अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया

अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया

Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया

Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया : नमस्कार। शिक्षक बंधुओं, इस आर्टिकल में हम आपके लिए विद्यालय या अपने किसी भी कार्यालय में नकारा सामग्री जो आपके विद्यालय या कार्यालय की आवश्यक जगह को रूद्ध रही हैं या रोक रही है उसका निस्तारण करके आप अपने विद्यालय या कार्यालय में जगह खाली करा सकते हैं और उसका एक सदुपयोग आप कर सकते हैं।

यहाँ हमारे अनुभवी जानकार श्री के एल सेन के द्वारा नकारा सामग्री का निस्तारण किस प्रकार किया जाना चाहिए और कौन कौन से प्रपत्र या फॉर्मेट आपको संधारण करने होते है, इन सब के बारे में जानकारी हम आप तक साझा कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं नकारा सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया को…..

Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया

Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया

Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया :-

  1. एस. आर. 05 तैयार करना (GF&AR Vol.I PART – II Rule 17 (1))
    • एस.आर. 5 में नकारा/ अनुपयोगी सामान की सूची तैयार की जाएगी।
    • एस. आर. 5 पर कार्यालयाध्यक्ष, पुस्तकालय प्रभारी / भण्डार प्रभारी के हस्ताक्षर होंगे।
    • यदि कोई प्रयोगशाला का सामान हो, ऐसी स्थिति में प्रयोगशाला प्रभारी के हस्ताक्षर होंगे। (Click here to download SR 5 )
  2. सामान को अनुपयोगी घोषित करने से पूर्व संबंधित अधिकारी उस वस्तु के उपयोग की न्यूनतम अवधि को ध्यान में रखेंगे। (जी.एफ.एण्ड ए.आर. के भाग।।) (भण्डार की वस्तुओं की न्यूनतम उपयोग की अवधि देखने के लिये यहां क्लिक करें)
  3. अनुपयोगी/अप्रचलित वस्तुओं का निरीक्षण एक समिति द्वारा किया जाएगा जिसमें वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी तथा सहायक लेखाधिकारी/लेखाकार/कनिष्ठ लेखाकार यथास्थिति होंगे। Process of disposal of unusable materials
  4. निरीक्षण / सर्वेक्षण समिति का गठन (GF&AR Vol.I PART-II Rule 18)
    • A. रू 10लाख से कम पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति–
      • वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी
      • AO/AAO-I/AAO-II/Jr.Accountant
      • विशेषज्ञ ( सामान की प्रकृति अनुसार )
    • B. रू 10 लाख एवं अधिक पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति-
      • वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी
      • F.A./C.A.O./Sr.AO/AO/AAO-I
      • विशेषज्ञ (सामान की प्रकृति अनुसार )
      • नोटः-
        • 1 मूल्यवान मशीनरी / उपकरण के निस्तारण हेतु विशेषज्ञ अथवा अधिकृत विक्रेता से रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है।
        • कम्प्यूटर से संबंधित सामग्री की स्थिति में IT Policy 2015 के प्रावधानों की पालना करना आवश्यक होगा।
          एस. आर. 5 में अंकित सामान के निरीक्षण उपरान्त उक्त समिति अपनी रिपोर्ट एस. आर. 6 में प्रस्तुत करेगी ।
  5. अनुपयोगी सामान की सर्वे रिपोर्ट प्रारूप एस.आर. 6 में तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट पर समिति के सदस्य तथा सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर होंगे। (Download SR-6)
  6. आरक्षित मूल्य का निर्धारण GF&AR Vol.I PART-II Rule 21 (iv) : आईटम की किस्म यथा अखबार, पुस्तकें, लोहे का सामान, पीतल का सामान इत्यादि के अनुसार आरक्षित मूल्य का निर्धारण किया जाएगा।
  7. 5 लाख या इससे अधिक मूल्य की वस्तुओं के मामलों में निरीक्षण के लिए बनी समिति में वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी, वित्तीय सलाहकार/लेखाधिकारी एवं तकनीकी अधिकारी, जिसे वस्तुओं का ज्ञान हो, होंगे।
  8. पुराने टाइपराईटर का निस्तारण राजकीय मुद्राणालय जयपुर द्वारा किया जायेगा। Process of disposal of unusable materials
  9. नीलामी कमेटियों का गठन जी.एफ. एण्ड ए. आर. के भाग ।। के आर.एन.(1) में दिया गया है। आरक्षित मूल्य वस्तुओं का निरीक्षण करने वाली समिति द्वारा निश्चित किया जाएगा।
  10. नीलामी में भाग लेने वाली फर्मों से बयाना राशि 2 प्रतिशत न्यूनतम 500/अधिकतम 50000/- ली जाए जिसका निर्धारण नीलामी कमेटी द्वारा किया जाएगा।
  11. अनुपयोगी घोषित करने का आदेश जारी करना (GF&AR Vol.I PART-II Rule 17) : सामान को अनुपयोगी घोषित करने हेतु अनुलग्नक ‘ख’ में उल्लेखित सामान की न्यूनतम उपयोगिता अवधि एवं सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम (खण्ड-1) भाग- II में उल्लेखित वित्तीय शक्तियों के प्रत्यायोजन के आईटम संख्या – 11 में प्रदत्त शक्तियों को ध्यान में रखना है।
  12. व्ययन समिति का गठन (GF&AR Vol.I PART-II Rule 22)
    • (A) रू 2 लाख तक के पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति-
      • कार्यालयाध्यक्ष
      • AAOI/AAO-II/Jr. Accountant
      • कोषाधिकारी का प्रतिनिधि – AAO-I/AAO-II/Jr. Accountant
    • (B) रू 2 लाख से अधिक एवं 10 लाख से कम तक के पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति—
      • कार्यालयाध्यक्ष
      • AO/AAO-I/AAO-II/Jr. Accountant
      • कोषाधिकारी का प्रतिनिधि – AO / AAOI/AAO-II/Jr. Accountant
    • (C) रू 10 लाख एवं अधिक पुस्तक मूल्य की सामग्री हेतु समिति-
      • विभागाध्यक्ष अथवा विभागाध्यक्ष द्वारा नामित वरिष्ठतम अधिकारी
      • कार्यालयाध्यक्ष
      • विभाग के वरिष्ठतम लेखाधिकारी का प्रतिनिधि जो किAAO – II से कम पदधिकारी ना हो। पुस्तक मूल्य रू 15 लाख से अधिक होने पर – AAO-II
    • (D) रद्दी कागज हेतु –
      • कार्यालयाध्यक्ष
      • AAO-I/AAO-II/Jr.Accountant
    • मोटर यान एवं भारी मशीनें और उपकरणों के लिए-
      • नियंत्रक, राज्य मोटर गैराज विभाग, राजस्थान, जयपुर – चेयरमैन
      • वित्तीय सलाहकार / मुख्य लेखाधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थापित (सम्बन्धित प्रशासनिक विभाग द्वारा नामित ) – सदस्य
      • मोटर गैराज विभाग का लेखा संवर्ग का वरिष्ठतम अधिकारी- सदस्य
      • स्टोर इंचार्ज (तकनीकी अधिकारी) राज्य मोटर गैराज विभाग – सदस्य
        सचिव
    • जब एक मोटर वाहन अनुपयोगी घोषित कर दिए जाए और इन्हें मोटर गैराज, जयपुर में लाना साध्य / मितव्ययी नहीं है, इन्हें निम्नलिखित गठित समिति द्वारा सम्बन्धित जिले में नीलाम किया जाएगा-

Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया

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  1. रुपये 50,000 तक का अनुपयोगी सामान होने पर स्थानीय अनुपयोगी सामान के व्यवसायियों (कबाड़ी) को पत्रों द्वारा सूचित कर दिया जाए तथा 7 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। प्रतिलिपि नोटिस बोर्ड पर लगाए।
    • प्रचार कहा करना हैं –
  2. रुपये 50,000 से 2.50 लाख तक का अनुपयोगी सामान होने पर स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जावे तथा 10 दिन की नोटिस अवधि दी जाए।
    • प्रचार कहा करना हैं –
  3. रुपये 2.50 लाख से 10 लाख तक के अनुपयोगी सामान के लिए अखिल भारतीय स्तर के समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जाए तथा 15 दिन की नोटिस अवधि दी जाए।
    • प्रचार कहा करना हैं –
  4. 10 लाख से अधिक पर 20 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। Process of disposal of unusable materials
    • प्रचार कहा करना हैं –
  5. ऐसे यानों का व्ययन, जिनके सुसंगत दस्तावेज नहीं है या जिनका रजिस्ट्रीकरण नहीं हो सका था, यानों के चेसिस / इंजन इत्यादि का सुसंगत दस्तावेज रखने के पश्चात् पुराने लोहे (स्क्रेप) के रूप में नीलाम की अनुमति दी जा सकेगी।
  6. अधिकतम बोलीदाता जिसके नाम बोली छोडी जाती है, से 25 प्रतिशत राशि उसी समय तथा शेष माल सुपुर्दगी के समय ली जाएगी।
  7. माल उठाने के लिए 3 से 7 दिन का समय दिया जाएगा। Process of disposal of unusable materials
  8. अन्य बोलीदाता की धरोहर राशि उसी दिन लौटा दी जाएगी। Process of disposal of unusable materials
  9. नीलामी की राशि पर प्रचलित दरों पर वेट की राशि भी ली जाएगी।
  10. निर्धारित अवधि में माल नहीं उठाने पर 25 प्रतिशत जमा राशि जब्त कर ली जाए।
  11. नीलामी से प्राप्त राशि अगले दिन राजकोष में आमद मद में वेट की राशि सेल टेक्स के हेड में जमा करवाई जाए।
  12. वाहनों को अनुपयोगी करने की शक्तियाँ (जी.एफ. एण्ड ए. आर. के भाग ।। परिशिष्ठ ’बी’) में दी गई है।
  13. नीलामी के पश्चात् विक्रय लेखा प्रारूप एस. आर.-7 में तैयार किया जाता है। (Download SR-7)

