Mission Start 2023 24 / मिशन स्टार्ट 2023 :- शिक्षा विभाग द्वारा “ब्लेन्डेड मोड ऑफ लर्निंग” के प्रयोग से शिक्षा को प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। डिजिटल शिक्षा सभी शिक्षार्थियों के लिए एक आनन्ददायक साधन है । विशेष रूप से स्कूली विद्यार्थियों के सीखने के लिए यह एक अत्यन्त प्रभावी माध्यम सिद्ध हो रहा है, क्योंकि डिजिटल शिक्षा से मिलने वाली ऑडियो वीडियो सुविधा विद्यार्थियों के मस्तिष्क में ना केवल संज्ञानात्मक तत्वों की वृद्धि करती है बल्कि विद्यार्थियो में विषय के प्रति रोचकता एवं उत्साह को भी बढ़ाती है।
इसी के दृष्टिगत माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वाधान में 05 सितम्बर, 2023 को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में विभागीय नवाचार फ्लैगशिप कार्यक्रम Mission Start 2023 24 का शुभारम्भ किया गया है। मिशन स्टार्ट 2023
यह कार्यक्रम राज्य के दूरदराज के इलाकों मे अध्ययनरत् उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया है, जहां शिक्षा की पहुंच पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है अर्थात् या तो इन विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त है अथवा अन्य किसी कारणवश विषयाध्यापकों की उपलब्धता में कमी है।
Mission Start 2023 24 के माध्यम से ऐसे समस्त विद्यालयों में विषयाध्यापकों के पदरिक्ति अथवा शिक्षक अनुपस्थिति की स्थिति में कक्षा 9 से 12 के विद्य ार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कन्टेन्ट के माध्यम से अध्ययन करवाया जाकर यह सुनिश्चित किया जाना है कि शिक्षकों की कमी अनुपस्थिति का प्रतिकूल प्रभाव विद्यार्थी की अध्ययन निरन्तरता पर न हो।
मिशन स्टार्ट 2023 Mission START 2023 24 के उद्देश्यः-
जिन विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के विषयाध्यापकों के पद रिक्त है, अथवा किसी भी कारणवश (यथा दुर्घटना, मातृत्व अवकाश, अन्य मेडिकल आपात स्थितियों में) शिक्षक की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में विद्यार्थियों को उक्त विषय का Mission Start 2023 24के तहत डिजिटल माध्यम से शिक्षण करवाया जाना है ।
विद्यालयों में उपलब्ध क्रियाशील आईसीटी लैब, कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधन यथा स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी.डी/प्रोजेक्टर / इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि की उपलब्धता का आंकलन किया जाकर इन समस्त डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग विद्यार्थी शिक्षण में किया जाना है।
शिक्षक विहीन अथवा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में सभी विषयों का ई-कन्टेन्ट उपलब्ध करवाना । ई–कन्टेन्ट की उपलब्धता परिस्थितिनुसार हार्ड डिस्क, पैनड्राईव आदि के माध्यम से सुनिश्चित करवाना तथा ई-कन्टेन्ट की मैपिंग करना ।
विद्यालयों में उपलब्ध इंटरनेट का समुचित उपयोग कर विभागीय यूटयूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों का शिक्षण सुनिश्चित करना है ।
विद्यालय की आवश्यकता के अनुसार ब्लेंडेड मॉड ऑफ टीचिंग (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से) के लिए समुचित समय सारणी तैयार करवाना तथा करवाना ।
मिशन स्टार्ट 2023 Mission Start 2023 24 कार्यक्रम का क्रियान्वयन :-
विद्यालयों में आईसीटी लैब्स तथा कम्प्यूटर्स, विभिन्न डिजिटल संसाधन यथा स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी. डी/प्रोजेक्टर/इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि उपलब्ध है। अतः इन संसाधनों के उचित उपयोग से विभाग के दक्ष शिक्षकों के द्वारा निर्मित इस ई-कंटेट को विद्यालयों तक पहुंचाया जाना और इसका समुचित उपयोग करवाना विभाग की प्राथमिकता है।
डिजिटल लर्निंग विद्यार्थियों को अपनी सीखने की गति के अनुसार अध्ययन करने की सुविधा प्रदान करता है साथ हीं शिक्षक भी नवाचारों एवं नये विचारों के समावेशन से अपने अध्यापन को अधिक प्रभावी बना सकते है। डिजिटल शिक्षा द्वारा विद्यार्थियों का समग्र विकास भी किया जा सकता है। क्योंकि इन्हीं सभी बिन्दुओं के मद्देनजर विभाग द्वारा मिशन स्टार्ट कार्यक्रम को प्रारम्भ किया गया है।
लक्षित समूह – कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी ।
विद्यालय में हार्डवेयर उपलब्धता एवं क्रियाशीलता की स्थिति :-
Mission Start 2023 24 कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समस्त अधिकारीगण अपने परिक्षेत्र के समस्त विद्यालयों में उपलब्ध आईसीटी योजनान्तर्गत अथवा भामाशाह या अन्य किसी भी माध्यम से उपलब्ध सभी डिजिटल उपकरणों जैसे स्मार्ट टी.वी / आई.एफ.पी.डी / प्रोजेक्टर / इंटरेक्टिव पैनल / स्मार्ट बोर्ड इत्यादि की उपलब्धता एवं क्रियाशील उपकरणों की संख्या स्वयं के स्तर पर संधारित की जानी है।
साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक उपकरण व आईसीटी लैब्स क्रियाशील स्थिति में रहें ताकि ई-कंटेट द्वारा कक्षाओं का संचालन निर्बाध रूप से हो सके।
सभी अधिकारीगण अपने परिक्षेत्र में कक्षा 9-12 तक शैक्षिक रिक्त पदों का आंकलन करेगें साथ ही विविध परिस्थितियों यथा मातृत्व अवकाश, चाइल्ड केयर लीव, मेडिकल अवकाश इत्यादि किसी भी कारण से शिक्षक लंबे अवकाश पर है तो यह जानकारी भी संधारित करेंगें तथा मांगे जाने पर निदेशालय के अधिकारियों को प्रेषित करेंगें ।
सामान्य आकस्मिक अवकाश की स्थिति में भी शिक्षक के साप्ताहिक पाठ योजना के अनुरूप निर्धारित पाठ्यसामग्री का ई-कंटेट विद्यार्थियों को दिखाया जाना है।
हार्ड डिस्क के माध्यम से : प्रत्येक विद्यालय तक हार्डडिस्क के माध्यम से ई-कंटेट की पहुंच करने के लिए समसा आईसीटी सेल द्वारा इस हेतु 15070 हार्डडिस्क (4TB) की ई-कंटेट सहित विद्यालयों तक पहुंचायी जायेगी। समस्त अधिनस्थों को समसा द्वारा आवश्यकतानुसार तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा ।
विभागीय यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से : विद्यालय में इंटरनेट की उपलब्धता होने की स्थिति में विभागीय यूट्यूब चैनल के माध्यम से कंटेट दिखाया जाना सुनिश्चित करेंगें ।
ई-कंटेट द्वारा निरन्तर कक्षा शिक्षणः विद्यालय में ई-कंटेट की पहुंच सुनिश्चत करने के पश्चात् प्रतिदिन विद्यालयवार निर्धारित समय सारणी के अनुसार कक्षाएं लिया जाना सुनिश्चित किया जाये।
ई-कंटेट की मैपिंगः समस्त पाठ्यक्रम के लिए निर्मित ई-कंटेट में से कौनसा कंटेट किस विषय वस्तु के लिए निर्धारित है इसे स्कूल लैसन गाईडेंस मॉडयूल में वर्णित किया गया है। इस मैपिंग किये गये ई-कंटेट के अनुरूप ही कक्षा-कक्ष में रिक्त कालांश में उसी विषय के शिक्षण के लिए दिये गये ई-कन्टेन्ट के लिंक अथवा सामग्री का हीं उपयोग किया जाये |
Mission Start 2023 24 के तहत विद्यालयवार समय सारणी तैयार करना:-
विद्यालय में रिक्त पदों एवं अनुपस्थित शिक्षकों की संख्या क्रम के लिए बनाये गये स्कूल लैसन गाईडेंस मॉड्यूल के अनुसार विषय के रिक्त कालांश की पूर्ति हेतु उसी विषय के शिक्षण के लिए उपयोग किये जाने के लिए समय-सारणी का निर्माण किया जाना है । उक्त निर्मित समय सारणी का प्रिंट विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाना अनिवार्य रहेगा।
ई-कन्टेन्ट का उपयोगः– कक्षा 9 से 12 तक के शैक्षिक रिक्त पदों के अनुरूप ई-कन्टेन्ट का उपयोग निर्धारित समय सारणी के अनुसार किया जाना है । शालादर्पण मॉड्यूल पर प्रविष्टिः- स्कूल लैसन गाईडेंस मॉड्यूल के अनुसार निर्मित की गई समय सारणी को प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को शालादर्पण मॉडयूल पर प्रविष्ट किया जाना है ।
Mission Start 2023 24 के तहत दायित्व और कर्तव्य
संस्था प्रधान स्तर पर :-
कार्यक्रम की मॉनिटरिंग हेतु विद्यालय स्तर पर एक शिक्षक को Mission Start 2023 24 प्रभारी बनाएगें ।
अपने विद्यालय में कक्षा 9 से 12 के रिक्त पदों एवं अनुपस्थित शिक्षकों के कालांश निर्धारित करते हुए ई-कन्टेन्ट के माध्यम से शिक्षण हेतु समय सारणी का निर्माण करेंगे एवं इस समय सारणी के अनुसार शिक्षण का सुचारू संचालन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे ।
