या 2 से कम हो।
प्रश्न-13. मातृत्व अवकाश को सेवा पुस्तिका में कहाँ पर एवं कैसे दर्ज करते हैं ?
उत्तर – सेवा पुस्तिका में दायीं तरफ के सत्यापन वाले पेज पर हेडिंग में “प्रथम/द्वितीय प्रसूति अवकाश” लिखकर अवकाश स्वीकृति आदेश क्रमांक सहित लिखा जाता है।
प्रश्न -14. कोई महिला कर्मचारी वेतनवृद्धि तिथि से पूर्व मातृत्व अवकाश पर हैं और वेतनवृद्धि तिथि 01 जुलाई के बाद ज्वाइन करती है तो इसका वेतनवृद्धि पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर – कार्मिक को नियमित वेतनवृद्धि का लाभ 1 जुलाई से ही काल्पनिक रूप से दिया जाएगा लेकिन वेतनवृद्धि का नकद आर्थिक लाभ कार्यग्रहण करने की तिथि से देय होगा।
प्रश्न-15. प्रोबेशन में मातृत्व अवकाश संस्थाप्रधान/डीडीओ स्वयं स्वीकृत कर सकता है या फिर नियुक्ति अधिकारी ही स्वीकृत करेंगे ?
उत्तर – परिवीक्षाकाल में भी महिला कार्मिक को 180 दिवस का मातृत्व अवकाश राजस्थान सेवा नियम 103 के तहत डीडीओ (कार्यालयाध्यक्ष) स्वयं स्वीकृत करने में पूर्ण सक्षम है।
नोट :- प्रश्नोत्तरी के निर्माण में राजस्थान सेवा नियमों, अवकाश नियमों एवं विभगीय परिपत्रों के अनुसार पूर्ण रूप से सही एवं तथ्यात्मक एवं संक्षिप्त जानकारी देने का प्रयास किया गया है। किसी भी त्रुटि के लिए प्रश्नोत्तरी निर्माणकर्ता या एडमिन पैनल जिम्मेदार नही होगा।
अधिक जानकारी के लिए रा.से.नि. भाग 1 के नियम 103 एवं 104 का अध्ययन करें।
by Sheetal Panwar | Feb 24, 2022 | DAILY ONE QES AND ANS, DAILY QUESTION |
प्रश्न : गैर-सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन प्रक्रिया की क्या प्रक्रिया हैं ? What is the process of physical verification process in private schools?

उत्तर:-
गैर सरकारी विद्यालयों में सत्र 2020-21 तथा सत्र 2021-22 में निःशुल्क शिक्षा हेतु नवप्रवेशित एवं पूर्व सत्रों के कमोन्नत बालक-बालिकाओं के भौतिक सत्यापन संबंधी दिशा-निर्देश
(निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12(1)(ग) के प्रावधानान्तर्गत)
10.1 भौतिक सत्यापन हेतु किये जाने वाले कार्य :-
सत्यापन दलों का गठन:-
10.1.1 जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.शि.)एवं जिला शिक्षा अधिकारी (मा.शि.) अपने-अपने परिक्षेत्र केगैर-सरकारी विद्यालयोंकी संख्या के आधार पर सत्यापन दलों का गठन करेंगे।
10.1.2 दलों का गठन केवल उन्ही विद्यालयों के लिए किया जायेगा, जिनमे आरटीई की धारा 12(1)(ग) के तहनिःशुल्क सीट्स पर विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यह सूची डीईओ प्रा.शि./डीईओ मा.शि. के लॉगिन में उपलब्ध है।
10.1.3 सत्यापन दलों का गठन ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा। प्रत्येक दल में शामिल दोनों सदस्यों का चुनाव एक ही विद्यालय से किया जाएगा। एक सत्यापन दल को अधिकतम 3 विद्यालय आवंटित किए जाएंगे। पूर्व में गठित दल यदि किसी कारण से भौतिक सत्यापन करने में असमर्थ है तो परिवेदना के आधार पर दल को निरस्त करने एवं नवीन दल के ऑनलाइन गठन का अधिकार सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी का रहेगा।