बयाना / अमानत राशि (GF&AR Vol.I PART-II Rule 24) : पुस्तक मूल्य का 2 प्रतिशत, न्यूनतम 500 /- अधिकतम 50,000/-

विक्रय लेखा एस. आर. 7 (GF&AR Vol.I PART-II Rule 23) एस. आर. 07 नीलामी के दिन तैयार किया जाएगा। इस पर व्ययन समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर होगें । कोषाधिकारी / उपकोषाधिकारी के प्रतिनिधि के अभाव में नीलामी का कार्य सम्पन्न नहीं किया जाएगा।

जी.एस.टी. सफल बोलीदाता द्वारा जमा करवाया जाएगा।

निरीक्षण/सर्वेक्षण समिति एवं व्ययन समिति में सदस्य संख्या में वृद्धि भी की जा सकती है।

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व्यय (डिस्पोजल)/विक्रय/नीलामी के लिए समिति

Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया के नियम 22, व्यय हेतु समिति में निम्नलिखित होंगे-

रद्दी कागज (वेस्ट पेपर) के अलावा अन्य वस्तुओं के लिए

  • (क) 5 लाख रुपये एवं इससे अधिक के मूल्य के सामानों के लिए।
  • (ख) 1 लाख रुपये एवं इससे अधिक किन्तु 5 लाख से कम मूल्य के सामानों के लिए
  • (ग) 30,000 रुपये से अधिक किन्तु 1 लाख से कम मूल्य के सामानों के लिए

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  • (घ) 30,000 रुपये तक के मूल्य के सामानों के लिए-

Process of disposal of unusable materials रद्दी कागज के लिए

  • (क) 30,000 रुपये से अधिक मूल्य के रद्दी कागजों के लिए-
    • (1) उप विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी जो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा, सदस्य सचिव।
    • (2) संबंधित कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य।
    • (3) विभाग का वरिष्ठ लेखाधिकारी/लेखा अधिकारी/ सहायक लेखा अधिकारी सदस्य।
  • (ख) 10,000 रुपये से अधिक किन्तु 30,000 रुपये तक मूल्य के रद्दी कागजों के लिए-
    • (1) क्षेत्रीय अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष सदस्य सचिव।
    • (2) उनके विभाग का लेखाधिकारी/सहायक लेखा अधिकारी/लेखाकार सदस्य।
    • (3) कोई भी राजपत्रित अधिकारी जो क्षेत्रीय अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष द्वारा नामित किया गया हो, सदस्य।
  • (ग) 10,000 रुपये मूल्य तक के रद्दी कागजों के लिए-

नोट :– प्रतिवर्ष वित्त विभाग द्वारा उक्त सीमा में शिथिलीकरण किया जाता है। उस सीमा के अध्यधीन नीलामी की कार्यवाही की जाएगी। Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया


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अनुपयोगी-सामानों-की-नीलामी-प्रपत्र

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HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT

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HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT पेज पर आप सभी शिक्षक बंधुआ मंत्रालयिक कर्मचारी साथियों का हर देगी असीम गहराई से स्वागत और अभिनंदन है इस आर्टिकल के तहत हमारी टीम ने प्रधानाचार्य से हंसराज जी जोशी के द्वारा तैयार विभिन्न एक्सेल प्रोग्राम को यहाँ पर आपकी सुविधा के लिए HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT पेज पर अपलोड किया है हमारा उद्देश्य अपने कार्यों में सरलता लाने और आपको सुगमता प्रदान करने के उद्देश्य से ये पेज बनाया गया है आपसे उम्मीद है कि आप इस पेज को ज्यादा से ज्यादा साथियों तक साझा करेंगे शेयर करेंगे

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श्री हंसराज जोशी

प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजपुरा तह. पिपेरण जिला- श्री गंगानगर


Email Add.- joshihansraj72@gmail.com

HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT

मित्रों, साथियों मुझे उम्मीद है कि मेरे द्वारा बनाए गए ये (HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT) एक्सल प्रोग्राम आपको बहुत ज्यादा पसंद आएँगे और आप इनका सदुपयोग कर पाएंगे| मैंने आपके लिए ये एक्सल प्रोग्राम आपके लिए निशुल्क तैयार किये हैं जो आपको shalasugam.com पर उपलब्ध होंगे| मुझे उम्मीद है कि आप इन एक्सेल प्रोग्राम को हर एक विद्यालय के कार्यालयों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत रहेंगे

: आपका मित्र हंसराज जोशी, प्रधानाचार्य

Hansraj Joshi Program Latest

यहाँ नीचे आप के लिए मेरे द्वारा विकसित किए गए लेटेस्ट एक्शन प्रोग्राम HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT शेयर किए जा रहे हैं जिन्हें आप 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं-

  1. Income Tax Form10E Excel utility FY 2024-25 Dt. 24-02-2025 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  2. INCOME TAX ASSESMENT FY 2024-25 EXCEL UTILITY Dt. 07-11-2024 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  3. SNA – Sanchalan Portal Excel Utility Dt. 10-10-2024 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  4. ALL-IN-ONE Budget Estimate Program EXCEL Utility Update Dt. 22-08-2024 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  5. वेतन वृद्धि 2024 एक्सेल सॉफ्टवेयर जीए 92 सहित Dt. 04-07-2024 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  6. INCOME TAX ASSESMENT FY 2023-24 With DDO Monitoring EXCEL Sheet Dt. 14-11-2023 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  7. INCOME TAX ASSESMENT FY 2023-24 EXCEL UTILITY Dt. 04-11-2023 (New Tax regime u/s 115BAC(1A) के अनुसार Marginal Relief benefit के साथ) 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  8. INCOME TAX ASSESMENT FY 2023-24 EXCEL UTILITY Dt. 01-11-2023 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  9. ALL-IN-ONE Budget Estimate Program EXCEL Utility Update Dt. 22-08-2023 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  10. All in One Fixation with Arrear Calculation Excel Utility Dt. 12-02-2023 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  11. TRANSPORT VOUCHER AUTOREADY EXCEL UTILITY Dt. 23-01-2023 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  12. SNA – Sanchalan Portal Budget Control Excel Utility Dt. 15-01-2023 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  13. INCOME-TAX-ASSESSMENT-EXCEL-UTILITY-FY-2022-23-By-Hans-Raj-Joshi-Dt.-07-10-2022 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  14. ALL-IN-ONE Budget Estimate Program EXCEL Utility Update Dt. 01-09-2022 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ

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Student Related Hansraj Joshi Program

यहाँ नीचे आप के लिए मेरे द्वारा विकसित किए गए विद्यार्थियों के लिए एक्शल प्रोग्राम HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT शेयर किए जा रहे हैं जिन्हें आप 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं-

  1. SMILE 3.O Teachers Calling and Quiz Register Excel Sheet Dt. 18-07-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  2. 10th बोर्ड परीक्षा अंक गणना एक्सेल सॉफ्टवेयर Dt. 7 July 2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  3. Class 8th Board Exam 2018 marks finder from TR excel utility Dt. 04-07-01 (Comfortable in For PC/Laptop) 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  4. Class 8th Board Exam 2019 marks finder from TR excel utility Dt. 04-07-01 (Comfortable in For PC/Laptop) 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  5. 10th बोर्ड परीक्षा अंक गणना एक्सेल सॉफ्टवेयर Dt. 03-07-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  6. 12th बोर्ड परीक्षा अंक गणना एक्सेल सॉफ्टवेयर Dt. 03-07-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  7. TRANSPORT VOUCHER 2020-21 AUTOREADY EXCEL UTILITY Dt. 20-02-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  8. स्माइल 2.0 SMILE 2.0 Monitoring Excel Utility Update 02-01-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  9. Transport Voucher Excel Sheet for PC Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  10. Transport Voucher Excel Sheet for Mobile Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ

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Office / School Related Program

यहाँ नीचे आप के लिए मेरे द्वारा विकसित किए गए कार्यालय / विद्यालय के लिए एक्शल प्रोग्राम HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT शेयर किए जा रहे हैं जिन्हें आप 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं-

  1. Bonus Excel Utility FY 2020-21 Dt. 27-10-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  2. ALL-IN-ONE Budget Estimate Program EXCEL Utility Dt. 12-09-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  3. MDM DISTRIBUTION (July 21 to Aug 21) EXCEL UTILITY BY HR JOSHI Dt. 12-09-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  4. MDM DISTRIBUTION (Apr 21 to Jun 21) EXCEL UTILITY BY HR JOSHI Dt. 12-09-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  5. Budget Estimate for FY 2022-23 Excel Software Update Dt 12-09-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  6. Transport Voucher Excel Fully Automatic Software for Session 2021-22 Dt. 02-09-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  7. Budget Estimate for FY 2022-23 Excel Software Update Dt 29-08-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  8. SMSA GRANT (CSG/CRC) AMOUNT ADJUSTMENT EXCEL UTILITY 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  9. MDM DISTRIBUTION (JAN-21 to MAR-21) EXCEL UTILITY BY HR JOSHI 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  10. MDM DISTRIBUTION (NOVEMBER & DECEMBER 2020) EXCEL UTILITY Dt. 19-01-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  11. MDM DISTRIUBUTION (SEPTEMBER & OCTOBER 2020) EXCEL UTILITY Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ

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Employee Related Hansraj Joshi Program

यहाँ नीचे आप के लिए मेरे द्वारा विकसित किए गए कमर्चारियों के लिए एक्शल प्रोग्राम HANSRAJ JOSHI EXCEL PROGRAM EXPERT शेयर किए जा रहे हैं जिन्हें आप 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं-