विद्यालयवार समय-सारणी का निर्धारण मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के लिए निर्धारित स्कूल लैसन गाईडेंस मॉडयूल फॉर Mission Start 2023 24 के अनुरूप हीं किया जाना है । रिक्त कालांश की पूर्ति हेतु उसी विषय के शिक्षण के लिए दिये गये ई-कन्टेन्ट के लिंक अथवा सामग्री का हीं उपयोग किया जाना है ।
प्रत्येक शुक्रवार को आगामी सप्ताह की समय सारणी शालादर्पण मॉड्यूल में प्रविष्ट करने का दायित्व मिशन स्टार्ट प्रभारी शिक्षक का रहेगा। उक्त डाटा की कक्षाध्यापक द्वारा शाला दर्पण पर यथासमय प्रविष्टि करवाए । उक्त समय सारणी को प्रिंट करके विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाना सुनिश्चित करेंगे ।
पीटीएम में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करें ।
शिक्षकों का संबलन करने हेतु उनकी बेस्ट प्रेक्टिसेज को सराहेगें व विद्यालय स्तर पर सम्मानित करें ।
Mission Start 2023 24 प्रभारी शिक्षक :-
अपने विद्यालय में कक्षा 9 से 12 के लिए निर्धारित की गई समय सारणी के अनुसार शिक्षण का सुचारू संचालन करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे।
प्रत्येक शुक्रवार को आगामी सप्ताह की समय सारणी शालादर्पण मॉड्यूल में प्रविष्ट करना सुनिश्चित करेंगे। उक्त समय सारणी को प्रिंट करके विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेंगे ।
विद्यार्थियों से मिशन स्टार्ट के संबध में निरन्तर फीडबैक लेंगे तथा उन्हें डिजिटल माध्यम से करवाये जाने
वाले शिक्षण के साथ सहजता का अनुभव करने हेतु प्रेरित करेंगे तथा ब्लेंडेड लर्निंग के लाभों से अवगत करवायेंगे ।
विद्यार्थियों के ई-कन्टेन्ट उपयोग की निरन्तर समीक्षा करें ताकि विद्यार्थियों को आने वाली कठिनताओं के बारे में पता लगाया जा सके ।
Mission Start 2023 24 कार्यक्रम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
मिशन स्टार्ट कार्यक्रम का परिचय
5 सितम्बर 2023 को शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री महोदय एवं शिक्षा विभाग द्वारा दूरस्थ इलाकों के ऐसे विद्यालयों के लिए यह कार्यक्रम शुरु किया गया जिसमें शिक्षकों के पद रिक्त या विषयाध्यापकों की कमी होने के कारण विद्यार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कंटेंट के द्वारा पढ़ाई करवाई जाएगी ताकि विद्यार्थियों की अध्ययन की निरंतरता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े ।
मिशन स्टार्ट कार्यक्रम के विस्तृत दिशा निर्देश इस लिंक से डाऊनलोड करें
आईसीटी लैब, कम्प्यूटर, स्मार्ट बोर्ड, स्मार्ट टीवी, इंटरेक्टिव पैनल का उपयोग करवाना
लक्षित समूह कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाओं जिसमें विषयाध्यापक उपलब्ध नहीं है या दीर्घकालीन अवकाश पर हैं उनके विषयों के अध्यापन के लिए आईसीटी लैब, कम्प्यूटर, स्मार्ट बोर्ड, स्मार्ट टीवी, इंटरेक्टिव पैनल जो भी डिजिटल संसाधन उपलब्ध है का उपयोग कर विद्यार्थियों को निरंतर अध्ययन करवाना है ।
‘मिशन स्टार्ट कार्यक्रम की क्रियान्विति की समस्याओं का समाधान कैसे करें को विडियो से समझें
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN : “विजन 2023” के सम्बन्ध में निबन्ध प्रतियोगिता के आयोजन बाबत नवीन दिशा-निर्देश निदेशालय ने जारी किये हैं | जिनका संदर्भ निदेशालय के समसंख्यक पत्र दिनांक 23.08.2023 हैं |
“विजन 2023” विषयान्तर्गत निदेशालय के पूर्व पत्र दिनांक 23.08.2023 द्वारा “मिशन 2030 विकसित राजस्थान” के तहत दिनांक 08.09.2023 को सभी राजकीय व गैर-राजकीय विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के लिए प्रातः 9.00 बजे से 10:00 बजे तक निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। इसी निर्देश पत्र की निरंतरता में यह स्पष्ट किया गया है कि-
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN कार्यक्रम की जानकारी, उद्देश्य एवं हितधारकों की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए एक परिचयात्मक दस्तावेज परिशिष्ट-ए पर संलग्न कर भेजा जा रहा है, जिसे शिक्षक एवं संस्था प्रधान स्वयं अध्ययन करेंगे तथा शनिवार दिनांक 02.09.2023 को ‘नो बैग डे के दिवस को विद्यार्थियों के साथ प्रार्थना सभा में पृथक से 1 घंटे तक विमर्श कर स्पष्ट करेंगे, जिससे विद्यार्थी दिनांक 08.09.2023 को अपने निबंध लेखन में अपेक्षानुरूप अभिव्यक्ति दे सकें।
भागीदार विद्यार्थियों की संख्या अविलम्ब शाला दर्पण व पीएसपी पोर्टल पर आवश्यक रूप से अंकित की जानी है। प्रासंगिक पत्रानुसार भाग लेने वाले संभागियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो विद्यालय स्तर पर तैयार कराया जाना है, जिसका प्रारूप परिशिष्ट-बी पर संलग्न कर प्रेषित है।
इसी कार्यक्रम “MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN” के तहत सर्वेक्षण हेतु राजकीय व गैर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों से दिनांक 06.09.2023 को सर्वे फॉर्म भरवाया जाना है। सर्वे फॉर्म नीचे लिंक में संलग्न किया गया है। उक्त सर्वे फॉर्म की प्रिंटिंग सम्बन्धित विद्यालय स्तर पर की जानी है। इस हेतु आवश्यक बजट का आंवटन जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) द्वारा पृथक से किया जा रहा है।
उक्त क्रम में पुनः स्पष्ट किया जाता है कि दिनांक 08 सितम्बर 2023 को सरकारी एवं गैर सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में निम्न दो गतिविधियाँ सम्पादित होनी हैं :- I. निबन्ध लेखन । निबंध लेखन के लिए PDF यहाँ से डाउनलोड कीजिए CLICK HERE II. सर्वेक्षण । सर्वे फॉर्म यहाँ से डाउनलोड कीजिए CLICK HERE
निबन्ध लेखन में कक्षा 9-12 के विद्यार्थी जो रुचि रखते है वो भाग लेंगे तथा सर्वेक्षण में कक्षा 9-12 के उस दिवस को विद्यालय में उपस्थित इन कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों द्वारा किया जाना है।
संलग्न सर्वे फॉर्म की प्रतियां विद्यालय अपने स्तर पर भाग लेने वाले संभागियों की संख्या अनुरूप करवाएंगे। भरे हुए सर्वे फॉर्म विद्यालय अपने पास सुरक्षित रखेंगे, इसके संबंध में आगामी कार्रवाई हेतु पृथक से निर्देश मिलने पर तदनुसार कार्यवाही करेंगे।
राजस्थान मिशन-2030 (MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN) के लिए आवश्यक सहायक सामग्री सबसे नीचे लिंक में दी गयी हैं |
मिशन 2030 “विकसित राजस्थान” : परिचय और आयोजन MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN
अब हम यह जानने के प्रयास करते हैं कि क्या हैं “विकसित राजस्थान 2030: एक स्वप्निल परिदृश्य“
विकसित राजस्थान 2030: एक स्वप्निल परिदृश्य (MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN)
राजस्थान अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत, अदम्य शौर्य परंपरा, रंग-बिरंगी लोक संस्कृति और व्यापारिक संपन्नता के लिए विश्व भर में विख्यात रहा है। स्वातंत्र्योत्तर कालखंड में प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों एवं विस्तृत भू-भाग की चुनौतियों पर लगातर संघर्ष द्वारा सकारात्मक परिवर्तन के प्रयास हुए है। जिसका सुपरिणाम थार के मरूस्थल में लहलहाती फसल को देखकर स्वतः ही हो जाता है। राजस्थान ने आजादी के इन 75 वर्षों में आमजन के हितार्थ सुशासन के प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर राज्य को राष्ट्रीय परिदृश्य में सदैव अग्रणी रखा है।
शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और आधारभूत संरचना जैसे प्रत्येक क्षेत्र में राजस्थान प्रभावी योजनाओं के साथ सतत् संपोषणीय विकास को बढ़ावा दे रहा है। गत दशकों में राज्य में काफी प्रगति हुई है इंदिरा गांधी नहर परियोजना से मरुस्थलीय क्षेत्र तक जल की पहुँच होने से सिंचाई सुविधा सुनिश्चित हो सकी जिससे राज्य के इन क्षेत्रों में कृषि पैदावार में बढ़ोतरी हुई तथा किसानों का जीवन स्तर सुधरा ।
