New vs Old Tax Regime / Old Vs New Tax Regime / Income Tax Slab Rates : सैलरीड क्लास को बजट से सबसे ज्यादा उम्मीदें इनकम टैक्स को लेकर होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि देश में इनकम टैक्स के स्ट्रक्चर को समझना। देश में अभी आम आदमी के लिए कितने टैक्स स्लैब हैं? ये कैसे काम करते हैं? आइए जानते हैं-
फिलहाल देश में इनकम टैक्स की दो प्रणाली मौजूद हैं। पहली, जिसे ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab Or Regime) के नाम से जाना जाता है। वहीं साल 2020 में सरकार ने नई टैक्स प्रणाली (New Tax Slab) शुरू की। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने में आसानी करने के लिए ये नई व्यवस्था शुरू की गई थी। देश में हालांकि नई टैक्स प्रणाली शुरू करने के साथ ही अभी पुरानी टैक्स प्रणाली को भी बरकरार रखा गया है।
New vs Old Tax Regime / Old Vs New Tax Regime / Income Tax Slab Rates
अगर आप सैलरीड प्रोफेशनल हैं तो आपकी कंपनी ने आपको अभी तक इन्वेस्टमेंट डेक्लेरेशन का फॉर्म दे भी दिया होगा. साथ ही आपको अपना इनकम टैक्स रिजीम चुनने का विकल्प भी दिया जा रहा है. आपको अभी अपने इंप्लॉयर को ये बताना है कि आप किस टैक्स रिजीम में अपना टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे. इस बार के बजट में न्यू टैक्स रिजीम में काफी बदलाव हुए हैं, जिसके बाद अब 7 लाख या इससे कुछ ऊपर की आय वाले टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को चुनना पसंद कर सकते हैं. ऐसे में आपके लिए भी जरूरी है कि टैक्स फाइलिंग के पहले आइए जानते हैं क्या है नई और पुरानी टैक्स प्रणाली-
ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab)
पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की इनकम पर किसी तरह का टैक्स देय नहीं होता है। इसके अलावा सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए के निवेश पर टैक्स से छूट मिलती है। इस हिसाब से देखा जाए तो टैक्सपेयर्स को करीब 6.5 लाख तक की सालाना इनकम पर टैक्स से छूट मिल जाती है यानी कि कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है।
ओल्ड टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स का जो रेट लगता है वो खासतौर पर इनकम और इनकम स्लैब पर निर्भर करता है। इसमें उम्र को भी आधार बनाया जाता है।
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इसके अलावा टैक्स में उम्र के हिसाब से भी कैलकुलेशन होता है। 60 साल से कम की उम्र है तो पुराने टैक्स स्लैब के तहत 2.5 लाख तक की आय पर टैक्स रेट शून्य रहेगा। वहीं 2.5 से 5 लाख तक इनकम पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा और इसमें सेक्शन 87A के अंतर्गत रिबेट भी मिलती है।
वहीं 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर ये टैक्स दर 20 फीसदी है। 7.5 से 10 लाख रुपये तक की आय पर ये टैक्स दर बढ़कर 20फीसदी हो जाती है। 10 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30फीसदी टैक्स लगता है।
इसके अलावा अगर टैक्सपेयर की उम्र 60 साल से 79 साल के बीच है, तो सीनियर सिटीजन कैटेगरी में आने पर उन्हें 3 लाख तक इनकम पर टैक्स से छूट है। अगर इनकम 3 से 5 लाख है तो जो टैक्स 5फीसदी देना होगा, 5 से 10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से ज्यादा की कमाई पर 30फीसदी टैक्स देय है।
इसके अलावा अगर उम्र 80 से अधिक है तो फिर 5 लाख तक की कमाई पर शून्य टैक्स देना होता है।
साल 2020 से शुरू हुए नई टैक्स प्रणाली में टैक्स रेट को कम रखा गया है। नई टैक्स प्रणाली पुरानी से कई मायनों में अलग है। इसमें कम दर के साथ स्लैब ज्यादा हैं। इसके अलावा पुराने टैक्स प्रणाली की तुलना में इसमें कई तरह की छूट और कटौती इसमें नहीं मिलतीं।
न्यू टैक्स रिजीम में इनकम में इजाफा होने के साथ ही, टैक्स स्लैब बढ़ता जाता है।
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नई टैक्स रिजीम में 87A के तहत दोगुना टैक्स माफ कर रही है सरकार
अगर किसी सैलरीड पर्सन की सालाना आमदनी 7.50 लाख रुपये तक है तो नई टैक्स रिजीम में तो उसे एक रुपये का भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन पुरानी कर व्यवस्था में उसे इनकम टैक्स शून्य करने के लिए 2 लाख रुपये का निवेश दिखाना होगा। आम तौर पर 7.50 लाख रुपये की सालाना सैलरी वाले व्यक्ति के लिए वर्ष में 2 लाख रुपये का निवेश कर पाना आसान नहीं होता है। ऐसे में 2 लाख रुपये से जितनी कम रकम निवेश करेंगे, उतना ज्यादा टैक्स देना होगा।
लेकिन नई टैक्स रिजीम चुनते हैं तो एक रुपये का निवेश किए बिना 7.50 लाख रुपये की सालाना इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री हो जाती है। दरअसल, इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 87ए के तहत ओल्ड टैक्स रिजीम में 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक पर बनने वाला 12,500 हजार रुपये किया जा रहा है। इसी तरह, अब नई टैक्स रिजीम में भी 3 लाख रुपये से 7 लाख रुपये पर बनने वाला 25 हजार रुपये का टैक्स सरकार माफ कर देगी।
ओल्ड टैक्स प्रणाली में सेक्शन 80 C और 80 D के तहत टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन नई व्यवस्था में इस तरह की कई छूटों को खत्म कर दिया गया है। यही वजह है कि इस नई टैक्स प्रणाली को बहुत ही कम लोगों ने अपनाया है।
1. नई टैक्स रिजीम में सालभर में 7.50 लाख रुपये तक की सैलरी पाने वाले टैक्स फ्री हो जाएंगे जबकि पुरानी टैक्स रिजीम में साल में 5.50 लाख रुपये तक की सैलरी पाने वाले ही टैक्स फ्री हो पाएंगे और किसी का वार्षिक वेतन 5.50 लाख से ज्यादा है तो उन्हें बाकी की रकम को टैक्स बचाने वाले निवेश विकल्पों में लगाना होगा।
2. पुरानी टैक्स रिजीम में निवेश करने पर टैक्स तो बच जाता है, लेकिन टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर नई टैक्स रिजीम के मुकाबले ज्यादा टैक्स भरना पड़ेगा। यानी, पुरानी टैक्स रिजीम में विभिन्न पेंशन स्कीम, इंश्योरेंस स्कीम, टैक्स सेवर म्यूचुएल फंड्स प्रीमियम, मेडिक्लेम प्रीमियम, बच्चों की स्कूल फी आदि पर टैक्स में कुछ छूट तो मिल जाती है, लेकिन टैक्स की दरें ऊंची होती हैं। वहीं, नई टैक्स रिजीम में टैक्स की दरें कम हैं।
जानकारों की मानें तो सैलरी पाने वाले लोगों को नई टैक्स प्रणाली से कोई फायदा नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसमें उन्हें HRA, LTA , स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेक्शन 80C और सेक्शन 80D के तहत मिलने वाली कर छूट नहीं मिलेगी।
वहीं नॉन-रेजिडेंट के लिए ये नई व्यवस्था फायदेमंद है। क्योंकि वे ज्यादातर छूट का दावा नहीं करते हैं। नई व्यवस्था में कंप्लायंसेज कम हैं और रिटर्न फाइल करना बेहद आसान है।
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कैसे चुनें अपने लिए सही रिजीम
आपको किस रिजीम में कम टैक्स देना पड़ेगा, ये देखने के लिए आप टैक्स कैलकुलेटर की सहायता ले सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट बनाने के बाद एक नया टैक्स कैलकुलेटर जारी किया था, ताकि टैक्सपेयर्स ये कैलकुलेट कर सकें कि उनकी आय पर किस रिजीम में कितना टैक्स बन रहा है. ये कैलकुलेटर आपको शाला सुगम वेबसाइट पर मिल जाएगा. यहाँ क्लिक करेंEstimate Income Tax 2023 24 For PEEO & All Office By Heera Lal
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श्री हीरा लाल जाट
वरिष्ट अध्यापक : राजकीय महात्मा गाँधी विद्यालय बर (पाली)
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Guidelines suspension reinstatement of Employees : लोकसेवक बहाली निलंबन को लेकर बहुत विस्तार से जारी हुए दिशानिर्देश, जानिए क्या है – खास सरकार ने अपराध की प्रकृति और अलग-अलग स्थितियों अनुसार लोकसेवकों के निलंबन और बहाली को लेकर पहली बार बहुत विस्तार से दिशानिर्देश जारी किए हैं| Guidelines suspension reinstatement of Employees
कार्मिक विभाग की ओर से जारी इन दिशानिर्देशों के तहत किसी भी लोकसेवक से जुड़े आपराधिक प्रकरण में पुलिस या संबंधित अनुसंधान एजेंसी के 2 साल तक कोर्ट में चालान पेश नहीं करने पर बहाली के लिए समिति के सामने उसके प्रकरण को रखा जा सकता है. इसी तरह अलग-अलग स्थितियों में निलंबन, बहाली या अन्य कार्रवाइयों के लिए व्यापक लाइन ऑफ एक्शन तय किया गया है।
कार्मिक विभाग, राजस्थान सरकार ने विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों/ प्रमुख सचिवों/ सचिवों को परिपत्र जारी करके लोकसेवकों के निलंबन और बहाली को लेकर अलग-अलग स्थितियों अनुसार विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।
Guidelines suspension reinstatement of Employees
A. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरणों में निलम्बन एवं निलम्बन से बहाली
1. किसी लोकसेवक को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया जाता है अथवा भ्रष्टाचार से संबंधित अन्य मामले में 48 घण्टों से अधिक समय तक पुलिस / न्यायिक अभिरक्षा में रखा जाता है तो संबंधित लोकसेवक को तत्काल निलम्बित किया जावें।
लोकसेवकों के ऐसे प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति जारी होने तथा सक्षम न्यायालय में चालान पेश होने की स्थिति में उनके प्रकरण निलम्बन से बहाली हेतु गठित पुनर्विलोकन समिति के समक्ष विचारार्थ रखे जाएंगे।
2. भ्रष्टाचार से संबंधित अन्य प्रकरणों (रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तारी से भिन्न) में, आय से अधिक सम्पत्ति अथवा धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रकरणों में यदि संबंधित लोक सेवक को पूर्व में निलम्बित नहीं किया गया है तो प्रकरण में लोकसेवक के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति जारी होने पर प्रकरण के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति एवं गंभीरता, राज्य सरकार की लोकसेवक के अनुरूप आचरण की अपेक्षा, पद की गरिमा, अभियोजन / अनुसंधान एवं साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर लोकसेवक के निलम्बन के संबंध में समुचित निर्णय लिया जावे।
यदि प्रकरण में लोकसेवक को निलम्बित किया गया है तो लोकसेवक के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में चालान पेश होने की स्थिति में लोकसेवक के प्रकरण को निलम्बन से बहाली हेतु पुनर्विलोकन समिति के समक्ष विचारार्थ रखा जावे।
Guidelines suspension reinstatement of Employees
B. पुलिस द्वारा पंजीबद्ध जघन्य (Heinous), गंभीर (Grievous) आपराधिक प्रकरणों में निलम्बन एवं निलम्बन से बहाली
1. जघन्य (Heinous) व गंभीर (Grievous ) अपराध यथा हत्या, बलात्कार, दहेज मृत्यु, मानव तस्करी, भ्रूण हत्या, मादक पदार्थों की तस्करी, सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग एवं नैतिक अधमता (Moral turpitude) इत्यादि आपराधिक प्रकरणों में यदि किसी लोक सेवक को गिरफ्तार किया जाकर 48 घण्टों से अधिक समय तक पुलिस / न्यायिक अभिरक्षा में रखा जाता है तो ऐसे लोक सेवक को तत्काल निलम्बित किया जावे। Guidelines suspension reinstatement of Employees
लोक सेवकों के ऐसे प्रकरणों में यदि सक्षम न्यायालय में चालान पेश किया जा चुका है, तो उनके प्रकरण निलम्बन से बहाली हेतु पुनर्विलोकन सामिति के समक्ष विचारार्थ रखे जाएंगे।
2. जघन्य (Heinous) व गंभीर (Grievous) अपराध यथा हत्या, बलात्कार, दहेज मृत्यु, मानव तस्करी, भ्रूण हत्या, मादक पदार्थों की तस्करी, सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग एवं नैतिक अधमता (Moral turpitude) इत्यादि आपराधिक प्रकरणों में यदि किसी लोक सेवक को गिरफ्तार नहीं किया गया है या गिरफ्तारी पर पुलिस / न्यायिक अभिरक्षा की अवधि 48 घण्टे अथवा इससे कम हो तो प्रकरण के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति एवं गंभीरता राज्य सरकार की लोकसेवक के अनुरूप आचरण की अपेक्षा, पद की गरिमा, अभियोजन / अनुसंधान एवं साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर लोकसेवक के निलम्बन के संबंध में समुचित निर्णय लिया जावे । Guidelines suspension reinstatement of Employees
यदि प्रकरण में लोकसेवक को निलम्बित किया गया है तो लोकसेवक के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में चालान पेश होने की स्थिति में लोकसेवक के प्रकरण को निलम्बन से बहाली हेतु पुनर्विलोकन समिति के समक्ष विचारार्थ रखा जावे।
C. पुलिस द्वारा पंजीबद्ध गबन, पद का दुरूपयोग कर राजकोष को हानि पहुचाने या पदीय दुरूपयोग संबंधी अन्य आपराधिक प्रकरणों में निलम्बन एवं निलम्बन से बहाली
