संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (Latest CRC Grant) दिशा निर्देश 2024-25 : वार्षिक कार्य योजना एवं बजट 2024-25 में संकुल संदर्भ केन्द्र (CRC) के कार्यालय कार्यों के संचालन हेतु संकुल सन्दर्भ केन्द्र ग्रान्ट (Latest CRC Grant) का प्रावधान किया गया है। सीआरसी अपने अधीनस्थ विद्यालयों में शैक्षिक व सह-शैक्षिक, भौतिक गतिविधियों के संचालन एवं विद्यालय में नामांकन वृद्धि के प्रयास एवं ठहराव सुनिश्चित करने जैसे कार्यों की योजना बनाकर उसे क्रियान्वित कर नियमित रूप से मॉनीटरिंग करेंगे। साथ ही संकुल मे विज्ञान गणित क्लब के बेहतर संचालन हेतु भी राशि जारी कर व्यय के लिये प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान गयी है।
समग्र शिक्षा में गतिविधि हेतु प्रावधित बजट का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है-
कन्टेजेन्सी
मीटिंग एवं टीए
टी० एल०एम०
फर्नीचर व कम्प्यूटर
योग
30,000/-
10,000/-
10,000/-
30,000/-
80,000/-
समग्र शिक्षा अन्तर्गत सत्र 2024-25 में 10259 सीआरसी के लिये प्रावधित बजट राशि का जिलेवार विवरण परिशिष्ट-1 पर संलग्न है।
(A) सीआरसी ग्रान्ट के उपयोग (व्यय) हेतु विस्तृत दिशा निर्देश निम्न प्रकार हैं-
1. कन्टेन्जेन्सी ग्रान्ट से समग्र शिक्षा अभियान से सम्बन्धित कार्यों को सम्पादित करने हेतु स्टेशनरी, फोटो कॉपी, दूरभाष, शाला दर्पण फीडिंग, शाला सिद्धि तथा छात्र हित में अन्य आवर्ती खर्च इत्यादि का व्यय शामिल है। इन व्ययों का भुगतान समग्र शिक्षा अभियान की रोकड़ बही में इन्द्राज किया जायेगा तथा सामग्री क्रय करने पर स्टॉक रजिस्टर में प्रविष्टि की जावेगी ।
पीईईओ / यूसीईईओ को उपलब्ध करवाई जा रही राशि में से 15,000/- रूपये पीईईओ / यूसीईईओ सहित अधीनस्थ विद्यालयों में सघन वृक्षारोपण कार्य म पर आवश्यकतानुसार उपयोग लिए जाने है। वृक्षों की देखरेख इनसे जुड़ाव के लिए आवश्यक है कि सभी शिक्षकों को कम से कम एक वृक्ष गोद लेने हेतु पाबन्द करें। वृक्षारोपण व इससे जुड़े कार्यों की सूचना शाला दर्पण पोर्टल पर प्रविष्ट की जानी है। वृक्षारोपण सम्बन्धी कार्यों के लिए यूथ व ईको क्लब में भी पृथक से निर्देशित किया गया है।
2. मीटिंग, टी.ए ग्रान्टस द्वारा विभिन्न शैक्षिक नवाचारों पर चर्चा करने, टीएलएम निर्माण कार्यशाला आयोजित करने, परिषद द्वारा संचालित गतिविधियों की क्रियान्विति हेतु योजना बनाने, समीक्षा करने एवं सूचना प्राप्त करने के लिये सीआरसी विद्यालय पर प्रतिमाह एक बैठक आवश्यक रूप से आयोजित की जाए। बैठक में उपस्थित होने वाले अधीनस्थ विद्यालयों के शैक्षिक कार्मिकों को अल्पाहार प्रदान किया जायेगा व अधीनस्थ विद्यालयों के शैक्षिक कार्मिकों को राजकीय नियमानुसार टी. ए. दिया जायेगा ।
3. टीएलएम ग्रान्ट से सीआरसी विद्यालय एवं अधीनस्थ विद्यालयों के विज्ञान, गणित व सामाजिक ज्ञान विषय के शिक्षकों को विद्यार्थियों के लिये विषय को समझने में उपयोगी टीएलएम का निर्माण किये जाने के लिये प्रेरित किया जाकर सीआरसी स्तर पर आवश्यक रूप से न्यूनतम दो कार्यशाला आयोजित कर इन विषयों के लिये शिक्षण सहायक सामग्री (टीएलएम) का निर्माण शिक्षकों द्वारा किया जायेगा। इस टीएलएम का उपयोग कक्षागत शैक्षिक गतिविधियों में किया जायेगा।
आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें। 👇👇👇👇
4. फर्नीचर व कम्प्यूटर सीआरसी विद्यालय के संस्था-प्रधान द्वारा अपने कार्यालय में फर्नीचर व कम्प्यूटर के उपयोग हेतु राशि का व्यय किया जाना है। फर्नीचर व कम्प्यूटर की राशि का उपयोग बाजार के वास्तविक मूल्य में ही किया जाए। सामग्री क्रय में प्रतिष्ठित कम्पनियों को वरीयता दी जाए। राशि उपयोग में पारदर्शिता लाने हेतु निम्नलिखित सदस्यों की समिति बनाई जाए-
(1) संस्थाप्रधान : अध्यक्ष
(2) एसएमसी / एसडीएमसी : 2 सदस्य
(3) लेखाकार्मिक : 1 सदस्य
5. अधीनस्थ विद्यालयों का अवलोकन करने हेतु की जाने वाली यात्रा के व्यय का समायोजन वित्त विभाग के यात्रा नियमानुसार करेंगे। विभाग द्वारा निर्धारित संख्यानुसार अधीनस्थ विद्यालयों का अवलोकन किया जायेगा। अधीनस्थ विद्यालयों की मॉनीटरिंग / समीक्षा के दौरान किये जाने वाले कार्य कक्षाओं के अवलोकन के समय विद्यार्थी आकलन रिपोर्ट तैयार करना मीड-डे मील की मासिक समीक्षा व गुणवत्ता सुनिश्चित करना । प्रतिमाह अधीनस्थ राजकीय विद्यालयों के संस्था प्रधानों की बैठक आयोजित कर शैक्षिक गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा करना एसएमएसी की बैठक आयोजन की स्थिति की समीक्षा / मानीटरिंग करना सत्र समाप्ति पश्चात आगामी सत्र हेतु कार्य-योजना बनवाकर क्रियान्वयन करना ।
1. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी संकुल संदर्भ केन्द्र अनुदान राशि (Latest CRC Grant ) एवं दिशा निर्देश 2024-25 समस्त सीआरसी कार्यालयों को जारी किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही इनके प्रभावी एवं समुचित उपयोग की मॉनिटरिंग योजनाबद्ध रूप से करें ।
2. जिला एवं ब्लॉक अधिकारियों द्वारा राशि हस्तान्तरण एवं राशि उपयोग की नियमित रूप से मॉनीटरिंग की जायेगी।
3. राशि उपयोग की सुनिश्चितता निम्नलिखित चरणबद्ध समय सीमा में किया जाना है.