राज्य में खनिजों के व्यापक भंडार हैं जिससे राज्य में खनन एवं प्रक्रिया आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिला है। बाड़मेर में पेट्रोलियम रिफाइनरी का कार्य प्रगति पर है इसमें तेल उत्पादन प्रारंभ होते ही राज्य की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी साथ ही पेट्रोकेमिकल आधारित कई उद्योग स्थापित हो सकेंगे तथा रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। जनकल्याणकारी योजनाओं की क्रियान्विति में राजस्थान एक मॉडल राज्य है। इस क्रम में शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार ‘नो बैग डे’ ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम, निःशुल्क यूनीफार्म, बाल गोपाल दुध योजना, फ्यूचल डायल कार्यक्रम, स्वास्थ्य क्षेत्र में चिरंजीवी योजना, निःशुल्क दवाई एवं जाँच योजना, आदि कार्यक्रम उल्लेखनीय है। MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN
देश में पहली बार स्वास्थ्य का अधिकार (राइट टू हेल्थ), न्यूनतम आमदनी की गारंटी, महँगाई राहत शिविर, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की स्थापना, स्मार्टफोन योजना, गिग वर्कर्स वेलफेयर फंड की स्थापना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित अन्य योजनाओं से आमजन को राहत मिली है।
राजीव गांधी ग्रामीण खेल ओलंपिक एवं शहरी खेल ओलंपिक का सफल आयोजन कर खेल प्रतिभाओं को पहचान कर तराशने के अवसर प्राप्त हुए हैं। युवा महोत्सव के आयोजन के माध्यम से संगीत, नृत्य, वादन, नाटक, लोक कलाएं आदि की प्रतिभाओं को पहचान कर सम्मानित किया गया है ।
राजस्थान मिशन-2030 (MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN) के लिए आवश्यक सहायक सामग्री सबसे नीचे लिंक में दी गयी हैं |
इन सब प्रयासों के बावजूद विस्तृत भू-भाग एवं दुर्गम क्षेत्र, ग्रामीण साक्षरता की आशानुकूल प्रगति न होना, रोजगार की कमी, व्यवसाय के लिए अन्य राज्यों में पलायन आदि वे प्रमुख चुनौतियाँ है जिनकी वजह से राजस्थान विकसित राज्यों की श्रेणी में अब तक सम्मिलित नहीं हो पाया है। सरकार स्तर पर प्रभावी योजना निर्माण क्रियान्विति एवं प्रबंधन के फलस्वरूप हमने उल्लेखनीय उन्नति तो की है लेकिन अभी भी बहुत सारे ऐसे अछूते क्षेत्र हैं जिन पर बहुत कार्य किया जाना शेष है।
राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख विकसित राज्यों में अग्रणीय बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय की दूरदर्शी सोच के आधार पर MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN लागू किया जा रहा है। यह कार्यक्रम राज्य के 2030 के परिदृश्य की आशाओं और अपेक्षाओं पर निर्मित किया जा रहा है। हम 2030 तक के बदले हुए राजस्थान में क्या देखते हैं ? क्या देखना चाहते है ? तथा 2030 में हमारे सपनों का राजस्थान कैसा होगा ? यह इस कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त करने का मुख्य लक्ष्य है।
राजस्थान मिशन 2030 के लिए सरकार द्वारा प्रमुख प्रस्तावित गतिविधियाँ निम्नलिखित हैं –
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN के लिए वेबसाइट तैयार (mission2030.rajasthan.gov.in) कर नागरिको से ऑनलाइन अपेक्षाएँ, विचार, सुझाव प्राप्त किये जा रहे है।
विभिन्न विभागो द्वारा संबंधित हितधारकों के साथ दिनांक 23 अगस्त से 15 सितम्बर तक गहन परामर्श कर सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं।
दिनांक 1 से 15 सितम्बर तक निम्नलिखित दो माध्यमों से मिशन 2030 फेस टू फेस सर्वे किया जा रहा है।
जनकल्याण ऐप के सर्वे ऑप्शन के माध्यम से ।
फीडबैक का physical format भरवाकर ।
प्रमुख चयनित सार्वजनिक स्थानों पर QR Code भी लगाए जा रहे हैं, जिन्हें स्कैन करके नागरिकों से सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं।
राज्य के समस्त सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों (9th Class and above) एवं कॉलेजों (सभी विश्वविद्यालयों के संघटक कॉलेजों सहित ) में “2030 में कैसा होगा मेरा राजस्थान विषय पर लेख व भाषण प्रतियोगिताएँ आयोजित कर MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN के संबंध में वातावरण निर्माण किया जा रहा है।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN के संदर्भ में विभिन्न हितधारकों / प्रभावशाली समूहों के साथ संवाद कर सुझाव, विचार प्राप्त किये जा रहे हैं।
मिशन 2030 हेतु वे ग्रामीण क्षेत्र जिनमें फेस टू फेस सर्वे किया जाना कठिन है के लिए आईवीआर सर्वे के द्वारा सुझाव प्राप्त करने हेतु दिनांक 01.09.2023 से 15.09.2023 तक लगभग 50 लाख कॉल्स किया जाना प्रस्तावित है।
प्रत्येक विभाग द्वारा अपना विभागीय मिशन 2030 तैयार किया जा रहा है।
उपर्युक्त सभी हितधारकों से प्राप्त सुझावों और विचारों के आधार पर CMRETAC विजन-2030 को अन्तिम रूप देगा समीक्षा पश्चात 30 सितम्बर 2023 को विजन 2030 दस्तावेज जारी किया जाना प्रस्तावित है।
राजस्थान सरकार द्वारा राज्य की जनता को उत्कृष्ट जीवन एवं सतत् विकास उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को लेकर राजस्थान मिशन-2030 के लिए समावेशी एवं प्रभावी विजन डॉक्यूमेंट का निर्माण किया जा रहा है। इस डॉक्यूमेंट का मूल उद्देश्य प्रदेशवासियों के चहुँमुखी विकास, खुशहाली, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ 2030 तक राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाना है। इस संदर्भ में राज्य के समस्त नागरिकों से यह अपेक्षा है कि उपर वर्णित विकल्पों में से किसी का भी चयन कर अपने सुझाव प्रदान करें कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को कैसे नंबर 1 राज्य बनाया जा सकता है।
यह विजन डाक्यूमेंट 2030 तक राजस्थान को सुरक्षित, समृद्ध और विकसित बनाने का स्वर्णिम दस्तावेज होगा। यह डाक्यूमेंट 2030 के राजस्थान के परिदृश्य के संदर्भ में हमे सजीव चिंतन का अवसर प्रदान करने के साथ इसमें निर्धारित प्रतिमानों को प्राप्त करने की समझ विकसित करेगा।
राजस्थान मिशन-2030 (MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN) के लिए आवश्यक सहायक सामग्री सबसे नीचे लिंक में दी गयी हैं |
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN में हमारे राज्य का परिदृश्य ऐसा होगा
राज्य में शिक्षा रोजगारोन्मुखी एवं गुणवत्तापूर्ण होगी।
राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी का प्रसार एवं व्यापक उपयोग राज्य के नागरिकों के द्वारा होता देख सकेंगे।
औद्योगिक विकास हेतु आधारभूत अवसंरचना का निर्माण पूर्ण रूप से हो चुका होगा।
शुद्ध पेयजल एवं बिजली की संपूर्ण राज्य में निश्चित उपलब्धता हो सकेगी।
महिला एवं बालिका सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे व्यापक उपाय का असर राज्य के सामाजिक ढाँचे में देख सकेंगे।
राइट टू हेल्थ (RTH) का प्रभावी क्रियान्वयन राज्य में होता देख सकेंगे राज्य के समस्त जिलों में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज एवं मल्टीस्पेशलिटी सरकारी अस्पताल समस्त आवश्यक संसाधनों से युक्त बन सकेंगे। निशुल्क चिकित्सा राज्य के समस्त नागरिकों को मिलती देख सकेंगे।
राज्य में उच्च स्तरीय शैक्षिक संस्थानो की स्थापना हो सकेगी जिसमें राज्य के युवा विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर अपने कौशल का प्रदर्शन कर राज्य को विकसित श्रेणी में लाने का प्रयास करते हुए दिखाई देंगे।
राज्य में खेलों को प्रोत्साहन दिया जाएगा तथा हर ब्लॉक स्तर पर पर्याप्त खेल मैदान व सुविधा विकसित हो सकेगी परिणामतः विश्व स्तरीय खिलाड़ियों का राज्य में निर्माण हो सकेगा।
विज्ञान एवं तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान जैसे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस आदि की स्थापना करते हुए राज्य इन क्षेत्रों में भी अग्रणी होगा।
राज्य के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात के पर्याप्त साधन की उपलब्धता होते देख सकेंगे ।
सभी पंचायत पर कम से कम एक स्कूल मल्टी फैकेल्टी होगा तथा सभी स्कूल पर्याप्त भौतिक तथा मानवीय संसाधनों से युक्त होंगे हो सकेंगे। जिला स्तर पर न्यूनतम एक स्कूल सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित हो सकेगा।
इजरायल की तर्ज पर कृषि क्षेत्र में विकास के लिए राज्य में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायक बनाने का प्रयास होता देख सकेंगे।
