STUDENT ACCIDENT INSURANCE SCHEME / विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना : राज्य के अनुदानित एवं गैर अनुदानित विद्यालयों,राजकीय / निजी महाविद्यालयों विश्वविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों की दुर्घटना में मृत्यु अथवा शारीरिक क्षतियों की दशा में विद्यार्थियों के माता / पिता / संरक्षक / पति/पत्नी (वैध मनोनीत )को वीमा आवरण उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार के राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा निधि)द्वारा वर्ष 2002 – 03 से विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना संचालित की जा रही है।
योजना का अवलोकन
योजना का नाम
राजस्थान विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना।
आरंभ होने की तिथि
14/11/1996.
लाभ
राजस्थान विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत को निमिन्लिखित लाभ प्रदान किये जायेंगे :-पात्र छात्र छात्राओं के दुर्घटना में घायल अथवा मृत्यु होने पर क्षतिपूर्ति दिया जाता है।
नोडल विभाग
राजस्थान राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग।
आवेदन का तरीका
ऑफलाइन आवेदन पत्र द्वारा।
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कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
STUDENT ACCIDENT INSURANCE SCHEMES योजना के संबंध में महत्वपूर्ण बिन्दु
यह योजना वर्तमान में निम्नानुसार प्रचलित है :-
योजना का संचालन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा निधि) के जिला कार्यालयों द्वारा किया जा रहा है।
इस योजना के अन्तर्गत निम्न श्रेणियां प्रचलित है :
क.सं.
बीमित ग्रूप
प्रीनियम प्रति छात्र (कर सहित)
बीमा धन (रू.)
1.
कक्षा नर्सरी से आठवीं तक
25 /- रू०
50,000
2.
कक्षा 9 से 12वीं तक
50/- रू०
100000
3.
समस्त राजकीय एवं निजी महाविद्यालय, विश्वविद्यालय तकनीकी एवं उच्च शिक्षा
100/-रू०
200000
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विभाग के जिला कार्यालयों को प्रीमियम प्राप्त होने की दिनांक से पॉलिसी एक वर्ष के लिए प्रभावी रहेगी तथा पॉलिसी अवधि समाप्त होने से पूर्व आगामी वर्ष हेतु प्रीमियम प्राप्त होने पर प्रीमियम प्राप्ति की दिनांक से नई पॉलिसी जारी की जा सकेगी । शिक्षण संस्था द्वारा इस विभाग में प्रीमियम राशि जमा कराने की दिनांक से ही जोखिम वहन की जाएगी। यदि शिक्षण संस्था द्वारा विद्यार्थी से प्रीमियम राशि की वसूली कर ली गई है किन्तु प्रीमियम इस विभाग में देरी से जमा कराया गया है तो प्रीमियम जमा कराने की तिथि से पूर्व दुर्धटना मृत्यु / क्षति की स्थिति में पॉलिसी के तहत भुगतान नहीं किया जायेगा ।
बीमित विद्यार्थी की मृत्यु अथवा पॉलिसी में उल्लेखित क्षतियों की स्थिति में पॉलिसी के प्रभावी रहने की अवस्था में भारत में किसी भी स्थान और सामय पर दूर्घटना घटित होने पर योजना का लाभ देय होगा ।
इस योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली राशि अन्य किरी भी विधि विधान के अन्तर्गत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि के अतिरिक्त होगी।
मृत्यु अथवा शारीरिक क्षति दोनों प्रकार के दावों में दावा राशि विद्यार्थी के माता/पिता /संरक्षक पति/पत्नी (वैध मनोनीत) को देय होगी।
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा निधि) के संयुक्त / उप / सहायक निदेशक कार्यालय जिला स्तर पर स्थित है । पॉलिसी जारी करने की समस्त प्रक्रिया एवं दावों का निस्तारण जिला कार्यालयों द्वारा किया जाएगा।
विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये दावों का भुगतान दावेदार के बैंक खाते में किया जावेगा।
दावा प्रपत्र मय दस्तावेज दुर्घटना की तिथि के छ: माह के अन्दर दावेदार द्वारा पूर्ति कर शिक्षण संस्था के प्राचार्य के माध्यम से इस विभाग के सम्बन्धित जिला कार्यालय में प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है ।
दावा प्रपत्र के साथ मृत्यु की स्थिति में पुलिस एफआईआर, एफआर व पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि दस्तावेज एवं क्षति की स्थिति में एफआईआर, ईलाज का विवरण, मेडिकल बोर्ड सर्टिफिकेट आदि दस्तावेज संलग्न किये जावे। इसी प्रकार चिकित्सा पुनर्भरण के प्रकरणों में इलाज विवरण मूल मेडिकल बिल आदि भी संलग्न किये जाये।
पॉलिसी अवधि में एक से अधिक दुर्घटना के होने पर बीमाधन से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया जावेगा।
पॉलिसी अवधि के बीच में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थी के लिए शार्ट पीरियड रेट्स के आधार पर निम्नानुसार प्रीमियम राशि जमा करायी जावेगी :-
पॉलिसी अवधि के बीच में सम्मिलित
वार्षिक प्रीमियम का प्रतिशत
एक माह तक
25%
एक माह से अधिक किन्तु 3 माह तक
50%
3 माह से अधिक किन्तु 6 माह तक
75%
6 माह से अधिक किन्तु 1 वर्ष तक
100%
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उक्त बीमा योजनान्तर्गत प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी एवं तृतीय श्रेणी हेतु पृथक-पृथक अंडरटेकर रजिस्टर एवं क्लेम रजिस्टर संधारित किये जाएंगे।
योजना के तहत दुर्घटना में क्षति / मृत्यु की दशा में ही भुगतान देय है। अतः दुर्घटना के स्पष्ट साक्ष्य तथा क्षति/ मृत्यु का प्रत्यक्ष/आसन्न (Proximate) कारण दुर्घटना ही है, सुनिश्चित होने के पश्चात ही प्रकरण में भुगतान देय होगा दुर्घटना के कारण ही मृत्यु/क्षति कारित होने को साबित करने का दायित्व दावेदार का होगा ।
योजना का संचालन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, राजस्थान, जयपुर (साधारण बीमा योजना) द्वारा किया जा रहा है।
योजना का नवीनीकरण प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को किया जाता है।
विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना में विद्यार्थी की मृत्यु अथवा अन्य शारीरिक क्षतियों की दशा में योजना के प्रावधानों के अनुसार राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा योजना) द्वारा जारी परिपत्र व प्रतिवर्ष जारी पॉलिसी के अनुसार ही बीमा धन का भुगतान किया जाता है।
राज्य के समस्त अनुदानित/ गैर अनुदानित नर्सरी से सीनियर सैकेण्डरी विद्यालय, समस्त राजकीय एवं निजी बी.एड. एवं एस.टी. सी. कॉलेज, समस्त राजकीय एवं निजी इंजीनियरिंग कॉलेज, सगस्त राजकीय एवं निजी पॉलीटेक्नीक कॉलेज, समस्त राजकीय एवं निजी मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज, समस्त राजकीय / निजी महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय आदि के विद्यार्थियों पर योजना लागू होगी।
4. योजना हेतु विद्यार्थी की परिभाषाः
अनुदानित विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी एवं निजी संस्थाओं के विद्यार्थी जिनका प्रीमियम शिक्षण संस्था द्वारा इस विभाग को प्रपित किया गया है एवं शिक्षण संस्था द्वारा विभाग को प्रेषित सूची में जिनके नाम का उल्लेख है, योजना के अन्तर्गत वीमित विद्यार्थी माने जायेगें।
इस योजना के अन्तर्गत बीमित अवधि में दुर्घटना में विद्यार्थी की मृत्यु अथवा अन्य शारीरिक क्षति की दशा में योजना के प्रावधानों के अनुसार भुगतान किया जावेगा योजना के अन्न्तगत दुर्घटना में हुई क्षति का आशय किसी ऐसी शारीरिक चोट से है, जो वाहा, हिंसात्मक एवं दृश्य माध्यम (External, Violent, Visible Means) हो। शारीरिक चोट संदर्भित दुर्घटना से ही उत्पन्न हुई होनी चाहिए एवं दुर्घटना से पूर्व अस्तित्व में नहीं होनी चाहिए। स्पष्टतः योजना के अन्तर्गत केवल उन्हीं प्रकरणों पर विचार किया जायेगा जिनमें मृत्यु अथवा शारीरिक क्षति दुर्घटना से उत्पन्न हुई है। यह स्पष्ट किया जाता है कि मृत्यु/क्षति का सीधा संबंध (Proximate Cause) दुर्घटना से होना चाहिए।
6. विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना में दुर्घटनावश मृत्यु होने अथवा निम्न प्रकार की क्षति होने पर देय होगा :-
क्र. सं.