जुलाई से सितम्बर
अक्टूबर से दिसम्बर
जनवरी से 15 फरवरी तक
40%
30%
30%
4. बजट प्राप्त होने पर उक्त सारणी के अनुसार समय सीमा में राशि का उपयोग किया जाए। चरणबद्ध रूप से समय सीमा में राशि का उपयोग नहीं किए जाने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
सीआरसी ग्रान्ट्रा की राशि अति० जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय द्वारा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय एस.एन. ए. से राशि आहरण की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। तत्पश्चात सीबीईओ द्वारा प्रत्येक पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) एवं शहरी यूसीईईओ को प्रावधानानुसार राशि एस. एन.ए. से राशि आहरण की स्वीकृति दी जायेगी।
परिषद कार्यालय से राशि प्राप्त होने के पश्चात जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा राशि आहरण प्रदान करने की कार्यवाही को प्राथमिकता से पूरा किया जायेगा ।
राशि का उपयोग वित्तीय नियमों के अनुसार किया जाना है। अतः क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जावे ।
मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक राशि का उपयोग नहीं किया जाये। निर्धारित सीमा से अधिक राशि उपयोग करने पर सम्बन्धित अधिकारी / कार्मिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर राशि वसूली की जाएगी।
सीबीईओ कार्यालय प्रपत्र-1 में राशि उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रपत्र-2 में जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित करेंगे एवं जिला कार्यालय द्वारा प्रपत्र- 3 में परिषद् मुख्यालय को व्यय की सूचना भिजवायेंगे ।
जिला / ब्लॉक / संकुल कार्यालय द्वारा संलग्न प्रपत्र में राशि उपयोग की सूचना निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करेंगे।
विशेष : परिषद कार्यालय से एस. एन.ए. से राशि आहरण की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त तीन दिवस में जिला कार्यालय चरणबद्ध रूप से ब्लॉक / पीईईओ, यूसीईईओ को राशि आहरण की स्वीकृति जारी करवाना निश्चित करें। प्रबन्ध पोर्टल एवम् एस. एन.ए. की व्यय सम्बन्धित की जिम्मेदारी तय कर उसके राशियों में किसी प्रकार का अन्तर स्वीकार्य नहीं होगा। अन्यथा विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
Latest CRC GRANT EXCEL PROGRAM
इस प्रोग्राम से आप उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं खर्च विवरण माहवार तैयार कर सकते है | जैसे ही आप Voucher Entry करोगे आप का माहवार खर्च विवरण तैयार होता जायेगा |
Latest CRC GRANT EXCEL PROGRAM उपयोग में लेना का तरीका
सर्वप्रथम आप “School Intro” वाली शीट में अपने विद्यालय का नाम, ब्लॉक, जिला, सीआरसी का नाम एवं आपके अधीनस्थ विद्यालयों के नाम भरे |
इसके बाद “Received Amount” वाली शीट में पूर्व की शेष राशि एवं वर्तमान सत्र में प्रावधान एवं हस्तानांतरित राशि भरनी है |
फिर “Voucher Entry” वाली शीट में भुगतान दिनाक, बिल संख्या व दिनाक, मद का नाम (ड्राप डाउन लिस्ट में से चुने), नाम सामग्री, मात्रा/संख्या, दर, उपयोग का विवरण, पृ.स. आदि की एंट्री करनी है |
बस आपके CRC Grant का उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं माहवार खर्च विवरण तैयार हो गये है आप इनका प्रिंट ले सकते है |
(D) उपयोगिता प्रमाण पत्र – 1. सीबीईओ कार्यालय प्रपत्र-1 में राशि उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रपत्र-2 में जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय को प्रेषित करेंगे एवं जिला कार्यालय द्वारा प्रपत्र-3 में परिषद् मुख्यालय को व्यय की सूचना भिजवायेंगे।
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें
RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश :- प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों में कलात्मक प्रतिभा को पहचानने पोषित करने, प्रस्तुत करने तथा कला को बढ़ावा देने की पहल है। समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना 2024-25 में अनुमोदित गतिविधि रंगोत्सव का आयोजन नवाचारी गतिविधि के रूप में किया जाना है। रंगोत्सव की परिकल्पना एक समन्वित मंच उपलब्ध कराने का प्रयास है, जहाँ शिक्षक / शिक्षिका एक साथ अपनी क्षमताओं का उत्सव मना सकें। यह शिक्षकों की प्रतिमा को पोषित करने एवं व्यक्त करने हेतु उचित अवसर एवं अनुकूल वातावरण प्रदान करेगा और सीखने एवं सिखाने की प्रक्रिया को और अधिक मूर्त, रचनात्मक एवं आनन्ददायी बनाएगा।
RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
रंगोत्सव गतिविधि को आयोजित करने के लिये निम्न निर्देशों की पालना की जाए :-
रंगोत्सव राज्य के समस्त राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक / शिक्षिका हेतु जिला एवं राज्य स्तर पर आयोजित किया जायेगा ।
रंगोत्सव 2024-25 का आयोजन ऑफलाइन मोड में किया जायेगा ।
एक शिक्षक / शिक्षिका एक ही गतिविधि (कला) में भाग ले सकेगा / सकेगी।
रंगोत्सव के प्रत्येक स्तर पर 06 विधाओं को प्रतियोगिता में शामिल किया जायेगा । प्रत्येक कला क्षेत्र की प्रस्तुति / प्रतियोगिता एकल रहेगी, प्रतियोगिता में निम्नलिखित श्रेणियां सम्मलित की गई हैं-
आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें। 👇👇👇👇
जिला स्तर पर रंगोत्सव का आयोजन दिनांक 1-15 अगस्त 2024 के मध्य (एक दिवसीय) किया जाना हैं।
रंगोत्सव गतिविधि में राजकीय विद्यालयों के शिक्षक / शिक्षिकाओं को सम्मिलित किया जाए।
जिला स्तर पर प्रत्येक क्षेत्र में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता प्रतिभागियों का विवरण दिनांक 25 अगस्त 2024 तक परिशिष्ट -02 में राज्य स्तर पर भिजवाया जायेगा ।
राज्य स्तर पर रंगोत्सव कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 05-10 सितम्बर 2024 के मध्य किया जायेगा। आयोजन स्थान की सूचना पृथक से प्रेषित कर दी जायेगी । RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की सूचना परिशिष्ट – 01 में भिजवाई जाये । जिसके साथ वीडियो क्लिप की समय सीमा निम्नानुसार रहेगी-
वित्तीय प्रावधान:- जिला स्तर
जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं के आयोजन का व्यय वार्षिक कार्ययोजना सत्र 2024-25 में अनुमोदित रंगोत्सव गतिविधि से किया जायेगा। इस हेतु प्रत्येक जिले को 10,000 /- रूपये कार्यक्रम आयोजन हेतु आवंटित किए गये है। इसके अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होने पर स्थानीय स्तर पर भामाशाहों से सहयोग प्राप्त किया जा सकता है।
जिला स्तर पर प्रत्येक विधानुसार (शिक्षक / शिक्षिका) प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता को प्रमाण-पत्र एवं ट्रॉफी प्रदान की जायेगी।
1. जिला स्तर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा की जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा), अध्यक्षता में निर्णायक मण्डल का गठन होगा प्रधानाचार्य डाइट एवं कला / गतिविधि से सम्बन्धित विशेषज्ञों को शामिल किया जाये।
प्रतियोगिता आयोजन हेतु विशेष निर्देश
संगीत (गायन) :— एकल प्रस्तुति संगीत गायन की प्रतियोगिता निम्न दो श्रेणियों में आयोजित की जाएगी |
1. संगीत गायन : शास्त्रीय संगीत
2. संगीत गायन : पारंपरिक लोक संगीत
सामान्य सूचनाएँ
प्रस्तुति की अवधि 4-6 मिनट की होगी ।
वेशभूषा, मंच सज्जा और मंच का साज सामान, प्रस्तुति से संबंधित होना चाहिए ।
संगीत वाद्यों पर संगतकार विद्यालय के शिक्षक / छात्र हो सकते है।
व्यावसायिक संगीत जगत के गीतों का प्रयोग वर्जित है। RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
प्रतिभागी स्वयं की रूचि अनुसार सामग्री या माध्यम का प्रयोग कर सकते है।
निर्णायक मंडल के सदस्य प्रतिभागी द्वारा निर्मित शिक्षण अधिगम सामग्री की मौलिकता, सृजनात्मकता एवं विषय वस्तु का अवलोकन कर निर्णय करेंगे। प्रतिभागियों से अपेक्षा है कि निर्माण की जा रही टीएलएम सामग्री की कार्यात्मक सटीकता एवं मूल डिजाईन के साथ विषय वस्तु की प्रमाणिकता का विशेष ध्यान रखें।
शिक्षण अधिगम सामग्री निम्न से सम्बन्धित हो सकती है –
कृषि औजार एवं उपकरण, पर्यावरण, ऊर्जा संरक्षण ।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संसाधन से सम्बन्धित उपकरण ।
जलवायु परिवर्तन ( क्लाईमेट चेंज )
जीवन कौशल शिक्षा
कैरियर मार्गदर्शन
स्वच्छता व्यवहार का प्रदर्शन
राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम
पंचतंत्र की कहानियाँ, जातक कथाएँ, लोक कथाओं के चरित्र जो प्रतिभागियों के नैतिक मूल्यों को बढ़ाने में सहायक हो सकें
बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की बेस्ट प्रेक्टिस
खिलौने बनाने में प्रयोग की जाने वाली सामग्री, मूल खिलौने में प्रयोग की गई सामग्री से मेल खाती हो ।
प्रतिभागी स्थानीय एवं पर्यावरण अनुकूल सामग्री का प्रयोग करें |
मूल्यांकन प्रपत्र – शिक्षण अधिगम प्रपत्र
मौलिकता
प्रविधि
उपयोगिता
प्रतुतिकरण
कुल अंक
25
25
20
30
100
RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
शिक्षण प्रतियोगिता (अध्यापन प्रतियोगिता )
सामान्य सूचनाएँ
प्रस्तुति की अवधि 4 से 6 मिनिट होगी।
चयन की गई विषय वस्तु में नवाचारी विचारों का समावेश हो ।
वेशभूषा और मेकअप साधारण, प्रामाणिक, विषयगत और प्रस्तुति के अनुरूप ही होने चाहिए। प्रतिभागी स्वयं की रूचि अनुसार विषय वस्तु एवं माध्यम का प्रयोग कर सकते है।
निर्णायक मंडल के सदस्य प्रतिभागी से प्रस्तुतीकरण के समय मौलिकता, विषय वस्तु पर अवलोकन कर निर्णय करेंगे।
मूल्यांकन प्रपत्र
विषय वास्तु की प्रमाणिकता
विवेचना विवरण
सहायक सामग्री का उपयोग
रचनात्मकता
श्यामपट्ट कार्य
सम्पूर्ण प्रस्तुतिकरण
कुल अंक
10
20
10
20
10
30
100
RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
जिला स्तर पर आयोजन हेतु वित्तीय प्रावधान :-
अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होने पर स्थानीय स्तर पर भामाशाहों का सहयोग लिया जावे। मदवार उपलब्ध कराई जा रही राशि में आवश्यकतानुसार स्वीकृति उपरान्त आंशिक परिवर्तन किया जा सकता है।
रंगोत्सव हेतु राशि की स्वीकृति निम्न शर्तों के अधीन प्रदान की जाती है –
जिस मद के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही हैं व्यय उसी मद में ही किया जाए।
व्यय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम अन्तर्गत व्यय राशि को PRABANDH PORTAL (https://samagrashiksha.in) पर तत्काल बुक कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।
राशि का उपयोग योजना के दिशा निर्देश, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की गाइड लाइन एवं लोक उपापन पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013 एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुए विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करे ।
सामान्य निर्देश –
संगीत (गायन), संगीत (वाद्य वादन) एवं टीएलएम निर्माण, शिक्षण प्रतियोगिता की प्रस्तुति के लिए 4-6 मिनट का समय निर्धारित रहेगा।
प्रत्येक स्तर पर भाग लेने वाले शिक्षकों को सहभागिता का प्रमाण-पत्र दिया जाए। विजेता प्रतिभागी को मेडल / ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे ।
स्थानीय स्तर पर कार्यरत ऐसे गैर सरकारी संगठन से सहयोग लिया जा सकता है जो सामाजिक विकास में कला पक्ष पर कार्य कर रहे हैं।
जिला स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए स्थानीय गैर सरकारी संगठन या कला संगठन जो विभिन्न कला के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, का सहयोग लिया जा सकता है।
राज्य स्तर की प्रतियोगिता आयोजन हेतु राजस्थान संगीत कला अकादमी जैसे संस्थाओं का सहयोग लिया जावे तथा कला के क्षेत्र में कार्यरत अन्य संगठनों का सहयोग लिया जाए।
उक्त गतिविधि वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट सत्र 2024-25 में निम्न मद में अनुमोदित की गई है-
Quality Interventions
5.4 – Funds for Quality (LEP, Innovation, Guidance etc)
5.4.2 – Experiential Learning (Elementary)
1-Rangotsav
यह सक्षम स्तर से अनुमोदित है।
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
क्र सं.