1. गबन, पद का दुरूपयोग कर राजकोष को हानि पहुंचाने या पदीय दुरुपयोग के अन्य आपराधिक प्रकरणों में यदि किसी लोक सेवक को गिरफ्तार किया जाकर 48 घण्टों से अधिक समय तक पुलिस / न्यायिक अभिरक्षा में रखा जाता है तो ऐसे लोक सेवक को तत्काल निलम्बित किया जावे।
लोक सेवकों के ऐसे प्रकरणों में यदि सक्षम न्यायालय में चालान पेश किया जा चुका है, तो उनके प्रकरण निलम्बन से बहाली हेतु पुनर्विलोकन सामिति के समक्ष विचारार्थ रखे जाएंगे।
2. गबन, पद का दुरूपयोग कर राजकोष को हानि पहुंचाने या पदीय दुरूपयोग के अन्य आपराधिक प्रकरणों में यदि किसी लोक सेवक को गिरफ्तार नहीं किया गया है या गिरफ्तारी पर पुलिस / न्यायिक अभिरक्षा की अवधि 48 घण्टे अथवा इससे कम हो तो प्रकरण के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति एवं गंभीरता, राज्य सरकार की लोकसेवक के अनुरूप आचरण की अपेक्षा, पद की गरिमा, अभियोजन / अनुसंधान एवं साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर लोकसेवक के निलम्बन के संबंध में समुचित निर्णय लिया जावे।
यदि प्रकरण में लोकसेवक को निलम्बित किया गया है तो लोकसेवक के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में चालान पेश होने की स्थिति में लोकसेवक के प्रकरण को निलम्बन से बहाली हेतु पुनर्विलोकन समिति के समक्ष विचारार्थ रखा जावे।
Guidelines suspension reinstatement of Employees
D. पुलिस द्वारा पंजीबद्ध अन्य आपराधिक प्रकरणों में निलम्बन एवं निलम्बन से बहाली (बिन्दु संख्या B एवं C में अंकित प्रकरणों से भिन्न)
पुलिस द्वारा पंजीबद्ध अन्य आपराधिक प्रकरणों (बिन्दु संख्या B एवं C में अंकित प्रकरणों से भिन्न) में यदि किसी लोक सेवक को गिरफ्तार किया जाकर 48 घण्टों से अधिक समय तक पुलिस / न्यायिक अभिरक्षा में रखा जाता है तो ऐसे लोक सेवक को तत्काल निलम्बित किया जावे। Guidelines suspension reinstatement of Employees
पुलिस द्वारा पंजीबद्ध अन्य आपराधिक प्रकरणों (बिन्दु संख्या B एवं C में अंकित प्रकरणों से भिन्न) में यदि किसी लोक सेवक को गिरफ्तार नहीं किया गया है या गिरफ्तारी पर पुलिस / न्यायिक अभिरक्षा की अवधि 48 घण्टे अथवा इससे कम हो तो प्रकरण के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति एवं गंभीरता, राज्य सरकार की लोकसेवक के अनुरूप आचरण की अपेक्षा, पद की गरिमा, अभियोजन / अनुसंधान एवं साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना को ध्यान में रखते हुए सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर लोकसेवक के निलम्बन के संबंध में समुचित निर्णय लिया जावे। Guidelines suspension reinstatement of Employees
ऐसे प्रकरणों में निलम्बित लोकसेवकों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा किसी भी समय नियम 13 ( 5 ) के तहत प्रकरण के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति एवं गंभीरता, अभियोजन / अनुसंधान एवं साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना, प्रकरण की वर्तमान स्थिति इत्यादि के संबंध में गुणावगुण पर विचार करते हुए निलम्बन से बहाल करने के आदेश जारी किये जा सकते हैं। निलम्बन से बहाली हेतु ऐसे प्रकरणों को पुनर्विलोकन समिति के समक्ष रखे जाने की आवश्यकता नहीं है। Guidelines suspension reinstatement of Employees
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1. पुनर्विलोकन समिति प्रत्येक प्रकरण के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति एवं गंभीरता, अभियोजन / अनुसंधान एवं साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना, प्रकरण की वर्तमान स्थिति इत्यादि के संबंध में गुणावगुण पर विचार कर लोक सेवक के निलम्बन को समाप्त करने अथवा यथावत् रखने बाबत अपनी अभिशंषा करेगी। समिति की अभिशंषा पर निलम्बन से बहाली पश्चात् संबंधित विभाग लोक सेवक का पदस्थापन न्यून जनसंपर्क एवं कम महत्व के पद पर ऐसे अन्यत्र स्थान पर किया जाना सुनिश्चित करेगा जो कि उसके घटना स्थल से भिन्न एवं दूरस्थ स्थान पर हो । Guidelines suspension reinstatement of Employees
2. आपराधिक प्रकरणों में निलम्बन से संबंधित पुनर्विलोकन समिति के समक्ष रखे जाने योग्य मामलों में यदि अनुसंधान एजेंसी द्वारा 2 वर्ष की अवधि व्यतीत होने के पश्चात् भी अनुसंधान पूर्ण कर सक्षम न्यायालय में चालान अथवा सक्षम प्राधिकारिता को अभियोजन प्रस्ताव प्रेषित नहीं किया गया है तो ऐसे निलम्बित लोकसेवक के प्रकरण को भी बहाली हेतु पुनर्विलोकन समिति के समक्ष रखा जावे।।
3. पुनर्विलोकन समिति की बैठक चार माह में एक बार आवश्यक रूप से आयोजित की जावेगी।
4. आपराधिक मामलों में निलम्बित लोकसेवकों द्वारा निलम्बन आदेश के विरूद्ध मा. न्यायालय में याचिका / अपील दायर करने तथा मा. न्यायालय द्वारा सक्षम प्राधिकारी को सेवा नियमों के अनुरूप प्रकरण का परीक्षण कर सकारण आदेश जारी करने के निर्देश दिए जाने पर संबंधित प्रकरण के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति एवं गंभीरता, अभियोजन / अनुसंधान एवं साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना, प्रकरण की वर्तमान स्थिति इत्यादि के संबंध में गुणावगुण आधारित परीक्षण कर सक्षम प्राधिकारी द्वारा समुचित स्वमुखरित / सकारण आदेश (Speaking order) जारी किए जावे। ऐसे प्रकरणों को पुनर्विलोकन समिति के समक्ष नहीं रखा जावे। Guidelines suspension reinstatement of Employees
5. यदि किसी आपराधिक प्रकरण में विचारण न्यायालय द्वारा किसी लोक सेवक को दोषमुक्त कर दिया गया है तो ऐसे लोकसेवक को सामान्यतः निलम्बन से बहाल कर दिया जाना चाहिए चाहे राज्य सरकार ने ऐसे प्रकरण में मा, न्यायालय के आदेश के विरूद्ध अपील दायर कर दी हो। ऐसे मामलों में पुनर्विलोकन समिति की अभिशंषा की आवश्यकता नहीं होगी। Guidelines suspension reinstatement of Employees
6. आपराधिक प्रकरणों में लोकसेवक के विरूद्ध सक्षम प्राधिकारी द्वारा यदि अभियोजन मनाही का निर्णय लिया गया है तो ऐसे प्रकरणों में निलम्बन समाप्त कर बहाली आदेश जारी किये जायेंगे। Guidelines suspension reinstatement of Employees
7. लोक सेवक को 48 घण्टों से अधिक समय तक पुलिस / न्यायिक अभिरक्षा में रखे जाने पर निलम्बन का आदेश नियम 13(2) के तहत् जारी किया जावे तथा शेष अन्य मामलों में निलम्बन का आदेश नियम 13 (1) के तहत् जारी किया जावे। Guidelines suspension reinstatement of Employees CLICK HERE
यहाँ हम राजस्थान सरकार के कार्मिको के लिए जारी दिशा निर्देश का एक सार प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं कि –
इन दिशानिर्देशों में यह है खास:-
– अब बहाली के लिए जो प्रकरण समिति के सामने जो प्रकरण रखे जाते हैं उनमें अनुसंधान एजेंसी ने 2 साल में भी कोर्ट में चालान पेश नहीं किया तो बहाली संभव है.
– इसके लिए चालान पेश नहीं होने पर 2 साल बाद प्रकरण पुनर्विलोकन समिति के सामने रखा जा सकता है.
– समिति हर प्रकरणों के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति, गंभीरता के पहलू देखेगी.
– साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना,प्रकरण की मौजूदा स्थिति देखेगी.
– इनके बारे में गुणावगुण पर विचार करके करेगी निलंबन समाप्त करने या यथावत रखने संबंधी करेगी सिफारिश.
– बहाली बाद ऐसे जनसेवक को कम जनसंपर्क वाले पदों पर रखने.कम महत्व के पद पर ऐसी जगह पोस्टिंग करने के हैं निर्देश जो घटनास्थल से भिन्न और दूरस्थ स्थान पर हो.
– रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने वाले प्रकरण.
– रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने व 48 घंटे तक कस्टडी में रहे तो संबंधित लोकसेवक को तुरंत निलंबित करने के निर्देश.
– ऐसे प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति होने,कोर्ट में चालान पेश हो तो निलंबन से बहाली हेतु पुनर्विलोकन समिति के सामने रखे जाएंगे प्रकरण.
– ऐसे लोकसेवक को पूर्व में निलंबित नहीं किया गया हो तो प्रकरण में लोकसेवक की जब अभियोजन स्वीकृति जारी होगी तब सक्षम अधिकारी परीक्षण करके निलंबन संबंधी लेंगे निर्णय.
– प्रकरण के तथ्यों, आरोपों की प्रवृत्ति, गंभीरता अनुरूप निर्णय के निर्देश.
– साथ ही लोकसेवक अनुरूप आचरण की अपेक्षा, पद की गरिमा और साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना का ध्यान रखकर निर्णय के निर्देश.
– प्रकरण में निलंबित करने पर कोर्ट में चालान पेश होने पर रखा जाएगा प्रकरण
– पुनर्विलोकन समिति के सामने निलंबन से बहाली के लिए रखा जाएगा.
दूसरी स्थिति:-
हत्या, बलात्कार, दहेज मृत्यु, मानव तस्करी, भ्रूण हत्या के प्रकरण हों, मादक पदार्थों की तस्करी, सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग हो. ऐसे प्रकरणों में लोकसेवक को गिरफ्तारी के बाद पुलिस या न्यायिक अभिरक्षा में यदि 48 घंटे तक रखा जाए तो ऐसे लोकसेवक को तुरंत निलंबित करने के निर्देश.
– इन प्रकरणों में कोर्ट में चालान पेश हो तो करेगी समिति विचार.
– तब निलंबन से बहाली हेतु पुनर्विलोकन समिति के सामने रखे जाएंगे प्रकरण.
– राजकोष को हानि पहुंचाने, पद दुरूपयोग के अन्य प्रकरण, अन्य पुलिस द्वारा रजिस्टर्ड आपराधिक प्रकरण जैसी श्रेणियों अनुसार निर्देश.
तीसरी स्थिति:-
हत्या, बलात्कार, दहेज मृत्यु, मानव तस्करी,भ्रूण हत्या मादक पदार्थों की तस्करी, सार्व.परीक्षा में अनुचित साधन उपयोग हो तो ऐसे आपराधिक प्रकरण में यदि लोकसेवक गिरफ्तार नहीं हुआ हो या गिरफ्तारी पर पुलिस/न्यायिक कस्टडी अवधि 48 घंटे या इससे कम है तो प्रकरण के तथ्यों,आरोप प्रकृति व गंभीरता अनुसार, लोकसेवक के अनुरूप आचरण या साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना के आधार पर होगा निर्णय.
– इन आधारों पर निलंबन को लेकर परीक्षण बाद होगा निर्णय
– निलंबन पर कोर्ट में चालान पेश हुआ तो बहाली के लिए हो सकेगा विचार
– इसके लिए पुनर्विलोकन समिति के सामने रखे जाएंगे प्रकरण
चौथी स्थिति:-
गबन,पद के दुरूपयोग,राजकोष को हानि पहुंचाने के हों प्रकरण या पदीय दुरूपयोग के हों अन्य आपराधिक प्रकरण और लोकसेवक को गिरफ्तारी के बाद 48 घंटों तक रखा कस्टडी में तो ऐसा लोकसेवक होगा तुरंत निलंबित.
– ऐसे प्रकरणों में कोर्ट ने यदि चालान पेश किया तो बहाली पर होगा विचार.
– ऐसे प्रकरण पुनर्विलोकन समिति के सामने रखे जाएंगे बहाली के लिए.
– ऐसे प्रकरणों में गिरफ्तारी नहीं हो या 48 घंटे या उससे कम की हो कस्टडी तो विभिन्न मापदंड ध्यान में रखकर लिया जाएगा निलंबन का निर्णय.
– ऐसे प्रकरण में निलंबन होने पर कोर्ट में चालान पेश हो तो बहाली के लिए पुनर्विलोकन समिति के सामने रखा जाएगा विचार के लिए.
पांचवीं स्थिति:-
जघन्य, गंभीर, गबन आदि के प्रकरणों के अलावा हो आपराधिक प्रकरण तो भी लोकसेवक को गिरफ्तारी के बाद 48 घंटों की कस्टडी में लिया जाए.
– तो भी ऐसे लोकसेवक को तुरंत निलंबित किया जाए.
– यदि गिरफ्तार नहीं किया या कस्टडी 48 घंटे या इससे कम है तो अलग-अलग मापदंडों के आधार पर होगा निलंबन का निर्णय
– बहाली के लिए समिति के सामने नहीं रखे जाएंगे ऐसे प्रकरण और समिति में विचार के बाद हो सकती बहाली.
छठी स्थिति:-
अब बहाली के लिए जो प्रकरण समिति के सामने रखे जानेवाले हैं जो प्रकरण उनमें अनुसंधान एजेंसी ने 2 साल में भी कोर्ट में चालान नहीं किया पेश तो बहाली के लिए प्रकरण रखा जा सकता पुनर्विलोकन समिति के सामने.
– समिति हर प्रकरणों के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति, गंभीरता के पहलू देखेगी
– साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना,प्रकरण की मौजूदा स्थिति देखेगी
– इनके बारे में गुणावगुण पर विचार करके करेगी निलंबन समाप्त करने या यथावत रखने संबंधी करेगी सिफारिश.
– बहाली बाद ऐसे जनसेवक को कम जनसंपर्क वाले पदों पर रखा जाएगा.
– कम महत्व के पद पर ऐसी जगह होगी उसकी पोस्टिंग
– जो घटनास्थल से भिन्न और दूरस्थ स्थान पर हो, यह करना होगा सुनिश्चित.
अन्य निर्देश:-
– बहाली के लिए पुनर्विलोकन समिति की बैठक 4 माह में हो 1 बार
– निलंबन आदेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका/ अपील दायर की हो या कोर्ट अधिकारी को प्रकरण का परीक्षण कर सकारण आदेश जारी करे तो अलग-अलग मापदंडों के आधार पर सक्षम अधिकारी करेगा परीक्षण.
– संबंधित प्रकरणों के तथ्यों, आरोपों की प्रकृति, गंभीरता का रखें ध्यान.
– साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना, मौजूदा स्थिति पर हो विचार.
– फिर अधिकारी कारण सहित जारी करे स्पीकिंग ऑर्डर.