10.1.4 सत्यापन दल का अध्यक्ष राजपत्रित अधिकारी होगा तथा एक अन्य सदस्य उपलब्धता के आधार पर व्याख्याता/व.अ./अध्यापक/लिपिक वर्ग होगा।
10.1.5 प्रारम्भिक शिक्षा में पर्याप्त संख्या में राजपत्रित अधिकारी उपलब्ध न होने की स्थिति में दलों के अध्यक्ष के रूप में माध्यमिक शिक्षा से प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक/व्याख्याता लिए जा सकेगें तथा शेष एक सदस्य प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय/अध्यापक में से लिया जा सकेगा।
10.1.6 दल गठन के समय यथा सम्भव दल सदस्यों के पदस्थापन के ब्लॉक में ही गैर-सरकारी विद्यालय सत्यापन हेतु दिये जायें।
यह भी जरूर पढ़े
10.2 विशेष सत्यापन दलों का गठन:-
10.2.1जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा/माध्यमिक शिक्षा (प्रथम/द्वितीय) अपने अधीन विद्यालयों के सेम्पल सत्यापन के लिए आवश्यकतानुसार अपने कार्यालय से विशेष सत्यापन दलों का गठन करेंगे।
10.2.2 यह विशेष सत्यापन दल जिले में विद्यालयों की संख्या का एक प्रतिशत अथवा 20 विद्यालय, जो भी अधिक हों, का अनिवार्य रूप से सत्यापन करेंगे।
10.2.3 ये विशेष दल उन विद्यालयों का पुनः सत्यापन करेंगे जो सत्यापन दलों द्वारा सत्यापित किए जा चुके हैं। निरीक्षण से पूर्व उन विद्यालयों की मूल सत्यापित रिपोर्ट को साथ लेकर जाएंगे तथा मूल सत्यापन से भिन्नता पाये जाने पर विशेष सत्यापन दल के अध्यक्ष द्वारा मूल सत्यापन रिपोर्ट में लाल स्याही के पैन से आवश्यक संशोधन किये जाएंगे। उक्त संशोधन विद्यालय प्रति एवं कार्यालय प्रति दोनों में किये जाएंगे।
10.24 विद्यालय द्वारा विशेष सत्यापन दल द्वारा संशोधित सत्यापन रिपोर्ट को ही आरटीई वेबपोर्टल पर अपलोड किया जाऐगा तथा सम्बन्धित कार्यालय द्वारा उसी के अनुरूप इसका मिलान कर सत्यापन किया जाएगा।
10.2.5 विशेष सत्यापन दलों द्वारा उन विद्यालयों की भी पुनः जाँच की जायेगी जिन विद्यालयों के भौतिक सत्यापन के सम्बन्ध में परिवेदनायें प्राप्त हुई हैं।
यह भी जरूर पढ़े
10.2.6 विशेष जाँच दल द्वारा निरीक्षण किये गये विद्यालयों की सूचना की प्रविष्टि जिला शिक्षा अधिकारी के लॉगिन से करनी है।
10.3.1जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा अपने-अपने परिक्षेत्र के विद्यालयों के लिए गठित सत्यापन दलों का प्रशिक्षण कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। बिना प्रशिक्षण के किसी भी सत्यापन दल को सत्यापन हेतु विद्यालय में नहीं भेजा जायेगा। सत्यापन दलों को यह स्पष्ट किया जाए कि इस बार सत्र 2021-22 के साथ सत्र 2020-21 का भी भौतिक सत्यापन प्रपत्र भरा जाएगा। दोनों सत्रों के अलग-अलग प्रपत्र भरे जाने है।
10.3.2 प्रशिक्षण के दौरान सत्यापन दलों को “दुर्बल वर्ग” व “असुविधाग्रस्त समूह की परिभाषा, प्रवेश हेतु कैचमेंट एरिया, आयु पॉलिसी व एन्ट्री कक्षा एवं आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जॉच के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
