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ब्रिज रेमेडिएशन शिक्षक प्रशिक्षण का स्वरूप एवं स्तर

by Sheetal Panwar | Jul 11, 2022 | EDUCATION SCHEMES, RKSMBK, TRAININGS | 0 comments

ब्रिज रेमेडिएशन शिक्षक प्रशिक्षण का स्वरूप एवं स्तर 

Bridge Remediation Teacher Training

ब्रिज रेमेडिएशन शिक्षक प्रशिक्षण का स्वरूप एवं स्तर 

ब्रिज रेमेडिएशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, उदयपुर ने प्रशिक्षण मॉड्यूल का निर्माण कर प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया है। उक्त प्रशिक्षण हेतु परिषद स्तर पर एसआरजी (राज्य संदर्भ समूह) को 20 जून 2022 को ऑनलाइन मोड में प्रशिक्षित किया गया है।

उक्त प्रशिक्षित SRG द्वारा प्रत्येक PEEO/UCEEO एवं उनके क्षेत्राधीन विद्यालयों से एक दक्ष शिक्षक जिसे पिछले वर्ष गूगल फॉर्म के माध्यम से शिक्षक सारथी के रूप में चयन किया गया था, को जुलाई में प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रमानुसार KRP के रूप में ऑनलाइन प्रशिक्षित जाएगा। उक्त KRP प्रशिक्षण राज्य के नौ शैक्षिक संभागों के आधार पर आयोजित किए जाने हैं।

ब्रिज रेमेडिएशन शिक्षक प्रशिक्षण KRP प्रशिक्षण प्रस्तावित कार्यक्रम

संभागजिलादिनांकKRP मीटिंग लिंकPEEO/UCEEO व KRP द्वारा प्रशिक्षण
अजमेरपालीअजमेर
भीलवाडा
नागौर
टोंक
जालोर
पाली
सिरोही
प्रथम दिवस

सत्र प्रथम दिनांक: 13–07–2022 |

समय:8.30 से 10.00

http://bit.ly/skbktraining01दिनांक 14 जुलाई 2022 से 16 जुलाई 2022 तक
बीकानेरजोधपुरबीकानेर
गंगानगर
हनुमानगढ़
बाड़मेर
जैसलमेर
जोधपुर
प्रथम दिवस

सत्र द्वितीय दिनांक:13–07–2022

समय:11.00 AM से 12.30 PM

bit.ly/skbktraining02दिनांक 14 जुलाई 2022 से 16 जुलाई 2022 तक
जयपुरकोटाअलवर
दौसा
जयपुर
बारां
बूंदी
झालावाड
कोटा
द्वितीय दिवस

सत्र प्रथम दिनांक:14–07–2022 |  समय: 8.30 से 10.00 AM

 

http://bit.ly/skbktraining03दिनांक 15 जुलाई 2022 से 17 जुलाई 2022 तक
भरतपुरचुरूभरतपुर
धौलपुर
करौली
सवाईमाधोपुर
चुरू
झुंझुनू
सीकर
द्वितीय दिवस व द्वितीय सत्र

दिनांक 14–07–2022 समय: 11.00 AM से 12.30 PM

bit.ly/skbktraining04दिनांक 15 जुलाई 2022 से 17 जुलाई 2022 तक
उदयपुरबांसवाडा
चित्तोड़ गढ़
डूंगर पुर
प्रतापगढ़
उदयपुर
राजसमन्द
तृतीय दिवस

सत्र प्रथम दिनांक:15–07–2022 समय: 8.30 से 10.00

AM

http://bit.ly/skbktraining05दिनांक 16 जुलाई  2022 से 18 जुलाई 2022 तक
सभी संभागवंचित संभागी एवं अजीज प्रेमजी समूह के प्रतिनिधि दक्ष प्रशिक्षक के रूप में शिक्षक संबलन हेतुतृतीय दिवस सत्र द्वितीय

दिनांक 15 जुलाई 2022

समय  11 बजे से 12 . 30 AM

http://bit.ly/skbktraining06अजीज  प्रेमजी फाउंडेशन प्रतिनिधि RSCERT के साथ समन्वय PEEO/UCEEO स्तर के प्रशिक्षण में सहयोग करेंगे

प्रशिक्षण से सम्बन्धित समस्त अपडेट          

क्लिक करे        ORDER

समस्त PEEO / UCEEO एवं एक प्रशिक्षित शिक्षक KRP के रूप में 18 जुलाई तक अपने क्षेत्राधीन विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक कार्यपुस्तिकाओं का शिक्षण करवाने वाले शिक्षको को ऑफलाइन मोड में प्रशिक्षित करेंगे।

ब्रिज रेमेडिएशन शिक्षक प्रशिक्षण पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण हेतु अग्रिम तैयारी के बिंदु

1- प्रोजेक्टर, PPT प्रदर्शन हेतु

2- पर्याप्त बैठक व्यवस्था

3- इस वर्ष की कार्यपुस्तिकाओं की प्रति

 

PEEO / UCEEO अपने क्षेत्र के FLN प्रशिक्षण की समय सारणी को ध्यान में रखकर ब्रिज-रेमेडिएशन शिक्षक प्रशिक्षण आयोजित करवाएँगे । प्रत्येक संबंधित शिक्षक अनिवार्यतः इस प्रशिक्षण को पूरा करेंगे । यदि कोई शिक्षक वंचित रहता है तो PEEO/UCEEO उनके प्रशिक्षण की पुनर्व्यवस्था करेगे  शिक्षक के प्रशिक्षण से वंचित रहने की समस्त जिम्मेदारी PEEO/UCEEO की होगी।

निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर एवं निदेशक RSCERT उदयपुर द्वारा KRP प्रशिक्षण एवं पंचायत स्तर पर आयोजित इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का सघन पर्यवेक्षण किया जाएगा सभी CDEO / DEO/ DIET PRINCIPAL / CBEO उक्त प्रशिक्षणों का क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावी निरीक्षण एवं प्रबोधन करना सुनिश्चित करेगे

प्रशिक्षण की सफलता व सार्थकता के लिए सभी शिक्षक साथियों के साथ इस पोस्ट को शेयर अवश्य करे 

 

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 NOTE : यहाँ पर यह जानकारी केवल सूचनार्थ हैं | समस्त सूचनाओं के लिए ओफिशियल वेबसाईट और लिंक को विजिट कीजिए | हालांकि हमने यहाँ पर सुचना प्रकाशित करने मव सावधानी रखी हैं फिर भी  किसी भी त्रुटी संभव हो सकती हैं इसके लिए शाला सुगम या शाला सुगम टीम जिम्मेदार नही हैं |

राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के वर्चुअल लॉच के सीधा प्रसारण (Live Streaming)

राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के वर्चुअल लॉच के सीधा प्रसारण (Live Streaming)

by Sheetal Panwar | Jul 8, 2022 | EDUCATION SCHEMES, LIVE WEBINAR, RKSMBK, VIDEO | 0 comments

राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के वर्चुअल लॉच के सीधा प्रसारण (Live Streaming)

Live Streaming of Virtual Launch of “Rajasthan’s growing step in education” program

राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के वर्चुअल लॉच के सीधा प्रसारण (Live Streaming)

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माननीय मुख्यमंत्री महोदय की बजट घोषणा 2022 के बिन्दु संख्या 6 (m) में कोविड़ काल के दौरान अध्ययन में हुई क्षति की भरपाई के लिए स्कूली विद्यार्थियों के लिए ब्रिज कार्यक्रम की घोषणा के क्रम में उनके द्वारा तद् अनुरूप कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों के रेमेडिएशन हेतु आरम्भ किया जाने वाले कार्यक्रम “राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम का वर्चुअल लाँच एवं फील्ड ओरियन्टेशन कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 11 जुलाई 2022 (सोमवार) को किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में माननीय शिक्षा मंत्री महोदय, माननीय शिक्षा राज्य मंत्री महोदया. मुख्य सचिव महोदया, अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) महोदय भी उपस्थित रहेंगे।

कार्यक्रम का समय 11:00 AM से 1.00PM रहेगा तथा यह दो चरणों में संचालित होगा

प्रथम चरण= 11:00 AM से 11:50 AM (कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन समारोह ) द्वितीय चरण= 11:50 AM से 1:00PM (फील्ड ऑरियन्टेशन) 

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इस कार्यक्रम में निम्नांकित का वीसी द्वारा भाग लिया जाना है

जिला स्तर पर DoIT के वीसी केंद्र में – 

● समस्त जिला कलक्टर (कार्यक्रम के प्रथम चरण में उपस्थित रहेंगे )

● समस्त संभागीय संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा

● समस्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा |

● समस्त जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) – माध्यमिक / प्रारम्भिक शिक्षा।

 ब्लॉक स्तर पर DoIT के वीसी केंद्र में 

● मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी,

● अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारीगण,

● आर.पी. आदि ।

पंचायत मुख्यालय स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्र पर स्थित वीसी केंद्र 

● समस्त पीईईओ एवं

● परिक्षेत्र के सभी विद्यालयों के संस्था प्रधान ।

विद्यालयों में यूट्यूब लाइव प्रसारण / आई.सी.टी. लैब / स्मार्ट टी.वी इत्यादि द्वारा 

● सभी शिक्षकगण यूट्यूब लाइव के लिंक से जुड़ेगें।

● शिक्षक यह भी सुनिश्चित करेगें कि लिंक प्राप्त होते ही सभी स्माइल ग्रुप्स में भी साझा करेगें।

● जिन विद्यालयों में आई.सी.टी. लैब हैं, वहां पर लैब के माध्यम से शिक्षकगण तथा विद्यार्थी लिंक से जुड़ेगें।

👇👇प्रसारण यहाँ पर भी LIVE होगा👇👇

प्रसारण का लिंक शुबह 11 बजे सक्रीय होगा 

🖥️ शिक्षकों के लिए लिंक:
🟥 Youtube – https://youtu.be/KL4IDdjkRbE

🟦 Facebook: https://www.facebook.com/events/507323594501859/

० कार्यक्रम का सीधा प्रसारण निम्नलिखित माध्यम से उपलब्ध रहेगा:1. जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर वीडियो क्रॉन्फ्रेसिंग सेटअप के माध्यम से 2. ग्राम पंचायत स्तर राजीव गांधी सेवा केंद्र व e-मित्र प्लस मशीन। 3. यू-टयूब चेनल 4. Facebook

“राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम” के वर्चुअल लाँच कार्यक्रम में जिला स्तर, ब्लॉक स्तर अधिकारियों, पंचायत मुख्यालय एवं विद्यालय में पीईईओं, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित हो|

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 NOTE : यहाँ पर यह जानकारी केवल सूचनार्थ हैं | समस्त सूचनाओं के लिए ओफिशियल वेबसाईट और लिंक को विजिट कीजिए | हालांकि हमने यहाँ पर सुचना प्रकाशित करने मव सावधानी रखी हैं फिर भी  किसी भी त्रुटी संभव हो सकती हैं इसके लिए शाला सुगम या शाला सुगम टीम जिम्मेदार नही हैं |

राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के वर्चुअल लॉच के सीधा प्रसारण (Live Streaming)

NO BAG DAY RAJASTHAN GOVERNMENT SCHOOL NEW PLAN

by Sheetal Panwar | Jul 8, 2022 | EDUCATION SCHEMES, NO BAG DAY SCHEME | 0 comments

NO BAG DAY RAJASTHAN GOVERNMENT SCHOOL NEW PLAN

 

नए सत्र एक जुलाई से लागू होगा नियम, शिक्षा विभाग ने जारी किये आदेश

 प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों के लिए राहत की खबर है। राज्य सरकार की ओर से वर्ष-2020 में की गई घोषणा अब मूर्तरूप लेने जा रही है, जिसके अनुसार नए सत्र यानी एक जुलाई से अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को शनिवार को बस्ता लेकर स्कूल नहीं जाना होगा। इसलिए सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार को ‘नो बैग-डे’ मनाया जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 फरवरी 2020 को बजट भाषण के दौरान शिक्षा विभाग से संबंधित घोषणाओं में सप्ताह में एक दिन शनिवार को सरकारी स्कूलों में बैग नहीं ले जाने व उस दिन कोई अध्यापन कार्य नहीं किए जाने संबंधी निर्णय की घोषणा थी। घोषणा के मुताबिक अनुसार सत्र 2022-23 में सप्ताह में प्रत्येक शनिवार को बस्ता मुक्त दिवस मनाया जाएगा।

1. माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 20 फरवरी, 2020 को राज्य विधानसभा में बजट भाषण के दौरान शिक्षा विभाग से सम्बन्धित घोषणाओं (बिन्दु संख्या 97) के अन्तर्गत समस्त सरकारी विद्यालयों में शनिवार के दिन “No Bag Day” रखे जाने और उस दिन कोई अध्यापन कार्य नहीं किए जाने बाबत निर्णय की घोषणा की गई थी। उक्तानुरूप सत्र 2022-23 में प्रत्येक सप्ताह में शनिवार को बस्ता मुक्त दिवस मनाया जाएगा । 

2. “No Bag Day” का उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास एवं अन्तर्निहित क्षमताओं को पहचान कर अध्ययन अध्यापन के पारम्परिक तरीकों से इतर सहगामी क्रियाओं के माध्यम से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को आनंददायी बनाना है। 

3. इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक शनिवार को विद्यार्थी स्कूल बैग के बिना विद्यालय आएंगे। 

4. प्रत्येक शनिवार को कक्षा स्तर के अनुसार थीम आधारित निम्नलिखित गतिविधियां करवाई जाएगी :

NO BAG DAY RAJASTHAN GOVERNMENT SCHOOL NEW PLAN

NO BAG DAY RAJASTHAN GOVERNMENT SCHOOL NEW PLAN

 

 

क. सं०शनिवार क्रमांकथीम
1माह का प्रथम शनिवारराजस्थान का पहचानों 
2माह का द्वितीय शनिवारभाषा कौशल विकास 
3माह का तृतीय शनिवार खेलेगा राजस्थान-बढ़ेगा राजस्थान 
4माह का चतुर्थ शनिवारमैं वैज्ञानिक बनूंगा 
5माह का पंचम शनिवारबाल-सभा मेरे अपनों के साथ

 

5. “No Bag Day” के दिन आनंददायी तरीके से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया कक्षावार न होकर निम्नांकितानुसार कक्षा समूहवार होगी।

NO BAG DAY RAJASTHAN GOVERNMENT SCHOOL NEW PLAN

NO BAG DAY RAJASTHAN GOVERNMENT SCHOOL NEW PLAN

 

क.स०समूह का नामकक्षा वर्ग
1अंकुर कक्षा 1 से 2 
2प्रवेशकक्षा 3 से 5
3दिशा कक्षा 6 से 8 
4क्षितिजकक्षा 9 से 10
5उन्नतिकक्षा 11 से 12

6. 15 अगस्त, 26 जनवरी व 2 अक्टूबर के अतिरिक्त शिविरा पंचांग में दर्शाए गए / मनाए जाने वाले समस्त उत्सव जयन्तियां सम्मिलित है। प्रत्येक शनिवार को बस्ता मुक्त दिवस के रूप में आयोजन करने हेतु शिविरा पंचांग में सम्मिलित गतिविधियों / कार्यक्रमों / क्रियाकलापों के आयोजन “No Bag Day” हेतु निर्धारित समय सारिणी में से 40 मिनट का समय निकालकर विद्यालय संचालन के अंतिम समय में आयोजित किए जाएंगे।

7. सम्पूर्ण सप्ताह (सोमवार से रविवार) के दौरान पड़ने वाले उत्सवों / जयंतियों का विधिवत आयोजन सप्ताह में “बस्ता मुक्त दिवस’ (शनिवार) को समारोहपूर्वक किया जाए, जिसके लिए रूप रेखा का निर्माण एवं पूर्व तैयारी सम्बन्धित शिक्षकों एवं आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले विद्यार्थियों द्वारा उक्त शनिवार से पूर्व की जाए।

8. बस्ता मुक्त दिवस मनाए जाने के कारण समस्त बाल सभाएं मासिक स्टाफ बैठक, अभिभावक शिक्षक बैठक(PTM). SDMC/SMC की कार्यकारिणी समिति की मासिक बैठक (वर्तमान में प्रतिमाह अमावस्या को आयोज्य). मीना-राजू / गार्गी मंच की बैठक इत्यादि कार्यक्रम भी बस्ता मुक्त दिवस (शनिवार) के अवसर पर आयोजित किए जाएं। माह के अंतिम शनिवार को उत्सव / जयन्ती / बाल सभा आयोजित करने के उपरान्त समस्त राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा 40 मिनट स्वैच्छिक श्रमदान किया जाएगा।

9. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर तथा राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (RSCERT), उदयपुर तथा विभिन्न अभिकरणों एवं विभाग द्वारा समय-समय पर विद्यार्थियों में सृजनात्मक कौशल विकास तथा वैज्ञानिक अभिवृत्ति एवं अभिरूचि विकास के उद्देश्य से आयोजित की जाने वाली समस्त प्रतियोगिताएं विद्यालय स्तर पर शनिवार को ही आयोजित करवाई जाएं।

10. “बस्ता मुक्त दिवस (शनिवार) के अवसर पर आयोजित होने वाले उत्सवों में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सहशैक्षिक गतिविधियों यथा- खेलकूद, वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण, निबन्ध लेखन इत्यादि के आयोजन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

11. प्रतिमाह एक बाल सभा में गांधीजी द्वारा प्रतिपादित ‘बुनियादी शिक्षा की अवधारणा का ज्ञान विद्यार्थियों को देते हुए पारम्परिक घरेलू कुटीर उद्योग का व्यावहारिक प्रदर्शन करवाया जाए, जैसे मिट्टी के बर्तन या खिलौने बनाना, तकली कातना, चरखे का उपयोग इत्यादि। इस हेतु विद्यालय के आस-पास से आर्टिजन को विद्यालय में आमंत्रित किया जाकर प्रत्यक्ष प्रदर्शन करवाने का प्रयास किया जाए।

 

No Bag Day शनिवार की मुख्य बातें

  • इस दिन बच्चों को बिना बैग के स्कूल जाना है
  • शनिवार के दिन स्कूल में पढाई नहीं होगी
  • प्रत्येक सप्ताह में शनिवार को योगा और जनरल नॉलेज की क्लास लगेगी
  • इस दिन बच्चों में उत्साह रहेगा

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थीम पर गतिविधियां

  • माह के पहले शनिवार राजस्थान को पहचानो।
  • दूसरा शनिवार भाषा कौशल विकास।
  • तीसरा शनिवार खेलेगा राजस्थान-बढ़ेगा राजस्थान।
  • चौथा शनिवार मैं वैज्ञानिक बनूंगा।
  • पांचवा शनिवार बालसभा मेरे अपनों के साथ।

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बच्चों का होगा शारीरिक-बौद्धिक विकास

मासूम बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम करने व उनके शारीरिक-बौद्धिक विकास

के लिए शनिवार को नो बैग डे मनाने का निर्णय लिया है। राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हापूराम चौधरी के अनुसार इससे
विद्यार्थियों का शारीरिक व मानसिक विकास होगा साथ ही सह शैक्षणिक गतिविधियों के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बढ़ेगी।


 

अंतरराष्ट्रीय मपदंड तय

अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार बच्चे के स्कूल बैग का बोझ उसके वजन के 10 फीसदी तक होना चाहिए। देश में सभी स्कूलों में अंतरराष्ट्रीय मापदंड लागू हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से स्कूल बैग का बोझ हल्का करने की गाइडलाइन सभी राज्यों को भेजी हुई है। हालांकि, इसके अमल पर फैसला राज्यों पर छोड़ दिया गया है।

इस प्रकार से होगा आयोजन

शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक कक्षा 1 से 12 तक के सभी बच्चों के पांच गु्रप्स बनाए जाएंगे। कक्षा 1 व 2 का एक समूह , कक्षा 3 4 5 का दूसरा समूह। कक्षा 6 7 8 का तीसरा और चौथा समूह कक्षा 9 और 10 का बनेगा। इसी प्रकार कक्षा 11 और 12 का पांचवां समूह बनाया जाएगा। सभी समूहों में विषय एक जैसे ही होगे। बस अंतर रहेगा उनमें होने वाली गतिविधियों व कार्य का। गतिविधियों को डिजाइन करते समय कक्षास्तर का ध्यान रखा जाएगा। कक्षा के स्तर के अनुसार ही उनमें गतिविधियां करवाई जाएंगी।

जैसे पहले शनिवार को ‘राजस्थान को पहचानो’ के नाम से गतिविधियां कक्षा स्तर के अनुसार तैयार करके करवाईं जाएगी। इसी प्रकार द्वितीय शनिवार का विषय होगा भाषा कौशल विकास हेतु अभिव्यक्ति के अवसर प्रार्थना के तुरंत बाद, तीसरे शनिवार का विषय रखा गया है ‘खेलेगा राजस्थान पढ़ेगा राजस्थान’ चौथे शनिवार को ‘मैं बनूंगा वैज्ञानिक करके दिखाना ‘ प्रमाणित करना। पांचवा शनिवार यदि महीने में आता है तोए ‘बालसभा मेरे अपनों के साथ’ नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

यह एक्टीविटिज भी करेंगे बच्चे

स्कूल समय में विद्यार्थियों को विभिन्न सहशैक्षिक गतिविधियों में व्यस्त रखा जाएगा, इसका दायित्व शिक्षक का होगा।

पूरे विद्यालय को विभिन्न सदनों में बांटकर सदन वार प्रतियोगिता करवाना। देशभक्ति गीत, संगीत, क्विज, निबन्ध प्रतियोगिता, आशुभाषण आदि प्रतियोगिताओं में लेना होगा भाग।

खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए खोखो, चैस, बैंडमिंडन, वॉलीबाल, बास्केटबॉल, कबड्डी इत्यादि भी प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन

योगाभ्यास भी करना होगा।

श्रमदान की भावना जाग्रत करने के लिए बच्चे श्रमदान भी कर सकेंगे।

बच्चों को स्वंतत्रता सेनानी, सुधारक और महान वैज्ञानिकों की फिल्में दिखाई जाएंगी।

बच्चों के माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण बातें

  • शनिवार को बच्चों की स्कूल जरूर भेजें पढाई नहीं होगी ये सोचकर उनकी छुट्टी न करवाएं
  • इस दिन बिना बैग के बच्चों को स्कूल भेजें
  • बच्चों को योगा जैसी शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करें

‘‘नो बैग-डे का उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास व उनमें अंतर्निहित क्षमताओं को पहचान कर अध्ययन-अध्यापन के पारंपरिक तरीकों के अलावा सहयोगी क्रियाओं के माध्यम से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को आनंददायी बनाना है। -अमृतलाल, जिला शिक्षाधिकारी, मुख्यालय माध्यमिक, जोधपुर।

 

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ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यपुस्तिकाओं का वितरण एवं उपयोग दिशानिर्देश सत्र 2022 – 23

by Sheetal Panwar | Jun 28, 2022 | EDUCATION SCHEMES, FULL INFORMATION, GUIDELINES, RKSMBK | 0 comments

ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यपुस्तिकाओं का वितरण एवं उपयोग दिशानिर्देश सत्र 2022 – 23

आज दिनांक 28 जुलाई को विद्यालयों में ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यपुस्तिकाओं का वितरण एवं उपयोग हेतु निर्देश जारी किये गये हैं जिनमे से कुछ अंश यहाँ प्रकाशित किये जा रहे है | आप से आग्रह हैं आप इस पोस्ट से सम्बंधित सबसे नीचे दर्ज महत्वपूर्ण नोट्स  को जरूर पढ़े |

कोविड-19 की कठिन परिस्थितियों के मध्यनजर विद्यालयों में कक्षा कक्षीय गतिविधियां लम्बे समय तक संचालित नहीं हो सकी, जिससे विद्यार्थियों में अधिगम अन्तराल उत्पन्न हुआ है। कोरोना काल के दौरान शिक्षा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सत्र 2022-23 में स्कूली विद्यार्थियों के लिए 03 माह की अवधि के लिए ब्रिज कार्यक्रम संचालित किया जाना है।

विद्यार्थियों में सीखने की निरन्तरता बनाये रखने एवं अधिगम अन्तराल को कम के उद्देश्य से कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु बुनियादी दक्षताओं के आधार पर हिन्दी, अंग्रेजी व गणित विषय की कार्यपुस्तिकाऐं तैयार की गई हैं। कार्यपुस्तिकाओं में सम्मिलित कार्य पत्रकों में गतिविधि आधारित शिक्षण सामग्री का समावेश किया गया है जिस पर शिक्षकों के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों द्वारा अभ्यास कार्य किया जाना है।

ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यपुस्तिकाओं का वितरण एवं उपयोग दिशानिर्देश सत्र 2022 – 23

उद्देश्य 

 ● विद्यार्थियों को अभ्यास के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराना।

 ● कोविड के कारण उत्पन्न हुए अधिगम अन्तराल को कम करना । 

 ● अधिगम संकेतकों के अनुसार अवधारणों की समझ हेतु कार्य कराना। 

 ● नियमित अन्तराल पर आकलन करते हुए शैक्षिक प्रगति का आकलन करना । 

कक्षा 1 एवं 2 की कार्यपुस्तिकाऐं कक्षा स्तर के सीखने के प्रतिफल अनुरूप गतिविधियों को सम्मिलित करते हुये तैयार की गई हैं। ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत अधिगम अन्तराल को कम करने हेतु कक्षा 3 से 8 की कार्यपुस्तिकाओं में निम्नानुसार सामग्री समाहित की गई है

1. कार्यपुस्तिका के प्रारम्भ में बेसलाइन से पूर्व अभ्यास हेतु कार्य प्रत्रक दिए गये है। 

2. प्रारम्भिक अभ्यास के उपरान्त बेसलाइन हेतु प्रारूप सम्मिलित किया गया है। 

3. सम्पूर्ण कार्यपुस्तिका को दो भागों में विभक्त किया गया है

1. ब्रिज कोर्स 

2. सत्र पर्यन्त उपचारात्मक शिक्षण

• ब्रिज कोर्स कक्षा 3 से 8 के विद्यार्थियों को कार्यपुस्तिका के प्रथम भाग (ब्रिज कोर्स) के कार्य पत्रको पर अभ्यास कार्य कराया जाना हैं जो 03 माह तक संचालित होगा। कार्यपत्रकों के मध्य नियमित अन्तराल पर गतिविधि एवं आकलन पत्रक भी सम्मिलित किये गये है। आकलन पत्रक के माध्यम से विद्यार्थियों के सीखने का आकलन किया जाना है। ब्रिज कोर्स के प्रारम्भ में प्रत्येक विद्यार्थी का प्रारम्भिक मूल्यांकन (Base Line) किया जायेगा । Base Line हेतु प्रारूप आकलन पत्रक कार्यपुस्तिका के प्रारम्भ में दिया गया है । Base Line के माध्यम से विद्यार्थियों के अधिगम के प्रारम्भिक स्तर का पता चल सकेगा। —

ब्रिज कोर्स के अन्त में मध्यावधि आकलन पत्रक दिए गए हैं मध्यावधि आकलन के परिणामों के आधार पर विद्यार्थियों के सीखने के स्तर की जानकारी हो सकेगी जिसके आधार पर विद्यार्थियों के समूह निर्माण करते हुए सत्र पर्यन्त उपचारात्मक शिक्षण संचालित किया जाना है।

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सत्र पर्यन्त उपचारात्मक शिक्षण – मध्यावधि आकलन की उपलब्धि के आधार पर विद्यार्थियों के सीखने के स्तरानुसार समूह बनाकर वर्ष पर्यन्त उपचारात्मक शिक्षण संचालित किया जाना है। सत्र पर्यन्त उपचारात्मक शिक्षण के दौरान कार्यपुस्तिका में दक्षता अनुसार कार्यपत्रक दिये गये है जिन पर सतत् रूप से विद्यार्थियों से कार्य कराया जाना अपेक्षित है। कार्य पत्रकों के मध्य में गतिविधि एवं आकलन पत्रक भी नियत अन्तराल पर सम्मिलित किये गये है जिनका विद्यार्थी के सीखने के आकलन हेतु उपयोग किया जाना है।

ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यपुस्तिकाओं का वितरण एवं उपयोग दिशानिर्देश सत्र 2022 – 23

यहाँ क्लिक करके आप अपनी आवश्यकता अनुसार वर्क बुक डाउनलोड कर सकते हैं 👇👇

REMEDIATION WORKBOOK FOR CLASS 1 TO 8

 

राज्य स्तर से लेकर विद्यालय स्तर तक कार्यपुस्तिकाओं के वितरण की चरणबद्ध योजना तैयार की गई है। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर किये जाने वाले कार्यों को सूचीबद्ध किया गया है-

  1. कार्यपुस्तिकाओं का वितरण ब्लॉक स्तर तक चरणबद्ध रूप से किया जाना है। ब्लॉक स्तर से पीईईओ एवं शहरी सीआरसी के माध्यम से विद्यालय स्तर तक किया जाना है। 
  2. विद्यालय स्तर से कक्षा 1 से 8 में नामांकित प्रत्येक विद्यार्थी को कार्यपुस्तिका उपलब्ध कराई जानी है। संस्कृत शिक्षा के विद्यालय एवं जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित माँ वाड़ी केन्द्रों में नामांकित विद्यार्थियों को भी कार्यपुस्तिकाऐं वितरित की जानी है।
  3. कार्यपुस्तिका वितरण एवं उपयोग हेतु विभिन्न स्तर पर निम्नानुसार दायित्वों का निर्वहन किया जाना अपेक्षित है-

    ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यपुस्तिकाओं का वितरण एवं उपयोग दिशानिर्देश सत्र 2022 – 23

जिला स्तर पर किये जाने वाले कार्य / दायित्व :

● कार्यपुस्तिकाओं के वितरण एवं मॉनिटरिंग हेतु जिला एवं समस्त ब्लॉक कार्यालयों पर प्रभारी की नियुक्ति करना ।

● प्रत्येक विद्यार्थी तक कार्यपुस्तिकाओं की पहुँच एवं उपयोग की सघन मॉनिटरिंग एवं समीक्षा करना । 

● जिला स्तर पर ब्लॉक स्तर से प्राप्त स्टॉक एन्ट्री को समेकित करते हुए सूचना परिषद कार्यालय जयपुर को प्रेषित करना।

● जिला स्तर पर कार्यपुस्तिकाओं के वितरण की मॉनिटरिंग हेतु कन्ट्रोल रूम स्थापित करना । 

● ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों, पीईईओ एवं यूसीईईओ के साथ सतत् संवाद बनाये रखना तथा उनके द्वारा अनुभूत की जाने वाली कठिनाईयों का निराकरण सुझाना।

● कार्यपुस्तिकाओं के वितरण एवं विद्यार्थियों द्वारा उपयोग की अद्यतन प्रगति से राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् जयपुर तथा निदेशालय बीकानेर को अवगत कराना।

ब्लॉक स्तर पर किये जाने वाले कार्य / दायित्व :

●  प्रत्येक विद्यार्थी तक कार्यपुस्तिकाओं की पहुँच एवं उपयोग की सघन मॉनिटरिंग एवं समीक्षा करना। 

●  ब्लॉक स्तर पर कार्यपुस्तिकाओं के लिये प्रभारी नियुक्त करना ।

●  राज्य स्तर से प्रेषित कार्यपुस्तिकाओं को ब्लॉक स्तर पर सुरक्षित स्थान पर रखवाया जाना।

●  ब्लॉक स्तर पर प्राप्त कार्यपुस्तिकाओं की प्रविष्टि ब्लॉक लॉगइन से शाला दर्पण मॉड्यूल पर करना । 

●  ब्लॉक स्तर से स्टॉक की सूचना निर्धारित प्रपत्र में कार्यपुस्तिका प्राप्ति के दिवस ही जिला कार्यालय को प्रेषित करना। (संलग्न परिशिष्ट – 07) 

●  ब्लॉक कार्यालय से कार्यपुस्तिका पीईईओ / शहरी सीआरसी को 03 दिवस में वितरण कराना।

●  ब्लॉक कार्यालय द्वारा पीईईओ / सीआरसी स्तर से कार्यपुस्तिकाओं का अधीनस्थ विद्यालयों में 02 दिवस में वितरण सुनिश्चित किया जाए। 

●  ब्लॉक स्तर पर कार्यपुस्तिका वितरण का रिकॉर्ड संधारण निर्धारित प्रपत्र में किया जाना है। परिशिष्ट- 01 एवं 02 पर संलग्न है ।

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ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यपुस्तिकाओं का वितरण एवं उपयोग दिशानिर्देश सत्र 2022 – 23

पीईईओ / सीआरसी स्तर से किये जाने वाले कार्य / दायित्व :

● पीईईओ / सीआरसी शाला दर्पण पर कक्षावार नांमाकन के अनुसार अपने क्षेत्र के समस्त विद्यालयों के लिए कार्यपुस्तिका ब्लॉक कार्यालय से प्राप्त करेंगे।

● शाला दर्पण के नामांकन एवं प्राप्त कार्यपुस्तिकाओं में 1 से 5 प्रतिशत तक अन्तर हो सकता है, ऐसी स्थिति में परिक्षेत्र के विद्यालयों से समन्वयन कर कार्य पुस्तिकाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए

● ब्लॉक से कार्यपुस्तिका लाने का व्यय पीईईओ / सीआरसी स्तर पर ही वहन किया जायेगा। 

● कार्यपुस्तिका प्राप्ति के 02 दिवस में अपने परिक्षेत्र के समस्त विद्यालयों में कार्यपुस्तिका का वितरण सुनिश्चित की जाए।

● प्रत्येक विद्यार्थी तक कार्यपुस्तिकाओं की पहुँच एवं उपयोग की सघन मॉनिटरिंग एवं समीक्षा करना । 

● पीईईओ / सीआरसी स्तर पर कार्यपुस्तिका वितरण का अभिलेख संधारण किया जाये। प्रपत्र परिशिष्ट- 03 एवं 04 संलग्न किया जा रहा है।

संस्थाप्रधान के कार्य / दायित्व :

● विद्यालय के संस्थाप्रधान पीईईओ / शहरी सीआरसी से नामांकन के अनुसार कार्यपुस्तिकाएं प्राप्त करेंगे। प्राप्त कार्यपुस्तिकाओं की संख्या में 1 से 5 प्रतिशत तक का अन्तर हो सकता है ऐसी स्थिति में परिक्षेत्र के विद्यालयों से समन्वय कर कार्यपुस्तिकाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। 

● विद्यार्थियों तक कार्यपुस्तिकाओं के वितरण की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करना।

● विद्यार्थियों को शिक्षकों के माध्यम से कार्यपुस्तिकाओं के उपयोग हेतु प्रेरित करना ।

● कक्षा कक्ष में विद्यार्थियों के साथ कार्यपुस्तिकाओं पर कराये जा रहे अभ्यास कार्य की नियमित मॉनिटरिंग करना एवं आवश्यक फीडबैक प्रदान करना ।

● अभिभावकों के साथ नियमित संवाद स्थापित करते हुए विद्यार्थियों के अभ्यास हेतु प्रेरित करना।

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ब्रिज कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यपुस्तिकाओं का वितरण एवं उपयोग दिशानिर्देश सत्र 2022 – 23

शिक्षक के कार्य / दायित्व :

● कक्षावार नामांकित समस्त विद्यार्थियों को 05 दिवस में कार्यपुस्तिकाऐं वितरित कराना।

● कक्षा 1-2 के विद्यार्थियों हेतु कक्षा स्तर के अनुरूप तैयार कार्यपुस्तिकाऐं उपलब्ध कराई जानी है।

● विद्यार्थियों को उनके अधिगम स्तर के आधार पर हिन्दी, अंग्रेजी एवं गणित की कक्षा 01 की प्रथम, कक्षा 02 के लिए पल्लव कक्षा 3 के लिये पहल, कक्षा 4 एवं 5 के लिये प्रयास, कक्षा 6 एवं 7 के लिये प्रवाह तथा कक्षा 8 के लिये प्रखर कार्यपुस्तिका वितरित की जानी है।

● विद्यार्थियों का प्रारम्भिक मूल्यांकन (Base Line) करते हुए समीक्षा की जाए।

● विद्यार्थियों को कार्यपुस्तिकाओं में निरन्तर अभ्यास कार्य हेतु प्रेरित करना ।

● विद्यार्थियों द्वारा महसूस की जाने वाली कठिनाईयों का निराकरण करना ।

● विद्यार्थियों द्वारा किये जा रहे अभ्यास कार्य की आकलन प्रपत्रों के माध्यम से समीक्षा करना ।

●  नियमित अन्तराल पर विद्यार्थियों के सीखने का आकलन करना, मध्यावधि एवं सत्र के अन्त में End line Assessment पूर्ण कराना ।

● Base line, Mid line एवं End line के पत्रकों को विद्यार्थीवार पोर्टफोलियों में संधारित करना ।

अभिभावकों से अपेक्षा :

● विद्यार्थियों को कार्य पुस्तिकाओं पर कार्य करने हेतु प्रेरित किया जाये ।

● विद्यालय में शिक्षक / संस्थाप्रधान के साथ निरन्तर समन्वय बनाए रखना ।

कार्यपुस्तिका वितरण का रिकॉर्ड संधारण :

कार्यपुस्तिकाओं के वितरण की प्रविष्टि शाला दर्पण पर की जानी है। 

शाला दर्पण → स्कीम मेनू → फ्री टेक्स्ट बुक → वर्क बुक

 

कार्यपुस्तिकाओं में विद्यार्थियों द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने के उपरान्त कक्षाध्यापक / विषयाध्यापक द्वारा स्तर पर संधारित किया जाना है।

कार्यपुस्तिकाओं को विद्यालय कक्षा 01 से 08 की कार्यपुस्तिकाओं को rajsmsa.nic.in पोर्टल पर भी अपलोड किया गया है विद्यालयों को कार्यपुस्तिका प्राप्त होने तक पोर्टल से भी कार्य पत्रक डाउनलोड कर विद्यार्थियों के अभ्यास हेतु उपयोग किया जाए।

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REMEDIATION WORKBOOK FOR CLASS 1 TO 8

(नोट : सामग्री वितरण के दौरान समस्त कार्यों को करते हुए कोविड़-19 हेतु जारी समस्त दिशा-निर्देशों की पालना अनिवार्यतः की जाए )

 

नोट्स :  यह पोस्ट मात्र एक आलेख है आप से आग्रह हैं कि आप सम्पूर्ण और सम्बंधित जानकारी के लिए विभागीय वेबसाईट का अवलोकन करें| किसी भी त्रुटी के लिए शाला सुगम या लेखनकर्ता जिम्मेदार नही हैं |

राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के वर्चुअल लॉच के सीधा प्रसारण (Live Streaming)

GARIMA PETIKA INFORMATION

by Sheetal Panwar | Jan 29, 2022 | EDUCATION SCHEMES, EDUCATION UPDATES, SCHOOL UTILITY | 0 comments

GARIMA PETIKA INFORMATION | गरिमा पेटिका 

 

GARIMA PETIKA INFORMATION

विद्यालय में बालिका उत्पीडन एवं बाल यौनाचार की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु दिशा-निर्देश

विद्यालयों में अध्ययनरत सभी बालक / बालिकाओं को बिना किसी भेदभाव के सुरक्षित, संरक्षित एवं सर्वागीण विकासोन्मुख वातावरण में शिक्षा प्राप्त होना उनका अधिकार है परंतु लैंगिक असमानता एवं अवांछित छेड़-छाड़ की घटनाएं इसे चुनौतीपूर्ण रूप से बाधित करती रहती है। अतः इन परिस्थितियों में संस्था प्रधानों, अध्यापकों, विद्यार्थियों, विद्यालय के अन्य कार्मिकों तथा अभिभावकों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता समीचीन है। इस बाबत विद्यालयी पाठ्यक्रम निर्माण एवं शिक्षक प्रशिक्षण विषय वस्तु में लैंगिक संवेदनशीलता को भी प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से पाठ्यक्रम में समावेशित किया गया है। इसी क्रम में आपको पुनः निर्देशित किया जाता है कि आप अपने अधीनस्थ समस्त विद्यालयों में इस प्रकार की घटनाऐं रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर अग्रांकित विवरणानुसार तत्काल कार्यवाही सम्पादित की जानी सुनिश्चित करें:

1. विद्यालय के समस्त कार्यरत कार्मिकों, शिक्षकों SDMC व SMC के सदस्यों को “लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012” की कतिपय धाराओं यथा धारा – 19 (1) एवं 21 में विहित प्रावधान, जो समस्त कार्मिकों को दायित्वबद्ध करते हैं कि बाल / यौन प्रताड़ना से संबंधित घटनाओं पर तत्काल प्रसंज्ञान लिया जाकर नियमानुसार कार्यवाही सम्पादित की जाए की अवगति प्रदान करवाते हुए प्रत्येक स्तर पर इसकी सख्ती से पालना हेतु सम्पादित किया जाए।

2. विद्यालयों में गुड टच वेड टच की जानकारी देने हेतु प्रश्नोत्तरी, कविता, लघु नाटक, पोस्टर व कहानी इत्यादि के माध्यम से क्षेत्रिय शालीन भाषा में कार्यक्रम आयोजित किए जाए साथ ही विद्यालय में होने वाली बाल सभाओं में भी इस विषय पर जानकारी दिया जाना सुनिश्चित करावें प्रत्येक दिन प्रार्थना सभा के दौरान छात्राओं से संवाद किया जाए।

3. विद्यालयों में होने वाली अध्यापक-अभिभावक बैठक में अध्यापकों द्वारा अभिभावकों को बच्चों की सूक्ष्म गतिविधियों एवं उनके मूड पर नजर रखने, पड़ोसियों एवं रिश्तेदारों से बाल उत्पीडन से सावधान रहने के संबंध में समझाया जावें।

4. विद्यालय में कक्षा-कक्षों में सद्भावनापूर्ण वातावरण बनाने हेतु विशेष प्रयास किए जाएं एवं किशोर बालिकाओं के मध्य स्वास्थ्य व स्वच्छता संबंधी जागरूकता उत्पन्न करने एवं उन्हें गुड टच- बेड टच तथा राज्य बाल संरक्षण आयोग, बाल कल्याण समिति, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों के बारे में विस्तृत रूप में जानकारी दी जावें।

5. प्रत्येक विद्यालय में संस्था प्रधान की अध्यक्षता में यौन उत्पीड़न कमेटी गठित की जाए, जिसमें दो महिला शिक्षिका अनिवार्य रूप से हो ।

6. यथासंभव विद्यालय परिसर में आवश्यकतानुसार चिन्हित स्थानों पर लिखित चेतावनी सहित सीसीटीवी कैमरे एवं एक गरिमा पेटिका भी लगवाई जाए।

7. गरिमा पेटिका के बारे में छात्राओं को पुरी जानकारी दी जाए कि उनकी किसी प्रकार की शिकायत है, तो वे इस पेटिका में शिकायत दर्ज करवाऐं।

8. संस्था प्रधान गरिमा पेटी को प्रत्येक 15 दिन के भीतर खोले एवं उसमें प्राप्त शिकायतों का रजिस्टर संधारित करे। यदि कोई शिकायत पाई जाती है जो कमेटी तत्काल निर्णय करें।

9. विद्यालय के सूचना पट्ट तथा सुदृश्य स्थानो पर Child help line से संबंधित दूरभाषः – 1098 का स्पष्ट अंकन किया जाए तथा इस बारे में समस्त विद्यार्थियों को जानकारी दी जाए।

10. विद्यालय में उतरदायी भूमिका में निबद्ध कार्मिकों द्वारा इस तरह के अपराध में संलिप्तता पाए जान पर संबंधित पक्ष / व्यक्ति के विरूद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाए। अतः समस्त संस्था प्रधानों, शिक्षकगणों एवं अन्य विद्यालयी स्टाफ से यह अपेक्षा की जाती है कि लैंगिक समानता के लिए संवेदनशीलता से कार्य करें एवं विद्यालयों में पूर्णतः भयमुक्त एवं विभेदमुक्त वातावरण में निर्माण में अपना भरसक योगदान प्रदान करें।

GARIMA PETIKA INFORMATION

गरिमा पेटिका पंजिका का संधारण 
  • प्रत्येक विद्यालय में गरिमा पेटिका का संधारण करना अनिवार्य होगा |
  • प्रत्येक 15 दिन बाद इसे खोलना अनिवार्य हैं |
  • प्राप्त सुझाव और शिकायत या समस्या का पंजिका में इन्द्राज करना हैं |
  • प्राप्त सुझाव और शिकायत या समस्या का समाधान समिति के द्वारा किया जाना हैं |
  • प्राप्त सुझाव और शिकायत या समस्या को गुप्त रखते हुए समाधान किया जाना चाहिए और समस्या का समाधान करने के बाद समस्त विद्यार्थियों को सूचित किया जाना हैं  कि ” इन दिनों में प्राप्त समस्याओं, सुझावों का अवलोकन करके निपटारा कर दिया हैं ” जिससे शिकायत कर्ता को पता लग सकें |
  • गरिमा पेटिका ऐसे स्थान पर रखी जानी चाहिए जहाँ से वो हर किसी के पहुंच में |
  • गरिमा पेटिका का महत्व प्रत्येक सोमवार को प्रार्थना सभा में जरूर बताये |

 

यह सूचना करनी होगी अपलोड

 

  • -स्कूल में गरिमा पेटी कब स्थापित की गई।
  • -शिकायतों के निस्तारण के लिए बनाई समिति में कौन-कौन सदस्य हैं और समिति का गठन कब किया गया।
  • -गरिमा पेटी को कब-कब खोला गया।
  • -गरिमा पेटी में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई।
  • -गरिमा पेटी में आई कितनी शिकायतों का निस्तारण किया गया।
 
-: इस तरह बनानी होगी समिति :-

 

विद्यालय स्तर पर आने वाली शिकायतों व समस्याओं के निस्तारण के लिए समिति का गठन किया जाना हैं। इसमें –
  1. संस्था प्रधान (प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक),
  2. एक पुरुष शिक्षक,
  3. एक महिला शिक्षक,
  4. एक छात्र व
  5. एक छात्रा के साथ
  6. एक गैर शैक्षणिक कर्मचारी को शामिल करना हैं। इसमें इस बात को ध्यान रखना हैं कि समिति के सदस्य लैंगिक संवेदनशील व समानता के पक्षधर हों।
 
 
लगाने थे सीसीटीवी कैमरे

 

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए विद्यालय में संभव होने पर सीसीटीवी कैमेरे लगाने के भी निर्देश हैं। इसके साथ ही चिह्नित स्थानों पर लिखित चेतावनी भी लगानी हैं। जिसका पालन स्कूलों की ओर से किया जाना हैं। इसके अलावा सूचना पट्ट पर चाइल्ड हैल्प लाइन के फोन नम्बर भी लिखे जाने हैं । इसकी जानकारी विद्यार्थियों को भी दी जानी हैं।
 
संस्था प्रधानों को जानकारी दी जा चुकी है –

 

गरिमा पेटी और समिति के कार्यों को शाला दर्पण पर अपलोड करने के लिए सभी संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए हैं। इस नवाचार से बालिकाओं को सुरक्षित व संरक्षित वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने का समान अधिकार मिल सकेगा।

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READING CAMPAIGN 100 DAYS FULL INFORMATION

by Sheetal Panwar | Jan 28, 2022 | EDUCATION SCHEMES, EDUCATION UPDATES | 0 comments

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100 दिवसीय रीडिंग कैंपेन 2022 के संचालन हेतु गाइडलाइन (100 days Reading Campaign: Guidelines and Activities in hindi)

देश में छात्रों के बीच तर्कशक्ति, कल्पनाशीलता और बेहतर तार्किक विकास के लिए भारत सरकार द्वारा एक विशेष अभियान “पढ़े भारत” शुरू किया गया है।
इस 100 दिन के अभियान (100 days reading campaign in hindi) के तहत बच्चों के लिए पढ़ाई को रोचक बनाने पर फोकस किया जा रहा है, ताकि किताबों के प्रति रुचि जीवन भर छात्रों में पैदा की जा सके।

इस अभियान को 100 दिनों तक ( 1 जनवरी 2022 से 10 अप्रैल 2022) तक चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत सिर्फ छात्रों को ही नहीं बल्कि अध्यापकों और अभिभावकों को भी शामिल किया जा रहा है।

इस अभियान के लिए मंत्रालय की ओर से एक साप्ताहिक कैलेंडर भी तैयार किया गया है, जिसमें कार्यक्रम के सभी दिशा-निर्देश और प्रोटोकॉल को मंजूरी दी गई है. छात्र इन गतिविधियों को अपने शिक्षकों, माता-पिता या साथियों के साथ मिलकर कर सकते हैं।

भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं “पढें भारत” अभियान के तहत 100 दिन की कार्ययोजना का जो खाका पेश किया गया है उसके बारे में इस आर्टिकल से जानते हैं कि इन 100 दिनों में विद्यार्थियों से किस प्रकार की गतिविधियां करवाई जानी हैं।

100 Days Reading Campaign: Guidelines and Activities In Hindi

 

1. संदर्भ

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 5 जुलाई 2021 ‘निपुण भारत मिशन’ बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया है। मिशन का उद्देश्य 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के विद्यार्थियों की सीखने की जरूरतों को पूरा करना है।

विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शोधों द्वारा भी यह सिद्ध हुआ है कि बुनियादी शिक्षा प्रत्येक विद्यार्थी के लिए भविष्य के सीखने का आधार है। समझ के साथ पढ़ने, लिखने और गणित की बुनियादी अवधारणाओं को समझने और सीखने में सक्षम होने के बुनियादी कौशल को प्रात नहीं करने से विद्यार्थी कक्षा 3 से आगे की कक्षाओं के पाठ्यक्रम की जटिलताओं के लिए तैयार नहीं हो पाते हैं।

प्रारंभिक शिक्षा के महत्व को स्वीकार करते हुए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस बात पर जोर देती है कि प्राथमिक विद्यालयों में बुनियादी आधारभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान हासिल करना उच्चतम प्राथमिकता होनी चाहिए।

इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि यदि यह सबसे बुनियादी शिक्षा (यानी बुनियादी स्तर पर पढ़ना, लिखना और अंकगणित) पहले हासिल नहीं की जाती है, तो इस नीति का बाकी हिस्सा हमारे विद्यार्थियों के एक बड़े हिस्से के लिए काफी हद तक अप्रासंगिक हो जाएगा।

नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS) सहित भारत में लर्निंग प्रोफाइल के विभिन्न अध्ययनों ने बताया है कि अभी भी कई विद्यार्थी कक्षा स्तर के अनुच्छेद / टेक्स्ट को पढ़ने में सक्षम नहीं है। लेकिन पाठ्यक्रम और संबंधित पाठ्य पुस्तकें इस उम्मीद के साथ तैयार की गई है, कि विद्यार्थियों ने उस कक्षा स्तरीय कौशल हासिल कर लिया है और वे आगे की कक्षा में बढ़ सकते है।

इसी संदर्भ में विद्यालय शिक्षा और साक्षरता विभाग एक राष्ट्रव्यापी “रीडिंग कैंपेन” पठन अभियान शुरू कर रहा है ताकि प्रत्येक विद्यार्थी पढ़ना सीखे और उसके बाद सीखने के लिए पढ़ सकें।

2. पढ़ना क्यों जरूरी है?

पढ़ना सीखने का आधार है, जो विद्यार्थियों को स्वतंत्र रूप से पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करता है। रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच, शब्दावली विकास और मौखिक और लिखित भाषा में व्यक्त करने की क्षमता विकसित करता है।

यह विद्यार्थियों को उनके परिवेश और वास्तविक जीवन की स्थिति से जोड़ने में मदद करता है। इस प्रकार एक सक्षम वातावरण बनाने की आवश्यकता है जिसमें विद्यार्थी आनंद के लिए पढ़ें और अपने कौशल को एक ऐसी प्रक्रिया के माध्यम से विकसित करें जो आनंददायक और स्थाई हो और जो जीवन भर उनके साथ रहे।

विभिन्न शोध अध्ययनों में सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने में पढ़ने के योगदान के महत्व को पुष्ट किया है। यह भाषा और लेखन कौशल पर नियंत्रण विकसित करने की दिशा में एक कदम है। बोलने के विपरीत, पढ़ना एक ऐसा कौशल है जो इंसानों को स्वाभाविक रूप से नहीं आता है और इसे सीखने की आवश्यकता होती है।
पठन कौशल; पाठ और पाठक के बीच एक अंत: क्रिया है, जिसमें न केवल शब्दों के अर्थ को समझना शामिल है, बल्कि पाठ के पीछे के बहुस्तरीय अर्थ को समझना भी शामिल है। इसके लिए निरंतर अभ्यास, विकास और शोध की आवश्यकता होती है।

प्रारंभिक चरण में पढ़ने में वर्णमाला ज्ञान, नामों और ध्वनियों की पहचान करना, ध्वनि जागरूकता (जिस में बोली जाने वाली भाषा को पहचानने, समझने या विश्लेषण करने में सक्षम होना) पत्र लिखना, शब्दावली विकास, याद रखने और समझने के लिए बोली जाने वाली भाषा की सामग्री शामिल है।

साथ ही इसमें पठन कौशल अवधारणाएं (उदाहरण के लिए बाएं से दाएं पढ़ना, आगे पीछे पढ़ना), प्रिंट जागरूकता जिसमें देखकर चित्रों / प्रतीकों से मेल या भेद करने की क्षमता शामिल है।

भाषा सीखना- एक रोजमर्रा की प्रक्रिया

विद्यार्थी अपने दैनिक जीवन में भाषा को समझे बिना उससे जुड़ते हैं। वे किसी न किसी रूप में भाषा का उपयोग करते हैं और भाषा के बारे में अपने ज्ञान का भी उपयोग करते हैं।

वे अपने से बड़ों, छोटो और शिक्षक को संबोधित करना जानते हैं। वे किसी की बात को सुन रहे हैं या रेडियो सुन रहे हो या टेलीविजन देख रहे हैं- ये वे स्रोत हैं जिनसे वे अपनी भाषा सीखते हैं और संप्रेषण के लिए इसका उपयोग करते हैं।

विद्यार्थियों में विद्यालय आने से पहले ही पढ़ने-लिखने की समझ विकसित हो जाती है। विद्यार्थियों के इस पूर्व ज्ञान को उनके साक्षरता कौशल के विकास का आधार माना जा सकता है।
हमारे घरों, घर की नंबर प्लेट, घर की दीवारों और आंगन पर बने मांडणे, पंचांग /कैलेंडर, गैस चूल्हे पर लिखा कंपनी का नाम, बर्तनों पर खुदा किसी का नाम, बांहों पर गुदा नाम या टैटू, अखबार का पन्ना, खरीदारी की सूची, टूथपेस्ट बॉक्स, कोई पोस्टर, राशन कार्ड, आधार कार्ड आदि प्रमुख सहित और मुद्रित सामग्री उपलब्ध है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि उचित या मुद्रित सामग्री का उपयोग पढ़ना सीखने सिखाने में उपयोग बहुत मदद कर सकता है, इसके सही और अधिक उपयोग किए जाने चाहिए।

3. पढ़ना और लिखना समझना

(i) विद्यार्थी अपने चारों ओर लिखित सामग्री पढ़ना शुरू करते हैं, जैसे बिस्कुट और टॉफी के रैपर, सड़क के किनारे लगे पोस्टर / विज्ञापन, दीवार पर लिखे नारे, विज्ञापन, समाचार पत्र, घर और विद्यालय में उपलब्ध कहानी की पुस्तकें, पत्र / पोस्ट कार्ड इत्यादि।

जैसे ही विद्यार्थी कलम, पेंसिल, चाक को पकड़ना शुरू करते हैं, वे लिखना शुरु कर देते हैं और उनमें कुछ अर्थ या संदेश जोड़ने की कोशिश करते हैं – यह भी लेखन की शुरुआत का एक हिस्सा है। वास्तव में पढ़ने और लिखने की अनुभूति भी दिन प्रतिदिन के सार्थक और व्यवहारिक संदर्भ में मौखिक भाषा के विकास की तरह विकसित होती हैं। पढ़ने वाले विद्यार्थी अक्सर बेहतर शिक्षार्थी बन जाते हैं, जिससे विद्यालय और जीवन के अन्य क्षेत्रों में सफलता मिलती है।

(ii) पढ़ने का एकमात्र लक्ष्य ‘समझना’ होना चाहिए। यह जरूरी है कि मुद्रित पाठ में जो संदेश दिया गया है उसे समझा जाए और उसका आनंद लिया जाए।

(iii) पढ़ना विद्यार्थियों को स्वतंत्र रूप से पुस्तकें पढ़ने, रचनात्मकता, आलोचनात्मक चिंतन, शब्दावली विकसित करने और मौखिक और लिखित दोनों में व्यक्त करने की क्षमता विकसित करने के लिए प्रेरित करता है।

(iv) लेखन भी विचारों को समझने और दूसरों के साथ साझा करने की एक प्रक्रिया है। इसमें ना केवल शब्दों को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया शामिल है, बल्कि यह ज्ञान, सूचना और विचारों को एक सुसंगत तरीके से साझा करने की एक व्यवस्थित प्रक्रिया है। लेखन विद्यार्थियों को अपने विचारों का पता लगाने, आकार देने और स्पष्ट करने और उन्हें दूसरों तक पहुंचाने में सक्षम बनाता है। प्रभावी लेखन रणनीतियों का उपयोग करके, विद्यार्थी विचारों को खोजते और परिष्कृत करते हैं और बढ़ते आत्मविश्वास और कौशल के साथ रचना और संशोधन करते हैं।

(v) विद्यार्थियों की लिखित भाषा की समझ ज्यादातर उनके प्रभावी उपयोग और मौखिक भाषा की समझ पर निर्भर करती है। लेखन के लिए अपना औपचारिक निर्देशात्मक प्रशिक्षण शुरू करने से पहले ही विद्यार्थी अपने आसपास के साक्षरता वातावरण के साथ बातचीत करना शुरू कर देते हैं और प्रतीकों और उनके अर्थों के बीच संबंध बनाना शुरू कर देते हैं।

विद्यार्थियों में पढ़ने की आदत का विकास कैसे करें?

  • विभिन्न प्रकार के सरल और रुचिकर कहानी की पुस्तकों, कॉमिक्स और चुटकुलों की पुस्तकों की उपलब्धता और पहुंच बच्चों तक हो, जिन्हें आकर्षक चित्रों और विशेष रूप से बच्चों की कक्षाओं में चित्रित किया गया है।
  • विद्यार्थियों को नियमित आधार पर निर्धारित समय और कक्षा में पढ़ने के लिए एक अनुकूल माहौल और स्थान प्रदान करने की आवश्यकता है।
  • विद्यार्थियों के साथ पठन गतिविधियों जैसे मुखर वाचन, साझा पठन, उनके द्वारा पढ़ी गई पुस्तकों पर चर्चा, भूमिका निभाना, शब्द खेल आदि, पुस्तकों के साथ उनकी भागीदारी बढ़ाने और पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए बहुत आवश्यक है।

गतिविधि के माध्यम से पढ़ने को मनोरंजक कैसे बनाया जाए: राजस्थान का एक केस स्टडी

बच्चों में आजीवन पढ़ने की आदत डालने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम पठन को मनोरंजक और रुचिकर बनाएं। इसलिए, गतिविधि आधारित दृष्टिकोण पढ़ने के अनुभव को रोमांचक और आनंददायक बनाने में सबसे प्रभावी है।

इसका एक वास्तविक उदाहरण राजस्थान राज्य में देखने को मिलता है, जहां दौसा जिले के सिकराय प्रखंड स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षक (मधु चौहान) पदस्थापित थी। जब वे विद्यालय में पदस्थापित हुई, तो उन्होंने पाया कि विद्यालय में नामांकन 32 छात्रों का था, लेकिन मुश्किल से 7-8 छात्र स्कूल आ रहे थे।

उसने कारणों का पता लगाने की कोशिश की तो पता लगा कि छात्रों के माता-पिता सुबह जल्दी काम पर चले जाते हैं और बच्चे जानवरों को चराने के लिए जाते हैं और पूरे दिन कंचे (स्थानीय भाषा में कांच ) खेलते हैं। वह समझ गई थी कि उसे माता-पिता का ज्यादा सहयोग नहीं मिलेगा, इसलिए उसने खुद पहल करने का फैसला किया। अगले दिन से वह स्कूल के खेल के मैदान में कंचों से खेलने लगी।

चूँकि शिक्षिका कंचे खेलना नहीं जानती थी, उसने विधार्थियो से उसे सिखाने के लिए कहा। यह बात जल्द ही गाँव में फैल गई कि शिक्षिका भी स्कूल में कंचों से खेल रही है, इसलिए जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे, वे भी स्कूल आए और खेल में भाग लिया और शिक्षिका को भी खेल खेलना सिखाया। यह सिलसिला कुछ दिनों तक चलता रहा जब तक कि सभी छात्र स्कूल नहीं आने लगे।

फिर, शिक्षिका ने संख्या अवधारणा परिचय दिया और कंचों पर 0 से 9 संख्याएँ लिखीं और छात्रों को बड़ी संख्या पर हिट करने के लिए कहा और उन्हें खेल के माध्यम से एक अंक वाली संख्या में जोड़ना और घटाना सिखाया। कुछ समय बाद उन्होंने कंचों पर हिन्दी के अक्षर लिखे और विधार्थियो से उन्हें इस तरह से मारने के लिए कहा जिससे शब्द बनते हैं।

इस प्रयास ने न केवल स्कूल में विधार्थियो की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की बल्कि उन्हें भाषा और अंकगणित की अवधारणा से भी आनंदपूर्वक परिचित कराया।

4. लक्ष्य समूह

बालवाटिका से आठवीं कक्षा तक के बच्चे इस अभियान का हिस्सा होंगे। उन्हें आगे तीन समूहों में वर्गवार वर्गीकृत किया जाएगा:

  • समूह I: बालवाटिका से कक्षा II
  • समूह II: कक्षा III से कक्षा V
  • समूह III: कक्षा VI से कक्षा VIII

5. अभियान की अवधि

पठन अभियान 1 जनवरी 2022 से 10 अप्रैल 2022 तक 100 दिनों (14 सप्ताह) के लिए आयोजित किया जाएगा।

6. विधार्थियो तक कैसे पहुँचें

reading campaign 6

 

7. अभियान के लिए रणनीति

पठन अभियान का उद्देश्य बच्चों, शिक्षकों, माता-पिता, समुदाय, शैक्षिक प्रशासको आदि सहित राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सभी हितधारको सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है।

100 दिनों का अभियान 14 सप्ताह तक जारी रहेगा और प्रति समूह प्रति सप्ताह एक गतिविधि को पढ़ने को मनोरंजक बनाने और पढ़ने की खुशी के साथ आजीवन जुड़ाव बनाने पर ध्यान देने के साथ डिजाइन किया गया है।

इस अभियान द्वारा प्राप्त किए जाने वाले विकासात्मक लक्ष्य/ सीखने के परिणाम भी गतिविधि कैलेंडर में दिए गए हैं। गतिविधियों का साप्ताहिक कैलेंडर कक्षा बार तैयार किया गया है, जिसे बच्चों को शिक्षकों, माता पिता, साथियों, भाई बहनों या परिवार के अन्य सदस्यों की सहायता से करना चाहिए।

अभियान को प्रभावी बनाने के लिए प्रति सप्ताह केवल एक गतिविधि होगी ताकि बच्चे दिए गए सप्ताह में गतिविधि को दोहरा सकें और अन्ततः इसे साथियों और भाई बहनों के साथ स्वतंत्र रूप से समझने और संचालित करने में सक्षम हो सकें। डिजाइन की गई गतिविधियों को सरल और मनोरंजक रखा गया है और घर पर उपलब्ध सामग्री/ संसाधनों के साथ आसानी से संचालित किया जा सकता है।

प्रत्येक ब्लॉक/ क्लस्टर /स्कूल स्तर पर निम्नलिखित गतिविधियां प्रस्तावित है।

  • इस अभियान में भागीदारी बढ़ाने हेतु माता पिता, विद्यार्थियों के लिए गहन जागरूकता अभियान चलाना, समुदाय के सदस्यों और स्थानीय निकायों को सक्रिय होना चाहिए। राज्य / जिला / ब्लाक / क्लस्टर / स्कूल / मोहल्ला स्तर पर कहानी सुनाने के सत्र लोकप्रिय कहानी के द्वारा शुरू किए जाएं।
  • लोकप्रिय लोग /हस्तियां, सरपंच अधिकारी गण, माता-पिता, दादा-दादी द्वारा कहानी सत्र आयोजित किया जाए।
  • स्थानीय लोक कथाओं, गीतों, तुकबंदी कविताओं आदि को बढ़ावा और प्रोत्साहन दिया जाए।
  • स्थानीय कलाकारों को ऐसी गतिविधियों और आयोजनों में शामिल किया जाए।
  • विद्यार्थियों को पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए कक्षा उपयुक्त अतिरिक्त पठन सामग्री, पुस्तकालय पुस्तकें विद्यार्थियों को बिना किसी संकोच के दी जाए।
  • पंचायत / क्लस्टर / ब्लॉक स्तर पर पठन मेलों का आयोजन करें और इसमें शामिल हो।
  • स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी), स्वयंसेवकों को पठन गतिविधियों का संचालन करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • सुनिश्चित करें कि इन 100 दिनों में गतिविधि कैलेंडर का पालन किया जाता है।
  • अच्छी गुणवत्ता वाले फोटो, वीडियो और प्रशंसा पत्र गूगल ट्रैकर में अपलोड करें।
  • सीएसओ, एफएम चैनल, स्थानीय रेडियो/ टीवी चैनलों के साथ साझेदारी कर रीडिंग कैंपेन की शुरुआत, गतिविधियों, समुदाय की भागीदारी, विद्यार्थियों के उत्साह आदि का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करें।
  • समाचार पत्र ( स्थानीय और क्षेत्रीय) में प्रति सप्ताह खबरें प्रकाशित कराएं, प्रकाशित खबरें ट्रैकर में अपलोड करें।

 

पठन अभियान हेतु संसाधनों की उपलब्धता
 
 
● राज्य द्वारा विद्यालय स्तर पर उपलब्ध करायी गई पुस्तकालय हेतु पुस्तकें, सहज पुस्तिकाएं, पाठ्य पुस्तकें, प्रिंटरिच सामग्री, स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कहानियों आदि।
 
● दीक्षा पोर्टल, प्रेरणा पोर्टल व एससीईआरटी के वेबसाइट्स आदि पर उपलब्ध विभिन्न संसाधन 
 
● एनसीईआरटी नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी), स्टोरी बीवर (https://storyweaver.org.in), प्रथम बुक्स (https://prathambooks.org). रूम टू रीड क्लाउड (https://literacycloud.org) आदि पर उपलब्ध संसाधन.

 

कक्षावार साप्ताहिक गतिविधियां (Reading Campaign Activities)

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100 Days Reading Campaign In English PDF डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

 

Guidelines_on_Reading_CampaignDownload

 

100 Days Reading Campaign In Hindi PDF डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

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