– ऐसे प्रकरण नहीं रखे जाएं पुनर्विलोकन समिति के सामने आपराधिक प्रकरण में कोर्ट लोकसेवक को दोषमुक्त कर दे तो ऐसे लोकसेवक को निलंबन से किया जाए बहाल
– भले ही कोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने की हो अपील तब पुनर्विलोकन समिति की नहीं ली जाए अभिशंसा
– यदि सक्षम अधिकारी अभियोजन के लिए करता है मनाही तो ऐसे प्रकरणों में निलंबन समाप्त कर बहाली की जाए
दरअसल, कई बार अलग-अलग मामलों में विभागों की ओर से लाइन ऑफ एक्शन के लिए राय ली जाती है, इसलिए ये दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
यहाँ अब हम भारत सरकार के कार्मिक विभाग से जारी निर्देशों का उल्लेख कर रहे हैं जिसके तहत कार्मिक, लोक शिकायत एवं कार्मिक मंत्रालय पेंशन, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने अपने जो निर्देश जारी किये हैं जो कि केन्द्रीय कर्मचारियों पर लागू होते हैं
No.DOPT-1667564457999
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत एवं कार्मिक मंत्रालय पेंशन
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग
(दिनांक 04 नवम्बर, 2022 )
निलंबन
निलंबन से संबंधित प्रावधान कई नियमों में फैले हुए हैं जैसे केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965, मौलिक नियम आदि। इसके अलावा, कई निलंबन के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाले संचार के विभिन्न तरीकों जैसे ओएम आदि के रूप में कार्यकारी निर्देश समय-समय पर जारी किए गए हैं। अब, इन प्रावधानों के उचित कार्यान्वयन में मंत्रालयों/विभागों और अन्य हितधारकों को सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से, इन प्रावधानों को समेकित करने और आवश्यकता पड़ने पर आसान पहुंच के लिए इन्हें सार्वजनिक डोमेन में रखने की आवश्यकता महसूस की गई है। तदनुसार, उक्त नियम/कार्यकारी निर्देश निम्नानुसार संकलित किए गए हैं: Guidelines suspension reinstatement of Employees
(A) निलंबन–
निलंबन, हालांकि जुर्माना नहीं है, लेकिन इसका सहारा संयमपूर्वक लिया जाना चाहिए। जब भी किसी सरकारी कर्मचारी को निलंबित किया जाता है तो सरकार न केवल उसकी सेवाएं खो देती है बल्कि उसे बिना काम करने के लिए भुगतान भी करती है। इसके साथ एक कलंक भी जुड़ा होता है। इसलिए, किसी सरकारी कर्मचारी को निलंबित करने का निर्णय सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए और प्रत्येक मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार करना होगा। [ओएम संख्या 11012/17/2013-स्था.(ए) दिनांक 02.01.2014 का पैरा 3]
(B) परिस्थितियाँ जिसके तहत एक सरकारी कर्मचारी को निलंबन के तहत रखा जा सकता है
(a) जहां, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है या लंबित है; या Guidelines suspension reinstatement of Employees
(b) जहां, सक्षम प्राधिकारी की राय में, उसने खुद को राज्य की सुरक्षा के हित के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल कर लिया है;
या
(c) जहां, किसी आपराधिक अपराध के संबंध में उसके खिलाफ मामला जांच, पूछताछ या परीक्षण के अधीन है। [सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 का नियम 10(1)] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(C) परिस्थितियाँ जिनके तहत एक सरकारी कर्मचारी को निलंबन के तहत रखा गया माना जाएगा [निलंबन माना जाता है]
(a) यदि सरकारी कर्मचारी को 48 घंटे से अधिक की अवधि के लिए हिरासत में रखा जाता है, चाहे वह आपराधिक आरोप पर हो या अन्यथा;
(b) यदि, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने की स्थिति में, सरकारी कर्मचारी को 48 घंटे से अधिक कारावास की सजा सुनाई जाती है और उसे तुरंत बर्खास्त या हटाया नहीं जाता है या अनिवार्य रूप से नहीं हटाया जाता है ऐसी सजा के परिणामस्वरूप सेवानिवृत्त हो गए।
स्पष्टीकरण – उपरोक्त खंड (बी) में निर्दिष्ट 48 घंटे की अवधि की गणना दोषसिद्धि के बाद कारावास की शुरुआत से की जाएगी और इस प्रयोजन के लिए, कारावास की रुक-रुक कर अवधि, यदि कोई हो, को ध्यान में रखा जाएगा। [सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 का नियम 10(2)] Guidelines suspension reinstatement of Employees
किसी भी कारण से गिरफ्तार किए गए सरकारी कर्मचारी का यह कर्तव्य होगा कि वह अपनी गिरफ्तारी के तथ्य और उससे जुड़ी परिस्थितियों की जानकारी तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारी को दे, भले ही बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया हो। संबंधित व्यक्ति या किसी अन्य स्रोत से सूचना प्राप्त होने पर विभागीय अधिकारियों को यह निर्णय लेना चाहिए कि क्या व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार तथ्य और परिस्थितियां उसके निलंबन की मांग करती हैं। किसी भी सरकारी कर्मचारी की ओर से अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करने में विफलता को महत्वपूर्ण जानकारी का दमन माना जाएगा और उसे केवल इस आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा, उस कार्रवाई के अलावा जो परिणाम के आधार पर अपेक्षित हो सकती है। उसके खिलाफ पुलिस केस. [ओएम संख्या 39/59/54-स्था.(ए) दिनांक 25.02.1955]
(c) जहां निलंबन के तहत सरकारी कर्मचारी पर लगाए गए सेवा से बर्खास्तगी, निष्कासन या अनिवार्य सेवानिवृत्ति का जुर्माना अपील में या समीक्षा पर अलग रखा जाता है और मामले को माफ कर दिया जाता है आगे की जांच या कार्रवाई या किसी अन्य निर्देश के साथ, उनके निलंबन का आदेश बर्खास्तगी, निष्कासन या अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मूल आदेश की तारीख से लागू माना जाएगा और अगले आदेश तक लागू रहेगा। [CCS (CCA) नियम, 1965 का नियम 10(3)]
(d) जहां किसी सरकारी कर्मचारी पर लगाए गए सेवा से बर्खास्तगी, निष्कासन या अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड किसी निर्णय के परिणामस्वरूप रद्द या घोषित या शून्य कर दिया जाता है। कानून की अदालत और अनुशासनात्मक प्राधिकारी, मामले की परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, उन आरोपों पर उसके खिलाफ आगे की जांच करने का निर्णय लेते हैं, जिन पर मूल रूप से बर्खास्तगी, निष्कासन या अनिवार्य सेवानिवृत्ति का जुर्माना लगाया गया था, सरकारी कर्मचारी होगा बर्खास्तगी, निष्कासन या अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मूल आदेश की तारीख से नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा निलंबन के तहत रखा गया माना जाएगा और अगले आदेश तक निलंबन के तहत रहना जारी रहेगा। Guidelines suspension reinstatement of Employees
बशर्ते कि ऐसी किसी भी आगे की जांच का आदेश तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि इसका उद्देश्य ऐसी स्थिति को पूरा करना न हो जहां न्यायालय ने मामले की योग्यता पर विचार किए बिना पूरी तरह से तकनीकी आधार पर आदेश पारित कर दिया हो। [CCS (CCA) नियम, 1965 का नियम 10(4)] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(e) सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के नियम 10(4) में विचारित आगे की जांच का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए, सिवाय उस मामले के जब बर्खास्तगी, निष्कासन का दंड हो या अनिवार्य सेवानिवृत्ति को तकनीकी आधार पर किसी न्यायालय द्वारा मामले के गुण-दोष पर विचार किए बिना या जब नई सामग्री सामने आई हो जो न्यायालय के समक्ष नहीं थी, रद्द कर दी गई हो। हालाँकि, उन आरोपों की आगे की जाँच, जिनकी जाँच न्यायालय द्वारा नहीं की गई है, नियम 10(4) के तहत विभागीय अधिकारियों द्वारा आदेश दिया जा सकता है ibid निर्भर करता है प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर। [ओएम संख्या 11012/24/77-स्था.(ए) दिनांक 18.03.1978] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(f) एक प्रश्न कि क्या सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के नियम 10 (2) के तहत आने वाले मामले में निलंबन के आदेश की अवधि के लिए सीमित कार्रवाई है हिरासत और इससे परे नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन ऑफ इंडिया बनाम राजीव कुमार (2003 (5) स्केल 297) के मामले में विचार किया था। इस मामले में भारत संघ की अपील को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि नियम 10 (2) के संदर्भ में आदेश नहीं है। अवधि या प्रभावकारिता का बिंदु केवल हिरासत की वास्तविक अवधि तक। यह सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के नियम 10 के उप-नियम 5 (ए) में दिए गए उप-नियम 5 (सी) के तहत संशोधित या निरस्त होने तक क्रियाशील रहेगा। [ओएम संख्या 11012/8/2003-स्था.(ए) दिनांक 23.10.2003] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(D) ऐसी परिस्थितियाँ जिनके तहत सक्षम प्राधिकारी किसी सरकारी कर्मचारी को निलंबित [मार्गदर्शन के लिए रखने पर विचार कर सकता है और इसे नहीं लिया जाना चाहिए अनिवार्य].
(i) ऐसे मामले जहां सरकारी कर्मचारी के पद पर बने रहने से जांच, मुकदमे या किसी पूछताछ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा (उदाहरण के लिए गवाहों या दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की आशंका);
(ii) जहां सरकारी कर्मचारी के पद पर बने रहने से उस कार्यालय में अनुशासन गंभीर रूप से नष्ट होने की संभावना है जिसमें लोक सेवक काम कर रहा है;
(iii) जहां सरकारी कर्मचारी का पद पर बने रहना व्यापक सार्वजनिक हित के विरुद्ध होगा [(i) और (ii) द्वारा कवर किए गए लोगों को छोड़कर] जैसे कि वहां सार्वजनिक घोटाला है और ऐसे घोटालों, विशेषकर भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों से सख्ती से निपटने की सरकार की नीति को प्रदर्शित करने के लिए सरकारी कर्मचारी को निलंबित करना आवश्यक है; Guidelines suspension reinstatement of Employees
(iv) जहां सरकारी कर्मचारी के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं और प्रारंभिक जांच से पता चला है कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है जो उसके अभियोजन को उचित ठहराएगा या उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है विभागीय कार्यवाही, और जहां कार्यवाही उसकी दोषसिद्धि और/या बर्खास्तगी, निष्कासन या सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति में समाप्त होने की संभावना है। Guidelines suspension reinstatement of Employees
ध्यान दें: पहले तीन परिस्थितियों में अनुशासनात्मक प्राधिकारी अपने विवेक का प्रयोग करके किसी सरकारी कर्मचारी को निलंबित कर सकता है, भले ही मामले की जांच चल रही हो और प्रथम दृष्टया मामला स्थापित होने से पहले भी।
(v) नीचे बताई गई परिस्थितियों में निलंबन वांछनीय हो सकता है:-
a) कोई भी अपराध या आचरण जिसमें नैतिक अधमता शामिल हो;
b) भ्रष्टाचार, सरकारी धन का गबन या दुरुपयोग, आय से अधिक संपत्ति का कब्ज़ा, व्यक्तिगत लाभ के लिए आधिकारिक शक्तियों का दुरुपयोग;
c) कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही और लापरवाही के परिणामस्वरूप सरकार को काफी नुकसान हुआ;
d) कर्तव्य से विमुख होना;
e) वरिष्ठ अधिकारियों के लिखित आदेशों को पूरा करने से इनकार करना या जानबूझकर विफलता। Guidelines suspension reinstatement of Employees
(E) दहेज मृत्यु के मामलों में शामिल सरकारी सेवकों का निलंबन.
यदि पुलिस ने किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-बी [दहेज हत्या] के तहत मामला दर्ज किया है, तो वह सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के नियम 10 के उप-नियम (1) के प्रावधानों को लागू करके सक्षम प्राधिकारी द्वारा निम्नलिखित परिस्थितियों में निलंबन के तहत रखा जाएगा-
(i) यदि सरकारी कर्मचारी को पुलिस मामला दर्ज करने के संबंध में गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे हिरासत की अवधि की परवाह किए बिना तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा। Guidelines suspension reinstatement of Employees
(ii) यदि उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो उसे आपराधिक संहिता की धारा 173 की उप-धारा (2) के तहत पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा। प्रक्रिया, 1973, मजिस्ट्रेट के पास, यदि रिपोर्ट प्रथम दृष्टया इंगित करती है कि अपराध सरकारी कर्मचारी द्वारा किया गया है। [ओएम संख्या 11012/8/87-स्था.(ए) दिनांक 22.06.1987]
(F) सक्षम प्राधिकारी
Ø निलंबन के तहत सरकारी कर्मचारी को रखने के लिए प्राधिकारी सक्षम
(i) नियुक्ति प्राधिकारी, या
(ii) कोई भी प्राधिकारी जिसके अधीन नियुक्ति प्राधिकारी है, या
(iii) अनुशासनात्मक प्राधिकारी, या
(iv) सामान्य या विशेष आदेश द्वारा राष्ट्रपति द्वारा इस संबंध में सशक्त कोई अन्य प्राधिकारी।
बशर्ते कि, भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा के एक सदस्य के संबंध में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा किए गए निलंबन के आदेश के मामले को छोड़कर और एक सहायक महालेखाकार या समकक्ष (भारतीय के नियमित सदस्य के अलावा) के संबंध में लेखापरीक्षा और लेखा सेवा), जहां निलंबन का आदेश नियुक्ति प्राधिकारी से निचले प्राधिकारी द्वारा किया जाता है, ऐसा प्राधिकारी तुरंत नियुक्ति प्राधिकारी को उन परिस्थितियों की रिपोर्ट करेगा जिनमें आदेश दिया गया था। [CCS (CCA) नियम, 1965 का नियम 10(1)]
Ø मुख्यालय के बाहर स्थित क्षेत्रीय कार्यालयों में पर्यवेक्षी अधिकारियों को, जहां भी आवश्यक हो, विशेष आदेश जारी करके, नीचे उल्लिखित शर्तों के अधीन, अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निलंबित करने का अधिकार दिया जा सकता है। सीसीएस (सीसीए) नियम, 1965 के नियम 10 के अनुसरण में राष्ट्रपति के नाम पर आदेश: Guidelines suspension reinstatement of Employees
मुख्यालय से दूर स्थित कार्यालयों में केवल पर्यवेक्षी अधिकारियों को कर्तव्यों के घोर लापरवाही के मामले में अधीनस्थ अधिकारी को निलंबित करने के लिए विशेष रूप से सशक्त होने की आवश्यकता है। इस शक्ति के दुरुपयोग को रोकने के लिए निलंबित प्राधिकारी को प्रत्येक मामले के तथ्यों को तुरंत अगले उच्च प्राधिकारी को रिपोर्ट करने की आवश्यकता होनी चाहिए, और निलंबन के ऐसे सभी आदेश तब तक शून्य हो जाने चाहिए जब तक कि एक अवधि के भीतर समीक्षा प्राधिकारी द्वारा इसकी पुष्टि न कर दी जाए। आदेश की तारीख से महीना. [ओएम संख्या 7/4/74-स्था.(ए) दिनांक 9.08.1974] Guidelines suspension reinstatement of Employees
मानित निलंबन के संबंध में आदेश जारी करने के लिए प्राधिकारी सक्षम-
(i) निलंबन का आदेश किया गया या किया हुआ समझा गया, उस प्राधिकारी द्वारा किसी भी समय संशोधित या रद्द किया जा सकता है जिसने आदेश दिया या ऐसा माना जाता है कि उसने आदेश दिया है या किसी भी प्राधिकारी द्वारा जिसके वह प्राधिकारी अधीनस्थ है। [CCS(CCA) नियम, 1965 के नियम 10(5) (सी)]
(ii) निलंबन का आदेश किया गया या किया गया माना गया, उसकी प्रभावी तिथि से 90 दिन की समाप्ति से पहले, निलंबन को संशोधित करने या रद्द करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा समीक्षा की जाएगी। निलंबन की तारीख, इस उद्देश्य के लिए गठित समीक्षा समिति की सिफारिश पर और निलंबन को बढ़ाने या रद्द करने के आदेश पारित करें। निलंबन की विस्तारित अवधि की समाप्ति से पहले बाद की समीक्षा की जाएगी।निलंबन की विस्तारित अवधि की समाप्ति से पहले बाद की समीक्षा की जाएगी। निलंबन का विस्तार एक बार में 180 दिनों से अधिक की अवधि के लिए नहीं होगा। Guidelines suspension reinstatement of Employees
(iii) निलंबन का आदेश 90 दिनों की अवधि के बाद वैध नहीं होगा, जब तक कि इसे समीक्षा के बाद आगे की अवधि के लिए नहीं बढ़ाया जाता है। 90 दिनों की समाप्ति. Guidelines suspension reinstatement of Employees
बशर्ते कि निलंबित किए जाने के मामले में निलंबन की ऐसी कोई समीक्षा आवश्यक नहीं होगी, यदि सरकारी सेवक हिरासत में रहता है और ऐसे मामले में नब्बे दिन की अवधि की गणना हिरासत में हिरासत में लिए गए सरकारी सेवक की रिहाई की तारीख से की जाएगी। निरोध या वह तारीख जिस पर निरोध से उसकी रिहाई का तथ्य उसके नियुक्ति प्राधिकारी को सूचित किया जाता है, जो भी बाद में हो:
बशर्ते कि ऐसे मामले में जहां इन नियमों के तहत कोई आरोप पत्र जारी नहीं किया गया है, उप-नियम (6) के संदर्भ में किसी भी विस्तारित अवधि सहित, जैसा भी मामला हो, निलंबन या समझा गया निलंबन के तहत कुल अवधि, – से अधिक नहीं होगी।
निलंबन आदेश की तारीख से दो सौ सत्तर दिन बाद, यदि सरकारी कर्मचारी को उप-नियम (1) के खंड (ए) के अनुसार निलंबित कर दिया जाता है ); या
निलंबन के आदेश की तारीख से दो वर्ष, यदि सरकारी कर्मचारी को उप-खंड (एए) या खंड (बी) के संदर्भ में निलंबित कर दिया गया है। नियम (1) जैसा भी मामला हो; या
(iv) लंबी निलंबन अवधि के मामलों में, अदालतों ने बताया है कि निलंबन को लंबे समय तक जारी नहीं रखा जा सकता है और डीओपी एंड टी के निर्देशों के बावजूद, अनुशासनात्मक अधिकारी निर्धारित समय के भीतर अनुशासनात्मक कार्यवाही को अंतिम रूप नहीं दे रहे हैं। साथ ही, ऐसे मामलों में सरकार अनावश्यक रूप से बिना किसी कार्य के जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान कर रही है |
और यदि अनुशासनात्मक कार्यवाही की समाप्ति पर, आरोपित अधिकारी आरोप से मुक्त हो जाता है, तो सरकार को अनावश्यक रूप से पूरा वेतन देना होगा और अवधि का इलाज करना होगा। ड्यूटी आदि के दौरान निलंबन। इसलिए, यह वांछनीय है कि निलंबन की समय पर समीक्षा उचित और उचित तरीके से की जाए और अनुशासनात्मक कार्यवाही को शीघ्रता से अंतिम रूप दिया जाए। [ओएम संख्या 11012/17/2013-Estt.A-III दिनांक 18.11.2014] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(I) समीक्षा समिति
(i) इस नियम के तहत किए गए या किए गए माने गए निलंबन आदेश की समीक्षा इस उद्देश्य के लिए गठित समीक्षा समिति की सिफारिश पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जाएगी।. Guidelines suspension reinstatement of Employees
(ii) समीक्षा समिति की संरचना:
अनुशासनात्मक प्राधिकारी, अपीलीय प्राधिकारी और उसी कार्यालय से या किसी अन्य केंद्र सरकार कार्यालय से अनुशासनात्मक/अपीलीय प्राधिकारी के स्तर का एक अन्य अधिकारी (यदि कोई अन्य अधिकारी हो) समान कार्यालय में समान स्तर उपलब्ध नहीं है), ऐसे मामले में जहां राष्ट्रपति अनुशासनात्मक प्राधिकारी या अपीलीय प्राधिकारी नहीं है।
अनुशासनात्मक प्राधिकारी और सचिव/अपर स्तर के दो अधिकारी। सचिव/संयुक्त सचिव जो उसी कार्यालय से या किसी अन्य केंद्र सरकार कार्यालय से अनुशासनात्मक प्राधिकारी के समकक्ष या उच्चतर पद पर हैं (यदि समान स्तर का कोई अन्य अधिकारी उसी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है), ऐसे मामले में जहां अपीलीय प्राधिकारी है राष्ट्रपति.
