राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा (STSE ) की विस्तृत जानकारी

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा (STSE ) की विस्तृत जानकारी

RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM : Rajasthan STSE 2024: राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा (STSE ) का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। State Level Talent Search Examination 2024 के लिए अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन वर्तमान सत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन की सम्पूर्ण जानकारी नीचे उपलब्ध करवा दी हैं। आवेदन करने का डायरेक्ट लिंक नीचे दिया गया है।

RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM 2024

स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन 2023-24 में राजस्थान के सभी मान्यता प्राप्त (केंद्रीय, पब्लिक, नवोदय, कॉन्वेंट, निजी, सरकारी, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मॉडल स्कूल सहित) विद्यालयों के सत्र 2023-24 में नियमित रूप से अध्यनरत विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। जिन विद्यार्थियों ने कक्षा 9वी में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हैं वह कक्षा 10वीं लेवल की परीक्षा के लिए योग्य होंगे। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने कक्षा 11वीं में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हो, वह कक्षा 12वीं की उक्त परीक्षा में प्रवेश के योग्य होंगे। यह परीक्षा कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग आयोजित की जाएगी।

RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM : Rajasthan STSE 202
RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM : Rajasthan STSE 202
Exam NameState Talent Search Examination (STSE) Rajasthan
Conducting AuthorityBoard of Secondary Education Rajasthan (RBSE)
Exam LevelState-level
Session2023-24
Mode of ApplicationOnline
Purpose of ExamTo award scholarships to meritorious students from classes 10 and 12 to encourage and motivate them for higher education.
Official websiterajeboard.rajasthan.gov.in
RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM

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State Level Talent Search Exam 2024 Notification

स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन 2023-24 का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। विस्तृत जानकारी ऑफीशियल नोटिफिकेशन में दी हुई है जो अभ्यर्थी नीचे दिए हुए लिंक के माध्यम से इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना की विस्तृत जानकारी

tate Level Talent Search Examination 2024 Dates

राजस्थान राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 के लिए आवेदन 03 अप्रैल से 10 अप्रैल 2024 तक भर सकते हैं। और इसकी परीक्षा का आयोजन 12 मई 2024 को सुबह 9 बजे से 1 बजे तक किया जाएगा।

EventsDates
ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि3 अप्रैल से 10 अप्रैल 2024
चालान द्वारा बैंक में शुल्क जमा करवाने की लास्ट डेट12 अप्रैल 2024
विलंब शुल्क के साथ ऑनलाइन आवेदन करने एवं बैंक चालान मुद्रण करने की लास्ट डेट11 अप्रैल से 14 अप्रैल 2024
मुदित चालान द्वारा बैंक में शुल्क जमा करवाने की लास्ट डेट16 अप्रैल 2024
ऑनलाइन संशोधन की डेट15 अप्रैल से 17 अप्रैल 2024
ऑनलाइन आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी मय प्रमाण पत्र तथा परीक्षा शुल्क का बैंक चालान एवं परीक्षार्थियों की सूची भिजवाने की अंतिम तिथि22 अप्रैल 2024
राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज एग्जाम डेट12 मई 2024
(9 से 1 बजे तक)
RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM

Rajasthan STSE 2024 : Eligibility Criteria

राज्य में संचालित सभी मान्यता प्राप्त राजकीय, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा संचालित मॉडल स्कूल, निजी, कान्वेंट, केन्द्रीय, नवोदय विद्यालयों के कक्षा 10वीं एवं 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थी अर्थात् जिन्होनें कक्षा 9 तथा 11 उत्तीर्ण की हो तथा जिन्होनें न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों, परीक्षा में सम्मिलित होने के पात्र होंगे।

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर राजस्थान QUESTION BANK CLASS 12 2024


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RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM 2024 : Qualification

राजस्थान में संचालित सभी मान्यता प्राप्त राजकीय, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मॉडल स्कूल, निजी, कान्वेंट, केंद्रीय, नवोदय विद्यालयों के कक्षा 10वीं एवं 10वीं में अध्यनरत विद्यार्थी जिन्होंने कक्षा 9th एवं 11th उत्तीर्ण की हो तथा जिन्होंने न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हो, इस Rajasthan STSE 2024 के लिए आवेदन कर सकते हैं।

Rajasthan Board STSE 2024: Required Documents

Rajasthan STSE 2024 के लिए आवश्यक दस्तावेज की सूची नीचे विस्तार से दी गई है:-

  • आवेदन विद्यार्थी का आधार कार्ड,
  • शैक्षणिक योग्यता को दर्शाने वाले सभी प्रमाण पत्र व अंक पत्र,
  • विद्यार्थी का बैंक खाता पासबुक,
  • आय प्रमाण पत्र,
  • निवास प्रमाण पत्र,
  • जाति प्रमाण पत्र,
  • चालू मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ आदि।

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर राजस्थान QUESTION BANK CLASS 10 2024

Rajasthan STSE 2024 : Application Form Fees

Rajasthan STSE 2024 में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा अभ्यर्थी इस आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं । आवेदन शुल्क विभिन्न वर्गों के लिए अलग–अलग रखा गया है जिसकी जानकारी नीचे दी हुई है:

  • बिना विलंब शुल्क:
    • सामान्य विद्यार्थी के लिए परीक्षा शुल्क ₹300
    • अन्य आरक्षित वर्गों के लिए ₹175
  • बिलंब शुल्क सहित:
    • सामान्य विद्यार्थी के लिए विलंब शुल्क सहित परीक्षा शुल्क 350 रुपए
    • अन्य आरक्षित वर्गों के लिए 225 रुपए
  • परीक्षा शुल्क के अतिरिक्त विद्यालय द्वारा अग्रेषण शुल्क 20 रुपए (प्रति परीक्षार्थी अलग से)

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RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM 2024: Registration

RAJASTHAN TELLANT SEARCH EXAM 2024 के लिए आवेदन करने की जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय की होगी।

  • RBSE से संबंधित सभी विद्यालयों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी Login ID और Password के आधार से आवेदन फॉर्म भर सकेंगे।
  • आवेदन फार्म में विद्यार्थी की पूछी गई सभी जानकारी सही-सही भरनी है।
  • आवश्यक सभी दस्तावेज अपलोड करने हैं और आवेदन शुल्क का भुगतान करना है।

परीक्षा शुल्क जमा करने के बाद ऑनलाइन आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी मय संबंधित प्रमाण पत्र, जमा शुल्क चालान की प्रतियों एवं सूची सहित निर्धारित तिथि तक स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड डाक से बोर्ड को भेजना अनिवार्य है। 

SHEKHAWATI MISSION 100 QUESTION BANK CLASS 12 2024

State Level Talent Search Examination 2024: छात्रवृत्ति की राशि

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा में न्यूनतम 80% या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को 1250 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। जबकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को ₹2000 प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी।

प्रोत्साहन:-

  1. राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के राज्य स्तर पर योग्यता सूची में अलग-अलग प्रथम 20-20 चयनित विद्यार्थियों में से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को एकमुश्त राशि 4000/- तथा शेष 19 विद्यार्थियों को एकमुश्त राशि 2000/- प्रोत्साहन स्वरूप दी जाएगी।
  2. जिन विद्यार्थियों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं उनको स्कॉलर सर्टिफिकेट तथा जिन विद्यार्थियों ने 80% से अधिक एवं 90% तक अंक प्राप्त किए हैं, उन विद्यार्थियों को विशेष योग्यता प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
  3. केवल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से संबंधता प्राप्त राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों के परीक्षार्थियों को दोनों परीक्षा की योग्यता सूची में अलग-अलग प्रथम 20-20 चयनित विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को 4000/- एवं शेष 19 विद्यार्थियों को 2000/- की राशि एकमुश्त माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा दी जाएगी।

STSE 2024 : Imp Link

RBSE STSE 2024: Imp Links
Apply
Application Form
(Class 10th)
Application Form
(Class 12th)
Official Notification
RBSE

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 FAQ’s

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन 3 से 10 अप्रैल 2024 तक कर सकते हैं जबकि लेट फीस के साथ आवेदन 14 अप्रैल 2024 तक कर सकते हैं।

स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

स्टेट टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया और डायरेक्ट लिंक ऊपर उपलब्ध करवा दिया है।

राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2024 के लिए एग्जाम कब आयोजित किया जाएगा?

परीक्षा का आयोजन 12 मई 2024 को सुबह 9:00 से दोपहर 1:00 बजे तक होगा।

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सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) की विस्तृत जानकारी

सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) की विस्तृत जानकारी

LEARNING OUTCOMES / सीखने के प्रतिफल :- विद्यालयों में अध्यनरत छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर कई नए प्रयास किये जाते है । इन सबका उद्देश्य विद्यालयी छात्रों में शैक्षिक गुणवत्ता का विकास और अच्छी उपलब्धि स्तर को हासिल करना  होता है ।   जिससे छात्रों के समग्र मूल्यांकन के माध्यम से विकास की एक निश्चित योजना बनाकर उनका उन्नयन किया जा सके .वास्तव में, सीखना एक सतत व व्यापक जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है । अब हम समझने का प्रयास करते हैं कि सीखने के प्रतिफल (LEARNING OUTCOMES) क्या है ?

किसी विद्यार्थी के लिए पाठ्यक्रम में सीखने के जो लक्ष्य या दक्षतायें निर्धारित की जाती हैं तथा जिन्हें ध्यान में रखकर शिक्षक अपने दैनिक कक्षा शिक्षण को संपादित करते हैं और कक्षा के इतर अनेक सह शैक्षिक गतिविधियों को आयोजित करते हैं, उन्हें Learning outcomes कहते हैं।

सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक अभी तक पाठ्यक्रम पूरा कराने और परीक्षा के आयोजन पर ही ध्यान देते थे। पढ़ाई से बच्चे के मानसिक स्तर, सामान्य ज्ञान और शैक्षिक ज्ञान में क्या सुधार हुआ, इस पर ध्यान नहीं दिया जाता था। सरकार ने इस वर्ष पहल कर लर्निंग आउटकम के मापदंड तैयार किए हैं। किस कक्षा में शिक्षक बच्चे को किस तरह क्या-क्या पढ़ाएंगे और किस कक्षा में बच्चों को कितना ज्ञान होना चाहिए, यह निर्धारित किया गया है।

सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) की विस्तृत जानकारी
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सीखने के प्रतिफल (LEARNING OUTCOMES) क्या है ?

अक्सर शिक्षकों में इस बात की स्‍पष्‍टता नहीं होती कि,

  • किस प्रकार का सीखना आवश्यक है?
  • वे कौन से मापदड हैं  जिनसे इसे मापा जा सकता है?

वे पाठ्यपुस्तक को संपूर्ण पाठ्यक्रम मानकर पाठों के अत में दिए गए प्रश्‍नों के आधार पर मूल्यांकन करते हैं। पाठ्यसामग्री के संदर्भ की भिन्नताओ तथा पढ़ाने के विभिन्न सिद्धांतों को वे ध्यान में नहीं रखते। पठन सामग्री में संदर्भानुसार भिन्‍नताएँ और अपनाई गई शिक्षण तकनीक में विविधता पर सामान्‍यतया ध्‍यान नहीं जाता है, क्‍योंकि इनके आकलन की कोई कसौटी नहीं है।

प्रत्येक कक्षा के सीखने के प्रतिफल शिक्षकों को केवल शिक्षा के वांछित तरीके अपनाने में ही सहायक नहीं है.  बल्‍कि अन्य साझेदारों, जैसे– संरक्षक, माता-पिता, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों, समुदाय तथा राज्य स्तर के शिक्षा अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका के प्रति सर्तक और ज़िम्‍मेदार भी बनाता है। स्पष्ट रूप से परिभाषित सीखने के प्रतिफल विभिन्न साझेदारों की ज़िम्मेदारी तथा उत्तरदायित्वों को सुनिश्चित करते हुए और दिशा-निर्देश दे सकता है ताकि विभिन्न पाठ्यचर्या क्षेत्र से अपेक्षाओं की पूर्ति हो सके। इसमें शिक्षक की प्राथमिक भूमिका सीखने की प्रक्रिया में सुगमकर्ता के रूप में होती है।

एक शिक्षक की भूमिका –

बच्‍चे विद्यालय में अपने सीखने के अनुभवों  के साथ प्रवेश करते हैं। विद्यालय बच्‍चे के मौजूदा अनूभवों के आधार पर सीखने की आगामी प्रक्रिया के गठन का दायित्‍व उठाता है। इस प्रकार हम किसी भी स्‍तर की शरुआत बच्‍चे की ‘अधिगम शून्यता’ से नहीं करते। एक शिक्षक, जो कि विद्यार्थियाें के सीखने का परामर्शदाता और सगुमकर्ता है, को भिन्‍न शिक्षणशास्‍त्रीय तकनीकों और बच्‍चेकी सीखने में उन्‍नति के प्रति भी जागरूक बनाना आवश्‍यक है।

सीखने के प्रतिफल को बेहतर कैसे बनायें –

सीखने सिखाने की प्रक्रिया के दौरान सतत एवं मूल्यांकन का उपयोग करें।

वर्तमान परिप्रेक्ष्‍य में विद्यार्थी और शिक्षक के अलावा माता-पिता, समुदाय के सदस्‍य और शैक्षिक प्रशासकों को भी विद्यार्थियों के सीखने के बारे में जानने और उसके अनुसार बच्‍चों  की सीखने संबंधी उन्‍नति पर नज़र बनाए रखने की ज़रूरत है।

सीखने की निरन्तरता को ध्‍यान में रखते हुए व्‍यवस्‍था को यह जानकारी देना कि बच्‍चेने सटीक रूप से क्‍या सीखा, एक चनुौती भरा कार्य होता है।

राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनसुंधान और प्रशिक्षण परिषद (ए्नसीईआरटी) के द्वारा विद्यालय से संबंधित सभी हितग्राहियों को शामिल करते हुए सीखने की संप्राप्तियों (Learning outcomes)को निर्धारित किया गया है ये बेंच मार्क के रूप में चिन्हित किये गए है क्योंकि इनकी प्राप्ति के बगैर छात्रों के सर्वागींण विकास की बात उचित नही है.


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LEARNING OUTCOMES (सीखने के प्रतिफल) क्यों ?

  1. प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थी के सीखने के बारे में जानने और उसके अनुसार बच्चों के सीखने सम्बन्धी प्रगति पर नज़र बनाये रखने की जरुरत है । इसके लिए आवश्यकता है की शिक्षको को कुछ मानदंड उपलब्ध करवाए जाये जिनकी सहायता से आपेक्षित सीखने के स्तर का आकलन किया जा सके।
  2. सीखने की निरन्तरता को ध्यान में रखते हुए शिक्षक एवं शिक्षा व्यवस्थासे जुड़े सभी अधिकारियो एवं अभिभावकों यह जानना आवश्यक है कि बच्चे ने सटीक रुप से कक्षा में क्या सीखा? इन्ही मापदंडो को “सीखने का प्रतिफल ” के रुप में परिभाषित किया गया है अर्थात जो कुछ भी बच्चे ने सीखाहै उसको जाचने अथवा उस परिणाम को देखने के मापदंड को अधिगम प्रतिफल के रुप में देखा जा सकता है ।

LEARNING OUTCOMES (सीखने के प्रतिफल) की आवश्यकता –

  1. निः शुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की क्रियान्वित अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थी की गुणवत्तायुक्त शिक्षा को सुनिश्चित करने हेतु ।
  2. आयु अनुररोप अपेक्षित स्तर , कौशल विकास एवं गुणवक्तायुक्त शिक्षा को परिभाषित करने हेतु ।
  3. शैक्षिक उदेश्यो की पूर्ति की सटीक जॉच हेतु ।
  4. राष्ट्रीय स्तर की शैक्षिक आकांक्षाओं की क्रियान्वयन हेतु समन्वित प्रयास अन्तर्गत ।
  5. राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर उच्च पायदान पर अवस्थित करने के प्रयास के क्रम में ।

LEARNING OUTCOMES पर अपनी अधिक समझ बनाने के लिए आप नीचे दिये गए link पर जा सकते हैं-

LEARNING OUTCOMES
कक्षा 1वीं से 8वीं
Open
LEARNING OUTCOMES
सेकेन्डरी स्तर
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कक्षावारसीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) के स्तर पर अपनी अधिक समझ बनाने के लिए आप नीचे सारणी में दिये गए link पर जा सकते हैं

कक्षावार सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) के स्तर

प्राथमिक स्तरउच्च प्राथमिक स्तर
कक्षा 1कक्षा 6
कक्षा 2कक्षा 7
कक्षा 3कक्षा 8
कक्षा 4
कक्षा 5

प्रारंभिक स्तर पर कक्षावार सीखने के प्रतिफल

आईये हम जानें प्राथमिक स्तर पर कक्षावार 1 से 8 तक लर्निंग आउटकम (LEARNING OUTCOME) पर आधारित माहवार प्रश्न क्या -क्या हो सकते है ? जिससे हम अपने शिक्षण को गुणवत्ता आधारित बना सकें …

