State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 / राज्य बीमा नियम 1998 : राज्य बीमा नियम 1998(SI Rules)-राजस्थान राज्य बनने के बाद 1953 में कर्मचारी बीमा नियम के तहत 1-1-1954 से सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सभी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य राज्य बीमा योजना लागू की गई। इस योजना को आगे बढ़ाया गया और 1-4-1989 से जिला परिषदों और पंचायत समितियों के कर्मचारियों के लिए लागू किया गया। बाद में 1-4-1995 से इस योजना को राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों के सभी वर्क चार्ज कर्मचारियों के लिए लागू किया गया।

पुराने नियमों को फिर से लिखा गया और 01-04-1998 से नए बीमा नियम State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 लागू हुए।

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

राज्य बीमा विभाग के State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 नियमों के अनुसार, राज्य बीमा की कटौती को बढ़ाने के लिए, 1 अप्रैल यानी 1/4/22 को 55 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए, यदि कार्मिक की आयु 55 वर्ष या उससे अधिक है, तो कटौती समान रहेगी और कटौती योग्य में कोई वृद्धि नहीं होगी क्योंकि बीमा विभाग 55 वर्ष की आयु के बाद किसी भी जोखिम को कवर नहीं करता है। State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली

आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें।
👇👇👇👇


JOIN WHATSAPP CHAINL

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


State Insurance Rules, 1998

उस राज्य बीमा कटौती योग्य का क्या होगा जिसकी परिवीक्षा अवधि 28 मार्च, 2022 को समाप्त हो रही है?

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार जिनका पहली बार एसआई काटा जा रहा है, वह 22 मार्च से ही होगा, लेकिन जिनका प्रोबेशन मार्च 2022 या उससे पहले पूरा हो रहा है, पहले ऐसे कर्मियों के लिए एक पुष्टिकरण आदेश जारी किया जाएगा, फिर डीडीओ वेतन तय करेगा, उसके बाद नए वेतन के अनुसार राज्य बीमा की पहली कटौती 22 मार्च से की जा सकती है, जिसमें से बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। 

समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

अगर सरकार द्वारा बढ़ाए गए डिडक्शन को स्लैब के हिसाब से बढ़ाना है तो कोई डिक्लेरेशन नहीं देना होता है| यदि कर्मी अपनी इच्छा से एक या दो कदम आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्हें एसएसओ-आईडी से आगे का परिशिष्ट (अधिक घोषणा पत्र) ऑनलाइन जमा करना होगा।

जिन लोगों का एसआई पहली बार 22 मार्च को काटा जा रहा है, वे अपनी एसएसओ-आईडी से प्रथम घोषणा ऑनलाइन जमा करें, यदि कर्मी चाहें तो एक या दो चरण आगे की कटौती भी करवा सकते हैं। 

टिप्पणी:  जो 1 अप्रैल, 22 को 55 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उनकी SI कटौती समान रहेगी, उनकी कटौती किसी भी तरह से नहीं बढ़ेगी। SIPF पोर्टल पर नए आदेश के अनुसार, कटौती की नई दरें अपडेट होते ही ऑनलाइन डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करें। यदि आपने पूर्व में पुरानी दर पर एसआईपीएफ पोर्टल में घोषणा पत्र जमा किया है, तो इसे डीडीओ या राज्य बीमा और भविष्य निधि कार्यालय से खारिज कर दें जहां यह लंबित है और नई दर के अनुसार घोषणा पत्र फिर से जमा करें। 

कक्षा 01 से 11 तक परीक्षा परिणाम तैयार करने का एक्सल प्रोग्राम

बीमित व्यक्ति ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने पर सरेंडर मूल्य के 90% और अर्जित बोनस की सीमा तक ऋण प्राप्त करने का हकदार होगा।

बीमित व्यक्ति के अनुरोध पर ऋण 60 समान मासिक किस्तों में या कम किस्तों में वितरित किया जाएगा। किश्तें ऋण निकासी के पहले महीने के वेतन से शुरू होंगी। मूल ऋण चुकाने के बाद ऋण पर 8.5% का साधारण ब्याज 10 समान किश्तों में वसूल किया जाएगा। पॉलिसी के विरुद्ध अगला ऋण तब तक स्वीकृत नहीं किया जाएगा जब तक कि पिछले ऋण की स्वीकृति और पिछले ऋण की वसूली के दो वर्ष बीत चुके हों।


JOIN FACEBOOK PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


राज्य बीमा ऋण की वसूली राज्य बीमा एवं भविष्य निधि विभाग द्वारा 36 समान किश्तों में की जाती है। अत: 01 किश्त पर 666 माह के लिए ब्याज की गणना की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी ने रुपये 36000/- का राज्य बीमा ऋण लिया है तो यह रुपये 1000/- प्रति माह की दर से वेतन कटौती से वसूल किया जाएगा। मूल ऋण में कटौती के बाद ब्याज घटाया जाता है ।  यदि रुपये 1000/- की किश्त पर 666 महीने के लिए ब्याज की गणना की जाए तो सही ब्याज की गणना हो जाती है जो निम्न प्रकार है –

(1000 किश्त x 666 महीने x 9.5 वार्षिक ब्याज दर)/ 1200 = 5273 रुपये ब्याज होगा। इसी प्रकार बैंक ऋण पर भी ब्याज की गणना की जा सकती है।

गणना अवधि = (अवधि x (अवधि+1))/ 2 उदाहरण के लिए यदि ऋण 36 किस्तों में काटा जाता है तो (36 x 37)/ 2 = 666

यदि वसूली 60 किश्तों में की जा रही है तो (60 x 61) = 1830 माह की पहली किस्त का ब्याज पूरे ऋण ब्याज के बराबर होगा।

Must Read 👉 DA CALCULATOR : सरकार ने कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, 4% बढ़ाया डीए | डीए केलकुलेशन यहाँ से करे

राज्य बीमा कटौती नियम

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार राज्य बीमा प्रीमियम स्लैब – वेतनमान 2017

क्रम संख्यावेतन पे मैट्रिक्स लेवल मेंप्रीमियम स्लैब (01-04-18 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-20 से प्रभावी)
122000/- तक500/-800/-
222001/- से 28500/- तक700/-1200/-
328501/- से 46500/-तक1300/-2200/-
446501/- से 72000/-तक1800/-3000/-
572001/- या अधिक3000/-5000/-
6अधिकतम कटौती4000/-7000/-
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

शिक्षा विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण दिशाशिक्षा विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा निर्देश-गाइडलाइन निर्देश-गाइडलाइन


JOIN TELEGRAM PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


क्रम संख्यावेतन (मूल वेतन + ग्रेड पे )प्रीमियम स्लैब (01-04-09 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-10 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-15 से प्रभावी)
16050/- से 8500/- तक180/-330/-400/-
28501/- से 11000/- तक240/-450/-550/-
311001/- से 18000/- तक480/-900/-1100/-
418001/- से 28000/- तक720/-1300/-1550/-
528000/- या अधिक1200/-2200/-2650/-
6अधिकतम कटौती1500/-2500/-3000/-
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998
क्रमांकविषयआदेश संख्याआदेश की दिनांक
1ब्याज दर के लिए राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधन (8.5% से 7.5% प्रति वर्ष)एफ.4(99)एफडी/राजस्व/9217-अप्रैल-20
2राज्य बीमा प्रीमियम दरों में संशोधनF.13(21)FD/राजस्व/76 भाग13-मार्च-20
3आदेश – राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम, 1998 में प्रीमियम दरों का पुनरीक्षणएफ.13(21)एफडी/राजस्व/76 भाग25-फरवरी-15
4राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96 भाग-II16-दिसंबर-10
5कुछ मामलों में राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम, 1998 के तहत बीमा राशि का भुगतानF4(36)FD/RECV/96Pt112-अगस्त-10
6राजस्थान सरकार सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF13(21)FD/राजस्व/76 PT31-मार्च-10
7राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ13(21)/एफडी/राजस्व/7602-मार्च-09
8राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96-भाग12-सितंबर-08
9राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96 भाग-I22-नवंबर-07
10राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF4(99)FD/राजस्व/9210-मई-04
1 1राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ.4(99)एफडी/आरएआई/9214-मार्च-02
12राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ.4(36)एफडी/राजस्व/9614-मई-99
13राजस्थान सरकार के कर्मचारी बीमा नियम, 199817-मार्च-98
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

SNA वित्तीय वर्ष 2023-24 में जारी “SNA” लिमिट का उपयोग कैसे करें

संपर्क सूत्र 

SIPF विभाग की संपर्क सूची (हिंदी) 01-12-2022 तक

SIPF विभाग की संपर्क सूची (अंग्रेजी) 01-12-2022 तक

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

  • एसआईपीएफ मुख्यालय

पता 2-2 ए, बीमा भवन, सवाई जयसिंह हाईवे, बनीपार्क, जयपुर – 302006

संपर्क नंबर 0141-2202395, 2202347, 2202348, 2200349, 2201349, 2201336

ई-मेल [email protected]

  • नोडल अधिकारी (आईटी)

नोडल अधिकारी (आईटी) अपर निदेशक (सिस्टम)

संपर्क नंबर 0141-2206333

ई-मेल [email protected]

नोडल अधिकारी (वेबसाइट) विश्लेषक सह प्रोग्रामर (उप निदेशक)

संपर्क नंबर 0141-2206333

ई-मेल [email protected]

नोडल अधिकारी (सतर्कता) वरिष्ठ अतिरिक्त निदेशक (सतर्कता), मुख्यालय, जयपुर

संपर्क नंबर 0141-2201858

ई-मेल [email protected]

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली Annual Performance Appraisal Report Rules :- वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) एक महत्त्वपूर्ण राजकीय दस्तावेज है । प्रत्येक सरकारी कार्मिक (लोकसेवक) के प्रदर्शन का मूल्यांकन प्रतिवर्ष APAR के माध्यम से किया जाता है। APAR में कार्मिक के कार्य, आचरण चरित्र और क्षमताओं को दर्ज किया जाता है। प्रत्येक राजकीय कार्मिक के लिए यह आवश्यक है वह अपने पदानुरूप दायित्व का नियमित मूल्यांकन करें।

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली Annual Performance Appraisal Report Rules

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली Annual Performance Appraisal Report Rules
वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली Annual Performance Appraisal Report Rules

वह स्वयं इस तथ्य की समीक्षा करे कि राजकीय कार्मिक के रुप में जो कार्य / लक्ष्य उसे सौंपे गए हैं उनकी प्रगति/प्राप्ति किस स्तर तक हुई है, ताकि वह आगामी समय में सुधार कर अपनी कार्यक्षमताओं में वृद्धि कर सके।

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) प्रणाली का एक अन्य उद्देश्य कर्मचारियों के गुणों, लक्षणों, शक्तियों और कमजोरियों के बारे में उच्चतर अधिकारियों को जानकारी प्रदान करना है ताकि उन्हें उन दायित्वों को सौंपा जा सके जहाँ उनकी योग्यता का सबसे अधिक उपयोग किया जा सके। APAR प्रणाली कर्मचारियों की योग्यता का आकलन करने के लिए डेटा भी प्रदान करती है जब पुष्टि, पदोन्नति, चयन ग्रेड, दक्षता पार करने और एक निश्चित आयु से परे सेवा में निरंतरता या कुछ वर्ष की सेवा पूरी होने पर उपयोगी होते हैं।

इस प्रकार, APAR विभिन्न प्रयोजनों के लिए बुनियादी और महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं । इसलिए सभी कार्मिकों को जिम्मेदारी के साथ APAR फॉर्म भरने का कार्य करना चाहिए।

व्याख्या- यदि इन निर्देशों के आवेदन व्याख्या और दायरे से संबंधित कोई भी संदेह उत्पन्न होता है, तो कार्मिक विभाग के परिपत्र दिनांक 05.06.2008 में प्रदत निर्देश और समय-समय पर कार्मिक विभाग द्वारा जारी संशोधन मान्य होगे और तत्संबंधी निर्णय अंतिम होगा।

2024 डीए वृद्धि केलकुलेशन यहाँ से करे

आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें।
👇👇👇👇


JOIN WHATSAPP CHAINL

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के अतिरिक्त निम्न निर्दिष्ट दस्तावेजों और संचार की प्रतियां वार्षिक कार्य मूल्याकंन प्रतिवेदन डोजियर में रखी जाएंगी-

  1. राष्ट्रपति/ राज्य सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कारों की प्रतियां।
  2. सरकार द्वारा जारी किए गए प्रशंसा- पत्र ।
  3. विशेष निकायों के प्रमुखों द्वारा जारी किए गए प्रशंसा पत्र या आयोग या ऐसे निकायों की रिपोर्ट में शामिल नाम से सराहना के पैराग्राफ।
  4. व्यक्तिगत गैर-अधिकारियों से प्रशंसा के पत्र अगर वे सचिव के पूर्व अनुमोदन से विभाग के प्रमुख / विभाग के अनुमोदन के साथ सामान्य कर्तव्य से परे सेवा की सराहना से संबंधित हैं।
  5. अधीनस्थ/मंत्रालयिक सेवा से संबंधित कर्मचारी संबंध में विभागाध्यक्ष द्वारा जारी किए गए प्रशंसा पत्र।
  6. राजस्थान सिविल सेवा (CC&A) नियमों में निर्दिष्ट किसी भी दंड को लागू करने के आदेश की
  7. नियुक्ति अधिकारी या उच्च अधिकारियों द्वारा लोकसेवक के कार्य व व्यवहार पर नाराजगी या चेतावनी देते हुए जारी किए गए पत्र की प्रतियाँ।
  8. संबंधित लोकसेवक द्वारा किए गए अध्ययन या प्रशिक्षण के अनुमोदित पाठ्यक्रमों के अभिलेख।
  1. प्रत्येक लोकसेवक का वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन का डोजियर निर्धारित चैनल के अनुरूप स्वीकारकर्ता अधिकारी के पास सुरक्षित रखा जाएगा।
  2. APAR की डूप्लीकेट प्रतियों का रखरखाव वांछनीय नहीं है हालांकि, यदि प्रतिवेदन की प्रतियों को बनाए रखना आवश्यक माना जाता है, तो कार्मिक विभाग की विशिष्ट स्वीकृति लेनी होगी।
  3. अपूर्ण प्रतिवेदन प्राप्त होने उसे संबंधित प्रतिवेदक/समीक्षक अधिकारी को वापस कर दिया जाए। अपूर्ण प्रतिवेदन किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाए।
  4. किसी मृत कर्मचारी से संबंधित प्रदर्शन उसकी मृत्यु तारीख से दो वर्ष की अवधि के बाद नष्ट किया जा सकता है और सेवानिवृत्त लोकसेवक की उसकी सेवानिवृत्ति की तारीख के पांच साल बाद या पेंशन लाभ के निपटाने के बाद, जो भी बाद में हो।
क्र.सं.श्रेणीप्रपत्र
1जिला व मण्डल स्तर के पदों को धारण करने वाले राज्य सेवा के लोकसेवकफॉर्म- I
2जिला व मण्डल स्तर के पदों के अलावा अन्य पदों को धारण करने वाले राज्य सेवा के लोकसेवकफॉर्म- II
3अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवाओं पर कार्यरत लोकसेवकफॉर्म- III

SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति

(1) कार्यालय में कार्यरत समस्त लोकसेवकों के संबंध में वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष के आधार पर तैयार किया जायेगा।

(2) विद्यालय में कार्यरत समस्त लोकसेवकों (मंत्रालयिक कार्मिक वित्तीय वर्ष के आधार पर) के संबंध में APAR 01 जुलाई से 30 जून के आधार पर तैयार किया जायेगा।

(3) यदि किसी लोकसेवक ने संबंधित प्रतिवेदक अधिकारी के अधीन / सुपरविजन में न्यूनतम 03 माह की अवधि में कार्य नहीं किया है तो संबंधित लोकसेवक की APAR तैयार नहीं की जायेगी।

(4) किसी कर्मचारी की एक ही वर्ष की अवधि में (भिन्न-भिन्न नियंत्रण अधिकारी के अधीन 3 या 3 माह से अधिक की सेवा अवधि होने पर) 2 या 2 से अधिक प्रतिवेदन (APAR) भी हो सकते है, लेकिन उनमें से पहला प्रतिवेदन उस नियंत्रण अधिकारी के स्थानान्तरण के तत्काल बाद का होना चाहिए। वर्ष के अंत की प्रतीक्षा नहीं करनी है।


JOIN FACEBOOK PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


यदि वर्ष के मध्य में समीक्षक अधिकारी या स्वीकारकर्ता अधिकारी परिवर्तित हुए हैं लेकिन प्रतिवेदक अधिकारी वहीं रहते हैं तो नए सिरे से प्रतिवेदन लिखने की आवश्यकता नहीं है।

यदि रिपोर्टिंग अवधि में एक से अधिक समीक्षक अधिकारी रहते है तो अंत में आए अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन की समीक्षा की जाएगी लेकिन शर्त यह है कि उस अधिकारी के द्वारा संबंधित कार्मिक के कार्य का कम से कम 3 माह की अवधि का सुपरविजन किया गया हो यदि ऐसा नहीं है तो पूर्व के समीक्षा अधिकारी का प्रतिवेदन मान्य होगा, लेकिन यहां भी शर्त कम से कम 3 माह के सुपरविजन की रहेगी।

(5) जहां एक प्रतिवेदक/ समीक्षक / स्वीकारकर्ता अधिकारी ने किसी भी प्रकार का अवकाश (उपार्जित / अर्धवैतनिक आदि) लिया है या लंबे समय तक प्रशिक्षण पर रहता है (प्रतिवेदन अवधि के दौरान 15 दिन से अधिक) तो APAR लिखने/समीक्षा करने हेतु आवश्यक न्यूनतम 03 महीने की अवधि की गणना के लिए उक्त अवकाश / प्रशिक्षण की अवधि को कुल अवधि से घटाया जाना चाहिए

हालांकि न्यूनतम प्रतिवेदन अवधि का यह सिद्धांत अनाधिकृत अनुपस्थिति मामले में लागू नहीं होगा जहां ऐसी अनुपस्थिति के लिए संबंधित लोकसेवक के APAR में प्रतिकूल प्रविष्टि की जानी है। कम अवधि के अवकाश / प्रशिक्षण को उक्त उद्देश्य के लिए प्रासंगिक नहीं माना जाना चाहिए ।

(6) पर्सनल असिस्टेंट / पर्सनल सेक्रेटरी के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) की समीक्षा की आवश्यकता नहीं है।

