SDMC Work Duty Organisation: विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति गठन की सम्पूर्ण रुपरेखा नियमावली और प्रस्ताव लेखन कार्यवाही, अपने विद्यालय में त्रुटी रहित और प्रभावी SDMC का गठन करने की सम्पूर्ण जानकारी इस आलेख में हमारे एक्सपर्ट ने आपको उपलब्ध करवाया हैं |
कार्यालय निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर के आदेश दिनांक: 21.01.15 के द्वारा समस्त राजकीय माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के लिए विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) तथा कक्षा 1-8 तक के लिये विद्यालय प्रबन्धन समिति (SMC) के गठन के आदेश जारी किये गये हैं। इन आदेशों के अनुसार विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा कक्षा 1-8 तक की कक्षाओं में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ सर्व शिक्षा अभियान तथा मिड-डे-मील की राशि की प्राप्ति व व्यय का लेखा जोखा पृथक से संधारित किया जायेगा। विद्यालय प्रबन्धन समिति का गठन पूर्व प्रदत्त आदेशों के अनुसार ही होगा।
विद्यालय की विद्यालय विकास योजना प्रतिवर्ष 31 जुलाई से पूर्व तैयार करना।
2- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना-
विद्यालय की नामांकन दर आदर्श नामांकन संख्या तक लाना।माध्यमिक स्तर की ड्राप आउट दर 25 प्रतिशत से नीचे लाना।विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिये भौतिक, मानवीय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संसाधन उपलब्ध कराना जिससे कि विद्यार्थी एवं विद्यालय के शैक्षिक एवं सहशैक्षिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके तथा विद्यालय का समाज के साथ सह संबंध स्थापित हो सके ।
3- अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में तैयार की गई विद्यालय की योजना को शाला दर्पण में आवश्यक रूप से अपलोड करवाया जाकर उसकी एक प्रति विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
4- प्रत्येक 3 माह में विद्यालय योजना की प्रगति शाला दर्पण पर अपलोड करवाकर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9-12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार एवं विद्यालय भवन के विकास सम्बन्धी कार्य विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) द्वारा किये जायेंगे। इसके साथ ही RMSA से प्राप्त अनुदान विकास शुल्क एवं अन्य प्राप्त होने वाली राशियों का लेनदेन / लेखा-जोखा इस समिति द्वारा संधारित किया जायेगा। विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) तथा अन्य उप समितियों के गठन हेतु संरचना एवं इनके दायित्व शासन की स्वीकृति क्रमांक प.17 (22) शिक्षा 1 / 2016 जयपुर दिनांक 01.07.2016 के क्रम में आंशिक संशोधनोपरान्त एतद् द्वारा निर्धारित किए जाते हैं |
SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
1. School Development and Management Committee (SDMC) की कार्यकारिणी समिति की सरंचना (RMSA गाइडलाइन के अनुसार) –
विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (School Development and Management Committee) की कार्यकारिणी समिति की संरचना RMSA गाइडलाइन के अनुसार
क्र सं
सदस्य विवरण
पद व संख्या
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
अभिभावकों में से एससी/एसटी समुदाय के प्रतिनिधि
2 सदस्य
3
अभिभावकों में से महिला प्रतिनिधि
2 सदस्य
4
अभिभावकों में से अन्य प्रतिनिधि
2 सदस्य
5
सामाजिक विज्ञान का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
6
विज्ञान का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
7
गणित का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
8
पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि
2 सदस्य
9
आॅडिट व वित्त विभाग का एक व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक)
1 सदस्य
10
शैक्षिक रूप से पिछड़ेे अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधि
1 सदस्य
11
महिला समूहों में से प्रतिनिधि सदस्य
1 सदस्य
12
ग्राम शिक्षा विकास समिति का सदस्य/शिक्षाविद्
1 सदस्य
13
विज्ञान, मानविकी एवं कला/संस्कृति/क्राफ्ट की पृष्ठभूमि वाले (जिला परियोजना समन्वयक द्वारा मनोनीत) प्रतिनिधि
1 सदस्य
14
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मनोनीत अधिकारी
1 सदस्य
15
विद्यार्थी प्रतिनिधि
2 सदस्य
16
विधायक प्रतिनिधि
2 सदस्य
17
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड सदस्य सचिव टीचर) वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में/व0अ0-मावि में
सदस्य सचिव
कुल सदस्य
23
कुल सदस्य = 23 सदस्य
(I) विद्यालय द्वारा नॉन रेकरिंग मद में खरीद करने पर बीईईओ / डीपीसी कार्यालय लेखाकार / कनिष्ठ लेखाकार को सदस्य रूप में मनोनीत किया जाये।
(II) विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति के निर्धारित सदस्यों में से कम से कम एक सदस्य ऐसा हो, जो एसएमसी में भी संदस्य हो एवं कुल SDMC सदस्यों में से कम से कम 50 प्रतिशत महिला सदस्य हों |
(III) SDMC की कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल दो शैक्षिक सत्र हेतु होगा। तत्पश्चात् नवीन चयन होगा।
(IV) सत्रारम्भ में SDMC के गठन के लिये साधारण सभा की बैठक जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जाये। उक्त बैठक में साधारणतया सर्वसम्मति से सदस्यों का मनोनयन किया जाये। जहां सर्वसम्मति न हो पाये, वहां उपस्थित सदस्यों में से बहुमत की राय को प्राथमिकता दी जावे।
(V) प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता के लिये सभाध्यक्ष प्रस्तावित किया जाये जो कि स्थानीय समुदाय से होना चाहिए।
(VI) SDMC गठन के उपरान्त एक बोर्ड तैयार कर सभी कार्यकारिणी सदस्यों के नाम, पता एवं दूरभाष / मोबाईल नम्बर सर्व साधारण हेतु उपलब्ध कराए जाएं।
महत्वपूर्ण सामग्री आदेश सर्कुलर और अन्य आवश्यक दस्तावेज :-
शाला विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के गठन, कार्य दायित्व, कोरम पूर्ति, प्रस्ताव, कार्य अनुमोदन आदि के संबंध में जानकारी दीजिये?
