Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि : List of articles being commonly used in the Departments giving the minimum period of their serviceability- (सरकारी कार्यालयों में सामान्यतया उपयोग की जाने वाली भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि)
नमस्कार, शिक्षक बंधुओं। इस आर्टिकल में हम अपने विद्यालय या अपने कार्यालय में काम में आने वाली सरकारी भंडार सामग्री का उपयोग अवधि के बारे में जानेंगे। हमने यह जानकारी सरकारी आदेशों और सर्कुलरों के माध्यम से तथा विद्वज्जनों के माध्यम से एकत्र की है और आपको बताने का प्रयास किया है कि सरकारी कार्यालयों या विद्यालयों के अंदर पड़ी भौतिक सामग्री की जीवन अवधि कितनी होती है? (Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि) उन्हें कितने समय के बाद नकारा घोषित किया जा सकता है, इसके बारे में पूरा आर्टिकल है। कृपया इस आर्टिकल को अपने मित्रों और दोस्तों के साथ तथा कर्मचारियों को जरूर शेयर करे।
Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि
अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के उपयोग हेतु निम्न भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि निम्नानुसार होगी-(परिपत्र संख्या 14/99, दिनांक 11.05.1999)
Note- (a) Articles to be destroyed without the permission of any committee :
“Any article used in Treatment/Management of AIDS patient is to be destroyed immediately as soon as the patent leaves the Hospital.”
(b) Articles to be destroyed with the permission of the committee at local level :
“Articles like linen, Mattresses, Bed-sheets, Towels, pillow and pillow covers having permanent stains of blood and pus and can not be removed on repeated washing or get torn. could be condemned, if the committee thinks that the articles can spread infection to other patients (cross infection) in the Hospitals.” (परिपत्र संख्या 14/99, दिनांक 11.05.1999 द्वारा जोडा गया।) Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि
Name of article
Minimum period of serviceability
Name of article
Minimum period of serviceability
Name of article
Minimum period of serviceability
Name of article
Minimum period of serviceability
तकिये
2
तोलिये
3 Months
गद्दे
3
तकिये के कवर्स
6 Months
कम्बल
6
मेट्रेसेज (साधारण)
5
बैडशीट
6 Months
मेट्रेसेज फोम
7
Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि
Minimum period of serviceability of Store Items / सरकारी भण्डार सामग्री की उपयोग अवधि
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया : नमस्कार। शिक्षक बंधुओं, इस आर्टिकल में हम आपके लिए विद्यालय या अपने किसी भी कार्यालय में नकारा सामग्री जो आपके विद्यालय या कार्यालय की आवश्यक जगह को रूद्ध रही हैं या रोक रही है उसका निस्तारण करके आप अपने विद्यालय या कार्यालय में जगह खाली करा सकते हैं और उसका एक सदुपयोग आप कर सकते हैं।
यहाँ हमारे अनुभवी जानकार श्री के एल सेन के द्वारा नकारा सामग्री का निस्तारण किस प्रकार किया जाना चाहिए और कौन कौन से प्रपत्र या फॉर्मेट आपको संधारण करने होते है, इन सब के बारे में जानकारी हम आप तक साझा कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं नकारा सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया को।
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया-
अनुपयोगी / अप्रचलित सामान का रजिस्टर प्रारूप एस.आर. 5 में संधारित किया जाता है जिस पर कार्यालयाध्यक्ष के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं । (Click here to download SR 5 )
सामान को अनुपयोगी घोषित करने से पूर्व संबंधित अधिकारी उस वस्तु के उपयोग की न्यूनतम अवधि को ध्यान में रखेंगे। (जी.एफ.एण्ड ए.आर. के भाग।।) (भण्डार की वस्तुओं की न्यूनतम उपयोग की अवधि देखने के लिये यहां क्लिक करें)
अनुपयोगी/अप्रचलित वस्तुओं का निरीक्षण एक समिति द्वारा किया जाएगा जिसमें वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी तथा सहायक लेखाधिकारी/लेखाकार/कनिष्ठ लेखाकार यथास्थिति होंगे। Process of disposal of unusable materials
अनुपयोगी सामान की सर्वे रिपोर्ट प्रारूप एस.आर. 6 में तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट पर समिति के सदस्य तथा सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर होंगे।(Download SR-6)
5 लाख या इससे अधिक मूल्य की वस्तुओं के मामलों में निरीक्षण के लिए बनी समिति में वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी, वित्तीय सलाहकार/लेखाधिकारी एवं तकनीकी अधिकारी, जिसे वस्तुओं का ज्ञान हो, होंगे।
पुराने टाइपराईटर का निस्तारण राजकीय मुद्राणालय जयपुर द्वारा किया जायेगा। Process of disposal of unusable materials
वाहनों के मामले में समिति में निम्नलिखित शामिल होंगे- (क) विभागाध्यक्ष या उनका नामित व्यक्ति जो जिला स्तरीय अधिकारी के पद से नीचे का नहीं होगा। (ख) संगठन का सबसे वरिष्ठतम लेखा अधिकारी, यदि कहीं कोई ऐसा लेखाधिकारी न हो तो संबंधित कोषाधिकारी। (ग) यदि हो तो विभाग का एक यांत्रिक अभियन्ता ऐसा कोई अभियन्ता ना हो तो मुख्य अधीक्षक मोटर गेरेज विभाग का एक प्रतिनिधि।
रुपये 50,000 तक का अनुपयोगी सामान होने पर स्थानीय अनुपयोगी सामान के व्यवसायियों (कबाड़ी) को पत्रों द्वारा सूचित कर दिया जाए तथा 7 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। प्रतिलिपि नोटिस बोर्ड पर लगाए।
रुपये 50,000 से 2.50 लाख तक का अनुपयोगी सामान होने पर स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जावे तथा 10 दिन की नोटिस अवधि दी जाए।
रुपये 2.50 लाख से 10 लाख तक के अनुपयोगी सामान के लिए अखिल भारतीय स्तर के समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जाए तथा 15 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। 10 लाख से अधिक पर 20 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। Process of disposal of unusable materials
नीलामी कमेटियों का गठन जी.एफ. एण्ड ए. आर. के भाग ।। के आर.एन.(1) में दिया गया है। आरक्षित मूल्य वस्तुओं का निरीक्षण करने वाली समिति द्वारा निश्चित किया जाएगा।
नीलामी में भाग लेने वाली फर्मों से बयाना राशि 2 प्रतिशत न्यूनतम 500/अधिकतम 50000/- ली जाए जिसका निर्धारण नीलामी कमेटी द्वारा किया जाएगा।
अधिकतम बोलीदाता जिसके नाम बोली छोडी जाती है, से 25 प्रतिशत राशि उसी समय तथा शेष माल सुपुर्दगी के समय ली जाएगी।
माल उठाने के लिए 3 से 7 दिन का समय दिया जाएगा। Process of disposal of unusable materials
अन्य बोलीदाता की धरोहर राशि उसी दिन लौटा दी जाएगी। Process of disposal of unusable materials
नीलामी की राशि पर प्रचलित दरों पर वेट की राशि भी ली जाएगी।
निर्धारित अवधि में माल नहीं उठाने पर 25 प्रतिशत जमा राशि जब्त कर ली जाए।
नीलामी से प्राप्त राशि अगले दिन राजकोष में आमद मद में वेट की राशि सेल टेक्स के हेड में जमा करवाई जाए।
वाहनों को अनुपयोगी करने की शक्तियाँ (जी.एफ. एण्ड ए. आर. के भाग ।। परिशिष्ठ ’बी’) में दी गई है।
नीलामी के पश्चात् विक्रय लेखा प्रारूप एस. आर.-7 में तैयार किया जाता है। (Download SR-7)
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
रद्दी कागज (वेस्ट पेपर) के अलावा अन्य वस्तुओं के लिए
(क) 5लाख रुपये एवं इससे अधिक के मूल्य के सामानों के लिए। (1) विभागाध्यक्ष या उसके द्वारा नामित वरिष्ठतम अधिकारी – सचिव (2) संबंधित कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य (3) विभाग का वित्त सलाहकार/मुख्य लेखा अधिकारी, व. ले. अ. सदस्य (4) विभागाध्यक्ष द्वारा नामित क्षेत्रीय अधिकारी सदस्य Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