प्रपत्र विवरण
डाउनलोड लिंक
1
रंगोत्सव की जिलेवार प्रविष्टि समेकित सूचना प्रपत्र 1
RANGOTSAV GUIDELINE RAJASTHAN, रंरंगोत्सव कार्यक्रम नवीनतम दिशा निर्देश
आपसे सहयोग की अपील
🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें
NIPUN MELA GUIDELINE / शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार द्वारा जारी निपुण मेला दिशा-निर्देश सत्र 2024-25 / निपुण मेला दिशा निर्देश 2024 : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंषा के अनुसार प्रारम्भिक कक्षाओं में वर्ष 2026-27 तक बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान (FLN) को प्राप्त करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु निपुण भारत मिशन की शुरूआत की गई है। निपुण भारत मिशन के माध्यम से विद्यार्थियों में सीखने की दक्षताओं का विकास किया जाना है, जिससे 2026-27 तक प्रत्येक विद्यार्थी वांछित दक्षताओं को प्राप्त कर सकें। NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
इस हेतु विद्यार्थियों को गतिविधि आधारित शिक्षण के माध्यम से कक्षा कक्षीय गतिविधियां कराई जानी है साथ ही विद्यार्थियों की रूचि और संलग्नता की वृद्धि हेतु प्रोजेक्ट कार्यों को सम्मिलित किया जाए। वार्षिक कार्ययोजना सत्र 2024-25 में नवाचारी गतिविधि के रूप में प्रत्येक PEEO / UCEEO के विद्यालय में निपुण मेले का आयोजन किया जाना है।
शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार द्वारा जारी निपुण मेला दिशा-निर्देश सत्र 2024-25
निपुण मेला बच्चों के सम्पूर्ण विकास (शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, भाषायी एवं सामाजिक विकास) में एक महत्वपूर्ण पहल होगा। निपुण मेले में टॉय मेकिंग, आर्ट, खिलौने बनाना, मॉड्ल बनाना, स्टोरी मेकिंग, स्टोरी टेलिंग, ग्रुप वर्क एवं रोल प्ले आदि विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियां सम्मिलित की जानी है। उक्त गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को बहुमुखी विकास के अवसर प्राप्त होंगे।
निपुण मेले के माध्यम से विद्यालय, समुदाय, शिक्षक, अभिभावक एवं बच्चों को एक साथ जोड़ने, एक दूसरे को समझने एवं आपसी सहयोग के अवसर प्राप्त हो सकेंगे जो निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहयोगी होंगे।
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
उद्देश्य –
निपुण भारत मिशन के प्रति समुदाय की समझ विकसित करना ।
निपुण भारत मिशन के प्रचार-प्रसार हेतु गतिविधियों का आयोजन करना । समुदाय में जागरूकता एवं सकारात्मक सोच के विकास हेतु साझा पहल ।
समुदाय की भागीदारी के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराना।
विद्यार्थियों में भय मुक्त वातावरण निर्माण करना एवं सीखने को प्रोत्साहित करना ।
विद्यार्थी एवं शिक्षकों के मध्य गतिविधियों के माध्यम से समन्वय को बढ़ाना ।
मेले के रूप में विद्यार्थियों को सीखने के प्रतिफल आधारित आनन्दायी वातावरण प्रदान करना ।
बच्चों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास करना ।
छात्रों को अपने आप को प्रस्तुत करने व करके सीखने जैसे गुणों का विकास करना ।
अभिभावकों को ऐसे कार्यों या गतिविधियों से अवगत करना जिन्हें वे विद्यार्थियों को दैनिक दिनचर्या के दौरान प्रेरित कर सकते है।
बच्चों व अभिभावको की सहभागिता से आयोजित होने वाली गतिविधियों की समझ विकसित करना । बच्चों में सृजनात्मकता, कला, बौद्धिक विकास, भाषायी विकास, संख्याज्ञान विकास आदि में रूचि पैदा कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना ।
आयोजन की संभावित दिनांक : —
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र, निपुण मेला नवाचारी गतिविधि के रूप में आयोजित किया जाना है। निपुण मेले का आयोजन प्रत्येक पीईईओ, यूसीईईओ विद्यालय स्तर पर माह नवम्बर 2024 में आयोजित किया जाना है। आयोजन की सूचना पृथक से उपलब्ध कराई जायेगी ।
प्रस्तावित गतिविधियां :-
निपुण मेला FLN आधारित थीम के अनुसार आयोजित किया जाना है। निपुण मेले में विद्यार्थियों, मेंटोर, शिक्षकों के समन्वय से न्यूनतम 5 प्रकार की गतिविधियों की स्टॉल लगाई जायेगी। जहां बच्चों स्तरानुसार कुछ खेल, गतिविधियां आयोजित की जानी है। प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिए जायेंगे। मेले में विद्यार्थियों के विकास के आयाम पर आधारित गतिविधियों की स्टॉल लगाई जानी है। जिनमें ऐसी शिक्षण अधिगम सामग्री (TLM) से गतिविधियां आयोजित की जायेगी जो कम लागत से बनी हो, और विद्यालय में शिक्षक आसानी से करवा सकें । आयोज्य गतिविधियों के साथ क्षेत्रीय परिवेश में लोकप्रिय खेलों को भी शामिल किया जाए। प्रस्तावित गतिविधियां निम्नानुसार
शारीरिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- निशाना लगाना, ब्लाइन्ड फोल्ड, म्यूजीकल चेयर, नीबू दौड, लटकन जलेबी, बॉल डालो सिक्का निकालो आदि।
मानसिक/बौद्धिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- देखो और बताओ, ABL KIT आधारित पहेली खेल, हल करो और आगे बढ़ो, वर्ग पहेली, सुनकर जानो, डिजिटल गेम आदि ।
सृजनात्मक विकास आधारित गतिविधियाँ :- मिट्टटी / क्ले से खिलौने बनाना, पेन्टिंग करवाना, कॉलाज बनाना, स्वतन्त्र पेन्टिंग |
भाषायी विकास आधारित गतिविधियाँ :- कहानी सुनाना, कहानी बनाना, कविता सुनाना, संस्मरण सुनाना आदि ।
सामाजिक विकास आधारित गतिविधियाँ :- Family tree, रिश्ते नाते पट्टिका मिलान कराना, अपने अभिभावक, भाई-बहिन के साथ प्रतियोगिता में भाग लेना ।
NOTE : 1. निपुण मेले में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को भाग लेने हेतु प्रेरित किया जाए । गतिविधि विवरण परिशिष्ट-1 नीचे DOWNLOAD में उपलब्ध करवाया गया है । (NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,)
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र
निपुण मेला अकादमिक मेला है जो विद्यार्थियों के समग्र विकास को ध्यान में रख कर आयोजित किया जाना है। इस हेतु प्रत्येक पीईईओ / यूसीईईओ विद्यालय कों जिला एवं ब्लॉक स्तर से आवश्यक तैयारियों हेतु निर्देशित किया जाए।
निपुण मेले का आयोजन FLN की गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास हेतु प्रत्येक पीईईओ, यूसीईईओ के स्तर पर किया जाना है।
निपुण मेले में उपयोग की जाने वाली सामग्री बजट प्रावधान में दिए गए विवरणानुसार क्रय की जाए। अतिरिक्त राशि / सामग्री की आवश्यकता होने पर भामाशाहों का सहयोग लिया जा सकता है ।
मेले में स्टॉल पर गतिविधि एवं खेल कराने हेतु आवश्यक टीएलएम, चार्ट, पोस्टर, कॉलाज आदि का निर्माण पूर्व में ही पूर्ण कर लिया जाए।
आवश्यकतानुसार पीईईओ / यूसीईईओ द्वारा अपने परिक्षेत्र के विद्यालयों से एफएलएन मेंटोर को मेले में लगाई जाने वाली स्टॉल के लिए विद्यार्थियों के सहयोग हेतु नामित किया जाए ।
मेले में पीईईओ, यूसीईईओ परिक्षेत्र के कक्षा 1 से 3 तक के समस्त विद्यार्थी तथा समन्वित आंगनबाडी केन्द्र के बालक, बालिका भी भाग लेगें ।
गतिविधियों में सभी विद्यार्थियों को भाग लेने का अवसर दिया जाए।
स्टॉल की थीम के आधार पर प्रत्येक स्टॉल से विजेताओं को पुरस्कार दिए जाए
पीईईओ / यूसीईईओ पूरी प्रक्रिया का प्रतिवेदन मय फोटो व उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, कार्यालय को प्रेषित करें।
ब्लॉक स्तर से समेकित प्रतिवेदन एवं रिपोर्ट मय फोटोग्राफ मेला आयोजन के 10 दिवस में जिला कार्यालय को प्रेषित की जाए ।
प्रत्येक स्तर पर आयोजित निपुण मेले के कार्यों से सम्बन्धित प्रतिवेदन राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् जयपुर को कार्य समाप्ति के 10 दिवस के अन्दर प्रेषित की जानी है।
गणित – पहाड़े सुनाना, ईबारती प्रश्नों को मौखिक रूप से हल करना, गणितीय पहेली सुलझाना, आकृतियों के नाम बताना आदि गतिविधियों की जा सकती है।
उक्त गतिविधियों के अतिरिक्त शिक्षक अन्य साथी शिक्षकों, बच्चों से चर्चा कर गतिविधियों को सूचीबद्ध करें और मेले में शामिल करें।
आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें। 👇👇👇👇
शिक्षण अधिगम सामग्री निर्माण हेतु आवश्यक सामग्री क्रय करना । जैसे – रंगीन कागज, चार्ट, कलर, क्ले, पिक्चर चार्ट इत्यादि
3000/-
2
थीम आधारित स्टॉल निर्माण में सहयोगी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन सामग्री जैसे- पानी की बोतल, पेन / पेन्सिल, लंच बॉक्स इत्यादि ( पुरस्कार की संख्या अधिक होने पर भामाशाहों का सहयोग लिया जाए)
3000/-
3
अल्पाहार मेले में भाग लेने वाले विद्यार्थियों अध्यापक व अभिभावक
2000/-
4
स्टॉल हेतु आवश्यकतानुसार टेंट सामग्री
2000/-
कुल राशि
10000/-
जिला स्तर के दायित्व :-
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् से गतिविधि आयोजन हेतु स्वीकृति प्राप्त होने पर 3 दिवस में ब्लॉक, पीईईओ / यूसीईईओ हेतु स्वीकृति जारी करना ।
ब्लॉक एवं विद्यालय तक दिशा-निर्देशों की पहुँच सुनिश्चित करना ।
मॉनिटरिंग हेतु जिला एवं समस्त ब्लॉक कार्यालयों पर प्रभारी नियुक्त करना ।
निपुण मेले के प्रभावी आयोजन हेतु समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं प्रभारी गुणवत्ता के साथ मिलकर कार्ययोजना निर्माण करना ।
निपुण मेले के आयोजन दिवस को प्रभावी मॉनिटरिंग कराना ।
प्रत्येक ब्लॉक से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर परिषद को प्रेषित करना ।
प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट परिषद को कार्य समाप्ति के 10 दिवस में प्रेषित करना ।
ब्लॉक स्तर के दायित्व :-
गतिविधि आयोजन हेतु स्वीकृति प्राप्त होने पर 03 दिवस में पीईईओ / यूसीईईओ हेतु स्वीकृति जारी करना ।
