State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 / राज्य बीमा नियम 1998 : राज्य बीमा नियम 1998(SI Rules)-राजस्थान राज्य बनने के बाद 1953 में कर्मचारी बीमा नियम के तहत 1-1-1954 से सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सभी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य राज्य बीमा योजना लागू की गई। इस योजना को आगे बढ़ाया गया और 1-4-1989 से जिला परिषदों और पंचायत समितियों के कर्मचारियों के लिए लागू किया गया। बाद में 1-4-1995 से इस योजना को राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों के सभी वर्क चार्ज कर्मचारियों के लिए लागू किया गया।
पुराने नियमों को फिर से लिखा गया और 01-04-1998 से नए बीमा नियम State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998लागू हुए।
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998
राज्य बीमा कटौती बढ़ाने के संबंध में 55 वर्ष की आयु की गणना कैसे करें?
राज्य बीमा विभाग के State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 नियमों के अनुसार, राज्य बीमा की कटौती को बढ़ाने के लिए, 1 अप्रैल यानी 1/4/22 को 55 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए, यदि कार्मिक की आयु 55 वर्ष या उससे अधिक है, तो कटौती समान रहेगी और कटौती योग्य में कोई वृद्धि नहीं होगी क्योंकि बीमा विभाग 55 वर्ष की आयु के बाद किसी भी जोखिम को कवर नहीं करता है। State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998
उस राज्य बीमा कटौती योग्य का क्या होगा जिसकी परिवीक्षा अवधि 28 मार्च, 2022 को समाप्त हो रही है?
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार जिनका पहली बार एसआई काटा जा रहा है, वह 22 मार्च से ही होगा, लेकिन जिनका प्रोबेशन मार्च 2022 या उससे पहले पूरा हो रहा है, पहले ऐसे कर्मियों के लिए एक पुष्टिकरण आदेश जारी किया जाएगा, फिर डीडीओ वेतन तय करेगा, उसके बाद नए वेतन के अनुसार राज्य बीमा की पहली कटौती 22 मार्च से की जा सकती है, जिसमें से बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार राज्य बीमा की कटौती के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी
अगर सरकार द्वारा बढ़ाए गए डिडक्शन को स्लैब के हिसाब से बढ़ाना है तो कोई डिक्लेरेशन नहीं देना होता है| यदि कर्मी अपनी इच्छा से एक या दो कदम आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्हें एसएसओ-आईडी से आगे का परिशिष्ट (अधिक घोषणा पत्र) ऑनलाइन जमा करना होगा।
जिन लोगों का एसआई पहली बार 22 मार्च को काटा जा रहा है, वे अपनी एसएसओ-आईडी से प्रथम घोषणा ऑनलाइन जमा करें, यदि कर्मी चाहें तो एक या दो चरण आगे की कटौती भी करवा सकते हैं।
टिप्पणी: जो 1 अप्रैल, 22 को 55 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उनकी SI कटौती समान रहेगी, उनकी कटौती किसी भी तरह से नहीं बढ़ेगी। SIPF पोर्टल पर नए आदेश के अनुसार, कटौती की नई दरें अपडेट होते ही ऑनलाइन डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करें। यदि आपने पूर्व में पुरानी दर पर एसआईपीएफ पोर्टल में घोषणा पत्र जमा किया है, तो इसे डीडीओ या राज्य बीमा और भविष्य निधि कार्यालय से खारिज कर दें जहां यह लंबित है और नई दर के अनुसार घोषणा पत्र फिर से जमा करें।
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार बीमा पॉलिसी पर स्वीकृत ऋण
बीमित व्यक्ति ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने पर सरेंडर मूल्य के 90% और अर्जित बोनस की सीमा तक ऋण प्राप्त करने का हकदार होगा।
बीमित व्यक्ति के अनुरोध पर ऋण 60 समान मासिक किस्तों में या कम किस्तों में वितरित किया जाएगा। किश्तें ऋण निकासी के पहले महीने के वेतन से शुरू होंगी। मूल ऋण चुकाने के बाद ऋण पर 8.5% का साधारण ब्याज 10 समान किश्तों में वसूल किया जाएगा। पॉलिसी के विरुद्ध अगला ऋण तब तक स्वीकृत नहीं किया जाएगा जब तक कि पिछले ऋण की स्वीकृति और पिछले ऋण की वसूली के दो वर्ष बीत चुके हों।
State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार राज्य बीमा ऋण पर ब्याज की गणना
राज्य बीमा ऋण की वसूली राज्य बीमा एवं भविष्य निधि विभाग द्वारा 36 समान किश्तों में की जाती है। अत: 01 किश्त पर 666 माह के लिए ब्याज की गणना की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी ने रुपये 36000/- का राज्य बीमा ऋण लिया है तो यह रुपये 1000/- प्रति माह की दर से वेतन कटौती से वसूल किया जाएगा। मूल ऋण में कटौती के बाद ब्याज घटाया जाता है । यदि रुपये 1000/- की किश्त पर 666 महीने के लिए ब्याज की गणना की जाए तो सही ब्याज की गणना हो जाती है जो निम्न प्रकार है –
(1000 किश्त x 666 महीने x 9.5 वार्षिक ब्याज दर)/ 1200 = 5273 रुपये ब्याज होगा। इसी प्रकार बैंक ऋण पर भी ब्याज की गणना की जा सकती है।
गणना अवधि = (अवधि x (अवधि+1))/ 2 उदाहरण के लिए यदि ऋण 36 किस्तों में काटा जाता है तो (36 x 37)/ 2 = 666
यदि वसूली 60 किश्तों में की जा रही है तो (60 x 61) = 1830 माह की पहली किस्त का ब्याज पूरे ऋण ब्याज के बराबर होगा।
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Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी :- राज्य कर्मचारियों हेतु संचालित समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना वर्ष 2024-25 के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ आपके लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं उम्मीद है आपको पसंद आयेंगे| वित्त (बीमा) विभाग, राजस्थान के आदेश क्रमांक प. 4 (72) वित्त / राजस्व / 94 – लूज दिनांक 13.03.2024 द्वारा दिनांक 01.05.2024 से 30.04.2025 की अवधि हेतु राजस्थान कैडर के अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों सहित समस्त राज्य कर्मचारियों पर समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना वैकल्पिक लागू की गई है। कक्षा 01 से 11 तक परीक्षा परिणाम तैयार करने का एक्सल प्रोग्राम
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी के अन्तर्गत राज्य कर्मचारियों, जिनमें जिला परिषद् एवं पंचायत समितियों के कर्मचारी एवं विभिन्न स्वायतशासी संस्थाओ में राज्य सरकार के प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिक भी शामिल है। विभिन्न दुर्घटनाओं में होने वाली क्षतियों एवं मृत्यु के जोखिम को वीमा कवर प्रदान करने के उद्देश्य से निम्न तालिका में अंकित श्रेणियों में से कर्मचारी द्वारा चयन की गई किसी एक श्रेणी के अनुसार बीमाधन की समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (राज्यकर्मी) पॉलिसी राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के साधारण बीमा निधि कार्यालय द्वारा जारी की जावेगी ।
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
श्रेणी
प्रीमियम दर (प्रति कार्मिक)
बीमाधन (राशि रूपये में)
1
220
3 लाख
2
700
10 लाख
3
1400
20 लाख
4
2100
30 लाख
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
उक्त पालिसी के अन्तर्गत बीमित समूह में निम्न कार्मिक सम्मिलित माने जावेगें:
वे राज्यकर्मी जिनकी नियुक्ति तिथि 30.04.2024 एवं इससे पूर्व है और उनका प्रीमियम दिनांक 31.05.2024 तक साधारण बीमा निधि के के सम्बन्धित बजट हैड (8011-00-107-01-00 ) में जमा हो गया है, वे सभी कर्मचारी दिनांक 01.05.2024 से कवर माने जायेंगे ।
वे राज्यकर्मी जिनकी नियुक्ति तिथि 01.05.2024 एवं इसके पश्चात है और उनका प्रीमियम प्रोरेटा बेसिस पर साधारण बीमा निधि के सम्बन्धित बजट हैड (8011-00-107-01-00) में जमा हो गया है, प्रीमियम जमा की तिथि से कवर माने जायेंगे । शिक्षा विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा निर्देश-गाइडलाइन
ऐसे कार्मिक उपरोक्त श्रेणी अनुसार कोई भी विकल्प प्रस्तुत नहीं कर यदि कोई प्रीमियम कटौती नहीं कराना चाहते है, तो उनकी प्रीमियम कटौती आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा नहीं की जायेगी, ऐसे कार्मिकों को केवल मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना के अनुसार बीमाधन के लाभ इस विभाग के MCDBY कार्यालय द्वारा देय होंगे।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
पुलिस विभाग के वर्दीधारी अधिकारी / कर्मचारी, जिनके लिए पृथक से इस विभाग द्वारा जीपीए (पुलिसकर्मी) योजना संचालित की जा रही है, राज्यकर्मियों के लिए जारी उक्त योजना के अर्न्तगत बीमित समूह में सम्मिलित नहीं माने जावेंगे।
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी के वर्ष 2024-25 के संचालन के सम्बन्ध में निम्नानुसार दिशा-निर्देश प्रसारित किये जाते हैं:-
उक्त योजना के अन्तर्गत समस्त राज्य कर्मचारियों की प्रीमियम राशि, परिपत्र में अंकित तालिका में किसी एक श्रेणी जिसका कार्मिक द्वारा चयन किया गया है, अप्रेल देय मई, 2024 के वेतन बिल से काटी जावेगी। जिन कार्मिकों की नियुक्ति तिथि 30.04.2024 एवं इससे पूर्व है, उन कार्मिकों के लिए प्रीमियम राशि उनके श्रेणी विकल्प अनुसार दिनांक 31.05.2024 तक साधारण बीमा निधि के बजट हैड ( 8011-00 -107-01-00 ) में जमा कराया जाना अनिवार्य है। SNA वित्तीय वर्ष 2023-24 में जारी “SNA” लिमिट का उपयोग कैसे करें
जिन डीडीओ के द्वारा आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर पोर्टल के माध्यम से वेतन आहरित नहीं किया जा रहा है, उन डीडीओ के द्वारा बजट हैड 8011-00-107-01-00 में ई-ग्रास सिस्टम के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर दिनांक 31.05.2024 तक अपने कार्मिको की प्रीमियम राशि जमा करानी होगी।
समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्यालय में पदस्थापित राज्य कर्मचारियों / अधिकारियों में से जिनके द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए जीपीए पॉलिसी के लिए परिपत्र में अंकित तालिका में से किसी श्रेणी का चयन किया गया है, के अनुसार सभी राज्य कर्मचारियों / अधिकारियों के माह अप्रेल देय मई, 2024 के वेतन बिल को तैयार करते समय प्रीमियम की कटौती कर ली गयी है। जिन कर्मचारियों का माह अप्रेल देय मई 2024 का वेतन किसी भी कारण से आहरित नहीं किया जा रहा है, उनके लिये निजी स्तर से प्रीमियम बजट हैड 8011-00-107-01-00 में एसआईपीएफ पोर्टल के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर दिनांक 31.05.2024 तक जमा कराना अनिवार्य होगा । ( चालान जमा कराने की प्रक्रिया परिशिष्ट A पर संलग्न है)
प्रस्ताव पत्र सभी अधिकारियों / कर्मचारियों से भराया जाना अनिवार्य है । आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा सभी अधिकारियों / कर्मचारियों से एसआईपीएफ पोर्टल में प्रस्ताव पत्र की पूर्ति कराया जाना आवश्यक है। इसी के साथ समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों से प्रीमियम विकल्प भराया जाना भी अनिवार्य है। यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र “जिन अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा प्रस्ताव पत्र पूर्व में एस.आई.पी.एफ. पोर्टल पर ऑनलाइन पूर्ति किये जा चुके हैं तथा जिनमें अपने नॉमिनी एवं पूर्व में भरी गई प्रीमियम श्रेणी में कोई भी संशोधन / परिवर्तन नहीं किया जाना है, उन कार्मिकों द्वारा पुनः प्रस्ताव पत्र भरना आवश्यक नहीं है। ऐसी स्थिति में आहरण एवं वितरण अधिकारी कार्मिक द्वारा पूर्व में दिये गये विकल्प के अनुसार ही कार्मिक के वेतन से प्रीमियम कटौती किया जाना सुनिश्चित करेंगे। कार्मिक के द्वारा दिये गये विकल्प के अनुसार प्रीमियम कटौती करने का पूर्ण उत्तरदायित्व आहरण एवं वितरण अधिकारी का होगा। जिन अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा श्रेणी चयन / नॉमिनी परिवर्तन करना है उनके द्वारा ऑनलाइन प्रस्ताव पत्र एवं प्रीमियम विकल्प अनिवार्य रूप से एसआईपीएफ पोर्टल पर पूर्ति किया जाना आवश्यक है।
समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारी उनके अधीन समस्त कर्मचारियों के वेतन से जीपीए नवीनीकृत योजना के अन्तर्गत यथा निर्धारित पोर्टल आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर / ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से कटौती कर कटौती पत्र वेतन बिलों के साथ संलग्न कर कोष कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे।
आहरण एवं वितरण अधिकारी समस्त प्राप्त नकद राशि को बजट हैड 8011–00–107-01-00 में एसआईपीएफ पोर्टल / ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर 31.05.2024 तक आवश्यक रूप से राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक के क्षेत्राधिकार से संबंधित बैंक में जमा करवाएंगे ( चालान जमा कराने की प्रक्रिया परिशिष्ट – B पर संलग्न है) SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
संबंधित आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा जिन प्रकरणों में प्रीमियम कटौती राशि चालान द्वारा जमा करवाई जाती है, ऐसे प्रकरणो में चालान की एक प्रति अग्रेषण पत्र के द्वारा राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक को इस आशय के प्रमाण पत्र के साथ मय कटौती पत्रों के प्रस्तुत करेंगे कि सभी सम्बन्धित अधिकारियों / कर्मचारियों से ऑनलाइन प्रस्ताव पत्र(मनोनयन पत्र) एवं ऑनलाइन प्रीमियम विकल्प एस.आई.पी.एफ. पोर्टल पर भरवा लिये गये हैं । DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट
एसआईपीएफ पोर्टल के माध्यम से चालान बनाते समय कटौती पत्र का पूर्ण विवरण दर्ज किये जाने की सुविधा उपलब्ध है। अतः सुविधा का उपयोग करते हुए कर्मचारियों का विवरण एसआईपीएफ पोर्टल पर दर्ज कर ई-ग्रास के माध्यम से चालान जमा करावें ।
प्रीमियम राशि की कटौती करने की तिथि से पूर्व यदि किसी कार्मिक की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित डीडीओ के द्वारा प्रीमियम नहीं काटा जावेगा ।
दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत प्रीमियम राशि विभाग में जमा हो जाने पर कार्मिक पॉलिसी अवधि तक के लिए बीमित रहेंगे। पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक को पॉलिसी अवधि समाप्त होने तक पॉलिसी के लाभ देय होंगे। पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक को पॉलिसी अवधि के शेष समय के पेटे प्रीमयम राशि का रिफन्ड देने का कोई प्रावधान नहीं है।
यदि वेतन से प्रीमियम काट लिया गया है और मृत्यु तिथि से पूर्व वजट हैड 8011-00-107-01-00 में जमा नहीं कराया गया है तो साधारण वीमा निधि में समय पर प्रीमियम जमा नहीं कराने / विलम्ब से जमा कराये जाने के कारण उत्पन्न होने वाला दायित्व संबंधित डीडीओ वहन करेंगे। बीमा अधिनियम 1938 के सेक्शन 64 वी.वी. के अनुसार प्रीमियम एडवान्स में विभाग में प्राप्त होना आवश्यक है। अतः किसी कर्मचारी की मृत्यु / क्षति की दशा में उसकी मृत्यु / क्षति पश्चात् जमा कराया गया प्रीमियम विभाग द्वारा स्वीकार्य नहीं होगा और न ही उसे कोई मृत्यु / क्षति पश्चात् लाभ देय होगा ।
कार्मिक द्वारा परिपत्र में वर्णित तालिका में से जिस बीमाधन की श्रेणी के विकल्प का चयन किया जायेगा, आहरण वितरण अधिकारी द्वारा उसी के अनुसार वेतन में से प्रीमियम कटौती की जायेगी। कार्मिक द्वारा दिये गये विकल्प से भिन्न प्रीमियम कटौती करने के लिये आहरण वितरण अधिकारी ही पूर्णरूपेण उत्तरदायी होगा ऐसे किसी भी दायित्व के लिये राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग उत्तरदायी नहीं होगा
यह योजना वित्त (नियम) विभाग की अधिसूचना संख्या प. 12 (6) वित्त / नियम / 05 दिनांक 13.03.2006 के अन्तर्गत नियुक्त प्रोबेशनर – ट्रेनीज पर भी लागू होगी। अतः ऐसे सभी कर्मचारियों से ऑनलाइन प्रस्ताव / मनोनयन फार्म एवं प्रीमियम विकल्प भरवाकर उनके माह अप्रैल देय मई 2024 के वेतन से प्रीमियम की कटौती आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर / ई-ग्रास पोर्टल पर करवाये जाने का दायित्व संबंधित डीडीओ का होगा।
सभी मामलों में प्रीमियम राशि या तो आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर / पीआरआई पे- मैनेजर पोर्टल के माध्यम से अथवा ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से निर्धारित तिथि तक जमा करायी जावेगी। उक्त ई-चालान के साथ कटौती पत्र आवश्यक रूप से संलग्न किये जाएंगे, संबंधित कर्मचारी / अधिकारी के मनोनीत का नाम एवं सम्बन्ध स्पष्टतः अंकित किया जावेगा ।
दिनांक 01.05.2024 एवं इसके पश्चात् नियुक्त अधिकारियों / कर्मचारियों पर भी उक्त योजना लागू होगी तथा श्रेणी संख्या 1 से 3 में से कोई एक विकल्प लेने की स्थिति में उनके प्रथम वेतन से वर्ष 2024-25 के लिए प्रीमियम एकमुश्त कटौती आईआरडीए के नियमानुसार प्रोरेटा बेसिस के आधार पर की जाएगी एवं कर्मचारियों से प्रस्ताव पत्र (मनोनयन एवं प्रीमियम विकल्प ) अवश्य एसआईपीएफ पोर्टल पर भरवाया जाएगा। उक्त कार्मिकों को प्रीमियम जमा कराने की तिथि से पॉलिसी कवर प्राप्त होगा। प्रोरेटा बेसिस आधारित प्रीमियम गणना करने का सूत्र निम्नानुसार है:
18. सभी कर्मचारियों को एसआईपीएफ पोर्टल पर जीपीए के प्रस्ताव पत्र (Proposal Form ) को भरे जाने की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। कार्मिक अपनी एसएसओ लॉग-इन आईडी एवं पासवार्ड से लॉगिन कर एसआईपीएफ पोर्टल पर GPA में proposal from का चयन करेगें। ऑनलाइन फार्म में कार्मिक डेटा की जांच कर प्रीमियम श्रेणी एवं मनोनयन विवरण भरें। कार्मिक द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर OTP आधारित वेरिफिकेशन किया जायेगा|
सभी आहरण एवं वितरण अधिकारियों से अपेक्षा :-
सभी डीडीओ से यह अपेक्षित है कि वह सभी कार्मिकों को पॉलिसी की शर्तों की जानकारी देवें और उन्हें मनोनीत / परिजनों को उक्त पॉलिसी के बारे में अवगत कराने का आग्रह करें। पॉलिसी विभागीय वेबसाइट www.sipf.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध रहेगी ।
सभी डीडीओ से यह भी अपेक्षित है कि वे किसी भी प्रकार की दुर्घटना में क्षति/ मृत्यु की अवस्था में मनोनीत / परिजनों को निर्धारित समयावधि में एफआईआर, एफआर, मेडिकल बोर्ड सर्टिफिकेट / पीएमआर आदि आवश्यक दस्तावेजों सहित दावा प्रपत्र प्रस्तुत कराने में प्राथमिकता से सहयोग करें एवं एफआईआर एवं पीएमआर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधान का व्यापक प्रचार प्रसार करें। विलम्ब से दावा प्रपत्र प्रस्तुत करने के अधिकांश मामलों में विलम्ब का कारण मनोनीत को पॉलिसी की जानकारी नहीं होना अथवा मनोनीत के द्वारा देर से दावा प्रपत्र प्रस्तुत करना दर्शाया जाता है। अतः सभी डीडीओ के द्वारा दावा पेश करने की समय सीमा एवं दुर्घटना से मृत्यु के सभी मामलों में एफआईआर एवं पीएमआर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जावे । Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी Baseline Assessment Model Papers
जीपीए (राज्यकर्मी) योजना में प्रीमियम जमा कराने संबंधी समस्त पत्राचार राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के संबंधित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक से किया जावे।
जीपीए ( राज्यकर्मी) योजना का केन्द्रीकरण दिनांक 01.05.2023 से कर दावा निस्तारण के समस्त अधिकार साधारण बीमा निधि (राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग) वित्त भवन, जयपुर को दिए गए है। उक्त के निर्णय के विरूद्ध अपील / रिवीजन निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जावेगा। अतिरिक्त निदेशक, साधारण बीमा निधि कार्यालय का ई-मेल पता [email protected] है।
5. जीपीए दावा उत्पन्न होने पर आवेदन की प्रक्रिया निम्नानुसार है:-
“www.sipf.rajasthan.gov.in पर जाकर “मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना” के लोगो / लिंक पर क्लिक करे ।
“मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना” पोर्टल पर जावे तथा “समूह व्यक्तिगत दुर्घटना (GPA) के तहत आवेदन करें के बॉक्स पर क्लिक कर आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ करें ।
दावा प्रस्तुत करने के लिए दिए गए बॉक्स में “कर्मचारी आईडी नंबर लिखे और “खोजे बटन पर क्लिक करें।
मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना पोर्टल पर “दुर्घटना से हुई मृत्यु / क्षति संबंधित सूचनाएं, मनोनित आवेदन फार्म में दिए गए बॉक्स में उपलब्ध कराएं। पॉलिसी अनुसार दुर्घटना से संबंधित “आवश्यक दस्तावेजों का चयन करें, कोई विवरण हो तो उल्लेख करें एवं संबंधित दस्तावेज अपलोड करें। (आवश्यक दस्तावेज यथा – मृत्यु प्रमाण पत्र, प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) / रोजनामचा/मर्ग, अन्तिम रिपोर्ट (FR), पोस्टमोर्टम रिपोर्ट व आवश्यक अन्य दस्तावेज)
प्रमाणीकरण (Disclaimer) बॉक्स पर टिक करे और ओटीपी प्राप्त करने हेतु मनोनित का आधार / जनाधार नंबर दर्ज करें, आधार / जनाधार से रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर से ओटीपी के माध्यम से सूचना सत्यापित कर “जमा” पर क्लिक करें ।
परिशिष्ट – A
समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (राज्यकर्मी) की प्रीमियम राशि कर्मचारी द्वारा जमा करवाने की प्रक्रिया
कार्मिक अपनी एसएसओ लॉगिन के माध्यम से एसआईपीएफ पोर्टल पर Click करें ।
एसआईपीएफ पोर्टल के Dashboard पर Scheme में GPA पर Click कर Deposit पर Click करें ।
कार्मिक अपने डाटा की जांच कर GPA हेतु चयनित श्रेणी अनुसार राशि (700 / 1400 / 2100) भरे तथा चालान जमा मोड, City, पिनकोड आदि भरकर Remarks में अपना विवरण भरकर Save पर Click करें। इसके बाद E-Grass Portal पर Re Direct हो जायेंगे।
Offline Mode का चयन करने पर चालान डाउनलोड कर संबंधित बैंक में जमा करावें । Online Mode का चयन करने पर राशि ऑनलाइन जमा कर ई-चालान की रसीद प्राप्त करें। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
कक्षा 10 के लिए शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
नोट :- समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के प्रीमियम राशि की कटौती वेतन से नहीं होने की स्थिति में ही कर्मचारी अपने स्तर से चालान जमा करावें । Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना प्रपत्र डाउनलोड करें 👇
समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (राज्यकर्मी) के प्रीमियम राशि आहरण एवं वितरण अधिकारी (DDO) द्वारा जमा करवाने की प्रक्रिया:-
आहरण एवं वितरण अधिकारी अपने व्यक्तिगत / एसएसओ लॉग इन से एसआईपीएफ पोर्टल पर जाकर Dashboard पर DDO Role को Switch करें।
आहरण एवं वितरण अधिकारी एसआईपीएफ पोर्टल के Dashboard पर Payment ऑप्शन पर क्लिक करें। स्कीम में जीपीए का चयन कर कर्मचारियों का विवरण एवं उनके प्रीमियम श्रेणी अनुसार राशि भरकर city, पिनकोड, चालान जमा मोड एवं Remarks भरकर Save करें। इसके पश्चात् आप E-Grass Portal पर Re Direct हो जायेंगे।
E-Grass पर बैंक का चयन कर Payment option का चयन करें।
Offline Mode का चयन करने पर चालान डाउनलोड कर संबंधित बैंक में जमा करावें । Online Mode का चयन करने पर राशि ऑनलाइन जमा कर ई-चालान की रसीद प्राप्त करें।
जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड नोट:- आहरण एवं वितरण अधिकारी के कार्यालय के जिन कार्मिकों का वेतन आईएफएमएस 3.0/ पे मैनेजर / पीआरआई पे मैनेजर से ऑनलाईन आहरित नहीं होता हो, उन्हें ऑफलाईन विल के जीपीए कटौती शिड्यूल के अनुसार चालान जमा करवाकर सूचना राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के संबंधित जिला कार्यालय को भिजवायें ।
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी से जुड़े महत्वपूर्ण प्रपत्र / आदेश / सर्कुलर / निर्देश
इस पॉलिसी के तहत बीमित व्यक्ति या उसके कर्मचारियों को शारीरिक चोट लगने या घातक दुर्घटना होने या कुछ निर्दिष्ट बीमारियों से ग्रस्त होने की स्थिति में लाभ के पूर्व-निर्धारित पैमाने दिए जाते हैं।2024 डीए वृद्धि केलकुलेशन यहाँ से करे
यह योजना राज्य सरकार के कर्मचारियों के कल्याण के लिए 1995 में शुरू की गई थी। कर्मचारियों के लिए वार्षिक प्रीमियम के आधार पर एक ग्रुप पॉलिसी जारी की जाती है। कर्मचारियों को अप्रैल भुगतान मई माह के वेतन से अनिवार्य रूप से प्रीमियम की कटौती करानी होगी।
ऐसी पॉलिसी जीआईएफ द्वारा तय की गई दर पर या बातचीत से तय की गई दर पर अन्य संस्थानों को जारी की जा सकती है। विभाग पुलिस विभाग, बिजली विभाग, केयूएमएस, विश्वविद्यालयों और अन्य को भी अपनी सेवाएं दे रहा है। प्रीमियम डीडी के माध्यम से भी जमा किया जाता है, तारीखों के लिए समाचार पत्रों में अधिसूचना प्रकाशित की जाती है।
आकस्मिक मृत्यु पर, मृत कर्मचारी के नामांकित व्यक्ति को रु. का भुगतान किया जाता है। पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार चोट के मामलों में 2.00 लाख रुपये और दावा राशि भी देय है।
किसी राशि का दावा करने के लिए कर्मचारी या नामांकित व्यक्ति को विशिष्ट समय के भीतर दावा प्रपत्र जमा करना होता है।
पॉलिसी के लिए मृत्यु को छोड़कर अन्य लाभ और मुआवज़े हैं
क) सुनने की क्षमता में कमी:
लाभ/मुआवजा
देय रु.