सचिव/अपर स्तर के तीन अधिकारी। सचिव/संयुक्त सचिव जो उसी विभाग/कार्यालय या किसी अन्य केंद्र सरकार विभाग/कार्यालय से निलंबित अधिकारी से उच्च पद पर हों (यदि समान स्तर का कोई अन्य अधिकारी उसी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है), ऐसे मामले में जहां अनुशासनात्मक प्राधिकारी राष्ट्रपति है.
संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग/कार्यालय ऊपर बताए अनुसार स्थायी आधार पर या तदर्थ आधार पर समीक्षा समितियों का गठन कर सकता है।
(iii) समीक्षा समिति मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यह भी ध्यान में रखते हुए निलंबन को रद्द करने/जारी रखने के संबंध में विचार कर सकती है अनुचित रूप से लंबे समय तक निलंबन, संबंधित कर्मचारी को अनुचित कठिनाई में डालते हुए, कर्मचारी को सरकार के लिए कोई उपयोगी सेवा किए बिना निर्वाह भत्ते का भुगतान करना शामिल है।
पूर्वगामी पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, यदि अधिकारी अदालत में कोई आरोप दायर किए बिना एक वर्ष के लिए निलंबित है या विभागीय जांच में कोई चार्ज-मेमो जारी नहीं किया गया है, तो उसे बिना किसी पूर्वाग्रह के सेवा में बहाल कर दिया जाएगा। उसके खिलाफ मामला। हालाँकि, यदि अधिकारी पुलिस/न्यायिक हिरासत में है या किसी गंभीर अपराध या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले का आरोपी है, तो समीक्षा समिति उसके निलंबन को जारी रखने की सिफारिश कर सकती है। संबंधित अधिकारी. [ओएम संख्या 11012/4/2003-स्था.(ए) दिनांक 07.01.2004] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(J) निलंबन अवधि के दौरान भुगतान और भत्ते
v जीवन निर्वाह भत्ता
निलंबित सरकारी कर्मचारी को कोई वेतन नहीं दिया जाता है, लेकिन उसे छुट्टी वेतन के बराबर राशि का निर्वाह भत्ता दिया जाता है, जिसे सरकारी कर्मचारी तब लेता जब वह आधे औसत वेतन या आधे वेतन पर छुट्टी पर होता और इसके अलावा महंगाई भत्ता भी लेता। यदि ऐसे अवकाश वेतन के आधार पर स्वीकार्य हो।
जहां निलंबन की अवधि 3 महीने से अधिक हो जाती है, वह प्राधिकारी जिसने निलंबन का आदेश दिया है या माना जाता है कि वह पहले तीन महीनों की अवधि के बाद किसी भी अवधि के लिए निर्वाह भत्ते की राशि को निम्नानुसार भिन्न करने में सक्षम होगा:
निर्वाह भत्ते की राशि उपयुक्त राशि से बढ़ाई जा सकती है, जो पहले 3 महीनों की अवधि के दौरान स्वीकार्य निर्वाह भत्ते के 50% से अधिक नहीं हो, यदि उक्त प्राधिकारी की राय, निलंबन की अवधि लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों से बढ़ा दी गई है, जो सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारी के लिए जिम्मेदार नहीं है;
निर्वाह भत्ते की राशि, एक उपयुक्त राशि से कम की जा सकती है, जो पहले 3 महीनों की अवधि के दौरान स्वीकार्य निर्वाह भत्ते के 50% से अधिक नहीं होगी, यदि, उक्त प्राधिकारी की राय में, निलंबन की अवधि लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों से बढ़ाई गई है, जो सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारी के लिए जिम्मेदार है; Guidelines suspension reinstatement of Employees
महंगाई भत्ते की दर उप-खंड (i) के तहत स्वीकार्य निर्वाह भत्ते की बढ़ी हुई या, जैसा भी मामला हो, घटी हुई राशि पर आधारित होगी। और (ii) ऊपर. [FR 53 (1)(ii)(a)]
कोई अन्य प्रतिपूरक भत्ता
निलंबित सरकारी कर्मचारी भी इसका हकदार है:
समय-समय पर स्वीकार्य कोई भी अन्य प्रतिपूरक भत्ता, उस वेतन के आधार पर, जो सरकारी कर्मचारी निलंबन की तिथि पर प्राप्त कर रहा था, बशर्ते कि ऐसे भत्तों के आहरण के लिए निर्धारित अन्य शर्तें पूरी की जाती हों। [FR 53 (1)(ii)(b)]
कोई भुगतान तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि सरकारी कर्मचारी यह प्रमाण पत्र नहीं दे देता कि वह किसी अन्य रोजगार, व्यवसाय, पेशे या व्यवसाय में संलग्न नहीं है। [एफआर 53(2)] Guidelines suspension reinstatement of Employees
v निर्वाह भत्ते से वसूली-
अनिवार्य कटौतियाँ लागू की जाएँ
निलंबित अधिकारी की इच्छानुसार कटौतियाँ
कटौती नहीं की जाएगी
(i) आय कर(ii) घर का किराया (लाइसेंस शुल्क) और संबद्ध शुल्क(iii) सरकार से लिए गए ऋणों और अग्रिमों का पुनर्भुगतान – वसूली की दर विभाग प्रमुख द्वारा निर्धारित की जाएगी(iv) सीजीएचएस योगदान(v) CGEGIS सदस्यता
(i) पीएलआई प्रीमियम(ii) सहकारी दुकानों/सोसाइटियों को देय राशि(iii) जीपीएफ अग्रिम का रिफंड
(i) GPF सदस्यता(ii) अदालत की कुर्की के कारण देय राशि(iii) सरकार को हुए नुकसान की वसूली
निलंबित अधिकारी पर अन्य लोगों के साथ डीपीसी द्वारा विचार किया जाएगा। हालांकि, निलंबित अधिकारियों के संबंध में सिफारिशें एक सीलबंद कवर में रखी जाएंगी।< a i=2>अनुशासनात्मक/आपराधिक कार्यवाही के परिणाम के आधार पर सीलबंद लिफाफे को खोला/नहीं खोला जाएगा (अर्थात सीलबंद लिफाफे में निहित अनुशंसा पर कार्रवाई नहीं की जाएगी)।
यदि रिपोर्टिंग/समीक्षा अधिकारी उस समय निलंबित है जब गोपनीय रिपोर्ट लिखी/समीक्षा की जानी है, तो उसे निलंबित किए जाने की तारीख से दो महीने के भीतर या एक महीने के भीतर संबंधित अधिकारी द्वारा इसे लिखा/समीक्षा करवाई जा सकती है। उस तारीख से जिस दिन रिपोर्ट देय थी, जो भी बाद में हो। निलंबित अधिकारी को ऊपर निर्दिष्ट समय सीमा के बाद गोपनीय रिपोर्ट लिखने/समीक्षा करने के लिए नहीं कहा जाएगा। [ओएम संख्या 21011/2/78-स्था.(ए) दिनांक 01.08.1978]
निलंबित किसी भी अधिकारी को अपने अधीनस्थों की एसीआर लिखने/समीक्षा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, यदि लेखन/समीक्षा के प्रमुख भाग के दौरान वह निलंबित है क्योंकि उसके पास अपने अधीनस्थों के काम की निगरानी करने का पूरा अवसर नहीं हो सकता है। [ओएम संख्या 21011/8/2000-स्था.(ए) दिनांक 25.10.2000] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(M) निलंबन के दौरान LTC
निलंबन के तहत एक सरकारी कर्मचारी एलटीसी का लाभ नहीं उठा सकता क्योंकि उसे निलंबन की अवधि के दौरान आकस्मिक अवकाश सहित कोई छुट्टी नहीं मिल सकती है। चूंकि वह निलंबन की अवधि के दौरान सेवा में बना रहता है , उनके परिवार के सदस्य एलटीसी के हकदार हैं। [ओएम संख्या ओएम संख्या 11012/17/2013-स्था.(ए) दिनांक 02.01.2014 का पैरा 12]
(N) निलंबन के दौरान छुट्टी
निलंबित सरकारी कर्मचारी को छुट्टी नहीं दी जा सकती। [FR-55]
(O) निलंबन के दौरान मुख्यालय
निलंबन के तहत एक अधिकारी को आम तौर पर सरकारी कर्मचारियों पर लागू होने वाली सेवा की सभी अन्य शर्तों के अधीन माना जाता है और वह पूर्व अनुमति के बिना स्टेशन नहीं छोड़ सकता है। इस प्रकार, एक सरकार का मुख्यालय आमतौर पर नौकर को उसकी ड्यूटी का अंतिम स्थान माना जाना चाहिए। किसी अधिकारी को निलंबित करने के आदेश में यह स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए कि उसका मुख्यालय क्या होगा।
हालाँकि, जहां निलंबित व्यक्ति मुख्यालय बदलने का अनुरोध करता है, तो सक्षम प्राधिकारी को मुख्यालय बदलने पर कोई आपत्ति नहीं है यदि वह संतुष्ट है कि इस तरह के पाठ्यक्रम से सरकार को टी.ए. अनुदान जैसा कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा। आदि या अन्य जटिलताएँ। [ओएम संख्या कार्यालय ज्ञापन संख्या 11012/17/2013-स्था.(ए) दिनांक 02.01.2014 का पैरा 10] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(i) पैनलमेंट(ii) कोई भी प्रतिनियुक्ति जिसके लिए मंजूरी आवश्यक है(iii) संवेदनशील पोस्ट पर नियुक्ति(iv) प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए असाइनमेंट (अनिवार्य प्रशिक्षण को छोड़कर)
नियुक्ति के लिए किसी सरकारी कर्मचारी के आवेदन पर, चाहे वह सीधी भर्ती से हो, प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरण हो या किसी अन्य पद पर स्थानांतरण हो, विचार नहीं किया जाना चाहिए/अग्रेषित नहीं किया जाना चाहिए यदि वह निलंबित है। Guidelines suspension reinstatement of Employees
जहां एक सरकारी कर्मचारी जो निलंबित है, अपना इस्तीफा देता है, सक्षम प्राधिकारी को सरकारी कर्मचारी के खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक मामले की योग्यता के संदर्भ में जांच करनी चाहिए कि क्या इस्तीफा स्वीकार करना सार्वजनिक हित में होगा। आम तौर पर, चूंकि अधिकारियों को गंभीर अपराध के मामलों में ही निलंबित किया जाता है, इसलिए निलंबित अधिकारी से इस्तीफा स्वीकार करना सही नहीं होगा। इस नियम के अपवाद वे होंगे जहां कथित अपराध में नैतिक अधमता शामिल नहीं है
एक सरकारी कर्मचारी जो निलंबन के दौरान सेवानिवृत्त होता है, वह उस तारीख से ठीक पहले की तारीख तक अर्हक सेवा के आधार पर अधिकतम पेंशन के बराबर अनंतिम पेंशन का हकदार होता है। निलंबित कर दिया गया। [सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 का नियम 8(4)(ए)]
(T) पेंशन के प्रयोजन के लिए अर्हक सेवा के रूप में निलंबन की अवधि की गणना:
“निलंबन की अवधि की गणना-
(1) आचरण की जांच लंबित रहने तक निलंबन के तहत एक सरकारी कर्मचारी द्वारा बिताया गया समय अर्हक सेवा के रूप में गिना जाएगा, जहां ऐसी जांच के निष्कर्ष पर, उसे पूरी तरह से दोषमुक्त कर दिया गया है या केवल मामूली जुर्माना लगाया गया है और निलंबन को पूरी तरह से अनुचित माना गया है। Guidelines suspension reinstatement of Employees
(2) उप-नियम (1) के अंतर्गत नहीं आने वाले मामलों में, निलंबन की अवधि की गणना तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि प्राधिकारी ऐसे मामलों को नियंत्रित करने वाले नियम के तहत स्पष्ट रूप से आदेश पारित करने में सक्षम न हो उस समय घोषणा करता है कि यह उस सीमा तक गिना जाएगा जितनी सक्षम प्राधिकारी घोषित कर सकता है। Guidelines suspension reinstatement of Employees
(3) निलंबन के सभी मामलों में, सक्षम प्राधिकारी एक आदेश पारित करेगा जिसमें यह निर्दिष्ट किया जाएगा कि किस सीमा तक, यदि कोई हो, निलंबन की अवधि को अर्हक सेवा के रूप में गिना जाएगा और इस संबंध में सरकारी सेवक की सेवा पुस्तिका में निश्चित प्रविष्टि की जाएगी।” [सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 का नियम 23] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(U) एक निलंबित अधिकारी का वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) की स्वीकृति।
