अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship नमस्कार, अध्यापक साथियों। आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति। अर्थार्थ टीचर्स वेलफेयर फंड ट्रस्ट स्कॉलरशिप। ये स्कॉलरशिप आपके बच्चों के लिए है अगर आपके बच्चे इस छात्रवृत्ति में पात्र होते हैं तो आपके बच्चे भी उत्कृष्ट प्रकार की छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हमने संपूर्ण जानकारी का समावेश किया है। आपके लिए उपयोगी प्रपत्र फोर और कैसे आवेदन करना है आदि समस्त जानकारियां अपडेट की है। हमें उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा और आप ज्यादा से ज्यादा शिक्षक साथियों के व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पेज और अन्य जगह पर साझा करेंगे।
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship :- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर की ओर से शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों के बेटे-बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष 7 हजार 500 रुपए तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसके लिए अजमेर बोर्ड ने पात्र शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसमें विगत 5 वर्षों से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में अध्यापन कार्य करवा रहे शिक्षक-शिक्षिका पात्र होंगे।
इसके अलावा संबंधित शिक्षक/शिक्षिका अजमेर बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के लिए कम से कम तीन बार परीक्षक के रुप में कार्य कर चुके हों। यह छात्रवृत्ति उच्च माध्यमिक अथवा समकक्ष परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए प्रदान की जाती है। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
अध्यापक कल्याण कोष न्यास से छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु वर्तमान में प्रचलित नियम नियम निम्न प्रकार से हैं –
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर में शिक्षकों / शिक्षिकाओं के आश्रितों को छात्रवृत्ति / आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 1965 1966 में अध्यापक कल्याण कोष न्यास की स्थापना की गई कार्यालय की निर्देश पुस्तिका अनुसार कोष का उपयोग शिक्षकों / शिक्षिकाओं तथा उनके आश्रितों की वास्तविक कठिनाईयों तथा आपत्तियों में सहायता करने के लिए किया जायेगा। इस कोष का उपयोग शिक्षकों / शिक्षिकाओं के सामूहिक कल्याण के कार्यों के लिए भी किया जा सकेगा। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship इसके उपरान्त समय-समय पर आयोजित न्यास की बैठकों में निर्णयों में संशोधन / परिवर्तन / परिवर्द्धन उपरांत वर्तमान में निम्नानुसार नियम प्रचलन में हैं :-
कक्षा 10 के लिए शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
शिक्षक / शिक्षिका का अर्थ उस शिक्षक / शिक्षिका से है जो मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में 5 वर्ष से अध्यापन कार्य में संलग्न है तथा कम से कम 2 वर्ष तक सैकण्डरी, प्रवेशिका उच्च माध्यमिक या वरिष्ठ उपाध्याय कक्षाओं से संबंधित हों अथवा रहें हों एवं साथ ही बोर्ड की उत्तरपुस्तिका जांचने हेतु कम से कम तीन बार परीक्षक का कार्य किया हो। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
(अ) छात्रवृत्ति हेतु पात्रता एवं सामान्य नियम
छात्रवृत्ति सेवारत शिक्षक / शिक्षिका के पुत्र / पुत्री / पत्नि / पति को ही दी जायेगी।
शिक्षक / शिक्षिका की स्वयं एवं पत्नि (यदि पत्नि सेवारत हो) अथवा दिवंगत / सेवारत शिक्षक / शिक्षिका के परिवार की समस्त साधनों से वार्षिक आय 14,00,000/- (अक्षरे रू. चौदह लाख मात्र) अथवा इससे कम हो ।
छात्रवृत्ति सीनियर सैकण्डरी अथवा उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर उच्च अध्ययन करने वालों को ही दी जायेगी। सैकण्डरी अथवा उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए भी छात्रवृत्ति दी जा सकती है।
परिवार के कई पुत्रों / पुत्रियों में से केवल एक ही पुत्र / पुत्री को छात्रवृत्ति देय होगी। एक से अधिक आवेदन करने पर समस्त आवेदन पत्र निरस्त कर दिये जायेंगे ।
छात्रवृत्ति केवल एक सत्र के लिए ही दी जावेगी तथा अगले सत्र में छात्रवृत्ति चाहने हेतु उन्हें पुनः निर्धारित प्रक्रिया में समयानुसार एवं नियमान्तर्गत आवेदन भेजना होगा तथा अनुत्तीर्ण विद्यार्थी एवं परिवार की आय रू. 14,00,000/- (अक्षरे रू. चौदह लाख मात्र) वार्षिक से अधिक होने पर छात्रवृत्ति का नवीनीकरण नहीं किया जायेगा।
छात्रवृत्ति अध्यापक के परिवार की आय एवं विद्यार्थी के परीक्षाफल के आधार पर ही दी जावेगी ।
छात्रवृत्ति केवल नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थी को ही 10 माह के लिए देय होगी।
आवेदन पत्र ऑनलाईन भरने के पश्चात् निम्न पूर्तियां / संलग्न कर अंतिम तिथि तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय में प्रेषित किया जाना आवश्यक है।
विद्यार्थी की शिक्षण संस्थान द्वारा प्रमाणीकरण
शिक्षक / शिक्षिका की वर्तमान / अंतिम संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणीकरण ।
गत परीक्षा उत्तीर्ण अंकतालिका।
शिक्षक / शिक्षिका स्वयं की वार्षिक आय का प्रमाण पत्र ( फार्म 16 ) तथा यदि पति / पत्नि भी सेवारत है तो उनके भी आय प्रमाण पत्र / (फार्म 16 ) |
राशन कार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि ।
आवेदन पत्र में अंकित बैंक सूचना यथा नाम पूर्ण खाता सं., आई.एफ.एस.सी. कोड आदि के सत्यापन हेतु छात्र के बैंक खाते की पासबुक की प्रमाणित प्रतिलिपि अथवा एक निरस्त चैक जिसमें उक्त समस्त सूचनाऐं मुद्रित हो, संलग्न करें।
उपरोक्तानुसार संलग्न के मूल आवेदन पत्र अंतिम तिथि तक निम्न पते पर पहुंच जाना चाहिए। अंतिम तिथि के उपरांत प्राप्त आवेदन पत्र निरस्त किये जा सकते है। सचिव अध्यापक कल्याण कोष न्यास माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर ।
10. स्वीकृत की जाने वाली छात्रवृत्ति निम्नानुसार होगी
महाविद्यालय, बीएसटीसी, आई.टी.आई पंचवर्षीय एलएलबी, कम्प्यूटर सांईस, सैकण्डरी अथवा समकक्ष उत्तीर्ण छात्रों को तकनीकी एवं
व्यावसायिक शिक्षा हेतु : 300/- प्रतिमाह
पॉलोटेक्नीक अथवा समकक्ष डिप्लोमा, नर्सिंग, फार्मेसी पाठ्यक्रम में अध्ययन हेतु : 450/- प्रतिमाह
बीएड एवं एम.एड. हेतु : 600/- प्रतिमाह
4 तकनीकी एवं व्यावसायिक यथा मेडीकल, आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, एमबीए, वेटनरी, आई.आई.टी. एवं पी. एच. डी. हेतु : 750/- प्रतिमाह
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11. छात्रवृत्ति उन्हीं को दी जायेगी जिनकों किसी अन्य स्त्रोत्र से सहायता प्राप्त नहीं हो रही हो ।
आर्थिक सहायता
दिवंगत शिक्षक / शिक्षिका के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में राशि रू. 15000/- देय है।
बोर्ड परीक्षा कार्य दौरान ( On Duty) असामयिक मृत्यु होनेपर राशि रू. 2,00,000/- आर्थिक सहायता देय है।
गंभीर बीमारी कैंसर या स्थायी रूप से अपंग होने पर शिक्षक / शिक्षिका को एक मुश्त राशि रू. 15,000 / – की आर्थिक सहायता देय है।
कुछ महत्वपूर्ण निर्देश :-