दुर्घटना में हुई क्षति का प्रकार
दुर्घटना पर देय लाभ/ बीमाधन प्रतिशत
1
दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर
100%
2
दुर्घटना में दोनों हाथों या दोनों पैरों या दोनों आँखों या एक हाथ एवं एकऑख अथवा एक पैर एवं एक आँख अथवा एक पैर एवं एक हाथ की क्षतिपर
100%
3
दुर्घटना में एक हाथ अथवा एक पैर अथवा एक आँख की क्षति पर
50%
4
उपरोक्त क्षति के अलावा अन्य प्रकार की शारीरिक क्षति से बीमाकृत विद्यार्थीके सम्पूर्ण रूप से अयोग्य होने की दशा में
100%
5
आशिक क्षति की दशा में- (अ) श्रवण शक्ति की क्षति की दशा में :
50%
(ब) एक हाथ के अंगूठे एवं अंगुलियों की क्षतिः
40%
(स) हाथ के अंगूठे की क्षति 1. हाथ के अंगूठे की क्षति (दोनों अंगुलियों की क्षति)
25%
(द) हाथ के अंगूठे के अतिरिक्त अन्य अंगुलियों की क्षति 1. किसी भी अंगुली की समस्त अंगुलस्थियों की क्षति पर
10%
2. किसी भी अंगुली की दो अंगुलस्थियों की क्षति पर
8%
3. किसी भी अगुली की एक अंगुलस्थी की क्षति पर
4%
(य) पांव के अंगूठे एवं अंगुलियों की क्षति की दशा में (1) दोनों पांवों की समस्त पावांगुलियों की क्षति (समस्त अंगुलस्थियों की क्षति
20%
(2) पांव के एक अंगूठे की क्षति (दोनों अंगुलस्थियों की क्षति)
5%
(3) पांव के एक अंगूठे की क्षति (एक अंगुलस्थी की क्षति)
2%
(4) अंगूठे के अतिरिक्त पांव की एक अथवा अधिक अंगुलियों की क्षति (दोनों अंगुलस्थियों की क्षति)
1%
6
जलने के कारण क्षति :- (1) सम्पूर्ण शरीर के 50 प्रतिशत या अधिक जलने पर
50%
(2) सम्पूर्ण शरीर के 40 प्रतिशत से अधिक किन्तु 50 प्रतिशत से कम जलने पर
40%
(3) सम्पूर्ण शरीर के 30 प्रतिशत से अधिक किन्तु 40 प्रतिशत से कम जलने पर
30%
7
दुर्घटना के कारण आयी चोट के परिणामस्वरूप 24 घण्टे से अधिक चिकित्सालय (सरकारी या प्राईवेट) में भर्ती रहने पर संबंधित डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी के प्रमाण पत्र एवं दवाई के बिल प्रस्तुत करने पर निम्नानुसार लाभ देय है।
10%
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उक्त योजना में पॉलिसी अवधि के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु होने अथवा क्षति होने पर 100% बीमाधन से अधिक लाभ देय नहीं होगा।
इस योजना के अन्तर्गत हाथ की क्षति से आशय कलाई अथवा इसके ऊपर से पार्थक्य होने से है। इसी प्रकार पैर की क्षति से आशय पैर के टखने (Ankle) अथवा इसके ऊपर से पार्थक्य होने से हैं। इस योजना के तहत हाथ के पार्थक्य (Physical Separation) का आशय कलाई अथवा इसके उपर से पार्थक्य होने से है । इस प्रकार पैर के पार्थक्य (Physical Separation) से आशय टखना (Ankle) अथवा इसके उपर से पार्थक्य होने से है।
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
योजना के अन्तर्गत प्राकृतिक रूप से या बीमारी के कारण से होने वाली मृत्यु अथवा शारीरिक क्षति पर इस पॉलिसी के अन्तर्गत किसी प्रकार का लाभ देय नहीं होगा योजना के अन्तर्गत निम्न परिस्थितियों में लाभ देय नहीं है :-
क. हृदय गति रूक जाने से होने वाली मृत्यु अथवा अन्य क्षति।
ख, विभिन्न बीमारियों जैसे कैंसर, टी.बी. इत्यादि से होने वाली मृत्यु अथवा अन्य क्षति ।
ग. आत्मक्षति, आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास, पागलपन अथवा किसी विद्यार्थी द्वारा नशीला द्रव्य के प्रयोग के प्रभाव से होने वाली क्षति।
घ. चिकित्सा अथवा शल्य क्रिया के दौरान होने वाली क्षति।
ड. नाभिकीय विकिरण अथवा परमाणविक अस्त्रों से होने वाली क्षति।
च. युद्ध, विदेशी आक्रगण, विदेशी शत्रु के कृत्यों, गृह युद्ध देशद्रोह अथवा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से होने वाली क्षति ।
छ. विद्यार्थी द्वारा आपराधिक उद्देश्य से विधि द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन करते समय हुई मृत्यु अथवा क्षति।
ज. मोटर वाहन अधिनियम में निर्धारित उम्र से कम उम्र में वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटना से मृत्यु अथवा क्षति।
8. विभाग के जिला कार्यालय के निर्णय से असंतुष्ट होने की स्थिति में दावेदार द्वारा निर्णय की दिनांक से 3 माह की अवधि में निर्णय के रिव्यू / रिविजन हेतु संभागीय अतिरिक्त निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रा० नि० के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रेषित किया जा सकेगा संभागीय अतिरिक्त निदेशकों से निर्णय के विरूद्ध रिव्यू /रिविजन निर्णय दिनांक से 3 माह की अवधि के भीतर निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग,राजस्थान, जयपुर को अपील की जा सकेगी ।
इस योजना के अन्तर्गत जिला कार्यालयों द्वारा जारी की जाने वाली पॉलिरी का प्रारूप संलग्न किया जा रहा है। जिला कार्यालयों द्वारा इसी प्रारूप में पॉलिसी जारी की जानी है। यही पॉलिसी विधिक कार्यों के लिए वैध दस्तावेज के रूप में प्रयोग में लाई जावे। योजना के संचालन हेतु निर्देश, यथावश्यकता समय -समय पर साधारण बीमा निधि कार्यालय द्वारा जारी किये जाएंगे।“
सामान्य बीमा निधि बीमित व्यक्ति को उस सीमा तक और इसके बाद के तरीके से भुगतान करेगी, बशर्ते कि यदि कोई भी बीमित व्यक्ति बाहरी, हिंसक और दृश्य साधनों से हुई दुर्घटना से पूरी तरह से और सीधे होने वाली किसी भी शारीरिक चोट को बनाए रखेगा, तो इसके बाद की राशि के संबंध में विभाग द्वारा निर्धारित अनुसूची में निर्दिष्ट किसी भी बीमित व्यक्ति और दुर्घटना में उपचार व्यय और प्रतिपूर्ति
दुर्घटना से घायल हुए दावेदार को पॉलिसी शर्तों के अनुसार अधिकतम चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के हकदार होने के 24 घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
राजस्थान विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत को निमिन्लिखित लाभ प्रदान किये जायेंगे :-
क्र. स.
वर्ग
नर्सरी से आठवीं तक
9वीं से 12वीं
राजकीय/निजी महाविधालय, विशवविद्यालय , तकनीकी एवं उच्च शिक्षा
1
दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर
50,000
1,00,000
2,00,000
2
दुर्घटना में दोनों हाथों या दोनों पैरों या दोनों आँखों या एक हाथ एवं एक आँख अथवा एक पैर एवं एक आँख अथवा एक पैर एवं एक हाथ की क्षति पर
50,000
1,00,000
2,00,000
3
दुर्घटना में एक हाथ अथवा एक पैर अथवा एक आँख की क्षति पर
25,000
50,000
1,00,000
4
उपरोक्त क्षति के अलावा अन्य प्रकार की शारीरिक क्षति से बीमाकृत के सम्पूर्ण रूप से आयोग होने की दशा में।
50,000
1,00,000
2,00,000
5
आंशिक क्षति की दशा में :-
श्रवण शक्ति की क्षति की क्षति की दशा में :-
25,000
50,000
1,00,000
एक हाथ में अंगूठे एवं अंगुलियों की क्षति :-
20,000
40,000
80,000
हाथ के अंगूठे की क्षति:-
12,500
25,000
50,000
किसी भी अंगुली की समस्त अंगुलस्थियो की क्षति पर :-
5,000
10,000
20,000
किसी भी अंगुली की दो अंगुलस्थियो की क्षति पर :-
4,000
8,000
16,000
किसी भी अंगुली की एक अंगुलस्थियो की क्षति पर :-
2,000
4,000
8,000
दोनों पावों की समस्त पांवगुलियो की क्षति
10,000
20,000
40,000
पांव के एक अंगूठे की क्षति (दोनों अंगुलस्थियो की क्षति)
2500
5,000
10,000
पांव के एक अंगूठे की क्षति (एक अंगुलस्थियो की क्षति)
1,000
2,000
4,000
अंगूठे के अतिरिक्त पांव की एक अथवा अधिक अंगुलियों की क्षति (दोनों अंगुलस्थियो की क्षति)
500
1,000
2,000
6
जलने के कारण क्षति :-
सम्पूर्ण शरीर के 50 प्रतिशत या अधिक जलने पर
25,000
50,000
1,00,000
सम्पूर्ण शरीर के 40 प्रतिशत से अधिक किन्तु 50 प्रतिशत से कम जलने पर
20,000
40,000
80,000
सम्पूर्ण शरीर के 30 प्रतिशत से अधिक किन्तु 40 प्रतिशत से कम जलने पर
15,000
30,000
60,000
7
दुर्घटना के कारण आयी चोट के परिणामस्वरूप 24 घंटे से अधिक चिकित्सालय (सरकारी या प्राइवेट) में भर्ती रहने पर संबंधित डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी के प्रमाण पत्र एवं दवाई के बिल प्रस्तुत करने पर नियमनुसार लाभ देय है।
5,000
10,000
20,000
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Note : यह स्पष्ट किया जाता है कि मृत्यु अथवा क्षति का सीधा संबंध दुर्घटना से होना चाहिए, दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर बीमा धन Rs.100000 देय होगा इसके अलावा दुर्घटना में दोनों हाथों या दोनों पैरों या दोनों आंखों या एक हाथ या एक आंख अथवा एक पैर एवं एक आंख अथवा एक पैर एवं एक हाथ की क्षति होने पर भी Rs. 100000 बीमा धन देय होगा। इसके अलावा अन्य क्षतियो की स्थिति में विभाग द्वारा निर्धारित अलग-अलग बीमा धनराशि देय होगी।