  1. INCOME TAX ASSESMENT FY 2021-22 EXCEL UTILITY For Medical Doctors Update Dt. 31-12-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  2. INCOME TAX ASSESMENT FY 2021-22 EXCEL UTILITY Update Dt. 26-12-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  3. GPF ACCOUNT INTEREST CALCULATOR AND LEDGER EXCEL UTILITY Dt. 01-08-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  4. INCOME TAX ASSESMENT FY 2021-22 EXCEL UTILITY Update 29-07-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  5. समर्पित अवकाश स्वीकृति कार्यालय आदेश प्रपत्र Software Dt. 29-05-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  6. अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन पत्र एक्सेल सॉफ्टवेयर Dt. 27.05.2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  7. GA79 Excel Program for State Insurance First Declaration 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  8. INCOME TAX ASSESMENT FY 2021 EXCEL UTILITY for Medical Dr. (UPDATED 05-03-2021)BY HR JOSHI 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  9. NEW INCOME TAX ASSESMENT FY 2021 EXCEL UTILITY (UPDATED 27-02-2021)BY HR JOSHI UPDATED : OPTION PROVIDE FOR MARCH 2020 DEFERRED PAY CALCULATION IN ASSESMENT 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  10. INCOME TAX ASSESMENT FY 2021 EXCEL UTILITY UPDATED 27-02-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  11. NEW INCOME TAX ASSESMENT EXCEL UTILITY UPDATED 20-02-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  12. उपार्जित अवकाश लेखा – PL Account Check AUTO EXCEL UTILITY Dt. 07-02-2021 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  13. 3-IN-1 PAY FIXATION AND ARREAR EXCEL UTILITY 2020 Update 02-01-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  14. INCOME TAX ASSESMENT FY 2020-21 EXCEL UTILITY Update 02-01-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  15. INCOME TAX ASSESMENT FY 2020-21 EXCEL UTILITY Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  16. ACP Fixation Excel Utility Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  17. Bonus Excel Utility Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  18. HRA Sanction Excel Utility Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  19. PL Earn Sanction office order under RSR-92B Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ
  20. PL Leave Account Check Utility Dt. 08-12-2020 𝐂𝐥𝐢𝐜𝐤 𝐇𝐞𝐫𝐞 ʕʘ̅͜ʘ̅ʔ

श्री उम्मेद तरड़ द्वारा विकसित एक्सल प्रोग्राम

श्री चन्द्र प्रकाश कुर्मी द्वारा विकसित एक्सल प्रोग्राम

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Diksha Online Training modules Direct Link : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षकों को प्रतिवर्ष 50 घंटे का कंटीन्यूअस प्रोफेशनल डेवलपमेंट करना अनिवार्य है| इसी के तहत CIET, एनसीईआरटी नई दिल्ली के द्वारा दीक्षा एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में जारी किए गए हैं NISHTHA ECCE के 8 कोर्स प्रत्येक शिक्षक द्वारा किए जाने अनिवार्य है, इन्हें ज्वाइन करने का डाइरेक्ट लिंक नीचे👇👇 उपलब्ध है| DIKSHA Training 2025 के अंतर्गत Diksha Online Training modules Direct Link के समस्त प्रशिक्षणों के डायरेक्ट लिंक यहाँ आपकी सहायता के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं |

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  • शत-प्रतिशत पूर्ण होने पर पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा
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—Pngtree—cute grandfather as a teacher 15093656 1
  • Module – 1 : कक्षा में अनुकूल वातावरण के लिए सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षा 2025
  • Module – 2 : डिजिटल शिक्षण
  • Module – 3 : समावेशी शिक्षा
  • Module – 4 : बहुकक्षीय -बहुस्तरीय शिक्षण
  • Module – 5 : कक्षा-कक्ष प्रबंधन
  • Module – 6 : विद्यार्थी आकलन तकनीक
  • Module – 7 : हिंदी भाषा शिक्षण
  • Module – 8 : English Language teaching

Diksha Online Training modules Direct Link कोर्स कैसे शुरू करें ?

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1️⃣Module – 1 : कक्षा में अनुकूल वातावरण के लिए सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षा 2025 :👇

इस मॉड्यूल में कक्षा में सकारात्मक और समावेशी वातावरण विकसित करने की तकनीकों पर चर्चा की गई है। 👈💥



डिजिटल टूल्स और तकनीकों का उपयोग करके शिक्षण को अधिक रोचक और प्रभावी बनाने की प्रक्रिया 👈💥

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में विभिन्न क्षमताओं वाले छात्रों को समान अवसर देने की रणनीतियों पर चर्चा की गई है। 👈💥

में विभिन्न स्तरों के छात्रों को एक साथ शिक्षित करने के तरीकों पर चर्चा की गई है। 👈💥


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शिक्षकों के लिए कक्षा के अनुशासन और प्रबंधन की प्रभावी रणनीतियाँ। 👈💥

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इस मॉड्यूल में छात्रों के मूल्यांकन के आधुनिक तरीकों और तकनीकों को समझाया गया है। 👈💥

हिंदी भाषा के प्रभावी शिक्षण के लिए व्याकरण, शब्दावली और पठन कौशल पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 👈💥

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इस मॉड्यूल में अंग्रेज़ी भाषा सिखाने के आधुनिक तरीकों पर चर्चा की गई है। 👈💥

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मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas

मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas

मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas

मातृ पितृ पूजा दिवस (Matri Pitri Pujan Diwas) भारत देश त्योहारों का देश है भारत में गणेश उत्सव, होली, दिवाली, दशहरा, जन्माष्टमी, नवदुर्गा त्योहार मनाये जाते हैं। कुछ वर्षों पूर्व मातृ पितृ पूजा दिवस प्रकाश में आया। आज यह 14 फरवरी को देश विदेश में मनाया जाता है। राजस्थान में भजन लाल सरकार द्वारा प्रदेश भर में आधिकारिक रूप से मनाया जाता है।

मित्रों, इस आर्टिकल में हम आपके लिए आपके विद्यालय में मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas का आयोजन किस प्रकार करना है, इसकी क्या रूपरेखा बनेगी और संपूर्ण कार्यविधि क्या रहेगी? किस प्रकार आपके तिलक वगैरह लगाना है, माता पिताओं का स्वागत करना है और बच्चे किस प्रकार अपने माता पिता की आवभगत करेंगे, उनका स्वागत करेंगे, उनका पूजन कैसे करेंगे? यह संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में लिखने का हमने प्रयास किया है। उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा। तो चलिए शुरू करते हैं…….

विद्यालयों में ‘मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम’ (Matri Pitri Pujan Diwas) आयोजन से संबंधित निर्देश

  • शहर के सुप्रसिद्ध, बड़े-बड़े विद्यालयों में मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम अवश्य हो, इसका पूरा प्रयास करें।
  • जिन विद्यालयों में ‘दिव्य प्रेरणा प्रकाश प्रतियोगिता’ हुई, उन सभीमें यह कार्यक्रम अवश्य मनायें ।
  • विद्यालयों की संख्या आयोजकों की संख्या से अधिक होने पर यह आयोजन 14 फरवरी से कुछ दिन पूर्व भी शुरू किया जा सकता है। बड़े एवं सुप्रसिद्ध विद्यालयों में कार्यक्रम १४ फरवरी को न हो पाये तो उसके पूर्व या दूसरे दिन भी कार्यक्रम कर सकते हैं।
  • जो साधक संलग्न विधि अनुसार भली प्रकार कार्यक्रम कराने में सक्षम हो, उसे पूजन विधि कराने का दायित्व दें। ऐसी क्षमतावाले एक से अधिक साधक हों तो उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों हेतु नियुक्त करें। विस्तृत पूजन विधि नीचे संलग्न है ।
  • मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas के कार्यक्रम-स्थल पर समय से पूर्व पहुँचकर भलीप्रकार तैयारी करें।
  • कार्यक्रम की समाप्ति के बाद कार्यक्रम के फोटो एवं प्रेसनोट समाचार पत्रों को भेजें। प्रेसनोट का प्रारूप संलग्न है।
  • मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas हेतु समाचार पत्रों व चैनलों के पत्रकारों, सम्पादकों को कार्यक्रम के पूर्व आमंत्रण दें। क्षेत्र के सज्जन, सुप्रतिष्ठित व्यक्तियों, नगरसेवकों, महापौर, जिलाधीश आदि को प्रधानाचार्य की अनुमति लेकर आमंत्रित कर सकते हैं।
  • कार्यक्रम के फोटो सहभागियों से जरा दूर खड़े होकर व टेबल आदि पर चढ़कर (ऊँचाई से ) इस प्रकार खींचें कि फोटो में सभी सहभागी दिखें। हॉल में फोटो खींचते समय सभी लाइट्स चालू करें। चुने हुए अच्छे से अच्छे २-३ फोटो प्रेसनोट के साथ दैनिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं को भेजें। समाचार पत्र-पत्रिकाओं की कटिंग्ज भी मुख्यालय जरूर भेजें। सम्भव हो तो फोटो व पेपर कटिंग्ज स्केन करके शीघ्र ही ई-मेल द्वारा भेज दें।

सभी जगह मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas कार्यक्रम आयोजन पूर्ण होने के बाद प्रत्येक समिति द्वारा कुल कितने विद्यालयों एवं कुल कितने विद्यार्थियों को कार्यक्रम में सहभागी बनाया गया तथा कितने पेम्फलेट बाँटे गये, इसकी रिपोर्ट के आधार पर आयोजक समितियों की श्रेणी- सूची मुख्यालय में बनायी जायेगी।