पीईईओ / यूसीईईओ विद्यालय तक दिशा-निर्देशों की पहुँच सुनिश्चित करना ।
प्रत्येक विद्यालय से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर जिला स्तर को प्रेषित करना ।
निपुण मेले के आयोजन दिवस को प्रभावी मॉनिटरिंग कराना ।
प्रत्येक पीईईओ / यूसीईईओ से प्राप्त रिपोर्ट व उपयोगिता प्रमाण पत्र को समेकित कर जिला कार्यालय को प्रेषित करना ।
प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट जिला कार्यालय को कार्य समाप्ति के 10 दिवस में प्रेषित करना ।
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
परिक्षेत्र के विद्यालयों के साथ समन्वय कर प्रभावी निपुण मेले का आयोजन कराना ।
परिक्षेत्र के समस्त विद्यालयों की सहभागिता सुनिश्चित करना ।
निपुण मेले के आयोजन हेतु आवश्यक सामग्री, पुरस्कार, अल्पाहार की व्यवस्था सुनिश्चित करना ।
पीईईओ, यूसीईईओ पूरी प्रक्रिया का प्रतिवेदन मय फोटो व उपयोगिता प्रमाण-पत्र के साथ मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करना । (परिशिष्ट -1 उपयोगिता प्रमाण नीचे DOWNLOAD सेक्शन में दिया हैं। )
प्रत्येक स्तर पर किए गए कार्य की रिपोर्ट ब्लॉक कार्यालय को कार्य समाप्ति के 3 दिवस के अन्दर प्रेषित की जानी है ।
विशेष :-
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा ब्लॉक में निपुण मेला अन्तर्गत आयोजित होने वाली गतिविधियों में से श्रेष्ठ गतिविधियों का 5 से 10 मिनट का वीडियों बनाये जिसे भविष्य में आयोजित होने वाली गतिविधियों में संदर्भ के रूप में उपयोग किया जा सकें। साथ ही उक्त वीडियों की सॉफ्ट कॉपी अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा सम्बन्धित जिले को प्रेषित करें।
जिस मद के लिए राशि उपलब्ध कराई जाये, व्यय उसी मद में ही किया जावे ।
व्यय राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रपत्र में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें ।
कार्यक्रम अन्तर्गत व्यय राशि को PRABANDH PORTAL (https://samagrashiksha.in) पर तत्काल बुक कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।
राशि का उपयोग योजना के दिशानिर्देश, शिक्षा मंत्रालय की गाईड लाईन एवं लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013 एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित किया जावे।
उक्त गतिविधि वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट सत्र 2024-25 में निम्न मद में अनुमोदित की गई है-
5- Quality Intervention .5.1- NIPUN Bharat Mission 5.1.1 – Nipun Bharat Mission (FLN) 1-Teaching Learning Materials for implementation of Innovative pedagogies यह सक्षम स्तर से अनुमोदित है। NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
सृजनात्मक :- मिटटी / क्ले से खिलौने बनवाना, पेन्टिंग करवाना / कॉट्न, लीफ, थ्रेड, veg, Finger, Thumb – आदि ।
कॉलाज बनवाना :- स्वतन्त्र रूप से पिक्चर कटिंग देकर उनका कॉलाज बनवाना जैसे-फल, सब्जी, अनाज के पिक्चर एक डिब्बे में डाल कर रखना और फिर उन्हें एक निश्चित समय देकर सब्जीयों का कॉलाज बनवाना दूसरे से फल और तीसरे से अनाज का जो निश्चित समय में सबसे ज्यादा पिक्चर लगाएगा वह विजेता होगा ।
भाषायी विकास :- जंगली, पालतु जानवरों के समान ध्वनि निकालना, समान आकृतिया को बताना,
कॉलाज के चित्रों के आधार पर कम समय में कहानी बुलवाना ।
अलग-अलग पिक्चर लगाकर कॉलाज तैयार करके रखना ।
पिक्चर व चार्ट देना स्वंय लगाकर कहानी बनवाना ।
उक्त कार्य समूह के रूप में या व्यक्तिगत रूप से कराये जा सकते है।
(मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी / पीईईओ / यूसीईईओ हेतु)
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
NIPUN MELA GUIDELINE 2024, निपुण मेला दिशानिर्देश, निपुण मेला उपयोगिता प्रमाण पत्र, निपुण मेला गतिविधि प्रपत्र,
निपुण मेला दिशा निर्देश,निपुण मेला, निपुण भारत अभियान में विकासात्मक लक्ष्यों में कौनसा नहीं है, निपुण मिशन, निपुण भारत मिशन गीत,निपुण भारत अभियान गीत, निपुण लोगों, निपुण भारत मिशन इन हिंदी, निपुण भारत मिशन, निपुण का उद्देश्य, निपुण भारत मिशन के उद्देश्य, निपुण हिमाचल मिशन, nipun mela kya hota hai, निपुण का लोगो, कुशल निपुण, निपुण कार्यक्रम, कला किट दिशा निर्देश, निपुण भारत गीत, nipun mela kya hai,
निपुण भारत चित्र, निपुण लक्ष्य तालिका, निपुण तालिका, निपुण भारत मिशन मराठी माहिती, निपुण भारत मिशन मराठी pdf, निपुण भारत पोस्टर, एफएलएन मिशन के दिशा निर्देश, निपुण योजना, निपुण भारत रंगोली, निपुण प्रतिज्ञा, संशोधित निपुण लक्ष्य, निपुण भारत मिशन में कितने लक्ष्य है, निपुण भारत मिशन में लक्ष्य कितने हैं, निपुण मेला दिशा निर्देश 2024, निपुण मेला दिशा निर्देश 2025, निपुण मेला दिशा निर्देश 2023, निपूर्ण भारत मेला, NIPUN MELA, NIPUN MAILA, NIPUN BHARAT MELA,
आपसे सहयोग की अपील
🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate : – समग्र शिक्षा द्वारा सत्र 2023-24 की वार्षिक कार्य योजना एवं बजट के अतंर्गत राज्य के प्राथमिक शालाओं हेतु राशि रू. 5000 व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 10000 सीनियर सेकेण्डरीशालाओं हेतु राशि रू. 10,000 की राशि जारी कर व्यय के लिये प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान गयी है।
शिक्षा का सर्वोपरि उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास है। समाज में शहरीकरण, तकनीकी प्रगति और जनसंचार माध्यमों के प्रभाव जैसे बदलावों के कारण यह आवश्यकता पैदा हुई है कि स्कूलों को न केवल अपने छात्रों के संज्ञानात्मक विकास का पोषण करना चाहिए, बल्कि उनकी भावात्मक और मनो-मोटर क्षमताओं को भी बढ़ावा देना चाहिए जो उन्हें सक्षम बनाएगा। ज़िंदगी।
समग्र शिक्षा की परिकल्पना है कि स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा ऐसी होनी चाहिए कि शिक्षार्थी अपनी प्रतिभा को पूरी क्षमता से विकसित कर सकें। शैक्षिक और सह-शैक्षिक दोनों क्षमताओं को समान महत्व देने से, बच्चे और युवा जीवन कौशल हासिल करेंगे जो उन्हें अपने अधिकारों को जानने, अपनी चिंताओं को स्पष्ट करने, आत्मसम्मान का निर्माण करने, आत्मविश्वास और लचीलापन विकसित करने और नकारात्मक भावनाओं का मुकाबला करने में मदद करेगा। तनाव शर्म और डर. इससे उनकी स्वयं की जिम्मेदारी लेने, समाज में दूसरों के साथ संबंध बनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की क्षमता भी बढ़ेगी। इन कौशलों को सैद्धांतिक दृष्टिकोण के बजाय अनुभवात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है।
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate
यूथ क्लब के तहत बच्चों में जीवन जीने का कौशल, आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास विकसित करने तथा तनाव, भय एवं संकोच जैसे मनोविकारों को दूर कर सोच में लचीलापन विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में यूथ क्लब की स्थापना की गयी है।
ईको क्लब के तहत बच्चों को अपने आस-पास के पर्यावरण, जैव-विविधता, जलवायु, स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील बनाने तथा पर्यावरण गतिविधियों एवं प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने के लिए क्षमता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में ईको क्लब की स्थापना की गयी है। विशेष रूप से विद्यार्थियों में स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की समझ विकसित की जानी है।
विद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण हेतु हरित पाठशाला एवं विद्यालय वाटिका / किचन गार्डन को लागू करने के लिये ईको क्लब पुर्नगठित करना। साथ ही बच्चों में पर्यावरण की समझ, संरक्षण के महत्व, वातावरण को स्वच्छ बनाना, वृक्षारोपण व संरक्षण आदि कार्य को यूथ एवं ईको क्लब अन्तर्गत विद्यार्थियों को भी सहभागी बनाया जाये ।
ईको क्लब के गठन का उद्देश्य विद्यालय स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम कर जलवायु के प्रति विद्यार्थियों को संवेदनशील बनाना ।
विश्व पर्यावरण की थीम “ईको सिस्टम रिस्टोरेशन: रीइमेजिन ( फिर से बनाना) एवं पुर्नस्थापना” करने के उद्देश्य की क्रियान्विति हेतु राजस्थान के भौगोलिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुये उष्ण व अर्द्ध शुष्क जलवायु में हरियाली को बनाये रखना, जल संरक्षण एवं वनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है।
प्रत्येक विद्यालय में यूथ एवं ईको क्लब के तहत प्रारम्भिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8) के विद्यार्थियों के लिये यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) बनाये जायेंगे इनके नाम पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि होंगे।
माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 9 से 12 ) के लिये यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) बनाये जायेंगे इनके नाम. पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि होंगे।
विद्यालय संस्था प्रधान यूथ एवं ईको क्लब के प्रभारी अधिकारी होंगे।
संस्था प्रधान (प्रभारी अधिकारी) की भूमिका सहायक मार्गदर्शक एवं कार्यक्रम के लिये सुविधा उपलब्ध कराने की होगी। विद्यालय में हाऊस व्यवस्था के तहत यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों को संचालित करने की समस्त जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी ।