अपवाद / Exceptions : बीमित व्यक्ति की मृत्यु, चोट या विकलांगता के संबंध में मुआवजे के लिए इस पॉलिसी के तहत सामान्य बीमा कोष उत्तरदायी नहीं होगा जैसे-
जानबूझकर आत्म-चोट, आत्महत्या या आत्महत्या के प्रयास से
शराब या ड्रग्स या ऐसे किसी भी पदार्थ के प्रभाव में रहते हुए, चाहे वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसके कारण हुआ हो या इसके द्वारा योगदान दिया गया हो
एविएशन या बैलूनिंग में संलग्न होने के दौरान, या दुनिया में कहीं भी किसी भी विधिवत लाइसेंस प्राप्त मानक प्रकार के विमान में एक यात्री (किराया भुगतान या अन्यथा) के अलावा किसी भी गुब्बारे या विमान में चढ़ते समय, उतरते या यात्रा करते समय
प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी बीमारी या पागलपन के कारण होता है
बीमित व्यक्ति द्वारा आपराधिक मंशा के साथ या उसके बिना कोई उल्लंघन या कानून करने के परिणामस्वरूप उत्पन्न होना या उत्पन्न होना।
प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध, आक्रमण, विदेशी शत्रु के अधिनियम, शत्रुता (चाहे युद्ध घोषित हो या नहीं), गृहयुद्ध, विद्रोह, क्रांति, विद्रोह, विद्रोह, सैन्य या हड़पने वाली शक्ति, जब्ती, कब्जा, गिरफ्तारी, संयम से जुड़ा या पता लगाने योग्य और सभी राजाओं, राजकुमारों, किसी भी राष्ट्र की स्थिति या गुणवत्ता के लोगों की हिरासत।
प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी परमाणु ईंधन या परमाणु ईंधन के दहन से किसी भी परमाणु कचरे से रेडियोधर्मिता या रेडियोधर्मिता द्वारा विकिरण या संदूषण से उत्पन्न होने या उत्पन्न होने में योगदान देता है। इस अपवाद के प्रयोजन के लिए, दहन में परमाणु विखंडन की कोई भी आत्मनिर्भर प्रक्रिया शामिल होगी।
प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से परमाणु हथियार सामग्री के कारण या योगदान के कारण या उत्पन्न होता है।
सर्जिकल अपवर्जन खंड
इस पॉलिसी के तहत बीमा किसी सर्जिकल ऑपरेशन के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से होने वाली मृत्यु या विकलांगता को कवर करने के लिए विस्तारित नहीं होगा, इसमें योगदान दिया गया है या बढ़ गया है या लंबे समय तक रहा है।
दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु के मामले में आवेदक परिवहन के अनधिकृत साधनों से यात्रा कर रहा है जैसे कि अधिक भीड़ वाली जीप, जुगाड़, बस या ट्रेन की छत आदि।
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नामांकन / Nomination
जिन व्यक्तियों को नामिती के रूप में नियुक्त किया जा सकता है:-
बीमित व्यक्ति के पिता या माता।
सौतेली माता/पिता, भाई, बहन यदि नामांकन के समय उपरोक्त (A) में उल्लिखित कोई भी संबंध जीवित नहीं है।
किसी भी व्यक्ति का नामांकन यदि (A) में उल्लिखित कोई संबंध जीवित है तो उसे शून्य और शून्य माना जाएगा।
दावा / CLAIM
किसी भी घटना के होने पर, जो इस नीति के तहत दावे को जन्म दे सकती है, सभी विवरणों के साथ लिखित सूचना GIF को तुरंत दी जानी चाहिए।
मृत्यु के मामले में, मृत्यु के लिए भी लिखित नोटिस, जब तक कि उचित कारण नहीं दिखाया जाता है, नजरबंदी / दाह संस्कार से पहले दिया जाना चाहिए और किसी भी मामले में, मृत्यु के बाद एक कैलेंडर महीने के साथ और दृष्टि की हानि या अंगों के विच्छेदन की स्थिति में लिखित सूचना दी जानी चाहिए। इस तरह की दृष्टि या विच्छेदन के बाद एक कैलेंडर महीने के भीतर नोटिस भी दिया जाना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज व प्रक्रिया- दुर्घटना की स्थिति में राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, राजस्थान, जयपुर द्वारा जारी दावा प्रपत्र छात्र/अभिभावक/संरक्षक के द्वारा प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य स्वयं हस्ताक्षरित कर संबंधित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी/जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय/जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा के प्रति हस्ताक्षर एवं अग्रेषण पत्र के साथ संबंधित जिले के राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग कार्यालय को अविलंब प्रेषित किये जाने चाहिये ।
प्रकरण के साथ निम्नांकित दस्तावेज संलग्न करें-
बीमा के क्लेम हेतु राज्य बीमा एवं प्रावधाई निधि विभाग राजस्थान जयपुर द्वारा जारी दावा प्रपत्र
एफ. आई. आर. की प्रति
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की प्रति
मृत्यु प्रमाण पत्र
संस्था प्रधान का प्रमाण पत्र
दावेदार के बैंक पासबुक की प्रति
विद्यालय द्वारा विद्यार्थी दुर्घटना बीमा योजना की फीस के चालान की प्रति
उपचार रिपोर्ट
पंचनामा और नक्ष मोका
गवाह का बयान
एमटीआई रिपोर्ट
मूल प्रस्ताव प्रपत्र घटना की तारीख से 2 महीने तक प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
6 महीने के बाद कोई दावा फॉर्म पर विचार नहीं किया जाएगा।
इस पॉलिसी के नवीनीकरण पर बीमित व्यक्ति किसी भी बीमारी, शारीरिक दोष या दुर्बलता के लिए फंड को लिखित रूप में नोटिस देगा, जिसके साथ पिछले पूर्ववर्ती प्रीमियम के भुगतान के बाद से कोई भी बीमित व्यक्ति प्रभावित हुआ है।
क) सभी आवेदन एक ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किए ।
ख) शिक्षा मंत्रालय भी पोर्टल में डेटा प्रविष्टि के दौरान पोर्टल में समय पर प्रवेश और तकनीकी और परिचालन मुद्दों के समाधान के बारे में राज्यों/संघशासित प्रदेशों के साथ फिर से समन्वय होगा।
ग) एम ओ ई विकास और पोर्टल के लिए पूरा खर्च वहन करेगा ।
घ) राज्य/संघ राज्यक्षेत्रों के मामले में शिक्षक और विद्यालय प्रमुख स्वयं निर्धारित कट-ऑफ तारीख से पहले वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पत्र भरकर सीधे आवेदन करेंगे ।
ङ) प्रत्येक आवेदक प्रवेश पत्र के साथ ऑनलाइन, एक पोर्टफोलियो जमा करेगा । पोर्टफोलियो में सभी संबंधित सहायक सामग्री जैसे दस्तावेज़, उपकरण, गतिविधियों की रिपोर्ट, क्षेत्र का दौरा, तस्वीरें, ऑडियो या वीडियो आदि शामिल होंगे।
च) आवेदक द्वारा घोषणा: प्रत्येक आवेदक यह घोषणा पत्र देगा कि सभी दी गई जानकारी/डेटा उसकी/उसके ज्ञान के अनुसार सही है और अगर बाद की तारीख में कुछ भी असत्य पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
Student Safety Accidental Insurance Policy (Class 1 to 8) 2020-21/6
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Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ? नमस्कार मित्रो शाला सुगम के इस आर्टिकल में आप सभी का ह्रदय की गहराई से स्वागत है। साथियों, इस आर्टिकल में हम आपके लिए स्टेट इन्श्योरेन्स और जीपीएफ कटौती में तुलनात्मक विवरण लेकर आए हैं। कई साथी ये जानकारी चाहते हैं कि हम अपनी कटौतियो में स्टेट इन्श्योरेन्स की कटौती बढ़ाए अथवा जीपीएफ की कटौती को बढ़ाएँ। तो एक साधारण सी जानकारी है जिसे हम हमारे एक्स्पर्ट साथियों के माध्यम से आप के लिए इकट्ठा की है।
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Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?
Comparison in SI And GPF Deduction
GPF का पूरा नाम General Provident Fund है। जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर गारंटीड रिटर्न के रूप में उपलब्ध होती है। जिसमें सरकार समय-समय पर अपना रिव्यू प्रदान करती रहती है और इस ब्याज दर को रिवाइज करती है।
राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है। जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है। इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है। परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है।
यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-
क्रम संख्या
पे मेट्रिक लेवल अनुसार वेतन
SI मासिक प्रीमियम
आगे बढ़ा सकते है
अन्य विवरण
प्रथम स्टेप
द्वितीय स्टेप
1
UP TO 22000
800/- ₹
1200/- ₹
2200/- ₹
आगामी 1 अप्रेल को 55 वर्ष से अधिक आयु के कार्मिक अपनी SI कटोती में वृद्धि नही करवा सकते
2
UP TO 22000 -28500
1200/- ₹
2200/- ₹
3000/- ₹
3
28501- 46500
2200/- ₹
3000/- ₹
5000/- ₹
4
46501-72000
3000/- ₹
5000/- ₹
7000/- ₹
5
Above 72000
5000/- ₹
7000/- ₹
–
6
Maximam
7000/- ₹
–
–
Note 👉 कटौती बढ़ाने के लिए कार्मिक को अपनी एसएसओ आईडी से Further Contract ऑनलाइन करना होगा
जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) किस प्रकार से काम करता है?