Ease To Business State के रूप में राजस्थान राज्य को विकसित होता देख सकेंगे जिसमें नागरिकों द्वारा व्यापार संचालन एवं प्रारंभ करने की प्रक्रिया सुगमता से हो सके ऐसा वातावरण बन सकेगा।
औद्योगिक विकास के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देते हुए देख सकेंगे ।
राज्य की समृद्धि ऐतिहासिक धार्मिक एवं भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा नए पर्यटन सर्किटों का विकास होते देख सकेंगे।
वन क्षेत्र का विकास कर राज्य में पर्यावरण संरक्षण कार्य को गति मिल सकेगी तथा हमारे नागरिक जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर संवेदनशील होंगे और प्रतिबद्ध होंगे।
परिपक्व लोकतंत्र के विकास में राज्य के नागरिक सभ्य एवं संवेदनशील रूप में प्रतिबद्ध होंगे।
यह डाक्यूमेंट मात्र एक डाक्यूमेंट न होकर जनाकांक्षाओं का जीवंत प्रतिबिंब होगा। यह डाक्यूमेंट निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में हमें प्रेरित करने के साथ दिशाबोध भी करेगा । विज़न डाक्यूमेंट 2030 राजस्थान के गौरवशाली अतीत, सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों की सुदृढ़ श्रृंखला एवं भविष्य के तकनीकी रूप से उत्कृष्ट नवाचारी राजस्थान में समन्वय, संतुलन एवं सामंजस्य करने वाला होगा।
हमारी यह परिकल्पना है कि –
” 2030 का हमारा सपना – सुरक्षित, समृद्ध राजस्थान अपना “
“सन् 2030 राजस्थान बनेगा सबमें इक्कीस “
“2030 में बढ़ेगा स्वाभिमान- विकसित होगा हमारा राजस्थान”
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN के लिए आवश्यक सहायक सामग्री
MISSION 2030 DEVELOPED RAJASTHAN SAMPLE BLANK प्रमाण पत्र निम्न लिंक से डाउनलोड कीजिए
NOTE : हमारी टीम ने सुचना केवल समान्य जानकारी के लिए यहाँ शेयर की हैं | हमने इसे तैयार करने में पूर्ण सावधानी रखी हैं, फिर भी त्रुटी रहना संभव हैं अत: किसी भी त्रुटी के लिए SHALA SUGAM जिम्मेदार नही हैं | समस्त उपयोगी जानकारी के लिए विभागीय निर्देशों व वेबसाईट का अवलोकन करें | : धन्यवाद
NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023 : ‘नो बैग डे’ राजस्थान शिक्षा विभाग की अनूठी पहल है जो विद्यार्थियों के चहुँमुखी विकास के लक्ष्य के साथ आनंददायी अधिगम की संभावनाओं को साकार करने के लिए वर्ष 2020 से लागू किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मंशा विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के दबाव परीक्षा के भय आदि से विमुक्त रखते हुए अधिगम की सकारात्मक, आनंददायी परिस्थितियाँ उपलब्ध करवाकर विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है। इसी परिप्रेक्ष्य में राजस्थान में वर्ष 2020 से ‘नो बैग डे कार्यक्रम लागू किया गया जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय रहा है।
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पूर्व में प्रकाशित ‘NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023 / नो बैग डे निर्देशिका में वर्णित थीम के अतिरिक्त नए विषयों यथा- संविधान की प्रस्तावना एवं उद्देशिका का वाचन स्पर्श की पहचान सड़क सुरक्षा, से ‘नो टू टोबेको, व्यक्तित्व विकास आदि का समावेश कर निर्देशिका को अद्यतन करना प्रासंगिक एवं आवश्यक है। नवीन संदर्शिका में कुछ नई जोड़ी गई थीम आधारित अधिगम विद्यार्थियों को अपने परिवेश के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ विद्यार्थियों में दायित्व बोध बढ़ाने तथा उन्हें सभ्य एवं जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में प्रभावी कदम सिद्ध होगा। NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
आनंददायी एवं दबाव मुक्त शिक्षण गतिविधियों के माध्यम से अनौपचारिक परिवेश में सहजता से सीखा हुआ ज्ञान स्थाई एवं सुदृढ़ रहता है। अतः यह कार्यक्रम शिक्षाशास्त्र एवं राज्य की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा प्रदान करने वाला होगा।
इस महनीय कार्यक्रम की सफलता इसकी सुव्यवस्थित क्रियान्विति पर निर्भर रहेगी मुख्य रूप से संस्थाप्रधानों, शिक्षक साथियों एवं विद्यार्थियों की समर्पित निष्ठा पर निर्भर करेगी। हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप सभी विभाग की मंशा अनुसार इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय एवं सतत् सहयोग प्रदान कर राजस्थान के शैक्षिक परिदृश्य को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगे ।
संविधान की उद्देशिका एवं मौलिक कर्तव्यों का पठन (दैनिक गतिविधि)
1/2 घंटा
2.
थीम आधारित गतिविधि – 1
2 घंटे
3.
थीम आधारित गतिविधि – 2
2 घंटे
वर्ग : कक्षा 01 से 05
Be Smart (विद्यालयों में व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम)
समूह 1 अंकुर (कक्षा 1-2) एवं समूह – 2 प्रवेश (कक्षा 3-5)
गतिविधि का नाम :- ”वर्ड इन द वॉक्स” समय :– 2 घंटे आवश्यक सामग्री :– पेपर चिट और डिब्बा।
गतिविधि के चरण :- NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
शिक्षक अपनी कक्षा के विद्यार्थियों के अनुसार पेपर चिट बनाएँ।
हर एक पेपर चिट पर अंग्रेजी का एक शब्द लिखे जैसे:- mango, banana, fan, colour, table, chair, village, tree, etc.
शिक्षक इन सभी चिटों को एक बॉक्स में डाल दे।
उस बॉक्स में से सभी विद्यार्थियों से एक-एक चिट उठाने को कहे।
विद्यार्थियों से उस चिट पर दिये शब्द के बारे में विस्तार से बताने को कहे ।
विद्यार्थी अंग्रेजी या हिंदी जिस भाषा में वो सहज है, उस भाषा में उसे शब्द के बारे में बताने को कहे। NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
सीखने के प्रतिफल
विविध उद्देश्यों के लिए अपनी भाषा अथवा / और स्कूल की भाषा का इस्तेमाल करते हुए बातचीत करना सीखेंगे। अपनी बात खुल कर कह सकने, अपने निजी अनुभव साझा करने का कौशल सीख सकेंगे। NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
गतिविधि का नाम :- ”कविता के माध्यम से सहानुभूति पूर्ण भावनात्मक विकास” समय :– 2 घंटे
समूह 1 अंकुर (कक्षा 1-2) आवश्यक सामग्री :– कुर्सी मेज, अखवार, कार्टून चरित्र का मुखौटा या फ़ैन्सी ड्रेस (यदि संभव हो )
गतिविधि के चरण :-
शिक्षक हाव-भाव के साथ कविता वाचन करेगा एवं विद्यार्थी उसे दोहराएँगे:
एक दिन देखा बिल्ली मौसी को, भुख-प्यास से व्याकुल किसको खाऊँ किसको खाऊँ? म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ। एक दिन देखा कौवे राज को, भूख-प्यास से व्याकुल क्या खाऊँ, क्या खाऊँ? काँव-काँव-काँव ।
शिक्षक विद्यार्थियों से प्रश्न पूछ कर उनके मनोभाव जान सकेंगे।
बिल्ली को किस-किस ने देखा है? भूखी बिल्ली आपके पास आएगी तो आप क्या करेंगे? और कौन-कौन से जानवर आपने आस-पास देखे हैं?
कौवे को आपने कहाँ-कहाँ देखा है ? आपको कौवे की आवाज कैसे लगती है और क्यों? आपने किन-किन पक्षियों की आवाज सुनी है?
इस बातचीत के दौरान शिक्षक विद्यार्थियों द्वारा बताए जाने वाले जानवरों और पक्षियों के नाम अलग-अलग कॉलम में नोट करते जाएँ तथा इस वर्गीकरण पर बात करते हुए विद्यार्थियों द्वारा बताए गए प्रत्येक नाम का विद्यार्थियों से दोहरान कराएँ। NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
सीखने के प्रतिफल
विद्यार्थी अपने आस-पास के पशुओं व पक्षियों से संबंधित शब्दकोश विकसित कर सकेंगे। NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
Be Smart (विद्यालयों में व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम)
गतिविधि का नाम :- ‘सुने और अपनी बात कहें’ समय :– 2 घंटे आवश्यक सामग्री :– कागज़ की पर्चियाँ, बाउल, खिलौना माइक, समय-प्रबंधन के लिए घड़ी इत्यादि।
गतिविधि के चरण :-
अभ्यास प्रारंभ करने के लिए एक, दो, तीन, चार कोने बनाएँ।
शिक्षक एक कथन पढ़े और वे चार विकल्प बताएँ जिनका अनुसरण करना है।
प्रत्येक वैकल्पिक उत्तर किसी एक कोने को व्यक्त करता है।
चौथा विकल्प एक खुले कोने के रूप में होगा ।
वे विद्यार्थी जो अन्य विकल्पों से सहमत नहीं होते हैं वे खुले कोने में खड़े हो सकते हैं और अपना स्वयं का उत्तर दे सकते हैं।
प्रत्येक कथन के बाद सहभागियों को कारण पूछे जाएँ कि उन्होंने कोई खास विकल्प क्यों चुना?