आवेदन पत्र मय आवश्यक दस्तावेज, शिक्षक / शिक्षिका के वर्तमान / अंतिम संस्था के प्रधान द्वारा प्रमाण पत्र तथा छात्र की शिक्षण संस्था के प्रधान द्वारा प्रमाणीकरण का प्रमाण पत्र सहित सचिव अध्यापक कल्याण कोष न्यास, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर को अग्रेषित करें।
आवेदन पत्र भरने से पहले प्रत्येक बिन्दु को सावधानी पूर्वक पढना चाहिए। छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय होने के पश्चात् भी गलत सूचना पर अनुज्ञा तुरन्त निरस्त की जा सकेगी।
अपूर्ण, अधूरा विवरण या निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा । अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
छात्रवृत्ति की राशि सीधे ही विद्यार्थी के व्यक्तिगत बैंक खाते में जमा कराई जायेगी। अतः विद्यार्थी स्वयं के नाम से अपना खाता “Electronic Clearing System” की किसी बैंक में खुलवायें।
अध्यापक कल्याण कोष न्यास के अन्तर्गत बोर्ड में परीक्षक के रूप में पंजीकृत शिक्षकों / शिक्षिकाओं के आश्रितों को छात्रवृत्ति के लिए ऑन-लाईन आवेदन पत्र भरने हेतु आवश्यक निर्देश एवं विधि :-
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship हेतु बोर्ड की वेबसाईट www.rajeduboard.rajasthan.gov.in
अध्यापक कल्याण कोष न्यास के अन्तर्गत बोर्ड में परीक्षक के रूप में कार्यरत / परीक्षक क्रमांकधारी शिक्षकों / शिक्षिकाओं के आश्रितों को छात्रवृत्ति के लिए मा.शि.बो. राजस्थान, अजमेर द्वारा जारी ऑनलाईन आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। आवेदन पत्र के पीछे मुद्रित निर्देशों की पूर्णतः पालना की जाए। नमूना आवेदन पत्र बोर्ड की उक्त वेबसाईट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
आवेदन पत्र भरने से पूर्व संबंधित समस्त सूचनाएँ एकत्रित कर अपने साथ रखें।
ऑनलाईन आवेदन भरते समय जो सूचनाएँ स्क्तः भरी हुई प्रिन्ट होती हैं, उनमें कोई संशोधन नहीं हो पाएगा आवेदन पत्र केवल अंग्रेजी (CAPITAL LETTERS) में ही भरा जाए।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
लॉग इन :- सर्वप्रथम आवेदन लॉग इन पेज पर दिये गये निर्देशों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें। आवेदक सुविधा के लिए लॉग इन पेज पर दिये गये प्रपत्र आवश्यकतानुसार प्रिन्ट कर सकते हैं। आवेदन परीक्षक अपनी Employee ID व मोबाईल नम्बर भरकर लॉग इन करें। किन्तु यदि परीक्षक का मोबाईल नं. बोर्ड में पंजीकृत नहीं हैं तो निर्देशानुसार वांछित सूचनाएं ऑनलाईन उपलब्ध कराकर मोबाइल नं. पंजीकृत करवायें।
अगर आप पहली बार लॉग इन कर रहे हैं तो लॉग इन के तुरन्त बाद आपको Fill Registration Form का लिंक मिलेगा जिस पर क्लिक करने से Registration Form खुलेगा जिसे भरने के लिए नीचे दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन करें| (पूरी जानकारी भरने के पश्चात आवेदक सेव (Save) बटन पर क्लिक करें।)
Check Registration Form :- इस लिंक पर क्लिक करने पर आवेदक द्वारा भरी गई जानकारियां प्रदर्शित होंगी। आवेदक इस फार्म को प्रिन्ट लेकर सुनिश्चित कर लें कि फार्म में भरी गई सम्पूर्ण जानकारियां सही हैं।
अगर भरी गई जानकारी में सुधार आवश्यक हो तो Update Registration Form (If required) के लिंक पर क्लिक करें | पुनः Registration Form खुलेगा, आवेदक आवश्यकतानुसार सुधार कर अपडेट का बटन पर क्लिक करें। जानकारी अपडेट हो जायेगी ।
अगर आप आश्वस्त हैं कि आपके द्वारा भरी गई सभी जानकारियां सही हैं तो Lock Registration Form पर क्लिक करें (ध्यान रहे कि इस लिंक पर क्लिक करने के पश्चात् कोई सुधार नहीं कर पायेंगें, गलत जानकारी पर आवेदन पत्र निरस्त होने की जिम्मेदारी आवेदक की स्वयं की होगी)
Final Registration Form इस लिंक पर क्लिक करने पर जो प्रपत्र खुलेंगें उन्हें प्रिन्ट करें। आवेदन पत्र रिक्त प्रमाण पत्र यथा शिक्षक / शिक्षिका का वर्तमान नियन्त्रण से प्रमाण पत्र एवं विद्यार्थी का वर्तमान शिक्षण संस्थान के प्रमाण पत्र पर संबंधित के हस्ताक्षर मय सील के प्रमाणित करवाकर बोर्ड में भेजे जाने हैं।
प्रिन्ट किये गये सभी प्रपत्र तथा आवश्यक प्रपत्र निर्देशानुसार संलग्न कर तय दिनांक तक बोर्ड में व्यक्तिगत / डाक द्वारा प्रेषित करें तथा इसकी एक फोटोप्रति अपने पास सुरक्षित रखें। नोट : प्रथम बार फार्म भरने के पश्चात अगर आप पुनः लॉग इन हो रहे है तो बिन्दु संख्या 3 से निर्देशों का पालन करें।
Instructions and Downloads ↓
Before fill online Registration form please read Instructions Carefully
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जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan : राजस्थान विभिन्न जातियों और समुदायों को पहचान और अवसर प्रदान करने में जाति प्रमाण पत्र के महत्व को पहचानता है। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र एक आधिकारिक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है जो किसी व्यक्ति की जाति या समुदाय को प्रमाणित करता है और आरक्षण, कल्याणकारी योजनाओं और अन्य लाभों तक पहुँच को सक्षम बनाता है।
राजस्थान जाति प्रमाण पत्र के लिए वर्ग (एससी, एसटी या ओबीसी) ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक राज्य लाभार्थी जो राजस्थान जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बहुत आसानी से ऐसा कर सकते हैं और जाति प्रमाण पत्र द्वारा प्रदान किए गए सभी लाभों का लाभ उठा सकते हैं। कर सकते हैं | जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
राज्य के केवल एससी, एसटी और ओबीसी लोग ही इस ऑनलाइन सेवा का उपयोग करने के पात्र हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है क्योंकि यह राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक आधिकारिक दस्तावेज है।
इस प्रमाण पत्र से पता चलता है कि राजस्थान में रहने वाला व्यक्ति किस जाति का है। राजस्थान जाति प्रमाण पत्र वाले लोगों को कई सरकारी कार्यों से छूट मिलती है। राज्य में रहने वाली विभिन्न जातियों की संख्या भी इसके इस्तेमाल से गिनी जा सकती है। इसलिए जो भी व्यक्ति एससी, एसटी या ओबीसी श्रेणी में आता है, उसके पास जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए।
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,
राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग एवं विशेष पिछडा वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में निम्नलिखित दिशा निर्देश जारी किये जाते है। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
1. जाति प्रमाण पत्र :-
जाति प्रमाण पत्र से तात्पर्य भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विशेष पिछड़ा वर्ग के लिये समय-समय पर जारी किये गये गजट नोटिफिकेशन / अधिसूचनाओं में शामिल जातियों को राज्य सरकार द्वारा अधिकृत प्राधिकारी द्वारा भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी किये गये प्रमाण पत्र से है। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
2. जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाला सक्षम प्राधिकारी : –
जाति प्रमाण पत्र उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किये जायेगें ।
3. जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया:-
(A) आवेदक-
(1) राजस्थान राज्य का मूल निवासी: ऐसा व्यक्ति जो अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछडा वर्ग का राजस्थान राज्य का मूल निवासी हो।
(II) अन्य राज्यों से भाईग्रेट होकर आये व्यक्तियो के संबंध मे :- यदि आवेदक मूल रूप से राजस्थान राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य का निवासी है तथा माईग्रेट होकर शिक्षा / रोजगार आदि प्राप्त करने के लिए राजस्थान राज्य मे स्थायी रूप से निवास कर रहा है तथा यही से मूल निवास प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, तो उस व्यक्ति की संतान को राजस्थान राज्य मे जन्म के आधार पर जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिये आवेदन हेतु पात्र होगी।
(B) आवेदन पत्र का प्रारूप एवं सलंग्न किये जाने वाले दस्तावेज :-
(1) SC / ST हेतु आवेदन परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार
(II) OBC / SBC हेतु आवेदन परिशिष्ट ‘क’ अनुसार
सलंग्न दस्तावेज सूची
राशनकार्ड / मतदाता सूची / अचल सम्पति के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज / किरायानामा / गैस कनेक्शन / बिजली, पानी, टेलिफोन का बिल / शिक्षा प्रमाण-पत्र ।
पिता की जाति का साक्ष्य हेतु प्रमाण-पत्र (जाति प्रमाण पत्र यदि उपलब्ध हो तो) भूमि की जमा बन्दी आय प्रमाण-पत्र हेतु (जिनके पास आई.टी. आर एवं राज्य / केन्द्रीय अधिकारी / कर्मचारी की वेतन पत्र / पे स्लीप नही है तो निर्धारित प्रमाण-पत्र मे दो अलग-अलग राज्य केन्द्रीय अधिकारी / कर्मचारी के द्वारा जारी प्रमाण-पत्र सलंग्न करे ) आयकर रिटर्न संबंधी दस्तावेज / मूल निवास प्रमाण पत्र / जन्म प्रमाण पत्र जिसमे जाति का उल्लेख हो यदि उपलब्ध हो तो आवेदन पत्र के साथ सलंग्न किया जावेगा
OBC / SBC के लिये उत्तरदायी व्यक्तियो द्वारा देय साक्ष्य (परिशिष्ट-च) अनुसार, उत्तर दायी व्यक्ति से आशय संसद सदस्य / विधानसभा सदस्य / जिला प्रमुख / प्रधान / जिला परिषद सदस्य / सरंपच / राजकीय अधिकारी / कर्मचारी से है ।
आवेदन पत्र में आवेदक के पास आधार नम्बर / जनाधार कार्ड होने की स्थिति मे उक्त नम्बर का अंकन किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि आवेदक परिवार का मुखिया नही हैं एवं उसके परिवार के मुखिया को जारी किये गये जनाधार कार्ड मे उसका नाम अंकित है तो मुखिया को जारी जनाधार कार्ड की प्रति लगानी आवश्यक होगी।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
(C) आवेदन जांच एवं आवेदन पत्र तथा जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र का प्रारूप:-
सक्षम अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ कार्मिक यथा पटवारी / गिरदावर आदि से गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी किये गये पत्रांक संख्या BC. 12025/2/76- SCT.J 22 मार्च 1977 ( प्रति संलग्न परिशिष्ट – k ) आवेदक के पैतृक / स्वयं के राजस्व रिकार्ड आदि मे उसके जाति का परीक्षण करवाया जायेगा इसके अतिरिक्त यदि आवश्यक हो तो शैक्षणिक रिकार्ड / नगरपालिका / ग्राम पंचायत के रिकार्ड का भी जांच / परीक्षण किया जा सकेगा जिसमे उसके स्वयं / पैतृक जाति की पुष्टि होती हो। परीक्षण उपरान्त जाति प्रमाण पत्र हिन्दी एवं अग्रेजी द्विभाषा में एक साथ ही जारी किया जायेगा|
SC/ST एवं OBC / SSC हेतु प्रमाण पत्र का प्रारूप क्रमशः परिशिष्ट ‘ब’ ‘ख’ ‘ग’ अनुसार ही मान्य होगा।
OBC / SBC के लिये जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र का प्रारूप उपरोक्त परिशिष्ठ ख व ग के अनुसार क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी पैरा 3 को काटकर (Delete) कर जारी किया जायेगा।
भारत सरकार मे नियुक्तियों के लिये परिशिष्ट- घ अनुसार ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
(D) जाति प्रमाण-पत्र की संशोधित एवं दोहरी प्रति :-
संक्षम प्राधिकारी द्वारा निम्नाकित परिस्थितियो मे दुबारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जावेगा।
प्रमाण-पत्र गुम हो जाने, कट-फट जाने या खराब हो जाने पर दोहरी प्रति (Duplicate Copy) जारी की सकेगी।
नाम बदलने पर संशोधित प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकेगा। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
कालान्तर मे आयु वृद्धि के अनुसार पहचान के लिए मांग करने पर नये फोटो युक्त नवीन प्रमाण-पत्र (Revised Certificate) जारी किया जावेगा।
यदि जाति प्रमाण-पत्र जारी करने वाला सक्षम अधिकारी आवेदक के आवेदन को किसी कारण से खारिज / निरस्त करता है तथा आवेदक यह महसूस करता है कि उसका आवेदन 5 पत्र एवं उसके साथ समस्त सलंग्न दस्तावेज सत्य है तथा वह उक्त जाति प्रमाण-पत्र मे जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति के अध्यक्ष को लिखित मे समस्त साक्ष्यों सहित आवेदन कर सकेगा। जिला स्तरीय समिति उक्त आवेदन पत्र का गहनता से जांच / परीक्षण कर यदि समिति का यह निष्कर्ष रहता है कि आवेदक का आवेदन पत्र सही है तो यह संबन्धित सक्षम अधिकारी को नियमानुसार जाति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु निर्देश दे सकेगी। एवं यदि आवेदन पत्र खारिज योग्य पाया जाता है तो उसे समिति द्वारा निरस्त कर दिया जावेगा परन्तु निरस्त का आदेश कारणो सहित जारी किया जायेगा।
4. जाति प्रमाण पत्र की वैधता अवधि :-
अनुसूचित जाति / जनजाति के लिये जारी किये गये जाति प्रमाण पत्रो की अवधि जीवन पर्यन्त होगी जबकि OBC के लिये संबधी प्रमाण-पत्र एक बार ही जारी किया जावेगा परन्तु क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी तथ्य को तीन वर्ष के विधि सम्मत शपथ-पत्र के आधार पर मान्यता दी जायेगी।
क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी प्रमाण-पत्र एक वर्ष के लिए मान्य होगा एक बार क्रिमीलेयर मे नही होने का प्रमाण-पत्र जारी होने के उपरान्त अगर प्रार्थी आगामी वर्ष मे भी क्रिमीलेयर मे नही हे तो ऐसी स्थिति मे उससे सत्यापित शपथ-पत्र (परिशिष्ट–३) लेकर पूर्व मे जारी प्रमाण-पत्र को ही मान लिया जाये ऐसा अधिकतम तीन वर्ष तक किया जा सकता है। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछड़ा वर्ग के आवेदक को जाति प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात यदि आवेदक द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेने, किसी नियोक्ता के अधीन सेवा मे नियोजित होने या अन्य किसी प्रयोजन के लिए यदि उक्त जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर कोई आरक्षण / रियायत प्राप्त की गयी हो तो शैक्षणिक संस्थान, नियोक्ता या अन्य किसी प्राधिकारी द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र के सत्यापन करवाये जाने की स्थिति मे जिला कलक्टर द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र का सत्यापन करवाया जाकर सत्यापन रिर्पोट संबन्धित प्राधिकारी को उनके वांछितानुसार भिजवायी जा सकेगी। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