प्रारंभिक स्तर पर सीखने के प्रतिफल
अधिगम परिणाम – 1-5 LOs (हिन्दी)
अधिगम परिणाम – 6 -8 LOs (हिन्दी)

सेकेन्डरी स्तर पर सीखने के प्रतिफल

सेकेन्डरी स्तर पर सीखने के प्रतिफल-हिन्दी 
सेकेन्डरी स्तर पर सीखने के प्रतिफल-अंग्रेजी 
सेकेन्डरी स्तर पर सीखने के प्रतिफल

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विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी यहाँ से जाने

विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी यहाँ से जाने

Transfer of charge in schools / विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी :- नमस्कार इस आलेख के अंदर हम जानेगे कि विद्यालयों में कार्यभार स्थानांतरण की विस्तृत कार्यवाही क्या होती है अगर कोई नया संस्थाप्रधान ज्वॉइन करें तो वह उस संस्थाप्रधान से किस प्रकार विभिन्न प्रकार के रिकॉर्ड अपने हस्तान्तरण में लेंगे अथवा किसी विद्यालय में संस्था प्रधान का पद रिक्त होने की स्थिति में किस व्यक्ति को चार्ज मिलेगा इसके बारे में इस आर्टिकल में विस्तार से जानकारी हमने शेयर की है| Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

1 जब तक कि किन्हीं विशिष्ट लिखित कारणों से जो लोक हित के होने चाहिये, जिसके आदेश के अधीन स्थानान्तरण हुआ है, वह अनुमति प्रदान नहीं कर दे, अथवा कोई विशिष्ट अन्य स्थान अपेक्षित न कर दे या कोई अन्य आज्ञा नहीं दे दे, तब तक किसी पद का भार उनके मुख्यालय पर ही हस्तान्तरित करना चाहिये, जहां पद भार से मुक्त करने वाला तथा पद सम्भालने वाला दोनों राज्य कर्मचारी उपस्थित हों ।

Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण की विस्तृत जानकारी यहाँ से जाने
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  • राजस्थान सरकार का निर्णय – राजस्थान सरकार के ध्यान में आया है कि स्थानान्तरण आज्ञा जारी होने पर, भारमुक्त कर्मचारी जिस पद पर स्थानान्तरित हुआ उस पद का चार्ज लेने हेतु कर्त्तव्य पर उपस्थित होता है लेकिन किसी – कारणवश, कार्यालयाध्यक्ष / विभागाध्यक्ष या राज्य कर्मचारी जिसे भारमुक्त किया जाना है, जानबूझकर चार्ज हस्तान्तरण करने में विलम्ब करता है।

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इस मामले पर विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि स्थानान्तरण आज्ञा प्राप्त होने पर जैसे ही भार ग्रहण करने वाला कर्मचारी उपस्थित होवे शीघ्र ही भार हस्तांतरित कर दिया जाना चाहिये। यदि किसी प्रकार का भार हस्तांतरित करने में जानबूझकर विलम्ब किया जाता है तो भार ग्रहण करने वाला कर्मचारी उस पद का भार ग्रहण करेगा और ऐसा होने के फलस्वरूप भारमुक्त हुआ कर्मचारी उस समय तक असाधारण अवकाश पर माना जावेगा जब तक कि उसे संवेतन अवकाश, जो उसे देय हो, उस दिन से जब से भारमुक्त करने वाले अधिकारी द्वारा भारग्रहण किया जाकर भारमुक्त किया गया हो, से सक्षम अधिकारी, द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया हो।

  • राजस्थान सरकार के निर्देश—उपरोक्त वित्त विभाग निर्णय दिनांक 7-11-1969 में ये निर्देश दिए गए थे कि यह निश्चय किया जावे कि जैसे ही भारमुक्त कर्ता अधिकारी भार ग्रहण करने हेतु उपस्थित हो उसके शीघ्र ही हस्तान्तरण आज्ञा की पालना आवश्यक हो । महालेखाकार द्वारा यह तथ्य राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया है कि इन निर्देशों की पालना उचित प्रकार से नहीं की जाती । राज्य सरकार इस अवज्ञा को गम्भीरता से लेती है और निम्न अग्रिम निर्देश प्रसारित करती है जेनकी पालना कठोरता से की जावे-
    1. भारमुक्त होने वाला राज्य कर्मचारी जैसे ही भार ग्रहण करे, शीघ्र ही अपने भार ग्रहण की सूचना भार मुक्त होने वाले कर्मचारी के नाम दर्शित करते हुए कोषागार अधिकारी और नियंत्रित अधिकारी को करेगा।
    2. उक्त सूचना प्राप्त न होने पर, नियन्त्रण अधिकारी द्वारा सम्बन्धित कोषागार अधिकारी को यह लिखा जाना चाहिये कि उस अधिकारी का जिसने भार संभालने में परिहार्य (avoid) किया और जिसे इन परिस्थितियों के कारण भारमुक्त समझा जावे, भुगतान रोका जावे और इस प्रकार लिखे गए पत्र की प्रतिलिपि महालेखाकार राजस्थान को भी प्रेषित की जावे ।
    3. इस प्रश्न का कि भार सम्भालने में आशयित (intentional) विलम्ब हुआ है या कि राज्य कर्मचारी ने भार सम्भालने में परिहार्य किया है कि उसे इन परिस्थितियों में भारमुक्त समझा जावे, यह निश्चय वह अधिकारी करेगा जो कि स्थानान्तरण आज्ञा देने में सक्षम हो, और वह सक्षम अधिकारी उस विलम्ब अवधि का जिस दिन से कर्मचारी ने पद भार ग्रहण किया था, अवकाश स्वीकृत कर जहां आवश्यक हो, नियमन करेगा।

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2 नियम की यह शर्त कि पद भार ग्रहण कर्ता तथा पद भार से मुक्त होने वाले दोनों राज्य कर्मचारी उपस्थित होने चाहिये, उन राज्य कर्मचारियों के सम्बन्ध में प्रभावी करना आवश्यक नहीं है जिनको दीर्घावकाश . ( वेकेशन) के साथ अवकाश जोड़ने की अनुमति दे दी गई हो। ऐसे मामलों में निम्नलिखित प्रणाली का अनुसरण होना चाहिए :

  • जब कि दीर्घावकाश अवकाश से पूर्व जोड़ा गया हो तो बाह्यगमन करने वाला राज्य कर्मचारी मुख्यालय छोड़ने से पहले रिपोर्ट करेगा अथवा यदि अत्यावश्यक कारणों से अवकाश दीर्घावकाश (वेकेशन) में स्वीकृत हुआ हो तो अवकाश स्वीकृत होते ही अपना पद भार दीर्घावकाश ( वेकेशन) के अन्त से प्रभावशील, हस्तान्तरित करेगा। तत्पश्चात् पद मुक्त करने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश का अन्त होने पर पद सामान्य रूप से सम्भाल लेगा।
  • जब कि दीर्घावकाश अवकाश के साथ जोड़ी गई हो, पद भार से मुक्त होने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश से पूर्व सामान्य रूप से पद भार हस्तांतरित करेगा, आने वाला राज्य कर्मचारी दीर्घावकाश समाप्ति पर वापस लौटने पर, दीर्घावकाश (वेकेशन) के आरम्भ से पदभार ग्रहण कर लेगा।

सरकारी निर्णय—एक प्रश्न यह उठाया गया है कि क्या राजपत्रित अधिकारी के पद ग्रहण करने / हस्तान्तरित करने की चार्ज रिपोर्ट पर उच्चतर प्राधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षर करना अनिवार्य है। इस प्रश्न पर विचार किया गया और निर्णय किया गया है कि निकटतम उच्च अधिकारी का प्रतिहस्ताक्षर केवल तभी आवश्यक होता है जबकि कोई अधिकारी पद हस्तांतरित करता हो या ग्रहण करता हो और ऐसा कोई अधिकारी नहीं हो जिसको वह पद हस्तांतरित करे या जिससे वह पद ग्रहण करे ।

3 सामान्यतया किसी विशेष मामलों में किसी विशेष प्रतिकूल आज्ञा के, अधीनस्थ राज्य कर्मचारी वर्ग से सरकारी कर्मचारियों, उदाहरणार्थ शासन सचिव या राजकीय सचिवालय के लिपिक का मुख्यालय, जिरा सरकार से वह संलग्न है उसका तत्समय मुख्यालय जहां स्थित हो उसी स्थान पर होगा। किसी अन्य राजकीय कर्मचारी का मुख्यालय वह स्थान होगा जो उनको नियुक्त करने वाला प्राधिकारी मुख्यालय नहीं घोषित करे, अथवा ऐसी घोषणा के अभाव में वह स्थान जहां उसके कार्यालय के अभिलेख रखे जाते हों । Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण


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Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

उक्त आदेश आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं :- यहाँ क्लिक कीजिए

Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

राज्य में संचालित राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सुचारू संचालन व दैनिक कार्यों के निष्पादन हेतु विद्यालयों के कार्य प्रभार के संबंध में श्रीमान निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, बीकानेर के आदेश दिनांक- 20.01.2017 में संशोधन किए जाकर आदेश क्रमांक-शिविरा/प्रारं/शैक्षिक/एबी/विद्यालय व्यवस्था/2017/26 दिनांक-06.05.2017 द्वारा निम्नानुसार संशोधित दिशा निर्देश जारी किए गए हैं-

(1) किसी भी उच्च प्राथमिक प्राथमिक विद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत होने की स्थिति में संस्था प्रधान का दायित्व/प्रभार उसके पास रहेगा।

(2) वरिष्ठ अध्यापक का पद रिक्त होने अथवा स्वीकृत नहीं होने पर वरिष्ठतम अध्यापक / प्रबोधक पद पर कार्यरत कर्मी द्वारा संस्था प्रधान के दायित्व का निर्वहन किया जाएगा।

(3) वरिष्ठ अध्यापक/अध्यापक/प्रबोधक का पद रिक्त होने की स्थिति में शारीरिक शिक्षक द्वारा संस्था प्रधान का दायित्व का निर्वहन किया जाएगा।

(4)उपयुक्त अनुसार बिंदु संख्या 1 से 3 तक के अलावा अन्य स्थिति के वरिष्ठ शिक्षाकर्मी/पैराटीचर/ट्रेनी अध्यापक के पद पर कार्यरत कार्मिक द्वारा संस्था प्रधान के दायित्व का निर्वहन किया जाएगा। कार्मिक की वरिष्ठता का निर्धारण संपूर्ण सेवा अवधि के आधार पर होगा। Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

प्रबोधक को भी संस्थाप्रधान का चार्ज

किसी विद्यालय में तृतीय श्रेणी अध्यापक और प्रबोधक में से संस्थाप्रधान का चार्ज किसे सौपा जाये❓

निदेशक प्रारभ्भिक शिक्षा बीकानेर के  पूर्व निर्देशो के अनुसार प्रबोधक को संस्था प्रधान का चार्ज वरिष्ठ अध्यापक , अध्यापक, शारीरिक शिक्षक के पद रिक्त होने पर देय था।
6/3/17 के नवीन संशोधित आदेशो के अनुसार संस्था प्रधान का पद रिक्त होने पर वरिष्ठ अध्यापक को ,उनकी अनुपस्थिति या पद रिक्त होने पर प्रबोधक / अध्यापक जो भी वरिष्ठ होगा उन्हे संस्था प्रधान का दायित्व दिया जाएगा।
*वीन संशोधन से प्रबोधक के पद को अध्यापक के पद के समकक्ष रखा गया है।सम्पूर्ण सेवा अवधि से  वरिष्ठता की गणना की जाएगी। Transfer of charge in schools विद्यालयों में कार्यभार हस्तान्तरण

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State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 / राज्य बीमा नियम 1998 : राज्य बीमा नियम 1998(SI Rules)-राजस्थान राज्य बनने के बाद 1953 में कर्मचारी बीमा नियम के तहत 1-1-1954 से सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सभी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य राज्य बीमा योजना लागू की गई। इस योजना को आगे बढ़ाया गया और 1-4-1989 से जिला परिषदों और पंचायत समितियों के कर्मचारियों के लिए लागू किया गया। बाद में 1-4-1995 से इस योजना को राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों के सभी वर्क चार्ज कर्मचारियों के लिए लागू किया गया।

पुराने नियमों को फिर से लिखा गया और 01-04-1998 से नए बीमा नियम State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 लागू हुए।

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राज्य बीमा विभाग के State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 नियमों के अनुसार, राज्य बीमा की कटौती को बढ़ाने के लिए, 1 अप्रैल यानी 1/4/22 को 55 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए, यदि कार्मिक की आयु 55 वर्ष या उससे अधिक है, तो कटौती समान रहेगी और कटौती योग्य में कोई वृद्धि नहीं होगी क्योंकि बीमा विभाग 55 वर्ष की आयु के बाद किसी भी जोखिम को कवर नहीं करता है। State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998

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वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली

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State Insurance Rules, 1998

उस राज्य बीमा कटौती योग्य का क्या होगा जिसकी परिवीक्षा अवधि 28 मार्च, 2022 को समाप्त हो रही है?

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार जिनका पहली बार एसआई काटा जा रहा है, वह 22 मार्च से ही होगा, लेकिन जिनका प्रोबेशन मार्च 2022 या उससे पहले पूरा हो रहा है, पहले ऐसे कर्मियों के लिए एक पुष्टिकरण आदेश जारी किया जाएगा, फिर डीडीओ वेतन तय करेगा, उसके बाद नए वेतन के अनुसार राज्य बीमा की पहली कटौती 22 मार्च से की जा सकती है, जिसमें से बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। 

समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

अगर सरकार द्वारा बढ़ाए गए डिडक्शन को स्लैब के हिसाब से बढ़ाना है तो कोई डिक्लेरेशन नहीं देना होता है| यदि कर्मी अपनी इच्छा से एक या दो कदम आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्हें एसएसओ-आईडी से आगे का परिशिष्ट (अधिक घोषणा पत्र) ऑनलाइन जमा करना होगा।

जिन लोगों का एसआई पहली बार 22 मार्च को काटा जा रहा है, वे अपनी एसएसओ-आईडी से प्रथम घोषणा ऑनलाइन जमा करें, यदि कर्मी चाहें तो एक या दो चरण आगे की कटौती भी करवा सकते हैं। 

टिप्पणी:  जो 1 अप्रैल, 22 को 55 वर्ष से अधिक आयु के हैं, उनकी SI कटौती समान रहेगी, उनकी कटौती किसी भी तरह से नहीं बढ़ेगी। SIPF पोर्टल पर नए आदेश के अनुसार, कटौती की नई दरें अपडेट होते ही ऑनलाइन डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करें। यदि आपने पूर्व में पुरानी दर पर एसआईपीएफ पोर्टल में घोषणा पत्र जमा किया है, तो इसे डीडीओ या राज्य बीमा और भविष्य निधि कार्यालय से खारिज कर दें जहां यह लंबित है और नई दर के अनुसार घोषणा पत्र फिर से जमा करें। 

कक्षा 01 से 11 तक परीक्षा परिणाम तैयार करने का एक्सल प्रोग्राम

बीमित व्यक्ति ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने पर सरेंडर मूल्य के 90% और अर्जित बोनस की सीमा तक ऋण प्राप्त करने का हकदार होगा।

बीमित व्यक्ति के अनुरोध पर ऋण 60 समान मासिक किस्तों में या कम किस्तों में वितरित किया जाएगा। किश्तें ऋण निकासी के पहले महीने के वेतन से शुरू होंगी। मूल ऋण चुकाने के बाद ऋण पर 8.5% का साधारण ब्याज 10 समान किश्तों में वसूल किया जाएगा। पॉलिसी के विरुद्ध अगला ऋण तब तक स्वीकृत नहीं किया जाएगा जब तक कि पिछले ऋण की स्वीकृति और पिछले ऋण की वसूली के दो वर्ष बीत चुके हों।


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राज्य बीमा ऋण की वसूली राज्य बीमा एवं भविष्य निधि विभाग द्वारा 36 समान किश्तों में की जाती है। अत: 01 किश्त पर 666 माह के लिए ब्याज की गणना की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी ने रुपये 36000/- का राज्य बीमा ऋण लिया है तो यह रुपये 1000/- प्रति माह की दर से वेतन कटौती से वसूल किया जाएगा। मूल ऋण में कटौती के बाद ब्याज घटाया जाता है ।  यदि रुपये 1000/- की किश्त पर 666 महीने के लिए ब्याज की गणना की जाए तो सही ब्याज की गणना हो जाती है जो निम्न प्रकार है –

(1000 किश्त x 666 महीने x 9.5 वार्षिक ब्याज दर)/ 1200 = 5273 रुपये ब्याज होगा। इसी प्रकार बैंक ऋण पर भी ब्याज की गणना की जा सकती है।

गणना अवधि = (अवधि x (अवधि+1))/ 2 उदाहरण के लिए यदि ऋण 36 किस्तों में काटा जाता है तो (36 x 37)/ 2 = 666

यदि वसूली 60 किश्तों में की जा रही है तो (60 x 61) = 1830 माह की पहली किस्त का ब्याज पूरे ऋण ब्याज के बराबर होगा।

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राज्य बीमा कटौती नियम

State Insurance Rules 1998 SI Rules : राज्य बीमा नियम 1998 के अनुसार राज्य बीमा प्रीमियम स्लैब – वेतनमान 2017

क्रम संख्यावेतन पे मैट्रिक्स लेवल मेंप्रीमियम स्लैब (01-04-18 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-20 से प्रभावी)
122000/- तक500/-800/-
222001/- से 28500/- तक700/-1200/-
328501/- से 46500/-तक1300/-2200/-
446501/- से 72000/-तक1800/-3000/-
572001/- या अधिक3000/-5000/-
6अधिकतम कटौती4000/-7000/-
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शिक्षा विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण दिशाशिक्षा विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा निर्देश-गाइडलाइन निर्देश-गाइडलाइन


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क्रम संख्यावेतन (मूल वेतन + ग्रेड पे )प्रीमियम स्लैब (01-04-09 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-10 से प्रभावी)प्रीमियम स्लैब (01-04-15 से प्रभावी)
16050/- से 8500/- तक180/-330/-400/-
28501/- से 11000/- तक240/-450/-550/-
311001/- से 18000/- तक480/-900/-1100/-
418001/- से 28000/- तक720/-1300/-1550/-
528000/- या अधिक1200/-2200/-2650/-
6अधिकतम कटौती1500/-2500/-3000/-
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सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-

क्रमांकविषयआदेश संख्याआदेश की दिनांक
1ब्याज दर के लिए राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधन (8.5% से 7.5% प्रति वर्ष)एफ.4(99)एफडी/राजस्व/9217-अप्रैल-20
2राज्य बीमा प्रीमियम दरों में संशोधनF.13(21)FD/राजस्व/76 भाग13-मार्च-20
3आदेश – राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम, 1998 में प्रीमियम दरों का पुनरीक्षणएफ.13(21)एफडी/राजस्व/76 भाग25-फरवरी-15
4राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96 भाग-II16-दिसंबर-10
5कुछ मामलों में राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम, 1998 के तहत बीमा राशि का भुगतानF4(36)FD/RECV/96Pt112-अगस्त-10
6राजस्थान सरकार सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF13(21)FD/राजस्व/76 PT31-मार्च-10
7राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ13(21)/एफडी/राजस्व/7602-मार्च-09
8राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96-भाग12-सितंबर-08
9राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF.4(36)FD/राजस्व/96 भाग-I22-नवंबर-07
10राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनF4(99)FD/राजस्व/9210-मई-04
1 1राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ.4(99)एफडी/आरएआई/9214-मार्च-02
12राजस्थान सरकारी सेवक बीमा नियम 1998 में संशोधनएफ.4(36)एफडी/राजस्व/9614-मई-99
13राजस्थान सरकार के कर्मचारी बीमा नियम, 199817-मार्च-98
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SNA वित्तीय वर्ष 2023-24 में जारी “SNA” लिमिट का उपयोग कैसे करें

संपर्क सूत्र 

SIPF विभाग की संपर्क सूची (हिंदी) 01-12-2022 तक

SIPF विभाग की संपर्क सूची (अंग्रेजी) 01-12-2022 तक

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  • एसआईपीएफ मुख्यालय

पता 2-2 ए, बीमा भवन, सवाई जयसिंह हाईवे, बनीपार्क, जयपुर – 302006

संपर्क नंबर 0141-2202395, 2202347, 2202348, 2200349, 2201349, 2201336

ई-मेल dir-sipf-rj@nic.in

  • नोडल अधिकारी (आईटी)

नोडल अधिकारी (आईटी) अपर निदेशक (सिस्टम)

संपर्क नंबर 0141-2206333

ई-मेल add.sys.sipf@rajasthan.gov.in

नोडल अधिकारी (वेबसाइट) विश्लेषक सह प्रोग्रामर (उप निदेशक)

संपर्क नंबर 0141-2206333

ई-मेल acp.sipf@rajasthan.gov.in

नोडल अधिकारी (सतर्कता) वरिष्ठ अतिरिक्त निदेशक (सतर्कता), मुख्यालय, जयपुर

संपर्क नंबर 0141-2201858

ई-मेल jd.vig.sipf@rajasthan.gov.in

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वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली Annual Performance Appraisal Report Rules :- वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) एक महत्त्वपूर्ण राजकीय दस्तावेज है । प्रत्येक सरकारी कार्मिक (लोकसेवक) के प्रदर्शन का मूल्यांकन प्रतिवर्ष APAR के माध्यम से किया जाता है। APAR में कार्मिक के कार्य, आचरण चरित्र और क्षमताओं को दर्ज किया जाता है। प्रत्येक राजकीय कार्मिक के लिए यह आवश्यक है वह अपने पदानुरूप दायित्व का नियमित मूल्यांकन करें।

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली Annual Performance Appraisal Report Rules

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली Annual Performance Appraisal Report Rules
वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन नियमावली Annual Performance Appraisal Report Rules

वह स्वयं इस तथ्य की समीक्षा करे कि राजकीय कार्मिक के रुप में जो कार्य / लक्ष्य उसे सौंपे गए हैं उनकी प्रगति/प्राप्ति किस स्तर तक हुई है, ताकि वह आगामी समय में सुधार कर अपनी कार्यक्षमताओं में वृद्धि कर सके।

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) प्रणाली का एक अन्य उद्देश्य कर्मचारियों के गुणों, लक्षणों, शक्तियों और कमजोरियों के बारे में उच्चतर अधिकारियों को जानकारी प्रदान करना है ताकि उन्हें उन दायित्वों को सौंपा जा सके जहाँ उनकी योग्यता का सबसे अधिक उपयोग किया जा सके। APAR प्रणाली कर्मचारियों की योग्यता का आकलन करने के लिए डेटा भी प्रदान करती है जब पुष्टि, पदोन्नति, चयन ग्रेड, दक्षता पार करने और एक निश्चित आयु से परे सेवा में निरंतरता या कुछ वर्ष की सेवा पूरी होने पर उपयोगी होते हैं।

इस प्रकार, APAR विभिन्न प्रयोजनों के लिए बुनियादी और महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं । इसलिए सभी कार्मिकों को जिम्मेदारी के साथ APAR फॉर्म भरने का कार्य करना चाहिए।

व्याख्या- यदि इन निर्देशों के आवेदन व्याख्या और दायरे से संबंधित कोई भी संदेह उत्पन्न होता है, तो कार्मिक विभाग के परिपत्र दिनांक 05.06.2008 में प्रदत निर्देश और समय-समय पर कार्मिक विभाग द्वारा जारी संशोधन मान्य होगे और तत्संबंधी निर्णय अंतिम होगा।

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वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के अतिरिक्त निम्न निर्दिष्ट दस्तावेजों और संचार की प्रतियां वार्षिक कार्य मूल्याकंन प्रतिवेदन डोजियर में रखी जाएंगी-

  1. राष्ट्रपति/ राज्य सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कारों की प्रतियां।
  2. सरकार द्वारा जारी किए गए प्रशंसा- पत्र ।
  3. विशेष निकायों के प्रमुखों द्वारा जारी किए गए प्रशंसा पत्र या आयोग या ऐसे निकायों की रिपोर्ट में शामिल नाम से सराहना के पैराग्राफ।
  4. व्यक्तिगत गैर-अधिकारियों से प्रशंसा के पत्र अगर वे सचिव के पूर्व अनुमोदन से विभाग के प्रमुख / विभाग के अनुमोदन के साथ सामान्य कर्तव्य से परे सेवा की सराहना से संबंधित हैं।
  5. अधीनस्थ/मंत्रालयिक सेवा से संबंधित कर्मचारी संबंध में विभागाध्यक्ष द्वारा जारी किए गए प्रशंसा पत्र।
  6. राजस्थान सिविल सेवा (CC&A) नियमों में निर्दिष्ट किसी भी दंड को लागू करने के आदेश की
  7. नियुक्ति अधिकारी या उच्च अधिकारियों द्वारा लोकसेवक के कार्य व व्यवहार पर नाराजगी या चेतावनी देते हुए जारी किए गए पत्र की प्रतियाँ।
  8. संबंधित लोकसेवक द्वारा किए गए अध्ययन या प्रशिक्षण के अनुमोदित पाठ्यक्रमों के अभिलेख।
  1. प्रत्येक लोकसेवक का वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन का डोजियर निर्धारित चैनल के अनुरूप स्वीकारकर्ता अधिकारी के पास सुरक्षित रखा जाएगा।
  2. APAR की डूप्लीकेट प्रतियों का रखरखाव वांछनीय नहीं है हालांकि, यदि प्रतिवेदन की प्रतियों को बनाए रखना आवश्यक माना जाता है, तो कार्मिक विभाग की विशिष्ट स्वीकृति लेनी होगी।
  3. अपूर्ण प्रतिवेदन प्राप्त होने उसे संबंधित प्रतिवेदक/समीक्षक अधिकारी को वापस कर दिया जाए। अपूर्ण प्रतिवेदन किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाए।
  4. किसी मृत कर्मचारी से संबंधित प्रदर्शन उसकी मृत्यु तारीख से दो वर्ष की अवधि के बाद नष्ट किया जा सकता है और सेवानिवृत्त लोकसेवक की उसकी सेवानिवृत्ति की तारीख के पांच साल बाद या पेंशन लाभ के निपटाने के बाद, जो भी बाद में हो।
क्र.सं.श्रेणीप्रपत्र
1जिला व मण्डल स्तर के पदों को धारण करने वाले राज्य सेवा के लोकसेवकफॉर्म- I
2जिला व मण्डल स्तर के पदों के अलावा अन्य पदों को धारण करने वाले राज्य सेवा के लोकसेवकफॉर्म- II
3अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवाओं पर कार्यरत लोकसेवकफॉर्म- III

SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति

(1) कार्यालय में कार्यरत समस्त लोकसेवकों के संबंध में वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष के आधार पर तैयार किया जायेगा।

(2) विद्यालय में कार्यरत समस्त लोकसेवकों (मंत्रालयिक कार्मिक वित्तीय वर्ष के आधार पर) के संबंध में APAR 01 जुलाई से 30 जून के आधार पर तैयार किया जायेगा।

(3) यदि किसी लोकसेवक ने संबंधित प्रतिवेदक अधिकारी के अधीन / सुपरविजन में न्यूनतम 03 माह की अवधि में कार्य नहीं किया है तो संबंधित लोकसेवक की APAR तैयार नहीं की जायेगी।

(4) किसी कर्मचारी की एक ही वर्ष की अवधि में (भिन्न-भिन्न नियंत्रण अधिकारी के अधीन 3 या 3 माह से अधिक की सेवा अवधि होने पर) 2 या 2 से अधिक प्रतिवेदन (APAR) भी हो सकते है, लेकिन उनमें से पहला प्रतिवेदन उस नियंत्रण अधिकारी के स्थानान्तरण के तत्काल बाद का होना चाहिए। वर्ष के अंत की प्रतीक्षा नहीं करनी है।


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यदि वर्ष के मध्य में समीक्षक अधिकारी या स्वीकारकर्ता अधिकारी परिवर्तित हुए हैं लेकिन प्रतिवेदक अधिकारी वहीं रहते हैं तो नए सिरे से प्रतिवेदन लिखने की आवश्यकता नहीं है।

यदि रिपोर्टिंग अवधि में एक से अधिक समीक्षक अधिकारी रहते है तो अंत में आए अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन की समीक्षा की जाएगी लेकिन शर्त यह है कि उस अधिकारी के द्वारा संबंधित कार्मिक के कार्य का कम से कम 3 माह की अवधि का सुपरविजन किया गया हो यदि ऐसा नहीं है तो पूर्व के समीक्षा अधिकारी का प्रतिवेदन मान्य होगा, लेकिन यहां भी शर्त कम से कम 3 माह के सुपरविजन की रहेगी।

(5) जहां एक प्रतिवेदक/ समीक्षक / स्वीकारकर्ता अधिकारी ने किसी भी प्रकार का अवकाश (उपार्जित / अर्धवैतनिक आदि) लिया है या लंबे समय तक प्रशिक्षण पर रहता है (प्रतिवेदन अवधि के दौरान 15 दिन से अधिक) तो APAR लिखने/समीक्षा करने हेतु आवश्यक न्यूनतम 03 महीने की अवधि की गणना के लिए उक्त अवकाश / प्रशिक्षण की अवधि को कुल अवधि से घटाया जाना चाहिए

हालांकि न्यूनतम प्रतिवेदन अवधि का यह सिद्धांत अनाधिकृत अनुपस्थिति मामले में लागू नहीं होगा जहां ऐसी अनुपस्थिति के लिए संबंधित लोकसेवक के APAR में प्रतिकूल प्रविष्टि की जानी है। कम अवधि के अवकाश / प्रशिक्षण को उक्त उद्देश्य के लिए प्रासंगिक नहीं माना जाना चाहिए ।

(6) पर्सनल असिस्टेंट / पर्सनल सेक्रेटरी के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) की समीक्षा की आवश्यकता नहीं है।

(7) वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) में किसी व्यक्ति के काम और आचरण के बारे में उसकी टिप्पणी लिखने के लिए प्रतिवेदक, समीक्षक और स्वीकारकर्ता अधिकारी के अलावा किसी भी प्राधिकरण के लिए कोई प्रावधान नहीं है। परन्तु जिला स्तर के अधिकारियों के मामले में, संबंधित जिला कलेक्टर तथा संभाग स्तर के अधिकारियों के मामले में संभागीय आयुक्त, प्रतिवेदक अधिकारी से प्राप्त APAR पर निर्धारित स्थान पर अपनी टिप्पणी कर समीक्षक अधिकारियों को प्रेषित करेंगे।

(8) प्रतिवेदन की प्रत्येक अवधि के लिए, किसी भी परिस्थिति में एक से अधिक प्रतिवेदक / समीक्षक अधिकारी नहीं होने चाहिए। हालाँकि, कुछ मामलों में प्राधिकारी के रूप में अपनी टिप्पणी दर्ज करने के लिए एक से अधिक अधिकारी हो सकते हैं।

(1) लोकसेवक को अपने कैडर के लिए निर्धारित APAR फॉर्म का उपयोग करना चाहिए यथा- फॉर्म I II या III आदि।

(2) प्रत्येक लोकसेवक की जिम्मेदारी होगी कि वह तय समय-सारणी के अनुसार भाग-I को पूर्ण करने के बाद अपने प्रतिवेदक अधिकारी को अपने कैडर के अनुरूप APAR फॉर्म प्रस्तुत करे।

(3) वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) की तारीख और अवधि सही हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।

(4) APAR के प्रत्येक पृष्ठ पर लोकसेवक अपना नाम पद, विषय (यदि कोई हो) जन्मतिथि, मूल्यांकन वर्ष, एम्प्लॉय आईडी एवं हस्ताक्षर अवश्य अंकित करें।

(5) वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) में रव-मूल्यांकन के संबंध में लोकसेवकों के लिए आवश्यक प्रविष्टियाँ बनाने के लिए पर्याप्त स्थान आवंटित किया गया है और उन्हें आवंटित स्थान पर अपना स्व-मूल्यांकन अंकित करना चाहिए। APAR फॉर्म सबमिट करते समय स्टेटमेंट्स और सर्टिफिकेट्स के साथ-साथ सेल्फ -एप्रिसिएशन का विवरण आदि वांछनीय नहीं है।

जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड

(1) प्रतिवेदक अधिकारी का कर्तव्य होगा कि वह निर्धारित मापदंडों पर ध्यान से विचार करे / या लोकसेवक को सौपे गए कर्तव्यों को अपनी राय दर्ज करने से पहले बताए। जहां कोई मापदंड तय नहीं हैं. वहीं प्रतिवेदक अधिकारी को प्रतिवेदन अवधि की शुरुआत से पहले सम्भव मात्रा लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।

यदि वर्ष की शुरुआत या प्रतिवेदन की अवधि में कोई लक्ष्य नहीं सौंपा गया है, तो वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) बहुत अधिक व्यक्तिपरक होगा, जो परिहार्य है प्रतिवेदक अधिकारी को जल्दबाजी में राय नहीं बनानी चाहिए या अपर्याप्त आंकड़ा/सूचना या अफवाह के आधार पर निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

(2) वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के भाग सख्या II के बिंदु संख्या 01 के तहत विभिन्न प्रविष्टियों में प्रतिवेदक अधिकारी सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, प्रत्येक प्रविष्टि के सम्मुख अंकित पांच में से किसी एक बॉक्स में अपने लघु हस्ताक्षर अवश्य अंकित करें, कोई टिप्पणी या सही ()का निशान अंकित नहीं किया जाए।

(3) भाग सख्या II के बिंदु संख्या 02(क) लोकसेवक के सामान्य मूल्यांकन से संबंधित है इसमें प्रतिवेदक अधिकारी को आवश्यक रूप से और बुद्धिमानी से संबंधित व्यक्ति के प्रदर्शन और क्षमताओं का आंकलन करना चाहिए। इसमें उन तरीको पर भी टिप्पणी करनी चाहिए जिनके द्वारा संबंधित लोकसवेक ने इस अवधि के दौरान अपने विभन्न कर्त्तव्यों को पूरा किया है।

रिपोर्ट करने वाले अधिकारी द्वारा मूल्यांकन करते समय संबंधित लोकसेवक के सामान्य महत्त्व के कुछ गुण जैसे कि बुद्धिमता, उत्सुकता, परिश्रम, चातुर्य, वरिष्ठों के प्रति रवैया, अधीनस्थों और आम जनता, साथी-कर्मचारियों के साथ संबंध, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति/समाज के कमजोर वर्ग के लोगों, निःशक्तजन के प्रति संवेदनशीलता आदि पर भी ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके अलावा इसमें लोकसेवक के चरित्र, व्यक्तित्व, आचरण, योग्यताओं, कमियों और क्षमताओं का सामान्य उल्लेख भी होना चाहिए।

(4) प्रतिवेदक अधिकारी को न केवल अपने अधीनस्थ के कार्यों और गुणों का एक वस्तुपरक मूल्यांकन करना चाहिए बल्कि उनके दोषों को ठीक करने के लिए आवश्यक सलाह, मार्गदर्शन और सहायता अपने अधीनस्थों को हर समय देनी चाहिए। इस तरह की सलाह या आलोचना को भाग सख्या II के बिंदु संख्या 2(ख) में दर्ज किया जाना चाहिए।

(5) प्रतिकूल प्रविष्टियाँ, यदि कोई हों, तो APAR फॉर्म के निर्धारित स्थान पर ही दर्ज की जानी चाहिए और कहीं नहीं। यदि किसी लोकसेवक को लगातार सुधार/मार्गदर्शन के बावजूद वह सुधार दिखाने में विफल रहता है तो प्रतिकूल टिप्पणी APAR में दर्ज की जानी चाहिए। किसी भी दोष की प्रविष्टि करते समय प्रतिवेदनक अधिकारी उल्लेख करना चाहिए। किए गए सुधारात्मक प्रयासों और इन प्रयासों के परिणाम का उल्लेख करना चाहिये।

(6) समग्र मूल्यांकन के कॉलम को भरने के दौरान, प्रतिवेदक अधिकारी को लोकसेवक की समग्र ग्रेडिंग / विशिष्ट वर्गीकरण अर्थात् “उत्कृष्ट”, “बहुत अच्छा”, “अच्छा”, “संतोषजनक”, “असंतोषजनक” में संबंधित एक श्रेणी में अपने लघु हस्ताक्षर के रूप में प्रविष्टि अंकित करनी चाहिए। कोई टिप्पणी या सही ()का निशान अंकित नहीं किया जाए। उसे इन श्रेणियों के अतिरिक्त अन्य श्रेणी या दो श्रेणी के मध्य की स्थिति यथा “अच्छे और बहुत अच्छे के बीच” या बहुत संतोषजनक” आदि दर्ज नहीं किया जाना है।

(7) समग्र मूल्यांकन के आधार पर कॉलम को भरने के दौरान, प्रतिवेदक अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऊपर (बिन्दु सं. 6) में बताए अनुसार दर्ज की गई ग्रेडिंग टिप्पणी के अनुसार हो , जैसा कि भाग- II के बिंदु संख्या 5 के तहत आवश्यक है अर्थात् यदि किसी व्यक्ति को बिंदु संख्या 1 में “असंतोषजनक” श्रेणीबद्ध किया जाता है, तो उसी ग्रेडिंग को बिंदु संख्या 5 में दर्ज किया जाना चाहिए। उद्देश्य यह है कि समग्र मूल्यांकन बिंदु संख्या 1 से बिंदु संख्या 2 में की गई टिप्पणी / प्रविष्टियों के अनुसार होना चाहिए।

Baseline Assessment Model Papers

(1) हालांकि एक उच्च अधिकारी के लिए अपने से दो या दो से अधिक ग्रेड नीचे के वृहद संख्या में कार्यरत लोकसेवकों को जानना कठिन हो सकता है, फिर भी उसका उन लोकसेवकों के चरित्र, प्रदर्शन और क्षमता का समग्र मुल्यांकन किया जाना अत्यन्त आवश्यक है ताकि सुधारात्मक कार्य किया जा सके। किसी लोकसेवक का अगला उच्चाधिकारी (प्रतिवेदक अधिकारी) अपने निर्णय में हो सकता है कि पूरी तरह निष्पक्ष हो फिर भी कभी-कभी उसका निर्णय अत्यन्त संकीर्ण और व्यक्तिपरक हो सकता है |

इसलिए प्रतिवेदक अधिकारी से उच्चतर अधिकारी यानि समीक्षक अधिकारी को उन लोकसेवकों के कार्य और आचरण के बारे में व्यक्तिगत रूप से पता होना चाहिए और उनको प्रति अपना स्वयं का निर्णय स्थापित करना चाहिए जिनकी APAR भरी जा रही है।

(2) भाग III या भाग IV (जो भी लागू हो) के बिंदु सं. 1 के तहत अपनी टिप्पणी करते समय अधिकारी को तदनुसार प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणियों पर सकारात्मक और स्वतंत्र निर्णय का प्रयोग करना चाहिए और उन टिप्पणियों के साथ स्पष्ट रूप से अपनी सहमति या असहमति व्यक्त करनी चाहिए। प्रतिकूल टिप्पणी के मामले में यह विशेष रूप से आवश्यक है कि वहां उच्चतर अधिकारी की राय को सही मूल्यांकन के रूप में माना जाएगा।

(3) प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणी की शुद्धता को सत्यापित करने की जिम्मेदारी समीक्षक अधिकारी की है। यदि समीक्षा करने वाला अधिकारी लोकसेवक के कार्य से पर्याप्त रूप से परिचित नहीं है, जिस पर उसको स्वयं के उचित और स्वतंत्र निर्णय पर पहुंचने में सक्षम होने के रूप में सूचित किया गया है, तो वह इस संबंध में पूछताछ कर सकता है जिससे वह सही निर्णय ले सके।

(4) प्रतिवेदक अधिकारी से समीक्षा हेतु प्राप्त APAR में यदि प्रविष्टियाँ पर्याप्त रूप से सार्थक नहीं है या अस्पष्ट या अप्रतिबद्ध हो तो ऐसे प्रतिवदेन को प्रवर्धन या स्पष्टीकरण के लिए प्रतिवेदक अधिकारी को वापस किया जाना चाहिए।

(5) जहाँ प्रतिवेदक अधिकारी ने प्रतिकूल प्रविष्टियों दर्ज की हैं, समीक्षक अधिकारी प्रतिवेदक अधिकारी के साथ ऐसी प्रतिकूल प्रविष्टियों पर चर्चा कर सकता है, और प्रतिकूल प्रविष्टियों सहित प्रतिवेदन संशोधित यथा निम्नगत/क्रमोन्नत(Down-grade/Up grade) कर सकता है।

(6) समीक्षा अधिकारी को लोकसेवक के समग्र ग्रेडिंग / विशिष्ट वर्गीकरण अर्थात् “उत्कृष्ट”, “बहुत अच्छा”, “अच्छा”, “संतोषजनक”, “असंतोषजनक” भाग III के बिंदु संख्या 2 पर दर्ज करना होगा समीक्षा अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके द्वारा किया गया समग्र मूल्यांकन भाग III या भाग IV में इस प्रयोजन के लिए प्रदान की गई जगह में उसके द्वारा दर्ज की गई वर्णनात्मक टिप्पणियों के अनुरूप हो। समीक्षा करने / स्वीकार करने वाले अधिकारी को अधीनस्थ अधिकारी द्वारा किए गए मूल्यांकन को डाउन-ग्रेड / अपग्रेड करने का अधिकार है|

जहां इसे सार्वजनिक हित में समीचीन माना जाता है। ऐसा करते समय, न केवल अधिकारी कोप्रतिवेदक या समीक्षा करने वाले अधिकारी के मूल्यांकन के साथ अपनी असहमति व्यक्त करनी चाहिए, बल्कि इस तरह के डाउन-ग्रेडेशन / अपग्रेडेशन के विशिष्ट कारणों को भी प्रदान किए गए स्थान पर ही प्रपत्र में दर्ज किया जाना चाहिए।

यह स्वीकार करने वाले अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह प्रतिवेदक और समीक्षा करने वाले अधिकारियों द्वारा यहां दिए गए निर्देशों के अनुसार APAR को भरें। जहां प्रविष्टियाँ पर्याप्त रूप से सार्थक नहीं हैं तो ऐसे प्रतिवेदन को प्रतिवेदक/ समीक्षा अधिकारी को प्रवर्धन या स्पष्टीकरण के लिए लौटाया जाना चाहिए।


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(1) “संदिग्ध चरित्र”, ” अनुचित लाभ प्राप्त करने की शिकायतें” जैसे रिमार्कस स्वीकार्य नहीं हैं। प्रविष्टियाँ स्थापित तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए न कि केवल संदेह पर । जो तथ्य, मूल्यांकन, निष्कर्ष, आदि विरोधाभासी है उन्हे APAR को लिखते / समीक्षा / स्वीकार करते समय टाला जाना चाहिए इसके अलावा, प्रतिवेदन के समय से पहले के तथ्यों, घटनाओं और परिस्थितियों का उल्लेख APAR में नहीं किया जाना चाहिए।

(2) प्रतिवेदन लिखने वाले अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि APAR लिखने के लिए वह सक्षम है। इसे विशेष रूप से प्रतिवेदन अवधि वर्ष की जांच करनी चाहिए और स्वयं को संतुष्ट करना चाहिए कि उसे निश्चित रूप से प्रतिवदेन अवधि के लिए संबंधित लोकसेवक हेतु सक्षम प्रतिवेदक/ समीक्षा / स्वीकार करने का अधिकार था।

(3) APAR लिखने के लिए समय-सारिणी में दिए गए समय का पालन किया जाना चाहिए राज्य सरकार के आदेश क्रमांक 13(48)कार्मिक(क-1) / गोप्र/ 77 दिनांक 16-7-80 एवं एफ13(51)कार्मिक/ए1/एसीआर/08 दिनांक 05.06.2008 में स्पष्ट प्रावधान है कि निर्धारित तिथि तक लोकसेवक द्वारा प्रतिवेदन के भाग-1 की पूर्ति कर समय पर प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो प्रतिवेदक अधिकारी निर्धारित तिथि पश्चात् प्रतीक्षा नहीं करें तथा कार्यालय अभिलेख से भाग- 1 की पूर्ति करें एवं अपनी टिप्पणी अंकित कर सम्बन्धित समीक्षक अधिकारी को भिजवा देवें। यह प्रतिवेदक अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।

(4) प्रतिवेदक/समीक्षक अधिकारी APAR पर अपनी टिप्पणी अंकित करते समय इस बात की पुष्टि अवश्य करें कि उसने अपने अधीनस्थ सभी लोकसेवकों की APAR पर प्रतिवेदन/समीक्षक टिप्पणी अंकित कर सम्बन्धित अधिकारी को प्रस्तुत कर दिये हैं। APAR उच्च अधिकारी को भेजने से पूर्व संधारण रजिस्टर (संलग्न प्रपत्र-“B” ) में प्रत्येक संवर्ग व पदवार इन्द्राज अवश्य किया जावे।

(5). सेवानिवृत होने वाले प्रतिवेदक/समीक्षक अधिकारी का वैधानिक कर्त्तव्य है कि उनके अधीन कार्यरत लोकसेवक जिसने कम से कम तीन माह से अधिक समय तक कार्य किया हो उनका APAR प्रतिवेदन अवश्य भरें अन्यथा उनको अदेय प्रमाण -पत्र जारी नहीं किया जायेगा ।

(7), तीन वर्षों से पूर्व के प्रतिवेदन राज्य सरकार के आदेश कमांक एफ-14(29)कार्मिक / एसीआर / 73 दिनांक 16-7-85 के अनुसार स्वीकार योग्य नहीं हैं। अतः तीन वर्षो से पूर्व के मूल प्रतिवेदन तैयार नहीं करवाये जायें, इसके स्थान पर तीन वर्ष से पूर्व के प्रतिवेदन प्रतिवेदक अधिकारी स्वयं द्वारा कार्यालय अभिलेख के आधार पर कार्यालय स्तर पर) तैयार कर भिजवाये जाएँ । ध्यान रहे कि ऐसे प्रतिवेदनों में समग्र मूल्यांकन संतोषप्रद से ऊपर की श्रेणी का नहीं भरा जावे।

(8). प्रतिवेदक अधिकारी लोकसेवक के प्रतिवेदन पर टिप्पणी अंकित करने से पूर्व जाँच करे कि लोकसेवक द्वारा अपने विभाग का मूल पद, मूल विषय, कार्य करने की सेवा अवधि, वर्तमान पद का चयन वर्ष, उस वर्ष का बोर्ड परीक्षा परिणाम आदि सही रूप से भरा है अथवा नहीं? लोकसेवक का मूल पद एवं विषय का सही उल्लेख नहीं होने के कारण प्रतिवेदन संधारण में असुविधा एवं अनावश्यक विलम्ब होता है।

(9), प्रतिवेदक अधिकारी, समीक्षक अधिकारी और स्वीकारकर्ता अधिकारी का नाम उनके हस्ताक्षरों के बाद संबंधित पदनामों के साथ स्पष्ट रूप से बड़े अक्षरों में दर्शाया जाना चाहिए। प्रतिवेदक अधिकारी प्रतिवेदन के भाग-1 की प्रविष्टियों को प्रमाणित कर अपने हस्ताक्षर अंकित करें। भाग-II की पूर्ति के पश्चात् अपनी मोहर अवश्य लगायें, जिसमें अपना नाम, पदनाम का स्पष्ट उल्लेख हो। यदि पदस्थापन स्थान परिवर्तित हो गया है तो पूर्व स्थान की मोहर तथा वर्तमान पदस्थापन की मोहर दोनों लगायें । उल्लेखित पदनाम प्रतिवेदन की अवधि से संबंधित होना चाहिए। उपर्युक्त प्रक्रिया समीक्षक अधिकारी द्वारा भाग-।। एवं भाग-111 में भी अपनायी जावे।

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(10), जिला स्तरीय अधिकारियों के APAR प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणी के बाद सम्बन्धित जिला कलेक्टर की टिप्पणी हेतु एवं मंडल स्तरीय अधिकारियों का प्रतिवेदन प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणी के बाद सम्बन्धित संभागीय आयुक्त को प्रेषित किया जावेगा कलेक्टर/ संभागीय आयुक्त अपनी टिप्पणी के बाद APAR रामीक्षक अधिकारी को प्रेषित करेंगे।(कार्मिक विभाग का आदेश गाक 13/51)/क/-1/गोए/2015 जयपुर दिनाक 29.06.2015)

(11) बोर्ड परीक्षा का परिणाम APAR में अवश्य अंकित करने के साथ-साथ परीक्षा परिणाम की प्रमाणित
प्रति भी साथ में संलग्न करें। न्यून परीक्षा परिणाम की स्थिति में प्रतिवेदक / समीक्षक अधिकारी अपनी टिप्पणी में इसका उल्लेख अवश्य करें। चूंकि शिक्षा विभाग में संस्थाप्रधानों/ व्याख्याता /वरिष्ठ अध्यापक/ अध्यापक का परीक्षा परिणाम मुख्य उपलब्धि की श्रेणी में आता है, अतः जिन कार्मिकों का परीक्षा परिणाम न्यून है. अन्य उपलब्धियां चाहे जितनी भी श्रेष्ठ हो उनका सनग्र मूल्यांकन अच्छा से ऊपर अंकित नहीं किया जावे इसकी पालना कठोरता से की जाये, ताकि प्रतिवेदन संधारण में अनावश्यक पत्र व्यवहार न करना पड़े।

(12) APAR में प्रतिकूल प्रविष्टि का इन्द्राज प्रतिवेदक/समीक्षक अधिकारी उस समय तक नहीं करे जब तक कि प्रतिकूल प्रविष्टि के साक्ष्य में उनके पास पर्याप्त ठोस प्रमाण न हो। प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा की गयी प्रतिकूल प्रविष्टि को समीक्षक अधिकारी, प्रतिवेदक अधिकारी से लिखित सलाह मशविरा कर ही निरस्त कर सकता हैं।

(13) प्रतिवेदक यह सुनिश्चित करें कि बिन्दु संख्या 1 से 2 तक में की गई अभियुक्तियों एवं बिन्दु संख्या 5 में किए गए समग्र मूल्यांकन में एकरूपता हो। बिन्दु 1 से 2 तक में कहीं पर भी प्रतिकूल अभियुक्ति नहीं होने पर बिन्दु संख्या 5 में तदनुरूप ही समग्र मूल्यांकन किया जावे। यदि कहीं पर भी कोई प्रतिकूल अभियुक्ति हो तो समग्र मूल्यांकन भी असंतोषप्रद ही किया जावे।

(14) समीक्षक अधिकारी प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा किये गये समग्र मूल्यांकन को उस स्थिति में ही परिवर्तित कर सकता है जबकि वह कार्मिक एवं उसके व्यवहार से पूर्णतया परिचित हो तथा प्रतिवेदक द्वारा किये गये मूल्यांकन को परिवर्तित करने के उसके पास ठोस प्रमाण हो। समग्र मूल्यांकन परितवर्तित करते समय वह उन पर्याप्त कारणों/ औचित्य का उल्लेख अपनी समीक्षक टिप्पणी में अवश्य अंकित करें, तत्पश्चात् ही किये गये समग्र मूल्यांकन को परिवर्तित करें।

(15) समीक्षक एवं स्वीकारकर्ता अधिकारी को प्रतिवेदक अधिकारी के अभिमत से सहमति/असहमति दोनों ही स्थितियों के संबंध में स्पष्ट तथ्यों सहित अभिमत अभिलिखित करना चाहिए विशेषतः उच्च अधिकारी के अभिमत को मूल्यांकन की दृष्टि से सर्वोत्तम माना जाता है अतः उच्च अधिकारीगण को प्रतिकूल प्रविष्टियों एवं प्रविष्टियों को निम्नगत/ क्रमोन्नत (Down grade / Up grade) करने की स्थिति में मूल्यांकन के साथ-साथ स्वयं की टिप्पणियों के बारे में सकारण विवरण आवश्यक रूप से अंकित करना चाहिए। (कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प. 13(51) कार्मिक/एसीआर/2008 जयपुर दिनांक 12.10.2009)

(16) पातेय वेतन व्यवस्था में कार्यरत लोकसेवक APAR प्रतिवेदन जिस मूल पद से चयनित किये गये हो उसके संधारण अधिकारी द्वारा ही संधारित किये जावेगें।

(17) अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले लोकसेवक मूल पद एवं विषय, मूल विभाग का ही अंकित करें। सम्बन्धित प्रतिवेदक अधिकारी भी अपनी प्रतिवेदन टिप्पणी अंकित करने से पूर्व विशेष रूप से इसकी जाँच करें।

(18) कार्मिक विभाग के पत्रांक प. 13(51) / का० /क-1 / गो.प. / 2016 जयपुर दिनांक 17.05.2018 के अनुसार राजपत्रित अधिकारियों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के साथ संलग्न अचल सम्पति विवरण प्रपत्र को हटा दिया गया है डीपीसी के वक्त संबंधित कार्यालय अपने अधीन कार्यरत राजपत्रित अधिकारी जिसकी डीपीसी प्रस्तावित है का अचल सम्पत्ति विवरण जो कि स्वयं राजपत्रित अधिकारी ने SSO ID द्वारा ऑनलाईन किया है की स्व – प्रमाणित प्रति आवश्यक रूप से प्रेषित करेंगे। (कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प. 13(51) का. /क-1/गो.प्र./2016 जयपुर दिनांक 17.05.2018)

सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-

(1) अधिकारी के निलंबन के तहत- यदि प्रतिवेदक/समीक्षक / स्वीकारकर्ता अधिकारी निलंबन के अधीन है, तो उसके ड्यूटी के समय कार्यरत रहे लोकसवको की वह APAR लिखने/समीक्षा करने में सक्षम नहीं होगा।

(2) रिश्तेदार की APAR- अधिकारी अपने करीबी रिश्तेदार की APAR को लिखने या समीक्षा करने के लिए अधिकृत नहीं है।

(3) तीन महीने से कम की अवधि- प्रतिवेदक/ समीक्षक अधिकारी उन लोकसेवकों की APAR को लिखने/समीक्षा के लिए सक्षम नहीं है जिन लोकसेवकों ने उनके सुपरविजन में 03 माह से कम अवधि हेतु काम किया है।

(4) न्यायालय में साक्ष्य – जहां किसी लोकसेवक ने प्रतिवेदक/ समीक्षक अधिकारी के खिलाफ न्यायालय के समक्ष सबूत पेश किए हैं, वहाँ प्रतिवेदक/ समीक्षा करने वाला अधिकारी संबंधित लोकसेवक की APAR लिख नहीं सकते हैं / समीक्षा नहीं कर सकते हैं ।

(5) वे लोकसेवक जिन्हें निलंबन के तहत रखा गया है अथवा पोस्टिंग आदेश की प्रतीक्षा में है अथवा अध्ययन अवकाश पर है उनकी उक्त अवधि की APAR तैयार नहीं की जायेगी।

(6) प्रतिवेदक/ समीक्षक / स्वीकृति अधिकारी की सेवानिवृत्ति- जब प्रतिवेदक/ समीक्षा /स्वीकारकर्ता अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाता है या कार्यालय से किसी कारण से वंचित हो जाता है, तो वह APAR से संबंधित दायित्त्व का निर्वहन नहीं कर सकता और न ही पूर्व में किसी APAR में अपने द्वारा अंकित की गई प्रतिकूल प्रविष्टि के खिलाफ प्रस्तुत अभ्यावेदन पर टिप्पणियां दे सकता है।

(7) पुनर्नियुक्त कर्मचारी- पुनर्नियोजन पर एक सेवानिवृत्त अधिकारी इस पुनर्नियोजन की अवधि के दौरान उसके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों का APAR लिखने, समीक्षा करने या स्वीकार करने (इनमें से कोई भी मामला हो) के लिए सक्षम होगा हालांकि, ऐसा कोई अधिकारी उस समय के APAR को लिखने / समीक्षा करने / स्वीकार करने में सक्षम नहीं होगा (यदि कोई हो) जो उस प्रासंगिक समय में लिखा/समीक्षा / स्वीकार नहीं किया गया था, जब वह पुनर्नियोजन से पहले सेवा में था। (अर्थात् सेवानिवृत्त नहीं हुआ था तब का कोई बकाया मामला अब वह पूरा करने हेतु अधिकृत नहीं है)

(8) अतिरिक्त प्रभार धारण करने वाला अधिकारी के संबंध में- यदि किसी प्रतिवेदक/समीक्षा करने वाले अधिकारी ने तीन महीने से अधिक समय तक अतिरिक्त प्रभार संभाला है और जिस व्यक्ति को रिपोर्ट किया गया है, उससे वरिष्ठ है, तो वह अतिरिक्त प्रभार की क्षमता में उन लोकसवेकों के APAR लिख सकता है, जिनके कार्य का पर्यवेक्षण किया था ।

(9) जहां प्रतिवेदक अधिकारी किसी विशेष अवधि के लिए कर्मचारी के संबंध में एक प्रतिवेदक अधिकारी के रूप में APAR को लिखने के लिए सक्षम नहीं है, वहां रिपोर्ट(APAR) समीक्षा अधिकारी द्वारा प्रतिवेदक अधिकारी के रूप में लिखी जाएगी और स्वीकारकर्ता अधिकारी द्वारा समीक्षा अधिकारी और स्वीकारकर्ता अधिकारी दोनों के रूप में रिपोर्ट लिखी जाएगी।

यदि कोई अधिकारी किसी विशेष अवधि के लिए किसी कर्मचारी के APAR की समीक्षा करने के लिए सक्षम नहीं है, तो स्वीकारकर्ता अधिकारी APAR को स्वीकार करने के साथ ही समीक्षा भी करेगा।

इसी तरह, किसी भी अधिकारी के किसी प्रतिवेदक अधिकारी के रूप में या किसी समीक्षा अधिकारी के रूप में लिखने के लिए सक्षम नहीं होने की स्थिति में रिपोर्ट (APAR) की शुरुआत, समीक्षा और स्वीकृत्ति ये तीनों कार्य स्वीकारकर्ता अधिकारी द्वारा किए जाएंगे।

जहां कोई भी अधिकारी APAR को लिखने, उसकी समीक्षा करने या उसे स्वीकार करने के लिए सक्षम नहीं है, तो इस आशय की प्रविष्टि APAR में की जाएगी। समीक्षक अधिकारी को प्रतिवेदक अधिकारी के रूप में कार्य करते समय और स्वीकारकर्ता अधिकारी को समीक्षक अधिकारी के रूप में कार्य करते समय विशेष रूप से उन परिस्थितियों के बारे में बताना चाहिए जिनके तहत उन्हें ऐसा करना पड़ा।

(1) विभागाध्यक्ष/कॉडर नियन्त्रण अधिकारी द्वारा संबंधित लोकसेवक की APAR पूर्ण होकर प्राप्त होने पर उस लोकसेवक को सूचित कर अवलोकन हेतु आमंत्रित किया जाएगा एवं लोकसेवक को प्रतिवेदन का अवलोकन कराने के पश्चात अवलोकन करने का उससे प्रमाण पत्र लिया जाएगा।

यदि अवलोकन पश्चात लोकसेवक अपने कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में अंकित प्रतिवेदक /समीक्षक/स्वीकारकर्ता अधिकारी की ग्रेडिंग/टिप्पणी/मूल्यांकन से सन्तुष्ट नहीं हो तो वह ग्रेडिंग / टिप्पणी/ मूल्यांकन सुधार हेतु 15 दिवस में अपना अभ्यावेदन संबंधित विभागाध्यक्ष/कॉडर नियंत्रण अधिकारी को प्रस्तुत करेगा।* लोकसेवक द्वारा APAR के अवलोकन करने पर यात्रा भता एवं उपस्थिति प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने का प्रावधान है।**

(2) यदि संबंधित लोकसेवक अपने मूल्यांकन के विरूद्ध 15 दिवस में अभ्यावेदन प्रस्तुत नहीं करे तोवार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (Annual Performance Appraisal Report) कार्मिक /संबंधित विभाग को भिजवाया जाए।

(3) यदि लोकसेवक किए गए मूल्यांकन के विरूद्ध ग्रेडिंग / टिप्पणी / मूल्यांकन में सुधार हेतु अभ्यावेदन प्रस्तुत करें तो विभागाध्यक्ष/कॉडर नियंत्रण अधिकारी द्वारा सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर एक माह में उस पर निर्णय लिया जायेगा।*

(4) यदि विभागाध्यक्ष/कॉडर नियन्त्रण अधिकारी द्वारा अभ्यावेदन पर लिए गए निर्णय से लोकसेवक सन्तुष्ट नहीं हो तो वह उसके विरूद्ध अपीलीय बोर्ड के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है ।

(5) अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवाओं के कर्मचारियों के मामलों में नियुक्ति अधिकारी और राज्य सेवाओं के अधिकारियों के मामले में कार्मिक विभाग तय करेगा कि APAR में कौन सी टिप्पणियां प्रतिकूल प्रविष्टियों का निर्माण करेगी और कौनसी टिप्पणियों के बारे में उस व्यक्ति को (जिसकी APAR है) सूचित किया जाना चाहिए। प्रतिवेदक अधिकारी के मामले में, निर्धारित स्थान (भाग – 1 1) के तहत दर्ज की गई टिप्पणियों को प्रतिकूल माना जाएगा समीक्षक अधिकारी के लिए, किसी प्रविष्टि को तब तक प्रतिकूल नहीं माना जाएगा जब तक कि समग्र मूल्यांकन भी असंतोषजनक न हो।

(6) किसी लोकसेवक की APAR में अंकित सभी प्रतिकूल प्रविष्टियाँ चाहे वे उसके प्रदर्शन से संबंधित हो चाहे उसके मूलभूत गुणों व क्षमताओं से संबंधित हो का निर्देशों में निर्धारित अवधि के भीतर भीतर उस लोकसेवक को सूचित करना चाहिए। एक लोकसेवक को कभी भी अपने उच्चाधिकारियों की राय से अनभिज्ञ नहीं रहना चाहिए। जहाँ उस लोकसेवक की सेवा को संतोषजनक नहीं माना जाता है, तो उससे संबंधित आलोचना को सूचित किया जाना चाहिए।

(*कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प. 13(51)का/-1/ गो.प्र./2012 जयपुर दिनांक 22.02.2013
**कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक प. 1351)का /क-1/गो.प्र./2013 जयपुर दिनांक 17.9.2013)

(7) लाईलाज प्रकृति के सूचित दोषों को संप्रेषित करते समय एक निश्चित मात्रा में विवेक रखना चाहिए। उदाहरणतः किसी लोकसेवक को प्रतिवर्ष यह बताया जाता है कि उसकी बुद्धिमता औसत से कम है या वह बहुत संवेदनशील है ऐसे प्रकरण में यह लाभदायक की जगह हानिकारक हो सकता है। इसी प्रकार किसी व्यक्ति के शारीरिक दोषों के बारे में यदि APAR में अंकन है तो इस बारे मे उसको सूचित किया जाना आवश्यक नहीं है।

(8) प्रतिकूल टिप्पणियों को संप्रेषित करते समय, अच्छे बिंदुओं का उल्लेख भी किया जाना चाहिए। इसी तरह, जहां एक रिपोर्ट से पता चलता है कि किसी व्यक्ति ने दोषों को दूर करने के लिए सफल प्रयास किए हैं, जिन पर उसका ध्यान पहले आकर्षित किया गया था तो उसे उनके बारे में भी सूचित किया जाना चाहिए ताकि उसे मालूम हो सके कि सुधार के उसके प्रयासों को अनदेखा नहीं किया गया है।

(9) केवल ऐसी प्रतिकूल प्रविष्टियों को ही जिन्हें समीक्षा / स्वीकार करने वाले अधिकारी द्वारा स्वीकार किया गया है, को ही संप्रेषित किया जाना चाहिए। इसलिए समीक्षा करने / स्वीकार करने वाले अधिकारी को सामान्य रूप से यह बताना चाहिए कि वह प्रतिवेदक अधिकारी की टिप्पणी से सहमत है अथवा नहीं। यदि प्रतिवेदन बहुत संक्षिप्त, गूढ या अस्पष्ट हो तो आवश्यकता होने पर अतिरिक्त टिप्पणी भी दर्ज करनी चाहिए। जिन मामलों में निर्णय निलंबित किया गया है, उन पर टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।

(10) नियमान्तर्गत भरी हुई APAR में दर्ज की गई किसी भी प्रतिकूल प्रविष्टि को उस अधिकारी द्वारा लिखित रूप में संबंधित व्यक्ति को सूचित किया जाएगा, जिसके अधीन रिपोर्ट रखी गई है, निर्धारित समय सीमा में, व्यक्ति को अभ्यावेदन हेतु लिखित सूचना दी जानी चाहिए और उस आशय का अभिलेख संबंधित लोकसेवक के APAR डोजियर में रखा जाना चाहिए।

(11) किसी लोकसेवक के स्वभाव के संबंध में जब कोई सलाह/चेतावनी/प्रतिबन्धों के रूप में मौखिक या लिखित माध्यम से सूचना दी जाए तो अन्यन्त सावधानी रखने की आवश्यकता है। यह सलाह उसके लिए लाभदायक हो और उसमें सुधरात्मक प्रयास लाने वाली होनी चाहिए।

(12) संबंधित लोकसेवक को APAR में दर्ज प्रतिकूल टिप्पणी की सूचना देते समय संबंधित अधिकारी की पहचान का खुलासा करना आवश्यक नहीं है।

(13) प्रतिकूल प्रविष्टियों के खिलाफ प्राप्त अभ्यावेदन को APAR में नहीं जोड़ा जाना चाहिए। इन्हें लोकसेवक के APAR फाइल के साथ एक अलग फाइल कवर में रखा जा सकता है। प्रतिकूल टिप्पणियों के खिलाफ प्राप्त अभ्यावेदन का निस्तारण कार्मिक विभाग द्वारा समय -समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाए।

(1) अन्य विभागों / संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों के मामले में जो राज्य द्वारा नियंत्रित होते हैं की APAR संलग्न परिशिष्ट में यथा निर्धारित चैनल के अनुसार लिखा जाएगा तथा नियुक्ति अधिकारी या कार्मिक विभाग को भेजा जा सकता है, जैसा भी मामला हो।

(2) ऐसे मामलों में, जब कोई लोकसेवक जो अपनी मूल सेवा में अपने ग्रहणाधिकार (LIEN) को धारण करते हुए किसी अन्य सेवा में शामिल हो गया था, अपनी मूल सेवा में लौट जाता है. तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जा सकती है-

A. यदि अन्य सेवा में कार्यरत अवधि के लिए मूल्यांकन रिपोर्ट (एस) / गोपनीय रिपोर्ट (एस) उपलब्ध हैं, तो उन्हें कर्मचारी के मूल्यांकन डोजियर में रखा जाएगा और पदोन्नति के प्रयोजनों के लिए इसे ध्यान में रखा जाएगा।

B. यदि वे उपलब्ध नहीं हैं, तो अप्राप्त रिपोर्ट के मामले में निर्धारित प्रक्रिया लागू होगी। 13. अध्ययन या प्रशिक्षण के अनुमोदित पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रतिनियुक्त लोकसेवकों के APAR के लेखन की प्रक्रिया जिस अवधि के लिए किसी कर्मचारी ने भारत या विदेश में किसी अनुमोदित संस्थान में कोई प्रशिक्षण लिया है, उसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए –

(1) जब भी कोई अधिकारी अध्ययन या प्रशिक्षण के अनुमोदित पाठ्यक्रम में भाग लेता है तो इसका इन्द्राज इस अवधि की APAR में करना चाहिए।

(2) प्रतिनियुक्त संस्था के प्रमुख से प्राप्त यदि कोई प्रतिवेदन है तो उस लोकसेवक की डोजियर में मूल रूप से रखी जानी चाहिए या उसका कोई सारभूत तथ्य उसमें प्रविष्ट होना चाहिए।

(1) प्रति वर्ष 31 मार्च को प्रशासनिक सचिव द्वारा राज्य सेवा के अधिकारियों की तथा नियुक्ति अधिकारी द्वारा अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा के उन लोकसेवकों की सूची तैयार की जायगी जो कि निम्न श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं:

A. जिन कर्मचारियों को अध्ययन अवकाश दिया गया है।
B. जिन कर्मचारियों को निलंबित रखा गया।
C. जिन कर्मचारियों को आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया हैं।
D.उन कर्मचारियों के मामले में, जिनमें से कोई भी प्रतिवेदक अधिकारी, समीक्षा करने वाला अधिकारी और स्वीकार करने वाला अधिकारी APAR लिखने के लिए सक्षम नहीं है।
E. उन कर्मचारियों के मामले में जिनकी अवधि पाँच वर्ष से अधिक पुरानी है, पूरा होने के लिए लंबित है। (कार्मिक विभाग के आदेश क्रमांक ए. 1351)5./3-1/गोप्र./2006 जयपुर दिनांक 30.112012)

(2) उपर्युक्त व्यक्तियों के लिए, यदि अवधि तीन महीने या उससे अधिक है, तो कारणों का उल्लेख करने वाले एक नोट को डोजियर में “नो रिपोर्ट सर्टिफिकेट” के रूप में रखा जाना चाहिए।

वित्त विभाग (नियम अनुभाग) के पत्र क्रमांक प. 14 (B6) वित/नियम /2008 जयपुर दिनांक 04.11.2016 के निर्देश के तहत यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन गत 07 वर्षों की निरन्तरता में उपलब्ध नहीं है तो एसीपी के प्रकरणें का निर्धारण निम्न आधार पर किया जाए –

A. राज्य सेवा के अधिकारियों के मामले में जितने वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है उतने वर्षों के अधिकतम गत 03 वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन देखे जा सकतें है।

B. इसी प्रकार राज्य सेवा के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों / कर्मचारियों के मामले में जितने वर्षों के कार्यमूल्यांकन प्रतिवदेन उपलब्ध नहीं है उतने वर्षों के अधिकतम गत 02 वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवदेन देखे जा सकेगें।

C. यदि फिर भी 07 वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं होते है तो ऐसे प्रकरणो में जितने वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन कम है उतने आगामी वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन के आधार पर 07 वर्षों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन पूर्ण होने पर ही एसीपी स्वीकार की जा सकेगी ।

क्र.सं.प्रतिवेदन प्रस्तुत करना, टिप्पणी अंकित करना व प्रेषित करनाप्रस्तुत/प्रेषित करने की अंतिम तिथि कार्यालय में कार्यरत लोकसेवकों के लिए (शिक्षक संवर्ग सहित)प्रस्तुत/प्रेषित करने की अंतिम तिथि विद्यालयों में कार्यरत लोकसेवकों के लिए (मंत्रालयिक कार्मिकों के अतिरिक्त)
1लोकसेवकों द्वारा APAR प्रस्तुत करना10 अप्रेल
15 अगस्त
2प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन पर टिप्पणी अंकित करना10 मई15 सितम्बर
3प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा समीक्षक अधिकारी को प्रेषित करना15 मई20 सितम्बर
4समीक्षक अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन में टिप्पणी अंकित करना एवं संबंधित कार्यालय को संधारण हेतु निजवाना15 जून20 अक्टूबर

क्र.स.पदनाम (लोकसेवक) – Reporteeप्रतिवेदक अधिकारी – Reporting Officerसमीक्षक अधिकारी – Reviewing Officer स्वीकार कर्ता अधिकारी – Accepting Officer
1Govt. Secondary & Senior Secondary School Teacher Grade 3rd L-1 & L-2, PET Grade 3rd, Librarian Grade 3rd, Junior Assistant, Lab Technician Grade 3rdसंस्था प्रधानमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक
2Govt. Primary & Upper Primary School Teacher Grade 3rd L-1 & L-2, Prabodhak (ग्रामीण क्षेत्र)PEEO – पदेन पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारीमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक
3Govt. Upper Primary School PET Grade 3rd (ग्रामीण क्षेत्र)PEEO – पदेन पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारीमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक
4Govt. Primary & Upper Primary School Teacher Grade 3rd L-1 & L-2, Prabodhak (शहरी क्षेत्र)अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रथम- ACBEO – Istमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक
5Govt. Upper Primary School PET Grade 3rd (शहरी क्षेत्र)अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रथम- ACBEO – Istमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOजिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक
6Govt. Upper Primary School SENIOR TEACHER – वरिष्ठ अध्यापक (ग्रामीण क्षेत्र)PEEO – पदेन पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारीमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOसंयुक्त निदेशक संभाग Joint Director
7Govt. Upper Primary School SENIOR TEACHER – वरिष्ठ अध्यापक (शहरी क्षेत्र)अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रथम- ACBEO – Istमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOसंयुक्त निदेशक संभाग Joint Director
8Govt. Secondary & Senior Secondary School Senior Teacher, PET Grade-2nd, Librarian Grade-2nd, Senior Assistant, Assistant Administrative Officer, Lab Assistant Grade-2ndसंस्था प्रधानमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOसंयुक्त निदेशक संभाग Joint Director
9Govt. Senior Secondary School Lecturer, PET Grade-1st, Librarian Grade-1stसंस्था प्रधानमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा Director
10Govt. Secondary & Senior Secondary School Principal & Headmasterमुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी – CBEOमुख्य जिला शिक्षा अधिकारीनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा Director

नोट- 1. जिन माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक प्रधानाचार्य व व्याख्याता का पद रिक्त है एसे विद्यालयों में रिपोर्टिंग अधिकारी का कार्य उस विद्यालय का आहरण व वितरण अधिकारी करेगा अर्थात जिसके पास 03 पावर हैं।

2. उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद रिक्त है कार्यवाहक के रूप में यदि व्याख्याता , प्रधानाचार्य का निर्वहन कर रहा है तो रिपोर्टिंग अधिकारी संबन्धित सीबीईओ होगा।

3. Do you want choose dir/addirsec as reporting/reviewing officer का चयन फील्ड को नहीं करना है फील्ड इसे by डिफ़ॉल्ट नो (No) ही रखें यह ऑप्शन केवल निदेशालय व आईएएसीई अजमेर, बीकानेर के चुनिंदा पदों के लिए ही है।

क्र. सं.प्रश्नजबाब
1मैं शहरी क्षे़त्र में कार्यरत उप्रा विद्यालय में संस्थाप्रधान हूॅ निर्धारित चैनल के अनुसार मेरा रिर्पोटिग ACBEO प्रथम है वर्तमान में UCEO व्यवस्था प्रारंम्भ की गई मुझे अपना प्रतिवेदन किसे प्रेषित करना है?निर्धारित चैनल के अनुसार ही प्रतिवेदन प्रेषित किया जाना है
2मैं व्याख्याता पद पर कार्यरत हुंॅ मेरे पास स्वयं के विद्यालय(राउमावि) का आहरण वितरण अधिकार( 03 पावर) है। मेरे रिपोर्टिंग अधिकारी कौन होंगे?आप अपना रिपोर्टिंग अधिकारी के रूप में न्यूनतम 03 माह के सपुरविजन में सेवा शर्त की पालना करते हुए मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को उनके अधीन की गई अवधि के अनुसार चयन करें।
3मेरे विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद रिक्त है। प्रधानाचार्य का दायित्व किसी व्याख्याता के पास है लेकिन उनके पास 03 पावर नहीं है। इस परिस्थिति मे मेरे रिपोर्टिग अधिकारी कौन होंगे?विद्यालय के अन्य कार्मिकों के साथ-साथ आपके भी रिपोर्टिग अधिकारी वहीं होंगे जिनके पास आपके विद्यालय का आहरण वितरण अधिकार/03 पॉवर है।
4मैंने दिनांक 01.02.2022 को द्वितीय श्रेणी से पदोन्न्त होकर अन्य स्कूल में व्याख्याता पद पर कार्यग्रहण किया है। मेरे रिपोर्टिग व त्मअपमूपदह अधिकारी अलग-अलग होंगे क्या?दोनों अवधि में रिपोर्टिग अधिकारी संबंधित प्रधानाध्यापक(मावि)/प्रधानाचार्य होगें जिनके अधीन आपने सेवा की है एवं रिवींविगअधिकारी एक ही होंगे जो आपके अंतिम पदस्थापन के अनुसार हांेगे। परिपत्र 23.11.20 के दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए
5रामावि/राउमावि में द्वितीय श्रेणी अध्यापक के पास प्रधानाचार्य का चार्ज हैं। क्या उन्हे रिपोर्टिग अधिकारी के रूप में चयन किया जा सकता है?नहीं
6मैं दिनांक 01.07.2022 से 01.10.2022 तक द्वितीय श्रेणी अध्यापक था मैने विभागीय पदोन्नति उपरांत दिनांक 02.10.2022 को व्याख्याता के रूप मे कार्यग्रहण कर लिया है। मैं एपीएआर भरते समय लोकसेवक के प्रकार के रूप में किस पद का चयन करूंगा?एपीएआर वर्ष के अन्तिम पद का चयन लोक सेवक प्रकार में करना होता है। आपके संबंध में आपको लोक सेवक के प्रकार के रूप में व्याख्याता पद का चयन करना होगा।
7मैं रिपोर्टिग अधिकारी हुॅं मैं अपने शाला दर्पण लॉगिन से लोकसेवक से प्राप्त एपीएआर कैसे फारवर्ड करूॅंगा?आप लोकसेवक से प्राप्त एपीएआर पर अपनी टिप्पणी अंकित करने से पश्चात् सबमिट करें एवं ई-साइन कर उसे समीक्षक अधिकारी को फारवर्ड करें।
8मैंने अपने एपीएआर में रिपोर्टिग/ रिवीविग /अवधि/रिजल्ट/अन्य विवरण गलत भर दिया है अब मैं उसे किस प्रकार डिलीट/रिजेक्ट करवा सकता हूॅं?आप अपना एपीएआर आवेदन यथोचित कारण सहित प्रार्थना पत्र नियंत्रण अधिकारी से अग्रेषित करवाकर सीबीईओ/सीडीईओ कार्यालय लॉगिन से डिलीट करवा सकते है। उक्त कार्य प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा समीक्षक अधिकारी को प्रेषित करने से पूर्व होगा।
9मॉड्यूल में प्रविष्टियॉ कौनसे font में की जानी है?English या Mangal (Unicode)
10मैं अपने समीक्षक अधिकारी के रूप सीडीईओ का चयन करना चाहता हूॅ जिनके पास जिशिअ (मुख्यालय)का भी प्रभार है। सीडीईओ के रूप में सर्च करते समय इनका नाम प्रदर्शित नहीं हो रहा है?मूल पदस्थापित पद के अनुसार ही नाम प्रदर्शित होगा। आपको जिशिअ (मुख्यालय) के रूप में सर्च करके चयन करना होगा।
11मेरे समीक्षक अधिकारी पदोन्न्ति उपनिदेशक से संयुक्त निदेशक के पद पर हो गई है क्या मुझे अपना प्रतिवेदन उन्हे भेजना है?जिसके सुपरविजन में न्युनतम 03 माह सेवा की है उसे ही प्रतिवेदन प्रेषित किया जाना है चाहे पदनाम या कार्यालय परिवर्तन हो गया है।
12मैं शिक्षा विभाग का कार्मिक हुॅं एवं वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभाग में कार्यरत हुॅं क्या मुझे अपनी एपीएआर ऑनलाईन भरनी है?नहीं। आप अपनी एपीएआर पूर्व की भांति ऑॅफलाईन ही भेजें।
13मैं अपना एपीएआर स्टेटस कैसे देख सकता हुॅं?आप अपने स्टाफ लागिन में एपीएआर टेब में एपीएआर स्टेटस कॉलम मे जाकर एपीएआर की वर्तमान स्थिति को देख सकते है।
14मैं रिपोर्टिग अधिकारी हुॅं। लोकसेवक द्वारा प्रेषित एपीएआर मैं अपने लॉगिन पर किस टेब मे देख सकता हुॅं?आप अपने स्टाफ लॉगिन मे एपीएआर टेब में Request for Apar assessment मेे जाकर देख सकते है।
15मै संस्था प्रधान के रूप मेे शाला के समग्र रिजल्ट का विवरण कैसे भर सकता हुॅ?आप रिजल्ट वाले कॉलम में कक्षा 5,8,10 का परिणाम ऑल का चयन कर एवं कक्षा 12 का रिजल्ट संबंधित स्ट्रीम का चयन कर भर सकते है।
16मैने प्रथम बार राजकीय सेवा में दिनांक 03.10.2022 को कार्यग्रहण किया है। मैने दिनांक 01.07.2022 से 02.10.2022 तक एपीएआर की प्रविष्टि कॉलम में राजकीय सेवा में नहीं था एवं 03.10.2022 से 30.06.2023 तक एपीएआर की प्रविष्टि की जानी का चयन कर रिपोर्टिग अधिकारी को अग्रेषित कर दिया था।
रिपोर्टिग अधिकारी द्वारा मेरे विवरण का सत्यापन कर दिया गया है उसके उपरांत भी एपीएआर नहीं भरी जा रही है। क्या कारण हो सकता है?
दिनांक 01.07.2022 से 02.10.2022 तक की अवधि का राजकीय सेवा में नहीं होने का सत्यापन सीबीईओ कार्यालय की लॉगिन से होने के उपरांत ही भरा जाएगा।
17मेरे रिपोर्टिंग एवं रिवीविंग अधिकारी सर्च करने पर प्रदर्शित नहीं हो रहे है। क्या कारण हो सकता है?संबंधित अधिकारी का शाला दर्पण स्टॉफ विंडो में रजिस्ट्रेशन एवं शाला दर्पण पोर्टल पर आधार वेरिफिकेशन होना आवश्यक है इसके अभाव में उनका नाम प्रदर्शित नहीं होगा।
18मैंने प्रथम बार राजकीय सेवा में दिनांक 03.09.2022 को शिक्षा विभाग में कार्यग्रहण किया है। मैं एपीएआर प्रपत्र में 1 जुलाई, 2022 से 02.09.2022 तक की अवधि का उल्लेख किस प्रकार से करूगा?आप एपीएआर में 1 जुलाई, 2022 से 02.09.2022 तक की अवधि का उल्लेख उक्त अवधि में ’लोकसेवक राजकीय सेवा में नहीं था’ आप्शन का चयन कर करें। उक्त प्रविष्टि संबंधित सीबीईओं लॉगिन से वेरिफाई भी की जानी है।

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समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी :- राज्य कर्मचारियों हेतु संचालित समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना वर्ष 2024-25 के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ आपके लिए उपलब्ध करवाए जा रहे हैं उम्मीद है आपको पसंद आयेंगे| वित्त (बीमा) विभाग, राजस्थान के आदेश क्रमांक प. 4 (72) वित्त / राजस्व / 94 – लूज दिनांक 13.03.2024 द्वारा दिनांक 01.05.2024 से 30.04.2025 की अवधि हेतु राजस्थान कैडर के अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों सहित समस्त राज्य कर्मचारियों पर समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना वैकल्पिक लागू की गई है। कक्षा 01 से 11 तक परीक्षा परिणाम तैयार करने का एक्सल प्रोग्राम

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी के अन्तर्गत राज्य कर्मचारियों, जिनमें जिला परिषद् एवं पंचायत समितियों के कर्मचारी एवं विभिन्न स्वायतशासी संस्थाओ में राज्य सरकार के प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिक भी शामिल है। विभिन्न दुर्घटनाओं में होने वाली क्षतियों एवं मृत्यु के जोखिम को वीमा कवर प्रदान करने के उद्देश्य से निम्न तालिका में अंकित श्रेणियों में से कर्मचारी द्वारा चयन की गई किसी एक श्रेणी के अनुसार बीमाधन की समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा (राज्यकर्मी) पॉलिसी राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के साधारण बीमा निधि कार्यालय द्वारा जारी की जावेगी ।

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

श्रेणीप्रीमियम दर (प्रति कार्मिक)बीमाधन (राशि रूपये में)
12203 लाख
270010 लाख
3140020 लाख
4210030 लाख
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

उक्त पालिसी के अन्तर्गत बीमित समूह में निम्न कार्मिक सम्मिलित माने जावेगें:

  1. वे राज्यकर्मी जिनकी नियुक्ति तिथि 30.04.2024 एवं इससे पूर्व है और उनका प्रीमियम दिनांक 31.05.2024 तक साधारण बीमा निधि के के सम्बन्धित बजट हैड (8011-00-107-01-00 ) में जमा हो गया है, वे सभी कर्मचारी दिनांक 01.05.2024 से कवर माने जायेंगे ।
  2. वे राज्यकर्मी जिनकी नियुक्ति तिथि 01.05.2024 एवं इसके पश्चात है और उनका प्रीमियम प्रोरेटा बेसिस पर साधारण बीमा निधि के सम्बन्धित बजट हैड (8011-00-107-01-00) में जमा हो गया है, प्रीमियम जमा की तिथि से कवर माने जायेंगे । शिक्षा विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा निर्देश-गाइडलाइन
  3. ऐसे कार्मिक उपरोक्त श्रेणी अनुसार कोई भी विकल्प प्रस्तुत नहीं कर यदि कोई प्रीमियम कटौती नहीं कराना चाहते है, तो उनकी प्रीमियम कटौती आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा नहीं की जायेगी, ऐसे कार्मिकों को केवल मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना के अनुसार बीमाधन के लाभ इस विभाग के MCDBY कार्यालय द्वारा देय होंगे।

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पुलिस विभाग के वर्दीधारी अधिकारी / कर्मचारी, जिनके लिए पृथक से इस विभाग द्वारा जीपीए (पुलिसकर्मी) योजना संचालित की जा रही है, राज्यकर्मियों के लिए जारी उक्त योजना के अर्न्तगत बीमित समूह में सम्मिलित नहीं माने जावेंगे।

2024 डीए वृद्धि केलकुलेशन यहाँ से करे

Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी के वर्ष 2024-25 के संचालन के सम्बन्ध में निम्नानुसार दिशा-निर्देश प्रसारित किये जाते हैं:-

  1. उक्त योजना के अन्तर्गत समस्त राज्य कर्मचारियों की प्रीमियम राशि, परिपत्र में अंकित तालिका में किसी एक श्रेणी जिसका कार्मिक द्वारा चयन किया गया है, अप्रेल देय मई, 2024 के वेतन बिल से काटी जावेगी। जिन कार्मिकों की नियुक्ति तिथि 30.04.2024 एवं इससे पूर्व है, उन कार्मिकों के लिए प्रीमियम राशि उनके श्रेणी विकल्प अनुसार दिनांक 31.05.2024 तक साधारण बीमा निधि के बजट हैड ( 8011-00 -107-01-00 ) में जमा कराया जाना अनिवार्य है। SNA वित्तीय वर्ष 2023-24 में जारी “SNA” लिमिट का उपयोग कैसे करें
  2. जिन डीडीओ के द्वारा आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर पोर्टल के माध्यम से वेतन आहरित नहीं किया जा रहा है, उन डीडीओ के द्वारा बजट हैड 8011-00-107-01-00 में ई-ग्रास सिस्टम के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर दिनांक 31.05.2024 तक अपने कार्मिको की प्रीमियम राशि जमा करानी होगी।
  3. समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्यालय में पदस्थापित राज्य कर्मचारियों / अधिकारियों में से जिनके द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए जीपीए पॉलिसी के लिए परिपत्र में अंकित तालिका में से किसी श्रेणी का चयन किया गया है, के अनुसार सभी राज्य कर्मचारियों / अधिकारियों के माह अप्रेल देय मई, 2024 के वेतन बिल को तैयार करते समय प्रीमियम की कटौती कर ली गयी है। जिन कर्मचारियों का माह अप्रेल देय मई 2024 का वेतन किसी भी कारण से आहरित नहीं किया जा रहा है, उनके लिये निजी स्तर से प्रीमियम बजट हैड 8011-00-107-01-00 में एसआईपीएफ पोर्टल के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर दिनांक 31.05.2024 तक जमा कराना अनिवार्य होगा । ( चालान जमा कराने की प्रक्रिया परिशिष्ट A पर संलग्न है)
  4. प्रस्ताव पत्र सभी अधिकारियों / कर्मचारियों से भराया जाना अनिवार्य है । आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा सभी अधिकारियों / कर्मचारियों से एसआईपीएफ पोर्टल में प्रस्ताव पत्र की पूर्ति कराया जाना आवश्यक है। इसी के साथ समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों से प्रीमियम विकल्प भराया जाना भी अनिवार्य है। यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र
    “जिन अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा प्रस्ताव पत्र पूर्व में एस.आई.पी.एफ. पोर्टल पर ऑनलाइन पूर्ति किये जा चुके हैं तथा जिनमें अपने नॉमिनी एवं पूर्व में भरी गई प्रीमियम श्रेणी में कोई भी संशोधन / परिवर्तन नहीं किया जाना है, उन कार्मिकों द्वारा पुनः प्रस्ताव पत्र भरना आवश्यक नहीं है। ऐसी स्थिति में आहरण एवं वितरण अधिकारी कार्मिक द्वारा पूर्व में दिये गये विकल्प के अनुसार ही कार्मिक के वेतन से प्रीमियम कटौती किया जाना सुनिश्चित करेंगे। कार्मिक के द्वारा दिये गये विकल्प के अनुसार प्रीमियम कटौती करने का पूर्ण उत्तरदायित्व आहरण एवं वितरण अधिकारी का होगा। जिन अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा श्रेणी चयन / नॉमिनी परिवर्तन करना है उनके द्वारा ऑनलाइन प्रस्ताव पत्र एवं प्रीमियम विकल्प अनिवार्य रूप से एसआईपीएफ पोर्टल पर पूर्ति किया जाना आवश्यक है।
  5. समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारी उनके अधीन समस्त कर्मचारियों के वेतन से जीपीए नवीनीकृत योजना के अन्तर्गत यथा निर्धारित पोर्टल आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर / ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से कटौती कर कटौती पत्र वेतन बिलों के साथ संलग्न कर कोष कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे।
  6. आहरण एवं वितरण अधिकारी समस्त प्राप्त नकद राशि को बजट हैड 8011–00–107-01-00 में एसआईपीएफ पोर्टल / ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से ई-बैकिंग अथवा ई-चालान क्रिएशन का उपयोग कर 31.05.2024 तक आवश्यक रूप से राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक के क्षेत्राधिकार से संबंधित बैंक में जमा करवाएंगे ( चालान जमा कराने की प्रक्रिया परिशिष्ट – B पर संलग्न है) SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
  7. वेतन बिल / चालान (आईएफएमएस 3.0/ पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर / ई-ग्रास पोर्टल) द्वारा प्रीमियम जमा कराने हेतु बजट मद निम्नानुसार होगा :-
क्र सं.बजट कोडबजट का नाम
18011बीमा तथा पेंशन निधि
2107राज्य सरकारी कर्मचारी समूह बीमा योजना
301राज्य कर्मचारी व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना
Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी
  1. संबंधित आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा जिन प्रकरणों में प्रीमियम कटौती राशि चालान द्वारा जमा करवाई जाती है, ऐसे प्रकरणो में चालान की एक प्रति अग्रेषण पत्र के द्वारा राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक को इस आशय के प्रमाण पत्र के साथ मय कटौती पत्रों के प्रस्तुत करेंगे कि सभी सम्बन्धित अधिकारियों / कर्मचारियों से ऑनलाइन प्रस्ताव पत्र(मनोनयन पत्र) एवं ऑनलाइन प्रीमियम विकल्प एस.आई.पी.एफ. पोर्टल पर भरवा लिये गये हैं । DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट
  2. एसआईपीएफ पोर्टल के माध्यम से चालान बनाते समय कटौती पत्र का पूर्ण विवरण दर्ज किये जाने की सुविधा उपलब्ध है। अतः सुविधा का उपयोग करते हुए कर्मचारियों का विवरण एसआईपीएफ पोर्टल पर दर्ज कर ई-ग्रास के माध्यम से चालान जमा करावें ।
  3. प्रीमियम राशि की कटौती करने की तिथि से पूर्व यदि किसी कार्मिक की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित डीडीओ के द्वारा प्रीमियम नहीं काटा जावेगा ।
  4. पॉलिसी अवधि 1 मई 2024 से प्रारंभ होनी है अतः जो कार्मिक 30 अप्रेल 2024 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे, उनके अप्रेल माह के वेतन से प्रीमियम कटौती नहीं की जावेगी । जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड
  5. दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत प्रीमियम राशि विभाग में जमा हो जाने पर कार्मिक पॉलिसी अवधि तक के लिए बीमित रहेंगे। पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक को पॉलिसी अवधि समाप्त होने तक पॉलिसी के लाभ देय होंगे। पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक को पॉलिसी अवधि के शेष समय के पेटे प्रीमयम राशि का रिफन्ड देने का कोई प्रावधान नहीं है।
  6. यदि वेतन से प्रीमियम काट लिया गया है और मृत्यु तिथि से पूर्व वजट हैड 8011-00-107-01-00 में जमा नहीं कराया गया है तो साधारण वीमा निधि में समय पर प्रीमियम जमा नहीं कराने / विलम्ब से जमा कराये जाने के कारण उत्पन्न होने वाला दायित्व संबंधित डीडीओ वहन करेंगे। बीमा अधिनियम 1938 के सेक्शन 64 वी.वी. के अनुसार प्रीमियम एडवान्स में विभाग में प्राप्त होना आवश्यक है। अतः किसी कर्मचारी की मृत्यु / क्षति की दशा में उसकी मृत्यु / क्षति पश्चात् जमा कराया गया प्रीमियम विभाग द्वारा स्वीकार्य नहीं होगा और न ही उसे कोई मृत्यु / क्षति पश्चात् लाभ देय होगा ।
  7. कार्मिक द्वारा परिपत्र में वर्णित तालिका में से जिस बीमाधन की श्रेणी के विकल्प का चयन किया जायेगा, आहरण वितरण अधिकारी द्वारा उसी के अनुसार वेतन में से प्रीमियम कटौती की जायेगी। कार्मिक द्वारा दिये गये विकल्प से भिन्न प्रीमियम कटौती करने के लिये आहरण वितरण अधिकारी ही पूर्णरूपेण उत्तरदायी होगा ऐसे किसी भी दायित्व के लिये राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग उत्तरदायी नहीं होगा
  8. यह योजना वित्त (नियम) विभाग की अधिसूचना संख्या प. 12 (6) वित्त / नियम / 05 दिनांक 13.03.2006 के अन्तर्गत नियुक्त प्रोबेशनर – ट्रेनीज पर भी लागू होगी। अतः ऐसे सभी कर्मचारियों से ऑनलाइन प्रस्ताव / मनोनयन फार्म एवं प्रीमियम विकल्प भरवाकर उनके माह अप्रैल देय मई 2024 के वेतन से प्रीमियम की कटौती आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर पोर्टल / पीआरआई पे – मैनेजर / ई-ग्रास पोर्टल पर करवाये जाने का दायित्व संबंधित डीडीओ का होगा।
  9. सभी मामलों में प्रीमियम राशि या तो आईएफएमएस 3.0 / पे मैनेजर / पीआरआई पे- मैनेजर पोर्टल के माध्यम से अथवा ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से निर्धारित तिथि तक जमा करायी जावेगी। उक्त ई-चालान के साथ कटौती पत्र आवश्यक रूप से संलग्न किये जाएंगे, संबंधित कर्मचारी / अधिकारी के मनोनीत का नाम एवं सम्बन्ध स्पष्टतः अंकित किया जावेगा ।
  10. दिनांक 01.05.2024 एवं इसके पश्चात् नियुक्त अधिकारियों / कर्मचारियों पर भी उक्त योजना लागू होगी तथा श्रेणी संख्या 1 से 3 में से कोई एक विकल्प लेने की स्थिति में उनके प्रथम वेतन से वर्ष 2024-25 के लिए प्रीमियम एकमुश्त कटौती आईआरडीए के नियमानुसार प्रोरेटा बेसिस के आधार पर की जाएगी एवं कर्मचारियों से प्रस्ताव पत्र (मनोनयन एवं प्रीमियम विकल्प ) अवश्य एसआईपीएफ पोर्टल पर भरवाया जाएगा। उक्त कार्मिकों को प्रीमियम जमा कराने की तिथि से पॉलिसी कवर प्राप्त होगा। प्रोरेटा बेसिस आधारित प्रीमियम गणना करने का सूत्र निम्नानुसार है:
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18. सभी कर्मचारियों को एसआईपीएफ पोर्टल पर जीपीए के प्रस्ताव पत्र (Proposal Form ) को भरे जाने की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। कार्मिक अपनी एसएसओ लॉग-इन आईडी एवं पासवार्ड से लॉगिन कर एसआईपीएफ पोर्टल पर GPA में proposal from का चयन करेगें। ऑनलाइन फार्म में कार्मिक डेटा की जांच कर प्रीमियम श्रेणी एवं मनोनयन विवरण भरें। कार्मिक द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर OTP आधारित वेरिफिकेशन किया जायेगा|

  1. सभी डीडीओ से यह अपेक्षित है कि वह सभी कार्मिकों को पॉलिसी की शर्तों की जानकारी देवें और उन्हें मनोनीत / परिजनों को उक्त पॉलिसी के बारे में अवगत कराने का आग्रह करें। पॉलिसी विभागीय वेबसाइट www.sipf.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध रहेगी ।
  2. सभी डीडीओ से यह भी अपेक्षित है कि वे किसी भी प्रकार की दुर्घटना में क्षति/ मृत्यु की अवस्था में मनोनीत / परिजनों को निर्धारित समयावधि में एफआईआर, एफआर, मेडिकल बोर्ड सर्टिफिकेट / पीएमआर आदि आवश्यक दस्तावेजों सहित दावा प्रपत्र प्रस्तुत कराने में प्राथमिकता से सहयोग करें एवं एफआईआर एवं पीएमआर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधान का व्यापक प्रचार प्रसार करें। विलम्ब से दावा प्रपत्र प्रस्तुत करने के अधिकांश मामलों में विलम्ब का कारण मनोनीत को पॉलिसी की जानकारी नहीं होना अथवा मनोनीत के द्वारा देर से दावा प्रपत्र प्रस्तुत करना दर्शाया जाता है। अतः सभी डीडीओ के द्वारा दावा पेश करने की समय सीमा एवं दुर्घटना से मृत्यु के सभी मामलों में एफआईआर एवं पीएमआर की अनिवार्यता संबंधी प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जावे । Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी Baseline Assessment Model Papers
  3. जीपीए (राज्यकर्मी) योजना में प्रीमियम जमा कराने संबंधी समस्त पत्राचार राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के संबंधित जिला कार्यालय के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक से किया जावे।
  4. जीपीए ( राज्यकर्मी) योजना का केन्द्रीकरण दिनांक 01.05.2023 से कर दावा निस्तारण के समस्त अधिकार साधारण बीमा निधि (राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग) वित्त भवन, जयपुर को दिए गए है। उक्त के निर्णय के विरूद्ध अपील / रिवीजन निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जावेगा। अतिरिक्त निदेशक, साधारण बीमा निधि कार्यालय का ई-मेल पता add.gis.sipf@rajasthan.gov.in है।

5. जीपीए दावा उत्पन्न होने पर आवेदन की प्रक्रिया निम्नानुसार है:-

“www.sipf.rajasthan.gov.in पर जाकर “मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना” के लोगो / लिंक पर क्लिक करे ।

“मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना” पोर्टल पर जावे तथा “समूह व्यक्तिगत दुर्घटना (GPA) के तहत आवेदन करें के बॉक्स पर क्लिक कर आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ करें ।

दावा प्रस्तुत करने के लिए दिए गए बॉक्स में “कर्मचारी आईडी नंबर लिखे और “खोजे बटन पर क्लिक करें।

मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना पोर्टल पर “दुर्घटना से हुई मृत्यु / क्षति संबंधित सूचनाएं, मनोनित आवेदन फार्म में दिए गए बॉक्स में उपलब्ध कराएं। पॉलिसी अनुसार दुर्घटना से संबंधित “आवश्यक दस्तावेजों का चयन करें, कोई विवरण हो तो उल्लेख करें एवं संबंधित दस्तावेज अपलोड करें। (आवश्यक दस्तावेज यथा – मृत्यु प्रमाण पत्र, प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) / रोजनामचा/मर्ग, अन्तिम रिपोर्ट (FR), पोस्टमोर्टम रिपोर्ट व आवश्यक अन्य दस्तावेज)

प्रमाणीकरण (Disclaimer) बॉक्स पर टिक करे और ओटीपी प्राप्त करने हेतु मनोनित का आधार / जनाधार नंबर दर्ज करें, आधार / जनाधार से रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर से ओटीपी के माध्यम से सूचना सत्यापित कर “जमा” पर क्लिक करें ।

  • कार्मिक अपनी एसएसओ लॉगिन के माध्यम से एसआईपीएफ पोर्टल पर Click करें ।
  • एसआईपीएफ पोर्टल के Dashboard पर Scheme में GPA पर Click कर Deposit पर Click करें ।
  • कार्मिक अपने डाटा की जांच कर GPA हेतु चयनित श्रेणी अनुसार राशि (700 / 1400 / 2100) भरे तथा चालान जमा मोड, City, पिनकोड आदि भरकर Remarks में अपना विवरण भरकर Save पर Click करें। इसके बाद E-Grass Portal पर Re Direct हो जायेंगे।
  • E-Grass पर बैंक का चयन कर Payment option का चयन करें। समग्र शिक्षा अभियान (योजना संचालन पोर्टल) SNA COMPONENT 2023
  • Offline Mode का चयन करने पर चालान डाउनलोड कर संबंधित बैंक में जमा करावें । Online Mode का चयन करने पर राशि ऑनलाइन जमा कर ई-चालान की रसीद प्राप्त करें। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-

नोट :- समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के प्रीमियम राशि की कटौती वेतन से नहीं होने की स्थिति में ही कर्मचारी अपने स्तर से चालान जमा करावें । Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना प्रपत्र डाउनलोड करें 👇

  • आहरण एवं वितरण अधिकारी अपने व्यक्तिगत / एसएसओ लॉग इन से एसआईपीएफ पोर्टल पर जाकर Dashboard पर DDO Role को Switch करें।
  • आहरण एवं वितरण अधिकारी एसआईपीएफ पोर्टल के Dashboard पर Payment ऑप्शन पर क्लिक करें। स्कीम में जीपीए का चयन कर कर्मचारियों का विवरण एवं उनके प्रीमियम श्रेणी अनुसार राशि भरकर city, पिनकोड, चालान जमा मोड एवं Remarks भरकर Save करें। इसके पश्चात् आप E-Grass Portal पर Re Direct हो जायेंगे।
  • E-Grass पर बैंक का चयन कर Payment option का चयन करें।
  • Offline Mode का चयन करने पर चालान डाउनलोड कर संबंधित बैंक में जमा करावें । Online Mode का चयन करने पर राशि ऑनलाइन जमा कर ई-चालान की रसीद प्राप्त करें।

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नोट:- आहरण एवं वितरण अधिकारी के कार्यालय के जिन कार्मिकों का वेतन आईएफएमएस 3.0/ पे मैनेजर / पीआरआई पे मैनेजर से ऑनलाईन आहरित नहीं होता हो, उन्हें ऑफलाईन विल के जीपीए कटौती शिड्यूल के अनुसार चालान जमा करवाकर सूचना राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के संबंधित जिला कार्यालय को भिजवायें ।

  • जीपीए सरकार. कर्मचारी नीति 2023-24👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति सरकार। योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 28-08-2022 से 27-08-2023👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति स्व-योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 01-04-2022 से 31-03-2023👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा) (अवधि 1.05.22 से 30.4.2023)👉डाउनलोड करना
  • वर्दीधारी पुलिस कर्मचारियों के लिए समूह व्यक्तिगत दुर्घटना (सरकारी अंशदान) नीति 2021-22(10)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति स्व-योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 01-04-2021 से 31-03-2022👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा) (अवधि 1.05.21 से 30.4.2022)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नया स्लैब 2021-22👉डाउनलोड करना
  • परिपत्र जीपीएफ सरकार. रोजगार 2021-22👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति सरकार। योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 28-08-2020 से 27-08-2021👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों (विशेष सुरक्षा वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए नीति 02-07-2020 से 01-07-2021👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों (विशेष सुरक्षा वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए नीति 13-06-2020 से 12-06-2021👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा) (अवधि 1.05.20 से 30.4.2021)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए-सरकार। 2020-21 (वर्दी पुलिस कर्मचारी)01-04-2020 से 31-03-2021👉डाउनलोड करना
  • ग्रुप मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी राजमेडिक्लेम 01-04-2020 से 31-03-2021 तक👉डाउनलोड करना
  • जीपीए-सरकार। 2020-21 (वर्दी पुलिस कर्मचारी)01-042020 से 31-03-2021👉डाउनलोड करना
  • छात्र सुरक्षा दुर्घटना बीमा पॉलिसी 2020-21👉डाउनलोड करना
  • जीपीए-सरकार। 2019-20 (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 28-08-2019 से 27-08-2020👉डाउनलोड करना
  • जीपीए-सरकार। 2019-20 (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति स्व-योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 01-04-2019 से 31-03-2020👉डाउनलोड करना
  • राजस्थान राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार जीपीए नीति👉डाउनलोड करना
  • सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों के लिए छात्र सुरक्षा दुर्घटना बीमा पॉलिसी👉डाउनलोड करना
  • जीपीए योजना 2018-19 दिनांक 23-04-2018 के संबंध में परिपत्र👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति स्व-योगदान (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 01-04-2018 से 31-03-2019👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारी) 18-19👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (वर्दी के अलावा अन्य पुलिस कर्मचारी) 18-19👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (नागरिक सुरक्षा मुख्यालय जयपुर)👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (होमगार्ड मुख्यालय जयपुर) 17-18👉डाउनलोड करना
  • राजस्थान राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार जीपीए नीति👉डाउनलोड करना
  • सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों के लिए छात्र सुरक्षा दुर्घटना बीमा पॉलिसी👉डाउनलोड करना
  • जीपीए योजना 2018-19 दिनांक 23-04-2018 के संबंध में परिपत्र👉डाउनलोड करना
  • जीपीए बीमा पॉलिसी नवीनीकरण आदेश दिनांक 10-04-2017👉डाउनलोड करना
  • (वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए (सरकारी अंशदान) नीति 2017-18👉डाउनलोड करना
  • वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए (स्वयं योगदान) नीति 2017-18👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों (विशेष सुरक्षा वर्दी पुलिस कर्मचारियों) के लिए जीपीए नीति 2017-18 👉डाउनलोड करना
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए जीपीए नीति (वर्दी पुलिस कर्मचारियों के अलावा) (अवधि 1.05.17 से 30.4.2018) 👉डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (नागरिक सुरक्षा मुख्यालय जयपुर) 👉 डाउनलोड करना
  • जीपीए नीति (होमगार्ड मुख्यालय जयपुर) 17-18 👉 डाउनलोड करना

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इस पॉलिसी के तहत बीमित व्यक्ति या उसके कर्मचारियों को शारीरिक चोट लगने या घातक दुर्घटना होने या कुछ निर्दिष्ट बीमारियों से ग्रस्त होने की स्थिति में लाभ के पूर्व-निर्धारित पैमाने दिए जाते हैं।2024 डीए वृद्धि केलकुलेशन यहाँ से करे

यह योजना राज्य सरकार के कर्मचारियों के कल्याण के लिए 1995 में शुरू की गई थी। कर्मचारियों के लिए वार्षिक प्रीमियम के आधार पर एक ग्रुप पॉलिसी जारी की जाती है। कर्मचारियों को अप्रैल भुगतान मई माह के वेतन से अनिवार्य रूप से प्रीमियम की कटौती करानी होगी।

ऐसी पॉलिसी जीआईएफ द्वारा तय की गई दर पर या बातचीत से तय की गई दर पर अन्य संस्थानों को जारी की जा सकती है। विभाग पुलिस विभाग, बिजली विभाग, केयूएमएस, विश्वविद्यालयों और अन्य को भी अपनी सेवाएं दे रहा है। प्रीमियम डीडी के माध्यम से भी जमा किया जाता है, तारीखों के लिए समाचार पत्रों में अधिसूचना प्रकाशित की जाती है।

आकस्मिक मृत्यु पर, मृत कर्मचारी के नामांकित व्यक्ति को रु. का भुगतान किया जाता है। पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार चोट के मामलों में 2.00 लाख रुपये और दावा राशि भी देय है।

किसी राशि का दावा करने के लिए कर्मचारी या नामांकित व्यक्ति को विशिष्ट समय के भीतर दावा प्रपत्र जमा करना होता है।

पॉलिसी के लिए मृत्यु को छोड़कर अन्य लाभ और मुआवज़े हैं

क) सुनने की क्षमता में कमी:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) दोनों कान1 लाख
एक कान30 हजार
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ख) हाथ के अंगूठे और उंगली का नुकसान:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) एक हाथ की चार उंगलियां और अंगूठा नष्ट होना (सभी अंगुलियां)80 हजार
ii) अंगूठे को छोड़कर चार अंगुलियों का नुकसान (सभी अंगुलियाँ)50 हजार
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ग) अंगूठे का नुकसान:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) एक अंगूठा (दोनों पर्व)50 हजार
ii) एक अंगूठा (एक फालानक्स)20 हजार
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घ) अंगूठे को छोड़कर उंगलियों का नुकसान:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) कोई भी उंगली (सभी फालेंज)12 हजार
ii) कोई भी उंगली (दो फालेंज)10 हज़ार
iii) कोई भी उंगली (एक फालानक्स)6 हजार
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ई) किसी भी पैर की उंगलियों का नुकसान:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) बड़े पैर के अंगूठे सहित (सभी फालेंज)40 हजार
ii) एक बड़ा पैर का अंगूठा (दोनों फालेंज)10 हज़ार
iii) एक बड़ा पैर का अंगूठा (एक फालानक्स)4 हजार
iv) बड़े पैर के अंगूठे को छोड़कर पैर की उंगलियां (दोनों फालेंज)2 हजार (प्रति पैर)
v) बड़े पैर के अंगूठे को छोड़कर पैर की उंगलियां (एक फालानक्स)1 हजार (प्रति पैर)
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च) जलने से हानि:

लाभ/मुआवजादेय रु.
i) पूरे शरीर का 50% या अधिक1 लाख
ii) 40% या अधिक लेकिन पूरे शरीर का 50% से कम75 हजार
iii) 30% या अधिक लेकिन पूरे शरीर का 40% से कम50 हजार
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बीमाकृत व्यक्ति की उसके निवास स्थान के बाहर दुर्घटना के कारण मृत्यु होने की स्थिति में, जैसा कि पॉलिसी में परिभाषित है, रु. मिलेंगे। परिवहन और दाह संस्कार आदि के लिए देय राशि के अतिरिक्त 2,000/- रु.

अपवाद

सामान्य बीमा कोष इस पॉलिसी के तहत निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी नहीं होगा:

बीमित व्यक्ति की मृत्यु, चोट या विकलांगता के संबंध में मुआवजे का भुगतान

  • (ए) जानबूझकर आत्म-चोट, आत्महत्या या आत्महत्या के प्रयास से,
  • (बी) शराब या नशीली दवाओं या ऐसे किसी भी पदार्थ के नशे के प्रभाव में रहते हुए, चाहे वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके कारण हुआ हो या इसमें योगदान हो,
  • (सी) विमानन या गुब्बारा उड़ाने में संलग्न होने के दौरान, या दुनिया में कहीं भी किसी भी विधिवत लाइसेंस प्राप्त मानक प्रकार के विमान में एक यात्री (किराया भुगतान या अन्यथा) के अलावा किसी भी गुब्बारे या विमान में चढ़ते, उतरते या यात्रा करते समय,
  • (डी) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी बीमारी या पागलपन के कारण,
  • (ई) बीमित व्यक्ति द्वारा आपराधिक इरादे के साथ या उसके बिना कोई उल्लंघन या कानून किए जाने से उत्पन्न या परिणामी,
  • (च) यदि दावा प्रपत्र दुर्घटना/मृत्यु के छह महीने बाद प्राप्त हुआ हो
  • (छ) यदि मोटर वाहन अधिनियम 1989 का उल्लंघन है, (i) जहरीले प्राणियों के काटने से मृत्यु के मामले में एफआईआर, पीएमआर, एफआर और अन्य साक्ष्य का अभाव
  • (ज) डूबने के मामले में एफआईआर, एफआर, पीएमआर का अभाव।
  • (i) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध, आक्रमण, विदेशी दुश्मन के कृत्य, शत्रुता (चाहे युद्ध घोषित किया गया हो या नहीं), गृहयुद्ध, विद्रोह, क्रांति, विद्रोह, विद्रोह, सैन्य या हड़पी हुई शक्ति, जब्ती, कब्ज़ा, से संबंधित या पता लगाया जा सकता है। सभी राजाओं, राजकुमारों, किसी भी राष्ट्र की स्थिति या गुणवत्ता के लोगों की गिरफ्तारी, संयम और हिरासत।
  • (जे) किसी भी परमाणु ईंधन या परमाणु ईंधन के दहन से किसी भी परमाणु अपशिष्ट से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रेडियोधर्मिता द्वारा आयनीकृत विकिरण या संदूषण के कारण या योगदान दिया गया है। इस अपवाद के प्रयोजन के लिए, दहन में परमाणु विखंडन की कोई भी आत्मनिर्भर प्रक्रिया शामिल होगी।

गर्भावस्था बहिष्करण खंड:

इस पॉलिसी के तहत बीमा का विस्तार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बच्चे के जन्म या गर्भावस्था या उसके परिणामस्वरूप होने वाली मृत्यु या विकलांगता को कवर करने के लिए नहीं किया जाएगा। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

सर्जिकल बहिष्करण खंड:

इस पॉलिसी के तहत बीमा का विस्तार किसी सर्जिकल ऑपरेशन के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से होने वाली मृत्यु या विकलांगता को कवर करने के लिए नहीं किया जाएगा। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

नामांकन

  • (1) बीमाधारक का पति/पत्नी, बच्चा/बच्चे, भाई, बहन, पिता या माता
  • (2) अन्य व्यक्ति यदि उपरोक्त (1) में उल्लिखित कोई रिश्तेदार नामांकन के समय जीवित नहीं है।

यदि (1) में उल्लिखित कोई भी संबंध जीवित है तो किसी अन्य व्यक्ति का नामांकन शून्य और शून्य माना जाएगा। हालाँकि यदि नामांकन दाखिल करने के बाद पति/पत्नी के अलावा ऐसा कोई संबंध बनता है तो नामांकन अमान्य नहीं होगा।

नामांकन के अभाव में दावे का भुगतान:

नामांकन के अभाव में दावा राशि का भुगतान निम्नलिखित के बराबर अनुपात में किया जाएगा:-

  • (ए) पत्नी या पति, बेटे और अविवाहित बेटियां।
  • (बी) यदि उपरोक्त (ए) में उल्लिखित कोई भी सदस्य जीवित नहीं है, तो विधवा बेटियों, 18 वर्ष से कम उम्र के भाइयों, अविवाहित और विधवा बहनों, पिता या माता को।

यदि ऊपर (1) और (2) में उल्लिखित सदस्यों में से कोई भी जीवित नहीं है, तो दावा राशि का भुगतान सक्षम न्यायालय के उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति को किया जाएगा।

किसी भी घटना के घटित होने पर, जो इस नीति के तहत दावे को जन्म दे सकती है, सभी विवरणों के साथ लिखित सूचना तुरंत जीआईएफ को दी जानी चाहिए। मृत्यु के मामले में, मृत्यु के लिए लिखित सूचना भी, जब तक कि उचित कारण न दिखाया जाए, अंत्येष्टि/दाह-संस्कार से पहले दी जानी चाहिए और किसी भी मामले में, मृत्यु के एक कैलेंडर माह बाद और दृष्टि हानि या अंगों के विच्छेदन की स्थिति में लिखित सूचना दी जानी चाहिए। दृष्टि हानि या अंग-विच्छेदन के बाद एक कैलेंडर माह के भीतर इसकी सूचना भी दी जानी चाहिए। Group Personal Accident Policy Rajasthan | समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना सम्पूर्ण जानकरी

जिन सभी मामलों पर दावा आधारित है, उनके लिए फंड के लिए संतोषजनक सबूत प्रस्तुत किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण दस्तावेज जो आवश्यक हैं

  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • पीएमआर
  • उपचार रिपोर्ट
  • एफआईआर एवं एफआर/चालान
  • पंचनामा
  • नक्शा मोका
  • गवाह का बयान
  • एमटीआई रिपोर्ट
  • मूल प्रस्ताव प्रपत्र

ये दस्तावेज़ घटना की तारीख से 2 महीने के भीतर जमा किए जाने चाहिए। ऐसे सभी दस्तावेज़/जानकारी देरी के कारणों का उल्लेख करते हुए 6 महीने तक जीआईएफ में जमा की जानी चाहिए अन्यथा “कोई दावा नहीं” के रूप में दावा बंद कर दिया जाएगा। 6 महीने के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।

इस पॉलिसी के तहत देय किसी भी राशि पर ब्याज नहीं लगेगा।

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