Why When and How to Baseline Assessment in SIQE | SIQE / CCE में आधार रेखा आंकलन क्यों कब और कैसे : यहाँ इस आलेख में हम हमारे प्रबुद्ध शिक्षको द्वारा अपने क्षेत्र में किये गए कार्य और अनुभव के आधार पर दिए गये विचारों से आपको रूबरू करवा रहे हैं कि कक्षा एक से पांच तक अध्यापन करवाने वाले विद्यार्थियों के लिए SIQE / CCE में आधार रेखा आंकलन क्यों कब और कैसे लिया जाना हैं | हमारे साथियों ने इस आलेख को लिखने में बहुत सावधानी रखी और विभागीय निर्देशों का अनुपालन भी किया हैं फिर त्रुटी संभव हो सकती हैं | जिसके लिए शाला सुगम या लेखनकर्ता जिम्मेदार नही हैं |
Why When and How to Baseline Assessment in SIQE
SIQE / CCE (सी सी ई) में आधार रेखा मूल्यांकन से क्या अभिप्राय है ?
आधार रेखा मूल्यांकन से अभिप्राय है कि जब कोई बालक सी सी ई शिक्षा प्रणाली से प्रथम बार जुडता है या लम्बे समयांतराल बाद वापस विद्यालय से जुडता है तो अध्यापक उसके साथ कुछ दिन (लगभग 5 से 7 दिन) कार्य करे व उसके आधार पर उसका परीक्षण करे कि वह बालक कक्षा शिक्षण में किस स्तर पर कार्य करवाये जाने के योग्य है। अथार्त हम इसे बालक के स्तर निर्धारण की प्रक्रिया के रूप में समझ सकते हैं।
आधार रेखा आंकलन निम्न तीन परिस्थितियों में लिया जाना आवश्यक समझा जाता हैं –
प्रथम : जब बालक कक्षा 2 या इससे उच्च कक्षा में आयु के आधार पर प्रथम बार प्रवेश ले रहा हैं | चुकि प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने वाला बालक एक सामान्य बालक होता है और उसका लेवल प्रथम कक्षा के अनुरूप ही होता हैं अत: प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने वाले बालक का आधार रेखा आंकलन लिया जाना उपयुक्त नही रहता हैं |
द्वितीय : जब बालक किसी ऐसे निजी विद्यालय से आये जहाँ SIQE के अंतर्गत CCE आधारित अध्यापन नही चलता हों, तब ऐसे विद्यालय से आने वाले प्रत्येक विद्यार्थी का आधार रेखा आंकलन लिया जाना अनिवार्य हैं |
तृतीय :जब बालक विद्यालय से ड्रॉप आउट रह जाए या बालक विपरीत परिस्थियों (जैसे कोविड -19) के कारण अपना नियमित अध्ययन जारी नही रख पाए और बाद में ऐसे बालक विद्यालय से जुड़ते हैं तो उनका आधार रेखा आंकलन लिया जाना आवश्यक समझा जाता है |
आधार रेखा मूल्यांकन किन-किन विषयों में किया जाना चाहिए ?
प्राथमिक स्तर पर आधार रेखा मूल्यांकन मुख्यतः बुनियादी दक्षता वाले विषयों में अर्थात गणित, हिन्दी व अंग्रेजी में किया जाना चाहिए। पर्यावरण अध्ययन में वैसे तो आधार रेखा मूल्यांकन किए जाने की अलग से आवश्यकता नहीं है। लेकिन कक्षा-कक्ष प्रक्रिया में बालक की सक्रिय भागीदारी के लिए यह आवश्यक है कि अध्यापक उसकी पढने-लिखने की दक्षता की जाँच कर ले। ताकि उसे उसी के अनुरूप जाँच पत्रक प्रदान किए जा सके। इसके लिए हम बालक का हिंदी और अंग्रेजी में लिया गया आधार रेखा आंकलन का आध्ययन करके अपनी प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते हैं |
क्या प्रतिवर्ष बालक का आधार रेखा मूल्यांकन किया जाना चाहिए?
नहीं ! प्रतिवर्ष बालक का आधार रेखा आकलन किए जाने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जब बालक एक कक्षा से दूसरी में जाता है तो लगभग 45 दिन के ग्रीष्म अवकाश के बाद वह विद्यालय में प्रवेश करता है। इस परिस्थिति में यह आवश्यक हो जाता है कि अध्यापक यह जाँच कर ले कि गत कक्षा में सीखे गये स्तर पर बालक की अब क्या स्थिति है। इसे हम पदस्थापन मूल्यांकन के रूप में जानते हैं। जो कि आधार रेखा मूल्यांकन से पूर्णतः भिन्न है।
आधार रेखा मूल्यांकन एवं पदस्थापन की प्रक्रिया:
किसी कक्षा में नामांकित सभी बच्चों का स्तर शैक्षिक दृष्टि से भिन्न-भिन्न होता है। स्तर की इसी भिन्नता को आकलन टूल की सहायता से जानना आवश्यक है। इस आकलन की प्रक्रिया से बच्चों का अधिगम स्तर एवं कक्षा स्तर का निर्धारण होता है जिससे प्रत्येक बच्चे के साथ उसके कक्षा एवं अधिगम स्तर के अनुसार कार्य आरम्भ कर सम्बन्धित टर्म / सत्र के अधिगम उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके यथा कक्षा 5 में नामांकित बच्चों का स्तर यदि न्यून पाया जाता है तो उन बच्चों के साथ अतिरिक्त कार्य करते हुए आर.टी.ई. की धारा 24 ( 1) (घ) के अनुसार शिक्षक न्यून स्तर वाले बच्चों को कक्षा स्तर तक लाएं एवं आगामी कार्य करवाते हुए स्तर में सुधार करें।
यह कार्य प्रत्येक शिक्षक (जो कक्षा 1 से 5 मे पढ़ाते है) को करना है जिसमें हिन्दी, अंग्रेजी व गणित के बुनियादी कौशलों (भाषा में पढ़ना और लिखना तथा गणित में संख्या ज्ञान संक्रियाओं) को ध्यान में रखते हुए न्यून स्तर वाले बच्चों के साथ स्तर उन्नयन हेतु सतत् रूप से शिक्षण कार्य करते हुए सुधार के प्रयास आवश्यक है।
आधार रेखा मूल्यांकन/पदस्थापन हेतु विद्यालय पुनः खुलने के प्रथम पखवाड़े में बच्चों के साथ पूर्व की कक्षा के कार्यों का दोहरान कार्य करवाने के पश्चात एक व्यापक कार्य पत्रक / प्रश्न -पत्र (प्लेसमेन्ट टूल) द्वारा बच्चों का आकलन किया जाना है। इस आकलन के आधार पर बच्चों को दो समूह निर्धारित किये जाने हैं, समूह-1 में वे बच्चे जो कक्षा स्तर के अनुरूप दक्षता रखते हैं और समूह-2 में वे बच्चे जो कक्षा स्तर से न्यून दक्षता वाले हैं। यहाँ शिक्षक के लिए यह आवश्यक हो जाता है वह बालकेन्द्रित शिक्षण करते हुए गतिविधि आधारित शिक्षण द्वारा समूह-2 के बच्चों के साथ अतिरिक्त कार्य करते हुए समूह-1 में लाने का अधिकतम प्रयास करें। पूर्व के वर्षों में नवप्रवेशित विद्यार्थियों का आधार रेखा मूल्यांकन किया जाता था जबकि पूर्व प्रवेशित विद्यार्थियों का पूर्व की कक्षा के सतत् आकलन के आधार पर आकलन किया जाता रहा है।
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सत्र 2020-21 व 2021-22 में कोविड-19 के प्रभाव के कारण विद्यालयों में विद्यार्थी लम्बे समय से नहीं आने के कारण सीखने-सिखाने की प्रक्रिया बाधित हुई है। अतः ऐसे में Summer Loss के कारण विद्यार्थियों के लर्निंग गैप को ध्यान में रखते हुए विद्यालय प्रारम्भ होने के समय अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियों का आधार रेखा आकलन प्रपत्र तैयार करते हुए मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है।
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उक्त आधार रेखा आकलन प्रपत्र की जाँच कर उसे विद्यार्थी के पोर्टफोलियो में आवश्यक रूप से संधारित किया जाना है। आधार रेखा मूल्यांकन करने के पश्चात शिक्षक द्वारा उनके साथ सतत् रूप से कार्य करते हुए निश्चित समयान्तराल पर पदस्थापन द्वारा बच्चे की स्थिति / स्तर का आकलन किया जावें। इसकी जानकारी समय-समय पर अभिभावक को अनिवार्य रूप से दी जावे इस हेतु आकलन कार्य पत्रकों को भली भाँति जाँचकर, अशुद्धियों को रेखांकित/गोला करके, त्रुटि सुधार करवाते हुए अभिभावकों के हस्ताक्षर हेतु बच्चे के साथ घर भेजा जाना चाहिए। आगामी कार्यदिवस में बच्चों से प्राप्त कार्य पत्रकों को एकत्र करते हुए पोर्टफोलियो में संधारित करते हुए निर्धारित दस्तावेजों में दर्ज किया जावें।
किसी कक्षा में नामांकित बच्चों का कक्षा स्तर व कक्षा स्तर से न्यून की स्थिति का संधारण अध्यापक द्वारा योजना प्रारूप / डायरी और कक्षावार टर्मवार आकलन अंकन पुस्तिका (चैकलिस्ट) में विषयवार किया जाना है। इसी प्रकार प्रत्येक योगात्मक आकलन पश्चात भी पदस्थापन करते हुए संधारित किया जाना है आधार रेखा मूल्यांकन / पदस्थापन, प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय योगात्मक मूल्यांकन / आकलन के पदस्थापन की प्रविष्टियां वार्षिक आकलन अभिलेख पंजिका में निर्देशानुसार (प्रथम पृष्ठ पर) संधारित की जानी है ।
आधार रेखा आंकलन का कार्यपत्रक कैसे बनाये –
अगर आपको किसी भी विद्यार्थी का आधार रेखा आंकलन करना हैं तो सबसे पहले आप यह पता करना होगा कि बच्चे की नामांकित कक्षा कौनसी है अर्थात बच्चे का नाम किस कक्षा में लिखा हैं | अब आपको उसकी पिछली कक्षाओं के सीखने के प्रतिफल (LEARNING OUTCOMES) पता करना हैं | अब आपको यह पता करना हैं कि जिस कक्षा में बच्चे का नामांकन हुआ है उसके पीछे की कितनी कक्षा हैं | जैसे कोई बालक तीसरी कक्षा में नामांकित है तो उसकी पिछली कक्षाएँ हुई प्रथम और द्वितीय | जब आपको पिछली कक्षाओं की संख्या पता लग जाए तब आप अपने आधार रेखा आंकलन कार्यपत्रक को जितनी कक्षाएं है उतने ही भागो में बांटे और प्रत्येक पिछली कक्षा सीखने के प्रतिफल के आधार पर प्रश्न खंड बनाये | जैसे उपरोक्त बालक तीसरी कक्षा में नामांकित है तो उसका आधार रेखा आंकलन कार्यपत्रक में दो खंड होंगे | एक प्रथम कक्षा का और दुसरा द्वितीय कक्षा | दोनों खंडो में उन कक्षाओं के सीखने के प्रतिफल के आधार पर प्रश्न प्रश्नों का समावेश करें |
सेम्पल :
यहाँ तीसरी कक्षा में नामांकित विद्यार्थी के लिए आधार रेखा आंकलन कार्यपत्रक का सेम्पल का फ्रेमवर्क दिया हैं-
आधार रेखा आंकलन कार्यपत्रक | |||
प्रथम कक्षा खंड | प्रथम कक्षा के सीखने के प्रतिफल के आधार पर उस विषय प्रश्न | अंकन | |
द्वितीय कक्षा खंड | द्वितीय कक्षा के सीखने के प्रतिफल के आधार पर उस विषय प्रश्न | अंकन |
इस प्रकार आधार रेखा आंकलन कार्यपत्रक बनाकर विद्यार्थी का आधार रेखा का निर्धारण करने के लिए एक सामान्य परख लेवे और जिस कक्षा खंड में बच्चे का प्रदर्शन उच्च स्तर का होता हैं बच्चा उससे उपर की कक्षा के अधिगम स्तर का निर्धारित हो जाता हैं |
इस आंकलन कार्यपत्रक से तीन प्रकार के परिणाम आयेंगे-
प्रथम : जैसे मान लीजिए इस आंकलन में बच्चा प्रथम खंड के साथ ही द्वितीय खंड में भी उच्च प्रदर्शन करता हैं तो बच्चा अब तीसरी कक्षा के अधिगम स्तर का होगा |
द्वितीय: अगर बच्चा प्रथम खंड में अच्छा प्रदर्शन करता है लेकिन दुसरे स्तर में उच्च प्रदर्शन नही करता हैं तो इसका अर्थ यह होगा कि बच्चा प्रथम कक्षा के सीखने के प्रतिफल से रूबरू हो चूका हैं अब उसका अधिगम स्तर कक्षा दो के अनुसार होगा और इसके साथ कक्षा दो का कार्य भी किया जाएगा और इसे कक्षा दो के समान क्षमता रखने वाले विधार्थियों के समूह में रखा जाना उचित होगा|
तृतीय : अब मान लीजिए बच्चा दोनों खंडो में निम्न प्रदर्शन करता हैं तो उसका अधिगम स्तर प्रथम कक्षा के अनुरूप होगा और इसके साथ कक्षा 1 के अनुसार कार्यवाही करनी होगी और इसे कक्षा एक के अधिगम स्तर की क्षमता रखने वाले ग्रुप दो में रखा जाएगा |
ध्यान रखे : आधार रेखा आंकलन लेते समय बुनियादी दक्षताओ वाले सीखने के प्रतिफल का ही उपयोग कार्यपत्रक में करना हैं |
नमस्कार आदरणीय शिक्षक बंधुओ ! यहाँ आपके इस समय सारणी में विस्तृत जानकारी दी गयी हैं | यह जानकारी शिक्षको के पूर्ववर्ती अनुभवो और कार्यो के आधार पर तैयार किया गया हैं |
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