(7) वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) में किसी व्यक्ति के काम और आचरण के बारे में उसकी टिप्पणी लिखने के लिए प्रतिवेदक, समीक्षक और स्वीकारकर्ता अधिकारी के अलावा किसी भी प्राधिकरण के लिए कोई प्रावधान नहीं है। परन्तु जिला स्तर के अधिकारियों के मामले में, संबंधित जिला कलेक्टर तथा संभाग स्तर के अधिकारियों के मामले में संभागीय आयुक्त, प्रतिवेदक अधिकारी से प्राप्त APAR पर निर्धारित स्थान पर अपनी टिप्पणी कर समीक्षक अधिकारियों को प्रेषित करेंगे।

(8) प्रतिवेदन की प्रत्येक अवधि के लिए, किसी भी परिस्थिति में एक से अधिक प्रतिवेदक / समीक्षक अधिकारी नहीं होने चाहिए। हालाँकि, कुछ मामलों में प्राधिकारी के रूप में अपनी टिप्पणी दर्ज करने के लिए एक से अधिक अधिकारी हो सकते हैं।

(1) लोकसेवक को अपने कैडर के लिए निर्धारित APAR फॉर्म का उपयोग करना चाहिए यथा- फॉर्म I II या III आदि।

(2) प्रत्येक लोकसेवक की जिम्मेदारी होगी कि वह तय समय-सारणी के अनुसार भाग-I को पूर्ण करने के बाद अपने प्रतिवेदक अधिकारी को अपने कैडर के अनुरूप APAR फॉर्म प्रस्तुत करे।

(3) वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) की तारीख और अवधि सही हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।

(4) APAR के प्रत्येक पृष्ठ पर लोकसेवक अपना नाम पद, विषय (यदि कोई हो) जन्मतिथि, मूल्यांकन वर्ष, एम्प्लॉय आईडी एवं हस्ताक्षर अवश्य अंकित करें।

(5) वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) में रव-मूल्यांकन के संबंध में लोकसेवकों के लिए आवश्यक प्रविष्टियाँ बनाने के लिए पर्याप्त स्थान आवंटित किया गया है और उन्हें आवंटित स्थान पर अपना स्व-मूल्यांकन अंकित करना चाहिए। APAR फॉर्म सबमिट करते समय स्टेटमेंट्स और सर्टिफिकेट्स के साथ-साथ सेल्फ -एप्रिसिएशन का विवरण आदि वांछनीय नहीं है।

जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड

(1) प्रतिवेदक अधिकारी का कर्तव्य होगा कि वह निर्धारित मापदंडों पर ध्यान से विचार करे / या लोकसेवक को सौपे गए कर्तव्यों को अपनी राय दर्ज करने से पहले बताए। जहां कोई मापदंड तय नहीं हैं. वहीं प्रतिवेदक अधिकारी को प्रतिवेदन अवधि की शुरुआत से पहले सम्भव मात्रा लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।

यदि वर्ष की शुरुआत या प्रतिवेदन की अवधि में कोई लक्ष्य नहीं सौंपा गया है, तो वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) बहुत अधिक व्यक्तिपरक होगा, जो परिहार्य है प्रतिवेदक अधिकारी को जल्दबाजी में राय नहीं बनानी चाहिए या अपर्याप्त आंकड़ा/सूचना या अफवाह के आधार पर निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

(2) वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के भाग सख्या II के बिंदु संख्या 01 के तहत विभिन्न प्रविष्टियों में प्रतिवेदक अधिकारी सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, प्रत्येक प्रविष्टि के सम्मुख अंकित पांच में से किसी एक बॉक्स में अपने लघु हस्ताक्षर अवश्य अंकित करें, कोई टिप्पणी या सही ()का निशान अंकित नहीं किया जाए।

(3) भाग सख्या II के बिंदु संख्या 02(क) लोकसेवक के सामान्य मूल्यांकन से संबंधित है इसमें प्रतिवेदक अधिकारी को आवश्यक रूप से और बुद्धिमानी से संबंधित व्यक्ति के प्रदर्शन और क्षमताओं का आंकलन करना चाहिए। इसमें उन तरीको पर भी टिप्पणी करनी चाहिए जिनके द्वारा संबंधित लोकसवेक ने इस अवधि के दौरान अपने विभन्न कर्त्तव्यों को पूरा किया है।

रिपोर्ट करने वाले अधिकारी द्वारा मूल्यांकन करते समय संबंधित लोकसेवक के सामान्य महत्त्व के कुछ गुण जैसे कि बुद्धिमता, उत्सुकता, परिश्रम, चातुर्य, वरिष्ठों के प्रति रवैया, अधीनस्थों और आम जनता, साथी-कर्मचारियों के साथ संबंध, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति/समाज के कमजोर वर्ग के लोगों, निःशक्तजन के प्रति संवेदनशीलता आदि पर भी ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके अलावा इसमें लोकसेवक के चरित्र, व्यक्तित्व, आचरण, योग्यताओं, कमियों और क्षमताओं का सामान्य उल्लेख भी होना चाहिए।

(4) प्रतिवेदक अधिकारी को न केवल अपने अधीनस्थ के कार्यों और गुणों का एक वस्तुपरक मूल्यांकन करना चाहिए बल्कि उनके दोषों को ठीक करने के लिए आवश्यक सलाह, मार्गदर्शन और सहायता अपने अधीनस्थों को हर समय देनी चाहिए। इस तरह की सलाह या आलोचना को भाग सख्या II के बिंदु संख्या 2(ख) में दर्ज किया जाना चाहिए।

(5) प्रतिकूल प्रविष्टियाँ, यदि कोई हों, तो APAR फॉर्म के निर्धारित स्थान पर ही दर्ज की जानी चाहिए और कहीं नहीं। यदि किसी लोकसेवक को लगातार सुधार/मार्गदर्शन के बावजूद वह सुधार दिखाने में विफल रहता है तो प्रतिकूल टिप्पणी APAR में दर्ज की जानी चाहिए। किसी भी दोष की प्रविष्टि करते समय प्रतिवेदनक अधिकारी उल्लेख करना चाहिए। किए गए सुधारात्मक प्रयासों और इन प्रयासों के परिणाम का उल्लेख करना चाहिये।

(6) समग्र मूल्यांकन के कॉलम को भरने के दौरान, प्रतिवेदक अधिकारी को लोकसेवक की समग्र ग्रेडिंग / विशिष्ट वर्गीकरण अर्थात् “उत्कृष्ट”, “बहुत अच्छा”, “अच्छा”, “संतोषजनक”, “असंतोषजनक” में संबंधित एक श्रेणी में अपने लघु हस्ताक्षर के रूप में प्रविष्टि अंकित करनी चाहिए। कोई टिप्पणी या सही ()का निशान अंकित नहीं किया जाए। उसे इन श्रेणियों के अतिरिक्त अन्य श्रेणी या दो श्रेणी के मध्य की स्थिति यथा “अच्छे और बहुत अच्छे के बीच” या बहुत संतोषजनक” आदि दर्ज नहीं किया जाना है।

(7) समग्र मूल्यांकन के आधार पर कॉलम को भरने के दौरान, प्रतिवेदक अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऊपर (बिन्दु सं. 6) में बताए अनुसार दर्ज की गई ग्रेडिंग टिप्पणी के अनुसार हो , जैसा कि भाग- II के बिंदु संख्या 5 के तहत आवश्यक है अर्थात् यदि किसी व्यक्ति को बिंदु संख्या 1 में “असंतोषजनक” श्रेणीबद्ध किया जाता है, तो उसी ग्रेडिंग को बिंदु संख्या 5 में दर्ज किया जाना चाहिए। उद्देश्य यह है कि समग्र मूल्यांकन बिंदु संख्या 1 से बिंदु संख्या 2 में की गई टिप्पणी / प्रविष्टियों के अनुसार होना चाहिए।

Baseline Assessment Model Papers

(1) हालांकि एक उच्च अधिकारी के लिए अपने से दो या दो से अधिक ग्रेड नीचे के वृहद संख्या में कार्यरत लोकसेवकों को जानना कठिन हो सकता है, फिर भी उसका उन लोकसेवकों के चरित्र, प्रदर्शन और क्षमता का समग्र मुल्यांकन किया जाना अत्यन्त आवश्यक है ताकि सुधारात्मक कार्य किया जा सके। किसी लोकसेवक का अगला उच्चाधिकारी (प्रतिवेदक अधिकारी) अपने निर्णय में हो सकता है कि पूरी तरह निष्पक्ष हो फिर भी कभी-कभी उसका निर्णय अत्यन्त संकीर्ण और व्यक्तिपरक हो सकता है |

इसलिए प्रतिवेदक अधिकारी से उच्चतर अधिकारी यानि समीक्षक अधिकारी को उन लोकसेवकों के कार्य और आचरण के बारे में व्यक्तिगत रूप से पता होना चाहिए और उनको प्रति अपना स्वयं का निर्णय स्थापित करना चाहिए जिनकी APAR भरी जा रही है।

(2) भाग III या भाग IV (जो भी लागू हो) के बिंदु सं. 1 के तहत अपनी टिप्पणी करते समय अधिकारी को तदनुसार प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणियों पर सकारात्मक और स्वतंत्र निर्णय का प्रयोग करना चाहिए और उन टिप्पणियों के साथ स्पष्ट रूप से अपनी सहमति या असहमति व्यक्त करनी चाहिए। प्रतिकूल टिप्पणी के मामले में यह विशेष रूप से आवश्यक है कि वहां उच्चतर अधिकारी की राय को सही मूल्यांकन के रूप में माना जाएगा।

(3) प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणी की शुद्धता को सत्यापित करने की जिम्मेदारी समीक्षक अधिकारी की है। यदि समीक्षा करने वाला अधिकारी लोकसेवक के कार्य से पर्याप्त रूप से परिचित नहीं है, जिस पर उसको स्वयं के उचित और स्वतंत्र निर्णय पर पहुंचने में सक्षम होने के रूप में सूचित किया गया है, तो वह इस संबंध में पूछताछ कर सकता है जिससे वह सही निर्णय ले सके।

(4) प्रतिवेदक अधिकारी से समीक्षा हेतु प्राप्त APAR में यदि प्रविष्टियाँ पर्याप्त रूप से सार्थक नहीं है या अस्पष्ट या अप्रतिबद्ध हो तो ऐसे प्रतिवदेन को प्रवर्धन या स्पष्टीकरण के लिए प्रतिवेदक अधिकारी को वापस किया जाना चाहिए।

(5) जहाँ प्रतिवेदक अधिकारी ने प्रतिकूल प्रविष्टियों दर्ज की हैं, समीक्षक अधिकारी प्रतिवेदक अधिकारी के साथ ऐसी प्रतिकूल प्रविष्टियों पर चर्चा कर सकता है, और प्रतिकूल प्रविष्टियों सहित प्रतिवेदन संशोधित यथा निम्नगत/क्रमोन्नत(Down-grade/Up grade) कर सकता है।

(6) समीक्षा अधिकारी को लोकसेवक के समग्र ग्रेडिंग / विशिष्ट वर्गीकरण अर्थात् “उत्कृष्ट”, “बहुत अच्छा”, “अच्छा”, “संतोषजनक”, “असंतोषजनक” भाग III के बिंदु संख्या 2 पर दर्ज करना होगा समीक्षा अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके द्वारा किया गया समग्र मूल्यांकन भाग III या भाग IV में इस प्रयोजन के लिए प्रदान की गई जगह में उसके द्वारा दर्ज की गई वर्णनात्मक टिप्पणियों के अनुरूप हो। समीक्षा करने / स्वीकार करने वाले अधिकारी को अधीनस्थ अधिकारी द्वारा किए गए मूल्यांकन को डाउन-ग्रेड / अपग्रेड करने का अधिकार है|

जहां इसे सार्वजनिक हित में समीचीन माना जाता है। ऐसा करते समय, न केवल अधिकारी कोप्रतिवेदक या समीक्षा करने वाले अधिकारी के मूल्यांकन के साथ अपनी असहमति व्यक्त करनी चाहिए, बल्कि इस तरह के डाउन-ग्रेडेशन / अपग्रेडेशन के विशिष्ट कारणों को भी प्रदान किए गए स्थान पर ही प्रपत्र में दर्ज किया जाना चाहिए।

यह स्वीकार करने वाले अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह प्रतिवेदक और समीक्षा करने वाले अधिकारियों द्वारा यहां दिए गए निर्देशों के अनुसार APAR को भरें। जहां प्रविष्टियाँ पर्याप्त रूप से सार्थक नहीं हैं तो ऐसे प्रतिवेदन को प्रतिवेदक/ समीक्षा अधिकारी को प्रवर्धन या स्पष्टीकरण के लिए लौटाया जाना चाहिए।


JOIN TELEGRAM PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


(1) “संदिग्ध चरित्र”, ” अनुचित लाभ प्राप्त करने की शिकायतें” जैसे रिमार्कस स्वीकार्य नहीं हैं। प्रविष्टियाँ स्थापित तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए न कि केवल संदेह पर । जो तथ्य, मूल्यांकन, निष्कर्ष, आदि विरोधाभासी है उन्हे APAR को लिखते / समीक्षा / स्वीकार करते समय टाला जाना चाहिए इसके अलावा, प्रतिवेदन के समय से पहले के तथ्यों, घटनाओं और परिस्थितियों का उल्लेख APAR में नहीं किया जाना चाहिए।

(2) प्रतिवेदन लिखने वाले अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि APAR लिखने के लिए वह सक्षम है। इसे विशेष रूप से प्रतिवेदन अवधि वर्ष की जांच करनी चाहिए और स्वयं को संतुष्ट करना चाहिए कि उसे निश्चित रूप से प्रतिवदेन अवधि के लिए संबंधित लोकसेवक हेतु सक्षम प्रतिवेदक/ समीक्षा / स्वीकार करने का अधिकार था।

(3) APAR लिखने के लिए समय-सारिणी में दिए गए समय का पालन किया जाना चाहिए राज्य सरकार के आदेश क्रमांक 13(48)कार्मिक(क-1) / गोप्र/ 77 दिनांक 16-7-80 एवं एफ13(51)कार्मिक/ए1/एसीआर/08 दिनांक 05.06.2008 में स्पष्ट प्रावधान है कि निर्धारित तिथि तक लोकसेवक द्वारा प्रतिवेदन के भाग-1 की पूर्ति कर समय पर प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो प्रतिवेदक अधिकारी निर्धारित तिथि पश्चात् प्रतीक्षा नहीं करें तथा कार्यालय अभिलेख से भाग- 1 की पूर्ति करें एवं अपनी टिप्पणी अंकित कर सम्बन्धित समीक्षक अधिकारी को भिजवा देवें। यह प्रतिवेदक अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।

(4) प्रतिवेदक/समीक्षक अधिकारी APAR पर अपनी टिप्पणी अंकित करते समय इस बात की पुष्टि अवश्य करें कि उसने अपने अधीनस्थ सभी लोकसेवकों की APAR पर प्रतिवेदन/समीक्षक टिप्पणी अंकित कर सम्बन्धित अधिकारी को प्रस्तुत कर दिये हैं। APAR उच्च अधिकारी को भेजने से पूर्व संधारण रजिस्टर (संलग्न प्रपत्र-“B” ) में प्रत्येक संवर्ग व पदवार इन्द्राज अवश्य किया जावे।

(5). सेवानिवृत होने वाले प्रतिवेदक/समीक्षक अधिकारी का वैधानिक कर्त्तव्य है कि उनके अधीन कार्यरत लोकसेवक जिसने कम से कम तीन माह से अधिक समय तक कार्य किया हो उनका APAR प्रतिवेदन अवश्य भरें अन्यथा उनको अदेय प्रमाण -पत्र जारी नहीं किया जायेगा ।

(7), तीन वर्षों से पूर्व के प्रतिवेदन राज्य सरकार के आदेश कमांक एफ-14(29)कार्मिक / एसीआर / 73 दिनांक 16-7-85 के अनुसार स्वीकार योग्य नहीं हैं। अतः तीन वर्षो से पूर्व के मूल प्रतिवेदन तैयार नहीं करवाये जायें, इसके स्थान पर तीन वर्ष से पूर्व के प्रतिवेदन प्रतिवेदक अधिकारी स्वयं द्वारा कार्यालय अभिलेख के आधार पर कार्यालय स्तर पर) तैयार कर भिजवाये जाएँ । ध्यान रहे कि ऐसे प्रतिवेदनों में समग्र मूल्यांकन संतोषप्रद से ऊपर की श्रेणी का नहीं भरा जावे।

(8). प्रतिवेदक अधिकारी लोकसेवक के प्रतिवेदन पर टिप्पणी अंकित करने से पूर्व जाँच करे कि लोकसेवक द्वारा अपने विभाग का मूल पद, मूल विषय, कार्य करने की सेवा अवधि, वर्तमान पद का चयन वर्ष, उस वर्ष का बोर्ड परीक्षा परिणाम आदि सही रूप से भरा है अथवा नहीं? लोकसेवक का मूल पद एवं विषय का सही उल्लेख नहीं होने के कारण प्रतिवेदन संधारण में असुविधा एवं अनावश्यक विलम्ब होता है।

(9), प्रतिवेदक अधिकारी, समीक्षक अधिकारी और स्वीकारकर्ता अधिकारी का नाम उनके हस्ताक्षरों के बाद संबंधित पदनामों के साथ स्पष्ट रूप से बड़े अक्षरों में दर्शाया जाना चाहिए। प्रतिवेदक अधिकारी प्रतिवेदन के भाग-1 की प्रविष्टियों को प्रमाणित कर अपने हस्ताक्षर अंकित करें। भाग-II की पूर्ति के पश्चात् अपनी मोहर अवश्य लगायें, जिसमें अपना नाम, पदनाम का स्पष्ट उल्लेख हो। यदि पदस्थापन स्थान परिवर्तित हो गया है तो पूर्व स्थान की मोहर तथा वर्तमान पदस्थापन की मोहर दोनों लगायें । उल्लेखित पदनाम प्रतिवेदन की अवधि से संबंधित होना चाहिए। उपर्युक्त प्रक्रिया समीक्षक अधिकारी द्वारा भाग-।। एवं भाग-111 में भी अपनायी जावे।

