कक्षा 01 से 11 तक परीक्षा परिणाम तैयार करने का एक्सल प्रोग्राम

कक्षा 01 से 11 तक परीक्षा परिणाम तैयार करने का एक्सल प्रोग्राम

SCHOOL RESULT EXCEL SHEET SOFTWARE FOR CLASS 1 TO 11 BY HEERA LAL JAT / कक्षा 01 से 11 तक परीक्षा परिणाम तैयार करने का एक्सल प्रोग्राम :- दोस्तों नमस्कार, आपका साथी एक्सेल एक्सपर्ट  श्री हीरा लाल जाट द्वारा आपके लिए अपना अमूल्य समय निकालकर आपकी सुविधा के लिए नि:स्वार्थ भाव से EXCEL SHEET PROGRAMME उपलब्ध करवाए जा रहे है, समय -समय पर इस पेज पर विजिट करके आप यहाँ से EXCEL SHEET PROGRAMME डाउनलोड कर सकते है |

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अगर SCHOOL RESULT EXCEL SHEET SOFTWARE FOR CLASS 1 TO 11 BY HEERA LAL JAT में किसी भी प्रकार की त्रुटी हो तो हमें जरूर अवगत करावें ताकि त्रुटी सुधार समय रहते करके आपको लाभान्वित कर सकें |

यहाँ नीचे दिए गये links पर click करके Excel Program Download किये जा सकते है ,किसी प्रकार की समस्या या त्रुटि नजर आने पर ऊपर दिए गये मेल से मेल कीजिये –

DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट

वर्तमान सत्र के कक्षा 6  व 7 के लिए परिणाम तैयार करने के लिए आप सब की सहायतार्थ इस SCHOOL RESULT EXCEL SHEET SOFTWARE FOR CLASS 1 TO 11 BY HEERA LAL JAT का निर्माण किया गया है| हालाँकि इसे बनाने में पूरी सावधनी बरती गयी है, फिर भी अगर कुछ गलती हो तो एक बार आप चेक कर लेवे |

शिक्षा विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा निर्देश-गाइडलाइन

सत्रांक निर्धारण एक्सल प्रोग्राम कक्षा 8th, 10th and 12th के लिए भागीरथ मल द्वारा विकसित

  1. स्थानीय परीक्षा में प्रत्येक विषय की सैद्धांतिक परीक्षा हेतु प्रथम टेस्ट , द्वितीय टेस्ट ,तृतीय टेस्ट , अर्द्ध वार्षिक परीक्षा व वार्षिक परीक्षा हेतु निम्नोक्त अंक निर्धारित रहेंगे –
    इसके अंतर्गत नियमित विद्यार्थियों के लिए विद्यालय द्वारा लिए गए प्रथम परख (10 अक), द्वितीय परख (10 अंक) , तृतीय परख (10 अंक) व अर्द्धवार्षिक परीक्षा (70 अंक) और वार्षिक परीक्षा (100 अंक) आदि के कुल 200 अंक होंगे।
    “समाजोपयोगी उत्पादन कार्य एवं समाज सेवा , शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा तथा कला शिक्षा विषयों मे विद्यालय द्वारा करवाए गए शिक्षण कार्य / प्रोजेक्ट वर्क / गृहकार्य पुस्तिका के आधार पर मूल्यांकन ग्रेडिंग में देनी है |”

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सत्रांक गणना प्रोग्राम कक्षा 8th, 10th व 12th के लिए : उम्मेद तरड

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समस्त बोर्ड कक्षाओं के लिए सत्रांक एक्सल प्रोग्राम : श्री हीरा लाल जाट

SNA वित्तीय वर्ष 2023-24 में जारी “SNA” लिमिट का उपयोग कैसे करें

SCHOOL RESULT EXCEL SHEET SOFTWARE FOR CLASS 1 TO 11 BY HEERA LAL JAT अंक निर्देश

विषय कोडविषयसामयिक परखअर्द्धवार्षिक  कुल पूर्णांकवार्षिक कुल  पूर्णांक
1हिन्दी10 + 10 + 1050 + 20 = 7070 + 30 = 100
2अंग्रेजी10 + 10 + 1050 + 20 = 7070 + 30 = 100
7विज्ञान10 + 10 + 1050 + 20 = 7070 + 30 = 100
8सामाजिक विज्ञान10 + 10 + 1050 + 20 = 7070 + 30 = 100
9गणित10 + 10 + 1050 + 20 = 7070 + 30 = 100
71संस्कृत10 + 10 + 10
 
तृतीय भाषा
    (
कोई एक)
50 + 20 + 7070 + 30 = 100
72उर्दू
73गुजराती
74सिंधी
75पंजाबी
95संस्कृतमकेवल संस्कृत विधालयों हेतु
निम्नोक्त तीनों विषयों के कुल  पूर्णांक
81समाजोपयोगी उत्पादन कार्य एवं समाज सेवा100ए/बी/सी/डी/ई ग्रेडिंग देनी है
(A/B/C/D/E  Grade)
82शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा100
83कला शिक्षा100
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PAY POSTING REGISTER CUM OFFLINE GA 55 BY BHAGIRATH MAL

यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

समाजोपयोगी उत्पादन कार्य एवं समाज सेवा , शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा , तथा कला शिक्षा विषयों मे ग्रेडिंग देने का आधार

अंको का प्रतिशत ग्रेड
86 से 100 प्रतिशत तक A  ग्रेड 
71 से 85 प्रतिशत तकB  ग्रेड 
51 से 70 प्रतिशत तकC  ग्रेड 
33  से 50 प्रतिशत तकD  ग्रेड 
से 32 प्रतिशत तकE  ग्रेड 
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वैसे यह शीट उपरोक्त अनुसार ही बड़ी सावधानी से बनाई गई हैI फिर भी त्रुटि के लिए निर्माणकर्ता ज़िमेदार नहीं होगा | अतः अंतिम रूप से तैयार होने पर अपने स्तर पर जरुर चेक कर लेवे| यह सभी EXCEL SHEET आज ही को अपडेट की हुई हैं |

स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश 2023-24

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शिविरा पंचांग 2023-24 की मासिक वार सम्पूर्ण जानकारी

शिविरा पंचांग 2023-24 की मासिक वार सम्पूर्ण जानकारी

SHIVIRA PANCHANG 2024 PDF DOWNLOAD शिविरा पंचांग 2023-24 PDF : राजस्थान में सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूलों को खोलने को लेकर ताजा जानकारी सामने आई है साथ ही सत्र 2023-24 के लिए शिविरा कैलेंडर जारी कर दिया गया हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सत्र 2023 24 के लिए शिविरा पंचांग जारी कर दी गई है। राजस्थान में स्कूलों और कॉलेजों की संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में के माध्यम से उपलब्ध करवाने की कोशिश की जा रही है आशा है ये आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी ।

SHIVIRA PANCHANG 2024 PDF DOWNLOAD शिविरा पंचांग 2023-24 PDF

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी सरकारी और निजी विद्यालयों के लिए 1 जुलाई 2023 से 30 जून 2024 तक के लिए शिविरा पंचांग या संचालन कार्यक्रम जारी किया गया है। पंचांग के अनुरूप क्षेत्राधिकार में विद्यालय संचालन / विभागीय क्रियाकलापों कार्यक्रम एवं गतिविधियों का आयोजन और क्रियान्वयन किया जायेंगा।

SHIVIRA PANCHANG 2023 PDF DOWNLOAD शिविरा पंचांग 2023-24 PDF
SHIVIRA PANCHANG 2023 PDF DOWNLOAD शिविरा पंचांग 2023-24 PDF

शैक्षणिक सत्र 2023-24 मुख्य बिंदु-

1 ( 26 जून 2023 से 30 अप्रैल 2024 तक)
2 प्रथम परख – 23 से 25 अगस्त 2023
3 द्वितीय परख- 19 से 21 अक्टूबर 2023
4 अर्द्ध वार्षिक परीक्षा – 11 से 23 दिसम्बर 2023
5 तृतीय परख – 20 से 22 फरवरी 2023
6 वार्षिक परीक्षा – 08 से 25 अप्रैल 2023
7 वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषणा 30 अप्रैल 2023
8 प्रत्येक शनिवार – NO BAG DAY रहेगा।
9 मध्यावधि अवकाश – 07 से 19 नवम्बर 2023
10 शीतकालीन अवकाश – 25 दिसम्बर 2023 से 5 जनवरी 2024
11 ग्रीष्मावकाश – 17 मई 2024 से 31 मई 2024

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Shivira panchang 2023-24 PDF

  1. आगामी शैक्षणिक सत्र 2023 24 का सत्रारंभ 24 जून 2023 से शिक्षण कार्य और विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति 1 जुलाई 2023 से प्रारंभ की जाएगी। 24 जून से सामान्य प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी साथ ही प्रवेशोत्सव दो चरणों में चलाया जाएगा। प्रवेश की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2023 होगी। व्यवसायिक शिक्षा संचालित विद्यालयों में योजना का प्रचार प्रसार और नवीन विद्यार्थियों हेतु प्रवेश काउंसलिंग 21 से 30 जून 2023 तक किया जाएगा। मध्यावधि अवकाश 19 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक किया जाएगा । विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर 2023 से 5 जनवरी 2024 तक रहेगा इस बार शीतकालीन अवकाश में 5 दिनों की बढ़ोतरी की गई है।
SHIVIRA PANCHANG 2023-24 शिविरा पंचांग 2023-24

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SHIVIRA PANCHANG 2023-24 शिविरा पंचांग 2023-24 NOVEMBER
SHIVIRA PANCHANG DECEMBER 2023 शिविरा पंचांग दिसम्बर 2023
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SHIVIRA PANCHANG 2023-24 शिविरा पंचांग 2023-24 JANUARY
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मुख्यमंत्री राजश्री योजना की विस्तृत जानकारी

मुख्यमंत्री राजश्री योजना की विस्तृत जानकारी

MUKHYAMANTRI RAJSHREE YOJNA मुख्यमंत्री राजश्री योजना : यहाँ हमे आपके लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजना की विस्तृत जानकारी लेकर आये हैं आपसे आग्रह हैं कि अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हैं तो इसे अपने अन्य मित्रो और उनके सोशल मिडिया पर जरूर शेयर कीजिए 

बालिकाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री राजश्री योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से 1 जून 2016 या इसके बाद राज्य के राज्य चिकित्सा संस्थान एवं जननी सुरक्षा योजना में शामिल निजी चिकित्सा संस्थानों में जीवित बालिका के जन्म से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने तक राजस्थान सरकार द्वारा 50,000 रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह सहायता राशि लाभार्थी को 6 किस्तों में प्रदान की जाएगी। यह योजना बेटियों को समाज में समान रूप से अधिकार दिलाने और लिंग भेद को खत्म करने में मदद करेगी। इस योजना के माध्यम से बालिका के स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा की सुविधा का लाभ प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से किया जाएगा। यह योजना बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने और बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने की योजना है। MUKHYAMANTRI RAJSHREE YOJNA का लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण करवाना होगा। जिसके बाद ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना 2024 के बारे में जानकारी

योजना का नाम  Mukhyamantri Rajshri Yojana
शुरू की गई  राजस्थान सरकार द्वारा
संबंधित  विभाग  महिला एवं बाल विकास विभाग
लाभार्थी  राज्य की बालिकाएं
उद्देश्यबालिकाओं के जन्म, पालन पोषण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के मामले में होने वाले लिंग भेद को रोकना तथा बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सुनिश्चित करना
सहायता राशि50 हजार रुपए 6 के  किस्तों में  
राज्य  राजस्थान
आवेदन प्रक्रिया  ऑनलाइन
आधिकारिक वेबसाइट  https://rajshaladarpan.nic.in

MUKHYAMANTRI RAJSHREE YOJNA मुख्यमंत्री राजश्री योजना

राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1,6,10 में प्रवेश के उपरांत एवं कक्षा 12 उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं के लिए तृतीय एवं पश्चावर्ती किश्तों के भुगतान हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश

योजना का परिचय:- :-माननीय मुख्यमंत्री महोदया द्वारा वर्ष 2016-17 की बजट घोषणा (124) के अनुसार राज्य में बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने एवं उनके स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत 01 जून 2016 या उस के बाद जन्म लेने वाली बालिकाएं लाभ की पात्र होंगी।

राज्य में बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने एवं उनके स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजना लागू की गई है।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना का उद्देश्य

1. राज्य में बालिका जन्म के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार करते हुए बालिका का समग्र विकास करना ।
2. बालिकाओं के लालन-पालन, शिक्षण व स्वास्थ्य के मामले में होने वाले लिंगभेद को रोकना एवं बालिकाओं का बेहतर शिक्षण व स्वास्थ्य सुनिश्चित करना।
3. संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर मातृ-मृत्यु दर में कमी लाना।
4. बालिका शिशु मृत्यु दर में कमी लाना एवं घटते बाल लिंगानुपात को सुधारना।
5. बालिका का विद्यालयों में नामांकन एवं ठहराव सुनिश्चित करना।
6. बालिका को समाज में समानता का अधिकार दिलाना।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत देय लाभ

प्रत्येक लाभार्थी बालिका के माता-पिता/संरक्षक को योजनान्तर्गत तृतीय एवं पश्चावर्ती किश्तों द्वारा कुल राशि रूपये 45,000 अधिकतम का भुगतान निम्नानुसार किया जाएगा।

  • बालिका के किसी भी राजकीय विद्यालय में प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने पर बालिका के नाम से 4000 रू. की राशि देय होगी।
  • बालिका के किसी भी राजकीय विद्यालय में कक्षा-6 में प्रवेश लेने पर बालिका के नाम से 5000 रू. की राशि देय होगी।
  • बालिका के किसी भी राजकीय विद्यालय में कक्षा-10 में प्रवेश लेने पर बालिका के नाम से 11,000 रू. की राशि देय होगी।
  • बालिका के किसी भी राजकीय विद्यालय से कक्षा-12 उत्तीर्ण करने पर 25000 रू. की राशि देय होगी।

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MUKHYAMANTRI RAJSHREE YOJNA मुख्यमंत्री राजश्री योजना पात्रता एवं शर्ते

  • ऐसी बालिकाएं जिनका जन्म 01 जून 2016 या उसके पश्चात हुआ हो।
  • तृतीय एवं पश्चावर्ती किश्तों के लिए ऐसी बालिकाएं ही लाभ की पात्र होगी जिन्होंने मुख्यमंत्री राजश्री योजना की प्रथम एवं द्वितीय किश्त का परिलाभ प्राप्त किया हो।
  • योजना की अगली किश्त पूर्व में सभी किश्त/किश्तें प्राप्त करने की स्थिति में ही देय होगी।
  • मुख्यमंत्री राजश्री योजना के आतंर्गत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1, 6, 10 में प्रवेश उपरांत एवं कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर बालिकाएं लाभ की पात्र होगी।
  • मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अंतर्गत देय समस्त परिलाभ राजस्थान जन आधार कार्ड के माध्यम से ही देय है।
  • तीसरी एवं पश्चातवर्ती किश्तों का लाभ एक परिवार में अधिकतम दो जीवित संतानों तक ही सीमित होगा अर्थात प्रथम दो किश्तों के अतिरिक्त अन्य किश्तों का लाभ उन्हीं बालिकाओं को देय होगा जिनके परिवार में जीवित संतानों की संख्या दो से अधिक नहीं होगी। इस हेतु निर्धारित प्रकिया के अनुसार माता-पिता को स्वघोषणा पत्र प्रस्तुत/अपलोड करना अनिवार्य होगा।
  • यदि माता-पिता कि ऐसी बालिका की मृत्यु हो जाती है, जिसे एक या दो किश्तों का लाभ दिया जा चुका है तो ऐसे माता पिता की कुल जीवित संतानों में से मृत बालिका की संख्या कम हो जाएगी तथा ऐसे माता पिता के यदि एक बालिका और जन्म लेती है तो वह लाभ की पात्र होगी। तीसरी एवं पश्चातवर्ती किश्तों का लाभ अधिकतम दो जीवित संतानों तक ही सीमित होगा अर्थात तृतीय किश्त (बालिका के राजकीय विद्यालय में कक्षा प्रथम में प्रवेश लेने पर) परिलाभ तभी देय होगा जबकि उसने प्रथम एवं द्वितीय किश्तों का परिलाभ प्राप्त किया हो।
  • उक्त कक्षाओं में पढ़ने के लिए योजना का लाभ केवल एक वर्ष के लिए उपलब्ध होगा यदि कोई बालिका अगले वर्ष में भी उसी समान कक्षा में पढ़ती है तो उसे अगले वर्ष (अथवा बाद के वर्ष के लिए) उसी कक्षा के लिए योजना का लाभ नहीं देय होगा।
  • तीसरी किश्त अर्थात बालिका के प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने पर देय राशि प्राप्त करने हेतु बालिका की माता, माता न होने पर पिता या अभिभावक के द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र में विद्यालय प्रवेश के समय मातृ शिशु कार्ड की प्रति, दो संतानों संबंधी स्वघोषणा पत्र एवं जनआधार कार्ड की प्रति भी उपलब्ध करवानी होगी।
  • प्राप्त पात्र आवेदनों को संस्था प्रधान के माध्यम से शालादर्पण पोर्टल पर ऑनलाईन सबमिट एवं लॉक करने के पश्चात् जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक-मुख्यालय के द्वारा योजना की राशि स्वीकृत कर अभिभावक/संरक्षक के बैंक खाते में राशि का डीवीटी के माध्यम से हंस्तातरण किया जायेगा।
  • योजना के अन्तर्गत चौथी, पांचवी तथा छठी किश्त अर्थात् कक्षा 6 व कक्षा 10 में प्रवेश के समय एवं कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर सम्बन्धित राजकीय विद्यालय द्वारा बालिका की माता, माता न होने पर पिता या अभिभावक/संरक्षक से निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र प्राप्त करने के पश्चात किश्त का भुगतान डीबीटी के माध्यम से ऑनलाईन हस्तान्तरण किया जायेगा।
  • आयोजना विभाग के पत्र क्रमांक एफ 17(18)4/डीईएस/रा.ज.आ.यो./2019 दिनांक 27.11.2019 की अनुपालना में विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक एफ.27(1)(35)(T)/निमअ/SRCW/MRY /2015- 16/6069 दिनांक 26.02.2021 के अनुसार मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत देय समस्त परिलाभ जनआधार कार्ड के माध्यम ऑनलाईन हस्तान्तरण किए जावेंगे।
  • योजना का प्रशासनिक विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग होगा।
  • योजना के अन्तर्गत तृतीय चौथी, पांचवी तथा छठी किश्त अर्थात् कक्षा 1, 6 व कक्षा 10 में प्रवेश के समय एवं कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर सम्बन्धित राजकीय विद्यालय में बालिका के अभिभावक/संरक्षक द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र जमा कराना होगा। पात्र आवेदन शाला दर्पण पोर्टल पर सस्था प्रधान के द्वारा ऑनलाईन प्रविष्ट कर आवश्यक दस्तावेज आवेदन के साथ शालादर्पण पोर्टल पर अपलोड किये जाएगे।

आवेदन सबमिट एवं लॉक करने के पश्चात् एक एप्लीकेशन आई डी जनरेट होगी। शाला दर्पण पोर्टल पर बालिका का जन आधार/आधार ऑथेंटिकेशन (JanAadhar / Aadhar Authentication) करना होगा एवं जन आधार से लिंक बालिका या परिवार के मुखिया के बैंक खाते से सम्बंधित सूचनाओं को अपडेट करना अनिवार्य होगा।


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MUKHYAMANTRI RAJSHREE YOJNA मुख्यमंत्री राजश्री योजना तृतीय एवं पश्चातवर्ती किश्तों की भुगतान दरें निम्नानुसार है –

(राजकीय विद्यालयों में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं हेतु)

क.सं.वर्गकक्षादेय किश्त का विवरणराशि (रुपये)
1छात्रा 1तृतीय किश्त कक्षा 1 में प्रवेश लेने पर 4000/-
2छात्रा6चतुर्थ किश्त कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर5000/-
3छात्रा10पंचम किश्त कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर11000/-
4छात्रा12छठी किश्त कक्षा 12 उत्तीण करने पर25000/-

तृतीय एवं पश्चातवर्ती किश्तों के भुगतान हेतु प्रथम बार आवेदन पत्र के साथ निम्नांकित समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां संलग्न करना आवश्यक है:-

  • Pregnancy-child Tracking and Health Service Management System ID (PCTS ID)
  • दो संतानों सबंधी स्वघोषणा प्रमाण-पत्र (अभिभावक/संरक्षक द्वारा देय)।
  • माता-पिता के जीवित ना होने की स्थिति में माता-पिता के मृत्यु प्रमाण पत्र की संरक्षक द्वारा प्रमाणित प्रति
  • जन-आधार कार्ड की छायाप्रति (अभिभावक/संरक्षक द्वारा प्रमाणित प्रति)
क्रम संख्याआवश्यक डॉक्यूमेंट
1मुख्यमंत्री राजश्री योजना संशोधित दिशा – निर्देश दिनांक 11.02.2022
मुख्यमंत्री राजश्री योजना संशोधित दिशा – निर्देश दिनांक 2.6.2021
2मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अंतर्गत राजस्थान जन-आधार योजना कार्ड विवरण को ऑनलाइन किये जाने के क्रम में
3मुख्यमंत्री राजश्री योजना
4मुख्यमंत्री राजश्री योजना : आवेदन पत्र 
 ( मुख्यमंत्री राजश्री योजना आवेदन पत्र pdf )
5मुख्यमंत्री राजश्री योजना  : दो संतान का घोषणा पत्र 
6मुख्यमंत्री राजश्री योजना ONLINE आवेदन प्रक्रिया

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MUKHYAMANTRI RAJSHREE YOJNA मुख्यमंत्री राजश्री योजना
MUKHYAMANTRI RAJSHREE YOJNA मुख्यमंत्री राजश्री योजना

MUKHYAMANTRI RAJSHREE YOJNA मुख्यमंत्री राजश्री योजना प्रक्रिया

  • मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत बालिका के जन्म पर संस्थागत प्रसव होने की सुनिश्चितता करने तथा बालिका की आयु एक वर्ष पूर्ण होने एवं टीकाकरण की सुनिश्चितता ऑनलाईन करने के उपरांत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा देय राशि बालिका की माता या माता ना होने पर पिता अथवा अभिभावक के बैंक खाते में ऑनलाईन ट्रांसफर की जायेगी। इसके लिये प्रत्येक बालिका को जन्म के समय ही यूनिक आई.डी. न. दिया जायेगा। प्रथम व द्वितीय किश्त प्राप्त करने के लिये पृथक से आवेदन करने की आवश्यकता नही रहेगी।
  • द्वितीय किश्त का लाभ लेने हेतु टीकाकरण के प्रमाण के रुप में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्ड/ममता कार्ड अपलोड करने पर देय होगा।
  • प्रथम एवं द्वितीय किश्त का लाभ बालिका को वर्तमान में संचालित शुभ लक्ष्मी योजना के अनुसार ही चिकित्सा , स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दिया जायेगा।
  • तीसरी किश्त अर्थात् बालिका के प्रथम कक्षा में राजकीय विद्यालय में प्रवेश लेने पर देय राशि प्राप्त करने हेतु बालिका की माता, माता नहीं होने पर पिता या अभिभावक के द्वारा निर्धारित प्रारूप में विद्यालय प्रवेश के समय मातृ शिशु कार्ड की प्रति, दो सन्तान सम्बन्धी स्वघोषणा की प्रति उपलब्ध करवानी होगी। प्राप्त पात्र प्रकरणों की ऑनलाइन स्वीकृति शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत अधिकारियों द्वारा जारी की जायेगी तथा लाभार्थी के खाते में राशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया जाएगा।
  • (A). योजना के अन्तर्गत चौथी, पांचवी व छठी किश्त अर्थात् कक्षा 6 व 10 में प्रवेश के समय एवं कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर सम्बन्धित राजकीय विद्यालय द्वाराबालिका की माता, माता नहीं होने पर पिता या अभिभावक से निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त कर ऑनलाइन राशि का हस्तांतरण किया जावेगा।
    B. आयोजना विभाग के पत्र कमांक एफ 17(18)4/डीईएस/रा.ज.आ.यो./2019 दिनांक 27.11.2019 की अनुपालना में विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक एफ 27(1)(35)(b)/निमअ/SRCW/MRY /2015-16/6069 दिनांक 26.02.2020 के अनुसार मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत देय समस्त परिलाभ जनाधार कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन हस्तांतरण किये जावेंगे।(vi) योजना का प्रशासनिक विभाग महिला एवं बाल विकास होगा।
  • योजना की समीक्षा संबंधित जिला कलक्टर के द्वारा प्रत्येक माह में एक बार की जायेगी।
  • योजना के सफल संचालन हेतु राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के आधार पर योजना का संचालन किया जायेगा एवं समय समय पर समुचित संशोधन व दिशा निर्देश जारी किये जा सकेंगे।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना से सम्बंधित आपके प्रश्न और जबाब 

मुख्यमंत्री राजश्री योजना क्या है व इसे कब से लागू किया गया है?

जबाब – बालिकाओं के समग्र विकास हेतु, बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने एवं उनके स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार करने के लिए, राज्य में 1 जून 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना लागू की गई है। यह योजना मुख्यमंत्री शुभ लक्ष्मी योजना के स्थान पर लागू की गई है।
इस योजना के अन्तर्गत कुल छः किश्तों में योजना के प्रावधान अनुसार प्रत्येक लाभार्थी बालिका के माता -पिता/अभिभावक को कुल राशि रूपये 50000/- अधिकतम का परिलाभ नियमानुसार देय है।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत देय परिलाभ कौन-कौन से चिकित्सा संस्थानों पर दिया जाता है?

जबाब – इस योजना के अतंर्गत राज्य के राजकीय चिकित्सा संस्थानों एवं जननी सुरक्षा योजना में अधीस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थानों में संस्थागत प्रसव पर जीवित बालिका जन्म पर परिलाभ देय है।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत प्रथम किश्त कब व कितनी राशि देय है?

जबाब – इस योजना के अन्तर्गत दिनांक 1 जून 2016 या इसके बाद राज्य के राजकीय चिकित्सा संस्थानों एवं जननी सुरक्षा योजना में अधीस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थानों में जीवित बालिका जन्म पर महिला को 2500/- रूपये की राशि प्रथम परिलाभ के रूप में दी जा रही है, यह राशि जननी सुरक्षा योजना के अतंर्गत देय राशि के अतिरिक्त है।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत देय द्वितीय परिलाभ व अन्य परिलाभ कब कब व कितना देय होगा?

जबाब – इस योजना के अन्तर्गत बालिका के प्रथम जन्म दिवस पर बालिका के उम्र अनुसार सभी आवश्यक टीके लगवाने पर 2500/-रूपये की राशि द्वितीय परिलाभ के रूप में दिनांक 1 जून 2017 से देय होगी। शेष देय परिलाभ योजना के प्रावधान अनुसार चार किश्तों में देय होंगे।
जिसमें बालिका के किसी भी राजकीय विधालय में प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने पर 4000/-रूपये की राशि, बालिका के किसी भी राजकीय विधालय में कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर 5000/-रूपये की राशि, बालिका के किसी भी राजकीय विधालय में कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर 11000/-रूपये की राशि, बालिका के किसी भी राजकीय विधालय में कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर 25000/-रूपये की राशि, बालिका के नाम से देय होगी।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ लिये जाने हेतु क्या-क्या दस्तावेज उपलब्ध करवाने होंगे?

जबाब – संस्थागत प्रसव पर प्रसूता का आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड एवं बैंक खाता विवरण दिये जाने उपरान्त ही देय होगा।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत दिया जा रहा परिलाभ क्या एक से अधिक जीवित बालिकाओ पर भी देय है?

जबाब – इस योजना के अन्तर्गत एक से अधिक बालिका के एक ही प्रसव में होने पर जीवित बालिकाओं की संख्या के आधार पर उतनी ही संख्या में लाभ 2500/- रूपये के गुणांक में देय है।

अगर किसी प्रसुता द्वारा कॉटेज की सुविधा प्राप्त की गई थी तो भी उसे मुख्यमंत्री राजश्री योजना का प्रथम परिलाभ देय होगा?

जबाब – इस योजना का लाभ कॉटेज वार्ड में भर्ती प्रसुताओं को भी देय होगा।

क्या राज्य के बाहर निवासियों को भी देय है?

जबाब – इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के मूल निवासियों को ही देय है। ऐसी प्रसुताएँ जो कि राजस्थान की मुल निवासी है तथा उनका संस्थागत प्रसव राज्य के बाहर हुआ है एवं जननी सुरक्षा योजना का परिलाभ प्राप्त किया है ऐसे केसेज मे भी बालिका के जीवित जन्म का प्रमाण प्रस्तुत करने पर मुख्यमंत्री राजश्री योजना का परिलाभ भी देय होगा।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ कितनी बालिकाओं पर देय होगा?

जबाब – अलग अलग प्रसव पर अधिकतम दो बालिकाएं व एक ही प्रसव में जितनी भी बालिकाएँ जन्मी हो, उनको योजना का लाभ देय होगा।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना के अन्तर्गत देय परिलाभ किस प्रकार एवं किस विभाग द्वारा देय होंगे?

जबाब – इस योजना के अन्तर्गत प्रथम दो परिलाभ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिनांक 01 जून 2016 से अकांउट पेयी चैक के माध्यम से दिये जा रहे है। शेष अन्य परिलाभ महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा तय प्रावधान अनुसार दिये जायेंगे।

बेटियां घर की लक्ष्मी हैं लेकिन कई कारणों से बालिकाओं की जन्म दर कम रही है। बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 1 जून 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना राज्य में शुरू की। इस योजना का उद्देश्य है कि बेटियों की जन्म दर बढ़े, बेटियों को अच्छी परवरिश मिले व बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ें।

विभिन्न चरणों में बालिका के अभिवावकों को आर्थिक सहायता

बालिका के जन्म से लेकर कक्षा 12वीं तक बेटी की पढ़ाई, स्वास्थ्य व देखभाल के लिए अभिभावक को 50,000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। ये राशि निम्न चरणों में दी जाती है।

  • बेटी के जन्म के समय 2500 रुपये
  • एक वर्ष का टीकाकरण होने पर 2500 रुपये
  • पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर 4000 रुपये
  • कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर 5000 रुपये
  • कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर 11000 रुपये
  • कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर 25000 रुपये

लाभ की पात्रता

राजश्री योजना की पहली दो किश्त उन सभी बालिकाओं को मिलेगी जिनका जन्म किसी सरकारी अस्पताल एवं जननी सुरक्षा योजना (जे.एस.वाई.) से रजिस्टर्ड निजी चिकित्सा संस्थानों में हुआ हो। ये दोनों किश्त उनके अभिभावकों को तब भी मिलेगी जिनके तीसरी संतान बालिका हो, किंतु योजना में आगे की किश्तों का लाभ उन्हें नहीं मिल पायेगा। 

राजश्री योजना का लाभ लाभार्थी को सीधा अपने बैंक खाते में मिले, इसके लिए भामाशाह कार्ड से योजना को जोड़ा गया है।

संपर्क करें

राजश्री योजना का लाभ सुविधापूर्वक अपने खाते में प्राप्त करने के लिए भामाशाह कार्ड ज़रूर बनवायें। योजना के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए अपने ज़िले में कार्यक्रम अधिकारी, महिला अधिकारिता या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सम्पर्क करें।

भामाशाह कार्ड की अनिवार्यता

  • योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी का भामाशाह कार्ड अनिवार्य है।
  • 15 मई, 2017 के बाद लाभार्थी का भामाशाह कार्ड होने पर भुगतान सीधे उसके बैंक खाते किया जायेगा।

भामाशाह कार्ड के लिए संपर्क करें

  • लाभ प्राप्त करने के लिए गर्भवती महिला प्रसव पूर्व जांच/एएनसी जांच के दौरान भामाशाह कार्ड एवं भामाशाह कार्ड से जुड़ा हुआ बैंक खाते का विवरण निकटतम आंगनबाड़ी केन्द्र पर ए.एन.एम./आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अथवा राजकीय चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध करवायें।
  • जिन लाभार्थी महिलाओं का भामाशाह नामांकन नहीं हुआ है, ऐसी महिलाएं अपने निकटतम ई-मित्र केन्द्र से भामाशाह कार्ड बनवाकर निकटतम आंगनबाड़ी केन्द्र अथवा राजकीय चिकित्सा संस्थान में विवरण उपलब्ध करवाये।

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विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना की विस्तृत जानकारी

विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना की विस्तृत जानकारी

 STUDENT ACCIDENT INSURANCE SCHEME / विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना : राज्य के अनुदानित एवं गैर अनुदानित विद्यालयों,राजकीय / निजी महाविद्यालयों विश्वविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों की दुर्घटना में मृत्यु अथवा शारीरिक क्षतियों की दशा में विद्यार्थियों के माता / पिता / संरक्षक / पति/पत्नी (वैध मनोनीत )को वीमा आवरण उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार के राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा निधि)द्वारा वर्ष 2002 – 03 से विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना संचालित की जा रही है।

योजना का अवलोकन
योजना का नामराजस्थान विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना।
आरंभ होने की तिथि14/11/1996.
लाभराजस्थान विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत को निमिन्लिखित लाभ प्रदान किये जायेंगे :-पात्र छात्र छात्राओं के दुर्घटना में घायल अथवा मृत्यु होने पर क्षतिपूर्ति दिया जाता है।
नोडल विभागराजस्थान राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग। 
आवेदन का तरीकाऑफलाइन आवेदन पत्र द्वारा।
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STUDENT ACCIDENT INSURANCE SCHEMES योजना के संबंध में महत्वपूर्ण बिन्दु

यह योजना वर्तमान में निम्नानुसार प्रचलित है :-

  • योजना का संचालन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा निधि) के जिला कार्यालयों द्वारा किया जा रहा है।
  • इस योजना के अन्तर्गत निम्न श्रेणियां प्रचलित है :
क.सं.बीमित ग्रूपप्रीनियम प्रति छात्र (कर सहित)बीमा धन (रू.)
1.कक्षा नर्सरी से आठवीं तक25 /- रू०50,000
2.कक्षा 9 से 12वीं तक50/- रू०100000
3.समस्त राजकीय एवं निजी महाविद्यालय, विश्वविद्यालय तकनीकी एवं उच्च शिक्षा100/-रू०200000
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  • विभाग के जिला कार्यालयों को प्रीमियम प्राप्त होने की दिनांक से पॉलिसी एक वर्ष के लिए प्रभावी रहेगी तथा पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पूर्व आगामी वर्ष हेतु प्रीमियम प्राप्त होने पर प्रीमियम प्राप्ति की दिनांक से नई पॉलिसी जारी की जा सकेगी । शिक्षण संस्था द्वारा इस विभाग में प्रीमियम राशि जमा कराने की दिनांक से ही जोखिम वहन की जाएगी। यदि शिक्षण संस्था द्वारा विद्यार्थी से प्रीमियम राशि की वसूली कर ली गई है किन्तु प्रीमियम इस विभाग में देरी से जमा कराया गया है तो प्रीमियम जमा कराने की तिथि से पूर्व दुर्धटना मृत्यु / क्षति की स्थिति में पॉलिसी के तहत भुगतान नहीं किया जायेगा ।
  • बीमित विद्यार्थी की मृत्यु अथवा पॉलिसी में उल्लेखित क्षतियों की स्थिति में पॉलिसी के प्रभावी रहने की अवस्था में भारत में किसी भी स्थान और सामय पर दूर्घटना घटित होने पर योजना का लाभ देय होगा ।
  • इस योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली राशि अन्य किरी भी विधि विधान के अन्तर्गत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि के अतिरिक्त होगी।
  • मृत्यु अथवा शारीरिक क्षति दोनों प्रकार के दावों में दावा राशि विद्यार्थी के माता/पिता /संरक्षक पति/पत्नी (वैध मनोनीत) को देय होगी।
  • राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा निधि) के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक कार्यालय जिला स्तर पर स्थित है । पॉलिसी जारी करने की समस्त प्रक्रिया एवं दावों का निस्तारण जिला कार्यालयों द्वारा किया जाएगा।
  • विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये दावों का भुगतान दावेदार के बैंक खाते में किया जावेगा।
  • दावा प्रपत्र मय दस्तावेज दुर्घटना की तिथि के छ: माह के अन्दर दावेदार द्वारा पूर्ति कर शिक्षण संस्था के प्राचार्य के माध्यम से इस विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है ।
  • दावा प्रपत्र के साथ मृत्यु की स्थिति में पुलिस एफआईआर, एफआर व पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि दस्तावेज एवं क्षति की स्थिति में एफआईआर, ईलाज का विवरण, मेडिकल बोर्ड सर्टिफिकेट आदि दस्तावेज संलग्न किये जावे। इसी प्रकार चिकित्सा पुनर्भरण के प्रकरणों में इलाज विवरण मूल मेडिकल बिल आदि भी संलग्न किये जाये।
  • पॉलिसी अवधि में एक से अधिक दुर्घटना के होने पर बीमाधन से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया जावेगा।
  • पॉलिसी अवधि के बीच में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थी के लिए शार्ट पीरियड रेट्स के आधार पर निम्नानुसार प्रीमियम राशि जमा करायी जावेगी :-
पॉलिसी अवधि के बीच में सम्मिलितवार्षिक प्रीमियम का प्रतिशत
एक माह तक25%
एक माह से अधिक किन्तु 3 माह तक50%
3 माह से अधिक किन्तु 6 माह तक75%
6 माह से अधिक किन्तु 1 वर्ष तक100%
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  • उक्त बीमा योजनान्तर्गत प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी एवं तृतीय श्रेणी हेतु पृथक-पृथक अंडरटेकर रजिस्टर एवं क्लेम रजिस्टर संधारित किये जाएंगे।
  • योजना के तहत दुर्घटना में क्षति / मृत्यु की दशा में ही भुगतान देय है। अतः दुर्घटना के स्पष्ट साक्ष्य तथा क्षति/ मृत्यु का प्रत्यक्ष/आसन्न (Proximate) कारण दुर्घटना ही है, सुनिश्चित होने के पश्चात ही प्रकरण में भुगतान देय होगा दुर्घटना के कारण ही मृत्यु/क्षति कारित होने को साबित करने का दायित्व दावेदार का होगा ।

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  • योजना का संचालन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, राजस्थान, जयपुर (साधारण बीमा योजना) द्वारा किया जा रहा है।
  • योजना का नवीनीकरण प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को किया जाता है।
  • विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना में विद्यार्थी की मृत्यु अथवा अन्य शारीरिक क्षतियों की दशा में योजना के प्रावधानों के अनुसार राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा योजना) द्वारा जारी परिपत्र व प्रतिवर्ष जारी पॉलिसी के अनुसार ही बीमा धन का भुगतान किया जाता है।

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Rajasthan Government Health Scheme Full Information

राज्य के समस्त अनुदानित/ गैर अनुदानित नर्सरी से सीनियर सैकेण्डरी विद्यालय, समस्त राजकीय एवं निजी बी.एड. एवं एस.टी. सी. कॉलेज, समस्त राजकीय एवं निजी इंजीनियरिंग कॉलेज, सगस्त राजकीय एवं निजी पॉलीटेक्नीक कॉलेज, समस्त राजकीय एवं निजी मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज, समस्त राजकीय / निजी महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय आदि के विद्यार्थियों पर योजना लागू होगी।

अनुदानित विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी एवं निजी संस्थाओं के विद्यार्थी जिनका प्रीमियम शिक्षण संस्था द्वारा इस विभाग को प्रपित किया गया है एवं शिक्षण संस्था द्वारा विभाग को प्रेषित सूची में जिनके नाम का उल्लेख है, योजना के अन्तर्गत वीमित विद्यार्थी माने जायेगें।

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इस योजना के अन्तर्गत बीमित अवधि में दुर्घटना में विद्यार्थी की मृत्यु अथवा अन्य शारीरिक क्षति की दशा में योजना के प्रावधानों के अनुसार भुगतान किया जावेगा योजना के अन्न्तगत दुर्घटना में हुई क्षति का आशय किसी ऐसी शारीरिक चोट से है, जो वाहा, हिंसात्मक एवं दृश्य माध्यम (External, Violent, Visible Means) हो। शारीरिक चोट संदर्भित दुर्घटना से ही उत्पन्न हुई होनी चाहिए एवं दुर्घटना से पूर्व अस्तित्व में नहीं होनी चाहिए। स्पष्टतः योजना के अन्तर्गत केवल उन्हीं प्रकरणों पर विचार किया जायेगा जिनमें मृत्यु अथवा शारीरिक क्षति दुर्घटना से उत्पन्न हुई है। यह स्पष्ट किया जाता है कि मृत्यु/क्षति का सीधा संबंध (Proximate Cause) दुर्घटना से होना चाहिए।

क्र. सं.दुर्घटना में हुई क्षति का प्रकारदुर्घटना पर देय लाभ/ बीमाधन प्रतिशत
1दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर100%
2दुर्घटना में दोनों हाथों या दोनों पैरों या दोनों आँखों या एक हाथ एवं एकऑख अथवा एक पैर एवं एक आँख अथवा एक पैर एवं एक हाथ की क्षतिपर100%
3दुर्घटना में एक हाथ अथवा एक पैर अथवा एक आँख की क्षति पर50%
4उपरोक्त क्षति के अलावा अन्य प्रकार की शारीरिक क्षति से बीमाकृत विद्यार्थीके सम्पूर्ण रूप से अयोग्य होने की दशा में100%
5आशिक क्षति की दशा में- (अ) श्रवण शक्ति की क्षति की दशा में :50%
 (ब) एक हाथ के अंगूठे एवं अंगुलियों की क्षतिः40%
 (स) हाथ के अंगूठे की क्षति 1. हाथ के अंगूठे की क्षति (दोनों अंगुलियों की क्षति)25%
 (द) हाथ के अंगूठे के अतिरिक्त अन्य अंगुलियों की क्षति 1. किसी भी अंगुली की समस्त अंगुलस्थियों की क्षति पर10%
 2. किसी भी अंगुली की दो अंगुलस्थियों की क्षति पर8%
 3. किसी भी अगुली की एक अंगुलस्थी की क्षति पर4%
 (य) पांव के अंगूठे एवं अंगुलियों की क्षति की दशा में (1) दोनों पांवों की समस्त पावांगुलियों की क्षति (समस्त अंगुलस्थियों की क्षति20%
 (2) पांव के एक अंगूठे की क्षति (दोनों अंगुलस्थियों की क्षति)5%
 (3) पांव के एक अंगूठे की क्षति (एक अंगुलस्थी की क्षति)2%
 (4) अंगूठे के अतिरिक्त पांव की एक अथवा अधिक अंगुलियों की क्षति (दोनों अंगुलस्थियों की क्षति)1%
6जलने के कारण क्षति :- (1) सम्पूर्ण शरीर के 50 प्रतिशत या अधिक जलने पर50%
 (2) सम्पूर्ण शरीर के 40 प्रतिशत से अधिक किन्तु 50 प्रतिशत से कम जलने पर40%
 (3) सम्पूर्ण शरीर के 30 प्रतिशत से अधिक किन्तु 40 प्रतिशत से कम जलने पर30%
7दुर्घटना के कारण आयी चोट के परिणामस्वरूप 24 घण्टे से अधिक चिकित्सालय (सरकारी या प्राईवेट) में भर्ती रहने पर संबंधित डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी के प्रमाण पत्र एवं दवाई के बिल प्रस्तुत करने पर  निम्नानुसार लाभ देय है।10%
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उक्त योजना में पॉलिसी अवधि के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु होने अथवा क्षति होने पर 100% बीमाधन से अधिक लाभ देय नहीं होगा।

इस योजना के अन्तर्गत हाथ की क्षति से आशय कलाई अथवा इसके ऊपर से पार्थक्य होने से है। इसी प्रकार पैर की क्षति से आशय पैर के टखने (Ankle) अथवा इसके ऊपर से पार्थक्य होने से हैं। इस योजना के तहत हाथ के पार्थक्य (Physical Separation) का आशय कलाई अथवा इसके उपर से पार्थक्य होने से है । इस प्रकार पैर के पार्थक्य (Physical Separation) से आशय टखना (Ankle) अथवा इसके उपर से पार्थक्य होने से है।


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  • योजना का लाभ पाने के लिए छात्र छात्राएं निमिन्लिखित शिक्षा स्थान द्वारा स्वतः नामांकन हो जाएगे :-
    • राजकीय विद्यालय।
    • राजकीय/निजी महाविधालय।
    • विशवविद्यालय।
    • तकनीकी एवं उच्च शिक्षा।
  • इसके पश्चात् छात्र छात्राएं राजस्थान विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करे।
  • अब आप आवेदन पत्र में पूछी गयी सभी जानकारियां पूरी तरह से भर दें।
  • साथ ही सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को भी आप आवेदन पत्र के साथ संलग्न कर दें।
  • सब जानकारी भरने के बाद आवेदन पत्र को सबमिट कर देना होगा।
  • आवेदन जमा हो जाने के पश्चात आवेदन पत्र को सम्बंधित अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जायेगा।
  • आवेदन पत्र को मंजूरी मिल जाने के बाद आवेदक को सूचित कर दिया जायेगा।

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विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के अपवर्जन

योजना के अन्तर्गत प्राकृतिक रूप से या बीमारी के कारण से होने वाली मृत्यु अथवा शारीरिक क्षति पर इस पॉलिसी के अन्तर्गत किसी प्रकार का लाभ देय नहीं होगा योजना के अन्तर्गत निम्न परिस्थितियों में लाभ देय नहीं है :-

  • क. हृदय गति रूक जाने से होने वाली मृत्यु अथवा अन्य क्षति।
  • ख, विभिन्न बीमारियों जैसे कैंसर, टी.बी. इत्यादि से होने वाली मृत्यु अथवा अन्य क्षति ।
  • ग. आत्मक्षति, आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास, पागलपन अथवा किसी विद्यार्थी द्वारा नशीला द्रव्य के प्रयोग के प्रभाव से होने वाली क्षति।
  • घ. चिकित्सा अथवा शल्य क्रिया के दौरान होने वाली क्षति।
  • ड. नाभिकीय विकिरण अथवा परमाणविक अस्त्रों से होने वाली क्षति।
  • च. युद्ध, विदेशी आक्रगण, विदेशी शत्रु के कृत्यों, गृह युद्ध देशद्रोह अथवा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से होने वाली क्षति ।
  • छ. विद्यार्थी द्वारा आपराधिक उद्देश्य से विधि द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन करते समय हुई मृत्यु अथवा क्षति।
  • ज. मोटर वाहन अधिनियम में निर्धारित उम्र से कम उम्र में वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटना से मृत्यु अथवा क्षति।

8. विभाग के जिला कार्यालय के निर्णय से असंतुष्ट होने की स्थिति में दावेदार द्वारा निर्णय की दिनांक से 3 माह की अवधि में निर्णय के रिव्यू / रिविजन हेतु संभागीय अतिरिक्त निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रा० नि० के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रेषित किया जा सकेगा संभागीय अतिरिक्त निदेशकों से निर्णय के विरूद्ध रिव्यू /रिविजन निर्णय दिनांक से 3 माह की अवधि के भीतर निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग,राजस्थान, जयपुर को अपील की जा सकेगी ।

इस योजना के अन्तर्गत जिला कार्यालयों द्वारा जारी की जाने वाली पॉलिरी का प्रारूप संलग्न किया जा रहा है। जिला कार्यालयों द्वारा इसी प्रारूप में पॉलिसी जारी की जानी है। यही पॉलिसी विधिक कार्यों के लिए वैध दस्तावेज के रूप में प्रयोग में लाई जावे। योजना के संचालन हेतु निर्देश, यथावश्यकता समय -समय पर साधारण बीमा निधि कार्यालय द्वारा जारी किये जाएंगे।“

राजस्थान पेशनर अधिकार पत्र Rajasthan Passenger’s Charter

विभाग द्वारा चलाई जा रही छात्र सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना का सटीक विवरण इस प्रकार है

योजनासरकार के छात्रों के लिए। स्कूलोंसरकार के छात्रों के लिए। और निजी कॉलेज / इंजीनियरिंग / पॉलिटेक्निक / मेडिकल / नर्सिंग / बी.एड। / एसटीसी और गैर सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए  
 कक्षा I से VIIIकक्षा IX से XII 
योजना का नामविद्यार्थी सुरक्षा सुरक्षा बीमा योजनाविद्यार्थी सुरक्षा सुरक्षा बीमा योजनावरिष्ठ विद्यार्थी सुरक्षा सुरक्षा बीमा योजना श्रेणी II
प्रीमियमशिक्षा विभाग से प्राप्त सरकार के पूरे समूह के लिए राजस्थान काशिक्षा विभाग से प्राप्त सरकार के पूरे समूह के लिए राजस्थान कारु. 50/- प्रति छात्र
बीमा राशि1,00,000 रु.1,00,000 रु.1,00,000 रु.
STUDENT ACCIDENT INSURANCE SCHEME

STUDENT ACCIDENT INSURANCE

सामान्य बीमा निधि बीमित व्यक्ति को उस सीमा तक और इसके बाद के तरीके से भुगतान करेगी, बशर्ते कि यदि कोई भी बीमित व्यक्ति बाहरी, हिंसक और दृश्य साधनों से हुई दुर्घटना से पूरी तरह से और सीधे होने वाली किसी भी शारीरिक चोट को बनाए रखेगा, तो इसके बाद की राशि के संबंध में विभाग द्वारा निर्धारित अनुसूची में निर्दिष्ट किसी भी बीमित व्यक्ति और दुर्घटना में उपचार व्यय और प्रतिपूर्ति

दुर्घटना से घायल हुए दावेदार को पॉलिसी शर्तों के अनुसार अधिकतम चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के हकदार होने के 24 घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।

योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

राजस्थान विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत को निमिन्लिखित लाभ प्रदान किये जायेंगे :-

क्र. स.वर्गनर्सरी से आठवीं तक9वीं से 12वींराजकीय/निजी महाविधालय,
विशवविद्यालय , तकनीकी
एवं उच्च शिक्षा
1दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर50,0001,00,0002,00,000
2दुर्घटना में दोनों हाथों या दोनों पैरों या दोनों आँखों या एक हाथ एवं एक
आँख अथवा एक पैर एवं एक आँख अथवा एक पैर एवं एक हाथ की क्षति पर
50,0001,00,0002,00,000
3दुर्घटना में एक हाथ अथवा एक पैर अथवा एक आँख की क्षति पर25,00050,0001,00,000
4उपरोक्त क्षति के अलावा अन्य प्रकार की शारीरिक क्षति से बीमाकृत के
सम्पूर्ण रूप से आयोग होने की दशा में।
50,0001,00,0002,00,000
5आंशिक क्षति की दशा में :-
श्रवण शक्ति की क्षति की क्षति की दशा में :-25,00050,0001,00,000
एक हाथ में अंगूठे एवं अंगुलियों की क्षति :-20,00040,00080,000
हाथ के अंगूठे की क्षति:-12,50025,00050,000
किसी भी अंगुली की समस्त अंगुलस्थियो की क्षति पर :-5,00010,00020,000
किसी भी अंगुली की दो अंगुलस्थियो की क्षति पर :-4,0008,00016,000
किसी भी अंगुली की एक अंगुलस्थियो की क्षति पर :-2,0004,0008,000
दोनों पावों की समस्त पांवगुलियो की क्षति10,00020,00040,000
पांव के एक अंगूठे की क्षति (दोनों अंगुलस्थियो की क्षति)25005,00010,000
पांव के एक अंगूठे की क्षति (एक अंगुलस्थियो की क्षति)1,0002,0004,000
अंगूठे के अतिरिक्त पांव की एक अथवा अधिक अंगुलियों की
क्षति (दोनों अंगुलस्थियो की क्षति)
5001,0002,000
6जलने के कारण क्षति :-
सम्पूर्ण शरीर के 50 प्रतिशत या अधिक जलने पर25,00050,0001,00,000
सम्पूर्ण शरीर के 40 प्रतिशत से अधिक किन्तु 50 प्रतिशत से कम जलने पर20,00040,00080,000
सम्पूर्ण शरीर के 30 प्रतिशत से अधिक किन्तु 40 प्रतिशत से कम जलने पर15,00030,00060,000
7दुर्घटना के कारण आयी चोट के परिणामस्वरूप 24 घंटे से अधिक चिकित्सालय
(सरकारी या प्राइवेट) में भर्ती रहने पर संबंधित डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी के
प्रमाण पत्र एवं दवाई के बिल प्रस्तुत करने पर नियमनुसार लाभ देय है।
5,00010,00020,000
STUDENT ACCIDENT INSURANCE SCHEME

Note : यह स्पष्ट किया जाता है कि मृत्यु अथवा क्षति का सीधा संबंध दुर्घटना से होना चाहिए, दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर बीमा धन Rs.100000 देय होगा इसके अलावा दुर्घटना में दोनों हाथों या दोनों पैरों या दोनों आंखों या एक हाथ या एक आंख अथवा एक पैर एवं एक आंख अथवा एक पैर एवं एक हाथ की क्षति होने पर भी Rs. 100000 बीमा धन देय होगा। इसके अलावा अन्य क्षतियो की स्थिति में विभाग द्वारा निर्धारित अलग-अलग बीमा धनराशि देय होगी।

अपवाद / Exceptions : बीमित व्यक्ति की मृत्यु, चोट या विकलांगता के संबंध में मुआवजे के लिए इस पॉलिसी के तहत सामान्य बीमा कोष उत्तरदायी नहीं होगा जैसे-

  • जानबूझकर आत्म-चोट, आत्महत्या या आत्महत्या के प्रयास से
  • शराब या ड्रग्स या ऐसे किसी भी पदार्थ के प्रभाव में रहते हुए, चाहे वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके कारण हुआ हो या इसके द्वारा योगदान दिया गया हो
  • एविएशन या बैलूनिंग में संलग्न होने के दौरान, या दुनिया में कहीं भी किसी भी विधिवत लाइसेंस प्राप्त मानक प्रकार के विमान में एक यात्री (किराया भुगतान या अन्यथा) के अलावा किसी भी गुब्बारे या विमान में चढ़ते समय, उतरते या यात्रा करते समय
  • प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी बीमारी या पागलपन के कारण होता है
  • बीमित व्यक्ति द्वारा आपराधिक मंशा के साथ या उसके बिना कोई उल्लंघन या कानून करने के परिणामस्वरूप उत्पन्न होना या उत्पन्न होना। 
  • प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध, आक्रमण, विदेशी शत्रु के अधिनियम, शत्रुता (चाहे युद्ध घोषित हो या नहीं), गृहयुद्ध, विद्रोह, क्रांति, विद्रोह, विद्रोह, सैन्य या हड़पने वाली शक्ति, जब्ती, कब्जा, गिरफ्तारी, संयम से जुड़ा या पता लगाने योग्य और सभी राजाओं, राजकुमारों, किसी भी राष्ट्र की स्थिति या गुणवत्ता के लोगों की हिरासत।
  • प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी परमाणु ईंधन या परमाणु ईंधन के दहन से किसी भी परमाणु कचरे से रेडियोधर्मिता या रेडियोधर्मिता द्वारा विकिरण या संदूषण से उत्पन्न होने या उत्पन्न होने में योगदान देता है। इस अपवाद के प्रयोजन के लिए, दहन में परमाणु विखंडन की कोई भी आत्मनिर्भर प्रक्रिया शामिल होगी।
  • प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से परमाणु हथियार सामग्री के कारण या योगदान के कारण या उत्पन्न होता है।

सर्जिकल अपवर्जन खंड

इस पॉलिसी के तहत बीमा किसी सर्जिकल ऑपरेशन के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से होने वाली मृत्यु या विकलांगता को कवर करने के लिए विस्तारित नहीं होगा, इसमें योगदान दिया गया है या बढ़ गया है या लंबे समय तक रहा है।

दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु के मामले में आवेदक परिवहन के अनधिकृत साधनों से यात्रा कर रहा है जैसे कि अधिक भीड़ वाली जीप, जुगाड़, बस या ट्रेन की छत आदि।

STUDENT ACCIDENT INSURANCE SCHEMES

नामांकन / Nomination

जिन व्यक्तियों को नामिती के रूप में नियुक्त किया जा सकता है:-

  1.  बीमित व्यक्ति के पिता या माता।
  2.  सौतेली माता/पिता, भाई, बहन यदि नामांकन के समय उपरोक्त (A) में उल्लिखित कोई भी संबंध जीवित नहीं है।

किसी भी व्यक्ति का नामांकन यदि (A) में उल्लिखित कोई संबंध जीवित है तो उसे शून्य और शून्य माना जाएगा।

दावा / CLAIM

किसी भी घटना के होने पर, जो इस नीति के तहत दावे को जन्म दे सकती है, सभी विवरणों के साथ लिखित सूचना GIF को तुरंत दी जानी चाहिए।

मृत्यु के मामले में, मृत्यु के लिए भी लिखित नोटिस, जब तक कि उचित कारण नहीं दिखाया जाता है, नजरबंदी / दाह संस्कार से पहले दिया जाना चाहिए और किसी भी मामले में, मृत्यु के बाद एक कैलेंडर महीने के साथ और दृष्टि की हानि या अंगों के विच्छेदन की स्थिति में लिखित सूचना दी जानी चाहिए। इस तरह की दृष्टि या विच्छेदन के बाद एक कैलेंडर महीने के भीतर नोटिस भी दिया जाना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज व प्रक्रिया- दुर्घटना की स्थिति में राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, राजस्थान, जयपुर द्वारा जारी दावा प्रपत्र छात्र/अभिभावक/संरक्षक के द्वारा प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य स्वयं हस्ताक्षरित कर संबंधित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी/जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय/जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा के प्रति हस्ताक्षर एवं अग्रेषण पत्र के साथ संबंधित जिले के राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग कार्यालय को अविलंब प्रेषित किये जाने चाहिये ।

प्रकरण के साथ निम्नांकित दस्तावेज संलग्न करें-

  • बीमा के क्लेम हेतु राज्य बीमा एवं प्रावधाई निधि विभाग राजस्थान जयपुर द्वारा जारी दावा प्रपत्र
  • एफ. आई. आर. की प्रति
  • पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की प्रति
  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • संस्था प्रधान का प्रमाण पत्र
  • दावेदार के बैंक पासबुक की प्रति
  • विद्यालय द्वारा विद्यार्थी दुर्घटना बीमा योजना की फीस के चालान की प्रति
  • उपचार रिपोर्ट
  • पंचनामा और नक्ष मोका
  • गवाह का बयान
  • एमटीआई रिपोर्ट
  • मूल प्रस्ताव प्रपत्र घटना की तारीख से 2 महीने तक प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

6 महीने के बाद कोई दावा फॉर्म पर विचार नहीं किया जाएगा।

इस पॉलिसी के नवीनीकरण पर बीमित व्यक्ति किसी भी बीमारी, शारीरिक दोष या दुर्बलता के लिए फंड को लिखित रूप में नोटिस देगा, जिसके साथ पिछले पूर्ववर्ती प्रीमियम के भुगतान के बाद से कोई भी बीमित व्यक्ति प्रभावित हुआ है।

क) सभी आवेदन एक ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किए ।

ख) शिक्षा मंत्रालय भी पोर्टल में डेटा प्रविष्टि के दौरान पोर्टल में समय पर प्रवेश और तकनीकी और परिचालन मुद्दों के समाधान के बारे में राज्यों/संघशासित प्रदेशों के साथ फिर से समन्वय होगा।

ग) एम ओ ई विकास और पोर्टल के लिए पूरा खर्च वहन करेगा ।

घ) राज्य/संघ राज्‍यक्षेत्रों के मामले में शिक्षक और विद्यालय प्रमुख स्वयं निर्धारित कट-ऑफ तारीख से पहले वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पत्र भरकर सीधे आवेदन करेंगे ।

ङ) प्रत्येक आवेदक प्रवेश पत्र के साथ ऑनलाइन, एक पोर्टफोलियो जमा करेगा । पोर्टफोलियो में सभी संबंधित सहायक सामग्री जैसे दस्तावेज़, उपकरण, गतिविधियों की रिपोर्ट, क्षेत्र का दौरा, तस्वीरें, ऑडियो या वीडियो आदि शामिल होंगे।

च) आवेदक द्वारा घोषणा: प्रत्येक आवेदक यह घोषणा पत्र देगा कि सभी दी गई जानकारी/डेटा उसकी/उसके ज्ञान के अनुसार सही है और अगर बाद की तारीख में कुछ भी असत्‍य पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

Student Safety Accidental Insurance Policy (Class 1 to 8) 2020-21/6Download
Student Safety Accidental Insurance Policy (Class 9 to 12) 2020-21/7Download
Student Safety Accidental Insurance PolicyDownload
Student Safety Accidental Insurance Policy 2020-21Download
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 1 to 8)- 19-20Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 9 to 12)- 19-20Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 1 to 8)- 18-19Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 9 to 12)- 18-19Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 1 to 8)- 17-18Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 9 to 12)- 17-18Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 1 to 8)- 16-17Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 9 to 12)- 16-17Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 1 to 8)- 15-16Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 9 to 12)- 15-16Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy Category I 2014-15Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 1 to 8)- 14-15Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 1 to 8)- 14-15Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 9 to 12)- 14-15Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 1 to 8)- 13-14Download 
Student Safety Accidental Insurance Policy(Class 9 to 12)- 13-14Download 
SSAI_RAMA_U Policy 13-14Download 
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कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन

कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन

Benefits of the State Insurance Policy / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन : नमस्कार कर्मचारी बंधुओं, राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ और पॉलिसी का बीमा धन क्या होता है और किन परस्थितियो मे हमें राज्य बीमा का लाभ मिल सकता है? इसमें हम कितनी कटौती करवा सकते हैं? साथ ही इसमें अगर कोई परिवर्तन हो तो वो परिवर्तन भी किस प्रकार होते हैं, इन सभी के बारे में विस्तार से जानकारी है। वो हमने हमारे एक्स्पर्ट साथियों से और एसआईपीएफ के महत्वपूर्ण अधिकारियों / कर्मचारियों से चर्चा के बाद यहाँ पर आपसे शेयर की है। उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आएगी और आप इस जानकारी को अधिकतम साथियों के साथ शेयर करेंगे।

 Benefits of the State Insurance Policy  / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन :
Benefits of the State Insurance Policy / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन :

Benefits of the State Insurance Policy

प्रश्न -1 हमारे प्रिंसिपल की sso id खोलने पर si further show नही हो रहा है बल्कि si first declaration show हो रहा है si की कटौती बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिये।

उत्तर- ऐसी स्थिति में कार्मिक के SI से सम्बंधित data आदिनांक अद्यतन नहीं होने के कारण हो सकता है अतः आप SSO DDO login से सम्बंधित कार्मिक की सम्पूर्ण Employee Details Update करें। साथ ही अगर कार्मिक का स्थानांतरण किसी दूसरे जिले में हुआ है तो उसे Pull करें उसका SI Bag अभी भी पूर्व SI Office में विद्यमान है तो ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए आप सम्बंधित SI office से सम्पर्क करें।

प्रश्न 2- एक कार्मिक की जन्मतिथि 1 जुलाई 1965 है। क्या वह इस मार्च 2020 के वेतन में राज्य बीमा कटौती बढ़वा सकता है ?

उत्तर- नियमानुसार कार्मिक की आयु 1 अप्रैल 2020 को 55 वर्ष से कम होनी चाहिए। यहाँ कार्मिक की आयु 55 वर्ष जुलाई में होगी अतः Further Contract का लाभ ले सकता है।

प्रश्न 3- किसी कार्मिक की प्रथम बार राज्य बीमा कटौती हो रही है। मेरा प्रश्न यह है कि क्या वह कार्मिक दो स्लैब आगे राज्य बीमा कटौती करवा सकता है ?

उत्तर- हाँ बिल्कुल करवा सकता है। कोई भी बीमित व्यक्ति अपनी इच्छा से उसके विद्यमान वेतन स्लैब पर लागू premium दर से अगले दो slabs तक premium दर में वृद्धि करवा सकता है।(Rules 11(2)/Dated 30.10.2017)

प्रश्न 4- मैं पहले से ही राज्य बीमा कटौती दो स्लैब आगे कटवा रहा था अब नई राज्य बीमा कटौती में कटौती कम कराना चाहता हूं। क्या यह सम्भव है ?

उत्तर-यदि समय समय पर SI प्रीमियम दरों में वृद्धि होती हैं और यदि कार्मिक ने पूर्व में ही Further Contract करवा रखा है और वर्तमान में प्रीमियम दरें परिवर्तित हो गई हैं तो ऐसे में कार्मिक चाहें तो पुनः Further Contract का लाभ ले सकते हैं परंतु राज्य बीमा के नियम-13 के अनुसार पूर्व के प्रीमियम को कम नहीं करवा सकते। यदि किसी कार्मिक ने भूलवश कम करवा भी लिया तो भविष्य में उसे Risk Cover व Loan लेने सम्बंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

प्रश्न 5- जिनकी राज्य बीमा कटौती पूर्व में 1300 या 1800 हो रही हैं। क्या उनकी अब स्लैब के अनुसार कम से कम 2200 करना है ?

उत्तर- हाँ। अगर आपका प्रीमियम नए स्लैब्स के अनुसार स्वीकृत प्रीमियम से ज्यादा/बराबर कट रहा है तो ऐसी कोई बाध्यता नहीं है । परन्तु आप स्लैब्स के अनुसार स्वीकृत प्रीमियम दर से कम नहीं कर सकते। बढ़ाने का सीधा फायदा बीमित व्यक्ति की जोख़िम राशि और Loan लेने पर पड़ेगा। वैसे शेष पॉलिसियों से SI कार्मिकों के लिए बेहतर है।

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राज्य बीमा (State Insurance Scheme for Rajasthan Government employees.) राज्य कर्मचारियों, पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों तथा सरकार द्वारा नियमित किये गये वर्कचार्ज कमचारियों का राज्य सरकार से अनुबंध है जिसके अन्तर्गत बीमेदार द्वारा बीमाकर्ता (राज्य बीमा विभाग) को नियमित प्रीमियम देने पर बीमेदार अथवा उसके मनोनीत को किसी घटना विशेष के घटित होने पर पूर्व निश्चित धन राशि के भुगतान हेतु आश्वस्त किया जाता है अथवा सेवानिवृत्ति पर बीमाधन एवं देय बोनस राशि का भुगतान किया जाता है।

बीमानुबंध में प्रविष्टि पर बीमेदार की आगामी वर्षगांठ पर आयु एवम् उसके द्वारा देय प्रीमियम के आधार पर राशि, जो कि घटना विशेष के घटित होने पर देय है, बीमाधन कहलाती है।

राज्य बीमा योजना (State Insurance Scheme) राज्यकर्मियों के जीवन पर जोखिम वहन करने वाली एक कल्याणकारी योजना है जिसके द्वारा बचत को प्रोत्साहन देने के साथ साथ राज्यकर्मी तथा उसके परिजनों को आर्थिक सम्बल प्राप्त होता है।

राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम, 1998 के अन्तर्गत यह योजना लागू है। पूर्व में यह योजना वर्ष 1953 के नियमों के अन्तर्गत लागू थी ।

योजना विभिन्न चरणों में निम्न प्रकार से लागू की गयी है –

  • 01.08.1943 से तत्कालीन जयपुर रियासत के कर्मचारियों पर,
  • 01.01.1954 से राजस्थान सरकार के कर्मचारियों पर,
  • 01.04.1989 से पंचायत समिति एवम् जिला परिषद् के कर्मचारियों पर,
  • 01.04.1995 से राज्य सरकार द्वारा नियमित किये गये वर्कचार्ज कर्मचारियों पर अनिवार्य रूप से तथा
  • 01.04.1998 से सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों राजस्थान सरकार के अधीन के किसी पब्लिक सैक्टर उपक्रम के अधीन पद धारण करने वाले किसी कर्मचारी का इस बीमा स्कीम के अधीन बीमा करने के के लिये स्वतंत्र होगा यदि उक्त उपक्रम के 50 प्रतिशत या उससे अधिक कर्मचारी बीमा कराने के लिये सहमत हों एवम् राजस्थान केडर के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर ऐच्छिक रूप से ।

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  • जिनकी आयु 1/4/20 को 55 वर्ष या उससे अधिक हो रही है उनकी SI की कटौती यथावत रहेगी उनके कोई वर्द्धि नही होगी।
  • कटौती का निर्धारण नई स्लैब में अपने बेसिक pay के अनुसार देखे। एवम उसके अनुसार कटौती करनी है तो कुछ भी सम्मिट नही करना है।
  • यदि स्लैब के अनुसार एक या दो स्टेप आगे की कटौती बढानी है तो FURTHER सम्मिट करे।
  • SI की वर्तमान कटौती किसी भी स्थिति में कम नही हो सकती है।
  • जिनके मार्च तक प्रोबेशन पूरा हो गया है एवं स्थाईकरण के बाद वेतन का निर्धारण हो चुका है उनको पहली बार SI की कटौती करनी जरूरी है इनको फर्स्ट डिक्लेरेशन सम्मिट करना है।
  • मार्च 20 तक प्रोबेशन पूरा हो चुका है परंतु स्थाईकरण आदेश जारी नही हुए है उनको स्थाईकरण के बाद नया वेतन निर्धारण होने के बाद बनने वाले एरियर से SI की कटौती मार्च 20 से हो जाएंगी।
  • DDO लॉगिन से भी FURTHER एवम FIRST डिक्लेरेशन सम्मिट करने का ऑप्शन भी शुरू हो गया है।
  • प्रिंसिपल सेवा निवृत्त हो गये है या ट्रांसफर हो गया है तो जिसके पास 03 पवार है या कार्यवाहक की SSO ID में DDO ROLE में उनको ऐड करे अन्यथा सभी सम्मिट फॉर्म पुराने DDO की SSO ID पर जाएंगे इस हेतु SIPF के पुराने USER ID एवं पासवर्ड ध्यान होना जरूरी है।
  • पासवर्ड याद नही हो तो SIPF PORTAL HELP LINE पर पासवर्ड री सेट के लिए ईमेल करे या GPFआफिस संपर्क करे।
  • कोई कर्मचारी ट्रांसफर से आपके पास आया है तो DDO लॉगिन से पहले SIPF की ID PULL करे अन्यथा उसके सम्मिट फॉर्म पुराने DDO के पास जायेंगे।

कर्मचारी के सेवा में प्रविष्ट होने के दो वर्ष (परिवीक्षा काल ) पूर्ण होने के पश्चात् आने वाले मार्च से कर्मचारी बीमित होगा। इसके लिए मार्च माह के वेतन में प्रीमियम की प्रथम कटौती की जाती है। कर्मचारी के वेतन में वृद्धि होने अथवा बीमा की खण्ड दर में परिवर्तन होने पर बढ़ी हुई दर पर प्रीमियम की कटौती भी आगामी मार्च माह के वेतन से दिये जाने का प्रावधान है।

राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प.13 (21) वित्त / राजस्व / 76 पार्ट जयपुर दिनांक 13.03.2020 के अनुसार वर्तमान में प्रीमियम की कटौती दर निम्न प्रकार है:

क्रम संख्यावेतन स्लेब / पे स्लेबन्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी
अनिवार्य है।
अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई
जा सकती है।
122000 तक8002200
222001 से 2850012003000
328501 से 4650022005000
446501 से 7200030007000
572001 से अधिक50007000
6अधिकतम70007000

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।

वेतन खण्ड के लिए निर्धारित प्रीमियम की कटौती करवाना अनिवार्य है। हाँ, यदि कोई बीमेदार चाहे तो स्वेच्छा से अपने वेतन खण्ड से आगामी दो वेतन खण्डों के लिए निर्धारित दर पर कटौती करवाकर अधिक बीमाधन के लिए भी बीमित हो सकता है। लेकिन वेतनखण्ड 05 के अन्तर्गत आने वाले बीमेदार अधिकतम 7000/- रू. प्रतिमाह तक की ही कटौती करवा सकते हैं।

हॉ, इस योजना के अन्तर्गत जमा प्रीमियम राशि पर धारा 80ब आयकर अधिनियम 1961 के अन्तर्गत आयकर में छूट का प्रावधान है।

हाँ, राज्य सरकार बीमा संविदाओं के अन्तर्गत देय लाभों के राज्य की संचित निधि से भुगतान की गारण्टी देती है।

परिपक्वता / मृत्यु / अध्यपर्ण राशि का योजना के अन्तर्गत निम्न परिस्थितियों में भुगतान देय है:
बीमेदार की मृत्यु होने पर उसके मनोनीत को,
पॉलिसी की परिपक्वता तिथि पर बीमेदार को,
पॉलिसी की परिपक्वता तिथि से पूर्व बीमेदार राज्य सेवा छोड़ने या उसे सेवा से अलग कर दिये जाने पर उसके द्वारा अन्य किसी विकल्प को न चुनने की स्थिति में बीमेदार को अध्यर्पण राशि का भुगतान किया जाता है।

प्रीमियम के बदले बीमेदार को पॉलिसी की परिपक्वता तिथि पर बीमाधन मय बोनस प्राप्त होता है। परिपक्वता तिथि से पूर्व बीमेदारकी मृत्यु होने पर उसके मनोनीत को बीमाधन की दो गुनी राशि का भुगतान मय बोनस किया जाता है।

परिपक्वता तिथि से पूर्व राज्य सेवा से अलग हो जाने वाले बीमेदारों के प्रकरणों में उनके द्वारा अध्यर्पण भुगतान के विकल्प का चयन करने की स्थिति में, अध्यर्पण राशि (सेवा से अलग होने तक की पॉलिसी अवधि से सम्बन्धित अध्यर्पण गुणांक के आधार पर निर्धारित) का भुगतान किया जाता है।

राज्य बीमा पॉलिसियों के बीमाधन की गणना हेतु योजना में बीमेदार की प्रविष्टि पर आयु हेतु गुणक निर्धारित है। बीमेदार की आगामी वर्षगांठ पर आयु से सम्बन्धित गुणांक को उसके द्वारा देय मासिक प्रीमियम से गुणा कर बीमाधन निर्धारित किया जाता है।

कालान्तर में निर्धारित प्रीमियम दर से अधिक कटौती की स्थिति उत्पन्न होने पर देय अतिरिक्त बीमाधन की गणना भी उपर्युक्तानुसार की जाती है।

वर्तमान में विभाग द्वारा केवल सावधि (एण्डोमेंट) पॉलिसी जारी की जाती है। पूर्व में सावधि पालिसी के अतिरिक्त आजीवन पालिसी भी जारी की जाती थी।


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सावधि बीमा पॉलिसी पर चार प्रकार के बोनस देय हैं:

रिवर्शनरी बोनस:– यह बोनस प्रति वर्ष बीमा निधि के मूल्यांकन के आधार पर मूल्यांकन अवधि के अंत में प्रवृतमान पॉलिसियों हेतु राज्य सरकार द्वारा घोषित दर से दिया जाता है। वर्ष 2015-16 के लिए रिवर्शनरी बोनस की दर सावधि पॉलिसी पर 90/- प्रति हजार बीमाधन प्रति वर्ष है एवम् प्रवृतमान आजीवन पॉलिसी पर 112.5 /- प्रति हजार बीमाधन प्रतिवर्ष है।

  • अंतरिम बोनस:-  यह बोनस किसी वर्ष रिवर्शनरी बोनस घोषित न किये जाने की स्थिति में घोषित वर्ष के रिवर्शनरी बोनस की दर के आधार पर दिया जाता है।
  • अतिरिक्त बोनस:– यह बोनस पूर्व में जारी समाश्वासनो (एश्यारेंसेज) पर सेवा निवृति की आयु में परिर्वतन के कारण मूल्यांकक (एक्च्यूरी) द्वारा निर्धारित गुणांक की दर से दिया जाता है।
  • टर्मिर्नल बोनस:- यह बोनस बीमा पॉलिसी के पूर्ण अवधि तक जारी रहने की स्थिति में दिया जाता है। वर्ष 2015-16 की समाप्ति पर इसकी दर 4 /- प्रति हजार बीमाधन प्रति वर्ष है।

बोनस निर्धारण हेतु योजना के अन्तर्गत वर्ष की प्राप्तियों, भुगतान, ब्याज प्राप्तियाँ एवम् प्रबन्धकीय व्यय के आधार पर सम्पतियों एवम् दायित्वों की बैलेन्सशीट तैयार की जाती है। बैलेन्सशीट में अधिशेष की स्थिति में मूल्यांकक कुल बीमाधन के आधार पर प्रति हजार बीमाधन के लिए बोनस दर की अनुशंषा करता है। मूल्यांकक की अनुशंषा के आधार पर राज्य सरकार राज्य बीमा पॉलिसी पर बोनस के आदेश जारी करती है। स्वत्व राशि के निर्धारण के समय विभिन्न अवधियों के लिए घोषित बोनस दरों के अनुसार बीमाधन पर बोनस राशि की गणना की जाती है।

निधि में जमा राशि पर राज्य सरकार द्वारा ब्याज दिया जाता है। वर्तमान में राज्य सरकार के आदेश क्रमांक एफ4 (99) एफडी / रेवेन्यु / 92 दिनांक 17.04.2020 के द्वारा इसकी दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक है।

योजना के अन्तर्गत बीमेदार द्वारा कुछ शर्तों के अधीन ऋण प्राप्त किया जा सकता है ।

अधिक कटौती 55 वर्ष की आयु तक की जा सकती है।

वर्तमान में दिनांक 01.04.2020 से बीमा ऋण पर बीमेदार से लिये जाने वाले ब्याज की दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक है। नवीन बीमा नियमों के अन्तर्गत निधि पर देय एवम् ऋण प्रकरणों में लागू ब्याज दर में समानता निधि द्वारा अर्जित ब्याज के परिप्रेक्ष्य में लाई गई है।

बीमाकृत व्यक्ति अपने पति / पत्नि, संतान / संतानों, भ्राता (भ्राताओं), बहिन (बहिनों), पिता या माता को नाम निर्देशिती रूप में नियुक्त करने का हकदार होग। यदि नाम निर्देशन करते समय उल्लेखित कोई भी संबंधी जीवित नही है तो, अन्य व्यक्ति को अपने नाम निर्देशिती के रूप में नियुक्त करने का हकदार होगा।

परन्तु यह कि बीमाकृत व्यक्ति के विवाह के पूर्व किसी भी व्यक्ति के पक्ष में किया गया और तत्पश्चात रद्द नही किया गया नाम निर्देशन उसके विवाह के पश्चात उसी पत्नि / पति के पक्ष में स्वतः रद्द किया हुआ समझा जायेगा ।

बीमाकृत व्यक्ति को उसकी सेवानिवृत्ति के ठीक पश्चात् आने वाले 31 मार्च तक बीमे को जारी रखने की अपनी इच्छा व्यक्त करने को विकल्प होगा। ऐसी स्थिति में बीमाकृत राशि, विस्तारित अवधि के बोनस सहित, उसकी सेवानिवृत्ति के ठीक पश्चात आने वाले प्रथम अप्रैल को संदेय होगी।

राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-

 वेतन स्लेब / पे स्लेबन्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी
जानी अनिवार्य है।
अधिकतम प्रीमियम कटौती
करवाई जा सकती है।
0122000 तक8002200
0222001 से 2850012003000
0328501 से 4650022005000
0446501 से 7200030007000
0572001 से अधिक50007000
06अधिकतम70007000

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सातवें वेतन आयोग के अनुसार सामान्यतः कर्मचारियों का मूल वेतन 22001 से 28500 एवं 28501 से 46500 के बीच है इन दोनों बेतन स्लेव के मुताबिक न्यूनतम व अधिकतम प्रिमियम के आधार पर वार्षिक वोनस की गणना कर आपको इस पालिसी के न्यूनतम कटोती एवं अधिकतम कटौती के अन्तर एवं लाभ को समझाया जा रहा है ।

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20 साल का एक कर्मचारी एक वर्ष में 21600 रुपये अधिक प्रीमियम का भुगतान कर 94284 रुपये एवं 25 वर्ष आयु का एक कर्मचारी वर्ष में 33600 रुपये अधिक भुगतान कर 122976 रुपये का अधिक बोनस लाभ प्राप्त कर सकेगा। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी को इस पॉलिसी पर न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा व सेवानिवृति पर अत्यधित आर्थिक परिलाभ दिया जाता है। किसी कार्मिक के साथ अनहोनी घटित हो जाने के बाद उसके परिवार को इस योजना के तहत बहुत अधिक आर्थिक सम्बल मिलेगा।

नियमों की जानकारी के अभाव में हम केवल न्यूनतम कटोती करवाये जाने के कारण इस कल्याणकारी योजना से मिलने वाले अधिकतम बोनस का फायदा नहीं उठा पाते है। अधिकतर कर्मचारी आयकर से छूट हेतु एल.आई.सी. या पी.एल.आई. या अन्य कम्पनियों की बीमा योजना का सहारा लेते है जबकि उक्त योजना में परिलाभ उपर्युक्त बीमा कम्पनियों की योजनाओं से दुगुना है। राज्य बीमा योजना अतिलाभकरी बीमा योजना है।

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राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक कार्मिक की अनिवार्यता राज्य बीमा पॉलिसी की जाकर उसके वेतन से प्रतिमाह प्रिमियम की कटौती की जाती है। राज्य बीमा पॉलिसी के बीमा धन की गणना हेतु निम्न सूचनाओं की आवश्यकता होती हैं।

1. बीमा कटौती प्रारम्भ होने की तिथि (DOR) : राज्य बीमा योजना में प्रथम व अधिक कटौती सदैव माह मार्च देय अप्रैल के वेतन से ही होती हैं अतः प्रथम अप्रैल को बीमा कटौती की जोखिम वहन तिथि कहलाती हैं।

2. कर्मचारी की जन्म तिथि : प्रत्येक बीमित कर्मचारी की जन्म तिथि

3. कर्मचारी की आयु कर्मचारी की जोखिम बहन तिथि पर आयु ज्ञात करना जिससे जोखिम तिथि या उसके बाद अगली जन्म तिथि पर आयु क्या होगी।

आयु ज्ञात करने के आधारए कार्मिकबी कार्मिक
अनुबंध तिथि (DOR )01.04.201801.04.2018
कर्मचारी की जन्म तिथि05.04.200005.02.1988
अन्तर00.00.001800.02.0030
अनुबंध तिथि पर आयु18 वर्ष31 वर्ष

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4. बीमा पॉलिसी की अवधि वर्तमान में राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु 60 वर्ष हैं अतः कार्मिक को 60 वर्ष की आयु तक प्रिमियम चुकाना हैं अतः बीमा पॉलिसी की अवधि सेवानिवृति की आयु तक होती हैं। जैसे सेवानिवृति आयु (60–18) वर्ष = 42 वर्ष बीमा अवधि, सेवा निवृति आयु (60-31 ) वर्ष = 29 वर्ष बीमा अवधि है।

5. बीमा प्रिमियम राशि : राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर वेतन खण्ड के आधार पर बीमा प्रिमियम निर्धारित किया जाता हैं जो वर्तमान में इस प्रकार हैं-

 वेतन स्लेब / पे स्लेबन्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है।अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई जा सकती है।
0122000 तक8002200
0222001 से 2850012003000
0328501 से 4650022005000
0446501 से 7200030007000
0572001 से अधिक50007000
06अधिकतम70007000

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।

6. बीमा परिपक्वता तिथि: सेवानिवृत माह के अगले 1 अप्रैल को बीमा पॉलिसी परिपक्व होती है एवं बीमित को बीमा पॉलिसी का परिलाभ का भुगतान किया जाता है।

7. एक रुपये की प्रिमियम देय बीमाधन : 1 रुपये की प्रिमियम पर देय बीमा धन की गणना निम्नलिखित तालिका से जोखित वहन तिथि पर ज्ञात आयु के फेक्टर को 1 रुपये का बीमा धन माना जाता है।

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एक रुपया प्रिमियम का बीमाधन

बीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ
होने पर कर्मचारी की आयु
बीमा धनबीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ
होने पर कर्मचारी की आयु
बीमा धन
1862235314
1960236298
2058237282
2156238265
2254439251
2352540237
2450741224
2548842210
2647043196
2745144182
2843345169
2941546155
3039847144
3138148132
3236449121
3334850109
34331

insurance amount on deduction of re 1/- premium in SI Policy

8. बीमाधन- एक रुपया के बीमाधन फेक्टर को प्रिमियम से गुणा करके ज्ञात किया जाता हैं जिसकी सरलतम गणना निम्न काल्पनिक सारणी से-

बीमाधन गणना के बिन्दुए कर्मचारीबी कर्मचारी
DOR01.04.201801.04.2018
DOB05.04.200005.02.1988
आयु00.00.001800.02.0030
अवधि18 वर्ष31 वर्ष
प्रिमियम13003000
DOM01.04.206101.04.2048
बीमाधन फेक्टर622381
बीमाधन=फेक्टर x प्रिमियम622 x1300=808600381 x3000=1143000
प्रतिवर्ष बोनस72774102870

9. अपनी राज्य बीमा पॉलिसी के बीमाधन पर बोनस की गणना

राज्य सरकार द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी पर प्रतिवर्ष बोनस की घोषणा की जाती है। बोनस की घोषणा प्रति हजार बीमा धन के आधार पर होती हैं वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सामान्यतः प्रति हजार बीमा धन पर 90 रुपये बोगस दिया जा रहा है। कर्मचारी स्वय बीमा धन को बोनस की दर से गुणा करके उसमें 1000 का भाग देकर बोनस की राशि ज्ञात कर सकता है। अतः ऊपर के उदाहरण से स्पष्ट है ।

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10. अगर कर्मचारी को पॉलिसी पूर्व में जारी हैं और वेतन वृद्धि या राज्य सरकार द्वारा प्रिमियन की दरों में परिर्वतन या कर्मचारी द्वारा एक या दो स्लेव अधिक कटौती करवाये जाने पर राज्य बीमा विभाग द्वारा बढे हुए प्रिमियम पर अलग समाश्वासन जारी किये जाते हैं जिस पर बीमाधन व बोनस गणना निम्न प्रकार होगी ।

  • जैसे किसी कार्मिक को 01.04.2016 को बीमाधन 5,00000
  • बोनस गणना – 01.04.2016 से 31.03.2017 तक 500000×90 1000 = 45000
  • 01.04.2017 को प्रिमियम वृद्धि से बीमाधन 2,00000
  • बोनस गणना 01.04.2017 से 31.03.2018 तक 700000×90 1000 = 63000

बोनस की राशि बीमेदार को प्रतिवर्ष निहित हो जाती हैं किन्तु इसका भुगतान स्वत्व (दावा) के साथ किया जाता है। इससे पूर्व देय नहीं है। बीमा पॉलिसी के परिपक्व होने पर परिपक्वता दावे के समय पॉलिसी पर टर्मिनल बोनस भी दिया जाता है।

11. बीमा पॉलिसी धारक की परिपक्वता तिथि से पूर्व आकरिमक या सामान्य मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा बीमाधन की दुगुनी राशि (कार्मिक ए की पॉलिसी पर 1617200 रुपये व कार्मिक बी की पॉलिसी पर 2286000 रुपये) बोनस सहित भुगतान किया जाता है। चाहे कार्मिक की मृत्यु प्रथम माह का प्रिमियम अदा करने के बाद हो गई हो ।

12. राज्य कर्मचारी अपनी बीमा पॉलिसी पर ऋण ले सकता है जो अधिकतम 60 किश्तों में अदा करना होता है एव जिस पर 8 प्रतिशत ब्याज ऋण राशि चुकने के बाद ली जाती है।

13. मनोनयन- किसी कार्मिक के अविवाहित होने पर उसके द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी में जिसे मनोनित नियुक्त किया जाता है। शादी होने के बाद वह मनोनयन स्वतः ही पत्नी के पक्ष में हो जाता है परन्तु अन्य मामलों में कर्मचारी स्वय राज्य बीमा विभाग के संबंधित जिला कार्यालय में आवेदन पत्र के जयें मनोनयन में परिर्वतन करवा सकता है।

14. प्रोबेशन पूर्ण होने के बाद Next मार्च से SI की कटौती प्रारम्भ की जाती है. इस हेतु कार्मिक को अपनी SSO-ID से प्रथम घोषणा पत्र भरना पड़ता है वह चाहे तो पहली बार स्लैब से एक या दो स्टेप आगे की कटौती करवा सकता है. उसको उस हिसाब में प्रीमीयम की राशि अपने घोषणा पत्र में सलेक्ट करनी पड़ती है.

15.  एक अप्रैल को जिनकी आयु 55 वर्ष से कम है वह स्केब से एक या दो स्टेप अगली SI की कटौती बढ़ा सकते है. उनको SSO-ID से furthuer contract (अधिक घोषणा) पत्र भरना पड़ता है।

16.  एक अप्रैल को जिनकी आयु 55 वर्ष या इससे अधिक हो रही है, इनके SI की वर्तमान कटौती यथावत रहेगी क्योकि SI द्वारा उनके रिस्क कवर नही की जाती है.

17.  प्रथम या अधिक घोषणा पत्र भरने से पहले अपने DDO लॉगिन से पहले कार्मिक की सर्विस डिटेल्स, बेसिक Pay एवं नॉमिनी डिटेल्स को अपडेट करवाया जाना जरूरी है. State Insurance Deduction Rules

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18. SI की वर्तमान कटौती जो चल रही है वह किसी भी कारण से कम नही की जा सकती है।

19.  किसी कर्मिक के प्रोबेशन पूर्ण हो चुका है, परन्तु स्थाईकरण एवम वेतन नियमितीकरण नही हुआ है. ऐसे मामले में स्थाईकरण के बाद जब नियमित वेतन का निर्धारण होगा. उसके एरियर से मार्च महीने की प्रथम SI कटौती की जायेगी एवं उसी समय उसका प्रथम घोषणा पत्र भरा जाएगा.

20.  घोषणा पत्र भरने से पहले यह सुनिश्चित कर लेवे कि आपकी SIPF EMPLOYEE ID वर्तमान DDO के पास होनी चाहिए अन्यथा भरा गया घोषणा पत्र पुराने वाले DDO की ID पर शो होगा. ऐसी स्थिति में वर्तमान DDO से ID को Pull करे या पुराने DDO से ID नये DDO को ट्रांसफर करावे।

21.  किसी का वेतन 5वे या 6ठे वेतनमान में आहरित हो रहा है उनकी SI की कटौती यथावत रहेगी. उनका जब 7 वे वेतनमान में फिक्सेशन होने के बाद एरियर बनेगा उसमे SI अंतर की राशि स्लैब अनुसार कटौती हो जाएगी.

22. जुलाई में वेतनवृद्धि लगने से SI की कटौती स्लैब के अनुसार बढ़ जाती है तो उसकी बढ़ोतरी Next मार्च से ही की जाती है।

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