निलंबित सरकारी कर्मचारी जो एफआर 56(के) या एफआर-56(एम) या सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 के नियम 43 (3) के तहत सेवानिवृत्त होना चाहता है, उसकी अनुमति रोकने के लिए उपयुक्त प्राधिकारी के पास खुला होगा। [FR-56(k) और FR-56(m)][सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 का नियम 43(3)]
(V) निलंबन से निरसन/बहाली के बाद भुगतान और भत्ता
जब एक सरकारी कर्मचारी जिसे निलंबित कर दिया गया है, उसे बहाल कर दिया जाता है या उसे बहाल किया जाना चाहिए था, लेकिन निलंबन के दौरान उसकी सेवानिवृत्ति (समय से पहले सेवानिवृत्ति सहित) के लिए, बहाली का आदेश देने के लिए सक्षम प्राधिकारी इस पर विचार करेगा और एक विशिष्ट आदेश देगा-
(a) सरकारी कर्मचारी को बहाली के साथ समाप्त होने वाली निलंबन की अवधि या उसकी सेवानिवृत्ति की तारीख (समय से पहले सेवानिवृत्ति सहित) के लिए भुगतान किए जाने वाले वेतन और भत्ते के संबंध में, जैसा कि मामला हो सकता है; और
(b) चाहेकहाअवधि ड्यूटी पर व्यतीत की गई अवधि के रूप में मानी जाएगी “[FR-54(बी)(1)] Guidelines suspension reinstatement of Employees
(W) कार्यवाही के समापन पर
v यदि दोषमुक्त किया गया है
जहां सक्षम प्राधिकारी की राय है कि निलंबन पूरी तरह से अनुचित था, सरकारी कर्मचारी को पूर्ण वेतन और भत्ते का भुगतान किया जा सकता है।
जहां सक्षम प्राधिकारी की राय है कि कार्यवाही में देरी सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारी के कारण हुई है, तो वह सरकारी कर्मचारी को नोटिस देने और प्रतिनिधित्व पर विचार करने के बाद – यदि कोई हो, कम राशि का भुगतान करने का आदेश दे सकता है। Guidelines suspension reinstatement of Employees
निलंबन की अवधि को सभी प्रयोजनों के लिए ड्यूटी पर व्यतीत की गई अवधि के रूप में माना जाएगा। [एफआर 54-बी (3) और amp; (4)]
v मामूली जुर्माना लगाया गया है
जहां कार्यवाही के परिणामस्वरूप केवल मामूली जुर्माना लगाया जाता है, तो निलंबन को पूरी तरह से अनुचित माना जाता है और संबंधित कर्मचारी को एफआर 54-बी के तहत उचित आदेश पारित करके निलंबन की अवधि के लिए पूर्ण वेतन और भत्ते का भुगतान किया जा सकता है। [O.M. क्रमांक 11012/15/85-स्था.(ए) दिनांक. 03.12.1985]
v मुक्ति/मामूली दंड के अलावा
(a) सक्षम प्राधिकारी सरकारी कर्मचारी को नोटिस देने और उसके प्रतिनिधित्व, यदि कोई हो, पर विचार करने के बाद भुगतान की जाने वाली राशि का निर्धारण करेगा। [एफआर 54-बी(5)]
(b) निलंबन की अवधि को कर्तव्य के रूप में नहीं माना जाएगा जब तक कि सक्षम प्राधिकारी विशेष रूप से निर्देश न दे कि इसे किसी निर्दिष्ट उद्देश्य के लिए ऐसा माना जाएगा।
(c) यदि सरकारी कर्मचारी चाहे तो निलंबन की अवधि को देय एवं स्वीकार्य अवकाश में परिवर्तित किया जा सकता है। (नोट: अस्थायी सरकारी सेवकों के मामले में ऐसी छुट्टी 3 महीने से अधिक या स्थायी सरकारी सेवकों के मामले में 5 साल से अधिक हो सकती है) [एफआर 54-बी(7)]
नोट: एफआर 54-बी(9) के अनुसार, जहां भी अनुमत राशि पूर्ण वेतन और भत्तों से कम है, वह पहले से भुगतान किए गए निर्वाह भत्ते से कम नहीं होगी। Guidelines suspension reinstatement of Employees
(X) निलंबन के दौरान मृत्यु
जहां निलंबित सरकारी कर्मचारी की अनुशासनात्मक कार्यवाही या उसके खिलाफ अदालती कार्यवाही समाप्त होने से पहले मृत्यु हो जाती है, तो निलंबन की तारीख और मृत्यु की तारीख के बीच की अवधि को सभी उद्देश्यों के लिए कर्तव्य के रूप में माना जाएगा और उसके परिवार को पूरा वेतन दिया जाएगा। यदि उसे निलंबित नहीं किया गया होता तो वह जिन भत्ते का हकदार होता, वह उस अवधि के लिए पहले से भुगतान किए गए निर्वाह भत्ते के समायोजन के अधीन होगा। [FR 54-बी(2)]
(Y) चार्ज शीट इत्यादि की सेवा।
क) निलंबन आदेश में सामान्यतः निलंबन का कारण दर्शाया जाना चाहिए। Guidelines suspension reinstatement of Employees
बी) जहां निलंबन विचाराधीन कार्यवाही के आधार पर है, वहां सरकारी कर्मचारी को 3 महीने के भीतर आरोप पत्र दिया जाना चाहिए
नोट: यदि प्रासंगिक ओएम के किसी संदर्भ की आवश्यकता है, तो इसे हाइपरलिंक पर क्लिक करके या डीओपीटी की वेबसाइट से एक्सेस किया जा सकता है। Guidelines suspension reinstatement of Employees
केन्द्रीय कर्मचारियों के विस्तृत दिशा निर्देश यहाँ देखें
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SDMC Work Duty Organisation: विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति गठन की सम्पूर्ण रुपरेखा नियमावली और प्रस्ताव लेखन कार्यवाही, अपने विद्यालय में त्रुटी रहित और प्रभावी SDMC का गठन करने की सम्पूर्ण जानकारी इस आलेख में हमारे एक्सपर्ट ने आपको उपलब्ध करवाया हैं |
कार्यालय निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर के आदेश दिनांक: 21.01.15 के द्वारा समस्त राजकीय माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के लिए विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) तथा कक्षा 1-8 तक के लिये विद्यालय प्रबन्धन समिति (SMC) के गठन के आदेश जारी किये गये हैं। इन आदेशों के अनुसार विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा कक्षा 1-8 तक की कक्षाओं में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ सर्व शिक्षा अभियान तथा मिड-डे-मील की राशि की प्राप्ति व व्यय का लेखा जोखा पृथक से संधारित किया जायेगा। विद्यालय प्रबन्धन समिति का गठन पूर्व प्रदत्त आदेशों के अनुसार ही होगा।
विद्यालय की विद्यालय विकास योजना प्रतिवर्ष 31 जुलाई से पूर्व तैयार करना।
2- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना-
विद्यालय की नामांकन दर आदर्श नामांकन संख्या तक लाना।माध्यमिक स्तर की ड्राप आउट दर 25 प्रतिशत से नीचे लाना।विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिये भौतिक, मानवीय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संसाधन उपलब्ध कराना जिससे कि विद्यार्थी एवं विद्यालय के शैक्षिक एवं सहशैक्षिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके तथा विद्यालय का समाज के साथ सह संबंध स्थापित हो सके ।
3- अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में तैयार की गई विद्यालय की योजना को शाला दर्पण में आवश्यक रूप से अपलोड करवाया जाकर उसकी एक प्रति विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
4- प्रत्येक 3 माह में विद्यालय योजना की प्रगति शाला दर्पण पर अपलोड करवाकर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9-12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार एवं विद्यालय भवन के विकास सम्बन्धी कार्य विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) द्वारा किये जायेंगे। इसके साथ ही RMSA से प्राप्त अनुदान विकास शुल्क एवं अन्य प्राप्त होने वाली राशियों का लेनदेन / लेखा-जोखा इस समिति द्वारा संधारित किया जायेगा। विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) तथा अन्य उप समितियों के गठन हेतु संरचना एवं इनके दायित्व शासन की स्वीकृति क्रमांक प.17 (22) शिक्षा 1 / 2016 जयपुर दिनांक 01.07.2016 के क्रम में आंशिक संशोधनोपरान्त एतद् द्वारा निर्धारित किए जाते हैं |
SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
1. School Development and Management Committee (SDMC) की कार्यकारिणी समिति की सरंचना (RMSA गाइडलाइन के अनुसार) –
विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (School Development and Management Committee) की कार्यकारिणी समिति की संरचना RMSA गाइडलाइन के अनुसार
क्र सं
सदस्य विवरण
पद व संख्या
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
अभिभावकों में से एससी/एसटी समुदाय के प्रतिनिधि
2 सदस्य
3
अभिभावकों में से महिला प्रतिनिधि
2 सदस्य
4
अभिभावकों में से अन्य प्रतिनिधि
2 सदस्य
5
सामाजिक विज्ञान का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
6
विज्ञान का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
7
गणित का अध्यापक प्रतिनिधि
1 सदस्य
8
पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि
2 सदस्य
9
आॅडिट व वित्त विभाग का एक व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक)
1 सदस्य
10
शैक्षिक रूप से पिछड़ेे अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधि
1 सदस्य
11
महिला समूहों में से प्रतिनिधि सदस्य
1 सदस्य
12
ग्राम शिक्षा विकास समिति का सदस्य/शिक्षाविद्
1 सदस्य
13
विज्ञान, मानविकी एवं कला/संस्कृति/क्राफ्ट की पृष्ठभूमि वाले (जिला परियोजना समन्वयक द्वारा मनोनीत) प्रतिनिधि
1 सदस्य
14
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मनोनीत अधिकारी
1 सदस्य
15
विद्यार्थी प्रतिनिधि
2 सदस्य
16
विधायक प्रतिनिधि
2 सदस्य
17
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड सदस्य सचिव टीचर) वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में/व0अ0-मावि में
सदस्य सचिव
कुल सदस्य
23
कुल सदस्य = 23 सदस्य
(I) विद्यालय द्वारा नॉन रेकरिंग मद में खरीद करने पर बीईईओ / डीपीसी कार्यालय लेखाकार / कनिष्ठ लेखाकार को सदस्य रूप में मनोनीत किया जाये।
(II) विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति के निर्धारित सदस्यों में से कम से कम एक सदस्य ऐसा हो, जो एसएमसी में भी संदस्य हो एवं कुल SDMC सदस्यों में से कम से कम 50 प्रतिशत महिला सदस्य हों |
(III) SDMC की कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल दो शैक्षिक सत्र हेतु होगा। तत्पश्चात् नवीन चयन होगा।
(IV) सत्रारम्भ में SDMC के गठन के लिये साधारण सभा की बैठक जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जाये। उक्त बैठक में साधारणतया सर्वसम्मति से सदस्यों का मनोनयन किया जाये। जहां सर्वसम्मति न हो पाये, वहां उपस्थित सदस्यों में से बहुमत की राय को प्राथमिकता दी जावे।
(V) प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता के लिये सभाध्यक्ष प्रस्तावित किया जाये जो कि स्थानीय समुदाय से होना चाहिए।
(VI) SDMC गठन के उपरान्त एक बोर्ड तैयार कर सभी कार्यकारिणी सदस्यों के नाम, पता एवं दूरभाष / मोबाईल नम्बर सर्व साधारण हेतु उपलब्ध कराए जाएं।
महत्वपूर्ण सामग्री आदेश सर्कुलर और अन्य आवश्यक दस्तावेज :-
शाला विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के गठन, कार्य दायित्व, कोरम पूर्ति, प्रस्ताव, कार्य अनुमोदन आदि के संबंध में जानकारी दीजिये?