उक्त सत्यापन रिर्पोट 6 माह में आवश्यक रूप से भिजवाई जानी आवश्यक होगी। यदि कोई प्रकरण सर्तकता समिति एवं छानबीन समिति मे विचाराधीन है तथा उसमे अन्तिम निर्णय मे विलम्ब हो रहा हो तथा शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता के यहां पर निर्धारित अंतिम तिथि निकल गयी हो तो शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता द्वारा अस्थायी (PROVISIONAL) प्रवेश / नियुक्ति दी जाएगी तथा वह प्रवेश / नियुक्ति छानबीन समिति के निर्णय के आधीन रहेगी।
6. जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति :-
अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछड़ा वर्ग के शंकाप्रस्द, फर्जी / झूठा जाति प्रमाण-पत्र जारी हो जाने की स्थिति मे एवं जाति प्रमाण-पत्र की शिकायत प्राप्त होने पर उक्त जाति प्रमाण-पत्र के परीक्षण / जांच हेतु प्रत्येक जिले मे एक जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र सतर्कता समिति का प्रशासनिक सुधार विभाग राजस्थान सरकार द्वारा आदेश क्रमांक प. 6 ( 10 ) प्र०सु०. / अनु. 3/2011 दिनांक 23.07.15 को गठन किया गया है। (परिशिष्ठ-बी) जो कि निम्न प्रकार से है :-
जिला कलक्टर
अध्यक्ष
अतिरिक्त जिला कलक्टर (राजस्व)
समन्वयक
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पदेन प्रभारी अधिकारी (माडा), जिला परिषद
सदस्य
संबन्धित उप जिला मजिस्ट्रेट / उपखण्ड अधिकारी
सदस्य
जिला अधिकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
सदस्य
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
उपरोक्त समिति मे झूठे फर्जी एवं शंकास्पद जाति प्रमाण-पत्रो के मामले दर्ज किये जा सकेगे तथा समिति जारी किये गये जाति प्रमाण-पत्रो की अपने स्तर पर परीक्षण करेगी तथा परीक्षण उपरान्त सत्यता का निष्कर्ष सहित अपना निर्णय लिया जाकर जाति प्रमाण-पत्र की वैद्यता / अवैद्यता के संबंध मे समुचित आदेश दो माह मे जारी करेगी।
तथा संबन्धित पक्षो को उक्त निर्णय से पंजीकृत डाक द्वारा अविलम्ब सूचना दी जावेगी। परन्तु उक्त सूचना अधिकतम एक माह में दी जावेगी तथा नाबालिग की स्थिति में उसके माता-पिता / संरक्षक को तत्काल सूचना प्रेषित की जावेगी। यदि उक्त अवधि मे निर्णय नही किया जा सकता है तो उसके कारणो का अकंन किया जाना आवश्यक होगा तथा निर्णय की सूचना शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता को भी तत्काल दी जावेगी ।
जाति प्रमाण-पत्र की सत्यता का परीक्षण करने के समय सम्बन्धित पक्षो यथा शिकायतकर्ता एवं जिसका जाति प्रमाण-पत्र है उसको अपना पक्ष रखने हेतु समुचित अवसर प्रदान करने हेतु नोटिस जारी किया जावेगा एवं नाबालिग की स्थिति मे उसके माता-पिता / संरक्षक को ऐसे नोटिस जारी किये जा सकेगे।
7. जिला स्तरीय समिति के निर्णय के विरूद्ध राज्य स्तरीय छानबीन एवं सर्तकता समिति में अपील :-
जाति प्रमाण-पत्र के संबध मे शिकायतकर्ता एवं यह पक्ष जिसके विरूद्ध शिकायत की गयी हैं जिला स्तरीय समिति के निर्णय से अंसुतष्ट होने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति मे जिला समिति के निर्णय दिनांक से 30 दिवस मे अपील की जा सकेगी।
झूठे एवं शंकास्पद / फर्जी जाति प्रमाण-पत्रो को जारी होने तथा दुरूपयोग करने के प्रकरणो को रोकने के लिए राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प 6 (10) प्र.सु.वि / अनु- 3 / 2011 जयपुर दिनांक 18.03. 2011 (परिशिष्ट-ए) द्वारा निम्न प्रकार से राज्य स्तरीय छानबीन समिति का गठन किया गया है :-
प्रमुख शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
अध्यक्ष
आयुक्त / निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
सदस्य
शासन सचिव, जनजातिय विकास विभाग
सदस्य
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
उक्त राज्य स्तरीय छानबीन समिति जिला स्तरीय जाति प्रमाणपत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति से प्राप्त निर्णय के विरूद्ध अपील दायर होने पर युक्तियुक्त समय मे उक्त जाति प्रमाण पत्र के संबंध मे जिला स्तरीय समिति के निर्णय का परीक्षण करेगी तथा आवश्यकता होने पर अपने स्तर पर पुनः संबन्धित प्रकरण यथा जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये साक्ष्य / दस्तावेज एवं जिला स्तर पर की गयी जांच रिपॉट का परीक्षण कर अपने स्तर पर निर्णय करेगी। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
एवं राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा यदि यह पाया जाता है कि जिला स्तरीय समिति द्वारा लिया गया निर्णय उचित है तो अपील को राज्य स्तरीय समिति द्वारा निरस्त किया जा सकेगा एवं जिला स्तरीय समिति का निर्णय अनुचित पाये जाने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा उक्त प्रमाण पत्र के संबध में उचित आदेश जारी किया जा सकेगा जिसकी पालनाके लिये जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाला सक्षम प्राधिकारी बाध्य होगा एवं इस निर्णय को केवल माननीय उच्च न्यायालय मे ही चुनौती दी जा सकेगी। छानबीन समिति द्वारा पारित किए गये निर्णय को शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता को तत्काल निर्णय से अवगत कराया जायेगा।
जाति प्रमाण पत्रो के संबंध में आवश्यक जाँच पड़ताल करने बाबत राज्य सरकार के आदेश क्रमांक एफ 11 (1) / छा०स० / आरएण्डपी / सान्याअवि / 12 / 40560 दिनांक 04.0814 द्वारा निम्न प्रकार से एक राज्य प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। (परिशिष्ठ सी)
उपनिदेशक (पिजा०) मुख्यावास सान्याअवि जयपुर ।
विधिअधिकारी / विधि सहायक मुख्यावास सान्याअवि जयपुर ।
संबधित समाज कल्याण अधिकारी
संबधित सयुक्त शासन सचिव / उपशासन सचिव जनजातिय क्षेत्रीय विभाग जयपुर।
उपरोक्त प्रकोष्ठ छानबीन समिति के निर्देशानुसार कार्य करेगा
9. झूठे जाति प्रमाण पत्रो के संबंध में दण्डात्मक कार्यावाही:-
किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त किये गये जाति प्रमाण पत्र के संबंध में जॉब के पश्चात यह पाया जाता है कि आवेदक द्वारा गलत तथ्यों / साक्ष्यों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तो उसके विरूद्ध आवश्यक रूप से कानूनी कार्यावाही की जा सकेगी। इसके अलावा जाति प्रमाण जारी करने वाले सक्षम अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा यदि निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लघन करके अवैध प्रमाण पत्र जारी किया है तो उन दोषी कार्मिकों / प्राधिकारियों के विरूद्ध भी आवश्यक रूप से कानूनी कार्यावाही की जायेंगी।
10. रिकार्ड संधारण :-
जाति प्रमाण-पत्र एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो कि व्यक्ति के पूर्वजो एवं भावी पीढी की पहचान का आधार होता है जाति प्रमाण-पत्र के संबंध मे प्रत्येक तहसील कार्यालय मे एक संकलित स्थायी रजिस्ट्रर का संधारण करते हुए उक्त समस्त रिकार्ड साफ-सुथरे एवं अच्छी सुरक्षा मे रखे जायेंगे तथा उक्त जाति प्रमाण पत्रो का आजीवन स्थाई रिकार्ड संधारित किया जावेगा । उक्त रिकार्ड निरीक्षण के लिये सदैव उपलब्ध करवाये जायेगे ।
रिकार्ड रखरखाव अवधि :-
जारी किये गये जाति प्रमाण पत्रों का एक संकलित रजिस्ट्रर / रिकार्ड संधारित किया जायेगा जो कि स्थायी रूप से आजीवन रहेगा।
व्यक्तिगत जाति प्रमाण पत्रों की एक प्रति कार्यालय रिकार्ड में रखी जायेगी तथा उसकी रखरखाव की अवधि न्यूनतम 30 वर्ष होगी।
11. ऑन लाईन आवेदन :-
अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछडा वर्ग के आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप मे समस्त दस्तावेजों सहित सम्पूर्ण राज्य मे कार्यरत ई-मित्र केन्द्रो (एकीकृत नागरिक सेवा केन्द्र) एवं जिले में नेशनल ई-गर्वनेंस प्लान के तहत स्थापित किये जाने वाले सीएससी केन्द्रो (एकीकृत नागरिक सेवा केन्द्र) के माध्यम से जाति प्रमाण- पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन किया जायेगा। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,
सभी जाति प्रमाण पत्र राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित बेबसाइट से ऑन-लाईन जारी किये जायेगें। आवेदन पत्र मे आवेदक के पास आधार नम्बर / भामाशाह कार्ड होने की स्थिति मे उक्त नम्बर का अंकन किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि आवेदक परिवार का मुखिया नही है एवं उसके परिवार के मुखिया को जारी किये गये भामाशाह कार्ड मे उसका नाम अंकित है तो मुखिया को जारी मामाशाह कार्ड की प्रति लगानी आवश्यक होगी।
उक्त जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan दिशा-निर्देश तुरन्त प्रभाव से लागू होगे।
जाति प्रमाण पत्र को समझने और जानने के लिए आपके लिए महत्वपूर्ण आदेश – निर्देश शेयर किये जा रहे हैं-
GEN, OBC, ST, SC, Minority Cast Certificate Application Form Download
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
राजस्थान जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड करने के लिए पात्रता
राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, व्यक्तियों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड ‘इमित्र’ पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है। ये मानदंड सुनिश्चित करते हैं कि प्रमाण पत्र वास्तव में निर्दिष्ट जाति या समुदाय से संबंधित लोगों को प्रदान किया जाता है। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:
निवास: आवेदक राजस्थान का निवासी होना चाहिए। निवास का प्रमाण, जैसे कि वैध पता प्रमाण दस्तावेज़, आवश्यक है।
जाति/समुदाय: जाति प्रमाण पत्र आमतौर पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य पात्र श्रेणियों से संबंधित व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं। आवेदक को इन पात्र श्रेणियों में से किसी एक से संबंधित होना चाहिए।
सहायक दस्तावेज: राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र आवेदन के लिए आमतौर पर निम्नलिखित सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
पहचान का प्रमाण: आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट या कोई अन्य सरकारी पहचान दस्तावेज।
निवास का प्रमाण: राजस्थान में आवेदक के निवास को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज, जैसे राशन कार्ड, बिजली बिल या कोई अन्य वैध पता प्रमाण।
जाति/समुदाय से संबंधित दस्तावेज़: आवेदक की जाति या समुदाय से संबद्धता स्थापित करने वाले दस्तावेज़। इनमें जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड, माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों का जाति प्रमाण पत्र या जाति साबित करने वाला कोई अन्य प्रासंगिक दस्तावेज़ शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में सरल शब्दों में हमने आपको जाति प्रमाण पत्र राजस्थान (Caste Certificate Rajasthan) से जुड़ी जाति प्रमाण-पत्र राजस्थान सरकार के आवश्यक दिशा निर्देश की महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा किया। इस लेख को पढ़ने के बाद अब समझ पाए होंगे कि जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता क्या है और किस प्रकार की से दस्तावेज से सरकार के द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं और राजस्थान के नागरिक किस प्रकार जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अगर इस लेख में बताई गई जानकारियों से आपको लाभ महसूस होता है और जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी आपको मिली है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव बेचारे किसी भी प्रकार के प्रश्नों को कमेंट में पूछना ना भूलें।
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विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools : हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किये।
विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को नागपुर में आयोजित हुआ तब से ही इस दिन को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरिशस में स्थित है।
इतिहास
वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। वर्ष 1949 में स्वतंत्र भारत की राजभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में इस प्रकार वर्णित है. संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अन्तरराष्ट्रीय रूप होगा।
इस निर्णय के बाद मूल हिन्दोस्तानी बोली उर्दू के शकल से प्रतिस्थापित हो जाते हैँ। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
यह निर्णय 14 सितम्बर को लिया गया, इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह का 50वाँ जन्मदिन था, इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था। हालांकि जब राष्ट्रभाषा के रूप में इसे चुना गया और लागू किया गया तो अ-हिन्दी भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे और अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा। इस कारण हिन्दी में भी अंग्रेजी भाषा का प्रभाव पड़ने लगा। राजस्थानी भाषा के कईं शब्द कोस है|
आपके विद्यालयों में हिंदी दिवस पर तैयारी
विद्यार्थियों में पढ़ने के प्रति अभिरूचि एवं पठन कौशल को विकसित करने हेतु ” PRAKHAR RAJASTHAN” (Proficiency in Reading and Numeracy with Knowledge & Holistic Advancement in Rajasthan) कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 9 सितम्बर 2024 कक्षा 1 से 8 में अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु राज्य में संचालित किया जा रहा है।
दिशा-निर्देशानुसार 14 से 21 सितम्बर 2024 को हिन्दी दिवस का आयोजन पठन कालांश के दौरान विद्यालय स्तर पर किया जाना है। इस हेतु भाषा एवं पुस्तकालय विभाग द्वारा भी जारी पत्र द्वारा आमजन में हिन्दी के प्रति सम्मान एवं दैनिक व्यवहार में हिन्दी प्रयोग के प्रति प्रेरणा एवं उत्साह के संचार की दृष्टि से विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को अंकित किया गया है।
विद्यालय स्तर पर हिन्दी दिवस के अवसर पर निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन करवाया जाए-
हिन्दी भाषा में बच्चों द्वारा कविता – गायन / कहानी पठन, समाचार पत्र पठन गतिविधि ।
शिक्षकों द्वारा प्रेरक कहानी वाचन एवं चर्चा |
महापुरूषों, साहित्यकारों, खिलाडियों, स्वंत्रता सेनानी, तत्कालिन घटनाओं आदि के जीवन परिचय एवं रचनाओं पर परिचर्चा, काव्य गोष्ठी ।
हिन्दी शब्दावली, लोकोक्तियां, मुहावरे आदि के विकास हेतु खेलों का आयोजन ।
प्रतियोगिता । .
विभिन्न हिन्दी विषयों जैसे हिन्दी भाषा का विकास, विशेषताओं आदि विषयों पर निबंध लेखन
विभिन्न हिन्दी विषयों जैसे – हिन्दी भाषा एवं अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य, भाषाई विविधता आदि का रोचक विषयों पर वाद-विवाद प्रतियोगिताऐं ।
हिन्दी अनुच्छेद, वाक्यों, शब्दों पर बच्चों द्वारा श्रुतिलेखन ।
किसी कहानी का नाटक मंचन ।
हिन्दी भाषा पर पोस्टर, चित्रकला, वॉलपेन्टिंग, स्लोगन निर्माण आदि गतिविधि ।
अतःशिक्षा विभाग द्वारा भी आपको निर्देशित किया गया है कि विद्यालय स्तर पर निर्धारित तिथि को हिन्दी दिवस कार्यक्रम का आयोजन करवाया जाना सुनिश्चित करेना हैं। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
भारत में 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें रोचक तथ्य
हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को देश के साथ ही विदेश में रहने वाले हिंदी भाषी लोग भी बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की वर्तमान समय में अंग्रेजी एवं मंदारिन भाषा के बाद हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
हिंदी भाषा हमारे देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। वर्तमान समय में दुनियाभर में अंग्रेजी एवं मंदारिन भाषा के बाद हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। विश्व भर में लगभग 60 करोड़ लोग इस भाषा का इस्तेमाल अपनी बोल-चाल की भाषा के रूप में करते हैं। हिंदी भाषा के महत्व को देखते हुए हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रति वर्ष इस दिन पर स्कूल/ कॉलेज के साथ ही जगह जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
भारत में 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
हिंदी भाषा (देवनागरी लिपि) को भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था और इसे मंजूरी मिली। इसी के चलते प्रतिवर्ष इस दिन पर राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Day) मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन के अलावा प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य अपनी आधिकारिक भाषा का विश्व भर में प्रचार प्रसार करना है। हमारी सरकार ने भी कई महत्वपूर्ण बदलाव करके विभिन्न विभागों में हिंदी को बढ़ावा देने का काम किया है। हमारे देश में हिंदी भाषा एक दूसरे से जोड़ने वाली मानी जाती है और इससे राष्ट्रीय एकता को भी मजबूती मिलती है। इसी के चलते इस दिन देश के साथ ही विदेशों में भी हिंदी भाषा में कार्यक्रम किये जाते हैं और लोगों को हिंदी भाषा के महत्व को समझाया जाता है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
कार्यक्रम
हिन्दी दिवस के दौरान कई कार्यक्रम होते हैं। इस दिन छात्र-छात्राओं को हिन्दी के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिन्दी के उपयोग करने आदि की शिक्षा दी जाती है। जिसमें हिन्दी निबन्ध लेखन, वाद-विवाद हिन्दी टंकण प्रतियोगिता आदि होता है। हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को प्रेरित करने हेतु भाषा सम्मान की शुरुआत की गई है। यह सम्मान प्रतिवर्ष देश के ऐसे व्यक्तित्व को दिया जाएगा जिसने जन-जन में हिन्दी भाषा के प्रयोग एवं उत्थान के लिए विशेष योगदान दिया है। इसके लिए सम्मान स्वरूप एक लाख एक हजार रुपये दिये जाते हैं।
हिन्दी में निबन्ध लेखन प्रतियोगिता के द्वारा कई जगह पर हिन्दी भाषा के विकास और विस्तार हेतु कई सुझाव भी प्राप्त किए जाते हैं। लेकिन अगले दिन सभी हिन्दी भाषा को भूल जाते हैं। हिन्दी भाषा को कुछ और दिन याद रखें इस कारण राष्ट्रभाषा सप्ताह का भी आयोजन होता है। जिससे यह कम से कम वर्ष में एक सप्ताह के लिए तो रहती ही है।
हिन्दी निबन्ध लेखन
वाद-विवाद
विचार गोष्ठी
काव्य गोष्ठी
श्रुतलेखन प्रतियोगिता
हिन्दी टंकण प्रतियोगिता
कवि सम्मेलन[12]
पुरस्कार समारोह
राजभाषा सप्ताह
उत्पादक
बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। लेकिन उसे अच्छी तरह से समझने, पढ़ने और लिखने वालों में यह संख्या बहुत ही कम है। यह और भी कम होती जा रही। इसके साथ ही हिन्दी भाषा पर अंग्रेजी के शब्दों का भी बहुत अधिक प्रभाव हुआ है और कई शब्द प्रचलन से हट गए और अंग्रेजी के शब्द ने उसकी जगह ले ली है। जिससे भविष्य में भाषा के विलुप्त होने की भी संभावना अधिक बढ़ गयी है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
इस कारण ऐसे लोग जो हिन्दी का ज्ञान रखते हैं या हिन्दी भाषा जानते हैं, उन्हें हिन्दी के प्रति अपने कर्तव्य का बोध करवाने के लिए इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है जिससे वे सभी अपने कर्तव्य का पालन कर हिन्दी भाषा को भविष्य में विलुप्त होने से बचा सकें। लेकिन लोग और सरकार दोनों ही इसके लिए उदासीन दिखती है। हिन्दी तो अपने घर में ही दासी के रूप में रहती है।
हिन्दी को आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा नहीं बनाया जा सका है। इसे विडम्बना ही कहेंगे कि योग को 177 देशों का समर्थन मिला, लेकिन हिन्दी के लिए 129 देशों का समर्थन क्या नहीं जुटाया जा सकता ? इसके ऐसे हालात आ गए हैं कि हिन्दी दिवस के दिन भी कई लोगों को ट्विटर पर हिन्दी में बोलो जैसे शब्दों का उपयोग करना पड़ रहा है। अमर उजाला ने भी लोगों से विनती की कि कम से कम हिन्दी दिवस के दिन हिन्दी में ट्वीट करें। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
उद्देश्य
इसका मुख्य उद्देश्य वर्ष में एक दिन इस बात से लोगों के समक्ष रखना है कि जब तक वे हिन्दी का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता है। इस एक दिन सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिन्दी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त जो वर्ष भर हिन्दी में अच्छे विकास कार्य करता है और अपने कार्य में हिन्दी का अच्छी तरह से उपयोग करता है, उसे पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया जाता है।
कई लोग अपने सामान्य बोलचाल में भी अंग्रेज़ी भाषा के शब्दों का या अंग्रेजी का उपयोग करते हैं, जिससे धीरे धीरे हिन्दी के अस्तित्व को खतरा पहुँच रहा है। जिस प्रकार से टेलीविजन से लेकर विद्यालयों तक और सामाजिक संचार माध्यम से लेकर निजी तकनीकी संस्थानों एवं निजी कार्यालयों तक में अंग्रेजी का दबदबा कायम है ।
उससे लगता है कि अपनी मातृभाषा हिन्दी धीरे–धीरे क्षीण और फिर दशकों बाद विलुप्त ना हो जाये। यदि शीघ्र ही हम छोटे–छोटे प्रयासों द्वारा अपनी मातृभाषा हिन्दी को अपने जीवन में एक अनिवार्य स्थान नहीं देंगे तो यह दूसरी भाषाओं से हो रही स्पर्धा में बहुत पीछे रह जायेगी ।
यहाँ तक कि वाराणसी में स्थित विश्व में सबसे बड़ी हिन्दी संस्था आज बहुत ही खस्ता स्थिति में है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
इस कारण इस दिन उन सभी से निवेदन किया जाता है कि वे अपने बोलचाल की भाषा में भी हिन्दी का ही उपयोग करें। इसके अतिरिक्त लोगों को अपने विचार आदि को हिन्दी में लिखने भी कहा जाता है। चूँकि हिन्दी भाषा में लिखने हेतु बहुत कम उपकरण के बारे में ही लोगों को पता है, इस कारण इस दिन हिन्दी भाषा में लिखने, जाँच करने और शब्दकोश के बारे में जानकारी दी जाती है।
हिन्दी भाषा के विकास के लिए कुछ लोगों के द्वारा कार्य करने से कोई विशेष लाभ नहीं होगा। इसके लिए सभी को एक जुट होकर हिन्दी के विकास को नए आयाम तक पहुँचाना होगा। हिन्दी भाषा के विकास और विलुप्त होने से बचाने के लिए यह अनिवार्य है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
हिन्दी सप्ताह
हिन्दी सप्ताह 14 सितम्बर से एक सप्ताह के लिए मनाया जाता है। इस पूरे सप्ताह अलग अलग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन विद्यालय और कार्यालय दोनों में किया जाता है। इसका मूल उद्देश्य हिन्दी भाषा के लिए विकास की भावना को लोगों में केवल हिन्दी दिवस तक ही सीमित न कर उसे और अधिक बढ़ाना है। इन सात दिनों में लोगों को निबन्ध लेखन, आदि के द्वारा हिन्दी भाषा के विकास और उसके उपयोग के लाभ और न उपयोग करने पर हानि के बारे में समझाया जाता है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
पुरस्कार
हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को उत्साहित करने हेतु पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है। जिसमें कार्य के दौरान अच्छी हिन्दी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है। यह पहले राजनेताओं के नाम पर था, जिसे बाद में बदल कर राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया। राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार लोगों को दिया जाता है जबकि राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी विभाग, समिति आदि को दिया जाता है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार
यह पुरस्कार तकनीकी या विज्ञान के विषय पर लिखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को दिया जाता है। इसमें दस हजार से लेकर दो लाख रुपये के 13 पुरस्कार होते हैं। इसमें प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले को २ लाख रूपए, द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को डेढ़ लाख रूपए और तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को पचहत्तर हजार रुपये मिलता है।
साथ ही दस लोगों को प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में दस-दस हजार रूपए प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार प्राप्त सभी लोगों को स्मृति चिह्न भी दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाना है।
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार
इस पुरस्कार योजना के तहत कुल ३९ पुरस्कार दिये जाते हैं। यह पुरस्कार किसी समिति, विभाग, मण्डल आदि को उसके द्वारा हिन्दी में किए गए श्रेष्ठ कार्यों के लिए दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य सरकारी कार्यों में हिन्दी भाषा का उपयोग करने से है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
हिंदी दिवस पर स्लोगन (Hindi Diwas Slogans 2024)
1. देश की शान है हिंदी, देश की पहचान है हिंदी, क्योंकि हर भारतीय के दिल में विराजमान हैं हिंदी ! हिंदी दिवस की बधाई !
2. विश्व हिंदी दिवस पर हमने ठाना है लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है हमें देश-विदेश में मनाना है हिंदी को आगे बढ़ाना है विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएं !
3. सबसे प्यारी, सबसे न्यारी, हिंदी है राष्ट्रभाषा हमारी ! हिंदी दिवस की बधाई !
5. हिंदी को मान और सम्मान दो, अपने दिन में स्थान दो ! हिंदी दिवस की बधाई !
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इस प्रकार तैयार करें अपना हिंदी दिवस का भाषण क्लिक करें
आलोचना
कई हिन्दी लेखकों और हिन्दी भाषा जानने वालों का कहना है कि हिन्दी दिवस केवल सरकारी कार्य की तरह है, जिसे केवल एक दिन के लिए मना दिया जाता है। इससे हिन्दी भाषा का कोई भी विकास नहीं होता है, बल्कि इससे हिन्दी भाषा को हानि होती है। कई लोग हिन्दी दिवस समारोह में भी अंग्रेजी भाषा में लिख कर लोगों का स्वागत करते हैं। सरकार इसे केवल यह दिखाने के लिए चलाती है कि वह हिन्दी भाषा के विकास हेतु कार्य कर रही है।
स्वयं सरकारी कर्मचारी भी हिन्दी के स्थान पर अंग्रेज़ी और राज्य भाषाओं का भी उपयोग किया जा रहा है में कार्य करते नज़र आते हैं। लेकिन कुछ लोगों की सोच यह भी है कि विविध कारण बताकर हिन्दी दिवस मनाने का विरोध करने और मजाक उड़ाने वाले यह चाहते हैं कि हिन्दी के प्रति रही-सही अपनत्व की भावना भी समाप्त की जाय। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
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HawaMahal Weekly E-Magazine हवामहल साप्ताहिक ई-पत्रिका : यह साप्ताहिक ई-पत्रिका RSCERT उदयपुर और सहयोगी संस्थाओं की साझेदारी में बच्चों को सूचना एवं संचार माध्यमों से दृश्य-श्रव्य सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई।
SMILE प्लेटफॉर्म के विभिन्न व्हाट्सअप समूहों से हर शनिवार बच्चों एवं शिक्षकों के लिए इन्टरैक्टिव शैक्षिक सामग्री भेजी जाती है इसमें HawaMahal Weekly E-Magazine हवामहल साप्ताहिक ई-पत्रिका महत्वपूर्ण हैं । टाटा ट्रस्ट के पराग इनीशियेटिव और सीएमएफ के तकनीकी सहयोग से प्रथम बुक्स, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, रूम टु रीड, सेव द चिल्ड्रन, पिरामल फाउंडेशन एवं यूनीसेफ़ द्वारा प्रकाशित शैक्षणिक सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है।
HawaMahal Weekly E-Magazine हवामहल साप्ताहिक ई-पत्रिका
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Job chart of Physical Education Teachers / शारीरिक शिक्षकों के दायित्व अथवा जॉब चार्ट (Job chart of Physical Education Teachers) : विद्यालय में स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा संबंधित कार्यक्रमों को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने की दृष्टि से प्राथमिक से लेकर सीनियर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शारीरिक शिक्षकों के दायित्व अथवा जॉब चार्ट निर्धारित किये गये हैं |
Job chart of Physical Education Teachers
Job chart of Physical Education Teachers image, शारीरिक शिक्षकों के दायित्व अथवा जॉब चार्ट
शारीरिक शिक्षकों के दायित्व अथवा जॉब चार्ट निम्न प्रकार रहेंगे –
शारीरिक शिक्षकों के दायित्व अथवा जॉब चार्ट (Job chart of Physical Education Teachers)– कालांश व्यवस्था –