i) दोनों कान
1 लाख
एक कान
30 हजार
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ख) हाथ के अंगूठे और उंगली का नुकसान:
लाभ/मुआवजा
देय रु.
i) एक हाथ की चार उंगलियां और अंगूठा नष्ट होना (सभी अंगुलियां)
80 हजार
ii) अंगूठे को छोड़कर चार अंगुलियों का नुकसान (सभी अंगुलियाँ)
50 हजार
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ग) अंगूठे का नुकसान:
लाभ/मुआवजा
देय रु.
i) एक अंगूठा (दोनों पर्व)
50 हजार
ii) एक अंगूठा (एक फालानक्स)
20 हजार
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घ) अंगूठे को छोड़कर उंगलियों का नुकसान:
लाभ/मुआवजा
देय रु.
i) कोई भी उंगली (सभी फालेंज)
12 हजार
ii) कोई भी उंगली (दो फालेंज)
10 हज़ार
iii) कोई भी उंगली (एक फालानक्स)
6 हजार
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iv) बड़े पैर के अंगूठे को छोड़कर पैर की उंगलियां (दोनों फालेंज)
2 हजार (प्रति पैर)
v) बड़े पैर के अंगूठे को छोड़कर पैर की उंगलियां (एक फालानक्स)
1 हजार (प्रति पैर)
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च) जलने से हानि:
लाभ/मुआवजा
देय रु.
i) पूरे शरीर का 50% या अधिक
1 लाख
ii) 40% या अधिक लेकिन पूरे शरीर का 50% से कम
75 हजार
iii) 30% या अधिक लेकिन पूरे शरीर का 40% से कम
50 हजार
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बीमाकृत व्यक्ति की उसके निवास स्थान के बाहर दुर्घटना के कारण मृत्यु होने की स्थिति में, जैसा कि पॉलिसी में परिभाषित है, रु. मिलेंगे। परिवहन और दाह संस्कार आदि के लिए देय राशि के अतिरिक्त 2,000/- रु.
अपवाद
सामान्य बीमा कोष इस पॉलिसी के तहत निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी नहीं होगा:
बीमित व्यक्ति की मृत्यु, चोट या विकलांगता के संबंध में मुआवजे का भुगतान
(ए) जानबूझकर आत्म-चोट, आत्महत्या या आत्महत्या के प्रयास से,
(बी) शराब या नशीली दवाओं या ऐसे किसी भी पदार्थ के नशे के प्रभाव में रहते हुए, चाहे वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके कारण हुआ हो या इसमें योगदान हो,
(सी) विमानन या गुब्बारा उड़ाने में संलग्न होने के दौरान, या दुनिया में कहीं भी किसी भी विधिवत लाइसेंस प्राप्त मानक प्रकार के विमान में एक यात्री (किराया भुगतान या अन्यथा) के अलावा किसी भी गुब्बारे या विमान में चढ़ते, उतरते या यात्रा करते समय,
(डी) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी बीमारी या पागलपन के कारण,
(ई) बीमित व्यक्ति द्वारा आपराधिक इरादे के साथ या उसके बिना कोई उल्लंघन या कानून किए जाने से उत्पन्न या परिणामी,
(च) यदि दावा प्रपत्र दुर्घटना/मृत्यु के छह महीने बाद प्राप्त हुआ हो
(छ) यदि मोटर वाहन अधिनियम 1989 का उल्लंघन है, (i) जहरीले प्राणियों के काटने से मृत्यु के मामले में एफआईआर, पीएमआर, एफआर और अन्य साक्ष्य का अभाव
(ज) डूबने के मामले में एफआईआर, एफआर, पीएमआर का अभाव।
(i) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध, आक्रमण, विदेशी दुश्मन के कृत्य, शत्रुता (चाहे युद्ध घोषित किया गया हो या नहीं), गृहयुद्ध, विद्रोह, क्रांति, विद्रोह, विद्रोह, सैन्य या हड़पी हुई शक्ति, जब्ती, कब्ज़ा, से संबंधित या पता लगाया जा सकता है। सभी राजाओं, राजकुमारों, किसी भी राष्ट्र की स्थिति या गुणवत्ता के लोगों की गिरफ्तारी, संयम और हिरासत।
(जे) किसी भी परमाणु ईंधन या परमाणु ईंधन के दहन से किसी भी परमाणु अपशिष्ट से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रेडियोधर्मिता द्वारा आयनीकृत विकिरण या संदूषण के कारण या योगदान दिया गया है। इस अपवाद के प्रयोजन के लिए, दहन में परमाणु विखंडन की कोई भी आत्मनिर्भर प्रक्रिया शामिल होगी।
गर्भावस्था बहिष्करण खंड:
इस पॉलिसी के तहत बीमा का विस्तार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे के जन्म या गर्भावस्था या उसके परिणामस्वरूप होने वाली मृत्यु या विकलांगता को कवर करने के लिए नहीं किया जाएगा। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
सर्जिकल बहिष्करण खंड:
इस पॉलिसी के तहत बीमा का विस्तार किसी सर्जिकल ऑपरेशन के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से होने वाली मृत्यु या विकलांगता को कवर करने के लिए नहीं किया जाएगा। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
नामांकन
वे व्यक्ति जिन्हें नामांकित नियुक्त किया जा सकता है:-
(1) बीमाधारक का पति/पत्नी, बच्चा/बच्चे, भाई, बहन, पिता या माता
(2) अन्य व्यक्ति यदि उपरोक्त (1) में उल्लिखित कोई रिश्तेदार नामांकन के समय जीवित नहीं है।
यदि (1) में उल्लिखित कोई भी संबंध जीवित है तो किसी अन्य व्यक्ति का नामांकन शून्य और शून्य माना जाएगा। हालाँकि यदि नामांकन दाखिल करने के बाद पति/पत्नी के अलावा ऐसा कोई संबंध बनता है तो नामांकन अमान्य नहीं होगा।
नामांकन के अभाव में दावे का भुगतान:
नामांकन के अभाव में दावा राशि का भुगतान निम्नलिखित के बराबर अनुपात में किया जाएगा:-
(ए) पत्नी या पति, बेटे और अविवाहित बेटियां।
(बी) यदि उपरोक्त (ए) में उल्लिखित कोई भी सदस्य जीवित नहीं है, तो विधवा बेटियों, 18 वर्ष से कम उम्र के भाइयों, अविवाहित और विधवा बहनों, पिता या माता को।
यदि ऊपर (1) और (2) में उल्लिखित सदस्यों में से कोई भी जीवित नहीं है, तो दावा राशि का भुगतान सक्षम न्यायालय के उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति को किया जाएगा।
किसी भी घटना के घटित होने पर, जो इस नीति के तहत दावे को जन्म दे सकती है, सभी विवरणों के साथ लिखित सूचना तुरंत जीआईएफ को दी जानी चाहिए। मृत्यु के मामले में, मृत्यु के लिए लिखित सूचना भी, जब तक कि उचित कारण न दिखाया जाए, अंत्येष्टि/दाह-संस्कार से पहले दी जानी चाहिए और किसी भी मामले में, मृत्यु के एक कैलेंडर माह बाद और दृष्टि हानि या अंगों के विच्छेदन की स्थिति में लिखित सूचना दी जानी चाहिए। दृष्टि हानि या अंग-विच्छेदन के बाद एक कैलेंडर माह के भीतर इसकी सूचना भी दी जानी चाहिए। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
जिन सभी मामलों पर दावा आधारित है, उनके लिए फंड के लिए संतोषजनक सबूत प्रस्तुत किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण दस्तावेज जो आवश्यक हैं
मृत्यु प्रमाण पत्र
पीएमआर
उपचार रिपोर्ट
एफआईआर एवं एफआर/चालान
पंचनामा
नक्शा मोका
गवाह का बयान
एमटीआई रिपोर्ट
मूल प्रस्ताव प्रपत्र
ये दस्तावेज़ घटना की तारीख से 2 महीने के भीतर जमा किए जाने चाहिए। ऐसे सभी दस्तावेज़/जानकारी देरी के कारणों का उल्लेख करते हुए 6 महीने तक जीआईएफ में जमा की जानी चाहिए अन्यथा “कोई दावा नहीं” के रूप में दावा बंद कर दिया जाएगा। 6 महीने के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।
इस पॉलिसी के तहत देय किसी भी राशि पर ब्याज नहीं लगेगा।
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ? नमस्कार मित्रो शाला सुगम के इस आर्टिकल में आप सभी का ह्रदय की गहराई से स्वागत है। साथियों, इस आर्टिकल में हम आपके लिए स्टेट इन्श्योरेन्स और जीपीएफ कटौती में तुलनात्मक विवरण लेकर आए हैं। कई साथी ये जानकारी चाहते हैं कि हम अपनी कटौतियो में स्टेट इन्श्योरेन्स की कटौती बढ़ाए अथवा जीपीएफ की कटौती को बढ़ाएँ। तो एक साधारण सी जानकारी है जिसे हम हमारे एक्स्पर्ट साथियों के माध्यम से आप के लिए इकट्ठा की है।
हमें उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आएगी। और आप इसे अधिकतम साथियों के साथ शेयर करेंगे।
Comparison in SI And GPF Deduction
GPF का पूरा नाम General Provident Fund है। जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर गारंटीड रिटर्न के रूप में उपलब्ध होती है। जिसमें सरकार समय-समय पर अपना रिव्यू प्रदान करती रहती है और इस ब्याज दर को रिवाइज करती है।
राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है। जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है। इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है। परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है।
यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-
क्रम संख्या
पे मेट्रिक लेवल अनुसार वेतन
SI मासिक प्रीमियम
आगे बढ़ा सकते है
अन्य विवरण
प्रथम स्टेप
द्वितीय स्टेप
1
UP TO 22000
800/- ₹
1200/- ₹
2200/- ₹
आगामी 1 अप्रेल को 55 वर्ष से अधिक आयु के कार्मिक अपनी SI कटोती में वृद्धि नही करवा सकते
2
UP TO 22000 -28500
1200/- ₹
2200/- ₹
3000/- ₹
3
28501- 46500
2200/- ₹
3000/- ₹
5000/- ₹
4
46501-72000
3000/- ₹
5000/- ₹
7000/- ₹
5
Above 72000
5000/- ₹
7000/- ₹
–
6
Maximam
7000/- ₹
–
–
Note 👉 कटौती बढ़ाने के लिए कार्मिक को अपनी एसएसओ आईडी से Further Contract ऑनलाइन करना होगा
जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) किस प्रकार से काम करता है?