10.3.3 निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश की ऑनलाइन व विगत सत्रों की ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया की जानकारी सत्यापन दलों को दी जायेगी।
10.3.4 यह जानकारी इन दिशा-निर्देशों के आधार पर दी जायेगी। यह दिशा निर्देश प्राइवेट स्कूल वेब-पोर्टल http://www.rajpsp.nic.inपर उपलब्ध हैं।
10.3.5 सत्यापन दलों को सम्बन्धित विद्यालयों के नाम की सूची मय पता मोबाइल नम्बर, लैण्डलाइन नम्बर उपलब्ध करवायी जाएगी तथा सत्यापन दलों को भौतिक सत्यापन के दिशा-निर्देशों की एक-एक प्रति भी दी जाएगी।
10.3.6 जिले के आरटीई प्रभारी अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी के फोन नम्बर भी सत्यापन दलों को उपलब्ध करवायें जायें जिससे सत्यापन दल आवश्यकता पड़ने पर जानकारी प्राप्त कर सकें।
10.4.भौतिक सत्यापन प्रतिवेदनों को कार्यालय स्तर से सत्यापित करना :-
10.4.1 भौतिक सत्यापन के दौरान सत्त मॉनिटरिंग कर विद्यालयों से सत्यापन प्रतिवेदनों की प्रविष्टि करवायी जाए।
10.4.2 जिन विद्यालयों के सत्यापन प्रतिवेदन ऑनलाइन प्रविष्ट कर लॉक कर दिए जाएं उन प्रतिवेदनों की कार्यालय प्रति से मिलान करते हुए उन्हें तत्काल सत्यापित या असत्यापित कर दिया जाए।
10.4.3 सत्यापन करते समय यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि निःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत समस्त बालकों के आधार नम्बर अथवा आधार नामांकन ऑनलाइन प्रविष्ट कर दिए गए हैं।
10.4.4 कार्यालय स्तर से निर्धारित तिथि तक सत्यापन प्रतिवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं होने तथा विद्यालय के फीस पुनर्भरण से वंचित होने पर सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

नोट:-कार्यालय द्वारा सत्यापन रिपोर्ट के मिलान के दौरान रिजेक्ट की गयी रिपोर्ट को विद्यालय द्वारा सही प्रविष्ट कर अधिकतम 7 दिवस के अन्दर पुनः लॉक करना है। यदि विद्यालय तय अवधि में रिपोर्ट को लॉक नहीं करता है तो विभाग द्वारा इन बालकों की फीस का पुनर्भरण नहीं किया जायेगा तथा विद्यालय निःशुल्क सीट्स पर प्रवेशित बालकों को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बाध्य होगा।
आरटीई के भौतिक सत्यापन दल में बदलाव हेतु पूरे दल में ही बदलाव नहीं करते हुए केवल संबंधित अधिकारी/कार्मिक को ही बदलने की सुविधा पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी तथा आरटीई के अन्तर्गत यह कार्य जिशिअ कार्यालय के स्तर पर ही सम्पादित की जाए।
जिले के समस्त CBEO को पीएसपी पोर्टल का लॉगिन दिया गया हैं जिसमें उनके क्षेत्र की समस्त गैर-सरकारी विद्यालयों का स्कूल प्रोफाईल तथा अन्य आवश्यक डेटा उपलब्ध है। CBEO भी उनके क्षेत्राधिकार के समस्त गैर-सरकारी विद्यालयों की मॉनिटरिंग करेंगें तथा अनियमिततओं की सूचना जिला मुख्यालय पर उच्चाधिकारियों को करेंगें।
यह भी जरूर पढ़े
सत्यापन हेतु सामान्य निर्देश :-
11.1 विद्यालय प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर अपने लॉगिन से भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन सत्र 2020-21 व सत्र 2021-22 की दो प्रतियों का प्रिंट आउट लेकर तैयार रखें। प्रिंट आउट लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि विद्यालय में अध्ययनरत सभी कक्षाओं के सशुल्क बालक-बालिकाओं की पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्टि की जा चुकी है तथा निःशुल्क छात्र भी प्रदर्शित हो रहे है।