शारीरिक शिक्षक को अन्य सामान्य अध्यापकों के पद की श्रेणी के अनुसार शारीरिक शिक्षा विषय के कालांश लेने होंगे पदवार कालांश आवंटन निम्नानुसार रहेगा-
तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक
42 कालांश प्रति सप्ताह
द्वितीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक
36 कालांश प्रति सप्ताह
व्याख्याता शारीरिक शिक्षक
30 कालांश प्रति सप्ताह
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
उपरोक्त कालांश का कक्षावार निम्नांकित रूप से शारीरिक शिक्षकों को आवंटित होंगे-
1
कक्षा 1 से 5
6 कालांश प्रति सप्ताह प्रति कक्षा
2
कक्षा 6 से 8
4 कालांश प्रति कक्षा
3
कक्षा 9 से 10
2 कालांश प्रति कक्षा
4
कक्षा 11 से 12
2 कालांश प्रति सप्ताह प्रति कक्षा
उपरोक्त कालांश में से निम्नांकित कार्य हेतु उनके सामने अंकित संख्या अनुसार कालांश को आवंटित कालांश में सम्मिलित समझा जाएगा-
प्रार्थना सभा पश्चात शाला में स्वास्थ्य वातावरण का निरीक्षण हेतु
एक कालांश प्रति सप्ताह
शारीरिक शिक्षक जिसे खेल प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है उसे सामग्री के रखरखाव हेतु
एक कालांश प्रति सप्ताह
सायंकाल समय में यदि शारीरिक शिक्षा कार्यक्रम जैसे खेल, सामूहिक व्यायाम, योग शिक्षा, भारतीयम, अंतर सदस्य प्रतियोगिता आदि संपादित करने पर
3 कालांश प्रतिदिन
उपरोक्त समस्त कालांश लेने के पश्चात यदि शारीरिक शिक्षा अध्यापक के समय विभाग चक्र में निर्धारित कालांश पूरे ना होने पर अन्य सामान्य विषयों के सामान्य विषयों के कालांश देकर पूर्ण किए जाएंगे।
उपरोक्त कालांश अनुसार अपने कार्यक्रम की वार्षिक योजना पाठ्यक्रम अनुसार तैयार कर सत्र प्रारंभ में ही संस्था प्रधान को प्रस्तुत करेंगे कक्षा वार पाठ्यक्रम निम्नानुसार रहेगा-
कक्षा 1 से 8
स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा शीर्षक के अंतर्गत शिक्षा क्रम में वर्णित
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SHIVIRA PANCHANG 2024 25 PDF DOWNLOAD, शिविरा पंचांग 2024-25 PDF : राजस्थान में सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूलों को खोलने को लेकर ताजा जानकारी सामने आई है साथ ही सत्र 2024-25 के लिए शिविरा कैलेंडर जारी कर दिया गया हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सत्र 2024-25 के लिए शिविरा पंचांग जारी कर दी गई है। राजस्थान में स्कूलों और कॉलेजों की संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में के माध्यम से उपलब्ध करवाने की कोशिश की जा रही है आशा है ये आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी ।
SHIVIRA PANCHANG 2024 25 PDF DOWNLOAD शिविरा पंचांग 2024-25 PDF
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी सरकारी और निजी विद्यालयों के लिए 1 जुलाई 2024 से 30 जून 2025 तक के लिए शिविरा पंचांग या संचालन कार्यक्रम जारी किया गया है। पंचांग के अनुरूप क्षेत्राधिकार में विद्यालय संचालन / विभागीय क्रियाकलापों कार्यक्रम एवं गतिविधियों का आयोजन और क्रियान्वयन किया जायेंगा।
SHIVIRA PANCHANG 2025 PDF DOWNLOAD शिविरा पंचांग 2024-25 PDF
बहरहाल जो नवीनता दिखाई दी वो निम्न अनुसार है⤵️
◆ पहली बार शिविरा में विभिन्न प्रशिक्षणों के सभी स्तरों (SRG, KRP शिक्षक) का शेड्यूल शामिल किया
◆ बस्ता मुक्त दिवस सभी शनिवार की जगह केवल 2 शनिवार दूसरे व चौथे शनिवार को ● ग्रीष्म अवकाश 17 मई से 30 जून सभी के लिए ◆ कम्प्यूटर अनुदेशकों के लिए निर्देश ◆ रोबोटिक लैब, ICT लैब, मिशन स्टार्ट, विद्यार्थियों के लिए डिजिटल पाठ्य सामग्री उपलब्धता के निर्देश। ◆उत्सव एवं जयंती उसी दिन प्रार्थना सभा के साथ(पहले अंतिम कालांश के निर्देश थे, बाद में बदल कर सप्ताह में आने वाले सभी उत्सव एवं जयंती 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर के अलावा उस सप्ताह के शनिवार को मनाने के निर्देश थे) ◆ पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन का नया नाम “सखा सम्मेलन” ◆ मूल्यांकन एवम परख के स्पष्टं निर्देश।। ◆ बालिका शिक्षा, प्रशिक्षण एवम गुणवत्ता, पूर्व प्राथमिक शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा के लिए अलग से निर्देश।
◆ कक्षा 1-5 CCE/SIQE/FLN आधारित मूल्यांकन जारी रहेगा (SA – 1,2,3) ◆ कक्षा 6-12 प्रथम, द्वितीय, तृतीय परख, अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा आधरित मूल्यांकन रहेगा ◆ No bag day की गतिविधियां जारी रहेगी (द्वितीय व चतुर्थ शनिवार)
शैक्षणिक सत्र 2024-25 मुख्य बिंदु-
शिवरा पंचांग में इस बार प्रमुख उत्सव /जयंती
05 .08 .24 को स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस
07 .08 .24 को अमृत पर्यावरण महोत्सव
13.08.24 वीर दुर्गादास जयंती उत्सव
17.08.24 रक्षा सूत्र बंधन दिवस
20.08.24 सद्भावना दिवस
11 .11 .24 राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
11 .24 कालिदास जयंती उत्सव
19 .11 .25 से 25 .11. 24 समरसता सप्ताह
26 .11. 24 संविधान दिवस
07.02.25 छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती उत्सव
14.02.25 मातृ पितृ दिवस
13.03.25 भारतीय नव वर्ष उत्सव
12.04.25 हनुमान जयंती उत्सव
07.05.25 रविंद्र नाथ टैगोर जयंती उत्सव
28 .05.25 वीर सावरकर जयंती उत्सव
29.05.25 महाराणा प्रताप जयंती उत्सव आदि
अवकाश
मध्यवर्ती अवकाश 27.10 .24 से 7.11. 24
शीतकालीन अवकाश 25 .12 .24 से 5.1.25
ग्रीष्म अवकाश 17.5. 25 से 30.6 25
परीक्षाएं
प्रथम परख : 21.8.24 से 23.8.24
प्रथम योगात्मक आकलन : सितंबर के द्वितीय सप्ताह (कक्षा 1-5)
द्वितीय परख : 14.10.24 से 16.10.24
तृतीय परख : 03.2.25 से 6.2.25
अर्धवार्षिक परीक्षा : 12.12. 24.से 24.12.24
द्वितीय योगात्मक आकलन जनवरी के द्वितीय सप्ताह (कक्षा 1-5)
वार्षिक परीक्षा : 24.4.24 से 8.5.25
तृतीय योगात्मक आकलन (कक्षा 1-5)/ पूर्व कक्षा आधारित आकलन-3 : 24 अप्रैल से 8 मई 2025
पूरक परीक्षा -जुलाई प्रथम सप्ताह
बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित किया जाएगा।
शिक्षक सम्मेलन / संस्था प्रधान वाकपीठ
संस्था प्रधान सत्रारम्भ वाकपीठ अगस्त के प्रथम/द्वितीय सप्ताह में
जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन 25.10.24 से 26 .10 .24
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मेलन 17.2.25 से 18.2.25
संस्था प्रधान सत्रांत वाकपीठ फरवरी 2025 के द्वितीय सप्ताह में
विशेष
🔅 विद्यालयों में नव पद स्थापित कंप्यूटर अनुदेशकों को कार्य दिया गया । 🔅 इस बार ग्रीष्मावकाश शिक्षको के लिए भी 17 मई से 30 जून तक किया गया। 🔅 पूरक परीक्षा जुलाई के प्रथम सप्ताह में ली जाएगी।
कार्य दिवस
रविवार : 52
अवकाश : 81
365-133=232
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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