विद्यार्थी इसका जवाब बोलकर और लिखकर दोनों तरीके से दे सकते हैं। NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
सीखने के प्रतिफल
विद्यार्थियों में प्रभावी संवाद कौशल का विकास होगा। NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
भाषा कौशल विकास एवं मूल्यपरक शिक्षा
गतिविधि का नाम :- ‘साहसिक घटना पर अंग्रेजी फिल्म” समय :– 2 घंटे आवश्यक सामग्री :– कागज़ की पर्चियाँ, बाउल, खिलौना माइक, समय-प्रबंधन के लिए घड़ी इत्यादि।
गतिविधि के चरण :-
विद्यार्थियों को LED/TV पर वेब सीरीज / डाक्यूमेंट्री आदि दिखाई जाएगी।
फिल्मों में आए कठिन शब्दों के अर्थ एवं उच्चारण को शिक्षक द्वारा बताया जाएगा।
फिल्म के दौरान शिक्षक द्वारा घटनाओं से जुड़े कुछ लघु प्रश्न पूछे जाएँगे ताकि विद्यार्थियों के द्वारा चर्चा में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
इस प्रकार शब्द संग्रह, वाक्य रचना कौशल, उच्चारण कौशल को विकसित किया जा सकता है। NO BAG DAY ACTIVITIES SEPTEMBER 2023
सीखने के प्रतिफल
विद्यार्थियों में सुनने, देखने की क्षमता के साथ-साथ अपनी समझ को संगृहीत करने की क्षमता का विकास होगा।
Know Childrens Parliament: Structure and Responsibilities Bal Sansad: Structure and Responsibilities / बाल संसद जानें : संरचना और दायित्व :- प्राथमिक विद्यालयों में बाल संसद का गठन बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु किया जाता है, एवं उसे सक्रिय रखने के लिए अध्यापकों के द्वारा प्रयास किया जाता है, तथा विद्यालय के विभिन्न कार्यों के संचालन में बच्चों की सक्रिय सहभागिता ली जाए ,बच्चों में उनकी जिम्मेदारियों को पूर्ण करने समय-समय पर उनके कार्यों का अवलोकन विश्लेषण सहयोग सुनिश्चित किया जाए। BAL SANSAD
“स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय” के अन्तर्गत समस्त राजकीय विद्यालयों में बालक-बालिकाओं पृथक-पृथक शौचालय सुविधा करवाई जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र के समस्त विद्यालयों में उपलब्ध शौचालय एवं पेयजल सुविधाओं की साफ-सफाई एवं रख-रखाव हेतु रू. 500 रूपये प्रतिमाह की दर से 5000 रूपये प्रतिवर्ष (10 माह हेतु) स्वच्छता अनुदान दिया गया है। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities . BAL SANSAD
Bal Sansad: Structure and Responsibilities
Bal Sansad: Structure and Responsibilities
विद्यालयों में शौचालय एवं पेयजल सुविधा की साफ-सफाई एवं रख-रखाव तथा बालक बालिकाओं में स्वच्छता एवं स्वास्थ्यप्रद आदतों के विकास के लिए नियमित रूप से निम्नांकित गतिविधियों का संचालन किया जावें :-
प्रार्थना सत्र में नियमित रूप से स्वच्छता एवं स्वास्थ्यप्रद आदतों की जानकारी शिक्षकों द्वारा छात्र – छात्राओं को दी जावें ।
सप्ताहिक रूप से प्रार्थना सत्र के उपरान्त बालक बालिकाओं में स्वच्छता की आदतों का परीक्षण किया जावे यथा नाखून, शरीर की सफाई, गणवेश की स्वच्छता आदि ।
विद्यालय में दर्पण लगवाया जाये, जिससे विद्यार्थी विद्यालय में आने के उपरान्त अपनी गणवेश एवं बालों आदि को व्यवस्थित कर सके ।
मिड-डे मिल से पूर्व आवश्यक रूप से सभी विद्यार्थीयों को साबुन से हाथ धोने की,, व्यवस्था करें। भोजन बनाने से पूर्व सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा आवश्यक रूप से साबुन से हाथ धोये जावे।
विद्यालय में शौचालय, पेयजल परिसर कक्षा-कक्ष, बरामदा साफ-सफाई एवं रख-रखाव की की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
विद्यालयों के शौचालयों में रनिंग वाटर अथवा छोटी टंकी से पानी की व्यवस्था की जावें ।
विद्यालय की दैनिक गतिविधियों में विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करने एवं नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए बाल संसद का गठन कर उन्हें कार्यो का दायित्व सौपा जावें ।
प्रत्येक कक्षा का एक स्वच्छता मोनिटर मनोनीत किया जाए एवं प्रतिमाह नए बालक/बालिका को मोनिटर बनाया जाए।
विद्यालय के मिड-डे-मील प्रभारी शिक्षक को ही शाला स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों का प्रभारी शिक्षक मनोनीत किया जाए।
विद्यालय भवन / सूचना पट्ट पर विद्यालय परिसर एवं शौचालय के सफाईकर्मी का नाम एवं मोबाईल नम्बर आवश्यक रूप से अंकित किया जाए।
बाल संसद विद्यालय के बच्चों का एक मंच होगा जहां वे अपने विद्याल, समाज, परिवार, स्वास्थ्य, शिक्षा और अपने अधिकारों की बात खुल कर कह सकेंगे। बाल संसद क्यों। बच्चों का एक ऐसा मंच प्रदान करना, जहां वे अपने विचार रख सके और विद्यालय के प्रबंधन और विकास में भागीदार बन सके। बच्चों में जीवन कौशल का विकास करने के लिए। जैसे-तत्व क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता और संप्रेषण क्षमता अर्थात् बच्चों के सम्पूर्ण व्यिक्तित्व का विकास करने के लिए। विद्यालय को आनंददायी, सुरक्षित और साफ-सुथरा रखने के लिए। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities Bal Sansad: Structure and Responsibilities
Know Childrens Parliament: Structure and Responsibilities Bal Sansad: Structure and Responsibilities / बाल संसद जानें : संरचना और दायित्व
बाल संसद के गठन की प्रक्रिया
विद्यालय मे नामंकित बच्चों में से चुनाव प्रक्रिया के द्वारा एक प्रधानमंत्री चुना जाये। कक्षा 3 से 5 या 8 तक 35 छात्र-छात्राओं का स्वच्छता स्काउट के रूप में चयन कर 5-5 स्वच्छता स्काउटों की 6 दल ( दल 5×6=30) बनाकर उनमें से एक-एक दल नायक चुनेंगे। दल नायक पूरे दल का नेतृत्व करेगा। प्रत्येक दल का एक-एक प्रभारी अध्यापक होगा। जहाँ पर अध्यापक कम होगें वहाँ दो तीन दलों को मिलाकर प्रभारी बनाया जा सकता है। यहाॅ बालिकाओं की भागीदारी निश्चित अनुपात में अवश्य हों।
बाल संसद का गठन के निम्नलिखित प्रक्रिया है Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities / Bal Sansad: Structure and Responsibilities :-
विद्यालय में सभी बच्चों की एक सभा बुला कर उन्हें वर्गवार बैठाएं।
बाल संसद के गठन के पूर्व संयोजक शिक्षक द्वारा बाल संसद के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया जाएगा।
सभी बच्चों की सभा एक प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी। दोनों पदों में से कोई एक पद लड़की के द्वारा भरा जाएगा।
प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री के चुनाव के बाद सभी वर्गा को पांच समूहों में बांटा जाएगा। बांटने की प्रकिया इस प्रकार से होगी-उपस्थिति पंजी के अनुसार सभी बच्चों को, जैसे क्रमांका, पहला समूह, क्रमांक 2. दूसरा समूह आदि रखते हुए पांच समूहों में बांटा जाएगा।
पांचों समूहों के नाम, महापुरूष, नदियों, फलों, पहाडों आदि के नाम पर रखे जा सकते है।
सभी समूहों को अलग-अलग बैठा कर हर समूह को एक मंत्री और एक उप मंत्री चुनने के लिए कहा जाएगा। प्रत्येक समूह से एक लड़का और एक लड़की मंत्री और उप मंत्री की जिम्मेवारी संभालेंगे।
इसके बाद सभी मंत्री और उप मंत्री की बैठक प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी जाएगी और चुने गए मंत्रियों के बीच दायित्वों का बटवारा होगा।