क्या आप भी यह जानना चाहते हैं की जीपीएफ अर्थात जनरल प्रोविडेंट फंड / General Provident Fund कैसे कार्य करता है तो इसकी संपूर्ण जानकारी हां बता रहे हैं GPF निम्नलिखित तरीकों से काम करता है-
कर्मचारियों को सबसे पहले अपने नियोक्ता के साथ में जीपीएफ अकाउंट खोलना होता है यह मुख्यतः सर्विस में शामिल होते समय शुरू होता है।
इसके अंतर्गत कर्मचारियों की सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत मासिक के रूप में काटा जाता है जिसे अपने जीपीएफ अकाउंट में डिपॉजिट किया जाता है।
GPF अकाउंट में डिपॉजिट की गई राशि, आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज़ अर्जित करती है।
कर्मचारी कुछ शर्तों के अधीन अपने GPF अकाउंट पर भी लोन ले सकते हैं।
यदि कर्मचारी किसी अन्य सरकारी विभाग में ट्रांसफर करते हैं या अपनी नौकरी छोड़ते हैं तो वे अपना GPF बैलेंस निकाल सकते हैं या उसे अपने नए नियोक्ता को ट्रांसफर कर सकते हैं।
सामान्य भविष्य निधि जीपीएफ में निवेश करने के लाभ यहां पर दिए जा रहे हैं-
गारंटीड रिटर्न :- जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर गारंटीड रिटर्न के रूप में उपलब्ध होती है। जिसमें सरकार समय-समय पर अपना रिव्यू प्रदान करती रहती है और इस ब्याज दर को रिवाइज करती है।
टैक्स लाभ :- जीपीएफ में योगदान करने वाले कार्मिकों का इनकम टैक्स 80c के अंतर्गत टैक्स कटौती के लिए पात्रता रखता है।
नो रिस्क :- जीपीएफ में कटौती करवाना इन्वेस्टमेंट का एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसमें रिटर्न के रूप में एक निश्चित दर प्रदान होती है।
लोन सुविधा :- यदि कर्मचारियों को घर निर्माण, मेडिकल या शिक्षा के लिए लोन की आवश्यकता हो तो वह जीपीएफ से लोन सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकता है।
सुरक्षित रिटायरमेंट :- जीपीएफ में इन्वेस्टमेंट होने के कारण रिटायरमेंट के बाद में जीपीएफ फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित रिटायरमेंट सुनिश्चित करता है।
1. राज्य बीमा में निर्धारित Slab से 2-Step आगे कटौती जरुर करनी चाहिए ताकि बीमाधन अधिक हो। एक तो इसमें अन्य बीमा योजना के मुकाबले बोनस की दर अधिक होने से यह योजना अधिक फायदेमंद है। साथ ही वेतन से कटोती होने से किश्त की चूक नहीं होती। आमतौर पर अन्य बीमा कंपनियों से बीमा होने पर बड़ी संख्या में किश्त नियमित जमा नहीं होने से Policy लैप्स हो जाती है और आर्थिक घाटा होता है। इसके अलावा आवश्यकता होने पर ऋण की राशि भी तुलनात्मक रूप से अधिक होती है और आसानी से मिल जाती है। Maturity पर अच्छी खासी रकम मिल जाती है।
यहाँ एक बात और विचारणीय है चूँकि कार्मिक के असामयिक निधन की स्थिति में सभी परिलाभ के बाद भी रिक्तता की स्थिति रहती है इसलिए अपने परिवार को वास्तविक पर्याप्त आर्थिक संबल प्रदान करने हेतु परिवार के कमाऊ सदस्य को Term Plan Insurance अवश्य लेना चाहिए जो की बाज़ार में अनेक बीमा कंपनियों के उपलब्ध है। मामूली किश्त पर एक बड़ा आर्थिक संरक्षण आप परिवार को प्रदान कर सकते है। जीवन बीमा की वास्तविक अवधारणा यही है।
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2. GPF योजना में भी निर्धारित दर से कटोती की जाती है, आज की स्थिति में बाज़ार में उपलब्ध Bank, Post Office और अन्य निजी योजनाओं के मुकाबले GPF की प्रतिफल दर उच्च है तथा पूरी तरह सुरक्षित है. अतः राज्य बीमा की अधिक कटोती और अन्य निजी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद यदि विनियोग की गुंजाईश है तो निश्चित रूप से GPF में अधिक कटोती कराना सबसे सहज, लाभदायक और सुरक्षित विकल्प है.
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Benefits of the State Insurance Policy / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन : नमस्कार कर्मचारी बंधुओं, राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ और पॉलिसी का बीमा धन क्या होता है और किन परस्थितियो मे हमें राज्य बीमा का लाभ मिल सकता है? इसमें हम कितनी कटौती करवा सकते हैं? साथ ही इसमें अगर कोई परिवर्तन हो तो वो परिवर्तन भी किस प्रकार होते हैं, इन सभी के बारे में विस्तार से जानकारी है। वो हमने हमारे एक्स्पर्ट साथियों से और एसआईपीएफ के महत्वपूर्ण अधिकारियों / कर्मचारियों से चर्चा के बाद यहाँ पर आपसे शेयर की है। उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आएगी और आप इस जानकारी को अधिकतम साथियों के साथ शेयर करेंगे।
Benefits of the State Insurance Policy
प्रश्न -1 हमारे प्रिंसिपल की sso id खोलने पर si further show नही हो रहा है बल्कि si first declaration show हो रहा है si की कटौती बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिये।
उत्तर- ऐसी स्थिति में कार्मिक के SI से सम्बंधित data आदिनांक अद्यतन नहीं होने के कारण हो सकता है अतः आप SSO DDO login से सम्बंधित कार्मिक की सम्पूर्ण Employee Details Update करें। साथ ही अगर कार्मिक का स्थानांतरण किसी दूसरे जिले में हुआ है तो उसे Pull करें उसका SI Bag अभी भी पूर्व SI Office में विद्यमान है तो ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए आप सम्बंधित SI office से सम्पर्क करें।
प्रश्न 2- एक कार्मिक की जन्मतिथि 1 जुलाई 1965 है। क्या वह इस मार्च 2020 के वेतन में राज्य बीमा कटौती बढ़वा सकता है ?
उत्तर- नियमानुसार कार्मिक की आयु 1 अप्रैल 2020 को 55 वर्ष से कम होनी चाहिए। यहाँ कार्मिक की आयु 55 वर्ष जुलाई में होगी अतः Further Contract का लाभ ले सकता है।
प्रश्न 3- किसी कार्मिक की प्रथम बार राज्य बीमा कटौती हो रही है। मेरा प्रश्न यह है कि क्या वह कार्मिक दो स्लैब आगे राज्य बीमा कटौती करवा सकता है ?
उत्तर- हाँ बिल्कुल करवा सकता है। कोई भी बीमित व्यक्ति अपनी इच्छा से उसके विद्यमान वेतन स्लैब पर लागू premium दर से अगले दो slabs तक premium दर में वृद्धि करवा सकता है।(Rules 11(2)/Dated 30.10.2017)
प्रश्न 4- मैं पहले से ही राज्य बीमा कटौती दो स्लैब आगे कटवा रहा था अब नई राज्य बीमा कटौती में कटौती कम कराना चाहता हूं। क्या यह सम्भव है ?
उत्तर-यदि समय समय पर SI प्रीमियम दरों में वृद्धि होती हैं और यदि कार्मिक ने पूर्व में ही Further Contract करवा रखा है और वर्तमान में प्रीमियम दरें परिवर्तित हो गई हैं तो ऐसे में कार्मिक चाहें तो पुनः Further Contract का लाभ ले सकते हैं परंतु राज्य बीमा के नियम-13 के अनुसार पूर्व के प्रीमियम को कम नहीं करवा सकते। यदि किसी कार्मिक ने भूलवश कम करवा भी लिया तो भविष्य में उसे Risk Cover व Loan लेने सम्बंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रश्न 5- जिनकी राज्य बीमा कटौती पूर्व में 1300 या 1800 हो रही हैं। क्या उनकी अब स्लैब के अनुसार कम से कम 2200 करना है ?
उत्तर- हाँ। अगर आपका प्रीमियम नए स्लैब्स के अनुसार स्वीकृत प्रीमियम से ज्यादा/बराबर कट रहा है तो ऐसी कोई बाध्यता नहीं है । परन्तु आप स्लैब्स के अनुसार स्वीकृत प्रीमियम दर से कम नहीं कर सकते। बढ़ाने का सीधा फायदा बीमित व्यक्ति की जोख़िम राशि और Loan लेने पर पड़ेगा। वैसे शेष पॉलिसियों से SI कार्मिकों के लिए बेहतर है।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
राज्य बीमा (State Insurance Scheme for Rajasthan Government employees.) राज्य कर्मचारियों, पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों तथा सरकार द्वारा नियमित किये गये वर्कचार्ज कमचारियों का राज्य सरकार से अनुबंध है जिसके अन्तर्गत बीमेदार द्वारा बीमाकर्ता (राज्य बीमा विभाग) को नियमित प्रीमियम देने पर बीमेदार अथवा उसके मनोनीत को किसी घटना विशेष के घटित होने पर पूर्व निश्चित धन राशि के भुगतान हेतु आश्वस्त किया जाता है अथवा सेवानिवृत्ति पर बीमाधन एवं देय बोनस राशि का भुगतान किया जाता है।
बीमाधन क्या है ?
बीमानुबंध में प्रविष्टि पर बीमेदार की आगामी वर्षगांठ पर आयु एवम् उसके द्वारा देय प्रीमियम के आधार पर राशि, जो कि घटना विशेष के घटित होने पर देय है, बीमाधन कहलाती है।
राज्य बीमा योजना (State Insurance Scheme) क्या है ?
राज्य बीमा योजना (State Insurance Scheme) राज्यकर्मियों के जीवन पर जोखिम वहन करने वाली एक कल्याणकारी योजना है जिसके द्वारा बचत को प्रोत्साहन देने के साथ साथ राज्यकर्मी तथा उसके परिजनों को आर्थिक सम्बल प्राप्त होता है।
योजना किन नियमों के अन्तर्गत लागू है ?
राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम, 1998 के अन्तर्गत यह योजना लागू है। पूर्व में यह योजना वर्ष 1953 के नियमों के अन्तर्गत लागू थी ।
योजना कब से एवम् किन-किन श्रेणियों के कर्मचारियों पर अनिवार्य / ऐच्छिक रूप से लागू है ?
योजना विभिन्न चरणों में निम्न प्रकार से लागू की गयी है –
01.08.1943 से तत्कालीन जयपुर रियासत के कर्मचारियों पर,
01.01.1954 से राजस्थान सरकार के कर्मचारियों पर,
01.04.1989 से पंचायत समिति एवम् जिला परिषद् के कर्मचारियों पर,
01.04.1995 से राज्य सरकार द्वारा नियमित किये गये वर्कचार्ज कर्मचारियों पर अनिवार्य रूप से तथा
01.04.1998 से सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों राजस्थान सरकार के अधीन के किसी पब्लिक सैक्टर उपक्रम के अधीन पद धारण करने वाले किसी कर्मचारी का इस बीमा स्कीम के अधीन बीमा करने के के लिये स्वतंत्र होगा यदि उक्त उपक्रम के 50 प्रतिशत या उससे अधिक कर्मचारी बीमा कराने के लिये सहमत हों एवम् राजस्थान केडर के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर ऐच्छिक रूप से ।
जिनकी आयु 1/4/20 को 55 वर्ष या उससे अधिक हो रही है उनकी SI की कटौती यथावत रहेगी उनके कोई वर्द्धि नही होगी।
कटौती का निर्धारण नई स्लैब में अपने बेसिक pay के अनुसार देखे।एवम उसके अनुसार कटौती करनी है तो कुछ भी सम्मिट नही करना है।
यदि स्लैब के अनुसार एक या दो स्टेप आगे की कटौती बढानी है तो FURTHER सम्मिट करे।
SI की वर्तमान कटौती किसी भी स्थिति में कम नही हो सकती है।
जिनके मार्च तक प्रोबेशन पूरा हो गया है एवं स्थाईकरण के बाद वेतन का निर्धारण हो चुका है उनको पहली बार SI की कटौती करनी जरूरी है इनको फर्स्ट डिक्लेरेशन सम्मिट करना है।
मार्च 20 तक प्रोबेशन पूरा हो चुका है परंतु स्थाईकरण आदेश जारी नही हुए है उनको स्थाईकरण के बाद नया वेतन निर्धारण होने के बाद बनने वाले एरियर से SI की कटौती मार्च 20 से हो जाएंगी।
DDO लॉगिन से भी FURTHER एवम FIRST डिक्लेरेशन सम्मिट करने का ऑप्शन भी शुरू हो गया है।
प्रिंसिपल सेवा निवृत्त हो गये है या ट्रांसफर हो गया है तो जिसके पास 03 पवार है या कार्यवाहक की SSO ID में DDO ROLE में उनको ऐड करे अन्यथा सभी सम्मिट फॉर्म पुराने DDO की SSO ID पर जाएंगे इस हेतु SIPF के पुराने USER ID एवं पासवर्ड ध्यान होना जरूरी है।
पासवर्ड याद नही हो तो SIPF PORTAL HELP LINE पर पासवर्ड री सेट के लिए ईमेल करे या GPFआफिस संपर्क करे।
कोई कर्मचारी ट्रांसफर से आपके पास आया है तो DDO लॉगिन से पहले SIPF की ID PULL करे अन्यथा उसके सम्मिट फॉर्म पुराने DDO के पास जायेंगे।
कर्मचारी कब बीमित होता है ?
कर्मचारी के सेवा में प्रविष्ट होने के दो वर्ष (परिवीक्षा काल ) पूर्ण होने के पश्चात् आने वाले मार्च से कर्मचारी बीमित होगा। इसके लिए मार्च माह के वेतन में प्रीमियम की प्रथम कटौती की जाती है। कर्मचारी के वेतन में वृद्धि होने अथवा बीमा की खण्ड दर में परिवर्तन होने पर बढ़ी हुई दर पर प्रीमियम की कटौती भी आगामी मार्च माह के वेतन से दिये जाने का प्रावधान है।
वर्तमान में प्रीमियम कटौती दर क्या है ?
राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प.13 (21) वित्त / राजस्व / 76 पार्ट जयपुर दिनांक 13.03.2020 के अनुसार वर्तमान में प्रीमियम की कटौती दर निम्न प्रकार है:
क्रम संख्या
वेतन स्लेब / पे स्लेब
न्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है।
अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई जा सकती है।
1
22000 तक
800
2200
2
22001 से 28500
1200
3000
3
28501 से 46500
2200
5000
4
46501 से 72000
3000
7000
5
72001 से अधिक
5000
7000
6
अधिकतम
7000
7000
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।
क्या स्वयं को अधिक बीमाधन के लिए बीमित करवाया जा सकता है ?
वेतन खण्ड के लिए निर्धारित प्रीमियम की कटौती करवाना अनिवार्य है। हाँ, यदि कोई बीमेदार चाहे तो स्वेच्छा से अपने वेतन खण्ड से आगामी दो वेतन खण्डों के लिए निर्धारित दर पर कटौती करवाकर अधिक बीमाधन के लिए भी बीमित हो सकता है। लेकिन वेतनखण्ड 05 के अन्तर्गत आने वाले बीमेदार अधिकतम 7000/- रू. प्रतिमाह तक की ही कटौती करवा सकते हैं।
क्या इस योजना के अन्तर्गत की गयी कटौतियों पर आयकर में छूट का प्रावधान है ?
हॉ, इस योजना के अन्तर्गत जमा प्रीमियम राशि पर धारा 80ब आयकर अधिनियम 1961 के अन्तर्गत आयकर में छूट का प्रावधान है।
क्या राज्य सरकार पॉलिसी के अन्तर्गत देय लाभों के भुगतान की गारण्टी देती है ?
हाँ, राज्य सरकार बीमा संविदाओं के अन्तर्गत देय लाभों के राज्य की संचित निधि से भुगतान की गारण्टी देती है।
बीमा पॉलिसी के अन्तर्गत देय लाभों का भुगतान कब कब एवम् किन किन परिस्थितियों में देय है ?
परिपक्वता / मृत्यु / अध्यपर्ण राशि का योजना के अन्तर्गत निम्न परिस्थितियों में भुगतान देय है: बीमेदार की मृत्यु होने पर उसके मनोनीत को, पॉलिसी की परिपक्वता तिथि पर बीमेदार को, पॉलिसी की परिपक्वता तिथि से पूर्व बीमेदार राज्य सेवा छोड़ने या उसे सेवा से अलग कर दिये जाने पर उसके द्वारा अन्य किसी विकल्प को न चुनने की स्थिति में बीमेदार को अध्यर्पण राशि का भुगतान किया जाता है।
राज्य बीमा योजना से राज्य कर्मियों को क्या लाभ मिलते है ?