समग्र शिक्षा अभियान (योजना संचालन पोर्टल) SNA COMPONENT 2023

(10), जिला स्तरीय अधिकारियों के APAR प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणी के बाद सम्बन्धित जिला कलेक्टर की टिप्पणी हेतु एवं मंडल स्तरीय अधिकारियों का प्रतिवेदन प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणी के बाद सम्बन्धित संभागीय आयुक्त को प्रेषित किया जावेगा कलेक्टर/ संभागीय आयुक्त अपनी टिप्पणी के बाद APAR रामीक्षक अधिकारी को प्रेषित करेंगे।(कार्मिक विभाग का आदेश गाक 13/51)/क/-1/गोए/2015 जयपुर दिनाक 29.06.2015)

(11) बोर्ड परीक्षा का परिणाम APAR में अवश्य अंकित करने के साथ-साथ परीक्षा परिणाम की प्रमाणित
प्रति भी साथ में संलग्न करें। न्यून परीक्षा परिणाम की स्थिति में प्रतिवेदक / समीक्षक अधिकारी अपनी टिप्पणी में इसका उल्लेख अवश्य करें। चूंकि शिक्षा विभाग में संस्थाप्रधानों/ व्याख्याता /वरिष्ठ अध्यापक/ अध्यापक का परीक्षा परिणाम मुख्य उपलब्धि की श्रेणी में आता है, अतः जिन कार्मिकों का परीक्षा परिणाम न्यून है. अन्य उपलब्धियां चाहे जितनी भी श्रेष्ठ हो उनका सनग्र मूल्यांकन अच्छा से ऊपर अंकित नहीं किया जावे इसकी पालना कठोरता से की जाये, ताकि प्रतिवेदन संधारण में अनावश्यक पत्र व्यवहार न करना पड़े।

(12) APAR में प्रतिकूल प्रविष्टि का इन्द्राज प्रतिवेदक/समीक्षक अधिकारी उस समय तक नहीं करे जब तक कि प्रतिकूल प्रविष्टि के साक्ष्य में उनके पास पर्याप्त ठोस प्रमाण न हो। प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा की गयी प्रतिकूल प्रविष्टि को समीक्षक अधिकारी, प्रतिवेदक अधिकारी से लिखित सलाह मशविरा कर ही निरस्त कर सकता हैं।

(13) प्रतिवेदक यह सुनिश्चित करें कि बिन्दु संख्या 1 से 2 तक में की गई अभियुक्तियों एवं बिन्दु संख्या 5 में किए गए समग्र मूल्यांकन में एकरूपता हो। बिन्दु 1 से 2 तक में कहीं पर भी प्रतिकूल अभियुक्ति नहीं होने पर बिन्दु संख्या 5 में तदनुरूप ही समग्र मूल्यांकन किया जावे। यदि कहीं पर भी कोई प्रतिकूल अभियुक्ति हो तो समग्र मूल्यांकन भी असंतोषप्रद ही किया जावे।

(14) समीक्षक अधिकारी प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा किये गये समग्र मूल्यांकन को उस स्थिति में ही परिवर्तित कर सकता है जबकि वह कार्मिक एवं उसके व्यवहार से पूर्णतया परिचित हो तथा प्रतिवेदक द्वारा किये गये मूल्यांकन को परिवर्तित करने के उसके पास ठोस प्रमाण हो। समग्र मूल्यांकन परितवर्तित करते समय वह उन पर्याप्त कारणों/ औचित्य का उल्लेख अपनी समीक्षक टिप्पणी में अवश्य अंकित करें, तत्पश्चात् ही किये गये समग्र मूल्यांकन को परिवर्तित करें।

(15) समीक्षक एवं स्वीकारकर्ता अधिकारी को प्रतिवेदक अधिकारी के अभिमत से सहमति/असहमति दोनों ही स्थितियों के संबंध में स्पष्ट तथ्यों सहित अभिमत अभिलिखित करना चाहिए विशेषतः उच्च अधिकारी के अभिमत को मूल्यांकन की दृष्टि से सर्वोत्तम माना जाता है अतः उच्च अधिकारीगण को प्रतिकूल प्रविष्टियों एवं प्रविष्टियों को निम्नगत/ क्रमोन्नत (Down grade / Up grade) करने की स्थिति में मूल्यांकन के साथ-साथ स्वयं की टिप्पणियों के बारे में सकारण विवरण आवश्यक रूप से अंकित करना चाहिए। (कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प. 13(51) कार्मिक/एसीआर/2008 जयपुर दिनांक 12.10.2009)

(16) पातेय वेतन व्यवस्था में कार्यरत लोकसेवक APAR प्रतिवेदन जिस मूल पद से चयनित किये गये हो उसके संधारण अधिकारी द्वारा ही संधारित किये जावेगें।

(17) अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले लोकसेवक मूल पद एवं विषय, मूल विभाग का ही अंकित करें। सम्बन्धित प्रतिवेदक अधिकारी भी अपनी प्रतिवेदन टिप्पणी अंकित करने से पूर्व विशेष रूप से इसकी जाँच करें।

(18) कार्मिक विभाग के पत्रांक प. 13(51) / का० /क-1 / गो.प. / 2016 जयपुर दिनांक 17.05.2018 के अनुसार राजपत्रित अधिकारियों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के साथ संलग्न अचल सम्पति विवरण प्रपत्र को हटा दिया गया है डीपीसी के वक्त संबंधित कार्यालय अपने अधीन कार्यरत राजपत्रित अधिकारी जिसकी डीपीसी प्रस्तावित है का अचल सम्पत्ति विवरण जो कि स्वयं राजपत्रित अधिकारी ने SSO ID द्वारा ऑनलाईन किया है की स्व – प्रमाणित प्रति आवश्यक रूप से प्रेषित करेंगे। (कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प. 13(51) का. /क-1/गो.प्र./2016 जयपुर दिनांक 17.05.2018)

(1) अधिकारी के निलंबन के तहत- यदि प्रतिवेदक/समीक्षक / स्वीकारकर्ता अधिकारी निलंबन के अधीन है, तो उसके ड्यूटी के समय कार्यरत रहे लोकसवको की वह APAR लिखने/समीक्षा करने में सक्षम नहीं होगा।

(2) रिश्तेदार की APAR- अधिकारी अपने करीबी रिश्तेदार की APAR को लिखने या समीक्षा करने के लिए अधिकृत नहीं है।

(3) तीन महीने से कम की अवधि- प्रतिवेदक/ समीक्षक अधिकारी उन लोकसेवकों की APAR को लिखने/समीक्षा के लिए सक्षम नहीं है जिन लोकसेवकों ने उनके सुपरविजन में 03 माह से कम अवधि हेतु काम किया है।

(4) न्यायालय में साक्ष्य – जहां किसी लोकसेवक ने प्रतिवेदक/ समीक्षक अधिकारी के खिलाफ न्यायालय के समक्ष सबूत पेश किए हैं, वहाँ प्रतिवेदक/ समीक्षा करने वाला अधिकारी संबंधित लोकसेवक की APAR लिख नहीं सकते हैं / समीक्षा नहीं कर सकते हैं ।

(5) वे लोकसेवक जिन्हें निलंबन के तहत रखा गया है अथवा पोस्टिंग आदेश की प्रतीक्षा में है अथवा अध्ययन अवकाश पर है उनकी उक्त अवधि की APAR तैयार नहीं की जायेगी।

(6) प्रतिवेदक/ समीक्षक / स्वीकृति अधिकारी की सेवानिवृत्ति- जब प्रतिवेदक/ समीक्षा /स्वीकारकर्ता अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाता है या कार्यालय से किसी कारण से वंचित हो जाता है, तो वह APAR से संबंधित दायित्त्व का निर्वहन नहीं कर सकता और न ही पूर्व में किसी APAR में अपने द्वारा अंकित की गई प्रतिकूल प्रविष्टि के खिलाफ प्रस्तुत अभ्यावेदन पर टिप्पणियां दे सकता है।

(7) पुनर्नियुक्त कर्मचारी- पुनर्नियोजन पर एक सेवानिवृत्त अधिकारी इस पुनर्नियोजन की अवधि के दौरान उसके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों का APAR लिखने, समीक्षा करने या स्वीकार करने (इनमें से कोई भी मामला हो) के लिए सक्षम होगा हालांकि, ऐसा कोई अधिकारी उस समय के APAR को लिखने / समीक्षा करने / स्वीकार करने में सक्षम नहीं होगा (यदि कोई हो) जो उस प्रासंगिक समय में लिखा/समीक्षा / स्वीकार नहीं किया गया था, जब वह पुनर्नियोजन से पहले सेवा में था। (अर्थात् सेवानिवृत्त नहीं हुआ था तब का कोई बकाया मामला अब वह पूरा करने हेतु अधिकृत नहीं है)

(8) अतिरिक्त प्रभार धारण करने वाला अधिकारी के संबंध में- यदि किसी प्रतिवेदक/समीक्षा करने वाले अधिकारी ने तीन महीने से अधिक समय तक अतिरिक्त प्रभार संभाला है और जिस व्यक्ति को रिपोर्ट किया गया है, उससे वरिष्ठ है, तो वह अतिरिक्त प्रभार की क्षमता में उन लोकसवेकों के APAR लिख सकता है, जिनके कार्य का पर्यवेक्षण किया था ।

(9) जहां प्रतिवेदक अधिकारी किसी विशेष अवधि के लिए कर्मचारी के संबंध में एक प्रतिवेदक अधिकारी के रूप में APAR को लिखने के लिए सक्षम नहीं है, वहां रिपोर्ट(APAR) समीक्षा अधिकारी द्वारा प्रतिवेदक अधिकारी के रूप में लिखी जाएगी और स्वीकारकर्ता अधिकारी द्वारा समीक्षा अधिकारी और स्वीकारकर्ता अधिकारी दोनों के रूप में रिपोर्ट लिखी जाएगी।

यदि कोई अधिकारी किसी विशेष अवधि के लिए किसी कर्मचारी के APAR की समीक्षा करने के लिए सक्षम नहीं है, तो स्वीकारकर्ता अधिकारी APAR को स्वीकार करने के साथ ही समीक्षा भी करेगा।

इसी तरह, किसी भी अधिकारी के किसी प्रतिवेदक अधिकारी के रूप में या किसी समीक्षा अधिकारी के रूप में लिखने के लिए सक्षम नहीं होने की स्थिति में रिपोर्ट (APAR) की शुरुआत, समीक्षा और स्वीकृत्ति ये तीनों कार्य स्वीकारकर्ता अधिकारी द्वारा किए जाएंगे।

जहां कोई भी अधिकारी APAR को लिखने, उसकी समीक्षा करने या उसे स्वीकार करने के लिए सक्षम नहीं है, तो इस आशय की प्रविष्टि APAR में की जाएगी। समीक्षक अधिकारी को प्रतिवेदक अधिकारी के रूप में कार्य करते समय और स्वीकारकर्ता अधिकारी को समीक्षक अधिकारी के रूप में कार्य करते समय विशेष रूप से उन परिस्थितियों के बारे में बताना चाहिए जिनके तहत उन्हें ऐसा करना पड़ा।

(1) विभागाध्यक्ष/कॉडर नियन्त्रण अधिकारी द्वारा संबंधित लोकसेवक की APAR पूर्ण होकर प्राप्त होने पर उस लोकसेवक को सूचित कर अवलोकन हेतु आमंत्रित किया जाएगा एवं लोकसेवक को प्रतिवेदन का अवलोकन कराने के पश्चात अवलोकन करने का उससे प्रमाण पत्र लिया जाएगा।

यदि अवलोकन पश्चात लोकसेवक अपने कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में अंकित प्रतिवेदक /समीक्षक/स्वीकारकर्ता अधिकारी की ग्रेडिंग/टिप्पणी/मूल्यांकन से सन्तुष्ट नहीं हो तो वह ग्रेडिंग / टिप्पणी/ मूल्यांकन सुधार हेतु 15 दिवस में अपना अभ्यावेदन संबंधित विभागाध्यक्ष/कॉडर नियंत्रण अधिकारी को प्रस्तुत करेगा।* लोकसेवक द्वारा APAR के अवलोकन करने पर यात्रा भता एवं उपस्थिति प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने का प्रावधान है।**

(2) यदि संबंधित लोकसेवक अपने मूल्यांकन के विरूद्ध 15 दिवस में अभ्यावेदन प्रस्तुत नहीं करे तोवार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) कार्मिक /संबंधित विभाग को भिजवाया जाए।

(3) यदि लोकसेवक किए गए मूल्यांकन के विरूद्ध ग्रेडिंग / टिप्पणी / मूल्यांकन में सुधार हेतु अभ्यावेदन प्रस्तुत करें तो विभागाध्यक्ष/कॉडर नियंत्रण अधिकारी द्वारा सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर एक माह में उस पर निर्णय लिया जायेगा।*

(4) यदि विभागाध्यक्ष/कॉडर नियन्त्रण अधिकारी द्वारा अभ्यावेदन पर लिए गए निर्णय से लोकसेवक सन्तुष्ट नहीं हो तो वह उसके विरूद्ध अपीलीय बोर्ड के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है ।

(5) अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवाओं के कर्मचारियों के मामलों में नियुक्ति अधिकारी और राज्य सेवाओं के अधिकारियों के मामले में कार्मिक विभाग तय करेगा कि APAR में कौन सी टिप्पणियां प्रतिकूल प्रविष्टियों का निर्माण करेगी और कौनसी टिप्पणियों के बारे में उस व्यक्ति को (जिसकी APAR है) सूचित किया जाना चाहिए। प्रतिवेदक अधिकारी के मामले में, निर्धारित स्थान (भाग – 1 1) के तहत दर्ज की गई टिप्पणियों को प्रतिकूल माना जाएगा समीक्षक अधिकारी के लिए, किसी प्रविष्टि को तब तक प्रतिकूल नहीं माना जाएगा जब तक कि समग्र मूल्यांकन भी असंतोषजनक न हो।

(6) किसी लोकसेवक की APAR में अंकित सभी प्रतिकूल प्रविष्टियाँ चाहे वे उसके प्रदर्शन से संबंधित हो चाहे उसके मूलभूत गुणों व क्षमताओं से संबंधित हो का निर्देशों में निर्धारित अवधि के भीतर भीतर उस लोकसेवक को सूचित करना चाहिए। एक लोकसेवक को कभी भी अपने उच्चाधिकारियों की राय से अनभिज्ञ नहीं रहना चाहिए। जहाँ उस लोकसेवक की सेवा को संतोषजनक नहीं माना जाता है, तो उससे संबंधित आलोचना को सूचित किया जाना चाहिए।

(*कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प. 13(51)का/-1/ गो.प्र./2012 जयपुर दिनांक 22.02.2013
**कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प. 1351)का /क-1/गो.प्र./2013 जयपुर दिनांक 17.9.2013)

(7) लाईलाज प्रकृति के सूचित दोषों को संप्रेषित करते समय एक निश्चित मात्रा में विवेक रखना चाहिए। उदाहरणतः किसी लोकसेवक को प्रतिवर्ष यह बताया जाता है कि उसकी बुद्धिमता औसत से कम है या वह बहुत संवेदनशील है ऐसे प्रकरण में यह लाभदायक की जगह हानिकारक हो सकता है। इसी प्रकार किसी व्यक्ति के शारीरिक दोषों के बारे में यदि APAR में अंकन है तो इस बारे मे उसको सूचित किया जाना आवश्यक नहीं है।

(8) प्रतिकूल टिप्पणियों को संप्रेषित करते समय, अच्छे बिंदुओं का उल्लेख भी किया जाना चाहिए। इसी तरह, जहां एक रिपोर्ट से पता चलता है कि किसी व्यक्ति ने दोषों को दूर करने के लिए सफल प्रयास किए हैं, जिन पर उसका ध्यान पहले आकर्षित किया गया था तो उसे उनके बारे में भी सूचित किया जाना चाहिए ताकि उसे मालूम हो सके कि सुधार के उसके प्रयासों को अनदेखा नहीं किया गया है।

(9) केवल ऐसी प्रतिकूल प्रविष्टियों को ही जिन्हें समीक्षा / स्वीकार करने वाले अधिकारी द्वारा स्वीकार किया गया है, को ही संप्रेषित किया जाना चाहिए। इसलिए समीक्षा करने / स्वीकार करने वाले अधिकारी को सामान्य रूप से यह बताना चाहिए कि वह प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणी से सहमत है अथवा नहीं। यदि प्रतिवेदन बहुत संक्षिप्त, गूढ या अस्पष्ट हो तो आवश्यकता होने पर अतिरिक्त टिप्पणी भी दर्ज करनी चाहिए। जिन मामलों में निर्णय निलंबित किया गया है, उन पर टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।

(10) नियमान्तर्गत भरी हुई APAR में दर्ज की गई किसी भी प्रतिकूल प्रविष्टि को उस अधिकारी द्वारा लिखित रूप में संबंधित व्यक्ति को सूचित किया जाएगा, जिसके अधीन रिपोर्ट रखी गई है, निर्धारित समय सीमा में, व्यक्ति को अभ्यावेदन हेतु लिखित सूचना दी जानी चाहिए और उस आशय का अभिलेख संबंधित लोकसेवक के APAR डोजियर में रखा जाना चाहिए।

(11) किसी लोकसेवक के स्वभाव के संबंध में जब कोई सलाह/चेतावनी/प्रतिबन्धों के रूप में मौखिक या लिखित माध्यम से सूचना दी जाए तो अन्यन्त सावधानी रखने की आवश्यकता है। यह सलाह उसके लिए लाभदायक हो और उसमें सुधरात्मक प्रयास लाने वाली होनी चाहिए।

(12) संबंधित लोकसेवक को APAR में दर्ज प्रतिकूल टिप्पणी की सूचना देते समय संबंधित अधिकारी की पहचान का खुलासा करना आवश्यक नहीं है।

(13) प्रतिकूल प्रविष्टियों के खिलाफ प्राप्त अभ्यावेदन को APAR में नहीं जोड़ा जाना चाहिए। इन्हें लोकसेवक के APAR फाइल के साथ एक अलग फाइल कवर में रखा जा सकता है। प्रतिकूल टिप्पणियों के खिलाफ प्राप्त अभ्यावेदन का निस्तारण कार्मिक विभाग द्वारा समय -समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाए।

(1) अन्य विभागों / संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों के मामले में जो राज्य द्वारा नियंत्रित होते हैं की APAR संलग्न परिशिष्ट में यथा निर्धारित चैनल के अनुसार लिखा जाएगा तथा नियुक्ति अधिकारी या कार्मिक विभाग को भेजा जा सकता है, जैसा भी मामला हो।