क्या आप भी यह जानना चाहते हैं की जीपीएफ अर्थात जनरल प्रोविडेंट फंड / General Provident Fund कैसे कार्य करता है तो इसकी संपूर्ण जानकारी हां बता रहे हैं GPF निम्नलिखित तरीकों से काम करता है-
कर्मचारियों को सबसे पहले अपने नियोक्ता के साथ में जीपीएफ अकाउंट खोलना होता है यह मुख्यतः सर्विस में शामिल होते समय शुरू होता है।
इसके अंतर्गत कर्मचारियों की सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत मासिक के रूप में काटा जाता है जिसे अपने जीपीएफ अकाउंट में डिपॉजिट किया जाता है।
GPF अकाउंट में डिपॉजिट की गई राशि, आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज़ अर्जित करती है।
कर्मचारी कुछ शर्तों के अधीन अपने GPF अकाउंट पर भी लोन ले सकते हैं।
यदि कर्मचारी किसी अन्य सरकारी विभाग में ट्रांसफर करते हैं या अपनी नौकरी छोड़ते हैं तो वे अपना GPF बैलेंस निकाल सकते हैं या उसे अपने नए नियोक्ता को ट्रांसफर कर सकते हैं।
सामान्य भविष्य निधि जीपीएफ में निवेश करने के लाभ यहां पर दिए जा रहे हैं-
गारंटीड रिटर्न :- जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर गारंटीड रिटर्न के रूप में उपलब्ध होती है। जिसमें सरकार समय-समय पर अपना रिव्यू प्रदान करती रहती है और इस ब्याज दर को रिवाइज करती है।
टैक्स लाभ :- जीपीएफ में योगदान करने वाले कार्मिकों का इनकम टैक्स 80c के अंतर्गत टैक्स कटौती के लिए पात्रता रखता है।
नो रिस्क :- जीपीएफ में कटौती करवाना इन्वेस्टमेंट का एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसमें रिटर्न के रूप में एक निश्चित दर प्रदान होती है।
लोन सुविधा :- यदि कर्मचारियों को घर निर्माण, मेडिकल या शिक्षा के लिए लोन की आवश्यकता हो तो वह जीपीएफ से लोन सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकता है।
सुरक्षित रिटायरमेंट :- जीपीएफ में इन्वेस्टमेंट होने के कारण रिटायरमेंट के बाद में जीपीएफ फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित रिटायरमेंट सुनिश्चित करता है।
1. राज्य बीमा में निर्धारित Slab से 2-Step आगे कटौती जरुर करनी चाहिए ताकि बीमाधन अधिक हो। एक तो इसमें अन्य बीमा योजना के मुकाबले बोनस की दर अधिक होने से यह योजना अधिक फायदेमंद है। साथ ही वेतन से कटोती होने से किश्त की चूक नहीं होती। आमतौर पर अन्य बीमा कंपनियों से बीमा होने पर बड़ी संख्या में किश्त नियमित जमा नहीं होने से Policy लैप्स हो जाती है और आर्थिक घाटा होता है। इसके अलावा आवश्यकता होने पर ऋण की राशि भी तुलनात्मक रूप से अधिक होती है और आसानी से मिल जाती है। Maturity पर अच्छी खासी रकम मिल जाती है।
यहाँ एक बात और विचारणीय है चूँकि कार्मिक के असामयिक निधन की स्थिति में सभी परिलाभ के बाद भी रिक्तता की स्थिति रहती है इसलिए अपने परिवार को वास्तविक पर्याप्त आर्थिक संबल प्रदान करने हेतु परिवार के कमाऊ सदस्य को Term Plan Insurance अवश्य लेना चाहिए जो की बाज़ार में अनेक बीमा कंपनियों के उपलब्ध है। मामूली किश्त पर एक बड़ा आर्थिक संरक्षण आप परिवार को प्रदान कर सकते है। जीवन बीमा की वास्तविक अवधारणा यही है।
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2. GPF योजना में भी निर्धारित दर से कटोती की जाती है, आज की स्थिति में बाज़ार में उपलब्ध Bank, Post Office और अन्य निजी योजनाओं के मुकाबले GPF की प्रतिफल दर उच्च है तथा पूरी तरह सुरक्षित है. अतः राज्य बीमा की अधिक कटोती और अन्य निजी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद यदि विनियोग की गुंजाईश है तो निश्चित रूप से GPF में अधिक कटोती कराना सबसे सहज, लाभदायक और सुरक्षित विकल्प है.
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Benefits of the State Insurance Policy / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन : नमस्कार कर्मचारी बंधुओं, राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ और पॉलिसी का बीमा धन क्या होता है और किन परस्थितियो मे हमें राज्य बीमा का लाभ मिल सकता है? इसमें हम कितनी कटौती करवा सकते हैं? साथ ही इसमें अगर कोई परिवर्तन हो तो वो परिवर्तन भी किस प्रकार होते हैं, इन सभी के बारे में विस्तार से जानकारी है। वो हमने हमारे एक्स्पर्ट साथियों से और एसआईपीएफ के महत्वपूर्ण अधिकारियों / कर्मचारियों से चर्चा के बाद यहाँ पर आपसे शेयर की है। उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आएगी और आप इस जानकारी को अधिकतम साथियों के साथ शेयर करेंगे।
Benefits of the State Insurance Policy / कर्मचारी राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ, कटौतियों एंव पॉलिसी का बीमा धन :
Benefits of the State Insurance Policy
प्रश्न -1 हमारे प्रिंसिपल की sso id खोलने पर si further show नही हो रहा है बल्कि si first declaration show हो रहा है si की कटौती बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिये।
उत्तर- ऐसी स्थिति में कार्मिक के SI से सम्बंधित data आदिनांक अद्यतन नहीं होने के कारण हो सकता है अतः आप SSO DDO login से सम्बंधित कार्मिक की सम्पूर्ण Employee Details Update करें। साथ ही अगर कार्मिक का स्थानांतरण किसी दूसरे जिले में हुआ है तो उसे Pull करें उसका SI Bag अभी भी पूर्व SI Office में विद्यमान है तो ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए आप सम्बंधित SI office से सम्पर्क करें।
प्रश्न 2- एक कार्मिक की जन्मतिथि 1 जुलाई 1965 है। क्या वह इस मार्च 2020 के वेतन में राज्य बीमा कटौती बढ़वा सकता है ?
उत्तर- नियमानुसार कार्मिक की आयु 1 अप्रैल 2020 को 55 वर्ष से कम होनी चाहिए। यहाँ कार्मिक की आयु 55 वर्ष जुलाई में होगी अतः Further Contract का लाभ ले सकता है।
प्रश्न 3- किसी कार्मिक की प्रथम बार राज्य बीमा कटौती हो रही है। मेरा प्रश्न यह है कि क्या वह कार्मिक दो स्लैब आगे राज्य बीमा कटौती करवा सकता है ?
उत्तर- हाँ बिल्कुल करवा सकता है। कोई भी बीमित व्यक्ति अपनी इच्छा से उसके विद्यमान वेतन स्लैब पर लागू premium दर से अगले दो slabs तक premium दर में वृद्धि करवा सकता है।(Rules 11(2)/Dated 30.10.2017)
प्रश्न 4- मैं पहले से ही राज्य बीमा कटौती दो स्लैब आगे कटवा रहा था अब नई राज्य बीमा कटौती में कटौती कम कराना चाहता हूं। क्या यह सम्भव है ?
उत्तर-यदि समय समय पर SI प्रीमियम दरों में वृद्धि होती हैं और यदि कार्मिक ने पूर्व में ही Further Contract करवा रखा है और वर्तमान में प्रीमियम दरें परिवर्तित हो गई हैं तो ऐसे में कार्मिक चाहें तो पुनः Further Contract का लाभ ले सकते हैं परंतु राज्य बीमा के नियम-13 के अनुसार पूर्व के प्रीमियम को कम नहीं करवा सकते। यदि किसी कार्मिक ने भूलवश कम करवा भी लिया तो भविष्य में उसे Risk Cover व Loan लेने सम्बंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रश्न 5- जिनकी राज्य बीमा कटौती पूर्व में 1300 या 1800 हो रही हैं। क्या उनकी अब स्लैब के अनुसार कम से कम 2200 करना है ?
उत्तर- हाँ। अगर आपका प्रीमियम नए स्लैब्स के अनुसार स्वीकृत प्रीमियम से ज्यादा/बराबर कट रहा है तो ऐसी कोई बाध्यता नहीं है । परन्तु आप स्लैब्स के अनुसार स्वीकृत प्रीमियम दर से कम नहीं कर सकते। बढ़ाने का सीधा फायदा बीमित व्यक्ति की जोख़िम राशि और Loan लेने पर पड़ेगा। वैसे शेष पॉलिसियों से SI कार्मिकों के लिए बेहतर है।
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राज्य बीमा (State Insurance Scheme for Rajasthan Government employees.) राज्य कर्मचारियों, पंचायत समिति एवं जिला परिषद के कर्मचारियों तथा सरकार द्वारा नियमित किये गये वर्कचार्ज कमचारियों का राज्य सरकार से अनुबंध है जिसके अन्तर्गत बीमेदार द्वारा बीमाकर्ता (राज्य बीमा विभाग) को नियमित प्रीमियम देने पर बीमेदार अथवा उसके मनोनीत को किसी घटना विशेष के घटित होने पर पूर्व निश्चित धन राशि के भुगतान हेतु आश्वस्त किया जाता है अथवा सेवानिवृत्ति पर बीमाधन एवं देय बोनस राशि का भुगतान किया जाता है।
बीमाधन क्या है ?
बीमानुबंध में प्रविष्टि पर बीमेदार की आगामी वर्षगांठ पर आयु एवम् उसके द्वारा देय प्रीमियम के आधार पर राशि, जो कि घटना विशेष के घटित होने पर देय है, बीमाधन कहलाती है।
राज्य बीमा योजना (State Insurance Scheme) क्या है ?
राज्य बीमा योजना (State Insurance Scheme) राज्यकर्मियों के जीवन पर जोखिम वहन करने वाली एक कल्याणकारी योजना है जिसके द्वारा बचत को प्रोत्साहन देने के साथ साथ राज्यकर्मी तथा उसके परिजनों को आर्थिक सम्बल प्राप्त होता है।
योजना किन नियमों के अन्तर्गत लागू है ?
राजस्थान सरकारी कर्मचारी बीमा नियम, 1998 के अन्तर्गत यह योजना लागू है। पूर्व में यह योजना वर्ष 1953 के नियमों के अन्तर्गत लागू थी ।
योजना कब से एवम् किन-किन श्रेणियों के कर्मचारियों पर अनिवार्य / ऐच्छिक रूप से लागू है ?
योजना विभिन्न चरणों में निम्न प्रकार से लागू की गयी है –
01.08.1943 से तत्कालीन जयपुर रियासत के कर्मचारियों पर,
01.01.1954 से राजस्थान सरकार के कर्मचारियों पर,
01.04.1989 से पंचायत समिति एवम् जिला परिषद् के कर्मचारियों पर,
01.04.1995 से राज्य सरकार द्वारा नियमित किये गये वर्कचार्ज कर्मचारियों पर अनिवार्य रूप से तथा
01.04.1998 से सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों राजस्थान सरकार के अधीन के किसी पब्लिक सैक्टर उपक्रम के अधीन पद धारण करने वाले किसी कर्मचारी का इस बीमा स्कीम के अधीन बीमा करने के के लिये स्वतंत्र होगा यदि उक्त उपक्रम के 50 प्रतिशत या उससे अधिक कर्मचारी बीमा कराने के लिये सहमत हों एवम् राजस्थान केडर के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर ऐच्छिक रूप से ।
जिनकी आयु 1/4/20 को 55 वर्ष या उससे अधिक हो रही है उनकी SI की कटौती यथावत रहेगी उनके कोई वर्द्धि नही होगी।
कटौती का निर्धारण नई स्लैब में अपने बेसिक pay के अनुसार देखे।एवम उसके अनुसार कटौती करनी है तो कुछ भी सम्मिट नही करना है।
यदि स्लैब के अनुसार एक या दो स्टेप आगे की कटौती बढानी है तो FURTHER सम्मिट करे।
SI की वर्तमान कटौती किसी भी स्थिति में कम नही हो सकती है।
जिनके मार्च तक प्रोबेशन पूरा हो गया है एवं स्थाईकरण के बाद वेतन का निर्धारण हो चुका है उनको पहली बार SI की कटौती करनी जरूरी है इनको फर्स्ट डिक्लेरेशन सम्मिट करना है।
मार्च 20 तक प्रोबेशन पूरा हो चुका है परंतु स्थाईकरण आदेश जारी नही हुए है उनको स्थाईकरण के बाद नया वेतन निर्धारण होने के बाद बनने वाले एरियर से SI की कटौती मार्च 20 से हो जाएंगी।
DDO लॉगिन से भी FURTHER एवम FIRST डिक्लेरेशन सम्मिट करने का ऑप्शन भी शुरू हो गया है।
प्रिंसिपल सेवा निवृत्त हो गये है या ट्रांसफर हो गया है तो जिसके पास 03 पवार है या कार्यवाहक की SSO ID में DDO ROLE में उनको ऐड करे अन्यथा सभी सम्मिट फॉर्म पुराने DDO की SSO ID पर जाएंगे इस हेतु SIPF के पुराने USER ID एवं पासवर्ड ध्यान होना जरूरी है।
पासवर्ड याद नही हो तो SIPF PORTAL HELP LINE पर पासवर्ड री सेट के लिए ईमेल करे या GPFआफिस संपर्क करे।
कोई कर्मचारी ट्रांसफर से आपके पास आया है तो DDO लॉगिन से पहले SIPF की ID PULL करे अन्यथा उसके सम्मिट फॉर्म पुराने DDO के पास जायेंगे।
कर्मचारी कब बीमित होता है ?
कर्मचारी के सेवा में प्रविष्ट होने के दो वर्ष (परिवीक्षा काल ) पूर्ण होने के पश्चात् आने वाले मार्च से कर्मचारी बीमित होगा। इसके लिए मार्च माह के वेतन में प्रीमियम की प्रथम कटौती की जाती है। कर्मचारी के वेतन में वृद्धि होने अथवा बीमा की खण्ड दर में परिवर्तन होने पर बढ़ी हुई दर पर प्रीमियम की कटौती भी आगामी मार्च माह के वेतन से दिये जाने का प्रावधान है।
वर्तमान में प्रीमियम कटौती दर क्या है ?
राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प.13 (21) वित्त / राजस्व / 76 पार्ट जयपुर दिनांक 13.03.2020 के अनुसार वर्तमान में प्रीमियम की कटौती दर निम्न प्रकार है:
क्रम संख्या
वेतन स्लेब / पे स्लेब
न्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है।
अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई जा सकती है।
1
22000 तक
800
2200
2
22001 से 28500
1200
3000
3
28501 से 46500
2200
5000
4
46501 से 72000
3000
7000
5
72001 से अधिक
5000
7000
6
अधिकतम
7000
7000
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।
क्या स्वयं को अधिक बीमाधन के लिए बीमित करवाया जा सकता है ?
वेतन खण्ड के लिए निर्धारित प्रीमियम की कटौती करवाना अनिवार्य है। हाँ, यदि कोई बीमेदार चाहे तो स्वेच्छा से अपने वेतन खण्ड से आगामी दो वेतन खण्डों के लिए निर्धारित दर पर कटौती करवाकर अधिक बीमाधन के लिए भी बीमित हो सकता है। लेकिन वेतनखण्ड 05 के अन्तर्गत आने वाले बीमेदार अधिकतम 7000/- रू. प्रतिमाह तक की ही कटौती करवा सकते हैं।
क्या इस योजना के अन्तर्गत की गयी कटौतियों पर आयकर में छूट का प्रावधान है ?
हॉ, इस योजना के अन्तर्गत जमा प्रीमियम राशि पर धारा 80ब आयकर अधिनियम 1961 के अन्तर्गत आयकर में छूट का प्रावधान है।
क्या राज्य सरकार पॉलिसी के अन्तर्गत देय लाभों के भुगतान की गारण्टी देती है ?
हाँ, राज्य सरकार बीमा संविदाओं के अन्तर्गत देय लाभों के राज्य की संचित निधि से भुगतान की गारण्टी देती है।
बीमा पॉलिसी के अन्तर्गत देय लाभों का भुगतान कब कब एवम् किन किन परिस्थितियों में देय है ?
परिपक्वता / मृत्यु / अध्यपर्ण राशि का योजना के अन्तर्गत निम्न परिस्थितियों में भुगतान देय है: बीमेदार की मृत्यु होने पर उसके मनोनीत को, पॉलिसी की परिपक्वता तिथि पर बीमेदार को, पॉलिसी की परिपक्वता तिथि से पूर्व बीमेदार राज्य सेवा छोड़ने या उसे सेवा से अलग कर दिये जाने पर उसके द्वारा अन्य किसी विकल्प को न चुनने की स्थिति में बीमेदार को अध्यर्पण राशि का भुगतान किया जाता है।
राज्य बीमा योजना से राज्य कर्मियों को क्या लाभ मिलते है ?
प्रीमियम के बदले बीमेदार को पॉलिसी की परिपक्वता तिथि पर बीमाधन मय बोनस प्राप्त होता है। परिपक्वता तिथि से पूर्व बीमेदारकी मृत्यु होने पर उसके मनोनीत को बीमाधन की दो गुनी राशि का भुगतान मय बोनस किया जाता है।
परिपक्वता तिथि से पूर्व राज्य सेवा से अलग हो जाने वाले बीमेदारों के प्रकरणों में उनके द्वारा अध्यर्पण भुगतान के विकल्प का चयन करने की स्थिति में, अध्यर्पण राशि (सेवा से अलग होने तक की पॉलिसी अवधि से सम्बन्धित अध्यर्पण गुणांक के आधार पर निर्धारित) का भुगतान किया जाता है।
बीमाधन की गणना का आधार एवम् प्रक्रिया क्या है ?
राज्य बीमा पॉलिसियों के बीमाधन की गणना हेतु योजना में बीमेदार की प्रविष्टि पर आयु हेतु गुणक निर्धारित है। बीमेदार की आगामी वर्षगांठ पर आयु से सम्बन्धित गुणांक को उसके द्वारा देय मासिक प्रीमियम से गुणा कर बीमाधन निर्धारित किया जाता है।
कालान्तर में निर्धारित प्रीमियम दर से अधिक कटौती की स्थिति उत्पन्न होने पर देय अतिरिक्त बीमाधन की गणना भी उपर्युक्तानुसार की जाती है।
विभाग द्वारा कितने प्रकार की पॉलिसी जारी की जाती है ?
वर्तमान में विभाग द्वारा केवल सावधि (एण्डोमेंट) पॉलिसी जारी की जाती है। पूर्व में सावधि पालिसी के अतिरिक्त आजीवन पालिसी भी जारी की जाती थी।
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सावधि बीमा पॉलिसी पर कितने प्रकार के बोनस देय है ?
सावधि बीमा पॉलिसी पर चार प्रकार के बोनस देय हैं:
रिवर्शनरी बोनस:– यह बोनस प्रति वर्ष बीमा निधि के मूल्यांकन के आधार पर मूल्यांकन अवधि के अंत में प्रवृतमान पॉलिसियों हेतु राज्य सरकार द्वारा घोषित दर से दिया जाता है। वर्ष 2015-16 के लिए रिवर्शनरी बोनस की दर सावधि पॉलिसी पर 90/- प्रति हजार बीमाधन प्रति वर्ष है एवम् प्रवृतमान आजीवन पॉलिसी पर 112.5 /- प्रति हजार बीमाधन प्रतिवर्ष है।
अंतरिम बोनस:- यह बोनस किसी वर्ष रिवर्शनरी बोनस घोषित न किये जाने की स्थिति में घोषित वर्ष के रिवर्शनरी बोनस की दर के आधार पर दिया जाता है।
अतिरिक्त बोनस:– यह बोनस पूर्व में जारी समाश्वासनो (एश्यारेंसेज) पर सेवा निवृति की आयु में परिर्वतन के कारण मूल्यांकक (एक्च्यूरी) द्वारा निर्धारित गुणांक की दर से दिया जाता है।
टर्मिर्नल बोनस:- यह बोनस बीमा पॉलिसी के पूर्ण अवधि तक जारी रहने की स्थिति में दिया जाता है। वर्ष 2015-16 की समाप्ति पर इसकी दर 4 /- प्रति हजार बीमाधन प्रति वर्ष है।
बोनस निर्धारण का आधार एवम् प्रक्रिया क्या है ?
बोनस निर्धारण हेतु योजना के अन्तर्गत वर्ष की प्राप्तियों, भुगतान, ब्याज प्राप्तियाँ एवम् प्रबन्धकीय व्यय के आधार पर सम्पतियों एवम् दायित्वों की बैलेन्सशीट तैयार की जाती है। बैलेन्सशीट में अधिशेष की स्थिति में मूल्यांकक कुल बीमाधन के आधार पर प्रति हजार बीमाधन के लिए बोनस दर की अनुशंषा करता है। मूल्यांकक की अनुशंषा के आधार पर राज्य सरकार राज्य बीमा पॉलिसी पर बोनस के आदेश जारी करती है। स्वत्व राशि के निर्धारण के समय विभिन्न अवधियों के लिए घोषित बोनस दरों के अनुसार बीमाधन पर बोनस राशि की गणना की जाती है।
क्या राज्य सरकार द्वारा निधि में जमा राशि पर ब्याज दिया जाता है ?
निधि में जमा राशि पर राज्य सरकार द्वारा ब्याज दिया जाता है। वर्तमान में राज्य सरकार के आदेश क्रमांक एफ4 (99) एफडी / रेवेन्यु / 92 दिनांक 17.04.2020 के द्वारा इसकी दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक है।
क्या बीमा योजना में बीमेदार को ऋण की सुविधा उपलब्ध है ?
योजना के अन्तर्गत बीमेदार द्वारा कुछ शर्तों के अधीन ऋण प्राप्त किया जा सकता है ।
अधिक कटौती किस आयु तक की जा सकती है ?
अधिक कटौती 55 वर्ष की आयु तक की जा सकती है।
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वर्तमान में दिनांक 01.04.2020 से बीमा ऋण पर बीमेदार से लिये जाने वाले ब्याज की दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक है। नवीन बीमा नियमों के अन्तर्गत निधि पर देय एवम् ऋण प्रकरणों में लागू ब्याज दर में समानता निधि द्वारा अर्जित ब्याज के परिप्रेक्ष्य में लाई गई है।
राज्य बीमा योजना में नाम निर्देशिती किसे किया जावे ?
बीमाकृत व्यक्ति अपने पति / पत्नि, संतान / संतानों, भ्राता (भ्राताओं), बहिन (बहिनों), पिता या माता को नाम निर्देशिती रूप में नियुक्त करने का हकदार होग। यदि नाम निर्देशन करते समय उल्लेखित कोई भी संबंधी जीवित नही है तो, अन्य व्यक्ति को अपने नाम निर्देशिती के रूप में नियुक्त करने का हकदार होगा।
परन्तु यह कि बीमाकृत व्यक्ति के विवाह के पूर्व किसी भी व्यक्ति के पक्ष में किया गया और तत्पश्चात रद्द नही किया गया नाम निर्देशन उसके विवाह के पश्चात उसी पत्नि / पति के पक्ष में स्वतः रद्द किया हुआ समझा जायेगा ।
परिपक्वता के पश्चात् पॉलिसी जारी रखना ?
बीमाकृत व्यक्ति को उसकी सेवानिवृत्ति के ठीक पश्चात् आने वाले 31 मार्च तक बीमे को जारी रखने की अपनी इच्छा व्यक्त करने को विकल्प होगा। ऐसी स्थिति में बीमाकृत राशि, विस्तारित अवधि के बोनस सहित, उसकी सेवानिवृत्ति के ठीक पश्चात आने वाले प्रथम अप्रैल को संदेय होगी।
राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-
पुनरीक्षित वेतनमान 2017 में बीमा प्रीमियम की दरें
वेतन स्लेब / पे स्लेब
न्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है।
सातवें वेतन आयोग के अनुसार सामान्यतः कर्मचारियों का मूल वेतन 22001 से 28500 एवं 28501 से 46500 के बीच है इन दोनों बेतन स्लेव के मुताबिक न्यूनतम व अधिकतम प्रिमियम के आधार पर वार्षिक वोनस की गणना कर आपको इस पालिसी के न्यूनतम कटोती एवं अधिकतम कटौती के अन्तर एवं लाभ को समझाया जा रहा है ।
20 साल का एक कर्मचारी एक वर्ष में 21600 रुपये अधिक प्रीमियम का भुगतान कर 94284 रुपये एवं 25 वर्ष आयु का एक कर्मचारी वर्ष में 33600 रुपये अधिक भुगतान कर 122976 रुपये का अधिक बोनस लाभ प्राप्त कर सकेगा। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी को इस पॉलिसी पर न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा व सेवानिवृति पर अत्यधित आर्थिक परिलाभ दिया जाता है। किसी कार्मिक के साथ अनहोनी घटित हो जाने के बाद उसके परिवार को इस योजना के तहत बहुत अधिक आर्थिक सम्बल मिलेगा।
नियमों की जानकारी के अभाव में हम केवल न्यूनतम कटोती करवाये जाने के कारण इस कल्याणकारी योजना से मिलने वाले अधिकतम बोनस का फायदा नहीं उठा पाते है। अधिकतर कर्मचारी आयकर से छूट हेतु एल.आई.सी. या पी.एल.आई. या अन्य कम्पनियों की बीमा योजना का सहारा लेते है जबकि उक्त योजना में परिलाभ उपर्युक्त बीमा कम्पनियों की योजनाओं से दुगुना है। राज्य बीमा योजना अतिलाभकरी बीमा योजना है।
राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ एंव पॉलिसी का बीमा धन ज्ञात करना
राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक कार्मिक की अनिवार्यता राज्य बीमा पॉलिसी की जाकर उसके वेतन से प्रतिमाह प्रिमियम की कटौती की जाती है। राज्य बीमा पॉलिसी के बीमा धन की गणना हेतु निम्न सूचनाओं की आवश्यकता होती हैं।
1. बीमा कटौती प्रारम्भ होने की तिथि (DOR) : राज्य बीमा योजना में प्रथम व अधिक कटौती सदैव माह मार्च देय अप्रैल के वेतन से ही होती हैं अतः प्रथम अप्रैल को बीमा कटौती की जोखिम वहन तिथि कहलाती हैं।
2. कर्मचारी की जन्म तिथि : प्रत्येक बीमित कर्मचारी की जन्म तिथि
3. कर्मचारी की आयु कर्मचारी की जोखिम बहन तिथि पर आयु ज्ञात करना जिससे जोखिम तिथि या उसके बाद अगली जन्म तिथि पर आयु क्या होगी।
4. बीमा पॉलिसी की अवधि वर्तमान में राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु 60 वर्ष हैं अतः कार्मिक को 60 वर्ष की आयु तक प्रिमियम चुकाना हैं अतः बीमा पॉलिसी की अवधि सेवानिवृति की आयु तक होती हैं। जैसे सेवानिवृति आयु (60–18) वर्ष = 42 वर्ष बीमा अवधि, सेवा निवृति आयु (60-31 ) वर्ष = 29 वर्ष बीमा अवधि है।
5. बीमा प्रिमियम राशि : राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर वेतन खण्ड के आधार पर बीमा प्रिमियम निर्धारित किया जाता हैं जो वर्तमान में इस प्रकार हैं-
वेतन स्लेब / पे स्लेब
न्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है।
अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई जा सकती है।
01
22000 तक
800
2200
02
22001 से 28500
1200
3000
03
28501 से 46500
2200
5000
04
46501 से 72000
3000
7000
05
72001 से अधिक
5000
7000
06
अधिकतम
7000
7000
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।
6. बीमा परिपक्वता तिथि: सेवानिवृत माह के अगले 1 अप्रैल को बीमा पॉलिसी परिपक्व होती है एवं बीमित को बीमा पॉलिसी का परिलाभ का भुगतान किया जाता है।
7. एक रुपये की प्रिमियम देय बीमाधन : 1 रुपये की प्रिमियम पर देय बीमा धन की गणना निम्नलिखित तालिका से जोखित वहन तिथि पर ज्ञात आयु के फेक्टर को 1 रुपये का बीमा धन माना जाता है।
बीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ होने पर कर्मचारी की आयु
बीमा धन
बीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ होने पर कर्मचारी की आयु
बीमा धन
18
622
35
314
19
602
36
298
20
582
37
282
21
562
38
265
22
544
39
251
23
525
40
237
24
507
41
224
25
488
42
210
26
470
43
196
27
451
44
182
28
433
45
169
29
415
46
155
30
398
47
144
31
381
48
132
32
364
49
121
33
348
50
109
34
331
–
–
insurance amount on deduction of re 1/- premium in SI Policy
8. बीमाधन- एक रुपया के बीमाधन फेक्टर को प्रिमियम से गुणा करके ज्ञात किया जाता हैं जिसकी सरलतम गणना निम्न काल्पनिक सारणी से-
बीमाधन गणना के बिन्दु
ए कर्मचारी
बी कर्मचारी
DOR
01.04.2018
01.04.2018
DOB
05.04.2000
05.02.1988
आयु
00.00.0018
00.02.0030
अवधि
18 वर्ष
31 वर्ष
प्रिमियम
1300
3000
DOM
01.04.2061
01.04.2048
बीमाधन फेक्टर
622
381
बीमाधन=फेक्टर x प्रिमियम
622 x1300=808600
381 x3000=1143000
प्रतिवर्ष बोनस
72774
102870
9. अपनी राज्य बीमा पॉलिसी के बीमाधन पर बोनस की गणना
राज्य सरकार द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी पर प्रतिवर्ष बोनस की घोषणा की जाती है। बोनस की घोषणा प्रति हजार बीमा धन के आधार पर होती हैं वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सामान्यतः प्रति हजार बीमा धन पर 90 रुपये बोगस दिया जा रहा है। कर्मचारी स्वय बीमा धन को बोनस की दर से गुणा करके उसमें 1000 का भाग देकर बोनस की राशि ज्ञात कर सकता है। अतः ऊपर के उदाहरण से स्पष्ट है ।
10. अगर कर्मचारी को पॉलिसी पूर्व में जारी हैं और वेतन वृद्धि या राज्य सरकार द्वारा प्रिमियन की दरों में परिर्वतन या कर्मचारी द्वारा एक या दो स्लेव अधिक कटौती करवाये जाने पर राज्य बीमा विभाग द्वारा बढे हुए प्रिमियम पर अलग समाश्वासन जारी किये जाते हैं जिस पर बीमाधन व बोनस गणना निम्न प्रकार होगी ।
जैसे किसी कार्मिक को 01.04.2016 को बीमाधन 5,00000
बोनस गणना – 01.04.2016 से 31.03.2017 तक 500000×90 1000 = 45000