11.2 भौतिक सत्यापन दल के अवलोकन हेतु बालकों के आवेदन पत्र मय संलग्नक व रिपोर्टिंग प्रपत्र, कैश बुक, रसीद बुक, बैंक पास बुक, एस.आर. रजिस्टर, कक्षा उपस्थिति रजिस्टर व पूर्व के सत्रों में आय के आधार पर प्रवेशित बालकों (केवल सामान्य, ओबीसी व एसबीसी वर्ग के लिए) के आय प्रमाण-पत्र तैयार रखें। आरटीई अधिनियम की धारा 12(3)के तहत उक्त समस्त सूचनायें विद्यालय द्वारा उपलब्ध करवाया जाना बाध्यकारी है। केवल सत्र 2020-21 हेतु छात्र का उपस्थिति रजिस्टर उपलब्ध करवाया जाना बाध्यकारी नहीं है।
11.3 सत्यापन दल, विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन के प्रिंट आउट के आधार पर ही विद्यालय में उपस्थित होकर प्रतिवेदन में पूर्व से भरी सूचनाओं व बालकों का भौतिक सत्यापन करेंगे।
11.4 भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन में प्रविष्ट विद्यालय की स्थिति (Location), कक्षा स्तर (किस कक्षा तक), मान्यता, एण्ट्री कक्षा व आयु पॉलिसी की ध्यानपूर्वक जाँच करने के बाद ही इनको सत्यापित करें।
11.5 विद्यालय की स्थिति के संबंध में ब्लॉक, शहरी स्थानीय निकाय (नगर पालिका/नगर परिषद/नगर निगम), ग्राम पंचायत, ग्राम, वार्ड तथा शहरी या ग्रामीण क्षेत्र की गहन जॉच के बाद ही इन्हें सत्यापित करें। यदि विद्यालय के ग्राम/वार्ड अथवा ग्राम पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय में परिवर्तन है तो यह परिवर्तन विद्यालय लॉगिन से सत्यापन रिपोर्ट ऑनलाइन करते समय किया जा सकता है लेकिन यदि विद्यालय के ब्लॉक के नाम में परिवर्तन है तो रिपोर्ट ऑनलाइन प्रविष्ट होने के बाद डीईओ प्रा.शि./डीईओ मा.शि. के लॉगिन से रिपोर्ट सत्यापित करने से पूर्व यह परिवर्तन किया जाये तथा सत्यापन रिपोर्ट की एक प्रति सम्बन्धित डीईओ कार्यालय को भिजवाई जाये।
11.6 प्रतिवेदन में भरी सूचनाओं में यदि कोई सूचना गलत है तो उस पर गोला करना है तथा उसके पास ही सही सूचना को अंकित करना है। सूचनाओं में परिवर्तन निरीक्षण प्रतिवेदन की दोनों प्रतियों में करने हैं।
11.7 इस प्रपत्र में पूर्व में भरे हुए डाटा में बदलाव से विद्यालय सहमत है। इसमें किसी भी प्रकार के परिवर्तन की स्थिति में इस सत्र में प्रवेशित बालकों का पोर्टल पर यथानुसार परिवर्तन हो जायेगा, जिसके लिए विद्यालय स्वयं जिम्मेदार होगा एवं उसे ज्ञात है कि इसमें दुबारा से बदलाव सम्भव नहीं है।
11.8 भौतिक सत्यापन दल द्वारा विद्यालय से किसी भी दस्तावेज की छाया प्रति देने की मांग नहीं की जायेगी ओर न ही निरीक्षण प्रतिवेदन के साथ सलंग्न की जायेगी ।भौतिक सत्यापन दल द्वारा जो भी रिकार्ड अवलोकित किया जाए प्रमाण के रूप में दल के अध्यक्ष द्वारा अवलोकित दस्तावेजों के प्रत्येक पृष्ठ पर अपने हस्ताक्षर एवं दिनांक अंकित की जाए।