  1. प्रधानाचार्य हेतु संलग्न किया हुआ पत्र आप अपने लेटर हेड पर उन्हें दें। प्रधानाचार्यों से मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas कार्यक्रम की अनुमति प्राप्त करने में कोई भी समस्या आये तो अपने उच्च अधिकारियो या मित्रो से सम्पर्क करके मार्गदर्शन प्राप्त करें।
  2. कार्यक्रम से पूर्व ही विद्यालय / महाविद्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाने हेतु ‘विद्यार्थियों के लिए सूचना’ संलग्न है। विद्यालयीन प्रार्थना के समय वहाँ के आचार्य विद्यार्थियों को कार्यक्रम एवं सामग्री की जानकारी दे सकते हैं। माता-पिता कुर्सियों अथवा क्लास के बेंचों पर बैठें, बच्चे नीचे चटाई आदि पर बैठें ऐसी व्यवस्था बनायें। विद्यार्थी घर से अपने साथ चद्दर आदि आसन ले आयें।
  3. अभिभावकों को कार्यक्रम में बुलाने हेतु प्रधानाचार्य को आमंत्रण पत्र छपवाकर दें। प्रारूप नीचे संलग्न है।
  4. यदि आमंत्रण- पत्र छपवाना आपके लिए सम्भव नहीं हो तो प्रधानाचार्य / शिक्षक विद्यार्थियों की नोटबुक में यह आमंत्रण पत्र लिखवायें। ध्यान दें, इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक माता-पिता की उपस्थिति हो, तभी कार्यक्रम सार्थक होगा। इसलिए माता-पिता की अधिकाधिक उपस्थिति को महत्त्व दें।
  5. विद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी अपने बच्चों को कार्यक्रम में लाने हेतु प्रेरित करें।
  6. जिन बच्चों के माता-पिता नहीं आ पायेंगे, वे विद्यार्थी भी पूजन सामग्री अवश्य ले आयें। उनके द्वारा माँ सरस्वती का पूजन करवाया जायगा ।

नोट : ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ अपने बाल संस्कार केन्द्रों में भी अवश्य मनायें ।

  1. दीप प्रज्वलन (दीपो ज्योतिः परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः । दीपो हरतु मे पापं दीपो ज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥ )
  2. श्री गणेश वंदना (ॐ गं गणपतये नमः, वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥ ) ३. हरिॐ गुंजन ( सात बार )
  3. गुरुवंदना (गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः… )
  4. माँ सरस्वती की वंदना ( या कुन्देन्दुतुषारहारधवला….)
  1. प्राचार्य द्वारा उद्बोधन ( स्वागत एवं कार्यक्रम का उद्देश्य )
  2. अतिथियों का फूलों द्वारा स्वागत ( चयनित विद्यार्थियों द्वारा )

१. सर्वप्रथम सद्गुरुदेव के श्रीचित्र का पुष्प आदि से पूजन करें, जिनके पावन मार्गदर्शन से हमें यह कार्यक्रम करने की प्रेरणा मिली ।

२. नीचे दिये क्रमानुसार विधि माइक से बताते जायें।

  • माता-पिता को स्वच्छ तथा ऊँचे आसन पर बैठायें।

आसन्न विधि

आसन्न श्लोक

  • विद्यार्थी माता-पिता के माथे पर कुंकुम का तिलक करें।
  • तत्पश्चात् माता-पिता के सिर पर पुष्प अर्पण करें तथा फूलमाला पहनायें ।
  • माता-पिता भी विद्यार्थियों के माथे पर तिलक करें एवं सिर पर पुष्प रखें। फिर अपने गले की फूलमाला बच्चों को पहनायें ।
  • विद्यार्थी थाली में दीपक जलाकर माता-पिता की आरती करें। इस समय ‘मात पिता गुरु प्रभु चरणों में…’ भजन (‘भजन दीपांजली’ कैसेट से ) चला सकते हैं। विद्यार्थी अपने माता-पिता एवं गुरु में ईश्वरीय भाव जगाते हुए उनकी सेवा करने का दृढ संकल्प करें।
  • विद्यार्थी अपने माता-पिता के एवं माता-पिता विद्यार्थी के सिर पर अक्षत एवं पुष्पों की वर्षा करें। * तत्पश्चात् विद्यार्थी अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा करें।
  • विद्यार्थी अपने माता-पिता को ‘मातृ पितृ पूजा दिवस Matri Pitri Pujan Diwas’ बैनर में दिखाये अनुसार झुककर विधिवत् प्रणाम करें।
  • ( अभिवादनशीलस्य नित्यं वृध्दोपसेविनः । चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम् II)
  • इस समय माता-पिता अपने बच्चे पर स्नेहाशीष बरसायें और गले से लगायें प्रभु के नाते एक-दूसरे को प्रेम करके अपने दिल के परमेश्वर को छलकने दें।
  • इस दिन बच्चे-बच्चियों से यह पवित्र संकल्प करवायें “मैं अपने माता-पिता व गुरुजनों का आदर करूँगा / करूंगी। मेरे जीवन को महानता के रास्ते ले जानेवाली उनकी आज्ञाओं का पालन करना मेरा कर्तव्य है और मैं उसे अवश्य पूरा करूँगा /करूँगी।”
  • माता- पिता से यह शुभ संकल्प बुलवायें “तुम्हारे जीवन में उद्यम, साहस, धैर्य, बुद्धि, शक्ति व पराक्रम की वृद्धि हो। तुम्हारा जीवन माता-पिता एवं गुरु की भक्ति से महक उठे। तुम्हारे कार्यों में कुशलता आये। तुम त्रिलोचन बनो तुम्हारी बाहर की आँख के साथ भीतरी विवेक की कल्याणकारी आँख जागृत हो। तुम पुरुषार्थी बनो और हर क्षेत्र में सफलता तुम्हारे चरण चूमे।” विद्यार्थी माता-पिता को ‘मधुर प्रसाद’ खिलायें एवं माता-पिता अपने बच्चे को प्रसाद खिलायें ।

तत्पश्चात् ‘भारतीय संस्कृति में माता-पिता एवं गुरुजनों की महत्ता पर विद्यालय / महाविद्यालय के प्रधानाचार्य / आचार्य एवं जो विद्यार्थी/ अभिभावक उत्सुक हों वे सम्बोधन दें कार्यक्रम कैसा लगा इस पर भी अपना मत अभिव्यक्त करें । पूर्णाहुति :- पूर्णाहुति मंत्र ( ॐ सह नाववतु… ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं…) ।

नोट: इस पूजन विधि में दिये गये मंत्र कार्यक्रम के सूत्रधार बोलते जायें। जिन विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित न हों उनमें से कुछ विद्यार्थी विद्यालय के प्राचार्य व शिक्षकों का भी पूजन कर सकते हैं।

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मानव जीवन के उत्थान में माता-पिता एवं गुरुजनों के आदर का महत्त्व जाननेवाला यदि कोई देश है तो वह है अपना भारत देश । इस देश की महान संस्कृति ने इस सिद्धांत को अत्यंत महत्त्व देते हुए विद्यार्थी को आदेश दिया है : ‘मातृदेवो भव । पितृदेवो भव । आचार्यदेवो भव’ अर्थात् माता, पिता और आचार्य को देव (ईश्वर) माननेवाला हो ।

अपनी संस्कृति के इन प्राचीन संस्कारों को पुनर्स्थापित करने के लिए तथा १४ फरवरी को ‘वेलेन्टाईन डे’ मनाने की जो पाश्चात्य प्रथा हमारे देश में पैर जमा रही है, उसे उखाड़ फेंकने की पावन प्रेरणा से देशभर में मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के हजारों विद्यालय एवं महाविद्यालय जुड़ गये हैं।

संत श्री आसारामजी बापू के शिष्यों द्वारा यह कार्यक्रम फरवरी महीने में देश के विभिन्न विद्यालयों, लाखों परिवारों तथा १८ हजार बाल संस्कार केन्द्रों में सामूहिक रूप से मनाया जाता है। इसी श्रृंखला में विद्यालय में दिनांक —– . को मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

आयोजकों का कहना है ‘मातृदेवो भव । पितृदेवो भव । आचार्यदेवो भव’ इस महान वैदिक संदेश को नजरअंदाज करने के घातक परिणाम आज हम प्रत्यक्ष देख रहे हैं। आज छोटी-छोटी बात में माता-पिता व गुरुजनों का अनादर तथा उनके प्रति उद्दण्डता बढ़ती जा रही है। स्थिति यहाँ तक पहुँच गयी है कि अधिकांश विद्यार्थी बड़े होकर अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में रखने में संकोच महसूस नहीं कर रहे हैं। इस प्रकार निरंकुश होने से बाल एवं युवा पीढ़ी का घोर चारित्रिक पतन हो रहा है। इस परिप्रेक्ष्य में यह कार्यक्रम बच्चों के कोमल हृदय को सुसंस्कारीत करने के लिए वरदान साबित होगा ।’

उल्लेखनीय है कि विद्यार्थी- – उत्थान के कार्यक्रमों की केन्द्रीय मंत्रालय एवं विभिन्न राज्य मंत्रालयों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
दिनांक …….. .को स्थानीय विद्यालय में ……. बजे से ………. ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ कार्यक्रम बड़े उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ।
( यहाँ पर कार्यक्रम का विवरण अपने शब्दों में अधिकतम १०-१२ पंक्तियों में व्यक्त करें ।)

इस अवसर पर श्री …………………………………… आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रधानाचार्य श्री…………….. ने सभी उपस्थित अतिथियों एवं अभिभावकों को हार्दिक धन्यवाद दिया । ‘वेलेन्टाईन डे’ के स्थान पर ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ का यह कार्यक्रम अन्य विद्यालयों के लिए भी अनुकरणीय है।

(नोट: उपरोक्त में से कोई एक टाईटल डालकर प्रेसनोट भेज सकते हैं।)

आप अपने विद्यालय के द्वारा लेटर पेड पर एक प्रेस नोट निम्न प्रकार से सहेज सकते हैं।

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SHALA SUGAM BULLET GIF  कक्षा 10 के क्लासरूम नोट्स हिंदी माध्यम   2025 news gif

SHALA SUGAM BULLET GIF शेखावाटी मिशन 100 कक्षा 12  2025 

SHALA SUGAM BULLET GIF शेखावाटी मिशन 100 कक्षा 10  2025 

SHALA SUGAM BULLET GIF राजस्थान स्कुल शिक्षा परिषद प्रश्न बैंक कक्षा 10  2025

SHALA SUGAM BULLET GIF राजस्थान स्कुल शिक्षा परिषद प्रश्न बैंक कक्षा 12  2025

SHALA SUGAM BULLET GIF  कक्षा 5वी से 12वी टाइम टेबल 2054 

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Child Care Leave Rule in Rajasthan

Child Care Leave Rule in Rajasthan

Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम

नमस्कार मित्रो, इस आर्टिकल में आप जानेगे की चाइल्ड केयर लीव क्या है? और किन परिस्थितियों में हम चाइल्ड केयर लीव अवकाश ले सकते हैं? इसमें बच्चों से क्या आशय है? चाइल्ड लीव केयर की स्वीकृति किन शर्तों के अधीन होगी? साथ ही साथ हमारा चाइल्ड केयर लीव लेने का प्रोसेज क्या रहेगा और हमारी सर्विस बुक में चाइल्ड केयर लीव का अकाउंट किस प्रकार मेंटेन रहेगा? इस प्रकार संपूर्ण नियमावली के बारे में इस आर्टिकल में हमारे विद्वान साथियों ने पूर्ण अथक प्रयास करके जानकारी देने का प्रयास किया गया है।

आपसे आग्रह है अगर ये जानकारी सही लगे तो आप इस जानकारी को अपने मित्रों, साथियों तक जरूर लिंक के माध्यम से शेयर करें। Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम

Child Care Leave Rule in Rajasthan

Child Care Leave Rule in Rajasthan : वित्त विभाग (नियम अनुभाग), राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियम-2018, नियम- 103सी (चाइल्ड केअर लीव विषयक) अधिसूचना क्रमांक.प.1(6)/वित्त/नियम/2011 जयपुर, दिनांक: 22 मई 2018 का सारांश-

Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम

  1. महिला/एकल पुरूष कर्मचारी को सम्पूर्ण चाइल्ड केअर लीव 730 दिन में से प्रथम 365 दिन के लिये अवकाश पर प्रस्थान करने से ठीक पूर्व के वेतन का 100 प्रतिशत के बराबर वेतन देय होगा जबकि अगले 365 दिन के लिये अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व के वेतन के 80 प्रतिशत के बराबर वेतन देय होगा।
  2. चाइल्ड केअर लीव को किसी भी अन्य देय अवकाश के साथ संयुक्त किया जा सकेगा।
  3. राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में अवकाश स्वीकृति हेतु आवेदन सक्षम अधिकारी को पर्याप्त समय पूर्व देना होगा।
  4. चाइल्ड केअर लीव का दावा अधिकारपूर्वक नहीं किया जा सकेगा। किसी भी परिस्थिति में अवकाश स्वीकृति अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई कार्मिक (महिला/एकल पुरूष कर्मचारी) अवकाश का उपभोग नहीं करेगा।
  5. चाइल्ड केअर लीव कर्त्तव्य से अनधिकृत अनुपस्थिति के पश्चात आवेदन करने पर किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।
  6. कार्मिक (महिला/एकल पुरूष कर्मचारी) द्वारा पहले से ही उपभोग किए जा चुके अथवा उपभोग किए जा रहे अवकाशों को किसी भी परिस्थिति में चाइल्ड केअर लीव में परिवर्तित नहीं किया जा सकेगा।
  7. चाइल्ड केअर लीव को किसी अन्य अवकाश लेखे में नामे नहीं लिखा जाएगा। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में इसका पृथक्क अवकाश लेखा संधारित किया जाएगा और इसे सेवा पुस्तिका में चस्पा किया जाएगा।
  8. अवकाश स्वीकृति अधिकारी राजकार्य के सुचारू संचालन अथवा विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवेदित अवकाश को अस्वीकृत कर सकता है।
  9. चाइल्ड केअर लीव एक कैलेण्डर वर्ष में तीन बार (spell) से अधिक स्वीकृत नहीं की जाएगी। एक कैलेण्डर वर्ष में शुरू होकर यदि अवकाश दूसरे कैलेण्डर वर्ष में पूर्ण होता है तो उस स्पेल को अवकाश शुरू होने वाले वर्ष में काउंट किया जाएगा।
  10. सामान्यतः यह अवकाश परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण अवधि में स्वीकार्य नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में स्वीकृत होने की स्थिति में परिवीक्षाकाल उतनी ही अवधि के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।
  11. इस अवकाश को उपार्जित अवकाश की तरह ही स्वीकृत और व्यवहृत किया जाएगा।
  12. रविवार और अन्य अवकाशों को इस अवकाश के पहले अथवा बाद में जोड़ा जा सकेगा। चाइल्ड केअर लीव के मध्य में आने वाले रविवार, राजपत्रित और अन्य अवकाश उपार्जित अवकाश की तरह ही चाइल्ड केअर लीव में काउंट होंगे।
  13. निःशक्त बच्चे के संबंध में अवकाश स्वीकृति से पूर्व सक्षम प्राधिकारी/मेडिकल बोर्ड से जारी निःशक्तता प्रमाण पत्र के अलावा कार्मिक पर बच्चे के आश्रित होने का प्रमाण पत्र कर्मचारी से लिया जाएगा।
  14. विदेश में रह रहे बच्चे की अस्वस्थता अथवा परीक्षा आदि की स्थिति में अवकाश अधिकृत चिकित्सक/शिक्षण संस्थान से प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत किया जा सकेगा। विदेश में रह रहे अवयस्क बच्चे के सम्बंध में अवकाश लेने पर विदेश यात्रा संबंधी अवकाश के नियम/निर्देशों का पालन करना होगा और 80 प्रतिशत अवकाश अवधि उसी देश में बितानी होगी जहां बच्चा रह रहा है।
  15. देश या विदेश में किसी छात्रावास में रह रहे बच्चे की परीक्षा आदि के दौरान अवकाश चाहे जाने पर महिला कार्मिक को यह स्पष्ट करना होगा कि वो बच्चे की देखभाल किस प्रकार से करेगी/ करेगा।
  16. एक बार में 5 से कम चाइल्ड केअर लीव स्वीकृत नहीं की जायेगी। यानी एक बार में कम से कम 5 दिन का चाइल्ड केअर लीव लेना आवश्यक है।

Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम

  1. राजस्थान सेवा नियम 1951 में नया नियम 103 C चाइल्ड केअर लीव जोड़ा गया।
  2. महिला/एकल पुरूष कर्मचारी को पूरे सेवाकाल में कुल अवधि 730 दिन अर्थात 2 वर्ष के लिए देय होगा।
  3. चाइल्ड का तात्पर्य उसकी आयु 18 वर्ष से कम हो। 40% या उससे अधिक विकलांगता की स्थिति में 22 वर्ष तक चाइल्ड माना जायेगा।
  4. महिला/एकल पुरूष कर्मचारी को सम्पूर्ण चाइल्ड केअर लीव 730 दिन में से प्रथम 365 दिन के लिये अवकाश पर प्रस्थान करने से ठीक पूर्व के वेतन का 100 प्रतिशत के बराबर वेतन देय होगा जबकि अगले 365 दिन के लिये अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व के वेतन के 80 प्रतिशत के बराबर वेतन देय होगा।
  5. अन्य किसी भी अवकाश के साथ लिया/ जोड़ा जा सकता है।
  6. इस अवकाश के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी अनुमोदित प्रारूप में आवेदन करना होगा।
  7. चाइल्ड केअर लीव अधिकार नही है। बिना पूर्व स्वीकृति के नहीं लिया जा सकेगा।
  8. अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले कर्मिकों को यह अवकाश देय नही होगा।
  9. विशेष परिस्थिति में अन्य अवकाश उपलब्धता की स्थिति में उन अवकाशों को चाइल्ड केअर लीव में परिवर्तित किया जा सकेगा।
  10. इस अवकाश को अन्य अवकाश लेखो में से नहीं घटाया जा सकेगा। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित फॉर्म में इन अवकाशों को संधारित किया जाएगा। तथा ये फॉर्म सेवा पुस्तिका में रखा जाएगा।
  11. राज्य सरकार/ विभाग के कार्य प्रभावित न हो ऐसी स्थिति में ये अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा।
  12. एक कलेंडर वर्ष में अधिकतम तीन बार ये अवकाश लिया जा सकेगा। किन्तु अवकाश के दौरान दो कलेंडर वर्ष मिलने पर इसे नही लिया जा सकेगा। यदि ऐसी स्थिति बनती है तो जिस कलेंडर वर्ष में अवकाश शुरू हुआ है। उसमें इसे गिना जाएगा।
  13. एक बार में 5 से कम चाइल्ड केअर लीव स्वीकृत नहीं की जायेगी। यानी एक बार में कम से कम 5 दिन का चाइल्ड केअर लीव लेना आवश्यक है।
  14. प्रोबेशनर्स को यह अवकाश देय नही होगा। फिर भी कोई लेता है तो उसका प्रोबेशन अवकाश अवधि के बराबर आगे बढ़ाया जाएगा।
  15. यह अवकाश उपार्जित अवकाश की भांति ही निस्तारण होगा एवम उसी प्रकार स्वीकृत किया जा सकेगा।
  16. इस अवकाश के क्रम में रविवार, सर्वनानिक अवकाश आने पर वो गिने जाएंगे।
  17. दिव्यांग बच्चें के लिए ये अवकाश लेने पर सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही स्वीकृत किया जा सकेगा।
  18. बच्चें के बीमार होने पर व बाहर रहने की स्थिति में डॉक्टर के प्रमाण के आधार पर ये अवकाश लिया जा सकेगा।
  19. बच्चें की परीक्षा होने पर लिया जा सकेगा। यदि चाइल्ड होस्टल में रहता है तो कार्मिक को यह तथ्य प्रस्तुत करना होगा कि होस्टल में आपकी केअर की जरूरत कैसे है। इसका प्रमाण प्रस्तुत करने पर ही हॉस्टलर्स चाइल्ड के लिए ये अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा।

Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम

कार्मिका की सेवा पुस्तिका में निर्धारित प्रपत्र चस्पा कर CHILD CARE LEAVE का इन्द्राज होगा एवम सेवा पुस्तिका में भी CHILD CARE IEAVE अवधि का अंकन सुनिश्चित होगा।

वित्त विभाग राजस्थान के Notification No. F.1(6)FD/ Rules/20U Jaipur, dated : 31. 07- 2020 के द्वारा Child Care Leave Rule in Rajasthan के नियमों में कुछ परिवर्तन किया गया है। उक्त नोटिफिकेशन द्वारा अब यह एकल पुरूष कर्मचारियों को भी देय है। नोटिफिकेशन की जानकारी प्राप्त करने के लिये यहां क्लिक करें।

  1. महिला/एकल पुरूष को संपूर्ण सेवाकाल में 730 दिन का चाइल्ड केअर अवकाश देय है।
  2. सम्पूर्ण सेवाकाल में देय 730 दिन के Child Care Leave Rule in Rajasthan में से प्रथम 365 दिन के लिये अवकाश पर अवकाश से प्रस्थान करने के पूर्व वेतन के 100 प्रतिशत के बराबर वेतन देय है तथा अन्य 365 दिन के लिये अवकाश से प्रस्थान करने के पूर्व के 80 प्रतिशत के बराबर वेतन देय है।
  3. एक बार में न्यूनतम 5 दिन का चाइल्ड केअर लीव लिया जा सकता है।

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Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम के संबंध में निम्नांकित निर्देशों का पालन आवश्यक रूप से करते हुए वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 22.05.2018 का भली-भांन्ति अध्ययन / अवलोकन कर कार्यवाही सुनिश्चित करें:-

  1. यह अवकाश उपार्जित अवकाश (Privilege Leave) की तरह माना जावेगा एवं स्वीकृत किया जावेगा। अतः राजस्थान सेवा नियम भाग द्वितीय Appendix (ix) आईटम संख्या-22 के अन्तर्गत उपार्जित अवकाश स्वीकृत करने हेतु सक्षम अधिकारी, उन्हें प्रदत्त अवधि (120 दिन की अवधि आहरण वितरण अधिकारी एवं 120 दिन से अधिक विभागाध्यक्ष द्वारा स्वीकृत) तक का चाईल्ड केयर अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे। चाईल्ड केयर अवकाश प्रकरण में अवकाश की देयता का पूर्व में भली-भाँन्ति परीक्षण किया जाकर ही स्वीकृत किया जाये। आहरण वितरण अधिकारी की सक्षमता अवधि से अधिक अवधि के अवकाश प्रकरण ही सक्षम उच्चाधिकरियों को स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किये जावे। उच्च स्तर पर स्वीकृति योग्य प्रकरणों का भली-भाँन्ति परीक्षण कर मय आवश्यक दस्तावेज, स्वीकृति हेतु जिला शिक्षा अधिकारी अपनी स्पष्ट अभिशंषा कर ही प्रेषित करें।
  1. “चाईल्ड केयर लीव (CCL) अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से तत्काल पूर्व प्रभावी दर से अवकाश वेतन देय होगा।
  2. उक्त अवकाश किसी भी अन्य अवकाश खाते में नामे (Debit) नहीं किया जावे। चाईल्ड केयर अवकाश का खाता पृथक से संलग्न प्रपत्र में संधारित किया जावे एवं इसे सेवा पुस्तिका में चस्पा (Paste) किया जावे । Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम
  3. अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारी राज्य सरकार के दैनन्दिन कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने, प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रखने, कोई विपरित प्रभाव न पड़ने या राज्य सरकार के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु आवश्यक समझे तो चाईल्ड केयर अवकाश (CCL) स्वीकृत करने से मना कर सकेगा।
  4. यह अवकाश एक कलेण्डर वर्ष में तीन बार (Spells) से अधिक नहीं लिया जा सकेगा। एक Spell जो एक कलेण्डर वर्ष में आरम्भ होगा और समाप्त अगले कलेण्डर वर्ष में होगा। वह अवकाश प्रारम्भ वाले कलेण्डर वर्ष का Spell माना जावेगा।
  5. सामान्यतः प्रोबेशन ट्रेनी कार्मिक को चाईल्ड केयर अवकाश (CCL) स्वीकृत नहीं किया जावेगा, परन्तु विशेष परिस्थितियों में स्वीकृत किया जाता है तो प्रोबेशन अवधि उतने दिन आगे (Extend) होगी, जितनी अवधि का चाईल्ड केयर अवकाश स्वीकृत होगा।
  6. यह अवकाश उपार्जित अवकाश की तरह माना जावेगा तथा तदनुसार ही स्वीकृत होगा।
  7. दिव्यांग सन्तान के प्रकरण में सम्बन्धित महिला कार्मिक से निर्भरता (Dependency) प्रमाण पत्र Child Care Leave Rule in Rajasthan स्वीकृति से पूर्व किया जाना आवश्यक होगा।
  8. स्वयं भी अवकाश स्वीकृत करते समय एवं उच्चाधिकारियों को प्रेषित करते समय यह जांच कर लेवें कि 18 वर्ष तक के दो बच्चों तक की देखरेख के लिए ही आवेदन किया है एवं पूर्व में Child Care Leave Rule in Rajasthan (CCL) का उपभोग की भी जांच करें। बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की प्रति भी प्राप्त करें।

राज्य सरकार के वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांकः एफ. 1 (6)FD/Rules/2011 दिनांक 22. 05.2018 द्वारा राजस्थान सेवा नियमों के नियम 103 (C) द्वारा महिला कार्मिकों के लिए “चाईल्ड केयर लीव’ का नया प्रावधान जोड़ा गया है। संदर्भित अधिसूचना में नियम 103 (C) के बिन्दु सं. 10 में यह स्पष्ट किया गया है कि “चाईल्ड केयर लीव” महिला कार्मिकों को उसकी प्रथम दो जीवित 18 वर्ष से कम आयु की सन्तानों के पालन या देखभाल की आवश्यकता, यथा परीक्षा, बीमारी आदि के कारणों से अधिकतम कुल 730 दिन तक के लिए स्वीकृत किया जा सकता है।

अधिसूचना में नियम 103 (C) के-

(a) बिन्दु सं. 2 (iv) के अनुसार उक्त अवकाश अधिकार के रूप में नहीं मांगा जा सकता।
(b) बिन्दु सं. 2 (viii) अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारी राज्य सरकार के दैनन्दिन कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने या राज्य सरकार के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यक समझे तो चाईल्ड केयर अवकाश स्वीकृत करने से मना कर सकता है।

उपर्युक्त प्रावधानों के अनुसार अवकाश स्वीकृत किये जाने अथवा स्वीकृति हेतु उच्चाधिकारियों को अग्रेषित करने से पूर्व कार्यालयाध्यक्ष इस हेतु आश्वस्त हो जायें कि उक्त Child Care Leave Rule in Rajasthan स्वीकृति नियमानुसार स्वीकृति योग्य व आवश्यक है तथा इससे राजकीय कार्य सुचारू रूप से संचालित करने व राज्य सरकार के लक्ष्यों की प्राप्त करने में व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा।

Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम

  • आकस्मिक गंभीर कारण यथा बच्चे की गम्भीर बीमारी, जिसमें बच्चा अस्पताल में इनडोर भर्ती हो अथवा दुर्घटना के कारण विशेष देखभाल की आवश्यकता हो।
  • दिव्यांग सन्तान की माताओं को गम्भीर रोग से पीड़ित बच्चे की देखभाल हेतु।
  • सन्तान के परीक्षा में बैठने के कारण आवेदन प्राप्त हो तो बोर्ड परीक्षा अथवा उच्च व्यावसायिक संस्थान में प्रवेश हेतु परीक्षा के कारण प्राप्त आवेदन ।
  • उपरोक्त प्राथमिकता क्रम में आवेदन स्वीकृति के समय विधवा और परित्यक्ता श्रेणी की महिला कार्मिक को प्राथमिकता दी जावे।
  • कार्यालय/विद्यालय में कार्यरत कुल कार्मिकों की संख्या के 20% से अधिक कार्मिकों की एक समय में “Child Care Leave Rule in Rajasthan स्वीकृत नहीं की जाये।

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Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम

  • “प्राप्त आवेदनों का तिथिवार संधारण करें तथा प्राप्ति के दिन ही रजिस्टर में उसकी प्रविष्टि करें। ऐसे रजिस्टर को संस्था में सभी के अवलोकन की व्यवस्था की जावे।
  • सन्तान की परीक्षा तैयारी हेतु प्राप्त आवेदन पत्र के साथ परीक्षा की तिथि, प्रवेश सम्बन्धी दस्तावेज पुष्टि हेतु प्राप्त करें।
  • अवकाश हेतु आवेदित अवधि में से आवश्यक अवधि की सीमा तक ही अवकाश स्वीकृत किया जावे।
  • एक कार्मिक की “चाईल्ड केयर लीव स्वीकृत करने के पश्चात, आगामी अवकाश स्वीकृति, अन्य महिला कार्मिकों के पूर्व में प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार के उपरान्त ही प्राथमिकता अनुसार किया जायें।
  • अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व संबंधित महिला कार्मिक द्वारा आवश्यक निर्धारित दायित्व पूर्ण कर लिये हो, यथा उत्तरपुस्तिकाओं की जांच / आवंटित पाठ्यक्रम को पूर्ण करना आदि की पुष्टि अवश्यमेव कर ली जाये।
  • सेवा से निरन्तर अनुपस्थित कार्मिकों के नियमानुसार कार्यग्रहण पश्चात अनुपस्थिति अवधि के निस्तारण उपरान्त ही “चाईल्ड केयर लीव आवेदन पर विचार किया जाये।
  • Child Care Leave Rule in Rajasthanआवेदन स्वीकृति उपरान्त कार्यालय की आवश्यकता व कार्य में राज्य के लक्ष्यों में पूर्ति में बाधा उत्पन्न होने की परिस्थितियों में स्वीकृत आवेदन को स्वीकृत्तिकर्ता प्राधिकारी निरस्त अथवा अवधि को घटा सकेगा।
  • उच्चाधिकारियों को स्वीकृति हेतु भेजे जाने वाले आवेदन पत्रों के साथ नियन्त्रण अधिकारी द्वारा इस आशय की घोषणा करते हुए कि उक्त Child Care Leave Rule in Rajasthan स्वीकृति से कार्यालयी/विद्यालयी कार्यों के सुचारू संपादन एवं विभागीय / राज्य के लक्ष्यों की पूर्ति में इससे किसी प्रकार का व्यवधान पैदा नहीं होगा, अग्रेषण अधिकारी को स्पष्ट अभिशंषा के साथ अग्रेषित किया जाये।

(a) राशन कार्ड की प्रति
(b) जीवित सन्तानों के जन्म प्रमाण पत्रों की प्रति
(c) सन्तान के दिव्यांग प्रमाण पत्र की प्रति
(d) सन्तान की बीमारी से सम्बन्धित दस्तावेज
(e) सन्तान की परीक्षा / परीक्षा तिथि / प्रवेश सम्बन्धी आवश्यक प्रमाण पत्रों की प्रति

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उपर्युक्त निर्देश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी के लिए सहायक है किन्तु कार्यालय / विद्यालय की व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व कार्यालयाध्यक्ष का ही होगा तथा आवेदित अवकाश स्वीकृति योग्य होने का आंकलन भी कार्यालयाध्यक्ष को ही करना होगा। अतः अधीनस्थ समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वित विभाग की अधिसूचना में प्रदत्त निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करें।

Child Care Leave Rule in Rajasthan / राजस्थान में बाल देखभाल अवकाश नियम

चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave Rule in Rajasthan) की सामान्य जानकारी FAQ के रूप में

(1)चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave Rule in Rajasthan) सेवाकाल में कितनी बार एवं कुल कितने दिन की मिलती है।
उत्तर:-किसी भी महिला राज्य कार्मिक को प्रथम दो जीवित संतानों की देखभाल के लिए पूरे सेवाकाल में 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव अवकाश मिलती है। (नियम 103 C) (आदेश Fd Date 22/05/2018)

(2) चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave Rule in Rajasthan) किन किन कारणों से ले सकते है ?
उत्तर:-दो बच्चों के 18 वर्ष तक की आयु होने तक उनकी बीमारी,परीक्षा,पालन पोषण, आदि कारण से बच्चों की देखभाल के लिए यह अवकाश मिलता है।
नोट:-Fd आदेश date 31/07/20 के अनुसार 40% या इससे अधिक दिव्यांग बच्चे के लिए आयु सीमा का कोई बंधन नही रहेगा।

(3) क्या एकल पुरुष (विधुर, तलाकशुदा) को भी चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है?
उत्तर:- FD के 31/07/2020 के अनुसार चाइल्ड केयर लीव उपरोक्त कारणों से एकल पुरुष राजकीय कार्मिक(विधुर, तलाकशुदा) को भी मिलेगी।

(4) चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) एक कैलेन्डर वर्ष में कितनी बार ले सकते है?
उत्तर:- तीन बार(Three Spells)
नोट-जो Spell (अवकाश का भाग) एक कैलेंडर वर्ष में शुरू होकर अगले कैलेंडर वर्ष में समाप्त होगा,तो वह पहले वाले कैलेंडर वर्ष का भाग माना जायेगा जिसमें चाइल्ड केयर लीव आरंम्भ हुआ है। Child Care Leave Rule in Rajasthan पीएल प्रकृति का होने के कारण कैलेंडर वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर माना जाएगा।

(5) चाइल्ड केयर लीव कम से कम कितने दिन की ले सकते है?
उत्तर:- कम से कम 5 दिन की चाइल्ड केयर लीव ले सकते है। (No.F.1(6)FD/Rules/2011 दिनाँक 31.07.2020)

(6) Child Care Leave Rule in Rajasthan में वेतन का भुगतान कैसे होता है?
उत्तर:- अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त वेतन की दर से अवकाश वेतन का भुगतान होता है।
आदेश दिनांक 31/07/2020 के अनुसार प्रथम 365 दिन तक 100% एवं उसके बाद अगले 365 दिन तक 80% वेतन की दर से भुगतान किया जायेगा।

(7) एक महिला एक जुलाई से चाइल्ड केयर लीव पर गई है तो उसके नियमित वार्षिक वेतन वृद्धि देय होगी या नही?
उत्तर:-वार्षिक वेतनवृद्धि स्वीकृत तो एक जुलाई से ही होगी,जो काल्पनिक(Notional) रहेगी एवं उसका आर्थिक लाभ कार्मिक को अवकाश से लौटकर पुनः कार्यग्रहण करने की तिथि से ही देय होगा।

नोट:-चाइल्ड केयर लीव की अवधि के दौरान एसीपी एवम एवम स्थाईकरण से वेतन नियमितीकरण होता है तो उसमें भी यही नियम लागू होता है इसका आर्थिक लाभ भी अवकाश से पुनः कार्यग्रहण करने के उपरांत ही मिलता है।

(8) चाइल्ड केयर लीव के दौरान यदि DA की दर बढ़ जाती है तो उसे DA का भुगतान किस दर से होगा?
उत्तर:- चाइल्ड केयर लीव में DA की बढ़ी हुई दर से भुगतान होगा।

(9) क्या प्रोबेशनकाल में चाइल्ड केयर लीव मिलती है?
उत्तर:-सामान्यतया प्रोबेशनर ट्रेनीज को चाइल्ड केयर लीव नही मिलती है परन्तु यदि विशेष परिस्थिति में स्वीकृत की जाती है तो प्रोबेशन अवधि में जितने दिन चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत की गई है, प्रोबेशनकाल भी उतनी अवधि के लिए आगे बढ़ जायेगा।

(10) किसी महिला में चाइल्ड केयर लीव का आवेदन किया है परन्तु DDO वह अवकाश स्वीकृत नही कर रहे है क्या वे ऐसा कर सकते है?
उत्तर:-हां बिल्कुल कर सकते हैं क्योंकि चाइल्ड केयर लीव की अधिकार के रूप में मांग नहीं कर सकते । राजकार्य के सूचारू रूप से संचालन एवं विभागीय लक्ष्य बाधित होने की स्थिति में आवेदित चाइल्ड केयर लीव को DDO अस्वीकृत भी कर सकते है।एवं आवश्यक राजकीय कार्य से कार्मिक की कार्यालय में जरूरत हो तो DDO पूर्व में स्वीकृत किये गए चाइल्ड केयर लीव को निरस्त अथवा उसकी अवधि को कम कर कार्मिक को पुनः ड्यूटी पर भी वापस बुला सकते है।

(11) चाइल्ड केयर लीव के मध्य में रविवार या अन्य कोई राजकीय अवकाश आते है तो क्या उनको भी चाइल्ड केयर लीव में काउंट किया जाता है?
उत्तर:- Child Care Leave Rule in Rajasthan को उपार्जित अवकाश की तरह स्वीकृत किया जाता है अतः इसके मध्य में आने वाले रविवार या अन्य राजकीय अवकाश इस अवकाश में शामिल किये जाएंगे।

नोट- चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) में राजस्थान सेवा नियम 1951 खण्ड -1 अध्याय 10 के नियम 61 एवं 63 के तहत पूर्ववर्ती (prefix) एवं पश्चावर्ती (suffix) सार्वजनिक अवकाश का लाभ कार्मिक को मिलता है।

(12) क्या चाइल्ड केयर लीव के साथ अन्य कोई अवकाश लिया जा सकता है ?
उत्तर:- हां बिल्कुल लिया जा सकता है। चाइल्ड केयर लीव के साथ आकस्मिक अवकाश(CL) के अलावा अन्य कोई भी अवकाश ले सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखें कि DDO केवल 120 दिन का Child Care Leave Rule in Rajasthan ही स्वीकृत कर सकते हैं, इससे अधिक अवधि होने पर यह अवकाश विभागाध्यक्ष द्वारा ही स्वीकृत किया जायेगा।

(13) क्या सरोगेसी संतान की देख भाल के लिए Child Care Leave Rule in Rajasthan मिल सकती है?
उत्तर:-नहीं,विधि मान्य संतान की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव मिलती है ।अतः सरोगेसी संतान की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव नहीं मिलती है।

(14) किसी महिला कार्मिक ने पहले 20 दिन का चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर परिवर्तित अवकाश लिया था क्या वह उस अवकाश की प्रकृति बदल कर उसे चाइल्ड केयर लीव में परिवर्तित करवा सकती है?
उत्तर:- पूर्व में लिए गए किसी भी प्रकार के अवकाश को Child Care Leave Rule in Rajasthan में परिवर्तित नही करवाया जा सकता है।

नोट:-चाइल्ड केयर लीव को भी अन्य किसी भी अवकाश में परिवर्तित नही करवाया जा सकता है इसके साथ ही चाइल्ड केयर लीव को पहले स्वीकृत करवा कर ही इसका उपभोग किया जा सकता है।

(15) एक ऑफिस या स्कूल में एक साथ 3-4 महिला कार्मिकों ने चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन कर दिया है । अतः उनके अवकाश स्वीकृत हेतु प्राथमिकता के क्या मापदंड रहेंगे?
उत्तर:-FD आदेश Date 10/09/18 के अनुसार राजकार्य एवं सेवा में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हो एवं राजकार्य सुचारू रूप से चल सके एवं विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति में कोई बाधा नहीं हो,इसलिए कुल स्टाफ के 20% से अधिक कार्मिकों की चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत नहीं की जायेगी।

Child Care Leave Rule in Rajasthan की स्वीकृति के लिए 1 से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर निम्न प्राथमिकता के आधार पर अवकाश स्वीकृत करने के निर्देश हैं।

  1. बच्चे की गंभीर बीमारी में देखभाल/दिव्यांग बच्चे की देखभाल
  2. बच्चे की माध्यमिक या उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा में देखभाल
  3. बोर्ड़ परीक्षा के अतिरिक्त शिक्षण कार्य के समय देखभाल
  4. तीन वर्ष की आयु से कम बच्चे की देखभाल।

नोट:-शिक्षा विभाग में निदेशक बीकानेर के आदेश दिनांक 03/08/2018 के अनुसार चाइल्ड केयर लीव में विधवा एवं परित्यक्ता श्रेणी की महिलाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश प्रदान किए गए हैं।

(16) Child Care Leave Rule in Rajasthan के लिए आवेदन के साथ कौन -कौन से दस्तावेज सलंग्न किये जाते हैं?
उत्तर:- FD द्वारा निर्धारित चाइल्ड केयर लीव के फॉर्मेट में आवेदन पत्र एवं उसके साथ निम्न दस्तावेजों की प्रतियां अवश्य सलंग्न करें।

  1. राशन कार्ड
  2. दो जीवित सन्तानों के जन्म प्रमाण पत्र
  3. बच्चा दिव्यांग है तो मान्य दिव्यांग प्रमाण पत्र
  4. संतान की बीमारी से सम्बन्धित दस्तावेज
  5. संतान की परीक्षा/परीक्षा तिथि/प्रवेश सम्बन्धित आवश्यक प्रमाण पत्र
  6. अन्य कोई जो अवकाश से सम्बन्धित हो।

(17) किसी कार्मिक का बच्चा विदेश में रह रहा है तो क्या उसको भी चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है एवं उसके लिए क्या शर्ते रहेंगी?
उत्तर:-विदेश में रह रहे बच्चे की बीमारी अथवा परीक्षा आदि की स्थिति में चिकित्सक/शिक्षण संस्था से प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार पर चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत किया जा सकेगा। विदेश में रह रहे अवयस्क बच्चे हेतु अवकाश लेने के लिए विदेश यात्रा अवकाश के नियम/निर्देशों की पालना करना अनिवार्य होगा साथ ही 21 दिन पहले विदेश यात्रा हेतु आवेदन करना पड़ेगा और चाइल्ड केयर लीव की 80% अवकाश अवधि उसी देश में बितानी होगी जहाँ बच्चा रह रहा है।

(18) चाइल्ड केयर लीव का सर्विस बुक में लेखा संधारण किस प्रकार किया जाएगा?
उत्तर:-चाइल्ड केयर लीव किसी अन्य अवकाश लेखे में Debit(घटाया) नहीं जाएगा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र में इसका अलग से लेखा संधारित किया जाएगा एवं वह प्रपत्र सर्विस बुक में चस्पा किया जाएगा।

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प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली

प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली

Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली

Age limit for admission in first class changed : राजस्थान सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति NEP 2020 लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। यह नई शिक्षा नीति शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से ही लागू किया जा रहा है। इसके लिए बच्चों की उम्र सीमा तय कर दी गई है। स्कूल और जन शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार पहली कक्षा में एडमिशन के लिए बच्चे की आयु 6 साल होना जरूरी है। यह उम्र 1 सितंबर 2025 तक पूरी हो जानी चाहिए।

सभी प्राइमरी स्कूलों में 2025-26 से एक नई प्री-स्कूल क्लास भी होगी। इसका नाम ‘शिशु वाटिका’ रखा गया है। इसमें 5 से 6 साल के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा राजस्थान सरकार की ओर से NEP 2020 को कई चरणों में लागू किए जाने की योजना है। पहला चरण 2025-26 से शुरू होगा।

Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली

NEP 2020 के अनुसार बच्चे की 3 से 18 साल की शिक्षा में बदलाव होंगे। इसे 5+3+3+4 के ढांचे में बांटा जाएगा। इसमें पांच साल की बुनियादी शिक्षा (3 से 8 साल), तीन साल की प्रारंभिक शिक्षा (8 से 11 साल), तीन साल की माध्यमिक शिक्षा (11 से 14 साल) और चार साल की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (14 से 18 साल) शामिल है। Age limit for admission in first class changed

Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली

1 अक्टूबर को पूरी होनी चाहिए 6 वर्ष की आयु

राजस्थान निदेशक माध्यमिक शिक्षा आशीष मोदी तथा निदेशक प्रारंम्भिक शिक्षा सीताराम जाट ने गुरूवार (11 जुलाई) को एक संयुक्त आदेश जारी किया है. इस आदेश में बताया गया है कि राजकीय तथा गैर राजकीय स्कूलों में प्रवेश (Admission) के लिए आयु गणना की तिथि (Age Calculation Date) 1 अक्टूबर 2024 निर्धारित कर दी गई है.

शैक्षिक सत्र 2025-26 में एन्ट्री कक्षा / प्रथम कक्षा में प्रवेश हेतु आयु निर्धारण तिथि के संबंध में शैक्षिक सत्र 2025–26 से विद्यालयों में नवप्रवेश हेतु बालकों की आयु की गणना 31 जुलाई को आधार तिथि मानते हुए की जानी है। इस तिथि तक 06 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बालक समस्त राजकीय एवं गैर सरकारी विद्यालयों में नव प्रवेश हेतु पात्र होगें ।

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इन बच्चों पर लागू नहीं होगी आयु गणना की तारीख

इस आदेश के अनुसार राजकीय विद्यालय, गैर राजकीय विद्यालय, बालवाटिका, बालवाड़ी,प्री-प्राईमरी या अन्य संस्थान जहां पर कक्षा एक से पूर्व का अध्ययन करवाया जाता हैं. ऐसी शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत बालक, बालिकाओं पर आयु गणना के लिए एक अक्टूबर 2024 की निर्धारित तिथि लागू नहीं होगी. इसी प्रकार टीसी के आधार पर प्रवेश ​लेने वाले बालक, बा​लिकाओं पर भी एक अक्टूबर 2024 की निर्धारित तिथि पर न्यूनतम आयु 6 वर्ष होने का नियम लागू नहीं होगा.

प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली Age limit for admission in first class changed
प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली Age limit for admission in first class changed

इस आदेश में यह भी बताया गया है कि जन्म तिथि द्वारा आयु की गणना कर आरटीई या गैर आरटीई के अन्तर्गत आयु के आधार पर प्रथम बार कक्षा 1 में नवीन प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर ही 1 अक्टूबर, 2024 तक न्यूनतम आयु 6 वर्ष होने का नियम लागू होगा.

कक्षा 1 में प्रवेश लेने की उपयुक्त आयु का मुद्दा भारत में लंबे समय से बहस का विषय रहा है। Age limit for admission in first class changed

  • मार्च 2022 तक 14 राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश ऐसे थे, जो छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को कक्षा 1 में प्रवेश की अनुमति देते थे।
  • हालाँकि केंद्र सरकार ने हाल ही में नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में कक्षा 1 के लिये प्रवेश की न्यूनतम आयु छह वर्ष करने का आदेश दिया है।

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Age limit for admission in first class changed : प्रथम कक्षा में प्रवेश निर्धारण की उम्र सीमा बदली
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NEP 2020 में कक्षा 1 में प्रवेश हेतु न्यूनतम आयु क्या है? 

  • नई नई शिक्षा नीति 3-8 वर्ष (मूलभूत चरण), 8-11 वर्ष (प्रारंभिक चरण), 11-14 वर्ष (मध्यम चरण) और 14-18 वर्ष (माध्यमिक चरण) के आयु समूहों के अनुरूप औपचारिक स्कूली शिक्षा के लिये “5+3+3+4” की रूपरेखा पर ज़ोर देती है।
    • यह प्रारंभिक बचपन की शिक्षा (जिसे 3 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों के लिये प्रीस्कूल शिक्षा के रूप में भी जाना जाता है) को औपचारिक स्कूली शिक्षा के दायरे में लाती है।
  • इसका अर्थ यह है कि तीन वर्ष की प्रारंभिक बचपन की शिक्षा पूरी करने के बाद कक्षा 1 में प्रवेश के लिये बच्चे की उम्र 6 वर्ष होनी चाहिये।

    औपचारिक शिक्षा के लिये प्रवेश आयु के विषय में शोध क्या कहता है?

    • तुलनात्मक अध्ययन में देखा गया कि न्यूज़ीलैंड में बच्चों के समूह 5 और 7 वर्ष की उम्र में औपचारिक साक्षरता पाठ शुरू करते हैं।
      • जिन बच्चों ने 5 वर्ष की उम्र में शुरुआत की, उन्होंने पढ़ने के प्रति कम सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाया और बाद में शुरू करने वालों की तुलना में पाठ की कमज़ोर समझ प्रदर्शित की।
    • प्रवेश आयु को लेकर वैश्विक परिप्रेक्ष्य Age limit for admission in first class changed:
      • पूर्वी एशिया और अधिकांश यूरोपीय देशों में प्राथमिक विद्यालय के लिये छह वर्ष मानक आयु है।
        • स्कैंडिनेवियाई देशों में औपचारिक शिक्षा सात वर्ष की आयु में शुरू होती है।

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