संस्था प्रधान द्वारा विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक / शिक्षिका को सदन (हाऊस) का प्रभार दिया जायेगा। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या सदन (हाऊस) की संख्या से अधिक होने की स्थिति में कुछ सदनों के लिये एक से अधिक प्रभारी शिक्षक / शिक्षिका बनाये जायेंगे। विद्यालय में सदन (हाऊस) से कम शिक्षक उपलब्ध होने की स्थिति में कुछ शिक्षकों को एक से अधिक सदन (हाऊस) का प्रभारी शिक्षक नियुक्त किया जायेगा। वरिष्ठता के आधार पर वरिष्ठ शैक्षिक कार्मिक को अपेक्षाकृत अधिक सदन (हाऊस) का प्रभार दिया जायेगा ।
प्रारम्भिक शिक्षा की प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को पांच भागों में विभाजित कर प्रत्येक भाग के विद्यार्थी को एक सदन (हाऊस) के नाम से सम्बोधित किया जायेगा। इस प्रकार प्रारम्भिक शिक्षा की कक्षाओं के पांचों सदनों में सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों का समान संख्या में प्रतिनिधित्व हो सकेगा। इसी प्रक्रिया के तहत माध्यमिक शिक्षा की कक्षाओं के लिये पांच सदन बनाये जायेंगे।
इस प्रकार प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) कार्य करेंगे एवं माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब के तहत उन्हीं नाम से पांच सदन (हाऊस) कार्य करेंगे।
विद्यालय में नव प्रवेशित विद्यार्थी जिस सदन (हाऊस) का सदस्य बनेगा विद्यालय की अन्तिम कक्षा तक उसी सदन (हाऊस) का सदस्य रहेगा।
प्रत्येक सदन (हाऊस) की गतिविधियों को प्रभारी शिक्षक / शिक्षकों द्वारा संचालित करवाया जायेगा। प्रत्येक सदन (हाऊस) में सभी विद्यार्थियों का स्तर समान होगा। विद्यार्थियों में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ जैसी व्यवस्था को विकसित नहीं करनी है। सदन (हाऊस) की गतिविधियों को संचालित करने में विद्यार्थियों का सक्रिय सहयोग लिया जायेगा। अच्छा प्रदर्शन करने के लिये बच्चों को प्रोत्साहित किया जायेगा एवं प्रत्येक बच्चे को समान रूप से अवसर प्रदान किया जायेगा।
विद्यालय समय पश्चात रोटेशन के आधार पर एक अध्यापक / शारीरिक शिक्षक प्रभारी के रूप में विद्यालय समय पश्चात बच्चों के साथ खेल मैदान में उपस्थित रहकर विद्यालय के खेल मैदान, खेल संसाधन इत्यादि का उपयोग करेंगे।
पांच मूल तत्व आधारित नामों में से जिस नाम तत्व से सम्बन्धित सदन (हाऊस) में विद्यार्थियों को प्रवेश मिला है, उस सदन (हाऊस) के नाम के अनुरूप विषय पर विद्यार्थियों के लिये भाषण, निबन्ध लेखन, पत्र लेखन, पोस्टर बनवाना, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करवायी जायें। साथ ही भाषा, सामाजिक विज्ञान के विषय यथा भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान तथा विज्ञान संकाय के विषयों यथा जीव विज्ञान, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित तथा खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनोमी) आदि को सदन (हाऊस) के नाम से साथ जोड़ते हुए विषय एवं प्राकृतिक मूल तत्व की महत्वता एवं सम्बद्धता को समझाने का उपक्रम विद्यार्थियों से करवायें।
सदस्य विद्यार्थीगणों को उनके स्वयं के नाम के अर्थ को समझाते हुए उसे अपने सदन (हाऊस) के नाम के परिप्रेक्ष्य में सम्बद्ध करने के प्रयास के लिये प्रेरित किया जायेगा। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी को सदन (हाऊस) के नाम की महत्वता बतलाते हुए इस नाम की अन्य विषयों से सम्बद्धता को इन्टरनेट, पत्र-पत्रिकाओं इत्यादि स्त्रोतों से विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। इससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होगी तथा वे अपने सदन के नाम को समग्र रूप से समझ सकेंगे एवं अन्य विषयों से सम्बद्ध कर सकेंगे।
प्रत्येक सदन (हाऊस) में यूथ एवं ईको क्लब की समस्त गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। ये गतिविधियां प्रभारी शिक्षक / शिक्षकों के निर्देशन में संचालित की जायेंगी।
समस्त विद्यार्थियों को यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
समय – समय पर प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यार्थियों के पांचों सदन (हाऊस) के मध्य यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों की प्रतियोगिता आयोजित की जायेंगी एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये पुरस्कृत किया जायेगा। इसी प्रकार की प्रतियोगिताएं माध्यमिक शिक्षा के विद्यार्थियों के पांचों सदनों के मध्य आयोजित की जायेंगी।
यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों का आयोजन शिविरा कलैण्डर अनुसार निर्धारित दिवसों एवं विद्यालय समय पश्चात् तथा अवकाशों के दौरान किया जायेगा।
यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों से बाल सभा के दौरान गतिविधि का प्रदर्शन कराया जायेगा।
विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर में विद्यार्थी के नाम के सम्मुख उसके सदन (हाऊस) का नाम भी अंकित किया जाये ताकि विद्यार्थी को सदन (हाऊस) के नाम से भी पहचाना जाये।
विद्यालय की प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के प्रत्येक सदन (हाऊस) का रजिस्टर संधारित किया जायेगा। रजिस्टर के मुख्य पृष्ठ पर यूथ एवं ईको क्लब तथा सदन (हाऊस) का नाम अंकित होगा रजिस्टर में सदन * (हाऊस) के विद्यार्थियों के नाम व कक्षा अंकित होगी। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी की रूचि की गतिविधि अंकित की जायेंगी आयोजित की गई प्रत्येक गतिविधि का संक्षिप्त विवरण एवं दिनांक तथा आयोजन की समयावधि अंकित कर नोडल अधिकारी व संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित किया जायेगा । SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
विद्यालय अवलोकन के समय संस्थाप्रधान द्वारा अवलोकन अधिकारी को “यूथ एवं ईको क्लब रजिस्टर” का अवलोकन करवाया जाकर हस्ताक्षर प्राप्त किये जायेंगे।
आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें। 👇👇👇👇
यूथ क्लब गतिविधियों में समस्त खेल व शारीरिक गतिविधियाँ, योग, ड्रामा, वाद-विवाद, संगीत, कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ एवं रीडिंग गतिविधियाँ इत्यादि शामिल हैं।
विद्यालयों में अनुपयोगी सामग्रियों को उपयोगी बनाने हेतु विद्यार्थियों के रचनात्मक कार्य कौशल बोद्धिक क्षमताओं का विकास करने के अवसर प्रदान किये जायें। इस हेतु विद्यार्थियों को गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों का मार्गदर्शन / सहयोग लिया जाये।
ईको क्लब गतिविधियाँ:-
ईको क्लब गतिविधियों में पर्यावरण, जैवविविधता, जलवायु स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
प्रदर्शनी, पेंटिंग, लेखन, वृक्षारोपण, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर आधारित चलचित्रों का प्रदर्शन, अभिभावकों व सेवानिवृत्त एवं सेवारत राजकीय अधिकारी, शिक्षक, डॉक्टर, कोच, पर्यावरण के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों की वार्ता का आयोजन किया जायेगा।
सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच में सहयोग प्रदान किया जायेगा। इसके अन्तर्गत सभी बच्चों की लम्बाई, वजन एवं शारीरिक बीमारी का रिकॉर्ड विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर में संधारित किया जायेगा। विद्यालय में आयोजित सभी प्रकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान किया जायेगा ।
प्रत्येक माह के अंतिम दिवस को विद्यालय में “स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें विद्यालय परिसर एवं कक्षा कक्षों की साफ-सफाई, ठोस कचरा निस्तारण, जल निकास एवं पानी की टंकियों की साफ-सफाई, सामूहिक रूप से शिक्षकों के निर्देशन में की जायेगी।
सप्ताह में एक बार प्रार्थना स्थल पर सभी बच्चों की शारीरिक स्वच्छता जैसे कि नाखून, स्नान, सिर के बालों, दाँतों, यूनिफॉर्म, जूते-मोजों इत्यादि की साफ-सफाई की जाँच की जायेगी एवं बच्चों को शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जायेगा।
जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियों आयोजित की जाकर अपने आस-पास के लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जायेगा जल संरक्षण के प्रति आयोजित होने वाले “जल शक्ति अभियान अन्तर्गत सभी विद्यालयों के ईको क्लब द्वारा जल संरक्षण के प्रचार-प्रसार के आयोजन किये जायेंगे।
विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमताओं को पहचानने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विद्यालय के अनुपयोगी, निष्क्रिय व अन्य संसाधनों का अधिकाधिक उपयोग किया जाकर उनकी सृजनात्मक क्षमताओं को विकसित किया जाये।
विद्यार्थियों में सहशैक्षिक व मनोरंजक गतिविधियों का बढ़ावा देने के लिये विद्यालय के अनुपयोगी, निष्क्रिय सामानों का विद्यालय समय पश्चात व अवकाश दिवसों में भी विद्यालय के खेल मैदान, खेल उपकरण व अन्य गतिविधियों में उपयोग में लिया जा सकता है, जिससे बच्चों में सृजनात्मक एवं संज्ञानात्मक समझ का विकास हो सके।जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड
विद्यालयों में पर्यावरण को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न गतिविधियां, पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धी वार्तायें, निबन्ध प्रतियोगिता, रैली इत्यादि का आयोजन किया जाये।
विद्यालय में चारदीवारी, पर्याप्त भूमि एवं जलस्त्रोत उपलब्ध होने की स्थिति में पोषण वाटिका एवं फलदार पौधों एवं किचन गार्डन को लगाया जाये।
विद्यालय परिसर में 200 पौधे लगाये जाने की स्थिति में सम्बन्धित सीआरसी / संस्था प्रधान द्वारा सम्बन्धित ग्राम पंचायत सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी से अग्रिम सम्पर्क समन्वय स्थापित कर विद्यालय में लगाये जाने वाले पोषण वाटिका / नर्सरी की समुचित सुरक्षा हेतु राज्य सरकार के आदेश क्रमांक PS/PSSE / 2021 जयपुर दिनांक 23.06.2021 के अनुसार महात्मा गांधी मनरेगा योजना से एक श्रमिक की सेवायें प्राप्त करने के सम्बन्ध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज द्वारा सहमति प्रदान की गयी है। समस्त सीआरसी/ संस्था प्रधान संलग्न आदेशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।
पर्यावरण को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना हमारा कर्त्तव्य है। पर्यावरण संतुलन बनाने व विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों में पर्यावरण की समझ विकसित करने के लिये निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राज, बीकानेर के आदेश क्रमांक शिविरा-माध्य / मा-स / पर्यावरण / 2017 / 136 दिनांक 11 जून, 2021 द्वारा लागू “विद्यालय वाटिका”, “हरित विद्यालय योजना” की कार्ययोजना बनाकर ईको क्लब में बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित की जाये।
विद्यार्थियों को सड़क पर पैदल चलने एवं वाहन चलाने के नियमों की जानकारी दी जायेगी।
विद्यालय प्रबन्धन समिति का यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में सहयोग एवं सहभागिता ।
जिलेवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य –
डाइस 2021-22 में प्रविष्ट राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा के 53005 एवं माध्यमिक शिक्षा मद के 15360 विद्यालयों के लिये बजट का प्रावधान स्वीकृत है (शून्य नामांकन वाले विद्यालयों को छोड़ते हुये ) ।
इस मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक व्यय नहीं किया जाये। निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर वसूली की जाएगी। क्रय हेतु वित्तीय नियमों का ध्यान रखा जाये ।
किये गये व्यय का निर्धारित समयावधि में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाये ।
राशि का उपयोग गतिविधि व शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।
क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पादरर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये ।
प्रत्येक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार के पास 4ft x 2.5ft का स्थायी बोर्ड लगवा कर हरे रंग की पूर्ण पृष्ठभूमि में पीले रंग से *यूथ एवं ईको क्लब, समग्र शिक्षा राजस्थान* अंकित करवाना है|
अन्य निर्देश
संलग्न परिशिष्टानुसार विद्यालय / ब्लॉक से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकल रूप से जिला उपयोगिता प्रमाण पत्र कर परिषद का प्रेषित करें।
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश 2023-24 SPORTS GRANT GUIDELINE 2023-24 ( खेले भारत खिले भारत ) : खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। खेलने से व्यक्ति का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है तथा इससे शरीर के रक्त परिसंचरण में सहायता मिलती है, जो हमारे शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आवश्यक है । “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है” इसलिये शारीरिक विकास के लिए व्यायाम ज़रूरी है, जो हमें खेलों के माध्यम से प्राप्त होता है। खेल व्यायाम का सबसे अच्छा साधन माना जाता है। खेल से पारस्परिक सौहार्द व टीम भावना जागृत होती है। व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए यह अनिवार्य है कि खेल और शिक्षा दोनों को ही बराबर का महत्व दिया जाये ।
बच्चों के स्वस्थ एवं सुदृढ़ भविष्य के लिए खेलों के महत्व को समझते हुए समग्र शिक्षा वर्ष 2023-24 में “खेले भारत-खिले भारत’ के तहत डाइस 2021-22 के अनुसार प्रारम्भिक एवं माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों को देय है, जो कि शिक्षा विभाग / पंचायती राज विभाग / केजीबीवी / संस्कृत शिक्षा के विद्यालयों/ शिक्षाकर्मी बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालयों / समाज कल्याण विभाग के अधीन आते हैं, के लिये स्पोर्ट्स ग्रान्ट का प्रावधान किया गया है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों DO No. 17-3/2018-15-5(Pt.1) दिनांक 24 दिसम्बर, 2018 के अनुसरण में इस राशि का उपयोग किया जाना है; के जारी विस्तृत निर्देश संलग्न हैं, जिनके अनुसार कार्यवाही की जानी है।
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE
प्रावधित राशि
खेल अनुदान को स्कूल के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग इकाई लागत है। अनुदान विवरण इस प्रकार हैं:
स्कूल श्रेणी
स्कूलों की संख्या
इकाई लागत (रुपये में)
अनुदान राशि
प्राथमिक विद्यालय
33,534
5000
1677.70000
उच्च प्राथमिक विद्यालय
19451
10000
1945.10000
माध्यमिक विद्यालय
3741
25000
935.25000
उच्च माध्यमिक विद्यालय
11798
25000
2949.55000
योग
68554
7507.55000
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE
(नोट: शून्य नामांकन वाले स्कूलों को बाहर रखा गया है)
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों तथा शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में निम्नलिखित खेलों को प्रोत्साहित करने हेतु खेल सामग्री का क्रय प्राथमिकता के साथ किया जाए –
2. खेल अनुदान राशि के उपयोग हेतु दिशा-निर्देशः-
विद्यालयों द्वारा खेल अनुदान राशि का उपयोग आयु अनुरूप खेल सामग्री / उपकरण क्रय किये जाने में किया जाना है।
एसएमसी / एसडीएमसी विद्यालयों में खेल सुविधाओं की उपलब्धता एवं विद्यालय तथा विद्यार्थियों की उपयोगिता अनुसार ही खेल सामग्री क्रय किया जाना सुनिश्चित करें ।
जो खेल सामग्री सही हालत में उपलब्ध है, उसे पुनः क्रय नहीं करें।
सूची की खेल सामग्री के अतिरिक्त विद्यालय में खेल सुविधाओं की उपलब्धता अनुसार विद्यालय एवं विद्यार्थियों के लिए उपयोगी अन्य खेल सामग्री भी क्रय की जा सकेगी।
सूची में उल्लेखित खेल सामग्री से पृथक खेल सामग्री क्रय करने के लिए एसएमसी / एसडीएमसी को स्वीकृति आदेश जारी करना होगा।
विद्यालयों में क्षेत्रीय एवं परम्परागत खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय स्तर पर खेल सामग्री एवं उपकरणों को क्रय भी किया जा सकेगा ।
निदेशालय प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा द्वारा राजकीय विद्यालयों के लिए आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में आयोजित होने वाले खेलों की खेल सामग्री को क्रय किये जाने हेतु खेल अनुदान राशि का उपयोग किया जा सकेगा ।
खेल अनुदान राशि द्वारा क्रय की गई खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों का विद्यालय में खेल सामग्री/ उपकरण स्टॉक रजिस्टर में रिकॉर्ड संधारित किया जायेगा ।
स्टॉक रजिस्टर में क्रियाशील सामग्री, मरम्मत योग्य सामग्री एवं खारिज योग्य सामग्री नाम से तीन श्रेणियों में खेल सामग्री / उपकरणों का रिकॉर्ड संधारित किया जायेगा ।
नवीन खेल सामग्री / उपकरण इस प्रकार क्रय की जायेगी, जिससे विद्यालय में खेल सामग्री / उपकरण का आवश्यक स्टॉक सदैव उपलब्ध रहे।
विद्यालय के शारीरिक शिक्षक / खेल प्रभारी शिक्षक द्वारा खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों का स्टॉक रजिस्टर संधारित किया जायेगा तथा खेल सामग्री / उपकरणों एवं खेल सहायक सामग्री का रख-रखाव किया जायेगा ।
राशि व्यय / उपयोग के उपरान्त अविलम्ब उपयोगिता प्रमाण पत्र परिषद को प्रेषित किये जायें।
3. कक्षा अनुसार सुझावात्मक खेल गतिविधियाँ:-
आप शिक्षा जगत के तीव्र अपडेट के लिए इस व्हाट्सएप्प चैनल को जरूर Follow कर लेवें। 👇👇👇👇
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE
IV- अन्य क्षेत्रीय खेल
अट्या पट्या
कैरम
लंगड़ी
जूडो
मलखंब रोलर स्केटिंग
सॉफ्ट टेनिस
योगा
स्क्वॉश
सितोलिया
स्क्वॉश
खो-खो
लूडो
मुख्यधारा के खेल (एथेलेटिक्स के अलावा, जिमनास्टिक्स, तैराकी) को तीन व्यापक श्रेणियों अर्थात् प्रादेशिक नेट / वॉल गेम एवं क्षेत्ररक्षक में विभाजित किया जा सकता है।
V- प्रादेशिक खेल
प्रादेशिक खेल वे हैं, जिनमें दो टीमें एक ऐसे क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करती हैं जो आक्रामक और रक्षात्मक खेलने की संभावनाएं प्रदान करती हैं लक्ष्य एक प्रतिद्वंद्वी के क्षेत्र को स्कोर करने के लिए आक्रमण करना है। स्कोरिंग एक विशेष लक्ष्य के लिए प्रोजेक्टिंग एवं ऑब्जेक्ट (जैसे एक गेंद) द्वारा हासिल की जाती है, गेंद को लक्ष्य क्षेत्र में सटीक रूप से शूट किया जाता है या गेंद को एक खुले सिरे वाले लक्ष्य (जैसे एक रेखा के पार) में स्थानांतरित किया जाता है। जो निम्न है:- बास्केटबॉल हैंडबाल
VI– नेट / वॉल गेम
नेट / वॉल गेम वे हैं जिनमें दो खिलाड़ी/ टीम एक क्षेत्र के भीतर प्रतिस्पर्धा करते है। इसमें नेट को निर्धारित ऊंचाई पर रखा जाता है। प्रतिद्वंदी एक सफल वापसी करने में असमर्थ होता है तो दूसरे दल को स्कोर प्राप्त होता है, जो निम्न है :-
बैडमिंटन टेबल टेनिस
नेटबॉल
रग्बी फुटबॉल
टेनिस वॉलीबॉल
स्क्वॉश
VII- क्षेत्र-रक्षण खेल –
क्षेत्ररक्षण खेल वे हैं, जिनमें दो टीमें एक ऐसे क्षेत्र के भीतर प्रतिस्पर्धा करती हैं जो आक्रामक और रक्षात्मक क्रियाओं के लिए संभावनाएं प्रदान करती हैं। बल्लेबाजी टीम के लिए लक्ष्य एक वस्तु (गेंद) पर प्रहार करना होता है। क्षेत्र रक्षकों से बचकर व वस्तु (गेंद) सीमा रेखा के बाहर हो जाये तब स्कोरिंग हासिल होती है। क्षेत्ररक्षण टीम का लक्ष्य बल्लेबाजी टीम को रन बनाने से रोकना है।
खेलकूद प्रतियोगिताओ के योग्यता आवेदन फॉर्म ऑटो जनरेट सोफ्टवेयर श्री रामकरण बेनीवाल CLICK HERE
शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित खेल सामग्री / उपकरणों की सूची (कक्षा 6 -8) प्रावधित ₹ 10,000
खेल सामग्री
उपयोग
कक्षा
सांकेतिक मूल्य (रु.)