11.9 सत्यापन प्रक्रिया के पूर्ण होने पर सत्यापन दल के अध्यक्ष द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट की एक प्रति निरीक्षण के दिन ही सम्बन्धित संस्थाप्रधान/प्रभारी को प्राप्ति के हस्ताक्षर प्राप्त कर उपलब्ध करवायी जायेगी तथा दूसरी प्रति सम्बन्धित डीईओ (प्रारम्भिक शिक्षा)/डीईओ (माध्यमिक शिक्षा) कार्यालय जमा करवायी जायेगी।
11.10 सत्यापन दल द्वारा उपलब्ध करवाये गये निरीक्षण प्रतिवेदन को गैर-सरकारी विद्यालय द्वारा 5 दिवस में आरटीई वेबपोर्टल पर अपलोड करना है।
यह भी जरूर पढ़े
12 आधार कार्ड सत्यापन सम्बन्धी निर्देश
12.1 स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आरटीई की धारा 12(1)(ग) के तहत् विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त बालक-बालिकाओं (वर्तमान सत्र में नव प्रवेशित तथा पूर्व सत्रों के क्रमोन्नत) के आधार कार्ड की फोटोकॉपी अथवा आधार कार्ड हेतु नामांकन रसीद की फोटोकॉपी लिया जाना अनिवार्य है।
12.2 जिन बालक-बालिकाओं के आधार कार्ड अथवा आधार कार्ड हेतु नामांकन की रसीद की फोटोकॉपी प्राप्त नहीं हुई है, उन बालक-बालिकाओं को सत्यापित नहीं किया जाये परन्तु जिन बालक-बालिकाओं के आधार कार्ड अथवा आधार नामांकन रसीद की फोटोकॉपी विद्यालय को शीघ्र प्राप्त होने की संभावना है उन्हें अपात्र नहीं किया जाये। भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन में ऐसे बालक-बालिकाओं के कॉलम को रिक्त छोड़ दिया जाये।
12.3 यदि किसी विद्यालय में अध्ययनरत सभी बालक-बालिकाओं में से कुछ के आधार कार्ड अथवा आधार नामांकन की रसीद की फोटोकॉपी प्राप्त नहीं हुई है तथा इनके शीघ्र प्राप्त होने की सम्भावना है वह विद्यालय अपनी सत्यापन रिपोर्ट को ऑनलाइन प्रविष्ट कर लॉक नहीं करें।
12.4 विद्यालय ऐसे बालक-बालिकाओं के अभिभावकों से आधार कार्ड अथवा आधार नामांकन रसीद की फोटोकॉपी प्राप्त करने की कोशिश करें। यदि फोटोकॉपी सत्यापन रिपोर्ट तैयार होने के बाद प्राप्त होती है तो विद्यालय के संस्थाप्रधान सत्यापन रिपोर्ट की विद्यालय प्रति एवं आधार कार्ड अथवा आधार नामांकन रसीद की फोटोकॉपी को सम्बन्धित कार्यालय (प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों हेतु जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक शिक्षा) एवं माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों हेतु जिला शिक्षा अधिकारी, मा.शि.) में प्रस्तुत करेंगे।
12.5 सम्बन्धित कार्यालय में आरटीई प्रभारी द्वारा आधार कार्ड अथवा आधार नामांकन रसीद की फोटोकॉपी का मिलान सत्यापन रिपोर्ट में बालक-बालिका के विवरण से किया जायेगा तथा विवरण सत्यापित होने पर सभी फोटोकॉपी पर आरटीई प्रभारी द्वारा हस्ताक्षर किये जायेंगे। इन बालक-बालिकाओं को सत्यापन रिपोर्ट की दोनों प्रतिओं (विद्यालय एवं कार्यालय प्रति) में सत्यापित फीस के पुनर्भरण योग्य किया जायेगा।
12.6 सत्यापन रिपोर्ट में आधार कार्ड अथवा आधार नामांकन के सम्बन्ध में सभी बालक-बालिकाओं की स्थिति स्पष्ट होने के पश्चात् ही विद्यालय द्वारा रिपोर्ट को ऑनलाइन कर लॉक किया जायेगा लेकिन यह कार्य सत्यापन रिपोर्ट की प्रविष्टि हेतु निर्धारित अंतिम तिथि से पूर्व किया जाना अनिवार्य है।
12.7 सम्बन्धित कार्यालय प्रत्येक विद्यालय की सत्यापन रिपोर्ट को कार्यालय प्रति के आधार पर प्रमाणित (verify) करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि रिपोर्ट में पात्र पाये गये बालक-बालिकाओं की आधार संख्या अथवा आधार नामांकन संख्या प्रविष्ट कर दी गई है।
12.8 यदि किसी बालक/बालिका के विद्यालय में उपलब्ध विवरण यथा बालक/बालिका का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, जन्म दिनांक या पता, आधार कार्ड में दी गई सूचनाओं की तुलना में आंशिकरूप से भिन्न है तो इन बालक-बालिकाओं के प्रवेश को निरस्त नहीं किया जाए।
12.9 इन बालक-बालिकाओं के विवरण की आशिक अशुद्धियों को आधार कार्ड के आधार पर बाद में सही कर दिया जायेगा यदि इन अशुद्धियों को सही करने से बालक/बालिका की पात्रता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।
13.1 निःशुल्क प्रवेश संबंधी समस्त रिकॉर्ड का अवलोकन कर निःशुल्क शिक्षा हेतु प्रवेशित बालक की पात्रता की जॉच की जाए तथा पात्रता के आधार पर पुनर्भरण योग्य पाये गये बालकों को सत्यापित किया जाए। जो बालक प्रवेश हेतु अपात्र पाए जावें अर्थात पुनर्भरण योग्य नहीं पाये जावें उनके अयोग्य होने के कारणों के कोड अंकित करने है।
13.2 सत्यापन दल 25 प्रतिशत निःशुल्क एवं शेष 75 प्रतिशत सःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालकों की नियमित उपस्थिति की भी जांच करेंगे। यदि निःशुल्क प्रवेशित बालक ड्राप आउट पाया जाए तो उसका उल्लेख प्रतिवेदन में करेंगे। सःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालकों के आवेदन पत्रों व अन्य दस्तावेजों की गहन जांच कर यह सुनिश्चित कर लें कि ये बालक वास्तविक रूप से विद्यालय में अध्ययनरत हैं।
13.3 शैक्षिक सत्र 2020-21 में एन्ट्री कक्षा में निःशुल्क व सःशुल्क सीट्स पर नवप्रवेशित बालक-बालिकाओं की गहनता से जाँच करें। यदि सत्यापन के समय निःशुल्क 25 प्रतिशत सीट्स पर दिये गये प्रवेश की तुलना में सःशुल्क 75 प्रतिशत सीट्स पर कम संख्या में बालक-बालिकाएँ अध्ययनरत पाये जाते है तो सःशुल्क 75 प्रतिशत सीट्स पर अध्ययनरत बालक-बालिकाओं की संख्या के आधार पर ही 25 प्रतिशत निःशुल्क सीट्स पर बालक-बालिकाओं को सत्यापित किया जाये। निःशुल्क सीट्स पर 25 प्रतिशत से अधिक संख्या में प्रवेशित बालक-बालिकाओं में से वरीयता सूची में नीचे से बालक-बालिकाओं के प्रवेश को निरस्त किया जायेगा। यह व्यवस्था केवल वर्तमान सत्र में नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ही लागू होगी।
13.4 यह भी सुनिश्चित कर लें कि प्रवेशित बालक-बालिका प्रवेश के बाद लगातार विद्यालय में आ रहे हैं तथा इनका अन्यत्र किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं हुआ है।
13.5 आय के आधार पर प्रवेशित बालक-बालिकाओं से प्रतिवर्ष नये आय प्रमाण पत्र लिये जाते है। अतः पूर्व सत्रों में प्रवेशित आरटीई विद्यार्थियों के आय प्रमाण पत्रों की जांच सत्र 2020-21 व सत्र 2021-22 दोनों सत्रों हेतु की जानी है।
14.1 सत्यापन दल विद्यालय के अभिलेखों की सावधानी पूर्वक जॉच कर विद्यालय द्वारा अन्य बालकों से ली जा रही फीस का सत्यापन करेंगे।