(2) ऐसे मामलों में, जब कोई लोकसेवक जो अपनी मूल सेवा में अपने ग्रहणाधिकार (LIEN) को धारण करते हुए किसी अन्य सेवा में शामिल हो गया था, अपनी मूल सेवा में लौट जाता है. तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जा सकती है-

A. यदि अन्य सेवा में कार्यरत अवधि के लिए मूल्यांकन रिपोर्ट (एस) / गोपनीय रिपोर्ट (एस) उपलब्ध हैं, तो उन्हें कर्मचारी के मूल्यांकन डोजियर में रखा जाएगा और पदोन्नति के प्रयोजनों के लिए इसे ध्यान में रखा जाएगा।

B. यदि वे उपलब्ध नहीं हैं, तो अप्राप्त रिपोर्ट के मामले में निर्धारित प्रक्रिया लागू होगी। 13. अध्ययन या प्रशिक्षण के अनुमोदित पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रतिनियुक्त लोकसेवकों के APAR के लेखन की प्रक्रिया जिस अवधि के लिए किसी कर्मचारी ने भारत या विदेश में किसी अनुमोदित संस्थान में कोई प्रशिक्षण लिया है, उसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए –

(1) जब भी कोई अधिकारी अध्ययन या प्रशिक्षण के अनुमोदित पाठ्यक्रम में भाग लेता है तो इसका इन्द्राज इस अवधि की APAR में करना चाहिए।

(2) प्रतिनियुक्त संस्था के प्रमुख से प्राप्त यदि कोई प्रतिवेदन है तो उस लोकसेवक की डोजियर में मूल रूप से रखी जानी चाहिए या उसका कोई सारभूत तथ्य उसमें प्रविष्ट होना चाहिए।

(1) प्रति वर्ष 31 मार्च को प्रशासनिक सचिव द्वारा राज्य सेवा के अधिकारियों की तथा नियुक्ति अधिकारी द्वारा अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा के उन लोकसेवकों की सूची तैयार की जायगी जो कि निम्न श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं:

A. जिन कर्मचारियों को अध्ययन अवकाश दिया गया है।
B. जिन कर्मचारियों को निलंबित रखा गया।
C. जिन कर्मचारियों को आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया हैं।
D.उन कर्मचारियों के मामले में, जिनमें से कोई भी प्रतिवेदक अधिकारी, समीक्षा करने वाला अधिकारी और स्वीकार करने वाला अधिकारी APAR लिखने के लिए सक्षम नहीं है।
E. उन कर्मचारियों के मामले में जिनकी अवधि पाँच वर्ष से अधिक पुरानी है, पूरा होने के लिए लंबित है। (कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक ए. 1351)5./3-1/गोप्र./2006 जयपुर दिनांक 30.112012)

(2) उपर्युक्त व्यक्तियों के लिए, यदि अवधि तीन महीने या उससे अधिक है, तो कारणों का उल्लेख करने वाले एक नोट को डोजियर में “नो रिपोर्ट सर्टिफिकेट” के रूप में रखा जाना चाहिए।

वित्त विभाग (नियम अनुभाग) के पत्र क्रमांक प. 14 (B6) वित/नियम /2008 जयपुर दिनांक 04.11.2016 के निर्देश के तहत यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन गत 07 वर्षों की निरन्तरता में उपलब्ध नहीं है तो एसीपी के प्रकरणें का निर्धारण निम्न आधार पर किया जाए –

A. राज्य सेवा के अधिकारियों के मामले में जितने वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है उतने वर्षों के अधिकतम गत 03 वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन देखे जा सकतें है।

B. इसी प्रकार राज्य सेवा के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों / कर्मचारियों के मामले में जितने वर्षों के कार्यमूल्यांकन प्रतिवदेन उपलब्ध नहीं है उतने वर्षों के अधिकतम गत 02 वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवदेन देखे जा सकेगें।

C. यदि फिर भी 07 वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं होते है तो ऐसे प्रकरणो में जितने वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन कम है उतने आगामी वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के आधार पर 07 वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन पूर्ण होने पर ही एसीपी स्वीकार की जा सकेगी ।

क्र.सं.प्रतिवेदन प्रस्तुत करना, टिप्पणी अंकित करना व प्रेषित करनाप्रस्तुत/प्रेषित करने की अंतिम तिथि कार्यालय में कार्यरत लोकसेवकों के लिए (शिक्षक संवर्ग सहित)प्रस्तुत/प्रेषित करने की अंतिम तिथि विद्यालयों में कार्यरत लोकसेवकों के लिए (मंत्रालयिक कार्मिकों के अतिरिक्त)
1लोकसेवकों द्वारा APAR प्रस्तुत करना10 अप्रेल
15 अगस्त
2प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन पर टिप्पणी अंकित करना10 मई15 सितम्बर
3प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा समीक्षक अधिकारी को प्रेषित करना15 मई20 सितम्बर
4समीक्षक अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन में टिप्पणी अंकित करना एवं संबंधित कार्यालय को संधारण हेतु निजवाना15 जून20 अक्टूबर

क्र.स.पदनाम (लोकसेवक) – Reporteeप्रतिवेदक अधिकारी – Reporting Officerसमीक्षक अधिकारी – Reviewing Officer स्वीकार कर्ता अधिकारी – Accepting Officer
1Govt. Secondary & Senior Secondary School Teacher Grade 3rd L-1 & L-2, PET Grade 3rd, Librarian Grade 3rd, Junior Assistant, Lab Technician Grade 3rdसंस्था प्रधानमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक
2Govt. Primary & Upper Primary School Teacher Grade 3rd L-1 & L-2, Prabodhak (ग्रामीण क्षेत्र)PEEO – पदेन पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारीमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक
3Govt. Upper Primary School PET Grade 3rd (ग्रामीण क्षेत्र)PEEO – पदेन पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारीमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक
4Govt. Primary & Upper Primary School Teacher Grade 3rd L-1 & L-2, Prabodhak (शहरी क्षेत्र)अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रथम- ACBEO – Istमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक
5Govt. Upper Primary School PET Grade 3rd (शहरी क्षेत्र)अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रथम- ACBEO – Istमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक
6Govt. Upper Primary School SENIOR TEACHER – वरिष्ठ अध्यापक (ग्रामीण क्षेत्र)PEEO – पदेन पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारीमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOसंयुक्त निदेशक संभाग Joint Director
7Govt. Upper Primary School SENIOR TEACHER – वरिष्ठ अध्यापक (शहरी क्षेत्र)अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रथम- ACBEO – Istमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOसंयुक्त निदेशक संभाग Joint Director
8Govt. Secondary & Senior Secondary School Senior Teacher, PET Grade-2nd, Librarian Grade-2nd, Senior Assistant, Assistant Administrative Officer, Lab Assistant Grade-2ndसंस्था प्रधानमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOसंयुक्त निदेशक संभाग Joint Director
9Govt. Senior Secondary School Lecturer, PET Grade-1st, Librarian Grade-1stसंस्था प्रधानमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा Director
10Govt. Secondary & Senior Secondary School Principal & Headmasterमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOमुख्य जिला शिक्षा अधिकारीनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा Director

नोट- 1. जिन माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक प्रधानाचार्य व व्याख्याता का पद रिक्त है एसे विद्यालयों में रिपोर्टिंग अधिकारी का कार्य उस विद्यालय का आहरण व वितरण अधिकारी करेगा अर्थात जिसके पास 03 पावर हैं।

2. उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद रिक्त है कार्यवाहक के रूप में यदि व्याख्याता , प्रधानाचार्य का निर्वहन कर रहा है तो रिपोर्टिंग अधिकारी संबन्धित सीबीईओ होगा।

3. Do you want choose dir/addirsec as reporting/reviewing officer का चयन फील्ड को नहीं करना है फील्ड इसे by डिफ़ॉल्ट नो (No) ही रखें यह ऑप्शन केवल निदेशालय व आईएएसीई अजमेर, बीकानेर के चुनिंदा पदों के लिए ही है।

क्र. सं. प्रश्न जबाब
1मैं शहरी क्षे़त्र में कार्यरत उप्रा विद्यालय में संस्थाप्रधान हूॅ निर्धारित चैनल के अनुसार मेरा रिर्पोटिग ACBEO प्रथम है वर्तमान में UCEO व्यवस्था प्रारंम्भ की गई मुझे अपना प्रतिवेदन किसे प्रेषित करना है?निर्धारित चैनल के अनुसार ही प्रतिवेदन प्रेषित किया जाना है
2मैं व्याख्याता पद पर कार्यरत हुंॅ मेरे पास स्वयं के विद्यालय(राउमावि) का आहरण वितरण अधिकार( 03 पावर) है। मेरे रिपोर्टिंग अधिकारी कौन होंगे?आप अपना रिपोर्टिंग अधिकारी के रूप में न्यूनतम 03 माह के सपुरविजन में सेवा शर्त की पालना करते हुए मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को उनके अधीन की गई अवधि के अनुसार चयन करें।
3मेरे विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद रिक्त है। प्रधानाचार्य का दायित्व किसी व्याख्याता के पास है लेकिन उनके पास 03 पावर नहीं है। इस परिस्थिति मे मेरे रिपोर्टिग अधिकारी कौन होंगे?विद्यालय के अन्य कार्मिकों के साथ-साथ आपके भी रिपोर्टिग अधिकारी वहीं होंगे जिनके पास आपके विद्यालय का आहरण वितरण अधिकार/03 पॉवर है।
4मैंने दिनांक 01.02.2022 को द्वितीय श्रेणी से पदोन्न्त होकर अन्य स्कूल में व्याख्याता पद पर कार्यग्रहण किया है। मेरे रिपोर्टिग व त्मअपमूपदह अधिकारी अलग-अलग होंगे क्या?दोनों अवधि में रिपोर्टिग अधिकारी संबंधित प्रधानाध्यापक(मावि)/प्रधानाचार्य होगें जिनके अधीन आपने सेवा की है एवं रिवींविगअधिकारी एक ही होंगे जो आपके अंतिम पदस्थापन के अनुसार हांेगे। परिपत्र 23.11.20 के दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए
5रामावि/राउमावि में द्वितीय श्रेणी अध्यापक के पास प्रधानाचार्य का चार्ज हैं। क्या उन्हे रिपोर्टिग अधिकारी के रूप में चयन किया जा सकता है?नहीं
6मैं दिनांक 01.07.2022 से 01.10.2022 तक द्वितीय श्रेणी अध्यापक था मैने विभागीय पदोन्नति उपरांत दिनांक 02.10.2022 को व्याख्याता के रूप मे कार्यग्रहण कर लिया है। मैं एपीएआर भरते समय लोकसेवक के प्रकार के रूप में किस पद का चयन करूंगा?एपीएआर वर्ष के अन्तिम पद का चयन लोक सेवक प्रकार में करना होता है। आपके संबंध में आपको लोक सेवक के प्रकार के रूप में व्याख्याता पद का चयन करना होगा।
7मैं रिपोर्टिग अधिकारी हुॅं मैं अपने शाला दर्पण लॉगिन से लोकसेवक से प्राप्त एपीएआर कैसे फारवर्ड करूॅंगा?आप लोकसेवक से प्राप्त एपीएआर पर अपनी टिप्पणी अंकित करने से पश्चात् सबमिट करें एवं ई-साइन कर उसे समीक्षक अधिकारी को फारवर्ड करें।
8मैंने अपने एपीएआर में रिपोर्टिग/ रिवीविग /अवधि/रिजल्ट/अन्य विवरण गलत भर दिया है अब मैं उसे किस प्रकार डिलीट/रिजेक्ट करवा सकता हूॅं?आप अपना एपीएआर आवेदन यथोचित कारण सहित प्रार्थना पत्र नियंत्रण अधिकारी से अग्रेषित करवाकर सीबीईओ/सीडीईओ कार्यालय लॉगिन से डिलीट करवा सकते है। उक्त कार्य प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा समीक्षक अधिकारी को प्रेषित करने से पूर्व होगा।
9मॉड्यूल में प्रविष्टियॉ कौनसे font में की जानी है?English या Mangal (Unicode)
10मैं अपने समीक्षक अधिकारी के रूप सीडीईओ का चयन करना चाहता हूॅ जिनके पास जिशिअ (मुख्यालय)का भी प्रभार है। सीडीईओ के रूप में सर्च करते समय इनका नाम प्रदर्शित नहीं हो रहा है?मूल पदस्थापित पद के अनुसार ही नाम प्रदर्शित होगा। आपको जिशिअ (मुख्यालय) के रूप में सर्च करके चयन करना होगा।
11मेरे समीक्षक अधिकारी पदोन्न्ति उपनिदेशक से संयुक्त निदेशक के पद पर हो गई है क्या मुझे अपना प्रतिवेदन उन्हे भेजना है?जिसके सुपरविजन में न्युनतम 03 माह सेवा की है उसे ही प्रतिवेदन प्रेषित किया जाना है चाहे पदनाम या कार्यालय परिवर्तन हो गया है।
12मैं शिक्षा विभाग का कार्मिक हुॅं एवं वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभाग में कार्यरत हुॅं क्या मुझे अपनी एपीएआर ऑनलाईन भरनी है?नहीं। आप अपनी एपीएआर पूर्व की भांति ऑॅफलाईन ही भेजें।
13मैं अपना एपीएआर स्टेटस कैसे देख सकता हुॅं?आप अपने स्टाफ लागिन में एपीएआर टेब में एपीएआर स्टेटस कॉलम मे जाकर एपीएआर की वर्तमान स्थिति को देख सकते है।
14मैं रिपोर्टिग अधिकारी हुॅं। लोकसेवक द्वारा प्रेषित एपीएआर मैं अपने लॉगिन पर किस टेब मे देख सकता हुॅं?आप अपने स्टाफ लॉगिन मे एपीएआर टेब में Request for Apar assessment मेे जाकर देख सकते है।
15मै संस्था प्रधान के रूप मेे शाला के समग्र रिजल्ट का विवरण कैसे भर सकता हुॅ?आप रिजल्ट वाले कॉलम में कक्षा 5,8,10 का परिणाम ऑल का चयन कर एवं कक्षा 12 का रिजल्ट संबंधित स्ट्रीम का चयन कर भर सकते है।
16मैने प्रथम बार राजकीय सेवा में दिनांक 03.10.2022 को कार्यग्रहण किया है। मैने दिनांक 01.07.2022 से 02.10.2022 तक एपीएआर की प्रविष्टि कॉलम में राजकीय सेवा में नहीं था एवं 03.10.2022 से 30.06.2023 तक एपीएआर की प्रविष्टि की जानी का चयन कर रिपोर्टिग अधिकारी को अग्रेषित कर दिया था।
रिपोर्टिग अधिकारी द्वारा मेरे विवरण का सत्यापन कर दिया गया है उसके उपरांत भी एपीएआर नहीं भरी जा रही है। क्या कारण हो सकता है?
दिनांक 01.07.2022 से 02.10.2022 तक की अवधि का राजकीय सेवा में नहीं होने का सत्यापन सीबीईओ कार्यालय की लॉगिन से होने के उपरांत ही भरा जाएगा।
17मेरे रिपोर्टिंग एवं रिवीविंग अधिकारी सर्च करने पर प्रदर्शित नहीं हो रहे है। क्या कारण हो सकता है?संबंधित अधिकारी का शाला दर्पण स्टॉफ विंडो में रजिस्ट्रेशन एवं शाला दर्पण पोर्टल पर आधार वेरिफिकेशन होना आवश्यक है इसके अभाव में उनका नाम प्रदर्शित नहीं होगा।
18मैंने प्रथम बार राजकीय सेवा में दिनांक 03.09.2022 को शिक्षा विभाग में कार्यग्रहण किया है। मैं एपीएआर प्रपत्र में 1 जुलाई, 2022 से 02.09.2022 तक की अवधि का उल्लेख किस प्रकार से करूगा?आप एपीएआर में 1 जुलाई, 2022 से 02.09.2022 तक की अवधि का उल्लेख उक्त अवधि में ’लोकसेवक राजकीय सेवा में नहीं था’ आप्शन का चयन कर करें। उक्त प्रविष्टि संबंधित सीबीईओं लॉगिन से वेरिफाई भी की जानी है।

🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻

समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी :- राज्य कर्मचारियों हेतु संचालित समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना वर्ष 2024-25 के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ आपके लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं उम्मीद है आपको पसंद आयेंगे| वित्त (बीमा) विभाग, राजस्थान के आदेश क्रमांक प. 4 (72) वित्त / राजस्व / 94 – लूज दिनांक 13.03.2024 द्वारा दिनांक 01.05.2024 से 30.04.2025 की अवधि हेतु राजस्थान कैडर के अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों सहित समस्त राज्य कर्मचारियों पर समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना वैकल्पिक लागू की गई है। कक्षा 01 से 11 तक परीक्षा परिणाम तैयार करने का एक्सल प्रोग्राम

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी के अन्तर्गत राज्य कर्मचारियों, जिनमें जिला परिषद् एवं पंचायत समितियों के कर्मचारी एवं विभिन्न स्वायतशासी संस्थाओ में राज्य सरकार के प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिक भी शामिल है। विभिन्न दुर्घटनाओं में होने वाली क्षतियों एवं मृत्यु के जोखिम को वीमा कवर प्रदान करने के उद्देश्य से निम्न तालिका में अंकित श्रेणियों में से कर्मचारी द्वारा चयन की गई किसी एक श्रेणी के अनुसार बीमाधन की समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (राज्यकर्मी) पॉलिसी राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के साधारण बीमा निधि कार्यालय द्वारा जारी की जावेगी ।

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

श्रेणीप्रीमियम दर (प्रति कार्मिक)बीमाधन (राशि रूपये में)
12203 लाख
270010 लाख
3140020 लाख
4210030 लाख
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

उक्त पालिसी के अन्तर्गत बीमित समूह में निम्न कार्मिक सम्मिलित माने जावेगें:

  1. वे राज्यकर्मी जिनकी नियुक्ति तिथि 30.04.2024 एवं इससे पूर्व है और उनका प्रीमियम दिनांक 31.05.2024 तक साधारण बीमा निधि के के सम्बन्धित बजट हैड (8011-00-107-01-00 ) में जमा हो गया है, वे सभी कर्मचारी दिनांक 01.05.2024 से कवर माने जायेंगे ।
  2. वे राज्यकर्मी जिनकी नियुक्ति तिथि 01.05.2024 एवं इसके पश्चात है और उनका प्रीमियम प्रोरेटा बेसिस पर साधारण बीमा निधि के सम्बन्धित बजट हैड (8011-00-107-01-00) में जमा हो गया है, प्रीमियम जमा की तिथि से कवर माने जायेंगे । शिक्षा विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा निर्देश-गाइडलाइन
  3. ऐसे कार्मिक उपरोक्त श्रेणी अनुसार कोई भी विकल्प प्रस्तुत नहीं कर यदि कोई प्रीमियम कटौती नहीं कराना चाहते है, तो उनकी प्रीमियम कटौती आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा नहीं की जायेगी, ऐसे कार्मिकों को केवल मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना के अनुसार बीमाधन के लाभ इस विभाग के MCDBY कार्यालय द्वारा देय होंगे।

आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें।
👇👇👇👇


JOIN WHATSAPP CHAINL

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


पुलिस विभाग के वर्दीधारी अधिकारी / कर्मचारी, जिनके लिए पृथक से इस विभाग द्वारा जीपीए (पुलिसकर्मी) योजना संचालित की जा रही है, राज्यकर्मियों के लिए जारी उक्त योजना के अर्न्तगत बीमित समूह में सम्मिलित नहीं माने जावेंगे।

2024 डीए वृद्धि केलकुलेशन यहाँ से करे

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी के वर्ष 2024-25 के संचालन के सम्बन्ध में निम्नानुसार दिशा-निर्देश प्रसारित किये जाते हैं:-

  1. उक्त योजना के अन्तर्गत समस्त राज्य कर्मचारियों की प्रीमियम राशि, परिपत्र में अंकित तालिका में किसी एक श्रेणी जिसका कार्मिक द्वारा चयन किया गया है, अप्रेल देय मई, 2024 के वेतन बिल से काटी जावेगी। जिन कार्मिकों की नियुक्ति तिथि 30.04.2024 एवं इससे पूर्व है, उन कार्मिकों के लिए प्रीमियम राशि उनके श्रेणी विकल्प अनुसार दिनांक 31.05.2024 तक साधारण बीमा निधि के बजट हैड ( 8011-00 -107-01-00 ) में जमा कराया जाना अनिवार्य है। SNA वित्तीय वर्ष 2023-24 में जारी “SNA” लिमिट का उपयोग कैसे करें
  2. जिन डीडीओ के द्वारा आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर पोर्टल के माध्यम से वेतन आहरित नहीं किया जा रहा है, उन डीडीओ के द्वारा बजट हैड 8011-00-107-01-00 में ई-ग्रास सिस्टम के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर दिनांक 31.05.2024 तक अपने कार्मिको की प्रीमियम राशि जमा करानी होगी।
  3. समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्यालय में पदस्थापित राज्य कर्मचारियों / अधिकारियों में से जिनके द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए जीपीए पॉलिसी के लिए परिपत्र में अंकित तालिका में से किसी श्रेणी का चयन किया गया है, के अनुसार सभी राज्य कर्मचारियों / अधिकारियों के माह अप्रेल देय मई, 2024 के वेतन बिल को तैयार करते समय प्रीमियम की कटौती कर ली गयी है। जिन कर्मचारियों का माह अप्रेल देय मई 2024 का वेतन किसी भी कारण से आहरित नहीं किया जा रहा है, उनके लिये निजी स्तर से प्रीमियम बजट हैड 8011-00-107-01-00 में एसआईपीएफ पोर्टल के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर दिनांक 31.05.2024 तक जमा कराना अनिवार्य होगा । ( चालान जमा कराने की प्रक्रिया परिशिष्ट A पर संलग्न है)
  4. प्रस्ताव पत्र सभी अधिकारियों / कर्मचारियों से भराया जाना अनिवार्य है । आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा सभी अधिकारियों / कर्मचारियों से एसआईपीएफ पोर्टल में प्रस्ताव पत्र की पूर्ति कराया जाना आवश्यक है। इसी के साथ समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों से प्रीमियम विकल्प भराया जाना भी अनिवार्य है। यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
    “जिन अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा प्रस्ताव पत्र पूर्व में एस.आई.पी.एफ. पोर्टल पर ऑनलाइन पूर्ति किये जा चुके हैं तथा जिनमें अपने नॉमिनी एवं पूर्व में भरी गई प्रीमियम श्रेणी में कोई भी संशोधन / परिवर्तन नहीं किया जाना है, उन कार्मिकों द्वारा पुनः प्रस्ताव पत्र भरना आवश्यक नहीं है। ऐसी स्थिति में आहरण एवं वितरण अधिकारी कार्मिक द्वारा पूर्व में दिये गये विकल्प के अनुसार ही कार्मिक के वेतन से प्रीमियम कटौती किया जाना सुनिश्चित करेंगे। कार्मिक के द्वारा दिये गये विकल्प के अनुसार प्रीमियम कटौती करने का पूर्ण उत्तरदायित्व आहरण एवं वितरण अधिकारी का होगा। जिन अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा श्रेणी चयन / नॉमिनी परिवर्तन करना है उनके द्वारा ऑनलाइन प्रस्ताव पत्र एवं प्रीमियम विकल्प अनिवार्य रूप से एसआईपीएफ पोर्टल पर पूर्ति किया जाना आवश्यक है।
  5. समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारी उनके अधीन समस्त कर्मचारियों के वेतन से जीपीए नवीनीकृत योजना के अन्तर्गत यथा निर्धारित पोर्टल आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर / ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से कटौती कर कटौती पत्र वेतन बिलों के साथ संलग्न कर कोष कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे।
  6. आहरण एवं वितरण अधिकारी समस्त प्राप्त नकद राशि को बजट हैड 8011–00–107-01-00 में एसआईपीएफ पोर्टल / ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर 31.05.2024 तक आवश्यक रूप से राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक के क्षेत्राधिकार से संबंधित बैंक में जमा करवाएंगे ( चालान जमा कराने की प्रक्रिया परिशिष्ट – B पर संलग्न है) SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
  7. वेतन बिल / चालान (आईएफएमएस 3.0/ पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर / ई-ग्रास पोर्टल) द्वारा प्रीमियम जमा कराने हेतु बजट मद निम्नानुसार होगा :-
क्र सं.बजट कोडबजट का नाम
18011बीमा तथा पेंशन निधि
2107राज्य सरकारी कर्मचारी समूह बीमा योजना
301राज्य कर्मचारी व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
  1. संबंधित आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा जिन प्रकरणों में प्रीमियम कटौती राशि चालान द्वारा जमा करवाई जाती है, ऐसे प्रकरणो में चालान की एक प्रति अग्रेषण पत्र के द्वारा राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक को इस आशय के प्रमाण पत्र के साथ मय कटौती पत्रों के प्रस्तुत करेंगे कि सभी सम्बन्धित अधिकारियों / कर्मचारियों से ऑनलाइन प्रस्ताव पत्र(मनोनयन पत्र) एवं ऑनलाइन प्रीमियम विकल्प एस.आई.पी.एफ. पोर्टल पर भरवा लिये गये हैं । DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट
  2. एसआईपीएफ पोर्टल के माध्यम से चालान बनाते समय कटौती पत्र का पूर्ण विवरण दर्ज किये जाने की सुविधा उपलब्ध है। अतः सुविधा का उपयोग करते हुए कर्मचारियों का विवरण एसआईपीएफ पोर्टल पर दर्ज कर ई-ग्रास के माध्यम से चालान जमा करावें ।
  3. प्रीमियम राशि की कटौती करने की तिथि से पूर्व यदि किसी कार्मिक की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित डीडीओ के द्वारा प्रीमियम नहीं काटा जावेगा ।
  4. पॉलिसी अवधि 1 मई 2024 से प्रारंभ होनी है अतः जो कार्मिक 30 अप्रेल 2024 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे, उनके अप्रेल माह के वेतन से प्रीमियम कटौती नहीं की जावेगी । जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड
  5. दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत प्रीमियम राशि विभाग में जमा हो जाने पर कार्मिक पॉलिसी अवधि तक के लिए बीमित रहेंगे। पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक को पॉलिसी अवधि समाप्त होने तक पॉलिसी के लाभ देय होंगे। पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक को पॉलिसी अवधि के शेष समय के पेटे प्रीमयम राशि का रिफन्ड देने का कोई प्रावधान नहीं है।
  6. यदि वेतन से प्रीमियम काट लिया गया है और मृत्यु तिथि से पूर्व वजट हैड 8011-00-107-01-00 में जमा नहीं कराया गया है तो साधारण वीमा निधि में समय पर प्रीमियम जमा नहीं कराने / विलम्ब से जमा कराये जाने के कारण उत्पन्न होने वाला दायित्व संबंधित डीडीओ वहन करेंगे। बीमा अधिनियम 1938 के सेक्शन 64 वी.वी. के अनुसार प्रीमियम एडवान्स में विभाग में प्राप्त होना आवश्यक है। अतः किसी कर्मचारी की मृत्यु / क्षति की दशा में उसकी मृत्यु / क्षति पश्चात् जमा कराया गया प्रीमियम विभाग द्वारा स्वीकार्य नहीं होगा और न ही उसे कोई मृत्यु / क्षति पश्चात् लाभ देय होगा ।
  7. कार्मिक द्वारा परिपत्र में वर्णित तालिका में से जिस बीमाधन की श्रेणी के विकल्प का चयन किया जायेगा, आहरण वितरण अधिकारी द्वारा उसी के अनुसार वेतन में से प्रीमियम कटौती की जायेगी। कार्मिक द्वारा दिये गये विकल्प से भिन्न प्रीमियम कटौती करने के लिये आहरण वितरण अधिकारी ही पूर्णरूपेण उत्तरदायी होगा ऐसे किसी भी दायित्व के लिये राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग उत्तरदायी नहीं होगा
  8. यह योजना वित्त (नियम) विभाग की अधिसूचना संख्या प. 12 (6) वित्त / नियम / 05 दिनांक 13.03.2006 के अन्तर्गत नियुक्त प्रोबेशनर – ट्रेनीज पर भी लागू होगी। अतः ऐसे सभी कर्मचारियों से ऑनलाइन प्रस्ताव / मनोनयन फार्म एवं प्रीमियम विकल्प भरवाकर उनके माह अप्रैल देय मई 2024 के वेतन से प्रीमियम की कटौती आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर / ई-ग्रास पोर्टल पर करवाये जाने का दायित्व संबंधित डीडीओ का होगा।
  9. सभी मामलों में प्रीमियम राशि या तो आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर / पीआरआई पे- मैनेजर पोर्टल के माध्यम से अथवा ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से निर्धारित तिथि तक जमा करायी जावेगी। उक्त ई-चालान के साथ कटौती पत्र आवश्यक रूप से संलग्न किये जाएंगे, संबंधित कर्मचारी / अधिकारी के मनोनीत का नाम एवं सम्बन्ध स्पष्टतः अंकित किया जावेगा ।
  10. दिनांक 01.05.2024 एवं इसके पश्चात् नियुक्त अधिकारियों / कर्मचारियों पर भी उक्त योजना लागू होगी तथा श्रेणी संख्या 1 से 3 में से कोई एक विकल्प लेने की स्थिति में उनके प्रथम वेतन से वर्ष 2024-25 के लिए प्रीमियम एकमुश्त कटौती आईआरडीए के नियमानुसार प्रोरेटा बेसिस के आधार पर की जाएगी एवं कर्मचारियों से प्रस्ताव पत्र (मनोनयन एवं प्रीमियम विकल्प ) अवश्य एसआईपीएफ पोर्टल पर भरवाया जाएगा। उक्त कार्मिकों को प्रीमियम जमा कराने की तिथि से पॉलिसी कवर प्राप्त होगा। प्रोरेटा बेसिस आधारित प्रीमियम गणना करने का सूत्र निम्नानुसार है:
image 6

18. सभी कर्मचारियों को एसआईपीएफ पोर्टल पर जीपीए के प्रस्ताव पत्र (Proposal Form ) को भरे जाने की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। कार्मिक अपनी एसएसओ लॉग-इन आईडी एवं पासवार्ड से लॉगिन कर एसआईपीएफ पोर्टल पर GPA में proposal from का चयन करेगें। ऑनलाइन फार्म में कार्मिक डेटा की जांच कर प्रीमियम श्रेणी एवं मनोनयन विवरण भरें। कार्मिक द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर OTP आधारित वेरिफिकेशन किया जायेगा|

  1. सभी डीडीओ से यह अपेक्षित है कि वह सभी कार्मिकों को पॉलिसी की शर्तों की जानकारी देवें और उन्हें मनोनीत / परिजनों को उक्त पॉलिसी के बारे में अवगत कराने का आग्रह करें। पॉलिसी विभागीय वेबसाइट www.sipf.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध रहेगी ।
  2. सभी डीडीओ से यह भी अपेक्षित है कि वे किसी भी प्रकार की दुर्घटना में क्षति/ मृत्यु की अवस्था में मनोनीत / परिजनों को निर्धारित समयावधि में एफआईआर, एफआर, मेडिकल बोर्ड सर्टिफिकेट / पीएमआर आदि आवश्यक दस्तावेजों सहित दावा प्रपत्र प्रस्तुत कराने में प्राथमिकता से सहयोग करें एवं एफआईआर एवं पीएमआर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधान का व्यापक प्रचार प्रसार करें। विलम्ब से दावा प्रपत्र प्रस्तुत करने के अधिकांश मामलों में विलम्ब का कारण मनोनीत को पॉलिसी की जानकारी नहीं होना अथवा मनोनीत के द्वारा देर से दावा प्रपत्र प्रस्तुत करना दर्शाया जाता है। अतः सभी डीडीओ के द्वारा दावा पेश करने की समय सीमा एवं दुर्घटना से मृत्यु के सभी मामलों में एफआईआर एवं पीएमआर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जावे । Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी Baseline Assessment Model Papers
  3. जीपीए (राज्यकर्मी) योजना में प्रीमियम जमा कराने संबंधी समस्त पत्राचार राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के संबंधित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक से किया जावे।
  4. जीपीए ( राज्यकर्मी) योजना का केन्द्रीकरण दिनांक 01.05.2023 से कर दावा निस्तारण के समस्त अधिकार साधारण बीमा निधि (राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग) वित्त भवन, जयपुर को दिए गए है। उक्त के निर्णय के विरूद्ध अपील / रिवीजन निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जावेगा। अतिरिक्त निदेशक, साधारण बीमा निधि कार्यालय का ई-मेल पता [email protected] है।

5. जीपीए दावा उत्पन्न होने पर आवेदन की प्रक्रिया निम्नानुसार है:-

“www.sipf.rajasthan.gov.in पर जाकर “मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना” के लोगो / लिंक पर क्लिक करे ।

“मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना” पोर्टल पर जावे तथा “समूह व्यक्तिगत दुर्घटना (GPA) के तहत आवेदन करें के बॉक्स पर क्लिक कर आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ करें ।

दावा प्रस्तुत करने के लिए दिए गए बॉक्स में “कर्मचारी आईडी नंबर लिखे और “खोजे बटन पर क्लिक करें।

मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना पोर्टल पर “दुर्घटना से हुई मृत्यु / क्षति संबंधित सूचनाएं, मनोनित आवेदन फार्म में दिए गए बॉक्स में उपलब्ध कराएं। पॉलिसी अनुसार दुर्घटना से संबंधित “आवश्यक दस्तावेजों का चयन करें, कोई विवरण हो तो उल्लेख करें एवं संबंधित दस्तावेज अपलोड करें। (आवश्यक दस्तावेज यथा – मृत्यु प्रमाण पत्र, प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) / रोजनामचा/मर्ग, अन्तिम रिपोर्ट (FR), पोस्टमोर्टम रिपोर्ट व आवश्यक अन्य दस्तावेज)

प्रमाणीकरण (Disclaimer) बॉक्स पर टिक करे और ओटीपी प्राप्त करने हेतु मनोनित का आधार / जनाधार नंबर दर्ज करें, आधार / जनाधार से रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर से ओटीपी के माध्यम से सूचना सत्यापित कर “जमा” पर क्लिक करें ।

  • कार्मिक अपनी एसएसओ लॉगिन के माध्यम से एसआईपीएफ पोर्टल पर Click करें ।
  • एसआईपीएफ पोर्टल के Dashboard पर Scheme में GPA पर Click कर Deposit पर Click करें ।
  • कार्मिक अपने डाटा की जांच कर GPA हेतु चयनित श्रेणी अनुसार राशि (700 / 1400 / 2100) भरे तथा चालान जमा मोड, City, पिनकोड आदि भरकर Remarks में अपना विवरण भरकर Save पर Click करें। इसके बाद E-Grass Portal पर Re Direct हो जायेंगे।
  • E-Grass पर बैंक का चयन कर Payment option का चयन करें। समग्र शिक्षा अभियान (योजना संचालन पोर्टल) SNA COMPONENT 2023
  • Offline Mode का चयन करने पर चालान डाउनलोड कर संबंधित बैंक में जमा करावें । Online Mode का चयन करने पर राशि ऑनलाइन जमा कर ई-चालान की रसीद प्राप्त करें। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

नोट :- समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के प्रीमियम राशि की कटौती वेतन से नहीं होने की स्थिति में ही कर्मचारी अपने स्तर से चालान जमा करावें । Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना प्रपत्र डाउनलोड करें 👇

  • आहरण एवं वितरण अधिकारी अपने व्यक्तिगत / एसएसओ लॉग इन से एसआईपीएफ पोर्टल पर जाकर Dashboard पर DDO Role को Switch करें।
  • आहरण एवं वितरण अधिकारी एसआईपीएफ पोर्टल के Dashboard पर Payment ऑप्शन पर क्लिक करें। स्कीम में जीपीए का चयन कर कर्मचारियों का विवरण एवं उनके प्रीमियम श्रेणी अनुसार राशि भरकर city, पिनकोड, चालान जमा मोड एवं Remarks भरकर Save करें। इसके पश्चात् आप E-Grass Portal पर Re Direct हो जायेंगे।
  • E-Grass पर बैंक का चयन कर Payment option का चयन करें।
  • Offline Mode का चयन करने पर चालान डाउनलोड कर संबंधित बैंक में जमा करावें । Online Mode का चयन करने पर राशि ऑनलाइन जमा कर ई-चालान की रसीद प्राप्त करें।

जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड
नोट:- आहरण एवं वितरण अधिकारी के कार्यालय के जिन कार्मिकों का वेतन आईएफएमएस 3.0/ पे मैनेजर / पीआरआई पे मैनेजर से ऑनलाईन आहरित नहीं होता हो, उन्हें ऑफलाईन विल के जीपीए कटौती शिड्यूल के अनुसार चालान जमा करवाकर सूचना राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के संबंधित जिला कार्यालय को भिजवायें ।

  • जीपीए सरकार. कर्मचारी नीति 2023-24👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति सरकार। योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 28-08-2022 से 27-08-2023👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति स्व-योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 01-04-2022 से 31-03-2023👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा) (अवधि 1.05.22 से 30.4.2023)👉डाउनलोड करना
  • वर्दीधारी पुलिस कर्मचारियों के लिए समूह व्यक्तिगत दुर्घटना (सरकारी अंशदान) नीति 2021-22(10)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति स्व-योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 01-04-2021 से 31-03-2022👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा) (अवधि 1.05.21 से 30.4.2022)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नया स्लैब 2021-22👉डाउनलोड करना
  • परिपत्र जीपीएफ सरकार. रोजगार 2021-22👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति सरकार। योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 28-08-2020 से 27-08-2021👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों (विशेष सुरक्षा वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए नीति 02-07-2020 से 01-07-2021👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों (विशेष सुरक्षा वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए नीति 13-06-2020 से 12-06-2021👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा) (अवधि 1.05.20 से 30.4.2021)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए-सरकार। 2020-21 (वर्दी पुलिस कर्मचारी)01-04-2020 से 31-03-2021👉डाउनलोड करना
  • ग्रुप मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी राजमेडिक्लेम 01-04-2020 से 31-03-2021 तक👉डाउनलोड करना
  • जीपीए-सरकार। 2020-21 (वर्दी पुलिस कर्मचारी)01-042020 से 31-03-2021👉डाउनलोड करना
  • छात्र सुरक्षा दुर्घटना बीमा पॉलिसी 2020-21👉डाउनलोड करना
  • जीपीए-सरकार। 2019-20 (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 28-08-2019 से 27-08-2020👉डाउनलोड करना
  • जीपीए-सरकार। 2019-20 (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति स्व-योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 01-04-2019 से 31-03-2020👉डाउनलोड करना
  • राजस्थान राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार जीपीए नीति👉डाउनलोड करना
  • सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों के लिए छात्र सुरक्षा दुर्घटना बीमा पॉलिसी👉डाउनलोड करना
  • जीपीए योजना 2018-19 दिनांक 23-04-2018 के संबंध में परिपत्र👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति स्व-योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 01-04-2018 से 31-03-2019👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 18-19👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (वर्दी के अलावा अन्य पुलिस कर्मचारी) 18-19👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (नागरिक सुरक्षा मुख्यालय जयपुर)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (होमगार्ड मुख्यालय जयपुर) 17-18👉डाउनलोड करना
  • राजस्थान राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार जीपीए नीति👉डाउनलोड करना
  • सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों के लिए छात्र सुरक्षा दुर्घटना बीमा पॉलिसी👉डाउनलोड करना
  • जीपीए योजना 2018-19 दिनांक 23-04-2018 के संबंध में परिपत्र👉डाउनलोड करना
  • जीपीए बीमा पॉलिसी नवीनीकरण आदेश दिनांक 10-04-2017👉डाउनलोड करना
  • (वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए (सरकारी अंशदान) नीति 2017-18👉डाउनलोड करना
  • वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए (स्वयं योगदान) नीति 2017-18👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों (विशेष सुरक्षा वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए नीति 2017-18 👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा) (अवधि 1.05.17 से 30.4.2018) 👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (नागरिक सुरक्षा मुख्यालय जयपुर) 👉 डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (होमगार्ड मुख्यालय जयपुर) 17-18 👉 डाउनलोड करना

JOIN TELEGRAM PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


इस पॉलिसी के तहत बीमित व्यक्ति या उसके कर्मचारियों को शारीरिक चोट लगने या घातक दुर्घटना होने या कुछ निर्दिष्ट बीमारियों से ग्रस्त होने की स्थिति में लाभ के पूर्व-निर्धारित पैमाने दिए जाते हैं।2024 डीए वृद्धि केलकुलेशन यहाँ से करे

यह योजना राज्य सरकार के कर्मचारियों के कल्याण के लिए 1995 में शुरू की गई थी। कर्मचारियों के लिए वार्षिक प्रीमियम के आधार पर एक ग्रुप पॉलिसी जारी की जाती है। कर्मचारियों को अप्रैल भुगतान मई माह के वेतन से अनिवार्य रूप से प्रीमियम की कटौती करानी होगी।

ऐसी पॉलिसी जीआईएफ द्वारा तय की गई दर पर या बातचीत से तय की गई दर पर अन्य संस्थानों को जारी की जा सकती है। विभाग पुलिस विभाग, बिजली विभाग, केयूएमएस, विश्वविद्यालयों और अन्य को भी अपनी सेवाएं दे रहा है। प्रीमियम डीडी के माध्यम से भी जमा किया जाता है, तारीखों के लिए समाचार पत्रों में अधिसूचना प्रकाशित की जाती है।

आकस्मिक मृत्यु पर, मृत कर्मचारी के नामांकित व्यक्ति को रु. का भुगतान किया जाता है। पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार चोट के मामलों में 2.00 लाख रुपये और दावा राशि भी देय है।

किसी राशि का दावा करने के लिए कर्मचारी या नामांकित व्यक्ति को विशिष्ट समय के भीतर दावा प्रपत्र जमा करना होता है।

पॉलिसी के लिए मृत्यु को छोड़कर अन्य लाभ और मुआवज़े हैं

क) सुनने की क्षमता में कमी:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) दोनों कान1 लाख
एक कान30 हजार
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

ख) हाथ के अंगूठे और उंगली का नुकसान:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) एक हाथ की चार उंगलियां और अंगूठा नष्ट होना (सभी अंगुलियां)80 हजार
ii) अंगूठे को छोड़कर चार अंगुलियों का नुकसान (सभी अंगुलियाँ)50 हजार
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

ग) अंगूठे का नुकसान:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) एक अंगूठा (दोनों पर्व)50 हजार
ii) एक अंगूठा (एक फालानक्स)20 हजार
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

घ) अंगूठे को छोड़कर उंगलियों का नुकसान:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) कोई भी उंगली (सभी फालेंज)12 हजार
ii) कोई भी उंगली (दो फालेंज)10 हज़ार
iii) कोई भी उंगली (एक फालानक्स)6 हजार
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

JOIN FACEBOOK PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


ई) किसी भी पैर की उंगलियों का नुकसान:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) बड़े पैर के अंगूठे सहित (सभी फालेंज)40 हजार
ii) एक बड़ा पैर का अंगूठा (दोनों फालेंज)10 हज़ार
iii) एक बड़ा पैर का अंगूठा (एक फालानक्स)4 हजार
iv) बड़े पैर के अंगूठे को छोड़कर पैर की उंगलियां (दोनों फालेंज)2 हजार (प्रति पैर)
v) बड़े पैर के अंगूठे को छोड़कर पैर की उंगलियां (एक फालानक्स)1 हजार (प्रति पैर)
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

च) जलने से हानि:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) पूरे शरीर का 50% या अधिक1 लाख
ii) 40% या अधिक लेकिन पूरे शरीर का 50% से कम75 हजार
iii) 30% या अधिक लेकिन पूरे शरीर का 40% से कम50 हजार
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

बीमाकृत व्यक्ति की उसके निवास स्थान के बाहर दुर्घटना के कारण मृत्यु होने की स्थिति में, जैसा कि पॉलिसी में परिभाषित है, रु. मिलेंगे। परिवहन और दाह संस्कार आदि के लिए देय राशि के अतिरिक्त 2,000/- रु.

अपवाद

सामान्य बीमा कोष इस पॉलिसी के तहत निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी नहीं होगा:

बीमित व्यक्ति की मृत्यु, चोट या विकलांगता के संबंध में मुआवजे का भुगतान

  • (ए) जानबूझकर आत्म-चोट, आत्महत्या या आत्महत्या के प्रयास से,
  • (बी) शराब या नशीली दवाओं या ऐसे किसी भी पदार्थ के नशे के प्रभाव में रहते हुए, चाहे वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके कारण हुआ हो या इसमें योगदान हो,
  • (सी) विमानन या गुब्बारा उड़ाने में संलग्न होने के दौरान, या दुनिया में कहीं भी किसी भी विधिवत लाइसेंस प्राप्त मानक प्रकार के विमान में एक यात्री (किराया भुगतान या अन्यथा) के अलावा किसी भी गुब्बारे या विमान में चढ़ते, उतरते या यात्रा करते समय,
  • (डी) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी बीमारी या पागलपन के कारण,
  • (ई) बीमित व्यक्ति द्वारा आपराधिक इरादे के साथ या उसके बिना कोई उल्लंघन या कानून किए जाने से उत्पन्न या परिणामी,
  • (च) यदि दावा प्रपत्र दुर्घटना/मृत्यु के छह महीने बाद प्राप्त हुआ हो
  • (छ) यदि मोटर वाहन अधिनियम 1989 का उल्लंघन है, (i) जहरीले प्राणियों के काटने से मृत्यु के मामले में एफआईआर, पीएमआर, एफआर और अन्य साक्ष्य का अभाव
  • (ज) डूबने के मामले में एफआईआर, एफआर, पीएमआर का अभाव।
  • (i) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध, आक्रमण, विदेशी दुश्मन के कृत्य, शत्रुता (चाहे युद्ध घोषित किया गया हो या नहीं), गृहयुद्ध, विद्रोह, क्रांति, विद्रोह, विद्रोह, सैन्य या हड़पी हुई शक्ति, जब्ती, कब्ज़ा, से संबंधित या पता लगाया जा सकता है। सभी राजाओं, राजकुमारों, किसी भी राष्ट्र की स्थिति या गुणवत्ता के लोगों की गिरफ्तारी, संयम और हिरासत।
  • (जे) किसी भी परमाणु ईंधन या परमाणु ईंधन के दहन से किसी भी परमाणु अपशिष्ट से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रेडियोधर्मिता द्वारा आयनीकृत विकिरण या संदूषण के कारण या योगदान दिया गया है। इस अपवाद के प्रयोजन के लिए, दहन में परमाणु विखंडन की कोई भी आत्मनिर्भर प्रक्रिया शामिल होगी।

गर्भावस्था बहिष्करण खंड:

इस पॉलिसी के तहत बीमा का विस्तार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे के जन्म या गर्भावस्था या उसके परिणामस्वरूप होने वाली मृत्यु या विकलांगता को कवर करने के लिए नहीं किया जाएगा। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

सर्जिकल बहिष्करण खंड:

इस पॉलिसी के तहत बीमा का विस्तार किसी सर्जिकल ऑपरेशन के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से होने वाली मृत्यु या विकलांगता को कवर करने के लिए नहीं किया जाएगा। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

नामांकन

  • (1) बीमाधारक का पति/पत्नी, बच्चा/बच्चे, भाई, बहन, पिता या माता
  • (2) अन्य व्यक्ति यदि उपरोक्त (1) में उल्लिखित कोई रिश्तेदार नामांकन के समय जीवित नहीं है।

यदि (1) में उल्लिखित कोई भी संबंध जीवित है तो किसी अन्य व्यक्ति का नामांकन शून्य और शून्य माना जाएगा। हालाँकि यदि नामांकन दाखिल करने के बाद पति/पत्नी के अलावा ऐसा कोई संबंध बनता है तो नामांकन अमान्य नहीं होगा।

नामांकन के अभाव में दावे का भुगतान:

नामांकन के अभाव में दावा राशि का भुगतान निम्नलिखित के बराबर अनुपात में किया जाएगा:-

  • (ए) पत्नी या पति, बेटे और अविवाहित बेटियां।
  • (बी) यदि उपरोक्त (ए) में उल्लिखित कोई भी सदस्य जीवित नहीं है, तो विधवा बेटियों, 18 वर्ष से कम उम्र के भाइयों, अविवाहित और विधवा बहनों, पिता या माता को।

यदि ऊपर (1) और (2) में उल्लिखित सदस्यों में से कोई भी जीवित नहीं है, तो दावा राशि का भुगतान सक्षम न्यायालय के उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति को किया जाएगा।

किसी भी घटना के घटित होने पर, जो इस नीति के तहत दावे को जन्म दे सकती है, सभी विवरणों के साथ लिखित सूचना तुरंत जीआईएफ को दी जानी चाहिए। मृत्यु के मामले में, मृत्यु के लिए लिखित सूचना भी, जब तक कि उचित कारण न दिखाया जाए, अंत्येष्टि/दाह-संस्कार से पहले दी जानी चाहिए और किसी भी मामले में, मृत्यु के एक कैलेंडर माह बाद और दृष्टि हानि या अंगों के विच्छेदन की स्थिति में लिखित सूचना दी जानी चाहिए। दृष्टि हानि या अंग-विच्छेदन के बाद एक कैलेंडर माह के भीतर इसकी सूचना भी दी जानी चाहिए। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

जिन सभी मामलों पर दावा आधारित है, उनके लिए फंड के लिए संतोषजनक सबूत प्रस्तुत किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण दस्तावेज जो आवश्यक हैं

  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • पीएमआर
  • उपचार रिपोर्ट
  • एफआईआर एवं एफआर/चालान
  • पंचनामा
  • नक्शा मोका
  • गवाह का बयान
  • एमटीआई रिपोर्ट
  • मूल प्रस्ताव प्रपत्र

ये दस्तावेज़ घटना की तारीख से 2 महीने के भीतर जमा किए जाने चाहिए। ऐसे सभी दस्तावेज़/जानकारी देरी के कारणों का उल्लेख करते हुए 6 महीने तक जीआईएफ में जमा की जानी चाहिए अन्यथा “कोई दावा नहीं” के रूप में दावा बंद कर दिया जाएगा। 6 महीने के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।

इस पॉलिसी के तहत देय किसी भी राशि पर ब्याज नहीं लगेगा।

🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻

SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?

SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?

Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?  नमस्कार मित्रो शाला सुगम के इस आर्टिकल में आप सभी का ह्रदय की गहराई से स्वागत है। साथियों, इस आर्टिकल में हम आपके लिए स्टेट इन्श्योरेन्स और जीपीएफ कटौती में तुलनात्मक विवरण लेकर आए हैं। कई साथी ये जानकारी चाहते हैं कि हम अपनी कटौतियो में स्टेट इन्श्योरेन्स की कटौती बढ़ाए अथवा जीपीएफ की कटौती को बढ़ाएँ। तो एक साधारण सी जानकारी है जिसे हम हमारे एक्स्पर्ट साथियों के माध्यम से आप के लिए इकट्ठा की है।

हमें उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आएगी। और आप इसे अधिकतम साथियों के साथ शेयर करेंगे।

Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?
Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?

Comparison in SI And GPF Deduction

GPF का पूरा नाम General Provident Fund है। जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर गारंटीड रिटर्न के रूप में उपलब्ध होती है। जिसमें सरकार समय-समय पर अपना रिव्यू प्रदान करती रहती है और इस ब्याज दर को रिवाइज करती है।

Must Read 👉 STATE INSURANCE LOAN INTEREST CALCULATION | BY HEERA LAL JAT

कर्मचारी राज्य बीमा कटौतियां SI Deduction

राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है। जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है। इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है। परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है।

यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-

क्रम संख्यापे मेट्रिक लेवल अनुसार वेतनSI मासिक प्रीमियमआगे बढ़ा सकते हैअन्य विवरण
प्रथम स्टेपद्वितीय स्टेप
1UP TO 22000800/- ₹1200/- ₹2200/- ₹आगामी 1 अप्रेल को 55 वर्ष से
अधिक आयु के कार्मिक अपनी SI कटोती में वृद्धि नही करवा सकते
2UP TO 22000 -285001200/- ₹2200/- ₹3000/- ₹
328501- 465002200/- ₹3000/- ₹5000/- ₹
446501-720003000/- ₹5000/- ₹7000/- ₹
5Above 720005000/- ₹7000/- ₹
6Maximam7000/- ₹
Note 👉 कटौती बढ़ाने के लिए कार्मिक को अपनी एसएसओ आईडी से Further Contract ऑनलाइन करना होगा

आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें।
👇👇👇👇


JOIN WHATSAPP CHAINL

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) किस प्रकार से काम करता है?

क्या आप भी यह जानना चाहते हैं की जीपीएफ अर्थात जनरल प्रोविडेंट फंड / General Provident Fund कैसे कार्य करता है तो इसकी संपूर्ण जानकारी हां बता रहे हैं GPF निम्नलिखित तरीकों से काम करता है-

  • कर्मचारियों को सबसे पहले अपने नियोक्ता के साथ में जीपीएफ अकाउंट खोलना होता है यह मुख्यतः सर्विस में शामिल होते समय शुरू होता है।
  • इसके अंतर्गत कर्मचारियों की सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत मासिक के रूप में काटा जाता है जिसे अपने जीपीएफ अकाउंट में डिपॉजिट किया जाता है।
  • GPF अकाउंट में डिपॉजिट की गई राशि, आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज़ अर्जित करती है।
  • कर्मचारी कुछ शर्तों के अधीन अपने GPF अकाउंट पर भी लोन ले सकते हैं।
  • यदि कर्मचारी किसी अन्य सरकारी विभाग में ट्रांसफर करते हैं या अपनी नौकरी छोड़ते हैं तो वे अपना GPF बैलेंस निकाल सकते हैं या उसे अपने नए नियोक्ता को ट्रांसफर कर सकते हैं।

Must Read 👉 DA CALCULATOR : सरकार ने कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, 4% बढ़ाया डीए | डीए केलकुलेशन यहाँ से करे


JOIN FACEBOOK PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में निवेश के लाभ

सामान्य भविष्य निधि जीपीएफ में निवेश करने के लाभ यहां पर दिए जा रहे हैं-

  • गारंटीड रिटर्न :- जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर गारंटीड रिटर्न के रूप में उपलब्ध होती है। जिसमें सरकार समय-समय पर अपना रिव्यू प्रदान करती रहती है और इस ब्याज दर को रिवाइज करती है।
  • टैक्स लाभ :- जीपीएफ में योगदान करने वाले कार्मिकों का इनकम टैक्स 80c के अंतर्गत टैक्स कटौती के लिए पात्रता रखता है।
  • नो रिस्क :- जीपीएफ में कटौती करवाना इन्वेस्टमेंट का एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसमें रिटर्न के रूप में एक निश्चित दर प्रदान होती है।
  • लोन सुविधा :- यदि कर्मचारियों को घर निर्माण, मेडिकल या शिक्षा के लिए लोन की आवश्यकता हो तो वह जीपीएफ से लोन सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकता है।
  • सुरक्षित रिटायरमेंट :- जीपीएफ में इन्वेस्टमेंट होने के कारण रिटायरमेंट के बाद में जीपीएफ फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित रिटायरमेंट सुनिश्चित करता है।

Must Read 👉 SIPF FORMATS : GPF SI NPS MEDICLAIM GPA FORMATS


JOIN TELEGRAM PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


GPF या SI में से किसमे अधिक कटौती करवाई जावे ?