संख्या
कुल लागत (रु.)
शॉट पुट (रबड़)
शॉटपुट के लिए उपयोग
कक्षा 6 – 8
330
1
330
डिस्कस (रबड़)
डिस्कस थ्रो के लिए उपयोग
कक्षा 6 – 8
330
1
330
स्किपिंग रोप
स्किपिंग रोप में उपयोग
कक्षा 6 – 8
100
5
500
लकड़ी का क्रिकेट बैट – आकर 4
क्रिकेट में उपयोग
कक्षा 6 – 8
265
2
530
टेनिस बॉल
क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाले बुनियादी कौशल को पकड़ने और फेंकने के लिए उपयोग
कक्षा 6 – 8
45
6
270
पीयू वॉलीबाल – आकर 4
वॉलीबाल में उपयोग
कक्षा 6 – 8
320
2
640
वॉलीबाल नेट
वॉलीबाल में उपयोग
कक्षा 6 – 8
500
1
500
हेंडबाल आकर 1 (50-52 CM)
हैंडबॉल में उपयोग
कक्षा 6 – 8
390
2
780
थ्रो बॉल
थ्रो बॉल में उपयोग
कक्षा 6 – 8
375
2
750
रग्बी बाल
हाथ से आंख का समन्वय विकसित करने के लिए उपयोग
कक्षा 6 – 8
260
1
260
बास्केट बॉल
बास्केट बॉल में उपयोग
कक्षा 6 – 8
370
1
370
पीयू हेंड स्विच फूटबाल आकर -4
फुटबॉल में उपयोग
कक्षा 6 – 8
425
2
850
फ्रीजबी
प्लास्टिक की प्लेट की आकृति का खिलौना जो फेंककर खेला जाता है |मनोरंजक खेलों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है हाथ से आंख का समन्वय विकसित करना
कक्षा 6 – 8
75
2
150
फुर्ती चपलता की सीढ़ी
फुर्ती चपलता में उपयोग
कक्षा 6 – 8
240
1
240
6 ” स्टेप हर्डल
फुर्ती और कूदने यहाँ उछलने का अभ्यास करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लोको मीटर का कौशल विकसित करने के लिए
कक्षा 6 – 8
65
2
130
9 ” स्टेप हर्डल
फुर्ती और कूदने यहाँ उछलने का अभ्यास करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लोको मीटर का कौशल विकसित करने के लिए
कक्षा 6 – 8
74
3
222
मार्किंग कोन 1 से 9 नम्बर तक
बाउंड्रियों को मार्क एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को स्थापित करना
कक्षा 6 – 8
32
9
288
मार्किंग कोन 12 “
बाउंड्रियों को मार्क एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को स्थापित करना
कक्षा 6 – 8
44
4
176
सोसर कोन
सभी खेल फुटबॉल बास्केटबॉल खो खो कबड्डी आदि के लिए ग्राउंड मार्किंग का अच्छा विकल्प
कक्षा 6 – 8
10
20
200
नॉयलोन बिब्स ग्रीन
नाइलॉन में बिब में पक्ष लोचदार होते हैं और विभिन्न आयु समूहों में उपयोग किए जा सकते हैं मैच खेलने के दौरान टीमों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है|
कक्षा 6 – 8
50
11
550
फूट पम्प बास्केट बाल आकर – 3
फुटबॉल बास्केटबॉल आदि का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना
कक्षा 6 – 8
640
1
640
फस्ट एड किट
छोटी चोटों हेतु
कक्षा 6 – 8
1294
1
1294
कुल
10,000
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE
जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : विजय प्रजापतCLICK HERE
जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड CLICK HERE
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINEशिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित खेल सामग्री / उपकरणों की सूची (कक्षा 9 -12) प्रावधित ₹ 25,000
खेल सामग्री
उपयोग
कक्षा
सांकेतिक मूल्य (रु.)
संख्या
कुल लागत (रु.)
शॉट पुट (रबड़)
शॉटपुट के लिए उपयोग
कक्षा 9 – 12
330
4
1320
डिस्कस (रबड़)
डिस्कस थ्रो के लिए उपयोग
कक्षा 9 – 12
330
4
1320
स्किपिंग रोप
स्किपिंग रोप में उपयोग
कक्षा 9 – 12
100
6
600
लकड़ी का क्रिकेट बैट – आकर 4
क्रिकेट में उपयोग
कक्षा 9 – 12
265
4
1060
टेनिस बॉल
क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाले बुनियादी कौशल को पकड़ने और फेंकने के लिए उपयोग
कक्षा 9 – 12
45
20
900
पीयू वॉलीबाल – आकर 4
वॉलीबाल में उपयोग
कक्षा 9 – 12
320
3
960
वॉलीबाल नेट
वॉलीबाल में उपयोग
कक्षा 9 – 12
500
1
500
हेंडबाल आकर 1 (50-52 CM)
हैंडबॉल में उपयोग
कक्षा 9 – 12
390
2
780
थ्रो बॉल
थ्रो बॉल में उपयोग
कक्षा 9 – 12
375
2
750
रग्बी बाल
हाथ से आंख का समन्वय विकसित करने के लिए उपयोग
कक्षा 9 – 12
260
2
520
बास्केट बॉल
बास्केट बॉल में उपयोग
कक्षा 9 – 12
370
2
740
पीयू हेंड स्विच फूटबाल आकर -5
फुटबॉल में उपयोग
कक्षा 9 – 12
425
4
1700
फूट पम्प
फुटबॉल बास्केटबॉल आदि का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना
कक्षा 9 – 12
640
2
1280
फ्रीजबी
प्लास्टिक की प्लेट की आकृति का खिलौना जो फेंककर खेला जाता है |मनोरंजक खेलों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है हाथ से आंख का समन्वय विकसित करना
कक्षा 9 – 12
75
2
150
फुर्ती चपलता की सीढ़ी
फुर्ती चपलता में उपयोग
कक्षा 9 – 12
240
2
480
12 ” स्टेप हर्डल
फुर्ती और कूदने यहाँ उछलने का अभ्यास करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लोको मीटर का कौशल विकसित करने के लिए
कक्षा 9 – 12
80
6
480
9 ” स्टेप हर्डल
फुर्ती और कूदने यहाँ उछलने का अभ्यास करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लोको मीटर का कौशल विकसित करने के लिए
कक्षा 9 – 12
74
6
444
मार्किंग कोन 1 से 9 नम्बर तक
बाउंड्रियों को मार्क एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को स्थापित करना
कक्षा 9 – 12
32
9
288
मार्किंग कोन 12 “
बाउंड्रियों को मार्क एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को स्थापित करना
कक्षा 9 – 12
44
4
176
सोसर कोन
सभी खेल फुटबॉल बास्केटबॉल खो खो कबड्डी आदि के लिए ग्राउंड मार्किंग का अच्छा विकल्प
कक्षा 9 – 12
10
40
400
नॉयलोन बिब्स ग्रीन
नाइलॉन में बिब में पक्ष लोचदार होते हैं और विभिन्न आयु समूहों में उपयोग किए जा सकते हैं मैच खेलने के दौरान टीमों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है|
कक्षा 9 – 12
50
11
550
रीलेय बेटोंस
रीलेय में दोड़ उपयोग
कक्षा 9 – 12
74
3
222
फस्ट एड किट
छोटी चोटों हेतु
कक्षा 9 – 12
1300
1
1300
कुल
25,000
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE
4. खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों के रख-रखाव एवं उपयोग हेतु दिशा-निर्देश:-
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE : विद्यालय में उपलब्ध खेल सुविधाओं की सफलता उनके उपयोग पर निर्भर करती है। इसके लिए खेल सामग्री एवं उपकरणों का उपयोग किये जाने की स्थिति में आवश्यक है विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं के लिए निम्न बिन्दुओं पर ध्यान दिया जाए:-
खेल मैदानों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित रखरखाव करना आवश्यक है।
पिच से पत्तियों, पत्थरों, कंकड़, फ़्लेश, तेज वस्तुओं के टुकड़े निकालें।
प्रतिदिन फर्श को स्वाइप करें अगर यह एक सीमेंट का फर्श है।
खेल मैदान में केवल अनुशंसित फुटवियर की अनुमति दे।
खेल मैदान और आस-पास परिवेश की स्वच्छता बनाए रखें।
उपकरणों की स्वच्छता और गुणवत्ता बनाए रखें।
पर्याप्त डस्टबिन रखें।
समय-समय पर गोल पोस्ट, वॉलीबॉल पोल, बास्केटबॉल पोस्ट आदि के रखरखाव की जांच करें।
वर्ष में कम से कम एक बार विशेष रखरखाव ।
जमीन का स्तर और ढलान ऐसा होना चाहिए जिसमें जल जमाव न हो ।
ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत और जांच
पेशेवर मशीनरी के साथ विशेष ब्रशिंग (जैसे सीमेंट वाले फर्श के लिए)।