शाला विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के गठन, कार्य दायित्व, कोरम पूर्ति, प्रस्ताव, कार्य अनुमोदन आदि के संबंध में (श्रीमान निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान ,बीकानेर के परिपत्र दिनांक 6 जुलाई 2016 के संदर्भ में)
माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार एवं विद्यालय भवन के विकास संबंधी कार्य एसडीएमसी के द्वारा किए जाएंगे। इसके साथ ही समग्र शिक्षा अभियान से प्राप्त अनुदान, विकास शुल्क एवं अन्य प्राप्त होने वाली राशियों का लेनदेन अथवा लेखा-जोखा इस समिति द्वारा संधारित किया जाएगा।
विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति तथा अन्य उप समितियों के गठन हेतु संरचना एवं इनके दायित्व शासन की स्वीकृति क्रमांक प.17 (22) शिक्षा_ 1/ 2016, जयपुर दिनांक 1. 7.2016 के क्रम में आंशिक संशोधन उपरांत एतद द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
एसडीएमसी गठन हेतु सामान्य निर्देश
वर्तमान गाइड लाइन के अनुसार एसडीएमसी में कार्य कारिणी समिति में कुल 23 सदस्य शामिल होंगे जिसमें प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक समिति का अध्यक्ष होगा तथा प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)/ वरिष्ठतम व्याख्याता उच्च माध्यमिक विद्यालय में ) वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक माध्यमिक विद्यालय में सदस्य सचिव के रूप में काम करेंगे।
1.विद्यालय द्वारा अनावर्ती मद (non-recurring )में खरीद करने पर सी बी ई ई ओ /SMSA कार्यालय के लेखाकार /कनिष्ठ लेखाकार को सदस्य के रूप में मनोनीत किया जाए।
2. एसडीएमसी के निर्धारित सदस्यों में कम से कम 1 सदस्य ऐसा हो जो एसएमसी में भी सदस्य हो एवं कुल एसडीएमसी सदस्यों में से कम से कम 50% महिला सदस्य हो।
3.एसडीएमसी की कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल दो शैक्षिक सत्र हेतु होगा तत्पश्चात नवीन कार्यकारिणी हेतु निर्वाचन होगा।
4.सत्रारंभ में एसडीएमसी के गठन के लिए साधारण सभा की बैठक जुलाई के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जानी चाहिए उक्त बैठक में साधारणतया सर्वसम्मति से सदस्यों का मनोनयन किया जाए जहां सर्वसम्मति न हो वहां उपस्थित सदस्यों में से बहुमत की राय को प्राथमिकता दी जाए। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
5 .प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता के लिए सभा अध्यक्ष प्रस्तावित किया जावे जो कि स्थानीय समुदाय से होना चाहिए।
6.एसडीएमसी गठन के बाद एक बोर्ड तैयार कर सभी कार्यकारिणी सदस्यों के नाम ,पता ,दूरभाष अथवा मोबाइल नंबर सर्वसाधारण हेतु उपलब्ध कराए जाएं।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के निम्न उदेश्यों की प्राप्ति हेतु कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना –
कक्षा नौ व दस का सकल नामांकन दर बढ़ाना l
माध्यमिक स्तर की ड्राप आउट दर 25 प्रतिशत से निचे लाना l
विद्यार्थियों में जीवन कौशल का विकास करना l
वियालय में आई सी टी का उपयोग सुनिश्चित करना l
समुदाय की सह-भागिता सुनिश्चित करना l
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से प्राप्त राशि का रिकॉर्ड संधारण करना l
समिति अपने कोष का उपयोग Recurring and Non-Recurring मद में कर सकेगी l
समिति भारत सरकार के वित्तीय मैनुअल के अनुसार व्यय कर सकेगी l
समिति द्वारा माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर के लिए सभी गतिविधियों की योजना बनाना, यू डाइस का डाटा एकत्रित करना, योजना की क्रियान्विति एवं मॉनिटरिंग आदि का कार्य करेगी l
विद्यालय स्तर पर निर्माण संबंधी कार्य तथा शैक्षणिक गुणवत्ता वृद्धि हेतु संबंधित सभी कार्य करेगी l
समिति की प्रत्येक मीटिंग में नियमित रूप से वित्तीय लेखों का अनुमोदन कराया जाएगा l
समिति सभी गतिविधियों की प्रगति की सूचना नियमित रूप से ब्लॉक में जिले के अधिकारियों को प्रेषित करेगी l
समिति की पाक्षिक बैठक रखी जाएगी l
समिति की मीटिंग हेतु प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा सभी सदस्यों को लिखित में सूचित किया जाएगा l
बैंक खाते से लेनदेन समिति के अध्यक्ष व सदस्य सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाएंगे l किसी भी स्थिति में एकल हस्ताक्षर से बैंक से लेन देन नहीं किया जाएगा l SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
यह भी देखें :विद्यालय प्रबन्धन समिति SMC के गठन, संविधान और अध्यक्ष बदलने सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ क्लिक करें
विद्यालय विकास
विद्यालय की विकास योजना प्रतिवर्ष 31 जुलाई से पूर्व तैयार करना।
समग्र शिक्षा अभियान के निम्नांकित उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करना।
विद्यालय की नामांकन दर आदर्श नामांकन संख्या प्राप्त करना।
माध्यमिक स्तर की ड्रॉपआउट दर 2.5% से नीचे लाना।
विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए भौतिक, मानवीय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संसाधन उपलब्ध कराना जिससे कि विद्यार्थियों में विद्यालय के शैक्षिक एवं सह शैक्षिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके तथा विद्यालय का समाज के साथ संबंध स्थापित हो सके।
प्रत्येक तीन माह में विद्यालय विकास की या विद्यालय योजना की प्रगति शाला दर्पण पर अपलोड करवा कर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करवाना।
एसडीएमसी के खाते में प्राप्त राशि का रिकॉर्ड संधारण किया जाना।
समिति अपने कोष का उपयोग आवृत्ति (recurring )/अनावर्ती (non recurring) मद में कर सकेगी।
समिति केंद्र अथवा राज्य सरकार के वित्तीय मैनुअल के अनुसार व्यय कर सकेगी।
बैंक खाते से लेन-देन समिति के अध्यक्ष व सदस्य सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाएंगे समिति की प्रत्येक बैठक में नियमित रूप से वित्तीय लेखों का अनुमोदन कराया जाएगा।
एसडीएमसी की सलाह से ही विद्यालय की वार्षिक सहायता, भामाशाह/जनसहयोग राशि , विद्यार्थी कोष तथा विकास शुल्क का उपयोग किया जाएगा। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
बैठकों का आयोजन 👇
कार्यकारिणी समिति की मासिक बैठक विभाग के निर्देशानुसार प्रत्येक अमावस्या को रखी जाएगी जिसका कोरम न्यूनतम 50 % कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति से ही पूर्ण होगा।
अति आवश्यक होने पर विद्यालय हित में कभी भी एसडीएमसी बैठक का आयोजन किया जा सकेगा।
समिति की कार्यकारिणी की बैठक हेतु प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा सभी सदस्यों को 2 सप्ताह पूर्व लिखित में अथवा एस एम एस द्वारा सूचित किया जाएगा।
समिति की सभी गतिविधियों की प्रगति की सूचना प्रत्येक तीन माह में शाला दर्पण पर अपडेट की जाएगी।
एसडीएमसी की प्रत्येक बैठक के कार्यवाही विवरण का संधारण निर्धारित प्रारूप में नियमित रूप से एक रजिस्टर में संधारित किया जाएगा जैसे बैठक आयोजन की दिनांक ,सभा अध्यक्ष का नाम ,बैठक में उपस्थित सदस्यों की संख्या ,बैठक में लिए गए प्रस्ताव विवरण या प्रस्तुतीकरण ,प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों की संख्या , प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों में महिलाओं की संख्या … (निर्धारित प्रपत्र)
एस. डी. एम. सी. की प्रत्येक बैठक के कार्यवाही विवरण का संधारण निम्नलिखित प्रारूप में नियमित रूप से एक रजिस्टर में किया जाएगा-
बैठक की दिनांक
सभाध्यक्ष का नाम
बैठक में उपस्थित सदस्यों की संख्या
बैठक में लिये गये प्रस्ताव
प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों की संख्या
प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों में महिलाओं की संख्या
3. उप समितियों का गठन एवं दायित्व :
(अ) विद्यालय भवन उप समिति (School Building Committee) की संरचना :
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक = अध्यक्ष
पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का प्रतिनिधि = 1 सदस्य
अभिभावक प्रतिनिधि = 1 सदस्य
निर्माण कार्य से जुड़े अनुभवी / तकनीकी व्यक्ति (JEN, RMSA/SSA) = 1 सदस्य
लेखा / ऑडिट शाखा का प्रतिनिधि व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक) = 1 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर) (वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में / वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक-मावि में) = 1 सदस्य सचिव
(अ) विद्यालय भवन उपसमिति School Building Committee की संरचनाः
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का प्रतिनिधि
1 सदस्य
3
अभिभावक प्रतिनिधि
1 सदस्य
4
निर्माण कार्य से जुडे अनुभवी/तकनीकी व्यक्ति JEN RMSA/SSA।
1 सदस्य
5
लेखा/Audit शाखा का प्रतिनिधि व्यक्ति (संस्था का लेखा कार्मिक)
1 सदस्य
6
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)
सदस्य सचिव
इस प्रकार 6 सदस्यों की यह विद्यालय भवन उप समिति होगी। SDMC Work Duty Organisation विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति
भवन उप समिति के कार्य :-
भवन निर्माण एवं मेजर रिपेयर हेतु योजना बनाना विद्यालय भवन का प्रबन्धन एवं संचालन, मॉनिटरिंग, पर्यवेक्षण रिपोर्टिंग, लेखों का संधारण, लेखों की मासिक रिपोर्ट बनाना आदि कार्यों को करने के लिए जिम्मेदार होगी, जिसकी रिपोर्ट SDMC को नियमित रूप से की जायेगी।
वह समिति निर्माण कार्यों को वित्तीय नियमानुसार अनुबंध पर करवा सकेगी अथवा स्वयं भी कर सकेगी।
विद्यालय भवन उप समिति जो कि भवन निर्माण एवं मेजर रिपेयर हेतु योजना बनाने का, विद्यालय भवन का प्रबंधन एवं संचालन , मॉनिटरिंग पर्यवेक्षण, रिपोर्टस लेखों का संधारण ,लेखों की मासिक रिपोर्ट बनाना आदि के लिए जिम्मेदार होगी जिसकी रिपोर्ट एसडीएमसी को नियमित रूप से की जाएगी। यह समिति निर्माण कार्यों को वित्तीय नियम अनुसार अनुबंध पर करवा सकेगी अथवा स्वयं भी कर सकेगी
प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक अध्यक्ष तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठ व्याख्याता वह माध्यमिक विद्यालयों में वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे।
साथ ही पंचायत या स्थानीय शहरी निकाय का एक प्रतिनिधि व एक अभिभावक प्रतिनिधि , निर्माण कार्य से जुड़े अनुभवी अथवा तकनीकी व्यक्ति (JEN SMSA ) यह भी सदस्य होंगे, इसके अलावा लेखा, ऑडिट शाखा का प्रतिनिधि ( संस्था का लेखा कार्मिक ) होगा।
(ब) शैक्षिक उप समिति (School Academic Committee) की संरचना :
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक = अध्यक्ष
अभिभावक प्रतिनिधि = 1 सदस्य
निम्न में से प्रत्येक क्षेत्र का एक विशेषज्ञ : i) विज्ञान या गणित ii.) मानविकी iii.) कला / संस्कृति / क्रांपट / खेलकूद iv) भाषा विशेषज्ञ = 4 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी = 1 सदस्य
प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर) (वरिष्ठतम व्याख्याता उमावि में / वरिष्ठतम वरिष्ठ अध्यापक मावि में) =1 सदस्य सचिव
1
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
अध्यक्ष
2
अभिभावक प्रतिनिधि
1 सदस्य
3
निम्न में से प्रत्येक क्षेत्र का एक सदस्य (विज्ञान या गणित/मानविकी/कला/संस्कृति/क्राफ्ट/खेलकूद/भाषा विशेषज्ञ)
4 सदस्य
4
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी
1 सदस्य
5
प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक द्वारा नामित मुख्य शिक्षक (हेड टीचर)
सदस्य सचिव
शैक्षिक उप समिति के कार्य :
शैक्षिक गतिविधियों की कार्य योजना निर्माण तथा इसके प्रभावी क्रियान्वयन , मूल्यांकन , रिपोर्टस की समीक्षा, सुझावों का परीक्षण का कार्य करेगी तथा आगामी कार्य योजना में शैक्षिक मुद्दों से संबंधित विचारों को शामिल करने हेतु अनुशंसा करेगी।
शैक्षिक गुणवत्ता सुधार हेतु समय बद्ध कार्य योजना निर्माण और क्रियान्वयन, शैक्षिक समंको का विश्लेषण एवं निम्न उपलब्धि के क्षेत्रों में सम्बलन हेतु कार्य योजना प्रस्तुत करने का कार्य इस शैक्षिक उप समिति के कार्य होगें।
शैक्षिक उप समिति में कुल 8 सदस्य होंगे जिसमें प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक इस समिति का अध्यक्ष होगा तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठतम व्याख्याता व माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठतम अध्यापक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे इसके अलावा अभिभावक प्रतिनिधि तथा विज्ञान, गणित मानविकी ,कला ,संस्कृति, क्राफ्ट खेलकूद ,भाषा विशेषज्ञ व प्रधानाचार्य अथवा प्रधानाध्यापक द्वारा मनोनीत विद्यार्थी इसके सदस्य होंगे।
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Know Childrens Parliament: Structure and Responsibilities Bal Sansad: Structure and Responsibilities / बाल संसद जानें : संरचना और दायित्व :- प्राथमिक विद्यालयों में बाल संसद का गठन बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु किया जाता है, एवं उसे सक्रिय रखने के लिए अध्यापकों के द्वारा प्रयास किया जाता है, तथा विद्यालय के विभिन्न कार्यों के संचालन में बच्चों की सक्रिय सहभागिता ली जाए ,बच्चों में उनकी जिम्मेदारियों को पूर्ण करने समय-समय पर उनके कार्यों का अवलोकन विश्लेषण सहयोग सुनिश्चित किया जाए। BAL SANSAD
“स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय” के अन्तर्गत समस्त राजकीय विद्यालयों में बालक-बालिकाओं पृथक-पृथक शौचालय सुविधा करवाई जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र के समस्त विद्यालयों में उपलब्ध शौचालय एवं पेयजल सुविधाओं की साफ-सफाई एवं रख-रखाव हेतु रू. 500 रूपये प्रतिमाह की दर से 5000 रूपये प्रतिवर्ष (10 माह हेतु) स्वच्छता अनुदान दिया गया है। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities . BAL SANSAD
Bal Sansad: Structure and Responsibilities
Bal Sansad: Structure and Responsibilities
विद्यालयों में शौचालय एवं पेयजल सुविधा की साफ-सफाई एवं रख-रखाव तथा बालक बालिकाओं में स्वच्छता एवं स्वास्थ्यप्रद आदतों के विकास के लिए नियमित रूप से निम्नांकित गतिविधियों का संचालन किया जावें :-
प्रार्थना सत्र में नियमित रूप से स्वच्छता एवं स्वास्थ्यप्रद आदतों की जानकारी शिक्षकों द्वारा छात्र – छात्राओं को दी जावें ।
सप्ताहिक रूप से प्रार्थना सत्र के उपरान्त बालक बालिकाओं में स्वच्छता की आदतों का परीक्षण किया जावे यथा नाखून, शरीर की सफाई, गणवेश की स्वच्छता आदि ।
विद्यालय में दर्पण लगवाया जाये, जिससे विद्यार्थी विद्यालय में आने के उपरान्त अपनी गणवेश एवं बालों आदि को व्यवस्थित कर सके ।
मिड-डे मिल से पूर्व आवश्यक रूप से सभी विद्यार्थीयों को साबुन से हाथ धोने की,, व्यवस्था करें। भोजन बनाने से पूर्व सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा आवश्यक रूप से साबुन से हाथ धोये जावे।
विद्यालय में शौचालय, पेयजल परिसर कक्षा-कक्ष, बरामदा साफ-सफाई एवं रख-रखाव की की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
विद्यालयों के शौचालयों में रनिंग वाटर अथवा छोटी टंकी से पानी की व्यवस्था की जावें ।
विद्यालय की दैनिक गतिविधियों में विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करने एवं नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए बाल संसद का गठन कर उन्हें कार्यो का दायित्व सौपा जावें ।
प्रत्येक कक्षा का एक स्वच्छता मोनिटर मनोनीत किया जाए एवं प्रतिमाह नए बालक/बालिका को मोनिटर बनाया जाए।
विद्यालय के मिड-डे-मील प्रभारी शिक्षक को ही शाला स्वच्छता एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों का प्रभारी शिक्षक मनोनीत किया जाए।
विद्यालय भवन / सूचना पट्ट पर विद्यालय परिसर एवं शौचालय के सफाईकर्मी का नाम एवं मोबाईल नम्बर आवश्यक रूप से अंकित किया जाए।
बाल संसद विद्यालय के बच्चों का एक मंच होगा जहां वे अपने विद्याल, समाज, परिवार, स्वास्थ्य, शिक्षा और अपने अधिकारों की बात खुल कर कह सकेंगे। बाल संसद क्यों। बच्चों का एक ऐसा मंच प्रदान करना, जहां वे अपने विचार रख सके और विद्यालय के प्रबंधन और विकास में भागीदार बन सके। बच्चों में जीवन कौशल का विकास करने के लिए। जैसे-तत्व क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता और संप्रेषण क्षमता अर्थात् बच्चों के सम्पूर्ण व्यिक्तित्व का विकास करने के लिए। विद्यालय को आनंददायी, सुरक्षित और साफ-सुथरा रखने के लिए। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities Bal Sansad: Structure and Responsibilities
Know Childrens Parliament: Structure and Responsibilities Bal Sansad: Structure and Responsibilities / बाल संसद जानें : संरचना और दायित्व
बाल संसद के गठन की प्रक्रिया
विद्यालय मे नामंकित बच्चों में से चुनाव प्रक्रिया के द्वारा एक प्रधानमंत्री चुना जाये। कक्षा 3 से 5 या 8 तक 35 छात्र-छात्राओं का स्वच्छता स्काउट के रूप में चयन कर 5-5 स्वच्छता स्काउटों की 6 दल ( दल 5×6=30) बनाकर उनमें से एक-एक दल नायक चुनेंगे। दल नायक पूरे दल का नेतृत्व करेगा। प्रत्येक दल का एक-एक प्रभारी अध्यापक होगा। जहाँ पर अध्यापक कम होगें वहाँ दो तीन दलों को मिलाकर प्रभारी बनाया जा सकता है। यहाॅ बालिकाओं की भागीदारी निश्चित अनुपात में अवश्य हों।
बाल संसद का गठन के निम्नलिखित प्रक्रिया है Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities / Bal Sansad: Structure and Responsibilities :-
विद्यालय में सभी बच्चों की एक सभा बुला कर उन्हें वर्गवार बैठाएं।
बाल संसद के गठन के पूर्व संयोजक शिक्षक द्वारा बाल संसद के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया जाएगा।
सभी बच्चों की सभा एक प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी। दोनों पदों में से कोई एक पद लड़की के द्वारा भरा जाएगा।
प्रधानमंत्री और उप-प्रधानमंत्री के चुनाव के बाद सभी वर्गा को पांच समूहों में बांटा जाएगा। बांटने की प्रकिया इस प्रकार से होगी-उपस्थिति पंजी के अनुसार सभी बच्चों को, जैसे क्रमांका, पहला समूह, क्रमांक 2. दूसरा समूह आदि रखते हुए पांच समूहों में बांटा जाएगा।
पांचों समूहों के नाम, महापुरूष, नदियों, फलों, पहाडों आदि के नाम पर रखे जा सकते है।
सभी समूहों को अलग-अलग बैठा कर हर समूह को एक मंत्री और एक उप मंत्री चुनने के लिए कहा जाएगा। प्रत्येक समूह से एक लड़का और एक लड़की मंत्री और उप मंत्री की जिम्मेवारी संभालेंगे।
इसके बाद सभी मंत्री और उप मंत्री की बैठक प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी जाएगी और चुने गए मंत्रियों के बीच दायित्वों का बटवारा होगा।
बाल संसद का कार्यकाल एक वर्ष का होगा। शैक्षणिक वर्ष के प्रथम माह में इसका गठन अनिवार्य रूप से कर लिया जाएगा।
Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities / Bal Sansad: Structure and Responsibilities
सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-
प्रधानमंत्री एवं उप-प्रधानमंत्री के अलावा बाल संसद में 12 मंत्री होंगे, जिनका विवरण निम्नवत है-
शिक्षा मंत्री
उप शिक्षा मंत्री, जिसे मीना मंत्री कहा जाएगा (इस पद पर कोई लड़की ही होगी)
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री
उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री
जल एवं कृषि मंत्री
उप जल एवं कृषि मंत्री
पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री
उप पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री
सांस्कृतिक एवं खेल मंत्री
उप सांस्कृतिक एवं खेल मंत्री
बाल सुरक्षा मंत्री
बाल उप सुरक्षा मंत्री इस प्रकार बाल संसद में 14 सदस्य हांगे, जिसमें 7 उप मंत्री, एक प्रधानमंत्री और एक उप प्रधानमंत्री होंगे। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
मंत्रिमंडल के कार्य एवं दायित्व
प्रधानमंत्री द्वारा प्रत्येक दल के दलनायक को निम्नानुसार विभाग सौपकर कार्यो का दायित्व सौपेगें। बाल संसद मंत्री मंडल में जितने भी मंत्री होते हैं सभी का कार्य और दायित्व बटा हुआ है। सब अपने अपने कार्य को अंजाम देते हैं अपने दायित्व का भली-भांति निर्वहन करते हैं। आइए हम एक-एक करके जानते हैं Bal Sansad: Structure and Responsibilities सभी मंत्रियों के बारे में …
प्रधानमंत्री/उप प्रधानमंत्री के कार्य एवं दायित्व
प्रत्येक 15/30 दिनों पर मंत्रियों की बैठक बुलाना और 3 महीनों में एक आम बैठक कना, जिसमें विद्यालय के सभी बच्चे भाग लेंगे। इस बैठक में पिछले कार्यों पर चर्चा करेंगे और आगे की योजनाएं बनाएगें।
सभी मंत्रियों के कार्यो की समीक्षा करना और उपयोगी निर्णय लेना।
विद्यालय शिक्षा समिति और माता समिति की बैठक में बाल संसद द्वारा उठाए गए मुददे को (जिसका संबंध समिति से है) रखना और समिति से समाधान हेतु आग्रह करना।
बैठक की उपस्थिति पंजी बना कर प्रत्येक बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों का हस्ताक्षर करवाना, उपलब्धियों की सूची बनाना और आगे की योजनाएं बनाना। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
समूह के दिनवार कार्यो का बंटवारा करना और समूह को सूचना देना। जैसे-सोमवार को विरसा समूह द्वारा सफाई कार्य, मंगल पांडे समूह द्वारा बागवानी कार्य करेंगे, आदि।
विद्यालय में संसद का एक सूचना पट, स्वच्छता मॉनिटरिंग बोर्ड लगवाना। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities
शिक्षकेतर गतिविधियों में सभी बच्चों को समान रूप से भागीदार बनाना।
विशेष अवसरों पर विद्यालय में और विद्यालय से बाहर समारोह आयोजित करना। विद्यालय शिक्षा समिति की सहायता से शिक्षण अधिगम सामग्री, खेल सामग्री, प्राथमिक उपचार किट, बुलेटिन बोर्ड, गमला आदि की व्यवस्था करना।
प्रधानमंत्री की समिति के द्वारा अपने कार्यों की प्रगति बताना।
विशिष्ट व्यक्तियों के विद्यालय आने पर उन्हें बाल संसद के सदस्यों से मिलवाना।
यह देखना कि सभी मंत्री,उप मंत्री और मॉनिटर अपने-अपने बैज रोज लगाएं। उप प्रधानमंत्री का दायित्व प्रधान मंत्री को सहयोग करना और प्रधनमंत्री की अनुपस्थिति में प्रधानमंत्री के सभी कार्य को करना।
शिक्षा मंत्री के कार्य एवं दायित्व
शिक्षा मंत्री शिक्षक और विद्यालय शिक्षा समिति को बालपंजी तैयर करने/अद्यतन करने के लिए सूचना हासिल करवाना। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
बच्चों की सहायता से अनामांकित बच्चों और लगातार विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों को विद्यालय से जोड़ने का प्रयास करना।
ऐसे बच्चों की सूची बना कर बच्चों के बीच नामांकन का लक्ष्य देना ।
उनके नाम विद्यालय में लिखने की कोशिश करना। सभी वर्ग कक्ष को आकर्षक बनवाना। इसके लिए गुलदस्ते,टी०एल०एम० आदि की मदद ली जा सकती है।
सभी वर्ग कक्ष में बच्चों के लिए कए अधिगम कोना, यानि सीखने हेतु कार्य करने के लिए स्थान बनवाना, जिसमें पुस्तकालय की पुस्तकें या बच्चों के द्वारा तैयार सामग्री रखी जाए। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
सभी बच्चों को घर पर पढ़ने के लिए प्रेरित करना। इसके लिए बच्चों के पिता, अभिभावक और माता समिति से बात की जा सकती है। वर्ग कक्ष में विकलांग बच्चों को समान अवसर उपलब्ध करवाना। जैसे उनके बैठने की उचित व्यवस्था करना बच्चों को उनके साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करना और उनके साथ दोस्तों की तरह पेश आना।
शिक्षक को शैक्षिक कार्य (पढ़ाने,लिखाने, सिखाने) में सहयोग करना, जैसे शिक्षक की गैरहाजिरी में बड़ी कक्षा के बच्चों से छोटी कक्षा में पठन कार्य करवाना। बच्चों को समूह मेंएक दूसरे की सहायता से पढ़ाई-लिखाई करवाने की कोशिश करना।
सूचना पट पर आज का विचार लिखना। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities
उप शिक्षा मंत्री/मीना मंत्री (लड़की के द्वारा ही भरा जाए) हर वर्ग से एक लड़की मीना मंत्री को मीना गतिविधि संचालित करने में मदद करेगी। वर्ग कक्ष के मॉनिटर एवं सह मॉनिटर की सहायता से प्रत्येक महीने में बच्चों की उपस्थिति का चार्ट तैयार करवाएगी।
20 या उससे अधिक दिनों तक उपस्थित होने वाले बच्चों को दीन स्टार, 15-20 दिन उपस्थित होने वाले को पीला स्टार दिया जाएगा। प्रत्येक कक्षा में जिस बच्चे की साल में सबसे अच्छी उपस्थिति रहे. उसे वर्ष के अंत में इनाम भी दिया जा सकता है। शिक्षा मंत्री के कार्यों में सहायता करना
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री / उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री के कार्य एवं दायित्व
Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities बच्चों की सहायता से पूरे विद्यालय परिसर की सफाई करवाना।
मंत्री का दायित्व होगा कि वे समूह के बच्चों में कार्य का बँटवारा पूर्व से कर दें जैसे वर्ग कक्ष की सफाई में कौन-कौन होंगें परिसर की सफाई में कौन-कौन होंगे। शौचालय की सफाई में कौन-कौन होंगे।
दायित्व बँटवारे की सूचना, संसद के सूचना पट पर कर दी जाए। सप्ताह में एक बार या पंद्रह दिन में एक बार वर्ग कक्ष की धुलाई करवाना। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
कक्षा 1 से 8 के प्रत्येक बच्चों को प्रतिसप्ताह, मध्यान भोजन उपरान्त आयरन की एक गोली देने की व्यवस्था करवाना। (कक्षा 1 से 5 तक गुलाबी एवं कक्षा 6 से 8 के बच्चों को नीली आयरन की गोली दी जाएगी ।)
प्रत्येक दिन किसी खास समूह के द्वारा प्रत्येक कमरे में पोंछा लगवाना वर्ग कक्ष में एवं परिसर में जगह-जगह पर कूड़े दान को रखना / रखवाना ।
शौचालय के पास टंकी / बड़ी बाल्टी (प्लास्टिक की) में जल प्रतिदिन बच्चों के द्वारा रखना। बच्चों के कपड़े / नाखून / दाँत / बाल / शरीर की जाँच करना एवं उन्हें साफ रखने की आदत डलवाना और सप्ताह में एक बार विद्यालय स्वच्छता मॉनिटरिंग बोर्ड पर पूरे विद्यालय की स्थिति को लिखवाना।
स्वच्छता सामग्री को उचित स्थान पर रखना और बच्चों को इसके उपयोग की आदत डलवाना।
प्राथमिक उपचार किट्स (कँची / बैंडेज / टिंक्चर आदि) को ठीक से रखना ।
शौचालय के पास साबुन रखना / रखवाना और बच्चों में प्रयोग की आदत डलवाना ।
टिफिन / मध्याह्न भोजन के समय हाथ साफ कर भोजन करने की आदत बच्चों में डालना।
सभी बच्चों का हेल्थ कार्ड तैयार करवाना और उसे बाँटना इसके लिए समय-समय पर आस-पास के चिकित्सकों की मदद ली जा सकती है।
बच्चों को शौचालय इस्तेमाल करने का तरीका बताना, ताकि शौचालय इस्तेमाल करने वाले सभी बच्चे शौच के पहले एवं बाद में उसकी सफाई करने की आदत डालें और अपने परिवार में भी लोगों से ऐसा करने को कहें।
विद्यालय में सूई धागा और बटन की व्यवस्था रखना, ताकि बच्चों के कपड़े सही-सलामत रहें। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री का दायित्व मंत्री के कार्यों में सहयोग और मंत्री के अनुपस्थित रहने पर सभी कार्य निपटाना ।
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें –
जल एवं कृषि मंत्री/उप जल एवं कृषिमंत्री के कार्य एवं दायित्व
विद्यालय में पेड़-पौधे लगाना/लगवाना और पेड़ों और छोटी झाड़ियों की सहायता से घेराबंदी करवाना, ताकि विद्यालय हरा-भरा रहे। Bal Sansad: Structure and Responsibilities
हर विद्यालय में एक बगान होना चाहिए। बगान का हर एक भाग एक वर्ग कक्ष के जिम्मे देना।
फूलों की क्यारी बच्चों से बनवाना और प्रत्येक बच्चे अपने लगाए पौधों की देख-रेख करने हेतु बल देना। पुरानी इमारतों की ईंटों का उपयोग क्यारी बनाने में किया जा सकता है। क्यारी की ईंटों को रंगवाना।
बौस और टहनियों की मदद से घेरा बनाकर वृक्षारोपण करना। अलग-अलग वर्गों के बीच विद्यालय को बाँट कर उसकी साफ-सफाई और सौंदर्याकरण की प्रतियोगिता आयोजित करवाना है। प्रत्येक माह में सबसे अच्छे काम करने वाले समूह के नाम की घोषणा कर उसे अंक देकर साल के अंत में इन अंकों के आधार पर समूह को इनाम दिया जा सकता है।
इस कार्य में शिक्षक/विद्यालय शिक्षा समिति से मदद ली जा सकती है। उनसे पौधा उपलब्ध करवाने का आग्रह भी किया जा सकता है। बागवानी हेतु प्रयोग में आने वाली सामग्री को सुरक्षित रखना।
सभी वर्ग कक्ष के सामने पेयजल घड़ा/बाल्टी में रखना और उससे से पानी निकालने एवं पीने के बर्तन भी रखना।
पेयजल के पास सफाई का पूरा ध्यान रखना। समिति के सहयोग से चापाकल का चबूतरा बनवाना और सोख्ता का निर्माण करना/करवाना। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities
जिस विद्यालय में घेराबंदी न हो, उसके लिए विद्यालय शिक्षा समिति से आग्रह करना/करवाना। जहाँ बागवानी की जगह न हो, वहाँ यथासंभव गमले में फूल लगाना/लगवाना।
उपयोग किये जा चुके/गंदे जल से बगीचे का पटवन किया जा सकता है। उप मंत्री का दायित्व मंत्री के कार्यों में सहयोग और उनकी अनुपस्थिति में सभी कार्यों को स-समय पूरा करना।
विज्ञान एवं पुस्तकालय मंत्री/उप विज्ञान एवं पुस्तकालय मंत्री के कार्य एवं दायित्व
बच्चों में पुस्तकालय की किताबें पढ़ने की आदत डलवाना।
विद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की सूची बनाना।
पुस्तकों को विद्यालय के किसी निश्चित स्थान पर बच्चों की पहुँच तक रखा जाना चाहिए।
इसे प्रधानाध्यापक कक्ष में रस्सी से लटका कर रखा जा सकता है या पुस्तकालय की घंटी में वर्ग कक्ष में इसे कोने में रखवाया जा सकता है।
अगर बच्चे पुस्तक घर ले जाना चाहते हो, तो उन्हें मंत्री द्वारा खास समय के लिए ले जाने देना।
बच्चों में उनकी जिम्मेदारियों को पूर्ण करने हेतु समय-समय पर उनके कार्यों का अवलोकन विश्लेषण तथा सहयोग प्रदान करें विश्लेषण के आधार पर जिम्मेदारियों को बांटते समय बच्चों का बदल-बदल कर चयन करें, बच्चों को निम्नलिखित गतिविधियों से जोड़ा जा सकता है प्रार्थना योग एवं व्यायाम विद्यालय प्रांगण की स्वच्छता पेयजल व्यवस्था एवं शौचालय मूत्रालयओं का प्रयोग कक्षा की क्रियाएं तथा अनुशासन मध्यान भोजन वितरण व्यवस्था, मीना की कहानियों एवं पुस्तकालय की किताबों का वितरण, एवं सहा। खेल एवं शिक्षण कार्य आदि बच्चों को बच्चों के द्वारा जिम्मेदारियां सौंपना। Know Children’s Parliament: Structure and Responsibilities
बाल संसद में निम्नांकित मंत्रिमंडल का सृजन किया गया है-
1
प्रधानमंत्री
सर्वांगीण विकास एवं नेत्रत्व की भावना विकसित करना।
2
स्वस्थ्य मंत्री
प्रत्येक बच्चे के प्रति ध्यान देने और स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को सीखना और उपयोग करना साथ ही विद्यालय एवं समाज में सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना।
३
स्वच्छता मंत्री
प्रत्येक बच्चे को व्यक्तिगत एवं सामूहिक सफाई एवं स्वच्छता को सीखने और उपयोग करने के योग्य बनाना साथ ही दूसरों की सहायता करना।
4
सुरक्षा एवं न्याय मंत्री
प्रत्येक बच्चे को सुरक्षा संबंधी कानूनों एवं मूल तत्वों की जानकारी देना साथ ही दूसरों को भी व्यक्तिगत सामाजिक प्राकृतिक घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करना।
5
पोषण मंत्री
प्रत्येक बच्चे को पोषक तत्वों की जानकारी देना खाद्य सुरक्षा प्रदान करने व कानून की जानकारी देना।
6
उपस्थिती मंत्री
हर बच्चे को स्कूल पसंद आए, वह प्रतिदिन स्कूल आने एवं विभिन्न क्रियाकलापों में भाग लें उसके प्रति प्रेरित करना और विद्यार्थियों के विद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करना।
7
शिक्षा मंत्री
हर बच्चे को तीन मूल तत्व पढ़ना लिखना गणितीय संक्रियाएं में पारंगत करने योग्य बनाना, हर बच्चा इसमें रुचि ले और विभिन्न विषयों एवं रचनात्मक क्षेत्रों की जानकारी हेतु सृजनशीलता में सहभागी बनाना ताकि हर बच्चा विषय वस्तु को समझे।
8
कौशल विकास मंत्री
विद्यालय वर्ग, कक्षा, दीवारों, बगीचों और पूरे स्कूल एवं उसके विभिन्न विभागों को आकर्षक व्यवस्थित एवं उपयोगी बनाना।
9
पर्यवरण मंत्री
बच्चों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए जागरूकता का विकास करना।
10
खेल कूद एवं सांस्कृतिक मंत्री
हर बच्चे को इस योग बनाना कि वह खेलकूद में भाग ले सके सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग ले सकें एवं अपने रुचि और कौशल का प्रयोग कर पूरी ऊर्जा के साथ इसमें आगे बढ़ सके।
11
सूचना एवम संपर्क मंत्री
हर बच्चे को शिक्षा के उद्देश्य एवं लक्ष्य को समझने योग्य बनाना और सृजनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना बाल अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना तथा रचनात्मक गतिविधियों के द्वारा विचारों को व्यक्त करने में सहायता प्रदान करना।
kishori mela 2023 24 important information / किशोरी मेला 2023 24 बालिका सशक्तिकरण कार्यक्रम किशोरी शैक्षिक उत्सव 2023 24 महत्वपूर्ण जानकारी : नमस्कार मित्रो यहाँ इस आर्टिकल में हमारी शिक्षा जगत की टीम ने आपके लिए इस वर्ष होने वाले किशोरी मेला के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आई हैं | इस आर्टिकल में आप जान पायेंगे कि विद्यालयों में किशोरी मेला (kishori mela 2023 24 important information) के अंतर्गत क्या क्या गतिविधि करनी हैं? और क्या क्या निर्देश हैं ? साथ ही किस प्रकार विद्यालयों में यह मेला आयोजित करवाया जाता हैं ?
kishori mela 2023 24 important information / Kishori Scholastic Fest 2023 24
यहाँ हम स्कुल शिक्षा परिषद जयपुर और विभिन्न जिला शिक्षा अधिकारी / ADPC द्वारा जारी लेटर से प्राप्त जानकारी को संकलित करके आप तक शेयर कर रहे हैं | इस आलेख को लिखने में हमने पूर्ण सावधानी रखी हैं फिर भी आप शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश और प्रसंगो का अनुसरण करें,
kishori mela 2023 24 important information / किशोरी मेला 2023 24 बालिका सशक्तिकरण कार्यक्रम किशोरी शैक्षिक उत्सव 2023 24 महत्वपूर्ण जानकारी
प्रासंगिक पत्रानुसार सत्र 2023-24 के लिये समस्त सीआरसी पीईईओ/यूसीईओ क्षेत्र में किशोरी मेले का आयोजन किया जाना है, पीईईओ/यूसीईओ क्षेत्र के सभी विद्यालयों के छात्रों की सहभागिता सुनिश्चित करवाना है। जिस हेतु तिथियां एवं कार्य निम्नानुसार रहेंगे:-
कार्यक्रम की संभावित दिनांक
सहभागिता
गतिविधि का स्तर
अगस्त
विद्यालय
बच्चों को किशोरी शैक्षिक उत्सव के आयोजन के संबंध में अवगत कराना। इच्छुक बालिकाओं (एकल) एवं बालक-बालिकाओं (सामुहिक) का प्रोजेक्ट चिहिन्त करना। बच्चों द्वारा मॉडल/गतिविधि की सम्पूर्ण तैयारी करना। (बच्चों द्वारा स्टॉल हेतु मॉडल/गतिविधि की पूर्व प्रस्तुति)
1-16 सितम्बर 2023
सीआरसी पीईईओ/ यूसीईईओ द्वारा
सीआरसी स्तर पर चयनित कमेटी द्वारा समस्त प्रस्तुतियों की समीक्षा कर प्रत्येक जोन से प्रथम-हिन्दी/अंग्रेजी, द्वितीय-विज्ञान/गणित, तृतीय-सामान्य विज्ञान/पर्यावरण को चिन्हित करना। प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीन जोन के अन्तर्गत भाग लेने वाले समस्त छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन-पत्र एवं प्रथम तीन स्टॉल/प्रस्तुति की प्रशस्ति-पत्र।
18-30 सितम्बर 2023
ब्लॉक
सीआरसी से प्राप्त समस्त प्रथम प्रस्तुतियों की ब्लॉक स्तर पर चयनित कमेटी द्वारा समीक्षा एवं प्रत्येक तीनों जोन के अन्तर्गत श्रेष्ठ तीन प्रस्तुतियों का चयन एवं जिले हेजु भेजा जाना। ऽ प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीनों जोन के अन्तर्गत प्रथम तीन प्रस्तुतियों की पुरस्कार।
11 अक्टूबर 2023
जिला
सभी ब्लाॅक से प्राप्त श्रेष्ठ प्रस्तुतियों की समीक्षा करते हुए तीनों जोन में प्रथम तीन प्रस्तुतियों का चयन एवं राज्य स्तर पर भेजा जाना। प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीनों जोन के अन्तर्गत प्रथम तीन प्रस्तुतियों को पुरस्कार।
24 जनवरी 2024
राज्य
सभी जिले से प्राप्त श्रेष्ठ प्रस्तुतियों की समीक्षा करते हुए प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीनों जोन से प्रथम तीन प्रस्तुत का चयन।
सभी सीआरसी पीईईओ/यूसीईओ से अपेक्षा है कि वे विभिन्न नवाचारों का प्रयोग करते हुए मॉडल/गतिविधि/प्रस्तुति को तैयार करें। प्रत्येक विद्यालय सभी बच्चों को प्रोत्साहित करेगा जिसमें शिक्षक बच्चों को गाईडेन्स भी प्रदान करेंगे। विद्यालय बच्चों को आवश्यक सामग्री को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेगा।
सभी जोन में बच्चों द्वारा की जाने वाली प्रस्तुति को शैक्षिक मेले में प्रदर्शित किये जाने वाली स्टॉल के रूप में दिखाया जाये। जिसमें शिक्षक एवं प्रस्तुत करने वाले छात्र-छात्रा सम्मिलित होंगे।
विद्यालय स्तर पर मीना-राजू मंच एवं गार्गी मंच के संबंध मे विस्तृत जानकारी यहाँ से देखें – CLICK HERE
प्रारम्भिक श्रेणी एवं माध्यमिक श्रेणी में तीन जोन निम्नानुसार होंगे –
(1) प्रारम्भिक श्रेणी (उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए)
जोन-1
जोन-2
जोन-3
हिन्दी/अंग्रेजी
गणित/विज्ञान
सामाजिक विज्ञान एवं समसामयिक परिप्रेक्ष्य में, फन एक्टिविटी आधारित अन्य स्टॉल/स्वास्थ्य एवं हाईजीन/बाल अधिकार एवं सुरक्षा
(2) माध्यमिक/उच्च माध्यमिक श्रेणी (उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए)
जोन-1
जोन-2
जोन-3
हिन्दी/अंग्रेजी दस्तावेजों पर समझ
गणित/विज्ञान स्कॉलरशिप एवं योजनाएं
सामाजिक विज्ञान एवं समसामयिक परिप्रेक्ष्य में करियर की तैयारी/बाल अधिकार एवं सुरक्षा एवं फन एक्टिविटी आधारित अन्य स्टॉल
(नोट:- उक्त गतिविधि के अन्तर्गत विद्यार्थी किसी भी एक जोन की गतिविधि में भाग ले सकता है) उपरोक्त गतिविधि के आयोजन हेतु निम्नानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चिित करेंगे|
उपरोक्त गतिविधि के आयोजन हेतु निम्नानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेंगें:-
किशोरी शैक्षिक उत्सव (किशोरी मेला) 2023-24 – अकादमिक मेला और करियर एवं आजिविका उपार्जन का आयोजन किया जाना है। इस हेतु ब्लॉक स्तर पर समस्त विद्यालयों को सीआरसी पीईईओ/यूसीईईओ के नेतृत्व में अपने विद्यालय क्षेत्र में बच्चों को स्टॉल तैयार करने हेतु प्रेरित करें। प्रतिभागियों की प्रस्तुति, पोस्टर, मॉडल, वीडियो, फोटोग्राफ्स, गेम्स, पहेली जैसे अनेक माध्यमों से की जा सकेगी।
बच्चों को मॉडल/स्टॉल निर्माण में आवश्यक सामग्री हेतु प्रत्येक सीआरसी पीईईओ/यूसीईईओ (शहरी एवं ग्रामीण) क्षेत्र के समस्त विद्यालयों हेतु एक मुश्त राशि प्रति सीआरसी 5500/- रूपए देय होगी। इस राशि का उपयोग मेले में सामुहिक रूप से लगाई जाने वाली स्टॉल, स्टेशनरी इत्यादि एवं साज-सज्जा हेतु किया जा सकेगा।
सभी इच्छुक विद्यार्थी इसमें प्रतिभाग कर सकेंगे। एकल प्रस्तुति हेतु केवल बालिकाएं एवं सामुहिक प्रस्तुति में छात्र एवं छात्राएं दोनों भाग ले सकेंगे।
प्रारम्भिक एवं माध्यमिक श्रेणी में तीनों जोन में से श्रेष्ठ प्रस्तुतियों के चयन हेतु प्रत्येक स्तर पर – (सीआरसी पीईईओ/यूसीईईओ, ब्लॉक स्तर) निर्णायक समिति का गठन किया जाये।
श्रेष्ठ प्रस्तुति के चयन के लिए निर्णायक समिति निम्न बिन्दु अनुसार मूल्यांकन करेगी –
विवरण
अंकभार
स्टॉल की थीम, अवधारणा की स्पष्टता
50
प्रस्तुतिकरण
20
नवाचारी का प्रयोग
20
तकनीक का प्रयोग
10
कुल अंक
100
उत्सव के आयोजन हेतु सभी स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये। जिसमें एसडीएमसी/एसएमसी के सहयोग भी लिया जा सकता है तथा इस हेतु व्हाट्सअप ग्रुप, बैनर, फ्लैक्स, स्थानीय समाचार पत्र आदि का उपयोग किया जा सकता है।
ब्लॉक स्तर पर पूरी प्रक्रिया का सम्पूर्ण डॉक्यूमेन्टेशन कर जिला कार्यालय को भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
बच्चों की प्रस्तुतियों का विद्यालय/ब्लॉॅक/जिला स्तर पर विडियो बनाकर जिला कार्यालय से समझा किया जाएगा। इसमें मूल प्रस्तुति से छेड़छाड़ नहीं की जाये।
प्रत्येक स्तर पर किये गये कार्य की रिपोर्ट जिला कार्यालय को कार्य समाप्ति पर भेजी जावे।
ब्लॉक स्तरीय किशोरी शैक्षिक उत्सव वित्तीय प्रावधान
SR. NO
विवरण
बजट प्रावधान
1
पीईईओ/यूसीईओ हेतु प्रावधान छात्रों द्वारा मॉडल निर्माण के सामग्री क्रय हेतु एवं सहभागिता प्रमाण-पत्र सभी संभागियों हेतु पीईईओ/यूसीईओ द्वारा स्टेशनरी सामग्री एवं नोडल हेतु विद्यार्थियों को सामग्री प्रदान करना एवं स्टॉल और टेंट की व्यवस्था हेतु।
5500/- प्रति सीआरसी पीईईओ/यूसीईओ (शहरी व ग्रामीण)
सरकारी नौकरी, परीक्षा परिणाम, भर्ती और प्रतियोगी अपडेट-
नोट:- प्रति ब्लॉक कुल 9000/- रूपये की राशि प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा से तीनों केटेगिरी में पुरस्कार राशि 6000/- रूपये उपरोक्त अनुसार एवं 3000/- रूपये की राशि उत्सव आयोजन हेतु (जिसमें आयोजन संबंधी व्यवस्थायें, सर्टिफिकेट इत्यादि) हेतु जारी की जा रही है।
किशोरी मेले हेतु स्वीकृत राशि निम्न शर्तों के अधीन प्रदान की जाती है:-
जिस मद के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है व्यय उसी मद में किया जाए।
उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
राशि का उपयोग योजना के दिशा-निर्देश, विŸाीय नियमों की पूर्ण पालना करते हुए नियमानुसार किये जायें।
यहाँ हम स्कुल शिक्षा परिषद जयपुर और विभिन्न जिला शिक्षा अधिकारी / ADPC द्वारा जारी लेटर से प्राप्त जानकारी को संकलित करके आप तक शेयर कर रहे हैं | इस आलेख को लिखने में हमने पूर्ण सावधानी रखी हैं फिर भी आप शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश और प्रसंगो का अनुसरण करें|
किसी भी त्रुटी के लिए शाला सुगम जिम्मेदारी नही हैं |
आपके लिए महत्वपूर्ण उपयोगी नवीन जानकारी जरूर देखें –