1. राज्य बीमा में निर्धारित Slab से 2-Step आगे कटौती जरुर करनी चाहिए ताकि बीमाधन अधिक हो। एक तो इसमें अन्य बीमा योजना के मुकाबले बोनस की दर अधिक होने से यह योजना अधिक फायदेमंद है। साथ ही वेतन से कटोती होने से किश्त की चूक नहीं होती। आमतौर पर अन्य बीमा कंपनियों से बीमा होने पर बड़ी संख्या में किश्त नियमित जमा नहीं होने से Policy लैप्स हो जाती है और आर्थिक घाटा होता है। इसके अलावा आवश्यकता होने पर ऋण की राशि भी तुलनात्मक रूप से अधिक होती है और आसानी से मिल जाती है। Maturity पर अच्छी खासी रकम मिल जाती है।

यहाँ एक बात और विचारणीय है चूँकि कार्मिक के असामयिक निधन की स्थिति में सभी परिलाभ के बाद भी रिक्तता की स्थिति रहती है इसलिए अपने परिवार को वास्तविक पर्याप्त आर्थिक संबल प्रदान करने हेतु परिवार के कमाऊ सदस्य को Term Plan Insurance अवश्य लेना चाहिए जो की बाज़ार में अनेक बीमा कंपनियों के उपलब्ध है। मामूली किश्त पर एक बड़ा आर्थिक संरक्षण आप परिवार को प्रदान कर सकते है। जीवन बीमा की वास्तविक अवधारणा यही है।

2. GPF योजना में भी निर्धारित दर से कटोती की जाती है, आज की स्थिति में बाज़ार में उपलब्ध Bank, Post Office और अन्य निजी योजनाओं के मुकाबले GPF की प्रतिफल दर उच्च है तथा पूरी तरह सुरक्षित है. अतः राज्य बीमा की अधिक कटोती और अन्य निजी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद यदि विनियोग की गुंजाईश है तो निश्चित रूप से GPF में अधिक कटोती कराना सबसे सहज, लाभदायक और सुरक्षित विकल्प है.

🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻

कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन

कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन

Benefits of the State Insurance Policy / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन : नमस्कार कर्मचारी बंधुओं, राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ और पॉलिसी का बीमा धन क्या होता है और किन परस्थितियो मे हमें राज्य बीमा का लाभ मिल सकता है? इसमें हम कितनी कटौती करवा सकते हैं? साथ ही इसमें अगर कोई परिवर्तन हो तो वो परिवर्तन भी किस प्रकार होते हैं, इन सभी के बारे में विस्तार से जानकारी है। वो हमने हमारे एक्स्पर्ट साथियों से और एसआईपीएफ के महत्वपूर्ण अधिकारियों / कर्मचारियों से चर्चा के बाद यहाँ पर आपसे शेयर की है। उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आएगी और आप इस जानकारी को अधिकतम साथियों के साथ शेयर करेंगे।

 Benefits of the State Insurance Policy  / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन :
Benefits of the State Insurance Policy / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन :

Benefits of the State Insurance Policy

प्रश्न -1 हमारे प्रिंसिपल की sso id खोलने पर si further show नही हो रहा है बल्कि si first declaration show हो रहा है si की कटौती बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिये।

उत्तर- ऐसी स्थिति में कार्मिक के SI से सम्बंधित data आदिनांक अद्यतन नहीं होने के कारण हो सकता है अतः आप SSO DDO login से सम्बंधित कार्मिक की सम्पूर्ण Employee Details Update करें। साथ ही अगर कार्मिक का स्थानांतरण किसी दूसरे जिले में हुआ है तो उसे Pull करें उसका SI Bag अभी भी पूर्व SI Office में विद्यमान है तो ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए आप सम्बंधित SI office से सम्पर्क करें।

प्रश्न 2- एक कार्मिक की जन्मतिथि 1 जुलाई 1965 है। क्या वह इस मार्च 2020 के वेतन में राज्य बीमा कटौती बढ़वा सकता है ?

उत्तर- नियमानुसार कार्मिक की आयु 1 अप्रैल 2020 को 55 वर्ष से कम होनी चाहिए। यहाँ कार्मिक की आयु 55 वर्ष जुलाई में होगी अतः Further Contract का लाभ ले सकता है।

प्रश्न 3- किसी कार्मिक की प्रथम बार राज्य बीमा कटौती हो रही है। मेरा प्रश्न यह है कि क्या वह कार्मिक दो स्लैब आगे राज्य बीमा कटौती करवा सकता है ?

उत्तर- हाँ बिल्कुल करवा सकता है। कोई भी बीमित व्यक्ति अपनी इच्छा से उसके विद्यमान वेतन स्लैब पर लागू premium दर से अगले दो slabs तक premium दर में वृद्धि करवा सकता है।(Rules 11(2)/Dated 30.10.2017)

प्रश्न 4- मैं पहले से ही राज्य बीमा कटौती दो स्लैब आगे कटवा रहा था अब नई राज्य बीमा कटौती में कटौती कम कराना चाहता हूं। क्या यह सम्भव है ?

उत्तर-यदि समय समय पर SI प्रीमियम दरों में वृद्धि होती हैं और यदि कार्मिक ने पूर्व में ही Further Contract करवा रखा है और वर्तमान में प्रीमियम दरें परिवर्तित हो गई हैं तो ऐसे में कार्मिक चाहें तो पुनः Further Contract का लाभ ले सकते हैं परंतु राज्य बीमा के नियम-13 के अनुसार पूर्व के प्रीमियम को कम नहीं करवा सकते। यदि किसी कार्मिक ने भूलवश कम करवा भी लिया तो भविष्य में उसे Risk Cover व Loan लेने सम्बंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

प्रश्न 5- जिनकी राज्य बीमा कटौती पूर्व में 1300 या 1800 हो रही हैं। क्या उनकी अब स्लैब के अनुसार कम से कम 2200 करना है ?

उत्तर- हाँ। अगर आपका प्रीमियम नए स्लैब्स के अनुसार स्वीकृत प्रीमियम से ज्यादा/बराबर कट रहा है तो ऐसी कोई बाध्यता नहीं है । परन्तु आप स्लैब्स के अनुसार स्वीकृत प्रीमियम दर से कम नहीं कर सकते। बढ़ाने का सीधा फायदा बीमित व्यक्ति की जोख़िम राशि और Loan लेने पर पड़ेगा। वैसे शेष पॉलिसियों से SI कार्मिकों के लिए बेहतर है।

आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें।
👇👇👇👇


JOIN WHATSAPP CHAINL

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


राज्य बीमा (State Insurance Scheme for Rajasthan Government employees.) राज्य कर्मचारियों, पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों तथा सरकार द्वारा नियमित किये गये वर्कचार्ज कमचारियों का राज्य सरकार से अनुबंध है जिसके अन्तर्गत बीमेदार द्वारा बीमाकर्ता (राज्य बीमा विभाग) को नियमित प्रीमियम देने पर बीमेदार अथवा उसके मनोनीत को किसी घटना विशेष के घटित होने पर पूर्व निश्चित धन राशि के भुगतान हेतु आश्वस्त किया जाता है अथवा सेवानिवृत्ति पर बीमाधन एवं देय बोनस राशि का भुगतान किया जाता है।

बीमानुबंध में प्रविष्टि पर बीमेदार की आगामी वर्षगांठ पर आयु एवम् उसके द्वारा देय प्रीमियम के आधार पर राशि, जो कि घटना विशेष के घटित होने पर देय है, बीमाधन कहलाती है।

राज्य बीमा योजना (State Insurance Scheme) राज्यकर्मियों के जीवन पर जोखिम वहन करने वाली एक कल्याणकारी योजना है जिसके द्वारा बचत को प्रोत्साहन देने के साथ साथ राज्यकर्मी तथा उसके परिजनों को आर्थिक सम्बल प्राप्त होता है।

राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम, 1998 के अन्तर्गत यह योजना लागू है। पूर्व में यह योजना वर्ष 1953 के नियमों के अन्तर्गत लागू थी ।

योजना विभिन्न चरणों में निम्न प्रकार से लागू की गयी है –

  • 01.08.1943 से तत्कालीन जयपुर रियासत के कर्मचारियों पर,
  • 01.01.1954 से राजस्थान सरकार के कर्मचारियों पर,
  • 01.04.1989 से पंचायत समिति एवम् जिला परिषद् के कर्मचारियों पर,
  • 01.04.1995 से राज्य सरकार द्वारा नियमित किये गये वर्कचार्ज कर्मचारियों पर अनिवार्य रूप से तथा
  • 01.04.1998 से सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों राजस्थान सरकार के अधीन के किसी पब्लिक सैक्टर उपक्रम के अधीन पद धारण करने वाले किसी कर्मचारी का इस बीमा स्कीम के अधीन बीमा करने के के लिये स्वतंत्र होगा यदि उक्त उपक्रम के 50 प्रतिशत या उससे अधिक कर्मचारी बीमा कराने के लिये सहमत हों एवम् राजस्थान केडर के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर ऐच्छिक रूप से ।

JOIN FACEBOOK PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


  • जिनकी आयु 1/4/20 को 55 वर्ष या उससे अधिक हो रही है उनकी SI की कटौती यथावत रहेगी उनके कोई वर्द्धि नही होगी।
  • कटौती का निर्धारण नई स्लैब में अपने बेसिक pay के अनुसार देखे। एवम उसके अनुसार कटौती करनी है तो कुछ भी सम्मिट नही करना है।
  • यदि स्लैब के अनुसार एक या दो स्टेप आगे की कटौती बढानी है तो FURTHER सम्मिट करे।
  • SI की वर्तमान कटौती किसी भी स्थिति में कम नही हो सकती है।
  • जिनके मार्च तक प्रोबेशन पूरा हो गया है एवं स्थाईकरण के बाद वेतन का निर्धारण हो चुका है उनको पहली बार SI की कटौती करनी जरूरी है इनको फर्स्ट डिक्लेरेशन सम्मिट करना है।
  • मार्च 20 तक प्रोबेशन पूरा हो चुका है परंतु स्थाईकरण आदेश जारी नही हुए है उनको स्थाईकरण के बाद नया वेतन निर्धारण होने के बाद बनने वाले एरियर से SI की कटौती मार्च 20 से हो जाएंगी।
  • DDO लॉगिन से भी FURTHER एवम FIRST डिक्लेरेशन सम्मिट करने का ऑप्शन भी शुरू हो गया है।
  • प्रिंसिपल सेवा निवृत्त हो गये है या ट्रांसफर हो गया है तो जिसके पास 03 पवार है या कार्यवाहक की SSO ID में DDO ROLE में उनको ऐड करे अन्यथा सभी सम्मिट फॉर्म पुराने DDO की SSO ID पर जाएंगे इस हेतु SIPF के पुराने USER ID एवं पासवर्ड ध्यान होना जरूरी है।
  • पासवर्ड याद नही हो तो SIPF PORTAL HELP LINE पर पासवर्ड री सेट के लिए ईमेल करे या GPFआफिस संपर्क करे।
  • कोई कर्मचारी ट्रांसफर से आपके पास आया है तो DDO लॉगिन से पहले SIPF की ID PULL करे अन्यथा उसके सम्मिट फॉर्म पुराने DDO के पास जायेंगे।

कर्मचारी के सेवा में प्रविष्ट होने के दो वर्ष (परिवीक्षा काल ) पूर्ण होने के पश्चात् आने वाले मार्च से कर्मचारी बीमित होगा। इसके लिए मार्च माह के वेतन में प्रीमियम की प्रथम कटौती की जाती है। कर्मचारी के वेतन में वृद्धि होने अथवा बीमा की खण्ड दर में परिवर्तन होने पर बढ़ी हुई दर पर प्रीमियम की कटौती भी आगामी मार्च माह के वेतन से दिये जाने का प्रावधान है।

राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प.13 (21) वित्त / राजस्व / 76 पार्ट जयपुर दिनांक 13.03.2020 के अनुसार वर्तमान में प्रीमियम की कटौती दर निम्न प्रकार है:

क्रम संख्यावेतन स्लेब / पे स्लेबन्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी
अनिवार्य है।
अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई
जा सकती है।
122000 तक8002200
222001 से 2850012003000
328501 से 4650022005000
446501 से 7200030007000
572001 से अधिक50007000
6अधिकतम70007000

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।

वेतन खण्ड के लिए निर्धारित प्रीमियम की कटौती करवाना अनिवार्य है। हाँ, यदि कोई बीमेदार चाहे तो स्वेच्छा से अपने वेतन खण्ड से आगामी दो वेतन खण्डों के लिए निर्धारित दर पर कटौती करवाकर अधिक बीमाधन के लिए भी बीमित हो सकता है। लेकिन वेतनखण्ड 05 के अन्तर्गत आने वाले बीमेदार अधिकतम 7000/- रू. प्रतिमाह तक की ही कटौती करवा सकते हैं।

हॉ, इस योजना के अन्तर्गत जमा प्रीमियम राशि पर धारा 80ब आयकर अधिनियम 1961 के अन्तर्गत आयकर में छूट का प्रावधान है।

हाँ, राज्य सरकार बीमा संविदाओं के अन्तर्गत देय लाभों के राज्य की संचित निधि से भुगतान की गारण्टी देती है।

परिपक्वता / मृत्यु / अध्यपर्ण राशि का योजना के अन्तर्गत निम्न परिस्थितियों में भुगतान देय है:
बीमेदार की मृत्यु होने पर उसके मनोनीत को,
पॉलिसी की परिपक्वता तिथि पर बीमेदार को,
पॉलिसी की परिपक्वता तिथि से पूर्व बीमेदार राज्य सेवा छोड़ने या उसे सेवा से अलग कर दिये जाने पर उसके द्वारा अन्य किसी विकल्प को न चुनने की स्थिति में बीमेदार को अध्यर्पण राशि का भुगतान किया जाता है।

प्रीमियम के बदले बीमेदार को पॉलिसी की परिपक्वता तिथि पर बीमाधन मय बोनस प्राप्त होता है। परिपक्वता तिथि से पूर्व बीमेदारकी मृत्यु होने पर उसके मनोनीत को बीमाधन की दो गुनी राशि का भुगतान मय बोनस किया जाता है।

परिपक्वता तिथि से पूर्व राज्य सेवा से अलग हो जाने वाले बीमेदारों के प्रकरणों में उनके द्वारा अध्यर्पण भुगतान के विकल्प का चयन करने की स्थिति में, अध्यर्पण राशि (सेवा से अलग होने तक की पॉलिसी अवधि से सम्बन्धित अध्यर्पण गुणांक के आधार पर निर्धारित) का भुगतान किया जाता है।

राज्य बीमा पॉलिसियों के बीमाधन की गणना हेतु योजना में बीमेदार की प्रविष्टि पर आयु हेतु गुणक निर्धारित है। बीमेदार की आगामी वर्षगांठ पर आयु से सम्बन्धित गुणांक को उसके द्वारा देय मासिक प्रीमियम से गुणा कर बीमाधन निर्धारित किया जाता है।

कालान्तर में निर्धारित प्रीमियम दर से अधिक कटौती की स्थिति उत्पन्न होने पर देय अतिरिक्त बीमाधन की गणना भी उपर्युक्तानुसार की जाती है।

वर्तमान में विभाग द्वारा केवल सावधि (एण्डोमेंट) पॉलिसी जारी की जाती है। पूर्व में सावधि पालिसी के अतिरिक्त आजीवन पालिसी भी जारी की जाती थी।


JOIN TELEGRAM PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


सावधि बीमा पॉलिसी पर चार प्रकार के बोनस देय हैं:

रिवर्शनरी बोनस:– यह बोनस प्रति वर्ष बीमा निधि के मूल्यांकन के आधार पर मूल्यांकन अवधि के अंत में प्रवृतमान पॉलिसियों हेतु राज्य सरकार द्वारा घोषित दर से दिया जाता है। वर्ष 2015-16 के लिए रिवर्शनरी बोनस की दर सावधि पॉलिसी पर 90/- प्रति हजार बीमाधन प्रति वर्ष है एवम् प्रवृतमान आजीवन पॉलिसी पर 112.5 /- प्रति हजार बीमाधन प्रतिवर्ष है।

  • अंतरिम बोनस:-  यह बोनस किसी वर्ष रिवर्शनरी बोनस घोषित न किये जाने की स्थिति में घोषित वर्ष के रिवर्शनरी बोनस की दर के आधार पर दिया जाता है।
  • अतिरिक्त बोनस:– यह बोनस पूर्व में जारी समाश्वासनो (एश्यारेंसेज) पर सेवा निवृति की आयु में परिर्वतन के कारण मूल्यांकक (एक्च्यूरी) द्वारा निर्धारित गुणांक की दर से दिया जाता है।
  • टर्मिर्नल बोनस:- यह बोनस बीमा पॉलिसी के पूर्ण अवधि तक जारी रहने की स्थिति में दिया जाता है। वर्ष 2015-16 की समाप्ति पर इसकी दर 4 /- प्रति हजार बीमाधन प्रति वर्ष है।

बोनस निर्धारण हेतु योजना के अन्तर्गत वर्ष की प्राप्तियों, भुगतान, ब्याज प्राप्तियाँ एवम् प्रबन्धकीय व्यय के आधार पर सम्पतियों एवम् दायित्वों की बैलेन्सशीट तैयार की जाती है। बैलेन्सशीट में अधिशेष की स्थिति में मूल्यांकक कुल बीमाधन के आधार पर प्रति हजार बीमाधन के लिए बोनस दर की अनुशंषा करता है। मूल्यांकक की अनुशंषा के आधार पर राज्य सरकार राज्य बीमा पॉलिसी पर बोनस के आदेश जारी करती है। स्वत्व राशि के निर्धारण के समय विभिन्न अवधियों के लिए घोषित बोनस दरों के अनुसार बीमाधन पर बोनस राशि की गणना की जाती है।