सभी कृत्रिम उपकरणों के रख-रखाव के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें। यदि खेलने का स्थान पक्का है तो उसकी नियमित सफाई की जाए।
खेल के दौरान स्वीकृत जूतों का उपयोग किया जाए।
खेल सामग्री / उपकरणों की नियमित साफ-सफाई एवं गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। खेल गतिविधियों के दौरान उचित संख्या में कचरा पात्रों की व्यवस्था की जाए।
खेल मैदान का लेवल एवं ढाल इस प्रकार होना चाहिए, जिससे जल भराव नहीं हो।
खेल मैदान के आस-पास की जल निकासी व्यवस्था की जांच कर उसकी वर्ष में कम से कम एकबार आवश्यकतानुसार मरम्मत कराई जाए।
विभिन्न प्रकार की गेंदो के लिये मानक वायुदाब
फुटबॉल 0.6.1.1 वायुदाब ( 600.1, 100g / cm 2 )
बास्केटबॉल 3.17-40 वायुदाब (3170-4000g/cm 2 )
वॉलीबॉल 0.30-0.325 वायुदाब (300-325g / cm 2 )
गेंदो का उपयोग किए जाने से पूर्व ध्यान देने योग्य बातें
गेंदो में हवा भरकर वायुदाब सही करना ।
गेंद में हवा भरने से पूर्व सुई को गीला करना ।
गेंद में धीरे-धीरे हवा भरने के साथ गेंद को दबाना ।
गेंद में एकसाथ तेजी से ज्यादा हवा भरने पर गेंद के अन्दर की ट्यूब / ब्लैडर खराब हो जाता है।
गेंद में मशीन से हवा नहीं भरें क्योंकि इससे ज्यादा हवा भर जाने की संभावना बनी रहती है।
गेंदों का उपयोग किये जाने के पश्चात ध्यान देने योग्य बातें
उपयोग पश्चात गेंद में से कुछ हवा निकाल देनी चाहिए, जिससे गेंद के अन्दर का वायुदाब कम हो जाए।
हवा का दबाव कम नहीं करने पर गेंद का आकार एवं आकृति विरूपित हो सकती है।
गेंद को पहले गीले एवं बाद में सूखे कपड़े से पोंछ कर साफ किया जाए।
गेंदो को सुरक्षित रखने हेतु ध्यान देने योग्य बातें
गेंद को सीधे सूर्य की रोशनी में नहीं रखना चाहिए, ना ही गर्म स्थान पर रखना चाहिए।
गेंद को हवादार स्थान पर रखना चाहिए एवं नियमित रूप से हवा भरकर खेलने हेतु उपयोग किया जाए ।
खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों का उपयोग नहीं होने पर भी यह आवश्यक है कि उनकी नियमित साफ-सफाई एवं रख-रखाव किया जाए।
खेल मैदान में सुरक्षा हेतु दिशा-निर्देश:-
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE के अनुसार खेल मैदान में सुरक्षा की दृष्टि से अच्छी खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों का उपयोग किया जाना, खिलाड़ियों को खेल के नियमों की जानकारी होना एवं खेल गतिविधियों को सुनियोजित प्रकार से योजना बनाकर संचालित किया जाना आवश्यक है। छात्र-छात्राओं को खेलने का सुरक्षित वातावरण देने के लिए खेल के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं एवं परिस्थितियाँ जिनके कारण दुर्घटना होना संभव है, का रिकॉर्ड रखना एवं खेल गतिविधि संचालित होने से पहले उपचारात्मक उपाय किया जाना आवश्यक है। इन सुरक्षा नियमों की क्रियान्विति से खेल गतिविधियाँ सुरक्षित वातावरण में संचालित हो सकेंगी एवं खेल के दौरान छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
6. मॉनीटरिंग
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE विद्यालयों द्वारा स्पोर्टस ग्रान्ट की राशि का उपयोग नियमानुसार किये जाने एवं सामग्री की गुणवत्ता; लेखा एवं वित्तीय नियमानुसार क्रय प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुये प्रत्येक सीआरसी / यूसीईईओ अपने अधीनस्थ विद्यालयों की नियमित मॉनीटरिंग करेंगे।
प्रत्येक ब्लॉक कार्यालय स्तर पर तीन सदस्य यथा सीबीईओ, एसीबीईओ, लेखा अधिकारी की समिति का गठन कर सीआरसी / यूसीईईओ द्वारा की जा रही मॉनीटरिंग एवं विद्यालयों द्वारा क्रय की जा रही खेल सामग्री को लेखा एवं वित्तीय नियमांनुसार क्रय प्रक्रिया, गुणवत्ता एवं पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुये नियमित रूप से मॉनीटरिंग करेंगे।
जिला कार्यालय स्तर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक एवं सम्बन्धित सहायक परियोजना समन्वयक / कार्यक्रम प्रभारी अधिकारी संयुक्त रूप से विद्यालयों द्वारा लेखा एवं वित्तीय नियमानुसार क्रय प्रक्रिया अपनाते हुये क्रय की जा रही खेल सामग्री की कार्यवाही की विद्यालय स्तर एवं ब्लॉक कार्यालय स्तर के अधिकारियों द्वारा की जा रही मॉनीटरिंग की समीक्षा करेंगे।
किसी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही विभाग द्वारा अमल में लायी जायेगी। अतः खेल सामग्री की क्रय प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुये लेखा नियमानुसार कार्यवाही कर गुणवत्तापूर्ण सामग्री क्रय की जाये ।
सप्ताह में कम से कम एक कालांश खेल सम्बन्धी होना चाहिये ।
विभाग द्वारा आयोजित खेल गतिविधियों के आयोजन में राशि का उपयोग लिया जा सकता है।
विद्यालय में उपलब्ध खेल सामग्री के रख-रखाव, उपयोग में लिये जाने की स्थिति में बनाये रखने में राशि का उपयोग लिया जा सकता है।
खेल सामग्री / उपकरण के रख-रखाव, भण्डार पंजिका का संधारण, खेलने योग्य खेल सामानों की उपलब्धता इत्यादि का दायित्व शारीरिक शिक्षक / प्रभारी शिक्षक द्वारा वहन किया जायेगा ।
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE
8. लेखा सम्बन्धी नियम :-
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE के अनुसार इस मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक व्यय नहीं किया जाये। निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर वसूली की जाएगी। क्रय हेतु वित्तीय नियमों का ध्यान रखा जाये।
किये गये व्यय का निर्धारित समयावधि में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाकर समायोजन सुनिश्चित करवाया जाये।
राशि का उपयोग गतिविधि व शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।
क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पादरर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये ।
विशेष
वर्तमान में राज्य में सैकण्डरी की श्रेणी के समस्त विद्यालय उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किये जा चुके है । किन्तु भारत सरकार से अनुमोदित की गयी पी०ए०बी० का आधार यू-डाइस 2021-22 है। अतः यू-डाइस 2021-22 में दी गयी विद्यालय श्रेणी के अनुसार ही राशि जारी की जानी है।
परिषद कार्यालय से एस. एन.ए. से राशि आहरण की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त जिला कार्यालय तीन दिवस में चरणबद्ध रूप से ब्लॉक / पीईईओ, यूसीईईओ / विद्यालय को राशि आहरण की स्वीकृति जारी करवाया जाना सुनिश्चित करें।
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें
Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र : नमस्कार, कर्मचारी बंधुओं, इस आर्टिकल में हम संस्थापन और अवकाश से संबंधित प्रपत्र आपके लिए लेकर आए हैं, जिसमें उपार्जित अवकाश, नकदीकरण और कार्यालय आदेश, चाइल्ड केयर लीव के साथ साथ कार्यग्रहण काल के बदले उपार्जित अवकाश, रोग और आरोग्य प्रमाण पत्र आदि के प्रपत्र हम यहाँ पर आपके लिए उपलब्ध करवाएं है।
संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र शाला सुगम टीम को उम्मीद है कि आपको ये प्रपत्र पीडीएफ़ वर्ड और एक्सेल फॉर्मेट में पसंद आएँगे। और आशा है कि आप इस आर्टिकल के लिंक को अपने मित्रों, सहकर्मियों, मंत्रालयिक कर्मचारी और आहरण वितरण अधिकारियों को साझा करेंगे।
Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें