DA ARREAR 46 TO 50 DIFFERENCE EXCEL SHEET / DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट : राजस्थान सरकार वित्त विभाग के आदेश क्रमांक – No. F. 6(3) FD (Rules)/2017 जयपुर दिनांक 14 मार्च 2024 के अनुसार महगांई भत्ता (डी.ए.) की दर को संशोधित कर 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है । इस कारण राजस्थान सरकार के कर्मचारियों की महगांई भत्ता दर को पुनः निर्धारित कर अंतर माह जनवरी 24 से फरवरी 24 तक की राशि का वेतन भुगतान करने की गणना का एक सेल प्रोग्राम यहाँ पर साझा किया गया है।
दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए डी.ए. एरियर 46 से 50 परसेंट की गणना के लिए विभिन्न एक्स्पर्ट के द्वारा बनाई गई एक्सेल शीट प्रोग्राम लेकर आए हैं जिसमे आप डीए एरियर का गणना, ऑर्डर भी बना सकते हैं| इस आर्टिकल में आप के लिए उम्मेंद तरड, हीरालाल जाट व अश्विनी कुमार और भागीरथ मल कलवानिया व अन्य साथियों के द्वारा बनाई गई एक्सेल शीट प्रोग्राम नीचे उपलब्ध करवाई गई जिन्हें आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं|
DA ARREAR 46 TO 50 DIFFERENCE EXCEL SHEET / DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट
विषय: राज्य सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता अनुदान।
सरकार को यह आदेश देते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वित्त विभाग के दिनांक 31-10-2023 के समसंख्यक आदेश के तहत राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2017 के तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ते की मौजूदा दर 01-07-2023 से 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जाएगी।
महंगाई भत्ते की गणना के उद्देश्य के लिए ‘पे’ शब्द, निर्धारित स्तरों के पे मैट्रिक्स में बेसिक पे यानी पे ड्रा होगा और इसमें वेतन जैसे विशेष भुगतान या व्यक्तिगत भुगतान आदि के किसी अन्य प्रकार को शामिल नहीं किया जाएगा।
मंहगाई भत्ते के खाते में 50 पैसे और उससे अधिक के अंश का भुगतान अगले उच्च रुपये में किया जा सकता है और 50 पैसे से कम के अंश को अनदेखा किया जा सकता है।
01-01-2024 से 29-02-2024 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की राशि राजस्थान सरकार के कर्मचारी सामान्य भविष्य निधि नियम, 2021 के प्रावधानों के अनुसार जीपीएफ खाते में जमा की जाएगी:-
(i) 1-1-2004-जीपीएफ खाते से पहले भर्ती किए गए कर्मचारियों के लिए।
(ii) उन कर्मचारियों के लिए जिन्हें 1-1-2004-जीपीएफ2004 के बाद या बाद में भर्ती किया गया था।
(iii) स्वायत्त निकायों/पीएसयू/बोर्डों/निगमों आदि के कर्मचारियों के लिए-जीपीएफ-एसएबी।
नकद भुगतान 01-03-2024 से स्वीकार्य होगा। इसकी गणना आप DA ARREAR 46 TO 50 DIFFERENCE EXCEL SHEET से कर सकते हैं |
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New vs Old Tax Regime / Old Vs New Tax Regime / Income Tax Slab Rates : सैलरीड क्लास को बजट से सबसे ज्यादा उम्मीदें इनकम टैक्स को लेकर होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि देश में इनकम टैक्स के स्ट्रक्चर को समझना। देश में अभी आम आदमी के लिए कितने टैक्स स्लैब हैं? ये कैसे काम करते हैं? आइए जानते हैं-
फिलहाल देश में इनकम टैक्स की दो प्रणाली मौजूद हैं। पहली, जिसे ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab Or Regime) के नाम से जाना जाता है। वहीं साल 2020 में सरकार ने नई टैक्स प्रणाली (New Tax Slab) शुरू की। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने में आसानी करने के लिए ये नई व्यवस्था शुरू की गई थी। देश में हालांकि नई टैक्स प्रणाली शुरू करने के साथ ही अभी पुरानी टैक्स प्रणाली को भी बरकरार रखा गया है।
New vs Old Tax Regime / Old Vs New Tax Regime / Income Tax Slab Rates
अगर आप सैलरीड प्रोफेशनल हैं तो आपकी कंपनी ने आपको अभी तक इन्वेस्टमेंट डेक्लेरेशन का फॉर्म दे भी दिया होगा. साथ ही आपको अपना इनकम टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प भी दिया जा रहा है. आपको अभी अपने इंप्लॉयर को ये बताना है कि आप किस टैक्स रिजीम में अपना टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे. इस बार के बजट में न्यू टैक्स रिजीम में काफी बदलाव हुए हैं, जिसके बाद अब 7 लाख या इससे कुछ ऊपर की आय वाले टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनना पसंद कर सकते हैं. ऐसे में आपके लिए भी जरूरी है कि टैक्स फाइलिंग के पहले आइए जानते हैं क्या है नई और पुरानी टैक्स प्रणाली-
ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab)
पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की इनकम पर किसी तरह का टैक्स देय नहीं होता है। इसके अलावा सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए के निवेश पर टैक्स से छूट मिलती है। इस हिसाब से देखा जाए तो टैक्सपेयर्स को करीब 6.5 लाख तक की सालाना इनकम पर टैक्स से छूट मिल जाती है यानी कि कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है।
ओल्ड टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स का जो रेट लगता है वो खासतौर पर इनकम और इनकम स्लैब पर निर्भर करता है। इसमें उम्र को भी आधार बनाया जाता है।
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इसके अलावा टैक्स में उम्र के हिसाब से भी कैलकुलेशन होता है। 60 साल से कम की उम्र है तो पुराने टैक्स स्लैब के तहत 2.5 लाख तक की आय पर टैक्स रेट शून्य रहेगा। वहीं 2.5 से 5 लाख तक इनकम पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा और इसमें सेक्शन 87A के अंतर्गत रिबेट भी मिलती है।
वहीं 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर ये टैक्स दर 20 फीसदी है। 7.5 से 10 लाख रुपये तक की आय पर ये टैक्स दर बढ़कर 20फीसदी हो जाती है। 10 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30फीसदी टैक्स लगता है।
इसके अलावा अगर टैक्सपेयर की उम्र 60 साल से 79 साल के बीच है, तो सीनियर सिटीजन कैटेगरी में आने पर उन्हें 3 लाख तक इनकम पर टैक्स से छूट है। अगर इनकम 3 से 5 लाख है तो जो टैक्स 5फीसदी देना होगा, 5 से 10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से ज्यादा की कमाई पर 30फीसदी टैक्स देय है।
इसके अलावा अगर उम्र 80 से अधिक है तो फिर 5 लाख तक की कमाई पर शून्य टैक्स देना होता है।
साल 2020 से शुरू हुए नई टैक्स प्रणाली में टैक्स रेट को कम रखा गया है। नई टैक्स प्रणाली पुरानी से कई मायनों में अलग है। इसमें कम दर के साथ स्लैब ज्यादा हैं। इसके अलावा पुराने टैक्स प्रणाली की तुलना में इसमें कई तरह की छूट और कटौती इसमें नहीं मिलतीं।
न्यू टैक्स रिजीम में इनकम में इजाफा होने के साथ ही, टैक्स स्लैब बढ़ता जाता है।
New vs Old Tax Regime / Old Vs New Tax Regime / Income Tax Slab Rates
नई टैक्स रिजीम में 87A के तहत दोगुना टैक्स माफ कर रही है सरकार
अगर किसी सैलरीड पर्सन की सालाना आमदनी 7.50 लाख रुपये तक है तो नई टैक्स रिजीम में तो उसे एक रुपये का भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन पुरानी कर व्यवस्था में उसे इनकम टैक्स शून्य करने के लिए 2 लाख रुपये का निवेश दिखाना होगा। आम तौर पर 7.50 लाख रुपये की सालाना सैलरी वाले व्यक्ति के लिए वर्ष में 2 लाख रुपये का निवेश कर पाना आसान नहीं होता है। ऐसे में 2 लाख रुपये से जितनी कम रकम निवेश करेंगे, उतना ज्यादा टैक्स देना होगा।
लेकिन नई टैक्स रिजीम चुनते हैं तो एक रुपये का निवेश किए बिना 7.50 लाख रुपये की सालाना इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री हो जाती है। दरअसल, इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 87ए के तहत ओल्ड टैक्स रिजीम में 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक पर बनने वाला 12,500 हजार रुपये किया जा रहा है। इसी तरह, अब नई टैक्स रिजीम में भी 3 लाख रुपये से 7 लाख रुपये पर बनने वाला 25 हजार रुपये का टैक्स सरकार माफ कर देगी।
ओल्ड टैक्स प्रणाली में सेक्शन 80 C और 80 D के तहत टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन नई व्यवस्था में इस तरह की कई छूटों को खत्म कर दिया गया है। यही वजह है कि इस नई टैक्स प्रणाली को बहुत ही कम लोगों ने अपनाया है।
1. नई टैक्स रिजीम में सालभर में 7.50 लाख रुपये तक की सैलरी पाने वाले टैक्स फ्री हो जाएंगे जबकि पुरानी टैक्स रिजीम में साल में 5.50 लाख रुपये तक की सैलरी पाने वाले ही टैक्स फ्री हो पाएंगे और किसी का वार्षिक वेतन 5.50 लाख से ज्यादा है तो उन्हें बाकी की रकम को टैक्स बचाने वाले निवेश विकल्पों में लगाना होगा।
2. पुरानी टैक्स रिजीम में निवेश करने पर टैक्स तो बच जाता है, लेकिन टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर नई टैक्स रिजीम के मुकाबले ज्यादा टैक्स भरना पड़ेगा। यानी, पुरानी टैक्स रिजीम में विभिन्न पेंशन स्कीम, इंश्योरेंस स्कीम, टैक्स सेवर म्यूचुएल फंड्स प्रीमियम, मेडिक्लेम प्रीमियम, बच्चों की स्कूल फी आदि पर टैक्स में कुछ छूट तो मिल जाती है, लेकिन टैक्स की दरें ऊंची होती हैं। वहीं, नई टैक्स रिजीम में टैक्स की दरें कम हैं।