01.04.2017 को प्रिमियम वृद्धि से बीमाधन 2,00000
बोनस गणना 01.04.2017 से 31.03.2018 तक 700000×90 1000 = 63000
बोनस की राशि बीमेदार को प्रतिवर्ष निहित हो जाती हैं किन्तु इसका भुगतान स्वत्व (दावा) के साथ किया जाता है। इससे पूर्व देय नहीं है। बीमा पॉलिसी के परिपक्व होने पर परिपक्वता दावे के समय पॉलिसी पर टर्मिनल बोनस भी दिया जाता है।
11. बीमा पॉलिसी धारक की परिपक्वता तिथि से पूर्व आकरिमक या सामान्य मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा बीमाधन की दुगुनी राशि (कार्मिक ए की पॉलिसी पर 1617200 रुपये व कार्मिक बी की पॉलिसी पर 2286000 रुपये) बोनस सहित भुगतान किया जाता है। चाहे कार्मिक की मृत्यु प्रथम माह का प्रिमियम अदा करने के बाद हो गई हो ।
12. राज्य कर्मचारी अपनी बीमा पॉलिसी पर ऋण ले सकता है जो अधिकतम 60 किश्तों में अदा करना होता है एव जिस पर 8 प्रतिशत ब्याज ऋण राशि चुकने के बाद ली जाती है।
13. मनोनयन- किसी कार्मिक के अविवाहित होने पर उसके द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी में जिसे मनोनित नियुक्त किया जाता है। शादी होने के बाद वह मनोनयन स्वतः ही पत्नी के पक्ष में हो जाता है परन्तु अन्य मामलों में कर्मचारी स्वय राज्य बीमा विभाग के संबंधित जिला कार्यालय में आवेदन पत्र के जयें मनोनयन में परिर्वतन करवा सकता है।
14. प्रोबेशन पूर्ण होने के बाद Next मार्च से SI की कटौती प्रारम्भ की जाती है. इस हेतु कार्मिक को अपनी SSO-ID से प्रथम घोषणा पत्र भरना पड़ता है वह चाहे तो पहली बार स्लैब से एक या दो स्टेप आगे की कटौती करवा सकता है. उसको उस हिसाब में प्रीमीयम की राशि अपने घोषणा पत्र में सलेक्ट करनी पड़ती है.
15. एक अप्रैल को जिनकी आयु 55 वर्ष से कम है वह स्केब से एक या दो स्टेप अगली SI की कटौती बढ़ा सकते है. उनको SSO-ID से furthuer contract (अधिक घोषणा) पत्र भरना पड़ता है।
16. एक अप्रैल को जिनकी आयु 55 वर्ष या इससे अधिक हो रही है, इनके SI की वर्तमान कटौती यथावत रहेगी क्योकि SI द्वारा उनके रिस्क कवर नही की जाती है.
17. प्रथम या अधिक घोषणा पत्र भरने से पहले अपने DDO लॉगिन से पहले कार्मिक की सर्विस डिटेल्स, बेसिक Pay एवं नॉमिनी डिटेल्स को अपडेट करवाया जाना जरूरी है. State Insurance Deduction Rules
18. SI की वर्तमान कटौती जो चल रही है वह किसी भी कारण से कम नही की जा सकती है।
19. किसी कर्मिक के प्रोबेशन पूर्ण हो चुका है, परन्तु स्थाईकरण एवम वेतन नियमितीकरण नही हुआ है. ऐसे मामले में स्थाईकरण के बाद जब नियमित वेतन का निर्धारण होगा. उसके एरियर से मार्च महीने की प्रथम SI कटौती की जायेगी एवं उसी समय उसका प्रथम घोषणा पत्र भरा जाएगा.
20. घोषणा पत्र भरने से पहले यह सुनिश्चित कर लेवे कि आपकी SIPF EMPLOYEE ID वर्तमान DDO के पास होनी चाहिए अन्यथा भरा गया घोषणा पत्र पुराने वाले DDO की ID पर शो होगा. ऐसी स्थिति में वर्तमान DDO से ID को Pull करे या पुराने DDO से ID नये DDO को ट्रांसफर करावे।
21. किसी का वेतन 5वे या 6ठे वेतनमान में आहरित हो रहा है उनकी SI की कटौती यथावत रहेगी. उनका जब 7 वे वेतनमान में फिक्सेशन होने के बाद एरियर बनेगा उसमे SI अंतर की राशि स्लैब अनुसार कटौती हो जाएगी.
22. जुलाई में वेतनवृद्धि लगने से SI की कटौती स्लैब के अनुसार बढ़ जाती है तो उसकी बढ़ोतरी Next मार्च से ही की जाती है।
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Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र : नमस्कार, कर्मचारी बंधुओं, इस आर्टिकल में हम संस्थापन और अवकाश से संबंधित प्रपत्र आपके लिए लेकर आए हैं, जिसमें उपार्जित अवकाश, नकदीकरण और कार्यालय आदेश, चाइल्ड केयर लीव के साथ साथ कार्यग्रहण काल के बदले उपार्जित अवकाश, रोग और आरोग्य प्रमाण पत्र आदि के प्रपत्र हम यहाँ पर आपके लिए उपलब्ध करवाएं है।
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संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र
Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र
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Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि : List of articles being commonly used in the Departments giving the minimum period of their serviceability- (सरकारी कार्यालयों में सामान्यतया उपयोग की जाने वाली भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि)
नमस्कार, शिक्षक बंधुओं। इस आर्टिकल में हम अपने विद्यालय या अपने कार्यालय में काम में आने वाली सरकारी भंडार सामग्री का उपयोग अवधि के बारे में जानेंगे। हमने यह जानकारी सरकारी आदेशों और सर्कुलरों के माध्यम से तथा विद्वज्जनों के माध्यम से एकत्र की है और आपको बताने का प्रयास किया है कि सरकारी कार्यालयों या विद्यालयों के अंदर पड़ी भौतिक सामग्री की जीवन अवधि कितनी होती है? (Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि) उन्हें कितने समय के बाद नकारा घोषित किया जा सकता है, इसके बारे में पूरा आर्टिकल है। कृपया इस आर्टिकल को अपने मित्रों और दोस्तों के साथ तथा कर्मचारियों को जरूर शेयर करे।
Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि
अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के उपयोग हेतु निम्न भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि निम्नानुसार होगी-(परिपत्र संख्या 14/99, दिनांक 11.05.1999)
Note- (a) Articles to be destroyed without the permission of any committee :
“Any article used in Treatment/Management of AIDS patient is to be destroyed immediately as soon as the patent leaves the Hospital.”
(b) Articles to be destroyed with the permission of the committee at local level :
“Articles like linen, Mattresses, Bed-sheets, Towels, pillow and pillow covers having permanent stains of blood and pus and can not be removed on repeated washing or get torn. could be condemned, if the committee thinks that the articles can spread infection to other patients (cross infection) in the Hospitals.” (परिपत्र संख्या 14/99, दिनांक 11.05.1999 द्वारा जोडा गया।) Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि
Name of article
Minimum period of serviceability
Name of article
Minimum period of serviceability
Name of article
Minimum period of serviceability
Name of article
Minimum period of serviceability
तकिये
2
तोलिये
3 Months
गद्दे
3
तकिये के कवर्स
6 Months
कम्बल
6
मेट्रेसेज (साधारण)
5
बैडशीट
6 Months
मेट्रेसेज फोम
7
Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि
Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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SHALA DARPAN INCHARGE WISE WORK CALENDAR / शाला दर्पण पर कार्य हेतु प्रभारीवार दैनिक | मासिक | त्रेमासिक कार्यवाही केलेंडर : नमस्कार आदरणीय शिक्षक बंधुओ ! यहाँ आपको राजस्थान के विद्यालयों में विभिन्न ऑनलाइन कार्यो हेतु शाला दर्पण पर डाटा अपडेट किया जाता हैं, इस हेतु शिक्षा विभाग ने एक केलेंडर जारी किया हैं जिसकी PDF यहाँ अपलोड की गयी हैं साथ ही इसे यहाँ लिखित रूप में प्रस्तुत किया हैं हमने इस PDF के लिंक सार्वजनिक प्लेटफोर्म और सोशल मिडिया से लेकर आप तक सुविधा के लिए उपलब्ध करवाया हैं| और इन्हें बहुत सावधानी पूर्वक अटेच किया हैं फिर भी आपसे आग्रह हैं कि आप इन्हें डाउनलोड करके जांच ले परख ले पुष्टि होने पर ही इनका उपयोग करें, विस्तृत और प्रतिपुष्ट जानकारी के लिए विभागीय वेबसाईट का अवलोकन करें|
SHALA DARPAN INCHARGE WISE WORK CALENDAR
आवश्यक निर्देश:
शालादर्पण पोर्टल पर प्रतिदिन प्रतिमाह तथा मासिक किये जाने वाले कार्यों की सूची के अनुसार शालादर्पण पोर्टल को समयबद्ध रूप से अद्यतन किया जाना सुनिश्चित करें।
विशेष परिस्थितियों में शालादर्पण कैलेन्डर में आवश्यकतानुसार संशोधन किया जा सकेगा।
शाला दर्पण कैलेन्डर में उल्लिखित गतिविधियों के अतिरिक्त विभागीय निर्देशानुसार किये जाने वाले कार्य तत्काल किया जाना सुनिश्चित करें।
संस्थाप्रधान, शालादर्पण प्रभारी तथा अन्य कार्मिकों के द्वारा समय-समय पर शालादर्पण प्रविष्टि की मॉनिटरिंग करेंगे तथा आवश्यकतानुसार व विद्यालय में दिये गये प्रभाग अनुसार शालादर्पण पोर्टल को यथा समय अपडेट किया जाना सुनिश्चित करें।
शाला दर्पण पर दैनिक रूप से किये जाने वाले कार्य
क्र.सं.
