यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र

यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate : – समग्र शिक्षा द्वारा सत्र 2023-24 की वार्षिक कार्य योजना एवं बजट के अतंर्गत राज्य के प्राथमिक शालाओं हेतु राशि रू. 5000 व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए 10000 सीनियर सेकेण्डरी शालाओं हेतु राशि रू. 10,000 की राशि जारी कर व्यय के लिये प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान गयी है।

शिक्षा का सर्वोपरि उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास है। समाज में शहरीकरण, तकनीकी प्रगति और जनसंचार माध्यमों के प्रभाव जैसे बदलावों के कारण यह आवश्यकता पैदा हुई है कि स्कूलों को न केवल अपने छात्रों के संज्ञानात्मक विकास का पोषण करना चाहिए, बल्कि उनकी भावात्मक और मनो-मोटर क्षमताओं को भी बढ़ावा देना चाहिए जो उन्हें सक्षम बनाएगा। ज़िंदगी।

समग्र शिक्षा की परिकल्पना है कि स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा ऐसी होनी चाहिए कि शिक्षार्थी अपनी प्रतिभा को पूरी क्षमता से विकसित कर सकें। शैक्षिक और सह-शैक्षिक दोनों क्षमताओं को समान महत्व देने से, बच्चे और युवा जीवन कौशल हासिल करेंगे जो उन्हें अपने अधिकारों को जानने, अपनी चिंताओं को स्पष्ट करने, आत्मसम्मान का निर्माण करने, आत्मविश्वास और लचीलापन विकसित करने और नकारात्मक भावनाओं का मुकाबला करने में मदद करेगा। तनाव शर्म और डर. इससे उनकी स्वयं की जिम्मेदारी लेने, समाज में दूसरों के साथ संबंध बनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की क्षमता भी बढ़ेगी। इन कौशलों को सैद्धांतिक दृष्टिकोण के बजाय अनुभवात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है।

यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate

यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate

यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र / Youth And Eco Club Guideline And Utility Certificate

  1. यूथ क्लब के तहत बच्चों में जीवन जीने का कौशल, आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास विकसित करने तथा तनाव, भय एवं संकोच जैसे मनोविकारों को दूर कर सोच में लचीलापन विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में यूथ क्लब की स्थापना की गयी है।
  2. ईको क्लब के तहत बच्चों को अपने आस-पास के पर्यावरण, जैव-विविधता, जलवायु, स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील बनाने तथा पर्यावरण गतिविधियों एवं प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने के लिए क्षमता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक राजकीय विद्यालय में ईको क्लब की स्थापना की गयी है। विशेष रूप से विद्यार्थियों में स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की समझ विकसित की जानी है।
  3. विद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण हेतु हरित पाठशाला एवं विद्यालय वाटिका / किचन गार्डन को लागू करने के लिये ईको क्लब पुर्नगठित करना। साथ ही बच्चों में पर्यावरण की समझ, संरक्षण के महत्व, वातावरण को स्वच्छ बनाना, वृक्षारोपण व संरक्षण आदि कार्य को यूथ एवं ईको क्लब अन्तर्गत विद्यार्थियों को भी सहभागी बनाया जाये ।
  4. ईको क्लब के गठन का उद्देश्य विद्यालय स्तर पर कार्बन उत्सर्जन को कम कर जलवायु के प्रति विद्यार्थियों को संवेदनशील बनाना ।
  5. विश्व पर्यावरण की थीम “ईको सिस्टम रिस्टोरेशन: रीइमेजिन ( फिर से बनाना) एवं पुर्नस्थापना” करने के उद्देश्य की क्रियान्विति हेतु राजस्थान के भौगोलिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुये उष्ण व अर्द्ध शुष्क जलवायु में हरियाली को बनाये रखना, जल संरक्षण एवं वनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है।

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यूथ एवं ईको क्लब गठन की प्रक्रिया:-

  1. प्रत्येक विद्यालय में यूथ एवं ईको क्लब के तहत प्रारम्भिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8) के विद्यार्थियों के लिये यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) बनाये जायेंगे इनके नाम पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि होंगे।
  2. माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 9 से 12 ) के लिये यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) बनाये जायेंगे इनके नाम. पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि होंगे।
  3. विद्यालय संस्था प्रधान यूथ एवं ईको क्लब के प्रभारी अधिकारी होंगे।
  4. संस्था प्रधान (प्रभारी अधिकारी) की भूमिका सहायक मार्गदर्शक एवं कार्यक्रम के लिये सुविधा उपलब्ध कराने की होगी। विद्यालय में हाऊस व्यवस्था के तहत यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों को संचालित करने की समस्त जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी ।
  5. संस्था प्रधान द्वारा विद्यालय के प्रत्येक शिक्षक / शिक्षिका को सदन (हाऊस) का प्रभार दिया जायेगा। विद्यालय में शिक्षकों की संख्या सदन (हाऊस) की संख्या से अधिक होने की स्थिति में कुछ सदनों के लिये एक से अधिक प्रभारी शिक्षक / शिक्षिका बनाये जायेंगे। विद्यालय में सदन (हाऊस) से कम शिक्षक उपलब्ध होने की स्थिति में कुछ शिक्षकों को एक से अधिक सदन (हाऊस) का प्रभारी शिक्षक नियुक्त किया जायेगा। वरिष्ठता के आधार पर वरिष्ठ शैक्षिक कार्मिक को अपेक्षाकृत अधिक सदन (हाऊस) का प्रभार दिया जायेगा ।
  6. प्रारम्भिक शिक्षा की प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों को पांच भागों में विभाजित कर प्रत्येक भाग के विद्यार्थी को एक सदन (हाऊस) के नाम से सम्बोधित किया जायेगा। इस प्रकार प्रारम्भिक शिक्षा की कक्षाओं के पांचों सदनों में सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों का समान संख्या में प्रतिनिधित्व हो सकेगा। इसी प्रक्रिया के तहत माध्यमिक शिक्षा की कक्षाओं के लिये पांच सदन बनाये जायेंगे।
  7. इस प्रकार प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब के तहत पांच सदन (हाऊस) कार्य करेंगे एवं माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब के तहत उन्हीं नाम से पांच सदन (हाऊस) कार्य करेंगे।
  8. विद्यालय में नव प्रवेशित विद्यार्थी जिस सदन (हाऊस) का सदस्य बनेगा विद्यालय की अन्तिम कक्षा तक उसी सदन (हाऊस) का सदस्य रहेगा।
  9. प्रत्येक सदन (हाऊस) की गतिविधियों को प्रभारी शिक्षक / शिक्षकों द्वारा संचालित करवाया जायेगा। प्रत्येक सदन (हाऊस) में सभी विद्यार्थियों का स्तर समान होगा। विद्यार्थियों में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ जैसी व्यवस्था को विकसित नहीं करनी है। सदन (हाऊस) की गतिविधियों को संचालित करने में विद्यार्थियों का सक्रिय सहयोग लिया जायेगा। अच्छा प्रदर्शन करने के लिये बच्चों को प्रोत्साहित किया जायेगा एवं प्रत्येक बच्चे को समान रूप से अवसर प्रदान किया जायेगा।
  10. विद्यालय समय पश्चात रोटेशन के आधार पर एक अध्यापक / शारीरिक शिक्षक प्रभारी के रूप में विद्यालय समय पश्चात बच्चों के साथ खेल मैदान में उपस्थित रहकर विद्यालय के खेल मैदान, खेल संसाधन इत्यादि का उपयोग करेंगे।
  11. पांच मूल तत्व आधारित नामों में से जिस नाम तत्व से सम्बन्धित सदन (हाऊस) में विद्यार्थियों को प्रवेश मिला है, उस सदन (हाऊस) के नाम के अनुरूप विषय पर विद्यार्थियों के लिये भाषण, निबन्ध लेखन, पत्र लेखन, पोस्टर बनवाना, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करवायी जायें। साथ ही भाषा, सामाजिक विज्ञान के विषय यथा भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान तथा विज्ञान संकाय के विषयों यथा जीव विज्ञान, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित तथा खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनोमी) आदि को सदन (हाऊस) के नाम से साथ जोड़ते हुए विषय एवं प्राकृतिक मूल तत्व की महत्वता एवं सम्बद्धता को समझाने का उपक्रम विद्यार्थियों से करवायें।
  12. सदस्य विद्यार्थीगणों को उनके स्वयं के नाम के अर्थ को समझाते हुए उसे अपने सदन (हाऊस) के नाम के परिप्रेक्ष्य में सम्बद्ध करने के प्रयास के लिये प्रेरित किया जायेगा। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी को सदन (हाऊस) के नाम की महत्वता बतलाते हुए इस नाम की अन्य विषयों से सम्बद्धता को इन्टरनेट, पत्र-पत्रिकाओं इत्यादि स्त्रोतों से विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। इससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होगी तथा वे अपने सदन के नाम को समग्र रूप से समझ सकेंगे एवं अन्य विषयों से सम्बद्ध कर सकेंगे।
  13. प्रत्येक सदन (हाऊस) में यूथ एवं ईको क्लब की समस्त गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। ये गतिविधियां प्रभारी शिक्षक / शिक्षकों के निर्देशन में संचालित की जायेंगी।
  14. समस्त विद्यार्थियों को यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
  15. समय – समय पर प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यार्थियों के पांचों सदन (हाऊस) के मध्य यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों की प्रतियोगिता आयोजित की जायेंगी एवं विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये पुरस्कृत किया जायेगा। इसी प्रकार की प्रतियोगिताएं माध्यमिक शिक्षा के विद्यार्थियों के पांचों सदनों के मध्य आयोजित की जायेंगी।
  16. यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों का आयोजन शिविरा कलैण्डर अनुसार निर्धारित दिवसों एवं विद्यालय समय पश्चात् तथा अवकाशों के दौरान किया जायेगा।
  17. यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों से बाल सभा के दौरान गतिविधि का प्रदर्शन कराया जायेगा।
  18. विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर में विद्यार्थी के नाम के सम्मुख उसके सदन (हाऊस) का नाम भी अंकित किया जाये ताकि विद्यार्थी को सदन (हाऊस) के नाम से भी पहचाना जाये।
  19. विद्यालय की प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के प्रत्येक सदन (हाऊस) का रजिस्टर संधारित किया जायेगा। रजिस्टर के मुख्य पृष्ठ पर यूथ एवं ईको क्लब तथा सदन (हाऊस) का नाम अंकित होगा रजिस्टर में सदन * (हाऊस) के विद्यार्थियों के नाम व कक्षा अंकित होगी। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी की रूचि की गतिविधि अंकित की जायेंगी आयोजित की गई प्रत्येक गतिविधि का संक्षिप्त विवरण एवं दिनांक तथा आयोजन की समयावधि अंकित कर नोडल अधिकारी व संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित किया जायेगा । SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
  20. विद्यालय अवलोकन के समय संस्थाप्रधान द्वारा अवलोकन अधिकारी को “यूथ एवं ईको क्लब रजिस्टर” का अवलोकन करवाया जाकर हस्ताक्षर प्राप्त किये जायेंगे।

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यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियाँ:-

यूथ क्लब गतिविधियाँ:-

  • यूथ क्लब गतिविधियों में समस्त खेल व शारीरिक गतिविधियाँ, योग, ड्रामा, वाद-विवाद, संगीत, कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ एवं रीडिंग गतिविधियाँ इत्यादि शामिल हैं।
  • विद्यालयों में अनुपयोगी सामग्रियों को उपयोगी बनाने हेतु विद्यार्थियों के रचनात्मक कार्य कौशल बोद्धिक क्षमताओं का विकास करने के अवसर प्रदान किये जायें। इस हेतु विद्यार्थियों को गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों का मार्गदर्शन / सहयोग लिया जाये।

ईको क्लब गतिविधियाँ:-

  • ईको क्लब गतिविधियों में पर्यावरण, जैवविविधता, जलवायु स्थानीय पारिस्थितिकी, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
  • प्रदर्शनी, पेंटिंग, लेखन, वृक्षारोपण, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर आधारित चलचित्रों का प्रदर्शन, अभिभावकों व सेवानिवृत्त एवं सेवारत राजकीय अधिकारी, शिक्षक, डॉक्टर, कोच, पर्यावरण के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों की वार्ता का आयोजन किया जायेगा।
  • सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच में सहयोग प्रदान किया जायेगा। इसके अन्तर्गत सभी बच्चों की लम्बाई, वजन एवं शारीरिक बीमारी का रिकॉर्ड विद्यार्थी उपस्थिति रजिस्टर में संधारित किया जायेगा। विद्यालय में आयोजित सभी प्रकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सहयोग प्रदान किया जायेगा ।
  • प्रत्येक माह के अंतिम दिवस को विद्यालय में “स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें विद्यालय परिसर एवं कक्षा कक्षों की साफ-सफाई, ठोस कचरा निस्तारण, जल निकास एवं पानी की टंकियों की साफ-सफाई, सामूहिक रूप से शिक्षकों के निर्देशन में की जायेगी।
  • सप्ताह में एक बार प्रार्थना स्थल पर सभी बच्चों की शारीरिक स्वच्छता जैसे कि नाखून, स्नान, सिर के बालों, दाँतों, यूनिफॉर्म, जूते-मोजों इत्यादि की साफ-सफाई की जाँच की जायेगी एवं बच्चों को शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जायेगा।
  • जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियों आयोजित की जाकर अपने आस-पास के लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जायेगा जल संरक्षण के प्रति आयोजित होने वाले “जल शक्ति अभियान अन्तर्गत सभी विद्यालयों के ईको क्लब द्वारा जल संरक्षण के प्रचार-प्रसार के आयोजन किये जायेंगे।
  • विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमताओं को पहचानने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विद्यालय के अनुपयोगी, निष्क्रिय व अन्य संसाधनों का अधिकाधिक उपयोग किया जाकर उनकी सृजनात्मक क्षमताओं को विकसित किया जाये।
  • विद्यार्थियों में सहशैक्षिक व मनोरंजक गतिविधियों का बढ़ावा देने के लिये विद्यालय के अनुपयोगी, निष्क्रिय सामानों का विद्यालय समय पश्चात व अवकाश दिवसों में भी विद्यालय के खेल मैदान, खेल उपकरण व अन्य गतिविधियों में उपयोग में लिया जा सकता है, जिससे बच्चों में सृजनात्मक एवं संज्ञानात्मक समझ का विकास हो सके।जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड
  • विद्यालयों में पर्यावरण को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न गतिविधियां, पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धी वार्तायें, निबन्ध प्रतियोगिता, रैली इत्यादि का आयोजन किया जाये।
  • विद्यालय में चारदीवारी, पर्याप्त भूमि एवं जलस्त्रोत उपलब्ध होने की स्थिति में पोषण वाटिका एवं फलदार पौधों एवं किचन गार्डन को लगाया जाये।
  • विद्यालय परिसर में 200 पौधे लगाये जाने की स्थिति में सम्बन्धित सीआरसी / संस्था प्रधान द्वारा सम्बन्धित ग्राम पंचायत सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी से अग्रिम सम्पर्क समन्वय स्थापित कर विद्यालय में लगाये जाने वाले पोषण वाटिका / नर्सरी की समुचित सुरक्षा हेतु राज्य सरकार के आदेश क्रमांक PS/PSSE / 2021 जयपुर दिनांक 23.06.2021 के अनुसार महात्मा गांधी मनरेगा योजना से एक श्रमिक की सेवायें प्राप्त करने के सम्बन्ध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज द्वारा सहमति प्रदान की गयी है। समस्त सीआरसी/ संस्था प्रधान संलग्न आदेशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।
  • पर्यावरण को सुरक्षित एवं संरक्षित रखना हमारा कर्त्तव्य है। पर्यावरण संतुलन बनाने व विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों में पर्यावरण की समझ विकसित करने के लिये निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राज, बीकानेर के आदेश क्रमांक शिविरा-माध्य / मा-स / पर्यावरण / 2017 / 136 दिनांक 11 जून, 2021 द्वारा लागू “विद्यालय वाटिका”, “हरित विद्यालय योजना” की कार्ययोजना बनाकर ईको क्लब में बच्चों की सहभागिता सुनिश्चित की जाये।
  • विद्यार्थियों को सड़क पर पैदल चलने एवं वाहन चलाने के नियमों की जानकारी दी जायेगी।

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यूथ एवं ईको क्लब अन्तर्गत हरित विद्यालय हेतु मानक –

भौतिक सुविधाओं में

  • विद्यालय की समस्त भौतिक सुविधाऐं यथा बालक बालिकाओं हेतु पृथक-पृथक सुविधाओं युक्त शौचालय-मूत्रालय, पेयजल एवं हाथ धुलाई व्यवस्थायें क्रियाशील होनी चाहिये।
  • विद्यालय के प्रवेश द्वार के समीप यूथ एवं ईको क्लब युक्त संलग्न प्रारूप के अनुसार बोर्ड बना हुआ हो ।
  • विद्यालय में पेड़ पौधों की सुरक्षा एवं सुरक्षित वृक्षारोपण हेतु पूर्ण एवं सुरक्षित चार दीवारी।
  • विद्यालय में हरित जलवायु क्षेत्र / ग्रीन कॉर्नर स्थापित किया हुआ हो जहाँ बच्चों द्वारा पाँचों हाउस अर्थात पंच तत्वों पर नवाचार किया गया हो।
  • विद्यालय में सुचारू एवं पर्याप्त विधुत सुविधा की उपलब्धता हो।
  • विद्यालय में नवाचार हेतु आवश्यक उपकरणों की किट अर्थात बागवानी किट, कबाड़ से जुगाड़ द्वारा उपयोगी सामग्री निर्माण हेतु उपकरण एवं सामग्री की उपलब्धता।
  • सुचारू एवं पर्याप्त जल युक्त जल स्त्रोत एवं जल भंडारण व्यवस्था । Baseline Assessment Model Papers
  • विद्यालय प्रबन्धन समिति का यूथ एवं ईको क्लब की गतिविधियों में सहयोग एवं सहभागिता ।

जिलेवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य –

  • डाइस 2021-22 में प्रविष्ट राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा के 53005 एवं माध्यमिक शिक्षा मद के 15360 विद्यालयों के लिये बजट का प्रावधान स्वीकृत है (शून्य नामांकन वाले विद्यालयों को छोड़ते हुये ) ।
  • प्रति विद्यालय वित्तीय प्रावधान (राशि रूपये) :-
    • प्राथमिक विद्यालय 5000/-₹
    • उच्च प्राथमिक विद्यालय 10000/-₹
    • माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय 15000/-₹

समग्र शिक्षा अभियान (योजना संचालन पोर्टल) SNA COMPONENT 2023 संचालन पोर्टल) SNA COMPONENT 2023

यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र  Youth And Eco Club Guideline And Utility certificate
यूथ एवं ईको क्लब : समग्र दिशा निर्देश एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र Youth And Eco Club Guideline And Utility certificate

लेखा सम्बन्धी बिन्दु

  • इस मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक व्यय नहीं किया जाये। निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किये जाने पर
    संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर वसूली की जाएगी। क्रय हेतु वित्तीय नियमों का ध्यान रखा जाये ।
  • किये गये व्यय का निर्धारित समयावधि में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाये ।
  • राशि का उपयोग गतिविधि व शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।
  • क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पादरर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये ।
  • प्रत्येक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार के पास 4ft x 2.5ft का स्थायी बोर्ड लगवा कर हरे रंग की पूर्ण पृष्ठभूमि में पीले रंग से *यूथ एवं ईको क्लब, समग्र शिक्षा राजस्थान* अंकित करवाना है|

अन्य निर्देश

  • संलग्न परिशिष्टानुसार विद्यालय / ब्लॉक से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकल रूप से जिला उपयोगिता प्रमाण पत्र कर परिषद का प्रेषित करें।
क्र सं.विवरण डाउनलोड लिंक
1.विद्यालयी स्तरीय उपयोगिता प्रमाण पत्र यहाँ क्लिक करें
2.ब्लॉक स्तरीय उपयोगिता प्रमाण पत्र यहाँ क्लिक करें
3.यूथ एवं ईको क्लब बोर्ड सेम्पलयहाँ क्लिक करें
4.यूथ एवं ईको क्लब विभागीय ऑफिशियल दिशा निर्देशयहाँ क्लिक करें

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DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट

DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट

DA ARREAR 46 TO 50 DIFFERENCE EXCEL SHEET / DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट : राजस्थान सरकार वित्त विभाग के आदेश क्रमांक – No. F. 6(3) FD (Rules)/2017 जयपुर दिनांक 14 मार्च 2024 के अनुसार महगांई भत्ता (डी.ए.) की दर को संशोधित कर 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है । इस कारण राजस्थान सरकार के कर्मचारियों की महगांई भत्ता दर को पुनः निर्धारित कर अंतर माह जनवरी 24 से फरवरी 24 तक की राशि का वेतन भुगतान करने की गणना का एक सेल प्रोग्राम यहाँ पर साझा किया गया है।

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए डी.ए. एरियर 46 से 50 परसेंट की गणना के लिए विभिन्न एक्स्पर्ट के द्वारा बनाई गई एक्सेल शीट प्रोग्राम लेकर आए हैं जिसमे आप डीए एरियर का गणना, ऑर्डर भी बना सकते हैं| इस आर्टिकल में आप के लिए उम्मेंद तरड, हीरालाल जाट व अश्विनी कुमार और भागीरथ मल कलवानिया व अन्य साथियों के द्वारा बनाई गई एक्सेल शीट प्रोग्राम नीचे उपलब्ध करवाई गई जिन्हें आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं|

DA ARREAR 46 TO 50 DIFFERENCE EXCEL SHEET / DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट
DA ARREAR 46 TO 50 DIFFERENCE EXCEL SHEET / DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट

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DA ARREAR 46 TO 50 DIFFERENCE EXCEL SHEET / DA एरियर 46 से 50 अंतरतालिका एक्सल शीट

  1. सरकार को यह आदेश देते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वित्त विभाग के दिनांक 31-10-2023 के समसंख्यक आदेश के तहत राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2017 के तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ते की मौजूदा दर 01-07-2023 से 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जाएगी।
  2. महंगाई भत्ते की गणना के उद्देश्य के लिए ‘पे’ शब्द, निर्धारित स्तरों के पे मैट्रिक्स में बेसिक पे यानी पे ड्रा होगा और इसमें वेतन जैसे विशेष भुगतान या व्यक्तिगत भुगतान आदि के किसी अन्य प्रकार को शामिल नहीं किया जाएगा।
  3. मंहगाई भत्ते के खाते में 50 पैसे और उससे अधिक के अंश का भुगतान अगले उच्च रुपये में किया जा सकता है और 50 पैसे से कम के अंश को अनदेखा किया जा सकता है।
  4. 01-01-2024 से 29-02-2024 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की राशि राजस्थान सरकार के कर्मचारी सामान्य भविष्य निधि नियम, 2021 के प्रावधानों के अनुसार जीपीएफ खाते में जमा की जाएगी:-
    • (i) 1-1-2004-जीपीएफ खाते से पहले भर्ती किए गए कर्मचारियों के लिए।
    • (ii) उन कर्मचारियों के लिए जिन्हें 1-1-2004-जीपीएफ2004 के बाद या बाद में भर्ती किया गया था।
    • (iii) स्वायत्त निकायों/पीएसयू/बोर्डों/निगमों आदि के कर्मचारियों के लिए-जीपीएफ-एसएबी।
  5. नकद भुगतान 01-03-2024 से स्वीकार्य होगा। इसकी गणना आप DA ARREAR 46 TO 50 DIFFERENCE EXCEL SHEET से कर सकते हैं |

DA Arrear Difference 46 to 50 Excel Program & Order Click Here To Download 

DA 46 to 50 4% Growth Order Finance Department Click Here To Download 

DA Arrear 50 Percent with Surrender Arrear By Ummed Tarad  Click Here To Download

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IFMS 3.0 पर कर्मचारियों का DA 46 से 50% कैसे अपडेट करें जाने यहां से👇

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स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश 2023-24

स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश 2023-24

समग्र शिक्षा अभियान (योजना संचालन पोर्टल) SNA COMPONENT 2023

बच्चों के स्वस्थ एवं सुदृढ़ भविष्य के लिए खेलों के महत्व को समझते हुए समग्र शिक्षा वर्ष 2023-24 में “खेले भारत-खिले भारत’ के तहत डाइस 2021-22 के अनुसार प्रारम्भिक एवं माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों को देय है, जो कि शिक्षा विभाग / पंचायती राज विभाग / केजीबीवी / संस्कृत शिक्षा के विद्यालयों/ शिक्षाकर्मी बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालयों / समाज कल्याण विभाग के अधीन आते हैं, के लिये स्पोर्ट्स ग्रान्ट का प्रावधान किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों DO No. 17-3/2018-15-5(Pt.1) दिनांक 24 दिसम्बर, 2018 के अनुसरण में इस राशि का उपयोग किया जाना है; के जारी विस्तृत निर्देश संलग्न हैं, जिनके अनुसार कार्यवाही की जानी है।

जिला व राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता फॉर्म एक्सल प्रोग्राम : उम्मेद तरड

स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE

स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश 2023-24 SPORTS GRANT GUIDELINE 2023-24 ( खेले भारत खिले भारत )
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश 2023-24 SPORTS GRANT GUIDELINE 2023-24 ( खेले भारत खिले भारत )

खेल अनुदान को स्कूल के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग इकाई लागत है। अनुदान विवरण इस प्रकार हैं:

स्कूल श्रेणीस्कूलों की संख्याइकाई लागत (रुपये में)अनुदान राशि
प्राथमिक विद्यालय33,53450001677.70000
उच्च प्राथमिक विद्यालय19451100001945.10000
माध्यमिक विद्यालय374125000935.25000
उच्च माध्यमिक विद्यालय11798250002949.55000
योग685547507.55000
स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE

(नोट: शून्य नामांकन वाले स्कूलों को बाहर रखा गया है)

  1. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों तथा शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में निम्नलिखित खेलों को प्रोत्साहित करने हेतु खेल सामग्री का क्रय प्राथमिकता के साथ किया जाए –
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2. खेल अनुदान राशि के उपयोग हेतु दिशा-निर्देशः-

  1. विद्यालयों द्वारा खेल अनुदान राशि का उपयोग आयु अनुरूप खेल सामग्री / उपकरण क्रय किये जाने में किया जाना है।
  2. एसएमसी / एसडीएमसी विद्यालयों में खेल सुविधाओं की उपलब्धता एवं विद्यालय तथा विद्यार्थियों की उपयोगिता अनुसार ही खेल सामग्री क्रय किया जाना सुनिश्चित करें ।
  3. जो खेल सामग्री सही हालत में उपलब्ध है, उसे पुनः क्रय नहीं करें।
  4. सूची की खेल सामग्री के अतिरिक्त विद्यालय में खेल सुविधाओं की उपलब्धता अनुसार विद्यालय एवं विद्यार्थियों के लिए उपयोगी अन्य खेल सामग्री भी क्रय की जा सकेगी।
  5. सूची में उल्लेखित खेल सामग्री से पृथक खेल सामग्री क्रय करने के लिए एसएमसी / एसडीएमसी को स्वीकृति आदेश जारी करना होगा।
  6. विद्यालयों में क्षेत्रीय एवं परम्परागत खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय स्तर पर खेल सामग्री एवं उपकरणों को क्रय भी किया जा सकेगा ।
  7. निदेशालय प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा द्वारा राजकीय विद्यालयों के लिए आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में आयोजित होने वाले खेलों की खेल सामग्री को क्रय किये जाने हेतु खेल अनुदान राशि का उपयोग किया जा सकेगा ।
  8. खेल अनुदान राशि द्वारा क्रय की गई खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों का विद्यालय में खेल सामग्री/ उपकरण स्टॉक रजिस्टर में रिकॉर्ड संधारित किया जायेगा ।
  9. स्टॉक रजिस्टर में क्रियाशील सामग्री, मरम्मत योग्य सामग्री एवं खारिज योग्य सामग्री नाम से तीन श्रेणियों में खेल सामग्री / उपकरणों का रिकॉर्ड संधारित किया जायेगा ।
  10. नवीन खेल सामग्री / उपकरण इस प्रकार क्रय की जायेगी, जिससे विद्यालय में खेल सामग्री / उपकरण का आवश्यक स्टॉक सदैव उपलब्ध रहे।
  11. विद्यालय के शारीरिक शिक्षक / खेल प्रभारी शिक्षक द्वारा खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों का स्टॉक रजिस्टर संधारित किया जायेगा तथा खेल सामग्री / उपकरणों एवं खेल सहायक सामग्री का रख-रखाव किया जायेगा ।
  12. राशि व्यय / उपयोग के उपरान्त अविलम्ब उपयोगिता प्रमाण पत्र परिषद को प्रेषित किये जायें।

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:: प्राथमिक वर्ग ::

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  • हस्त कौशल (कैचिंग, थ्रोईंग, किकिंग आदि)
  • लोकोमोटर कौशल (रनिंग, जंपिंग, होपिंग, गैलपिंग आदि )
  • शरीर प्रबंधन कौशल (बैलेंस और स्थिरता )
  • बॉल बैडमिंटन, हैंडबॉल, हॉकी, कराटे, कुश्ती, किक बॉक्सिंग, योगा
  • व्यक्तिगत खेल (जैसे- स्केटिंग, रस्सी स्किपिंग, जूडो, ताइक्वांडो, वुशु किक बॉक्सिंग)
  • सामुहिक खेल
  • आक्रमण के खेल (जैसे- बास्केटबॉल, कबड्डी, फुटबॉल)
  • रैली गेम्स (जैसे- टेनिस, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, स्क्वॉश, बॉलीबॉल)
  • इनिंग गेम्स (जैसे- क्रिकेट, खो-खो, राउंडर्स, सॉफ्टबॉल, बेसबॉल, स्टूलबॉल)
  • पारंपरिक भारतीय खेल
  • ओलंपिक में शामिल खेल
  • योगा (आसन, प्राणायाम)
  • पैराओलंपिक में शामिल खेल
कबड्डी घेरा रोलिंग (घेरा / टायर रोलिंग ) पिट्ठूबोरा दौड़
खो-खोआंख मिचौलीरस्साकशीकन्चे (कौडी)
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अट्या पट्याकैरमलंगड़ीजूडो
मलखंब रोलर स्केटिंगसॉफ्ट टेनिसयोगास्क्वॉश
सितोलियास्क्वॉशखो-खोलूडो

मुख्यधारा के खेल (एथेलेटिक्स के अलावा, जिमनास्टिक्स, तैराकी) को तीन व्यापक श्रेणियों अर्थात् प्रादेशिक नेट / वॉल गेम एवं क्षेत्ररक्षक में विभाजित किया जा सकता है।

प्रादेशिक खेल वे हैं, जिनमें दो टीमें एक ऐसे क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करती हैं जो आक्रामक और रक्षात्मक खेलने की संभावनाएं प्रदान करती हैं लक्ष्य एक प्रतिद्वंद्वी के क्षेत्र को स्कोर करने के लिए आक्रमण करना है। स्कोरिंग एक विशेष लक्ष्य के लिए प्रोजेक्टिंग एवं ऑब्जेक्ट (जैसे एक गेंद) द्वारा हासिल की जाती है, गेंद को लक्ष्य क्षेत्र में सटीक रूप से शूट किया जाता है या गेंद को एक खुले सिरे वाले लक्ष्य (जैसे एक रेखा के पार) में स्थानांतरित किया जाता है। जो निम्न है:-
बास्केटबॉल हैंडबाल

नेट / वॉल गेम वे हैं जिनमें दो खिलाड़ी/ टीम एक क्षेत्र के भीतर प्रतिस्पर्धा करते है। इसमें नेट को निर्धारित ऊंचाई पर रखा जाता है। प्रतिद्वंदी एक सफल वापसी करने में असमर्थ होता है तो दूसरे दल को स्कोर प्राप्त होता है, जो निम्न है :-

  1. बैडमिंटन टेबल टेनिस
  2. नेटबॉल
  3. रग्बी फुटबॉल
  4. टेनिस वॉलीबॉल
  5. स्क्वॉश

क्षेत्ररक्षण खेल वे हैं, जिनमें दो टीमें एक ऐसे क्षेत्र के भीतर प्रतिस्पर्धा करती हैं जो आक्रामक और रक्षात्मक क्रियाओं के लिए संभावनाएं प्रदान करती हैं। बल्लेबाजी टीम के लिए लक्ष्य एक वस्तु (गेंद) पर प्रहार करना होता है। क्षेत्र रक्षकों से बचकर व वस्तु (गेंद) सीमा रेखा के बाहर हो जाये तब स्कोरिंग हासिल होती है। क्षेत्ररक्षण टीम का लक्ष्य बल्लेबाजी टीम को रन बनाने से रोकना है।

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:: उच्च प्राथमिक वर्ग ::

सॉफ्ट टेनिस, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, शतरंज, साइकिलिंग, फुटबॉल, हैंडबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, कराटे, खो-खो, नेटबॉल, लॉन टेनिस, रग्बी, सॉफ्टबॉल, स्क्वॉश, टेबल-टेनिस, रस्साकशी, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, कुश्ती, क्रिकेट, नेटबॉल, योगा, आदि ।

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:: माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्ग ::

सॉफ्ट टेनिस, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉल बैडमिंटन, बेसबॉल, बास्केटबॉल, बिलियर्ड्स और स्नूकर, बॉडी बिल्डिंग, बॉक्सिंग, शतरंज, साइकिलिंग, फुटबॉल, हँडबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, कराटे, खो-खो, नेटबॉल मल्लखंब लॉन टेनिस, पैरा स्पोर्ट, रोलर स्केटिंग, रग्बी, स्कूल गेम्स, सॉफ्टबॉल, स्क्वॉश, टेबल-टेनिस, वॉलीबॉल, वेट लिफ्टिंग, कुश्ती, क्रिकेट, किक बॉक्सिंग, योगा, आदि ।

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स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE : विद्यालय में उपलब्ध खेल सुविधाओं की सफलता उनके उपयोग पर निर्भर करती है। इसके लिए खेल सामग्री एवं उपकरणों का उपयोग किये जाने की स्थिति में आवश्यक है विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं के लिए निम्न बिन्दुओं पर ध्यान दिया जाए:-

  • खेल मैदानों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित रखरखाव करना आवश्यक है।
  • पिच से पत्तियों, पत्थरों, कंकड़, फ़्लेश, तेज वस्तुओं के टुकड़े निकालें।
  • प्रतिदिन फर्श को स्वाइप करें अगर यह एक सीमेंट का फर्श है।
  • खेल मैदान में केवल अनुशंसित फुटवियर की अनुमति दे।
  • खेल मैदान और आस-पास परिवेश की स्वच्छता बनाए रखें।
  • उपकरणों की स्वच्छता और गुणवत्ता बनाए रखें।
  • पर्याप्त डस्टबिन रखें।
  • समय-समय पर गोल पोस्ट, वॉलीबॉल पोल, बास्केटबॉल पोस्ट आदि के रखरखाव की जांच करें।
  • वर्ष में कम से कम एक बार विशेष रखरखाव ।
  • जमीन का स्तर और ढलान ऐसा होना चाहिए जिसमें जल जमाव न हो ।
  • ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत और जांच
  • पेशेवर मशीनरी के साथ विशेष ब्रशिंग (जैसे सीमेंट वाले फर्श के लिए)।
  • सभी कृत्रिम उपकरणों के रख-रखाव के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें। यदि खेलने का स्थान पक्का है तो उसकी नियमित सफाई की जाए।
  • खेल के दौरान स्वीकृत जूतों का उपयोग किया जाए।
  • खेल सामग्री / उपकरणों की नियमित साफ-सफाई एवं गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। खेल गतिविधियों के दौरान उचित संख्या में कचरा पात्रों की व्यवस्था की जाए।
  • खेल मैदान का लेवल एवं ढाल इस प्रकार होना चाहिए, जिससे जल भराव नहीं हो।
  • खेल मैदान के आस-पास की जल निकासी व्यवस्था की जांच कर उसकी वर्ष में कम से कम एकबार आवश्यकतानुसार मरम्मत कराई जाए।
  • विभिन्न प्रकार की गेंदो के लिये मानक वायुदाब
    • फुटबॉल 0.6.1.1 वायुदाब ( 600.1, 100g / cm 2 )
    • बास्केटबॉल 3.17-40 वायुदाब (3170-4000g/cm 2 )
    • वॉलीबॉल 0.30-0.325 वायुदाब (300-325g / cm 2 )
  • गेंदो का उपयोग किए जाने से पूर्व ध्यान देने योग्य बातें
    • गेंदो में हवा भरकर वायुदाब सही करना ।
    • गेंद में हवा भरने से पूर्व सुई को गीला करना ।
    • गेंद में धीरे-धीरे हवा भरने के साथ गेंद को दबाना ।
    • गेंद में एकसाथ तेजी से ज्यादा हवा भरने पर गेंद के अन्दर की ट्यूब / ब्लैडर खराब हो जाता है।
    • गेंद में मशीन से हवा नहीं भरें क्योंकि इससे ज्यादा हवा भर जाने की संभावना बनी रहती है।
  • गेंदों का उपयोग किये जाने के पश्चात ध्यान देने योग्य बातें
    • उपयोग पश्चात गेंद में से कुछ हवा निकाल देनी चाहिए, जिससे गेंद के अन्दर का वायुदाब कम हो जाए।
    • हवा का दबाव कम नहीं करने पर गेंद का आकार एवं आकृति विरूपित हो सकती है।
    • गेंद को पहले गीले एवं बाद में सूखे कपड़े से पोंछ कर साफ किया जाए।
  • गेंदो को सुरक्षित रखने हेतु ध्यान देने योग्य बातें
    • गेंद को सीधे सूर्य की रोशनी में नहीं रखना चाहिए, ना ही गर्म स्थान पर रखना चाहिए।
    • गेंद को हवादार स्थान पर रखना चाहिए एवं नियमित रूप से हवा भरकर खेलने हेतु उपयोग किया जाए ।
    • खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों का उपयोग नहीं होने पर भी यह आवश्यक है कि उनकी नियमित साफ-सफाई एवं रख-रखाव किया जाए।
  1. खेल मैदान में सुरक्षा हेतु दिशा-निर्देश:-
  • स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE के अनुसार खेल मैदान में सुरक्षा की दृष्टि से अच्छी खेल सामग्री एवं खेल उपकरणों का उपयोग किया जाना, खिलाड़ियों को खेल के नियमों की जानकारी होना एवं खेल गतिविधियों को सुनियोजित प्रकार से योजना बनाकर संचालित किया जाना आवश्यक है। छात्र-छात्राओं को खेलने का सुरक्षित वातावरण देने के लिए खेल के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं एवं परिस्थितियाँ जिनके कारण दुर्घटना होना संभव है, का रिकॉर्ड रखना एवं खेल गतिविधि संचालित होने से पहले उपचारात्मक उपाय किया जाना आवश्यक है। इन सुरक्षा नियमों की क्रियान्विति से खेल गतिविधियाँ सुरक्षित वातावरण में संचालित हो सकेंगी एवं खेल के दौरान छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
  • स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE विद्यालयों द्वारा स्पोर्टस ग्रान्ट की राशि का उपयोग नियमानुसार किये जाने एवं सामग्री की गुणवत्ता; लेखा एवं वित्तीय नियमानुसार क्रय प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुये प्रत्येक सीआरसी / यूसीईईओ अपने अधीनस्थ विद्यालयों की नियमित मॉनीटरिंग करेंगे।
  • प्रत्येक ब्लॉक कार्यालय स्तर पर तीन सदस्य यथा सीबीईओ, एसीबीईओ, लेखा अधिकारी की समिति का गठन कर सीआरसी / यूसीईईओ द्वारा की जा रही मॉनीटरिंग एवं विद्यालयों द्वारा क्रय की जा रही खेल सामग्री को लेखा एवं वित्तीय नियमांनुसार क्रय प्रक्रिया, गुणवत्ता एवं पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुये नियमित रूप से मॉनीटरिंग करेंगे।
  • जिला कार्यालय स्तर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक एवं सम्बन्धित सहायक परियोजना समन्वयक / कार्यक्रम प्रभारी अधिकारी संयुक्त रूप से विद्यालयों द्वारा लेखा एवं वित्तीय नियमानुसार क्रय प्रक्रिया अपनाते हुये क्रय की जा रही खेल सामग्री की कार्यवाही की विद्यालय स्तर एवं ब्लॉक कार्यालय स्तर के अधिकारियों द्वारा की जा रही मॉनीटरिंग की समीक्षा करेंगे।
  • किसी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही विभाग द्वारा अमल में लायी जायेगी। अतः खेल सामग्री की क्रय प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुये लेखा नियमानुसार कार्यवाही कर गुणवत्तापूर्ण सामग्री क्रय की जाये ।
  • सप्ताह में कम से कम एक कालांश खेल सम्बन्धी होना चाहिये ।
  • विभाग द्वारा आयोजित खेल गतिविधियों के आयोजन में राशि का उपयोग लिया जा सकता है।
  • विद्यालय में उपलब्ध खेल सामग्री के रख-रखाव, उपयोग में लिये जाने की स्थिति में बनाये रखने में राशि का उपयोग लिया जा सकता है।
  • खेल सामग्री / उपकरण के रख-रखाव, भण्डार पंजिका का संधारण, खेलने योग्य खेल सामानों की उपलब्धता इत्यादि का दायित्व शारीरिक शिक्षक / प्रभारी शिक्षक द्वारा वहन किया जायेगा ।

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  • स्पोर्ट्स ग्रान्ट दिशा-निर्देश / SPORTS GRANT GUIDELINE के अनुसार इस मद में निर्धारित बजट सीमा से अधिक व्यय नहीं किया जाये। निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर वसूली की जाएगी। क्रय हेतु वित्तीय नियमों का ध्यान रखा जाये।
  • किये गये व्यय का निर्धारित समयावधि में उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया जाकर समायोजन सुनिश्चित करवाया जाये।
  • राशि का उपयोग गतिविधि व शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार एवं वित्तीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुये विहित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।
  • क्रय की जाने वाली सामग्री में “राजस्थान लोक उपापन में पादरर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013” की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये ।
  • वर्तमान में राज्य में सैकण्डरी की श्रेणी के समस्त विद्यालय उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किये जा चुके है । किन्तु भारत सरकार से अनुमोदित की गयी पी०ए०बी० का आधार यू-डाइस 2021-22 है। अतः यू-डाइस 2021-22 में दी गयी विद्यालय श्रेणी के अनुसार ही राशि जारी की जानी है।
  • परिषद कार्यालय से एस. एन.ए. से राशि आहरण की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त जिला कार्यालय तीन दिवस में चरणबद्ध रूप से ब्लॉक / पीईईओ, यूसीईईओ / विद्यालय को राशि आहरण की स्वीकृति जारी करवाया जाना सुनिश्चित करें।

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विद्यालय स्तर पर जारी किया जाने वाले उपयोगिता प्रमाण पत्र यहाँ से डाउनलोड करें

ब्लॉक स्तर पर जारी किया जाने वाले उपयोगिता प्रमाण पत्र यहाँ से डाउनलोड करें

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SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?

SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?

Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?  नमस्कार मित्रो शाला सुगम के इस आर्टिकल में आप सभी का ह्रदय की गहराई से स्वागत है। साथियों, इस आर्टिकल में हम आपके लिए स्टेट इन्श्योरेन्स और जीपीएफ कटौती में तुलनात्मक विवरण लेकर आए हैं। कई साथी ये जानकारी चाहते हैं कि हम अपनी कटौतियो में स्टेट इन्श्योरेन्स की कटौती बढ़ाए अथवा जीपीएफ की कटौती को बढ़ाएँ। तो एक साधारण सी जानकारी है जिसे हम हमारे एक्स्पर्ट साथियों के माध्यम से आप के लिए इकट्ठा की है।

हमें उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आएगी। और आप इसे अधिकतम साथियों के साथ शेयर करेंगे।

Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?
Comparison in SI And GPF Deduction | SI व GPF कटौती में तुलना कि कौनसी कटौती बढाएं ?

Comparison in SI And GPF Deduction

GPF का पूरा नाम General Provident Fund है। जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर गारंटीड रिटर्न के रूप में उपलब्ध होती है। जिसमें सरकार समय-समय पर अपना रिव्यू प्रदान करती रहती है और इस ब्याज दर को रिवाइज करती है।

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कर्मचारी राज्य बीमा कटौतियां SI Deduction

राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है। जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है। इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है। परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है।

यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-

क्रम संख्यापे मेट्रिक लेवल अनुसार वेतनSI मासिक प्रीमियमआगे बढ़ा सकते हैअन्य विवरण
प्रथम स्टेपद्वितीय स्टेप
1UP TO 22000800/- ₹1200/- ₹2200/- ₹आगामी 1 अप्रेल को 55 वर्ष से
अधिक आयु के कार्मिक अपनी SI कटोती में वृद्धि नही करवा सकते
2UP TO 22000 -285001200/- ₹2200/- ₹3000/- ₹
328501- 465002200/- ₹3000/- ₹5000/- ₹
446501-720003000/- ₹5000/- ₹7000/- ₹
5Above 720005000/- ₹7000/- ₹
6Maximam7000/- ₹
Note 👉 कटौती बढ़ाने के लिए कार्मिक को अपनी एसएसओ आईडी से Further Contract ऑनलाइन करना होगा

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जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) किस प्रकार से काम करता है?

क्या आप भी यह जानना चाहते हैं की जीपीएफ अर्थात जनरल प्रोविडेंट फंड / General Provident Fund कैसे कार्य करता है तो इसकी संपूर्ण जानकारी हां बता रहे हैं GPF निम्नलिखित तरीकों से काम करता है-

  • कर्मचारियों को सबसे पहले अपने नियोक्ता के साथ में जीपीएफ अकाउंट खोलना होता है यह मुख्यतः सर्विस में शामिल होते समय शुरू होता है।
  • इसके अंतर्गत कर्मचारियों की सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत मासिक के रूप में काटा जाता है जिसे अपने जीपीएफ अकाउंट में डिपॉजिट किया जाता है।
  • GPF अकाउंट में डिपॉजिट की गई राशि, आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज़ अर्जित करती है।
  • कर्मचारी कुछ शर्तों के अधीन अपने GPF अकाउंट पर भी लोन ले सकते हैं।
  • यदि कर्मचारी किसी अन्य सरकारी विभाग में ट्रांसफर करते हैं या अपनी नौकरी छोड़ते हैं तो वे अपना GPF बैलेंस निकाल सकते हैं या उसे अपने नए नियोक्ता को ट्रांसफर कर सकते हैं।

Must Read 👉 DA CALCULATOR : सरकार ने कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, 4% बढ़ाया डीए | डीए केलकुलेशन यहाँ से करे


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सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में निवेश के लाभ

सामान्य भविष्य निधि जीपीएफ में निवेश करने के लाभ यहां पर दिए जा रहे हैं-

  • गारंटीड रिटर्न :- जीपीएफ पर एक निश्चित ब्याज दर गारंटीड रिटर्न के रूप में उपलब्ध होती है। जिसमें सरकार समय-समय पर अपना रिव्यू प्रदान करती रहती है और इस ब्याज दर को रिवाइज करती है।
  • टैक्स लाभ :- जीपीएफ में योगदान करने वाले कार्मिकों का इनकम टैक्स 80c के अंतर्गत टैक्स कटौती के लिए पात्रता रखता है।
  • नो रिस्क :- जीपीएफ में कटौती करवाना इन्वेस्टमेंट का एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसमें रिटर्न के रूप में एक निश्चित दर प्रदान होती है।
  • लोन सुविधा :- यदि कर्मचारियों को घर निर्माण, मेडिकल या शिक्षा के लिए लोन की आवश्यकता हो तो वह जीपीएफ से लोन सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकता है।
  • सुरक्षित रिटायरमेंट :- जीपीएफ में इन्वेस्टमेंट होने के कारण रिटायरमेंट के बाद में जीपीएफ फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित रिटायरमेंट सुनिश्चित करता है।

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GPF या SI में से किसमे अधिक कटौती करवाई जावे ?

1. राज्य बीमा में निर्धारित Slab से 2-Step आगे कटौती जरुर करनी चाहिए ताकि बीमाधन अधिक हो। एक तो इसमें अन्य बीमा योजना के मुकाबले बोनस की दर अधिक होने से यह योजना अधिक फायदेमंद है। साथ ही वेतन से कटोती होने से किश्त की चूक नहीं होती। आमतौर पर अन्य बीमा कंपनियों से बीमा होने पर बड़ी संख्या में किश्त नियमित जमा नहीं होने से Policy लैप्स हो जाती है और आर्थिक घाटा होता है। इसके अलावा आवश्यकता होने पर ऋण की राशि भी तुलनात्मक रूप से अधिक होती है और आसानी से मिल जाती है। Maturity पर अच्छी खासी रकम मिल जाती है।

यहाँ एक बात और विचारणीय है चूँकि कार्मिक के असामयिक निधन की स्थिति में सभी परिलाभ के बाद भी रिक्तता की स्थिति रहती है इसलिए अपने परिवार को वास्तविक पर्याप्त आर्थिक संबल प्रदान करने हेतु परिवार के कमाऊ सदस्य को Term Plan Insurance अवश्य लेना चाहिए जो की बाज़ार में अनेक बीमा कंपनियों के उपलब्ध है। मामूली किश्त पर एक बड़ा आर्थिक संरक्षण आप परिवार को प्रदान कर सकते है। जीवन बीमा की वास्तविक अवधारणा यही है।

2. GPF योजना में भी निर्धारित दर से कटोती की जाती है, आज की स्थिति में बाज़ार में उपलब्ध Bank, Post Office और अन्य निजी योजनाओं के मुकाबले GPF की प्रतिफल दर उच्च है तथा पूरी तरह सुरक्षित है. अतः राज्य बीमा की अधिक कटोती और अन्य निजी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद यदि विनियोग की गुंजाईश है तो निश्चित रूप से GPF में अधिक कटोती कराना सबसे सहज, लाभदायक और सुरक्षित विकल्प है.

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संस्थापन एवं अवकाश संबंधित महत्वपूर्ण प्रपत्र

संस्थापन एवं अवकाश संबंधित महत्वपूर्ण प्रपत्र

Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र : नमस्कार, कर्मचारी बंधुओं, इस आर्टिकल में हम संस्थापन और अवकाश से संबंधित प्रपत्र आपके लिए लेकर आए हैं, जिसमें उपार्जित अवकाश, नकदीकरण और कार्यालय आदेश, चाइल्ड केयर लीव के साथ साथ कार्यग्रहण काल के बदले उपार्जित अवकाश, रोग और आरोग्य प्रमाण पत्र आदि के प्रपत्र हम यहाँ पर आपके लिए उपलब्ध करवाएं है।

संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र शाला सुगम टीम को उम्मीद है कि आपको ये प्रपत्र पीडीएफ़ वर्ड और एक्सेल फॉर्मेट में पसंद आएँगे। और आशा है कि आप इस आर्टिकल के लिंक को अपने मित्रों, सहकर्मियों, मंत्रालयिक कर्मचारी और आहरण वितरण अधिकारियों को साझा करेंगे।

Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र
संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र

Establishment and Leave Related format | संस्थापन एवं अवकाश सम्बन्धी प्रपत्र

आपसे आग्रह हैकि आप हमारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पेज, व्हाट्सएप चैनल और टेलीग्राम चैनल को अवश्य ज्वॉइन करेंगे।

👉 कर्मचारियों हेतु सामूहिक हड़ताल अवधि अवकाश स्वीकृति हेतु प्रपत्र डाउनलोड करें

👉उपार्जित अवकाश आवेदन पत्र PL Form डाउनलोड करें

👉उपार्जित अवकाश नकदीकरण हेतु कार्यालय आदेश प्रपत्र डाउनलोड करें

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👉GA-141 निरन्तर एवं योग्य सेवा का प्रमाण पत्र PDF डाउनलोड करें

👉GA-141 निरन्तर एवं योग्य सेवा का प्रमाण पत्र WORD डाउनलोड करें

👉GA-141 निरन्तर एवं योग्य सेवा का प्रमाण पत्र EXCEL डाउनलोड करें

👉अवकाश स्वीकृति हेतु कार्यालय आदेश प्रपत्र डाउनलोड करें


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👉 Child Care Leave Application Form CCL अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र डाउनलोड करें

👉 Child Care Leave Account For Service Book Format CCL गणना प्रपत्र सर्विस बुक के लिए डाउनलोड करें

👉 Child Care Leave Sanction Format CCL स्वीकृति आदेश फोर्मेट डाउनलोड करें

👉 आरोग्य प्रमाण पत्र (MEDICAL FITNESS) डाउनलोड करें

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👉 राजपत्रित अधिकारी हेतु चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रपत्र डाउनलोड करें

👉 राजपत्रित अधिकारी हेतु चिकित्सा प्रमाण-पत्र राजकीय आदेश डाउनलोड करें

👉 कार्यग्रहण काल के बदले उपार्जित अवकाश आवेदन पत्र डाउनलोड करें


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