(ख) 1 लाख रुपये एवं इससे अधिक किन्तु 5 लाख से कम मूल्य के सामानों के लिए– (1) उप विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी जो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा-सदस्य सचिव (2) कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य (3) विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय का लेखा अधिकारी/सहायक लेखा अधिकारी सदस्य (4) कोषागार अधिकारी या सहायक उपकोषागार अधिकारी सदस्य
(ग) 30,000 रुपये से अधिक किन्तु 1 लाख से कम मूल्य के सामानों के लिए– (1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव (2) क्षेत्रीय अधिकारी (रीजनल आॅफिसर) द्वारा या यदि क्षेत्रीय अधिकारी न हो तो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित सहायक लेखा अधिकारी / लेखाकार सदस्य। (3) कोषागार अधिकारी द्वारा नामित सहायक/उप/कोषागार अधिकारी जहाँ पृथक उप कोषागार हो वहाँ संबंधित सहायक / उप कोषागार अधिकारी सदस्य। Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
(घ) 30,000 रुपये तक के मूल्य के सामानों के लिए- (1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव (2) विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय में पदस्थापित सहायक लेखा अधिकारी/लेखाकार यदि ये दोनों उसी स्थान पर हांे जहाँ कार्यालयाध्यक्ष का स्थान है तथा वह अन्यथा प्रकार से कार्यालयाध्यक्ष के कार्यालय में पदस्थापित है – सदस्य।
Process of disposal of unusable materials रद्दी कागज के लिए
(क) 30,000 रुपये से अधिक मूल्य के रद्दी कागजों के लिए- (1) उप विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी जो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा, सदस्य सचिव। (2) संबंधित कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य। (3) विभाग का वरिष्ठ लेखाधिकारी/लेखा अधिकारी/ सहायक लेखा अधिकारी सदस्य।
(ख) 10,000 रुपये से अधिक किन्तु 30,000 रुपये तक मूल्य के रद्दी कागजों के लिए- (1) क्षेत्रीय अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष सदस्य सचिव। (2) उनके विभाग का लेखाधिकारी/सहायक लेखा अधिकारी/लेखाकार सदस्य। (3) कोई भी राजपत्रित अधिकारी जो क्षेत्रीय अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष द्वारा नामित किया गया हो, सदस्य।
(ग) 10,000 रुपये मूल्य तक के रद्दी कागजों के लिए- (1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव। (2) कार्यालय का लेखाकार/कनिष्ठ लेखाकार सदस्य। (3) कार्यालय अधीक्षक/कार्यालय सहायक सदस्य। नोट – प्रतिवर्ष वित्त विभाग द्वारा उक्त सीमा में शिथिलीकरण किया जाता है। उस सीमा के अध्यधीन नीलामी की कार्यवाही की जाएगी। Process of disposal of unusable materials / अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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Incharges in schools and their responsibilities / विद्यालयों में प्रभार व प्रभारी और उनके दायित्व :- श्रीमान निदेशक, माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर के परिपत्र क्रमांक : शिविरा-मा/ माध्य / शाला दर्पण /60304 (2) / 2016-17/198 दिनांक: 22/06/2020 द्वारा “शाला दर्पण पोर्टल” को अपडेट करने से सम्बन्ध में संस्था प्रधान के साथ ही विद्यालय की विभिन्न गतिविधियों से संबंधित प्रभारियों का भी दायित्व निर्धारण किया गया है उन्हें यह काम उनके प्रभार के अनुसार करना होगा लेकिन प्रश्न यह बनता हैं कि विद्यालय में कौन कौन से प्रभार होते हैं और उनके प्रभारी कौन हो सकते हैं साथ उनके दायित्व क्या रहेंगे|
अब सरकारी स्कूलों में शाला दर्पण पोर्टल का काम केवल शाला दर्पण प्रभारी ही नहीं अपितु विद्यालय के विभिन्न गतिविधियों के प्रभार वाले प्रभारी करेंगे। इस सम्बन्ध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने आदेश जारी किए है। गौरतलब है कि शाला दर्पण पोर्टल शिक्षा विभाग का महत्वपूर्ण सूचनाएं अपलोड अथवा अपडेट करने का पोर्टल है। इसका विभिन्न उद्देश्यों को लेकर बड़े स्तर पर उपयोग किया जाता है।
इस पोर्टल के उपयोग के लिए सरकारी स्कूलों में शाला दर्पण पोर्टल से संबंधित सभी काम करने के लिए प्रभारी बनाए गए थे। लेकिन विद्यालयों में कार्य की अधिकता के कारण कई बार सूचनाएं समय पर अपलोड नहीं हो पाने एवं त्रुटि पूर्ण कार्य होने की संभावना को देखते हुए अब विद्यालय के विभिन्न प्रभार वाले सभी प्रभारी अपने अपने प्रभार का शाला दर्पण से संबंधित काम स्वयं करेंगे।
क्या कहते है सीबीईओ-सीबीईओ गोविंद प्रसाद बंसल ने बताया कि पहले विद्यालयों में शाला दर्पण प्रभारी को ही ये सब काम करने होते थे। जिसके कारण काम त्रुटिपूर्ण होने अथवा विलम्ब से होने की संभावना रहती थी। अब सभी अलग अलग प्रभार वाले प्रभारी अपने अपने प्रभार का काम स्वयं करेंगे जिससे त्रुटि की संभावना नही होगी ।
आपके इन्ही प्रश्नों के जबाब देने के लिए और शिक्षको व संस्था प्रधानो की सहायत के लिए हमारे एक्सपर्ट और शाला सुगम की टीम ने आपके लिए सम्पूर्ण आलेख तैयार किया हैं जिसे आप ध्यान पूर्वक अध्ययन करें और अच्छा लगने पर अपने साथियों तक जरूर साझा करें |
Incharges in schools and their responsibilities / विद्यालयों में प्रभार व प्रभारी और उनके दायित्व
खेल कूद, प्रतियोगिता करवाना, प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को लेकर जाना, स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा, टेबलेट या टिका, वेक्सिनेशन
PTI या खेलकूद में सक्रिय शिक्षक
3
स्थानीय परीक्षा प्रभार
विभिन्न परीक्षाओं के सफल आयोजन करवाना,पेपर तैयार करवाना, उत्तर पुस्तिका जंचवानी, परीक्षा व्यवस्था करना और परिणाम तैयार करवाना, बोर्ड परीक्षा के ऑनलाईन आवेदन पत्र, परीक्षा परिणाम तैयार करना, क्रमोन्नति आदि।
वरिष्ठ व अनुभवी शिक्षक
Incharges in schools and their responsibilities
कक्षा 10 के लिए सामाजिक अध्ययन तीन पार्ट में उपलब्ध शानदार सम्पूर्ण अध्याय के क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
बोर्ड परीक्षा आवेदन, फॉर्म केंद्र पर जमा, अंकतालिका संग्रहण व वितरण, डाटा मिलान, फीस संग्रहण, उपस्थिति व बोर्ड सम्प्रेषण, यथा समय अंकों / सत्रांकों की फीडिंग
वरिष्ठ व अनुभवी शिक्षक
5
शाला दर्पण प्रभार
शाला दर्पण के विभिन्न कार्य अन्य प्रभारियो की सहायता से पूर्ण करवाना, परीक्षा प्रभारी की सहायता से फॉर्म ऑनलाइन करवाना
वरिष्ठ व कम्प्यूटर अनुभवी शिक्षक
6
मध्याह्न भोजन प्रभार
मध्याह्न भोजन की सम्पूर्ण व्यवस्था करवाना, MDM की सुचना संकलन, अनाज रखरखाव आदि पर ध्यान देना, दूध वितरण MDM रिकोर्ड संधारण
भोजन आदि में जानकार हो तथा विद्यालय में कम कार्यप्रभार हो
PEEO स्कुलो के कार्य की देखरेख करना, सूचना संकलित करना, संबलन में सहयोग करना,
अनुभवी वरिष्ठ शिक्षक
8
संस्थापन प्रभार
संस्थापन कार्य यथा समस्त कार्मिकों के सेवा अभिलेख के अनुसार शाला दर्पण पर पूर्ण शुद्ध विवरण (प्रपत्र- 10) दर्ज करना, कार्यमुक्ति / कार्यग्रहण, इन्फ्रास्ट्रक्चर विवरण, विद्यालय प्रोफाइल कार्मिक उपस्थिति, अवकाश अद्यतन करना आदि।, विद्यालय डाक सूचना, स्कोलर रजिस्टर संधारण, केशबुक संधारण, वेतन भत्ते, पे पोस्टिंग पंजिका, कार्मिक डाटा अपडेशन, TC व नवीन प्रवेश, अध्ययन व चरित्र प्रमाण पत्र, UDISE, शाला सिद्धि, ज्ञान संकल्प पोर्टल
संस्था प्रधान व मंत्रालयिक कार्मिक या लेखा अनुभवी कार्मिक
विभिन्न छात्रवृत्ति के पात्र सभी विद्यार्थियों से संबंधित सम्पूर्ण विवरण संकलन करना और यथासमय शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड करने संबंधी सम्पूर्ण कार्य
अनुभवी वरिष्ठ शिक्षक
11
अकेडमिक कार्य प्रभारी
नौ बेग डे, बालसभा, दैनिक उत्सव आयोजन, विशेष गतिविधियाँ
सम्बंधित अनुभवी
12
हेडटीचर
विद्यालय में RKSMBK, SIQE, भारतीय संस्कृति ज्ञान व अन्य परीक्षाएं, कक्षा 1 से 5 के शिक्षको को संबलन
सर्व प्रथम व्याख्याता या व. अध्यापक या अध्यापक
Incharges in schools and their responsibilities
NOTE : यह आलेख पूर्ण रूप से कोपीराईट एक्ट के तहत लेखक से लिखवाया गया हैं अत: इसे कोपी पेस्ट करने का प्रयास अगर किसी वेबसाईट द्वारा किया जाता हैं तो कानूनी कार्यवाही के लिए उक्त व्यक्ति होगा|
क्र.सं.
