Physical verification process in private schools under RTE : वर्तमान सत्र आरटीई, इन्दिरा महिला शक्ति निधि तथा मुख्यमंत्री पुनर्भरण योजना के तहत अध्ययनरत बालक-बालिकाओं के भौतिक सत्यापन हेतु दिशा-निर्देशों के संबंध में शैक्षिक वर्तमान सत्र में आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) के तहत निःशुल्क सीट्स, इन्दिरा महिला शक्ति निधि तथा मुख्यमंत्री पुनर्भरण योजना के तहत अध्ययनरत बालक-बालिकाओं की फीस का पुनर्भरण किये जाने से पूर्व गैर सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन करवाया जाता है उक्त के क्रम में शिक्षा विभाग व राजस्थान सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किये है।
विभाग द्वारा जारी दिशा-निदेर्शो के अनुरूप निर्धारित टाईम फ्रेम की तिथियों तक दल गठन, दल प्रशिक्षण तथा भौतिक सत्यापनप कार्य पूर्ण करवाया जायेगा। Physical verification process in private schools under RTE
गैर सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन प्रक्रिया / Physical verification process in private schools under RTE
गैर सरकारी विद्यालयों में भौतिक सत्यापन प्रक्रिया / Physical verification process in private schools under RTE
गैर सरकारी विद्यालयों में वर्तमान सत्र में निःशुल्क शिक्षा हेतु नव प्रवेशित एवं पूर्व सत्रों के क्रमोन्नत बालक-बालिकाओं/ इन्द्रा महिला शक्ति फीस पुनर्भरण योजना अथवा मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के अन्तर्गत अध्ययनरत बालक-बालिकाओं के भौतिक सत्यापन संबंधी दिशा-निर्देश (निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) के प्रावधानान्तर्गत) भाग-1
(1) भौतिक सत्यापन हेतु किये जाने वाले कार्य
सत्यापन दलों का गठन:-
जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.शि.) एवं जिला शिक्षा अधिकारी (मा.शि.) अपने-अपने परिक्षेत्र के गैर-सरकारी विद्यालयों की संख्या के आधार पर सत्यापन दलों का गठन एन.आई.सी द्वारा किया जायेगा |
दलों का गठन केवल उन्ही विद्यालयों के लिए किया जायेगा, जिनमे आरटीई की धारा 12 (1) (ग) के तहत् निःशुल्क सीट्स / इन्दिरा महिला शक्ति फीस पुनर्भरण योजना अथवा मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। ये सूचियां डीईओ प्रा. शि. / डीईओ मा.शि. के लॉगिन में उपलब्ध है ।
सत्यापन दलों का गठन ऑनलाइन तरीके से किया जाएगा। प्रत्येक दल में शामिल दोनों सदस्यों का चुनाव एक ही विद्यालय से किया जाएगा। एक सत्यापन दल को अधिकतम 3 विद्यालय आवंटित किए जाऐंगे। पूर्व में गठित दल यदि किसी कारण से भौतिक सत्यापन करने में असमर्थ है तो परिवेदना के आधार पर दल को निरस्त करने एवं नवीन दल के ऑनलाइन गठन का अधिकार सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी का रहेगा ।
सत्यापन दल का अध्यक्ष राजपत्रित अधिकारी होगा तथा एक अन्य सदस्य उपलब्धता के आधार पर व्याख्याता / वरिष्ठ अध्यापक / अध्यापक / लिपिक वर्ग होगा।
प्रारम्भिक शिक्षा में पर्याप्त संख्या में राजपत्रित अधिकारी उपलब्ध न होने की स्थिति में दलों के अध्यक्ष के रूप में माध्यमिक शिक्षा से प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक / व्याख्याता लिए जा सकेगें तथा शेष एक सदस्य प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय / अध्यापक में से लिया जा सकेगा ।
दल गठन के समय यथा सम्भव दल सदस्यों के पदस्थापन के ब्लॉक में ही गैर-सरकारी विद्यालय सत्यापन हेतु दिये जायें। Physical verification process in private schools under RTE
निरीक्षण दल के सदस्यों के नाम, पद एवं पदस्थापन स्थान सत्र 2024-25यहाँ क्लिक करें
विशेष सत्यापन दलों का गठन:-
जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा / माध्यमिक शिक्षा ( प्रथम / द्वितीय) अपने अधीन विद्यालयों के सेम्पल सत्यापन के लिए आवश्यकतानुसार अपने कार्यालय से विशेष सत्यापन दलों का गठन करेंगे।
यह विशेष सत्यापन दल जिले में विद्यालयों की संख्या का एक प्रतिशत अथवा 20 विद्यालय, जो भी अधिक हों का अनिवार्य रूप से सत्यापन करेंगे ।
ये विशेष दल उन विद्यालयों का पुनः सत्यापन करेंगे जो सत्यापन दलों द्वारा सत्यापित किए जा चुके हैं। निरीक्षण से पूर्व उन विद्यालयों की मूल सत्यापित रिपोर्ट साथ लेकर जाएंगे तथा मूल सत्यापन से भिन्नता पाये जाने पर विशेष सत्यापन दल के अध्यक्ष द्वारा मूल सत्यापन रिपोर्ट में लाल स्याही के पैन से आवश्यक संशोधन किये जाऐंगे। उक्त संशोधन विद्यालय प्रति एवं कार्यालय प्रति दोनों में किये जाएगे ।
विद्यालय द्वारा विशेष सत्यापन दल द्वारा संशोधित सत्यापन रिपोर्ट को ही आरटीई वेबपोर्टल पर अपलोड किया जाऐगा तथा सम्बन्धित कार्यालय द्वारा उसी के अनुरूप इसका मिलान कर सत्यापन किया जाऐगा। विशेष सत्यापन दलों द्वारा उन विद्यालयों की भी पुनः जॉच की जायेगी जिन विद्यालयों के भौतिक सत्यापन के सम्बन्ध में परिवेदनायें प्राप्त हुई हैं।
विशेष जाँच दल द्वारा निरीक्षण किये गये विद्यालयों की सूचना की प्रविष्टि जिला शिक्षा अधिकारी के लॉगिन से करनी है। Physical verification process in private schools under RTE
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा अपने – अपने परिक्षेत्र के विद्यालयों के लिए गठित सत्यापन दलों का प्रशिक्षण कराया जाना सुनिश्चित करेंगे। बिना प्रशिक्षण के किसी भी सत्यापन दल को सत्यापन हेतु विद्यालय में नहीं भेजा जायेगा । सत्यापन दलों को यह स्पष्ट किया जाए कि सत्र 2024-25 का भौतिक सत्यापन प्रपत्र भरा जाए।
प्रशिक्षण के दौरान सत्यापन दलों को “दुर्बल वर्ग” व ” असुविधाग्रस्त समूह” की परिभाषा, प्रवेश हेतु कैचमेंट एरिया, आयु पॉलिसी व एन्ट्री कक्षा एवं आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जॉच के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश की ऑनलाइन व विगत सत्रों की ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया की जानकारी सत्यापन दलों को दी जायेगी।
इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा 9 से 11 में अध्ययनरत बालिकाओं तथा मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा-9 व कक्षा – 10 में अध्ययनरत बालकों के विद्यालय में वास्तविक रूप से अध्ययनरत होने तथा पोर्टल पर बालक – बालिका के जनआधार की अनिवार्य प्रविष्टि के संबंध में जानकारी दी जायेगी।
यह जानकारी इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना एवं मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के दिशा-निर्देशों के आधार पर दी जायेगी। यह दिशा निर्देश प्राइवेट स्कूल वेब पोर्टल http://www.rajpsp.nic.inपर उपलब्ध हैं ।
सत्यापन दलों को सम्बन्धित विद्यालयों के नाम की सूची मय पता मोबाइल नम्बर, लैण्डलाइन नम्बर उपलब्ध करवायी जाएगी तथा सत्यापन दलों को भौतिक सत्यापन के दिशा-निर्देशों की एक-एक प्रति भी दी जाएगी।
जिले के आरटीई प्रभारी अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी के फोन नम्बर भी सत्यापन दलों को उपलब्ध करवायें जायें जिससे सत्यापन दल आवश्यकता पड़ने पर जानकारी प्राप्त कर सकें।
शाला दर्पण छात्रवृत्ति प्रभारी के कार्य और छात्रवृत्ति की प्रक्रियायहाँ क्लिक करें
भौतिक सत्यापन प्रतिवेदनों को कार्यालय स्तर से सत्यापित करना :-
भौतिक सत्यापन के दौरान सत्त मॉनिटरिंग कर विद्यालयों से सत्यापन प्रतिवेदनों की प्रविष्टि करवायी जाए । जिन विद्यालयों के सत्यापन प्रतिवेदन ऑनलाइन प्रविष्ट कर लॉक कर दिए जाऐं उन प्रतिवेदनों की कार्यालय प्रति से मिलान करते हुए उन्हें तत्काल सत्यापित या आक्षेपित कर दिया जाए ।
सत्यापन करते समय यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि निःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत समस्त बालकों के आधार नम्बर ऑनलाइन प्रविष्ट कर दिए गए हैं।
कार्यालय स्तर से निर्धारित तिथि तक सत्यापन प्रतिवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं होने तथा विद्यालय के फीस पुनर्भरण से वंचित होने पर सम्बन्धित अधिकारी / कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। Physical verification process in private schools under RTE
भौतिक सत्यापन का टाइम फ्रेम :-
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नोट: – कार्यालय द्वारा सत्यापन रिपोर्ट के मिलान के दौरान रिजेक्ट की गयी रिपोर्ट को विद्यालय द्वारा सही प्रविष्ट कर अधिकतम 7 दिवस के अन्दर पुनः लॉक करना है। यदि विद्यालय तय अवधि में रिपोर्ट को लॉक नहीं करता है तो विभाग द्वारा इन बालकों की फीस का पुनर्भरण नहीं किया जायेगा तथा विद्यालय निःशुल्क सीट्स पर प्रवेशित बालकों को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बाध्य होगा।
आरटीई के भौतिक सत्यापन दल में बदलाव हेतु पूरे दल में ही बदलाव नहीं करते हुए केवल संबंधित अधिकारी / कार्मिक को ही बदलने की सुविधा पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी तथा आरटीई के अन्तर्गत यह कार्य जिशिअ कार्यालय के स्तर पर ही सम्पादित की जाए।
जिले के समस्त CBEO को पीएसपी पोर्टल का लॉगिन दिया गया हैं जिसमें उनके क्षेत्र की समस्त गैर-सरकारी विद्यालयों का स्कूल प्रोफाईल तथा अन्य आवश्यक डेटा उपलब्ध है। CBEO भी उनके क्षेत्राधिकार के समस्त गैर-सरकारी विद्यालयों की मॉनिटरिंग करेंगें तथा अनियमितताओं की सूचना जिला मुख्यालय पर उच्चाधिकारियों को करेंगें।
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(2) भौतिक सत्यापन हेतु दलों द्वारा किये जाने वाले कार्य
सत्यापन हेतु सामान्य निर्देश
विद्यालय प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर अपने लॉगिन से भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन सत्र 2024-25 की दो प्रतियों का प्रिंट आउट लेकर तैयार रखें। प्रिंट आउट लेने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि विद्यालय में अध्ययनरत सभी कक्षाओं के सशुल्क बालक-बालिकाओं की पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्टि की जा चुकी हैं तथा निःशुल्क छात्र भी प्रदर्शित हो रहे है। साथ ही इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना एवं मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के अन्तर्गत अध्ययनरत बालक-बालिकाएं भी प्रतिवेदन में प्रदर्शित हो रहे हैं। Physical verification process in private schools under RTE
शैक्षिक सत्र 2024-25 में वे बालिकाएं जो इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा 9 से 11 में अध्ययनरत हैं एवं ऐसे बालक जो मुख्यमंत्री फीस पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा 9 से 10 में अध्ययनरत है की जांच भी सत्यापन दलों द्वारा की जायेगी।
सत्यापन दल इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना एवं मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत अध्ययनरत पात्र बालक-बालिकाओं के जनाधार की प्रविष्टि पोर्टल पर करवाया जाना सुनिश्चित करेंगें साथ ही सत्यापन प्रतिवेदन में भी रिक्त रहे बालक-बालिकाओं के जनआधार की प्रविष्टि करेगें। इन्ही जनाधार से लिंक एकाउंट में डी. बी. टी. के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा फीस का पुनर्भरण किया जाएगा।
भौतिक सत्यापन दल के अवलोकन हेतु बालकों के आवेदन पत्र मय संलग्नक व रिपोर्टिंग प्रपत्र, कैश बुक, रसीद बुक, बैंक पास बुक, एस. आर. रजिस्टर, कक्षा उपस्थिति रजिस्टर व पूर्व के सत्रों में आय के आधार पर प्रवेशित बालकों (केवल सामान्य ओबीसी व एसबीसी वर्ग के लिए) के आय प्रमाण-पत्र तैयार रखें। आरटीई अधिनियम की धारा 12 ( 3 ) के तहत उक्त समस्त सूचनायें विद्यालय द्वारा उपलब्ध करवाया जाना बाध्यकारी है।