प्रीमियम के बदले बीमेदार को पॉलिसी की परिपक्वता तिथि पर बीमाधन मय बोनस प्राप्त होता है। परिपक्वता तिथि से पूर्व बीमेदारकी मृत्यु होने पर उसके मनोनीत को बीमाधन की दो गुनी राशि का भुगतान मय बोनस किया जाता है।
परिपक्वता तिथि से पूर्व राज्य सेवा से अलग हो जाने वाले बीमेदारों के प्रकरणों में उनके द्वारा अध्यर्पण भुगतान के विकल्प का चयन करने की स्थिति में, अध्यर्पण राशि (सेवा से अलग होने तक की पॉलिसी अवधि से सम्बन्धित अध्यर्पण गुणांक के आधार पर निर्धारित) का भुगतान किया जाता है।
बीमाधन की गणना का आधार एवम् प्रक्रिया क्या है ?
राज्य बीमा पॉलिसियों के बीमाधन की गणना हेतु योजना में बीमेदार की प्रविष्टि पर आयु हेतु गुणक निर्धारित है। बीमेदार की आगामी वर्षगांठ पर आयु से सम्बन्धित गुणांक को उसके द्वारा देय मासिक प्रीमियम से गुणा कर बीमाधन निर्धारित किया जाता है।
कालान्तर में निर्धारित प्रीमियम दर से अधिक कटौती की स्थिति उत्पन्न होने पर देय अतिरिक्त बीमाधन की गणना भी उपर्युक्तानुसार की जाती है।
विभाग द्वारा कितने प्रकार की पॉलिसी जारी की जाती है ?
वर्तमान में विभाग द्वारा केवल सावधि (एण्डोमेंट) पॉलिसी जारी की जाती है। पूर्व में सावधि पालिसी के अतिरिक्त आजीवन पालिसी भी जारी की जाती थी।
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सावधि बीमा पॉलिसी पर कितने प्रकार के बोनस देय है ?
सावधि बीमा पॉलिसी पर चार प्रकार के बोनस देय हैं:
रिवर्शनरी बोनस:– यह बोनस प्रति वर्ष बीमा निधि के मूल्यांकन के आधार पर मूल्यांकन अवधि के अंत में प्रवृतमान पॉलिसियों हेतु राज्य सरकार द्वारा घोषित दर से दिया जाता है। वर्ष 2015-16 के लिए रिवर्शनरी बोनस की दर सावधि पॉलिसी पर 90/- प्रति हजार बीमाधन प्रति वर्ष है एवम् प्रवृतमान आजीवन पॉलिसी पर 112.5 /- प्रति हजार बीमाधन प्रतिवर्ष है।
अंतरिम बोनस:- यह बोनस किसी वर्ष रिवर्शनरी बोनस घोषित न किये जाने की स्थिति में घोषित वर्ष के रिवर्शनरी बोनस की दर के आधार पर दिया जाता है।
अतिरिक्त बोनस:– यह बोनस पूर्व में जारी समाश्वासनो (एश्यारेंसेज) पर सेवा निवृति की आयु में परिर्वतन के कारण मूल्यांकक (एक्च्यूरी) द्वारा निर्धारित गुणांक की दर से दिया जाता है।
टर्मिर्नल बोनस:- यह बोनस बीमा पॉलिसी के पूर्ण अवधि तक जारी रहने की स्थिति में दिया जाता है। वर्ष 2015-16 की समाप्ति पर इसकी दर 4 /- प्रति हजार बीमाधन प्रति वर्ष है।
बोनस निर्धारण का आधार एवम् प्रक्रिया क्या है ?
बोनस निर्धारण हेतु योजना के अन्तर्गत वर्ष की प्राप्तियों, भुगतान, ब्याज प्राप्तियाँ एवम् प्रबन्धकीय व्यय के आधार पर सम्पतियों एवम् दायित्वों की बैलेन्सशीट तैयार की जाती है। बैलेन्सशीट में अधिशेष की स्थिति में मूल्यांकक कुल बीमाधन के आधार पर प्रति हजार बीमाधन के लिए बोनस दर की अनुशंषा करता है। मूल्यांकक की अनुशंषा के आधार पर राज्य सरकार राज्य बीमा पॉलिसी पर बोनस के आदेश जारी करती है। स्वत्व राशि के निर्धारण के समय विभिन्न अवधियों के लिए घोषित बोनस दरों के अनुसार बीमाधन पर बोनस राशि की गणना की जाती है।
क्या राज्य सरकार द्वारा निधि में जमा राशि पर ब्याज दिया जाता है ?
निधि में जमा राशि पर राज्य सरकार द्वारा ब्याज दिया जाता है। वर्तमान में राज्य सरकार के आदेश क्रमांक एफ4 (99) एफडी / रेवेन्यु / 92 दिनांक 17.04.2020 के द्वारा इसकी दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक है।
क्या बीमा योजना में बीमेदार को ऋण की सुविधा उपलब्ध है ?
योजना के अन्तर्गत बीमेदार द्वारा कुछ शर्तों के अधीन ऋण प्राप्त किया जा सकता है ।
अधिक कटौती किस आयु तक की जा सकती है ?
अधिक कटौती 55 वर्ष की आयु तक की जा सकती है।
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वर्तमान में दिनांक 01.04.2020 से बीमा ऋण पर बीमेदार से लिये जाने वाले ब्याज की दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक है। नवीन बीमा नियमों के अन्तर्गत निधि पर देय एवम् ऋण प्रकरणों में लागू ब्याज दर में समानता निधि द्वारा अर्जित ब्याज के परिप्रेक्ष्य में लाई गई है।
राज्य बीमा योजना में नाम निर्देशिती किसे किया जावे ?
बीमाकृत व्यक्ति अपने पति / पत्नि, संतान / संतानों, भ्राता (भ्राताओं), बहिन (बहिनों), पिता या माता को नाम निर्देशिती रूप में नियुक्त करने का हकदार होग। यदि नाम निर्देशन करते समय उल्लेखित कोई भी संबंधी जीवित नही है तो, अन्य व्यक्ति को अपने नाम निर्देशिती के रूप में नियुक्त करने का हकदार होगा।
परन्तु यह कि बीमाकृत व्यक्ति के विवाह के पूर्व किसी भी व्यक्ति के पक्ष में किया गया और तत्पश्चात रद्द नही किया गया नाम निर्देशन उसके विवाह के पश्चात उसी पत्नि / पति के पक्ष में स्वतः रद्द किया हुआ समझा जायेगा ।
परिपक्वता के पश्चात् पॉलिसी जारी रखना ?
बीमाकृत व्यक्ति को उसकी सेवानिवृत्ति के ठीक पश्चात् आने वाले 31 मार्च तक बीमे को जारी रखने की अपनी इच्छा व्यक्त करने को विकल्प होगा। ऐसी स्थिति में बीमाकृत राशि, विस्तारित अवधि के बोनस सहित, उसकी सेवानिवृत्ति के ठीक पश्चात आने वाले प्रथम अप्रैल को संदेय होगी।
राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-
पुनरीक्षित वेतनमान 2017 में बीमा प्रीमियम की दरें
वेतन स्लेब / पे स्लेब
न्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है।
सातवें वेतन आयोग के अनुसार सामान्यतः कर्मचारियों का मूल वेतन 22001 से 28500 एवं 28501 से 46500 के बीच है इन दोनों बेतन स्लेव के मुताबिक न्यूनतम व अधिकतम प्रिमियम के आधार पर वार्षिक वोनस की गणना कर आपको इस पालिसी के न्यूनतम कटोती एवं अधिकतम कटौती के अन्तर एवं लाभ को समझाया जा रहा है ।
20 साल का एक कर्मचारी एक वर्ष में 21600 रुपये अधिक प्रीमियम का भुगतान कर 94284 रुपये एवं 25 वर्ष आयु का एक कर्मचारी वर्ष में 33600 रुपये अधिक भुगतान कर 122976 रुपये का अधिक बोनस लाभ प्राप्त कर सकेगा। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी को इस पॉलिसी पर न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा व सेवानिवृति पर अत्यधित आर्थिक परिलाभ दिया जाता है। किसी कार्मिक के साथ अनहोनी घटित हो जाने के बाद उसके परिवार को इस योजना के तहत बहुत अधिक आर्थिक सम्बल मिलेगा।
नियमों की जानकारी के अभाव में हम केवल न्यूनतम कटोती करवाये जाने के कारण इस कल्याणकारी योजना से मिलने वाले अधिकतम बोनस का फायदा नहीं उठा पाते है। अधिकतर कर्मचारी आयकर से छूट हेतु एल.आई.सी. या पी.एल.आई. या अन्य कम्पनियों की बीमा योजना का सहारा लेते है जबकि उक्त योजना में परिलाभ उपर्युक्त बीमा कम्पनियों की योजनाओं से दुगुना है। राज्य बीमा योजना अतिलाभकरी बीमा योजना है।
राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ एंव पॉलिसी का बीमा धन ज्ञात करना
राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक कार्मिक की अनिवार्यता राज्य बीमा पॉलिसी की जाकर उसके वेतन से प्रतिमाह प्रिमियम की कटौती की जाती है। राज्य बीमा पॉलिसी के बीमा धन की गणना हेतु निम्न सूचनाओं की आवश्यकता होती हैं।
1. बीमा कटौती प्रारम्भ होने की तिथि (DOR) : राज्य बीमा योजना में प्रथम व अधिक कटौती सदैव माह मार्च देय अप्रैल के वेतन से ही होती हैं अतः प्रथम अप्रैल को बीमा कटौती की जोखिम वहन तिथि कहलाती हैं।
2. कर्मचारी की जन्म तिथि : प्रत्येक बीमित कर्मचारी की जन्म तिथि
3. कर्मचारी की आयु कर्मचारी की जोखिम बहन तिथि पर आयु ज्ञात करना जिससे जोखिम तिथि या उसके बाद अगली जन्म तिथि पर आयु क्या होगी।
4. बीमा पॉलिसी की अवधि वर्तमान में राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु 60 वर्ष हैं अतः कार्मिक को 60 वर्ष की आयु तक प्रिमियम चुकाना हैं अतः बीमा पॉलिसी की अवधि सेवानिवृति की आयु तक होती हैं। जैसे सेवानिवृति आयु (60–18) वर्ष = 42 वर्ष बीमा अवधि, सेवा निवृति आयु (60-31 ) वर्ष = 29 वर्ष बीमा अवधि है।
5. बीमा प्रिमियम राशि : राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर वेतन खण्ड के आधार पर बीमा प्रिमियम निर्धारित किया जाता हैं जो वर्तमान में इस प्रकार हैं-
वेतन स्लेब / पे स्लेब
न्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है।
अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई जा सकती है।
01
22000 तक
800
2200
02
22001 से 28500
1200
3000
03
28501 से 46500
2200
5000
04
46501 से 72000
3000
7000
05
72001 से अधिक
5000
7000
06
अधिकतम
7000
7000
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।
6. बीमा परिपक्वता तिथि: सेवानिवृत माह के अगले 1 अप्रैल को बीमा पॉलिसी परिपक्व होती है एवं बीमित को बीमा पॉलिसी का परिलाभ का भुगतान किया जाता है।
7. एक रुपये की प्रिमियम देय बीमाधन : 1 रुपये की प्रिमियम पर देय बीमा धन की गणना निम्नलिखित तालिका से जोखित वहन तिथि पर ज्ञात आयु के फेक्टर को 1 रुपये का बीमा धन माना जाता है।
बीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ होने पर कर्मचारी की आयु
बीमा धन
बीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ होने पर कर्मचारी की आयु
बीमा धन
18
622
35
314
19
602
36
298
20
582
37
282
21
562
38
265
22
544
39
251
23
525
40
237
24
507
41
224
25
488
42
210
26
470
43
196
27
451
44
182
28
433
45
169
29
415
46
155
30
398
47
144
31
381
48
132
32
364
49
121
33
348
50
109
34
331
–
–
insurance amount on deduction of re 1/- premium in SI Policy
8. बीमाधन- एक रुपया के बीमाधन फेक्टर को प्रिमियम से गुणा करके ज्ञात किया जाता हैं जिसकी सरलतम गणना निम्न काल्पनिक सारणी से-
बीमाधन गणना के बिन्दु
ए कर्मचारी
बी कर्मचारी
DOR
01.04.2018
01.04.2018
DOB
05.04.2000
05.02.1988
आयु
00.00.0018
00.02.0030
अवधि
18 वर्ष
31 वर्ष
प्रिमियम
1300
3000
DOM
01.04.2061
01.04.2048
बीमाधन फेक्टर
622
381
बीमाधन=फेक्टर x प्रिमियम
622 x1300=808600
381 x3000=1143000
प्रतिवर्ष बोनस
72774
102870
9. अपनी राज्य बीमा पॉलिसी के बीमाधन पर बोनस की गणना
राज्य सरकार द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी पर प्रतिवर्ष बोनस की घोषणा की जाती है। बोनस की घोषणा प्रति हजार बीमा धन के आधार पर होती हैं वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सामान्यतः प्रति हजार बीमा धन पर 90 रुपये बोगस दिया जा रहा है। कर्मचारी स्वय बीमा धन को बोनस की दर से गुणा करके उसमें 1000 का भाग देकर बोनस की राशि ज्ञात कर सकता है। अतः ऊपर के उदाहरण से स्पष्ट है ।
10. अगर कर्मचारी को पॉलिसी पूर्व में जारी हैं और वेतन वृद्धि या राज्य सरकार द्वारा प्रिमियन की दरों में परिर्वतन या कर्मचारी द्वारा एक या दो स्लेव अधिक कटौती करवाये जाने पर राज्य बीमा विभाग द्वारा बढे हुए प्रिमियम पर अलग समाश्वासन जारी किये जाते हैं जिस पर बीमाधन व बोनस गणना निम्न प्रकार होगी ।
जैसे किसी कार्मिक को 01.04.2016 को बीमाधन 5,00000
बोनस गणना – 01.04.2016 से 31.03.2017 तक 500000×90 1000 = 45000
01.04.2017 को प्रिमियम वृद्धि से बीमाधन 2,00000
बोनस गणना 01.04.2017 से 31.03.2018 तक 700000×90 1000 = 63000
बोनस की राशि बीमेदार को प्रतिवर्ष निहित हो जाती हैं किन्तु इसका भुगतान स्वत्व (दावा) के साथ किया जाता है। इससे पूर्व देय नहीं है। बीमा पॉलिसी के परिपक्व होने पर परिपक्वता दावे के समय पॉलिसी पर टर्मिनल बोनस भी दिया जाता है।
11. बीमा पॉलिसी धारक की परिपक्वता तिथि से पूर्व आकरिमक या सामान्य मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा बीमाधन की दुगुनी राशि (कार्मिक ए की पॉलिसी पर 1617200 रुपये व कार्मिक बी की पॉलिसी पर 2286000 रुपये) बोनस सहित भुगतान किया जाता है। चाहे कार्मिक की मृत्यु प्रथम माह का प्रिमियम अदा करने के बाद हो गई हो ।
12. राज्य कर्मचारी अपनी बीमा पॉलिसी पर ऋण ले सकता है जो अधिकतम 60 किश्तों में अदा करना होता है एव जिस पर 8 प्रतिशत ब्याज ऋण राशि चुकने के बाद ली जाती है।
13. मनोनयन- किसी कार्मिक के अविवाहित होने पर उसके द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी में जिसे मनोनित नियुक्त किया जाता है। शादी होने के बाद वह मनोनयन स्वतः ही पत्नी के पक्ष में हो जाता है परन्तु अन्य मामलों में कर्मचारी स्वय राज्य बीमा विभाग के संबंधित जिला कार्यालय में आवेदन पत्र के जयें मनोनयन में परिर्वतन करवा सकता है।
14. प्रोबेशन पूर्ण होने के बाद Next मार्च से SI की कटौती प्रारम्भ की जाती है. इस हेतु कार्मिक को अपनी SSO-ID से प्रथम घोषणा पत्र भरना पड़ता है वह चाहे तो पहली बार स्लैब से एक या दो स्टेप आगे की कटौती करवा सकता है. उसको उस हिसाब में प्रीमीयम की राशि अपने घोषणा पत्र में सलेक्ट करनी पड़ती है.
15. एक अप्रैल को जिनकी आयु 55 वर्ष से कम है वह स्केब से एक या दो स्टेप अगली SI की कटौती बढ़ा सकते है. उनको SSO-ID से furthuer contract (अधिक घोषणा) पत्र भरना पड़ता है।
16. एक अप्रैल को जिनकी आयु 55 वर्ष या इससे अधिक हो रही है, इनके SI की वर्तमान कटौती यथावत रहेगी क्योकि SI द्वारा उनके रिस्क कवर नही की जाती है.
17. प्रथम या अधिक घोषणा पत्र भरने से पहले अपने DDO लॉगिन से पहले कार्मिक की सर्विस डिटेल्स, बेसिक Pay एवं नॉमिनी डिटेल्स को अपडेट करवाया जाना जरूरी है. State Insurance Deduction Rules
18. SI की वर्तमान कटौती जो चल रही है वह किसी भी कारण से कम नही की जा सकती है।
19. किसी कर्मिक के प्रोबेशन पूर्ण हो चुका है, परन्तु स्थाईकरण एवम वेतन नियमितीकरण नही हुआ है. ऐसे मामले में स्थाईकरण के बाद जब नियमित वेतन का निर्धारण होगा. उसके एरियर से मार्च महीने की प्रथम SI कटौती की जायेगी एवं उसी समय उसका प्रथम घोषणा पत्र भरा जाएगा.
20. घोषणा पत्र भरने से पहले यह सुनिश्चित कर लेवे कि आपकी SIPF EMPLOYEE ID वर्तमान DDO के पास होनी चाहिए अन्यथा भरा गया घोषणा पत्र पुराने वाले DDO की ID पर शो होगा. ऐसी स्थिति में वर्तमान DDO से ID को Pull करे या पुराने DDO से ID नये DDO को ट्रांसफर करावे।
21. किसी का वेतन 5वे या 6ठे वेतनमान में आहरित हो रहा है उनकी SI की कटौती यथावत रहेगी. उनका जब 7 वे वेतनमान में फिक्सेशन होने के बाद एरियर बनेगा उसमे SI अंतर की राशि स्लैब अनुसार कटौती हो जाएगी.
22. जुलाई में वेतनवृद्धि लगने से SI की कटौती स्लैब के अनुसार बढ़ जाती है तो उसकी बढ़ोतरी Next मार्च से ही की जाती है।
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