जानकारों की मानें तो सैलरी पाने वाले लोगों को नई टैक्स प्रणाली से कोई फायदा नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसमें उन्हें HRA, LTA , स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेक्शन 80C और सेक्शन 80D के तहत मिलने वाली कर छूट नहीं मिलेगी।
वहीं नॉन-रेजिडेंट के लिए ये नई व्यवस्था फायदेमंद है। क्योंकि वे ज्यादातर छूट का दावा नहीं करते हैं। नई व्यवस्था में कंप्लायंसेज कम हैं और रिटर्न फाइल करना बेहद आसान है।
New vs Old Tax Regime / Old Vs New Tax Regime / Income Tax Slab Rates
कैसे चुनें अपने लिए सही रिजीम
आपको किस रिजीम में कम टैक्स देना पड़ेगा, ये देखने के लिए आप टैक्स कैलकुलेटर की सहायता ले सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट बनाने के बाद एक नया टैक्स कैलकुलेटर जारी किया था, ताकि टैक्सपेयर्स ये कैलकुलेट कर सकें कि उनकी आय पर किस रिजीम में कितना टैक्स बन रहा है. ये कैलकुलेटर आपको शाला सुगम वेबसाइट पर मिल जाएगा. यहाँ क्लिक करेंEstimate Income Tax 2023 24 For PEEO & All Office By Heera Lal
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आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें
“Level” in the SEVENTH 7TH PAY METRIXshall mean the Level corresponding to the existing Pay Band and Grade Pay or scale specified in Part A of the Schedule as per Gazette Notification on 25th July 7th CPC – Revised Pay Rules, 2016; Normally as we all know in column 12 indicates pay level 11 in the recommended pay matrix
2 : What is the basic salary?
“basic pay” in the revised pay structure means the pay drawn in the prescribed Level in the Pay Matrix;
3 : What is SEVENTH 7TH PAY METRIX Level?
SEVENTH 7TH PAY METRIX Level of posts.– The Level of posts shall be determined in accordance with the various Levels as assigned to the corresponding existing Pay Band and Grade Pay or scale as specified in the Pay Matrix. There are 18 levels in pay matrix.The horizontal range corresponds to ‘functional role in the hierarchy’ and vertical level denotes ‘pay progression’.
4 : What is the salary of grade pay is 6000?
The grade pay system is only for 6th CPC. it has been changed in 7th CPC as pay levels. The top two rows in the recommended pay matrix denotes 6th Pay commission. In the pay matrix, 6000 grade in 6th CPC has now changed pay level 11 in 7th CPC. Salary depends upon the position of an employee in the hierarchy of an organisation.
In case an employee appointed in direct requirement under pay level 11, He/She will be fixed with the basic salary of Rs.67700 (not a cross salary)
5 : How is basic salary set?
Basic salary fixed based Level of posts shall be determined in accordance with the various Levels as assigned to the corresponding existing Pay Band and Grade Pay or scale as specified in the Pay Matrix. There are 18 levels in pay matrix.The horizontal range corresponds to ‘functional role in the hierarchy’ and vertical level denotes ‘pay progression’. Which cell as per your eligibility based that cell set is your basic
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इसी क्रम में By Pin code से भी कुछ स्टेप skip करते हुए आसानी से vacant post search कर सकते हो
HRA OFFICE ORDER & HRA ARREARS SHEET 9% & 18% 2021-22
नमस्कार साथियों
Hra के नवीन ऑर्डर के अनुसार एक्सेल शीट में निम्न All In One शीट तैयार की जिसमे master Sheet में क्रम संख्या , कार्मिक का नाम, पद व अन्य डेटा भरने के बाद निम्न अपडेट Auto उपलब्ध हो जायेगे । मुझे विश्वास है कि सभी कार्यालयो में यह शीट बहुत महत्वपूर्ण उपयोगी रहेगी ।
❇️ HRA OFFICE ORDER (9℅)
❇️ HRA OFFICE ORDER (18℅)
❇️ HRA ARIYAR SHEET(9℅)
❇️ HRA ARIYAR SHEET (18℅)
इस शीट में कोई सर्वर या ऑफिस ऑर्डर में कोई कमी या डाऊनलोड करने में समस्या आती हो तो तुरंत मुझे बतावे जिसे अपडेट किया जा सके ।