सत्यापन दल, विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन के प्रिंट आउट के आधार पर ही विद्यालय में उपस्थित होकर प्रतिवेदन में पूर्व से भरी सूचनाओं व बालकों का भौतिक सत्यापन करेंगे। Physical verification process in private schools under RTE
भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन में प्रविष्ट विद्यालय की स्थिति (Location) कक्षा स्तर (किस कक्षा तक ) मान्यता, एण्ट्री कक्षा व आयु पॉलिसी की ध्यानपूर्वक जॉच करने के बाद ही इनको सत्यापित करें।
विद्यालय की स्थिति के संबंध में ब्लॉक, शहरी स्थानीय निकाय (नगर पालिका / नगर परिषद / नगर निगम ), ग्राम पंचायत, ग्राम, वार्ड तथा शहरी या ग्रामीण क्षेत्र की गहन जाँच के बाद ही इन्हें सत्यापित करें। यदि विद्यालय के ग्राम / वार्ड अथवा ग्राम पंचायत / शहरी स्थानीय निकाय में परिवर्तन है तो यह परिवर्तन विद्यालय लॉगिन से ही सत्यापन रिपोर्ट ऑनलाइन करते समय किया जा सकता है लेकिन यदि विद्यालय के ब्लॉक के नाम में परिवर्तन हैं तो रिपोर्ट ऑनलाइन प्रविष्ट होने के बाद डीईओ प्रा. शि. / डीईओ मा.शि. के लॉगिन से रिपोर्ट सत्यापित करने से पूर्व यह परिवर्तन किया जाये तथा सत्यापन रिपोर्ट की एक प्रति सम्बन्धित डीईओ कार्यालय को भिजवाई जाये ।
प्रतिवेदन में भरी सूचनाओं में यदि कोई सूचना गलत है तो उस पर पैन से गोला करना है तथा उसके पास ही सही सूचना को अंकित करना है। सूचनाओं में परिवर्तन निरीक्षण प्रतिवेदन की दोनों प्रतियों में करने हैं।
इस प्रपत्र में पूर्व में भरे हुए डाटा में बदलाव से विद्यालय सहमत है। इसमें किसी भी प्रकार के परिवर्तन की स्थिति में इस सत्र में प्रवेशित बालकों का पोर्टल पर यथानुसार परिवर्तन हो जायेगा, जिसके लिए विद्यालय स्वयं जिम्मेदार होगा एवं उसे ज्ञात है कि इसमें दुबारा से बदलाव सम्भव नहीं है।
भौतिक सत्यापन दल द्वारा विद्यालय से किसी भी दस्तावेज की छाया प्रति देने की मांग नहीं की जायेगी ओर न ही निरीक्षण प्रतिवेदन के साथ सलंग्न की जायेगी। भौतिक सत्यापन दल द्वारा जो भी रिकार्ड अवलोकित किया जाए प्रमाण के रूप में दल के अध्यक्ष द्वारा अवलोकित दस्तावेजों के प्रत्येक पृष्ठ पर अपने हस्ताक्षर एवं दिनांक अंकित की जाए।
सत्यापन प्रक्रिया के पूर्ण होने पर सत्यापन दल के अध्यक्ष द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट की एक प्रति निरीक्षण के दिन ही सम्बन्धित संस्थाप्रधान / प्रभारी को प्राप्ति के हस्ताक्षर प्राप्त कर उपलब्ध करवायी जायेगी तथा दूसरी प्रति सम्बन्धित डीईओ (प्रारम्भिक शिक्षा) / डीईओ (माध्यमिक शिक्षा) कार्यालय में जमा करवायी जायेगी ।
सत्यापन दल द्वारा उपलब्ध करवाये गये निरीक्षण प्रतिवेदन को गैर-सरकारी विद्यालय द्वारा 7 दिवस में आरटीई वेबपोर्टल पर अपलोड करना है।
निःशुल्क एवं सःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालक-बालिकाओं की जॉच सम्बन्धी निर्देश :-
निःशुल्क प्रवेश संबंधी समस्त रिकॉर्ड का अवलोकन कर निःशुल्क शिक्षा हेतु प्रवेशित बालक की पात्रता की जाँच की जाए तथा पात्रता के आधार पर पुनर्भरण योग्य पाये गये बालकों को सत्यापित किया जाऐ। जो बालक प्रवेश हेतु अपात्र पाए जावें अर्थात पुनर्भरण योग्य नहीं पाये जावें उनके अयोग्य होने के कारणों के कोड अंकित करने है। Physical verification process in private schools under RTE
सत्यापन दल 25 प्रतिशत निःशुल्क एवं शेष 75 प्रतिशत सःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालकों की नियमित उपस्थिति की भी जांच करेंगे। यदि निःशुल्क प्रवेशित बालक ड्रॉप आउट पाया जाए तो उसका उल्लेख प्रतिवेदन में करेंगे। सःशुल्क सीट्स पर अध्ययनरत बालकों के आवेदन पत्रों व अन्य दस्तावेजों की गहन जांच कर यह सुनिश्चित कर लें कि ये बालक वास्तविक रूप से विद्यालय में अध्ययनरत हैं।
शैक्षिक सत्र 2024-25 में एन्ट्री कक्षा में निःशुल्क व सःशुल्क सीट्स पर नवप्रवेशित बालक-बालिकाओं की गहनता से जाँच करें। यदि सत्यापन के समय निःशुल्क 25 प्रतिशत सीट्स पर दिये गये प्रवेश की तुलना में सःशुल्क 75 प्रतिशत सीट्स पर कम संख्या में बालक-बालिकाएं अध्ययनरत पाये जाते है तो सःशुल्क 75 प्रतिशत सीट्स पर अध्ययनरत बालक-बालिकाओं की संख्या के आधार पर ही 25 प्रतिशत निःशुल्क सीट्स पर बालक-बालिकाओं को सत्यापित किया जाये। निःशुल्क सीट्स पर 25 प्रतिशत से अधिक संख्या में प्रवेशित बालक-बालिकाओं में से वरीयता सूची में नीचे से बालक-बालिकाओं के प्रवेश को निरस्त किया जायेगा। यह व्यवस्था केवल वर्तमान सत्र में नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ही लागू होगी।
यह भी सुनिश्चित कर लें कि आरटीई प्रवेशित बालक-बालिका तथा इन्दिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना एवं मुख्यमंत्री बालक पुनर्भरण योजना के तहत अध्ययनरत बालक-बालिका प्रवेश के बाद लगातार विद्यालय में आ रहे हैं तथा इनका अन्यत्र किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं हुआ है।
आय के आधार पर आरटीई के तहत प्रवेशित बालक-बालिकाओं से प्रतिवर्ष नये आय प्रमाण पत्र लिये जाते है। अतः पूर्व सत्रों में प्रवेशित आरटीई विद्यार्थियों के आय प्रमाण पत्रों की जांच सत्र 2024 – 25 सत्र हेतु की जानी है। Physical verification process in private schools under RTE
विद्यालय की फीस की जॉच सम्बन्धी निर्देश :-
सत्यापन दल विद्यालय के अभिलेखों की सावधानी पूर्वक जॉच कर विद्यालय द्वारा अन्य बालकों से ली जा रही फीस का सत्यापन करेंगे।
फीस के सत्यापन के लिए विद्यालय के अभिलेखों यथा रसीद बुक, कैशबुक, बैंक पासबुक, फीस संधारण रजिस्टर एवं वाउचर पंजिका का निरीक्षण करेंगे। यदि आवश्यक हो तो बालकों एवं अभिभावकों से बात कर फीस की पुष्टि कर ली जावे तथा प्रतिवेदन में विद्यालय द्वारा ली जाने वाली वास्तविक फीस की प्रविष्टि की जावे । सत्यापन दल फीस निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित फीस का भी अवलोकन करें तथा यह सुनिश्चित करें की विद्यालय द्वारा पोर्टल पर प्रविष्ट फीस एवं समिति द्वारा निर्धारित फीस में भिन्नता नहीं है।
फीस के समस्त रिक्त कॉलमों में फीस की प्रविष्टि करनी है। विद्यालय को यह ज्ञात होना चाहिए कि वर्तमान शैक्षिक सत्र की वार्षिक फीस की राशि अंकित नहीं करने पर इस सत्र की प्रथम एवं द्वितीय किस्त की पुनर्भरण राशि का भुगतान किया जाना संभव नहीं होगा परन्तु निःशुल्क शिक्षा हेतु प्रवेशित एवं सत्यापित बालकों को अपने स्तर पर निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने हेतु बाध्य होगा । Physical verification process in private schools under RTE
सत्यापन दल द्वारा निर्देशों के विपरीत गलत तरीके से अथवा अभिलेखों का अवलोकन किये बिना ही फीस का आकलन कर राशि अंकित करने एवं पुनर्भरण की अनुशंषा करने पर गलत / अनियमित भुगतान होने की स्थिति में सत्यापन दल का उत्तरदायित्व निर्धारित होगा तथा उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। Physical verification process in private schools under RTE
सत्यापन दल द्वारा नवप्रवेशित बालकों के आवेदन पत्रों की जाँच :-
यह जॉच बालक के “दुर्बल वर्ग” या ” असुविधाग्रस्त समूह” से सम्बन्धित होने, प्रवेश हेतु निर्धारित कैचमेन्ट एरिया के निवासी होने तथा प्रवेश के लिए कक्षा अनुरूप आयु संबंधी पात्रता पूरी करने के आधार पर की जायेगी तथा इनसे सम्बन्धित प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी कि प्रमाण पत्र निर्धारित तिथि तक तथा सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किए गए हैं अथवा नहीं। यह जांच कार्य सत्र 2024 – 25 सत्र के लिए तत्कालीन समय अनुरूप की जाएगी।
दल द्वारा जिन अभिलेखों का अवलोकन किया जाए उन पर लघु हस्ताक्षर भी किए जाऐं ।
विद्यालय द्वारा बालक के दस्तावेजों की जांच के समय यदि किसी दस्तावेज पर आक्षेप लगाया गया तथा उस दस्तावेज को सीबीईओं द्वारा सत्यापित किया गया है। तो इस दस्तावेज के आधार पर बालक को अयोग्य नहीं किया जायेगा।
सत्यापन प्रतिवेदन दो प्रतियों में तैयार कर सत्यापन दिवस को ही एक प्रति विद्यालय को तथा दूसरी प्रति सम्बन्धित कार्यालय को उपलब्ध करवा दी जाए। सत्यापन रिपोर्ट के प्रत्येक पृष्ठ पर सत्यापन दल सदस्यों के हस्ताक्षर अनिवार्य है।६
आधार सत्यापन सम्बन्धी निर्देश :-
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आरटीई की धारा 12 (1) (ग) के तहत् विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त बालक-बालिकाओं (वर्तमान सत्र में नव प्रवेशित तथा पूर्व सत्रों के क्रमोन्नत के आधार लिया जाना अनिवार्य है। Physical verification process in private schools under RTE
जिन बालक-बालिकाओं के आधार ऑनलाईन ऑथेटिकेशन (प्रमाणीकरण) नहीं हुआ है, उन बालक-बालिकाओं को सत्यापित करने से पूर्व आधार की हार्ड कॉपी से मिलान कर जांच अनिवार्य रूप से की जाये ।
यदि किसी विद्यालय में अध्ययनरत सभी बालक-बालिकाओं में से कुछ के आधार प्राप्त नहीं हुए है तो विद्यालय अपनी सत्यापन रिपोर्ट को ऑनलाइन प्रविष्ट करने से पूर्व आधार ऑथेटिकेशन (प्रमाणीकरण) के बाद ही प्रतिवेदन को लॉक करें।
सत्यापन रिपोर्ट में आधार के सम्बन्ध में सभी बालक-बालिकाओं की स्थिति स्पष्ट होने के पश्चात् ही विद्यालय द्वारा रिपोर्ट को ऑनलाइन कर लॉक किया जायेगा लेकिन यह कार्य सत्यापन रिपोर्ट की प्रविष्टि हेतु निर्धारित अंतिम तिथि से पूर्व किया जाना अनिवार्य है।
सम्बन्धित कार्यालय प्रत्येक विद्यालय की सत्यापन रिपोर्ट को कार्यालय प्रति के आधार पर प्रमाणित ( Verify ) करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि रिपोर्ट में पात्र पाये गये बालक-बालिकाओं का आधार ऑथेटिकेशन (प्रमाणीकरण) किया जा चुका है। Physical verification process in private schools under RTE
बालक-बालिकाओं के विवरण की आंशिक अशुद्धियों को आधार कार्ड के आधार पर सही कर ऑथेटिकेशन (प्रमाणीकरण) किया जा सकता है। यदि इन अशुद्धियों को सही करने से बालक / बालिका की पात्रता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। Physical verification process in private schools under RTE
RTE निःशुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों के भौतिक सत्यापन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची :-
RTE प्रवेश पंजिका
विद्यालय में अध्ययनरत सभी RTE निःशुल्क विद्यार्थियों के आधार कार्ड की संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित फोटो प्रति।
CASH BOOK, LEDGER BOOK, VOUCHER FILE, BANK PASSBOOK/ BANK STATEMENT, FEES RECIPT, FEES REGISTER.
विद्यार्थी उपस्थिति पंजिका।
अध्यापक उपस्थिती पंजिका ।
एस. आर. पंजिका RTE व Non RTE विद्यार्थी ।
विद्यालय में अध्ययनरत सभी RTE के विद्यार्थियों के निर्धारित आय प्रमाण पत्र ।
SC/ST/OBC का प्रमाण-पत्र।
RTE प्रवेश हेतु बनाया गया रोस्टर रजिस्टर |
RTE विद्यार्थियों को वितरण की गई पुस्तको का विवरण रजिस्टर ।
Online/offline अध्ययन का रिकॉर्ड, अभिभावकों की सहमति ।
RTE पुनर्भरण राशि को कैश बुक ने दर्ज किया हुआ होना चाहिए व गत सत्रों के क्लेम बिल फ़ाइल करके रखे ।
फीस निर्धारण प्रस्ताव रजिस्टर |
यदि कोई RTE का विद्यार्थी टी.सी.ले गया हो या उसका किसी कारण से नाम पृथक किया हो उसका लिखित सहमति / प्रार्थना पत्र लिया हआ होना चाहिए ।
विद्यालय का उक्त समस्त रिकॉर्ड पूर्णतया अपडेट हो, किसी प्रकार का कार्य पेंडिंग नही होना चाहिए ।
RTE से जुड़े महत्वपूर्ण निर्देश और आदेश के साथ सर्कुलर :-
RTE Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009 Amendment to Schedule to “The right of Children to Free and Compulsory Education (RTE) Act, 2009 with respect to pupil Teacher Ratio for special teachers in general schools -Reg.