शाला विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के गठन, कार्य दायित्व, कोरम पूर्ति, प्रस्ताव, कार्य अनुमोदन आदि के संबंध में (श्रीमान निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान ,बीकानेर के परिपत्र दिनांक 6 जुलाई 2016 के संदर्भ में)
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार एवं विद्यालय भवन के विकास संबंधी कार्य एसडीएमसी के द्वारा किए जाएंगे। इसके साथ ही समग्र शिक्षा अभियान से प्राप्त अनुदान, विकास शुल्क एवं अन्य प्राप्त होने वाली राशियों का लेनदेन अथवा लेखा-जोखा इस समिति द्वारा संधारित किया जाएगा।
विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति तथा अन्य उप समितियों के गठन हेतु संरचना एवं इनके दायित्व शासन की स्वीकृति क्रमांक प.17 (22) शिक्षा_ 1/ 2016, जयपुर दिनांक 1. 7.2016 के क्रम में आंशिक संशोधन उपरांत एतद द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
एसडीएमसी गठन हेतु सामान्य निर्देश
वर्तमान गाइड लाइन के अनुसार एसडीएमसी में कार्य कारिणी समिति में कुल 23 सदस्य शामिल होंगे जिसमें प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक समिति का अध्यक्ष होगा तथा प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)/ वरिष्ठतम व्याख्याता उच्च माध्यमिक विद्यालय में ) वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक माध्यमिक विद्यालय में सदस्य सचिव के रूप में काम करेंगे।
1.विद्यालय द्वारा अनावर्ती मद (non-recurring )में खरीद करने पर सी बी ई ई ओ /SMSA कार्यालय के लेखाकार /कनिष्ठ लेखाकार को सदस्य के रूप में मनोनीत किया जाए।
2. एसडीएमसी के निर्धारित सदस्यों में कम से कम 1 सदस्य ऐसा हो जो एसएमसी में भी सदस्य हो एवं कुल एसडीएमसी सदस्यों में से कम से कम 50% महिला सदस्य हो।
3.एसडीएमसी की कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल दो शैक्षिक सत्र हेतु होगा तत्पश्चात नवीन कार्यकारिणी हेतु निर्वाचन होगा।
4.सत्रारंभ में एसडीएमसी के गठन के लिए साधारण सभा की बैठक जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जानी चाहिए उक्त बैठक में साधारणतया सर्वसम्मति से सदस्यों का मनोनयन किया जाए जहां सर्वसम्मति न हो वहां उपस्थित सदस्यों में से बहुमत की राय को प्राथमिकता दी जाए। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
5 .प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता के लिए सभा अध्यक्ष प्रस्तावित किया जावे जो कि स्थानीय समुदाय से होना चाहिए।
6.एसडीएमसी गठन के बाद एक बोर्ड तैयार कर सभी कार्यकारिणी सदस्यों के नाम ,पता ,दूरभाष अथवा मोबाइल नंबर सर्वसाधारण हेतु उपलब्ध कराए जाएं।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के निम्न उदेश्यों की प्राप्ति हेतु कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना –
कक्षा नौ व दस का सकल नामांकन दर बढ़ाना l
माध्यमिक स्तर की ड्राप आउट दर 25 प्रतिशत से निचे लाना l
विद्यार्थियों में जीवन कौशल का विकास करना l
वियालय में आई सी टी का उपयोग सुनिश्चित करना l
समुदाय की सह-भागिता सुनिश्चित करना l
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से प्राप्त राशि का रिकॉर्ड संधारण करना l
समिति अपने कोष का उपयोग Recurring and Non-Recurring मद में कर सकेगी l
समिति भारत सरकार के वित्तीय मैनुअल के अनुसार व्यय कर सकेगी l
समिति द्वारा माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर के लिए सभी गतिविधियों की योजना बनाना, यू डाइस का डाटा एकत्रित करना, योजना की क्रियान्विति एवं मॉनिटरिंग आदि का कार्य करेगी l
विद्यालय स्तर पर निर्माण संबंधी कार्य तथा शैक्षणिक गुणवत्ता वृद्धि हेतु संबंधित सभी कार्य करेगी l
समिति की प्रत्येक मीटिंग में नियमित रूप से वित्तीय लेखों का अनुमोदन कराया जाएगा l
समिति सभी गतिविधियों की प्रगति की सूचना नियमित रूप से ब्लॉक में जिले के अधिकारियों को प्रेषित करेगी l
समिति की पाक्षिक बैठक रखी जाएगी l
समिति की मीटिंग हेतु प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा सभी सदस्यों को लिखित में सूचित किया जाएगा l
बैंक खाते से लेनदेन समिति के अध्यक्ष व सदस्य सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाएंगे l किसी भी स्थिति में एकल हस्ताक्षर से बैंक से लेन देन नहीं किया जाएगा l SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
यह भी देखें :विद्यालय प्रबन्धन समिति SMC के गठन, संविधान और अध्यक्ष बदलने सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ क्लिक करें
विद्यालय विकास
विद्यालय की विकास योजना प्रतिवर्ष 31 जुलाई से पूर्व तैयार करना।
समग्र शिक्षा अभियान के निम्नांकित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना।
विद्यालय की नामांकन दर आदर्श नामांकन संख्या प्राप्त करना।
माध्यमिक स्तर की ड्रॉपआउट दर 2.5% से नीचे लाना।
विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए भौतिक, मानवीय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संसाधन उपलब्ध कराना जिससे कि विद्यार्थियों में विद्यालय के शैक्षिक एवं सह शैक्षिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके तथा विद्यालय का समाज के साथ संबंध स्थापित हो सके।
प्रत्येक तीन माह में विद्यालय विकास की या विद्यालय योजना की प्रगति शाला दर्पण पर अपलोड करवा कर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
एसडीएमसी के खाते में प्राप्त राशि का रिकॉर्ड संधारण किया जाना।
समिति अपने कोष का उपयोग आवृत्ति (recurring )/अनावर्ती (non recurring) मद में कर सकेगी।
समिति केंद्र अथवा राज्य सरकार के वित्तीय मैनुअल के अनुसार व्यय कर सकेगी।
बैंक खाते से लेन-देन समिति के अध्यक्ष व सदस्य सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाएंगे समिति की प्रत्येक बैठक में नियमित रूप से वित्तीय लेखों का अनुमोदन कराया जाएगा।
एसडीएमसी की सलाह से ही विद्यालय की वार्षिक सहायता, भामाशाह/जनसहयोग राशि , विद्यार्थी कोष तथा विकास शुल्क का उपयोग किया जाएगा। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
बैठकों का आयोजन 👇
कार्यकारिणी समिति की मासिक बैठक विभाग के निर्देशानुसार प्रत्येक अमावस्या को रखी जाएगी जिसका कोरम न्यूनतम 50 % कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति से ही पूर्ण होगा।
अति आवश्यक होने पर विद्यालय हित में कभी भी एसडीएमसी बैठक का आयोजन किया जा सकेगा।
समिति की कार्यकारिणी की बैठक हेतु प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा सभी सदस्यों को 2 सप्ताह पूर्व लिखित में अथवा एस एम एस द्वारा सूचित किया जाएगा।
समिति की सभी गतिविधियों की प्रगति की सूचना प्रत्येक तीन माह में शाला दर्पण पर अपडेट की जाएगी।
एसडीएमसी की प्रत्येक बैठक के कार्यवाही विवरण का संधारण निर्धारित प्रारूप में नियमित रूप से एक रजिस्टर में संधारित किया जाएगा जैसे बैठक आयोजन की दिनांक ,सभा अध्यक्ष का नाम ,बैठक में उपस्थित सदस्यों की संख्या ,बैठक में लिए गए प्रस्ताव विवरण या प्रस्तुतीकरण ,प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों की संख्या , प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों में महिलाओं की संख्या … (निर्धारित प्रपत्र)
एस. डी. एम. सी. की प्रत्येक बैठक के कार्यवाही विवरण का संधारण निम्नलिखित प्रारूप में नियमित रूप से एक रजिस्टर में किया जाएगा-
बैठक की दिनांक
सभाध्यक्ष का नाम
बैठक में उपस्थित सदस्यों की संख्या
बैठक में लिये गये प्रस्ताव
प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों की संख्या
प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों में महिलाओं की संख्या
3. उप समितियों का गठन एवं दायित्व :
(अ) विद्यालय भवन उप समिति (School Building Committee) की संरचना :
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक = अध्यक्ष
पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का प्रतिनिधि = 1 सदस्य
अभिभावक प्रतिनिधि = 1 सदस्य
निर्माण कार्य से जुड़े अनुभवी / तकनीकी व्यक्ति (JEN, RMSA/SSA) = 1 सदस्य
लेखा / ऑडिट शाखा का प्रतिनिधि व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक) = 1 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर) (वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में / वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक-मावि में) = 1 सदस्य सचिव
(अ) विद्यालय भवन उपसमिति School Building Committee की संरचनाः
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का प्रतिनिधि
1 सदस्य
3
अभिभावक प्रतिनिधि
1 सदस्य
4
निर्माण कार्य से जुडे अनुभवी/तकनीकी व्यक्ति JEN RMSA/SSA।
1 सदस्य
5
लेखा/Audit शाखा का प्रतिनिधि व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक)
1 सदस्य
6
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)
सदस्य सचिव
इस प्रकार 6 सदस्यों की यह विद्यालय भवन उप समिति होगी। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
भवन उप समिति के कार्य :-
भवन निर्माण एवं मेजर रिपेयर हेतु योजना बनाना विद्यालय भवन का प्रबन्धन एवं संचालन, मॉनिटरिंग, पर्यवेक्षण रिपोर्टिंग, लेखों का संधारण, लेखों की मासिक रिपोर्ट बनाना आदि कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार होगी, जिसकी रिपोर्ट SDMC को नियमित रूप से की जायेगी।
वह समिति निर्माण कार्यों को वित्तीय नियमानुसार अनुबंध पर करवा सकेगी अथवा स्वयं भी कर सकेगी।
विद्यालय भवन उप समिति जो कि भवन निर्माण एवं मेजर रिपेयर हेतु योजना बनाने का, विद्यालय भवन का प्रबंधन एवं संचालन , मॉनिटरिंग पर्यवेक्षण, रिपोर्टस लेखों का संधारण ,लेखों की मासिक रिपोर्ट बनाना आदि के लिए जिम्मेदार होगी जिसकी रिपोर्ट एसडीएमसी को नियमित रूप से की जाएगी। यह समिति निर्माण कार्यों को वित्तीय नियम अनुसार अनुबंध पर करवा सकेगी अथवा स्वयं भी कर सकेगी
प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक अध्यक्ष तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ व्याख्याता वह माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे।
साथ ही पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का एक प्रतिनिधि व एक अभिभावक प्रतिनिधि , निर्माण कार्य से जुड़े अनुभवी अथवा तकनीकी व्यक्ति (JEN SMSA ) यह भी सदस्य होंगे, इसके अलावा लेखा, ऑडिट शाखा का प्रतिनिधि ( संस्था का लेखा कार्मिक ) होगा।
(ब) शैक्षिक उप समिति (School Academic Committee) की संरचना :
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक = अध्यक्ष
अभिभावक प्रतिनिधि = 1 सदस्य
निम्न में से प्रत्येक क्षेत्र का एक विशेषज्ञ : i) विज्ञान या गणित ii.) मानविकी iii.) कला / संस्कृति / क्रांपट / खेलकूद iv) भाषा विशेषज्ञ = 4 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी = 1 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर) (वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में / वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक मावि में) =1 सदस्य सचिव
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
अभिभावक प्रतिनिधि
1 सदस्य
3
निम्न में से प्रत्येक क्षेत्र का एक सदस्य (विज्ञान या गणित/मानविकी/कला/संस्कृति/क्राफ्ट/खेलकूद/भाषा विशेषज्ञ)
4 सदस्य
4
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी
1 सदस्य
5
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)
सदस्य सचिव
शैक्षिक उप समिति के कार्य :
शैक्षिक गतिविधियों की कार्य योजना निर्माण तथा इसके प्रभावी क्रियान्वयन , मूल्यांकन , रिपोर्टस की समीक्षा, सुझावों का परीक्षण का कार्य करेगी तथा आगामी कार्य योजना में शैक्षिक मुद्दों से संबंधित विचारों को शामिल करने हेतु अनुशंसा करेगी।
शैक्षिक गुणवत्ता सुधार हेतु समय बद्ध कार्य योजना निर्माण और क्रियान्वयन, शैक्षिक समंको का विश्लेषण एवं निम्न उपलब्धि के क्षेत्रों में सम्बलन हेतु कार्य योजना प्रस्तुत करने का कार्य इस शैक्षिक उप समिति के कार्य होगें।
शैक्षिक उप समिति में कुल 8 सदस्य होंगे जिसमें प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक इस समिति का अध्यक्ष होगा तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठतम व्याख्याता व माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठतम अध्यापक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे इसके अलावा अभिभावक प्रतिनिधि तथा विज्ञान, गणित मानविकी ,कला ,संस्कृति, क्राफ्ट खेलकूद ,भाषा विशेषज्ञ व प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी इसके सदस्य होंगे।
आपसे सहयोग की अपील
🥰🥰👇👇🙏🏻🙏🏻
आप मित्रो से आग्रह हैं कि हमने बड़ी मेहनत से इस आर्टिकल की 💯% शुद्धता के साथ, सटीक और ऑफिशियल जानकारी आपके लिए एकत्र करके SHARE की हैं | इस कार्य में हमारे मित्रो की टीम ने मिलकर सहयोग किया हैं 🙏🏻 अत: आप इस पोस्ट के लिंक को अपने मित्रो, साथियों और सहकर्मियों तक सोशल मिडिया प्लेटफोर्म पर जरूर शेयर करें और नीचे दिए सोशल मीडिया से जरूर जुड़े|
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RAJASTHAN GOVERNMENT CALANDER 2023 PDF राजस्थान सरकार मासिक कलेंडर 2023 : Rajasthan govt calendar 2023 pdf – राजस्थान गवर्नमेंट (Government) कैलेंडर Raj Calendar is an unique high quality monthly calendar सरकारी कैलेंडर Public Holidays Rajasthan Govt Holidays 2023 List the government of Rajasthan has dispatch public holidays for September and October, November, December upcoming months for full year 2023. Holidays list in Rajasthan school / college and government sectors departments remains all Sundays and some pf general and options special days
RAJASTHAN GOVERNMENT CALANDER 2023 PDF राजस्थान सरकार मासिक कलेंडर 2023 : सामान्य प्रशासन विभाग ने वर्ष 2023 के सार्वजनिक और ऐच्छिक अवकाश की सूची जारी कर दी। विभाग ओर से जारी आदेश में 29 सार्वजनिक और 21 ऐच्छिक अवकाश घोषित किए गए हैं। यह आदेश राजकीय कार्यालयों पर लागू होगा। कर्मचारियों को 07 सार्वजनिक अवकाश शनिवार या रविवार को आ रहे , नुकसान हो रहा है।
इंस्पायर अवार्ड्स के बारे में- MANAK
‘इनोवेशन इन साइंस परस्यूट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च’ (इंस्पायर) योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। INSPIRE अवार्ड्स – MANAK (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशंस एंड नॉलेज), DST द्वारा नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन – इंडिया (NIF), DST की एक स्वायत्त संस्था के साथ निष्पादित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 10-15 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों को प्रेरित करना और अध्ययन करना है। कक्षा 6 से 10 में। योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों में रचनात्मकता और नवीन सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में निहित दस लाख मूल विचारों / नवाचारों को लक्षित करना है। इस योजना के तहत, स्कूल इस वेबसाइट के माध्यम से 30 सितंबर, 2022 तक छात्रों के 5 सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों / नवाचारों को नामांकित कर सकते हैं।
इस योजना का संचालन निम्नलिखित चरणों के अनुसार किया जा रहा है:
क्षेत्रीय कार्यशालाओं, श्रव्य-दृश्य उपकरणों और साहित्य के माध्यम से देश भर में जिला, राज्य और स्कूल स्तर के पदाधिकारियों की जागरूकता और क्षमता निर्माण।
ई-एमआईएएस (इंस्पायर अवार्ड्स मानक योजना का ई-प्रबंधन) पोर्टल के माध्यम से संबंधित प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा किसी भी भारतीय भाषा में स्कूलों में आंतरिक विचार प्रतियोगिताओं का आयोजन और दो से तीन सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों का नामांकन। स्कूलों को ई-एमआईएएस पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना चाहिए। एनआईएफ द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की क्षमता वाले शीर्ष 1,00,000 (एक लाख) विचारों की सूची बनाना।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से लघु-सूचीबद्ध छात्रों के बैंक खातों में INR 10,000 के इंस्पायर पुरस्कार का वितरण।
जिला/राज्य प्राधिकरणों द्वारा जिला स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (डीएलईपीसी) का आयोजन और राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिताओं (एसएलईपीसी) के लिए 10,000 सर्वश्रेष्ठ विचारों/नवाचारों की सूची बनाना।
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) के लिए शीर्ष 1,000 विचारों/नवप्रवर्तनों की और शॉर्टलिस्टिंग के लिए राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एसएलईपीसी) का आयोजन। इस स्तर पर, एनआईएफ देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक और प्रौद्योगिकी संस्थानों के समन्वय में, प्रोटोटाइप के विकास के लिए छात्रों को परामर्श सहायता प्रदान करेगा।
विचारों / नवाचारों का चयन नवीनता, सामाजिक प्रयोज्यता, पर्यावरण मित्रता, उपयोगकर्ता मित्रता और मौजूदा समान प्रौद्योगिकियों पर तुलनात्मक लाभ पर आधारित होगा।
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) में 1,000 सर्वश्रेष्ठ विचारों / नवाचारों का प्रदर्शन और राष्ट्रीय पुरस्कारों और भविष्य की दिशा के लिए शीर्ष 60 नवाचारों की सूची बनाना।
उत्पाद/प्रक्रिया विकास के लिए एनआईएफ द्वारा शीर्ष 60 विचारों/नवाचारों पर विचार और एनआईएफ/डीएसटी की अन्य योजनाओं के साथ उनका जुड़ाव और नवाचार और उद्यमिता के वार्षिक उत्सव (फाइन) में उनका प्रदर्शन।
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इंस्पायर अवार्ड्स क्या है?
INSPIRE AWARDS विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार द्वारा संकल्पित और विकसित प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। डीएसटी 2010 से ‘इंस्पायर्ड रिसर्च के लिए इनोवेशन इन साइंस परस्यूट फॉर इंस्पायर’ योजना को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है। इस योजना में 10-32 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों को शामिल किया गया है और इसके पांच घटक हैं (इंस्पायर अवार्ड्स मानक, इंस्पायर इंटर्नशिप, इंस्पायर स्कॉलरशिप, इंस्पायर फेलोशिप और इंस्पायर फैकल्टी)। इंस्पायर इंटर्नशिप, इंस्पायर स्कॉलरशिप, इंस्पायर फेलोशिप और इंस्पायर फैकल्टी के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया www.online-inspire.gov.in पर क्लिक करें।
इंस्पायर अवार्ड्स क्या है – मानक?
INSPIRE अवार्ड्स – MANAK (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज) को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया (NIF) द्वारा निष्पादित किया जाता है और इसे “स्टार्ट-अप” के लिए कार्य योजना के साथ जोड़ा जाता है। भारत” पहल भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गई।
इस योजना का उद्देश्य देश भर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों (कक्षा 6 से 10) को आमंत्रित करके विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रणाली को मजबूत बनाने, विस्तार करने और उसी पर अनुसंधान और विकास के आधार को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल बनाने में मदद करना है। उन्हें अपने मूल और रचनात्मक तकनीकी विचारों / नवाचारों को उसी पर भेजने के लिए।
इंस्पायर अवार्ड्स-मानक का मूल उद्देश्य क्या है?
मूल उद्देश्य है;
कम उम्र में और कक्षा 6 से 10 तक पढ़ने वाले छात्रों को प्रेरित करने के लिए।
प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए, उन्हें कम उम्र में ही विज्ञान से अवगत कराना और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए स्कूली बच्चों के बीच रचनात्मक और नवीन सोच की संस्कृति को बढ़ावा देना।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रणाली को मजबूत और विस्तारित करने और अनुसंधान और विकास आधार को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल के निर्माण में मदद करना।
योजना का संचालन कैसे किया जा रहा है?
क्षेत्रीय कार्यशालाओं, श्रव्य-दृश्य उपकरणों और साहित्य के माध्यम से देश भर में जिला, राज्य और स्कूल स्तर के पदाधिकारियों की जागरूकता और क्षमता निर्माण।
ई-एमआईएएस (इंस्पायर अवार्ड्स मानक योजना का ई-प्रबंधन) पोर्टल के माध्यम से संबंधित प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा किसी भी भारतीय भाषा में स्कूलों में आंतरिक विचार प्रतियोगिताओं का आयोजन और दो से तीन सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों का नामांकन। स्कूलों को ई-एमआईएएस पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना चाहिए। एनआईएफ द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की क्षमता वाले शीर्ष 1,00,000 (एक लाख) विचारों की सूची बनाना।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से लघु-सूचीबद्ध छात्रों के बैंक खातों में INR 10,000 के इंस्पायर पुरस्कार का वितरण।
जिला/राज्य प्राधिकरणों द्वारा जिला स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (डीएलईपीसी) का आयोजन और राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिताओं (एसएलईपीसी) के लिए 10,000 सर्वश्रेष्ठ विचारों/नवाचारों की सूची बनाना।
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) के लिए शीर्ष 1,000 विचारों/नवप्रवर्तनों की और शॉर्टलिस्टिंग के लिए राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एसएलईपीसी) का आयोजन। इस स्तर पर, एनआईएफ देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक और प्रौद्योगिकी संस्थानों के समन्वय में, प्रोटोटाइप के विकास के लिए छात्रों को परामर्श सहायता प्रदान करेगा।
विचारों / नवाचारों का चयन नवीनता, सामाजिक प्रयोज्यता, पर्यावरण मित्रता, उपयोगकर्ता मित्रता और मौजूदा समान प्रौद्योगिकियों पर तुलनात्मक लाभ पर आधारित होगा।
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) में 1,000 सर्वश्रेष्ठ विचारों / नवाचारों का प्रदर्शन और राष्ट्रीय पुरस्कारों और भविष्य की दिशा के लिए शीर्ष 60 नवाचारों की सूची बनाना।
उत्पाद/प्रक्रिया विकास के लिए एनआईएफ द्वारा शीर्ष 60 विचारों/नवाचारों पर विचार और एनआईएफ/डीएसटी की अन्य योजनाओं के साथ उनका जुड़ाव और नवाचार और उद्यमिता के वार्षिक उत्सव (फाइन) में उनका प्रदर्शन।
कौन भाग ले सकता है?
किसी भी राष्ट्रीय या राज्य शिक्षा बोर्ड से सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों, सरकारी या निजी, सहायता प्राप्त या गैर-सहायता प्राप्त, कक्षा 6 से 10 तक के व्यक्तिगत छात्र (समूह नहीं) 8वीं अनुसूची से 22 भाषाओं में से किसी एक में अपने मूल और अभिनव विचार प्रस्तुत कर सकते हैं। उनके स्कूल के लिए संविधान का।
विचार/नवाचार प्रस्तुत करने की प्रक्रिया क्या है?
विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रधानाध्यापक निर्दिष्ट कक्षाओं और आयु समूहों के छात्रों से सारांश के रूप में विचार प्रस्तुत करने के लिए कहेंगे। इसके लिए विद्यालयों में विचार प्रतियोगिता भी आयोजित की जा सकती है।
एक विचार प्रतियोगिता क्या है?
आइडिया प्रतियोगिता का आयोजन छात्रों को इकट्ठा करके और उन्हें निम्नलिखित से संबंधित एक विचार/नवाचार के बारे में सोचने में सक्षम बनाकर किया जा सकता है:
मशीन या गैजेट, जो उपलब्ध नहीं है, लेकिन छात्र ऐसी मशीन या गैजेट की इच्छा रखते हैं
किसी भी मौजूदा/उपलब्ध मशीन या गैजेट में सुधार की आवश्यकता है, ताकि यह बहु-कार्यात्मक हो, दक्षता या आउटपुट में सुधार हो, कठिन परिश्रम आदि को कम किया जा सके।
एक स्थानीय तकनीकी समस्या को हल करने के लिए एक विचार, जिसे एक छात्र हर रोज अपने आसपास देख सकता है। छात्रों के विचार (विचारों) के बाद, वे उन्हें एक कागज के टुकड़े पर नोट कर सकते हैं और इसे प्रधानाध्यापक / प्रधानाध्यापक / शिक्षक को जमा कर सकते हैं। सबमिट किए गए विचारों की स्कूल स्तर पर समीक्षा की जा सकती है और ऊपर वर्णित प्रक्रिया के अनुसार INSPIRE AWARDS-MANAK के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए विचारों को प्रस्तुत किया जा सकता है।
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक नामांकन कैसे जमा करेंगे?
सभी नामांकन (प्रत्येक स्कूल से 2-3 सबसे नवीन विचार) प्रधानाध्यापक/प्राचार्य द्वारा ई-एमआईएएस (इंस्पायर पुरस्कार योजना का ई-प्रबंधन) पोर्टल www.inspireawards-dst.gov.in पर ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं। नए स्कूल भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
हर साल सभी पात्र स्कूल के लिए पंजीकरण आवश्यक है?
नहीं। स्कूल केवल एक बार ई-एमआईएएस पोर्टल पर पंजीकृत होना चाहिए, उसके बाद वे हर साल अपने छात्रों को नामांकित कर सकेंगे। नए स्कूल भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
नया स्कूल ई-एमआईएएस पोर्टल पर खुद को कैसे पंजीकृत कर सकता है?
कृपया नए पंजीकरण के लिए नीचे दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें।
वेबसाइट – http://www.inspireawards-dst.gov.in पर जाएं।
स्कूल अथॉरिटी पर क्लिक करें और वन टाइम रजिस्ट्रेशन (http://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/school-registration.aspx?view=vwSearchExistingForm) करें।
पंजीकरण के बाद आपको आवेदन संख्या मिल जाएगी और जब जिला प्राधिकरण स्वीकृति देगा, तो आपको यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा।
अब स्कूल अथॉरिटी में जाकर लॉग इन करें। (http://www.inspirawards-dst.gov.in/UserC/login.aspx?to=1)
पंजीकृत स्कूल अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड कैसे रिकवर कर सकते हैं? अगर भूल गए?
यदि स्कूल अपनी लॉगइन आईडी, पासवर्ड, एप्लीकेशन आईडी और पंजीकृत ईमेल आईडी भूल गए हैं या खो गए हैं, तो कृपया इन चरणों का पालन करें।
निम्नलिखित लिंक http://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/Contact-detailsAtPublicDomain.aspx पर क्लिक करें और आवेदन कोड और पंजीकृत ईमेल आईडी की जांच करें।
आवेदन संख्या और पंजीकृत ईमेल प्राप्त करने के बाद, कृपया अधिकृत लॉगिन अनुभाग में स्कूल प्राधिकरण पर क्लिक करें। पासवर्ड पुनः प्राप्त करने के लिए कृपया पासवर्ड भूल गए अनुभाग (http://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/ForgetPwd.aspx?to=1) पर क्लिक करें और आवेदन और कैप्चा भरें।
पासवर्ड रीसेट करने के बाद, आपको अपनी पंजीकृत ईमेल आईडी पर नया पासवर्ड बनाने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड लिंक प्राप्त होगा। कृपया ईमेल के लिए अपना स्पैम फ़ोल्डर भी देखें।
यदि आपकी पंजीकृत ईमेल आईडी मान्य नहीं है और आप इसे बदलना चाहते हैं, तो कृपया आवेदन संख्या, राज्य, जिला, उप जिला, स्कूल का नाम, पुरानी और नई ईमेल आईडी के साथ इंस्पायर@nifindia.org पर एक अनुरोध ईमेल भेजें।
अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें।
INSPIRE AWARDS – MANAK के तहत किस तरह की प्रस्तुतियाँ आमंत्रित की जाती हैं?
छात्रों के मूल और रचनात्मक तकनीकी विचार / नवाचार जो किसी भी दैनिक समस्या को हल करते हैं, चाहे वह घरेलू हो या किसानों, कुलियों, मजदूरों, समाज या इस तरह के लिए। बच्चों को सामान्य समस्याओं को देखने और स्वयं समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
क्या विचार/नवाचार के किसी फोटो, वीडियो, रेखाचित्र की आवश्यकता है?
हाँ, यदि उपलब्ध हो। इससे समीक्षकों को सबमिशन को ठीक से समझने और उसका मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी।
छात्र विचारों को नामांकित करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
E-MIAS पोर्टल पर सभी क्षेत्रों को ठीक से और सावधानी से भरना होगा।
छात्र के व्यक्तिगत और बैंक खाते के विवरण (आईएफएससी कोड और खाता संख्या सहित) की दोबारा जांच की जानी चाहिए।
बैंक खाते में छात्र का नाम और नाम बिल्कुल मेल खाना चाहिए
परियोजना के शीर्षक में, परियोजना का वर्णन करने वाला एक उपयुक्त शीर्षक दिया जाना चाहिए (उदाहरण के लिए “सुपारी के पेड़ों पर चढ़ने के लिए एक
उपकरण”, “बुजुर्गों के लिए एक सहायक चलने में सहायता”, आदि) और कृषि जैसे व्यापक विषय नहीं, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, डिजिटल इंडिया, आदि।
परियोजना के सारांश में, निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करने की आवश्यकता है – परियोजना किस बारे में है, यह किस समस्या को संबोधित करती है, और क्या लाभ है। कृपया नीचे दिया गया उदाहरण देखें
परियोजना का शीर्षक: तह सीटों के साथ यात्रा बैग
परियोजना का सारांश: कई बार यात्रियों को बस/ट्रेन स्टेशन पर बस या ट्रेन की प्रतीक्षा में खड़ा होना पड़ता है क्योंकि उपलब्ध सीटों की संख्या कम होती है। छात्र ने एक यात्रा बैग विकसित किया है जहां एक तह सीट को शामिल किया गया है। इसे खोलकर बस/ट्रेन का इंतजार करते समय बैठने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे लंबे समय तक खड़े रहने में होने वाली परेशानी दूर हो जाती है। यह महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगा।
अन्य दस्तावेज, यदि उपलब्ध हों, अपलोड किए जा सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न लिंक http://www.inspireawards-dst.gov.in/download/manual/Title-Project-Synopsis-Eng.pdf पर क्लिक करें।
पुरस्कारों की घोषणा और उन्हें कब दिया जाएगा?
अगस्त में नामांकन की प्रक्रिया और धन का वितरण।
सितंबर में डीएलईपीसी के संगठन
अक्टूबर में एसएलईपीसी के संगठन
एनएलईपीसी के संगठन दिसंबर का पहला सप्ताह
अगले वर्ष मार्च माह में नवप्रवर्तन एवं उद्यमिता महोत्सव (फाइन) में शीर्ष 60 विचारों/नवप्रवर्तनों का प्रदर्शन
पुरस्कार राशि का वितरण कैसे किया जाएगा?
छात्र के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से। इसलिए छात्र का नाम और बैंक खाते में नाम ठीक से मेल खाना चाहिए। यदि छात्र के पास बैंक खाता नहीं है, तो एक नया व्यक्तिगत खाता या माता-पिता में से किसी एक के साथ संयुक्त खाता खोला जा सकता है। यह नामांकन विवरण जमा करने से पहले किया जा सकता है ताकि नामांकन फॉर्म में सही विवरण दर्ज किया जा सके।
किस प्रकार के सबमिशन को प्रोत्साहित नहीं किया जाता है?
चूंकि इस योजना का उद्देश्य स्कूली छात्रों के बीच मूल और नवीन सोच को बढ़ावा देना है, पाठ्यपुस्तकों/अन्य के सामान्य विचारों/अवधारणाओं में शामिल हैं: ऊर्जा जनरेटर, टर्बाइन/अपशिष्ट बैटरी/गोबर/परिवहन/लहर इत्यादि के माध्यम से बिजली उत्पादन। बारिश का पानी कटाई; भूकंप; मृदा अपरदन; जल स्तर संकेतक; अलार्म-बर्गलर अलार्म, गैस अलार्म, फायर अलार्म आदि; वर्मीकम्पोस्ट/वर्मिन वॉश; लेटर बॉक्स फार्म; पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा का बिजली में रूपांतरण; हाइड्रोलिक लिफ़्ट; टपकन सिंचाई; वैक्यूम क्लीनर; आरएफआईडी और सेंसर आधारित रेडीमेड परियोजनाएं; स्ट्रीट लाइट का स्वत: चालू / बंद; समझदार शहर; विषयों पर निबंध; ज्वालामुखी विस्फोट का प्रदर्शन; खाद्य अपमिश्रण; कार्बन चक्र / जल चक्र; खाद्य श्रृंखला; पारिस्थितिकी तंत्र; प्रकाश संश्लेषण; चिड़ियाघर मॉडल; सब्जी का बाग़; मानव शरीर के अंगों पर मॉडल; सौर प्रणाली; ग्रह; पृथ्वी की गति; जल निस्पंदन के सामान्य तरीके; पौधों, आदि के लिए स्व-जल प्रणाली भी प्रस्तुत नहीं की जा सकती है।
बच्चों को अपने दम पर रचनात्मक विचारों के साथ आने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। माता-पिता या शिक्षक बच्चे को एक समस्या का प्रस्ताव दे सकते हैं या उसके विचार को एक प्रोटोटाइप/मॉडल में बदलने में मदद कर सकते हैं, लेकिन स्वयं इस विचार का सुझाव नहीं दे सकते हैं। शिक्षक यह देखने के लिए नीचे दिए गए वेब लिंक को भी देख सकते हैं कि क्या उनके बच्चों द्वारा विकसित की जा रही परियोजनाओं को पहले से ही मान्यता नहीं मिली है। यह मौलिकता सुनिश्चित करने और प्रतियोगिता के मानक को बनाए रखने में मदद करेगा।(http://www.inspireawards-dst.gov,in/UserP/inspire-downloads.aspx)
विचारों/नवाचारों का चयन करते समय प्रधानाध्यापकों और जूरी सदस्यों को क्या ध्यान में रखना चाहिए?
विचार की नवीनता की डिग्री, इसकी सामाजिक प्रयोज्यता, पर्यावरणीय प्रभाव, संभावित प्रभाव, वाणिज्यिक और / या गैर-वाणिज्यिक चैनलों के माध्यम से प्रसार की गुंजाइश, मौजूदा सरकारी योजनाओं की प्रासंगिकता आदि पर विचार किया जा सकता है।
इंस्पायर पुरस्कार योजना के तहत पुरस्कार विजेताओं द्वारा पुरस्कार राशि का उपयोग कैसे किया जाता है?
पुरस्कार राशि में परियोजना/मॉडल बनाने की लागत के साथ-साथ प्रदर्शनी/प्रदर्शन प्रतियोगिता के लिए जिला स्तरीय केंद्र पर परियोजना/मॉडल लाने की लागत शामिल है।
ई-एमआईएएस पोर्टल पर यू-डीआईएसई कोड कैसे अपडेट करें?
यू-डीआईएसई कार्यान्वयन की प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए, कृपया निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें (http://www.inspireawards-dst.gov.in/download/Guideline-U-DISE-Code.pdf)
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का वेब पता क्या है जहाँ से INSPIRE के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है?
www.dst.gov.in
स्कूल अथॉरिटी – इंस्पायर अवार्ड्स में भाग लेने वाले स्कूल – मानक योजना
इस योजना के तहत, देश में सभी मान्यता प्राप्त स्कूल (चाहे केंद्र सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय निकाय या गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित), जिसमें निजी स्कूल (सहायता प्राप्त या गैर-सहायता प्राप्त) शामिल हैं, जिसमें 6 वीं से 10 वीं तक की कक्षाएं हैं (चाहे सभी या कुछ), पात्र हैं। योजना में नामांकन करने के लिए और पात्र बच्चों के नामांकन अपने संबंधित जिला / राज्य शिक्षा प्राधिकरणों के माध्यम से डीएसटी को ऑनलाइन जमा करने के लिए।
नए पंजीकरण के लिए, संबंधित स्कूलों को एक नई पंजीकरण प्रक्रिया करनी होगी और एक स्थायी पंजीकरण संख्या प्राप्त करनी होगी। (आवेदन संख्या) अपने संबंधित जिला प्राधिकरण से।
यदि पहले से पंजीकृत है तो कृपया नया पंजीकरण न करें, सीधे लॉगिन विकल्प के साथ आगे बढ़ें। यदि यूजर आईडी और पासवर्ड के साथ कोई समस्या है तो कृपया पासवर्ड भूलने के विकल्प का उपयोग करें।
अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां क्लिक करें या आप ईमेल इंस्पायर@nifindia.org के माध्यम से हेल्प डेस्क से संपर्क कर सकते हैं।
कृपया आगे बढ़ने के लिए नीचे दिए गए विकल्पों में से किसी एक का चयन करें लॉग इन करने के लिए यहाँ क्लिक करें। यदि पहले से पंजीकृत है, तो कृपया सिस्टम में लॉग इन करें।
नए पंजीकरण के लिए –यहां क्लिक करें। पहली बार पंजीकरण करने के लिए अनुरोध दर्ज करने के लिए।
ओटीआर को फिर से जमा करने/सेव की गई फाइल को जमा करने के लिए – यहां क्लिक करें। यदि ओटीआर के लिए अनुरोध डीए द्वारा अस्वीकार / वापस कर दिया गया है, और दोषों के सुधार के बाद अनुरोध को फिर से जमा करना चाहता है।
विद्यालय विकास योजना (एसडीपी) विद्यालय सुधार का आधार प्रदान करती है और उसे विद्यालय के दर्शन और दूरदर्शिता को प्रतिबिंबित करना चाहिए। इसमें अगली समयावधि हेतु प्राथमिकताएं एवं कार्य सूचीबद्ध होते हैं – कई विद्यालय सामान्यः त्रिवर्षीय योजनाएं बनाते हैं जिसे अधिक विस्तृत वार्षिक योजना से संपूरित किया जाता है।
एसडीपी विद्यालय की स्व-समीक्षा को प्रेरित करती है और समुदाय को दर्शाती है कि विद्यालय अपने विद्यार्थियों हेतु सर्वश्रेष्ठ संभव परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। पहला केस स्टडी और गतिविधि यह स्पष्ट करते हैं कि योजना बनाना महत्वपूर्ण क्यों है।
विद्यालय विकास से सम्बंधित महत्वपूर्ण आदेश , सर्कुलर और प्रपत्र
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सरकारी स्कूलों में मंदिर, मस्जिदों एवं गुरुद्वारों तर्ज पर अक्षय पेटिका लगाई जाएगी। जो लोग गुप्त दान करना चाहते है वे इसमें दान राशि डाल सकेंगे। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में भामाशाहों को बढ़ावा देने और दान राशि बढ़ाने के लिए यह नई पहल शुरू की है। शादी की वर्षगांठ बच्चों के जन्मदिन या अन्य खास मौकों पर लोग इसमें दान राशि भेंट कर सकते हैं|
यह आदेश माध्यमिक निदेशक नथमल डिडेल ने दिए है, जिसमें समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्राउड फंडिंग के लिए अक्षय पेटिका नामक दान पेटी लगाने के लिए कहा गया है। स्कूलों में होने वाले वार्षिकोत्सव, गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस आदि कार्यक्रमों में स्कूलों को सहायता प्रोत्सहान राशि मिलती है। इस राशि का संग्रहण करने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। इसलिए क्राउड फंडिंग को व्यवस्थित इकट्ठा करने के लिए यह दान पेटी स्कूलों में लगाई जाएगी।
एसडीएमसी,एसएमसी और प्रिंसीपल के हाथ में होगी व्यवस्था : यह व्यवस्था स्कूल प्रिंसिपल, स्कूल विकास एवं प्रबंध समिति या स्कूल प्रबंधन समिति के मनोनीत सदस्य (एसडीएमसी, एसएमसी सदस्य और प्रिंसीपल) के हाथों में होगी। स्कूल प्रांगण में प्रार्थना स्थल पर एक दान पेटी रखी जाएगी। अक्षय पेटिका नामक इस दान पेटी की एक चाबी एसएमसी एसडीएमसी सदस्य एक चाबी प्रिंसीपल के पास रखी जाएगी। साथ ही किसी भी त्योहार या समिति से निर्णय कर इसको सबके सामने खोला जाएगा। जितनी राशि स्कूल को प्राप्त होगी उसका उपयोग स्कूल सुधार और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए किया जाएगा।
अक्षय पेटिका की सूचना को आपको अपने स्कुल की शाला दर्पण ;लॉग इन पर भी अपडेट करना होगा |
आपको इसके लिए अलग से पंजिका भी संधारित करनी होगी जिसमें अक्षय पेटिका खोलने और उसमे प्राप्त रुपयों का लेखा जोखा दर्ज करना होगा |
अक्षय पेटिका को विद्यालय में सुरक्षित जगह पर रखना होता हैं |
अक्षय पेटिका को आप विद्यालयों में होने वाले सार्वजनिक मंच पर जरूर रखें और इसका महत्व आम व्यक्तियों, अभिभावकों, और विद्यार्थियों को जरूर बताये |
शाला दर्पण पर स्कूल लॉग इन करके विद्यालय / SCHOOL टैब में जाना हैं और यहाँ आपको सामुदायिक सहभागिता पर क्लिक करेंगे तो अंत में अक्षय पेटिका का ऑप्शन दिखेगा जिस पर आपको कर देना हैं क्लिक
फिर आपको YES पर क्लिक करके SAVE पर क्लिक कर देना हैं |
इस नई पहल से स्कूलों का होगा विकास : एडीईओमाध्यमिक यशपाल असीजा के मुताबिक सरकार की इस नई पहल से स्कूलों को फायदा होगा। स्कूलों के छोटे-मोटे विकास कार्यों को और बढ़ावा मिलेगा। शहर गांवों के भामाशाहों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। अक्षय पेटिका में आने वाली राशि रजिस्टर में प्रविष्ट की जाएगी और इस राशि का उपयोग स्कूल के लिए आकस्मिक और अतिरिक्त व्यय के लिए किया जा सकेगा
विद्यालय विकास योजना(एसडीपी) के अनुसार प्राथमिकताओं का निर्धारण कर जो कार्य कम्पोजिट ग्रान्ट राशि से नही हो सकते हो उनको इस राशि का उपयोग करवाते हुए कार्य किया जायें।
वृक्षारोपण, आनन्दमयी शनिवार एवं अन्य सहशैक्षिक गतिविधियों के आयोजन में एवं पुरस्कार वितरण में इस राशि का उपयोग किया जायें।
स्वच्छता सम्बन्धित कार्यो के लिये।
प्राप्त राशि को एसएमसी/एसडीएमसी के खाते में जमा करवाना, केशबुक में (अक्षय पेटिका/स्वैच्छिक अनुदान/जनसहयोग एवं अन्य मद में) संधारित करें।
प्राथमिकता
बिजली बिल, टेलीफोन, पानी का बिल जमा कराना।
एसएमसी/एसडीएमसी का 80 जी रजिस्ट्रेशन (सहकारिता विभाग में रजिस्ट्रेशन वे — पैन कार्ड) के शुल्क के रूप में।
कम्पयूटर/नेट का डोंगल/ प्रिन्टर कम फोटोस्टेट के रूप में।
रंग रोगन/मरम्मत/फर्नीचर कय/कार्यालय के लिए फर्नीचर कय/दरी पट्टी आदि।
परीक्षा सामग्री व उत्तर पुस्तिकायें।
वृक्षारोपण हेतु पेड़ जो वनविभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराये गये।
पुस्तकालय में मासिक पत्र-पत्रिकायें कय करना।
स्वच्छता व साफ-सफाई (झाडू, साबून, फिनाइल आदि)।
भवन और कक्षाओं की मरम्मत, रंग-रोगन व निर्माण हेतु।
विद्यालय में आयोजित गतिविधियों में बालकों को पुरस्कार देने हेतु।
विद्यालय के स्वयं के आय स्त्रोत की उपयोगिता बताते हुए क्राउड फण्डिंग की अवधारणा से सभी सदस्यगणों को अवगत करावें एवं सहमति की स्थिति में क्राउड फण्डिंग के नियमित एवं नियोजित प्रबन्धन हेतु विद्यालय में “अक्षय पेटिका” स्थापित किए जाने का प्रस्ताव पारित कर “अक्षय पेटिका” की दूसरी चाबी रखने वाले SMC/ SDMC प्रतिनिधि को नामित करवा लिया जाए ।