कार्य का विवरण
शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक
1
DAILY ATTENDENCE मॉडयूल में विद्यालय स्टाफ की दैनिक उपस्थिति
कार्यालय प्रभारी
2
LEAVE APPROVAL मॉडयूल में विद्यालय स्टाफ से प्राप्त अवकाश प्रकरण का यथोचित निस्तारण करना।
3
STUDENT DAILY ATTENDENCE मॉडयूल मे विद्यार्थियों की उपस्थिति
शालादर्पण पोर्टल पर जुलाई माह में किये जाने वाले कार्य
क्र.सं.
कार्य का विवरण
शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक
1
प्रतिमाह / त्रैमासिक किये जाने वाले कार्य
सम्बन्धित प्रभारी गण
2
एसडीएमसी / एसएमसी मॉडयूल की विभिन्न प्रविष्टियों की जांच एवं अद्यतन किया जाना
एसडीएमसी / एसएमसी प्रभारी
3
NEW ADMISSION ENTRY मे नव प्रवेशित विद्यार्थियों की प्रविष्टि
कक्षा अध्यापक
4
STUDENT DETAIL EDIT (FORMAT- 05) के द्वारा विद्यार्थी संबंधित सूचना में संशोधन किया जाना
5
प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम की जांच तथा उपस्थिति रजिस्टर के अनुसार प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों का मिलान करना
6
विद्यार्थी मॉडयूल में निम्नलिखित सब-मॉडयूल मे प्रविष्टि किया जाना ।● Section Allotment/Updation● Medium Allotment / Updation● Class/Section wise Roll No Entry
7
नव प्रवेशित / एनएसओ विद्यार्थियों का शाला दर्पण पर विवरण दर्ज करना व प्रपत्र – 07 प्रपत्र – 07 (अ) व प्रपत्र – 9 की पूर्ति करना
8
FREE TEXT BOOKS and WORK BOOKS Module में प्रविष्टि । शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक SDMC / SMC प्रभारी
निशुल्क पाठ्यपुस्तक प्रभारी
9
पूरक परीक्षा के परिणाम की प्रविष्टि व प्रमाण पत्र GENRATE करना
स्थानीय परीक्षा प्रभारी
10
विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं हेतु पात्र विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति मॉडयूल से प्रविष्टि
छात्रवृत्ति प्रभारी
11
कक्षाध्यापक व विषयाध्यापक मैपिंग की प्रविष्टि
कार्यालय प्रभारी
12
निःशुल्क साईकिल वितरण व ट्रांसपोर्ट वाउचर संबंधी प्रविष्टियों की जांच व अपडेट करना
कक्षा अध्यापक व साईकिल वितरण व ट्रांसपोर्ट वाउचर प्रभारी
13
पीईईओ / यूसीईईओ लॉगिन में विद्यालय से बाहर (OoSC) बच्चों की सूचना की प्रविष्टि
पीईईओ / यूसीईईओ
SHALA DARPAN INCHARGE WISE WORK CALENDAR
शालादर्पण पोर्टल पर अगस्त माह में किये जाने वाले कार्य
क्र.सं.
कार्य का विवरण
शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक
1
प्रतिमाह किये जाने वाले कार्य
सम्बन्धित प्रभारी गण
2
नव प्रवेशित / एनएसओ विद्यार्थियों का शाला दर्पण पर विवरण दर्ज करना व प्रपत्र – 07 प्रपत्र – 07 (अ) व प्रपत्र – 9 की पूर्ति करना ।
एसडीएमसी / एसएमसी प्रभारी
3
विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं हेतु पात्र विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति मॉडयूल से प्रविष्टि
छात्रवृत्ति प्रभारी
4
विद्यार्थियों को रोल नं आवंटित करना व प्रथम परख के प्राप्तांकों की प्रविष्टि
स्थानीय परीक्षा प्रभारी
5
निःशुल्क साईकिल वितरण व ट्रांसपोर्ट वाउचर संबंधी प्रविष्टियों की जांच व अपडेट करना
कक्षा अध्यापक व साईकिल वितरण व ट्रांसपोर्ट वाउचर प्रभारी
6
FTB मॉडयूल में वितरित पुस्तकों की प्रविष्टियों की जांच तथा अतिरिक्त मांग की प्रविष्टि करना
शालादर्पण पोर्टल पर मार्च माह में किये जाने वाले कार्य
क्र.सं.
कार्य का विवरण
शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक
1
प्रतिमाह किये जाने वाले कार्य
सम्बन्धित प्रभारी गण
2
TEACHER EXAMINAR DATA MAPPING MODULE में प्रविष्टि की जांच
कार्यालय प्रभारी
3
बोर्ड परीक्षा से पूर्व SA 3 की प्रविष्टि, हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड डाउनलोड करना तथा पीटीएम की प्रविष्टि
कक्षाध्यापक व सम्बंधित प्रभारी
SHALA DARPAN INCHARGE WISE WORK CALENDAR
शालादर्पण पोर्टल पर अप्रेल माह में किये जाने वाले कार्य
क्र.सं.
कार्य का विवरण
शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक
1
प्रतिमाह / त्रैमासिक किये जाने वाले कार्य
सम्बन्धित प्रभारी गण
2
वार्षिक परीक्षा के अंको की फीडिंग व परीक्षा परिणाम तैयार करना
स्थानीय परीक्षा प्रभारी
3
वार्षिक परीक्षा की अंक तालिका परिणाम हेतु ग्रीन शीट को लॉक करना व विद्यार्थियों शाला दर्पण से डाउनलोड करना
स्थानीय परीक्षा प्रभारी
SHALA DARPAN INCHARGE WISE WORK CALENDAR
शालादर्पण पोर्टल पर मई माह में किये जाने वाले कार्य
क्र.सं.
कार्य का विवरण
शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक
1
प्रतिमाह किये जाने वाले कार्य
सम्बन्धित प्रभारी गण
2
स्थानीय परीक्षा परिणाम की जांच व नियमानुसार कक्षोन्नति किया जाना
स्थानीय परीक्षा प्रभारी
3
पूरक परीक्षा परिणाम के अंको की प्रविष्टि
स्थानीय परीक्षा प्रभारी
SHALA DARPAN INCHARGE WISE WORK CALENDAR
शालादर्पण पोर्टल पर जून माह में किये जाने वाले कार्य
क्र.सं.
कार्य का विवरण
शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक
1
प्रतिमाह किये जाने वाले कार्य
सम्बन्धित प्रभारी गण
2
बोर्ड परीक्षा परिणाम की जांच व नियमानुसार कक्षोन्नति किया जाना
संबंधित प्रभारीगण बोर्ड परीक्षा प्रभारी
3
पीईईओ / यूसीईईओ लॉगिन में विद्यालय से बाहर ( OOSC) बच्चों की सूचना की प्रविष्टि
पीईईओ / यूसीईईओ
SHALA DARPAN INCHARGE WISE WORK CALENDAR
शालादर्पण पोर्टल पर नियमित रूप से किये जाने वाले कार्य
क्र.सं.
कार्य का विवरण
शालादर्पण प्रभारी के सहयोगार्थ जिम्मेदार प्रभारी / कार्मिक
1
विद्यार्थी मॉडयूल में आवश्यकतानुसार / ऑन डिमांड किये जाने वाले कार्य ० Transfer Certificate (T.C.) ० Student Character Certificate ० Student Study Certificate ० N.S.O ० Vocational Edu ० Faculty and Subject mapping (format 7 & 7a)
कक्षा अध्यापक
2
विद्यार्थियों के जनआधार / आधार नम्बर अपडेट करना
कक्षा अध्यापक
3
विद्यालय मॉडयूल में आवश्यकतानुसार / ऑन डिमांड किये जाने वाले कार्य o Garima Petika Entry o Udaan o Student Health Check-up o Gender Audit Details Entry o Sports o Mid-Day-Meal
कार्यालय प्रभारी
SHALA DARPAN INCHARGE WISE WORK CALENDAR
नमस्कार आदरणीय शिक्षक बंधुओ ! यहाँ आपको राजस्थान के विद्यालयों में विभिन्न ऑनलाइन कार्यो हेतु शाला दर्पण पर डाटा अपडेट किया जाता हैं, इस हेतु शिक्षा विभाग ने एक केलेंडर जारी किया हैं जिसकी PDF यहाँ अपलोड की गयी हैं साथ ही इसे यहाँ लिखित रूप में प्रस्तुत किया हैं |
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कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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