प्रभार का नाम
उतरदायित्व
प्रभार किसे दिया जाए
13
सांस्कृतिक प्रभार
विद्यालय में विभिन्न में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, 15 अगस्त, 26 जनवरी व अन्य उत्सव, समय-समय पर आयोजित होने वाले विभिन्न प्रकार के उत्सवों से संबंधित वांछित सूचनाओं की शाला दर्पण पर यथासमय प्रविष्टियां दर्ज करना।
संभवत महिला शिक्षक या अनुभवी शिक्षक
14
सामुदायिक गतिशीलता प्रभार
SMC, SDMC गठन, बैठक, अभिभावक सम्पर्क, PTM आयोजन, एसडीएमसी/एसएमसी से संबंधित वार्षिक /अर्द्धवार्षिक / त्रैमासिक /मासिक प्रविष्टियां, प्रशिक्षण, सदस्यों का विवरण, बैठकों का विवरण, बैंक खातों संबंधी विवरण आदि।
निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकों, वर्क बुक, डेस्क वर्क, अन्य प्रश्न बैंक प्रकाशन, वितरण रखरखाव, व इससे संबंधित सम्पूर्ण विवरण यथा समय शाला दर्पण पर दर्ज करना।
पुस्तकालय अध्यक्ष या अनुभवी शिक्षक
18
कक्षाध्यापक
अपनी कक्षा से संबंधित समस्त छात्रों का प्रवेश / पुनः प्रवेश, नाम पृथकीकरण, प्रपत्र- 7 / 7 – अ (तृतीय भाषा व वैकल्पिक विषय संबंधित) की पूर्ति, प्रपत्र 9 की परिशुद्ध पूर्ति, छात्र उपस्थिति सूचना, कक्षा क्रमोन्नति, साईकिल / ट्रान्सपोर्ट वाउचर हेतु पात्र विद्यार्थियों की सूचना आदि।
समस्त कक्षाओ के कक्षाध्यापक जिनकी शाला दर्पण पर मेपिंग हैं
Incharges in schools and their responsibilities
क्र.सं.
प्रभार का नाम
उतरदायित्व
प्रभार किसे दिया जाए
19
शैक्षिक उप समिति
शैक्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट, विद्यालय शैक्षिक उत्थान योजना
संस्था प्रधान और समिति के सदस्य
20
विद्यालय भवन उपसमिति
विद्यालय भौतिक विकास, निर्माण, रिपेयरिंग योजना निर्माण और प्रस्ताव लेना
संस्था प्रधान और समिति के सदस्य
21
बाल संसद प्रभार
सम्बंधित 7 मंत्रालय से जुड़े शिक्षक सम्बंधित प्रभारी के रूप में दिए कार्यो का निष्पादन करेंगें
मंत्रालय अनुसार प्रभारी
22
ICT लैब
ICT लैब, मिशन स्टार्ट, मिशन बुनियाद, आफ्टर स्कुल, व अन्य ऑनलाइन शिक्षण कार्य
ICT लैब के लिए ICT के कम्प्यूटर अनुदेशक और उनकी अनुपस्थिति में विज्ञान या गणित के वरिष्ठ शिक्षक
Incharges in schools and their responsibilities
Incharges in schools and their responsibilities / विद्यालयों में प्रभार व प्रभारी और उनके दायित्व के बारे विशेष –
कृपया ध्यान देवें कि –
उपर्युक्त समस्त प्रभारों के अतिरिक्त विद्यालय के अन्य प्रभारों से संबंधित सूचना का संधारण भी शाला दर्पण पोर्टल पर किया जाना हो, तो संबंधित प्रभारी यथासमय सही सूचना अद्यतन/दर्ज करवाने हेतु उत्तरदायी होगा।
अगर किसी शिक्षक के पास चुनाव से जुड़े कार्य जैसे BLO, सुपरवाईजर का कार्यभार हैं तो उसे ऐसा कार्यभार देवें ताकि चुनाव कार्य प्रभावित न हो |
विभागीय निर्देशानुसार किसी भी पंचायत सहायक या विद्यालय सहायक को पूर्ण चार्ज न देकर केवल सहायक बनाया जाएगा |
विषयों से जुड़े कार्य सम्बंधित विषय के अध्यापको की जिम्मेदारी रहेगी जैसे 1. विज्ञान मेले व ईको क्लब के लिए विज्ञान शिक्षक गणित मेला के लिए गणित के शिक्षक, हिंदी काव्य सम्मेलन आदि के लिए हिंदी के शिक्षक, ICT लैब के लिए ICT के कम्प्यूटर अनुदेशक और उनकी उपस्थिति में विज्ञान या गणित के शिक्षक
सम्बंधित प्रभार का प्रभारी ही उक्त प्रभार की सुचना शाला दर्पण प्रभारी की निगरानी में ऑनलाइन दर्ज करेगा | और सूचनाओं के लिए सम्बंधित प्रभारी जिम्मेदार रहेगा |
विद्यालय दायित्व व प्रभार से जुड़े महत्वपूर्ण आदेश व निर्देश :-
जल्द नवीन निर्देश और आदेश अपडेट हो रहे हैं कृपया WAIT करें
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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SDMC Work Duty Organisation: विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति गठन की सम्पूर्ण रुपरेखा नियमावली और प्रस्ताव लेखन कार्यवाही, अपने विद्यालय में त्रुटी रहित और प्रभावी SDMC का गठन करने की सम्पूर्ण जानकारी इस आलेख में हमारे एक्सपर्ट ने आपको उपलब्ध करवाया हैं |
कार्यालय निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर के आदेश दिनांक: 21.01.15 के द्वारा समस्त राजकीय माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के लिए विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) तथा कक्षा 1-8 तक के लिये विद्यालय प्रबन्धन समिति (SMC) के गठन के आदेश जारी किये गये हैं। इन आदेशों के अनुसार विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा कक्षा 1-8 तक की कक्षाओं में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ सर्व शिक्षा अभियान तथा मिड-डे-मील की राशि की प्राप्ति व व्यय का लेखा जोखा पृथक से संधारित किया जायेगा। विद्यालय प्रबन्धन समिति का गठन पूर्व प्रदत्त आदेशों के अनुसार ही होगा।
विद्यालय की विद्यालय विकास योजना प्रतिवर्ष 31 जुलाई से पूर्व तैयार करना।
2- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना-
विद्यालय की नामांकन दर आदर्श नामांकन संख्या तक लाना।माध्यमिक स्तर की ड्राप आउट दर 25 प्रतिशत से नीचे लाना।विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिये भौतिक, मानवीय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संसाधन उपलब्ध कराना जिससे कि विद्यार्थी एवं विद्यालय के शैक्षिक एवं सहशैक्षिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके तथा विद्यालय का समाज के साथ सह संबंध स्थापित हो सके ।
3- अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में तैयार की गई विद्यालय की योजना को शाला दर्पण में आवश्यक रूप से अपलोड करवाया जाकर उसकी एक प्रति विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
4- प्रत्येक 3 माह में विद्यालय योजना की प्रगति शाला दर्पण पर अपलोड करवाकर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9-12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार एवं विद्यालय भवन के विकास सम्बन्धी कार्य विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) द्वारा किये जायेंगे। इसके साथ ही RMSA से प्राप्त अनुदान विकास शुल्क एवं अन्य प्राप्त होने वाली राशियों का लेनदेन / लेखा-जोखा इस समिति द्वारा संधारित किया जायेगा। विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) तथा अन्य उप समितियों के गठन हेतु संरचना एवं इनके दायित्व शासन की स्वीकृति क्रमांक प.17 (22) शिक्षा 1 / 2016 जयपुर दिनांक 01.07.2016 के क्रम में आंशिक संशोधनोपरान्त एतद् द्वारा निर्धारित किए जाते हैं |
SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
1. School Development and Management Committee (SDMC) की कार्यकारिणी समिति की सरंचना (RMSA गाइडलाइन के अनुसार) –
विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (School Development and Management Committee) की कार्यकारिणी समिति की संरचना RMSA गाइडलाइन के अनुसार
क्र सं
सदस्य विवरण
पद व संख्या
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
अभिभावकों में से एससी/एसटी समुदाय के प्रतिनिधि
2 सदस्य
3
अभिभावकों में से महिला प्रतिनिधि
2 सदस्य
4
अभिभावकों में से अन्य प्रतिनिधि
2 सदस्य
5
सामाजिक विज्ञान का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
6
विज्ञान का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
7
गणित का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
8
पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि
2 सदस्य
9
आॅडिट व वित्त विभाग का एक व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक)
1 सदस्य
10
शैक्षिक रूप से पिछड़ेे अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधि
1 सदस्य
11
महिला समूहों में से प्रतिनिधि सदस्य
1 सदस्य
12
ग्राम शिक्षा विकास समिति का सदस्य/शिक्षाविद्
1 सदस्य
13
विज्ञान, मानविकी एवं कला/संस्कृति/क्राफ्ट की पृष्ठभूमि वाले (जिला परियोजना समन्वयक द्वारा मनोनीत) प्रतिनिधि
1 सदस्य
14
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मनोनीत अधिकारी
1 सदस्य
15
विद्यार्थी प्रतिनिधि
2 सदस्य
16
विधायक प्रतिनिधि
2 सदस्य
17
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड सदस्य सचिव टीचर) वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में/व0अ0-मावि में
सदस्य सचिव
कुल सदस्य
23
कुल सदस्य = 23 सदस्य
(I) विद्यालय द्वारा नॉन रेकरिंग मद में खरीद करने पर बीईईओ / डीपीसी कार्यालय लेखाकार / कनिष्ठ लेखाकार को सदस्य रूप में मनोनीत किया जाये।
(II) विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति के निर्धारित सदस्यों में से कम से कम एक सदस्य ऐसा हो, जो एसएमसी में भी संदस्य हो एवं कुल SDMC सदस्यों में से कम से कम 50 प्रतिशत महिला सदस्य हों |
(III) SDMC की कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल दो शैक्षिक सत्र हेतु होगा। तत्पश्चात् नवीन चयन होगा।
(IV) सत्रारम्भ में SDMC के गठन के लिये साधारण सभा की बैठक जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जाये। उक्त बैठक में साधारणतया सर्वसम्मति से सदस्यों का मनोनयन किया जाये। जहां सर्वसम्मति न हो पाये, वहां उपस्थित सदस्यों में से बहुमत की राय को प्राथमिकता दी जावे।
(V) प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता के लिये सभाध्यक्ष प्रस्तावित किया जाये जो कि स्थानीय समुदाय से होना चाहिए।
(VI) SDMC गठन के उपरान्त एक बोर्ड तैयार कर सभी कार्यकारिणी सदस्यों के नाम, पता एवं दूरभाष / मोबाईल नम्बर सर्व साधारण हेतु उपलब्ध कराए जाएं।
महत्वपूर्ण सामग्री आदेश सर्कुलर और अन्य आवश्यक दस्तावेज :-
शाला विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के गठन, कार्य दायित्व, कोरम पूर्ति, प्रस्ताव, कार्य अनुमोदन आदि के संबंध में जानकारी दीजिये?
शाला विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के गठन, कार्य दायित्व, कोरम पूर्ति, प्रस्ताव, कार्य अनुमोदन आदि के संबंध में (श्रीमान निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान ,बीकानेर के परिपत्र दिनांक 6 जुलाई 2016 के संदर्भ में)
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार एवं विद्यालय भवन के विकास संबंधी कार्य एसडीएमसी के द्वारा किए जाएंगे। इसके साथ ही समग्र शिक्षा अभियान से प्राप्त अनुदान, विकास शुल्क एवं अन्य प्राप्त होने वाली राशियों का लेनदेन अथवा लेखा-जोखा इस समिति द्वारा संधारित किया जाएगा।
विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति तथा अन्य उप समितियों के गठन हेतु संरचना एवं इनके दायित्व शासन की स्वीकृति क्रमांक प.17 (22) शिक्षा_ 1/ 2016, जयपुर दिनांक 1. 7.2016 के क्रम में आंशिक संशोधन उपरांत एतद द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
एसडीएमसी गठन हेतु सामान्य निर्देश
वर्तमान गाइड लाइन के अनुसार एसडीएमसी में कार्य कारिणी समिति में कुल 23 सदस्य शामिल होंगे जिसमें प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक समिति का अध्यक्ष होगा तथा प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)/ वरिष्ठतम व्याख्याता उच्च माध्यमिक विद्यालय में ) वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक माध्यमिक विद्यालय में सदस्य सचिव के रूप में काम करेंगे।
1.विद्यालय द्वारा अनावर्ती मद (non-recurring )में खरीद करने पर सी बी ई ई ओ /SMSA कार्यालय के लेखाकार /कनिष्ठ लेखाकार को सदस्य के रूप में मनोनीत किया जाए।
2. एसडीएमसी के निर्धारित सदस्यों में कम से कम 1 सदस्य ऐसा हो जो एसएमसी में भी सदस्य हो एवं कुल एसडीएमसी सदस्यों में से कम से कम 50% महिला सदस्य हो।
3.एसडीएमसी की कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल दो शैक्षिक सत्र हेतु होगा तत्पश्चात नवीन कार्यकारिणी हेतु निर्वाचन होगा।
4.सत्रारंभ में एसडीएमसी के गठन के लिए साधारण सभा की बैठक जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जानी चाहिए उक्त बैठक में साधारणतया सर्वसम्मति से सदस्यों का मनोनयन किया जाए जहां सर्वसम्मति न हो वहां उपस्थित सदस्यों में से बहुमत की राय को प्राथमिकता दी जाए। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
5 .प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता के लिए सभा अध्यक्ष प्रस्तावित किया जावे जो कि स्थानीय समुदाय से होना चाहिए।
6.एसडीएमसी गठन के बाद एक बोर्ड तैयार कर सभी कार्यकारिणी सदस्यों के नाम ,पता ,दूरभाष अथवा मोबाइल नंबर सर्वसाधारण हेतु उपलब्ध कराए जाएं।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के निम्न उदेश्यों की प्राप्ति हेतु कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना –
कक्षा नौ व दस का सकल नामांकन दर बढ़ाना l
माध्यमिक स्तर की ड्राप आउट दर 25 प्रतिशत से निचे लाना l
विद्यार्थियों में जीवन कौशल का विकास करना l
वियालय में आई सी टी का उपयोग सुनिश्चित करना l
समुदाय की सह-भागिता सुनिश्चित करना l
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से प्राप्त राशि का रिकॉर्ड संधारण करना l
समिति अपने कोष का उपयोग Recurring and Non-Recurring मद में कर सकेगी l
समिति भारत सरकार के वित्तीय मैनुअल के अनुसार व्यय कर सकेगी l
समिति द्वारा माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर के लिए सभी गतिविधियों की योजना बनाना, यू डाइस का डाटा एकत्रित करना, योजना की क्रियान्विति एवं मॉनिटरिंग आदि का कार्य करेगी l
विद्यालय स्तर पर निर्माण संबंधी कार्य तथा शैक्षणिक गुणवत्ता वृद्धि हेतु संबंधित सभी कार्य करेगी l
समिति की प्रत्येक मीटिंग में नियमित रूप से वित्तीय लेखों का अनुमोदन कराया जाएगा l
समिति सभी गतिविधियों की प्रगति की सूचना नियमित रूप से ब्लॉक में जिले के अधिकारियों को प्रेषित करेगी l
समिति की पाक्षिक बैठक रखी जाएगी l
समिति की मीटिंग हेतु प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा सभी सदस्यों को लिखित में सूचित किया जाएगा l
बैंक खाते से लेनदेन समिति के अध्यक्ष व सदस्य सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाएंगे l किसी भी स्थिति में एकल हस्ताक्षर से बैंक से लेन देन नहीं किया जाएगा l SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
यह भी देखें :विद्यालय प्रबन्धन समिति SMC के गठन, संविधान और अध्यक्ष बदलने सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ क्लिक करें
विद्यालय विकास
विद्यालय की विकास योजना प्रतिवर्ष 31 जुलाई से पूर्व तैयार करना।
समग्र शिक्षा अभियान के निम्नांकित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना।
विद्यालय की नामांकन दर आदर्श नामांकन संख्या प्राप्त करना।
माध्यमिक स्तर की ड्रॉपआउट दर 2.5% से नीचे लाना।
विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए भौतिक, मानवीय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संसाधन उपलब्ध कराना जिससे कि विद्यार्थियों में विद्यालय के शैक्षिक एवं सह शैक्षिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके तथा विद्यालय का समाज के साथ संबंध स्थापित हो सके।