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Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव : श्री शाह आलम द्वारा कक्षा अनुभव पर लिखित एक शानदार आलेख हैं जिसमे उन्होंने कक्षा कक्ष में रीडिंग कॉर्नर को विकसित करने और इसके महत्व और रोचकता पर कक्षानुभव आधार पर शानदार विचार विमर्श दिए हैं। हमे विश्वास है कि आपको यह आलेख रोचक लगेगा और आप इस आलेख से जरूर प्रेरित होंगे और अपने विद्यालय में रोचकता बढाने के लिए रीडिंग कोर्नर अवश्य विकसित करेंगे और अपने अनुभव और इस आलेख की महता से सोशल मिडिया और अपने मित्रो को अवश्य अवगत करवाएंगे।
परिचय
मुझे यह Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव लेख लिखने का विचार इसलिए आया कि, मैं अपने एसोसिएट जर्नी के दौरान मैंने इसे अपने चयनित स्कूलों में रीडिंग कॉर्नर के महत्व को समझने का प्रयास किया था। जब मै नये रोल में आया तो मुझे लगभग 50 से अधिक स्कूलों में जाने का मौका मिला और इस दौरान यह बार-बार समझाने का प्रयास कर रहा था कि पुस्तकालय है तो, परंतु प्रयोग में नहीं है ।
और कुछ स्कूलों ने तो पुस्तकालय के साथ-साथ रीडिंग कॉर्नर भी बनाई थी, किंतु उसका प्रयोग पांच स्कूलों को छोड़ सभी में शून्य था| एसोसिएट जर्नी के दौरान किये गये प्रयोगों को मैंने 6 स्कलों के शिक्षक साथियों के साथ मिलकर रीडिंग कॉर्नर बनाने का प्रयास किया और इसका प्रभाव समझने का प्रयास किया जो रोमांचित करने वाला अनुभव रहा।
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव
कुछ सवाल जो अकसर स्कूल के शिक्षक साथियों के द्वारा पूछे जाते है- “क्या स्कूल के हर कक्षा के लिए रीडिंग कॉर्नर होना आवश्यक है? जब स्कूल में पुस्तकालय होती है, तो रीडिंग कॉर्नर की जरूरत क्यों?” इस पर आप क्या सोचते है! कई बार मैंने पाया कि शिक्षक साथी रीडिंग कॉर्नर बनाने को लेकर दुबिधा की स्थिति में भी रहते हैं, जैसे पुस्तकालय है तो रीडिंग कॉर्नर की क्या जरूरत है? बच्चे वहीं से पुस्तक लेकर पढ़ लेंगे, इस प्रकार के जवाब शिक्षकों के द्वारा आता है, तो ऐसी दुविधा हमारे बीच उत्पन्न ना हो इससे पहले हम समझ लें कि, रीडिंग कॉर्नर क्या है? क्या पुस्तकालय और रीडिंग कॉर्नर में कोई अंतर है भी या नहीं।
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव
रीडिंग कॉर्नर या पढ़ने का कोना, कक्षा में बच्चों के लिए एक ऐसी आनंद दायक जगह होती है, जहां बच्चे स्वयं या समूह में बैठकर स्वतंत्र रूप से पढ़ते हैं। रीडिंग कॉर्नर कक्षा के किसी कोने में रस्सी पर कुछ किताबें टाँगते हैं, या कक्षा में उपस्थित मेज या अलमिरा पर भी किताबों रखते है जो बच्चों के स्तर के अनुकूल होती है, वही पुस्तकालय एक ऐसी जगह होती है जहां सभी कक्षाओं के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तक रखी होती हैं जहां सभी एक साथ बैठकर पढ़ रहे होते हैं| पुस्तकालय एक बड़े ऑडियंस के लिए होता है इसलिए वहां बच्चों के स्तर अनुरूप चीजों को रख पाना और ये सुनिश्चित करना कि बच्चे अपनी
अवश्यकता अनुसार कुछ पठन कर सके, ये तुलनात्मक रूप से कम हो पाता है| रीडिंग कॉर्नर पर व्यवस्थित और योजना के तहत काम करने पर शिक्षक को बच्चों के पठन कौशल को निखारने में मदद मिलती है। उनके स्तर अनुसार सामग्री उपलब्ध कराने में सहूलियत होती है, क्योंकि रीडिंग कॉर्नर बच्चों की कक्षा में ही होता है, तो उन्हें कभी भी देखने, पढ़ने की छूट होती है, बच्चे की पहुँच ज्यादा होती है। तो अब हम एक स्तर की समझ बना चुके हैं की रीडिंग कॉर्नर और पुस्तकालय में एक बारीक सा अंतर होता है, जो हमारे लिये ये जरूरी हो जाता है की हमलोग रीडिंग कॉर्नर के महत्व और इसकी जरूरत पर एक समझ बना ले।
रीडिंग कॉर्नर का महत्व या जरूरत जब हम प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की स्थिति को देखते हैं, तो विद्यालयों में मुस्कान पुस्तकालय स्थापित तो है किंतु बच्चों की पहुँच से दूर है| मैंने कई स्कूलों में यह भी पाया कि उनके पास पुस्तकालय स्थापित करने के लिए भवन नहीं है, तो इस स्थिति में कक्षावार रीडिंग कॉर्नर का महत्व बढ़ जाता है। मैं अपने अनुभवों के आधार पर कह सकता हूं कि जितना महत्व पुस्तकालय का है उतना ही महत्व कक्षा में रीडिंग कॉर्नर का है और बच्चों के पढ़ने लिखने में मददगार होता है जैसे-
विद्यार्थियों में पढ़ने लिखने की आदत का विकसित करने में सहायक।
विद्यार्थियों को रचनात्मक को बाहर लाने में मदद करता है।
बच्चों में बाल साहित्य के प्रति रुचि बढ़ती है, जिससे वह आसानी से भाषा सीखते हैं।
रोचकता से भरा रीडिंग कॉर्नर बच्चों को पढ़ने लिखने में रुचि पैदा करता है बच्चों को आकर्षित कर सकता है।
कक्षा में रीडिंग-कॉर्नर वर्तमान में अधिकतर कक्षाओं में व्याप्त एकरसता और बोरियत को दूर करने का भी एक महत्वपूर्ण तरीका है| यह प्रक्रिया इस स्थापना को भी बल प्रदान करती है कि पढ़ना पढ़ने से ही आता है लिखना लिखने से ही आता है| इस कारण रीडिंग कॉर्नर का हमारी कक्षाओं में होना जरूरी बन जाता है|
अब तक हम सब रीडिंग कॉर्नर क्या है? इसका महत्त्व क्या है? इस पर एक स्तर की समझ बना चुकें है। अब समझने की कोशिश करते है इसके कक्षावार बनाने की प्रक्रिया क्या होगी, जिससे कक्षा में एक बेहतर रीडिंग कॉर्नर का निर्माण हो सके, जो रोचकता से भरा हो-
अपनी नई जिम्मेदारियों में मैने सबसे पहले अकलतरा विकासखंड के कापन संकुल के प्राथमिक स्कूल महुआडीह में शकुंतला मैम के साथ मिलकर कक्षावार रीडिंग कॉर्नर बनाने की योजना बनाई| जिसमें हम दोनो लोग मिलकर ये तय किये की किताबों की संख्या कितनी होगी, बच्चो के स्तर अनुरूप किताबो का चयन कैसे
किया जायेगा? और किताबो के चयन में बच्चो की भूमिका क्या होगी?, इसे देखते हुऐ हमलोगो ने रीडिंग कॉर्नर बनाने की निम्नलिखित प्रक्रियाओ को अपनाया-
सबसे पहले हमलोग एक मजबूत रस्सी और काजू क्लिप को बाजार से लाये और उसे स्कूल के प्रत्येक कक्षा में लगाया गया।
स्कूल में आई हुई 100 दिन 100 कहानियों वाली किताबो को प्रत्येक कक्षा के स्तर अनुरूप 20- 20 किताबो का चयन किया गया साथ कुछ पुस्तक प्रथम फाउंडेशन और NCBT की कुछ पुस्तकों को रखा गया।
अब इन किताबो में से बच्चो ने अपने अपने पसंद की किताबो को चयन करेंगे और खुद ही रस्सी पर टाँगेगे ताकि उनमें अपनत्व की भावना विकसित हो।
एक रंग-बिरंगी चार्ट पेपर पर “पढ़ने का कोना” लिखकर लगाया जायेगा।
फिर एक रजिस्टर को रखा जायेगा जिसमें जो बच्चे एक महीने में जितने किताब पढ़ेंगे या ले जाएंगे उसको दर्ज की जायेगी ताकि ये देखा जा सके की कितने बच्चे, महीने में कितने किताब पढ़ रहे है? ठीक सत्र के अंत में देखा जायेगा की प्रत्येक बच्चों ने कितनी किताबे को पढ़ पाये।
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव
फिर हम लोग ने बच्चो की मदद से रीडिंग कार्नर को लेकर कुछ नियम बनाये जो इस प्रकार थे-
बच्चों की जिम्मेदारियाँ:-
किताबो को कोई नहीं फाड़ेंगे।
किताबो को जिसको घर ले जाना होगा तो सबसे पहले रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करेगा और सुरक्षित उसे वापस करेगा।
किताबों को पढ़ने के बाद उसे स्वयं ही रीडिंग कॉर्नर में लटकाएंगे।
हर दिन 30 मिनट प्रत्येक बच्चो को रीडिंग कॉर्नर से किसी भी किताब को पढ़ेंगे।
शिक्षको की जिम्मेदारियाँ:-
हर एक महीने में टांगी हुई किताबो को हटाकर फिर से कुछ नई किताबो को टांगा जायेगा।
किताबे किटने और फटने पर सभी बच्चों के साथ मिलकर उसकी मरम्मत की जायेगी।
बच्चे जब किताबे पढ़ रहे होंगे तो जो बच्चे नहीं पढ़ पा रहे होंगे तो उनकी मदद करना।
बच्चे किताब पढ़ने के बाद कुछ बच्चे अक्सर पुस्तक पढ़ने के बाद उल्टा-पुलट लटका देते है, उसे सीधा और सही तरीके से लटकना और बच्चों को निर्देशित करना की हर दिन पुस्तक पढ़ने के बाद सही तरीके से ही लटकाएंगे।
शिक्षक स्वयं भी पठन करेंगे और बच्चों के साथ बैठकर कुछ पढ़ कर सुनायेगे|
इन्ही प्रक्रियाओ और नियमों के साथ मैने कुछ और माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों में रीडिंग कॉर्नर को बनाया जैसे प्राथमिक स्कूल खपरीडीह, प्राथमिक स्कूल घनवा, प्राथमिक स्कूल महुवाडीह, माध्यमिक स्कूल महुवाडीह इत्यादि, में रीडिंग कॉर्नर को बनाया, जैसे-जैसे एक दो हफ्ते के बाद भी अलग अलग प्रकार की समस्या शिक्षक साथी गिनाने लगे जो कुछ इस प्रकार था-
बच्चे किताबो को फाड़ रहे है।
वो अपने द्वारा बनाये नियम को भूल चुके है।
कई बच्चे किताबो को लेकर घर चले जा रहे है रजिस्टर में नाम दर्ज नहीं कराते।
दो से तीन दिन बच्चे रोज-रोज किताबो को पढ़ रहे थे, लेकिन अब उतनी रुचि के साथ नहीं पढ़ते है।
इस प्रकार की समस्याये आने लगी, ये समस्या आना लाज़िम था क्योंकि बच्चो को कभी इस प्रकार से किताबे पढ़ने की आदत ही नहीं है और खासकर प्राथमिक स्कूल के बच्चो में तो ये न के बराबर दिखता है और बड़ी कक्षाओं में भी यही स्थिति है क्योंकि टेक्स्टबुक के आलावा बहुत कम बच्चे अन्य पुस्तक पढ़ते है। तो इन चुनौतियों के समाधान के लिये सभी शिक्षकों से मिलना हुआ और हम इस समस्या के समाधान के लिये क्या-क्या कर सकते है ।
इस पर चर्चा की गयी, तो सभी की एक राय बनी की शुरुवाती दिनों में तय की गयी जिम्मेदारियों को अच्छे से लागू करने की कोसिस करेंगे जो बच्चो को किताब पढ़ने के लिये रोज एक 30 मिनट की एक पीरियड होगी जिसमें बच्चे सिर्फ किताब ही पढ़ेंगे और शिक्षक जो बच्चे नही पढ़ पा रहे होंगे उनकी मदद करेंगे और बच्चो के सामने शिक्षक भी बैठकर पढ़ेंगे और उन्हे सुनायेगे।
“मै अपनी कक्षा में हमेशा अपनी टेबल पर कुछ पुस्तके रखती हूँ, किन्तु बच्चे मुझसे कभी भी पुस्तक नहीं मांगते थे ना ही उसे पढ़ने के लिए लेते थे, शायद वे डर की वजह हो सकती है, लेकिन किताबों के प्रति उनकी रुचि बिल्कुल भी नहीं थी, फिर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सदस्य से मैंने मदद ली और जब मै इन्ही किताबों को रीडिंग कॉर्नर के रूप में लगाई तो वही बच्चे धीरे धीरे किताबों को पलटना शुरू किये,
जैसे मै कक्षा में नहीं रहती तो भी कुछ बच्चे रीडिंग कॉर्नर के पास बैठकर किताबों के चित्र देखते रहते थे, या उसे उलटे पलटे रहते थे।,जो प्रथम दृष्टया मेरे लिए यही एक बड़ी उपलब्धि थी, लगभग तीन महीने लगे, जब बच्चे पढ़ने की ओर अग्रसर हुये और अभी तो बच्चे पुस्तक घर भी ले जाते है| मुझे रीडिंग कॉर्नर बनाने से काफी लाभ हुआ|
-शकुंतला कुर्रे (सहायक शिक्षक, प्राथमिक स्कूल महुआडीह)
दूसरी चीज हम लोग कोशिश करेंगे कि बच्चो को नैतिकता से संबंधित कुछ उदाहरण देकर बच्चो को किताब न फाड़ने को लेकर भावना को विकस कर सके जैसे कुछ शिक्षक साथियों ने बेहतरीन तरीका अपनाया जैसे रश्मि मैम, जब भी कोई बच्चा किताब को फाड़ता तो एक उदाहरण देती “बच्चो अगर हमारी शर्ट को कोई फाड़े तो कैसा लगेगा तो बच्चे बोले मैम बुरा लगेगा, तो जरा सोचो अपलोग किताब को फाड़ोगे तो किताब को कैसा लगेगा, तो कुछ बच्चे बोलते किताब को बुरा लगेगा तो कुछ बोले किताब रोने लगता होगा तो बताओ क्या हमें किताब फाड़ना चाहिए? तो सभी बच्चे एक स्वर में बोले नहीं “
इसका काफी सकारात्मक असर दिखा और प्राथमिक शाला खपरीडीह में अभी एक भी पुस्तक बच्चे नहीं फाड़ते है ठीक कुछ शिक्षक साथी थोडे कठोर कदम उठाये जैसे की जो किताब को फाड़ेगा उसे ही उसकी मरमत करना होगा।
पठन में रोचकता लाने के लिए भी शिक्षको ने कुछ रचनात्मक कदम उठाये जैसे कि जो पढ़ेगा उसको चॉकलेट मिलेगा कुछ शिक्षको ने बच्चो को स्माइली देने की प्रक्रिया अपनाई, धीरे-धीरे बच्चो में जब किताब पढ़ने की आदत बनने लगी तो ये समस्याऐ थोड़ी कम हो गई और जब शिक्षक साथी विकासखंड के व्हाट्सएप समूह में साझा करने लगे तो अन्य शिक्षक साथी भी इससे प्रेरित हुए और अपने स्कूलों में भी बनाने का प्रयास किये और कुछ स्कूलों में मुझे स्वयं ही बनाना पड़ा।
ऐसे ही मुझे प्राथमिक शाला घनवा में नेहा मैम के साथ मिलकर रीडिंग कॉर्नर बनाने हेतु गया तो शिक्षक साथियों ने कहा सर हमलोग कक्षा 3,4 और 5 में बनाएंगे फिर मैने कहा मैम 1 और 2 में क्यों नहीं?, तो शिक्षक साथियों का मानना था की पहली और दूसरी कक्षा में बच्चे तो सिर्फ किताब देखते है वो कहा पढ़ पाते है|
ऐसा ही कुछ सवाल आप सभी के मन में आता होगा की पहली और दूसरी कक्षा में रीडिंग कॉर्नर की क्या जरूरत है? तो इस पर मेरा अनुभव कहता है कि जितना जरूरी अन्य कक्षाओं में है उतना ही जरूरी कक्षा पहली और दूसरी में है बशर्ते उसमें किताबो का चयन बच्चो के अनुकूल हो, तो चलिए कुछ स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा में बनाये गये रीडिंग कॉर्नर के महत्व और उसके उपयोग और महत्व को समझते है।
“मुझे पहले लगता था की पुस्तकालय है तो रीडिंग कॉर्नर की क्या जरूरत है लेकिन जब हमारे शाला में रीडिंग कॉर्नर बनाई गयी तो पाया की बच्चे अपने आप ही किताबों को देखते है जो बच्चे पढ़ना भी नहीं जानते है वो बच्चे भी किताबों को देखते रहते है, लंच के समय बच्चे अब खाना खाने के बाद घूमने के वजाय अपने कक्षा में बैठकर किताबों पढ़ते रहते है, बच्चों को एन्गैज करने में भी हुमलोगों को मदद मिल है|”
-पूर्णिमा रत्नाकर (प्रधानाध्यापक) प्राथमिक शाला गढोला
कक्षा पहली और दूसरी में रीडिंग कॉर्नर:-
मैं यहां प्राथमिक शाला खपरीडीह की शिक्षिका रश्मि मैम और प्राथमिक शाला महुआडीह की शिक्षिका शकुंतला कुर्रे के कक्षा 1 और 2 में किये जा रहे प्रयोगों का जिक्र जरूर करना चाहूंगा।
इन दोनो शिक्षिका के साथ भी उपर बताई की नियम के साथ रीडिंग कॉर्नर बनाई गई थी और इन्हे भी वही समस्याऐ/ चुनौतियों का सामना करना पड़ा था और ये तो पहली और दूसरी के बच्चे के थे तो आप समझ सकते है इन बच्चो को संभालना कितना मुश्किल होता होगा। दोनो शिक्षिकाओ ने रीडिंग कॉर्नर के माध्यम से बच्चो को इंगेज करने में खूब इस्तेमाल किया| जिसका नतीजा ये रहा की जब मैम कक्षा में नही होती है, तो भी बच्चो स्वत: से पुस्तको को लेकर देखते रहते है।
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा सिर्फ देखते ही तो होंगे वो पढ़ कहाँ रहे है तो बात बिलकुल भी सही है की कक्षा 1 और 2 के बच्चो से अपेक्षा करना की वो धाराप्रवाह पढ़ लेंगे तो ये कपोल कल्पना होगी, फिर भी बच्चो का किताब के साथ जुड़ाव और पुस्तक की चित्रों को देखकर उस बातचीत करना उनके मौखिक भाषा विकास में काफी सहायक होता है तो समझते है की इन दोनों शिक्षिका ने कैसा किताबो का चयन किया।
कक्षा पहली के लिए सिर्फ और सिर्फ चित्रात्मक पुस्तको को रखा गया।
वही कक्षा दो के लिए 5 पुस्तक चित्रात्मक और 5 पुस्तक चित्रात्मक और उन चित्रों के साथ छोटे छोटे एक लाइन का वाक्य लिखा हो।
“अजीम प्रेमजी संस्था की मदद हमारे स्कूल में पहली बार रीडिंग कॉर्नर बनाई गयी, बनाने से पहले हमारे स्कूल में बच्चों में किताबों के प्रति रोचकता फी कम थी, कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को एन्गैज करने में काफी दिक्कत होती थी, लेकिन रीडिंग कॉर्नर बनाने के 1 महीने पश्चात मैंने पाया की बच्चों किताबों के प्रति रुचि बढ़ी है और सबसे अधिक मुझे कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को एन्गैज करने में मदद मिली है, हमारी मदद हेतु धन्यवाद अजीम प्रेमजी संस्थान को”
– रश्मि दुबे(सहायक शिक्षक), प्राथमिक शाला खपरिडीह
बस, इन्ही दो प्रकार के किताबो का चयन कर शिक्षिका ने अपनी कक्षा में लागतार प्रयोग करना शुरू की, शुरुवात के दिनो में एक-एक बच्चो के साथ बैठकर चित्र पठन करती और बच्चो से बातचीत करती, जो बच्चे पहले बिलकुल भी नहीं बोलते थे, वो धीरे धीरे बोलना शुरू किये चित्रों को पहचाना शुरू किये, ये छोटी से सफलता दिखाता है कक्षा पहली और दूसरी में रीडिंग कॉर्नर का होना कितना जरूरी है|
अगर शिक्षक साथी कक्षा पहली से बच्चो को किताबो के प्रति रुचि जागृत करेंगे तो मेरा ऐसा मानना है की कक्षा 5 तक जाते जाते बच्चे की पठन और लेखन दोनो बेहद शानदार हो सकती है। अब आपके मन में आयेगा रीडिंग कॉर्नर को लेखन से कैसे जोड़ सकते है, जी हां आप उसका इस्तेमाल रचनात्मक लेखन के रूप में कर सकते।
रीडिंग कॉर्नर का इस्तेमाल लेखन के रूप में:-
हम सभी जानते है कि अगर बच्चो के हाथ में पुस्तक होती है, तो वे न सिर्फ पढ़ते है, बल्कि किताब में शामिल कहानियों, कविताओ की नकल भी लिखते रहते है, जिससे सिर्फ उनके हैंडराइटिंग बेहतर होते है जबकि रचनात्मकता पीछे छूटती चली जाती है तो मैंने सोचा क्यों ना बच्चो को रचनात्मकता की ओर ले जाया जाय, तो इसका प्रयोग प्राथमिक स्कूल घनावा में कक्षा 5 के बच्चो के साथ किया जिनका लेखन भी उतना अच्छा नहीं था लेकिन सोचा अगर ये बच्चे अपनी पढ़ी किसी एक किताबों के बारे में 4- 5 लाइन अपने अनुभवों को लिख दे तो ये सबसे बड़ी सफलता होगी|
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
बच्चों में किताबों के प्रति जिमेदारी की भावना विकसित हुई।
बच्चों में पढ़ने लिखने की आदत का विकास विकास हुआ, जो बच्चे किताबों से दूर भागते थे, उनमें किताबों के प्रति रुचि जागृत हुई।
बच्चों में किताबो के प्रति स्वामित्व की भावना का विकास हुआ, जिसकी वजह से किताबों को बिना पूछे ले जाना की आदत दूर हुई, वही किताबों को फाड़ने भी बंद हुआ।
जब बच्चे किताबों को अपने घर ले जाना शुरू किये तो उनमें पाया की अभिभावक भी उनके पढ़ने में मदद करते है।
अगर हम सभी शिक्षक साथी अपनी-अपनी कक्षाओं में रीडिंग कॉर्नर को बनाये और उसका इस्तेमाल करना शुरू करे तो बच्चो में किताबो के प्रति रुचि और रोचकता दोनो विकसित करने में सहायक होगी| साथ ही बच्चो की पढ़ने लिखने के स्तर में भी वृद्धि होगी। “एक कोना बच्चो के नाम” मुहिम के तहत आप सभी अपने स्कूल की कक्षाओं में एक रीडिंग कार्नर बनाने का प्रयास करेंगे। मुझे उम्मीद है आप सब इस मुहिम का हिस्सा बनना पसंद करेंगे।
संदर्भ:
पुस्तकालय हमारे स्कूल का अभिन्न हिस्सा है जिसके बिना स्कूल की संकल्पना करना मुश्किल है| पुस्तकालय बच्चों में स्वतंत्र पठन की आदतों को विकसित करने में मदद करता है, पुस्तकालय का ही एक छोटा प्रारूप कक्षाओं में पढ़ने के कोना के रूप में हमारे स्कूलों में स्थापित की जाती है जो बच्चों को पढ़ने लिखने और सीखने-सीखाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख के माध्यम से रीडिंग कॉर्नर क्या है? कैसे रोचक बना सकते हैं? इसका महत्व क्या है? यह भाषा शिक्षण सीखने और स्कूल में पढ़ने लिखने की समृद्ध वातावरण को विकसित करने में कैसे मदद करता है? इस विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास करता है।
सदंर्भ साभार
Exciting experience of reading corner / रीडिंग कॉर्नर का रोमांचक अनुभव आलेख पाठशाला पुस्तक के कक्षनुभाव के पृष्ट 49 से 54 तक साभार प्राप्त हुआ हैं |
लेखक परिचय
शाह आलम बिहार के गोपालगंज ज़िले के रहने वाले हैं। इनकी प्रारम्भिक पढ़ाई गाँव के स्कूल में हुई है। उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की है। फ़िलहाल अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन में सन्दर्भ व्यक्ति के रूप छत्तीसगढ़ के जांजगीर ज़िले के अकलतरा ब्लॉक में कार्य कर रहे हैं।
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship : नमस्कार अध्यापक साथियों, आपका शाला सुगम पोर्टल पर स्वागत हैं | छात्रवृत्ति के बारे में हमारी टीम ने अध्यापक श्री पारस मल सुरग से चर्चा की और उनके द्वारा किये गये कार्यों के आधार पर उन्होंने यह आर्टिकल लिखा हैं और इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि विद्यालय में छात्रवृत्ति प्रभारी के कौन कौन से कार्य होते हैं जिन्हें पूर्ण करने अथवा करवाने से छात्रवृत्ति की प्रक्रिया आसान और प्रभावी हो सकती हैं जिससे सभी पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिल सकें और साथ ही हम यह भी जानेंगे कि हमें स्टेप वार कौन कौन से कार्य करने जिससे छात्रवृत्ति के आवेदन की प्रकिया आसन हो जाती है|
Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
हमे उम्मीद है कि आपको व. अध्यापक श्री पारसमल सुरग द्वारा लिखित यह जानकारी पसंद आएगी|
इस आलेख में हर रोज नये अपडेट प्रत्येक बिंदु में जुड़ रहे हैं |
सावधान : टीम शाला सुगम का आपसे आग्रह है कि इस आलेख को लेखक की बिना अनुमति के कोपी करना या प्रिंट करके शेयर करना अथवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से REUSE करना कोपिराईट उलंग्न माना जाएगा |
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कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
सत्रारम्भ के कार्य : इस दौरान छात्रवृत्ति प्रभारी अपने संस्था प्रधान के साथ बैठक करके अपने विद्यालय के सभी कक्षा अध्यापक साथियों को कुछ कार्य स्वयं व कुछ कार्य विद्यार्थियों द्वारा करवाना सुनिश्चित करना होगा –
जैसे –
सभी विद्यार्थियों का विद्यालय अभिलेख के अनुसार विवरण यथा नाम, जन्म दिनांक, लिंग, पिता का नाम आदि उनके आधार व जनाधार में होना नितांत आवश्यक हैं|
सत्रारम्भ के दौरान ही प्रत्येक विद्यार्थी का किसी सरकारी बैंक में खाता खुला होना चाहिए इसके लिए सत्रारम्भ में ही विद्यार्थियों के पाबन्द कर देना चाहिए |
प्रत्येक विद्यार्थी का स्वयं का खाता नम्बर उसके आधार व जनाधार से जुड़ा हुआ होना चाहिए जनाधार में सीडिंग के समय ध्यान रखा जावें कि खाता नम्बर, IFSC कोड व नाम सही हो |
NOTE :- अगर विद्यार्थी का बैंक में खाता खुला हुआ नहीं हैं तो उस विद्यार्थी के अभिभावक को नोटिस मैमो देकर अवगत करवाए और एक सप्ताह में विद्यार्थी का बैंक में खाता खुलवाकर व आधार जनाधार में जुड़वाकर (सीडिंग करवाकर) विद्यालय में प्रतिलिपि जमा करवाने को पाबन्द करना सुनिश्चित करवाए|
यह कार्य पूर्ण होने पर शाला दर्पण के स्टाफ कॉर्नर से कक्षा अध्यापक लॉग इन से कक्षा अध्यापक विद्यार्थी का आधार व जनाधार ओथेंटिकेशन करेंगे |
NOTE :- अगर विद्यार्थी का आधार व जनाधार ओथेंटिकेशन में डाटा मैच नहीं करता हैं तो उस विद्यार्थी के अभिभावक को नोटिस मैमो देकर अवगत करवाए और एक सप्ताह में विद्यार्थी का आधार व जनाधार करेक्शन करवाकर विद्यालय में प्रतिलिपि जमा करवाने को पाबन्द करना सुनिश्चित करवाए|
सत्रारम्भ के दौरान ही प्रत्येक विद्यार्थी को अवगत करवा देवे कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने जाति प्रमाण पत्र अगर नहीं बने हुए हैं तो बनवा लेवें और जिनके बने हुए (OBC वाले इसका नवीनीकरण करवा लेवें चूँकि ओबीसी का प्रमाण मूल एक साल के लिए मान्य हैं जबकि क्रिमिलियर में नहीं होने के शपथ पत्र के साथ इसकी दो साल के वैधता बढ़ जाती है| SC व ST के लिए नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं हैं उनके लिए जीवन भर मान्य हैं क्योंकि उनके क्रिमिलियर की बाध्यता नहीं हैं |
सत्रारम्भ के दौरान ही प्रत्येक विद्यार्थी को अवगत करवा देवे कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने पिता के नाम से आय प्रमाण पत्र बनवा लेवें अगर पिता की मृत्यु हो चुकी हैं तो माता के नाम से आय प्रमाण पत्र बनवा लेवें और आय प्रमाण पत्र की मूल कोपी जमा करवानी हैं | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
कक्षा 06 या उससे ऊपर की कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी के अन्य कागज़ के साथ छात्रवृत्ति के वास्ते निम्न कागज़ आप अवश्य लेंगे –
विद्यार्थी का जाति प्रमाण पत्र प्रतिलिपि
विद्यार्थी के अभिभावक का आय प्रमाण पत्र की मूल प्रति (पब्लिक नोटेरी से नोटेराइजड हो)
विद्यार्थी का आधार व जनाधार की प्रतिलिपि
विद्यार्थी का विवरण यथा नाम, जन्म दिनांक, लिंग, पिता का नाम उसकी टी. सी. के अनुसार होना चाहिए |
विद्यार्थी का बैंक खाता पंजिका की प्रतिलिपि (ध्यान रहे विद्यार्थी का खाता संख्या आधार व जनाधार से अवश्य जुड़ा हो| )
संस्था प्रधान का दायित्व रहेगा कि सत्र जुलाई के अंतिम सप्ताह तक कक्षा अध्यापक के माध्यम से निम्न कार्य अवश्य करवा लेवें –
छात्र प्रपत्र 9 की जानकारी
छात्र लाभकारी योजना जानकारी,
छात्र परिणाम जानकारी
कक्षा अध्यापकों को चाहिए कि उक्त जानकारी वो विभिन्न अभिलेखों से मिलान करके ही पूर्ण करें अपनी इच्छा अनुसार या मनगढ़ंत जानकारी अपडेट नहीं करें | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship shalasugam.com
कृपया नवीनतम छात्र डेटा के साथ छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने से पहले छात्र विवरण प्रविष्टि – फॉर्म 9 और लाभ योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र सूचना मॉड्यूल को अपडेट करें।
कक्षा – छात्र विवरण प्रविष्टि – फॉर्म 9
जाति – छात्र विवरण प्रविष्टि – फॉर्म 9
लिंग – छात्र विवरण प्रविष्टि – फॉर्म 9
विद्वान प्रकार की स्थिति – छात्र विवरण की प्रविष्टि – फॉर्म 9
आधार प्रमाणीकरण स्थिति – स्कूल/कक्षा शिक्षक प्रमाणीकरण मॉड्यूल
जनआधार प्रमाणीकरण स्थिति – स्कूल/कक्षा शिक्षक प्रमाणीकरण मॉड्यूल
पारिवारिक आय/करदाता स्थिति (यदि लागू हो) – लाभ योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र अधिसूचना
परिणाम स्थिति – छात्रवृत्ति के लिए अंतिम कक्षा का परिणाम/कक्षा का परिणाम
परिणाम प्रतिशत स्थिति – छात्रवृत्ति के लिए अंतिम कक्षा का परिणाम/कक्षा परिणाम
ओबीसी श्रेणी स्थिति (यदि लागू हो) – लाभकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र अधिसूचना
अस्वच्छ श्रेणी (व्यवसाय) (यदि लागू हो) – लाभ योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र अधिसूचना
सैनिक प्रमाणपत्र (यदि लागू हो) – लाभकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य छात्र अधिसूचना
अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 6 से 8) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 6,7,8 जाति अनुसूचित जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में कोई आय सीमा नहीं लेकिन आयकर दाता नहीं हो सकता अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
अनुसूचित जन जाति के छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 6 से 8) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 6,7,8 जाति अनुसूचित जन जाति (एसटी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में कोई आय सीमा नहीं लेकिन आयकर दाता नहीं हो सकता अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 6 से 8) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 6,7,8 जाति अन्य पिछड़ा वर्ग के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship shalasugam.com
एम. बी. सी / एम. बी. सी (विशेष समूह) छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 6, 7, 8 और 9, 10) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 6, 7, 8 और 9, 10 एम. बी. सी / एम. बी. सी (विशेष समूह) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,00,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए|
अति पिछड़ा वर्ग MBC या जिसे विशेष पिछड़ा वर्ग SBC प्रमाण पत्र अपडेट
अक्सर यह देखा गया है कि जो पांच जातियां अति पिछड़ा वर्ग MBC या जिसे विशेष पिछड़ा वर्ग SBC के नाम से जाना जाता है उनको कई विद्यालय ओबीसी अंकित कर देते हैं या उन्हें ओबीसी की छात्रवृत्ति देते हैं, जो कि नितांत ही गलत है उसका कारण वे अक्सर यह बताते हैं कि उनका जाति प्रमाण पत्र ओबीसी का बना हुआ है। जबकि वास्तविकता यह है कि एमबीसी या एसबीसी का जाति प्रमाण पत्र वर्तमान में बनता ही नहीं है। ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र यदि उन पांच जातियों में से किसी एक का है तो वह प्रमाण पत्र ही एमबीसी MBC का ही कार्य करती है। Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
ऐसा आदेश राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता मंत्रालय द्वारा एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है जो निम्न प्रकार हैं –
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, राजस्थान सरकार के पत्र क्रमांक : एफ.11(125)एम.बी.सी. / आर. एण्डपी. / सान्याअवि / 2012/36546 दिनांक 21-06-2019 के अनुसार –
राज्य सरकार के राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग (राज्य में शैक्षणिक संस्थाओं की सीटों में प्रवेश एवं राज्य सेवाओं में नियुक्तियों एवं पदों में आरक्षण) (संशोधन) अधिनियम, 2019 (अधिनियम संख्या 2 / 2019 ) एवं समय-समय पर इस संबंध में जारी परिपत्रों की अनुपालना में राज्य में अति पिछड़ा वर्ग को अर्थात पांच जातियों यथा 1. बंजारा, बालदिया, लबाना 2. गाडिया लोहार, गाडोलिया 3. गुजर, गुर्जर 4. राईका, रैबारी, देबासी 5. गडरिया (गाडरी), गायरी को शैक्षणिक संस्थाओं की सीटों में प्रवेश एवं राज्य की सेवाओं में नियुक्तियों एवं पदों में आरक्षण दिया जाना है।
इस हेतु उक्त वर्णित जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ही अति पिछड़ा वर्ग का लाभ देय होगा।
राज्य सरकार के ध्यान में आया हैं कि उपरोक्त वर्णित प्रावधानों के अन्तर्गत राज्य में शैक्षणिक संस्थाओं की सीटों में प्रवेश एवं राज्य की सेवाओं में नियुक्तियों एवं पदों में नियमानुसार अति पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित उक्त पांच जातियों के अभ्यर्थियों को कतिपय विभागों, राजस्थान लोक सेवा आयोग, राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड तथा राज्य के विश्वविद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ दिये जाने में संशय की स्थिति है। इस क्रम में पूर्व में भी राज्य सरकार द्वारा संशोधित परिपत्र क्रमांक 15633 दिनांक 27.02.2018 जारी किया गया था ( प्रति संलग्न) ।
इस संबंध में पुनः यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु जारी जाति प्रमाण पत्र जिसमें अति पिछड़ा वर्ग की जाति का स्पष्ट उल्लेख हो तथा आवेदक द्वारा अति पिछड़ा वर्ग लाभ के लिये आवेदन किया गया हो, को अति पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित उक्त जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ देय होगा ।
Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 9, 10) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 9,10 जाति अनुसूचित जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए| Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
अनुसूचित जन जाति के छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 9, 10) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 9,10 जाति अनुसूचित जन जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए|
अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 9, 10) योजना नियम :-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 9,10 जाति अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए| Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 11, 12) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 11, 12 जाति अनुसूचित जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी| केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए|
NOTE : उक्त नियम ही अनुसूचित जन जाति (एसटी) वर्ग व SBC / MBC वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लागू हैं | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
अन्य पिछड़ा जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 11, 12) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 11, 12 जाति अनुसूचित जाति (एससी) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
इस छात्रवृति के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों के पिछले कक्षा में अंक 60 प्रतिशत या उससे उपर होना आवश्यक हैं |
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी| केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए|
ई. बी. सी. (आर्थिक पिछड़े) छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (कक्षा 11, 12) योजना नियम:-
यह छात्रवृति केवल कक्षा 11, 12 सामान्य वर्ग के ई. बी. सी. (आर्थिक पिछड़े) के बालक बालिकाओं को ही मिलेगी|
इस छात्रवृति के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों के पिछले कक्षा में अंक 60 प्रतिशत या उससे उपर होना आवश्यक हैं |
अगर विद्यार्थी छात्रावास में रह रहा है तो ऐसे बालक बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी| केवल डे स्कॉलर को ही मिलेगी|
यह छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को ही मिलेगी जिनका आधार प्रमाणीकरण व जनाधार प्रमाणीकरण हो चूका हैं |
विद्यार्थी का बैंक खाता संख्या जनाधार जुड़ा होना अनिवार्य हैं |
इस छात्रवृत्ति में पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | अंत: इन विद्यार्थियों का भी 4 पृष्ठीय आय प्रमाण अनिवार्य हैं अन्यथा यह पता कैसे लगेगा कि अभिभावक आयकर दाता की श्रेणी में आता हैं अथवा नहीं |
यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी का अंतिम कक्षा परिणाम उत्तीर्ण होना अतिआवश्यक हैं |
विद्यार्थियों का आधार बैंक खाते से जुड़ा होना अवश्य ही चाहिए| Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
कक्षा 10 के लिए शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
यदि परिणाम स्थिति या परिणाम प्रतिशत स्थिति चिह्न दिखा रही है तो कृपया Class Result For Scholarship मेनू पर जाएं और छात्र की परिणाम स्थिति और प्रतिशत अपडेट करें|
प्री/पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में सिस्टम से ऑटो अप्लाई शुरू हो जाती जब हम मेन्यूअल आवेदन नहीं करते हैं तो।
प्रतिदिन रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पोर्टल पर ऑटो अप्लाई सिस्टम चलेगा। इस दौरान स्कूल प्री/पोस्ट मैट्रिक प्रभारी शाला दर्पण बीएसपी लॉगिन के माध्यम से मैन्युअल रूप से आवेदन नहीं कर सकेंगे,लेकिन आवेदनों की निगरानी या सत्यापन कर सकेंगे।
सभी पात्र छात्र जो किसी कारणवश प्रभारी द्वारा आवेदन नहीं कर पाते हैं या आवेदन पेंडिंग है उनका आवेदन ऑटो सिस्टम द्वारा किया जाता है।
ऑटो अप्लाई प्रतिदिन तभी काम करेगा जब किसी विशेष योजना के लिए शेड्यूल अभी भी चल रहा हो।
यदि किसी स्कूल प्रभारी को लगता है कि कोई आवेदन ऑटो सिस्टम द्वारा गलत तरीके से लागू किया गया है या गलत छात्र जानकारी के साथ स्वतः लागू किया गया है तो प्रभारी आवेदन को हटा सकता है और STEP-1 : APPLY/REJECT का उपयोग करके शाला दर्पण बीएसपी प्रभारी लॉगिन के माध्यम से मैन्युअल रूप से दोबारा आवेदन कर सकता है।
यदि आवेदन ऑटो सिस्टम द्वारा सही ढंग से लागू किया गया है तो प्रभारी आवेदन को सत्यापित और लॉक कर सकता है।
कृपया किसी भी छात्र को अनावश्यक रूप से अस्वीकार न करें जब तक कि अस्वीकृति का कारण वैध न हो।
ऑटो सिस्टम द्वारा लागू आवेदन पूरी तरह से शाला दर्पण पोर्टल पर उपलब्ध छात्र जानकारी (छात्र प्रपत्र 9 जानकारी, छात्र लाभकारी योजना जानकारी, छात्र परिणाम जानकारी) के आधार पर होते हैं।
सभी लागू आवेदनों को सिस्टम द्वारा ऑटो लॉक कर दिया जाएगा यदि आवेदन करने के बाद 10 दिनों के भीतर प्रभारी द्वारा लॉक नहीं किया जाता है (मैन्युअल या ऑटो लागू) और संबंधित कार्यालय को भेज दिया जाएगा। Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
प्रत्येक विद्यार्थी का नियमानुसार और पूर्ण वैधता के साथ ही आवेदन करें किसी को अनावश्यक या अवांछित तरीके से लाभान्वित करने का प्रयास न करें |
अगर किन्हीं छात्रों का आवेदन किसी कारण वश नहीं हो तो ऐसे छात्रों की सूची बनाकर उनके आवेदन नहीं होने का कारण दर्ज करवाकर विद्यार्थी का प्रति हस्ताक्षर अवश्य लेना चाहिए |
आवेदन करते समय सभी कागज जांच ले और विद्यार्थी की जानकारी वही होनी चाहिए जो आपके विद्यालय अभिलेख में हैं |
आवेदन करते समय विद्यार्थी से यह अवश्य लिखवा लेवें कि इस छात्रवृति के अलावा विद्यार्थी किसी भी प्रकार की छात्रवृति नहीं ले रहा हैं | अन्य छात्रवृति नहीं लेने का शपथ पत्र यहाँ क्लिक करें
आवेदन को वेरीफाई करते समय अपने संस्था प्रधान को अवश्य चेक करवाए और अन्य शिक्षक साथी द्वारा क्रोस वेरिफिकेशन जरूर करवाए |
विद्यार्थी के अभिभावक के आय प्रमाण पत्र में दर्ज आय व छात्र लाभकारी योजना जानकारी में दर्ज आय समान होनी चाहिए| अंत: छात्र लाभकारी योजना जानकारी में आय प्रमाण पत्र के अनुसार ही दर्ज करें और यह कार्य 20 अगस्त से पहले पूर्ण कर देवे अन्यथा बाद में छात्रवृति आवेदन शुरू होने के बाद ऑटो अप्लाई के बाद फॉर्म में अपडेट नहीं हो पाएगी | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
अगर कोई विद्यार्थी किसी भी कक्षा को वापस पढ़ने के लिए कक्षा रिपिट करता हैं तो वो छात्रवृति के लिए योग्य नहीं माना जायेगा | क्योंकि छात्रवृति उसी विद्यार्थी को मिलती है जो एक कक्षा को उत्तीर्ण करके अगली कक्षा में प्रवेश लेता हो
अगर किसी कारण वश किसी विद्यार्थी का फॉर्म ऑटो अप्लाई हो जाता हैं और उसके डॉक्यूमेंट कम्प्लीट नहीं हैं या वो विद्यार्थी शर्तों के अधीन नहीं है तो उसका आवेदन रिजेक्ट करके डिलीट देना चाहिए |और अगर किसी का आवेदन डिलीट होने के बाद वापस आवेदन करना हो तो कर सकते हैं |
पालन हार योजना एक प्रकार की छात्रवृति नहीं हैं अंत: पालन हार योजना वाले विद्यार्थियों के भी छात्रवृति के लिए आवेदन करना होगा |
अगर कोई विद्यार्थी SBC / MBC का है और उसका जाति प्रमाण पत्र एक वर्ष पुराना हो गया हैं तो उसके जाति प्रमाण पत्र के साथ नॉन क्रिमिलियर होने का स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र देना होगा | यहाँ आप अवगत हो कि SBC / MBC के लिए अलग से प्रमाण पत्र नहीं होता हैं बल्कि उनके लिए भी OBC का प्रमाण पत्र ही बनता हैं | लेकिन उल्लेखित 5 जातियों के लिए उस प्रमाण पत्र को SBC / MBC माना जाता हैं |
आय कैसे अपडेट करें ? : आप को सर्वप्रथम विद्यार्थी से आय प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा और उस आय प्रमाण पत्र में दर्ज आय को विद्यार्थी लाभकारी योजना टेब में अपडेट करनी होगी | अगर मान लीजिए आपने विद्यार्थी लाभकारी योजना टेब आय अपडेट कर दी और आवेदन में अपडेट नहीं हुई हैं तो समझ लीजिए कि यह फॉर्म आपके द्वारा आय अपडेट करने से पूर्व अप्लाई हो गया हैं अंत: वापस डाटा फेच नहीं कर पायेगा ऐसी स्थिति में अपडेट की हुई आय आवेदन में प्राप्त करने के लिए आपको अपना आवेदन डिलीट करना और होगा वापस आवेदन करना होगा |
हमेशा ध्यान रखें विद्यार्थी एक वर्ष में केवल एक ही प्रकार की छात्रवृति प्राप्त कर सकता हैं | एक साथ दो या तीन प्रकार की छात्रवृति नहीं ले सकता हैं | अंत: सदैव अपनी और छात्रवृति के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आप विद्यार्थी एक ही प्रकार की छात्रवृति लेने का शपथ पत्र या घोषणा पत्र जरूर लेवें |
अगर किसी विद्यार्थी के सप्लीमेंट्री आती और वो विद्यार्थी उत्तीर्ण होकर अगली कक्षा में प्रवेश लेता हैं तो वो भी छात्रवृति के लिए पात्र होगा |
एक अल्प संख्यक विद्यार्थी को OBC या अल्प संख्यक में से कोई एक छात्रवृति के लिए आवेदन करना चाहिए |
छात्रवृति आवेदन के बाद छात्रवृति प्रभारी के कार्य :-
उक्त सत्र में छात्रवृति से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों की सूची अपनी पंजिका में सुरक्षित रखें |
छात्रवृति से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों के सम्पर्क नम्बर और विकल्प सम्पर्क नम्बर अवश्य संधारित रखें |
छात्रवृति से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म का प्रिंट निकालकर अपने पास फ़ाइल रखें |
ऑनलाइन आवेदन फॉर्म के साथ निम्न डोकुमेंट सुरक्षित रखें –
विद्यार्थी का श्रेणी अनुसार जाति प्रमाण पत्र प्रतिलिपि
विद्यार्थी का आय प्रमाण पत्र की मूल कोपी (केवल मात्र 4 पृष्ठीय)
विद्यार्थी का आधार कार्ड प्रतिलिपिजनाधार कार्ड प्रतिलिपि
पिछले वर्ष की अंक तालिका प्रतिलिपि (विशेष श्रेणी हेतु उतीर्ण होने व 60% अंक का साक्ष्य )
विद्यार्थी की बैंक डायरी की प्रति (ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में आधार या जनाधार से ऑटो खाता संख्या प्राप्त हुई उसे जांचने के लिए)
ध्यान रखें आवेदन के समय आपको सभी बच्चों ने अपने अपने कागज दिए होंगे लेकिन आपको उन्हीं बच्चों के कागज रखने हैं जिनका ऑनलाइन आवेदन आपने वेरीफाई किया हैं | अन्य के कागज रिजेक्शन का कारण बताकर व रिजेक्ट सूची में हस्ताक्षर करवाकर लौटा देवे | Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship
निष्कर्ष :
Work of Shala Darpan Scholarship Incharge and Process of Scholarship : आर्टिकल को लिखने का उद्देश्य था कि हमारे विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक छात्रवृति प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं उनको छात्रवृति की सम्पूर्ण प्रक्रियाओं से अपडेट करवाया जा सकें | उनके छात्रवृति की सम्पूर्ण प्रक्रिया को लेकर बनने वाले सभी प्रश्नों का समाधान किया जा सकें |
विशेष : यह आलेख लिखने में हमने पूर्ण सावधानी रखी हैं फिर लेखन में त्रुटि संभव हो सकती हैं अंत: इस आलेख को सुधारने में आप हमारा सहयोग सकते हैं |
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship नमस्कार, अध्यापक साथियों। आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति। अर्थार्थ टीचर्स वेलफेयर फंड ट्रस्ट स्कॉलरशिप। ये स्कॉलरशिप आपके बच्चों के लिए है अगर आपके बच्चे इस छात्रवृत्ति में पात्र होते हैं तो आपके बच्चे भी उत्कृष्ट प्रकार की छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हमने संपूर्ण जानकारी का समावेश किया है। आपके लिए उपयोगी प्रपत्र फोर और कैसे आवेदन करना है आदि समस्त जानकारियां अपडेट की है। हमें उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा और आप ज्यादा से ज्यादा शिक्षक साथियों के व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पेज और अन्य जगह पर साझा करेंगे।
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship :- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर की ओर से शिक्षा विभाग में कार्यरत अध्यापकों के बेटे-बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष 7 हजार 500 रुपए तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसके लिए अजमेर बोर्ड ने पात्र शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसमें विगत 5 वर्षों से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में अध्यापन कार्य करवा रहे शिक्षक-शिक्षिका पात्र होंगे।
इसके अलावा संबंधित शिक्षक/शिक्षिका अजमेर बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के लिए कम से कम तीन बार परीक्षक के रुप में कार्य कर चुके हों। यह छात्रवृत्ति उच्च माध्यमिक अथवा समकक्ष परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए प्रदान की जाती है। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
अध्यापक कल्याण कोष न्यास से छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु वर्तमान में प्रचलित नियम नियम निम्न प्रकार से हैं –
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर में शिक्षकों / शिक्षिकाओं के आश्रितों को छात्रवृत्ति / आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 1965 1966 में अध्यापक कल्याण कोष न्यास की स्थापना की गई कार्यालय की निर्देश पुस्तिका अनुसार कोष का उपयोग शिक्षकों / शिक्षिकाओं तथा उनके आश्रितों की वास्तविक कठिनाईयों तथा आपत्तियों में सहायता करने के लिए किया जायेगा। इस कोष का उपयोग शिक्षकों / शिक्षिकाओं के सामूहिक कल्याण के कार्यों के लिए भी किया जा सकेगा। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship इसके उपरान्त समय-समय पर आयोजित न्यास की बैठकों में निर्णयों में संशोधन / परिवर्तन / परिवर्द्धन उपरांत वर्तमान में निम्नानुसार नियम प्रचलन में हैं :-
कक्षा 10 के लिए शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
शिक्षक / शिक्षिका का अर्थ उस शिक्षक / शिक्षिका से है जो मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में 5 वर्ष से अध्यापन कार्य में संलग्न है तथा कम से कम 2 वर्ष तक सैकण्डरी, प्रवेशिका उच्च माध्यमिक या वरिष्ठ उपाध्याय कक्षाओं से संबंधित हों अथवा रहें हों एवं साथ ही बोर्ड की उत्तरपुस्तिका जांचने हेतु कम से कम तीन बार परीक्षक का कार्य किया हो। अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
(अ) छात्रवृत्ति हेतु पात्रता एवं सामान्य नियम
छात्रवृत्ति सेवारत शिक्षक / शिक्षिका के पुत्र / पुत्री / पत्नि / पति को ही दी जायेगी।
शिक्षक / शिक्षिका की स्वयं एवं पत्नि (यदि पत्नि सेवारत हो) अथवा दिवंगत / सेवारत शिक्षक / शिक्षिका के परिवार की समस्त साधनों से वार्षिक आय 14,00,000/- (अक्षरे रू. चौदह लाख मात्र) अथवा इससे कम हो ।
छात्रवृत्ति सीनियर सैकण्डरी अथवा उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर उच्च अध्ययन करने वालों को ही दी जायेगी। सैकण्डरी अथवा उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए भी छात्रवृत्ति दी जा सकती है।
परिवार के कई पुत्रों / पुत्रियों में से केवल एक ही पुत्र / पुत्री को छात्रवृत्ति देय होगी। एक से अधिक आवेदन करने पर समस्त आवेदन पत्र निरस्त कर दिये जायेंगे ।
छात्रवृत्ति केवल एक सत्र के लिए ही दी जावेगी तथा अगले सत्र में छात्रवृत्ति चाहने हेतु उन्हें पुनः निर्धारित प्रक्रिया में समयानुसार एवं नियमान्तर्गत आवेदन भेजना होगा तथा अनुत्तीर्ण विद्यार्थी एवं परिवार की आय रू. 14,00,000/- (अक्षरे रू. चौदह लाख मात्र) वार्षिक से अधिक होने पर छात्रवृत्ति का नवीनीकरण नहीं किया जायेगा।
छात्रवृत्ति अध्यापक के परिवार की आय एवं विद्यार्थी के परीक्षाफल के आधार पर ही दी जावेगी ।
छात्रवृत्ति केवल नियमित अध्ययन करने वाले विद्यार्थी को ही 10 माह के लिए देय होगी।
आवेदन पत्र ऑनलाईन भरने के पश्चात् निम्न पूर्तियां / संलग्न कर अंतिम तिथि तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय में प्रेषित किया जाना आवश्यक है।
विद्यार्थी की शिक्षण संस्थान द्वारा प्रमाणीकरण
शिक्षक / शिक्षिका की वर्तमान / अंतिम संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणीकरण ।
गत परीक्षा उत्तीर्ण अंकतालिका।
शिक्षक / शिक्षिका स्वयं की वार्षिक आय का प्रमाण पत्र ( फार्म 16 ) तथा यदि पति / पत्नि भी सेवारत है तो उनके भी आय प्रमाण पत्र / (फार्म 16 ) |
राशन कार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि ।
आवेदन पत्र में अंकित बैंक सूचना यथा नाम पूर्ण खाता सं., आई.एफ.एस.सी. कोड आदि के सत्यापन हेतु छात्र के बैंक खाते की पासबुक की प्रमाणित प्रतिलिपि अथवा एक निरस्त चैक जिसमें उक्त समस्त सूचनाऐं मुद्रित हो, संलग्न करें।
उपरोक्तानुसार संलग्न के मूल आवेदन पत्र अंतिम तिथि तक निम्न पते पर पहुंच जाना चाहिए। अंतिम तिथि के उपरांत प्राप्त आवेदन पत्र निरस्त किये जा सकते है। सचिव अध्यापक कल्याण कोष न्यास माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर ।
10. स्वीकृत की जाने वाली छात्रवृत्ति निम्नानुसार होगी
महाविद्यालय, बीएसटीसी, आई.टी.आई पंचवर्षीय एलएलबी, कम्प्यूटर सांईस, सैकण्डरी अथवा समकक्ष उत्तीर्ण छात्रों को तकनीकी एवं
व्यावसायिक शिक्षा हेतु : 300/- प्रतिमाह
पॉलोटेक्नीक अथवा समकक्ष डिप्लोमा, नर्सिंग, फार्मेसी पाठ्यक्रम में अध्ययन हेतु : 450/- प्रतिमाह
बीएड एवं एम.एड. हेतु : 600/- प्रतिमाह
4 तकनीकी एवं व्यावसायिक यथा मेडीकल, आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, एमबीए, वेटनरी, आई.आई.टी. एवं पी. एच. डी. हेतु : 750/- प्रतिमाह
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
11. छात्रवृत्ति उन्हीं को दी जायेगी जिनकों किसी अन्य स्त्रोत्र से सहायता प्राप्त नहीं हो रही हो ।
आर्थिक सहायता
दिवंगत शिक्षक / शिक्षिका के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में राशि रू. 15000/- देय है।
बोर्ड परीक्षा कार्य दौरान ( On Duty) असामयिक मृत्यु होनेपर राशि रू. 2,00,000/- आर्थिक सहायता देय है।
गंभीर बीमारी कैंसर या स्थायी रूप से अपंग होने पर शिक्षक / शिक्षिका को एक मुश्त राशि रू. 15,000 / – की आर्थिक सहायता देय है।
कुछ महत्वपूर्ण निर्देश :-
आवेदन पत्र मय आवश्यक दस्तावेज, शिक्षक / शिक्षिका के वर्तमान / अंतिम संस्था के प्रधान द्वारा प्रमाण पत्र तथा छात्र की शिक्षण संस्था के प्रधान द्वारा प्रमाणीकरण का प्रमाण पत्र सहित सचिव अध्यापक कल्याण कोष न्यास, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर को अग्रेषित करें।
आवेदन पत्र भरने से पहले प्रत्येक बिन्दु को सावधानी पूर्वक पढना चाहिए। छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय होने के पश्चात् भी गलत सूचना पर अनुज्ञा तुरन्त निरस्त की जा सकेगी।
अपूर्ण, अधूरा विवरण या निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा । अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship
छात्रवृत्ति की राशि सीधे ही विद्यार्थी के व्यक्तिगत बैंक खाते में जमा कराई जायेगी। अतः विद्यार्थी स्वयं के नाम से अपना खाता “Electronic Clearing System” की किसी बैंक में खुलवायें।
अध्यापक कल्याण कोष न्यास के अन्तर्गत बोर्ड में परीक्षक के रूप में पंजीकृत शिक्षकों / शिक्षिकाओं के आश्रितों को छात्रवृत्ति के लिए ऑन-लाईन आवेदन पत्र भरने हेतु आवश्यक निर्देश एवं विधि :-
अध्यापक कल्याण कोष न्यास छात्रवृत्ति | Teachers Welfare Fund Trust Scholarship हेतु बोर्ड की वेबसाईट www.rajeduboard.rajasthan.gov.in
अध्यापक कल्याण कोष न्यास के अन्तर्गत बोर्ड में परीक्षक के रूप में कार्यरत / परीक्षक क्रमांकधारी शिक्षकों / शिक्षिकाओं के आश्रितों को छात्रवृत्ति के लिए मा.शि.बो. राजस्थान, अजमेर द्वारा जारी ऑनलाईन आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। आवेदन पत्र के पीछे मुद्रित निर्देशों की पूर्णतः पालना की जाए। नमूना आवेदन पत्र बोर्ड की उक्त वेबसाईट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
आवेदन पत्र भरने से पूर्व संबंधित समस्त सूचनाएँ एकत्रित कर अपने साथ रखें।
ऑनलाईन आवेदन भरते समय जो सूचनाएँ स्क्तः भरी हुई प्रिन्ट होती हैं, उनमें कोई संशोधन नहीं हो पाएगा आवेदन पत्र केवल अंग्रेजी (CAPITAL LETTERS) में ही भरा जाए।
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
लॉग इन :- सर्वप्रथम आवेदन लॉग इन पेज पर दिये गये निर्देशों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें। आवेदक सुविधा के लिए लॉग इन पेज पर दिये गये प्रपत्र आवश्यकतानुसार प्रिन्ट कर सकते हैं। आवेदन परीक्षक अपनी Employee ID व मोबाईल नम्बर भरकर लॉग इन करें। किन्तु यदि परीक्षक का मोबाईल नं. बोर्ड में पंजीकृत नहीं हैं तो निर्देशानुसार वांछित सूचनाएं ऑनलाईन उपलब्ध कराकर मोबाइल नं. पंजीकृत करवायें।
अगर आप पहली बार लॉग इन कर रहे हैं तो लॉग इन के तुरन्त बाद आपको Fill Registration Form का लिंक मिलेगा जिस पर क्लिक करने से Registration Form खुलेगा जिसे भरने के लिए नीचे दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन करें| (पूरी जानकारी भरने के पश्चात आवेदक सेव (Save) बटन पर क्लिक करें।)
Check Registration Form :- इस लिंक पर क्लिक करने पर आवेदक द्वारा भरी गई जानकारियां प्रदर्शित होंगी। आवेदक इस फार्म को प्रिन्ट लेकर सुनिश्चित कर लें कि फार्म में भरी गई सम्पूर्ण जानकारियां सही हैं।
अगर भरी गई जानकारी में सुधार आवश्यक हो तो Update Registration Form (If required) के लिंक पर क्लिक करें | पुनः Registration Form खुलेगा, आवेदक आवश्यकतानुसार सुधार कर अपडेट का बटन पर क्लिक करें। जानकारी अपडेट हो जायेगी ।
अगर आप आश्वस्त हैं कि आपके द्वारा भरी गई सभी जानकारियां सही हैं तो Lock Registration Form पर क्लिक करें (ध्यान रहे कि इस लिंक पर क्लिक करने के पश्चात् कोई सुधार नहीं कर पायेंगें, गलत जानकारी पर आवेदन पत्र निरस्त होने की जिम्मेदारी आवेदक की स्वयं की होगी)
Final Registration Form इस लिंक पर क्लिक करने पर जो प्रपत्र खुलेंगें उन्हें प्रिन्ट करें। आवेदन पत्र रिक्त प्रमाण पत्र यथा शिक्षक / शिक्षिका का वर्तमान नियन्त्रण से प्रमाण पत्र एवं विद्यार्थी का वर्तमान शिक्षण संस्थान के प्रमाण पत्र पर संबंधित के हस्ताक्षर मय सील के प्रमाणित करवाकर बोर्ड में भेजे जाने हैं।
प्रिन्ट किये गये सभी प्रपत्र तथा आवश्यक प्रपत्र निर्देशानुसार संलग्न कर तय दिनांक तक बोर्ड में व्यक्तिगत / डाक द्वारा प्रेषित करें तथा इसकी एक फोटोप्रति अपने पास सुरक्षित रखें। नोट : प्रथम बार फार्म भरने के पश्चात अगर आप पुनः लॉग इन हो रहे है तो बिन्दु संख्या 3 से निर्देशों का पालन करें।
Instructions and Downloads ↓
Before fill online Registration form please read Instructions Carefully
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जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan : राजस्थान विभिन्न जातियों और समुदायों को पहचान और अवसर प्रदान करने में जाति प्रमाण पत्र के महत्व को पहचानता है। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र एक आधिकारिक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है जो किसी व्यक्ति की जाति या समुदाय को प्रमाणित करता है और आरक्षण, कल्याणकारी योजनाओं और अन्य लाभों तक पहुँच को सक्षम बनाता है।
राजस्थान जाति प्रमाण पत्र के लिए वर्ग (एससी, एसटी या ओबीसी) ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक राज्य लाभार्थी जो राजस्थान जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर बहुत आसानी से ऐसा कर सकते हैं और जाति प्रमाण पत्र द्वारा प्रदान किए गए सभी लाभों का लाभ उठा सकते हैं। कर सकते हैं | जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
राज्य के केवल एससी, एसटी और ओबीसी लोग ही इस ऑनलाइन सेवा का उपयोग करने के पात्र हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है क्योंकि यह राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक आधिकारिक दस्तावेज है।
इस प्रमाण पत्र से पता चलता है कि राजस्थान में रहने वाला व्यक्ति किस जाति का है। राजस्थान जाति प्रमाण पत्र वाले लोगों को कई सरकारी कार्यों से छूट मिलती है। राज्य में रहने वाली विभिन्न जातियों की संख्या भी इसके इस्तेमाल से गिनी जा सकती है। इसलिए जो भी व्यक्ति एससी, एसटी या ओबीसी श्रेणी में आता है, उसके पास जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए।
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,
राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग एवं विशेष पिछडा वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में निम्नलिखित दिशा निर्देश जारी किये जाते है। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
1. जाति प्रमाण पत्र :-
जाति प्रमाण पत्र से तात्पर्य भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं विशेष पिछड़ा वर्ग के लिये समय-समय पर जारी किये गये गजट नोटिफिकेशन / अधिसूचनाओं में शामिल जातियों को राज्य सरकार द्वारा अधिकृत प्राधिकारी द्वारा भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी किये गये प्रमाण पत्र से है। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
2. जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाला सक्षम प्राधिकारी : –
जाति प्रमाण पत्र उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किये जायेगें ।
3. जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया:-
(A) आवेदक-
(1) राजस्थान राज्य का मूल निवासी: ऐसा व्यक्ति जो अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछडा वर्ग का राजस्थान राज्य का मूल निवासी हो।
(II) अन्य राज्यों से भाईग्रेट होकर आये व्यक्तियो के संबंध मे :- यदि आवेदक मूल रूप से राजस्थान राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य का निवासी है तथा माईग्रेट होकर शिक्षा / रोजगार आदि प्राप्त करने के लिए राजस्थान राज्य मे स्थायी रूप से निवास कर रहा है तथा यही से मूल निवास प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, तो उस व्यक्ति की संतान को राजस्थान राज्य मे जन्म के आधार पर जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिये आवेदन हेतु पात्र होगी।
(B) आवेदन पत्र का प्रारूप एवं सलंग्न किये जाने वाले दस्तावेज :-
(1) SC / ST हेतु आवेदन परिशिष्ट ‘अ’ अनुसार
(II) OBC / SBC हेतु आवेदन परिशिष्ट ‘क’ अनुसार
सलंग्न दस्तावेज सूची
राशनकार्ड / मतदाता सूची / अचल सम्पति के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज / किरायानामा / गैस कनेक्शन / बिजली, पानी, टेलिफोन का बिल / शिक्षा प्रमाण-पत्र ।
पिता की जाति का साक्ष्य हेतु प्रमाण-पत्र (जाति प्रमाण पत्र यदि उपलब्ध हो तो) भूमि की जमा बन्दी आय प्रमाण-पत्र हेतु (जिनके पास आई.टी. आर एवं राज्य / केन्द्रीय अधिकारी / कर्मचारी की वेतन पत्र / पे स्लीप नही है तो निर्धारित प्रमाण-पत्र मे दो अलग-अलग राज्य केन्द्रीय अधिकारी / कर्मचारी के द्वारा जारी प्रमाण-पत्र सलंग्न करे ) आयकर रिटर्न संबंधी दस्तावेज / मूल निवास प्रमाण पत्र / जन्म प्रमाण पत्र जिसमे जाति का उल्लेख हो यदि उपलब्ध हो तो आवेदन पत्र के साथ सलंग्न किया जावेगा
OBC / SBC के लिये उत्तरदायी व्यक्तियो द्वारा देय साक्ष्य (परिशिष्ट-च) अनुसार, उत्तर दायी व्यक्ति से आशय संसद सदस्य / विधानसभा सदस्य / जिला प्रमुख / प्रधान / जिला परिषद सदस्य / सरंपच / राजकीय अधिकारी / कर्मचारी से है ।
आवेदन पत्र में आवेदक के पास आधार नम्बर / जनाधार कार्ड होने की स्थिति मे उक्त नम्बर का अंकन किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि आवेदक परिवार का मुखिया नही हैं एवं उसके परिवार के मुखिया को जारी किये गये जनाधार कार्ड मे उसका नाम अंकित है तो मुखिया को जारी जनाधार कार्ड की प्रति लगानी आवश्यक होगी।
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(C) आवेदन जांच एवं आवेदन पत्र तथा जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र का प्रारूप:-
सक्षम अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ कार्मिक यथा पटवारी / गिरदावर आदि से गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी किये गये पत्रांक संख्या BC. 12025/2/76- SCT.J 22 मार्च 1977 ( प्रति संलग्न परिशिष्ट – k ) आवेदक के पैतृक / स्वयं के राजस्व रिकार्ड आदि मे उसके जाति का परीक्षण करवाया जायेगा इसके अतिरिक्त यदि आवश्यक हो तो शैक्षणिक रिकार्ड / नगरपालिका / ग्राम पंचायत के रिकार्ड का भी जांच / परीक्षण किया जा सकेगा जिसमे उसके स्वयं / पैतृक जाति की पुष्टि होती हो। परीक्षण उपरान्त जाति प्रमाण पत्र हिन्दी एवं अग्रेजी द्विभाषा में एक साथ ही जारी किया जायेगा|
SC/ST एवं OBC / SSC हेतु प्रमाण पत्र का प्रारूप क्रमशः परिशिष्ट ‘ब’ ‘ख’ ‘ग’ अनुसार ही मान्य होगा।
OBC / SBC के लिये जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र का प्रारूप उपरोक्त परिशिष्ठ ख व ग के अनुसार क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी पैरा 3 को काटकर (Delete) कर जारी किया जायेगा।
भारत सरकार मे नियुक्तियों के लिये परिशिष्ट- घ अनुसार ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
(D) जाति प्रमाण-पत्र की संशोधित एवं दोहरी प्रति :-
संक्षम प्राधिकारी द्वारा निम्नाकित परिस्थितियो मे दुबारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जावेगा।
प्रमाण-पत्र गुम हो जाने, कट-फट जाने या खराब हो जाने पर दोहरी प्रति (Duplicate Copy) जारी की सकेगी।
नाम बदलने पर संशोधित प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकेगा। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
कालान्तर मे आयु वृद्धि के अनुसार पहचान के लिए मांग करने पर नये फोटो युक्त नवीन प्रमाण-पत्र (Revised Certificate) जारी किया जावेगा।
यदि जाति प्रमाण-पत्र जारी करने वाला सक्षम अधिकारी आवेदक के आवेदन को किसी कारण से खारिज / निरस्त करता है तथा आवेदक यह महसूस करता है कि उसका आवेदन 5 पत्र एवं उसके साथ समस्त सलंग्न दस्तावेज सत्य है तथा वह उक्त जाति प्रमाण-पत्र मे जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति के अध्यक्ष को लिखित मे समस्त साक्ष्यों सहित आवेदन कर सकेगा। जिला स्तरीय समिति उक्त आवेदन पत्र का गहनता से जांच / परीक्षण कर यदि समिति का यह निष्कर्ष रहता है कि आवेदक का आवेदन पत्र सही है तो यह संबन्धित सक्षम अधिकारी को नियमानुसार जाति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु निर्देश दे सकेगी। एवं यदि आवेदन पत्र खारिज योग्य पाया जाता है तो उसे समिति द्वारा निरस्त कर दिया जावेगा परन्तु निरस्त का आदेश कारणो सहित जारी किया जायेगा।
4. जाति प्रमाण पत्र की वैधता अवधि :-
अनुसूचित जाति / जनजाति के लिये जारी किये गये जाति प्रमाण पत्रो की अवधि जीवन पर्यन्त होगी जबकि OBC के लिये संबधी प्रमाण-पत्र एक बार ही जारी किया जावेगा परन्तु क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी तथ्य को तीन वर्ष के विधि सम्मत शपथ-पत्र के आधार पर मान्यता दी जायेगी।
क्रिमीलेयर मे नही होने संबंधी प्रमाण-पत्र एक वर्ष के लिए मान्य होगा एक बार क्रिमीलेयर मे नही होने का प्रमाण-पत्र जारी होने के उपरान्त अगर प्रार्थी आगामी वर्ष मे भी क्रिमीलेयर मे नही हे तो ऐसी स्थिति मे उससे सत्यापित शपथ-पत्र (परिशिष्ट–३) लेकर पूर्व मे जारी प्रमाण-पत्र को ही मान लिया जाये ऐसा अधिकतम तीन वर्ष तक किया जा सकता है। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
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अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछड़ा वर्ग के आवेदक को जाति प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात यदि आवेदक द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेने, किसी नियोक्ता के अधीन सेवा मे नियोजित होने या अन्य किसी प्रयोजन के लिए यदि उक्त जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर कोई आरक्षण / रियायत प्राप्त की गयी हो तो शैक्षणिक संस्थान, नियोक्ता या अन्य किसी प्राधिकारी द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र के सत्यापन करवाये जाने की स्थिति मे जिला कलक्टर द्वारा उक्त जाति प्रमाण-पत्र का सत्यापन करवाया जाकर सत्यापन रिर्पोट संबन्धित प्राधिकारी को उनके वांछितानुसार भिजवायी जा सकेगी। ( जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan)
उक्त सत्यापन रिर्पोट 6 माह में आवश्यक रूप से भिजवाई जानी आवश्यक होगी। यदि कोई प्रकरण सर्तकता समिति एवं छानबीन समिति मे विचाराधीन है तथा उसमे अन्तिम निर्णय मे विलम्ब हो रहा हो तथा शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता के यहां पर निर्धारित अंतिम तिथि निकल गयी हो तो शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता द्वारा अस्थायी (PROVISIONAL) प्रवेश / नियुक्ति दी जाएगी तथा वह प्रवेश / नियुक्ति छानबीन समिति के निर्णय के आधीन रहेगी।
6. जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति :-
अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछड़ा वर्ग के शंकाप्रस्द, फर्जी / झूठा जाति प्रमाण-पत्र जारी हो जाने की स्थिति मे एवं जाति प्रमाण-पत्र की शिकायत प्राप्त होने पर उक्त जाति प्रमाण-पत्र के परीक्षण / जांच हेतु प्रत्येक जिले मे एक जिला स्तरीय जाति प्रमाण-पत्र सतर्कता समिति का प्रशासनिक सुधार विभाग राजस्थान सरकार द्वारा आदेश क्रमांक प. 6 ( 10 ) प्र०सु०. / अनु. 3/2011 दिनांक 23.07.15 को गठन किया गया है। (परिशिष्ठ-बी) जो कि निम्न प्रकार से है :-
जिला कलक्टर
अध्यक्ष
अतिरिक्त जिला कलक्टर (राजस्व)
समन्वयक
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं पदेन प्रभारी अधिकारी (माडा), जिला परिषद
सदस्य
संबन्धित उप जिला मजिस्ट्रेट / उपखण्ड अधिकारी
सदस्य
जिला अधिकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
सदस्य
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
उपरोक्त समिति मे झूठे फर्जी एवं शंकास्पद जाति प्रमाण-पत्रो के मामले दर्ज किये जा सकेगे तथा समिति जारी किये गये जाति प्रमाण-पत्रो की अपने स्तर पर परीक्षण करेगी तथा परीक्षण उपरान्त सत्यता का निष्कर्ष सहित अपना निर्णय लिया जाकर जाति प्रमाण-पत्र की वैद्यता / अवैद्यता के संबंध मे समुचित आदेश दो माह मे जारी करेगी।
तथा संबन्धित पक्षो को उक्त निर्णय से पंजीकृत डाक द्वारा अविलम्ब सूचना दी जावेगी। परन्तु उक्त सूचना अधिकतम एक माह में दी जावेगी तथा नाबालिग की स्थिति में उसके माता-पिता / संरक्षक को तत्काल सूचना प्रेषित की जावेगी। यदि उक्त अवधि मे निर्णय नही किया जा सकता है तो उसके कारणो का अकंन किया जाना आवश्यक होगा तथा निर्णय की सूचना शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता को भी तत्काल दी जावेगी ।
जाति प्रमाण-पत्र की सत्यता का परीक्षण करने के समय सम्बन्धित पक्षो यथा शिकायतकर्ता एवं जिसका जाति प्रमाण-पत्र है उसको अपना पक्ष रखने हेतु समुचित अवसर प्रदान करने हेतु नोटिस जारी किया जावेगा एवं नाबालिग की स्थिति मे उसके माता-पिता / संरक्षक को ऐसे नोटिस जारी किये जा सकेगे।
7. जिला स्तरीय समिति के निर्णय के विरूद्ध राज्य स्तरीय छानबीन एवं सर्तकता समिति में अपील :-
जाति प्रमाण-पत्र के संबध मे शिकायतकर्ता एवं यह पक्ष जिसके विरूद्ध शिकायत की गयी हैं जिला स्तरीय समिति के निर्णय से अंसुतष्ट होने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति मे जिला समिति के निर्णय दिनांक से 30 दिवस मे अपील की जा सकेगी।
झूठे एवं शंकास्पद / फर्जी जाति प्रमाण-पत्रो को जारी होने तथा दुरूपयोग करने के प्रकरणो को रोकने के लिए राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प 6 (10) प्र.सु.वि / अनु- 3 / 2011 जयपुर दिनांक 18.03. 2011 (परिशिष्ट-ए) द्वारा निम्न प्रकार से राज्य स्तरीय छानबीन समिति का गठन किया गया है :-
प्रमुख शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
अध्यक्ष
आयुक्त / निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
सदस्य
शासन सचिव, जनजातिय विकास विभाग
सदस्य
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
उक्त राज्य स्तरीय छानबीन समिति जिला स्तरीय जाति प्रमाणपत्र छानबीन एवं सतर्कता समिति से प्राप्त निर्णय के विरूद्ध अपील दायर होने पर युक्तियुक्त समय मे उक्त जाति प्रमाण पत्र के संबंध मे जिला स्तरीय समिति के निर्णय का परीक्षण करेगी तथा आवश्यकता होने पर अपने स्तर पर पुनः संबन्धित प्रकरण यथा जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये साक्ष्य / दस्तावेज एवं जिला स्तर पर की गयी जांच रिपॉट का परीक्षण कर अपने स्तर पर निर्णय करेगी। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
एवं राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा यदि यह पाया जाता है कि जिला स्तरीय समिति द्वारा लिया गया निर्णय उचित है तो अपील को राज्य स्तरीय समिति द्वारा निरस्त किया जा सकेगा एवं जिला स्तरीय समिति का निर्णय अनुचित पाये जाने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा उक्त प्रमाण पत्र के संबध में उचित आदेश जारी किया जा सकेगा जिसकी पालनाके लिये जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाला सक्षम प्राधिकारी बाध्य होगा एवं इस निर्णय को केवल माननीय उच्च न्यायालय मे ही चुनौती दी जा सकेगी। छानबीन समिति द्वारा पारित किए गये निर्णय को शैक्षणिक संस्था / नियोक्ता को तत्काल निर्णय से अवगत कराया जायेगा।
जाति प्रमाण पत्रो के संबंध में आवश्यक जाँच पड़ताल करने बाबत राज्य सरकार के आदेश क्रमांक एफ 11 (1) / छा०स० / आरएण्डपी / सान्याअवि / 12 / 40560 दिनांक 04.0814 द्वारा निम्न प्रकार से एक राज्य प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। (परिशिष्ठ सी)
उपनिदेशक (पिजा०) मुख्यावास सान्याअवि जयपुर ।
विधिअधिकारी / विधि सहायक मुख्यावास सान्याअवि जयपुर ।
संबधित समाज कल्याण अधिकारी
संबधित सयुक्त शासन सचिव / उपशासन सचिव जनजातिय क्षेत्रीय विभाग जयपुर।
उपरोक्त प्रकोष्ठ छानबीन समिति के निर्देशानुसार कार्य करेगा
9. झूठे जाति प्रमाण पत्रो के संबंध में दण्डात्मक कार्यावाही:-
किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त किये गये जाति प्रमाण पत्र के संबंध में जॉब के पश्चात यह पाया जाता है कि आवेदक द्वारा गलत तथ्यों / साक्ष्यों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तो उसके विरूद्ध आवश्यक रूप से कानूनी कार्यावाही की जा सकेगी। इसके अलावा जाति प्रमाण जारी करने वाले सक्षम अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा यदि निर्धारित प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लघन करके अवैध प्रमाण पत्र जारी किया है तो उन दोषी कार्मिकों / प्राधिकारियों के विरूद्ध भी आवश्यक रूप से कानूनी कार्यावाही की जायेंगी।
10. रिकार्ड संधारण :-
जाति प्रमाण-पत्र एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो कि व्यक्ति के पूर्वजो एवं भावी पीढी की पहचान का आधार होता है जाति प्रमाण-पत्र के संबंध मे प्रत्येक तहसील कार्यालय मे एक संकलित स्थायी रजिस्ट्रर का संधारण करते हुए उक्त समस्त रिकार्ड साफ-सुथरे एवं अच्छी सुरक्षा मे रखे जायेंगे तथा उक्त जाति प्रमाण पत्रो का आजीवन स्थाई रिकार्ड संधारित किया जावेगा । उक्त रिकार्ड निरीक्षण के लिये सदैव उपलब्ध करवाये जायेगे ।
रिकार्ड रखरखाव अवधि :-
जारी किये गये जाति प्रमाण पत्रों का एक संकलित रजिस्ट्रर / रिकार्ड संधारित किया जायेगा जो कि स्थायी रूप से आजीवन रहेगा।
व्यक्तिगत जाति प्रमाण पत्रों की एक प्रति कार्यालय रिकार्ड में रखी जायेगी तथा उसकी रखरखाव की अवधि न्यूनतम 30 वर्ष होगी।
11. ऑन लाईन आवेदन :-
अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछडा वर्ग / विशेष पिछडा वर्ग के आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप मे समस्त दस्तावेजों सहित सम्पूर्ण राज्य मे कार्यरत ई-मित्र केन्द्रो (एकीकृत नागरिक सेवा केन्द्र) एवं जिले में नेशनल ई-गर्वनेंस प्लान के तहत स्थापित किये जाने वाले सीएससी केन्द्रो (एकीकृत नागरिक सेवा केन्द्र) के माध्यम से जाति प्रमाण- पत्र प्राप्त करने हेतु आवेदन किया जायेगा। जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan,
सभी जाति प्रमाण पत्र राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित बेबसाइट से ऑन-लाईन जारी किये जायेगें। आवेदन पत्र मे आवेदक के पास आधार नम्बर / भामाशाह कार्ड होने की स्थिति मे उक्त नम्बर का अंकन किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि आवेदक परिवार का मुखिया नही है एवं उसके परिवार के मुखिया को जारी किये गये भामाशाह कार्ड मे उसका नाम अंकित है तो मुखिया को जारी मामाशाह कार्ड की प्रति लगानी आवश्यक होगी।
उक्त जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan दिशा-निर्देश तुरन्त प्रभाव से लागू होगे।
जाति प्रमाण पत्र को समझने और जानने के लिए आपके लिए महत्वपूर्ण आदेश – निर्देश शेयर किये जा रहे हैं-
GEN, OBC, ST, SC, Minority Cast Certificate Application Form Download
जाति प्रमाण-पत्र – दिशा निर्देश राजस्थान सरकार, Caste Certificate Guidelines Government of Rajasthan
राजस्थान जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड करने के लिए पात्रता
राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, व्यक्तियों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र डाउनलोड ‘इमित्र’ पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है। ये मानदंड सुनिश्चित करते हैं कि प्रमाण पत्र वास्तव में निर्दिष्ट जाति या समुदाय से संबंधित लोगों को प्रदान किया जाता है। राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार हैं:
निवास: आवेदक राजस्थान का निवासी होना चाहिए। निवास का प्रमाण, जैसे कि वैध पता प्रमाण दस्तावेज़, आवश्यक है।
जाति/समुदाय: जाति प्रमाण पत्र आमतौर पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य पात्र श्रेणियों से संबंधित व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं। आवेदक को इन पात्र श्रेणियों में से किसी एक से संबंधित होना चाहिए।
सहायक दस्तावेज: राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र आवेदन के लिए आमतौर पर निम्नलिखित सहायक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
पहचान का प्रमाण: आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट या कोई अन्य सरकारी पहचान दस्तावेज।
निवास का प्रमाण: राजस्थान में आवेदक के निवास को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज, जैसे राशन कार्ड, बिजली बिल या कोई अन्य वैध पता प्रमाण।
जाति/समुदाय से संबंधित दस्तावेज़: आवेदक की जाति या समुदाय से संबद्धता स्थापित करने वाले दस्तावेज़। इनमें जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड, माता-पिता या करीबी रिश्तेदारों का जाति प्रमाण पत्र या जाति साबित करने वाला कोई अन्य प्रासंगिक दस्तावेज़ शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में सरल शब्दों में हमने आपको जाति प्रमाण पत्र राजस्थान (Caste Certificate Rajasthan) से जुड़ी जाति प्रमाण-पत्र राजस्थान सरकार के आवश्यक दिशा निर्देश की महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा किया। इस लेख को पढ़ने के बाद अब समझ पाए होंगे कि जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता क्या है और किस प्रकार की से दस्तावेज से सरकार के द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं और राजस्थान के नागरिक किस प्रकार जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अगर इस लेख में बताई गई जानकारियों से आपको लाभ महसूस होता है और जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी आपको मिली है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव बेचारे किसी भी प्रकार के प्रश्नों को कमेंट में पूछना ना भूलें।
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
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विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools : हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किये।
विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को नागपुर में आयोजित हुआ तब से ही इस दिन को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरिशस में स्थित है।
इतिहास
वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। वर्ष 1949 में स्वतंत्र भारत की राजभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में इस प्रकार वर्णित है. संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अन्तरराष्ट्रीय रूप होगा।
इस निर्णय के बाद मूल हिन्दोस्तानी बोली उर्दू के शकल से प्रतिस्थापित हो जाते हैँ। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
यह निर्णय 14 सितम्बर को लिया गया, इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह का 50वाँ जन्मदिन था, इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था। हालांकि जब राष्ट्रभाषा के रूप में इसे चुना गया और लागू किया गया तो अ-हिन्दी भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे और अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा। इस कारण हिन्दी में भी अंग्रेजी भाषा का प्रभाव पड़ने लगा। राजस्थानी भाषा के कईं शब्द कोस है|
आपके विद्यालयों में हिंदी दिवस पर तैयारी
विद्यार्थियों में पढ़ने के प्रति अभिरूचि एवं पठन कौशल को विकसित करने हेतु ” PRAKHAR RAJASTHAN” (Proficiency in Reading and Numeracy with Knowledge & Holistic Advancement in Rajasthan) कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 9 सितम्बर 2024 कक्षा 1 से 8 में अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु राज्य में संचालित किया जा रहा है।
दिशा-निर्देशानुसार 14 से 21 सितम्बर 2024 को हिन्दी दिवस का आयोजन पठन कालांश के दौरान विद्यालय स्तर पर किया जाना है। इस हेतु भाषा एवं पुस्तकालय विभाग द्वारा भी जारी पत्र द्वारा आमजन में हिन्दी के प्रति सम्मान एवं दैनिक व्यवहार में हिन्दी प्रयोग के प्रति प्रेरणा एवं उत्साह के संचार की दृष्टि से विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को अंकित किया गया है।
विद्यालय स्तर पर हिन्दी दिवस के अवसर पर निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन करवाया जाए-
हिन्दी भाषा में बच्चों द्वारा कविता – गायन / कहानी पठन, समाचार पत्र पठन गतिविधि ।
शिक्षकों द्वारा प्रेरक कहानी वाचन एवं चर्चा |
महापुरूषों, साहित्यकारों, खिलाडियों, स्वंत्रता सेनानी, तत्कालिन घटनाओं आदि के जीवन परिचय एवं रचनाओं पर परिचर्चा, काव्य गोष्ठी ।
हिन्दी शब्दावली, लोकोक्तियां, मुहावरे आदि के विकास हेतु खेलों का आयोजन ।
प्रतियोगिता । .
विभिन्न हिन्दी विषयों जैसे हिन्दी भाषा का विकास, विशेषताओं आदि विषयों पर निबंध लेखन
विभिन्न हिन्दी विषयों जैसे – हिन्दी भाषा एवं अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य, भाषाई विविधता आदि का रोचक विषयों पर वाद-विवाद प्रतियोगिताऐं ।
हिन्दी अनुच्छेद, वाक्यों, शब्दों पर बच्चों द्वारा श्रुतिलेखन ।
किसी कहानी का नाटक मंचन ।
हिन्दी भाषा पर पोस्टर, चित्रकला, वॉलपेन्टिंग, स्लोगन निर्माण आदि गतिविधि ।
अतःशिक्षा विभाग द्वारा भी आपको निर्देशित किया गया है कि विद्यालय स्तर पर निर्धारित तिथि को हिन्दी दिवस कार्यक्रम का आयोजन करवाया जाना सुनिश्चित करेना हैं। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
भारत में 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानें रोचक तथ्य
हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को देश के साथ ही विदेश में रहने वाले हिंदी भाषी लोग भी बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की वर्तमान समय में अंग्रेजी एवं मंदारिन भाषा के बाद हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
हिंदी भाषा हमारे देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। वर्तमान समय में दुनियाभर में अंग्रेजी एवं मंदारिन भाषा के बाद हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। विश्व भर में लगभग 60 करोड़ लोग इस भाषा का इस्तेमाल अपनी बोल-चाल की भाषा के रूप में करते हैं। हिंदी भाषा के महत्व को देखते हुए हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रति वर्ष इस दिन पर स्कूल/ कॉलेज के साथ ही जगह जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
भारत में 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
हिंदी भाषा (देवनागरी लिपि) को भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था और इसे मंजूरी मिली। इसी के चलते प्रतिवर्ष इस दिन पर राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Day) मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस दिन के अलावा प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य अपनी आधिकारिक भाषा का विश्व भर में प्रचार प्रसार करना है। हमारी सरकार ने भी कई महत्वपूर्ण बदलाव करके विभिन्न विभागों में हिंदी को बढ़ावा देने का काम किया है। हमारे देश में हिंदी भाषा एक दूसरे से जोड़ने वाली मानी जाती है और इससे राष्ट्रीय एकता को भी मजबूती मिलती है। इसी के चलते इस दिन देश के साथ ही विदेशों में भी हिंदी भाषा में कार्यक्रम किये जाते हैं और लोगों को हिंदी भाषा के महत्व को समझाया जाता है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
कार्यक्रम
हिन्दी दिवस के दौरान कई कार्यक्रम होते हैं। इस दिन छात्र-छात्राओं को हिन्दी के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिन्दी के उपयोग करने आदि की शिक्षा दी जाती है। जिसमें हिन्दी निबन्ध लेखन, वाद-विवाद हिन्दी टंकण प्रतियोगिता आदि होता है। हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को प्रेरित करने हेतु भाषा सम्मान की शुरुआत की गई है। यह सम्मान प्रतिवर्ष देश के ऐसे व्यक्तित्व को दिया जाएगा जिसने जन-जन में हिन्दी भाषा के प्रयोग एवं उत्थान के लिए विशेष योगदान दिया है। इसके लिए सम्मान स्वरूप एक लाख एक हजार रुपये दिये जाते हैं।
हिन्दी में निबन्ध लेखन प्रतियोगिता के द्वारा कई जगह पर हिन्दी भाषा के विकास और विस्तार हेतु कई सुझाव भी प्राप्त किए जाते हैं। लेकिन अगले दिन सभी हिन्दी भाषा को भूल जाते हैं। हिन्दी भाषा को कुछ और दिन याद रखें इस कारण राष्ट्रभाषा सप्ताह का भी आयोजन होता है। जिससे यह कम से कम वर्ष में एक सप्ताह के लिए तो रहती ही है।
हिन्दी निबन्ध लेखन
वाद-विवाद
विचार गोष्ठी
काव्य गोष्ठी
श्रुतलेखन प्रतियोगिता
हिन्दी टंकण प्रतियोगिता
कवि सम्मेलन[12]
पुरस्कार समारोह
राजभाषा सप्ताह
उत्पादक
बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। लेकिन उसे अच्छी तरह से समझने, पढ़ने और लिखने वालों में यह संख्या बहुत ही कम है। यह और भी कम होती जा रही। इसके साथ ही हिन्दी भाषा पर अंग्रेजी के शब्दों का भी बहुत अधिक प्रभाव हुआ है और कई शब्द प्रचलन से हट गए और अंग्रेजी के शब्द ने उसकी जगह ले ली है। जिससे भविष्य में भाषा के विलुप्त होने की भी संभावना अधिक बढ़ गयी है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
इस कारण ऐसे लोग जो हिन्दी का ज्ञान रखते हैं या हिन्दी भाषा जानते हैं, उन्हें हिन्दी के प्रति अपने कर्तव्य का बोध करवाने के लिए इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है जिससे वे सभी अपने कर्तव्य का पालन कर हिन्दी भाषा को भविष्य में विलुप्त होने से बचा सकें। लेकिन लोग और सरकार दोनों ही इसके लिए उदासीन दिखती है। हिन्दी तो अपने घर में ही दासी के रूप में रहती है।
हिन्दी को आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा नहीं बनाया जा सका है। इसे विडम्बना ही कहेंगे कि योग को 177 देशों का समर्थन मिला, लेकिन हिन्दी के लिए 129 देशों का समर्थन क्या नहीं जुटाया जा सकता ? इसके ऐसे हालात आ गए हैं कि हिन्दी दिवस के दिन भी कई लोगों को ट्विटर पर हिन्दी में बोलो जैसे शब्दों का उपयोग करना पड़ रहा है। अमर उजाला ने भी लोगों से विनती की कि कम से कम हिन्दी दिवस के दिन हिन्दी में ट्वीट करें। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
उद्देश्य
इसका मुख्य उद्देश्य वर्ष में एक दिन इस बात से लोगों के समक्ष रखना है कि जब तक वे हिन्दी का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता है। इस एक दिन सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिन्दी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त जो वर्ष भर हिन्दी में अच्छे विकास कार्य करता है और अपने कार्य में हिन्दी का अच्छी तरह से उपयोग करता है, उसे पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया जाता है।
कई लोग अपने सामान्य बोलचाल में भी अंग्रेज़ी भाषा के शब्दों का या अंग्रेजी का उपयोग करते हैं, जिससे धीरे धीरे हिन्दी के अस्तित्व को खतरा पहुँच रहा है। जिस प्रकार से टेलीविजन से लेकर विद्यालयों तक और सामाजिक संचार माध्यम से लेकर निजी तकनीकी संस्थानों एवं निजी कार्यालयों तक में अंग्रेजी का दबदबा कायम है ।
उससे लगता है कि अपनी मातृभाषा हिन्दी धीरे–धीरे क्षीण और फिर दशकों बाद विलुप्त ना हो जाये। यदि शीघ्र ही हम छोटे–छोटे प्रयासों द्वारा अपनी मातृभाषा हिन्दी को अपने जीवन में एक अनिवार्य स्थान नहीं देंगे तो यह दूसरी भाषाओं से हो रही स्पर्धा में बहुत पीछे रह जायेगी ।
यहाँ तक कि वाराणसी में स्थित विश्व में सबसे बड़ी हिन्दी संस्था आज बहुत ही खस्ता स्थिति में है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
इस कारण इस दिन उन सभी से निवेदन किया जाता है कि वे अपने बोलचाल की भाषा में भी हिन्दी का ही उपयोग करें। इसके अतिरिक्त लोगों को अपने विचार आदि को हिन्दी में लिखने भी कहा जाता है। चूँकि हिन्दी भाषा में लिखने हेतु बहुत कम उपकरण के बारे में ही लोगों को पता है, इस कारण इस दिन हिन्दी भाषा में लिखने, जाँच करने और शब्दकोश के बारे में जानकारी दी जाती है।
हिन्दी भाषा के विकास के लिए कुछ लोगों के द्वारा कार्य करने से कोई विशेष लाभ नहीं होगा। इसके लिए सभी को एक जुट होकर हिन्दी के विकास को नए आयाम तक पहुँचाना होगा। हिन्दी भाषा के विकास और विलुप्त होने से बचाने के लिए यह अनिवार्य है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
हिन्दी सप्ताह
हिन्दी सप्ताह 14 सितम्बर से एक सप्ताह के लिए मनाया जाता है। इस पूरे सप्ताह अलग अलग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन विद्यालय और कार्यालय दोनों में किया जाता है। इसका मूल उद्देश्य हिन्दी भाषा के लिए विकास की भावना को लोगों में केवल हिन्दी दिवस तक ही सीमित न कर उसे और अधिक बढ़ाना है। इन सात दिनों में लोगों को निबन्ध लेखन, आदि के द्वारा हिन्दी भाषा के विकास और उसके उपयोग के लाभ और न उपयोग करने पर हानि के बारे में समझाया जाता है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
पुरस्कार
हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को उत्साहित करने हेतु पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है। जिसमें कार्य के दौरान अच्छी हिन्दी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है। यह पहले राजनेताओं के नाम पर था, जिसे बाद में बदल कर राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया। राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार लोगों को दिया जाता है जबकि राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी विभाग, समिति आदि को दिया जाता है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार
यह पुरस्कार तकनीकी या विज्ञान के विषय पर लिखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को दिया जाता है। इसमें दस हजार से लेकर दो लाख रुपये के 13 पुरस्कार होते हैं। इसमें प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले को २ लाख रूपए, द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को डेढ़ लाख रूपए और तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को पचहत्तर हजार रुपये मिलता है।
साथ ही दस लोगों को प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में दस-दस हजार रूपए प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार प्राप्त सभी लोगों को स्मृति चिह्न भी दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाना है।
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार
इस पुरस्कार योजना के तहत कुल ३९ पुरस्कार दिये जाते हैं। यह पुरस्कार किसी समिति, विभाग, मण्डल आदि को उसके द्वारा हिन्दी में किए गए श्रेष्ठ कार्यों के लिए दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य सरकारी कार्यों में हिन्दी भाषा का उपयोग करने से है। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
हिंदी दिवस पर स्लोगन (Hindi Diwas Slogans 2024)
1. देश की शान है हिंदी, देश की पहचान है हिंदी, क्योंकि हर भारतीय के दिल में विराजमान हैं हिंदी ! हिंदी दिवस की बधाई !
2. विश्व हिंदी दिवस पर हमने ठाना है लोगों में हिंदी का स्वाभिमान जगाना है हमें देश-विदेश में मनाना है हिंदी को आगे बढ़ाना है विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएं !
3. सबसे प्यारी, सबसे न्यारी, हिंदी है राष्ट्रभाषा हमारी ! हिंदी दिवस की बधाई !
5. हिंदी को मान और सम्मान दो, अपने दिन में स्थान दो ! हिंदी दिवस की बधाई !
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आलोचना
कई हिन्दी लेखकों और हिन्दी भाषा जानने वालों का कहना है कि हिन्दी दिवस केवल सरकारी कार्य की तरह है, जिसे केवल एक दिन के लिए मना दिया जाता है। इससे हिन्दी भाषा का कोई भी विकास नहीं होता है, बल्कि इससे हिन्दी भाषा को हानि होती है। कई लोग हिन्दी दिवस समारोह में भी अंग्रेजी भाषा में लिख कर लोगों का स्वागत करते हैं। सरकार इसे केवल यह दिखाने के लिए चलाती है कि वह हिन्दी भाषा के विकास हेतु कार्य कर रही है।
स्वयं सरकारी कर्मचारी भी हिन्दी के स्थान पर अंग्रेज़ी और राज्य भाषाओं का भी उपयोग किया जा रहा है में कार्य करते नज़र आते हैं। लेकिन कुछ लोगों की सोच यह भी है कि विविध कारण बताकर हिन्दी दिवस मनाने का विरोध करने और मजाक उड़ाने वाले यह चाहते हैं कि हिन्दी के प्रति रही-सही अपनत्व की भावना भी समाप्त की जाय। विद्यालयों हिन्दी दिवस की तैयारी | Preparation for Hindi Day in schools
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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