निधि में जमा राशि पर राज्य सरकार द्वारा ब्याज दिया जाता है। वर्तमान में राज्य सरकार के आदेश क्रमांक एफ4 (99) एफडी / रेवेन्यु / 92 दिनांक 17.04.2020 के द्वारा इसकी दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक है।

योजना के अन्तर्गत बीमेदार द्वारा कुछ शर्तों के अधीन ऋण प्राप्त किया जा सकता है ।

अधिक कटौती 55 वर्ष की आयु तक की जा सकती है।

वर्तमान में दिनांक 01.04.2020 से बीमा ऋण पर बीमेदार से लिये जाने वाले ब्याज की दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक है। नवीन बीमा नियमों के अन्तर्गत निधि पर देय एवम् ऋण प्रकरणों में लागू ब्याज दर में समानता निधि द्वारा अर्जित ब्याज के परिप्रेक्ष्य में लाई गई है।

बीमाकृत व्यक्ति अपने पति / पत्नि, संतान / संतानों, भ्राता (भ्राताओं), बहिन (बहिनों), पिता या माता को नाम निर्देशिती रूप में नियुक्त करने का हकदार होग। यदि नाम निर्देशन करते समय उल्लेखित कोई भी संबंधी जीवित नही है तो, अन्य व्यक्ति को अपने नाम निर्देशिती के रूप में नियुक्त करने का हकदार होगा।

परन्तु यह कि बीमाकृत व्यक्ति के विवाह के पूर्व किसी भी व्यक्ति के पक्ष में किया गया और तत्पश्चात रद्द नही किया गया नाम निर्देशन उसके विवाह के पश्चात उसी पत्नि / पति के पक्ष में स्वतः रद्द किया हुआ समझा जायेगा ।

बीमाकृत व्यक्ति को उसकी सेवानिवृत्ति के ठीक पश्चात् आने वाले 31 मार्च तक बीमे को जारी रखने की अपनी इच्छा व्यक्त करने को विकल्प होगा। ऐसी स्थिति में बीमाकृत राशि, विस्तारित अवधि के बोनस सहित, उसकी सेवानिवृत्ति के ठीक पश्चात आने वाले प्रथम अप्रैल को संदेय होगी।

राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-

 वेतन स्लेब / पे स्लेबन्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी
जानी अनिवार्य है।
अधिकतम प्रीमियम कटौती
करवाई जा सकती है।
0122000 तक8002200
0222001 से 2850012003000
0328501 से 4650022005000
0446501 से 7200030007000
0572001 से अधिक50007000
06अधिकतम70007000

यह भी जरूर पढ़ें 👉राजश्री पोर्टल पर राजश्री स्कीम इंचार्ज द्वारा आवेदन करने तथा PEEO द्वारा अप्रूव करने की संपूर्ण प्रक्रिया क्या हैं ?

सातवें वेतन आयोग के अनुसार सामान्यतः कर्मचारियों का मूल वेतन 22001 से 28500 एवं 28501 से 46500 के बीच है इन दोनों बेतन स्लेव के मुताबिक न्यूनतम व अधिकतम प्रिमियम के आधार पर वार्षिक वोनस की गणना कर आपको इस पालिसी के न्यूनतम कटोती एवं अधिकतम कटौती के अन्तर एवं लाभ को समझाया जा रहा है ।

image 3

20 साल का एक कर्मचारी एक वर्ष में 21600 रुपये अधिक प्रीमियम का भुगतान कर 94284 रुपये एवं 25 वर्ष आयु का एक कर्मचारी वर्ष में 33600 रुपये अधिक भुगतान कर 122976 रुपये का अधिक बोनस लाभ प्राप्त कर सकेगा। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी को इस पॉलिसी पर न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा व सेवानिवृति पर अत्यधित आर्थिक परिलाभ दिया जाता है। किसी कार्मिक के साथ अनहोनी घटित हो जाने के बाद उसके परिवार को इस योजना के तहत बहुत अधिक आर्थिक सम्बल मिलेगा।

नियमों की जानकारी के अभाव में हम केवल न्यूनतम कटोती करवाये जाने के कारण इस कल्याणकारी योजना से मिलने वाले अधिकतम बोनस का फायदा नहीं उठा पाते है। अधिकतर कर्मचारी आयकर से छूट हेतु एल.आई.सी. या पी.एल.आई. या अन्य कम्पनियों की बीमा योजना का सहारा लेते है जबकि उक्त योजना में परिलाभ उपर्युक्त बीमा कम्पनियों की योजनाओं से दुगुना है। राज्य बीमा योजना अतिलाभकरी बीमा योजना है।

यह भी जरूर पढ़ें 👉 RPSC One Time Registration कैसे करे? इसकी ऑनलाइन प्रक्रिया समझाने की कृपा करें ?

राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक कार्मिक की अनिवार्यता राज्य बीमा पॉलिसी की जाकर उसके वेतन से प्रतिमाह प्रिमियम की कटौती की जाती है। राज्य बीमा पॉलिसी के बीमा धन की गणना हेतु निम्न सूचनाओं की आवश्यकता होती हैं।

1. बीमा कटौती प्रारम्भ होने की तिथि (DOR) : राज्य बीमा योजना में प्रथम व अधिक कटौती सदैव माह मार्च देय अप्रैल के वेतन से ही होती हैं अतः प्रथम अप्रैल को बीमा कटौती की जोखिम वहन तिथि कहलाती हैं।

2. कर्मचारी की जन्म तिथि : प्रत्येक बीमित कर्मचारी की जन्म तिथि

3. कर्मचारी की आयु कर्मचारी की जोखिम बहन तिथि पर आयु ज्ञात करना जिससे जोखिम तिथि या उसके बाद अगली जन्म तिथि पर आयु क्या होगी।

आयु ज्ञात करने के आधारए कार्मिकबी कार्मिक
अनुबंध तिथि (DOR )01.04.201801.04.2018
कर्मचारी की जन्म तिथि05.04.200005.02.1988
अन्तर00.00.001800.02.0030
अनुबंध तिथि पर आयु18 वर्ष31 वर्ष

यह भी जरूर पढ़ें 👉 RGHS | Rajasthan Government Health Scheme Fund | RGHSF

4. बीमा पॉलिसी की अवधि वर्तमान में राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु 60 वर्ष हैं अतः कार्मिक को 60 वर्ष की आयु तक प्रिमियम चुकाना हैं अतः बीमा पॉलिसी की अवधि सेवानिवृति की आयु तक होती हैं। जैसे सेवानिवृति आयु (60–18) वर्ष = 42 वर्ष बीमा अवधि, सेवा निवृति आयु (60-31 ) वर्ष = 29 वर्ष बीमा अवधि है।

5. बीमा प्रिमियम राशि : राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर वेतन खण्ड के आधार पर बीमा प्रिमियम निर्धारित किया जाता हैं जो वर्तमान में इस प्रकार हैं-

 वेतन स्लेब / पे स्लेबन्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है।अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई जा सकती है।
0122000 तक8002200
0222001 से 2850012003000
0328501 से 4650022005000
0446501 से 7200030007000
0572001 से अधिक50007000
06अधिकतम70007000

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।

6. बीमा परिपक्वता तिथि: सेवानिवृत माह के अगले 1 अप्रैल को बीमा पॉलिसी परिपक्व होती है एवं बीमित को बीमा पॉलिसी का परिलाभ का भुगतान किया जाता है।

7. एक रुपये की प्रिमियम देय बीमाधन : 1 रुपये की प्रिमियम पर देय बीमा धन की गणना निम्नलिखित तालिका से जोखित वहन तिथि पर ज्ञात आयु के फेक्टर को 1 रुपये का बीमा धन माना जाता है।

यह भी जरूर पढ़ें 👉 हमारे स्कूल में एक कार्मिक की मृत्यु गई है अब स्कूल स्तर पर Ddo को कौन- कौन से कार्य करने है ?

एक रुपया प्रिमियम का बीमाधन

बीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ
होने पर कर्मचारी की आयु
बीमा धनबीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ
होने पर कर्मचारी की आयु
बीमा धन
1862235314
1960236298
2058237282
2156238265
2254439251
2352540237
2450741224
2548842210
2647043196
2745144182
2843345169
2941546155
3039847144
3138148132
3236449121
3334850109
34331

insurance amount on deduction of re 1/- premium in SI Policy

8. बीमाधन- एक रुपया के बीमाधन फेक्टर को प्रिमियम से गुणा करके ज्ञात किया जाता हैं जिसकी सरलतम गणना निम्न काल्पनिक सारणी से-

बीमाधन गणना के बिन्दुए कर्मचारीबी कर्मचारी
DOR01.04.201801.04.2018
DOB05.04.200005.02.1988
आयु00.00.001800.02.0030
अवधि18 वर्ष31 वर्ष
प्रिमियम13003000
DOM01.04.206101.04.2048
बीमाधन फेक्टर622381
बीमाधन=फेक्टर x प्रिमियम622 x1300=808600381 x3000=1143000
प्रतिवर्ष बोनस72774102870

9. अपनी राज्य बीमा पॉलिसी के बीमाधन पर बोनस की गणना

राज्य सरकार द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी पर प्रतिवर्ष बोनस की घोषणा की जाती है। बोनस की घोषणा प्रति हजार बीमा धन के आधार पर होती हैं वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सामान्यतः प्रति हजार बीमा धन पर 90 रुपये बोगस दिया जा रहा है। कर्मचारी स्वय बीमा धन को बोनस की दर से गुणा करके उसमें 1000 का भाग देकर बोनस की राशि ज्ञात कर सकता है। अतः ऊपर के उदाहरण से स्पष्ट है ।

यह भी जरूर पढ़ें 👉 गैर-सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन प्रक्रिया की क्या प्रक्रिया हैं ? What is the process of physical verification process in private schools?

10. अगर कर्मचारी को पॉलिसी पूर्व में जारी हैं और वेतन वृद्धि या राज्य सरकार द्वारा प्रिमियन की दरों में परिर्वतन या कर्मचारी द्वारा एक या दो स्लेव अधिक कटौती करवाये जाने पर राज्य बीमा विभाग द्वारा बढे हुए प्रिमियम पर अलग समाश्वासन जारी किये जाते हैं जिस पर बीमाधन व बोनस गणना निम्न प्रकार होगी ।

  • जैसे किसी कार्मिक को 01.04.2016 को बीमाधन 5,00000
  • बोनस गणना – 01.04.2016 से 31.03.2017 तक 500000×90 1000 = 45000
  • 01.04.2017 को प्रिमियम वृद्धि से बीमाधन 2,00000
  • बोनस गणना 01.04.2017 से 31.03.2018 तक 700000×90 1000 = 63000

बोनस की राशि बीमेदार को प्रतिवर्ष निहित हो जाती हैं किन्तु इसका भुगतान स्वत्व (दावा) के साथ किया जाता है। इससे पूर्व देय नहीं है। बीमा पॉलिसी के परिपक्व होने पर परिपक्वता दावे के समय पॉलिसी पर टर्मिनल बोनस भी दिया जाता है।

11. बीमा पॉलिसी धारक की परिपक्वता तिथि से पूर्व आकरिमक या सामान्य मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा बीमाधन की दुगुनी राशि (कार्मिक ए की पॉलिसी पर 1617200 रुपये व कार्मिक बी की पॉलिसी पर 2286000 रुपये) बोनस सहित भुगतान किया जाता है। चाहे कार्मिक की मृत्यु प्रथम माह का प्रिमियम अदा करने के बाद हो गई हो ।

12. राज्य कर्मचारी अपनी बीमा पॉलिसी पर ऋण ले सकता है जो अधिकतम 60 किश्तों में अदा करना होता है एव जिस पर 8 प्रतिशत ब्याज ऋण राशि चुकने के बाद ली जाती है।

13. मनोनयन- किसी कार्मिक के अविवाहित होने पर उसके द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी में जिसे मनोनित नियुक्त किया जाता है। शादी होने के बाद वह मनोनयन स्वतः ही पत्नी के पक्ष में हो जाता है परन्तु अन्य मामलों में कर्मचारी स्वय राज्य बीमा विभाग के संबंधित जिला कार्यालय में आवेदन पत्र के जयें मनोनयन में परिर्वतन करवा सकता है।

14. प्रोबेशन पूर्ण होने के बाद Next मार्च से SI की कटौती प्रारम्भ की जाती है. इस हेतु कार्मिक को अपनी SSO-ID से प्रथम घोषणा पत्र भरना पड़ता है वह चाहे तो पहली बार स्लैब से एक या दो स्टेप आगे की कटौती करवा सकता है. उसको उस हिसाब में प्रीमीयम की राशि अपने घोषणा पत्र में सलेक्ट करनी पड़ती है.

15.  एक अप्रैल को जिनकी आयु 55 वर्ष से कम है वह स्केब से एक या दो स्टेप अगली SI की कटौती बढ़ा सकते है. उनको SSO-ID से furthuer contract (अधिक घोषणा) पत्र भरना पड़ता है।

16.  एक अप्रैल को जिनकी आयु 55 वर्ष या इससे अधिक हो रही है, इनके SI की वर्तमान कटौती यथावत रहेगी क्योकि SI द्वारा उनके रिस्क कवर नही की जाती है.

17.  प्रथम या अधिक घोषणा पत्र भरने से पहले अपने DDO लॉगिन से पहले कार्मिक की सर्विस डिटेल्स, बेसिक Pay एवं नॉमिनी डिटेल्स को अपडेट करवाया जाना जरूरी है. State Insurance Deduction Rules

यह भी जरूर पढ़ें 👉प्रसूति अवकाश के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी क्या हैं ? What are the necessary information regarding maternity leave?

18. SI की वर्तमान कटौती जो चल रही है वह किसी भी कारण से कम नही की जा सकती है।

19.  किसी कर्मिक के प्रोबेशन पूर्ण हो चुका है, परन्तु स्थाईकरण एवम वेतन नियमितीकरण नही हुआ है. ऐसे मामले में स्थाईकरण के बाद जब नियमित वेतन का निर्धारण होगा. उसके एरियर से मार्च महीने की प्रथम SI कटौती की जायेगी एवं उसी समय उसका प्रथम घोषणा पत्र भरा जाएगा.

20.  घोषणा पत्र भरने से पहले यह सुनिश्चित कर लेवे कि आपकी SIPF EMPLOYEE ID वर्तमान DDO के पास होनी चाहिए अन्यथा भरा गया घोषणा पत्र पुराने वाले DDO की ID पर शो होगा. ऐसी स्थिति में वर्तमान DDO से ID को Pull करे या पुराने DDO से ID नये DDO को ट्रांसफर करावे।

21.  किसी का वेतन 5वे या 6ठे वेतनमान में आहरित हो रहा है उनकी SI की कटौती यथावत रहेगी. उनका जब 7 वे वेतनमान में फिक्सेशन होने के बाद एरियर बनेगा उसमे SI अंतर की राशि स्लैब अनुसार कटौती हो जाएगी.

22. जुलाई में वेतनवृद्धि लगने से SI की कटौती स्लैब के अनुसार बढ़ जाती है तो उसकी बढ़ोतरी Next मार्च से ही की जाती है।

यह भी जरूर पढ़े 👉

🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻

संस्थापन एवं अवकाश संबंधित महत्वपूर्ण प्रपत्र

संस्थापन एवं अवकाश संबंधित महत्वपूर्ण प्रपत्र

Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र : नमस्कार, कर्मचारी बंधुओं, इस आर्टिकल में हम संस्थापन और अवकाश से संबंधित प्रपत्र आपके लिए लेकर आए हैं, जिसमें उपार्जित अवकाश, नकदीकरण और कार्यालय आदेश, चाइल्ड केयर लीव के साथ साथ कार्यग्रहण काल के बदले उपार्जित अवकाश, रोग और आरोग्य प्रमाण पत्र आदि के प्रपत्र हम यहाँ पर आपके लिए उपलब्ध करवाएं है।

संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र शाला सुगम टीम को उम्मीद है कि आपको ये प्रपत्र पीडीएफ़ वर्ड और एक्सेल फॉर्मेट में पसंद आएँगे। और आशा है कि आप इस आर्टिकल के लिंक को अपने मित्रों, सहकर्मियों, मंत्रालयिक कर्मचारी और आहरण वितरण अधिकारियों को साझा करेंगे।

Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र
संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र

Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र

आपसे आग्रह हैकि आप हमारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पेज, व्हाट्सएप चैनल और टेलीग्राम चैनल को अवश्य ज्वॉइन करेंगे।

👉 कर्मचारियों हेतु सामूहिक हड़ताल अवधि अवकाश स्वीकृति हेतु प्रपत्र डाउनलोड करें

👉उपार्जित अवकाश आवेदन पत्र PL Form डाउनलोड करें

👉उपार्जित अवकाश नकदीकरण हेतु कार्यालय आदेश प्रपत्र डाउनलोड करें

आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें।
👇👇👇👇


JOIN WHATSAPP CHAINL

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


👉GA-141 निरन्तर एवं योग्य सेवा का प्रमाण पत्र PDF डाउनलोड करें

👉GA-141 निरन्तर एवं योग्य सेवा का प्रमाण पत्र WORD डाउनलोड करें

👉GA-141 निरन्तर एवं योग्य सेवा का प्रमाण पत्र EXCEL डाउनलोड करें

👉अवकाश स्वीकृति हेतु कार्यालय आदेश प्रपत्र डाउनलोड करें


JOIN FACEBOOK PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


👉 Child Care Leave Application Form CCL अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र डाउनलोड करें

👉 Child Care Leave Account For Service Book Format CCL गणना प्रपत्र सर्विस बुक के लिए डाउनलोड करें

👉 Child Care Leave Sanction Format CCL स्वीकृति आदेश फोर्मेट डाउनलोड करें

👉 आरोग्य प्रमाण पत्र (MEDICAL FITNESS) डाउनलोड करें

👉 रोग प्रमाण (MEDICAL SICKNESS) डाउनलोड करें

👉 राजपत्रित अधिकारी हेतु चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रपत्र डाउनलोड करें

👉 राजपत्रित अधिकारी हेतु चिकित्सा प्रमाण-पत्र राजकीय आदेश डाउनलोड करें

👉 कार्यग्रहण काल के बदले उपार्जित अवकाश आवेदन पत्र डाउनलोड करें


JOIN TELEGRAM PAGE

FOLLOW 👈 यहाँ क्लिक करें


🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻

Pin It on Pinterest

Shares
Share This

Share This

Share this post with your friends!