प्रत्येक तीन माह में विद्यालय विकास की या विद्यालय योजना की प्रगति शाला दर्पण पर अपलोड करवा कर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
कक्षा 12 के लिए राजीनीति विज्ञान के नोट्स शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
एसडीएमसी के खाते में प्राप्त राशि का रिकॉर्ड संधारण किया जाना।
समिति अपने कोष का उपयोग आवृत्ति (recurring )/अनावर्ती (non recurring) मद में कर सकेगी।
समिति केंद्र अथवा राज्य सरकार के वित्तीय मैनुअल के अनुसार व्यय कर सकेगी।
बैंक खाते से लेन-देन समिति के अध्यक्ष व सदस्य सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाएंगे समिति की प्रत्येक बैठक में नियमित रूप से वित्तीय लेखों का अनुमोदन कराया जाएगा।
एसडीएमसी की सलाह से ही विद्यालय की वार्षिक सहायता, भामाशाह/जनसहयोग राशि , विद्यार्थी कोष तथा विकास शुल्क का उपयोग किया जाएगा। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
बैठकों का आयोजन 👇
कार्यकारिणी समिति की मासिक बैठक विभाग के निर्देशानुसार प्रत्येक अमावस्या को रखी जाएगी जिसका कोरम न्यूनतम 50 % कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति से ही पूर्ण होगा।
अति आवश्यक होने पर विद्यालय हित में कभी भी एसडीएमसी बैठक का आयोजन किया जा सकेगा।
समिति की कार्यकारिणी की बैठक हेतु प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा सभी सदस्यों को 2 सप्ताह पूर्व लिखित में अथवा एस एम एस द्वारा सूचित किया जाएगा।
समिति की सभी गतिविधियों की प्रगति की सूचना प्रत्येक तीन माह में शाला दर्पण पर अपडेट की जाएगी।
एसडीएमसी की प्रत्येक बैठक के कार्यवाही विवरण का संधारण निर्धारित प्रारूप में नियमित रूप से एक रजिस्टर में संधारित किया जाएगा जैसे बैठक आयोजन की दिनांक ,सभा अध्यक्ष का नाम ,बैठक में उपस्थित सदस्यों की संख्या ,बैठक में लिए गए प्रस्ताव विवरण या प्रस्तुतीकरण ,प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों की संख्या , प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों में महिलाओं की संख्या … (निर्धारित प्रपत्र)
एस. डी. एम. सी. की प्रत्येक बैठक के कार्यवाही विवरण का संधारण निम्नलिखित प्रारूप में नियमित रूप से एक रजिस्टर में किया जाएगा-
बैठक की दिनांक
सभाध्यक्ष का नाम
बैठक में उपस्थित सदस्यों की संख्या
बैठक में लिये गये प्रस्ताव
प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों की संख्या
प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों में महिलाओं की संख्या
3. उप समितियों का गठन एवं दायित्व :
(अ) विद्यालय भवन उप समिति (School Building Committee) की संरचना :
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक = अध्यक्ष
पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का प्रतिनिधि = 1 सदस्य
अभिभावक प्रतिनिधि = 1 सदस्य
निर्माण कार्य से जुड़े अनुभवी / तकनीकी व्यक्ति (JEN, RMSA/SSA) = 1 सदस्य
लेखा / ऑडिट शाखा का प्रतिनिधि व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक) = 1 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर) (वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में / वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक-मावि में) = 1 सदस्य सचिव
(अ) विद्यालय भवन उपसमिति School Building Committee की संरचनाः
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का प्रतिनिधि
1 सदस्य
3
अभिभावक प्रतिनिधि
1 सदस्य
4
निर्माण कार्य से जुडे अनुभवी/तकनीकी व्यक्ति JEN RMSA/SSA।
1 सदस्य
5
लेखा/Audit शाखा का प्रतिनिधि व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक)
1 सदस्य
6
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)
सदस्य सचिव
इस प्रकार 6 सदस्यों की यह विद्यालय भवन उप समिति होगी। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
भवन उप समिति के कार्य :-
भवन निर्माण एवं मेजर रिपेयर हेतु योजना बनाना विद्यालय भवन का प्रबन्धन एवं संचालन, मॉनिटरिंग, पर्यवेक्षण रिपोर्टिंग, लेखों का संधारण, लेखों की मासिक रिपोर्ट बनाना आदि कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार होगी, जिसकी रिपोर्ट SDMC को नियमित रूप से की जायेगी।
वह समिति निर्माण कार्यों को वित्तीय नियमानुसार अनुबंध पर करवा सकेगी अथवा स्वयं भी कर सकेगी।
विद्यालय भवन उप समिति जो कि भवन निर्माण एवं मेजर रिपेयर हेतु योजना बनाने का, विद्यालय भवन का प्रबंधन एवं संचालन , मॉनिटरिंग पर्यवेक्षण, रिपोर्टस लेखों का संधारण ,लेखों की मासिक रिपोर्ट बनाना आदि के लिए जिम्मेदार होगी जिसकी रिपोर्ट एसडीएमसी को नियमित रूप से की जाएगी। यह समिति निर्माण कार्यों को वित्तीय नियम अनुसार अनुबंध पर करवा सकेगी अथवा स्वयं भी कर सकेगी
प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक अध्यक्ष तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ व्याख्याता वह माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे।
साथ ही पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का एक प्रतिनिधि व एक अभिभावक प्रतिनिधि , निर्माण कार्य से जुड़े अनुभवी अथवा तकनीकी व्यक्ति (JEN SMSA ) यह भी सदस्य होंगे, इसके अलावा लेखा, ऑडिट शाखा का प्रतिनिधि ( संस्था का लेखा कार्मिक ) होगा।
(ब) शैक्षिक उप समिति (School Academic Committee) की संरचना :
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक = अध्यक्ष
अभिभावक प्रतिनिधि = 1 सदस्य
निम्न में से प्रत्येक क्षेत्र का एक विशेषज्ञ : i) विज्ञान या गणित ii.) मानविकी iii.) कला / संस्कृति / क्रांपट / खेलकूद iv) भाषा विशेषज्ञ = 4 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी = 1 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर) (वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में / वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक मावि में) =1 सदस्य सचिव
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
अभिभावक प्रतिनिधि
1 सदस्य
3
निम्न में से प्रत्येक क्षेत्र का एक सदस्य (विज्ञान या गणित/मानविकी/कला/संस्कृति/क्राफ्ट/खेलकूद/भाषा विशेषज्ञ)
4 सदस्य
4
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी
1 सदस्य
5
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)
सदस्य सचिव
शैक्षिक उप समिति के कार्य :
शैक्षिक गतिविधियों की कार्य योजना निर्माण तथा इसके प्रभावी क्रियान्वयन , मूल्यांकन , रिपोर्टस की समीक्षा, सुझावों का परीक्षण का कार्य करेगी तथा आगामी कार्य योजना में शैक्षिक मुद्दों से संबंधित विचारों को शामिल करने हेतु अनुशंसा करेगी।
शैक्षिक गुणवत्ता सुधार हेतु समय बद्ध कार्य योजना निर्माण और क्रियान्वयन, शैक्षिक समंको का विश्लेषण एवं निम्न उपलब्धि के क्षेत्रों में सम्बलन हेतु कार्य योजना प्रस्तुत करने का कार्य इस शैक्षिक उप समिति के कार्य होगें।
शैक्षिक उप समिति में कुल 8 सदस्य होंगे जिसमें प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक इस समिति का अध्यक्ष होगा तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठतम व्याख्याता व माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठतम अध्यापक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे इसके अलावा अभिभावक प्रतिनिधि तथा विज्ञान, गणित मानविकी ,कला ,संस्कृति, क्राफ्ट खेलकूद ,भाषा विशेषज्ञ व प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी इसके सदस्य होंगे।
