समय
अनमोल है समय की कीमत नमक
का स्वाद भगवान भरोसे भगवान का अस्तित्व
INTERESTED INCEDENTS
K. L. SEN MERTA
भगवान का अस्तित्व
एक बार एक व्यक्ति नाई की दुकान पर अपने बाल
कटवाने गया| नाई और उस व्यक्ति के बीच में ऐसे ही बातें शुरू हो गई और वे लोग
बातें करते-करते “भगवान” के विषय पर बातें करने लगे|
तभी नाई ने कहा – “मैं भगवान (Bhagwan) के
अस्तित्व को नहीं मानता और इसीलिए तुम मुझे नास्तिक भी कह सकते हो”
“तुम ऐसा क्यों कह रहे हो” व्यक्ति ने
पूछा|
नाई ने कहा – “बाहर जब तुम सड़क पर जाओगे
तो तुम समझ जाओगे कि भगवान का अस्तित्व नहीं है| अगर भगवान (Bhagwan) होते, तो
क्या इतने सारे लोग भूखे मरते? क्या इतने सारे लोग बीमार होते? क्या दुनिया में
इतनी हिंसा होती? क्या कष्ट या पीड़ा होती? मैं ऐसे निर्दयी ईश्वर की कल्पना नहीं
कर सकता जो इन सब की अनुमति दे”
व्यक्ति ने थोड़ा सोचा लेकिन वह वाद-विवाद नहीं
करना चाहता था इसलिए चुप रहा और नाई की बातें सुनता रहा|
नाई ने अपना काम खत्म किया और वह व्यक्ति नाई को
पैसे देकर दुकान से बाहर आ गया| वह जैसे ही नाई की दुकान से निकला, उसने सड़क पर
एक लम्बे-घने बालों वाले एक व्यक्ति को देखा जिसकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी और ऐसा
लगता था शायद उसने कई महीनों तक अपने बाल नहीं कटवाए थे|
वह व्यक्ति वापस मुड़कर नाई की दुकान में दुबारा
घुसा और उसने नाई से कहा – “क्या तुम्हें पता है? नाइयों का अस्तित्व नहीं होता”
नाई ने कहा – “तुम कैसी बेकार बातें कर रहे हो?
क्या तुम्हे मैं दिखाई नहीं दे रहा? मैं यहाँ हूँ और मैं एक नाई हूँ| और मैंने अभी
अभी तुम्हारे बाल काटे है|”
व्यक्ति ने कहा – “नहीं ! नाई नहीं होते
हैं| अगर होते तो क्या बाहर उस व्यक्ति के जैसे कोई भी लम्बे बाल व बढ़ी हुई दाढ़ी
वाला होता?”
नाई ने कहा – “अगर वह व्यक्ति किसी नाई के
पास बाल कटवाने जाएगा ही नहीं तो नाई कैसे उसके बाल काटेगा?”
व्यक्ति ने कहा – “तुम बिल्कुल सही कह रहे
हो, यही बात है| भगवान भी होते है लेकिन कुछ लोग भगवान पर विश्वास ही नहीं करते तो
भगवान उनकी मदद कैसे करेंगे|”
Moral of Hindi Story
<
p style=”line-height: 150%; margin-bottom: .0001pt; margin-bottom: 0in; mso-outline-level: 3;”>विश्वास ही सत्य है| अगर भगवान पर विश्वास करते है तो हमें हर पल
उनकी अनुभूति होती है और अगर हम विश्वास नहीं करते तो हमारे लिए उनका कोई अस्तित्व
नहीं|
व्यक्ति के जीवन मे अगर शील यानी चरित्र ना हो तो उनके जीवन के अन्य सभी सद्गुण निरर्थक
है। हमारी संस्कृति में बल, बुद्धि, विद्या,धन और शील यह पांच सद्गुणों का बहुत बड़ा
महत्व है। लेकिन इन पांचो सद्गुणों में शील यानी चरित्र सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। अगर
अच्छा चरित्र नहीं है तो बल, बुद्धि और विद्या का कोई अर्थ नहीं रहता। किसी ने ठीक
ही कहा है-
“when wealth is lost nothing is lost, when
health is lost something is lost but when character is lost everything is lost”
भगवान
भरोसे
एक गाँव में एक साधू रहते
थे जो दिन रात कड़ी तपस्या करते थे और उनका भगवान पर अटूट विश्वास था|
एक बार गाँव में भयंकर तेज
बारिश हुई| बढ़ते हुए पानी को देखकर गाँव वाले सुरक्षित स्थान पर जाने लगे|
लोगों ने उस साधू को सुरक्षित
स्थान पर चलने को कहा, लेकिन साधू ने यह कहकर मना कर दिया कि – तुम लोग जाओ मुझे मेरे
भगवान पर पूरा भरोसा है, वे मुझे बचाने जरूर आएँगे|
धीरे धीरे पूरा गाँव पानी
से लबालब हो गया और पानी साधू के घुटनों तक आने लगा तभी वहां पर एक गाड़ी आई और उसमें
सवार व्यक्ति ने साधू को गाड़ी में आने के लिए कहा लेकिन साधू ने फिर यह कहकर मना कर
दिया – मुझे तुम्हारी कोई आवश्यकता नहीं, मुझे मेरा भगवान जरूर बचाने आएगा|
गाड़ी वाला वहां से चला गया
| पानी बढ़ने लगा और साधू भगवान को याद करने लगा तभी वहां पर एक नांव आई|
बचावकर्मी ने कहा – जल्दी
से आइये मुनिवर, मैं आपको सुरक्षित स्थान पर छोड़ देता हूँ| साधू ने कहा – मेरे भगवान
मुझे बचाने जरूर आयेंगे, तुम यहाँ से चले जाओ| बचावकर्मी ने कहा – गुरुवर मुझे अन्य
लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना है, आप समय बर्बाद मत कीजिए, जल्दी आइये| लेकिन
साधू ने अपनी जिद नहीं छोड़ी | आख़िरकार वह नांव वाला अन्य लोगों को बचाने के लिए वहां
से चला गया|
कुछ ही देर बाद साधू
बाढ़ में बह गए और उनकी मृत्यु हो गयी | मरने के बाद साधू जब स्वर्ग पहुंचे तो उन्होंने
भगवान से कहा – “हे भगवान मैंने कई वर्षों तक कड़ी तपस्या की और आप पर इतना विश्वास
किया लेकिन आप मुझे बचाने नहीं आये|
भगवान ने कहा – मैंने तुम्हे
बचाने एक बार नहीं बल्कि तीन बार प्रयत्न किया| तुम्हे क्या लगता है – तुम्हारे पास
लोगों को, गाड़ी को और नावं को किसने भेजा था?
Moral of Story
1. भगवान उसी की मदद करता है जो अपनी मदद खुद करता
है|
<
p style=”-webkit-tap-highlight-color: transparent; box-sizing: border-box; line-height: 150%; margin-bottom: .0001pt; margin-bottom: 0in; margin: 1.25rem;”>2. असफलता केवल दो तरह की होती है – पहली असफलता
अवसर को न पहचानना हैं और दूसरी असफलता अवसर को पहचानने के बाद भी प्रयास न करना है|
नमक का
स्वाद
एक बार एक परेशान और निराश व्यक्ति अपने गुरु के
पास पहुंचा और बोला – “गुरूजी मैं जिंदगी से बहुत परेशान हूँ| मेरी जिंदगी में परेशानियों
और तनाव के सिवाय कुछ भी नहीं है| कृपया मुझे सही राह दिखाइये|”
गुरु ने एक गिलास में पानी भरा और उसमें मुट्ठी भर
नमक डाल दिया| फिर गुरु ने उस व्यक्ति से पानी पीने को कहा|
उस व्यक्ति ने ऐसा ही किया|
गुरु :- इस पानी का स्वाद कैसा है ??
“बहुत ही ख़राब है” उस ब्यक्ति ने कहा|
फिर गुरु उस व्यक्ति को पास के तालाब के पास ले गए|
गुरु ने उस तालाब में भी मुठ्ठी भर नमक डाल दिया फिर उस व्यक्ति से कहा – इस
तालाब का पानी पीकर बताओ की कैसा है|
उस व्यक्ति ने तालाब का पानी पिया और बोला – गुरूजी
यह तो बहुत ही मीठा है|
गुरु ने कहा – “बेटा जीवन के दुःख भी इस मुठ्ठी भर
नमक के समान ही है| जीवन में दुखों की मात्रा वही रहती है – न ज्यादा न कम| लेकिन यह
हम पर निर्भर करता है कि हम दुखों का कितना स्वाद लेते है| यह हम पर निर्भर करता है
कि हम अपनी सोच एंव ज्ञान को गिलास की तरह सीमित रखकर रोज खारा पानी पीते है या फिर
तालाब की तरह बनकर मीठा पानी पीते है|”
Moral of The Story
“एक मुट्ठी भर नमक, एक गिलास में भरे मीठे पानी
को खारा बना सकता है लेकिन वही मुट्ठी भर नमक अगर तालाब या झील में डाल दिया जाए
तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा| इसी तरह अगर हमारे भीतर सकारात्मक उर्जा का स्तर ऊँचा है
तो छोटी-छोटी परेशानियों एंव समस्याओं से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा|”
Be A Lake, Not
A Glass
- Value of Time
समय की कीमत
कल्पना
कीजिए कि आपके पास एक बैंक अकाउंट है (Bank Account) और हर रोज सुबह उस बैंक अकाउंट
में 86,400 रूपये जमा हो जाते है, जिसे आप उपयोग में ले सकते है| आप रूपयों को बैंक
अकाउंट (Bank Account) से निकाल कर अपनी तिजोरी में जमा करके नहीं रख सकते| इस बैंक
अकाउंट में कैरी फोरवर्ड (Carry Forward) का सिस्टम नहीं है यानि कि जिन रूपयों को
आप उपयोग में नहीं ले पाते, वह रूपये शाम को वापस ले लिए जाते है और आपका अब उन पर
कोई अधिकार नहीं रहता|
यह बैंक
अकाउंट कभी भी बंद हो सकता है| हो सकता है कि कल ही यह बैंक अकाउंट (Bank Account)
बंद हो जाए या फिर 2 वर्ष बाद या फिर 50 वर्ष बाद| लेकिन इतना तो निश्चित है कि यह
बैंक अकाउंट एक दिन जरूर बंद होगा|
ऐसी परिस्थिति
में आप क्या करेंगे????
जाहिर है
आप पूरे के पूरे 86,400 रूपयों का उपयोग कर लेंगे और इन 86,400 रूपयों का उपयोग अच्छे
कार्यों के लिए करेंगे क्योंकि यह बैंक अकाउंट (Bank Account) कभी भी बंद हो सकता है|
समय अनमोल है: Time is Precious
क्या आप
जानते है कि ऐसा ही एक बैंक अकाउंट हमारे पास होता है जिसका नाम है “जिंदगी (Life)”
और इस “जीवन” रुपी बैंक अकाउंट में प्रतिदिन 86,400 सेकंड्स (Seconds) जमा होते है
जिनका उपयोग कैसे करना है यह हम पर निर्भर करता है| हम चाहें तो इन 86,400 सेकंड्स
का उपयोग बेहतरीन कार्यों के लिए कर सकते है और अगर ऐसा नहीं करते तो यह व्यर्थ हो
जाएंगे| यह जीवन रुपी बैंक अकाउंट कभी भी बंद हो सकता है इसलिए देर मत कीजिए आपके जीवन
का हर पल अमूल्य है इसलिए समय का सदुपयोग कीजिए|
अगर किसी
को भी ऐसा बैंक अकाउंट दे दिया जाए जिसमें रोज 86,400 रूपये जमा हो तो वह व्यक्ति बहुत
खुश हो जाएगा और एक रूपया भी व्यर्थ नहीं गवाएंगा | क्या हमारे जीवन के एक सेकंड की
कीमत एक रूपये से भी कम है| हम कैसे अपने जीवन की सबसे अनमोल सम्पति को ऐसे ही व्यर्थ
गँवा सकते है|
खोया हुआ
धन फिर कमाया जा सकता है, लेकिन खोया हुआ समय वापस नहीं आता| उसके लिए केवल पश्चाताप
ही शेष रह जाता है। हर एक दिन को व्यर्थ गंवाना आत्महत्या करने के समान है| बिना समय
प्रबंधन के आज तक कोई भी सफल नहीं हुआ|
कबीर दास
जी का यह छोटा सा दोहा, जीवन का सबसे बड़ा मंत्र बता देता है-
काल
करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होयेगी, बहुरी करेगा कब।।
<
p style=”-webkit-tap-highlight-color: transparent; box-sizing: border-box; margin: 1.25rem;”> बीते
हुए कल को भूल जाइए, उसका आज कोई वजूद नहीं| आज आपका है, आज एक नयी शुरुआत कीजिए|
“जो
व्यक्ति अपने समय को नष्ट कर देते है, समय उन्हें नष्ट कर देता है।’’
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