14.2 फीरा के रात्यापन के लिए विद्यालय के अभिलेखों यथा रसीद बुक,कैशबुक, बैंक पारावुक,फीरा संधारण रजिस्टर एवं वाउचर पंजिका का निरीक्षण करेंगे। यदि आवश्यक हो तोबालकों एवं अभिभावकों से बात कर फीस की पुष्टि कर ली जावे।
14.3 फीस के समस्त रिक्त कॉलमों में फीस की प्रविष्टि करनी है। विद्यालय को यह ज्ञात होना चाहिए कि वर्तमान शैक्षिक सत्र की वार्षिक फीस की राशि अंकित नहीं करने पर इस सत्र की प्रथम एवं द्वितीय किस्त की पुनर्भरण राशि का भुगतान किया जाना संभव नहीं होगा परन्तु निःशुल्क शिक्षा हेतु प्रवेशित एवं सत्यापित बालकों को अपने स्तर पर निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने हेतु बाध्य होगा।
14.4 सत्यापन दल द्वारा निर्देशों के विपरीत गलत तरीके से अथवा अभिलेखों का अवलोकन किये बिना ही फीस का आकलन कर राशि अंकित करने एवं पुनर्भरण की अनुशंषा करने पर गलत/अनियमित भुगतान होने की स्थिति में सत्यापन दलका उत्तरदायित्व निर्धारित होगा तथा उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
15.1 यह जॉच बालक के “दुर्बल वर्ग” या “असुविधाग्रस्त समूह” से सम्बन्धित होने, प्रवेश हेतु निर्धारित कैचमेन्ट एरिया के निवासी होने तथा प्रवेश के लिए कक्षा अनुरूप आयु संबंधी पात्रता पूरी करनेके आधार पर की जायेगी तथा इनसे सम्बन्धित प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी कि प्रमाण पत्र निर्धारित तिथि तक तथा सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किए गए हैं अथवा नहीं। यह च कार्य सत्र 2020-21 व सत्र 2021-22 दोनों सत्रों के लिए तत्कालीन समय अनुरूप की जाएगी।
15.2 दल द्वारा जिन अभिलेखों का अवलोकन किया जाए उन पर लघु हस्ताक्षर भी किए जाएं।
15.3 सत्यापन प्रतिवेदन दो प्रतियों में तैयार कर सत्यापन दिवस को ही एक प्रति विद्यालय को तथा दूसरी प्रति सम्बन्धित कार्यालय को उपलब्ध करवा दी जाए। सत्यापन रिपोर्ट के प्रत्येक पृष्ठ पर सत्यापन दल सदस्यों के हस्ताक्षर अनिवार्य है।
नोट:-स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर के आदेश क्रमांक प.21(32) प्राशि/आयो./2017 पार्टीvजयपुर दिनांक 18.07.2019 के बिन्दु संख्या 3.3 में आरटीई की धारा 12(1)(ग) के तहत् गैर-सरकारी विद्यालयों में 25 प्रतिशत निःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालकों के भौतिक सत्यापन व सत्यापित बालकों की फीस के पुनर्भरण कार्य को जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक/माध्यमिक कार्यालय को आवंटित किया गया है। अतः इन दिशा-निर्देशों का अध्याय-3 व 4 इस आदेश के अधीन रहेगा तथा आवश्यकता होने पर इस अध्यायों में संशोधन किया जाएगा।
RTE निरीक्षण दल के सदस्यों के नाम, पद एवं पदस्थापन स्थान सत्र 2020-21 एवं 2021-22 सेलेक्ट डिस्ट्रिक्ट एंड ब्लॉक और इससे आप ब्लॉक बार सूची देख सकते है|
👇👇
गैर-सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन प्रक्रिया की क्या प्रक्रिया हैं ? What is the process of physical verification process in private schools?