कक्षा 10 के लिए विज्ञान विषय का शानदार सम्पूर्ण अध्याय क्लासरूम नोट्स व महत्वपूर्ण प्रश्न, और सारांश सहित रंगीन चित्रांकन सहित
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RAJASTHAN GOVERNMENT CALANDER 2023 PDF राजस्थान सरकार मासिक कलेंडर 2023 : Rajasthan govt calendar 2023 pdf – राजस्थान गवर्नमेंट (Government) कैलेंडर Raj Calendar is an unique high quality monthly calendar सरकारी कैलेंडर Public Holidays Rajasthan Govt Holidays 2023 List the government of Rajasthan has dispatch public holidays for September and October, November, December upcoming months for full year 2023. Holidays list in Rajasthan school / college and government sectors departments remains all Sundays and some pf general and options special days
RAJASTHAN GOVERNMENT CALANDER 2023 PDF राजस्थान सरकार मासिक कलेंडर 2023 : सामान्य प्रशासन विभाग ने वर्ष 2023 के सार्वजनिक और ऐच्छिक अवकाश की सूची जारी कर दी। विभाग ओर से जारी आदेश में 29 सार्वजनिक और 21 ऐच्छिक अवकाश घोषित किए गए हैं। यह आदेश राजकीय कार्यालयों पर लागू होगा। कर्मचारियों को 07 सार्वजनिक अवकाश शनिवार या रविवार को आ रहे , नुकसान हो रहा है।
इंस्पायर अवार्ड्स के बारे में- MANAK
‘इनोवेशन इन साइंस परस्यूट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च’ (इंस्पायर) योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। INSPIRE अवार्ड्स – MANAK (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशंस एंड नॉलेज), DST द्वारा नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन – इंडिया (NIF), DST की एक स्वायत्त संस्था के साथ निष्पादित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 10-15 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों को प्रेरित करना और अध्ययन करना है। कक्षा 6 से 10 में। योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों में रचनात्मकता और नवीन सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में निहित दस लाख मूल विचारों / नवाचारों को लक्षित करना है। इस योजना के तहत, स्कूल इस वेबसाइट के माध्यम से 30 सितंबर, 2022 तक छात्रों के 5 सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों / नवाचारों को नामांकित कर सकते हैं।
इस योजना का संचालन निम्नलिखित चरणों के अनुसार किया जा रहा है:
क्षेत्रीय कार्यशालाओं, श्रव्य-दृश्य उपकरणों और साहित्य के माध्यम से देश भर में जिला, राज्य और स्कूल स्तर के पदाधिकारियों की जागरूकता और क्षमता निर्माण।
ई-एमआईएएस (इंस्पायर अवार्ड्स मानक योजना का ई-प्रबंधन) पोर्टल के माध्यम से संबंधित प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा किसी भी भारतीय भाषा में स्कूलों में आंतरिक विचार प्रतियोगिताओं का आयोजन और दो से तीन सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों का नामांकन। स्कूलों को ई-एमआईएएस पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना चाहिए। एनआईएफ द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की क्षमता वाले शीर्ष 1,00,000 (एक लाख) विचारों की सूची बनाना।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से लघु-सूचीबद्ध छात्रों के बैंक खातों में INR 10,000 के इंस्पायर पुरस्कार का वितरण।
जिला/राज्य प्राधिकरणों द्वारा जिला स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (डीएलईपीसी) का आयोजन और राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिताओं (एसएलईपीसी) के लिए 10,000 सर्वश्रेष्ठ विचारों/नवाचारों की सूची बनाना।
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) के लिए शीर्ष 1,000 विचारों/नवप्रवर्तनों की और शॉर्टलिस्टिंग के लिए राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एसएलईपीसी) का आयोजन। इस स्तर पर, एनआईएफ देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक और प्रौद्योगिकी संस्थानों के समन्वय में, प्रोटोटाइप के विकास के लिए छात्रों को परामर्श सहायता प्रदान करेगा।
विचारों / नवाचारों का चयन नवीनता, सामाजिक प्रयोज्यता, पर्यावरण मित्रता, उपयोगकर्ता मित्रता और मौजूदा समान प्रौद्योगिकियों पर तुलनात्मक लाभ पर आधारित होगा।
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) में 1,000 सर्वश्रेष्ठ विचारों / नवाचारों का प्रदर्शन और राष्ट्रीय पुरस्कारों और भविष्य की दिशा के लिए शीर्ष 60 नवाचारों की सूची बनाना।
उत्पाद/प्रक्रिया विकास के लिए एनआईएफ द्वारा शीर्ष 60 विचारों/नवाचारों पर विचार और एनआईएफ/डीएसटी की अन्य योजनाओं के साथ उनका जुड़ाव और नवाचार और उद्यमिता के वार्षिक उत्सव (फाइन) में उनका प्रदर्शन।
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इंस्पायर अवार्ड्स क्या है?
INSPIRE AWARDS विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार द्वारा संकल्पित और विकसित प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। डीएसटी 2010 से ‘इंस्पायर्ड रिसर्च के लिए इनोवेशन इन साइंस परस्यूट फॉर इंस्पायर’ योजना को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है। इस योजना में 10-32 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों को शामिल किया गया है और इसके पांच घटक हैं (इंस्पायर अवार्ड्स मानक, इंस्पायर इंटर्नशिप, इंस्पायर स्कॉलरशिप, इंस्पायर फेलोशिप और इंस्पायर फैकल्टी)। इंस्पायर इंटर्नशिप, इंस्पायर स्कॉलरशिप, इंस्पायर फेलोशिप और इंस्पायर फैकल्टी के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया www.online-inspire.gov.in पर क्लिक करें।
इंस्पायर अवार्ड्स क्या है – मानक?
INSPIRE अवार्ड्स – MANAK (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज) को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया (NIF) द्वारा निष्पादित किया जाता है और इसे “स्टार्ट-अप” के लिए कार्य योजना के साथ जोड़ा जाता है। भारत” पहल भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गई।
इस योजना का उद्देश्य देश भर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों (कक्षा 6 से 10) को आमंत्रित करके विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रणाली को मजबूत बनाने, विस्तार करने और उसी पर अनुसंधान और विकास के आधार को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल बनाने में मदद करना है। उन्हें अपने मूल और रचनात्मक तकनीकी विचारों / नवाचारों को उसी पर भेजने के लिए।
इंस्पायर अवार्ड्स-मानक का मूल उद्देश्य क्या है?
मूल उद्देश्य है;
कम उम्र में और कक्षा 6 से 10 तक पढ़ने वाले छात्रों को प्रेरित करने के लिए।
प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए, उन्हें कम उम्र में ही विज्ञान से अवगत कराना और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए स्कूली बच्चों के बीच रचनात्मक और नवीन सोच की संस्कृति को बढ़ावा देना।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रणाली को मजबूत और विस्तारित करने और अनुसंधान और विकास आधार को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल के निर्माण में मदद करना।
योजना का संचालन कैसे किया जा रहा है?
क्षेत्रीय कार्यशालाओं, श्रव्य-दृश्य उपकरणों और साहित्य के माध्यम से देश भर में जिला, राज्य और स्कूल स्तर के पदाधिकारियों की जागरूकता और क्षमता निर्माण।
ई-एमआईएएस (इंस्पायर अवार्ड्स मानक योजना का ई-प्रबंधन) पोर्टल के माध्यम से संबंधित प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा किसी भी भारतीय भाषा में स्कूलों में आंतरिक विचार प्रतियोगिताओं का आयोजन और दो से तीन सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों का नामांकन। स्कूलों को ई-एमआईएएस पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना चाहिए। एनआईएफ द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की क्षमता वाले शीर्ष 1,00,000 (एक लाख) विचारों की सूची बनाना।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से लघु-सूचीबद्ध छात्रों के बैंक खातों में INR 10,000 के इंस्पायर पुरस्कार का वितरण।
जिला/राज्य प्राधिकरणों द्वारा जिला स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (डीएलईपीसी) का आयोजन और राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिताओं (एसएलईपीसी) के लिए 10,000 सर्वश्रेष्ठ विचारों/नवाचारों की सूची बनाना।
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) के लिए शीर्ष 1,000 विचारों/नवप्रवर्तनों की और शॉर्टलिस्टिंग के लिए राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एसएलईपीसी) का आयोजन। इस स्तर पर, एनआईएफ देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक और प्रौद्योगिकी संस्थानों के समन्वय में, प्रोटोटाइप के विकास के लिए छात्रों को परामर्श सहायता प्रदान करेगा।
विचारों / नवाचारों का चयन नवीनता, सामाजिक प्रयोज्यता, पर्यावरण मित्रता, उपयोगकर्ता मित्रता और मौजूदा समान प्रौद्योगिकियों पर तुलनात्मक लाभ पर आधारित होगा।
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) में 1,000 सर्वश्रेष्ठ विचारों / नवाचारों का प्रदर्शन और राष्ट्रीय पुरस्कारों और भविष्य की दिशा के लिए शीर्ष 60 नवाचारों की सूची बनाना।
उत्पाद/प्रक्रिया विकास के लिए एनआईएफ द्वारा शीर्ष 60 विचारों/नवाचारों पर विचार और एनआईएफ/डीएसटी की अन्य योजनाओं के साथ उनका जुड़ाव और नवाचार और उद्यमिता के वार्षिक उत्सव (फाइन) में उनका प्रदर्शन।
कौन भाग ले सकता है?
किसी भी राष्ट्रीय या राज्य शिक्षा बोर्ड से सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों, सरकारी या निजी, सहायता प्राप्त या गैर-सहायता प्राप्त, कक्षा 6 से 10 तक के व्यक्तिगत छात्र (समूह नहीं) 8वीं अनुसूची से 22 भाषाओं में से किसी एक में अपने मूल और अभिनव विचार प्रस्तुत कर सकते हैं। उनके स्कूल के लिए संविधान का।
विचार/नवाचार प्रस्तुत करने की प्रक्रिया क्या है?
विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रधानाध्यापक निर्दिष्ट कक्षाओं और आयु समूहों के छात्रों से सारांश के रूप में विचार प्रस्तुत करने के लिए कहेंगे। इसके लिए विद्यालयों में विचार प्रतियोगिता भी आयोजित की जा सकती है।
एक विचार प्रतियोगिता क्या है?
आइडिया प्रतियोगिता का आयोजन छात्रों को इकट्ठा करके और उन्हें निम्नलिखित से संबंधित एक विचार/नवाचार के बारे में सोचने में सक्षम बनाकर किया जा सकता है:
मशीन या गैजेट, जो उपलब्ध नहीं है, लेकिन छात्र ऐसी मशीन या गैजेट की इच्छा रखते हैं
किसी भी मौजूदा/उपलब्ध मशीन या गैजेट में सुधार की आवश्यकता है, ताकि यह बहु-कार्यात्मक हो, दक्षता या आउटपुट में सुधार हो, कठिन परिश्रम आदि को कम किया जा सके।
एक स्थानीय तकनीकी समस्या को हल करने के लिए एक विचार, जिसे एक छात्र हर रोज अपने आसपास देख सकता है। छात्रों के विचार (विचारों) के बाद, वे उन्हें एक कागज के टुकड़े पर नोट कर सकते हैं और इसे प्रधानाध्यापक / प्रधानाध्यापक / शिक्षक को जमा कर सकते हैं। सबमिट किए गए विचारों की स्कूल स्तर पर समीक्षा की जा सकती है और ऊपर वर्णित प्रक्रिया के अनुसार INSPIRE AWARDS-MANAK के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए विचारों को प्रस्तुत किया जा सकता है।
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक नामांकन कैसे जमा करेंगे?
सभी नामांकन (प्रत्येक स्कूल से 2-3 सबसे नवीन विचार) प्रधानाध्यापक/प्राचार्य द्वारा ई-एमआईएएस (इंस्पायर पुरस्कार योजना का ई-प्रबंधन) पोर्टल www.inspireawards-dst.gov.in पर ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं। नए स्कूल भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
हर साल सभी पात्र स्कूल के लिए पंजीकरण आवश्यक है?
नहीं। स्कूल केवल एक बार ई-एमआईएएस पोर्टल पर पंजीकृत होना चाहिए, उसके बाद वे हर साल अपने छात्रों को नामांकित कर सकेंगे। नए स्कूल भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
नया स्कूल ई-एमआईएएस पोर्टल पर खुद को कैसे पंजीकृत कर सकता है?
कृपया नए पंजीकरण के लिए नीचे दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें।
वेबसाइट – http://www.inspireawards-dst.gov.in पर जाएं।
स्कूल अथॉरिटी पर क्लिक करें और वन टाइम रजिस्ट्रेशन (http://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/school-registration.aspx?view=vwSearchExistingForm) करें।
पंजीकरण के बाद आपको आवेदन संख्या मिल जाएगी और जब जिला प्राधिकरण स्वीकृति देगा, तो आपको यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा।
अब स्कूल अथॉरिटी में जाकर लॉग इन करें। (http://www.inspirawards-dst.gov.in/UserC/login.aspx?to=1)
पंजीकृत स्कूल अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड कैसे रिकवर कर सकते हैं? अगर भूल गए?
यदि स्कूल अपनी लॉगइन आईडी, पासवर्ड, एप्लीकेशन आईडी और पंजीकृत ईमेल आईडी भूल गए हैं या खो गए हैं, तो कृपया इन चरणों का पालन करें।
निम्नलिखित लिंक http://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/Contact-detailsAtPublicDomain.aspx पर क्लिक करें और आवेदन कोड और पंजीकृत ईमेल आईडी की जांच करें।
आवेदन संख्या और पंजीकृत ईमेल प्राप्त करने के बाद, कृपया अधिकृत लॉगिन अनुभाग में स्कूल प्राधिकरण पर क्लिक करें। पासवर्ड पुनः प्राप्त करने के लिए कृपया पासवर्ड भूल गए अनुभाग (http://www.inspireawards-dst.gov.in/UserP/ForgetPwd.aspx?to=1) पर क्लिक करें और आवेदन और कैप्चा भरें।
पासवर्ड रीसेट करने के बाद, आपको अपनी पंजीकृत ईमेल आईडी पर नया पासवर्ड बनाने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड लिंक प्राप्त होगा। कृपया ईमेल के लिए अपना स्पैम फ़ोल्डर भी देखें।
यदि आपकी पंजीकृत ईमेल आईडी मान्य नहीं है और आप इसे बदलना चाहते हैं, तो कृपया आवेदन संख्या, राज्य, जिला, उप जिला, स्कूल का नाम, पुरानी और नई ईमेल आईडी के साथ इंस्पायर@nifindia.org पर एक अनुरोध ईमेल भेजें।
अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक करें।
INSPIRE AWARDS – MANAK के तहत किस तरह की प्रस्तुतियाँ आमंत्रित की जाती हैं?
छात्रों के मूल और रचनात्मक तकनीकी विचार / नवाचार जो किसी भी दैनिक समस्या को हल करते हैं, चाहे वह घरेलू हो या किसानों, कुलियों, मजदूरों, समाज या इस तरह के लिए। बच्चों को सामान्य समस्याओं को देखने और स्वयं समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
क्या विचार/नवाचार के किसी फोटो, वीडियो, रेखाचित्र की आवश्यकता है?
हाँ, यदि उपलब्ध हो। इससे समीक्षकों को सबमिशन को ठीक से समझने और उसका मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी।
छात्र विचारों को नामांकित करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
E-MIAS पोर्टल पर सभी क्षेत्रों को ठीक से और सावधानी से भरना होगा।
छात्र के व्यक्तिगत और बैंक खाते के विवरण (आईएफएससी कोड और खाता संख्या सहित) की दोबारा जांच की जानी चाहिए।
बैंक खाते में छात्र का नाम और नाम बिल्कुल मेल खाना चाहिए
परियोजना के शीर्षक में, परियोजना का वर्णन करने वाला एक उपयुक्त शीर्षक दिया जाना चाहिए (उदाहरण के लिए “सुपारी के पेड़ों पर चढ़ने के लिए एक
उपकरण”, “बुजुर्गों के लिए एक सहायक चलने में सहायता”, आदि) और कृषि जैसे व्यापक विषय नहीं, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, डिजिटल इंडिया, आदि।
परियोजना के सारांश में, निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करने की आवश्यकता है – परियोजना किस बारे में है, यह किस समस्या को संबोधित करती है, और क्या लाभ है। कृपया नीचे दिया गया उदाहरण देखें
परियोजना का शीर्षक: तह सीटों के साथ यात्रा बैग
परियोजना का सारांश: कई बार यात्रियों को बस/ट्रेन स्टेशन पर बस या ट्रेन की प्रतीक्षा में खड़ा होना पड़ता है क्योंकि उपलब्ध सीटों की संख्या कम होती है। छात्र ने एक यात्रा बैग विकसित किया है जहां एक तह सीट को शामिल किया गया है। इसे खोलकर बस/ट्रेन का इंतजार करते समय बैठने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे लंबे समय तक खड़े रहने में होने वाली परेशानी दूर हो जाती है। यह महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगा।
अन्य दस्तावेज, यदि उपलब्ध हों, अपलोड किए जा सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न लिंक http://www.inspireawards-dst.gov.in/download/manual/Title-Project-Synopsis-Eng.pdf पर क्लिक करें।
पुरस्कारों की घोषणा और उन्हें कब दिया जाएगा?
अगस्त में नामांकन की प्रक्रिया और धन का वितरण।
सितंबर में डीएलईपीसी के संगठन
अक्टूबर में एसएलईपीसी के संगठन
एनएलईपीसी के संगठन दिसंबर का पहला सप्ताह
अगले वर्ष मार्च माह में नवप्रवर्तन एवं उद्यमिता महोत्सव (फाइन) में शीर्ष 60 विचारों/नवप्रवर्तनों का प्रदर्शन
पुरस्कार राशि का वितरण कैसे किया जाएगा?
छात्र के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से। इसलिए छात्र का नाम और बैंक खाते में नाम ठीक से मेल खाना चाहिए। यदि छात्र के पास बैंक खाता नहीं है, तो एक नया व्यक्तिगत खाता या माता-पिता में से किसी एक के साथ संयुक्त खाता खोला जा सकता है। यह नामांकन विवरण जमा करने से पहले किया जा सकता है ताकि नामांकन फॉर्म में सही विवरण दर्ज किया जा सके।
किस प्रकार के सबमिशन को प्रोत्साहित नहीं किया जाता है?
चूंकि इस योजना का उद्देश्य स्कूली छात्रों के बीच मूल और नवीन सोच को बढ़ावा देना है, पाठ्यपुस्तकों/अन्य के सामान्य विचारों/अवधारणाओं में शामिल हैं: ऊर्जा जनरेटर, टर्बाइन/अपशिष्ट बैटरी/गोबर/परिवहन/लहर इत्यादि के माध्यम से बिजली उत्पादन। बारिश का पानी कटाई; भूकंप; मृदा अपरदन; जल स्तर संकेतक; अलार्म-बर्गलर अलार्म, गैस अलार्म, फायर अलार्म आदि; वर्मीकम्पोस्ट/वर्मिन वॉश; लेटर बॉक्स फार्म; पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा का बिजली में रूपांतरण; हाइड्रोलिक लिफ़्ट; टपकन सिंचाई; वैक्यूम क्लीनर; आरएफआईडी और सेंसर आधारित रेडीमेड परियोजनाएं; स्ट्रीट लाइट का स्वत: चालू / बंद; समझदार शहर; विषयों पर निबंध; ज्वालामुखी विस्फोट का प्रदर्शन; खाद्य अपमिश्रण; कार्बन चक्र / जल चक्र; खाद्य श्रृंखला; पारिस्थितिकी तंत्र; प्रकाश संश्लेषण; चिड़ियाघर मॉडल; सब्जी का बाग़; मानव शरीर के अंगों पर मॉडल; सौर प्रणाली; ग्रह; पृथ्वी की गति; जल निस्पंदन के सामान्य तरीके; पौधों, आदि के लिए स्व-जल प्रणाली भी प्रस्तुत नहीं की जा सकती है।
बच्चों को अपने दम पर रचनात्मक विचारों के साथ आने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। माता-पिता या शिक्षक बच्चे को एक समस्या का प्रस्ताव दे सकते हैं या उसके विचार को एक प्रोटोटाइप/मॉडल में बदलने में मदद कर सकते हैं, लेकिन स्वयं इस विचार का सुझाव नहीं दे सकते हैं। शिक्षक यह देखने के लिए नीचे दिए गए वेब लिंक को भी देख सकते हैं कि क्या उनके बच्चों द्वारा विकसित की जा रही परियोजनाओं को पहले से ही मान्यता नहीं मिली है। यह मौलिकता सुनिश्चित करने और प्रतियोगिता के मानक को बनाए रखने में मदद करेगा।(http://www.inspireawards-dst.gov,in/UserP/inspire-downloads.aspx)
विचारों/नवाचारों का चयन करते समय प्रधानाध्यापकों और जूरी सदस्यों को क्या ध्यान में रखना चाहिए?
विचार की नवीनता की डिग्री, इसकी सामाजिक प्रयोज्यता, पर्यावरणीय प्रभाव, संभावित प्रभाव, वाणिज्यिक और / या गैर-वाणिज्यिक चैनलों के माध्यम से प्रसार की गुंजाइश, मौजूदा सरकारी योजनाओं की प्रासंगिकता आदि पर विचार किया जा सकता है।
इंस्पायर पुरस्कार योजना के तहत पुरस्कार विजेताओं द्वारा पुरस्कार राशि का उपयोग कैसे किया जाता है?
पुरस्कार राशि में परियोजना/मॉडल बनाने की लागत के साथ-साथ प्रदर्शनी/प्रदर्शन प्रतियोगिता के लिए जिला स्तरीय केंद्र पर परियोजना/मॉडल लाने की लागत शामिल है।
ई-एमआईएएस पोर्टल पर यू-डीआईएसई कोड कैसे अपडेट करें?
यू-डीआईएसई कार्यान्वयन की प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए, कृपया निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें (http://www.inspireawards-dst.gov.in/download/Guideline-U-DISE-Code.pdf)
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का वेब पता क्या है जहाँ से INSPIRE के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है?
www.dst.gov.in
स्कूल अथॉरिटी – इंस्पायर अवार्ड्स में भाग लेने वाले स्कूल – मानक योजना
इस योजना के तहत, देश में सभी मान्यता प्राप्त स्कूल (चाहे केंद्र सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय निकाय या गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित), जिसमें निजी स्कूल (सहायता प्राप्त या गैर-सहायता प्राप्त) शामिल हैं, जिसमें 6 वीं से 10 वीं तक की कक्षाएं हैं (चाहे सभी या कुछ), पात्र हैं। योजना में नामांकन करने के लिए और पात्र बच्चों के नामांकन अपने संबंधित जिला / राज्य शिक्षा प्राधिकरणों के माध्यम से डीएसटी को ऑनलाइन जमा करने के लिए।
नए पंजीकरण के लिए, संबंधित स्कूलों को एक नई पंजीकरण प्रक्रिया करनी होगी और एक स्थायी पंजीकरण संख्या प्राप्त करनी होगी। (आवेदन संख्या) अपने संबंधित जिला प्राधिकरण से।
यदि पहले से पंजीकृत है तो कृपया नया पंजीकरण न करें, सीधे लॉगिन विकल्प के साथ आगे बढ़ें। यदि यूजर आईडी और पासवर्ड के साथ कोई समस्या है तो कृपया पासवर्ड भूलने के विकल्प का उपयोग करें।
अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां क्लिक करें या आप ईमेल इंस्पायर@nifindia.org के माध्यम से हेल्प डेस्क से संपर्क कर सकते हैं।
कृपया आगे बढ़ने के लिए नीचे दिए गए विकल्पों में से किसी एक का चयन करें लॉग इन करने के लिए यहाँ क्लिक करें। यदि पहले से पंजीकृत है, तो कृपया सिस्टम में लॉग इन करें।
नए पंजीकरण के लिए –यहां क्लिक करें। पहली बार पंजीकरण करने के लिए अनुरोध दर्ज करने के लिए।
ओटीआर को फिर से जमा करने/सेव की गई फाइल को जमा करने के लिए – यहां क्लिक करें। यदि ओटीआर के लिए अनुरोध डीए द्वारा अस्वीकार / वापस कर दिया गया है, और दोषों के सुधार के बाद अनुरोध को फिर से जमा करना चाहता है।