बाल संसद का कार्यकाल एक वर्ष का होगा। शैक्षणिक वर्ष के प्रथम माह में इसका गठन अनिवार्य रूप से कर लिया जाएगा।
Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities / Bal Sansad: Structure and Responsibilities
कक्षा 10 के लिए शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
प्रधानमंत्री एवं उप-प्रधानमंत्री के अलावा बाल संसद में 12 मंत्री होंगे, जिनका विवरण निम्नवत है-
शिक्षा मंत्री
उप शिक्षा मंत्री, जिसे मीना मंत्री कहा जाएगा (इस पद पर कोई लड़की ही होगी)
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री
उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री
जल एवं कृषि मंत्री
उप जल एवं कृषि मंत्री
पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री
उप पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री
सांस्कृतिक एवं खेल मंत्री
उप सांस्कृतिक एवं खेल मंत्री
बाल सुरक्षा मंत्री
बाल उप सुरक्षा मंत्री इस प्रकार बाल संसद में 14 सदस्य हांगे, जिसमें 7 उप मंत्री, एक प्रधानमंत्री और एक उप प्रधानमंत्री होंगे। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
मंत्रिमंडल के कार्य एवं दायित्व
प्रधानमंत्री द्वारा प्रत्येक दल के दलनायक को निम्नानुसार विभाग सौपकर कार्यो का दायित्व सौपेगें। बाल संसद मंत्री मंडल में जितने भी मंत्री होते हैं सभी का कार्य और दायित्व बटा हुआ है। सब अपने अपने कार्य को अंजाम देते हैं अपने दायित्व का भली-भांति निर्वहन करते हैं। आइए हम एक-एक करके जानते हैं Bal Sansad: Structure and Responsibilities सभी मंत्रियों के बारे में …
प्रधानमंत्री/उप प्रधानमंत्री के कार्य एवं दायित्व
प्रत्येक 15/30 दिनों पर मंत्रियों की बैठक बुलाना और 3 महीनों में एक आम बैठक कना, जिसमें विद्यालय के सभी बच्चे भाग लेंगे। इस बैठक में पिछले कार्यों पर चर्चा करेंगे और आगे की योजनाएं बनाएगें।
सभी मंत्रियों के कार्यो की समीक्षा करना और उपयोगी निर्णय लेना।
विद्यालय शिक्षा समिति और माता समिति की बैठक में बाल संसद द्वारा उठाए गए मुददे को (जिसका संबंध समिति से है) रखना और समिति से समाधान हेतु आग्रह करना।
बैठक की उपस्थिति पंजी बना कर प्रत्येक बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों का हस्ताक्षर करवाना, उपलब्धियों की सूची बनाना और आगे की योजनाएं बनाना। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
समूह के दिनवार कार्यो का बंटवारा करना और समूह को सूचना देना। जैसे-सोमवार को विरसा समूह द्वारा सफाई कार्य, मंगल पांडे समूह द्वारा बागवानी कार्य करेंगे, आदि।
विद्यालय में संसद का एक सूचना पट, स्वच्छता मॉनिटरिंग बोर्ड लगवाना। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities
शिक्षकेतर गतिविधियों में सभी बच्चों को समान रूप से भागीदार बनाना।
विशेष अवसरों पर विद्यालय में और विद्यालय से बाहर समारोह आयोजित करना। विद्यालय शिक्षा समिति की सहायता से शिक्षण अधिगम सामग्री, खेल सामग्री, प्राथमिक उपचार किट, बुलेटिन बोर्ड, गमला आदि की व्यवस्था करना।
प्रधानमंत्री की समिति के द्वारा अपने कार्यों की प्रगति बताना।
विशिष्ट व्यक्तियों के विद्यालय आने पर उन्हें बाल संसद के सदस्यों से मिलवाना।
यह देखना कि सभी मंत्री,उप मंत्री और मॉनिटर अपने-अपने बैज रोज लगाएं। उप प्रधानमंत्री का दायित्व प्रधान मंत्री को सहयोग करना और प्रधनमंत्री की अनुपस्थिति में प्रधानमंत्री के सभी कार्य को करना।
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शिक्षा मंत्री शिक्षक और विद्यालय शिक्षा समिति को बालपंजी तैयर करने/अद्यतन करने के लिए सूचना हासिल करवाना। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
बच्चों की सहायता से अनामांकित बच्चों और लगातार विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों को विद्यालय से जोड़ने का प्रयास करना।
ऐसे बच्चों की सूची बना कर बच्चों के बीच नामांकन का लक्ष्य देना ।
उनके नाम विद्यालय में लिखने की कोशिश करना। सभी वर्ग कक्ष को आकर्षक बनवाना। इसके लिए गुलदस्ते,टी०एल०एम० आदि की मदद ली जा सकती है।
सभी वर्ग कक्ष में बच्चों के लिए कए अधिगम कोना, यानि सीखने हेतु कार्य करने के लिए स्थान बनवाना, जिसमें पुस्तकालय की पुस्तकें या बच्चों के द्वारा तैयार सामग्री रखी जाए। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
सभी बच्चों को घर पर पढ़ने के लिए प्रेरित करना। इसके लिए बच्चों के पिता, अभिभावक और माता समिति से बात की जा सकती है। वर्ग कक्ष में विकलांग बच्चों को समान अवसर उपलब्ध करवाना। जैसे उनके बैठने की उचित व्यवस्था करना बच्चों को उनके साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करना और उनके साथ दोस्तों की तरह पेश आना।
शिक्षक को शैक्षिक कार्य (पढ़ाने,लिखाने, सिखाने) में सहयोग करना, जैसे शिक्षक की गैरहाजिरी में बड़ी कक्षा के बच्चों से छोटी कक्षा में पठन कार्य करवाना। बच्चों को समूह मेंएक दूसरे की सहायता से पढ़ाई-लिखाई करवाने की कोशिश करना।
सूचना पट पर आज का विचार लिखना। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities
उप शिक्षा मंत्री/मीना मंत्री (लड़की के द्वारा ही भरा जाए) हर वर्ग से एक लड़की मीना मंत्री को मीना गतिविधि संचालित करने में मदद करेगी। वर्ग कक्ष के मॉनिटर एवं सह मॉनिटर की सहायता से प्रत्येक महीने में बच्चों की उपस्थिति का चार्ट तैयार करवाएगी।
20 या उससे अधिक दिनों तक उपस्थित होने वाले बच्चों को दीन स्टार, 15-20 दिन उपस्थित होने वाले को पीला स्टार दिया जाएगा। प्रत्येक कक्षा में जिस बच्चे की साल में सबसे अच्छी उपस्थिति रहे. उसे वर्ष के अंत में इनाम भी दिया जा सकता है। शिक्षा मंत्री के कार्यों में सहायता करना
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स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री / उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री के कार्य एवं दायित्व
Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities बच्चों की सहायता से पूरे विद्यालय परिसर की सफाई करवाना।
मंत्री का दायित्व होगा कि वे समूह के बच्चों में कार्य का बँटवारा पूर्व से कर दें जैसे वर्ग कक्ष की सफाई में कौन-कौन होंगें परिसर की सफाई में कौन-कौन होंगे। शौचालय की सफाई में कौन-कौन होंगे।
दायित्व बँटवारे की सूचना, संसद के सूचना पट पर कर दी जाए। सप्ताह में एक बार या पंद्रह दिन में एक बार वर्ग कक्ष की धुलाई करवाना। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
कक्षा 1 से 8 के प्रत्येक बच्चों को प्रतिसप्ताह, मध्यान भोजन उपरान्त आयरन की एक गोली देने की व्यवस्था करवाना। (कक्षा 1 से 5 तक गुलाबी एवं कक्षा 6 से 8 के बच्चों को नीली आयरन की गोली दी जाएगी ।)
प्रत्येक दिन किसी खास समूह के द्वारा प्रत्येक कमरे में पोंछा लगवाना वर्ग कक्ष में एवं परिसर में जगह-जगह पर कूड़े दान को रखना / रखवाना ।
शौचालय के पास टंकी / बड़ी बाल्टी (प्लास्टिक की) में जल प्रतिदिन बच्चों के द्वारा रखना। बच्चों के कपड़े / नाखून / दाँत / बाल / शरीर की जाँच करना एवं उन्हें साफ रखने की आदत डलवाना और सप्ताह में एक बार विद्यालय स्वच्छता मॉनिटरिंग बोर्ड पर पूरे विद्यालय की स्थिति को लिखवाना।
स्वच्छता सामग्री को उचित स्थान पर रखना और बच्चों को इसके उपयोग की आदत डलवाना।
प्राथमिक उपचार किट्स (कँची / बैंडेज / टिंक्चर आदि) को ठीक से रखना ।
शौचालय के पास साबुन रखना / रखवाना और बच्चों में प्रयोग की आदत डलवाना ।
टिफिन / मध्याह्न भोजन के समय हाथ साफ कर भोजन करने की आदत बच्चों में डालना।
सभी बच्चों का हेल्थ कार्ड तैयार करवाना और उसे बाँटना इसके लिए समय-समय पर आस-पास के चिकित्सकों की मदद ली जा सकती है।
बच्चों को शौचालय इस्तेमाल करने का तरीका बताना, ताकि शौचालय इस्तेमाल करने वाले सभी बच्चे शौच के पहले एवं बाद में उसकी सफाई करने की आदत डालें और अपने परिवार में भी लोगों से ऐसा करने को कहें।
विद्यालय में सूई धागा और बटन की व्यवस्था रखना, ताकि बच्चों के कपड़े सही-सलामत रहें। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री का दायित्व मंत्री के कार्यों में सहयोग और मंत्री के अनुपस्थित रहने पर सभी कार्य निपटाना ।
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें –
जल एवं कृषि मंत्री/उप जल एवं कृषिमंत्री के कार्य एवं दायित्व
विद्यालय में पेड़-पौधे लगाना/लगवाना और पेड़ों और छोटी झाड़ियों की सहायता से घेराबंदी करवाना, ताकि विद्यालय हरा-भरा रहे। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
हर विद्यालय में एक बगान होना चाहिए। बगान का हर एक भाग एक वर्ग कक्ष के जिम्मे देना।
फूलों की क्यारी बच्चों से बनवाना और प्रत्येक बच्चे अपने लगाए पौधों की देख-रेख करने हेतु बल देना। पुरानी इमारतों की ईंटों का उपयोग क्यारी बनाने में किया जा सकता है। क्यारी की ईंटों को रंगवाना।
बौस और टहनियों की मदद से घेरा बनाकर वृक्षारोपण करना। अलग-अलग वर्गों के बीच विद्यालय को बाँट कर उसकी साफ-सफाई और सौंदर्याकरण की प्रतियोगिता आयोजित करवाना है। प्रत्येक माह में सबसे अच्छे काम करने वाले समूह के नाम की घोषणा कर उसे अंक देकर साल के अंत में इन अंकों के आधार पर समूह को इनाम दिया जा सकता है।
इस कार्य में शिक्षक/विद्यालय शिक्षा समिति से मदद ली जा सकती है। उनसे पौधा उपलब्ध करवाने का आग्रह भी किया जा सकता है। बागवानी हेतु प्रयोग में आने वाली सामग्री को सुरक्षित रखना।
सभी वर्ग कक्ष के सामने पेयजल घड़ा/बाल्टी में रखना और उससे से पानी निकालने एवं पीने के बर्तन भी रखना।
पेयजल के पास सफाई का पूरा ध्यान रखना। समिति के सहयोग से चापाकल का चबूतरा बनवाना और सोख्ता का निर्माण करना/करवाना। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities
जिस विद्यालय में घेराबंदी न हो, उसके लिए विद्यालय शिक्षा समिति से आग्रह करना/करवाना। जहाँ बागवानी की जगह न हो, वहाँ यथासंभव गमले में फूल लगाना/लगवाना।
उपयोग किये जा चुके/गंदे जल से बगीचे का पटवन किया जा सकता है। उप मंत्री का दायित्व मंत्री के कार्यों में सहयोग और उनकी अनुपस्थिति में सभी कार्यों को स-समय पूरा करना।
विज्ञान एवं पुस्तकालय मंत्री/उप विज्ञान एवं पुस्तकालय मंत्री के कार्य एवं दायित्व
बच्चों में पुस्तकालय की किताबें पढ़ने की आदत डलवाना।
विद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की सूची बनाना।
पुस्तकों को विद्यालय के किसी निश्चित स्थान पर बच्चों की पहुँच तक रखा जाना चाहिए।
इसे प्रधानाध्यापक कक्ष में रस्सी से लटका कर रखा जा सकता है या पुस्तकालय की घंटी में वर्ग कक्ष में इसे कोने में रखवाया जा सकता है।
अगर बच्चे पुस्तक घर ले जाना चाहते हो, तो उन्हें मंत्री द्वारा खास समय के लिए ले जाने देना।
बच्चों में उनकी जिम्मेदारियों को पूर्ण करने हेतु समय-समय पर उनके कार्यों का अवलोकन विश्लेषण तथा सहयोग प्रदान करें विश्लेषण के आधार पर जिम्मेदारियों को बांटते समय बच्चों का बदल-बदल कर चयन करें, बच्चों को निम्नलिखित गतिविधियों से जोड़ा जा सकता है प्रार्थना योग एवं व्यायाम विद्यालय प्रांगण की स्वच्छता पेयजल व्यवस्था एवं शौचालय मूत्रालयओं का प्रयोग कक्षा की क्रियाएं तथा अनुशासन मध्यान भोजन वितरण व्यवस्था, मीना की कहानियों एवं पुस्तकालय की किताबों का वितरण, एवं सहा। खेल एवं शिक्षण कार्य आदि बच्चों को बच्चों के द्वारा जिम्मेदारियां सौंपना। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities
बाल संसद में निम्नांकित मंत्रिमंडल का सृजन किया गया है-
1
प्रधानमंत्री
सर्वांगीण विकास एवं नेत्रत्व की भावना विकसित करना।
2
स्वस्थ्य मंत्री
प्रत्येक बच्चे के प्रति ध्यान देने और स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को सीखना और उपयोग करना साथ ही विद्यालय एवं समाज में सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना।
३
स्वच्छता मंत्री
प्रत्येक बच्चे को व्यक्तिगत एवं सामूहिक सफाई एवं स्वच्छता को सीखने और उपयोग करने के योग्य बनाना साथ ही दूसरों की सहायता करना।
4
सुरक्षा एवं न्याय मंत्री
प्रत्येक बच्चे को सुरक्षा संबंधी कानूनों एवं मूल तत्वों की जानकारी देना साथ ही दूसरों को भी व्यक्तिगत सामाजिक प्राकृतिक घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करना।
5
पोषण मंत्री
प्रत्येक बच्चे को पोषक तत्वों की जानकारी देना खाद्य सुरक्षा प्रदान करने व कानून की जानकारी देना।
6
उपस्थिती मंत्री
हर बच्चे को स्कूल पसंद आए, वह प्रतिदिन स्कूल आने एवं विभिन्न क्रियाकलापों में भाग लें उसके प्रति प्रेरित करना और विद्यार्थियों के विद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करना।
7
शिक्षा मंत्री
हर बच्चे को तीन मूल तत्व पढ़ना लिखना गणितीय संक्रियाएं में पारंगत करने योग्य बनाना, हर बच्चा इसमें रुचि ले और विभिन्न विषयों एवं रचनात्मक क्षेत्रों की जानकारी हेतु सृजनशीलता में सहभागी बनाना ताकि हर बच्चा विषय वस्तु को समझे।
8
कौशल विकास मंत्री
विद्यालय वर्ग, कक्षा, दीवारों, बगीचों और पूरे स्कूल एवं उसके विभिन्न विभागों को आकर्षक व्यवस्थित एवं उपयोगी बनाना।
9
पर्यवरण मंत्री
बच्चों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए जागरूकता का विकास करना।
10
खेल कूद एवं सांस्कृतिक मंत्री
हर बच्चे को इस योग बनाना कि वह खेलकूद में भाग ले सके सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग ले सकें एवं अपने रुचि और कौशल का प्रयोग कर पूरी ऊर्जा के साथ इसमें आगे बढ़ सके।
11
सूचना एवम संपर्क मंत्री
हर बच्चे को शिक्षा के उद्देश्य एवं लक्ष्य को समझने योग्य बनाना और सृजनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना बाल अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना तथा रचनात्मक गतिविधियों के द्वारा विचारों को व्यक्त करने में सहायता प्रदान करना।
kishori mela 2023 24 important information / किशोरी मेला 2023 24 बालिका सशक्तिकरण कार्यक्रम किशोरी शैक्षिक उत्सव 2023 24 महत्वपूर्ण जानकारी : नमस्कार मित्रो यहाँ इस आर्टिकल में हमारी शिक्षा जगत की टीम ने आपके लिए इस वर्ष होने वाले किशोरी मेला के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आई हैं | इस आर्टिकल में आप जान पायेंगे कि विद्यालयों में किशोरी मेला (kishori mela 2023 24 important information) के अंतर्गत क्या क्या गतिविधि करनी हैं? और क्या क्या निर्देश हैं ? साथ ही किस प्रकार विद्यालयों में यह मेला आयोजित करवाया जाता हैं ?
kishori mela 2023 24 important information / Kishori Scholastic Fest 2023 24
यहाँ हम स्कुल शिक्षा परिषद जयपुर और विभिन्न जिला शिक्षा अधिकारी / ADPC द्वारा जारी लेटर से प्राप्त जानकारी को संकलित करके आप तक शेयर कर रहे हैं | इस आलेख को लिखने में हमने पूर्ण सावधानी रखी हैं फिर भी आप शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश और प्रसंगो का अनुसरण करें,
kishori mela 2023 24 important information / किशोरी मेला 2023 24 बालिका सशक्तिकरण कार्यक्रम किशोरी शैक्षिक उत्सव 2023 24 महत्वपूर्ण जानकारी
प्रासंगिक पत्रानुसार सत्र 2023-24 के लिये समस्त सीआरसी पीईईओ/यूसीईओ क्षेत्र में किशोरी मेले का आयोजन किया जाना है, पीईईओ/यूसीईओ क्षेत्र के सभी विद्यालयों के छात्रों की सहभागिता सुनिश्चित करवाना है। जिस हेतु तिथियां एवं कार्य निम्नानुसार रहेंगे:-
कार्यक्रम की संभावित दिनांक
सहभागिता
गतिविधि का स्तर
अगस्त
विद्यालय
बच्चों को किशोरी शैक्षिक उत्सव के आयोजन के संबंध में अवगत कराना। इच्छुक बालिकाओं (एकल) एवं बालक-बालिकाओं (सामुहिक) का प्रोजेक्ट चिहिन्त करना। बच्चों द्वारा मॉडल/गतिविधि की सम्पूर्ण तैयारी करना। (बच्चों द्वारा स्टॉल हेतु मॉडल/गतिविधि की पूर्व प्रस्तुति)
1-16 सितम्बर 2023
सीआरसी पीईईओ/ यूसीईईओ द्वारा
सीआरसी स्तर पर चयनित कमेटी द्वारा समस्त प्रस्तुतियों की समीक्षा कर प्रत्येक जोन से प्रथम-हिन्दी/अंग्रेजी, द्वितीय-विज्ञान/गणित, तृतीय-सामान्य विज्ञान/पर्यावरण को चिन्हित करना। प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीन जोन के अन्तर्गत भाग लेने वाले समस्त छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन-पत्र एवं प्रथम तीन स्टॉल/प्रस्तुति की प्रशस्ति-पत्र।
18-30 सितम्बर 2023
ब्लॉक
सीआरसी से प्राप्त समस्त प्रथम प्रस्तुतियों की ब्लॉक स्तर पर चयनित कमेटी द्वारा समीक्षा एवं प्रत्येक तीनों जोन के अन्तर्गत श्रेष्ठ तीन प्रस्तुतियों का चयन एवं जिले हेजु भेजा जाना। ऽ प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीनों जोन के अन्तर्गत प्रथम तीन प्रस्तुतियों की पुरस्कार।
11 अक्टूबर 2023
जिला
सभी ब्लाॅक से प्राप्त श्रेष्ठ प्रस्तुतियों की समीक्षा करते हुए तीनों जोन में प्रथम तीन प्रस्तुतियों का चयन एवं राज्य स्तर पर भेजा जाना। प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीनों जोन के अन्तर्गत प्रथम तीन प्रस्तुतियों को पुरस्कार।
24 जनवरी 2024
राज्य
सभी जिले से प्राप्त श्रेष्ठ प्रस्तुतियों की समीक्षा करते हुए प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीनों जोन से प्रथम तीन प्रस्तुत का चयन।
सभी सीआरसी पीईईओ/यूसीईओ से अपेक्षा है कि वे विभिन्न नवाचारों का प्रयोग करते हुए मॉडल/गतिविधि/प्रस्तुति को तैयार करें। प्रत्येक विद्यालय सभी बच्चों को प्रोत्साहित करेगा जिसमें शिक्षक बच्चों को गाईडेन्स भी प्रदान करेंगे। विद्यालय बच्चों को आवश्यक सामग्री को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेगा।
सभी जोन में बच्चों द्वारा की जाने वाली प्रस्तुति को शैक्षिक मेले में प्रदर्शित किये जाने वाली स्टॉल के रूप में दिखाया जाये। जिसमें शिक्षक एवं प्रस्तुत करने वाले छात्र-छात्रा सम्मिलित होंगे।
विद्यालय स्तर पर मीना-राजू मंच एवं गार्गी मंच के संबंध मे विस्तृत जानकारी यहाँ से देखें – CLICK HERE
प्रारम्भिक श्रेणी एवं माध्यमिक श्रेणी में तीन जोन निम्नानुसार होंगे –
(1) प्रारम्भिक श्रेणी (उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए)
जोन-1
जोन-2
जोन-3
हिन्दी/अंग्रेजी
गणित/विज्ञान
सामाजिक विज्ञान एवं समसामयिक परिप्रेक्ष्य में, फन एक्टिविटी आधारित अन्य स्टॉल/स्वास्थ्य एवं हाईजीन/बाल अधिकार एवं सुरक्षा
(2) माध्यमिक/उच्च माध्यमिक श्रेणी (उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए)
जोन-1
जोन-2
जोन-3
हिन्दी/अंग्रेजी दस्तावेजों पर समझ
गणित/विज्ञान स्कॉलरशिप एवं योजनाएं
सामाजिक विज्ञान एवं समसामयिक परिप्रेक्ष्य में करियर की तैयारी/बाल अधिकार एवं सुरक्षा एवं फन एक्टिविटी आधारित अन्य स्टॉल
(नोट:- उक्त गतिविधि के अन्तर्गत विद्यार्थी किसी भी एक जोन की गतिविधि में भाग ले सकता है) उपरोक्त गतिविधि के आयोजन हेतु निम्नानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चिित करेंगे|
उपरोक्त गतिविधि के आयोजन हेतु निम्नानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेंगें:-
किशोरी शैक्षिक उत्सव (किशोरी मेला) 2023-24 – अकादमिक मेला और करियर एवं आजिविका उपार्जन का आयोजन किया जाना है। इस हेतु ब्लॉक स्तर पर समस्त विद्यालयों को सीआरसी पीईईओ/यूसीईईओ के नेतृत्व में अपने विद्यालय क्षेत्र में बच्चों को स्टॉल तैयार करने हेतु प्रेरित करें। प्रतिभागियों की प्रस्तुति, पोस्टर, मॉडल, वीडियो, फोटोग्राफ्स, गेम्स, पहेली जैसे अनेक माध्यमों से की जा सकेगी।
बच्चों को मॉडल/स्टॉल निर्माण में आवश्यक सामग्री हेतु प्रत्येक सीआरसी पीईईओ/यूसीईईओ (शहरी एवं ग्रामीण) क्षेत्र के समस्त विद्यालयों हेतु एक मुश्त राशि प्रति सीआरसी 5500/- रूपए देय होगी। इस राशि का उपयोग मेले में सामुहिक रूप से लगाई जाने वाली स्टॉल, स्टेशनरी इत्यादि एवं साज-सज्जा हेतु किया जा सकेगा।
सभी इच्छुक विद्यार्थी इसमें प्रतिभाग कर सकेंगे। एकल प्रस्तुति हेतु केवल बालिकाएं एवं सामुहिक प्रस्तुति में छात्र एवं छात्राएं दोनों भाग ले सकेंगे।
प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीनों जोन में से श्रेष्ठ प्रस्तुतियों के चयन हेतु प्रत्येक स्तर पर – (सीआरसी पीईईओ/यूसीईईओ, ब्लॉक स्तर) निर्णायक समिति का गठन किया जाये।
श्रेष्ठ प्रस्तुति के चयन के लिए निर्णायक समिति निम्न बिन्दु अनुसार मूल्यांकन करेगी –
विवरण
अंकभार
स्टॉल की थीम, अवधारणा की स्पष्टता
50
प्रस्तुतिकरण
20
नवाचारी का प्रयोग
20
तकनीक का प्रयोग
10
कुल अंक
100
उत्सव के आयोजन हेतु सभी स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये। जिसमें एसडीएमसी/एसएमसी के सहयोग भी लिया जा सकता है तथा इस हेतु व्हाट्सअप ग्रुप, बैनर, फ्लैक्स, स्थानीय समाचार पत्र आदि का उपयोग किया जा सकता है।
ब्लॉक स्तर पर पूरी प्रक्रिया का सम्पूर्ण डॉक्यूमेन्टेशन कर जिला कार्यालय को भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
बच्चों की प्रस्तुतियों का विद्यालय/ब्लॉॅक/जिला स्तर पर विडियो बनाकर जिला कार्यालय से समझा किया जाएगा। इसमें मूल प्रस्तुति से छेड़छाड़ नहीं की जाये।
प्रत्येक स्तर पर किये गये कार्य की रिपोर्ट जिला कार्यालय को कार्य समाप्ति पर भेजी जावे।
ब्लॉक स्तरीय किशोरी शैक्षिक उत्सव वित्तीय प्रावधान
SR. NO
विवरण
बजट प्रावधान
1
पीईईओ/यूसीईओ हेतु प्रावधान छात्रों द्वारा मॉडल निर्माण के सामग्री क्रय हेतु एवं सहभागिता प्रमाण-पत्र सभी संभागियों हेतु पीईईओ/यूसीईओ द्वारा स्टेशनरी सामग्री एवं नोडल हेतु विद्यार्थियों को सामग्री प्रदान करना एवं स्टॉल और टेंट की व्यवस्था हेतु।
5500/- प्रति सीआरसी पीईईओ/यूसीईओ (शहरी व ग्रामीण)
कक्षा 10 के लिए शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
नोट:- प्रति ब्लॉक कुल 9000/- रूपये की राशि प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा से तीनों केटेगिरी में पुरस्कार राशि 6000/- रूपये उपरोक्त अनुसार एवं 3000/- रूपये की राशि उत्सव आयोजन हेतु (जिसमें आयोजन संबंधी व्यवस्थायें, सर्टिफिकेट इत्यादि) हेतु जारी की जा रही है।
किशोरी मेले हेतु स्वीकृत राशि निम्न शर्तों के अधीन प्रदान की जाती है:-
जिस मद के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है व्यय उसी मद में किया जाए।
उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
राशि का उपयोग योजना के दिशा-निर्देश, विŸाीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुए नियमानुसार किये जायें।
यहाँ हम स्कुल शिक्षा परिषद जयपुर और विभिन्न जिला शिक्षा अधिकारी / ADPC द्वारा जारी लेटर से प्राप्त जानकारी को संकलित करके आप तक शेयर कर रहे हैं | इस आलेख को लिखने में हमने पूर्ण सावधानी रखी हैं फिर भी आप शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश और प्रसंगो का अनुसरण करें|
किसी भी त्रुटी के लिए शाला सुगम जिम्मेदारी नही हैं |
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें –